Book Title: Agam 28 Mool 01 Aavashyak Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni
Publisher: Padma Prakashan

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Page 332
________________ pansaksshesnesiaskoseskskskskelesslesale slasslesale slasheslasheskosesdeskestaskestrseskiske saksesaksksksksksesakse परिशिष्ट-1 श्रावक आवश्यक सूत्र : विधि . Sixth Aavashyak Sutra : Procedure शान्त एवं एकांत स्थान में पवित्रता पूर्वक एक आसन पर बैठकर श्री सीमंधर स्वामी जी को वंदना करके या वर्तमान अपने गुरुओं को 'तिक्खुत्तो' के पाठ से तीन बार वंदना-नमस्कार करके 'चउवीसत्था' करने की आज्ञा लेकर निम्नलिखित पाठ पढ़ें-'अरिहंतो महदेवो', फिर 'इच्छाकारेणं', फिर 'तस्सोत्तरी' का पाठ पढ़कर एक 'लोगस्स' का ध्यान करें। 'नमो अरिहंताणं' पढ़कर ध्यान पारें, फिर एक 'चउवीसत्था' उदात्त स्वर से पढ़ें। तब वाम जानु ऊंचा करके दाहिना जानु भूमि पर रखकर दो बार ‘नमोऽत्थुणं' पाठ पढ़ें, प्रथम सिद्धों का, द्वितीय अरिहंतों का। फिर 'तिक्खुत्तो' के पाठ से वंदना करके प्रतिक्रमण करने की आज्ञा लेकर 'प्रथम-आवस्सही इच्छाकारेण' पाठ पढ़ें। फिर 'नवकार मंत्र', फिर 'करेमि भते! सामाइयं' फिर 'इच्छामि ठामि' का पाठ, फिर 'तस्सोत्तरी' का पाठ, फिर ध्यान करें। ध्यान में निन्यानवें अतिचार और 'इच्छामि आलोइयं' पर्यन्त ध्यान करें। ध्यान में “जो मे देवसि (राइसि) अइयारकउ, ते चिंतवू" ऐसे कहें, फिर 'नमो अरिहंताणं' कहकर ध्यान पूर्ण करें। तिक्खुत्तो के पाठ से वन्दना करके 'लोगस्स उज्जोयगरे' का पाठ पढ़ें। फिर वंदना करके 'इच्छामि खमासमणो' का पाठ दो बार पढ़ें। ___तिक्खुत्तो' के पाठ से चतुर्थ आवश्यक की आज्ञा लेकर वे ही सब अतिचार पढ़ें। स्मरण रहे- सभी पाठों के अंत में 'जो मे देवसि अइयार कओ तस्स मिच्छा मि दुक्कडं' ऐसा कहें। फिर 'तिक्खुत्तो' के पाठ से वंदना करके श्रावक सूत्र पढ़ें। फिर दो बार 'इच्छामि खमासमणो' का पाठ पढ़कर यथा-शक्ति पांच पदों को वंदना-नमस्कार करके फिर 'अनन्त चौबीसी' का पाठ पढ़ें, फिर सब जीवों से क्षमापना करके 'इच्छामि ठामि काउस्सगं', फिर 'तस्सोत्तरी' का पाठ पढ़कर कायोत्सर्ग करें। Buelesslesslessleeplesslesslesolassesresslestoresslestesslesalesalesalesalesalesalcakestastestastestostestasteste seaslesslesalesaleselesslesslesslesslesalesesaksksksksksksksksksksksewa परिशिष्ट // 258 // Shravak Avashyak Sutra

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