Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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अंगसुत्ताणि शब्दसूची
संकप्प
१२५; १५।१७०; १६।३, ४, १२१; १७।६५;१८।१४, सइंदय सेन्द्रक] सम० २४१३ १६,१८,१६, ३०, ३२, ३४, ३५, १८८,२०११२,१७; सई
भ० ११३४०,३४१; ८।११५, १३८, २४।१२१, १२४, १२५, १२७, १३२, १३३, १३६, १७८, १७६, १८१; १११२८ १३७, १४०, १४१, १४७, १५५, १८१, २१०,२१६, सइत्तए [शयितुम् ] भ० ७।२१६ ३०३, ३१७, ३२८, ३३२, ३४६, ३४७; २५।२७१, स
To चू० २०२० २७२; ४०।३. नाया० १११११७, २४, ३३, ५७, ५६, सइय शितिक] सम० प्र० १३. भ० ११११५२. नाया० ६०, ६४, ६६, ७१, ६६, १०६, १३४, १३५, १५६, १।१।१६७ १६३, २०२, ११२।३३, ११५।१७, ११०, ११३; सइर [स्वैर] नाया० १११८११७. अंत० ६।२६. विवा० ११७७, ८, २५, २८; १८।२६, ५७, ६७, ७२, ७३, श२।५८; ११४।२३ ७६, १०७, १३६, १६१, १६३; १९५, ४१, ४३; सई[शची]नाया० २।६।२।१ १।११।१०।११।१३।४०; १।१६।१४२, १४६, १५३, सउण [शकुन] भ०१३।१५४, १५६. नाया० १८।२८, १५६, १५७, १६३, १८५, २३७, २८३, ३०३, ६७,१११३।१७, २४. पण्हा० ११६; २।१३;१०।१५ १।१७।१४।१, २,३६।६, १५; १।१८।१५, १६, ५६; सउणरुत[शकुनरुत] नाया० ११११८५ १।१६।२२. उवा०१२०. अंत० ३।६०. अणु०३।३०. सउणरुय शिकुनरुत] सम० ७२१७. नाया० ११११८६ पण्हा० ३।५. विवा० १।४।१२
११६।३०६. पण्हा० २५ स [तत् आ० ३।३२; ५।२,३, ४,१०४; ६।३४,६।२।१२. सउणि [शकुनि] सू० १११।४६; ११२।१५; २।१।३५;
आ० चू० ११२०, ५१, १०४, १११. सम० ११४१; २।२।१६. नाया० १११६।२४२, २४३. पण्हा० ४१७ ७।१८; ६।१५; १७।६; १८।४; २१।१; २४१५, ६; सउवक्केस [सोपक्लेश] ठा० ७।१३२, १३४ २५।५; २६।८; ३११४; ३३।३ ; ३४।१; ५३।१;७६।४; संक [शङ्क]-संकेति,सू०१।१।३३.-संकति, आ०चू० ६६।४;प्र०१०, २०,७३, ८४, ६३,६४,१०६,१११, २।३०.-संकेज्ज, सू०१।१४।२२ १४४, १५०, १६०, २३११६. अणु० १११
संकंत शंकमान सू०१।११३४ स[सत् ] आ० चू० ११५१. सू० १।१३।१; २।१।२७, ४६, संकंत[संक्रान्त ] ठा० ३।३६१,४।४३३.नाया०१।१६।१६३
५०;२।२।३३, ३४; २।६।१२; २।७।१०. भ०१।१४६, संकड[सङ्कट] पण्हा० ३।५
१५०, १५४, १५८, १६२. नाया०१।३।३।४ संकट्टित[सङ्कर्तित] ठा० ४१५७७ स[श्वन् ] भ० १५१६३
संकड
प्र०६६. भ०६।१६०.पण्हा०११२३; सअंत [सान्त] भ० २।२६, २८, ३६, ४४ से ४६
____।१३, १५; ३।५, ६, २३ सइ[सकृत् ] सू० ११५२६; २।२।६०. सम० १८।८,३६।४ संकणिज्ज[शङ्कनीय] नाया० १।२।४, ६. पण्हा० ३६ सइ [स्मृति ] सू० १।५।६; २।२।६०; २।६।२८. नाया० संकप्प[संकल्प] आ०५।१७.सू०२।२।६,१०.ठा०४१६, १६, १९२१ से २४. पण्हा० १०११४ से १८
२८, ३६, ४६,१६८,२१५.भ०१।३६४,३६८,२।३१, | आ०६।१०; 8।४।१५. आ० ० ११६.सम० . ४५से ४६,६६,६७,३।३३,३६,१०२,१०४,१०६,११२, १५१५
११५, ११६, १२७, १२८, १३१, ५८५, ६।१५८, सइंसदा नाया० १११११५८
२२८; १११५६, ७२,८५, १८८,१६५; १२१६, १५; सई[स्त्रयम् ] ठा० २।२२१ से २२५; ५।१०३
१३।१०४, १०५, ११०, १२०; १५३५३, ७५, १२८, सइंगाल[साङ्गार] भ० ७१२२
१२६, १३२, १४१,१४८,१४६,१५२; १६।४२,५५;
१८।२०५. नाया०१।११३४,४६,४८ से ५०,५३,५६, १. सइसति सप्तम्यर्थपदं।
१५४,१५५,१६६,२०४,२०५; १।२।१२,७१,११३।२३;
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