Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 793
________________ सूय आगम शब्दकोश सूरिय सूय[सूप] पण्हा०८।१२ सूरकंतत्त [सूरकान्तत्व ] सू० २।३।६७ सूय [ दे०,शून] विवा०१७७ सूरकूड [सूरकूट] सम० ५।१६ सूयक [सूचक] पण्हा० २।३ सूरचरिय [सूरचरित] सम० ७२१७ सूयगड [सूत्रकृत ] सू० २।१।३५.ठा० १०।१०३. सम० सूरचरिया [सूरचरिका] सू० २।२।१८ १२; ५७।१; प्र० ८८, ६०. भ० १६।६१; २०७५ सूरज्झय [सूरध्वज] सम० ५।१६ सूयगडज्झयण [सूत्रकृताध्ययन] सम० २३।१. पण्हा० सूरणकंद [शूरगकन्द] भ० ७।६६ १०११ सूरदह [सूरद्रह] ठा० ५।१५४ सूयर [शूकर] सू०१।३।३६.उवा०७।५०.विवा० १।४।१६; सूरदेव [सूरदेव ] सम०प्र० २५१११ १७.१६ सूरपण्णत्ति [सूरप्रज्ञप्ति] ठा० ३।१३६ ; ४।१८६ सूयरजाइय [सकरजातिक] आ० चू० १६१ सूरपरिवेस [सूरपरिवेष] भ० ३।२५३ सयरत्त [श करत्व] विवा० ११३१६५ सूरपक्वत [सूरपर्वत] ठा० २।३३६ ; ४।३१३; ५।१५३; सर [शूर] आ० ६।३।१३. सू० १।३।१ से ३, ४५; . ८६८; १०।१४६ १।१४।१३।२।२।६०,६४. ठा०४।३६७,७।४३१५. भ० सरप्पभ सरप्रभ] सम० ५१६. नाया० २।७।५ ११।१३४, १४२; ११२५६,७१,७७. नाया० १।१।२०, 'सरप्पभा सिरप्रभा] ठा०४।१७६. सम० प्र० २२४।२. २४, २६; १।१८।१६. पाहा० ४।४; ७।१३, १७ से भ० १०॥६०. नाया० २श्रु० ७व० ११०२७।२,५ २१; ६।१. विवा० १।११७०, ११३१७ सूरप्पमाणभोइ [सूरप्रमाणभोजिन् ] सम० २०११ सूर [सूर] आ० चू० १५।२६।१, २. ठा० २।३७६; सूरप्पहा [सूरप्रभा] सम० प्र० २२४१२ ३।१५७; ४।१७६, ५०७, ५।५२; ८।३१; ६।२२।१२; सूरमंडल [सूरमण्डल] सम० १३।८; ४८।३; ६५॥१. १०।११६।१, १६०।२, ४।३६७, ७।४३१५. सम० प ण्हा० ७।१०।। ५।१६; २३।२; ३२।२; ६११४; प्र० ६१११, १४१, सरलेस [सरलेश्य] सम० ५।१६ १४३, २२०।३, २३४।१. भ० २।६२, ६६,६७, ३।२१, सरवण्ण [सूरवर्ण] सम० ५।१६ ३३, ३६, १०२, १०४, २५२, २५४, २७६; ६१८४, स न] ठा०८।११८ १०१, १०६, १४४, १५०, ७/१२०६।३३,१०६० सम०५।१६ ११११८६, १८७; १२।१५, १६, १२४, १२६, १२७, सरसिट्र [सरसष्ट सम० ५।१६ .१४१११:१५।६०,७०, ७६,१२६, १४७,१४६, १७७, सरसिरि सिरश्री] सम० प्र० २३७।१. नाया० २७।५ १७६, १८०; १६१४८. नाया० १।१।२४, ३३, १५४, सरसेण [सरसेन] सम०प्र० २५८।४ १५५, २००, २०४, २११, १।२।१२, १७, ३७, ५२ सराभ सिराभ] ठा० ८।४५. सम० ८।१५ ११३।६,२१,११५१३५, ११३; ११७।६, २२,१।८।५१, सरावत्त [सरावर्त] सम० ५।१६ १७५; १।१३।१५; १।१४।५०, ६४; १।१६।६३, ८८, सरिय [सूर्य ] आ० चू० ४११६. सू० १।६।६, ११, १०४,१०६ से १०८, ११८,१५३,१५६ से १५८%; १३; १।१४।१२. ठा० २।३२२,४।३३२. सम० १६२; २।११५,३८,२१७१५.उवा०११५७,६५,२।५४,३१५१; २४१४; २७६; ३११३; ३३।४; ३६१४; ३७१५, ४१५१, ५१५१, ६।३६ ७।१२,८७, ८।३६६।२४; १०।२४.अंत०३।६४,१०८. अणु०१८, ११,३१५६. ४०१६; ४२१४,४७।१; ६०११; ६६।१, २; ७१।१; पण्हा० ११२३, ४१५, ७, ८, ५॥३; १०१११. विवा० ७२१५, ७८।३; ८०७, ८२।१; ८८.१, ७, ८ १।२।४७, ११७।१६, २३ ६३।३;६८१५,६प्र०४६,१५०. भ० ११२५६, २५७ सूरकंत [सूरकान्त ] सू० २।३।६७. सम० ५।१६. भ. ३।२४६; १३, २१, २४, २६; ६३८३, १००, १४३, १५।१८६ १४८; ७।२४, ११७; ८।३२६ से ३३३, ३३५, ३३७ ७७८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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