________________
धर्म के दाता हैं, धर्म के उपदेशक हैं, धर्म के नायक हैं, धर्म- रथ के सारथि हैं एवं चारों गतियों का अन्त करने वाले श्रेष्ठ धर्म के चक्रवर्ती हैं।
चार गति रूप संसार सागर में डूब रहे जीवों के लिए वे अरिहन्त भगवान् द्वीप के समान रक्षक, शरणभूत, आश्रयभूत एवं आधारभूत हैं। बाधारहित श्रेष्ठ ज्ञान और दर्शन को धारण करने वाले तथा घाती कर्मों से सर्वथा रहित हैं।
वे स्वयं राग-द्वेष रूपी कर्म शत्रुओं को जीतने वाले हैं तथा दूसरों को जिताने वाले हैं। वे संसार सागर से स्वयं तिर गए हैं तथा दूसरों को तिराने वाले हैं। उन्होंने स्वयं बोध को प्राप्त कर लिया है तथा दूसरों को बोध देने वाले हैं। वे स्वयं कर्मों से मुक्त हैं तथा दूसरों को मुक्त करने वाले हैं।
वे सर्वज्ञ (सब कुछ जानने वाले) हैं, सर्वदर्शी (सब कुछ देखने वाले) हैं, शिव (कल्याण रूप) हैं, अचल (स्थिर) हैं, अरुज ( रोग रहित) हैं, अनन्त, अक्षय, अव्याबाध (बाधा-पीड़ा आदि से रहित), पुनरागमन से रहित, एवं सिद्धि गति नामक स्थान को प्राप्त कर चुके हैं। समस्त प्रकार के भयों को जीतने वाले ऐसे जिनेन्द्र भगवन्तों को मेरा नमस्कार हो ।
विशेष : प्रणिपात सूत्र दो बार पढ़ा जाता है। प्रथम बार 'ठाणं संपत्ताणं' पद बोला जाता है। दूसरी बार इस पद के स्थान पर 'ठाणं संपाविउकामाणं' यह पद बोला जाता है। 'ठाणं संपत्ताणं' पद द्वारा सिद्धि-स्थान को प्राप्त आत्माओं को नमस्कार किया जाता है तथा 'ठाणं संपाविउकामाणं' पद द्वारा सिद्धि-स्थान को प्राप्त करने का लक्ष्य रखने वाले अरिहंतों, केवलियों को वन्दन किया जाता है।
English Interpretation: I pay my obeisance to blessed omniscents (Arihants) who have crushed internal enemies namely attachment and hatred. (In the remaining part, the great traits of arihants have been narrated).
The Arihant are the founders of dharma. They establish four-fold order (Tirath). They gain perfect knowledge with their own effort.
They are excellent among human beings. They are fearless like lion. They are unique like white lotus. They are like grotesque elephants among men.
They are best in the universe. They are the master of the world. They are benevolent of the world. They are like the lighted lamp. They spread the light of true knowledge in the world.
They provide freedom from fear. They offer vision in the form of right knowledge. They show the spiritual path. They offer the protection. They bless with आवश्यक सूत्र Ist Chp. : Samayik
// 21 //