Book Title: Agam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 77
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवाजीवापिगप - ३/दी०/१७५ ताओणं धूवघडियाओ कालागरु-पवरकुंदुरुक-तुरुक-धूवमघमघेतगंधुद्धयाभिरामाओ जाय घाणमणनिव्वुइकरेणं गंधेणं ते पएसे सब्बतो समंताआपूरेमाणीओ-आपूरेमाणीओ सिरीए अतीवअतीव उवसोभेमाणीओ-उवप्तोभेमाणीओ चिटुंति सभाए णं सुधम्माए अंतो बहुसमरणिले भूमिभागे पत्रत्ते जाव मणीणं फासो उल्लोए परमल-याभत्तिचित्ते जाव सव्वतवणिज्जमए अचअछे जाव पडिलवे।१३८1-137 (१७६) तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगा मणिपेढिया पत्रता सा णं पणिपेढिया दो जोयणाई आयाम-विक्खंभेणं जोयणं बाहल्लेणं सब्वमणिमई अच्छा जाव पडिरूवा तीसेकमणिपेढियाए उप्पिं एस्थ णं महं एगे माणयए नाम चेइवखंभे पत्रत्ते अद्धटुमाइं जोयणाई उड्ढं उच्चत्तेणं अद्धकोसं उव्येहेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं छकोडीए छलसे छविग्गहिते वइरामयचट्टलहसंठिय-सुसिलिट्ठपरिघटुमसुपतिहिते एवं जहा हिंदल्झयस्स वण्णणो जाव पडिरूवे तस्स णं पाणयकस्स चेतियखंभस्स उवार छक्कोसे ओगाहित्ता हेट्ठावि छक्कोसे वज्जेत्ता पन्झे अद्धपंचमेसु जोचणेसु एत्य णं बहवे सुवण्णरुप्पमया फलगा पन्नत्ता तेसुणं सुवण्णरुप्पमएसु फलएसु बहवे वइरामया नागदंता पनत्ता तेसुणं बरामएसु नागदंतएसु बहवे रययामया सिक्कगा पनत्ता तेसुणं रययामयसिक्कएसु बहवे वइरामया गोलबट्टसमुग्गका पत्ता तेसुणं वइरामएम गोलवसमुग्गएसु बहुयाओ जिण-सकहाओ संनिक्खित्ताओ चिट्ठति जाओणं विजयस्स देवस्स अण्णेसिं च चहणं वाणमंतराणं देवाण य देवीणं य अच्चणिजाओ वंदणिज्जाओ जाव पजुवासणिज्जाओ पाणवगस्सणं चेतियखंभस्स उयरिं अष्टमंगलगा झया छत्तातिछत्ता तस्स णं माणव- कस्स वेतियखंभस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं महं एगा मणिपेढिया पत्रत्ता साणे मणिपेढिया जोयणं आयाम-विक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सबमणिमई अच्छा जाव पडिरूवा तीसे णं मणिपेढियाए उप्पिं एत्य णं महं एगे सीहासणे पन्नत्ते सपरिवारे तस्स णं माणवगस्स चेतियखंभस्स पच्चत्यिमेणं एत्थ णं महं एगा मणिपेढिया पन्नत्ता-जोयणं आयाम-विक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमई अच्छा जाव पडिरूवा तीसे णं मणिपेढिया उपिं एत्थ णं महं एगे देवसयणिज्जे पन्नत्ते तस्स णं देवसयणिज्जस्स अचमेयासवे वण्णायासे पन्नत्ते तं जहा-नाणामणिमया पडिपादा सोवग्णिया पादा नाणामणिमया पायसीसा जंदूनयमयाई गत्ताई वइरामया संधी नानामणिमए वेचे रययामई तूली लोहियक्खमया विब्बोयणा तवणिजमई गंडोवहाणिया से णं देवसयणिज्जे सालिंगणवट्टिए उभओ बिब्बोयणे दुहओ उण्णए मज्मे नवगंभीर गंगापुलिणवालुया उद्धालसालिसए ओयवियखोमदुगुलपट्ट-पइिच्छयणे आइणगरुत-बूर-नवणीयतूलफासे सुविरइयरयत्ताणे रत्तंसुयसंबुते सुरम्मे पासाईए दरिसणिज्ने अभिरूवे पडिरूवे तस्सणं देवसयणिज्जस्स उत्तरपुरस्थिमेणं एत्यणं महं एगा मणिपेढिया पन्नत्ता-जोयणमेगं आयाम-विक्खंभेणं अद्धजोयणं याहलेणं सव्वमणिमई अच्छा जाव पडिरूवा तीसे णं मणिपेढियाए उप्पि एत्य णंखुए महिंदज्झए पन्नत्ते पपाणं वण्णओ जो महिंदज्झयस्स तस्स णं खुडुमहिंदज्झयस्स पञ्चत्थिमेणं एत्थ णं विजयस्त देवस्स महंएगे चोप्पाले नाम पहरणकोसे पन्नत्ते-सव्ववइरामए अच्छे जाव पडिरूवे तत्य णं विजयस्स देवस्स दहवे फलिहरयणपामोक्खा पहरणरयणा संनिक्खित्ता चिटुंति-उजला सुणिसिया सुतिक्खधारा पासाईया दरितणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा तीसे णं समाए सुहम्माए उप्पिं वहवे अट्ठपंगलगा झया छत्तातिष्ठता ।१३९।-138 For Private And Personal Use Only

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