Book Title: Agam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१०४
जीवाजीवाभिगम - ३/दी०/२२४ धायइसंडे दीवे धायइसंडे दीवे गोयमा धाइयसंडे णं दीवे तत्थ-तत्य देसे तहिं तर्हि पएसे यहवे धायइरुक्खा धायइवणा धायइसंडा निच्चं कुसुमिया जाव वडेंसगधारा थायइ-महाधायइरुक्खेसु यस्थ सुदंसणपियदंसणा दुवे देवा महिड्ढिया जाद पलिओयमद्वितीया परिवसंति से एएणद्वेणं गोचमा एवं बुञ्चति-धायइसंडे दीवे अदुत्तरंचणंगोयमा जावनिम्ने धायइसंडेणंपते दीवे कति चंदा पभासिंसु वा पभासेति वा पभासिस्संति वा कति सूरिया तर्विसु वा तवंति वा तविस्संति वा कइ महगगहा चारं चरिंसु वा चरंति वा चरिस्संति वा कइ नक्खत्ता जोगंजोइंसु वा जोयंति वा जोइस्संति वा कइ तारागणकोडाकोडीओ सोभिंसु वा सोमंति वा सोभिस्संति वा गोयमा बारस चंदा पभासिंसु या पभासेति वा पभासिस्संति वा एवं-1१७५-91-174-1 (२२५) चउवीसं ससिरविणो नक्खत्तसताय तिणि छत्तीसा ए च गहसहरसं छप्पन्नं धायईसंडे
॥३४||-1 (२२६) अद्वैव सयसहस्सा तिण्णि सहस्साई सत्तय सयाई धायइवसंडे दीवे तारागण कोडकोडीणं कोटकोडीणं
॥३५||-2 (२२७) सोभिंसु वा सोभंति वा सोभिसंति वा ।१७५।
(२२८) धायइसंडं णं दीवं कालोदे नामं समुद्दे बहे बलयागारसंठाणसंठिते सव्यतो समंता संपरिक्खित्ताणं चिटइ कालोदे णं मंते समुद्दे किं समचक्कवालसंठिते विसभचकवालसंठिते गोयमा समन्चककचालसंठिते नो विसमचकवालसंठिते कालोदे णं भंते समुद्दे केवतियं चककवालविक्खंभेणं केवतियं परिक्खेवेणं पत्नत्ते गोवमा अट्ठ जोयणसयसहस्साइं चककवालवि
खंभेणं एकानउति जोयणसयसहस्साइं सत्तरिं च सहस्साई छच्च पंचुत्तरे जोयणसते किंचिविसेसाहिए परिक्खेवणं पनत्ते से णं एगाए पउपवरचेदियाए एगेणं वनसंडेणं सव्वओ समंता संपरिखित्ते दोण्हविवण्णओ कालोयस्सणभंते समुद्दस्स कति दारापन्नता गोयमा चत्तारिदारा पत्रत्तातं जहा-विजए वेजयंते जयंते अपराजिए कहि णं भंते कालोदस्स समुद्दस्स विजए नामं दारे पत्रते गोयमा कालोदसमुद्दपुरस्थिमपेरंते पुक्खरवरदीवपुरस्थिमद्धस्स पञ्चस्थिमेणं सीतोदाए महानदीए उप्पिं एत्थ णं कालोदस्स समुदस्स विजए नामंदारे पन्नते जंबुद्दीवगविजयसरिसा नवरं-रायहाणीओ पुरथिमेणं तिरियपसंखेजाइं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता अपर्णमि कालोदे समुद्दे जहा लदणे तहा चत्तारि रायहाणीओ समुद्दनामेसु कालोयस्स णं मंते समुदस्स दारस्स य दारस्स य एस णं केवतियं आबाहाए अंतरे पन्नते [गोयमा १७६-१-175-1 (२२९) बावीससयसहस्सा बाणउति खलु भवे सहस्साई
उच्च सया छायाला दारंतर तिष्णिकोसा य ||३६||-1 (२३०) दारस्स य दारस्स य आदाहाए अंतरे पन्नत्ते कालोदस्स णं भंते समुदस्स फएसा पुक्खरवरदीवं पुट्ठा तहेव एवं पुरखरवदीयस्सवि कालोदे णं मंते समुद्दे जीवा उद्दाइत्ता-उद्दाइता तहेव भाणियव्वं से केणटेणं भंते एवं वुच्चति-कालोए समुद्दे कालोए समुद्दे गोयमा कालोयस्स णं समुदस्स उदके आसले मामले पेसले कालए मासरासिवण्णाभे पगतीए उदगरसे पन्नत्ते कालमहाकाला य दो देवा महिड्दीया जाव पलिओवमद्वितीया परिवसंति से तेणद्वेणं गोयमा जाव निच्छे, कालोए णं भंते समुद्दे कति चंदा पभासिंसु वा पुच्छा गोयमा कालोए णं समुद्दे दायालीसं चंदा पभासिंसुवा पपासेंति वा पभासिस्संति वा ।१७६-२-175-2
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162