Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 721
________________ संसत्त आगम शब्दकोश संहरमाण संसत्त [संसक्त] आ० चू० ११; १५।६६ ठा० ६।३,४. १।४।३६; १।५।२६, १।६।३७; १७।३८; १।८।२७; सम०६।१, २, २५।१. नाया०१।५।११७, ११८,१२४ १।६५६; १।१०।१६; २।१।२३ १२५; १।८।४२; १।१२।१३; १।१६।११६; २।१।३६ संसार [सं+सारय] —संसारेइ, नाया०१।३।२१ पण्हा० ६७. विवा० १११।३६ -संसारेंति. नाया० १।४।११ संसत्ततवोकम्म [संसक्ततपःकर्मन् ] ठा० ४१५६७ संसारंत [संसारान्त ] पण्हा० १०।११ संसत्तविहार [संसक्तविहारिन] नाया० ११५४११७, संसारकतार | संसारकान्तार] सम० प्र०१३२ १२४, १२५; १।१६।११६; २।१।३६ संसारपण्डिग्गह[संसारप्रति ग्रह] सम प्र० १०२से १०८ संसद्द[संशब्द] नाया० १।७।४४।१३ संसारपारगामि [संसारपारगामिन् ] अंत० ६।५२ संसप्पग [संसर्पग] आ० ८८९; ६।२।७ संसारमंडल [संसारमण्डल] भ० ५।१२२ संसय [संशय] आ० ५।६. सू० १।८।१२; भ० १।१०; संसाराणुप्पेहा [संसारानुप्रेक्षा] ठा० ४।६८. भ० १०१६४; १५।२८,३५, ४२. नाया० १।१७. उवा०१५ २५॥६०८ पण्हा० १०।११. विवा० १।१।२५ संसारिज्जमाण [संसार्यमाण] नाया० १।३।२२ संसय [संश्रयत्] सू० १।१०।१३ संसारिय [सांसारिक] सू० २।२।७७; २।७।१०, ११, संसयपट्ट [संशयपृष्ट] ठा० ६।१११ संसर[सं+सृ] -संसरंति सू० २।६।४८ संसारिय[संसारित] नाया०१।८।६७ संसार [संसार आ० ११११९; ४।१३; ५।६. सू० संसिंचियाणं[संसिच्य] आ० २।६५ १।१।२१, २६, ५०, ५१,५६; १।२।२४; १।३।४६; संसिच्चमाण [संसिच्यमान] आ०३।३१ १७।४; १।१२।६।२।२।७८, ७६; २।५।२३; २।६।४६. संसिट[संसृष्ट] ठा०५।१०३.भ०१।३४४; १४।१।१, ७७ ठा० २।१,४०, ४०८,३८८, ३१७; ४।१३०; २८५, संसित [संश्रित ] पण्हा०४।५ ६०८; ५।२०४; ६।८; ७७१; ८।१०५; ६।७, १२ संसिय [संश्रित] पण्हा० ३।१, २६.विवा० १।३।६ १०।१०३, १५२. सम०प्र० ६३,६४,६६, १३६३.भ०; संसीव [सं+सिव्]-संमीवेज्जा,आ० चू० ५।३ १३४,४५,४७,१०३ से १०८,१११, ३७६,३८६ ।। सू० १।२।२६; २।२।५५, ७०,७४,७५; से ३६१,४३६ से ४३६; २।१३, ४६६।३२, ७९७; २१७।१८, १६.ठा० ११३७, ५।१८६. भ. ६।१७७; ६।१६७,१७४,२१०,२४१,२४४; १२।२२, २६, ४३ से २५।२८५. नाया० ११११११२,११३.अंत० ३१७२,७३ ४८, ५६, १३२; १३।११०; १५।२६,३३, ४०, ४६, संसेइम[संस्वेदज,संसेकज] आ० १।६६. ठा०३।३७६. १५६; १५२१८७; १६६१,१८।४५ से ४७; २५।२, पण्हा०४।१३; ५८ ३, १४२, १४३, ६१५, ६१७. नाया० १।१।१४५, संसेइय [संस्वेदज ] सू० १६०८ १४६, १८२; १।२।६७,७६;१।३।२४, ३४; १।४।१८ संसेदय [संस्वेदज] सू० ११७।७ २२, २३।२; ११५।२०, २६, ३०,३७, ८६ से ११, से -संसेयंति,भ०२।११२ १२५, १२६; ११७।२७, ३०,३५, ४३; १।८।१८५ संसेयगत्ता [ संस्वेदजता] ठा०७।४।८।३ से १८७; १।६।४४, ४४।२, ५३, ५४।२, ६, ८, संसेयग [संस्वेदज] ठा०७।३,४,८।२,३ १।१२।३६, ४५; १११४१५३;१।१५।१४, १६,२२।३; संसेयय [संस्वेदज] आ०१।११८.सू ० १७१ १।१६।३१२; १।१७।२५,३६, ३७६; १।१८।४८, संसे सिय [सांश्लेषिक ] आ० चू०१३।१; १४।१ ६१; १।१६।४२,४७; २।१।२५,२७.उवा०७।४६से ४६. संसोधिय [संशोधित] सू० १।१४।१८ अंत० ३।३० पण्हा० १।३६ ; ३।२२,२३; ४।१३; ५।४, संसोहण [संशोधन] आ०६।४।२ ८; १०।१ ११. विवा० १।२।७३, ११३६५; संहरमाण [संहरत् ] भ० ५७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840