Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 720
________________ संवासित्तए अंगसुत्ताणि शब्दसूची संसट्ठोवहड ७६. ठा० ४१७४, १०७, ५५६ से ५६५. नाया० संवुड्ड[संवृद्ध] आ० चू० १।११२. सू० २।१।३४. ठा० २३।२४; ११४११८ १०११३७. भ० ६।२१० संवासित्तए[संवासयितुम् ] ठा० २।१६८; ३।४७५ संवय [संवृत] भ० ११११३३;१२।१२८. नाया०१११११८ संवाह [सं+ वाहय् ] -संवाहावेइ, विवा० १।९।५० संवढ [संव्यूढ ] नाया० १।६।१४, २६ ___ --संवाहेज्ज, आ० चू० १३।३ सम०३२।११३; प्र०६६. भ० ११३५६; संवाहण [संबाह्य ठा०४।४५० ११११७२; १७१४८. नाया० १११।१६१, २०४; संवाहणा [संवाहना] नाया०१।१।२४.विवा० १।६।५० ११।१३०११; १११०३४. उवा० ११६५; २।५४; संवाहमारी [सम्बाधमारी भ० ३।२५८ ३१५१; ४१५१, ५॥५१, ६।३६, ७८७; ८।३६; संवाहावेत्ता[संवाह्य] विवा०१६।५० ६।२४; १०।२४. पण्हा०६।२० संवाहिय [संवाहित ] नाया० १।१।२४ संवेद [सं+ वेदय]संवेदेइ,नाया०१।१६१५२ संविग्ग [संविग्न सू० १।१।३४.भ०१०।४८,५६ संवेदेउ [संवेदयितुम् ] आ० चू० १५७६ संविग्गविहरि[संविग्नविहारिन् ] भ० १०१४८,५६ संवेयणी [संवेजनी] ठा० ४।२४६,२४६ संविचिण्ण [संविचीर्ण] नाया० ११५॥३ संवेल्ल [सं+ वेल्ल] -संवैल्लेइ. भ० १६।६३ संविज्ज [सं+ विद्] संविज्जए,सू०१।३।३५ संवेल्लिय [संवेल्लित] भ०. १६।६३. उवा० २०२८ संविज्जमाण [संविद्यमान] आ०चू०२।७६,८।३० संवेल्लेमाण [संवेल्लत् ] भ० १६।६३ संविट्ठ माण [संवेष्टयत् ] नाया०१।३।५ संवेध [संवेध] भ० २४१३१० संविद्ध [संविद्ध] आ०५।५० ] भ०२४१७६, ८१, १०६, १०७, १११ संविधुणीय [ संविधूय] सू०१।१६।५ से ११४, १२२, १२६, १२६, १३३, १४१, १४८, संविभाग [संविभाग नाया० १।२।३६, ४०, ४८,४६, १५१, १५३, १५७, १५६ १७९ से १८१, १८७,१८६ __ ५४,५६, ६४, ६५, ७५ १६७, २०३, २२२, २२४,२२६, २३१, २३३, २४२, संविभागसील [संविभागशील] पण्हा० ८।६ २४३, २४८, २६७, २७२, २८५, २८६, २८८, २६०, संविह [संविध] भ० ८।२४२ २६६, ३०५, ३०८,३१६, ३२०, ३२६, ३३०,३३२, संविहूणिय [संविधूय] आ० ८।१०७, ३३३, ३४२, ३४५, ३४८, ३५० से ३५२, ३५४ से संवीत [संवीत ] सू०१।३।१६,१७ ३५६, ३५६; ३५।११, ४१।३०, ३३,४२ संवुक्क [शम्बूक ] ठा० ४१२६६ संसारत्थ [संसारस्थ] भ० ८।३६४ संवड [संवृत] आ०५।८७; ८।८।२२; ६।३।१३. आ०चू० संसइय[संशयित] सम० प्र०. ६०, ६३ १।१२१; २।२५, ३८.सू०१।१७१,८८,१।२।२२,२६, संसग्ग [संसर्ग] नाया० १११३॥४५॥१ ३४, ५५, ७५; ११४१८; १८०२१; १।११।१३, ३८, संसग्गिय [सांसर्गिक] सू० १।६।२८ २।२।१६; २१४१२५. ठा० ॥१८६. भ० ११४१६; संसग्गी [संसर्ग] स० २।४०. नाया० १।१०।६।२। ३३१४८%; ७।२८,१२५, १२६, ८।२७८; १०।१११, पण्हा० ४।२ ११ से १४; २५।२८०. पण्हा० ८।२,११,१०११,१४से संसट [संसष्ट] आ० च० श६७ से ८१, १४१, १४३, १८, २३ १४८.१३१७६ से८१. ठा०३।३६६.अणु०३२२, २४ संवुडचारि [संवृतचारिन्] सू० १।१।५६ संसट्टकप्पिय [संसृष्टकल्पिक] ठा० ५।३७. पण्हा०६।६ संवुडवियडा [संवृतविवृता] ठा० ३।१०२ संसट्टचरग [संसृष्टचरक] सू० २।२।६६ संवुडा [संवृता] ठा० ३।१०२ संसट्टचरय[संसृष्टचरक] भ० २५॥५६६ संवुडासंवुड [संवृतासंवृत]भ० १६।८१,८२ संसट्ठोवहड [संसृष्टोपहृत] ठा० ३।३७६ ७०५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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