Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 692
________________ विहरत अंगसुत्तणि शब्दसूची विहारगमर्ण सम० ७८।१. भ० १७. उवा० ११३.अंत०१।१४.अणु० विहरित्तए [विहर्तुम् ] सू० २।७।२१, २६, ३६,३७.ठा० १७. विवा० १।१।२. -विहरई, नाया० १।८।४५. २१६९; ७।१; ८१. भ०११४३१. नाया० ११११५३. -विहरंति, आ० चू० १११५५. सू० २।२।५८. ठा० उवा० ११४५.अंत०११२३.अणू०३।२२.विवा०१।२।६० २।३१६. सम० ३४।१. भ० ३।६६. नाया० १।१।८१. विहरित्ता [विहृत्य] भ० ११४१६. नाया० १।१।१८८ उवा० ७७. अंत० ३।२१. विवा० १।३।२१. -विह- विहरिय [विहृत भ० १२११८,१३।१०१,१०४;१०५; रति, सू० २।१।१३. ठा० ४।३६२. भ० ११५१. नाया० १५११४१ ११११४. --विहरसि, नाया० १११३१५७.उवा०२।४५. विहरियव्व [विहर्त्तव्य] पण्हा० ८।२,६ विवा० १११।३२. – विहरह, भ० १२।१३. नाया० विहल [विफल] पण्हा०३।१७ शा१८०. -विहरामि,आ० चू०१।१५५.भ०३।३३.f | भ०६।१७३.नाया० १०८।१५४; नाया० श२।१२. उवा० ३।४४. अंत०६।२५. अणु० १ ।९।४१,१११६१२०० ३१५७. विवा० १७।१९. --विहरामो, अंत० ३।३०. बन. सू० २।६।१० -विहराहि, सू० ११२।११. भ० ११।६१. नाया० विहाउ [विधातृ] ठा० २।३७२ ११११११८. अंत०३।८१.विवा०१।११६७. -विहरिसु, विहाड ] वि+घटय] -विहाडेइ. नाया० ११७।३१. आ० ६।१।३. --विहरिज्जामि, नाय।० १।१६।११३. विवा० १।१।३६ -विहाडैति. नाया० १।४।१७ -विहरिज्जाह, नाया० १।६।२०. -विहरित्था,आ० विहाडग[विघटक] सम०प्र० २४१ ४।१।१३. -विहरिस्सइ, भ० १५।१७०. नाया० । त] नाया० १११६६२, ६५,८७,६० १।१६।२०४. विवा० ११२।७२. -विहरिस्संति, भ० नाया०१।४।१७;.विवा० १०६।२३ ७।१२०. नाया० १।३।१६.-विहरिस्सति,ठा०६।६२. विहाडेत्तु [विघट्य] पण्हा० ११२६ भ० १५५१७७. -विहरिस्ससि, विवा० १।६।३२. विहाण [विधान] सू०२।१।४४.सम०प्र०६२.भ०६।१५६; -विहरिस्सह, भ० ३।३०. --विहरिस्सामि, ठा० १११७७; १५॥१८६, नाया० ११६३१. विवा० ३१४९६. भ. १५॥११४. -विहरिस्सामो, आ० चू० ११।६४; १३१६३११४।३०।१५२७; ११६३५; २१४७. सू० २।७।२०. भ० १२३४. -विहरे,आ० १९५७ ८।८।२०. सू० १।४।१२. -विहरेज्ज, सू० १।२।५२. विहाणमग्गणा [विधानमार्गणा] भ० २।४ भ० १३।१०४. उवा० ७२५.विवा०२।१।३१-विह- विहाणा [विधानक] पण्हा० ११५से७, ६ रेज्जा,आ०चू०२।६५, ६६.सू० १।४।५.ठा०३।८७.भ० विहाणादेस [विधानादेश] भ०२५२५८, ६०, ६६से ६६, १२।१२८ ७१, १२०, १२१, १२४, १२५, १२७, १२८, १३१, विहरंत [विहरत् आ० ६।३।६ १३४, १३६, १३८.१६६, १७५ से १७६,१८४से१८७, विहरण[विहरण] पहा० ४।५ १८६, १६०, १६२ बिहरमाण [विहरत् आ० ८।२१, २३. आ०चू०१५॥३७, विहाय [विहाय ] सू०१।१४।१ ३८. सू० २।२।६७, ७३; २।७।१८, १६. ठा० ४।६२. विहायगइ [विहायोगति] भ०८।२६३ भ० १७, २।९५; ९।१३६, २२३; १२।३३; १५।१४५; विहार [विहार]आ०चू०२१७६,३।८से१३; १५॥३६,३८. १६१४८, ६७; १८।१३७, २०५. नाया० १।१।४,६४, सू० २।२।६७, ७३; २१७११८, १६.ठा० ६।६२.सम० २०३; १।२।६६; ११५।१०,१०४,१०८; १।१६।३२०, ६६७, प्र० ४४.भ० १७६; १४।१०७,१५५७,७२. ३२१, २।११३, १६. उवा० ११३; २।२४, २८, ३०, नाया० ११५७०, १११६।१३४.पण्हा० १११४; ४/४. ३६,४०, ३२३, ४।२३,५२२३;७१५६.अंत०६।३३. विवा०२।१०२८ विवा० १३१२, १७ विहारगमण[विहारगमन] सू० ११३॥३३ ६७७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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