Book Title: Aagam Manjusha 05 Angsuttam Mool 05 Bhagavati
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः On Line – आगममंजूषा [५] भगवई * संकलन एवं प्रस्तुतकर्ता * मुनि दीपरत्नसागर (IM.Com, M.Ed, Ph.D. Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ || किंचित् प्रास्ताविकम् || ये आगम-मंजूषा का संपादन आजसे ७० वर्ष पूर्व अर्थात् वीर संवत २४६८, विक्रम संवत-१९९८, ई.स.1942 के दौरान हुआ था, जिनका संपादन पूज्य आगमोद्धारक आचार्यश्री आनंदसागरसरिजी म.सा.ने किया था| आज तक उन्ही के प्रस्थापित-मार्ग की रोशनी में सब अपनी-अपनी दिशाएँ ढूंढते आगे बढ़ रहे हैं। हम ७० साल के बाद आज ई.स.-2012,विक्रम संवत-२०६८,वीर संवत-२५३८ में वो ही आगम-मंजूषा को कुछ उपयोगी परिवर्तनों के साथ इंटरनेट के माध्यम से सर्वथा सर्वप्रथम “ OnLine-आगममंजूषा ” नाम से प्रस्तुत कर रहे हैं। * मूल आगम-मंजूषा के संपादन की किंचित् भिन्नता का स्वीकार * [१]आवश्यक सूत्र-(आगम-४०) में केवल मूल सूत्र नहीं है, मूल सूत्रों के साथ नियुक्ति भी सामिल की गई है। [२]जीतकल्प सूत्र-(आगम-३८) में भी केवल मूल सूत्र नहीं है, मूलसूत्रों के साथ भाष्य भी सामिल किया है। [३]जीतकल्प सूत्र-(आगम-३८) का वैकल्पिक सूत्र जो “पंचकल्प” है, उनके भाष्य को यहाँ सामिल किया गया tic [४] “ओघनियुक्ति”-(आगम-४१) के वैकल्पिक आगम “पिंडनियुक्ति” को यहाँ समाविष्ट तो किया है, लेकिन उनका मुद्रण-स्थान बदल गया है। [५] “कल्प(बारसा)सूत्र” को भी मूल आगममंजूषा में सामिल किया गया है। -मुनि दीपरत्नसागर मुनि दीपरतसागर : Address: Mnui Deepratnasagar, MangalDeep society, Opp.DholeshwarMandir, POST:- THANGADH Dist.surendranagar. Mobile:-9825967397 jainmunideepratnasagar@gmail.com Online-आगममंजूषा Date:-12/11/2012 Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमो अर (रि, रुपा ) हंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए पा० )सव्वसाहूणं १ णमो बंभीए लिवीए २ रायगिह चलण २ दुक्खे २ कंखपओसे ३ य पगइ ४ श्रीभगवतीसूत्रम् - पुढवीओ '५ । जावंते ६ नेरइए ७ वाले ८ गुरुए ९ य चलणाओ १० ॥ १॥ नमो सुयस्स । ३ । तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नाम नयरे होत्या. वण्णओ. तस्स णं रायगिहस्स नगरस् उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए गुणसिलए नामं चेइए होत्था, सेणिए राया. चणा देवी । ४। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तिन्थगरे सहसंबुद्धे पुरिसत्तमे पुरिससीहे पुरिसवरपुंडरीए पुरिसवरगंधहस्थी लोगुन लोगनाहे (प्र= लोगहिए) लोगप्पदीचे लोगपज्जोयगरे अभयदए चक्खुदए मग्गदए सरणदए (प्र० बोहिदए धम्मदए ) धम्मदेसए (धम्मनायगे प्र०) धम्मसारहीए धम्मवरचाउरंतचकवट्टी अप्पडिहयवरनाणदंसणधरे वियच्छउमे जिणे जाण( प्र व ) ए० बुद्धे बोहए मुत्ने मोयए सव्यन्न् सव्वदरिसी सिवमय मरुयमणतमवयमव्वाबाहमपुणरावत्तयं सिद्धिगइनामधेयं ठाणं संपाविडकामे जाव समोसरणं । ५। परिसा निग्गया. धम्मो कहिओ. परिसा पडिगया । ६ । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूती नाम अणगारे गोयमसगोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंसठाणसंठिए वज्जरि सहनारायसंघयणे कणगपूलगणिघसपम्हगोरे उम्गतवे दित्ततवे तत्ततवे महातवे ओराले घोरे घोरगुणे घोरतवस्सी घोरचंभचेरवासी उच्छूढसरीरे (सरीर)संखित्तविउलतेयलेसे चोहसपुथ्वी चउनाणोवगए सच्वक्खरसन्निवाई समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते उटजाणू अहोसिरे झाणकोडोचगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भाषेमाणे विहरइ । ७। तए णं से भगवं गोयमे जायसड़ढे जायसंसए जायको उहले उप्पन्नसड्ढे उप्पन्नसंसए उप्पन्नकोउहले संजायसड्डे संजायसंसए संजायको उहले समुप्पन्नमढे समुत्पन्नसंसए समुप्पनकोउहाले उडाए उगेइ त्ता जेणेव समणे भगवं महावीरें तेणेव उवागच्छ ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुतो आयाहिण पयाहिणं करेइत्ता बंदइ नमसइ त्ता णचासन्ने गाइदूरे सुस्स्समाणे णमंसमाणे अभिमुहे विणणं पंजलिउडे पञ्चवासमाणे एवं वयासी-से नृणं भंते! चलमाणे चलिए उदीरिजमाणे उदीरिए वेइजमाणे वेइए पहिज्रमाणे पहीणे छिजमाणे छिन्ने भिमाणे भिन्ने उज्झमाणे दहढे मिजमाणे मए निजरिजमाणे निजिने ?, हंता गोयमा ! चलमाणे चलिए जात्र णिज्जरिज्जमाणे णिजिष्णे । ८। एए णं भंते! नव पया किं एगडा गाणाघोसा नाणावंजणा उदाहु नाणट्टा नाणाघोसा नाणावंजणा ?, गोयमा ! चलमाणे चलिए उदीरिजमाणे उदीरिए बेइज्जमाणे वेइए पहिज्रमाणे पहीणे. ते एए णं चत्तारि पया एगट्टा नाणाघोसा नाणावंजणा उत्पन्नपक्वस्स, छिजमाणे छिन्ने भिमाणे भिन्ने इज्झमाणे दड्ढे मिजमाणे मडे निज्जरिजमाणे निजिण्णे, एए णं पंच पया णाणाद्वा नाणाघोसा नाणावंजणा विगयपक्त्रस्स । ९। नेरइयाणं भंते! केवइकालं ठिई पं० १, गोयमा जहन्त्रेणं दस बाससहस्साई उकोसेणं तेत्तीस सागरोवमाई ठिई पं०. नेरइयाणं भंते! केवइकालस्स आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंनिवा १५९ श्रीभगवत्यंग - स-१ मुनि दीपरत्नसागर Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SAROVASACHCHEMSPICARPEACPGARBPHDARPENERANSFRACHCHASHIONASHIRIPTEMBNARSIONAGHILARION णीससंति वा ?, जहा ऊसासपए, नेसया णं भंते ! आहारट्ठी ?, जहा पनवणाए पढमए आहारुहेसए तहा भाणियव्यं 'ठिई उस्सासाहारे किं वाऽऽहारेंति ३६ सव्वओ वावि ३७। कतिभागं ? ३८ सव्वाणि व ३९ कीस व मुजो परिणमंति? ॥२॥१०॥ नेहयाणं भंते! किं पुडाहारिया पोग्गला परिणया? आहारिया आहारिजमाणा पोग्गला परिणया? अणाहारिया आहारिजिस्समाणा पोग्गला परिणया?, अणाहारिया अणाहारिजिस्समाणा पोग्गला परिणया?, गोयमा! नेरइयाणं पुछाहारिया पोग्गला परिणया आहारिया आहारिजमाणा पोग्गला परिणया परिणमंति य अणाहारिया आहारिजिस्ममाणा पोग्गला नो परिणया परिणमिस्संति अणाहारिया अणाहारिजिस्ममाणा पोग्गला नो परिणता णो परिणमिस्सति । ११ । नेरइयाणं भंते ! पुवाहारिया पोग्गला चिया पुच्छा, जहा परिणया तहा चियावि, एवं उवचिया उदीरिया वेइया निजिन्ना, 'परिणय चिया उवचिय उदीरिया वेइया य निजिन्ना। एकेकंमि पदमि चउचिहा पोग्गला होति ॥३॥१२। नेरइयाणं भंते! कइविहा पोग्गला भिजति?, गोयमा! कम्मदधवग्गणमहिकिच दुविहा पोग्गला भिजति,तं०-अणु चेव चायरा चेव, नेरइयाणं भंते ! कतिविहा पोग्गला चिजति?, गोयमा! आहारदशवग्गणमहिकिच दुविहा पोग्गला चिजंति, तं०-अणू चेव चायरा चेव, एवं उवविज्जति, नेर० क. पो. उदीरैति?, गोयमा ! कम्मदववम्गणमहिकिच दुविहे पोग्गले उदीरैति, नं०-अणू चेव बायरा चेव, सेसावि एवं चेव भाणियथा, एवं वेदेति निजरेंति उयहिंसु उव्वदृति उव्वहिस्संति संकार्मिसु संकामेति संकाभिस्संति निहर्तिमु निहतेंति निहत्तिस्मंति निकायंसु निकायंति निकाइस्संति १८, सब्वेसुवि कम्मदव्ववम्गणमहिकिब 'भेइय चिया उवचिया उदीरिया बेइया य निजिना । ओयट्टण संकामण निहत्तण निकायणे तिविह कालो ॥४॥१३ । नेरइयाणं भंते ! जे पोग्गले. तेयाकम्मत्ताए गेण्डंति ते कितीतकालसमए गेहंति ? पडु(प० चुप्पचकालसमए गेष्हंति ? अणागयकालसमए गेहंति?, गोयमा ! नो तीयकालसमए गेण्हंति पडुप्पन्नकालसमए-गेहंति नो अणा समए गिडंति, नेरइयाणं भंते! जे पोग्गला तेयाकम्मत्ताए गहिए उदीरेंति ते किं तीयकालसमयगहिए पोग्गले | उदीरति पड़प्पाकालसमए घप्पमाणे पोग्गले उदीरति गहणसमयपरक्खडे पोग्गले उदीति', गायमा! अतीयकालसमयगहिए पोग्गले उदीरीति नो पटुप्पन्नक समयपरक्खडे पोग्गले उदीरैति?.गोयमा! अतीयकालसमयगहिए पोग्गले उदीरेंति नो पढ़प्पन्नकालसमए घेप्पमाणे पोग्गले उदीरेंति नो गहणसमयपुरक्खडे पोग्गले उदीरेति एवं वेदेति निजरेति ।१४। नेरइयाणं भंते ! जीवाओ किं चलियं कम्म बंधति अचलिय कम्मं बंधति?, गोयमा! नो चलियं कम्मं बंधति अचलियं कर्म बंधति, नेरइयाणं भंते ! जीवाओ कि चलियं कम्मं उदीरति अचलियं कम्मं उदीरेंति ?, गोयमा! नो चलियं कम्मं उदीरति अचलियं कम्मं उदीरेंति, एवं वेदेति उयडेति संकामेति निहतंति निकायति, सम्बेसु अचलियं, नो चलियं, नेरइयाणं भंते ! जीवाओ कि चलियं कम्मं निजरेंति अचलियं कम्मं निजरेंति ?, गोयमा! चलियं कम्मं निजरेंति नो अचलियं कम्मं निजरेंति 'बंधोदयवेदोयट्टसंकमे तह निहत्तणनिकाये। अचलियं कम्मं तु भवे चलियं जीवाउ निजरए ॥५॥१५॥ एवं ठिई आहारो य भाणियब्यो, ठिती जहा ठितिपदे तहा भाणियब्वा सब्बजीवाणं, आहारोऽवि जहा पन्नवणाए पढमे आहारुहेसए तहा भाणियब्बो, एत्तो आढत्तो-नेरइयाणं भंते! आहारट्ठी? जाव दुक्खत्ताए भुजो मुजो परिणमंति', गोयमा !०, असुरकुमाराणं भंते! केवइयं कालं ठिई पं०?. जइनेणं दस वाससहस्साई उक्कोसेणं सातिरेगं सागरोवमं, असुरकुमाराणं मंते ! केवइयं कालस्स आणमंति वा पाणमंति वा०?. गोयमा! जहनेणं सत्तण्डं थोवाणं उक्कोसेणं साइरेगस्स पक्खस्स आणमंति वा पाणमंति वा०, असुरकुमाराणं भंते ! आहारट्टी ?, हंता आहारट्ठी, असुरकुमागणं भंते ! केवइकालस्स आहारट्टे समुप्पज्जइ ?, गोयमा ! असुरकुमाराणं दुविहे आहारे पं० त०-आभोगनिवत्तिए य अणाभागनिवत्तिए य, तत्थ ण जे से अणाभोगनियत्तिए से अणसमयं अविरहिए आहारट्ठे समप्पजइ, तत्य णं जे से आभोगनियत्तिए से जहनेणं चउत्थभत्तस्स उक्कोसेणं साइरेगस्त वाससहस्सस्स, असुरकुमाराणं भंते ! किमाहारमाहारेंति?,गोयमा! दबओ अणंतपएसियाई दवाई खित्तकालभाव पनवणागमेणं, सेसं जहा नेरइयाणं जाव ते णं तेसिं पोग्गला कीसत्ताए भुजो भुज्जो परिणमंति?, गोयमा!० सोइंदियत्ताए सुरुवत्ताए सुवमत्ताए ४ इहत्ताए इच्छियत्ताए भिजियताए उड्ढत्ताए णो अहत्ताए मुद्दत्ताए णो दुहत्ताए भुजो मुज्जो परिणमंति, असुरकुमाराणं पुवाहारिया पुग्गला परिणया असुरकुमाराभिलावेणं जहा नेरइयाणं जाव नो अचलियं कम्मं निजरंति, नागकुमाराणं भंते ! केवइयं कालं ठिती पं०?, गोयमा! जहन्नेणं दस वाससहस्साई उक्कोसेणं देसूणाई दो पलिओवमाई, नागकुमाराणं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा पा०?, गोयमा! जहन्नेणं सत्तण्हं योवाणं उक्कोसेणं मुहुत्तपुहुत्तस्स आणमंति वा पा०, नागकुमाराणं आहारट्ठी?, हंता आहारट्ठी, नागकुमाराणं भंते ! केवइकालस्स आहारट्टे समुप्पजइ?, गोयमा! नागकुमाराणं दुविहे आहारे पं० २०-आभोगनिव्वत्तिए य अणाभोगनिव्यत्तिए य, तत्य णं जे से अणाभोगनिव्वत्तिए से अणुसमयमविरहिए, तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिए से जहन्नेणं चउत्थभत्तस्स उक्कोसेणं दिवसपुहुत्तस्स, सेसं जहा असुरकुमाराणं जाव नो अचलिय कम्मं निजरंति, एवं सुवन्नकुमाराणवि जाव थणियकुमाराणति । पुढवि-5 काइयाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पं०?, गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उकोसेणं बावीस वाससहस्साई, पुढविक्काइया केवइकालस्स आणमंति वा पा०?, गो०! वेमायं आणमंति वा पा०?, पुढविक्काइया आहारट्ठी?, हंता आहारट्ठी, पुढविकाइयाणं केवइकालस्स आहारट्टे समुप्पज्जइ,गोयमा ! अणुसमयं अविरहिए आहारट्टे समुप्पज्जइ, पुढविक्काइया किमाहारैति?, गोयमा ! दवओ जहा नेरइयाणं जाव निव्वाघाएणं छहिसिं वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं सिय चउदिसिं सिय पंचदिसिं, वन्नओ कालनीलपीतलोहियहालिहसुक्किाडाणि, गंधओ सुरभिगंध२ रसओ तित्त ५ फासओ कक्खड ८ सेसं तहेव, णाणत्तं कहभागं आहारैति? कइभागं फासाइंति ?, गोयमा! असंखिज्जइभागं आहारैति अणंतभागं फासाइंति जाव तेसिं पोग्गला कीसत्ताए भुजो भुजो परिणमंति?, गोयमा! फासिदियवेमायत्ताए भुजो मुजो परिणमंति, सेसं जहा नेरइयाणं जाव नो अचलियं कम्मं निजरंति, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, नवरं ठिती वन्नेयब्वा जाव (इया) जस्स, उस्सासो वेमायाए । बेइंदियाणं ठिई भाणियव्या, ऊसासो वेमायाए, बेइंदियाणं आहारे पुच्छा, गोयमा! आभोगनिव्वत्तिए य अणाभोगनिव्वत्तिए य नहेच, तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिए से णं असंखेजसमए अंतोमुहुत्तिए वेमायाए आहारट्टे समुप्पज्जा, सेसं तहेब जाव अर्णतभागं आसायंति, बेइंदियाणं भंते! जे पोग्गले आहारत्ताए गेहति ते किं सवे आहारैति णो सवे आहारंति?, गोयमा! बेइंदियाणं दुविहे. ५० तं०लोमाहारे पक्खेवाहारे य, जे पोग्गले लोमाहारत्ताए गिण्डंति ते सजे अपरिसेसिए आहारैति, जे पोग्गले पक्खेवाहारत्ताए गिडंति तेसिं णं पोग्गलाणं असंखिज्जइभागं आहारैति अणेगाई च णं भागसहस्साई अणासाइ-(४०) १६० श्रीभगवत्यंग - सन मुनि दीपरत्नसागर HOPCHAOPENABPOARANICHROMCHRIPARMSPRIMINSPICMASPICSSYCHOTSAPPESAP8428HICHSPAPARSHURAIRS - Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जमाणाइं अफासिज्जमाणाइं विद्वंसमागच्छंति, एएसिं णं भंते! पोग्गलाणं अणासाइजमाणाणं अफासाइजमाणाण य कयरे कयरे अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सबत्थोवा पुग्गला अणासाइजमाणा अफासाइज्जमाणा अणंतगुणा, बेइंदियाणं भंते! जे पोग्गला आहारत्ताए गिव्हंति ते णं तेसिं पुग्गला कीसत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति ?, गोयमा ! जिब्भिदियफासिंदियवेमायत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति, बेइंदियाणं भंते! पुष्ठाहारिया पुग्गला परिणया तब जाब चलिये कम्मं निज्जरंति, तेइदियचउरिंदियाणं णाणत्तं ठिईए जाव णेगाई च णं भागसहस्साई अणाघाइजमाणाइं अणासाइजमाणाई अफासाइजमाणाई विद्वंसमागच्छंति, एएसि णं भंते! पोग्गलाणं अणाघाइजमाणाणं ३ पुच्छा, गोयमा ! सव्वत्थोवा पोम्गला अणाघाइजमाणा अणासाइजमाणा अनंतगुणा अफासाइज्जमाणा अनंतगुणा, तेइंदियाणं पाणिदियजिन्भिदियफासिंदियवेमायाए भुज्जो २ परिणमंति चउरिंदियाणं चक्खिदियघाणिदियजिम्मिदियफासिंदियत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति, पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं ठिई भणिऊणं ऊसासो बेमायाए, आहारो अणाभोगनिव्वत्तिओ अणुसमयं अविरहिओ, आभोगनिव्यत्तिओ जहन्नेणं अंतोमुत्तस्स उकोसेणं छट्टभत्तस्स, सेसं जहा चउरिंदियाणं जाव चलियं कम्मं निजति, एवं मणुस्साणवि, नवरं आभोगनिव्वत्तिओ जहन्नेणं अंतोमुहुतं उक्कोसेणं अनुमभत्तस्स सोइंदियवेमायत्ताए भुज्जो भुजो परिणमंति सेसं जहा चउरिंदियाणं तहेब जाव निज्जति, वाणमंतराणं ठिईए नाणत्तं परिणमंति अक्सेस जहा नागकुमाराणं, एवं जोइसियाणवि, नवरं उस्सासो जहन्नेणं मुहुत्तपुहत्तस्स उक्कोसेणवि मुहुत्तपुहुत्तस्स, आहा जणं दिवसपुहुत्तस्स उकोसेणवि दिवसपुत्तस्स सेसं तहेब, वेमाणियाणं ठिई भाणियव्वा ओहिया, ऊसासो जहन्त्रेणं महत्तपुहुत्तस्स उक्कोसेणं तेतीसाए पक्खाणं, आहारो आभोगनिव्वत्तिओ जहत्रेणं दिवसपुहुत्तस्स उक्कोसेणं तेत्तीसाए बाससहस्साणं, सेसं चलियाइयं तहेव जाव निज्जरेंति (प्र० एवं ठिती आहारो य भाणियव्वो, ठिती जहा ठितीपए तहा भाणियव्वा, सबजीवाणं आहारोऽवि जहा पण्णवणाए पढमे आहारुदेसए तहा भाणियव्वो एत्तो आढतो-नेरइयाणं भंते! आहारट्टी जाव दुक्खत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति)। १६ । जीवा णं भंते! कि आयारंभा परारंभा तदुभयारंभा अनारंभा ?, गोयमा! अत्थेगइया जीवा आयारंभावि परारंभावि तदुभयारंभावि नो अणारंभा अत्थेगइया जीवा नो आयारंभा नो परारंभा नो तदुभयारंभा अणारंभा से केणद्वेणं भंते! एवं वृच्चइ अत्येगइया जीवा आयारंभावि एवं पडिउच्चारेयब्वं ?, गोयमा! जीवा दुविहा पं० तं संसारसमावन्नगा य असंसारसमावन्नगा य, तत्थ णं जे ते असंसारसमावन्नगा ते णं सिद्धा, सिद्धा णं नो आयारंभा जाव अणारंभा, तत्थ णं जे ते संसारसमावन्नगा ते दुविहा पं० तं संजया य असंजया य, तत्थ णं जे ते संजया ते दुविहा पं० तं० पमत्तसंजया य अप्पमत्तसंजया य, तत्थ णं जे ते अप्पमत्तसंजया ते णं नो आयारंभा नो परारंभा जाव अणारंभा, तत्थ णं जे ते पमत्तसंजया ते सुहं जोगं पडुच्च नो आयारंभा नो परारंभा जाव अणारंभा, असुभं जोगं पडुच्च आयारंभावि जाव नो अणारंभा, तत्य णं जे ते असंजया ते अविरतिं पहुच आयारंभावि जाव नो अणारंभा, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वृच्चइ-अत्थेगइया जीवा जाव अणारंभा, नेरइयाणं भंते! किं आयारंभा परारंभा तदुभयारंभा अणारंभा ?, गोयमा ! नेरइया आयारंभावि जाव नो अणारंभा, से केणद्वेणं भंते! एवं बुच्चइ ? गोयमा ! अविरति पहुच से तेणद्वेणं जाव नो अणारंभा, जाव पंचिदियतिरिक्खजोणिया, मणुस्सा जहा जीवा, नवरं सिद्धिविरहिया भाणियष्वा, बाणमंतरा जाव वैमाणिया जहा नेरइया, सलेस्सा जहा ओहिया, कण्हलेसम्स नीललेसस्स काउलेसस्स जहा ओहिया जीवा, नवरं पमत्तअप्पमत्ता न भाणियचा, तेउलेसस्स पम्हलेसस्स सुकलेसस्स जहा ओहिया जीवा, नवरं सिद्धान भाणियब्वा । १७। इहभविए भंते! नाणे परभविए नाणे तदुभयभविए नाणे ?, गोयमा ! इह भविएऽवि नाणे परभविएऽवि नाणे तदुभयभविएऽवि णाणे, दंसणंपि एवमेव, इद्दभविए भंते! चरित्ते परभविए चरिते तदुभयभविए चरिते ?, गोयमा ! इहभविए चरिते नो परभविए चरिते नो तदुभयभविए चरिते एवं तवे संजमे । १८ । असंवुडे णं भंते! अणगारे किं सिज्झइ बुज्झइ मुम्बइ परिनिवाइ सङ्घदुक्खाणमंतं करेड ?, गोयमा ! नो इणट्टे समट्टे, से केणट्टेणं जाब नो अंतं करेइ ?, गोयमा ! असंबुडे अणगारे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ सिढिलबंधणवदाओ धणियबंधणबद्धाओं पकरेइ हस्सकालठिइयाओ दीहकालडिइयाओ पकरेइ मंदाणुभावाओ तिष्वाणुभावाओ पकरेइ अप्पपएसग्गाओ बहुप्पएसग्गाओ पकरेइ आउयं च णं कम्मं सिय वंधइ सिय नो बंधइ अस्थायावेयणिज्जं च णं कम्मं भुज्जो भुजो उवचिणाइ अणाइयं च णं अणवद्ग्गं दीहमदं चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियदृइ, से एएणट्टेणं गोयमा ! असंबुडे अणगारे णो सिज्झइ ५, संबुडे णं भंते! अणगारे सिज्झइ ५१, हंता सिज्झइ जाव अंतं करेद्द, से केणद्वेगं ?, गोयमा ! संबुडे अणगारे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ धणियबंधणबद्धाओ सिढिलबंधणबढाओ पकरेड दीहकालठिइयाओ हस्सकालडिइयाओ पकरेइ तिब्वाणुभावाओ मंदाणुभावाओ पकरेइ बहुप्पएसग्गाओ अप्पपएसग्गाओ पकरेइ आउयं च णं कम्मं न बंधइ अस्सायावेयणिज्वं च णं कम्मं नो भुजो भुज्जो उवचिणाइ अणाइयं च णं अणवदग्गं दीहमदं चाउरंतसंसारकंतारं वीइवयइ, से एएणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-संबुडे अणगारे सिज्झइ जाव अंत करेइ । १९ । जीवे णं भंते! अस्संजए अविरए अप्पडिहयपञ्चक्खायपावकम्मे इओ चुए पेच्चा देवे सिया ?, गोयमा! 'अत्थेगइए देवे सिया अत्थेगइए नो देवे सिया, से केणट्टेणं जाव इओ चुए पेच्चा अत्थेगइए देवे सिया अत्थेगइए नो देवे सिया ?, गोयमा ! जे इमे जीवा गामागरनगर निगमरायहाणिखेडकच्चडमडंवदोणमुहपट्टणासमसन्निवेसेसु अकामतण्हाए अकामछुहाए अकामबंभचेरवासेणं अकामसीतातवदंसमसग अण्हाणगसेयजलमलपंकपरिदाहेणं अप्पतरं वा भुज्जतरं वा कालं अप्पाणं परिकिलेसंति कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु वाणमंतरेसु देवलोगे देवनाए उबवत्तारो भवति, केरिसा णं भंते! तेसिं वाणमंतराणं देवाणं देवलोगा पं० १, गोयमा ! से जहानामए-इहं मणुस्सलोगंमि असोगवणेइ वा सत्तबनवणेइ वा चंपयवणे वा च्यवणेइ वा तिलगवणेइ वा लाउयवणे वा निग्गोहवणेइ वा छत्तोववणेइ वा असणवणेइ वा सणवणे वा अयसिवणेइ वा कुसुंभवणेइ वा सिद्धत्यवणेइ वा बंधुजीवगवणेइ वा णिश्चं कुसुमियमाइयलवइयथवइयगुलइयगोच्छियजमलियजुवलियविणमियपणमियसुविभत्तपिंडिमंजविडेंसगधरे सिरीए अतीव अतीव उबसोभेमाणे उवसोभेमाणे चिट्ठइ, एवामेव तेर्सि वाणमंतराणं देवाणं देवलोगा जहत्रेणं दसवाससहस्सद्वितीएहिं उच्कोसेणं पलिओवमद्वितीएहिं बहूहिं वाणमंतरेहिं देवेहिं तदेवीहि य आइज्या १६१ श्रीभगवत्यं - - मुनि दीपरत्नसागर Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SONEBARMIRMIKANBAR9842988458YEARNBADIRAKAKINS43899440892KBASK89354009984899245862848 ॐ विविकिष्णा उवत्थडा संघडा फुडा अवगाढगाढा सिरीए अतीव अतीव उवसोभेमाणा २ चिट्टति, एरिसगाणे गोयमा ! तेसि वाणमंतराणं देवाणं देवलोगा पं०, से तेणटेणं गोयमा! एवं बुबह जीवे णं असंजए जाव देवे सिया। सेवं मंते ! सेवं भंते!त्ति भगर्व गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमसति त्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरति ।२०॥ श०१ उ०१॥ रायगिहे नगरे समोसरणं, परिसा निग्गया जाव एवं क्यासी-जीवे गं भंते ! सयंकई दुक्खं वेदेड ?, गोयमा ! अत्येगइयं वेएइ अत्यंगइयं नो वेएइ, से केणद्वेणं भंते ! एवं वुचाइ-अत्थेगइयं वेदेह अस्गइयं नो एइ?, गोयमा ! उदिन्नं वेएइ अणुदिन्नं नो वेएइ, से तेणडेणं एवं बुचाइ-अत्येगइयं वेएइ अत्ये। गतियं नो वेएइ, एवं चउच्चीसदंडएणं जाव वेमाणिए, जीवा णं भंते ! सयंकडं दुक्खं वेएन्ति ?, गोयमा ! अत्थेगइयं वेयन्ति अत्येगइयं गो वेयन्ति, से केणद्वेणं ?, गोयमा ! उदिन्नं वेयन्ति नो अणुदिन्नं वेयन्ति, से तेणतुणं०, एवं जाव वेमाणिया, जीवे णं भंते ! सयंकडं आउयं वेएइ, गोयमा ! अत्यगइयं वएइ अत्थेगइयं नो बेएइ जहा दुक्वेणं दो दंडगा तहा आउएणवि दो दंडगा एगत्तपुहुत्तिया, एगत्तेणं जाव वेमाणिया पुहुनेणवि तहेव । २१॥ | नेरइया णं भंते ! सब्वे समाहारा सब्वे समसरीरा सब्ये समुस्सासनीसासा ?, गोयमा! नो इणढे समढे, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ-नेरइया नो सब्ये समाहारा नो सव्ये समसरीरा नो सव्वे समुस्सासनिस्सासा?, गोयमा! नेत्या | दुविहा पं० सं०-महासरीरा य अप्पसरीरा य, तत्थ णं जे ते महासरीरा ते बहुतराए पोम्गले आहारैति बहुतराए पोग्गले परिणामेंति बहुतराए पोग्गले उस्ससंति बहुतराए पोग्गले नीससंति अभिक्खणं आहारैति अभिक्खणं परिणामेति अभिक्खणं ऊससंति अभिक्खणं नी०, तत्थ णं जे ते अप्पसरीरा ते णं अपतराए पुग्गले आहागैति अप्पतराए पुग्गले परिणामेंति अप्पतराए पोम्गले उस्ससंति अप्पतराए पोग्गले नीससंति आहच आहारैति आहश्च परिणाति आहश्च उस्ससंति आहब नीससंति, से तेणतुणं गोयमा ! एवं बुचइ-नेरड्या नो सब्वे समाहारा जाव नो सव्ये समुस्सासनिस्सासा, नेरइया णं भंते ! सब्बे समकम्मा?, गोयमा! णो इणद्वे समढे, से केणद्वेणं०?, गोयमा! नेरइया दुविहा पं० २०-पुब्योववन्नगा य पच्छोववन्नगा य, तत्थ णं जे ते पुब्वोचवन्नगा ते णं अप्पकम्मतरागा, तत्थ णं जे ते पच्छोववन्नगा ते णं महाकम्मतरागा, से तेणद्वेणं गोयमा०, नेरइया णं भंते! सबे समवन्ना, गोयमा! नो इणढे समढे, से केणटेणं तहेब?, गोयमा ! जे पुछोववन्नगा ते णं विसुद्धवन्नतरागा, तत्थ णं जे ते पच्छोक्वन्नगा ते णं अविसुद्धवन्नतरागा तहेव से तेणट्टेणं एवं०. नेरइया णं मंते ! सल्वे समलेस्सा?, गोयमा! नो इणढे समढे, से केणटेणं जाव नो सवे समलेस्सा ?, गोयमा ! नेरइया दुविहा पं० तं-पुबोचवनगा य पच्छोववनगा य, तत्थ णं जे ते पुचोववनगा ते णं विसुद्धलेस्सतरागा, तत्थ णं जे ते पच्छोक्वन्नगा ते णं अविसुद्धलेस्सतरागा, से तेणटेणं०, नेरइया णं भंते! सबे समवेयणा ?, गोयमा ! नो इणढे समढे, से केणट्टेणं ?, गोयमा ! नेरइया दुविहा पं० तं०-सचिभूया य असन्निभूया य, तत्थ णं जे ते सन्निभूया ते णं महावेयणा, तत्थ णं जे ते असन्निभूया ते णं अप्पवेयणतरागा, से तेणट्टेणं गोयमा ०. नेरइया णं भंते ! सच्चे समकिरिया ?, गोयमा ! नो इणढे समढे. से केणतुणं० १. गोयमा! नोइया विविहा पं० तं०-सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छदिट्टी, तत्थ णं जे ते सम्मदिट्टी | तेसिंणं चत्तारि किरियाओ पं०२०-आरंभिया परि० माया० अप्पश्च०, तत्थ णं जे ते मिच्छादिट्ठी तेसिं थे पंच किरियाओ कजंति-आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया, एवं सम्मामिच्छादिट्ठीणंपि, से तेणद्वेणं गोयमा!०, नेरइया णं भंते ! सबे समाउया सन्चे समोचवन्नगा?, गोयमा ! नो इणढे समढे, से केणतुणं ०?. गोयमा ! नेरइया चउचिहा पं० २०-अत्यंगइया समाउया समोववन्नगा अत्थेगइया समाउया विसमोक्वन्नगा अत्थेगइया विसमाउया समो-2 वचन्नगा अत्यगइया विसमाउया विसमोववन्नगा से तेणटेणं गोयमा !०, असुरकुमारा णं भंते ! सवे समाहारा सब्बे समसरीरा?, जहा नेरइया तहा भाणियव्वा, नवरं कम्मवन्नलेस्साओ परिवण्णेयव्वा(पच्छिाडा)ओ, पुवो-2 ववन्नगा महाकम्मतरागा अविसुद्धवन्नतरागा अविसुदलेसतरागा, पच्छोववन्नगा पसत्था, सेसं तहेव जाव थणियकुमाराणं, पुढविक्काइयागं आहारकम्मवन्नलेस्सा जहा नेरइयाणं, पुढवीकाइया ण भंते ! सब्बे समवेयणा?, हंता | समवेयणा, से केणगुणं भंते ! समवेयणा ?, गोयमा ! पुढवीकाइया सब्वे असन्नी असन्निभूया (प्र० यं) अणिदाए वेयणं वेदेति से तेणट्टेणं पुढविकाइया गं भंते ! सव्वे समकिरिया ?, हंता समकिरिया, से केणटेणं०?,गोयमा ! पुढविकाइया सब्वे माई मिच्छादिट्टी ताणं णिययाओं पंच किरियाओ कजति, तं०-आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया, से तेणटेणं०, समाउया समोववन्नगा जहा नेरडया तहा भाणियब्वा, ज तया, से तेण?णं०, समाउया समोववन्नगा जहा नेरइया तहा भाणियब्वा, जहा पुढचिकाइया तहा जाब चउरिदिया, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरइया, नाणत्तं किरियासु, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं मंते ! सव्ये समकिरिया ?, गो०, णो ति०, से केणटेणं०?, गो० ! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया तिविहा पं० सं०-सम्मदिट्टी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी, तत्थ णं जे ते सम्महिट्ठी ते दुविहा पं० सं०- अस्संजया य संजयासंजया य, तत्थ णं जे ते संजयासंजया तेसि णं तिन्नि किरियाओ कजंति, तं०-आरंभिया परिगहिया मायावत्तिया, असंजयाणं चत्तारि, मिच्छादिट्ठीणं पंच, सम्मामिच्छादिट्ठीणं पंच, मणुस्सा जहा नेरइया, नाणत्तं जे महासरीरा ते बहुतराए पोग्गले आहारैति आहच आहारेंति जे अप्पसरीरा ते अप्पतराए आहारेंति अभिक्खणं आहारैति सेसं जहा नेरइयाणं जाव वेयणा, मणुस्सा णं भंते ! सव्वे समकिरिया ?, गोयमा ! णो तिणढे समढे, से केणटेणं.', गोयमा! मणुस्सा विविहा पं० त०-सम्मदिट्ठी मिच्छविट्ठी सम्मामिच्छादिही, तत्व णं जे ते सम्मदिट्ठी ते तिविहा पं० तं०-संजया असंजया संजयासंजया य, तत्थ णं जे ते संजया ते दुविहा पं०० सरागसंजया य वीयरागसंजया य, तत्थ णं जे ते वीयरागसंजया ते णं अकिरिया, तत्थ णं जे ते सरागसंजया ते दुविहा पं० सं०-पमत्तसंजया य अपमत्तसंजया य, तत्य णं जे ते अप्पमत्तसंजया तेसिं णं एगा मायावत्तिया किरिया कज्जइ, तत्थ णं जे ते पमत्तसंजया तेसिंणं दो किरियाओ कजति, तं०-आरंभिया य मायावत्तिया य, तत्थ णं जे ते संजयासंजया तेसिं णं आइलाओ तिन्नि किरियाओ कजंति, असंजयाणं चत्तारि किरियाओ कजंति मिच्छादिट्ठीणं पंच० सम्मामिच्छविट्ठीणं पंच०, वाणमंतरजोतिसवेमाणिया जहा असुरकुमारा, नवरं वेयणाए नाण-मायिमिच्छाविट्ठीउववन्नगा य अप्पवेदणतरा अमायिसम्मदिट्ठीउववन्नगा य महावेयणतरागा भाणियव्वा, जोइसिया वेमाणिया य, सलेस्सा णं भंते ! नेरइया सव्ये समाहारगा?, ओहियाणं सलेस्साणं मुक्कलेस्साणं, एएसि णं तिण्हं एको गमो, कण्हलेस्साणं नीललेस्साणंपि एको गमो, १६२ श्रीभगवत्यंग - - मुनि दीपरनसागर RADRAGRAMMROMAARBARBARIMARREARRAYARINCIENTISTRYAMBANAKARMA Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नवरं वेदणाए मायिमिच्छादिट्ठीउववन्नगा य अमाथिसम्मदिट्ठीउवव० भाणियव्वा, मणुस्मा किरियासु सरागवीयरागपमत्तापमत्ता ण भाणियव्वा, काउलेसाएवि एस चेव गमो, नवरं नेरइए जहा ओहिए दंडए तहा भाणियब्वा, तेउलेस्सा पम्हलेस्सा जस्स अस्थि जहा ओहिओ दंडओतहा भाणियच्या, नवरं मणुस्सा सरागा वीयरागा यन भाणियव्वा. 'दुक्खाउए उदिने आहारे कम्मवन्नलेस्सा या समवेयणसमकिरिया समाउए चेव बोदव्या ॥६॥२२॥ करणं भंते ! लेस्साओ पं० १, गोयमा ! छल्लेस्साओ पं० लेसाणं वीयओ उद्देसओ भाणियव्वो जाव इड्डी।२३। जीवस्स णं भंते! तीतदाए आदिट्ठस्स कइविहे संसारसंचिट्ठणकाले पं०?, गोयमा ! चउधिहे संसारसंचिट्ठणकाले पं००-णेरइयसंसारसंचिट्ठणकाले तिरिक्ख० मणुस्स० देवसंसारसंचिट्ठणकाले य, नेरइयसंसारसंचिट्ठणकाले णं भंते ! कतिविहे पं०, गोयमा ! तिविहे पं०तं०-सुन्नकाले असुन्नकाले मिस्सकाले, तिरिक्खजोणियसंसार पुच्छा, गोयमा! दुविहे पं० तं०-असुन्नकाले य मिस्सकाले य, मणुस्साण य देवाण य जहा नेरइयाणं, एयस्स गं भंते! नेरइयसंसारसंचिट्ठणकालस्स सुन्नकालस्स असुन्नकालस्स मीसकालस्स य कयरे२हिंतो अप्पे वा बहुए वा तुले वा विसेसाहिए वा?, गोयमा ! सवयोवे असुन्नकाले मिस्सकाले अणंतगुणे सुन्नकाले अर्णतगुणे, तिरिक्खजो भंते! सब्बथोवे असुन्नकाले मिस्सकाले अर्णतगुणे, मणुस्सदेवाण य जहा नेरइयाणं, एयस्स णं भंते ! नेरदयस्स संसारसंचिट्ठणकालस्स जाव देवसंसारसंचिट्ठणजायविसेसाहिए वा?, गोयमा ! सव्वत्थोवे मणुस्ससंसारसंचिट्ठणकाले नेरइयसंसारसंचिट्ठणकाले असंखेजगुणे देवसंसारसंचिट्ठणकाले असंखेजगुणे तिरिक्खजोणि अणंतगुणे।२४॥ जीवे णं मंते ! अंतकिरियं करेजा. गोयमा ! अत्थेगतिये करेजा अत्थेगतिये ना करेजा, अंतकिरियापर्य नेयव्वं । २५। अह भंते ! असंजयभवियदव्वदेवाणं अविराहियसंजमाणं विराहियसं• अविराहियसंजमासंजविराहियसंजमासं० असजीणं तावसाणं कंदप्पियाणं चरगपरिवायगाणं किष्विसियाणं तेरिच्छियाणं आजीवियाणं आभिओगियाण सलिंगीणं दसणवावन्नगाणं एएसिणं देवलोगे उववज्जमाणाणं कस्स कहि उववाए पं०?, गोयमा! अस्सजयभवियदवदेवाणं जहनेणं भवणवासीसु उकोसेणं उपरिमगेविजएसु अबिराहियसंजमाणं जहन्नेणं मोहम्मे कप्पे उक्कोसेणं सबट्टसिद्धे विमाणे विराहियसंजमाणं जहन्नेणं भवणवासीसु उक्कोसेणं सोहम्मे कप्पे अविराहियसंजमासंजमाणं जहन्नेणं सोहम्मे कप्पे उक्कोसेणं अचुए कप्पे विराहियसंजमासं० जहन्नेणं भवणवासीसु उक्कोसेणं जोतिसिएम असन्नीणं जहन्नेणं भवणवासीसु उक्कोसेणं वाणमंतरेसु अवसेसा सवे जह० भवणवा० उक्कोसगं वोच्छामि-ताक्साणं जोतिसिएसु, कंदप्पियाण सोहम्मे, चरगपरिवायगाणं बंभलोए कप्पे, किचिसियाणं लंतगे कप्पे, तेरिच्छियाणं सहस्सारे कप्पे, आजीवियाणं अचुए कप्पे, आभिओगियाणं अचुए कप्पे, सलिंगीणं दसणवावन्नगाणं उपरिमगेबेज्जएसु ।२६। कतिविहे णं भंते ! असन्नियाउए पं०, गोयमा! चउब्बिहे असनिआउए पं०२०-नेरइयअसन्निआउए तिरिक्सा मणुस्सा देव०, असन्त्री णं भंते ! जीये किं नेरइयाउयं पकरेइ तिरिमणु देवाउयं पकरेड..हंता गोयमा! नेरइयाउयंपि पकरेइ तिरि०मणु देवाउयपि पकरेइ, नेरइयाउयं पकरेमाणे जहनेणं दसवाससहस्साई उकोसेणं पलिओषमस्स असंखेजइभागं पकरेति, तिरिक्खजोणियाउयं पकरेमाणे जहनेणं अंतोमहत्तं उकोसेणं पलिओवमस्स असंखेजड़भागं पकरेइ, मणुस्साउएवि एवं चेव, देवाउयं जहा नेरइयाउयं, एयस्सणं भंते ! नेरइयअसन्निआउयस्स तिरि० मणु० देवक्षसन्निआउयस्स कयरे कयरे जाप विसेसाहिए वा?, गोयमा! सब्दत्योवे देवअसन्निआउए मणुस्स० असंखेजगुणे तिरिय० असंखेजगणे नेरइय० असंखेजगुणे । सेवं मंते ! सेवं भंते! ति।२७॥श०१ उ०२॥ जीवाणं भंते! कंखामोहणिजे कम्मे कडे ?, हंता कडे, से भंते! किं देसेणं देसे कडे? देसेणं सव्वे कडे ? सणं देसे कडे ? संघेणं सच्चे कडे?, गोयमा ! नो देसेणं देसे कडे नो देसेणं सव्ये कडे नो सवेणं देसे कडे सम्वेणं सव्ये कडे, नेरइयाणं भंते ! कंखामोहणिजे कम्मे कडे?, हंता कडे जाय सवेणं मब्वे कडे. एवं जाव बेमाणियाणं दंडओ भाणियव्यो ।२८ा जीवा णं भंते ! कंखामोहणिज कम्मं करिसु?,हंता करिंसु, तं भंते ! किं देसेणं देसं करिसु ?. एएणं अभिलावेणं दंडओ भाणियचो जाव वेमाणियाणं, एवं करेंति एथवि दंडओ जाव वेमाणियाणं, एवं करेस्संति एत्यवि दंडओ जाव वेमाणियाणं, एवं चिए चिणिसु चिणंति चिणिस्संनि उवचिए उवचिणिंसु उवचिणंति उवचिणिस्संति उदीरेंसु उदीरेंति उदीरिस्संति वेदिसु वेदंति वेदिस्संति निजरेंसु निजति निजरिस्संति. 'कढ चिया उबचिया उदीरिया वेदिया य निजिन्ना। आदितिए चउभेदा तियभेदा पच्छिमा तिन्नि ॥७॥२९। जीवा णं मंते ! कंखामोहणिज्ज कम्मं वेदेति', इंता वेदेति, कहन्नं भंते जीवा कंखामोहणिजं कम्म वेदेति?, गोयमा! तेहिं तेहिं कारणेहिं संकिया कंखिया वितिगिच्छिया भेदसमावन्ना कलुससमावन्ना, एवं खलु जीचा कंखामोहणिज कम्मं वेदेति ।३०। से नूर्ण भंते ! तमेव सचं णीसंकं जं जिणेहिं पवेइयं?, हंता गोयमा! तमेव सचं णीसंकज जिणेहिं पवेदितं ।३१। से नूर्ण भंते ! एवं मणं धारेमाणे एवं पकरेमाणे एवं चिट्ठमाणे एवं संवरेमाणे आणाए आराहए भवति?, हंता गोयमा! एवं मणं धारेमाणे जाप भवइ । ३२। से नूर्ण भंते! अस्थित्तं अत्थित्ते परिणमइ नस्थित नथिने परिणमइ ?, इंता गोयमा जाव परिणमइ, जपणं भंते ! अस्थित्तं अस्थित्ते परिणमइ नस्थित्तं नस्थित्ते परिणमइ तं किं पयोगसा वीससा?, गोयमा! पयोगसावितं बीससावि तं, जहा ते भंते! अधित्तं अस्थित्ते परिणमइ तहा ते नस्थित नस्थित्ते परिणमह? जहा ते नस्थित्तं नस्थित्ते परिणमइ तहा ते अत्थितं अस्थित्ते परिणमइ, हंता गोयमा ! जहा मे अस्थित्तं अस्थित्ते परिणमइ तहा मे नत्थित्तं नस्थित्ते परिणमइ, जहा मे नस्थित्तं नन्थिने परिणमइ तहा मे अस्थित्तं अस्थित्ते परिणमइ, से पूर्ण भंते ! अस्थित्तं अस्थित्ते गमणिजं जहा परिणमइ दो आलावगा तहा ते इह गमणिजेणवि दो आलवगा भाणियच्या नाव जहा मे अस्थितं अस्थित्ते गमणिज०।३३। जहा ते भंते ! एत्यं गमणिजं तहा ते इदं गमणिज जहा ते इदं गमणिज्ज तहा ते एत्थं गमणिज्जं?.हंता ! गोयमा !, जहा मे एत्थं गमणिज्ज जाव तहा मे एत्यं (इह) गमणिज।३४। जीवाणं मंते ! कखामोहणिज कम्मं बंधति ?, इंता बंधति, कई णं भंते! जीवा कंखामोहणिज्जं कम्मं बंधति?, गोयमा ! पमादपचया जोगनिमित्तं च, से णं भंते ! पमाए किंपवहे ?. गोयमा ! जोगप्पबहे, सेणं भंते! जोए किंपवहे ?, गोयमा! वीरियप्पवहे, से गं भंते ! वीरिए किंपवहे ?, गोयमा! सरीरप्पबहे, से णं भंते! सरीरे किंपवहे ?, गोयमा! जीवप्पवहे, एवं सति अस्थि उहाणेति वा कम्मेति वा पलेह वा वीरिएड वा पुरिसकारपरकमेइ वा।३५। से गूर्ण भंते! अप्पणा चेव उदीरेइ १६३ श्रीभगवत्यंग - १ मुनि दीपरनसागर Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 5 अप्पणा चेव गरहाइ अप्पणा चेव संवरइ ?, हंता गोयमा! अप्पणा चेव तं चेव उबारेयचं, जंतं भंते ! अप्पणा चेव उदीरेइ अप्पणा चेव गरहेड अप्पणा चेव संवरेइ तं किं उदिनं उदीरेइ अणुदिनं उदीरेइ अणुदिनं उदीरणामवियं कम्मं उदीरेइ उदयाणंतरपच्छाकडं कम्मं उदीरेइ ?, गोयमा! नो उदिणं उदीरेइनो अणुदिनं उदीरेइ अणुदिनं उदीरणामवियं कम्मं उदीरेइ णो उदयाणंतरपच्छाकडं कम्मं उदीरेह, जंतं भंते ! अणुदिनं उदीरणामवियं कम्मं उदीर तं किं उहाणेणं कम्मेणं चलेणं बीरिएणं पुरिसकारपरकमेणं अणुदिनं उदीरणामविय कम्मं उदी? उदाहु तं अणुट्ठाणेणं अकम्मेणं अचलेणं अवीरिएणं अपरिसकारपरकमेणं अणुदिनं उदीरणाभवियं कम्मं उदी.?, गोयमा! तं उहाणेणवि फम्मे चले०वीरिए० पूरिसकारपरकमेणवि अणुदिनं उदीरणाभवियं कम्मं उदीरेइ, णो तं अणुहाणेणं अकम्मेणं अबलेणं अवीरिएणं अपुरिसकार० अणुदिनं उदी०म०क० उदी०, एवं सति अस्थि उहाणेह वा कम्मेइ मावा बलेड वा बीरिएड वा पुरिसकारपरकमेह वा, से नूर्ण भंते! अप्पणा चेव उवसामेइ अप्पणा चेव गरहइ अप्पणा चेव संवरइ ?, हंता गोयमा! एत्यवि तहेव भाणियव्य, नवर अणु भंते! अप्पणा चेव उवसामेड अप्पणा चेव गरड अप्पणा चेव संवरडता गोयमा! एत्यवि तहेव भाणियब्व, नवरं अणदिन्नं उवसामेह सेसा पडिसेहेयच्या तिन्नि, जंतं | 9 भंते ! अणुदिन्न उवसामेड तं किं उठाणेणं जाव पुरिसकारपरकमेणंति था, से नूर्ण भंते! अप्पणा चेष वेदेड अप्पणा चेव गरहइ?, एत्यवि सच्चेच परिवाडी, नवरं उदिन्नं वेएइ० नो अणुदिन्नं वेएइ०, एवं जाब पुरिसक्कारपरिक्कमेइ वा, से नूणं भंते ! अप्पणा चेव निजरेति अप्पणा चेव गरहइ, एस्थवि सचेच परिगडी, नवरं उदयाणंतरपच्छाकडं कम्मं निजरेइ०, एवं जाव परिकमेह वा।३६ । नेरइया णं मंते ! कंखामोहणिज्नं कम्मं वेएइ?.जहा ओहिया जीवा तहा अनेरइया, जाव वणियकुमारा, पुढविकाइया णं भंते ! कंखामोहणिज कम्मं बेइंति, हंता वेइंति !, कहणं भंते! पुढविका० कंखामोहणिज्जं कम वेदेति ?, गोयमा! तेसिणं जीवाणं णो एवं तकाइ वा सण्णाइ वा पण्णाइ वा मणेइ वा वइति वा-अम्हे णं कंखामोहणिज कम्मं वेएमो, वेएंति पुण ते, से Yणं भंते ! तमेच सच्चं नीसके जं जिणेहिं पवेइयं? सेसं तं चेव जाव पुरिसकारपरिकमेइ वा, एवं जाव चाउरिदियाणं, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जाव वेमाणिया जहा ओहिया जीवा । ३७। अस्थि णं मंते ! समणावि निगंया कंखामोहणिज्ज कम्मं वेएन्ति ?. ईता अस्थि, कहनं भंते ! समणा निग्गंथा कंखामोहणिज कम्मं वेएन्ति ?, गोयमा ! तेहिं तेहिं नाणंतरेहिं दसणंतरेहिं चरितंतरेहि (म० तित्यंतरेहिं) लिंगतरेहिं पवयणंतरहिं पावयणंतरेहिं कप्पंतरेहिं मग्गंतरेहिं मतंतरेहि भंगतरेहि जयंतरेहिं नियमंतरेहिं पमाणंतरेहिं संकिया कंखिया वितिगिच्छिया भेयसमावचा कलससमावना, एवं खलु समणा निग्गंथा कंखामोहणिजं कम्मं वेइंति, से नृणं मंते ! तमेव सञ्चं नीसंकं जं जिणेहिं पवेइयं ?. हंता गोयमा ! तमेव सच्चं नीसंकं जाव पुरिसकारपरकमेइ वा (प्र० णवरं अस्थि णं मंते ! समणाणं निग्गंथाणं कंखामोहणिज्जं कम्मं बंधति ?. हता पंधति सेसं तहेव) सेव भंते ! सेवं भंते ! ॥३८॥ श०१उ०३॥ कति णं मंते ! कम्मप्पगडीओ पं० ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ पं०, कम्मप्पगडीए पढमो उद्देसो नेयच्वो जाच अणुभागो सम्पत्तो, कर पयडी कह बंधइ कइहि वं ठाणेहिं बंधई पयडी। कइ वेदेव य (प० व) पयडी अणुभागो कइपिहो कस्स? ॥८॥३९। जीवे भंते ! मोहणिजेणं कडेणं कम्मेणं उदिन्नेणं उबढाएजा ?, हंता उबट्ठाएजा, से मंते ! कि वीरियत्ताए उबट्ठाएजा अवीरियत्नाए उचट्टाएजा ?, गोयमा ! वीरियत्ताए उवट्ठाएजा नो अवीरियताए उचट्टाएजा, जड़ वीरियत्ताए उवटाएज्जा किं पालवीरियत्नाए उवट्ठाएज्जा पंडियवीरियत्ताए उबट्टाएजा पालपंडियवीरियताए उबट्ठाएजा ?, गोयमा ! बालवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा णो पंडियवीरियत्नाए उवट्ठाएजा णो वालपंडियबीरियत्ताए उबट्टाएजा, जीवेणं मंते: मोहणिजेणं कडेणं.कम्मेणं उदिन्नेणं अवकमज्जा?.हंता अवक्रमेजा,से मंते ! जाव वालपंडियवीरियत्ताए अवक्कमेजा ?. गोयमा! बालवीरियत्ताए अवकमेजा नो पंडियबीरियत्ताए अवकमज्जा सिय बालपंडियवीरियत्नाए अवकमेबा (चालवीरियत्ताए नो पंडियवीरियत्ताए नो वालपंडियबीरियत्ताए पा०)। जहा उदिनेणं दो आलावगा तहा उवम| तेणवि दो आलावगा भाणियच्या, नवरं उपहाएज्जा पंडियबीरियत्नाए अवकमज्जा बालपंडियवीरिपत्ताए, से भंते ! किं आयाए अवकमइ अणायाए अवक्कमइ ?. गोयमा! आयाए अवक्कमइ णो अणायाए अवश्चमइ. मोहणिज्न कम्मं वेएमाणे, से कहमेयं भंते! एवं ?, मोयमा ! पुत्रि से एयं एवं रोयइ इयाणिं से एयं एवं नो रोयइ एवं खलु एवं । ४० से नूर्ण भंते! नेरइयस्स वा तिरिक्खजोणियस्स वा मणुसस्स वा देवस्स वा जे कडे पावे कम्मे नस्थि णं तम्स अवेयइत्ता मोक्यो ?, हंता गोयमा ! नेरइयस्स वा तिरिक्ष मणु देवस्स वा जे कडे पावे कम्मे नयि णं तस्स अवेयइत्ता मोक्खो, से केणतुणं भंते ! एवं वुचति-नेरइयस्स वा जाव मोक्खो?, एवं खलु मए गोयमा ! दुविहे कम्मे पं० तं०-पएसकम्मे य अणुभागकम्मे य, तत्थ णं जं तं पएमकम्मं तं नियमा वेएइ, तत्य णं जं तं अणुभागकम्मं तं अत्यंगइयं वेएइ अत्यगइयं नो वेएइ. णायमेयं अरहया सुयमेयं अरहया विनायमेयं अरहया इमं कम्म अयं जीवे अज्झोवगमियाए वेयणाए वेदिस्सइ इमं कम्मं अयं जीवे उवकमियाए वेदणाए वेदिस्सइ. अहाकम्मं अहानिकरणं जहा जहा तं भगवया दिलै तहा तहातं विपरिणमिस्सतीति, से तेणट्टेणं गोयमा ! नेरइयस्स वा जाव मोक्यो ४१। एस णं भंते! पोम्गले तीतमणंतं सासयं समयं भुवीति वत्त, सिया?, हंता गोयमा! एस णं पोग्गले अतीतमणतं सासयं समयं भुवीति बत्तई सिया, एस णं भंते ! पोग्गले पटुप्पन्नं सासयं समयं भवतीति वनव्वं सिया?, माता गोयमा!तं चेव उचारेयचं. एस णं मंते! पोग्गले अणागयमणंतं सासयं समयं भविस्सतीति वत्तब्वं सिया?, हन्ता गोयमा! तं चेव उच्चारेयव्वं, एवं खंघेणवि तिनि आलावगा, एवं जीवेणवि तिनि आलावगा भाणियहा।४२॥ उउमत्ये णं भंते! मणूसे अतीतमणतं सासयं समयं भुवीति केवलेणं संजमेणं केवलेणं संवरेणं केवलेणं बंभचेरवासेणं केवलाहिं पषयणमाईहिं सिज्झिसु बुझिसु जाव सबदुक्याणमंतं करिसु?, गोयमा! नो इणट्टे समढे, से केणडेणं अभंते! एवं बुच्चइ तं चेव जाव अंतं करेंसु?, गोयमा !जे केइ अंतकरावा अंतिमसरीरिया वा सबदुक्खाणमंतं करेंसु वा करेंति वा करिस्संति वा सचे ते उप्पननाणदसणधरा अरहा जिणे केवली भवित्ता तओ पच्छा सिझंति बुज्झति मुचंति परिनिवार्यति सबदुक्खाणमंतं करेंसु वा करेंति वा करिस्संति वा, से तेणटेणं गोयमा! जाव सबदुक्खाणमंतं करेंसु०, पटुप्पन्नेऽवि एवं चेव, नवरं सिझंतिः भाणियवं, अणागएऽवि एवं चेव. नवरं सिज्झिस्संतिः भाणियवं. जहा उउमन्या तहा आहोहिओऽवि तहा परमाहोहिओ(परमोहिओ पा०)ऽवि तिनि तिनि आलवगा भाणियचा, केवली णं भंते! मणूसे तीतमणतं सासयं समयं जाव अंतं करेंसु?, हंता सिझिसु जाव अंतं करेंसु, एते तिन्नि आलावगा भाणियच्चा 4 छउमत्यस्स जहा नवरं सिझिसु सिझंति सिज्झिस्संति, से णूणं मंते! तीतमणतं सासयं समयं पड़प्पन्नं वा सासयं समय अणागयमणतं वा सासयं समयं जे केई अंतकरा वा अंतिमसरीरिया वा सव्वदुक्वाणमंतं करेंसु वा (४१) १६४ श्रीभगवत्यंग - -१ मुनि दीपरत्नसागर Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | करेंति वा करिस्मेति वा सवे ते उप्पन्ननाणदसणधरा अरहा जिणे केवली भक्त्तिा तओ पच्छा सिझंति जाव अंतं करेस्संति वा ?,हंता गोयमा ! तीतमणतं सासर्य समयं जाव अंतं करेस्संति वा, से नूर्ण भंते ! उप्पन्ननाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली अलमत्थुत्ति वत्तव्वं सिया?, हंता गोयमा! उप्पचनाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली अलमत्थुत्ति बत्तव्वं सिया । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति।४३ ॥ श०१ उ०४॥ कतिणं भंते! पुढवीओ पन्नत्ताओ?, गोयमा! सत्त पुढवीओ पं०२०-रयणप्पभा जाव तमतमा, इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए कति निरयावाससयसहस्सा पं०?, गोयमा ! तीसं निरयावाससयसहस्सा पं०,-'तीसा य पन्नवीसा पन्नरस दसेव य सयसहस्सा। तिन्नेगं ससयसहस्सा पं०१, एवं-बउसट्टी असुराणं चउरासीई य होइनागाणं। चावत्तरि सुवन्नाण बाउकुमाराण छन्नउई॥१०॥ दीवदिसाउदहीणं विज्जकुमारिंद यसहस्सा पं०?, गोयमा! असंखेजा पढविकाइयावाससयसहस्सा पं०. जाव असंखिज्जा जोतिसियविमाणावाससयसहस्सा पं. सोहम्मे णं भंते ! कप्पे केवइया विमाणावाससयसहस्सा पं०१, गोयमा ! बत्तीसं विमाणावाससयसहस्सा पं०, एवं-बत्तीसऽट्ठावीसा वारस अट्ठ चउरो य सयसहस्सा। पन्ना चत्तालीसा छच्च सहस्सा सहस्सारे ॥१२॥ आणडायपाणयकप्पे चत्तारि सयाऽऽरणऽचुए तिन्नि । सत्त विमाणसयाई चउसुवि एएसु कप्पेसु ॥१३॥ एक्कारसुत्तरं हेडिमेसु सत्तुत्तरं सयं च मज्झिमए । सयमेगं उबरिमए पंचेव अणुत्तरविमाणा ॥१४॥४४॥ पुढविद्विति ओगाहण सनारीर संघयणमेव संठाणे । लेस्मा दिट्ठी णाणे जोगुवओगे य दस ठाणा ॥