________________
14. Chooran: To accept food etc. as a reward for telling the procedure of influencing any person or the method how it should be used.
15. Yog: To accept food etc. as a reward for teaching any yoga or by using any yoga.
16. Mook karm : To accept food etc. as a reward for telling the method of becoming pregnant or the method of abortion or of delaying the birth. दस एषणा के दोष :
(1) शंकित - दोषों की संभावना वाला आहार लेना ।
(2) प्रक्षित - सचित्त पदार्थों का स्पर्श होते हुए भी आहार ले लेना।
( 3 ) निक्षिप्त- सचित्त पदार्थ पर रखा हुआ आहार लेना ।
(4) पिहित - सचित्त पदार्थ से ढका हुआ आहार लेना ।
(5) संहृत - पात्र में पहले से ही अकल्पनीय पदार्थ रखा हो। उस पदार्थ को हटाकर उसी पात्र से आहार ले लेना।
(6) दायक - जो दान देने के अयोग्य अथवा असमर्थ है, ऐसे शराबी, गर्भिणी स्त्री आदि के हाथ से आहार लेना ।
( 7 )
उन्मिश्र - सचित्त पदार्थों से मिश्रित आहार लेना ।
(8) अपरिणत - ऐसे शाकादि को ग्रहण कर लेना जो पूरी तरह पका नहीं है। (9) लिप्त-तत्काल लीपी हुई भूमि पर चलकर आहार लेना, अथवा दूध, दही,
घृत आ
से लिप्त होने वाले हाथ या पात्र से आहार लेना। क्योंकि लेप को सचित्त जल से धोए जाने के कारण पूर्व या पश्चात् कर्म की संभावना रहती है। (10) छर्दित- टपकाए - गिराए जाते हुए आहार को ग्रहण करना ।
TEN FAULTS OF ESHANA
1. Shankit : To accept food which is not free from doubt. 2. Prakshit : To accept a thing which is touching a living substance
3. Nikshipt: To accept food which is placed on an organic (sachit) substance
4. Pihit: To accept food which is covered with a sachit substance
5.
Sankrit: In case the pot is containing the unacceptable foodstuff; to accept food from the pot offered after removing that foodstuff.
// 43 //
आवश्यक सूत्र
Ist Chp. : Samayik