Book Title: Agam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 36
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पडियत्ति-३. उद्देसो-ने..१ उसिण-निद्ध-लुक्खाइं संठाणतो परिमंडल-बट्ट-तंस-चउरंस-आययसंठाणपरिणयाई अण्णमण्णबद्धाई अण्णमण्णपुट्ठाई अण्णमण्णओगाढाई अण्णमण्णसिणेहपडिबद्धाइं अण्णमण्णघडत्ताए चिटुंति हंता अस्थि इमीसे गं मंते रवणप्पभाए पुढवीए खरकंडस्स सोलसजोयणसहस्सवाहलस्स खेत्तच्छेएणं छिन्नमाणस्स अत्यि दव्याइंजाव हंता अस्थि, इमीसेणं मंते रयणप्पभाए पुढवीए रवणनामगस्स कंडस्स जोयणसहस्सवाहल्लस्स खेत्तच्छेएणं छिन्नमाणस्स तंचेव जाव हंता अस्थि एवं जाव रिट्ठस्स इमीसे णं मंते रयणप्पभाए पुडवीए पंकबहुलस्स कंडस्स चउरासीजिजोयणसहस्सवाहलस्स खेत्तछेएणं छिज्जमाणस्स तं चेव एवं आवबहुलस्सवि असीतिजोयणसहस्सबाहलस्सइपीसे णं पते रयणपभाए पुढवीए पणोदधिस्स वीसं जोयणसहस्सबालहस्स खेत्तच्छेएणं तहेव एवं घणवातस्स असंखेनजोयणसहस्सबाहलस्स तहेव तणुवातस्स ओवासंतरस्सचितं चेव सक्करप्पभाए णं भंते पुढवीए यत्तीसुतरजोयणसतसहस्सबाहल्लाए खेतच्छेएणं छिज्जमाणीए अस्थि दव्याई यण्णतो जाव अण्णमण्णघडताए चिट्ठति हंता अस्थि एवं घणोदहिस्स बीसजोयणसहस्सवाहल्लस्त घणवातस्स असंखेजजोयणसहस्सवाहल्लस्स एवं जाव ओवासंतरस्स जहा सक्करप्पभाए एवं जाव अहेसतमाए ७४1-73 (८) इमाणं भंते रयणप्पभा पुढवी किंसंहिता पन्नत्ता गोयमा झल्लरि संठिता पत्रत्ता इमीसे णं भंते स्वणप्पभाए पुढचीए खरकंडे किसंठिते पत्रत्ते गोयमा झलरिसंठिते पत्रत्ते एयणकंडे किसटिते पन्नते गोयमा झल्लरिसंठिए पत्रत्ते एवं जाब रिटे एवं पंकबहुलेवि एवं आवबहुलेवि घणोदींविधणवाएवि तनुवाएवि ओवासंतरेबि-सब्वे झल्लार संठित्ता पन्नत्ता सक्करप्पभा णं भंते पढवि किसंठिता पन्नत्ता गोवमा झलरिसंठिता पन्नत्ता सक्क- रप्पभाए गं भंते पुढवीए घणोदधी झल्लरिसंठिते पत्नत्तेएवं जाव ओवासंतरे जहा सक्काप्पभाए एवं जाय अहेसत्तमाएविं ७५-74 (८९) इमीसे णं भंते स्वणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्लाओ चरिमंताओ केवतियं अवाधाए लोचंते पत्रत्ते गोयमा दुवालसहिं जोयणेहिं अवाधाए लोवंते पन्नत्ते एवं दाहिणिलातो पञ्चत्यिसिलातो उत्तरिल्लातो सक्करप्पभाए णं भंते पुढवीए पुरथिमिल्लातो चरिमंतातो केवतियं अवाधाए लोवंते पन्नत्ते गोयमा तिभागणेहिं तेरसहिं जोयणेहिं अवाधाए लोपंते पन्नत्ते एवं चद्दिप्सिपि वालुवपभाएणं मंते पुढवीए पुरथिमिल्लातो पुच्छा गोयमा सतिभागेहिं तेोसहिंजोयणेहिं अबाधाए लोयंते, एवं चउद्दिसिपि एवं सब्यासिं चरसुवि दिसासु पच्छितब्ब-पंकप्पभाए चोहसहिं जोयणेहिं अबाधाए लोयंते, पंचमाए तिभागूणेहिं पत्ररसहि जोयणेहिं अबाधाए लोवंते पन्नते, छट्ठीए. सतिभागेहिं पन्नरसहिं जोयणेहिं अवाधाए लोवंते, सत्तपीए सोलसहिं जोयणेहिं अबाधाए लोयंते पन्नत्तेएवंजाव उत्तरिल्लातोइमीसे णं भंते रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते कतिविधे पत्रत्ते गोयमा तिविहे तं जहा-घणोदधिवलए घणवातवलए तनुवातवलए इमीसे णं भंते स्यगप्पभाए पुढवीए दाहिणिल्ले चरिमंते कतिविधे, गोयमा तिविधै पत्रत्ते तं जहा-घणोदधिवलए घणवायवलए तनुवायलएएवंजाव उत्तरिले एवं सब्बासिंजाव अधेसत्तमाए उत्तरिले ७६।-75 (९०) इसीसे णं भंते रयणप्पभाए पुढवीए घणोदधिवलए केवतियं वाहल्लेणं पत्रत्ते गोयमा छ जोयणाणि वाहल्लेणं पत्रत्ते सक्करप्पभाए पुढवीए एणोदधिवलए केवतियं बाहल्लेणं पन्नते गोवमा सतिभागाई छजोयणाई बाहलेणं, वातुयप्पभाए गोवमा तिभागूणाई सत जोषणाई बाहल्लेणं, एवं एतेणं अभिलावेणं-पंकप्पभाए सत्त जोयणाई वाहल्लेणं, धूमप्पभाए सतिमागाइं सत्त जोवणाई For Private And Personal Use Only

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