Book Title: Agam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 135
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीयाजीवामिगम - ३/०-१/३२५ बाहिरियाए परिसाए एगूणवीसं सागरोवमाई तिण्णि य पलिओवमाइं ठिती अट्ठो सो चेव कहिं णं मंते आरणअच्चुयाणं देवाणं तहेव अच्छुए सपरिवारे जाव विहरति अच्चुयस्स णं देविंदस्स तओ परिसाओ पन्नत्ताओ अब्धितरपरिसाए देवाणं पणवीस सयं मज्झिमपरिसाए अड्ढाइमा सया याहिरपरिसाएपंचसया अभितरियाए एक्कवीसंसागरोवमाइंसत्तयपलिओवमाई मन्झिमियाए एक्कवीसं सागरोवमाई छप्पलिओवमाई बाहिरपरिसाए एकवीसं सागरोवमाइं पंच य पलिओवमाई ठिती पन्नत्ता कहिं णं मंते हेटिमगेवेनगाणं देवाणं विमाणा पन्नत्ता कहिणं मंते हेडिमगेयेज्जगा देवा परिवसंति जहेब ठाणपएतहेव एवं मन्झिमगेवेजा उवरिमगेवेजगाअनुत्तरा यजाव अहमिंदा नामंते देवा पनत्ता सपणाउसो।२०९-208 तचाए पडिवत्तीए वेमाणियस्स पढपो उद्देसओ समतो. - वे मा णि य उ सो-बी ओ :(३२६) सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु विमाणपुढवी किंपइट्टिया पत्रत्ता गोयमा घणोदहिपइडिया पन्नत्ता सणंकुमार-माहिंदेसुकप्पेसु विमाणपुढवी किंपइट्ठिया पन्नत्ता गोयमा घणवायपइट्ठिया पन्नत्ता बंभलोएणं भंते कप्पे विमाणपुढीव णं पुच्छा घणवायपइडिया पनत्ता लंतए तदुभयपइट्ठिया पत्नत्ता महासुक्क सहस्सारेसुवि तदुभयपइट्ठिया आणय जाव अचुएसुणं मंते कप्पेसु पुच्छा ओयासंतरपइडिया पन्नत्ता गेवेज्जविमाणपुढवीणंभंते पुच्छा गोचमा ओबासंतरपइद्विया पत्नत्ता अनुत्तरोववाइयपुच्छाओवासंतरपट्ठिया पनत्ता २१०1-209 (३२७) सोहम्मीसाणकप्पेसु विमाणपुढवी केवइयं वाहल्लेणं पनत्ता गोयमा सत्तावीस जोयणसयाई याहल्लेणं पन्नत्ता एवं पुच्छा-सणंकुमार-माहिदेसु छव्वीसं जोवणसयाई बम-लंतएसु पंचवीसं महासुक्क-सहस्सारेसु चउवीसं आणय-पाणयारणाचुएसु तेवीसं सयाई गेवेत्रविमाणपुढवी बावीसं अनुत्तरविमाणपुढवी एक्कवीसं जोयणसयाइंबाहल्लेणं।२११1-210 (३२८) सोहम्मीसाणेसुण पते कप्पेसु विमाणा केवइयं उड्ढं उच्चत्तेणं गोयमा पंचजोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं सणंकुमार-माहिंदेसु छ जोयणसयाई बंभ-लंतएसु सत्त महासुक्कसहस्सारेसु अट्ठ आणय-पाणयारणाच्चुएसु नव, गेवेचविमाणाणं मंते केवइयं उड्ढं उच्चत्तेणं गोयमा दस जोयणसयाई अनुत्तरविमाणाणंएक्कारसजोयणसयाइंउड्ढं उच्चत्तेणं।२१२/211 (३२९) सोहम्मीसाणेणं भंते कप्पेसु विमाणा किसंठिया पत्रत्ता गोयमा दुविहा पन्नत्ता तं जहा-आवलियापविद्वा य आवलियाबाहिरा य तत्थ णं जेते आवलियापविट्ठा ते तिविहा पनत्ता तं जहा-चट्टा तंसा चउरंसा तत्य णं जेते आवलियाबाहिरा ते णं नानासंठाणसंठिया पत्रत्ता एवं जाव गेवेज्जविमाणा अनुत्तरविमाणा दुविहा पत्रत्तातंजहा-बट्टे यतंसा य।२१३1-212 (३३०) सोहम्मीसाणेसु णं मंते कप्पेसु विमाणा केवतियं आयाम-विक्खंभेणं केवतियं परिक्खेवेणं पन्नत्ता गोयमा दुविहा पत्रत्तातं जहा-संखेजवित्यडा य असंखेज्जवित्थडा यतत्य णंजेते संखेजवित्थडा ते णं संखेज्जाई जोयणसहस्साई आयाम-विक्खंभेणं संखेज्जाई जोयणसहस्साई परिक्खयेणं तत्थ णं जेते असंखेज्जवित्थडा ते णं असंखेज्जाइंजोयणसहस्साई आयाम-विक्खंभेणं असंखेज्जाई जोयणसहस्साई परिक्खेवेणं एवं जाव गेवेजविमाणा, अनुत्तरविमाणा पुच्छा गोयमा दुविहा पन्नत्ता तं जहा-संखेजवित्थडे य असंखेजविस्थडा य तत्थ णं जेसे संखेजविस्थडे से एगं जोयणसयसहस्सं जंबुद्दीवप्पमाणे जाव अद्धगुलगं च तत्य णं जेते असंखेज्जवित्थडा ते णं For Private And Personal Use Only

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