Book Title: Agam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 141
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवाजीवापिगम - 1/1३४८ असंखेजा लोया एवं आउ-तेउ-बाउक्काइयाणं, वणस्सइकाइयाणं अनंत कालं- अनंताओ उस्सप्पिणी ओसप्पिणीओ कालओ खेत्तओ अनंता लोगा-असंखेजा पोग्गलपरियट्टा ते णं पोग्गलपरियट्टा] आवलियाए असंखेजतिभागे, तसकाइए णं भंते तसकाइयत्ति कालतो केयचिरं होइ गोयमा जहण्णेणं अंतीमुहुत्तं उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साई संखेनदासमन्महियाई अपजत्तगाणं छण्हविजहणेणवि उकृकोसेणवितोमुत्तं पञ्जत्तगाणं।२२९-91-228-1 (३४९) वाससहस्सा संखा पुढविदगाणिलतरूण पज्जत्ता तेऊ राइंदिसंखा तससागरसपुहत्तमब्महियं ॥८९||-1 (३५०) पनत्तगाणं सव्वेसि एवं पुढविकाइयस्सणं मंते केवतियं कालं अंतर होति गोयमा जहन्नेणं अंतोमुहतं उक्कोसेणं वणस्सतिकालो एवं आउ-तेउ-वाउकाइयाणं वणस्सइकालो तसकाइयाणवि वणस्राइकाइयस्स पुढविकाइयकालो एवं अपज्जत्तगाणवि वणस्सइकालो वणस्सईणं पुढविकालो, पज्जत्तगाणवि एवं चेव वणस्सइकालो पजत्तवणस्सईणं पुढविकालो [पुढविक्काइयपजत्तए णं भंते पुढविककाइयपजत्तएत्ति कालओ केवचिरं होइ गोयमा जहण्णेणं अंतोमहतं उक्कोसेणं संघजाई याससहस्साई एवं आऊवि तेउल्काइयपजज्तए णं भंते तेउक्काइयपज्जत्तएत्ति कालओ केचचिरं होइ गोयमा जहणणेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं संजाइं राइंदियाई वाउक्काइयपज्जत्तए णं भंते वाउकाइयपज्जत्तएत्ति कालओ केवचिरं होइ गोयमा जहण्णेणं अंतोमुहत्तंउकोसेणं संखेनाइं वाससहस्साईवणस्सइकाइयपञ्जत्तएणं मंते वणस्सइकाइयपजत्तएति कालओ केवचिरं होइ गोयमा जहणणेणं अंतोमुहत्तं उककोसेणं संखेशाई वाससहस्साई तसकाइयपञ्जत्तए णं भंते तसकाइयपञ्जत्तएति कालओ केयचिरं होइ गोयमा जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उकूकोसेणं सागरोवमस- यपुहत्तं सातिरेगं अंतरं पुच्छा गोयमा पुढवीणं वणस्सतिकालो जाव वाऊणं वणस्सतीणं पुढविकालो तसस्स वणस्सतिकालो एवं अपनत्ताणं एवं पजन्ताणं अंतरं पा. २२९।-228 (३५१) अप्पायहुयं-सव्वत्थोवा तसकाइया तेउक्काइया असंखेनगुणा पुढविकाइयाविसेसाहिया आउकाइयाविसेसाहिया वाउक्काइयाविसेसाहिया वणस्सतिकाइयाअनंतगुणा एवं अएजत्तगावि पजत्तगावि एतेसि णं भंते पुढविकाइयाणं पजतगाण अपजतगाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा जाय विसेसाहिया वा गोवमा सव्वत्थोवा पुढविकाइया अपज्जत्तगा पुढविकाझ्यापजत्तगा सखेजगुणा, सव्यस्थावा आउक्काइयाअपनत्तगा पज्जत्तगा संखेनगुणा जाव वणस्सतिकाइयावि सव्वत्थोया तसकाइया पज्जतगा तसकाइया अपनत्तगा असंखेज्जगुणा एएसि णं भंते पुढविकाइयाणंजाव तसकाइयाणं पजत्तग-अपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतोअप्पा वाजाव विसेसाहिया वा गोयमा सव्वत्थोवा तसकाइया पनत्तगा, तसकाइया अपनत्तगा असंखेनगुणा, तेउकुकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा, पुढविकाइया आउक्काइया वाउकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया, तेउक्काइयापञ्जत्तगा संखेनगुणा पुढवि-आउ-वाउपज्जत्तगा विसेसाहिया वणस्सतिकाइया अपज्जत्तगा अनंतगुणा वणस्सतिकाइया पञ्जत्तगा[संखेनगुणा] विसेसाहिया।२३०1-229 (३५२) सुहुमस्स णं भंते केवतियं कालं ठिती पनत्ता गोयमा जहष्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहत्तं एवं जाव सुहमणिओयस्सं एवं अपजत्तगाणवि पञ्जत्तगाणवि जहण्णेणवि उकोसेणविअंतीमुहुत्तं ।२३११-230 For Private And Personal Use Only

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