Book Title: Agam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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१२
जीवाजीवाभिगप - 9/-४६ (४६) से किं तं जलयरा जलपरा पंचविहा पन्नत्ता तं जहा-मच्छा कामा मगरा गाहा सुंसुमारा सव्वेसिं भेदो भाणियव्यो तहेव जहा पत्रवणाए जाव जे यावण्णे तहप्पगारा ते समासओ दुयिहा पत्रत्ता तं जहा-पजत्तगा य अपञ्चत्तगा य तेसिंणं मंते जीवाणं कति सरीरगा पनत्ता गोवमा चत्तारि सरीरगा पत्रत्ता तं जहा-ओरालिए वेउलिए तेयए कम्मए सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेचइभागं उक्कोसेणं जोयणसहस्संछब्बिहसंघयणी पत्रत्तातं जहा-वइरोसभनारायसंघयणी उसभनारायसंघवणी नारायसंघयणी अद्धनारायसंघयणी किलियासंघयणी छेवट्टसंघयणी छविहसंठिया पनत्ता तं जहा-समचउरंससंठिया नग्गोहपरिमंडले साति खुल्ने वामणे हुंडे चत्तारि कसाया चतारि सण्णाओछ लेस्साओ, पंच इंदिया पंच समुग्धाया आइल्ला सपणी नो असण्णी तिविहयेया छपजत्तीओ छअपनत्तीओ दिट्ठी तिविहावि तिणि दंसणा नाणीवि अन्नाणीवि-जे नाणी ते अत्येगइया दुनाणी अत्धेगइया तिन्नाणी जे दुन्नाणी ते नियमा आभिणिबोहियनाणी य सुयनाणी ये जे तिन्नाणी ते नियमा आभिणिबोहियनाणी सवनाणी ओहिनाणी व एवं अन्नाणीवि, जोगे तिविहे उवओगे दुविहे आहारो छद्दिसि उववाओ नेइएहिं जाव अहेसत्तमा तिरिक्खजोणिएसु सब्बेसु असंखेनवासाउयवजेसु मणुस्सेसु अकम्मभूमग-अंतादीवगअसंखेजवासाउयवजेसु देवेसु जाव सहस्सारो ठिती जहणेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुव्यकोडी दुविहावि मरंति अनंतरं उव्यट्टित्ता नेरइएसुजाद अहेसत्तमा तिरिक्खजोणिएसु मणुस्सेसु सव्वेसुदेवेसुजाव सहस्सारो चरगतिया चउआगतिवा परित्ताअसंखेना पन्नत्ता से तंजलयरा।३९।-38
(४७) से किं तं थलयरा यतयरा दुविहा पत्रत्ता तं जहा-चप्पया य परिसप्पा व से किं तं चप्पया चउप्पया चविहा पत्रत्ता तं जहा-एगखुरा सो चैव भेदो जार जे यावण्णे ते समासओ दुविहा पत्रत्ता तं जहा-पञ्चत्तगा य अपनत्तगा य चत्तारि सरीरा ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणंछ गाउयाइंटिती जहन्नेणं अंतोमुत्तं उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाई नवरं-उब्बट्टित्ता नेइएस चउत्थपुढविं ताव गच्छति सेसं जहा जलयराणं जाव चउगतिया च. उआगतिया परित्ता असंखिज्जा पन्नत्ता से तं चउप्पया से किं तं परिसप्पा परिसप्पा दुविहा पत्रता तं जहा-उरपरिसप्पा य भुयपरिसप्पा य से किं तं उापरिसप्पा उरपरिसप्पा तहेव आसालियवज्जो भेदो भाणियव्यो सरीरा चतारि ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइमागं उक्कोसेणं जोयणसहस्सं ठिती जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी उव्वट्टित्ता नेरइएसुजाव पंचमं पुढविताव गच्छंति तिरिक्खमणुस्सेसु सव्वेसुदेवेसु जाव सहस्सारो सेसं जहा जलयराणं जाव चउगतिया चऊआगतिया परिता असंखेजा से तं उरपरिसप्पा से किं तं भुवपरिसप्पा मुयपरिसप्पा भेदो तहेव चत्तारि सरीरा
ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलम्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं गाउयपुहत्तं ठिती जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुचकोडी सेसेसु ठाणेसु जहा उरपरिसप्पा नवरं-दोच्चं पुढविं गच्छंति से तं भुयपरिसप्पा से तं थलघरा।४०139
(४८) से किंतं खहयराखहयरा चउब्बिहा पत्रत्तातं जहा-चप्मपक्खी तहेव भेदो ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं धणुपुहत्तं ठिती जहन्नेणं संतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागो सेसं जहा जलयराणं नवरंतच्चं पुढविं गच्छति जाव से तं खहयरगदभवकंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणियासे तंतिरिक्खजोणिया।४१/-40
(४९) से किं तं मणुस्सा मणुस्सा दुदिहा पन्नत्ता तं जहा संमुच्छिममगुस्सा य गटभयक्कंति
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