Book Title: Agam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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पडिवत्ति-२ चम्मपक्खीओ जाव विततपक्खीओ सेत्तं खहयरीओ सेत्रांतिरिक्खजोणित्थीओ।
से किं तं मणुस्सित्थियाओ मणुस्सिस्थियाओ तिविहाओ पत्रत्ताओ तं जहा कम्मभूमयाओ अकम्पभूमियाओ अंतरदीवियाओ से किं तं अंतरदीवियाओ अंतरदीवियाओ अट्ठावीसइविहाओ पन्नत्ताओ तं जहा-एगुरुइयाओ आभासियाओ जाव सुद्धदंताओ सेत्तं अंदरदीवियाओ से किं तं अकम्मभूमियाओ अकस्मभूमियाओ तीसतिविहाओ पन्नत्ताओ तं जहा-पंचसु हेमवएसु पंचसु एरण्णवएसु पंचसु हरिवासेसु पंचसु रम्मगवासेसु पंचसु देवकुरासु पंचसु उत्तरकुसारूंसेत्तं अकम्मभूमियाओसे किंतंकम्मभूमियाओ कम्मभूमियाओ पन्नरसविहाओ पन्नताओ तं जहा-पंचस भरहेस् पंचसु एवएसु पंचसु महाविदेहेसु सेत्तं कम्मभूमगमणुस्सित्थीओ सेतं मणुस्सित्थीओ, से कि तं देवित्थियाओ देवित्थियाओ चव्दिहाओ मन्नत्ताओ तं जहाभवणवासिदेवित्थियाओ वाणमंतरदेवित्थिवाओ जोइसियदेवित्थियाओ वेमाणियदेवित्थियाओ से किं तं भवणवासिदेवित्थियाओ भवणवासिदेविस्थियाओ दसविहाओ पनत्ताओ तं जहा-असुरकुमारभवणासिदेवित्थियाओ जाव धणियकुमारभवणवासिदेविस्थियाओ से तं भवणवासिदेविस्थयाओ से किं तं वाणमंतरदेवित्थियाओ वाणमंतरदेवित्थियाओ अट्टविहाओ पन्नताओ तं जहा-पिसायवाणमंतरदेविस्थिवाओ जाव गंधच्यवाणमंतरदेवित्थियाओ से तं वाणमंतरदेवित्थियाओ से किं तं जोइसियदेवित्थियाओ जोइसिवदेवित्थयाओ पंचविहाओ पन्नत्ताओ तं जहा-चंदविमाणजोइसियदेवित्थियाओ सूर-गहनखत ताराविमाणजोइसिय देविस्थियाओ सेत्तं जोइसियदेवित्थियाओ से किं तं वेमाणियदेविस्थियाओ वेमाणियदेवित्थियाओ दुविहाओ पन्नत्ताओ तं जहा-सोहम्मकप्पवेमाणियदेवित्थियाओ ईसाण- कप्पवेमाणियदेवित्थियाओ सेत्तं वेमाणिय-देविस्थावाओ।४६।-45
(५४) इत्थीणं भंते केवतियं काले ठिती पत्रत्ता गोयमा एगेणं आदेसेणं-जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पणपन्न पलिओवमाई एक्केणं आदेसेणं-जहन्नेणं अंतोमुहुरा उक्को सेणं नव पलिओयमाई एगेणं आदेसेणं जहण्णेणं अंतोमुहु उक्कोसेणं सत्त पलिओवमाई एगेणं आदेसेणंजहन्नेणं अंतीमुहुत्तं उक्कोसेणं पन्नासं पलिओवमाई।१७।-46
(५५) तिरिक्खजोणिस्थीणं भंते केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता गोयमा जहन्नेणं अंतोमहतं उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाई जलयरतिरिक्खजोणित्थीणं भंते केवत्तियं कालं ठिती पनत्ता गोयमा जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुष्बकोडी चउप्पयथलवरतिरिक्खजोणिस्थीर्ण भंते केवतिचं कालं ठिती पत्रत्ता गोवमा जहा तिरिक्खजोणिस्थीओ, उरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणित्थीणं भंते केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता योयमा जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुकोडी एवं भुवपरिसप्पतिरिक्खजोणिस्थीओ एवं खहयरतिरिक्खित्थीणं जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उककोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागो मणुस्सित्थीणं भंते केवतियं कालं ठिती पत्रत्ता गोयमा खेत्तं पडुच्च जहन्नेणं अंतीमुहत्तं उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाइं धम्मचरणं पडुच जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं देसूणा पुव्यकोडी कम्मभूमयमणुस्सित्थीणं भंते केवतियं कालं ठिती पत्नत्ता गोयमा खेत्तं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिणिपलिओक्माइंधम्मचरणं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमुत्तं उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी भरहेरवयकम्मभूमगमणुस्सिस्थीणं भंते केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता गोयमा खेत्तं पञ्च जहणेणं अंतोमुहुरा उक्कोसेणंतिणि पलिओवमाइंधम्मचरणं पडुच्च जहपणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी, पुवविदेहअवरविदेहकम्मभूमगमणुस्सिीणं भंते केवतियं
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