Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 768
________________ साहा अंगसुताणि शब्दसूची सिंघाण १३८, १४१, २३६; २।१।१०,१६, ४१. उवा०२।४०. साहेज्ज[साहाय्य ] भ० ७१६१. नाया० १।१५।६ अंत० १६१४. अणु० ३१५५ से ५७ साहेत्ता[साधयित्वा] भ०११।६४ साहा[शाखा] आ० चू० १६६ साहेमाण[साधयत् नाया० १।१३।२०,२५ साहा[स्वाहा] ठा० ८।२४।४ सिउंढी [सिउण्ढी] भ०७।६६; ८।२२१; २३१२ साहारण[संधारण] आ० ८।८।१५ सिंग[शृङ्ग] आ० १११४०. सू० २।२।४. भ० ५।५३,६४; साहारण [साधारण] आ०चू०१।१३०.सम०३०।१।२८. ६।१४१,१२।१३४. नाया०१६।२०।३. उवा०७१५०. पहा० ८.१२ पण्हा०१।११ साहारणसरीर [साधारणशरीर]पण्हा० ४।१३; ५८ सिंगग्ग[शृङ्गाग्र] नाया० १।१६।२५८ साहारण (सरीरणाम) [साधारणशरीरनामन्] सिंग (पत्त) [शृङ्गपात्र] पण्हा० १०॥४ पहा० ११३५ सिंग (पाय) [शृङ्गपात्र]आ० चू० ६।१३ साहिज्ज [साहाय्यअंत० ३।१०३, १०४ सिंगबंधण[शृङ्गबंधन ] आ० चू० ६।१४ साहिय कथित आ०८।८।१२. आ० चू०१५।२८ सिंगबेर [शृङ्गबेर आ० चु० १११०७. भ० ७६६; साहिय[साधिक] आ० ६।१।३, ४, ११; ६।४।६. सम० ८।२२१, २३।१ १।३३२।१७, १६,४२।१; ७४१२,६१।२;६६।५, ६, सिंगबेरचुण्ण [शृङ्गबेरचूर्ण] आ०चू० १६१०७ साहिय[साधित]भ० ३।२०; १५६५, ६६. अंत०३।७१ सिंगय[शृङ्गक] नाया० १।३।१०. उवा० १४४७;७।३३ ____६६ से १०१. पहा० ७१० सिंगार[शृङ्गार] ठा०४१५८३.भ०२।४२,४३,६।१६५से साहिय [ संहृत] नाया० १११११११; १।१६।२३६, २४१ १६८,१११११२, १२।१२८. नाया० १११११७, १३४ साहिय [संहृत्य] भ० ६।१७६ से१३७, ११२।८१३॥८१९३२, ३६, ४५.पण्हा. साहीण [स्वाधीन] नाया० १।६।२०, २०११ से ६ ४।८६।४, ८, १०. विवा०.११२१७ साहु [साधु] आ० ८।५. आ० चू० ६।२६. सू० ११११८८; सिंगारिय[शृङ्गारिक ] उवा० ८।२७, ४६ १।६।१; १।११।१४, ३५; १।१२।३; १।१४।५, २३; सिंघाडग [शृङ्गाटक ] आ० चू० १।११३.ठा० ३।३६७; २।१।२०, २१, २५, २६, ३०, ३६, ३७,४५,४६; ५।२१, २२. भ० २।३०,६६, ३४५, २६८,५१८६, २।२१७०, ७१. सम०प्र० ६६. भ० १११, ६१७४; २३५८।३५६६१५७, २०८; १११७२, ७३, ७७, १२॥५३ से ५८; १५।२७, ३४,१०१,१६०,१८।१४३, ८३,१६३, १८८, १८६, १६३, १३।१०६, १५७, १७२. नाया००२१७७११; १९।५४१६% १११०१६।१, २७, ३४,४१, ५०, ७६, ११५, १३६, १४२, १६०. ३; १११११०११,१११६।२५,२६, २८, १११७१३७११, नाया०१।११३३, ६१, ६७,७६, ६५,११२।११,३३, २; १६१८१६२।३, ४. पण्हा० २।१, ११, २६; ३१, - १।३।३३; ११५।१४, २६, ५३, १७१४११८।२००७ २६; ६।२०; ८।१३; ६१, ३।१; १०।१४ से १८. १।१३।२६, २६१।१५।६,७; १।१६।२६, २६,१५३, विवा०२।१२१५ २१३, २२३, १।१८।१६. उवा० ५।३६, ४१, ४२, साहुकड[साधुकृत] आ० चू० ४।२१, २३ ४४, ४५. अंत० ५।१६, ६।२८, ३४. पण्हा० ३।१५. साहुजीवि[साधुजीविन्] सू० १।३।३२, ४७; २।५।३१ विवा० ११११५३, ११२।५७; ११४१२२; ११९२१ साहुमाणि[साधुमानिन् ] सू० १।१३।४ १।१०।१३।२।१।२३ साहुरूव[साधुरूप] नाया०१।१६।२५, २६, २८ सिंघाडय [शृङ्याटक] भ० १२।१२३ साहुवादि[साधुवादिन् ] सू० १।१३।१३ सिंघाण[सिङ्घाण, सिंहाण] आ० चू० ११५१; २।१८: साहुसण्णा[साधुसंज्ञा] ठा० १०७४ भ०१२३४६,३४७;२॥५५, ३।१४८; १२।२१,२०११५. साहेत [साधयत् ] सू० १।१।४६ नाया०११।११६ ७५३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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