Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 702
________________ वेसा अंगसुत्ताणि शब्दसूची वोदाण वेसा [वेश्या] नाया० १।१८।१७ वेहिम द्वैधिक] आ० चू०१२।१ वेसागार [वेश्यागार] नाया० १।२।११ वेहिय [वेध्य] आ० चू०४।३१ वेसाघरय [वेश्यागृहक] नाया०१।१८।१६ बोंड [ दे०] नाया० १।१७।१४।१ वेसाणरवीहि [वैश्वानरवीथि] ठा० ६६८ वोकम्म [व्युपक्रम्य] सम० ३०।१।२१ वेसाणिय वैषाणिक ठा० ४।३२१ वोक्कंत [व्युत्क्रान्त] आ० चू० १५।१३ वेसाणियदीव[वैषाणिकद्वीप] ठा० ४।३२१ वोक्कस [वि+अव+कृष] - वोक्कसाहि, आ० चू० वेसालिय वैशालिक] सू०१।१।६१, ६३ ; ११२।७६ ३।१७. ---वोक्कसिस्सामि, आ० ६।६०. --वोक्क वेसालियसावय [वशालिकश्रावक भ० १२५से २६, सिस्सामो. आ० ८० ३।१८ ४४; १२।३० वोक्कसिज्जमाण [व्यवकृष्यमाण] भ० ५।१३३ वेसाली [वैशाली भ०७।१६३ वोक्कसित्तए [व्युत्कष्टम् आ० चू० ३।१८ वेसासिय वैश्वासिक, विश्वास्य] ठा० ५।२०१. भ० वोक्कसिय [व्यवकष्ट | सम० प्र० २४८।५ ४।१६६, २१०; १३।११०. नाया० १।१।१७, १०६, वोगड [व्याकत] सू० २।७।३४.भ० ११४२६ १०७.१४५, १५४, २०६; ११५।२०,३०.अंत०३।६८, वोच्छ [वय 1-वोच्छ, पण्हा०६।१।३.-बोच्छामि, ६६. विवा०१।१।६० पण्हा० ११११ वेसिय [वैशिक,व्येषित] आ०चू०१।३३ वोच्छिंद [वि-। अव +-छिद] -वोच्छिज्जिस्संति, ठा० वेसिय [वैशिक] सू० १।६।२; २।१।६६; २।२।५० १०११. -वोच्छिज्जिहिति, सु०२७।३०.-वोच्छिवेसिय [व्येषित] भ०७।२५ देज्जा,आ० १८३. -वोच्छिदिहिति, भ० १५२१७३ वेसिपकुल [वैशिककुल] आ०० १।२३ वोच्छिज्जमाण व्यवच्छिद्यमान] ठा० ३१७२, ७४; वेसिया [वेश्या] ठा० ४।५४१. पहा०६७ ४१४३५, ४३७ वेसियायण [वेश्यायन] भ० १५॥६०से ६६,६८ वोच्छिण्ण [व्यवच्छिन्न आ० चू० ११५.५० २।७।३४. वेस्स [ वैश्य ] सू० १।६।२ ठा० ३।३६१; ४१४३३. सम०प्र० २१५.भ०१।३५२, वेस्सासिय [ वैश्वासिक,विश्वास्य] भ०२।५२,६।१५०, ४२६; २।१३, १६;७।२१, १२६६।१७३ ;१०।१२, २१४; १४११०६ १४; ११।७३, ७५से७७,८३,१४५,१७६,१८०,१८८से वेह [प्र + ईक्ष् ] - वेहइ,सू०१।३।४० १६०, १६३, १६:१६०, २१० १.सम०प्र०६६.पाहा०३।१,२६ वोच्छत्तिनयट्टया[व्यवच्छित्तिनयार्थ] भ० ७।६४ वेहल्ल [ वेहल्ल] अणु० १।४,१५; ३।२,७४ वोच्छिन्न [व्यवच्छिन्न] आ० चू०३।३२; ७।२८, ३१, वेहाणस [वैहायस] ठा० २।४१३.भ० २।४६; १३।१४२, ३५, ३८, ४२,४५.भ० ११।७२, ७३, ७५ से ७७ नाया०१।१६।६६ वोच्छेद [व्यवच्छेद] ठा० ३।१२५; ५।२०६; ७।६०. वेहाणसटाण [वैहायसस्थान] आ०चू०१०।१६ भ० २०१६६ वेहायस [वैहायस] अणु० १॥४, १५ वोच्छेयकर [व्युच्छेदकर] नाया० १।१।१४६ वेहास[विहायस् ] सू० १।२।८.ठा१०।१५६.भ०३।११२, वोज्झ [उह्य] आ० चू० १५।२८. भ०६।१६०. नाया० १६७, १६६, २०२, २०५,२०७; ५॥१३४; १३।१४६, १११।३३, १२८ १५१, १५२, १६३,१६४; १५।११२; १८८१.नाया० वोज्झ [वह. ] वोज्झिहिति, भ० ७।१२० ११८७४, ७७; १।६।१६, ३६,३७.उवा० २।२८,३०, वोणमंत [दे०] सू० २।२।३१ ३२,४५ वोदाण [व्यवदान] सू० १।१४।१७. ठा० ३।४१८. भ० वेहासमरण [वैहायसमरण] सम० १७९ २।१००, १०१,१०६, १११, १११११ ६८७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840