१५॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि निरयावासंसि नेरइयाणं केवइया ठितिठाणा पं० १. गोयमा ! असंखेजा ठितिठाणा पं० त०-जहनिया ठिती समयाहिया जहन्निया ठिई दुसमयाहिया जाव असंखेज्जसमयाहिया जहन्निया ठिई तप्पाउगुकोसिया ठिती. इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि निरयावासंमि जहन्नियाए ठितीए वट्टमाणा नेरइया कि कोहोवउत्ता माणोवउत्ना मायोवउत्ता लोभोवउत्ता?, गोयमा ! सव्वेऽवि ताव होज्जा कोहोवउत्ता, अहवा कोहोवउत्ता य माणोवउने य अहवा कोहोवउत्ता य माणो. वउत्ता य (पक एवं मायावि लोभोऽवि कोहेण भाणियो) अहवा कोहोबउत्ता य मायोवउत्ते य अहवा कोहोवउत्ता य। इवा कोहावउत्ता य मायावउत्त य अहवा काहावउत्ता य मायाव उत्ता य. अहवा कोहोवउत्ता य लोभावउने य अहवा कोहोवउत्ता य लोभोवउत्ता य, अहवा कोहो IA | वउना य माणोवउने य मायोवउत्ते य (१० पच्छा माणेण लोभेण पच्छा मायाए लोभेण य) कोहोवउत्ता य माणोवउत्ते य मायोवउत्ता य कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य मायोवउत्ते य कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य मायाउव य. एवं कोइमाणलोभेणवि चउ एवं कोहमायालोमेणवि चउ एवं १२. पच्छा माणेण मायाए लोभेण य कोहो भइयत्रो, ते कोहं अमुंचता ८, एवं सत्तावीसं भंगा यदा, इमीसे णं भंते ! रयणपभाए पढवीए तीसाए A निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगसि निरयावासंसि समयाहियाए जहनहितीए बट्टमाणा नेरइया कि कोहोवउत्ता माणोवउत्ता मायोवउत्ता लोभोवउत्ता?, गोयमा ! कोहोषउत्ते य माणोवउत्ते य मायोबउने य लोभोवउने य, कोहो. भवउत्ता य माणोवउत्ना य मायोवउत्ता य लोभोवउत्ता य, अहवा कोहोवउने य माणोवउने य, अहवा कोहोबउने य माणोवउत्ता य एवं असीती भंगा नेयचा, एवं जाव संखिज्जसमयाहिया ठिई, असंखेजसमयाहियाए ठिईए गणिया ४५ इमाम भतारयणप्पभाए पुढवाए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगसि निरयावासंसि नेरइयाणं केवइया ओगाहणाठाणा 402. गोयमा ! असंवेजा ओगा हणाठाणा पं०२०-जहनिया ओगाहणा पदेसाहिया जहनिया ओगाहणा दुष्पएसाहिया जहानिया ओगाहणा जाव असंखिजपएसाहिया जहनिया ओगाहणा तप्पाउग्गुकोसिया ओगाहणा, इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पढ़ाए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगसि निरयावासंसि जहनियाए ओगाहणाए वट्टमाणा नेरइया कि कोहोबउत्ता०?, असीई भंगा भाणियबा जाव संखिजपएसाहिया जहन्निया ओगाहणा, असंखेजपएसाहियाए जहन्नियाए ओगाहणाए वहमाणाणं तप्पाउन्गुकोसियाए ओगाहणाए वहमाणाणं नेरइयाणं सत्तावीस मंगा, इमीसे णं भंते ! रयण जाव एगमेगसि निरयावासंसि नेरइयाणं कइ सरीरया?, गोयमा ! तिन्नि सरीरया पं० २०-वेउविए तेयए कम्मए. इमीसे णं भंते : जाव वेउधियसरीरे वट्टमाणा नेरइया कि कोहोवउत्ता? सत्तावीसं भंगा भाणियत्रा, एएणं गमएणं तिन्नि सरीरा भाणिया. इमीसे णं मंते : रयणप्पभाए पुढवीए जाव नेरइयाणं मरीरया किंसंघयणी पं०, गोयमा ! छहं संघयणाणं अस्संघयणी, नेवट्ठी नेव छिरा नेव हारूणि जे पोग्गला अणिहा अकंता अप्पिया अमुहा अमणुन्ना अमणामा ते एतेसि सरीरसंघायत्ताए परिणमंति, इमीसे णं भंते ! जाव छहं संघयणाणं असं. घयणे वट्टमाणा नेरइया कि कोहोवउत्ता' सत्तावीसं भंगा, इमीसे णं मंते! स्यणप्पमाए जाव सरीरया किंसंठिया पं०?, गोयमा ! दुविहा पं० सं०-भवधारणिज्जा य उत्तरविउचिया य. तत्थ णं जे ते भवधारणिज्जा ते हंडसं. ठिया पं०, तत्थ णं जे ते उत्तरवेउधिया तेऽवि हुंडसंठिया पं०, इमीसे णं जाय हुंडसंठाणे वट्टमाणा नेरइया कि कोहोवउत्ता०? सत्तावीसं भंगा, इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए नेरइयाणं कति लेस्साओ पं०१, गोयमा : एगा काउलेस्सा पं०, इमीसे णं भंते : रयणप्पभाए जाव काउलेस्साए वट्टमाणा सत्तावीस भंगा।४६। इमीसे णं जाब किं सम्मदिट्टी मिच्छादिही सम्मामिच्छादिट्ठी', तिन्निवि, इमीसे णं जाव सम्मईसणे बहमाणा नेरइया० सत्तावीस भंगा, एवं मिच्छादसणेऽवि, सम्मामिच्छादसणे असीती भंगा, इमीसे णं भंते ! जाच किं नाणी अन्नाणी, गोयमा! णाणीवि अन्नाणीवि, तिनि नाणाई नियमा तिन्नि अन्नाणाई भयणाए. इमीसे णं भंते : जाव आभिणियोहियनाणे वट्टमाणा: सत्तावीस भंगा, एवं तिन्नि नाणाई तिनि अन्नाणाई भाणियबाई, इमीसे णं जाव कि मणजोगी वइजोगी कायजोगी?, तिन्निवि, इमीसे णं जाच मणजोए बट्टमाणा कोहोवउत्ता, सत्तावीसं भंगा, एवं वइजोए एवं कायजोए, इमीसे णं जाव नेरइया कि सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता?, गोयमा ! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि, इमीसे णं जाव सागारोवओगे पट्टमाणा कि कोहोकउत्ता, सत्तावीसं भंगा, एवं अणागारोवउत्तावि० सत्ताबीसं भंगा, एवं सत्तचि पुढवीओ नेयवाओ, णाणत्तं लेसासु 'काऊ य दोसु तइयाए मीसिया नीलिया चउत्थीए। पंचमियाए मीसा कण्हा तत्तो परमकण्हा ॥१६॥ ४७। चउसट्टीए णं भंते! असुरकुमारावाससयसहस्सेसु एगमेगसि १६५ श्रीभगवत्यंग-सात मुनि दीपरत्नसागर Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ BHIM4899MIRMIRKOTASHARMAARYAARRORSCINABRA9343984RNAKARISI48933.45888/49RISA असुरकुमारावाससि असुरकुमाराणं केवइया ठिइठाणा पं०१, गोयमा ! असंखेज्जा ठितिठाणा पं०, जहन्निया ठिई जहा नेरइया तहा, नवरं पडिलोमा भंगा भाणियब्वा-सव्वेऽवि ताव होज लोभोवउत्ता, अहवा लोभोवउत्ता य मायोवउत्ते य, अहवा लोभोवउत्ता य मायोबउत्ता य, एएणं गमेणं नेयर्व जाव थणियकुमाराणं, नवरं णाणत्तं जा(प्र०भा०)णियव्वं । ४८। असंखेजेसुणं भंते ! पुढवीकाइयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि पुढवीकाइयावासंसि पुढविक्काइयाणं केवतिया ठितिठाणा पं०१, गोयमा ! असंग्वेज्जा ठितिठाणा पं० २०-जहन्निया ठिई जाव तप्पाउग्गुकोसिया ठिई, असंखेजेसु णं भंते! पुढविक्काइयावासमयहस्सेसु एगमेगंसि पुढवीकाइयाचासंसि जहन्नियाए ठितीए वट्टमाणा पुढविकाइया कि कोहोबउना माणोक्उत्ता मायोवउत्ता लोभोवउत्ता?, गोयमा! कोहोवउत्नावि माणोवउत्तावि मायोवउत्ताविलोभोवउत्नावि, एवं पुढविक्काइयाणं सजेसुवि ठाणेसु अभंगयं. नवरं तेउलेस्साए असीती भंगा, एवं आउकाइयावि, तेउक्काइयवाउकाइयाणं सबेसुवि ठाणेसु अभंगयं, वणस्स(प० फ)इकाइया जहा पुढचिकाइया ।४९। वेईदियतेइंदियचउरिदियाणं जेहिं ठाणेहि नेरतियाणं असीई भंगा तेहि ठाणेहिं असीई चेच. नवरं अम्भहिया सम्मत्ते आभिणिचोहियनाणे सुयनाणे य, एहिं असीई भंगा, जेहिं ठाणेहि नेरतियाणं सत्तावीसं भंगा तेसु ठाणेसु मद्देसु अभंगयं, पंचिंदियतिरिक्वजोणिया जहा नेरइया तहा भाणियद्या. नवरं जेहिं सत्तावीसं भंगा तेहिं अभंगय कायव्यं, जत्थ असीती तत्थ असीती चेव. मणुस्साणवि जेहिं ठाणेहि नेरइयाणं असीती भंगा तेहिं ठाणेहिं मणुस्साणवि असीती भंगा भाणियचा. जेसु ठाणेसु सत्ताचीसा तेसु अभंगयं. नवर मणुस्साण अमहियं जहन्निया ठिई आहारए य असीती मंगा, वाणमंतरजोइसकेमाणिया जहा भवणवासी. नवरं णाणत्तं जाणियब्वं जं जस्स जाव अणुत्तरा । सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति।५०॥श०१उ०५॥ जावडयाओ यणं भने! उवासंतराओ उदयंते सरिए चक्खुप्फासं हषमागच्छति अत्यमतेऽवि य णं सरिए तावतियाओ चेव उवासंतराओ चक्खुप्फासं हवमागच्छति', हंता गोयमा ! जावइयाओ णं उवासंतराओ उदयंते सरिए चक्खुफाम हबमागच्छति अस्थमंतेऽवि सूरिए जाव हबमागच्छति, जावइयं णं भंते ! खित्तं उदयंते सूरिए आतावेणं सडओ समंता ओभासेइ उज्जोएड तवेइ पभासेड अत्यमंतेऽविय णं सरिए तावइयं चेव खितं आयावेणं सबओ समंता ओभासेइ उज्जोएइ नवेइ पभासेइ , हंता गोयमा! जावतियणं खेत्तं जाव पभासेइ, तं मंते ! किं पुढे ओमासेइ अपुढे ओभासेइ ?, जाच छहिसि ओमासेति. एवं उज्जोवेइ तवेइ पभासेइ जाव नियमा छरिमि, से नूणं भंते ! सति सावंति फुसमाणकालसमयंसि जावतियं खेत्तं कुसइ तावतियं फुसमाणे पुढेत्ति वत्तवं सिया ?, हंता गोयमा ! सबंति जाव वनवं सिया, तं भंते ! किं पुढे फुसइ अपुढे फुसइ ?. जाव नियमा उहिसि । ५१ । लोयंते भंते ! अलोयंतं फुसइ अलोयंतेऽवि लोयंतं फुसइ ?, हंता गोयमा ! लोयंते अलोयतं फुसइ अलोयतेऽवि लोयतं कुसइ, भंते ! किं पुढे कुसइ अपुढे फुसइ ? जाय नियमा छहिमि फुसइ, दीवंते भंते ! सागरंतं फुसइ सागरतेऽवि दीवंत कुसइ, हंता जाव नियमा छदिमि फुसइ, एवं एएणं अभिलावेण उदयंते पोयतं फुसइ छिइंते दूसंतं छायंते आयतं जाव नियमा छद्दिसि फुसइ ५२। अस्थि गं भंते! जीचाणं पाणाइवाएणं किरिया कजइ,हंता अस्थि, सा भंते ! किं पट्टा कजइ अपुट्टा कजइ, जाव निवाघाएणं छदिसि वाघायं पहुच सिय तिदिसि सिय चउदिसि सिय पंचदिसिं, सा भंते! किं कडा कजइ अकडा कजइ ?, गोयमा ! कडा कजङ नो अकडा कज्जइ, सा भंते! किं अत्तकडा कजइ परकडा कज्जइ तदुभयकढा कजइ ?, गोयमा ! | अत्तकडा कजइ णो परकडा कजइ णो तदुभयकडा कज्जइ. सा भंते! किं आणुपुचि कहा कज्जड अणाणपति कडा कज्जइ. गोयमा ! आणुपुचि कडा कजइ नो अणाणुपुच्चि कडा कजइ, जाय कडा जा य कजइ जा य कजिस्सा सव्वा सा आणुपुचि कडा नो अणाणुपुधि कडत्ति वत्नचं सिया, अस्थि णं भंते ! नेरइयाणं पाणाइवायकिरिया कजइ', हंना अस्थि, सा मंते! किं पुट्टा कजइ अपुट्टा कजइ जाव नियमा छदिमि कजइ, सा भंते ! किं कडा कज्जइ अकडा कजइ,तचव जावना अणाणपुब्वि कडात्त वत्तव्य सिया, जहा नरइया तहा एगिदियवज्जा भाणियबा, जाव माणिया, एगिदिया जहाजावाता मिच्छादसणसले, एवं एए अट्ठारस चउवीस दंडगा भाणियचा, सेवं भंते! सेवं भंते ति भगवं गोयमे समणं भगवं जाब विहरति । ५३ । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ नामं अणगारे पगइभद्दए पगइमउए पगइविणीए पगइउवसंते पगइपयणुकोहमाणमायालोमे मिउमदवसंपन्ने आडीणे भहए विणीए समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामने उड्दजाणू अहोसिरे झाणकोट्टोबगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, तए णं से रोहे णामं अणगारे जायसड्ढे जाच पज्जुवासमाणे एवं वदासी-पुवि भंते ! लोए पच्छा अलोए पुबि अल्लोए पच्छा लोए?. रोहा : लोए य अलोए य पुब्बिऽपेते पच्छाऽपने दोऽवि एए मासया भावा, अणाणुपुब्बी एसा रोहा, पुवि भंते ! जीवा पच्छा अजीवा पुचि अजीवा पच्छा जीवा?, जहेव लोए य अलोए य तहेव जीवा य अजीवा य, एवं भवसिद्धिया य अभवसिद्धिया य सिद्धी असिद्धी सिद्धा असिद्धा, पुचि भंते ! अंडए पच्छा कुकुडी पुचि कुकुडी पच्छा अंडए?, रोहा ! से ण अंडए कओ?, भयवं! कुकडीओ. साणं कुकडी कओ?, भंते! अंडयाओ. एवामेव रोहा ! से य अंडए सा य कृषडी. पविऽपेते पच्छाऽपेते दुवेने मामया भावा, अणाणुपुव्वी एसा रोहा !, पुवि भंते ! लोयंते पच्छा अलोयंते पुब्बि अलोयंते पच्छा लोयंते?, गेहा! लोयंते य अलोयंते य जाव अणाणपुवी एसा रोहा !, पुचि भंते ! लोयंते पच्छा मत्तमे उचामंतरे पुच्छा, रोहा ! लोयंने य सत्नमे उवासंतरे पुविपि० दोऽवि एते जाव अणाणुपुच्ची एसा रोहा, एवं लोयंते य सत्तमे य तणवाए, एवं घणवाए घणोदही सत्तमा पुढवी, एवं लोयंते एकेकेणं संजोएयब्बे इमेहिं ठाणेहिं. तं- ओवास वाए घणउदहि पुढवी दीवा य सागरा बासा । नेरइयाई अस्थिय समया कम्माई लेस्साओ ॥ १७॥ दिट्ठी सण णाणा सन्न सरीरा य जोग उवओगे। इव्वपएसा पज्जव अद्धा किं पुब्बि लोयंते? ॥१८॥ पुखि भने! लोयंते पच्छा मब्बद्धा?, जहा लोयंतेणं | संजोइया सव्ये ठाणा एते एवं अलायंतेणऽवि संजोएयव्या सव्ये, पुखि भंते ! सत्तम उवासंतरे पच्छा सत्तमे तणुवाए.एवं सत्तम उवासंतरं सवहि सम संजोएयव्यं जाय मव्वद्धाए, पुधि भंते! सत्तमे तणवाए पच्छा सत्तमे घणवाए, एयपि तहेव नेयव्वं जाव सम्बद्धा, एवं उवरिड एकेकं संजोयंतेणं जो जो हिडिडो तं ने छईतेणं नेयव्वं जाव अतीयअणागयद्धा पच्छा सच्चद्धा जाय अणाणपब्बी एसा रोहा !। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ।५४॥ १६६ श्रीभगवत्यंग - - मुनि दीपरनसागर Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SCAISPRABHASHASPICNISPENSPEARSHESAASHIONSHISMSPAINASPIRMISPENISHESARSYCANSPIRMEPRABPORPOMBU भंते:त्ति भगवं गोयमे समणं० जाब एवं वयासी-कतिविहा ण भंते ! लोयट्टिती पं०१, गोयमा ! अवषिहा लोयहिती पं० त०-आगासपइदिए बाए वायपइद्विए उदही उदहीपइट्टिया पुढवी पुढवीपइद्विया तसा यावरा पाणा अजीवा जीवपइट्ठिया जीवा कम्मपइडिया अजीवा जीवसंगहीया जीचा कम्मसंगहीया, से केणगुणं भंते! एवं बुच्चइ अट्ठविहा जाव जीवा कम्मसंगहीया?, गोयमा ! से जहानामए केइ पुरिसे यस्थिमाडोबह पस्थिमाडोवित्ता उप्पिंसितं बंधइ त्ता मझेणं गंठि बंधइ त्ता उवगिडं गंठिं मुयइ त्ता उवरिई देसं चामेइ त्ता उपसिलु देसं आउयायस्स पूरेदत्ता उपिसि तं बंधइ त्ता मज्झिल गंठिं मुयइ, से नूर्ण गोयमा ! से आउयाए तस्स याउयायस्स उप्पि उपरितले चिट्ठइ ?. हंता चिट्ठाइ, से तेणटेणं जाव जीवा कम्मसंगहिया, से जहा वा केइ पुरिसे वस्थिमाडोबेइ ला कडीए बंधइत्ता अस्थाहमता(पा० पा)रमपोरुसियंसि उदगंसि ओगाहेजा, से नूणं गोयमा ! से पुरिसे तस्स आउयायस्स उप्पिं उप| रितले चिट्ठ?.हंता चिट्ठाइ, एवं वा अट्टविहा लोयट्टिई पं० जाव जीवा कम्मसंगहिया । ५५। अस्थि णं भंते! जीचा य पोग्गला य अन्नमजबद्धा अन्नमनपुट्ठा अन्नमनमोगाढा अनमनमिणेहपडियदा अन्नमन्त्रसमभरघडत्ताए है चिट्ठति ?, हंता अस्थि, से केणतुणं भंते! जाव चिट्ठति ?, गोयमा ! से जहानामए-हरदे सिया पुण्णे पुण्णप्पमाणे बोलट्ठमाणे वोसट्टमाणे समभरघडताए चिट्ठइ, अहे णं केइ परिसे तंसि हरदसि एग महं नावं सयासर्व सयछि ओगाहेजा, से नूर्ण गोयमा ! सा णावा तेहिं आसवदारोहिं आपूरमाणी २ पुण्णा पुण्णप्पमाणा वीलङ्कमाणा बोसट्टमाणा समभरघडत्ताए चिट्ठइ .हंता चिट्ठइ, से तेणटेणं गोयमा ! अन्थि णं जीवा य जाव चिट्ठति । ५६। अस्थि णं, भंते! सया समियं सुहमे सिणेहकाये पवढइ?, हंता अस्थि, से भंते ! किं उड्ढे पवडाइ अहे पक्डइ तिरिए पवडाइ?, गोयमा ! उद्वेऽवि पक्डइ अहेऽवि पक्डइ तिरिएऽवि पवडइ. जहा से चादरे आउयाए अन्नमन्नसमाउने चिरंपि| दीहकालं चिट्ठइ तहा णं सेऽवि ?, नो इणढे समढे, सेणं खिप्पामेव विद्धसमागच्छइ । सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति । ५७॥ श०१3०६॥नेरइए णं भंते! नेरइएसु उववजमाणे किं देमेणं देसं उववजाइ देसेणं सव्वं उववजह सब्येणं देसं उववजह सब्वेणं सव्वं उववज्जइ', गोयमा ! नो देसेणं देसं उववज्जइ नो देसेणं सव्वं उबवज्जइ नो सब्वेणं देसं उववज्जइ सब्वेणं सव्वं उक्वजइ, जहा नेरइए एवं जाव वेमाणिए। ५८ । नेरइए णं भंते ! नेरइएसु उववज्जमाणे कि देसेणं देसं आहारेइ देसेणं सव्वं आहारेइ सवेणं देसं आहारेइ सवेणं सव्यं आहारेइ ?, गोयमा ! नो देसेणं देसं आहारेइ नो देसेणं सव्यं आहारेड सब्वेण वा देसं आहारेइ सव्वेण वा सवं आहारेइ एवं जाव वेमाणिए, नेरइए। णं भंते ! नेरइएहिंतो उबमाणे किं देसेणं देस उवचट्टइ ? जहा उवचजमाणे तहेव उवट्टमाणेऽवि दंडगो भाणियग्यो, नेरइए णं भंते ! नेरइएहितो उववट्टमाणे किं देसेणं देसं आहारेइ तहेव जाव सम्वेण या सवं आहारेइ ?. सब्वेण सव्वं आएवं जाव वेमाणिए, नेरइ० भंते ! नेर० उबबने कि देसेणं देसं उवकन्ने एसोऽवि तहेब जाव सव्येणं सव्वं उववन्ने, जहा उववजमाणे उनवट्ठमाणे य चत्तारि दंडगा तहा उववन्नेणं उच्चट्टणेणऽवि चत्तारि दंडगा भाणियब्वा सवेणं सव्वं उववन्ने सव्वेण वा देसं आहारेइ सव्वेण वा सव्वं आहारेइ, एएणं अभिलावेणं उववन्नेऽवि उब्वट्टणेऽपि नेयवं, नेरइए णं भंते ! नेरइएसु उववजमाणे किं अबेणं अद्ध उबवजइ अघणं सव्वं उववज्जइ सब्वेणं अदं उवबज्जइ सब्वेणं सव्वं उववजइ , जहा पढमिलेणं अट्ट दंडगा तहा अद्धेणऽवि अट्ठ दंडगा भाणियच्या, नवरं जहिं देसेणं देसं उववज्जइ तहिं अदेणं अद्धं उपवजा इति भाणियब्बं एयं णाणनं. एते मव्वेऽवि सोलम दंडगा भाणियब्वा 1५९। जीचे णं भंते! किं विम्गहगतिसमावन्नए अविग्गहगतिसमावन्नए?, गोयमा सिय विग्गहगइसमावन्नए सिय अविग्गहगतिसमावन्नगे, एवं जाव वेमाणिए, जीवा णं भंते! किं विग्गहगइसमावन्नया अविम्गहगइममाचन्नगा?, गोयमा! विग्गहगइसमावन्नगावि अविग्गहराइसमावन्नगावि, नेरच्या णं भंते! किं विम्गहगतिसमावन्नया अविग्गहगतिसमापन्नगा ?, गोयमा! सब्वेऽवि ताव होज्जा अविग्गहगतिसमावन्नगा अहवा अविम्गहगतिसमावन्नगा य विग्गहमतिसमावन्ने य अहवा अविग्गहमतिसमावन्नगा य विग्गहगइसमावन्नगा य, एवं जीवेगिदियवज्जो तियभंगो । ६० । देवे णं भंते ! महिड्ढिए महज्जुइए महब्बले महायसे महामुक्ये महाणभावे अविउकंनियं (चयं पा) चयमाणे किंचिवि कालं हिरिवत्तियं दुगुंछावनियं परिसहवत्तिय आहारं नो आहारेइ, अहे णं आहारेइ, आहारिजमाणे आहारिए परिणामिजमाणे परिणामिए पहीणे य आउए भवइ जत्थ अवज्जइ तमाउयं पडिसंवेएइ, तं०-तिरिक्वजोणियाउयं वा मणुस्साउयं वा ?.हंता गोयमा! देवे णं महिड्ढीए जाच मणुस्साउयं वा । ६१। जीवे णं भंते ! गभं वकमाणे किं सइंदिए बकमइ अणिदिए वकमइ?, गोयमा ! सिय सइंदिए बक्कमह सिय अणिदिए वकमाइ, से केणद्वेणं० १. गोयमा ! दबिदियाई पहुच अणिदिए बक्कमाइ भाबिंदियाइं पहुंच सइंदिए वकमइ, से तेणतुणं०, जीवे णं भंते ! गम्भं यक्कममाणे कि ससरीरी वकमइ असरीरी वकमह?. गोयमा सिय मसरीरी वसिय असरीरी वकमइ, से केणट्टेणं ०?, गोयमा ! ओरालियवेउब्वियआहारयाई पहुच असरीरी २० तेयाकम्माई पडुच ससरीरी वक से तेणद्वेणं गोयमा !०, जीवे णं भंते ! गम्भं यक्रममाणे तप्पढमयाए किमाहारमाहारेड ?, गोयमा! माउओयं पिउसुकं तं तदुभयसंसिर्ल्ड कलुस किविसं तप्पटमयाए आहारमाहारेइ, जीवे णं भंते ! गभगए समाणे किमाहारमाहारेइ ?, गोयमा जं से माया नाणाविहाओ रसविगईओ आहारमाहारेर तदेकदेसेणं ओयमाहारेत. जीवस्स णं भंते ! गम्भगयस्स समाणस्स अस्थि उचारेइ वा पासवणेइ वा खेलेइ वा सिंघाणेइ या वंतेइ वा पित्तेइ वा ?. णो इणढे समढे, से केणतुणं?, गोयमा! जीवे णं गभगए समाणे जमाहारेइ तं चिणाइतं सोईदियत्ताए जाव फासिदियत्ताए अहिअद्विमिजकेसमंसुरोमनहत्ताए०, से तेणद्वेणं०, जीवेणं भंते ! गम्भगए समाणे पभू मुहेणं कावलियं आहारं आहारित्तए?, गोयमा ! णो इणढे समढे, से केणट्टेणं?, गोयमा ! जीवेणं गभगए ममाणे सब्बओ आहारेइ सम्बो परिणामेइ सवओ उस्ससइ सम्बओ निस्ससइ अभिक्खणं आहारेइ अभिक्खणं परिणामेइ अभिक्वणं उस्ससइ अभिक्खणं निस्ससइ आहच आहारेइ आहच परिणामे आहच उस्ससह आदच नीससह, माउजीवरसहरणी पुत्तजीवरसहरणी, माउजीवपडिचद्धा पुत्तजीचं फुडा तम्हा आहारेइ तम्हा परिणामेइ, अबरावि य णं पुत्तजीवपडिचदा माउजीवफुडा तम्हा चिणाइ सम्हा उपचिणाइ से तेणद्वेणं जाव नो पभू मुहेणं कावलियं आहारं आहारितए, कइणं भंते ! माइअंगा पं०१, गोयमा ! तओ माइयंगा पं० २०-मसे सोणिए मत्थुलुंगे, कइ णं भंते! पिइयंगा पं०?, गोयमा ! तओ पिइयंगा पं० तं०-अट्टि अडिमिंजा केसमंसुरोमनहे, अम्मापिडए णं भंते! 81१६७ श्रीभगवत्यंग - - मुनि दीपरत्नसागर CERAMINAIRLINOMANRAOISARK43318633984435RAREKARSINHARISHANGARIKAANJIRONORERNA Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NOPIRACOPGARHIEPISABPRASHAIRASPASHBHOPARASPIRSSHRSSPRINEMASHAREPRISPRINGPHARMA सरीरए केवइयं कालं संचिट्ठइ ?, गोयमा ! जावइयं से कालं भवधारणिजे सरीरए अव्यावन्ने भवइ एवतियं कालं संचिट्टइ, अहे णं समए समए वोकसिजमाणे २ चरमकालसमयसि वोच्छिन्ने भवइ ।६२। जीवे गं मंते! गम्भगए समाणे नेरइएमु उववजेजा?, गोयमा ! अत्यगइए उववजेजा अत्येगइए नो उववजेजा, से केणटेणं०१, गोयमा ! से णं सन्नी पंचिंदिए सव्वाहिं पजत्तीहिं पजत्सए वीरियलबीए वेउब्बियलबीए पराणीयं आगयं सोचा निसम्म पएसे निभइ त्ता वेउब्वियसमुग्याएणं समोहणइ ना चाउरंगिणिं सेन्नं विउव्वइ त्ता चाउरंगिणीए सेणाए पराणीएणं सदि संगाम संगामेइ, से णं जीवे अत्यकामए रज्जकामए भोगकामए कामकामए अत्यकंखिए रज्जकंखिए भोगकंखिए कामकंखिए अत्यपिवासिए रजपिवासिए भोगपिवासिए कामपिचासिए तचित्ते तम्मणे तडेसे तदमसिए तत्तिब्वझवसाणे तदट्टोवउत्ते तदप्पियकरणे तम्भावणाभाविए एयंसि णं अंतरंसि कालं करेज नेरइएम उववजइ, से तेणतुणं० गोयमा! जाव अत्येगइए उपपनेजा अत्येगइए नो उववजेजा, जीवे णं भंते! गम्भगए समाणे देवलोगेसु उववजेजा, गोयमा! अत्येगइए उववजेजा अत्येगइए नो उववजेजा, से केणतुणं?, गोयमा! सेणं सन्नी पचिदिए सब्बाहिं पजत्तीहिं पज्जत्तए तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतिए एगमवि आयरियं धम्मियं सुक्यणं सोचा निसम्म तओ भवाइ संवेगजायसढे तिब्वधम्माणुरागरते, सेणं जीवे धम्मकामए पुण्णकामए सम्गकामए मोक्खकामए धम्मकंखिए पुष्णकंखिए सम्म०मोक्खकं० धम्मपिचासिए पुण्ण सम्ग० मोक्खपियासिए तच्चित्ते तम्मणे तसे तदापसिए तत्तिव्यावसाणे तदट्ठोषउत्ते तदप्पियकरणे तम्मावणाभाविए एयसि णं अंतरंसि कालं करेज देवलोएस उव०, से तेणद्वेणं गोयमा !०, जीये णं भंते ! गम्भगए समाणे उत्ताणए वा पासिलए वा अंचखुज्जए वा अच्छेज वा चिद्वेज वा निसीएज वा तुपट्टेज वा माऊए सुयमाणीए सुवइ जागरमाणीए जागरइ सुहियाए मुहिए भवइ दुहियाए दुहिए भवहहंता गोयमा! जीवे णं गम्भगए समाणे जाव दुहियाए दुहिए भवइ, अहे णं पसवणकालसमयंसि सीसेणं वा पाएहि वा आगच्छद सममागच्छइ तिरियमागच्छद विणिहायमागच्छइ, वण्णवज्झाणि य से कम्माई बढाई पुबाई निहत्ताई कडाई पट्टवियाई अभिनिविट्ठाई अभिसमन्नागयाई उदिवाई नो उवसंताई भवंति तओ भवइ दुरूवे दुग्यो दुग्गंधे दूरसे दुफासे अणिढे अकते अप्पिए असुभे अमणुले अमणामे हीणस्सरे दीणसरे अणिद्गुस्सरे अर्कतस्सरे अप्पियस्सरे असुभस्सरे अमणुनस्सरे अमणामस्सरे अणाएजवयणे पकायाए यावि भवइ, वनवज्झाणि य से कम्माई नो बदाई पसत्यं नेयाचं जाव आदेजवयणे पञ्चायाए यावि भवइ, सेवं भंते ! सेवं भंतेति । ६३ । २०१उ०७॥रायगिहे समोसरणं जाव एवं पयासी-एगंतवाले णं भंते! मणूसे किं नेरइयाउयं पकरेइ तिरिक्ख०मणु देवाउयं पकरेति ?, नेस्याउयं किच्चा नेरइएसु उव०तिरियाउयं कि० तिरिएमु उव० मणुस्साउयं० मणुस्से ० उप० देवाउ कि० देवलोएसु उववजह?, गोयमा ! एगंतचाले णं मणुस्से नेरइयाउयपि पकरेइ तिरिमणु० देवाउयंपि पकरेइ, नेरहयाउयपि किचा नेहएमु उप०तिरि०मणु देवाउयं किचा तिरि०मणु देवलोएसु उववजह । ६४। एगतपटिए णं भंते ! मणुस्से कि नेर, पकरेइ जाव देवाउयं किच्चा देवलोएसु उवव०?, गोयमा! एगंतपडिए णं मणुस्से आउयं सिय पकरेइ सिय नो पकरेइ. जइ पकरेइ नो नेरइया० पकरेइ नो तिरि० नो मणु० देवाउयं पकरेइ, नो नेरइयाउयं किया नेर उप० णो तिरि० णो मणुस्स० देवाउयं किया देवेसु उव०, से केणठेणं जाव देवा०किचा देवेसु उपयजा', गोयमा! एगंतपंडियस्स णं मणुस्सस्स केवलमेव दो गईओ पं० २०. अंतकिरिया चेव कप्पोवपत्तिया चेष, से तेणठेणं गोयमा! जाव देवाउयं किच्चा देवेसु उबवज्जइ?, बालपंडिए णं भंते! मणुस्से कि नेहयाउय पकरेइ जाच देवाउयं किया देवेसु उववजह?, गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेइ जाव देवाउयं किचा देवेसु उववजह से केणडेणं जाव देवाउयं किया देवेसु उववजह?, गोयमा! बालपंडिएणं मणुस्से तहारुवस्स समणस्स वा माहणस्स या अंतिए एगमपि आयरियं धम्मियं सुवयणं सोचा निसम्म देसं उवरमइ देसं नो उवरमइ देसं पचक्खाइ देसं णो पचक्खाइ, से तेणठेणं देसोवरमदेसपचक्खाणेणं नो नेरइयाउयं पकरेइ जाव देवाउयं किया देवेसु उपवजा, से तेणठेणं जाय देवेसु उक्यज्जइ । ६५। पुरिसे णं भंते! कच्छंसि वा दहंसि वा उदगंसि वा दवियंसि वा क्लयंसि या नूमंसि या गहणंसि वा गहणचिदुग्गंसि वा पव्वयंसि वा पव्वयविदुग्गसि वा वर्णसि वा वणविदुग्गंसि वा मियवित्तीए मियसंकप्पे मियपणिहाणे मियवहाए गंता एए मिएत्तिकाउं| अन्नयरस्स मियस्स वहाए कूडपासं उद्दाइ, ततो गं भंते ! से पुरिसे कतिकिरिए पं०१, गोयमा! जावं च णं से पुरिसे काउंसि वा जाव कूडपासं उदाइ तावं च णं से पुरिसे सिय तिकि० सिय चउ० सिय पंच०, से केणतुणं सिय ति० सिय च० सिय पं०, गोयमा ! जे भविए उदवणयाए णो बंधणयाए णो मारणयाए तावं च णं से पुरिसे काइयाए अहिगरणियाए पाउसियाए तिहिं किरियाहिं पुढे, जे भविए उदयणयाएऽवि बंधणयाएऽवि णो मारणयाए तावं च णं पुरिसे काइयाए अहिगरणियाए पाउसियाए पारियावणियाए चउहि किरियाहिं पुढे, जे भविए उदवणयाएऽवि बंधणयाएऽवि मारणयाएऽवि तावं च णं से पुरिसे काइयाए अहिगरणियाए पाउसियाए जाव पंचहिं पुढे, से तेणतुणं जाच पंचकिरिए। ६६ । पुरिसे गं भंते ! कच्छसि वा जाव वणविदुग्गंसि वा तणाई ऊसविय २ अगणिकायं निस्सरह तावं च णं से भंते ! से पुरिसे कतिकिरिए', गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकि० सिय पंच०, से | केणट्टेणं० ?, गोयमा! जे भविए उस्सवणयाए ते तिहि, उस्सवणयाएऽवि निस्सिरणयाएविनों दहणयाए चउहिं०, जे भविए उस्सवणयाएऽपि निस्सिरणयाएऽपि दहणयाएऽपि तावं चणं से पुरिसे काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पट्टे, से तेण० गोयमा !