Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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सलिला
६।५४
सरा पज्जत्ति अंगसुत्ताणि शब्दसूची
सवण सरीरपज्जत्ति [शरीरपर्याप्ति] भ० ३।१७; ६।६३. सलिंग [स्वलिङ्ग] भ०२५॥३२२,४७४,४७५ नाया०२११४०
सलिंगसिद्ध [स्वलिङ्गसिद्ध] ठा० १।२२४ सरीरबंधणनाम[शरीरबंधननामन्] सम० ४२।६ सलिगि [स्वलिङ्गिन्] भ० १।११३ सरीरबाउसिया शिरोरबाकशिका] नाया० सलिल [ सलिल] आ० च० १६१०. स. १६२१: १।१६।११४, ११५; २।११३४, ३५, ५३
१।१२।७, १४. सम०प्र० ६११. भ० ७।१२, ११७, सरीरय [शरीरक] ठा० १।१७; २।१६३, ३६८ से४०२ ६।१६७; ११११४८; १५।५६,७३. नाया०१।१।१३७;
३।१३८, ४८३, ४८४, ४८६,४१४६१,४६२, ६३६; १।४।३; १।६।४;१८७०; १९१०, २०१६, ४३, श२३, २५, २२७; ६।१०८; ७।१०६ से १०६; पण्हा० ११२०,३५; ३७.२३; ६।४।१०।११ १०।२१, १५६. भ० ११२२१, २२३, २२४, २२६, सलिलकंड [सलिलकुण्ड ] ठा० १०।१६६ ३५२; २।१२, ४२, ४३; ५१५०; ११।१७; १५६४, सलिलतल [सलिलतल] नाया० ११६।४ ६६, ६८, ११२, ११८, ११६, १२१, १२७, १३६, सलिला [सलिला] भ०६।१.पण्हा ०५॥३ १४१,१४२,१४८,१४६, १५२; १६।४, १७;१७११; सलिलावई [सलिलावती] नाया० १।८।२, १८० २४।६, ५६,६०,२०८, २१०, २४१, ३०८,२५।१४०; सलिलावईविजय [ सलिलावतीविजय ] नाया० १।८।३ ३५।१०.अंत०३।६०, १०१,६।२६, २६, ३६
० २१३४०; ८७१, सरीरवक्कंती [ शरीरावक्रान्ति] नाया० १।८।२८ सरीरवक्कम [शरीरावक्रम] सू०२।३।१०१ सलोगया [सलोकता] सू० १।२।६७ सरीरसंघायणनाम [शरीरसंघातननामन् ] सम०४२।६ सल्ल[शल्य ]आ०२।८७.सू०१।२।३३,१।८।१०।२।२।१३. सरीरसंपया [शरीरसंपदा] ठा०८।१५।।
ठा० ३।३८५. सम० ३।३. भ०७।२०३, २०४. नाया० सरीरसंभव [शरीरसम्भव] सू०२।३।१०१
१११०२०८, २११, १।१६।१४५. पण्हा०५७. विवा० सरीराणुगत [शरीरानुगत] ठा० ५।१८३
शा२३ सरीराहार [शरीराहार] सू०२।३।१०१
सल्ल [शल्य] शैलो, सू०२।३।८० सरीरि [शरीरिन् ] ठा० २।४१०; ६।११. भ०१३४२, सल्लइपलंब [सल्लकीप्रलम्ब] आ०चू० १।१०८
३४३; २१११, १२; १४६, ५०; ६।६३; १६।३,४; सल्लइपवाल [सल्लकीप्रवाल] आ० चू० १।१०६ १८।१६, ३५; २०१७
सल्लइय [शल्यकित]नाया० ११७११४, १५ सरीसव [सरीसृप] भ० ३११६
सल्लई [सल्लको] भ० ८।२१८।१; २२।२. अणु०३।३५ सरीसिव [सरीसृप] आ० चू० ३।४६, ५४; ४।२५,२६. सल्लकत्तण [शल्यकर्तन] सू०२।७।१८,१६ सू०२।६।४८. नाया० १११११५६,१७८
सल्लग [शल्यक] पण्हा० ११८, २०१२ सरूव [स्वरूप] नाया० १।१०।६।४
सल्लगत्तण [शल्यकर्तन] सू०१।१५।२४; २।२।५५,७०, सरेत्तु [स्मर्तृ ] ठा०६।३
७४,७५.भ ० ६।१७७. नाया० १।१।११२, ११३.अंत० सलक्खण [स्वलक्षण] ठा० १०६४।१
३।७२,७३ सललिय [सललित] नाया० १११११७; ११२।८. पण्हा० सल्लहत्ता [शाल्यहत्य] ठा० ८।२६ ४।५. विवा० ११२७
सव [श्रवस् ] सू०१।३।२० सलागा[शलाका] सू० १।४।४१.भ ०८।२२३; १८।१४६. सवंत [स्रवत् ] आ०२।१३० पहा० ३.१२
सवण [श्रवण] सू०२।७।१८,१६.ठा०२।३२३; ३।४१८, सलाहणिज्ज[श्लाघनीय] नाया०१।१४।१५; १।१६।४६. ५२६; ५६३, ७१४६; ६।१६. सम० ३।१०; ६।६; विवा० १९४२
. प्र० ६५.भ० २।१११, १११११.पण्हा०४।७,८
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