Book Title: Agam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 29
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org २० Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवाजीवराभिगम - २ /-/ ६४ देवपुरिसा असंखेज्जगुणा उचरिमगेविजदेवपुरिसा संखेज्जगुणा मज्झिमगेविजदेवपुरिसा संखेजगुणा मिविजदेवपुरिसा संखेजगुणा अच्यकप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा जाव आणतकप्पे देवपुरिसा गुणा सहस्सारे कप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा महासुक्के कष्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा जाव माहिंदे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा सणकुमारकप्पे देवुरिसा असंखेज्जगुणा ईसाणकप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा सोधम्मे कप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा भवणवासिदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा खहयरतिरिक्खजोगियपुरिसा असंखेज्जगुणा थलवर तिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा जलचरतिरिक्खजोणिय असंखेअगुणा थलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा जलयतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा वाणमंतर देवपुरिसा संखेज्जगुणा जोतिसियदेवपुरिसा संखेखगुणा । ५७/-56 (६५) पुरिसवेदस्स णं भंते केवतियं कालं बंधद्विती प. गोयमा जहन्नेणं अट्ठ संवच्छराणि उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडी ओ दसवाससयाई अबाहा अबाहूणिया कम्मट्ठीती कम्मणिसेओ, पुरिसवेदे णं भंते किंपकारे पत्रत्ते गोयमा दवग्गिजालसमाणे पन्नत्ते सेत्तं पुरिस १५८1-57 (६६ ) से किं तं नपुंसगा नपुंसगा तिविहा पन्नत्ता तं जहा - नेरइयनपुंसगा तिरिक्खजोणियनपुंसगा मगुस्सजोणियनपुंसगा से किं तं नेरइयनपुसंगा नेरइयनपुंसगा जाब अधेसत्तमपुढविनेरइयनपुंसगा से किं तं तिरिक्खजोणियनपुंसगा तिरिक्खजोणियनपुंसगा पंचविधा पत्रत्ता तं जहाएर्गिदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा से किं तं एगिंदि-यतिरिक्खजोणियनपुंसगा एगिंदियतिरिक्खजोणिवनपुंसगा पंचविधा पन्नता तं जहा पुढविकाइया जाव वणस्सतिकाइया से तं एगिंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा से किं तं बेइंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा वेइंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा अनेगविधा पत्रत्ता से तं बेइंदियतिरिक्खजोणिया, एवं तेइंदियावी चउरिदिवावि, से किं तं पंचेदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा पंचेंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा तिविधा पत्ता तं जहा जलयरा बलयरा खहयरा से किं तं जलयरा जलयरा सो चेव इस्थिभेदो आसालियसहितो भाणियव्वो से तं पंचेंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा से किं तं मणुस्सनपुंसगा मणुस्सनपुंसगा तिविधा पत्रत्ता तं जहा- कम्मभूमगा अकम्म-भूमगा अंतरदीवगा मेदो भाणियव्वा । ५१/- 58 (६७) नपुंसगस्स णं भंते केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता गोयमा जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसे तेत्तीस सागरोवमाई नेरइयनपुंसगस्स णं भंते केवतियं कालं ठिती पत्रत्ता गोयमा जहन्नेणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं तेतीसं सागरीवभावं सव्वेसि ठिती भाणियव्वा जाव अधेसत्तमापुढविनेरइया तिरिक्खजोणियनपुंसगस्स णं भंते केवतियं कालं ठिती पत्रत्ता गोवमा जहणणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी एगिदियतिरिक्खजोगियनपुंसगस्स जहणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई पुढविकाइयएगिंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगस्स जहण्णेणं अंतोमुहुतं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साइं सव्वेसि एगिदियनपुंसगाणं ठिती भाणियंव्या बेईदियतेइंदियचउरिदियनपुंसगाणं ठिती भाणितव्या गोयमा जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी एवं जलयरतिरिक्खजोणियनपुंसग चउप्पदधलयर- उरगपरि सम्पभुयगपरिसप्प खहयरतिरिक्खजोणियनपुंसगस्स सव्येसिं जहणेणं अंतोमुहुतं उक्कोसेणं पुव्यकोडी मणुस्सना पुंसगस्स णं भंते केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता गोयमा खेत्तं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुच्चकोडी धम्मचरणं पडुन जहणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं देसूणा पुव्यकोडी कम्मभूमगभरहेरवयपुव्वविदेह-अवरविदेहमणुस्सनपुसंगतवि तहेब अकम्पभूमग मणुस्सनपुंसगस्स जम्मणं पडुच For Private And Personal Use Only

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