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द्विवेदीजो का सम्पूर्ण साहित्य [ ६३
५. हिन्दी-भाषा की उत्पत्ति : इण्डियन प्रेस, इलाहाबाद द्वारा सन् १९०० ई० में ही प्रस्तुत पुस्तक का भी प्रकाशन हुआ था। १६ सें० आकार में ९६ पृष्ठों की इस पुस्तक में हिन्दी-भाषा का प्रारम्भिक व्याकरण-विषयक विवेचन है।
६. सम्पत्तिशास्त्र : अँगरेजी, मराठी, बँगला आदि की कुछ पुस्तकों से सहायता लेकर द्विवेदीजी ने सम्पत्ति के स्वरूप, विनिमय, वितरण, बैंकिंग, उपभोग आदि से सम्बद्ध कतिपय निबन्ध लिखे थे, जो सबसे पहले 'सरस्वती' में तथा 'आरा-नागरीप्रचारिणी सभा-पत्रिका' में छपे। इन्हीं निबन्धों को व्यवस्थित पुस्तकाकार देकर सम्पत्तिशास्त्र' के नाम से इण्डियन प्रेस, इलाहाबाद ने सन् १९०८ ई० में प्रकाशित किया। इस पुस्तक की भूमिका सन् १९०७ ई० में लिखी गई थी। ३६६ पृष्ठों की २५ सें. आकार में छपी अर्थशास्त्र की यह सचित्र पुस्तक अपने समय में इस विषय की अकेली थी।
७. कालिदास की निरंकुशता : महाकवि कालिदास के ऊपर लिखी गई यह समालोचना सन् १९११ ई० में इलाहाबाद के इण्डियन प्रेस द्वारा प्रकाशित हुई थी। १६ सें० आकार में छपी ८८ पृष्ठों की इस पुस्तक का आलोचना की दृष्टि से महत्त्व है।
८. नाट्यशास्त्र : नाटकों के सम्बन्ध में लिखा गया द्विवेदीजी का यह ग्रन्थ इण्डियन प्रेस, इलाहाबाद द्वारा सन् १९११ ई० में प्रकाशित किया गया। परन्तु, इसका लेखन सन् १९०३ ई० में ही समाप्त हो गया था। ५९ पृष्ठों की यह पुस्तक २१ सें. आकार में छपी है।
९. प्राचीन कवि और पण्डित : जूही (कानपुर)-स्थित कमर्शियल प्रेस द्वारा इस पुस्तक का प्रकाशन सन् १९१८ ई० में हुआ था। यह पुस्तक मूलतः 'सरस्वती' में प्रकाशित आठ प्राचीन विद्वानों के सम्बन्ध में लिखे गये लेखों का संग्रह है।
१०. वनिता-विलास : जूही (कानपुर) के कमर्शियल प्रेस द्वारा ही ८४ पृष्ठों इस पुस्तक का भी प्रकाशन सन् १९१९ ई० में हुआ था। द्विवेदीजी ने 'सरस्वती' में देश-विदेश की ख्यातिलब्ध नारियों के विभिन्न जीवनचरित प्रकाशित किये थे। उन्हीं में से १२ लेखों का संग्रह इस १८ सें० आकार में छपी पुस्तक में हुआ है।
११. कालिदास : राष्ट्रीय हिन्दी-मन्दिर (जबलपुर) से प्रकाशित इस पुस्तक में कालिदास-सन्बन्धी ६ लेख हैं । २३५ पृष्ठों की १८ सें० आकार में छपी इस पुस्तक का प्रकाशन सन् १९२० ई० में हुआ था।
१२. कालिदास और उनकी कविता : सन् १९२० ई० में ही राष्ट्रीय हिन्दीमन्दिर (जबलपुर) द्वारा इस पुस्तक का भी प्रकाशन हुआ था। इसमें 'सरस्वती' में प्रकाशित कतिपय लेख संगृहीत हैं।