०।६७। पुरिसे णं भंते ! काउंसि वा जाव वणविदुग्गंसि वा मियवित्तीए मियसंकप्पे मियपणिहाणे मियवहाए गंता एए मियेत्तिकाउं अनयरस्स मियस्स वहाए उसु निसीरइ ततो णं भंते! से पुरिसे कइकिरिए.?, गोयमा! सिय तिकिरिए सिय पाउकिरिए सिय पंचकिरिए, से केणद्वेणं०?, गोयमा ! जे भविए निस्सिरणयाए नो विद्धंसणयाएऽवि नो मारणयाए तिहि, जे भपिए निस्सिरणपाएऽवि चिद्धसणयाएऽवि नो मारणयाए चउद्दि, जे भविए निस्सिरणयाएऽवि विद्धसणयाएऽवि मारणयाएऽपि ताव चणं से पुरिसे जाव पंचहि किरियाहिं पुढे, से तेणट्टेणं गोयमा! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए । ६८ा पुरिसे ण भंते! कच्छंसि वा जाव अनयरस्स मियस्स वहाए आययकमाययं उसु आयामेत्ता चिहिना, अभयरे पुरिसे मग्गओ आगम्म सयपाणिणा वासे असिणा सीसं छिंदेजा से य उसुं ताए पेय पुयायामणयाए त विधेजा से णं भंते ! पुरिसे किं मियवेरेणं पुढे पुरिसवेरेणं पुढे ?, गोयमा! जे मियं मारेइ से मियवेरेणं पुढे, जे पुरिसं मारेइ से पुरिसवेरेणं पुढे, से केणट्टेणं भंते! एवं बुञ्चइ जाव से पुरिसवेरेणं पुढे ?, से नूर्ण गोयमा! कजमाणे कडे संधिजमाणे संधिए निव्वत्तिजमाणे (४२)। १६८ श्रीभगवत्यंग-सत१ मुनि दीपरनसागर Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निव्वत्तिए निसिरिजमाणे निसिद्वेति वत्तव्वं सिया ?, हंता भगवं! कज्जमाणे कडे जाव निसिद्वेत्ति बत्तव्वं सिया, से तेणट्टेणं गोयमा ! जे मियं मारेइ से मियवेरेणं पुढे जे पुरिसं मारेइ से पुरिसवेरेणं पुढे, अंतो छण्डं मासाणं मर काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुढे, बाहिं छण्डं मासाणं मरइ काइयाए जाव पारियावणियाए चउहिं किरियाहिं पुढे । ६९ । पुरिसे णं भंते! पुरिसं सत्तीए समभिर्धसेजा सयपाणिणा वा से असिणा सीसं छिंदेज्जा तए णं मंते! सेपुरिसे कतिकिरिए ?, गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे तं पुरिसं सत्तीए (सममिधंसेइ) सयपाणिणा वा से असिणा सीसं छिंदइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए अहिगरणि० जाब पाणाइवायकिरियाए पंचहि किरियाहिं पुढे, आसन्नवहरण य अणवकखवत्तिएण पुरिसवेरेणं पुढे । ७० । दो मंते! पुरिसा सरिसया सरित्तया सरिव्वया सरिसभंडमत्तोवगरणा अन्नमन्नेणं सद्धिं संगामं संगामेन्ति, तत्थ णं एगे पुरिसे पराइणइ एगे पुरिसे पराइज्जइ, से कहमेयं मंते ! एवं ?, गोयमा ! सवीरिए पराइणइ अवीरिए पराइज्जइ, से केणट्टेणं जाब पराइज्बइ ?, गोयमा ! जस्स णं वीरियवज्झाई कम्माई णो बढाई णो पुट्ठाई जाव नो अभिसमभागयाई नो उदिबाई उवसंताई भवंति से णं पराइणइ, जस्स णं बीरियवज्झाई कम्माई बढाई जाव उदिन्नाई नो उवसंताइं भवंति से णं पुरिसे पराइज्जइ, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ सवीरिए पराइणइ अवीरिए पराइज्जइ । ७१ । जीवा णं भंते! किं सवीरिया अवीरिया ?, गोयमा ! सवीरियावि अवीरियावि, से केणट्टेणं १०, गोयमा ! जीवा दुबिहा पं० तं० संसारसमावनगा य असंसारसमावन्नगा य, तत्य णं जे ते असंसारसमावन्नगा ते णं सिद्धा, सिद्धा णं अवीरिया, तत्थ णं जे ते संसारसमान्नगा ते दुबिहा पं० तं० सेलेसि पडिवनगा य असेलेसिपडिवनगा य, तत्थ णं जे ते सेलेसिपडिबन्नगा ते णं लद्विवीरिएणं सवीरिया करणवीरिएणं अवीरिया, तत्थ णं जे ते असेलेसिपडिवन्नगा ते लडिवीरिएणं सवीरिया करणवीरिएणं सवीरियावि अवीरियावि, से णणं गोयमा ! एवं बुच्चइ जीवा दुविहा पं० तं० सवीरियावि अवीरियावि, नेरइया णं भंते! किं सवीरिया अवीरिया ?, गोयमा ! नेरइया लद्विवीरिएणं सवीरिया करणवीरिएणं सवीरियावि अवीरियावि, से केणट्टेणं० १, गोयमा ! जेसिं णं नेरइयाणं अस्थि उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरकमे ते णं नेरइया लद्विवीरिएणवि सवीरिया करणवीरिएणवि सवीरिया, जेसिं णं नेरइयाणं नत्थि उड्डाणे जाव परकमे ते णं नेरइया लद्विवीरिएणं सीरिया करणवीरए अबीरिया से वेट्टे०, जहा नेरइया एवं जाब पंचिदियतिरिक्खजोणिया, मणुस्सा जहा ओहिया जीवा, नवरं सिद्धवज्जा भाणियच्या, वाणमंतरजोइसत्रेमाणिया जहा नेरइया, सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति । ७२ ॥ श० १३०८ ॥ कहनं मंते! जीवा गरुयत्तं हव्वमागच्छन्ति ?, गोयमा ! पाणाइवाएणं मुसावाएणं अदिन्नमेहुणपरिकोहमाणमायालोभपेज्जदो सकलह अच्भक्खाणपेमुन्नरतिअरतिपरपरिवायमायामोसमिच्छादंसणसाडेणं, एवं खलु गोयमा ! जीवा गरुयत्तं हव्वमागच्छंति, कहन्नं भंते! जीवा लहुयत्तं हव्यमागच्छंति ?, गोयमा ! पाणाइवायवेरमणेणं जाव मिच्छादंसणसाडवेरमणेणं, एवं खलु गोयमा ! जीवा लहुयत्तं हव्वमागच्छन्ति एवं संसारं आउलीकरेंति एवं परित्तीकरेंति एवं दीहीकरेंति इस्सीकरेंति एवं अणुपरियहंति बीइवयंति, पसत्था चत्तारि अप्पसत्था चत्तारि । ७३ । सत्तमे णं भंते! ओवासंतरे किं गुरुए लहुए गुरुयलहुए अगुरुयलहुए ?, गोयमा ! नो गुरुए नो लहुए नो गुरुयलहुए अगुरुयलहुए, सत्तमे णं भंते! तणुवाए किं गुरुए लहुए गुरुयलहुए अगुरुयलहुए ?, गोयमा! नो गुरुए नो लहुए गुरुयलहुए नो अगुरुयल हुए, एवं सत्तमे घणवाए सत्तमे घणोदही सत्तमा पुढवी, उपासंतराई सब्वाई जहा सत्तमे ओवासंतरे, जहा तणुबाए एवं 'ओवास वाय घणउदहि पुढवी दीवा य सागरा वासा (१७-१८) ॥ नेरइया णं भंते! किं गुरुया जाव अगुरुलहुया ?, गोयमा ! नो गुरुया नो लहुया गुरुयलहुयावि अगुरुलहुयावि, से केणट्टेणं० ?, गोयमा ! | वेउब्वियतेयाई पडूच नो गुरुया नो लहुया गुरुयलहुया नो अगुरुलहुया, जीवं च कम्मणं च पडुच नो गुरुया नो लहुया नो गुरुयलहुया अगुरुयलहुया. से तेणट्टेणं०, जाय वैमाणिया, नवरं गाणत्तं जाणियव्वं सरीरेहिं, धम्मत्थिकाए जाव जीवत्थिकाए चउत्थपएणं. पोग्गलत्थिकाए णं भंते! किं गुरुए लहुए गुरुयलहुए अगुरुयलहुए ?, गोयमा ! णो गुरुए नो लहुए गुरुयलहुएऽवि अगुरुयलहुएऽवि से केणट्टेणं० १. गोयमा ! गुरुयलहुयदव्वाई पडूच नो गुरुए नो लहुए गुरुयलहुए नो अगुरुयलहुए, अगुरुयलहुयदव्वाई पडुच नो गुरुए नो लहुए नो गुरुयलहुए अगुरुयलहुए, समया कम्माणि य चउत्थपदेणं, कण्हलेसा णं भंते! किं गुरुया जाव अगुरुयलया ?, गोयमा ! नो गुरुया नो लहुया गुरुयलहुयावि अगुरुयलहुयाषि से केणट्टेणं० १, गोयमा ! दव्वलेसं पडुच ततियपदेणं भावलेस पहुंच चउत्थपदेणं, एवं जाव सुकलेसा, दिडीदंसणनाणअन्नाणसण्णा चउत्थपदेणं णेयच्वाओ, हेडिडा चत्तारि सरीरा णेयव्या ततियपदेणं कम्मयं चउत्ययपएणं, मणजोगो वइजोगो चउत्थएणं पदेणं कायजोगो ततिएणं पदेणं, सागारोवओगो अणागारोवओगो चउत्थपदेणं, सव्वदव्वा सव्वपएसा सव्वपज्जवा जहा पोम्गलत्थिकाओ, तीतद्धा अणागयद्धा सव्वदा चउत्थएणं पदेणं । ७४ । से नूणं भंते! लाघवियं अप्पिला अमुच्छा अगेही अपडिबद्धया समणाणं णिग्गंथाणं पसत्थं ?, हंता गोयमा ! लाघवियं जाव पसत्थं, से नृणं भंते! अकोहत्तं अमाणत्तं अमायत्तं अलोभत्तं समणाणं निग्गंथाणं पसत्यं ?, हंता गोयमा! अकोहत्तं अमाणत्तं जाव पसत्थं, से नूणं भंते! कंखापदोसे खीणे समणे निग्गंधे अंतकरे भवति अंतिमसारीरिए वा बहुमोहेऽवि य णं पुच्चि विहरित्ता अह पच्छा संबुड़े कालं करेति तओ पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेइ ?, हंता गोयमा ! कंखापदोसे खीणे जाव अंतं करेति । ७५ । अण्णउत्थिया णं भंते! एवमाइक्ति एवं भाषॆति एवं पण्णवेति एवं पति एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो आउयाई पकरेति, नं०इहभवियाउयं च परमवियाउयं च, जंसमयं इहभवियाउयं पकरेति तंसमयं परभवियाउयं पकरेति जंसमयं परभवियाउयं पकरेति तंसमयं इहभवियाउयं पकरेति, इहभवियाउयस्स पकरणयाए परभवियाउयं पकरेइ परभवियाउयस्स पकरणयाए इहभवियाउयं पकरेति, एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो आउयाई पकरेति, तं० इहभवियाउयं च परभवियाउयं च से कहमेयं भंते! एवं ?, खलु गोंयमा! जण्णं से अण्णउत्थिया एवमातिक्खति जाव परभवियाउयं च, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एक्माहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं एवं आउयं पकरेति, तं० इहभवियाउयं वा परभवियाउयं वा, जंसमयं इहभवियाउयं पकरेति णो तंसमयं परभवियाउयं पकरेति जंसमयं परभवियाउयं पकरेइ णो तंसमयं इहभवियाउयं पकरेइ, इहभवियाउयस्स पकरणताए णो परभवियाउयं पकरेति परभवियाउयस्स पकरणताए णो इहभवियाउयं पकरेति, एवं १६९ श्रीभगवत्यं - १ मुनि दीपरत्नसागर Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ GALSPIRONIPASHRAPRIMEPRARBPPEARESHMISPHISAROINISHEMISPERHIMSHI6SPSSMSPIARPICARSPIRINGIPADARSPICI खलु एगे जीवे एगेणं समएणं एग आउयं पकरेति, तं०-इहभवियाउयं वा परभवियाउयं वा, सेवं भंते! सेब भंतेत्ति भगवं गोयमे जाव विहरति । ७६ । तेणं कालेणं तेणं समएणं पासावचिजे कालासवेसियपुते णामं अणगारे जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छति त्ता थेरे भगवंते एवं वयासी-थेरा सामाइयं ण जाणंति थेरा सामाइयस्स अट्ठ ण याणंति धेरा पचक्खाणं ण याणंति थेरा पचक्खाणस्स अट्ट ण याणंति थेरा संजमं ण याणंति थेरा संजमस्स अटुं ण याणंति थेरा संवरं ण याणंति थेरा संवरस्स अट्ठ ण याणंति धेरा विवेगं ण याणंति थेरा विवेगस्स अटुं ण याणंति धेरा विउस्सग ण याणंति थेरा विउस्सग्गस्स अटुं ण याणंति, तए णं ते घेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासी-जाणामोणं अजो! सामाइयं जाणामोणं अज्जो! सामाइयस्स अटुं जाव जाणामोणं अजो विउस्सग्गस्स अटुं, तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे ते धेरे भगवंते एवं वयासी-जति णं अजो! तुम्भे जाणह सामाइयं जाणह सामाइयस्स अट्ठ जाव जाणह विउस्सम्गस्स अटुं किं मे अजो! सामाइए ? किं भे अजो! सामाइयस्स अट्टे ? जाव किं भे० विउस्सग्गस्स अट्टे ?, तए णं ते थेरा भगवंतो कालासवेसियपुतं अणगारं एवं वयासी. आया णे अजो! सामाइए आया णे अज्जो ! सामाइयस्स अट्टे जाव विउस्सम्गस्स अट्टे, तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे थेरे भगवंते एवं वयासी-जति भे अजो! आया सामाइए आया सामाइयस्म अढे एवं जाव आया विउस्सपास्स अट्टे अक्हटु कोहमाणमायालोभे किमटुं अज्जो ! गरहह ?, कालास. संजमट्टयाए, से भंते ! किंगरहा संजमे अगरहा संजमें?. कालास०! गरहा संजमे नो अगरहा संजमे, गरहावि य णं सव्वं दोसं पविणेति सव्वं बालियं परिणाए, एवं खुणे आया संजमे उवहिए भवति एवं खुणे आया संजमे उवचिए भवति एवं पुणे आया संजमे उपट्ठिए भवति, एल्थ णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे संबुद्धे धेरे भगवंते वंदति णमंसति त्ता एवं वयासीएएसिणं भंते ! पयाणं पुयि अण्णाणयाए असवणयाए अबोहियाए अणभिगमेणं अदिवाणं अस्सुयाणं असुयाणं अविण्णायाणं अव्वोगडाणं अव्वोच्छिन्नाणं अणिज्जूढाणं अणुवधारियाणं एयमढे णो सहहिए णो पत्तिए णो रोइए इयाणिं भंते! एतेसिं पयाणं जाणणयाए सवणयाए बोहिए अभिगमेणं दिवाणं सुयाणं मुयाण विण्णायाणं वोगहाणं वोच्छिन्नाणं णिजूढाणं उवधारियाणं एयमझु सहहामि पत्तियामि रोएमि एवमेयं से जहेयं तुम्भे वदह, तए ण ते थेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासी-सदहाहि जज्जो! पत्तियाहि अजो! रोएहि अजो! से जहेयं अम्हे बदामो, तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे थेरे भगवंतो वंदइ नमसह ता एवं वदासी-इच्छामि णं भंते! तुभं अंतिए चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहव्वइयं सपडिकमणं धम्मं उपसंपजित्ताणं विहरित्तए. अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंध०, तए णं से कालासवेसियपुने अणगारे थेरे भगवंते बंदइ नमसइ चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहब्वइयं सपडिकमणं धम्मं उपसंपज्जित्ताणं विहरइ, तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे चहणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणइ जस्सऽट्टाए कीरइ नग्गभावे मुंडभावे अण्डाणय अदंतवणयं अच्छत्तयं अणोवाहणयं भूमिसज्जा फलहसेजा कट्ठसेज्जा केसलोओ बंभचेवासो परघरपवेसो लदावलदी उच्चाक्या गामकंटगा चावीस परिसहोवसग्गा अहियासिजति तमढ आराहेइत्ता चरिमेहिं उस्सासनीसासेहिं सिद्ध बुद्धे मुके परिनिबुडे सव्वदुक्वप्पहीणे 1७७। भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति त्ता एवं बदासी-से नूणं भंते ! सेट्टियस्स य तणुयस्स य किवणस्स य खत्तियस्स य समा चेव अपचक्याणकिरिया कजह.हंता गोयमा ! सेट्ठियस्म य जाव अपञ्चक्खाणकिरिया कजइ, से केणतुणं भंते!?, गोयमा! अविरतिं पडुच्च से तेण गोयमा! एवं बुचइ-सेवियस्स य तणु० जाव कजइ । ७८। आहाकम्मं भुंजमाणे समणे निगथे कि बंधइ कि पकड किं चिणाइ कि उवचिणाइ?, गोयमा! आहाकमणं भुंजमाणे आउयवजाओ सत्त कम्मप्पगडीओ सिदिलबंधणबद्धाओ धणियचंधणचद्धाओ पकरेइ जाव अणुपरियहइ. से कणट्ठणं जाव अणुपरियट्टइ?,गायम न कम्मप्पगडीओ सिदिलबंधणबद्धाओ धणियबंधणचद्धाओ पकरे जाव अणपरियड से केणट्टेणं जाव अणपरियट्टइ?, गोयमा! आहाकम्मणं भुजमाण आयाए धम्म अइकमइ आयाए धम्मं अइकममाणे पुढविकायं णावकंखइ जाव तसकायं णावकंखर जेसिपि य णं जीवाणं सरीराई आहारमाहारेइ तेऽपि जीवे नावकंखइ, से तेणठेणं गोयमा ! एवं बुचइ-आहाकम्मं णं मुंजमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ जाव अणुपरियट्टइ, फासुएसणिजं भंते ! भुंजमाणे किं बंधइ जाच उचचिणाइ?, गोयमा ! फासुएसणिज णं भंजमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्पपयडीओ धणियचंधणचद्धाओ सिढिलचंधणबदाओ पकरेइ जहा संवूडे णं, नवरं आउयं च णं कम्मं सिय बंधइ सिय नो बंधइ, सेसं तहेब जाव बीईवयइ, से केणटेणं जाव वीईवयइ ?, गोयमा ! फासुएसणिज भुजमाणे समणे निग्गंथे आयाए धम्म नो अइकमइ आयाए धम्म अणइकममाणे पुढविक्काइयं अवकंखति जाव तसकार्य अवकंखइ जेसिपि य णं जीवाणं सरीराई आहारेइ तेऽवि जीवे अवकंखति से तेणट्टेणं जाव बीईवयइ । ७९। से नूणं भंते ! अथिरे पलोहद नो थिरे पलोहति ? अधिरे भज्जइ नो थिरे भज्जइ ? सासए बालए बालियत्तं असासयं? सासए पंडिए पंडियत्तं असासयं?,इंता गोयमा ! अथिरे पलोहइ जाव पंडियत्तं असासयं, सेवं भंते ! सेवं भंते:नि जाव विहरति । ८०॥श०१उ०९॥ अन्नउस्थिया णं भंते ! एवमाइक्वंति जाव एवं पतिएवं खलु चलमाणे अचलिए जाव निजरिज्जमाणे अणिज्जिण्णे । दो परमाणुपोग्गला एगयओ न साहण्णंति, कम्हा दो परमाणुपोग्गला एगततो न साहण्णंति !, दोण्हं परमाणुपोग्गलाणं नस्थि सिणेहकाए, तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओन साहण्णंति, तिनि परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति, कम्हा तिनि परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति ? तिहं परमाणुपोग्गलाणं अस्थि सिणेहकाए, तम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ सा.ते भिजमाणा दुहावि तिहावि कज्जति, दुहाकजमाणा एगयओ दिवढे परमाणुपोग्गले भवति एगयओऽवि दिवड्डे पर० पो० भवति, तिहा कज्जमाणा तिष्णि परमाणुपोग्गला भवंति, एवं जाव चत्तारि पंच परमाणुपो० एगयओ साहणंति, एगयओ है साहण्णित्ता दुक्खत्ताए कजंति, दुक्खेऽपि यणं से सासए सया समियं चिजइ य अवचिजइय। पुचि भासा भासा भासिज्जमाणी भासा अभासा भासासमयबीतिकंता चणं भासिया भासा, जा सा पुष्बि भासा भासा भासिज्जमाणी चणं भासिया भासा सा किं भासओ भासा अभासओ भासा?.अभासओ णं सा भासा. नो खल सा भासओ भासा, पनि किरिया दुक्खा कजमाणी किरिया अदुक्खा किरियासमयवीविकंतं च णं कहा किरिया दुक्खा, जा सा पुवि किरिया दुक्खा कज्जमाणी किरिया अदुक्खा किरियासमयवीइक्कतं च णं कडा किरिया दुक्खा, सा किं करणओ दुक्खा अकरणओ दुक्खा?, अकरणओ णं सा दुक्खा णो खलु १७० श्रीभगवत्यंग-सतं, मुनि दीपरत्नसागर STHEPSMSPTEMBPEKCHRMSPORTHEPIRNSSP00589POSHOPPICHROMESSASARSHEEPEEPIONSHISACHINESSA Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सा करणओ दुक्खा, सेवं वत्तव्यं सिया-अकिचं दुक्खं अफुलं दुक्खं अकजमाणकटं दुक्खं अकट्टु अकट्टु पाणभूयजीवसत्ता वेदणं वेदंतीति वक्तव्वं सिया से कहमेयं भते ! एवं १, गोयमा! जण्णं ते अण्णउत्थिया एवमातिक्खति जाव वेदणं वेतीति वक्तव्यं सिया, जे ते एवमाहंसु मिच्छा ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमातिक्खामि० एवं खलु चलमाणे चलिए जाव निज्जरिजमाणे निजिण्णे, दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति, कम्हा दो परमाणुपोग्ला एगयओ साहणंति ?, दोष्टं परमाणुपोग्गलाणं अस्थि सिणेहकाए, तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ सा०, ते भिजमाणा दुहा कज्जंति, दुद्दा कज्ञमाणे एगयओ पर पोग्गले एगयओ प० पोग्गले भवति, तिष्णि परमा० एगयओ साह०, कम्हा ?, तिथि परमाणुपोग्गला एग० सा० १, तिण्दं परमाणुपोग्गलाणं अस्थि सिणेहकाए, तम्हा तिष्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति, ते भिजमाणा दुहावि तिहावि कांति, दुहा कज्जमाणा एगओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपदेसिए खंधे भवति, तिहा कजमाणा तिष्णि परमाणुपोग्गला भवंति एवं जाब चत्तारिपंचपरमाणुपो० एगयओ साहण्णित्ता २ खंधत्ताए कज्जंति, खंधेऽवि य णं च असासए सया समियं उबचिज्जइ य अवधिज य, पुवि भासा अभासा भासिजमाणी भासा २ भासासमयवीतितं च णं भासिया भासा अभासा, जा सा पुच्चि भासा अभासा भासिजमाणी भासा २ भासासमयवीतितं च णं भासिया भासा अभासा सा किं भासओ भासा अभासओ भासा ?, भासओ णं भासा नो खलु सा अभासओ मासा, पुच्चि किरिया अदुक्खा जहा भासा तहा भाणियव्या, किरियाऽवि जाव करणओ णं सा दुक्खा नो खलु सा अकरणओ दुक्खा, सेवं तव्वं सिया- किचं दुक्खं फुसं दुक्खं कज्जमाणकडं दुक्खं कट्टु २ पाणभूयजीवसत्ता वेदणं वेतीति बत्तव्वं सिया । ८१ । अण्णउत्थिया णं भंते! एवमाइक्वंति जाव एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो किरियाओ पकरैति, तं० ईरियावहियं च संपराइयं च (जंसमयं ईरियावहियं पकरेइ तंसमयं संपराइयं पकरेइ, जंसमयं संपराइयं पकरेइ तंसमयं ईरियावहियं पकरेइ, ईरियावहियाए पकरणताए संपराइयं पकरेइ संपराइयपकरणयाए ईरियावहियं पकरेइ. एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो किरियाओ पकरेति, तं० ईरियावहियं च संपराइयं च से कहमेयं भंते! एवं १, गोयमा ! जं णं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खति तं चैव जाव जे ते एवमाहंसु मिच्छा ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं एकं किरियं पकरेइ) परउत्थियवत्तव्यं णेयव्वं, ससमयवत्तव्वयाए नेयव्वं जाव ईरियावहियं संपराइयं वा । ८२ । निरयगई णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उव पं० १. गोयमा ! जहनेणं एकं समयं उकोसेणं वारस मुहुत्ता, एवं वकंतीपयं भाणियच्वं निरवसेसं, सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति जाव विहरई । ८३॥ उ०१० इति प्रथमं शतकं ॥ [55] ऊसासखंदएऽवि य १ समुग्धाय २ पुढविं ३दिय ४ अन्नउत्थिभासा ५ य देवा य ६ चमरचंचा ७ समय ८ वित्त ९ त्थिकाय १० बीयसए ॥ १९ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नगरे होत्या, वण्णओ, सामी समोसढे परिसा निग्गया धामो कहिओ पडिगया परिसा, तेणं काले० जेडे अंतेवासी जाव पज्जुवासमाणे एवं क्यासी- जे इमे भंते! बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया पंचेंदिया जीवा एएसिं णं आणामं वा पाणामं वा उस्सासं वा नीसासं वा जाणामो पासामो, जे इमे पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया एगिंदिया जीवा एएसिं णं आणामं वा पाणामं वा उस्सासं वा निस्सास वा ण याणामो ण पासामो, एए णं भंते! जीवा आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा नीससंति वा ? हंता गोयमा! एएऽवि य णं जीवा आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा नीससंति वा । ८४ । किष्णं भंते! जीवा आण० पा० उ० नी० १, गोयमा दव्वओ णं अणतपएसियाई दव्वाई खेत्तओ णं असंखपएसोगाढाई कालओ अन्नयरद्वितीयाई भावओ वण्णमंताई गंधमंताई रसमंताई फासमंताई आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा, जाई भावओ बन्नमंताई आण० पाण० ऊस० नीस० ताई किं एगवण्णाई आणमंति पाणमंति ऊस० नीस० ?, आहारगमो नेयब्वो जाव तिचउपंचदिसि, किष्णं भंते! नेरइया आ० पा० उ० नी० तं चैव जाव नियमा छद्दिसिं आ० पा० उ० नी०, जीवा एगिंदिया वाघाया य निव्वाघाया य भाणियव्वा सेसा नियमा छदिसिं, वाउयाए णं भंते! वाउयाए चेव आणमंति वा पाणमंति वा उससंति वा नीससंति वा?, हंता गोयमा! वाउयाए णं जाव नीससंति वा । ८५ वाउयाए णं भंते! बाउयाए चेव अणेगसयसहस्समुत्तो उदाइत्ता २ तत्थेव भुज्जो भुजो पचायाति ?, हंता गोयमा! जाव पचायाति, से भंते! किं पुढे उदाति अपुट्टे उद्दाति ?, गोयमा! पुढे उदाइ नो अपुढे उदाइ, से भंते! किं ससरीरी निक्खमइ असरीरी निक्खमइ ?, गोयमा! सिय ससरीरी निक्खमइ सिय असरीरी निक्खमइ, से केणट्टेणं भंते! एवं बुम्बइ सिय ससरीरी निक्खमइ सिय असरीरी निक्खमइ ?, गोयमा! वाउपायस्स णं चत्तारि सरीरया पं० तं०-ओरालिए वेउब्विए तेयए कम्मए, ओरालियवेडब्बियाई विप्पजहाय तेयकम्मएहिं निक्खमति से तेणद्वेणं गोयमा एवं बुम्बइसिय ससरीरी सिय असरीरी निक्खमइ । ८६ मडाई णं भंते! नियंठे नो निरुद्धभ (प्र० द्वास) वे नो निरुदभ (प्र० द्वास ) वपवंचे णो पहीणसंसारे णो पहीणसंसारवेयणिजे णो वोच्छिष्णसंसारे णो वोच्छिष्णसंसारवेयणिज्जे नो निट्टियट्टे नो निडियट्टकरणिजे पुणरवि इत्थतं हव्वमागच्छति ?, हंता गोयमा! मडाई णं नियंठे जाव पुणरवि इत्यत्तं हव्यमागच्छइ । ८७ । से णं भंते! किं वत्तव्यं सिया ?, गोयमा ! पाणेति वत्तव्वं सिया भूतेति बत्तव्वं सिया जीवेत्ति वत्तव्यं० सत्तेत्ति वत्तव्यं विभूत्ति बत्तव्वं वेदेति वक्त्तव्यं सिया पाणे भूए जीवे सत्ते विनू वेति वक्तव्वं सिया से केणद्वेणं भंते! पाणेत्ति वत्तव्वं सिया जाय वे (म० चे) देति वक्तव्यं सिया ?, गोयमा ! जम्हा आ० पा० उ० नी० तम्हा पाणेति वक्तव्वं सिया, जम्हा भूते भवति भविस्सति य तम्हा भूएत्ति वत्तव्यं सिया, जम्दा जीवे जीवह जीवत्तं आउयं च कम्मं उबजीवइ तम्हा जीवेत्ति वत्तव्वं सिया, जम्हा सत्ते सुहासुहेहिं कम्मेहिं तम्हा सत्तेत्ति वत्तव्वं सिया, जम्हा तित्तकयकसायअंबिलमहुरे रसे जाणेइ तम्हा विन्नूत्ति वत्तव्यं सिया, वेदेइ य सुहदुक्खं तम्हा वेदेति वत्तच्वं सिया से तेणद्वेणं जाव पाणेति वत्तव्वं सिया जाव वेदेति वक्तव्वं सिया । ८८ । मडाई णं भंते! नियंठे निरुद्भवे निरुद्धभवपवंचे जाव निट्टियट्टकरणिजे णो पुणरवि इत्यत्तं हव्वमागच्छति ?, हंता गोयमा ! मडाई णं नियंठे जाव नो पुणरवि इत्थत्यं (तं पा० ) हव्यमागच्छति से णं भंते किं वत्तव्वं सिया ?, गोयमा! सिद्धेत्ति वत्तच्वं सिया बुदेति बत्तव्यं सिया मुत्तेत्ति वत्तम्वं० पारगएत्ति व परंपरगएत्ति व० सिद्धे बुद्धे मुत्ते परिनिब्बुडे अंतकडे सव्वदुक्खप्पहीणेत्ति वत्तव्वं सिया, सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं बंदर नर्मसह ता १७१ श्रीभगवत्यंग स मुनि दीपरत्नसागर Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संजमेणं तवमा अप्पाणं भावेमाणे विहरति । ८९ । