Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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अंगसुत्ताणि शब्दसूची सुहि [सुहृद् ] सू० १।४।१४; १।८।१२; २।१।५१; सुहेसि [सुखैषिन्] सू० १।१।६३ २।२।३५.ठा० ४।४३४
नाया० ११११०६,१।१६।२० सुहि [सुखिन् ] नाया० १।२।६५, ७५; ११७४४।१० सहोदय [शुभोदक ] नाया० १।१।२४; १।१६।१४० सुहिय [सुखित] भ० १॥३५७. नाया० ११२।११; सूअ [सूचय, सूत्रय] -सूइज्जति, सम० प्र० ६०. १।१६।१३१
-सूइज्जति,सम०प्र०६० सुहिरोमण [सुह्रीमनस्] सू०१।४।४८
सूइ [सूचि] आ०६।६० सहुम [सूक्ष्म ] आ०८।८।२३.आ०चू०४।११; १५४,४३, सूइकलाव [शुचिकलाप] सम०प्र०२०१
सू० १।२।२८, ३३; १।३।१८; १।४।२; १।१३।७; सूइतल [शूचितल] पण्हा०१।२७ २।२।१६; २७३३. ठा० ३।१२३ से १२७, २२६;
६।४।१३ ३।३१८; ७।२, ६४।१; ८।३५; १०।२४, ७०।१.सम० सूइय [सूत] नाया०१७।१५ १४।१;प्र० २४६।१.भ० १॥३१४; ३।१४८; ११७२, सइया सचिका] पण्हा०३।१२ १७८; ६२०११,५०, ८१४,१८,२७,३२ से ३६,५२, सई[सची] आ० च०७।६. सू० ११४।४३.भ०२४।१७६. ५३, १२०, ११११३३, १५०१०१; १८१६५, ११६;
. विवा०१।६।२१,२३ १६।२४ से २८, ३३, ७८,२०।३५; २४।१७७; २५।२; सूईमुह[सूचीमुख] पण्हा०१६ ३,५०५।१; ३३।२, ३, ५, ६, ६,१०, १२, १६, १७, सई (वह) [सूचीव्यह] पण्हा०३।४ १६, २०,२३,३५ से ३७,४०, ४३,४८, ५१से५३,५५, सकर [शकर] पण्हा० २।१२ ५६, ३४।२, ४ से ७, १० से १२, १४ से १६, २१, सचि [सचि] नाया० १११६१५२ २४ से २६, ३१ से ३।६,४३, ४४,५१,५६,६४.नाया० सची [सची] ठा०१०।१०,११ १११११३५. पण्हा०११४, ३५, ४१७, १३, ५८ सडभञ्ज]-सूडिज्झंतु,पण्हा०२।१३ ८।१२
सूणिय [शू निक] आ० ६।८. आ० चू० ४।१६ सुहुमकाय[सूक्ष्मकाय] भ० १६।३६
. सूती [सूता] सू०१।३।२८ या ठा० ४।६६. भ. २५।६०६
६ सूप [सूप] पण्हा०६।११।१०।६ सहमतराय [सूक्ष्मत रक] भ० १६।२५ से २८
सूमाल [सुकुमार] नाया० १।१।१५, १०५, १२८; सुहुमनाम [सूक्ष्मनामन् ] सम० ४२।६ ।।
श२।१४; १।१६।३०५; १।१८।५. अंत० ३७,८, सहुमसंपराइय [सूक्ष्मसाम्परायिक] भ० २५४७६
५६, ५७, ६७; ६।१२, ७४. पण्डा० ४७. विवा० सुहमसंपराग [सूक्ष्मसंपराय] ठा० ५।१३९;८।१०७.
शक्षा३१ भ० २५।३०४से३०६
समालय [सुकुमारक ] नाया० १११।१६५ सुहमसंपराय [सूक्ष्मसम्पराय] ठा० २।१११,११२.सम०
सूमाला [सुकुमारी] नाया० १।१६।३६, ११० १४१५:१७।१०.भ०८।१४३, २५१४५३, ४५७, ४५६,
1] नाया० १।१६।३५ से ३७, ४५६।४,४६०,४६५, ४६६, ४७१, ४८१, ४८७,
४१ से ४३, ४६ से ४८,५१,५२,५५से ६२,६४से५७, ४८६,४६३ से ४६८, ५००, ५०२, ५०४, ५०६,
७०, ७६ से ८७, ८६ से ६३, ६७ से १०८, ११३ से ५११, ५१२, ५१५, ५१७, ५१८, ५२० से ५२३,
११६, १२३,३२७।१ ५२६, ५३२, ५३३, ५३७, ५४१ से ५४३, ५४५,
भ० ८।२५५ १११०२ ५४८, ५५० सुहुय [सुहत] नाया० ११५॥३५. अंत०८।१३. सुहुयहुयासण [सुहुत हुताशन] सू० २।२।६४ १. हे०,४।१०६।
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