Book Title: Agam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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पडिवत्ति-३,
दीव०
नामया अच्छा जाव पडिरूवा तेसु णं जाती- मंडयएसु जाव सामलयामंडवएसु बहवे पुढविसिलापट्टगा पत्ता तं जहा -अप्पेगतिया हंसासणसंठिता जाव अप्पेगतिया दिसासोवत्थियासण संठिता अण्णे च बहवे पुढविसिलापट्टगा वरसयणासणविसिद्धसंठाणसंठिया पत्रत्ता समणाउसो आईणग
- वूर-नवणीत तूलफासा सव्वरयणाया अच्छा जाव पडिरूवा तत्य णं बहवे वाणमंतरा देवा देवीओ य आसयंति सयंति जाव कडाणं कम्माणं कल्लाणाणं कल्लाणं फलवित्तिविसेसं पचणुभवाणा विहरंति तीसे णं जगतीए उपिं परमववेदियाए अंतो एत्थ णं महं एगे बनसंडे पन्नत्तेसूणाई दो जोयणाई विक्खंभेणं जगतीसमए परिक्खेवेगं किन्हे किन्होभासे वणसंडवण्णओ तद्दविगो नेयव्दो तत्थ णं बहवे वाणमंतरा देवा देवीओ य आसवंति सयंति चिठ्ठति निसीयंति तुय ंति मंति ललति कीडति मोहंति पुरा पौराणाणं सुचिण्णाणं सुपरक्कतामं सुभाणं कडाणं कम्माणं जाव विहरति ॥१२८/- 127
(१६६) जंबुद्दीवस्स णं मंते दीचस्स कति द्वारा उन्नत्ता गोचमा चारि दारा पन्नत्ता तं जहाविजये वैजयंते जयंते अपराजिते ।१२९/- 128
(१६७ ) कहि णं भंते जंबुद्दीवस्स दीवस्स विजये नामं दारे पत्ते गोचमा जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरस्थिमेणं पणवालीसं जोयणसहस्साई अबाधाए जंबुद्दीचे दीवे पुरमिपते लवणसमुद्दपुरच्छिमद्धस्स पञ्चत्थिमेणं सीताए महानदीए उप्पिं एत्थ णं जंबुद्दीवस्स दीवस्स विजये नामं दारे पत्ते अटु जोयणाई उड्ढं उत्तेणं चत्तारि जोवणाई विक्खंभेणं तावतियं चैव पवेसेणं सेए वरकणगभियागे ईहामिय-उसभ तुरग जाव पउमलवभत्तिचित्ते खंभुग्गतबइरवेदिद्यापरिंगताभिरामे विज्ञाहरजमलजुयल जंतजुत्ते इव अच्चीसहरसमालिणीए रूबगसहस्सकलिए भिसपाणे भिभिरामाणे चक्कुल्लोयणलेसे सुहफासे सस्सिरीयरूवे वण्णो दारस्स तस्सिमो होइ तं जहावइरामचा नेमा रिठ्ठामया पतिद्वाणा वेरुलियामया खंभा जाचरूवोवचिय-पवरपंचवष्णमणिर-वणकोमितले समए एलुए गोमेजएमए इंदखीले लोहितक्खमईओ दारचेडाओ जोतिर सामए उत्तरंगे वेरुलियामया कवाडा लोहितक्खनईओ सूईओ बझरामया संधी नानामणिमया समुगगा वइरामचा अग्गला लोहितक्खमईओसूईओ वझरामयासंधी नानामणिमयासमुग्गगा वइरामयाअग्गला अग्गलपासाचा वइरामई आवत्तणपेढिया अंकुत्तरपासए निरंतरिघणकलाडे भित्तीसु चेव भितीगुलिया छप्पन्ना तिष्णि होति गोमाणसिया तत्तिया नानामणिरयणवालरूवगलीलट्ठियसालमंजिया वइरामए कूडे रययामए उससे सव्वतवणिजमए उल्लोए नाणामणिरयणजालपंजरमणिवसंग-लोहितक्ख पडिवंसगरयतभोमे अंकामया पक्खा पक्खबाहाओ जोतिरसामया सा वंसकयेल्लाओ व रपयामईओ पट्टियाओ जायख्वमई ओहाऽडणीओ वइरामईओ उवरिपुंछणीओ सव्वसेतरययामए छादणे अंकमयकणगकूड तवणिजधूभियाए सेते संखतलविमलनिम्मलदधिधण-गोखीर- फेण-रययणिगरप्पगासे तिलगरयणद्धचंदचित्ते नानामणिमयदामालंकिए अंतो बहिं च सण्हे तवणिज्जवालुयापत्थडे सुहफासे सरिसरीयरूवे पासादीए दरिसणिजे अभिरूवे पडिवे
विजयस्स णं दारस्स उभओ पासिं दुहओ निसीहियाए दो-दो वंदनकलसपरिवाडीओ पत्रत्ताओ ते णं बंदनकलसा वरकमलपइट्टाणा सुरभिवरवारिपडिपुन्ना चंदणकयचचागा आविद्धकंटेगुणा पउप्पलपिहाणा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिलवा महता महता महिंदकुंभसमाणा पन्नत्ता समणाउसो विजयस्स णं दारम्स उभओ पासिं दुहओ निसीहिआए दो दो नागदंत
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