Book Title: Agam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 78
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पचित्ति-३, दीव० (१७७) समाए णं सुधम्पाए उत्तरपुरस्थिमेणं एत्य णं महं एगे सिद्धायतणे पन्नते-अद्धतेरस जोयणाई आवामेणं छ जोयणाई सकोसाई विक्खंभेणं नव जोयणाई उड्ढे उच्चत्तेणं जाय गोमाणसिया वत्तव्बया जाचेव सहाए सुहम्माए वत्तव्बया सा चेव निरवसेसाभाणियव्वा तहेव दारा मुहमंडवा पेचडाघरमंडवा झया यूभा चेइयरुक्खा महिंदज्झया नंदाओ पुखरिणीओ सुधष्मासरिसप्पपाणं मणगुलिया दामा गोभाणसी धूवघडियाओं तहेव भूमिमागे उल्लोए य जाब मणिफासो तस्सणं सिद्धायतणस्स बहुपज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगा मणिपेढिया पनत्ता-दो जोयणाई आयामविक्खंभेणंजोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमई अच्छा जाव पडिरूवा तीसे णं मणिपेढियाए उप्पिं एत्थ णं महं एगे देवच्छंदए पनत्ते-दो जोयणाइंआयाम-विक्खंभेणं साइंगाई दो जोयणाई उडुढं उच्चत्तेणं सव्वरयणामए अच्छे जाव पडिम्बे तत्थ णं देवच्छंदए अनुसतं जिनपडिमाणं जिणुस्सेहप्पमाणमैताणं संनिखित्तं चिट्ठइ तासि णं जिनपडिमाणं अवमेवारवे वण्णावासे पन्नत्ते तं जहातवणिजमया हत्यतल-पायतला अंकामवाइं नक्खाई अंतोलोहियक्सप-रिसेयाइंकणगामया पादा कणगामया गोप्फा कणगामईओ जंधाओ कणगामया जाणू कणगामया ऊरू कणगामईओ गायलहीओ तवणिजमईओ नाभीओ रिट्ठामईओ रोमराईओ तवणिजमया चूचुया तवणिजमया सिरिवच्छा कणगमईओ वाहाओ कणगपईओ पासाओ कणगमईओ गीवाओ रिठामए मंसू सिलप्पदालमवा ओठा फालियामया दंता तवणिजमईओ जीहाओ तवणिजमया तालुया कणगमई ओ नासियाओ अंतोलोहितक्खपरिसेयाओ अंकमयाणि अच्छीणि अंतोलोहि- तक्खपरिसेयाई रिडामईओ ताराओ रिटुपयाई अच्छिपत्ताई रिट्ठामईओ भमुहाओ कणगामया कवोला कणपामया सवणा कणगामयनिडालपट्टियाओ वइरामईओ सीसघडीओ तवणिजमईओ केसंतकेसभूमीओ रिट्टामचा उवरिमुद्धजा तासि णं जिनएडिमाणं पिओ पत्तेयं-पत्तेयं छत्तधार- पडिमाओ पनत्ताओ ताओ णं छत्तधारपडिमाओ हिमस्ययकुंदेंदुष्पगासाई सकोरेंटमल्लदामधवलाई आतपताइं सलीलं धारेमाजीओ-धारेमाणीओ चिट्ठति तासि णं जिणपडिमाणं उभओ पासिं दो-दो चामरधारपडिमाओ पत्रत्ताओ ताओ णं चामरधारपडिमाओ चंदप्पह-वइर-वेरुलिव-नाणामणिरयणखचितचित्तदंडाओ सुहमरयतदीहवालाओ संखंक-कुंद-दगाव-अमतमथितफेणजसणिकासाओ धवलाओ चामराओ गहाय सलील वीजेमाणीओ चिट्ठति तासि णं जिनपडिमाणं पुरओ दो-दो नागपडिमाओ दो-दो जक्खपडिमाओ दो-दो भूतपडिमाओ दो-दो कुंडधारपडिमाओ विणयओणयाओ पापवडिवाओपंजलीउडाओ संनिरिखत्ताओ विद्वंति-सब्बरयणामईओ अच्छाओजाव पडिरूवाओतस्थणं देवच्छंदए जिनपडिमाणं पुरओ असतं घंटाणं अट्ठसतं बंदनकलसाणं अट्ठसतं भिगारगाणं एवंआयंसगाणं घालाणं पातीणं सुपतिट्ठकाणं मणगुलियाणं वातकरगाणं चित्ताणं रयणकरंडगाणं हयकंठगाणं [गयकंठगाणं नरकंठगाणं किन्नरकंठगाणं किंपुरिसकंढगाणं महोरगकंठगाणं गंधबकंठगाणं उसभकंठगाणं पुष्फचंगेरीणं एवं मल्ल-चुण्ण-गध-वत्थाभरणचंगेरीणं सिद्धत्थचंगेरीणं लोमहत्यचगरीणं पुप्फपडलगाणं जाव लोमहत्यपडलगाणं सीहासणाणं छत्ताणं चामरामं तेल्लसमुग्गाणं कोहप्तमुगाणं पत्तसमुगाणं चोयसमुग्गाणं तगरसमुग्गाणं एलासपुग्णाणं हरियालसमुगाणं हिंगुलयसमुग्गाणं मणोसिलासमुगाणं अंजणसमुगाणं असयं झवाणं अट्ठसयं] धूवकदुव्छुयाणं संनिक्खित्तं विलृति तस्सणं सिद्धायतणस्स उप्पि वहवे अट्ठमंगलगा झया छत्ताचिछत्ता For Private And Personal Use Only


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