Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 821
________________ देवातिदेव आगम शब्दकोश धन्न २१७; ९।१३३, १३६, १४१, १५०, १५१, १५७ से देह [देह] ७।२५; १६।५२; १६।३५ १६०, १६४,१८०, १८१, १८४, १८७, १६१, १६६, देहमाण [पश्यत्] ६।१४७, १४८ २०२, २१०, २११, २१४, २२५,२२७, २२८, २३०, दो[द्वि] ११५६ २३५; १११५६, ६०, ७२, ७३, ७५ से ७७, ८३, ॥२७, २६, ६०, ६२; ३१४, ५, ८ से १३३, १३४ से १३६, १४१, १४२, १४३, १४७, १२, १४, १६,४१, १०२, ११२; ११४७; ६।१२२, १४६, १६४, १६५, १७८, १८८, १८६, १६३; १२५; ८।४५०, ४६१ से ४६३; ६।१६७, १८१, १२।४,७,६ से १४,१८, २७,३२, ३३, ३५; १३।१०७, १६०, २१८, २१६, २२७, २३४,१११६०, ६५,६६, १०८, ११०, १११, ११६; १४।१०६, ११२; १३४, १४३, १२।६६; १३१४५, १११, ११७; १५७, १०, १२, १३, २७, ३४,४१,५०, ५२, ७६, १४।१०६; १५२१, ३०, ३१, ६३, ६४, ६८, ८६, ८७ से १२, ११५, १३६, १४१, १४२, १५४, १५५, ६२,१०१, १०६, १३२, १४२, १७१,१८० से १८२, १६०,१६४ से १६६, १७१, १७२, १७४; १६।५५, १८६; १६।६३, ६६, १०१; २०१४८; ३१६।१, ६१, ६३, ७०; १८१४४ से ४७, ५०, १३६, १४७, ३४।१३ २२१, २२३; २०७० से ७३ दोच्चा [द्वितीया] ६।१४४ देवातिदेव [देवातिदेव] १२।१६३, १६७, १७४, १८१, दोणमारी[द्रोणमारी] ३।२५८ १८४, १८६, १६५, १६७ दोणमुह [द्रोणमुख] ११४६; ७।११७; ११।६१ ; देविद [देवेन्द्र] ३.१६ से १८, २०, २१, २८ से ३०, १३।१०४; १६।६५ ४४, ४६ से ४८, ५०, से ५६, ५८, ६०, ६२, दोमासिय [द्विमासिक] २१५६; ३।४३, २५२५६० ६४, ६६, ६८ से ७१, ७२ से ७४, १०६ से ११३, ६, ३८४, ३८५; ७।२२, २३, २५; ११५, ११६, ११६, १२०, १२३, १२७, १२६, १३१, ६।२०८; १२।४१, ४२, १०३, १०७; १४।१०६; २४७, २४६ से २७०, २७७; ४११, ३, ४, ७।१७७, १८।२११, २५१५५१११, ५५२, ५७३ १८६, १६१; १०॥५७, ५६ से ६१, ६२, ६४, ६५, दोसिणाभा [ज्योत्स्नाभा] १०।८६ ६७,९६, १००; १४।२२, २५, ७४, ७५, ११५; १६।३३ से ४०, ५४, ५५; १७।६५; १८।३८, ५४ दोहारा [द्विधारा] ११।१२८ देविदत्त [देवेन्द्रत्व] ३।४५; १८५३ द्रुह [आ+ रुह ] -द्रुहइ, २।६८.-द्रुहह, १८।४७ देविदोग्गह [देवेन्द्रावग्रह] १६॥३४ द्रुहमाण [आरोहत्] १६।६२, १०५ देवित्त [देवीत्व] ६।११६; १२।१३६,१४४ द्रुहित्ता [आरुह्य] २०६८ देवी [देवी] ११६, ५०; २७६, ८०; ३।४,५,७; ३।१७, दूढ [आरूढ ] १५।१७२; १६।६२, १०५ २१, ३८, ४१, ४५, ५१, १५५; ५।१८५, १८६, धण [धन] २।६६, ६८, ९४; ३।३३, १०२, २५३, २३५; ६।१६८; ८३०३, ३०६; १०११११, २५८, २६३; ५२१३१, १३२; ८।२३२; ६।१७५; ३२ से ३४, ३६, ६५, ६६, ६५ से ७१, ७४ से ७७, ११३५६, १५६, १६० ७६ से ८६, ६१ से ६३, ६५ से ६७: १११५८, १३२, धणय [धनद] ४।५।१ १३३ से १३५, १३८, १४१, १४७,१५३; १२।३०, र्धा ।४५,४३६ से ४३६, ७।१६५६।२०८, ३३ से ४०, १२५; १३।१०२, १०७, १२०१४।७५; १२।२२, ५६; १८७५ १५१६३; १६०५५; २५१ धन्न [धन्य] २।४२, ४३, ५५, ६४, ६६; ३।३६, १०४, देसकालण्णया [देशकालज्ञता] २५।५६७ ६।१६६; १३।१०४; १५।२७, ३४, ४१, ५०, ५२, देसावगासिय [देशावकाशिक] ७।३५ १६० १४५ ८०६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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