Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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वैराणुबंध आगम शब्दकोश
वेसविहार ८.२३१,२३४, १११८२: १२।२७, ४२, ४४, ४६, वेलय वेणका भ० २०१७ ४८, १०८; १४।११२;१७।३०;१८।८६,८७,२०१४, वेलोचिय [वेलोचित] आ० चू० ४।३१ २०. नाया० ११५॥४७, ५६,६१,६३,११६।४।१।८।७४, वेवइ [वेपकिन् ] आ०६।८.आ०चू०४।१६ ७७, ७६. उवा० ११५७, ८४; २।१८, २२, २४, २८; वेवमाण [वेपमान] अणु० ३।५२ ३०, ३४, ३६, ४५, ५५; ३।१८, २१, २३, २७, २६, वेस [वैश्य ] सू० २।६।४८ ३३, ३५, ३६,४१, ४४, ५२; ४११८, २१, २३, २७, वेस [वेश] भ० ६।१६५ से १९८; १११११२; १२।१२८. २६, ३३, ३५, ३६,४१,४४, ५२; १८, २१, २३, नाया० १।११७, ३३, ५६, १३४ से१३७; ११२।८; २७,२६,३३,३५,४१, ४४, ५२, ६।३३, ४०; ७।५७, ११३१८,१४. पण्हा० ४।५,८; ६।१०. विवा० शरा७ ५६, ६३, ६५, ७१, ७५, ७७, ८०, ८८, ८।२५, ५३; वेस [द्वेष्य] पण्हा० ७१८
६।१८, २५; १०।१८, २५. पण्हा० ८.१२ वेसघरय [वश्यागृहक ] विवा० १।२।५७; १।४।२२ वेराणुबंध [ वैरानुबन्ध भ० ३।६० ।।
वेसत्त [द्वेष्यत्व भ० १२।१५१,१५२ वेरि वैरिन् ] सू० १८७
. वेसप्पसंगि [वेश्याप्रसंगिन् ] विवा० १।२।५८; १।४।२३ वेरिय [वैरिक] नाया० १।२।४०, ५६, ६४. पण्हा० वेसमण [वैश्रमण] आ० चू० १५।२६।३, २६. ठा० ३।१३
४।१२१, १२२,१५०,१५२,१८०,३६७,८।३०,६६।१; वेरियत्त [वैरिकत्व] भ०१२।१४७,१४८
६।४३३१, ४७।१,४८।१, ५३।१,५६।१,५८१, ६२; वेरुलिय [वैडूर्य ] ठा०८।६३।१,६६।१; १०।१०३,१६३. १०.५१.सम० ३०१३; ७८।१.भ० ३।३४,२४७,२६६से
भ० ३।४; ६।२०४; १३।१६०; १६।६१, नाया। २७०,२७२, २७७, ४११;१०१७३,६५,१११७०.नाया ११११३३, ५६, ८६; १३६.पण्हा० ६।२'
१११।९६१।२।१२, १५; ११८।१०,७२,१६४से१९७; वेरुलियकूड [वैडूर्यकूट] ठा०२।२८२,३३६; ६।८६ १११७।११, ११६।३७से ४०, ४३से ४६,४६२६।१. वेरुलियमणि [वैडूर्यमणि ] ठा० ६।२२।१२
विवा० १६।३७से४०,४३से४६,४६; २०६१ वेलंधर [वेलन्धर) ठा०४।३३०.सम०१७।४ वेसमणकाइय [वैश्रमणकायिक] भ० ३।२६७, २६८ वेलंधरोववात वेलन्धरोपपात] ठा०१०।१२० वेसमणकूड [वैश्रमणकूट ] ठा०२।२८१,३३६ ; ४।३११; वेलंब [वेलम्ब] ठा० २।३६१; ४११२२, १२३ ,३२६. ५१५१; ६।८६,८।६७; १०।१४५ सम० ३२१२.भ० ३।२७४.नाया०२।३।११
वेसमणघरय [वैश्रमणगृहक] नाया० ११२।१४ वेलंबक [विडम्बक] पण्हा०६।४, १०; १०।१४,१५ वेसमणदत्त [वैश्रमणदत्त] विवा० १।६।२, ३६, ४७; वेलंबग[ विडम्बक नाया० ११११७६; १।१३।२० १।१०।११, १३ वेला [वेला] ठा०२।३६०.सम०४२।७;७२।२. भ० ३।३३; वेसमणदेवयकाइय [वैश्रमणदैवतकायिक] भ०३।२६७
५॥३६; १११६३. नाया० १।८।६६; १।६।२०।६; वेसमणपडिमा [वैश्रमणप्रतिमा] नाया० १।२।१२, १११२१४, २०, २१,२६,२६.उवा१॥५७.पण्हा० ३।२३. १४,२३ विवा० १११।३४; ११५।२६; १।८।१२
वेसमणभद्द [वैश्रमणभद्र] विवा०२।४।१ वेलाउल [वेलाकुल] नाया० १।१६।२७५
वेसमणा [ वैश्रमणा] भ० १०७३ वेलुय[पिलुक ] आ० चू० १।११८
वेसमणोववात [वैश्रमणोपपात] ठा०१०।१२०
वेसर [वेसर] पण्हा० १६ १. दसवैकालिक ५११७३ में अत्थियं तिदुयं के साथ बिल्लं वेसविहार [वेश्याविहार] नाया० १।१६।१०६
शब्द का प्रयोग मिलता है। हो सकता है कि वेलुय विल्ल का रूपान्तरण हो।
१. हे १।२०३
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