Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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विल
आगम शब्दकोश
विउलतर
विआल [विकाल ] आ० चू० २।३०, ४५, ७१, ८।२५. विउट्टित [व्युत्थित] सू० १।१४।८ विवा० १२२२६
विउण [द्विगुण] नाया० ११६०४१ विआवात व्यवपात] सू० २।४।३, १७, १६ । विउत्ता[विवर्त्य] आ० ८।२ विआहपण्णत्ति [व्याख्याप्रज्ञप्ति] भ० २०७५ विउब्भ [वि+ उद्+भ्रम्]-विउब्भमे,आ०८।८।१० विइक्कत [व्यतिक्रान्त] आ० चू० ४१६;१५॥३८ विउभाएमाण[ व्युभ्राजयत्] भ० ३।११२ विहाज्जया। द्वितीयका उवा० ७७५, ७७, ७८, ८० विउल [विपुल आ० चू० ११११८; १२।१५; १५२१३ विइण्ण[वितीर्ण] नाया० १११।१६. पण्हा० ६।२०
सू०२।२।६०.ठा० ३८७,३८६; ४१४५१, ५॥२०१ विइण्णकेसी विकीर्ण केशी] उवा० ८।२७,३८, ४६ ८।१०.सम० ३०११।१०,प्र६६,१४४, २४१.भ०१६ विइय[द्वितीय] आ० ८।८५
२।३०,६४, ६६, ६७, ७०, ६४, ६७,१०६; ३।३३; विइवय [वि + अति+वज्]-विइवइंसु,सम०प्र०१३२ ११३८; ८।२३२; ६।१३६, १७३ से १७५, १८१,
-विइवइस्संति, सम०प्र०१३२. -विइवयंति, सम० २२४; १११५६ से ६१, ६३, ८५, १३३, १३४,१४२, प्र०१३२
१४३, १४८,१५३, १५६,१६०, १६६, १७८, १९५; विउ [विद्वस्]आ०चू० १६।११.सू०१।१।७६; १।२।३२, १२।४,६,७,१२ से१४,१८,१३।१११,१२०,१५१६,
३३, ६०, ७१; १।४।२६; ११७।२०; १।१६।६; २५,३२, ३६, ४६,४८,६६,७६,८५, १४६,१४८,१४६
२।१।७२.नाया० ११७।४४१७,१०,१४.पण्हा० १०.११ १५२, १६३, १७०१६।७११८४७ से ४६.नाया० विउंज [वि+युज्] -विउंजंति, आ० ८।५.आ० चू० ११११४, ६,१७, ६६,७५, ७६, ८७,६३, १०८, १०६, ४११.सू० २।२।१४
११६ से ११८,१६२,१६३,१८७,२०४,२०६११२१७, विउकम्म [व्युत्क्रम्य] आ० ८।२
१७; ११३१८,२०; ११५१७, २३, ४५, ५६, ६२, ६३, विउक्कम्भ [व्युत्क्रम्य] सू०१।१।६
६८,१०६,११८,१२०, ११८।३३, ३६,४१,४६, ६६, विउक्कम [वि+उत्+क्रम्] -विउक्कमंति, ठा० ८१,८२,८४,१६०, १९६,२०२,२०५,२०७; ११९१६, ३।१०३.भ० २।११३
१८, २६; १।१२।४; १११३।३, २१, २६; १४।१६, विउक्कस [वि+उत् + कृष्]-विउक्कसे,आ०६।८८. ५३, ११११११, १११६१५, ६, १२, २०,५१,२१३, -विउक्कसेज्जा, सू०१।१३।६
२२३, ३१३; १।१७।१६,१७,१११८१५६; १।१६।२०, विउक्कस्स [व्युत्कर्ष] सू० १।१।३६
३७, ४०,४५; २।१।१०.उवा० १।३,४, ११, २०,६४, विउट्ट[वि + वृत्] -विउट्टइ,सू०२।२।१३.उवा०१।८२. ६५,६६,७४,७६,२।१०,२७,३३,३६,५३,५४, ३।१०,
-विउटुंति,आ० १६०.सू० २।३।२ -विउट्टाहि, २६, ५०,५१, ४।१०, २६,५०,५१,५।१०,२६,५०, नाया० १।१६।११५.उवा० ११७७. -विउट्टामि, भ० ५१, ६।१०,३८, ३६, ७।२५, २६, ६२, ८६, ८७; ८।२५१
८।११,३५,३६, ६।१०,२३,२४,१०।१०, २३, २४. विउट्ट [वि + कुट्ट] -विउद्दिज्जइ, उवा० १७८. अंत०३१७६से८१, ६०,१०१; ६।८, ६, २२, २४, ३४,
-विउट्टिस्सामि, भ० १०।२०. --विउट्टेज्जा, ठा० ५६से७०,८२, ६६,१०१, ८।१३. अणु० ११८; ३९ ३३३३८.-विउट्टेह, उवा० १७८
३०,५६.पण्हा०११२५.विवा० ११११३५,४०,५३, ५६%; विउट्टण [विवर्तन] सू०१।१२।२१
श२।१२१।३।२४, २८,३२,४७, ५०, ५२, ५३, ५८, विउट्टित्तए [विवर्तयितुम् ] ठा०२।१६८
६०; ११७२३, २५, २७; ११८।१२, २१, १९२४, विउट्ट यव्व [विकुट्टितव्य ] उवा ०१।८०
२६,३२,४३,४५से ४८,५०; १।१०।११,१३; २।१।११,
२०,२२ १. विदिण्ण =विदत्त । हे ४१४४४
विउलतर [विपुलतर] भ० ८।१८७
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