Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 611
________________ 'मुच्छणां आगम शब्दकोश मुत्ताधारपुडगपत्त १२६५. ठा० ५।८.-मुच्छामो, सू० २।१।५० ३।१,५,३७, ५४; १४४,५०, ५६, ६१, ७८% मुच्छणा[मूर्च्छ ना] ठा० ७।४५ से ४७, ४८।१४ ६।२२,२७, ५६, ११३; ८८७, १४; १९, २०; मुच्छमाण[ मूर्छत् ] आ० ११६५ । ६।२।४. आ० चू०१६।५,१०, ११. सू० ११११७१,७७, ठा० २।४३२से४३४; ७४४७११, २. सम० ८७; १।२।१४, २३, २४, २७, २८,३१, ३६,४०,४३, ५२।१. भ० ६।१६८; १२।१०६. नाया० १।१।१०५. ५३; ११५।११।६।७,१५,१६,२०,११७४२६११९१६, अंत० ३।६७. पण्हा० ३२ २६, ३६; १११०१४.६,२२; ११११।२२,३४,२।११७२; मुच्छित [मूच्छित] ठा० ३।३६१; ४।४३३. अंत० ५।११. २।६।४२.सम०प्र०६६.भ०६।१४६ से १६३; १५।६१, पण्हा० ३।५ ६३, ६८. नाया०१।१७।३७।३. पण्हा०६१ से ३ मुच्छिय [मूच्छित] आ० चू० १११०५. सू० ११११४; मुणिआ[ज्ञात्वा] आ० ८।८।१३ ११२।७, १०, २०, ५८, ६२; १।३।२६, ३६, ४८; मुणिय [ज्ञात] भ० १५॥६१, ६३,६६ १।४।३३; २।१।२२, ३१,३८,४७,२।२।१४,५६, ५६; मुणिवंस [मुनिवंश] सम० प्र० २६१ २।७।२५. सम० प्र० ६४. भ०७।२२; १३।११०; मुणिवर[मुनिवर सम० प्र० ६६, ६७, १२८ १४।८२, ८३. नाया० १।२।२८; ११५।११७, ११८; | ठा० २।४३८; ५६३. सम० शा१७५; १।१३।३२; १।१४।२१, २२, ५६; २०१२; २३।३,४,२४।१,५०११;प्र०२२२, २५१०२. १।१६।२०१; १।१७।२६; १।१६।२८, २६, ४१.उवा० भ० १६।६७ से ७१;१८।४१, ४३ से ४७, ५०, ५१, ८.२०, २२. विवा० १३११४०,५७; १।२।६२, ६८; ५३; २०१६७. नाया० १११६।२७० से २७५ . १।४।२६, ३७; १।६।३०, ३४; १।६।१४ से १६,१८ मुणेयव्व [ज्ञातव्य ] ठा० ४१५४३।१ से ४. नाया० मुज्झ[मुह.]--मुज्झइ, नाया० १।१५।१४.-मुज्झति, १।१५।२२।१, ४ आ०५।६४.–मुज्झह,नाया० १।८।१८०.–मुज्झज्जा, मुतच्च [मृतार्च] सू० १।१३।१७ आ० चू० ११११६ मुत्त[मुक्त] आ०२।१६५,५।६१,६।६६.सू०२।१।७२.ठा० मज्झमाण [मुह्यत् ] आ० चू० १५७२ से ७६ श२४६,४१६१२, ६१३,६।१०६८।३६,५३;१०।७४ मज्झियव्व मोहितव्य] पण्हा० १०।१४ से १८ से ७७, ७६.सम०१।२; ३०१२;४२११,४४१२,५११४, ६।३।१०.आ०चू०१॥३५.सू०१।३।१६; ५५।१,४; ७०१२;७२।३, ४,७३।२७४।१७८१२; २।१५६; २।२।१२, ४०, ५८; २।४।२१. भ०१४।३. ८३।३,८४।२,४,८६।१,२,६२।२,६५४, ५,१००।४, नाया० ११२।३३. पण्हा० ३।१५. विवा० १२६४; ५;प्र०४०,६१, ६३. भ०१७; २।१७.नाया०११११७, १।४।२८; १।५।२७ २२; ११५८४, १०५, १२८; १।१६।३२२, ३२४; मुद्विजुद्ध [मुष्टियुद्ध] आ०६।१।६. सम०७२।७. नाया० २।१।१६.अंत० ३।६२. अणु० ३७५. पण्हा०१०।११ मुत्त[मूत्र] नाया०१।१।१०६; १।८।१८०;१३१८।४८,६१. मुट्ठिय [ मुष्टिक, मौष्टिक ] ठा०७।४३१७. भ० १४१३; अंत०३७६. पण्हा०३।१७. विवा० १।६।१४, २३ १६७; १९३५. नाया०१।११७६; १।१३।२०. उवा० मुत्तजाल[मुक्ताजाल] आ० चू० १।२८ ७।५०.पण्हा०१।२१, २८,४१५; ६।१०; १०।१४, १५ मुत्तदाम[मुक्तादामन् ] आ० चू० १५।२८ मुट्टिवाय [मुष्टिवात] भ० ३।११५ मुत्तसण्णा [मुक्तसंज्ञा] ठा० १०।७४ मुणाल [मृणाल] नाया० १।१३।१७. पण्हा० १०।१८ मुत्ता [मुक्ता ] नाया० १।१।१८. पण्हा० ८।२; ६।२; मुणालिया [मृणालिका] भ० १३।१६२.पण्हा० ४७ १०।११ मुणि[मुनि] आ० १।१२, ३४,६५, ८६,११७,१४४,१६८, मुत्तादाम [मुक्तादामन् ] ठा० ४।३३६ १७७; २।३२, ७०, ६७, १५७, १६३, १६५, १६६; मुत्ताधारपुडग (पत्त) [मुक्ताधारपुटकपात्र] पण्हा० ११११८५ ५९६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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