Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 626
________________ रामरक्खिता ___ अंगसुत्ताणि शब्दसूची रायकन्ना रामरक्खिता रामरक्षिता] ठा० ८।२८ १।१६।१२१, १२३, १२५, १२९से १३४, १४२,१४३, रामरक्खिया[रामरक्षिता]ठा० ४।३४५. भ० १०६६. १४५ से १४६, १५१, १५३, १५५ से १७२, १७४ से नाया० २।१०।२।१ १८२, १८४, १८६, १८८, १६२ से २०३, २०५ से रामा [रामा] ठा० ४।३४५; ८।२८. सम०प्र० २२१।१. २०८, २१२, २१३, २१५, २२०, २२३, २३०,२३३, भ० १०।६६. नाया० २।१०।२।१ २४०, २४१, २४३, २४६, २४६, २५१ से २५६, रामायण [रामायण] भ० ८।१०२ २५६, २६०, २६३, २६४, २६६, २७२,२६२से२६४, राय [राजन् ] आ० २।४१, ६८,८४, १०४. आ० चू० २६६, २६७, ३०२, ३०३, ३१३ से ३१५,१।१७।३, ४।१६. सू० ११२।५; १।३।३२,२।१।१२ से १४, २३, १६, १७, २६ से ३४; १।१६।५, ७, ८, ११ से १७, २४,३२, ३३, ३६, ४०; २।४।४ से ६; २।६।१७.ठा० २१ से २५, २७, ३३,३७,३६से ४२; २।१६,१५,५०, ३।१३५, १३६, ५०३;४११, २४५, ३६३,५३६, ६०; २।२।७.उवा० १११०,१३,१६, २२,२३,४५,५१, ५४१; ५।१०२, १६०, १९२; ६१७७; ७।६७, ६८, ५७,२।२, ६, १२,१३, ३१२,६,१२,१३,४।२,६,१२, ७४,७५, ८।३६, ४१, ५२,६१६।२२,६२,१०१२८. १३; ५।२, ६, १२, १३, ६।२, ६, १२, १३; ७२, सम०१४१७; १७१८,२०१४;४८।१; ६४।३,६,७११४; १४, ३०, ३७, ८।२, १०, १३, १४, ६।२, ६,१२, ७२।६,७७।१,२,८३।५; ८६।३; ६६।१;६७४; प्र० १३,१०१२, ६, १२, १३. अंत० १११४ से १७,३।१६, २२,२६, ८१, ६४ से ६७,६६,२२०१३,२३४।२, २४१. २४,२६,२८,७१, ५२ से ८४, ११३ से ११५, ४१५; भ० ११६; २।३०, ३१३४; ७४१७४ से १७८, १८३ से ५।१६; ६।४,१०, २६,६०,७२ से ७४,६८, १००, १८७, १६१, १९६६।१५८, १७६; १११५८ से ६३, १०१,७१४,५,८५, ६,१८, १६. अणु०१।६,२२४; १३२ से १३६,१३८ से १४४,१४७ से १५३ ; १२।३०, ३१४,१०,१६, ५३, ५५, ५८, ६५, ७२.पण्हा०३।४; ३२, ३६, १६५; १३।१०२, १०३ से १०५, १०७ से ४१४, ५, ६।२. विवा०१।१।१२, २३, ४४; १।२।५, ११७, ११६, १२०,१५।१६७, १७०, १७१ से १७५, ६, ११,१४,१८,३८, ६०, ६१, ६४; १९३१५, ६, १७८ से १८०; १८१२२१; १६।३४. नाया० २११३, १२, १३, १७, ३८ से ४१, ४४, ४५, ५० से ५३, ५५ १४से१७,१६से ३१,३३,३६ से ४६,४८ से५२,६० से६७, से ५८, ६१ से ६३ ; १।४।५, ६, ११, १२, २८ से ३०; ७३ से ७८,८०,६०, १११,११६ से १२६, १२६, ११॥३, १२ से १५, २१, २२, २४ से २७; ११६।२, १४० से १४२, १५४, १५६, १८८; १२।३३, ३५; ५, ६, १०, २३, २५, ३० से ३२, ३४, ३५; १७।३, ११५।६, २०, २६, ४२,४४ से ४७, ८८ से १०, ६२ १४ से १६; १८२, ६,१०, १२, १६२,७, से ६, से ६८, ११०, १११, ११५, ११७, ११८, १२४; ११,१३ से २४, २७ से २६, ३६ से ४०, ४३ से ४७, शक्षा५, ७, १०, ११, १३ से १५, २८,३१, ३६,३६, ४६ से ५१, ५५ से ५७; १।१०।२,४,६,११,१३,१५; ४७,४६,५६,६२,६३,६७,८१से८३,८६, ६०,६६से९६, २।११७, ८, ११, १२, २४, ३२,३३, २।३।१२।४।१; १०५से ११०,११४,११५,१३१से १३४, १३८, १४१, २।५।१२।६।१२।७।१२।८।१; २।६।१२।१०।१ १४६,१५१से १५४,१५८,१६० से १६८, १७२से १७५, राय [रात्र] आ० ५।४४. आ० चू०३।४,५.पण्हा०१०।११ १७७,१८० से १८३,१८५,१८७से१८६,१६१,१९४ से राय [राज] ठा० ६।६२ १६६, १९६, २००, २०३, २०५, २०८, २१०, २२७ रायंसिराजयक्ष्मिन आ०६।८. आ०० ४।१ से २२६; १।१२।२,४ से १२, १४ से २४, २६ से ३१, रायककुध [ राजककुद ] ठा० ५।७२ ३८, ४० से४६,१११३१७,१५,१६,४०,४१,११४१२, रायकज्ज|राजकाय नाया० ११२।५८,६३ २१, २२, २६ से ३२, ५५ से ५७, ५६, ६०, ६३,६४, रायकन्ना [राजकन्या] नाया० १।८।८२, ८६, १०२, ६८, ६६, ७७, ८२, ८५ से ८७; ११११५, १८, १६; १११, १५४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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