Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
हेरंग अंगसुत्ताणि शब्दसूची
होलावाय ६।६३.भ०६।१३४;२०।६३
१२।५०.ठा० २।४०५।१. भ०११२४५.पण्हा०७।२१. हेरंग [दे०] विवा० १।८।१२
-होज्जा,सम०प्र०६६.-होति,आ०६१५२.-होती, हेरण्णवइया [हैरण्यवतिका] सम० ३७।२; ३८१२; ठा०८।२४।१.-होत्था,आ०चू०१५।१, सू०२।२।६६. ६७।२
ठा०२।३०३.सम०७।३.भ०११४. नाया०१।१।१.उवा० हेरण्णवत [हैरण्यवत] ठा० २।२७४, २६६; ३।४५२; १११.अंत०१।८.अणु ०३।४. विवा०१११११. –होहिइ,
४१३०७; ६।८३, ६३; ७।५०,५४,१०।३६.सम०७१५ अंत०३।५०. —होहिति,आ०चू०१५।२६।१ हेरण्णवतग [हैरण्यवतज] ठा०६।२२
होइउं [भवितुम् ] नाया०१॥५॥१३०१ हेरण्णवय [हैरण्यवत] ठा०२।२६६,३१८,३३३;३।४५०; होउं [भूत्वा] नाया० १।१०।६।४ ६.८४.भ०२०।६३
होउणं [भूत्वा] भ०१५।१८२ हेरुयाल [दे०] -हेरुयालेति, नाया० १।८।१४६ होच्चा [भूत्वा] सू० २।४।१८ हैसिय [हेसित] भ०३।११२. पण्हा०३।५
_होट्ट[ओष्ठ]आ०१।२६ हो [भू]-हति,पण्हा०१०।१. –होइ, आ०५।६६. सू०
१।११८.ठा०४।३३६.सम.प्र०१४५.नाया०१।८।२३६११. हात्तए[भवितुम्नाया०१।१६।११५ अंत०१।६.अणु०२।२.पण्हा०६।१।२.-होउ,आ०५।६६. होत्तिय [होत्रिय ] भ०१११५६ आ०चू० १५१३.ठा० ६।६२. भ० ११।१५३. नाया० होम [होम] पण्हा० ३१७'विवा० १।५।१४,१५; १।६।४६ १२।२३.अंत० ३।५३.पण्हा०२।१३.विवा० ११२।३४. होमाण [भवत् ] भ०६।५०, ५७, ६५; २५।३१२, ३१३ -होऊ,नाया०१।११६१.-होति, आ०चू०१५।२६।३. ३२४,३२५, ३७० । स०१।४।१५.ठा०७।४८।५.सम०प्र०६६.भ०१।१८।१. होयव्व [भवितव्य] नाया०१।१७।३६।१६से२० नाया० ११५॥१३०।१.पण्हा०१।३.-होते,अंत०६।२५. होरंभा [होरम्भा] भ०५।६४
-होक्खइ,सम०प्र०२४९।१. - होक्खति, सम०प्र० होल [दे०]आ०चू०४।१२,१४ २५११५. –होक्खती, ठा० ७।६४।१. - होज्ज,सू० होलावाय[होलावाद] सू० १।६।२७
॥ इति ॥
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840