Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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वैदेह
आगम शब्दकोश
वेयच्छ वेदेह वैदेह] ठा० ६।३४।१
६०, ६७,७१, ७३ से ७५, १२८; १६।१०, १२, १४, वेदेहि वैदेही] सू० १।३।६२
१६, २६, ३१,४२, ४४, ४५, ५५, ८०,६१:१७।२४, वेधादीय [वेधादिक ] सू० १।६।१७
२६,५४, ५७, ६१ से ६३, १८।१, ३, ५, ७, ८, १०, वेन्भारपव्वय[वैभारपर्वत ] नाया० १।१३।१५
१२, २०, २२, २३, ७१, ७७, ७६, ८२ से ८४, ६३, वेभार[वैभार] भ० २।११२, ११३; ३११८६ से १८६ ६४, ६६, १०१, १०३, १०५, १२१, १२२, १२८, वेभारगिरि [वैभारगिरि] नाया० १।१।३३, ४५, ४६,
१८६, १८६; १९५६, ६१, ६३, ७६, ८१, ८३, ८५, ५८, ६७
८६, ८६, ६३, १००, १०३ से १०६; २०१५३, ५५, वेभारपव्वय [वैभारपर्वत] नाया० १११।५६
५६,५८ से ६०, ७७, ६० से ६६, १००,१०३,१०८, वेमणंस [वैमनस्य ] पण्हा० ११२, ४०
११०, ११८, १२१; २४१२०४, २१६, २१७, २८३, वेमाणिउद्देस [वैमानिकोद्देश] भ० २।११७
२६१, २६२, ३०१, ३०८,२५१५,१६,२०,६४,१०८, वेमाणिणी वैमानिकी] भ० १०॥३५, ३७; १४:३६ १२२, १२४, १३०, १३२ से १३६, १४६, ३३७, वेमाणिय वैमानिक] ठा० १११६४,१६६, १८५,२००, ४८१, ६२७, ६२६, ६३१, ६३३, ६३५:२६।१७,१८,
२०६, २१०, २१३; २७८, १६१ से १६३, १७७ से २०, २१, २७, ३०, ३२, २४, ३६, ५२, ५३ से ५५%; १८४, १८८, १६० से १६२, २५२, ३६०,४०७,३१७, २८॥३, ५,२६४४,८; ३०६, ११, २२, २६,३४,३७, १३, १५, १६, २३, २५, ६८,६४ से ६६, ६६,३७१, ३६,४२,३११२४, २८,३१,५०,८१.नाया०११८।३६, ५२६,४१७५ से ६५, १०४, १०६, ३६६,५३२,६२०, २२४; १।१३।४५।२. पण्हा० ५।३; ७।१० ६२४, ६२६ ; ५।२४, ११४, ११६, ११८, १२०,१२१, वमाणियत्त[वैमानिकत्व भ० १३१६०, ६१, ६३, ६५, १२६, ६।११८, १२३,८७,१०।१०३, १०७, १२३, ६६; २०१२० सम० २६।६; ६२।५; प्र० ११, १४०, १५०, १७८, वेमाणियावास [वैमानिकावास] सम०प्र० १५० १८५, १६५, २०८, २१४. भ० ११३७,५५, ५८, वेमाता [विमात्रा] ठा० ४१५६८ १००, १२१, १२५ से १२७, १६८,२५४,२८५,३१९, वमाया[विमात्रा] भ० ३।१४८, ६।१८४,१८५,७।१०५; ३२१, ३२३, ३२५, ३२७, ३२६, ३३१, ३३३, ३३६, ८.३५१; ३४१३६, ४०, ४७, ४८ ३७२, ३६६२।११६, १२१, ३११७, ४६, ४७,११९ वय[वद] सू०१।४।१६; १।८।१२।२।५८. ठा० ४१६५८. श६१, ६२,७१,८५,१०१, १०२, १२०,१५१,१६०, सम०प्र० २०६, २१३. भ० २१६५; २०११७. नाया० २१०, २४७, २५३, २५८, ६।२६,६८, १५१ से १५४, १७७, १८१, १८२, १८५, १८६;७।२,१८, ३६,४८,
1--वेइज्जति, ठा०३।३३६.-वेएइ,विवा० ५२,५४, ५६, ६०,७१, ७२, ७८, ८१, ८४, ८७, श।१५.-वेएई, सम० ७१६.-वेदिति, विवा० ६२, ६५, १०१, १०२, १०५, १०६, १०६, ११२, श१२४१. -वेयंति, सू० १११३८. ठा० २।१७२. ११४,११६,१४४,१६०,१६१८।१४, १७,३१,३४, वेययइ, सू० १।६।११.-वेययंती, स० १।६।१८ ६०,६४, ६५, १०६, १२५, १२६, २२६,२४३, २६०, वेय[वि+ एज्]-वेयति, भ० ३।१४३ २६२, २६४, २६६, २६८, २६६, ३८७, ३६१,४१३,
१० ११२५२ ४७८,४८१,४८३६८१,८५, ११४ से ११८,१२० वेयंत वेदान्त] ठा० ३।५११ से १२४, १३२; १०॥२३, ३१, ३३, ३५; १२।८३,८५
०७।२ से ८७, ६१, ६३, ६५, ६६, ११३, ११६,१४२,१६८, वेयग[वेदक ] ठा० २।१. भ० १३।२७;२४।२१ १७२, १७६, १८८, १९८, २०८, २१०,१३।२४,६५; वेयगसम्मत्त वेदकसम्यक्त्व] सम० २७.५ १४।२, ३, ५, ८, १०, १३, २०, २४, २७, ३१, ३५, वेयच्छ [वैकक्ष] नाया० १।८।७२
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