Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 637
________________ लवणजलहि आगम शब्दकोश लाभ १७१५; ४२।७; ७२।२; प्र० ७७, ८०. भ० ५।२१, लहुभूय [लघुभूत] सू०२।२।६५ ५५; ६।१५५; ६।४;१११७७, ८३. पण्हा० ३१७:५३ लहभयगामि लघभूतगामिन आ०३।४६ लवणजलहि [लवणजलधि] पण्हा० ४।५ आ०चू०२।५६से ६१,४।३७. सू०२।१।१६; लवणरस [लवणरस]पण्हा० १०।१७ २।२।१३. ठा० ११८६; ८।१३. भ० १॥३६२, ३६३, लवणसमुहलवणसमुद्र ठा० ४१३२१ से ३३१७१५२, ३६७, ३६८,४००से४०६, ८॥३६,१८।१०६, २०० ५३,५८.सम०१४।८;६५।२,३.भ०३।१५२; ५।२१से २३, २०१३६; २५१६२, १६७, १६२. पण्हा ० ७।२०; २८,३६, ६।१५६से १५८,६७, १११७६; १८।१५२. १०१८ नाया० शा२,६६, ७०,७१, ७६, ८५; १।९।४से ६, लहयत्त लघुकत्व] भ०११३८५,१२।४२; १८१६६, ६७. ८,९,१५, १६, २०, २६, ३२, ३६से ३६, ४६, ५०; नाया० १।६।४ ११६।१६०, २०४, २३६से २४३, २६७, २७४,२७५, ] भ०६।१७४. पण्हा० २।३; ३।३ २८१,२८६, २६४; १११७१५, ६, १७. उवा०११६६, लहसय लघस्वक] नाया० १२.३५. पण्हा० २।१,१६ ७६,७६; ८।३७.विवा० ११२।५० से ५३, ५५,११४।१२; लहहत्थ लघहस्त पण्हा० ३।३. विवा० १७.१५ १२७।३१ से ३३ लाइम [लवनीय] आ० चू०४१३३ लवणाहिवइ [लवणाधिपति] नाया० १।६।१६, २१, लाइय[दे० सम०प्र० १४४. भ० १२।१५८; १४।१०१, २४;१।१६।२८१,२८३,२६४,२६५ १०३, १०५ लवगोद [लवणोद] ठा० ४१६५२ लाउ[अलाबु] नाया० १।१।७६, ८६. अणु० ३।४५, ५१ लवसत्तम [लवसप्तम] सू०१।६।२४. भ० १४१८४ ८५. लाउय [अलाबुक] भ० १२।१२३ पण्हा०६।२ लाउयपाद [अलाबुपात्र] ठा० ३।३४६ लवालव [लवालव] सम० ३२।११४ लाउयपाय [अलाबुपात्र] आ० चू० ६।१६, १७ लविय[लपित] आ० चू०१५।३६. सू०१।६।३५ लाघव [लाघव] आ०६।६३. ठा०५॥३४,५१ ; १०।१६, लसुण [लशुन] सू०१।७।१३ १३८. सम० १०११. भ० २१९५; सा२७२. नाया० लसुणकंद [लशुनकंद] आ०चू०१।११७ १।१।४१११०१३। ५. पण्हा०३।५; १४ लसुणचोयग[ लशुनचोयग'] आ०चू०१।११७ लाघवप्पहाण [लाघवप्रधान] उबा० ११३ लसुणनाल [लशुननाल ] आ०चू०१।११७ लाघवसंपण्ण [लाघवसंपन्न] उवा० ११३ लसुणपत्त लशुनपत्र] आ०चू० १।११७ लाघविय [लाघविक] आ० ६।१०२; ८।५४, ७२, ७८, लसुणवण [लशुनवन] आ०चू०१।११७ ६४,६८, १०२, ११३,१२२. सू०२।१।६७, २।२।५१. लह लभ् ]-लहइ,आ०६।६.भ०७।६.नाया०१।७।४४।१३ ठा० श२०१. भ० ११४१७ लहु [लघु] आ०२१३१. सम० २२।३. नाया०१।२।११. लादलाढ] आ० ४।३।२, ३, ६, ८. आ० चू० ३.८ से पण्हा०२।१, १३,१६ १३. सू० १।१०।३. भ० १५।१२१ ।। लहुक [लघुक] पण्हा०१०।११ लाभ [लाभ] आ० २।११४. आ० चू० १।१, ४ से ७, लहुकरण [लघुकरण] भ० ६।१४१, १४२; १२।३५. १२ से १८, २१ से २५, ३६, ४१, ६३,८१ से ८५, __नाया०१।३।१०।१।८।५२.उवा०११४७,४८;७।३३,३४ ८७ से १०२, १०४, १०६ से ११६, १२१, १२३, लहुपरक्कम [लघुपराक्रम] ठा०५।६५;७।१२०, १२८ १२८, १३३ से १३६, १४१ से १४७, १५१; २१४८, लहुभाव [लघुभाव] नाया० १।६।५।२ ५७ से ६१, ६३ से ६६; १५ से १५, १७ से २०,२२ से २५, २८ से ३०; ६।४ से १४, १६ से १६, २१ से १.चोयग (दे०)। २६, २६ से ३१, ४६ ; ७।२६ से ३१, ३३ से ३८, ६२२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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