Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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"वयणविकप्प
आगम शब्दकोश
वरसेणा
१॥१७॥३६॥३, १२. अणु० ३।५२. पण्हा० १।२६, २७, १४३, १४६, १५३, १५५ से १६८,१८५,२३६,२३७, २६; २।१७; ३।५, ६; ४।४, ७,७।१७ से २१
२४८, २५१, २५८, २६४, २६५, ३२४; १।१७।१४, वयणविकप्प[वचनविकल्प] ठा० ७।१२६
३६१५, १३, ३७१३; १।१८।३५; १।१६।३२, ३३; वयणविभत्ति [वचनविभक्ति ] ठा० ८।२४
२।११११, १२, १८, १६. उवा० १४७७१३३. अंत. वयणसंपया [वचनसंपदा] ठा० ८।१५
१११३, १७, २४; ३८, १०, ११, १३, ६०, ६४,७५, वयणिज्ज वचनीय आ०.६।८६. सू० २।११७२
६२,६४, ६६,१०१, १०४,५।१६, १६६।१६,२१. षयमंत [व्रतवत् ] आ० चू० १११२१; २।२५, ३८ अणु०१७; ३८, ६, ७५. पण्हा० १०३६; २०१८%; वयमाण[वदत् ] सू० १।२।४१. ठा० ६।१०१;७।२
३।४, ५, ७, २५,४।४,५,७,८,१४; ११, ३, ६, वयमाण[व्रजत् ] भ० ८।२८८; १८।१६८
१०,१०१५; ६।२, २५; ७२५,८।२, १७; ६।१,२, वयर [वन] ठा०४१५४७.भ० ३।४.नाया०१।१।८६ १०,१५; १०१२, ६, ११, १४ से १७, २२. विवा० वयरामय [वज्रमय] आ० चू० १५॥३१. पण्हा० ११२३ श२।१४, २८; १।३।२४, ४७; १।६।११, १२, ४१, वयस्सय [वयस्यक] विवा० ११५।२०
४५, ४६, ४८, ५६; १।१०।११; २१११११ वयहारि [व्रतधारिन् सम० प्र० २४८।१
वर[व].-वरेइ, विवा० ११०।११.-वरेमि, नाया० वयिबलिय[वाग्बलिक]पण्हा० ६।६
१।१६।४६. -वरेमो, नाया० १११४।१५. विवा० वर [वर] आ० चू० १५।२८।८, ६, १६. सू० १।६।१६; श९४२.-वरेह,नाया०१।१४।१२. विवा०१।९।३६.
२।११२ से १०, १२,७१२।२।६७. ठा० ५।२२, ८४, -बरेहि, नाया० १।८।६२.- वरेहिसि, नाया. १७; ६।१०५; ७७५, ६।६२; १०११०३. सम० ११२; १।१६।१३१ .३४।१; प्र० ६४, ६५, ६७, ६६, १४४, २४१. भ० वरकहा[वरकथा]पण्हा०६।८ . ११७, २१११८, ३१३३, ४७, १०५, ११२ से ११४, वरग [वरक] आ० चू० १।१४३, भ० ६।१३१. नाया. ११५, १२९; ५२५५, ७३, १७६, १७७, १८५, २।१।१८
१८६ ; ६।४६, ६८, १२२, १५६, १८०, १८२, १८६, वरगय [वरगत] नाया० ११३।१५; ११५।२६; ११७६; 2. "१६२ से २०६; १०१५९, ६१, ६३, ६८, १३३,१३६ शा५७,६४,१४८,१६१, १६३, १६८, १६६, २१२, ... से१३८,१४०,११६१५८,१५६.१६१,१६६;१२।१२८, २२५, १।९।१५, ४६; १।१२।४, ११, १।१३।४०;
१६५, १३९०, ११०,११५, ११७; १५:१८६; ११४१८,९,१४,६४; १।१६।८,४५,१४६, १४६,१५२, १६१६१. नाया० ११७, १८, १९, २२, २४, २५, १५३, १५६, १५७, १७१,१८४, १६५, २१६, २१८,
३३, ४६, ५६, ६१, ६५ से ६७,६९,७६,७८,८०,८६, २१६,२२५, २३७ ": ०, ३, ६५, १२८, १३१, १३४ से १४२, १५६,
1०७।१० ५. १६३, १।२।३२, ३७, ३८,५२, ५३ ; १।३।६११५॥३, वरत्ता [वरत्रा] भ० ८।३५५.पण्हा० ३।११, १३, विवा० ::१०, १७, २०, २६,८४, ६७, १०५, १२८; १८७, १।६।१८, २३ - ३८, ५७, ६० से ६२, ६७, ७२, ८२, ८६, ८८, ६४, वरदत्त [वरदत्त] सम० प्र २२६१३, २३२॥३. विवा०
९, ६६, १०२, १०६ से ११२, १२०, १२३, १२४, २।१।२; २श्रु०१०अ०; २।१०।१ १२७, १३१, १३४ से १३६,१४१ से १४७,१४८,१५४, वरदाम वरदामन् ] ठा० ३।१०५,१०७
१५५, १५६ से १६१, १६३, १६६ से १७३, १७५, वरदं सिविरदर्शिन् ] सम० ३०।११२२ - १७६, १७८ से १८१, २१७, २२५, २२६; १।६।१०, वरवरिया [वरवरिका] नाया०१।८।२००।१ . २०१, ४३; १।१२।४६।१; १।१३।४०; १।१४।८२, वरसिट्ठ [वरशिष्ट] भ० ३।२४८,२५६ ६३, १।१६।६३, ८८, १२८ से १३२, १३४, १४२, वरसेणा[वरसेना] विवा० २।१०।१
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