Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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सद्धिय अंगसुत्ताणि शब्दसूची
सपरिग्गह विवा० ११११२
सन्निवात [सन्निपात भ० २।६६, ६८ सद्धिय [सार्द्ध म्] सू० ११४१५
सन्निवाय [सन्निपात] भ०६।१५८; ११।१६४.नाया० सद्धि य [श्राद्धिक] पण्हा० ३।४
१।५।८३, १०४, १२७ सद्धेय [श्रद्ध य] नाया० १११४१७७
सन्निविट्ठ [सन्निविष्ट ] नाया० १११८६; १।५।२८. सधूम [सधूम] भ० ७।२२
विवा०१।३।५१ सनिच्छर [शनिश्चर] पण्हा० ५।३
सन्निवेस [सन्निवेश] आ० ६॥७. आ० चू० १११७; सनिधण [ सनिधन पण्हा० २।४
१२।४; १५॥३,५,६, २७ सन्नत [सन्नत] पण्हा० ४१७,८
सन्निसण्ण [ सन्निषण्ण] नाया० १।१६।१५० सन्ना [संज्ञा] पण्हा० ५।३
सन्निह [सन्निभ ] नाया० १।१।१८. पण्हा० ३।१३ सन्नाह [सं+ नाहय् ] -सन्नाहेह, नाया० १।१।६३.
सन्निहाण [सन्निधान] आ० ८।३८ -सन्नाहेहि,नाया० ११८।१६२
सन्निहि [ सन्निधि] आ० २।१८,१०५ सन्नाहिय [सान्नाहिक] नाया० १।१६।२३६
सन्निहिय [सन्निहित] भ० १२।१५५,१५८,१४।१०१, सन्नाहेत्ता [संनाह्य] नाया० १।८।१६२
१०३, १०५ सन्नि [संज्ञिन्] सम० १४११. भ० १६।२०११
सपंचराय [सपञ्चरात्रा सम०२८।१ सन्निक्खित्त [सन्निक्षिप्त] भ० १०६८
सपंचवीसराय [सपञ्चविंशतिरात्र] सम०२८।१ सन्निगास [संनिकास] नाया० १।१।३३, ६५, १०६;
सपक्ख [सपक्ष] सम० ३३।१ १।२८३, १०४.अंत० ३१६८ सन्निचय [संनिचय] आ० २११८, १०५
सपक्खि [सपक्षम् ] ठा०३।१३१, १३२; ४।४८२. भ. सन्निजाइसरण [संज्ञिजातिस्मरण] नाया०
३।३८,४७,४८, ५०, ६०, ६२, २५१, १२।१२३. १११११७३
___ अंत० ३.१८ सन्निपंचिदिय [संज्ञिपंचेन्द्रिय] सम० ११३५; ३।१७।।
सपक्खि [सपक्षम् ] अंत० ३।१०८ सन्निपंचेंदिय [संज्ञिपंचेन्द्रिय] सम० २।१२ सपज्जवसित [सपर्यवसित] आ० ८।५. ठा० २।८४, • सन्निपडिय [सन्निपतित] भ० ११।११२
८५ सन्निपुव्व [संज्ञिपूर्व] नाया० १११११७०; १।१३।३५ सपज्जवसिय [सपर्यवसित] भ० ६।२७से ३३; ८।१६२, सन्निभ [सन्निभ] भ० ६।१७०; ११६५७; १५॥१५; १६८, ३०७, ३१३, ३५४, ४१६,४१७; १३।५२ से
नाया० १११११०७; १११६११४०. अंत० ३१६६. पण्हा० ५ ४; २५८३ से ८५ ४७
सपडिकम्म [सप्रतिकर्मन् ] ठा० २।४१६. भ० २।४६; सन्निमणुस्स [संज्ञिमनुष्य] सम० २।१३; ३१८
१३।१४५; २५१५६३ सन्निवइय [सन्निपतित] नाया० १११।१७५, १७७ सपडिक्कमण [सप्रतिक्रमण] सू०२।७।३६, ३७,३८ सन्निवडिय [सन्निपतित] विवा० १।२।५३ सपडिदिसि [सप्रतिदिश्] ठा० ३१३१, १३२; सन्निवयमाण [सन्निपतत् आ० चू० १।४०; ५॥४५; ४।४८२. भ० ३।३८,४७,४८, ५०, ६०, ६२, २५१; ६।५३
१२।१२३, अंत०३।१०८ सन्निवाइय [सन्निपातिक] भ० २।५२,६८; ७।२०३; सपडिदुवार [सप्रतिद्वार] आ० चू० ११५५,५६, ६२
९।१४६, १५०, १६३, १७७, २१४; १४।८१,१०६; सपण्णरसराय [सपञ्चदशरात्र] सम० २८१ १७।१६, १७, १८।२११. नाया० १।१७, ११२, सपत्तिय [सपत्रिक] भ० १६०५२ ११३, ११।७२.अंत० ३।७२,७३
सपरिगह [सपरिग्रह] सू०१।१७८,२।१।५४; २।२।३८.
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