Book Title: Agam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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परियत्ति - ३,
दीच०
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१०३
पगति - भद्दगा जाव विणीता तेसि णं पणिहाए लवणसमुद्दे जंबुद्दीवं दीवं नो ओदीलेति नो उप्पीलेति नो चेवणं एगोदगं करेति सद्दावति-वियडावतिसु वट्टवेयड्ढपव्वतेसु देवा महिड्ढिया जाव पलिवओवमद्वितीया परिवसति तेसि णं पणिहाए लवणसमुद्दे जंबुद्दीवं दीचं नो ओवीलेति नो उप्पिलेति नो चेव णं एगोदगं करेति महाहिमवंत - रुप्पिसु वासहरपव्वतेसु देवा महिड्ढिया जाव पलिओव मद्वितीया परिवसंति तेसि णं पणिहाए लवणसमुद्दे जंबुद्दीवं दीवं नो ओवीलेति जाव एगोदगं करेति
हरिवास-रम्मयवासेसु मणुया पगतिभगा जाव विणीता तेसि णं पणिहाए लवणसमुद्दे जंबुद्दीवं दीवं नो ओवीलेति नो उप्पीलेति नो चेव णं एगोदगं करेति गंधावति मालवंतपरियाएसु ट्टवेयपव्वतेसु देवा महिड्ढीया जाव पलिवओमद्वितीया परिवसंति तेसि णं पणिहाए लवणसमुद्दे जंबुद्दीयं दीवं नो ओवीलेति नो उप्पीलेति नो चेव णं एगोदगं करेति निसढ - नीलवंतेसु वासधरपव्वतेसु देवा महिड्ढीचा जाव पतिओवमट्टितीया परिवसंति तेसि णं पणिहाए लवणसमुद्दे जंबुद्दीवे दीवं नो ओवीलेति नो उप्पीलेति नो चेव णं एगोदगं करेति पुव्यविदेहावरविदेहेसु वासेसु अरहंता चक्कबट्टी बलदेवा वासुदेवा चारणा बिज्जाहरा समणा समणीओ सावया सावियाओ मणुया पगतिभगा जाय विगीता तेसि णं पणिहाए लवणसमुद्दे जंबुद्दीयं दीवं नो ओवीलेति जाव एगोदगं करेति देवकुरु-उत्तरकुरुसु मणुया पगतिभद्दगा जाब विणीता तेसि णं पणिहाए लवणसमुद्दे जंबुद्दीयं दीवं नो ओवीलेति जाव एगोदगं करेति जंदूए य सुदंसणाए अणाढिए नापं देवे जंबुद्दीबाहिवती महिढीए जाय पलिओदद्वितीए परिवसति तस्स पणिहाए लवणसमुद्दे जंबुद्दीवं दीवं नो ओर्याीलेति जाय एगोदगं करेति अदुत्तगं करेति अदुत्तरं च णं गोयमा लोगट्ठिती लोगाणुभावे जण्णं लवणसमुद्दे जंबुद्दीवं दीवं नो ओबीलेति जाव ए गोदगं करेति । 9७४/-173
(२२४) लवणसमुदं धायइसंडे नामं दीवे बट्टे बलयागारसंठाणसंठिते सव्वतो समंता संपरिक्वित्ताणं चिट्ठति धायइसंडे णं भंते दीवे किं समचक्कवालसंठिते विसमचक्कवालसंठिते गोयमा समचक्कवालसंठिते नो विसमचक्कवालसंठिते धायइसंडे णं भंते दीवे केवइयं चक्कवालविक्रमेणं केवइयं परिक्खेवेणं पत्रत्ते गोयमा चत्तारि जोयणसतसहस्साइं चक्कवालविखंभेणं इगयालीसंजोयणसतसहस्साइं दसजोयणसहस्साई नव य एगठ्ठे जोयणसते किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं पन्नत्ते से णं एगाए पउमवरवेदियाए एगेणं वणसंडेणं सव्वतो समता संपरिक्खित्ते दोहवि वण्णओ, धायइसंडस्स णं भंते दीवस्स कति दारा पत्रत्ता गोयमा चत्तारि द्वारा पन्नत्ता तं जहा - विजए वेजयंते जयंते अपराजिए कहि णं भंते धायइसंडस्स दीवस्स विजए नामं दारे पत्रत्ते गोयमा धाइयसंडदीवपुरत्थिमपेरंते कालो यसमुद्दपुरत्थिमद्धस्स पञ्चत्विमेणं सीयाए महानदीए उपि एत्थ णं धायइसंडदीवस्स विजए नामं दारे पत्रत्ते तं चैव पमाणं रायहाणीओ अण्णंमि धायइसंडे दीवे सा वक्तव्वया भाणियव्या एवं चत्तारिवि दारा भाणियव्वा धायसंडस्स णं भंते दीवस्स दारस्स यदारस्त य एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पत्रत्ते गोवमा दस जोयणसयसहस्साई सत्तावीसं च जोयणसहस्साई सत्तपणतीसे जोयणसए तिण्णि य कोसे दारस्स य दारस य अवाहाए अंतरे पत्रत्ते धायसंडस्स णं भंते दीवस्स पदेसा कालीयं समुद्धं पुट्ठा हंता पुट्ठा ते णं भंते किं धायइसंडे दीचे कालीए समुद्दे गोयमा ते धायइसंडे नो खलु ते कालोए समुद्दे एवं कालोयस्सवि धायइसंडे दीवे जीवा उद्दाइत्ता-उद्दाइता कालोए समुद्दे पच्चायंति गोयमा अत्थेगतिया पच्चायंति अत्थेगतिया नो पच्चायंति एवं कालोएवि अत्येगतिया पञ्चायंति अत्येगतिया नो पञ्चायंति से केणद्वेषं भंते एवं बुच्चति
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