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीर रायगिहाओ नगराओ गुणसिलाज थेइयाओ पडिनिक्खमइ ता बहिया जणवयविहारं विहरइ, तेणं कालेणं तेणं समपुर्ण कयंगलानाम नगरी होत्या, पण्णओ, तीसे णं कथंगलाए नगरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए छत्तपलासए नामं चेइए होत्था, वण्णओ, तए णं समणे भगवं महावीरे उप्पण्णनाणदंसणधरे जाव समोसरणं परिसा निम्गच्छति, तीसे णं कयंगलाए नगरीए अदूरसामंते सावस्थी नाम नयरी होत्या, वण्णओ, तत्थ णं सावत्थीए नयरीए गदभालिम्स अंतेवासी खंदए नामं कच्चायणस्सगोने परिव्वायगे परिवसइ रिउब्वेदजजुब्वेदसामवेद अह वणवेदइतिहासपंचमाणं निघंटुद्वाणं चउन्हें बेदाणं संगोवंगाणं सरहस्साणं सारए वारए (धारए) पारए सडंगवी सद्वितंतविसारए संखाणे सिक्खाकप्पे बागरणे छंदे निरुले जोतिसामयणे अनेसु य बसु भण्णएस परिधायएस य नयेसु सुपरिनिट्ठिए याच होत्या, तत्थ णं सावत्थीए नयरीए पिंगलए नामं नियंठे वेसालियसावए परिवस, तए णं से पिंगलए णामं नियंठे वेसालियसावए अण्णया कयाई जेणेव खंदए कच्चायणस्सगोते तेणेव उवागच्छ ता खंदगं कच्चायणस्सगोतं इणमक्खेवं पृच्छे-मागहा किं सअंते लोए अणते लोए ? सअंते जीवे अणते जीवे ? सअंता सिद्धी अणता सिद्धी ? सते सिद्धे अणने सिद्धे ? केण वा मरणेणं मरमाणे जीवे पद्धति वा हायति वा? एतावं ताव आयक्खाहि बुब माणा एवं तप णं मे खंदए कच्चा० गोते पिंगलएणं णियंटेणं बेसालीसावपूर्ण इणमक्लेवं पुच्छिए समाणे संकिए कंखिए चितिमिच्छिए भेदसमावचे कलुससमावने णो संचाएइ पिंगलयस्स नियंठस्स वेसालियसावयस्स किंचि विप्पमोक्रवम+वाइउं, तुसिणीए संचिदृइ, नए णं से पिंगले नियंठे बेसालीसावए खंदयं कञ्चायणस्सगोत्तं दोघंपि तपि इणमक्स्वेवं पृच्छे-मागहा ! किं सअंते लोए जाव केण वा मरणेणं मरमाणे जीवे वढइ वा हायति वा?, एताव ताव आइक्वाहि वृक्षमाणे एवं ततेां से खंदए कच्चा गोत्ते पिंगलएणं नियंटेणं वेसालीसावपूर्ण दोपि तचंपि इणमक्स्वेवं पुच्छिए समाणे संकिए कंखिए वितिभिच्छिए भेदसमावण्णे० नो संचाएइ पिंगलयस्स नियंठस्स बेसालियसावयस्स किंचिवि पमोक्खमक्खाउं तुसिणीए संचिइ, तए णं सावत्थीए नयरीए सिंघाडग जाव महापहेसु महया जणसंमदेइ वा जणवृद्देइ वा परिसा निग्गच्छइ, तर णं तस्स खंदयस्स कच्चायणस्सगोत्तस्स बहुजणस्स अंतिए एयमहं सोचा निसम्म इमेयारूवे अम्मत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकष्पे समुप्पज्जित्था एवं खलु समणे भगवं महावीरे कयंगलाए नयरीए बहिया छत्तफ्लासए चेइए संजमेणं तत्रसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, तं गच्छामि णं समणं भगवं महावीरं वंदामि नम॑सामि, सेयं खलु मे समणं भगवं महावीरं वंदित्ता णमंसित्ता सकारेता संमाणित्ता कहाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासित्ता इमाई च णं एयारूवाई अट्ठाई हेऊई पसिणाई कारणाई वागरणाद्वं पृच्छित्तएत्तिकट्टु एवं संपहेइ त्ता जेणेव परिव्वायावसहे तेणेव उवागच्छइ त्ता तिदंडं च कुंडियं च कंचणियं च करोडियं च भिसियं च केसरियं च छन्नालयं च अंकुसयं च पवित्तयं च गणेत्तियं च छत्तयं च वाहणाओ य पाउयाओ य धाउरत्ताओ य गेण्हइ ता परिब्वायावसहीओ पडिनिक्खमइ त्ता तिदंडकुंडियकंचणियकरोडियभिसियकेसरियछन्त्रालयअंकुसयपवित्तयगणेत्तियहत्थगए छत्तोवाहणसंजुत्ते घाउरत्तवत्थपरिहिए सावत्थीए नग रीए मज्झमज्झेणं निग्गच्छइ त्ता जेणेव कयंगला नगरी जेणेव छत्तपलासए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे लेणेव पहारेत्थ गमणाए, गोयमाइ समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी-दच्छिसि णं गोयमा ! पुढसंगतियं, कह भंते!?, खंदयं नाम, से काहं वा किहं वा केवचिरेण वा १, एवं खल गोयमा! तेणं कालेणं. सावत्थीनामं नगरी होत्था, पन्नाओ, तत्थ णं सावत्थीए नगरीए गद्दभालिस्स अंतेवासी खंदए णामं कच्चायणस्सगोत्ते परिधायए परिवसइ तं चैव जाव जेणेव ममं अंतिए तेणेव पहारेत्थ गमणाए, से तं अदूरागते बहुसंपत्ते अद्वाणपडिवण्णे अंतरापहे वह अज्जेव णं दच्छिसि गोयमा!, भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं० वंदइ नमसइ ता एवं वदासी पहूणं भंते! खंदए कच्चायणस्सगोत्ते देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पद्मइत्तए ?, हंता पभू, जावं च णं समणे भगवं महावीरे भगवओ गोयमस्स एयमहं परिकडेइ तावं च णं से खंदए कञ्चायणस्सगोते तं देसं दृवमागते, तए णं भगवं गोयमे खंदयं कच्चायणस्सगोत्तं अदूरआगयं जाणित्ता खिप्पामेव अभुद्वेति खिप्पामेव पशुवगच्छड ना जेणेव खंदए कम्चायणस्सगोते तेणेव उवागच्छइ ता खंदयं कच्चायणस्सगोत्तं एवं क्यासी- हे खंदया ! सागयं खंदया ! सुसागयं खंदया ! अणुरागयं खंदद्या ! सागयसुसागयमणुरागयं खंदया! से नृणं तुमं खंद्या ! सावत्थीए नयरीए पिंगलपूर्ण नियंठेणं वेसालियसावएणं इणमक्खेवं पुच्छिए-मागहा! किं सअंते लोगे अणते लोगे ? एवं तं चैव जेणेव इहं तेणेव इद्यमागए, से नृणं खंदया! अत्थे समत्थे ?, हंता अत्थि, तए णं से खंदए कच्चा० भगवं गोयमं एवं क्यासी से केणद्वेणं गोयमा! तहारूवे नाणी वा तवस्सी वा जेणं तव एस अड्डे मम ताव रहस्सकडे हब्वमक्खाए ? जओ णं तुमं जाणसि, तए णं से भगवं गोयमे खंदयं कच्चायणस्सगोत्तं एवं क्यासी एवं खंदया! मम धम्मायरिए धम्मोवएसए समणे भगवं महावीरे उप्पण्णणाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली तीयपचुप्पचमणागयवियाणए सव्वन्नू सब्वदरिसी जेणं ममं एस अट्ठे तव ताव रहस्सकडे हवमक्खाए जओ णं अहं जाणामि खंदया!, तए णं से खंदए कच्चायणस्सगोत्ते भगवं गोयमं एवं क्यासी-गच्छामो णं गोयमा ! तब धम्मायरियं धम्मोवदेसयं समणं भगवं महावीरं वंदामो णमंसामो जाव पज्जुवासामो, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पढिबंधं०, तए णं से भगवं गोयमे खंदणं कच्चायणस्सगोत्तेणं सद्धिं जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव पहारेत्थ गमणयाए, तेणं काले समणे भगवं महावीरे विडभोती यावि होत्या, तए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स वियट्टभोगियस्स सरीरं ओरालं सिंगार कडाणं सिवं घण्णं मंगलं सस्सिरीयं अणलंकियविभूसियं लक्खणर्वजणगुणोववेयं सिरीए अतीव २ उसोभमाणं चिह्न, नए णं से खंदए कच्चायणस्सगोत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स वियट्टभोगिस्स सरीरं ओरालं जाव अतीव २ उवसोभेमाणं पासइ त्ता हट्टतुट्ठचित्तमाणंदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाहियए जेणेव समणे भगवं महाबीरे तेणेव उवागच्छइ त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आग्राहिणप्पयाहिणं करेइ जाब पज्जुवासइ, खंयाति समणे भगवं महावीरे खंदयं कन्यायः एवं वयासी से नृणं तुमं खंदया! सावत्थीए नयरीए पिंगलएणं णियंठेणं वेसालियसावएणं इणमक्खेवं पुच्छिए-मागहा! कि सअंते लोए अणते लोए ? एवं तं जेणेव मम अंतिए तेणेव हवमागए, से नूर्ण खंदया! अयम समट्टे ?, हंता अस्थि, जेऽविय ते खंदया! जयमेयारूवे अन्भथिए चितिए पन्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था कि सअंते लोए अणते लोए? तस्सविय णं अयमडे एवं खलु मए खंदया! चउब्बिहे लोए पं० तं०-दब्बओ खेत्तओ कालओ भावओ, दव्वओ णं एगे लोए सअंते ? (४३) १७२ श्रीभगवत्यं -२ मुनि दीपरत्नसागर Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खेत्तओ णं लोए असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ आयामक्खिमेणं असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ परिक्खेवेणं पं० अत्थि पुण सअंते, कालओ णं लोए ण कयावि न आसी न कयाविन मवति न कयाविन भविस्सति होमविसु य भवति य मविस्सइ य धुवे णितिए सासते अक्खए अब्बए अवट्टिए णिच्चे णत्यि पुण से अंते, भावओ णं लोए अणंता वषणपजवा अणंता गंध० रस. फासपजवा अणंता संठाणपज्जया अणंता गरुलहुयपज्जवा अणंता प्राययपजवा त्यि पण से अंते. सेतं खंदगा। दव्यओ लोए सअंते खेत्तओ लोए सअंते कालतो लोए अणते भावओ लोए अर्णते. जेऽपि य ते खंदया! जाव सअंते जीये अणंते जीवे ?. तस्सवि यणं अयमटठे-एवं सस । हैजाब दवओ एगे जीवे सख्ते, खेत्तओ णं जीवे असंखेजपएसिए असंखेजपदेसोगाढे अस्थि पुण से अंते, कालओ णं जीचे न कयाविन आसि जाव निचे नत्थि पुण से अंते, मावओ णं जीवे अर्णता णाणपजबा अणंता दसणप० अणंता चरित्नप० अणंता गुरुलहुय० अणंता अगुरुलहुयप० नत्यि पुण से अंते, सेत्तं दबओ जीवे सअंते खेत्तओ जीवे सअंते कालओ जीवे अणंते मावओ जीवे अणंते, जेऽपि य ते खंदया! पुच्छा एयमेयारूवे चिंतिए जाव सअंता सिद्धी अणंता सिद्धी?, तस्सवि य णं अयम?!-मए चउबिहा सिद्धी पं० त०-दब्बओ४, दब्बओ णं एगा सिद्धी संता, खेत्तओ णं सिद्धी पणयालीसं जोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं एगा जोयणकोडी चायालीसं च जोयणसयसहस्साई तीसं च जोयणसहस्साई दोन्नि व अउणापन्नजोयणसए किंचिबिसेसाहिए परिक्खेवणं अस्थि पुण से अंते, कालओ णं सिद्धी न कयाविन आसि०, भावओ य जहा लोयस्स तहा भाणियच्या, तत्थ दव्वओ सिद्धी सअंता खे० सिद्धी सअंता का सिद्धी अणंता मावजओ सिद्धी अर्णता, जेऽपि य ते खंदया। जाव किं अणंते सिद्धे तं चेव जाव दव्यओ णं एगे सिद्धे सअंते, खे० सिद्धे असंखेजपएसिए असंखेजपदेसोगाढे अस्थि पुण से अंते, कालओ णं सिद्ध सादीएअपजवसिए नस्थि पुण मे अंते, भा० सिद्धे अणंता णाणपजवा अणंता दसणपजवा जाव अणंता अगुरुलहुयप० नत्थि पुण से अंते, सेत्तं दब्बओ सिद्धे सअंते खेत्तओ सिद्धे सजेते का सिदे अणते भा० सिद्ध अणते, जेऽवि य ते खंदया! इमेयारूवे अम्भस्थिए चिंतिए जाव समुप्पज्जित्था-केण वा मरणेणं मरमाणे जीवे वड्दति वा हायति वा?, तस्सवि य णं अयमढ़े एवं खलु खंदया ! मए दुविहे मरणे पं० तं-बालमरणे य पंडियमरणे य, से कितं बालमरणे ?,२दुवालसविहे पंतं. वलयमरणे वसट्टमरणे अंतोसल्लमरणे तब्भवमरणे गिरिपडणे तरूपडणे जलप्पवेसे जलणप्प० विसभक्खणे सत्थोवाडणे येहाणसे गिद्धपढे, इचेतेणं खंदया! दुवालसविहेणं बालमरणेणं मरमाणे जीवे अणंतेहिं नेयमवग्गहणेहिं अप्पाणं संजोएइ तिरियमणुदेव० अणाइयं च णं अणवदम्गं दीहमई चाउरंतसंसारकतारं अणुपरियट्टइ, सेत्तं मरमाणे वड्ढद, सेतं वालमरणे, से किं तं पंडियमरणे?, दुविहे पं० २०. पाओवगमणे य भत्तपचक्खाणे य, से किं तं पाओवगमणे १.२ दुविहे पं०२०. नीहारिमे य अनीहारिमे य, नियमा अप्पडिकम्मे, सेत्तं पाओवगमणे, से कितं भत्तपचक्खाणे',२ दुविहे पं० २०- नीहारिमे य अनीहारिमे य. नियमा सपडिकम्मे, सेत्तं भत्तपञ्चक्खाणे, इचेतेणं खंदया ! दुविहेणं पंढियमरणेणं मरमाणे जीवे अणतेहिं नेरइयमवग्गहणेहि अप्पाणं विसंजोएइ जाव बीईवयति, सेत्तं मरमाणे हायइ, सेत्तं पंडियमरणे, इथेएणं खंदया! दुविहेणं मरणेणं मरमाणे जीवे वढइ वा हायति वा ।९०। एत्थ णं से खंदए कच्चायणस्सगोत्ते संयुद्धे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइत्ता एवं वदासी-इच्छामि णं मंते! तुम्भ अंतिए केबलिपनत्तं धम्म निसामेत्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंध०, तए णं समणे भगवं महावीरे खंदयस्स कचायणस्सगोत्तस्स तीसे य महतिमहालियाए परिसाए धम्म परिकहेड, धम्मकहा माणियव्वा, तए णं से खंदए कच्चायणस्सगोत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोचा निसम्म हहतुढे जाव हियए उट्टाए उद्देइ त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ ता एवं वदासी-सहहामि णं भंते! निरगंथं पावयणं, पत्तियामिणं भंते! निग्गंध पाक्यणं, रोएमिण भंते ! निग्गंयं पाययण, अम्मुडेमि णं भंते ! निग्गंथं पा०, एवमेयं भंते ! तहमेयं मंते ! अवितहमेयं मंते! असंदिङमेयं मंते ! इच्छियमेयं मंते! पडिच्छियमेयं भंते! इच्छियपडिच्छियमेयं मंते ! से जहेयं तुम्मे बदहत्तिकटु समणं मगर्व महावीरं वंदति नमंसति त्ता उत्तरपुरच्छिमं दिसीभायं अवकमइत्ता तिदंडं च कुंडियं च जाव चाउरत्ताओ य एगते एढेइ सा जेणेव समणे भगवं महावीर तेणेव उवागच्छइ त्ता समणं मगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइत्ता जाव नमंसित्ता एवं वदासी-आलिते णं मंते ! लोए पलिते णं मंते! लोए आलित्तपलितेणं मंते ! लोए जराए मरणेण य, से जहानामए-केइ गाहावती आगारंसि झियायमाणंसि जे से तत्थ भंडे मवई अप्पसारे मोलगरुए तं गहाय आयाए एगंतमंतं अवकमइ, एस मे निस्थारिए समाणे पच्छा पुरा हियाए सुहाए खमाए निस्सेयसाए आणुगामियत्ताए मविस्सइ, एवामेव देवाणुप्पिया ! मज्झवि आया एगे भंडे इट्टे कंते पिए मणुने मणामे थेजे। बेसासिए संमए बहुमए अणुमए मंडकरंडगसमाणे मा णं सीयं मा णं उण्डं मा णं खुहा मा णं पिवासा मा णं चोरा मा णं वाला मा णं दंसा मा णं मसगा मा णं वाइयपित्तियसंभियसंनिवाइयविविहा रोगायंका परीसहोवसम्मा फुर्सतुत्तिकटु एस मे नित्थारिए समाणे परलोयस्स हियाए सुहाए समाए नीसेयसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ, तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया! सयमेव पवावियं सयमेव मुंडावियं सयमेव सेहावियं सयमेव सिक्खावियं सयमेव आयारगोयरं विणयवेणइयचरणकरणजायामायावत्तियं धम्ममाइक्खिअं, तए णं समणे भगवं महावीरे खंदयं कचायणस्सगोत्तं सयमेव पवावेइ जाव धम्ममातिक्खइ, एवं देवाणुप्पिया ! गंतव्वं एवं चिट्ठियव्यं एवं निसीतियच्वं एवं तुयट्टियव्वं एवं मुंजियव्यं एवं भासियब्बं एवं उट्टाए पाणेहिं भूएहिं जीवहिं सत्तेहिं संजमेणं संजमियव्यं, असि च णं अढे णो किंचिपि पमाइयव्यं, तए णं से खंदए कचायणस्सगोते समणस्स भगवओ महावीरस्स इमं एयारूवं धम्मियं उबएस सम्मं संपडिवजवि तमाणाए तह गच्छद तह चिट्टा तह निसीयति तह तुयट्टइ तह मुंजड़ तह मासइ तह उट्ठाय २ पाणेहि मूएहिं जीवहिं सत्तेहिं संजमेति, अस्सि च णं अट्ठे णो पमाया, तए णं से खंदए कच्चाय० अणगारे जाते ईरियासमिए मासासमिए एसणासमिए आयाणभंडमत्तनिक्खेवणासमिए उच्चारपासवणखेलसिंघाणजालपारिद्वावणियासमिए मणसमिए पयसमिए कायसमिए मणगुत्ते वइगुत्ते कायगुत्ते गत्ते गुत्तिदिए गुत्तमयारी चाई लजू घण्णे खंतिखमे जिइंदिए सोहिए अणियाणे अप्पुस्सुए अबहिल्लेसे सुसामण्णरए दंते इणमेव णिग्गंथं पापयर्ण पुरओ कार्ड विहरइ । ९१। तए ण समणे भगवं महावीरे कयंगलाओ नयरीजो १७३ श्रीभगवत्यंग-स-२ मुनि दीपरत्नसागर RSARAPICHREYASPEOMBPORPIONSPISSPANCHORSPOSISPOSASPICHASHENAPTOMBPRASHRARSHANGABARONRN Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ छत्तपदासयाओ चेहयाओ पडिनिक्खमइ त्ता बहिया जणवयविहारं विहरति, तए णं से खंदए अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एकारस अंगाई अहिज्जइ, जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ त्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ नर्मसइ त्ता एवं क्यासी- इच्छामि णं भंते! तुम्भेहिं अम्भणुष्णाए समाणे मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंधं०, तर णं से खंदए अणगारे समणेण भगवया महावीरेणं अम्भणुण्णाए समाणे हट्ठे जाव नमसित्ता मासिय भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, तए णं से खंदए अणगारे मासियं भिक्खुपडिमं जहासुतं अहाकप्पं अहामग्गं अहातचं अहासम्मं कारणं फासेति पालेति सोमेति तीरेति पुरेति किट्टेति अणुपालेह आणाए आराहेइ समं कारण फासित्ता जाव आराहेत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उपागच्छइ त्ता समणं भगवं जाय नमसित्ता एवं वयासीइच्छामि भंते! तुम्भेहिं अच्भणुण्णाए समाणे दोमासियं भिक्खुपडिमं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंधं० तं चेव, एवं तेमासियं चाउम्मासियं पंच० छ०सत्तमासियं०, पढमं सत्तराईदियं दोब सत्तराइंदियं तच्च सत्तराविंदियं अहोरातिंदियं एगराई, तए णं से खंदए अणगारे एगराइयं भिक्खुपडिमं अहासुतं जाव आराहेत्ता जेणेव समणे० तेणेव उवागच्छति त्ता समणं भगवं मः जाव नमसित्ता एवं वदासी- इच्छामि णं भंते! तुग्भेहिं अब्भणुष्णाए समाणे गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्मं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंधं०, तए णं से खंदए अणगारे समणेण भगवया महावीरेण अन्भणुष्णाए समाणे जाव नमसित्ता गुणरयणसंचच्छरं तबोकॅम्मं उवसंपञ्चित्ताणं विहरति, तं० पढमं मासं चउत्यंचउत्थेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुकुहुए सूराभिमुद्दे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्ति वीरासणेणं अवाउडेण य, दोच्चं मासं छणं तच्च मासं अट्टमंअट्टमेणं चउत्थं मासं दसमंद मेणं पंचमं मासं बारसमबारसमेणं उद्धं मासं चोदसमचोदसमेणं सत्तमं मासं सोलसम० अट्टमं मासं अद्वारसम नवमं मासं बीसतिम दसमं मासं बावीसइम० एकारसमं मासं चउव्वीसतिम० बारसमं मासं छब्बीसतिम तेरसमं मासं अट्ठावीसतिम चोदसमं मासं तीसइम पन्नरसमं मासं बत्तीसतिम सोलसमं मासं चोत्तीसइम चोत्तीसइमेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुकुहुए सूराभिमुद्दे आयावणभूमीए आयावेमाणे रतिं वीरासणेणं अवाउडेणं, तए णं से खंदए अणगारे गुणरयणसंवच्छरं तथोकम्मं अहासुत्तं अहाकप्पं जाव आराहेत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छद्द त्ता सुमणं भगवं महावीरं वंदइ नमसह ता बहूहिं चउत्थच्छट्टट्ठमदसमदुवालसेहिं मासद्मासखमणेहिं विचित्तेहिं तवाकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे विहरति, तए णं से खंदए अणगारे तेणं ओरालेणं विउलेणं पयत्तेणं पग्गहिएणं कल्लाणेणं दिवेषं धन्नेणं मंगलेणं सस्मिरीएणं. उदग्गेणं उदत्तेणं उत्तमेणं उदारेणं महाणुभागेणं तवकम्मेणं सुक्के लक्खे निम्मंसे अट्ठिचम्मावणद्धे किडिकिडियाभूए किसे धमणिसंतए जाते यावि होत्या, जीवंजीवेण गच्छइ जीवंजीवेण चिट्ठइ भासं भासित्तावि गिलाइ भा मासमाणे गिलाति भासं भासिस्वामीति गिलायति से जहा नामए-कट्टसगडियाइ वा पत्तसगडियाइ वा (पत्त ) तिलभंड ( कट्टु पा० ) गसगडियाइ वा एरंडकट्टसगडियाइ वा इंगालसगडियाइ वा उन्हे दिष्णा सुका समाणी ससहं गच्छइ ससदं चिट्टइ एवामेव संदएऽवि अणगारे ससहं गच्छइ ससदं चिट्ठइ उबचिते तवेणं अवचिए मंससोणिएणं हुयासविद भासरासिपडिच्छन्ने तवेणं तेएणं तवतेयसिरीए अतीव २ उवसोभेमाणे २ चि । ९२ । तेणं काले ० रायगिहे नगरे जाव समोसरणं जाव परिसा पडिगया, तए णं तस्स खंदयस्स अणः अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अम्मत्थिए चिंतिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खल अहं इमेणं एयारूवेणं जाव किसे धमणिसंतए जाते जीवजीवेणं गच्छामि जीवजीवेणं चिट्टामि जाव गिलामि जाव एवामेव अहंपि ससहं गच्छामि ससहं चिट्ठामि तं अत्थि ता मे उद्वाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसकारपरकमे, तं जाव ता मे अस्थि उट्टाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरकमे जाव य मे धम्मायरिए धम्मोवदेसए समणे भगवं महावीरे जिणे सुहत्थी विहरइ ताव ता मे सेयं कलं पाउप्पभायाए रयणीए कुलुप्पलकमलकोमलुम्मिलियंमि अहापंडुरे पभाए रत्तासोयप्पकासकिंसुयसुयमुहगुंजद्धरागसरिसे कमलागरसंडबोहए उट्टियंमि सूरे सहस्सरस्सिमि दिणयरे तेयसा जलते समणं भगवं महावीरं वंदित्ता जाब पज्जुवासित्ता समणेणं भगवया महावीरेण अच्भणुष्णाए समासयमेव पंच महब्वयाणि आरोवेत्ता समणा य समणीओ य खामेत्ता तहारूवेहिं घेरेहिं कडाईहिं सद्धिं विपुलं पव्वयं सणियं २ दुरूहित्ता मेघघणसन्निगासं देवसन्निवातं पुढवीसिलावयं पडिलेहित्ता दम्भसंचारयं संथरित्ता दम्भसंथारोवगयस्स संलेहणाजोसणाजूसियस्स भत्तपाणपडियाइक्खियस्स पाओवगयस्स कालं अणवकखमाणस्स विहरित्तएत्तिकट्टु एवं संपेहेइ त्ता कल पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलते जेणेव समणे भग० जाव पज्जुवासति, खंद याइ समणे भगवं महावीरे खंदयं अणगारं एवं बयासी से नूणं तव खंदया ! पुब्वरत्तावरत्तकालस जाव जागरमाणस्स इमेयारुवे अन्मथिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु अहं इमेणं एयारूवेणं तवेणं ओरालेणं विपुलेणं तं चेव जाव कालं अणवकखमाणस्स विहरित्तएत्तिकट्टु एवं संपेहेसि त्ता कई पाउप्पभायाए जाव जलते जेणेव मम अंतिए तेणेव इव्वमागए, से नूणं खंद्या ! अट्टे समट्ठे ?, हंता अस्थि, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंधं । ९३ । तएं णं से खंदए अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अन्भगुण्णाए समाणे हडतुट्ट जाव हयहियए उढाए उट्ठेइ त्ता समणं भगवं महा० तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ त्ता जाव नमंसित्ता सयमेव पंच महव्वयाई आरुदेइ त्ता समणे य समणीओ य खामेइ त्ता तहारूवेहिं थेरेहिं कडाईहिं सद्धिं विपुलं पव्वयं सणियं २ दुरुडेइ मेहघणसन्निगासं देवसन्निवायं पुढवीसिलाबद्वयं पडिलेहेइ त्ता उच्चारपासवणभूमिं पडिलेबेइ त्ता क्रमसंथारयं संथरह ता पुरत्याभिमुद्दे संपलियंकनिसने करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कट्टु एवं वदासी- नमोऽत्यु णं अरहंताणं भगवंताणं जाव संपत्ताणं, नमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ म० जाब संपाविउकामस्स, वंदामि णं भगवंतं तत्थ गयं इह गते, पासउ मे भयवं तत्थ गए इह गयंतिकट्टु वंदइ नम॑सति त्ता एवं बदासी- पुव्विपि णं मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए सब्वे पाणाइवाए पच्चक्खाए जावजीवाए जाव मिच्छादंसणस पचक्खाए जावजीवाए इयाणिपि य णं समणस्स म० म० अंतिए सच्वं पाणाइवायं पञ्चक्खामि जावज्जीवाए जाव मिच्छादंसणसद्धं पञ्चस्वामि, एवं सव्वं असणं पाणं खा० सा० चउव्विपि आहारं पच्चक्खामि जावजीवाए, जंपि य इमं सरीरं इदं कं १७४ श्रीभगवत्यंगं सा-२ मुनि दीपरत्नसागर Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 4 पियं जाव संतुत्तिकट्टु एयंपिणं चरिमेहिं उस्सासनीसासेहिं बोसिरामित्तिकट्टु संलेहणाजूसणाजूसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालं अणवकंखमाणे विहरति, तए णं से खंदए अण० समणस्स भ० म० तहारूवाणं येणं अंतिए सामाइयमादियाई इकारस अंगाई अहिज्जित्ता बहुपडिपुण्णाई दुवालस वासाई सामन्नपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं सित्ता सद्वि भत्ताइं अणसणाए छेदेत्ता आलोइयपडिकंते समाहिपत्ते आणुपुच्चीए कालगए। ९४ । तए गं थेरा भगवंतो खंदयं अण० कालगयं जाणित्ता परिनिव्वाणवत्तियं काउस्सग्गं करेंति त्ता पत्तचीवराणि गिव्हंति त्ता विपुलाओ पव्वयाओ सणियं २ पचोरुहंति त्ता जेणेव समणे भगवं म= तेणेव उषा समणं भगवं म० बंदंति नर्मसंति ता एवं वदासी एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी खंदए नामं अणगारे पमइमदए पगतिविणीए पगतिउवसंते पगतिपयणुकोह माणमायालोभे मिउमदवसंपन्ने अल्लीणे महए विणीए. सेणं देवाप्पिएहिं अन्भणुण्णाए समाणे सयमेव पंच महब्वयाणि आरोवित्ता समणे य समणीओ य खामेत्ता अम्हेहिं सद्धिं विपुलं पब्वयं तं चैव निरवसेसं जाव आणुपुब्बीए कालगए इमे य से आयारमंडए, भंतेत्ति भगवं गोयमे समण मग म० वंदति नम॑सति त्ता एवं व्यासी एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी संदए नाम अणः कालमासे कालं किथा कहिं गए? कहिं उववण्णे ?, गोयमाद समणे भगवं महा० मगवं गोयमं एवं वयासी एवं खलु गोयमा ! मम अंतेवासी खंदए नाम अणगारे पगतिम० जाव से णं मए अन्भणुष्णाए समाणे सयमेव पंच महव्वयाई आत्ता तं चैव सव्वं अविसेमियं नेयव्वं जाव आलोतियपडिकं समाहिपत्ते कालमासे कालं किचा अचुए कप्पे देवत्ताए उववण्णे, तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं बाबीसं सागरोवमाई ठिती पं० तस्स णं खंदयस्सवि देवस्स बावीसं सागरोवमाई ठिती पं० से णं मंते! खंदए देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठितीख ० अनंतरं चयं चत्ता कहिं गच्छहिति ? कहिं उववज्जिहिति ?, गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झहिति० । ९५ । खंदओ समत्तो ॥ श० २ ० १ ॥ (प्र० वेयण कसाय मरणे वेउच्चिय तेयए य आहारे। केवलिए चैव मवे जीव माण सत्तेव ॥ १ ॥ ) कति णं भंते! समुग्धाया पं० १, गोयमा ! सत्त समुग्धाया पं० तं० वेदणासमुग्धाए एवं समुग्धायपदं छाउमत्थियस मुग्धायवज्जं माणियब्वं, जाव वैमाणियाणं कसायसमुग्धाया, अप्पाबहुयं, अणगारस्स भंते! भावियप्पो केवलिसमुग्धाय जाव सासयमणागयदं चिदृंति, समुग्धायपदं नेयव्वं । ९६ ॥ श० २ उ० २ ॥ कति णं मंते ! पुढवीओ पं० १. जीवाभिगमे नेरइयाणं जो बितिओ उद्देसो सो नेयव्वो, 'पुढयी ओगाहित्ता निरया संठाणमेव वा ं । विक्खंभ परिक्खेवो वण्णो गंधो य फासो य ॥ २० ॥ जाव किं सव्वे पाणा उववण्णपुव्वा ?, हंता गोयमा ! असतिं अदुवा अनंतसुत्तो । ९७॥ श० २३०३ ॥ कति णं मंते! इंदिया पं० १. गो० पंचिंदिया पं० सं०पढमिडो इंद्रियउद्देसो नेयब्वो, संठाणं वाहानं पोहतं जाव अलोगो ॥ ९८ ॥ श० २३०४ ॥ अण्णउत्थिया णं मंते ! एवमाइक्संति मासंति पद्मवैति परूवेंति, नं० एवं खलु नियंठे कालगए समाणे देवमूएणं अप्पाणेण से णं तत्थ ष्णो अने देवे नो अन्नेसिं देवाणं देवीओ अहिजुंजिय २ परियारेइ, जो अप्पणचियाओ देवीओ अभिजुंजिय २ परियारेड, अप्पाणमेव अप्पणा विउब्विय २ परियारेइ, एगेऽवि य णं जीवे एगेणं समएणं दो वेदे वेदेइ, तं०-इत्थिवेदं च पुरिसवेदं च, एवं परउत्थियवत्तय्वया नेयव्या जाव इत्थिवेदं च पुरिसवेदं च से कहमेयं मंते! एवं?, गोयमा ! जण्णं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्वंति जाव इत्थिवेदं च पुरिसवेदं च जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोमा ! एवमातिक्खामि मा० प० परू० एवं खलु नियंठे कालगए समाणे अनयरेसु देवलोएस देवत्ताए उवयन्तारो भवन्ति महिहिढएस जाब महाणुभागेस दूरगतीस चिरद्वितीएस से णं तत्थ देवे भवति महिड्दिए जाब द दिसाओ उज्जोएमाणे पभासेमाणे जाव पडिरूवे, से णं तत्थ अने देवे अन्नेसिं देवाणं देवीओ अभिजुंजिय २ परियारेद्द, अप्पाणमेव अप्पणा विउब्विय २ परियारेइ, एगेऽविय णं जीवे एगेणं समएणं एवं वेदं वेदेइ, तं० इत्थवेदं वा पुरिसवेदं वा, जंसमयं इत्थिवेदं वेदेइ णो तंसमयं पुरुसवेयं वेएइ समयं पुरिसवेयं वेएइ नो तंसमयं इत्थिवेयं वेदेड, इस्थिवेयस्स उदएणं यो पुरिसवेदं वेएइ, पुरिसवेयस्स उदरणं नो इत्यिवेयं वेएइ, एवं खल एगे जीवे एगेणं समएणं एगं वेदं वेदेइ, तं० इत्थीवेयं वा पुरिसवेयं वा, इत्थी इस्थिवेएणं उदित्रेणं पुरिसं पत्येइ, पुरिसो पुरिसवेएणं उदिनेणं इत्थि पत्थेइ, दोऽवि ते अन्नमन्नं पत्थति, तं इत्थी वा पुरिसं पुरिसे वा इत्थि । ९९। दगगमे णं भंते! उदगंग मेति कालतो केवचिरं होइ?, गोयमा! जहत्रेणं एकं समयं उकोसेणं छम्मासा, तिरिक्खजोणियगच्मे णं भंते! तिरिक्लजोणियगन्भेत्ति कालओ केवञ्चिरं होति ?, गोयमा! जहनेणं अंतोमुहुत्तं उकोसेणं अट्ट संवच्छराई, मणुस्सीगम्भे णं मंते! मणुस्सीगन्भेत्ति कालओ केवश्चिरं होइ ?, गोयमा ! जहत्रेणं अंतोमुडुत्तं उक्कोसेणं बारस संवच्छराई । १०० । कायभवत्थे णं मंते ! कायभवत्येत्ति कालओ केवञ्चिरं होइ ?, गोयमा ! जहजेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं चडब्बीसं संवच्छराई। १०१ । मणुस्सपंचेंद्रियतिरिक्खजोणियत्रीए णं भंते! जोणियम्भूए केवतियं कालं संचिइ ?, गोयमा! जहस्रेणं अंतोमुडुत्तं उक्कोसेणं वारस मुहुत्ता । १०२ । एगजीवे णं भंते! जोणिए बीयम्भूए (एगभवगहणेणं प्र०) केवतियाणं पुत्तत्ताए हव्वमागच्छद्द ?, गोयमा ! जहत्रेणं इकस्स वा दोहं वा तिष्टं वा उक्कोसेणं सयपुदुत्तस्स जीवाणं पुत्तत्ताए हव्यमागच्छति। १०३ । एगजीवस्स णं भंते! एगभवग्गहणेणं केवइया जीवा पुत्तत्ताए इच्वमागच्छति ?, गोयमा! जहमेणं इको वा दो वा तिमि वा उक्कोसेणं सयसहस्सपुहत्ते जीवाणं पुत्तत्ताए हब्वमागच्छति से केणद्वेणं भंते! एवं बुम्बइ-जाव हव्वमागच्छइ ?, गोयमा! इत्थीए य पुरिसस्स य कम्मकडाए जोणीए मेहुणवत्तिए नाम संजोए समुप्पज्जह, ते दुहओ सिणेहं संचिणंति, तत्य णं जहन्त्रेणं एको वा दो वा तिष्णि वा उक्कोसेणं सयसहस्वपुदुत्तं जीवाणं पुत्तत्ताए हव्यमागच्छति से तेणद्वेणं जाव हल्वमागच्छइ । १०४ मेहुणं भंते! सेवमाणस्स केरिसिए असंजमे कज्जइ ?, गोयमा! से जहानामए केइ पुरिसे रुयनालियं वा बूरनालियं वा तत्तेणं कणएणं समभिधंसेज्जा एरिसएणं गोयमा! मेहुणं सेवमाणस्स असंजमे कज्जइ, सेवं भंते! सेवं भंते! जाव विहरति ११०५ । तए णं समणे भगवं महावीरे रायगिहाओ नगराओ गुणसिलाओ चेहयाओ पडिनिक्खम त्ता बहिया जणत्रयविहारं विहरति, तेणं कालेणं० तुंगिया नामं नगरी होत्या, वण्णओ, तीसे णं तुंगियाए नगरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीमाए पुष्कवतिए नामं चेतिए होत्या, वण्णओ, तत्व णं तुंगियाए नयरीए बहवे समणोवासया परिवर्तति अड्डा दित्ता विच्छिष्णविपुलभवणसयणासणजाणवाहणाइण्णा बहुधणबहुजायरूवरय्या आओगपओगसं१७५ श्रीभगवत्यंग- सतर मुनि दीपरत्नसागर Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SHRAgro पउत्ता विच्छड्डियविपुलभत्तपाणा बहुदासीदासगोमहिसगवेलयप्पभूया बहुजणस्स अपरिभूया अभिगयजीवाजीवा उवलद्धपुण्णपावा आसवसंवरनिजरकिरियाहिकरणचंधमोक्खकुसला असहेज(जा)देवासुरनागसुवण्णजक्खरक्खसकिंनरकिंपरिसगालगंधव्वमहोरगादीएहिं देवगणेहि, निग्गंथाओ पावयणाओ अणनिकमणिज्जा, णिग्गथे पावयणे निस्संकिया निकंखिया निवितिगिच्छा लबडा गहियट्टा पुच्छियट्ठा अभिगयट्ठा विणिच्छियट्ठा अद्विमिंजपेम्माणुरागरत्ता, अयमाउसो ! निम्गंधे पावयणे अट्टे अयं परमट्टे सेसे अणढे, ऊसियफलिहा अबंगुयद्वारा चियत्तंतेउरघरप्पवेसा, बहुहिं सीलव्ययगुणवेरमणपचक्याणपोसहोववासेहिं चाउदसट्ठमुट्ठिपुण्णमासिणीसु पडिपुर्ण पोसहं सम्म अणुपालेमाणा, समणे निगथे फामुएसणिजेणं असणपाणखाइमसाइमेणं बत्थपडिग्गहकंबलपायपुंछणेणं पीढफलगसेज्जासंधारएणं ओसहमेसजेण य पडिलामेमाणा, आहापडिग्गहिएहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावमाणा संपन्ना रुवसंपन्ना विणयसंपन्ना णाणसंपन्ना दसणसंपन्ना चरित्तसंपन्ना लजासंपन्ना लाघवसंपन्ना ओयंसी तेयंसी यचंसी जसंसी जियकोहा जियमाणा जियमाया जियलोभा जियनिद्दा जितिदिया जियपरीसहा जीवियासमरणभयविष्पमुका जाय कुत्तियावणभूता बहुस्सुया बहुपरिवारा पंचहि अणगारसएहिं सद्धि संपरिबुडा अहाणुपुचि चरमाणा गामाणुगाम दूइजमाणा सुहंसुद्देणं विहरमाणा जेणेव तुंगिया नगरी जेणेव पुष्फवतीए चेइए तेणेव उवागच्छंतित्ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिमिहत्ताणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरति । १०७ तए णं तुंगियाए नगरीए सिंघाडगनिगचउकचनरमहापहपहेसु जाव एगदिसाभिमुहा णिजायंति, नए णं ते समणोचासया इमीसे कहाए लठा समाणा हडतुहा जाच सहावेति त्ता एवं वदासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! पासायचेजा थेरा भगवंतो जातिसंपन्ना जाच अदापडिरूवं उग्गहं उग्गिहिताणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरंति तं महाफलं खलु देवाणुप्पिया! सहारुवाणं थेराणं भगवंताणं णामगोयस्सवि सवणयाए किमंग पुण अभिगमणचंदणनमसणपडिपुच्छणपज्जुवासणयाए ? जाब गहणयाए',तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया! येरे भगवंते बंदामो नमसामो जाव पज्जुवासामो, एयं णं इहमये वा परभवे वा जाव आणुगामियत्ताए भविस्सतीविकटु अन्नमनस्स अंतिए एयमढें पडिसुणेति त्ता जेणेव कयकोउयमंगलपायच्छित्ता सुद्धप्पावेसाई मंगवाई वत्थाई पवराई (पर) परिहिया अप्पमहग्याभरणालंकियसरीरा सएहिं २ गेहेहितो पडिनिक्खमंतित्ता एगयओ मेलायति त्ता पायविहारचारेणं तुंगियाए नगरीए मज्झमझेणं णिग्गच्छति त्ता जेणेव पुष्पवतीए चेइए नेणेच उवागच्छति त्ता थेरे भगवंते पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छंति, तं०- सचित्तार्ण दवाणं विउसरणयाए अचित्ताणं अंजलिप्परगणं मणसो एगत्तीकरणेणं, जेणेव थेरा भगतो तेणेव उवागच्छति त्ता तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइत्ता जाच तिविहाए पज्जुवासणाए पजुवासंति । १०८। तए णं ते थेरा भगवंतो तेसिं समणोवासयाणं तीसे य महतिमहालियाए चाउज्जामं धम्म परिकहेंति जहा केसिसामिस्स जाव समणोवासियत्ताए आणाए आराहगे भवति जाच धम्मो कहिओ. नए ण ते समणो वासया घेराणं भगवंताणं अंतिए धम्मं सोचा निसम्म हहतुट्ठ जाव यहियया तिक्खुत्तो आयाहिणप्पयाहिणं करेंति त्ता जाब तिविहाए पजुवासणाए पजुवासति त्ता एवं वदासी-संजमे णं मंते ! किंफले? तवे णं भंते ! किंफले?, Sतए णं ते घेरा भगवंतो ते समणोबासए एवं वदासी-संजमे णं अजो! अणण्हयफले तये बोदाणफले, तए णं ते समणोबासया थेरे भगवंते एवं वदासी-जति मंते! संजमे अणण्हयफले नवे चोदाणफले किंपत्तियं णं मंते! देवा । देवलोएसु उक्वजति?, तत्थ णं कालियपुत्ते नाम थेरे ते समणोपासए एवं वदासी-पुक्तवेणं अज्जो ! देवा देवलोएसु उववज्जति, तत्थ णं मेहिले नाम थेरे ते समणोवासए एवं वदासी-पुव्वसंजमेणं अज्जो ! देवा देवलोएसु उपयजति?. तत्व णं आणंदरक्खिए णाम थेरे ते समणोवासए एवं वदासी-कम्मियाए अजो : देवा देवलोएसु उववजंति, तत्थ ण कासवे णाम थेरे ते समणोबासए एवं बदासी-संगियाए अजो! देवा देवलोएस उववजंति, पुवतवेणं पुच्चसंजमेणं कम्मियाए संगियाए अजो । देवा देवलोएसु उपयजति, सो णं एस अढे नो चेव णं आयभाववत्तव्वयाए, तए णं ते समणोवासया थेरेहिं भगवतेहिं इमाई एयारूबाई वागरणाई बागरिया समाणा हहतुवा धेरे भगवंते वदंति नमसंति त्ता पसिणाई पुच्छति त्ता अट्ठाई उवादियंति त्ता उवाइ उद्वेति त्ता धेरै भगवंते तिक्सुत्तो बंदंति णमंसंति त्ता थेराणं भगवं अंतियाओ पुष्फवतियाओ येइयाओ पडिनिक्खमंति त्ता जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया. तए णं ते घेरा अन्नया कयाई तुंगियाओ पुष्फवतिइयाओ पडिनिगच्छत्ति त्ता बहिया जणवयविहार विहरइ । १०९। तेणं कालेणं० रायगिहे नाम नगरे जाव परिसा पडिगया, तेणं कालेणं० समणस्स मगवओ महावीA रस्स जेटे अंतेवासी इंदभूतीनामं अणगारे जाव संवित्तविउलतेयलेस्से उढुंछडेणं अनिक्खित्तेणं तचोकम्मेणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे जाब विहरति. तए णं से भगवं गोयमे छटुक्खमणपारणगंसि पढ़माए पोरिसीए सज्झायन करेट् बीयाए पोरिसीए झाणं झियायइ तइयाए पोरिसीए अतुरियमचवलमसंभंते मुहपोत्तियं पडिलेहेइ ता भायणाई (बत्थाई) पडिलेहेइत्ता मायणाई पमज्जइत्ता भायणाई उग्गाहेइत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरें तेणेव उवागच्छद ना समणं भगवं महावीरं वंदद नमंसद ता एवं वदासी-इच्छामि णं भंते! तुम्भेहिं अब्भणुनाए छद्रुक्खमणपारणगंसि रायगिहे नगरे उच्चनीयमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अहित्तए, अहासुहं देवाणुपिया! मा पडिचंध तए णं भगवं गोयमे समणेणं भगवया महावीरेणं अभणुचाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ गुणसिलाओ घेझ्याओ पडिनिक्खमइ त्ता अतुरियमचवलमसंभंते जगतरपलोयणाए दिट्ठीए पुरओ रियं सोहेमाणे २ जेणेव रायगिहे नगरे तेणेव उवागच्छदत्तारायगिहे नगरे उचनीयमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियं अडइ. तए णं से भगवं गोयमे रायगिहे. जाच अडमाणे बहुजणसदं निसामेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया! तुनियाए नगरीए बहिया पुष्फक्तीए चेइए पासावञ्चिजा घेरा भगवंतो समणोवासएहिं इमाई एयारूवाई वागरणाई पच्छिया-संजमेणं भंते। किंफले? विता समणोवासएहिं इमाई एयारूवाई वागरणाई पुच्छिया-संजमणं भंते! किंफले? तवे णं मंते ! किंफले?.तएर्ण ते घेरा भगवंतो ते समणोवा * सए एवं वदासी-संजमे णं अजो! अणण्हयफले तं च जाय पुवतवेणं पुब्बसंजमेणं कम्मियाए संगियाए अजो! देवा देवलोएसु उवयजति, सधे एसमढे, णो चेव णं आयभाववत्तव्वयाए, से कहमेयं मण्णे एवं ?, तए णं भगवं गोयमे इमीसे कहाए लबट्टे समाणे जायसढे जाव समुप्पनकोउहले अहापजत्तं समुदाणं गेण्हइत्ता रायगिहाओ नगराओ पडिनिक्खमइत्ता अतुरियं जाव सोहेमाणे जेणेव गुणसिलए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणे (४४) १७६ श्रीभगवत्यंगं - पातर मुनि दीपरत्नसागर क Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व उवा० सम० भ० महावीरस्स अदूरसामंते गमणागमणाए पडिकमइ एसणमणेसणं आयेएइ त्ता भत्तपाणं पडिदंसेइ त्ता समणं भ० महावीरं जाव एवं बयासी एवं खलु भंते! अहं तुम्मेहिं अग्भणुण्णाए समाणे रायगिहे नगरे उच्चनीयमज्झिमाणि कुलाणि घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणे बहुजणसद्द निसामेमि एवं खलु देवा० तुंगियाए नगरीए बहिया पुप्फवईए चेइए पासावचिजा थेरा भगवंतो समणोवासएहिं इमाई एयारूबाई वागरणाई पुच्छिया-संजमे णं भंते! किंफले ? तं चैव जाव सच्चे णं एसमट्टे णो चेव णं आयभाववत्तब्वयाए, तं पभू णं भंते! ते थेरा भगवंतो तेसि समणोवासयाणं इमाई एयारूवाई वागरणाई वागरित्तए उदाहु अप्पभू ?, समिया णं भंते! ते घेरा भगवंतो तेसिं समणोवासयाणं इमाइं एयारूवाइं वागरणाई वागरित्तए उदाहु असमिया ? आउज्जिया णं भंते! ते थेरा भगवंतो तेसिं समणोवासयाणं इमाई एयारूबाई वागरणाई वागरित्तए ? उदाहु अणाउजिया ? पलि - उज्जिया णं भंते! ते घेरा भगवंतो तेसिं समणोवासयाणं इमाई एयारूवाई वागरणाई वागरितए उदाहु अपलिउजिया ?, पुव्वतवेणं अजो! देवा देवलोएस उववज्जति पुब्वसंजमेणं कम्मियाए० संगियाए अज्जो ! देवा देवलोएस उंबवजंति, सच्चे णं एसमट्टे णो चेव णं आयभाववत्तव्वयाए, प णं गोयमा! ते येरा भगवंतो तेसिं समणोवासयाणं इमाई एयारूवाइं वागरणाई वागरेत्तए, णो चेव णं अप्पभू, तह चेव नेयव्वं अवसेसियं जाव पभू समिया आउजिया पलिउजिया जाव सच्चे णं एसमट्ठे णो चेव आयभाववत्तव्वयाए, अहंपि णं गोयमा ! एवमाइक्खामि भासेमि पण्णवेमि परूवैमि पुव्वतवेणं देवा देवलोएस उववज्जेति पुव्वसंजमेणं देवा देवलोएस उववज्जंति कम्मियाए देवा देवलोएस उववज्वंति संगियाए देवा देवलोएस उववज्जंति, पुव्वतवेणं पुव्वसंजमेणं कम्मियाए संगियाए अज्जो ! देवा देवलोएस उववजंति, सच्चे णं एसमट्टे णो चेव णं आयभाववत्तव्वयाए। ११० । तहारूवं भंते! समणं वा माहणं पज्जुवासमाणस्स किंफला पज्जुवासणा ?, गोयमा! सवणफला, से णं भंते! सवणे किंफले ?, णाणफले, से णं भंते! नाणे किंफले ? विष्णाणफले, से णं भंते! विज्ञाणे किंफले ?. पञ्चक्रखाणफले, से णं भंते! पचक्खाणे किंफले ?, संजमफले, से णं भंते! संजमे किंफले १, अणण्यफले, एवं अणण्हये तवफले, तवे वोदाणफले, वोदाणे अकिरियाफले, से णं भंते! अकिरिया किंफला ?, सिद्धिपजवसाणफला पं० गो०-सवणे णाणे य विष्णाणे, पञ्चक्खाणे य संजमे। अणण्हए तवे चेव बोदाणे अकिरिया सिद्धी ॥ २१ ॥ १११ । अण्णउत्थिया णं भंते! एवमातिक्खतिभासंति पण्णवेति परूवेंति एवं खलु रायगिहस्स नगरस्स बहिया वेभारस्स पव्वयस्स आहे एत्थ णं भहं एगे हरए अधे पं० अणेगाई जोयणाई आयामविक्खंभेणं नाणादुमसंडमंडितउद्देसे सस्सिरीए जाव पडिरूवे, तत्थ णं बहवे ओराला बलाहया संसेयंति सम्मुच्छिति तव्वतिरित्ते य णं सया समियं उसिणे २ आउकाए अभिनिस्सवइ, से कड़मेयं भंते! एवं १, गोयमा ! जपणं ते अण्णउत्थिया एवमातिक्वंति जाव जे ते एवं परूवेंति मिच्छं ते एवमातिक्वंति जाव सव्वं नेयव्वं, जाव अहं पुण गोयमा ! एवमातिक्खामि भा० पं० प०, एवं खलु रायगिहस्स नगरस्स बहिया बेभारपव्वयस्स अदूरसामंते एत्य णं महातवावतीरप्पभवे नामं पासवणे पं० पंच धणुसयाणि आयामविक्खंभेणं नाणादुमडमंडिउदेसे सस्सिए पासादीए दरिसणिजे अभिरूवे पडिरूवे तत्थ णं पहवे उसिणजोणिया जीवा य पोग्गला य उदगत्ताए वनमंति विउकमंति चयंति उववजंति तव्वतिरित्तेऽवि य णं सया समियं उसिणे २ आउयाए अभिनिस्सवइ, एस णं गोयमा! महातवोवतीरप्पभवे पासवणे, एस णं गोयमा ! महातवोवतीरप्पभवस्स अट्ठे पं०, सेवं भंते! रति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति । ११२ ॥ श० २ उ० ५ ॥ से णूणं भंते! मण्णामीति ओहारिणी भासा एवं भासापदं भाणियव्वं । ११३ ॥ श० २३०६ ॥ कतिविहा णं भंते देवा पं० १, गोयमा ! चउव्विहा देवा पं० तं० भवणवइवाणमंतरजोतिसवेमाणिया, कहि णं भंते! भवणवासीणं देवाणं ठाणा पं० १. गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जहा ठाणपदे देवाणं वत्तव्वया सा भाणियच्या नवरं भवणा पं०, उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, एवं सव्वं भाणियव्वं जाव सिद्धगंडिया समत्ता, कप्पाण पइद्वाणं बाहुगुञ्चत्तमेव संठाणं । जीवाभिगमे जाव वैमाणिउद्देसो भाणियग्यो सब्बो । ११४ ॥ श० २३०७॥ कहि णं भंते! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो सभा सुहम्मा पं० १. गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं तिरियमसंखेज्जे दीवसमुद्दे वीईवइत्ता अरुणवरस्स दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेइयंताओ अरुणोदयं समुदं बायालीसं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तिगिच्छियकूडे नामं उपायपव्वए पं०, सत्तरसएकवीसे जोयणसए उटंउच्चत्तेणं चत्तारि तीसे जोयणसए कोसं च उब्वेहेणं गोत्थुभस्स आवासपव्वयस्स पमाणेणं णेयव्वं नवरं उवरिडं पमाणं मज्झे भाणियव्वं (मूले दसबावीसे जोयणसए विक्खंभेणं मज्झे चत्तारि चउवीसे जोयणसते विक्खंभेणं उवरिं सन्ततेवीसे जोयणसते विक्खंभेणं मूले तिष्णि जोयणसहस्साइं दोण्णि य बत्तीसुत्तरे जोयणसते किंचिविसेसृणे परिक्खेवेणं मज्झे एगं जोयणसहस्सं तिष्णि य इगयाले जोयणसते किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं उवरिं दोष्णि य जोयणसहस्साइं दोणिय छलसीते जोयणसते किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं पा० ) जाव मूले वित्थडे मज्झे संखित्ते उप्पिं विसाले मज्झे वरवइरविग्ाहिए महामउंदसंठाणसंठिए १७७ श्रीभगवत्थंगं--२ मुनि दीपरत्नसागर Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 58785-ASPICASPAMPTOMEPASSPIRLRIPHONESPONASHIRSAASPERMEPRACPICASPIRMEPRAB/6528H8HARPAAR सवरयणामए अच्छे जाच पडिरूवे, से णं एगाए परमवरवेइयाए एगेणं वणसंडेण य सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, पउमवरवेइयाए वणसंडस्स य षण्णओ, तस्स णं तिगिच्छिकूडस्स उप्पायपव्ययस्स उप्पि बहुसमरमणिजे भूमिभागे पं०, वण्णओ, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभागे एत्य णं महं एगे पासायवडिंसए पं० अड्ढाइज्जाई जोयणसयाई उड्डंउच्चत्तेणं पणवीसं जोयणसयाई विक्खंभेणं, पासायवण्णओ उजडोयभूमिवनओ अट्ट जोयणाई मणिपेढिया चमरस्स सीहासणं सपरिवार भाणियध्वं, तरस णं तिगिच्छिकूडस्स दाहिणणं छकोडिसए पणपन्नं च कोडीओ पणतीसं च सयसहस्साई पण्णासं च सहस्साई अरुणोदे समुहे तिरियं वीइवहत्ता अहे ग्यणप्पभाए पुढवीए चत्तालीस जोयण - | सहस्साई ओगाहित्ता एत्य णं चमरस्स असुरिदस्स असुरकुमाररण्णो चमरचंचा नाम रायहाणी पं० एमं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं जंबुद्दीवप्पमाणं, पागारो दिवड्द जोयणसयं उर्दउच्चत्तेणं मले पन्नासं जोयणाई विक्खंभेणं उरि अदतेरसजोयणा कविसीसगा अद्धजोयणायाम कोसं विक्खंभेणं देसूर्ण अदजोयणं उदउच्चत्तेणं एगमेगाए पाहाए पंच२दारसया अड्ढाइजाई जोयणसयाई उड्ढंउच्चत्तेणं अदं विक्खंभेणं उवरियलणं सोलमजोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं पन्नासं जोयणसहस्साई पंच य सत्ताणउयजोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं सय्यप्पमाणं वेमाणियप्पमाणस्स अर्द्ध नेयव्यं, सभा सुहम्मा, उत्तरपुरच्छिमे णं जिणघरं, ततो उववायसभा हरओ अभिसेय. अलंकारो जहा विजयस्स, (म० उववाओ संकप्पो अभिसेय विभूसणा य ववसाओ। अञ्चणिय सुहगमोऽपि य चमर परिवार उड्ढत्तं ॥१॥)११५॥श०२ उ०८॥ किमिदं मंते ! समयखेत्तेत्ति पञ्चति ?, गोयमा! अड्डाइज्जा दीवा दो य समुहा एस र्ण एवइए समयखेत्तेत्ति पञ्चति, तत्थ णं अयं जंबुद्दीबे२सब्बदीवसमुहाणं सब्वन्भतरे एवं जीवाभिगमवत्तब्बया नयवा जाव अभितरं पुक्खरखं जोइसविहूणं (प० जाव इमा गाहा)।११६॥ श०२ उ०९॥ कति णं भंते ! अस्थिकाया पं०?, गोयमा ! पंच अस्थिकाया पं० त०-धम्मस्थिकाए अधम्मस्थिकाए आगा. सत्थिकाए जीवस्थिकाए पोग्गलस्थिकाए, धम्मस्थिकाए णं भंते ! कतिवन्ने कतिगंधे कतिरसे कतिफासे ?, गोयमा ! अवण्णे अगंधे अरसे अफासे अरूबी अजीचे सासए अवट्टिए लोगदव्वे, से समासओ पंचविहे पं० त०-दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ गुणओ, दव्वओ णं धम्मस्थिकाए एगे दव्ये, खेत्तओ णं लोगप्पमाणमेत्ते, कालओ न कयाविन आसि न कयाइ नस्थि जाव निचे, भावओ अवण्णे अगंधे अरसे अफासे, गुणओ गमणगुणे, अहम्मत्यिकाएऽवि एवं चेव, नवरं गुणओ ठाणगुणे, आगासत्थिकाएऽवि एवं चेव, नवरं खेत्तओ णं | आगासस्थिकाए लोयालोयप्पमाणमेने अणंते चेव जाय गुणओ अवगाहणागुणे, जीवस्थिकाए णं मंते ! कतिवन्ने कतिगंधे कतिरसे कइफासे ?, गोयमा! अवण्णे जाव अरूवी जीवे | | सासए अवट्ठिए लोगव्वे. से समासओ पंचविहे पं० त०-दव्वओ जाव गुणओ, दव्वओ णं जीवस्थिकाए अणंताई जीवदव्वाई, खेत्तओ लोगप्पमाणमेत्ते, कालओ न कयाइ न आसि जाब निचे, भावओ पुण अवण्णे अगंधे अरसे अफासे, गुणओ उवओगगुणे, पोग्गलस्थिकाए णं भंते ! कतिवण्णे कतिगंधे०१. गोयमा ! पंचवण्णे पंचरसे दुगंधे अट्ठफासे रूबी अजीवे सासए अवट्ठिए लोगदब्वे, से समासओ पंचविहे पं० त०-दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ गुणओ, दब्बओ णं पोग्गलस्थिकाए अर्णताई दबाई, खेत्तओ लोयप्पमाणमेत्ते, कालओ | न कयाइ न आसि जाय निचे, भावओ वण्णमंते गंध० रस० फासमते, गुणओ गहणगुणे । ११७। एगे भंते ! धम्मत्यिकायपदेसे धम्मस्थिकाएत्ति वत्तव्वं सिया?, गोयमा ! णो इणढे। समडे, एवं दोनिवि तिमिवि चत्तारि पंच छ सत्त अट्ट नव दस संखेजा, असंखेजा भंते! धम्मत्थिकायप्पएसा धम्मत्यिकाएत्ति वत्तब्वं सिया?, गोयमा ! णो इणढे समढे, एगपरेसूणेऽविय णं भंते! धम्मस्थिकाए २ति बत्तव्वं सिया ?. णो तिणडे समट्टे, से केणद्वेणं भंते! एवं बुच्चइ-एगे धम्मस्थिकायपदेसे नो धम्मत्यिकाएत्ति वत्तब्वं सिया जाव एगपदेसू नो धम्मस्थिकाएत्ति वत्तव्वं सिया?,से नूणं गोयमा! खंडे चक्के सगले चके ?, भगवं : नो खंडे चक्के सकले चक्के, एवं छत्ते चम्मे दंडे दूसे आउ पहे मोयए. से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं बुचइ एगे धम्मस्थिकायपदेसे नो धम्मस्थिकाएत्ति वत्तव्यं सिया जाव एगपदेसूणेऽविय णं धम्मस्थिकाए नो धम्मत्थिकाएत्ति वत्तवं सिया, से किखातिए णं भंते ! धम्मस्थिकाएत्ति वत्तव्वं सिया ?, गोयमा ! असंखेज्जा धम्मत्यिकायपएसा ते सय्ये कसिणा पडिपुष्णा निरवसेसा एगगहणगहिया एसणं गोयमा! धम्मस्थिकाएत्ति वत्तव्यं सिया, एवं अहम्मत्थिकाएऽपि, आगासस्थिकाएऽवि, जीवस्थिकायपोग्गलस्थिकायावि एवं चेच, नवरं तिण्हपि पदेसा अर्णता भाणियच्या, सेसं तं चेय।११८ा जीवे णं भंते ! सउट्ठाणे सकम्मे सबले सवीरिए सपरिसक्कारपरकमे आयभावेणं जीवभावं उपदंसेतीति वत्तव्वं सिया ?, हंता गोयमा ! जीवे णं सउहाणे जाव उवदंसेतीति वत्तव्यं सिया, से केणट्ठणं जाव वत्तव्यं सिया ?, गोयमा! जीवेणं अणताणं आभिणिबोहियनाणपजवाणं एवं सुयनाणपज्जवाणं ओहिनाणपज्जवाणं मणपज्जवनाणप० केवलनाणप० मइअन्नाणपसुयअन्नाणप० विभंगणाणपजवाणं चक्खुदसणप० अचक्खुदंसणप० ओहिदसणप० केवलदसणप० उवओगं गच्छइ, उवओगलक्षणे णं जीवे, से तेणद्वेणं एवं बुबइ-गोयमा! जीवे णं सउहाणे जाव वत्तव्वं सिया १७८ श्रीभगवत्यंग-मत-२ मुनि दीपरत्नसागर Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । ११९ । कतिविद्दे णं भंते! आगासे पं० १, गोयमा ! दुविहे आगासे पं० तं०- लोयागासे य अलोयागासे य. लोयागासे णं भंते! किं जीवा जीवदेसा जीवपदेसा अजीवा अजीवदेसा अजीवपएसा ?, गोयमा ! जीवावि जीवदेसावि जीवपदेसावि अजीवावि अजीवदेसावि अजीवपदेसावि. जे जीवा ते नियमा एगिंदिया बंदिया तेइंदिया चउरिंदिया पंचेंदिया अणिदिया, जे जीवदेसा ते नियमा एगिंदियदेसा जाव अणिदियदेसा. जे जीवपदेसा ते नियमा एगिंदियपदेसा जाव अणिदियपदेसा, जे अजीवा ते दुविहा पं० तं० रूबी य अरुवी य, जे रूबी ते चउब्विहा पं० [सं० खंधा खंधदेसा खंधपदेसा परमाणुपोग्गला. जे अरूबी ते पंचविहा पं० तं० धम्मत्थिकाए नो धम्मत्धिकायस्स देसे धम्मत्थिकायस्स पदेसा अधम्मत्थिकाए नो अधम्मत्थिकायस्स देसे अधम्मत्थिकायस्स पदेसा अद्धासमए । १२० । अलोगागासे णं भंते! किं जीवा पृच्छा तह चेव, गोयमा! नो जीवा जाव नो अजीवप्पएसा, एगे अजीवदव्वदेसे अगुरुयलहुए अणतेहिं अगुरुयलहुयगुणेहिं संजुत्ते सागासे अनंतभागूणे । १२१ । धम्मत्थिकाए णं भंते! किंमहालए पं० १. गोयमा ! लोए लोयमेत्ते लोयप्पमाणे लोयफुडे लोयं चैव फुसित्ताणं चिट्ठइ, एवं अहम्मत्थिकाए लोयागासे जीवन्धिकाए पोम्गलन्थिकाए पंचवि एक्काभिलावा। १२२ । अहेलोए णं भंते! धम्मत्थिकायस्स केवइयं फुसति ?, गोयमा ! सातिरेगं अर्द्ध फुसति. तिरियलोए णं भंते! पुच्छा. गोयमा! असंखेज्जइभागं फुसइ. उइढलोए णं भंते! पुच्छा, गोयमा ! देसृणं अद्धं फुसइ । १२३ । इमा णं भंते! रयणप्पभापुढवी धम्मत्थिकायस्स किं संखेज्जइभागं फुसति असंखेज्जइभागं फुसइ संखिजे भागे फुसति असंखेजे भागे फुसति सव्वं कुसति ?, गोयमा ! णो संखेज्जइभागं फुसति असंखेइभागं फुसइ णो संखेज्जे ० णो असंखेजे० नो सव्यं फुसति इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पृढबीए उवासंतरे घणोदही धम्मत्थिकायस्स पुच्छा किं संखेजइभागं फुसति० १, जहा रयणप्पभा तहा घणोदहिघणवायतणुवायावि, इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पृढवीए उवासंतरे धम्मत्थिकायस्स किं संखेज्जतिभागं फुसति असंखेजड़भागं फुसइ जाव सव्वं फुसइ ?, गोयमा ! संखेज्जइभागं फुसइ णो असंखेज्जइभागं फुसइ नो संखेजे० नो असंखेजे० नो सव्वं फुसइ. उवासंतराई सच्चाई जहा रयणप्पभाए पुढवीए वत्तव्वया भणिया, एवं जाव आहेसत्तमाए, जंबुद्दीवाइया दीवा लवणसमुद्दाइया समुद्दा, एवं सोहम्मे कप्पे जाव ईसिप भारापुढवी, एते सब्वेऽवि असंखेज्जतिभागं फुसति, सेसा पढिसेहेयच्या, एवं अधम्मस्थिकाए, एवं लोयागासेवि, 'पुढवोदहीघणतणुकप्पा गेवेज्ज ऽणुत्तरा सिद्धी । संखेज्जतिभागं अंतरेसु सेसा असंखेजा ॥ २२ ॥ १२४ ॥ उ० १० इति द्वितीय शतकं ॥ | केरिसविउव्वणा १ चमर २ किरिय३ जाणि४स्थि ५ नगर ६ पाला ७ य अहिवइ ८ इंदिय९परिसा १० ततियम्मि सए दसुदेसा ॥ २३ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं मोया नामं नगरी होत्था, बण्णओ, तीसे णं मोयाए नगरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभागे णं नंदणे नामं चेतिए होत्था. वण्णओ. तेणं कालेणं सामी समोसढे, परिसा निग्गच्छइ पडिगया परिसा, तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स दोचे अंतेवासी अग्गिभूतिनामं अणगारे गोयमगोत्तेणं सत्तुस्सेहे जाव पज्जुवासमाणे एवं वदासी चमरे णं भंते! असुरिंदे असुरराया केमहिड्डीए केमहज्बुत्तीए केमहाबले केमहायसे केमहासोक्खे केमहाणुभागे केवइयं च णं पभू बिउव्वित्तए ? गोयमा! चमरे णं असुरिंदे असुरराया महिड्ढीए जाव महाणुभागे, से णं तत्थ चोत्तीसाए भवणावाससयसहस्साणं चउसडीए सामाणियसाहस्सीणं तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं जाव विहरड, एवमहिड्ढीए जाव एमहाणुभागे. एवतियं च णं पभू बिउब्वित्तए, से जहानामए जुवतिं जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेजा, चकस्स वा नाभी अरगाउत्ता सिया. एवामेव गोयमा! चमरे असुरिंदे असुरराया बेडव्वियसमुग्धाएणं समोहण्णइ त्ता संखेजाई जोषणाई (प्र० उड्ड) दंडं निसिरइ, तं रयणाणं जाव रिट्ठाणं, अहाचायरे पोम्गले परिसाडेइ ता अहासहुमे पोग्गले परियाएति त्ता दोचंपि उब्वियसमुग्धाएणं समोहष्णति ता पभू णं गोयमा ! चमरे असुरिंदे असुरराया केवलकप्पं जंबुद्दीचं २ चहहिं असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य आइण्णं वितिकिष्णं उवत्थडं संथडं फुडं अवगाढावगाढं करेत्तए अदुत्तरं च णं गोयमा ! पभू चमरे असुरिंदे असुरराया तिरियमसंखेजे दीवसमुद्दे बहुहिं असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य आइण्णे वितिकिष्णे उवत्थडे संथडे फुडे अवगाढाबगाडे करेत्तए एस णं गोयमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो अयमेयारूचे विसए विसयमेत्ते बुझए, णो चेव णं संपत्तीए विकुव्विसु या विकुच्वति या विकुविस्सति वा । १२५ । जति णं भंते! चमरे असुरिंदे असुरराया एमहिड्डीए जाव एवइयं च णं पभू विकुव्वित्तए, चमरस्त णं भंते! असुरिंदस्स असुररन्नो सामाणिया देवा केमहिढीया जाव केवतियं च णं पभू विकुब्विनए ?, गोयमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररन्नो सामाणिया देवा महिट्टीया जाव महाणुभागा, ते णं तत्थ साणं २ भवणाणं साणं २ सामाणियाणं साणं २ अग्गमहिसीणं जाव दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरंति, एवंमहिड्डीया जाव एवइयं च णं पभू विकुव्वित्तए से जहानामए जुवतिं जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेजा चकरस वा नाभी अरयाउत्ता सिया एवामेव गोयमा ! चमरस्स असुरिंदरस असुरो एगमेगे सामाणिए देवे वेडव्वियसमुग्धाएणं समोहण्णइ ता जाव दोचंपि वेडव्वियसमुग्धाएणं समोहण्णति त्ता पभू णं गोयमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररन्नो एग १७९ श्रीभगवत्यं सर्ग-३ मुनि दीपरत्नसागर Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मेगे सामाणिए देव केवलकप्पं जंबुद्दीवं २ बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य आइन्नं वितिकिन्नं उवत्थडं संबडं फुटं अवगाढावगाढं करेत्तए, अदुत्तरं च णं गोयमा! पभू चमरस्स असुरिंदस्स असुररन्नो एगमेगे सामाणियदेवे तिरियमसंखेज्जे दीवसमुद्दे महूद्धिं असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य आइष्णे चितिकिण्णे उवत्थडे संथडे फुडे अवगाढावगाढे करेत्तए, एस णं गोयमा ! चमरस्स असुरिंदरस असुररन्नो एगमेगस्स सामाणियदेवस्स अयमेयारूवे विसए विसयमेत्ते बुइए, णो वेव णं संपत्तीए विकुव्विसु वा विकुब्वंति या विकुव्विस्संति वा, जति णं भंते! चमरस्स असुरिंदस्स असुररनो सामाणिया देवा एवंमहिड्डीया जाव एवतियं च णं पभू विकुव्वित्तए चमरस्स णं भंते! असुरिंदस्स असुररनो तायत्तीसिया देवा केमहिड्दीया० १. तायन्तीसिया देवा जहा सामाणिया तहा नेयव्वा, लोयपाला तहेब, नवरं संखेज्जा दीवसमुद्दा भाणियच्या, बहूहिं असुरकुमारेहिं० आइने जाव बिउव्विस्संति वा, जति गं भंते! चमरस्स असुरिंदरस असुररन्नो लोगपाला देवा एवंमहिड्डीया जाव एवतियं च णं पभू विउब्वित्तए चमरस्स णं भंते! असुरिंदरस असुररनो अग्गमहिसीओ देवीओ केमहि - टीयाओ जाव केवतियं च णं पभू विकुस्वित्तए ?, गोयमा ! चमरस्त णं असुरिंदस्स असुररनो अग्गमहिसीओ महिढीयाओ जाव महाणुभागाओ, ताओ णं तत्थ साणं २ भवणार्ण साणं २ सामाणियसाहस्सीणं साणं २ महत्तरियाणं साणं २ परिसाणं जाव एमहिड्डियाओ अनं जहा लोगपालाणं अपरिसेसं । सेवं मंते !त्ति । १२६ । भगवं दोचे गोयमे समणं भगवं महावीरं बंद नसइत्ता जेणेव तब्बे गोयमे वायुभूतिअणगारे तेणेव उवागच्छति त्ता तथं गोयमं वायुभूतिं अणगारं एवं वदासी एवं खलु गोयमा! चमरे असुरिंदे असुरराया एवंम हिड्ढीए तं चैव सव्वं अपटुवागरणं नेयव्वं अपरिसेसियं जाव जग्गमहिसीणं वत्तव्वया समत्ता, तए णं से तचे गोयमे वायुभूती अणगारे दोचस्स गोयमस्स अग्निभूइस्स अणगारस्स एवमाइक्खमाणस्स भा० पं० परू० एयमहं नो सद्दहइ नो पत्तियइ नो रोयइ एयम असदहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे उडाए उट्ठेइ ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी एवं खलु भंते! दोचे गोयमे अग्निभूतिअणगारे मम एवमातिक्खइ० भासइ० पनवेइ० परूवेइ एवं खलु गोयमा ! चमरे असुरिंदे असुरराया महि ढीए जाव महाणुभावे, से णं तत्थ चोत्तीसाए भवणावाससयसहस्साणं एवं तं चैव सव्वं अपरिसेसं भाणि (प्र० ने ) यज्ञं जाव अग्गमहिसीणं वत्तव्वया समत्ता, से कहमेयं भंते! एवं १, गोयमादि समणे भगवं महावीरे तब गोयमं वाउभूर्ति अणगारं एवं वदासी जण्णं गोयमा ! दोघे गो० अग्गिभूइअणगारे तव एवमातिक्खइ० एवं खलु गोयमा ! चमरे ३ महिडीए एवं तं चैव सव्वं जाव अम्गमहिसीणं वतव्वया समत्ता, सच्चे णं एसमट्ठे, अहंपिणं गोयमा ! एवमातिक्खामि० भा० प० परू० एवं खलु गोयमा! चमरे ३ जाव महिढीए सो चेव बितिओ गमो भाणियव्वो जाव अम्ममहिसीओ, सचे णं एसमट्टे, सेवं भंते! २, तचे गोयमे ! वायुभूती अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ त्ता जेणेव दोचे गोयमे अग्निभूती अणगारे तेणेव उवागच्छइ ता दोघं गो० अग्निभूर्ति अणगारं वंदइ नमसति त्ता एयमहं सम्मं विणएणं भुजो २ खामेति । १२७ । तए णं से तच्चे गोयमे बाउभूती अणगारे दोघेण गोयमेणं अग्गिभूतिणामेणं अणगारेणं सद्धिं जेणेव समणे भगवं महावीरे जाब पज्जुवासमाणे एवं वयासी जति णं भंते! चमरे असुरिंदे असुरराया एवंमहिड्डीए जाव एवतियं च णं पभू विकुव्वित्तए बली णं भंते! वइरोयणिंदे वइरोयणराया केमहिटीए जाव केवइयं च णं पभू विकुव्वित्तए ?, गोयमा ! बली णं० वइरोयणराया महिड्डीए जाब महाणुभागे, से णं तत्थ तीसाए भवणावाससयसहस्साणं सट्ठीए सामाणियसाहस्सीणं सेसं जहा चमरस्स तहा बलियस्सवि णेयव्वं, णवरं सातिरेगं केवलकप्पं जंबुद्दीवंति भाणियव्वं, सेसं तं चैव णिरवसेसं यच्वं नवरं णाणत्तं जाणियव्वं भवणेहिं सामाणिएहि य, सेवं भंतेरत्ति तच्चे गोयमे वायुभूती जाव विहरति, भंवेत्ति भगवं दोचे गोयमे अग्गिभूतीअणगारे समणं भगवं महावीरं बंद एवं वदासी- जइ णं भंते! बली वइरोयशिंदे वइरोयणराया एमहिड्डीए जाव एवइयं च णं पभू विकुव्वित्तए धरणे णं भंते! नागकुमारिंदे नागकुमारराया केमहिड्डीए जाव केवतियं च णं पभू विकुत्तिए ?, जहा चमरे तहा धरणेऽवि, नवरं संखेचे दीवसमुद्दे भाणियवं, एवं जाव यणियकुमारा वाणमंतरा जोइसियावि, नवरं दाहिणिले सजे अग्निभूती पुच्छति, उत्तरिले सवे वाउभूती पुच्छइ, भंतेत्ति भगवं दोचे गोयमे अग्निभूती अणगारे समणं भगवं म० वंदति नम॑सति त्ता एवं क्यासी-जति णं भंते! जोइसिंदे जोतिसराया एमहिड्डीए जाव एवतियं च णं पभू विकुञ्चित्तए सक्के णं भंते! देविंदे देवराया केमहिड्डीए जाव केवतियं च णं पभू विउवित्तए १, गोयमा ! सक्के णं देविंदे देवराया महिइडीए जाव महाणुभागे, से णं तस्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसहस्साणं चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं जाव चउण्डं चउरासीणं आयरक्ख (देव) साहस्त्रीणं अन्नेसिं च जाव विहरह, एवंमहिड्रढीए जाव एवतियं च णं पभू विकुवित्तए, एवं जहेव चमरस्स तहेव भाणियां, नवरं दो केवलकप्पे० जंबुद्दीवे २ अवसेसं तं चैव, एस णं गोयमा! सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो इमेयारूबे विसए विसयमेते बुइए, नो चेव णं संपत्तीए विउहिंसु वा विउयति वा विउधिस्सति वा । १२८ । जइ णं भंते! सक्के देविंदे देवराया एमहिड्डीए जाव एवतियं च णं पभू विकुव्वित्तिए, एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी तीसए णामं अणगारे पगतिभद्दए जाव विणीए छछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णाई अट्ठ संवच्छराई (४५) १८० श्रीभगवत्यंग ३ मुनि दीपरत्नसागर Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 2785448YEARPESABPMAPAPERSPIRSRIPHOSLADPAHASPIRASPOKEPSESAMPCASHEMSHINTEREKASICMABHOLEPHANGA सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं स्सेत्ता सढि भत्ताई अणसणाए छेदेत्ता आलोतियपडिकंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे सयंसि विमाणसि उववायसभाए देवसयणिजंसि देवदूसंतरिए अंगुलस्स असंखेजइभागमेत्ताए ओगाहणाए सकस्म देविंदस्स देवरण्णो सामाणियदेवत्ताए उववणे, तए ण तीसए देवे अहुणोवयन्नमेत्ते समाणे पंचविहाए पज्जत्तीए पजत्तिभावं गच्छइ, तं०-आहारपज्जत्तीए सरीर० इंदिय० आणुपाणुपज्जत्तीए भासामणपजत्तीए, तए णं तं तीसयं देवं पंचविहाए पजत्तीए पज्जत्तिभावं गयं समाणं सामाणियपरिसोववन्नया देवा करयलपरिग्गहियं दसनह सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट जएणं विजएणं वदाविति त्ता एवं वदासी-अहो णं देवाणुप्पिएणं दिशा देविड्ढी दिवा देवजुत्ती दिवे देवाणुभावे लद्धे पत्ते अभिसमन्नागते, जारिसिया णं देवाणुप्पिएहिं दिवा देविड्ढी दिशा देवजुत्ती दिधे देवाणुभावे लदे पत्ते अभिसमन्नागते तारिसिया णं सकेणं वा देविड्ढी जाय अभिसमन्नागया. जारिसिया णं सकेणं देविदेणं देवरपणा दिव्या देविड्ढी जाव अभिसमण्णागया तारिसिया णं देवाणुप्पिएहिं दिव्या देविड़ढी जाव अभिसमनागया, से णं भंते ! तीसए देवे केमहिड्डीए जाव केवतियं च णं पभू विउवित्तए ?, गोयमा ! महिडीए जाव महाणुभागे, से णं तत्थ सयस विमाणस्स चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं चउण्हं अग्गमाहिसीणं सपरिवाराणं तिण्हं परिसाणं सत्तण्डं अणियाणं सत्तण्हं अणियाहिवईणं सोलसण्डं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अण्णेसि च बहूणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य जाब बिहरति, एवंमहिड्दीए जाव एवइयं च णं पभू विउचित्तए, से जहाणामए जुवतिं जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा जहेव सकस्स तहेव जाव एस णं गोयमा! तीसयस्स देवस्स अयमेयारूवे विसए विसयमेत्ते बुइए, नो चेव संपत्तीए विउव्विसु वा०, जति णं भंते ! तीसए देवे एमहिड्ढीए जाव एवइयं च णं पभू विउछित्तए सक्कस्स णं भंते! देविंदस्स देवरचो अवसेसा सामाणिया देवा केमहिड्ढीया तहेब सव्वं जाव एस णं गोयमा ! सकस्स देविंदस्स देवरन्नो एगमेगस्स सामाणियस्स देवस्स इमेयारूवे विसयमेत्ते बुइए, नो चेव णं संपत्तीए विउव्विसु वा विउचिंति वा विउविस्संति वा, तायत्तीसा य, लोगपालअग्गमहिसीणं जहेव चमरस्स नवरं दो केवलकप्पे जंबुद्दीवे २ अण्णं तं चेव । सेवं भंते!२त्ति दोचे गोयमे जाव विहरति । १२९। भंतेत्ति भगवं तच्चे गोयमे बाउभूती अणगारे समणं भगवं जाव एवं वदासी-जति णं भंते ! सके देविंद देवराया एमहिड्ढीए जाव एवइयं च णं पभू विउवित्तए ईसाणे णं भंते ! देविंद देवराया केमहिड्ढीए.? एवं तहेव, नवरं साहिए दो केवलकप्पे जंचुडीवे २ अवसेसं तहेव । १३०। जति णं भंते ! ईसाणे देविंदे देवराया एमहि. ड्ढीए जाव एवतियं च णं पभू विउवित्तए एवं खलु देवाणुप्पियाण अंतेवासी कुरुदत्तपुते नामं० पगतिभद्दए जाव विणीए अहमंअट्ठमेणं अणिक्वित्तेणं पारणए आयंबिलपरिग्गहिएणं तवोकम्मेण उइदं वाहाओ पगिज्झिय २ राभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे बहुपडिपुचे छम्मासे सामण्णपरियागं पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झोसित्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेदित्ता आलोइयणडिकते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे सयंसि विमाणसि जा चेव तीसए वत्तव्वया ता सब्वेव अपरिसेसा कुरुदत्तपुत्तेऽवि, नवरं सातिरंगे दो केवलकप्पे जंबद्दीवे २, अवसेसं तं चेव, एवं सामाणियतायत्तीसलोगपालममामहिसीणं जाव एस णं गोयमा ! ईसाणस्स देविंदस्स देवरनो एवं एगमेगाए अग्यमहिसीए अयमेयारूचे विसए विसयमेने बइए. नो चेव णं संपत्तीए बिउबिसु वा०।१३१। एवं सणंकुमारेऽवि, नवरं चत्तारि केवलकप्पे जंबहीवे दीवे अदुत्तरं च णं तिरियमसंखेजे ।। एवं सामाणियतायत्तीसलोगपालअगमहिसीणं असंखेजे दीवसमुहे सव्वे विउव्वंति, सणंकमाराओ आरद्धा उवरिता लोगपाला सव्वेऽवि असंखेज्जे दीवससुद्दे विउविति, एवं माहिदेऽवि. नवरं सातिरेगे चत्तारि केवलकप्पे जंबुद्दीवे २, एवं बंभलोएऽवि, नवरं अट्ठ केवलकप्पे, एवं लंतएऽवि, नवरं सातिरंगे अट्ठ केवलकप्पे, महासुके सोलस केवलकप्पे, सहस्सारे सातिरेगे सोलस, एवं पाणएऽवि, नवरं बत्तीस केवल०, एवं अबुएऽवि, नवरं सातिरंगे बत्तीस केवलकप्पे चुद्दीवे२ अनं तं चेव । सेवं भंते २त्ति, तचे गोयमे वायुभूती अणगारे समणं भगवं महावीरं बंदइनमंसति जाव विहरति । तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयाई मोयाओ नगरीओ नंदणाओ चेतियाओ पडिनिक्खमहत्ता बहिया जणवयविहार विहरइ ११३२॥ तेणं कालेणं० रायगिहे नामं नगरे होत्या, बन्नओ, जाव परिसा पजुवासइ, तेणं कालेणं० ईसाणे देविंद देवराया सूलपाणी वसभवाहणे उत्तरढलोगाहिवई अट्ठावीसविमाणावाससयसहस्साहिवई अयरंचरवत्थधरे आलइयमालमउडे नवहेमचारुचित्तचंचलकुंडलविलिहिज्जमाणगंडे जाव दस दिसाओ उज्जोएमाणे पभासेमाणे ईसाणे कप्पे ईसाणवडिंसए विमाणे जहेव रायप्पसेणइजे जाव दिव्यं देविडिंढ जाव जामेव दिसि पाउम्भूए तामेव दिसि पडिगए, भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति णमंसति त्ता एवं बदासी-अहो गं भंते! ईसाणे देविंद देवराया महिड्डीए, ईसाणस्सणं भंते! सा दिव्या देविड्ढी कहिं गता कहिं अणुपविट्ठा ?, गोयमा! सरीरं गता०, से केणडेणं भंते! एवं वुचति सरीरं गता? गोयमा ! से जहानामए कूडागारसाला सिया दुहओ लित्ता गुत्ता गुत्तदुवारा णिवाया णिवायगंभीरा तीसे णं कूडागारे जाव कूडागारसालादिटुंतो भाणियव्यो, ईसाणेणं भंते ! देविंदणं १८१ श्रीभगवत्यंग- --३ मुनि दीपरत्नसागर PESAIPEASYESHOPOSREPEAREPRIMROPANIPANCPRSAASPASTRYSASYCHESTEMSPOAREPOMREPISNEPASHIARPIE Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -26PESARSHARERANGAD CLASTICHRIPRAGPTABPMARCHIGAREPOARINAGPRS-SPREERICHEMICARSP-MSPIRABPL देवरण्णा सा दिव्या देविड्डी दिव्या देवजत्ती दिब्वे देवाणुभागे किण्णा लदे किन्ना पत्ते किष्णा अभिसमझागए के वा एस आसि पुव्वभवे किण्णामए वा किंगोत्ते वा कयरंसि वा गामंसि वा नगरंसि वा जाव संनिवेसंसि वा किंवा सुचा किंवा दबा किंवा भोचा किंवा किया किं वा समायरित्ता कस्स वा तहारुवस्स समणस्स या माहणस्स या अंतिए एगमवि आयग्यि धम्मियं सुवयर्ण सोच्चा निसम्म जण्णं ईसाणेणं देविंदणं देवरण्णा सा दिव्या देविड्डी जाव अभिसमचागया?, एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं. इहेब जंबुद्दीवे २ भारहे वासे तामलित्ती नाम नगरी होत्था, यमओ, तत्व णे तामलित्तीए नगरीए तामली नाम मोरियपुत्ते माहावती होत्या, अड्ढे दिले जाच बहुजणस्स अपरिभूए याचि होत्या, नए णं तस्स मोरियपुत्तस्स तामलिस्स गाहावइस्स अण्णया कयाई पुचरत्तावरत्तकालसमयंसि कुहुंचजागरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाच समुपजित्था-अस्थि ता मे पुरा पोराणाणं सुचिनाणं सुपरिकंताणं सुभाणं कठाणाणं कठाणे कम्माणं कठाणफलवित्तिविसेसो जेणाहं हिरण्णेणं वड्ढामि सुवन्नेणं वदामि धणेणं पदामि धन्नेणं बड्दामि पुत्तेहिं वड्ढामि पसूहि वड्ढामि विउलघणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणसंतसारसावतेज्जेणं अतीव २ अभिवड्दामि, तं किणं अहं पुण पोराणाणं सुचिन्नार्ण जाव कडाणं कम्माणं एगंतसोक्खयं उवेहेमाणे विहरामि? ते जाच ताच अहं हिरण्णेणं वड्ढामि जाव अतीव २ अभिवढामि जावं च णं मे मित्तनातिनियमसंबंधिपरियणो आदाति परियाणाइ सकारेइ सम्माणेइ कहाणं मंगलं देवयं चेदय पिणएणं पजुवासह तावता मे सेयं काल पाउप्पभायाए स्यणीए जाव जलते सयमेव दारुमयं पडिग्गहयं करेत्ता विउलं असणं पाणं खातिमं सातिम उपक्खडावेत्ता मित्तणातिनियगमयणसंबंधिपरियणं आमंतेत्ता तं० विउलेणं असणपाणखातिमसातिमेणं वत्थगंधमाडालंकारेण य सकारेता सम्माणेत्ता तस्सेव मित्तणाइनियमसंबंधिपरियणस्स पुरतो जेट्टपत्तं कुटुंबे ठावेत्ता तं मित्तणातिणियगसंबंधिपरियणं जेट्टपुत्तं च आपुच्छित्ता सयमेव दारुमयं पडिम्यहं गहाय मुंडे भवित्ता पाणामाए पञ्चजाए पव्वइनए, पव्वइएऽवि यणं समाणे इमं एयारूवं अभिग्गह अभिगिहिस्सामि-कप्पड़ मे जावजीवाए छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं नवोकम्मेणं उपद पाहाओ पगिज्झिय २ राभिमुहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स विहरित्तए, छहस्सविय ण पारणयंसि आयावणभूमीतो पचोरुभित्ता सयमेव दारुमयं पडिग्गहयं गहाय तामलिलीए नगरीए उचनीयमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडित्ता सुद्धोदणं पडिग्गाहेत्ता तं तिसत्तखुत्तो उदएणं पक्खालेत्ता तओ पच्छा आहारं आहारित्तएत्तिकटु एवं संपेहेइ ता कार्य पाउप्पभायाए जाय जलते सयमेव दारुमयं पडिग्गहयं करेइ ता विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेइ त्ता तो पच्छा पहाए कयवलिकम्मे कयकोउयमंगलपायचिछत्ते सुद्धपावेसाई मंगड़ाई वस्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्पाभरणालंकियसरीर भोयणवेलाए भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए तणं मित्तणाइनियगसयणसंधिपरिजणणं सदितं विउलं असणं पाण खातिम माइम आसादेमाणे वीसाएमाणे परिभाएमाणे परिभुजेमाणे विहरह, जिमियभुत्तुत्तरागएऽवि य णं समाणे आयंते चोक्खे परमसुइभूए त मित्त जाव परियणं विउलेणं असणपाण४ पुष्फवत्थगंधमलालंकारेण य सकारेह त्ता तस्सेव मित्सणाइ जाव परियणस्स पुरओ जेट्टं पुत्तं कुटुंबे ठावेइ त्तातं मित्तनाइणियगसयणसंबंधिपरिजणं जेहपुतं च आपुच्छइ सा मुंडे भवित्ता पाणामाए पव्वज्जाए पव्वइए, पव्वइएऽविय णं समाणे इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्डइ-कप्पइ मे जावजीचाए छछट्टेणं जाव आहारितएतिकद, इमं एयारुवं अभिग्गहं अभिगिष्हइ त्ता जावज्जीवाए छटुंछद्रेणं अणिक्खिनेणं तयोकम्मेणं उड्ढं पाहाओ पगिज्झिय २ सुराभिमुद्दे आयावणभूमीए आयावेमाणे विहरइ, छगुस्सविय णं पारणयंसि आयावणभूमीओ पचोरुहइ त्ता सयमेव दारुमयं पडिग्गहं गहाय तामलित्तीए नगरीए उच्चनीयमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडइ ता सुद्धोयणं पडिग्गाहेइ त्ता तिसत्तखुत्तो उदएणं पक्खाले नओ पच्छा आहारं आहारे, से केणडेणं भंते ! एवं बुचइ-पाणामा पञ्चज्जा २१, गोयमा ! पाणामाए णं पच्चजाए पन्चइए समाणे जं जत्थ पामइ इंदं वा खंदं वा रुह वा सिवं वा वेसमणं या अजं वा कोहकिरियं वा रायं वा जाव सत्यवाहं वा कागं वा साणं वा पाणं वा उचं पासइ उचं पणामं करेह नीयं पासइ नीयं पणामं करेइ, जं जहा पासति तस्स तहा पणामं करेइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुचइ-पाणामा जाव पव्वजा, तए णं से तामली मोरियपुत्ते तेणं ओरालेणं पयत्तेणं पम्महिएणं बालतपोकम्मेणं सुक्के भुक्खे जाव घमणिसंतए जाए याचि होत्या, तएणं तस्स तामलिस्स चालतवस्सिस्स अचया कयाई पुञ्चरत्तावरनकालसमयंसि अणियजामरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए चिंतिए जाव समुपजित्था-एवं खलु अहं इमेणं ओरालेणं विपुलेणं जाय उदग्गेणं उदत्तेणं उत्तमेणं महाणुभागेणं तवोकम्मेणं सुके भुक्खे जाव धमणिसंतए जाए, ते अत्थि जा मे उट्टाणे कम्मे चले पीरिए पुरिसकारपरकमे ताच ता मे सेयं कतंजाव जलते तामलित्तीए नगरीए दिवाभट्ठेय पासंडत्येय मिहत्थे परसंगतिए य पठासंगतिए य परियायसंगतिए य आपचिछत्ता तामलित्तीए नगरीए मझमज्झेणं निग्गच्छित्ता पाउगं कुंडियमादीयं उवकरणं दारुमयं च पडिग्गहयं एगते एडित्ता तामलित्तीए नगरीए उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए णियत्त१८२ श्रीभगवत्यंग - ३ मुनि दीपरनसागर Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णियमंडलं आलिहिता संलेहणानुसणाझूसियस्स भत्तपाणपडियाइक्खियस्स पाओवगयस्स कालं अणवकंखमाणस्स विहरित्तएत्तिकटु एवं संपेहेइत्ता कालं जाव जलंते जाव आपुच्छा त्ता तामलि० (एगते एडेड) जाव भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगमणं निवने, तेणं कालेणं बलिचंचारायहाणी अजिंदा अपुरोहिया यावि होत्या, तए णं ते बलिचंचारायहाणिवत्थवया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तामलिं बालतवस्सि ओहिणा आहोयंति त्ता अन्नमन्नं सहावेति ता एवं क्यासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! बलिचंचा रायहाणी अर्णिदा अपुरोहिया अम्हे ण देवाणुप्पिया ! इंदाहीणा इंदाधिडिया इंदाहीणकजा अयं च णं देवाणुप्पिया ! तामली बालतवस्सी तामलिलीए नगरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए नियत्तणियमंडलं आलिहिता सलेहणायूसणामूसिए भत्तपाणपटियाइक्खिए पाओवगमर्ण निवन्ने, त सेयं खलु देवाणुप्पिया! अहं तामलिं बालतवस्सि बलिचंचाए रायहाणीए ठितिपकप्प पकरावेत्तएत्तिकटु अन्नमन्नस्स अंतिए एयमट्ठ पडिसुणेति त्ता चलिचंचाए रायहाणीए मझमझेणं निम्गच्छन्ति त्ना जेणेव रुयगिंदे उप्पायपव्वए तेणेव उवागच्छन्ति त्ता वेउब्वियसमुग्धाएणं समोहगंति जाव उत्तरवेउब्बियाई रूवाई विकुव्वंति, ताए उकिट्ठाए तुरियाए चलाए चंडाए जइणाए छेयाए सीहाए सिग्याए उद्धृयाए दिव्वाए देवगतिए तिरियमसंखेजाणं दीवसमुदाणं मझमझेणं जेणेव जंबुद्दीवे २ जेणेव भारहे वासे जेणेव तामलित्ती नगरी जेणेच तामली मोरियपुत्ते तेणेव उवागच्छति ता तामलिस्स बालतवस्सिस्स उप्पि सपक्खि सपडिदिसि ठिच्चा दिव्वं देविढि दिव्वं देवजुत्तिं दिव्वं देवाणुभागं दिव्वं वत्तीसइविहं नट्टविहिं उपदंसंति ना तामलिं बालतवस्सि तिक्सुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेंति त्ता बंदति नमसंति त्ता एवं वदासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हे बलिचंचारायहाणीवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य देवाणुप्पियं वंदामो नमसामो जाव पज्जुवासामो, अम्हाणं देवाणुप्पिया! चलिचंचा रायहाणी अजिंदा अपुरोहिया अम्हेऽविय णं देवाणुप्पिया! इंदाहीणा इंदाहिडिया इंदाहीणकज्जा तं तुम्भे णं देवाणुप्पिया ! बलिचंचारायहाणिं आढाह परियाणह सुमरह अट्ठ बंधह निदानं पकरेह ठितिपकप्पं पकरेह, तते णं तुम्भे कालमासे कालं किचा बलिचंचारायहाणीए उववजिस्सह, तते गं तुम्मे अम्हं इंदा मविस्सह, तए णं तुम्भे अम्हेहिं सद्धिं दिव्वाई भोगभोगाई मुंजमाणा विहरिस्सह, तए णं से तामली बालतपस्सी तेहिं चलिचंचारायहाणिवत्थव्वेहिं बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहि देवीहि य एवं वुत्ते समाणे एयम१नो आढाइ नो परियाणेइ तुसिणीए संचिट्ठइ, तए णं ते पलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तामलिं मोरियपुत्तं दोचंपि तचंपि तिक्खुत्तो आयाहिणप्पयाहिणं करेति त्ता जाव अम्हाणं च देवाणप्पिया ! बलिवंचारायहाणी अजिंदा जाव ठितिपकप्पं पकरेह जाव दोचंपि तचंपि एवं वृत्ते समाणे जाव तुसिणीए संचिट्ठद. तए णं ते बलिचंचारायहाणिवत्थन्वया नहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तामलिणा चालतपस्सिणा अणाढाइजमाणा अपरियाणिजमाणा जामेव दिसि पाउम्भूया तामेव दिसि पडिगया। १३४॥ तेणं कालेणं० ईसाणे कप्पे अणिंदे अपुरोहिए याचि होत्या, तते णं से तामली चालतवस्सी बहुपडिपन्नाई सद्धिं वाससहस्साई परियागं पाउणित्ता दोमासियाए संलेहणाए अनाणं सित्ता सवीसं भत्तसयं अणसणाए छेदित्ता कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे ईसाणवडिसए विमाणे उक्वायसभाए देवसयणिजंसि देवदूसंतरिए अंगुलस्स असं. खेजभागमेत्ताए ओगाहणाए ईसाणदेविंदविरहकालसमयंसि ईसाणदेविदत्ताए उबवणे, तए णं से ईसाणे देविंद देवराया अहुणोपवने पंचविहाए पजत्तीए पजत्तीभावं गच्छति, तं०-आहारप० जाव भासमणपजत्तीए, तए णं ते बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तामलिं चालतवस्सि कालगयं जाणित्ता ईसाणे य कप्पे देविंदत्ताए उपवणं पासित्ता आसुरुत्ता कुविया चंडिकिया मिसिमिसेमाणा बलिवंचाराय० मझमझेणं निम्गच्छति त्ता ताए उकिट्ठाए जाय जेणेव मारहे वासे जेणेव तामलित्ती नयरी जेणेच तामलिस्स बालतबस्सिस्स सरीरए तेणेव उवागच्छंति त्ता चामे पाए सुचणं बंधति त्ता तिक्खुत्तो मुहे उठूहंति त्ता तामलित्तीए नगरीए सिंघाडगतिगचउक्चचरचउम्मुहमहाप. हपहेस आकड्ढविकदिंढ करेमाणा महया २ सदेणं उग्योसेमाणा २एवं वयासि-केस णं भो ! से तामली बालतय० सयंगहियलिंगे पाणामाए पवजाए पचहए ? केसणं भो! ईसाणे कप्पे ईसाणे देविंदै देवराया इति कटु तामलिरस बालतय० सरीरयं हीलंति निंदति खिसंति गरिहिंति अवमति नजति तालेंति परिवहति पव्वति आकड्दक्किहिंद करेंति हीलेत्ता जाव आकविकट्टि करेत्ता एगंते एडंति त्ता जामेच दिसि पाउम्भूया तामेव दिसि पडिगया। १३५। तए णं ते ईसाणकापवासी बह वेमाणिया देवा य देवीओ य बलिचंचारायहाणिवत्थव्यएहिं असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य तामलिस्स चालतवस्सिस्स सरीरयं हीलिजमाणं निदिजमाणं जाव आकट्टविकटिं कीरमाणं पासंति त्ता आसुरुत्ता जाव मिसिमिसेमाणा जेणेव ईसाणे देविंद देवराया तेणेव उवागच्छति त्ता करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कटु जएणं विजएणं बद्धाति त्ता एवं वदासी-एवं खलु देवाणुप्पिया पलिचंचारापहाणिवत्यच्चया पहवे असुरकुमारा देवा य देवीओय देवाणुप्पिए कालगए जाणिना ईसाणे कप्पे दत्ताए उपयले पासेता आसुरुत्ता जाप एगते एडेति त्ता जामेष १८३ श्रीभगवत्यंग-सतं.९३ मुनि दीपरत्नसागर Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दिसिं पाउम्भूया तामेव दिसिं पडिगया, तए णं से ईसाणे देबिंदे देवराया तेर्सि ईसाणकप्पवासीणं बहूणं वैमाणियाणं देवाण य देवीण य अंतिए एयमहं सोचा निसम्म आसुरुते जाव मिसिमिसेमाणे तत्येव सयणिज्जवरगए तिवलियं भिउडिं निडाले साहट्टु बलिचंचारायहाणिं अहे सपक्खि सपडिदिसिं समभिलोएइ, तए णं सा बलिचंचारायहाणी ईसाणेणं देविंदेणं देवरना अहे सपक्खि सपडिदिसिं समभिलोइया समाणी तेणं दिव्वप्यभावेणं इंगालभ्या मुम्मुरभूया छारियभूया तत्तकवेडकभूया तत्तसमजोइभूया जाया यावि होत्या, लए पं ते बलिचंचारायहाणिवत्थब्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तं बलिचंचं रायहाणि इंगालभूपं जाव समजोतिन्भूयं पासंति ता भीया तत्था तसिया उच्चग्गा संजायभया सव्वओ समंता आधावेति परिधावति त्ता अन्नमनस्स कार्य समतुरंगेमाणा २ चिट्ठति, तए णं ते बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य ईसाणं देविंद देवरायं परिकुवियं जाणित्ता ईसाणस्स देविंदस्स देवरनो तं दिवं देविढीं दिवं देवज्जुनं दिनं देषाणुभागं दिव्वं तेयलेस्सं असहमाणा सधे सपक्खि सपडिदिसि ठिचा करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु जएणं विजएणं बद्धाविति ता एवं वयासी अहो णं देवाणुप्पिएहिं दिव्वा देविड्ढी जाव अभिसमन्नागता तं दिव्वाणं देवाणुप्पियाणं दिव्या देविड्ढी जाब लदा पत्ता अभिसमन्नागया तं खामेमि णं देवाणुप्पिया ! खमंतु णं देवाणुप्पिया! खमंतुमरिहंतु णं देवाणुप्पिया! णाइ भुज्जो २ एवं करणयाएतिकट्टु एयम सम्म विणएणं भुज्जो २ खार्मेति, तते णं से ईसाणे देविंदे देवराया तेहिं बलिचंचारायहाणीवत्थव्वेहिं बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य एयमहं सम्मं विणएणं भुज्जो २ खामिए समाणे तं दिव्वं देविढि जाव तेयलेस्सं पडिसाइरइ, तप्पभितिं च णं गोयमा ! ते बलिचंचारायहाणिवत्थब्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य ईसाणं देविंद देवराय आढति जाव पज्जुबासंति, ईसाणस्स देविंदस्स देवरन्नो आणाउयवायवयणनिदेसे चिट्ठति, एवं खलु गोयमा ! ईसाणेणं देविदेणं देवरन्ना सा दिव्या देविड्ढी जाव अभिसमन्नागया, ईसाणस्स णं भंते! देविंदस्स देवरन्नो केवतियं कालं ठिती पं० १, गोयमा ! सातिरेगाई दो सागरोक्माई ठिती पं० ईसाणे णं भंते! देविंदे देवराया ताओ देवलोगाओ आउक्खएर्ण जाव कहिं गच्छदिति ? कहिं उववज्जिहिति ?, गों० ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहेति । १३६ । सकस्स णं भंते! देविंदस्स देवरन्नो विमाणेहिंतो ईसाणस्स देविंदस्स देवरन्नो विमाणा ईसिं उच्चयरा चेव ईसि उन्नयतरा चेव ईसाणस्स वा देविंदस्स देवरन्नो विमाणेहिंतो सकस्स देविंदस्स देवरक्षो विमाणा ईसिं णीययरा चेव ईसिं निन्नयरा चेव ?, हंता गोयमा ! सकस्स तं चैव सव्वं नेयव्वं, से केणद्वेणं० १. गोयमा! से जहानामए-करबले सिया देसे उसे देसे उन्नए देसे णीए देसे निचे से तेणट्टेणं गोयमा! सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो जाब ईसि निण्णतरा चेव। १३७। पभू णं भंते! सक्के देविंदे देवराया ईसाणस्स देविंदस्स देवरन्नो अंतियं पाउम्भवित्तए ?, हंता पभू, से णं भंते! किं आढायमाणे पभू अणाढायमाणे पभू?, गोयमा ! आढायमाणे पभू नो अणाढायमाणे पभू, पभू णं भंते! ईसाणे देविदे देवराया सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो अंतियं पाउब्भक्त्तिए ?, हंता पभू, से णं भंते! किं आढायमाणे पभू अणाढायमाणे पभू ?, गोयमा ! आढायमाणेऽवि पभू अणाढायमाणेऽवि पभू, पभू णं भंते! सक्के देविंदे देवराया ईसाणं देविंदं देवरायं सपर्किख सपडिदिसिं समभिलोएत्तए ? जहा पायुब्भवणा तहा दोऽवि आलावगा नेयव्वा, पभू णं भंते! सक्के देविंदे देवराया ईसाणेणं देविंदेणं देवरन्ना सद्धिं आलावं वा संलावं वा करेत्तए ?, हंता पभू जहा पादुब्भवणा, अत्थि णं भंते! तेर्सि सक्कीसाणाणं देविंदाणं देवराईणं किम्बाई करणिजाई समुप्पज्जंति ?, हंता अस्थि से कहमिदाणिं पकरेंति ?, गोयमा! ताहे चेव णं से सके देविंदे देवराया ईसाणस्स देविंदस्स देवरनो अंतियं पाउन्भवति, ईसाणे णं देविंदे देवराया सक्कस्स देविंदस्स देवरायस्स अंतियं पाउन्भवइ, इति भो ! सक्का देबिंदा देवराया दाहिणड्ढलोगाहिवई, इति भो ! ईसाणा देविंदा देवराया उत्तरढलो गाहिवई, इति भो ! इति भो!त्ति ते अन्नमन्नस्स किचाई करणिजाई पचणुब्भवमाणा विहरंति । १३८ । अस्थि णं मंते ! तेसि सक्कीसाणाणं देविंदाणं देवराईणं विवादा समुप्पज्जंति ?, हंता अत्थि, से कहमिदाणिं पकरेंति ?, गोयमा ! ताहे चेव णं ते सक्कीसाणा देविंदा देवरायाणो सणकुमारं देविंदं देवरायं मणसीकरेंति, तए णं से सणकुमारे देविंदे देवराया तेहिं सकीसाणेहिं देविदेहिं देवराईडिं मणसीकए समाणे खिप्पामेव सक्कीसाणाणं देविंदाणं देवराईणं अंतियं पाउन्भवति, जं से वदइ तस्स आणाउववायवयणनिद्देसे चिति । १३९। सर्णकुमारे णं भंते! देविंदे देवराया किं भवसिद्धिए अभवसिद्धिए सम्मदिट्टी मिच्छादिट्टी परित्तसंसारए अनंतसंसारए सुलभबोहिए दुछभवोहिए आराहए विराहए चरिमे अचरिमे ?, गोयमा ! सर्णकुमारे णं देविंदे देवराया भवसिद्धीए नो अभवसिद्धीए, एवं सम्मदिट्टी परित्तसंसारए सुलभबोहिए आराहए चरिमे, पसत्यं नेयब्वं, से केणद्वेणं भंते!०१, गोयमा ! सर्णकुमारे देविंदे देवराया बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाणं हियकामए सुहकामए पत्थकामए आणुकंपिए निस्सेयसिए हियसुह० निस्सेयसकामए, से तेणद्वेगं गोयमा ! सणकुमारे णं भवसिद्धिए जाव नो अचरिमे, सणकुमारस्स णं भंते! देविंदस्स देवरजो केवतियं कालं ठिती पं० १, गोयमा ! सत्त सागरोवमाणि ठिती पं०, से णं भंते! ताओ देवलोगाओ आउक्खएर्ण जाव कहिं उववज्जिहिति ?, गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाब अंतं करेहिति, सेवं भंते! सेवं भंते! 'छट्टम मासो (४६) १८४ श्रीभगवत्यं सतं २ मुनि दीपरत्नसागर Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SAASPICHROYEARNEARBHRSSPIRLS1254858858P868376654SPONSESASPIGABP8528P8NSPNOMINARENA अदमासो वासाई अट्ठ छम्मासा। तीसगकुरुदत्ताणं तवभत्तपरिणपरियाओ ॥ २४ ॥ उच्चत्तविमाणाणं पाउम्भव पेच्छणा य सलावे। किच्च विवादुप्पत्ती सणकुमारे य भवियत्तं ॥२५॥१४०। मोया समत्ता ॥श०३ उ०१॥ तेणं कालेणं० रायगिहे नामं नगरे होत्था जान परिसा पजुवासइ, तेणं कालेणं० चमरे असुरिंदे असुरराया चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सीहिं जाव नविहिं उवदंसेत्ता जामेव दिसिं पारम्भूए तामेव दिसि पडिगए, भंतेत्ति भगवं गोयमे समर्ण भगवं महावीर वंदति नमसति त्ता एवं वदासी-अस्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे असुरकुमारा देवा परिखसंति?, गोयमा! नो इणढे समवे, जाव अहेसत्तमाए पुढवीए, सोहमस्स कप्पस्स अहे जाव अस्थि णं मंते! ईसिपमाराए पुढवीए अहे असुरकुमारा देवा परिवसंति', णो इणढे समढे, से कहिं खाइ णं भंते! असुरकुमारा देवा परिवसंति !, गोयमा! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहाडाए, एवं असुरकुमारदेववत्तव्वया जाव दिवाई भोगभोगाई मुंजमाणा विहरंति, अस्थि णं भंते! असुरकुमाराणं देवाणं अहे गतिविसए?, हंता अस्थि, केवतियं च णं मंते! असुरकुमाराणं देवाणं अहे गतिविसए पं०१, गोयमा! जाव अहेसत्तमाए पुढवीए तचं पुण पुढविं गया य गमिस्संति य, किं पत्तियन्नं मंते! असुरकुमारा देवा तचं पुढविं गया य गमिस्संति य?, गोयमा! पुब्ववेरियस्स वा वेदणउदीरणयाए पुषसंगइयस्स चा वेदणउवसामणयाए, एवं खलु असुरकुमारा देवा तचं पुढविं गया य गमिस्संति य, अस्थि णं भंते! असुरकुमाराणं देवाणं तिरियं गतिविसए पं०१, हंता अस्थि, केवतियं च णं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं तिरिय गइविसए पं०?. गोयमा! जाव असंखेजा दीवसमुद्दा नंदिस्सरवरं पुण दीवं गया य गमिस्संति य, किं पत्तियन्नं भंते! पुरकुमारा देवा नंदीसरवरदीचं गया य गमिस्संति य?. गोयमा! जे हमे अरिहंता भगवंतो एएसि णं जम्मणमहेसु वा निक्खमणमहेसु वा णाणुप्पायमहिमासु वा परिनिव्वाणमहिमासु वा, एवं खलु असुरकुमारा देवा नंदीसरवरदीचं गया य गमिस्संति य, अत्यिक मंते! असुरकूमाराणं देवाण उड्ढे गतिविसए ?. इंता अस्थि, केवतियं च णं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं उड्ढ गतिविसए?, गोयमा! जावऽबुए कप्पे, सोहम्मं पुण कापं गया य गमिसंति य. किं पत्तियण्णं भंते! असुरकुमारा देवा सोहम्मं कप्पंगया य गमिस्संवि य?, गोयमा! तेसिं णं देवाणं भवपचइयवेराणुबंधे. ते णं देवा विकुवेमाणा वा परियारेमाणा वा आयरक्खे देवे वित्तासेंति अहालहुस्सगाई रयणाई गहाय आयाए एगंतमंतं अवक्कामंति, अस्थि णं भंते! तेसिं देवाणं अहालहुस्सगाई रयणाई ?, हंता अस्थि, से कहमियाणि पकरेंति ?. तओ से पच्छा कार्य पव्वहंति, पभू णं भंते ! ते असुरकुमारा देवा तत्थ गया चेव समाणा ताहिं अच्छराहिं सद्धिं दिवाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरत्तिए', णो तिणढे समहे, ते णं तओ पडिनियतैति त्ता इहमागच्छति त्ता जति णं ताओ अच्छराओ आढायंति परियाणंति पभू णं ते असुरकुमारा देवा ताहिं अच्छराहिं सद्धिं दिवाई भोगभोगाई मुंजमाणा विहरित्तए, राओ नो आढायंति नो परियाणति णो णं पभूते असुरकुमारा देवा ताहि अच्छराहिं सर्दि दिब्वाई भोगभोगाई भंजमाणा विहरित्तए, एवं खल गोयमा! असर-19 कमारा देवा सोहम्म कप्पं गया य गमिस्सति य । १४१। केवाइकालस्स णं भंते ! असुरकमारा देवा उड्दं उप्पत जाव सोहम्मे कप्पे गया य गमिस्संति य?,गोयमा! अर्णतातिर उस्सप्पिणीहिं अणताहि अवसप्पिणीहि समतिकताहिं, अस्थि णं एस भावे लोयच्छेरयभूए समुष्पज्जइ जनं असुरकुमारा देवा उड्ढं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो, किं निस्साए गं मंते! असुरकुमारा देवा उड्ढे उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो ?, गोयमा से जहानामए-इह सबराइ वा बब्बराइ वा टंकणाइ वा भुत्तुयाइ वा पल्हयाइ वा पुलिंदाइ का एग महं गड्डं वा खड्ड वा दुग्गं वा दरिं वा विसमं वा पच्वयं वा णीसाए सुमहल्लमवि आसवलं वा हस्थिवलं वा जोहबलं वा घणुवलं वा आगलॅवि एवामेव असुरकुमारावि देवा, णऽण्णत्व अरिहंते वा अरिहंतचेइयाणि वा अणगारे वा भावियप्पणो निस्साए उड्ढं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो, सब्वेऽवि णं भंते ! असुरकुमारा देवा उड्ढं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो, गोयमा णो इणट्टे समढे. महिड्ढिया णं असुरकुमारा देवा उड्दं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो, एसवि णं भंते! चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया उड्ढे उप्पइयपुचि जाच सोहम्मो कप्पो ?, हता गोयमा!०, अहोणं भंते ! चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया महिड्डीए महजुईए जाच कहिं पबिट्ठा', कूडागारसालादिद्रुतो भाणियब्यो । १४२। चमरेणं भंते! असुरिंदेणं असुररना सा दिया देविड्ढीनं चेव जाब किन्ना लदा पत्ता अभिसमनागया?, एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं० इहेब जंबुद्दीषे २भारहे वासे विंझगिरिपायमूले चेभेले नाम संनिवेसे होत्या, वनओ, तत्य गं बेमेले संनिवेसे पुरणे नामं गाहावती परिवसति अड्ढे दित्ते जहा तामलिस्स वत्तव्वया तहा नेयव्वा, नवरं चउप्पुडयं दास्मयं पडिग्गहयं करेत्ता जाव विपुलं असणं पाणं खाइम साइमं जाव सयमेव चउप्पुडयं दास्मयं पडिम्गहयं गहाय मुंडे भवित्ता दाणामाए पब्बजाए पब्वइत्तए, पव्वइएवि य णं समाणे तं चेव जाव आयावणभूमीओ पबोरुमा त्ता सयमेव चउप्पुडयं दारुमयं पडिम्गहियं गहाय बेमेले सनिवेसे उच्चनीयमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस भिक्खायरियाए अडेता जं मे पढमे पुडए पडइ कप्पइ में तं पंथे पहियाण १८५ श्रीभगवत्यंग मुनि दीपरत्नसागर Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दलाइत्तए जं मे दोचे पुडए पडइ कप्पद मे ते कागसुणयाणं दलाइत्तए जं मे तच्चे पुडए पड़इ कप्पड़ मे तं मच्छकच्छभाणं दलाइत्तए ज मे चउत्ये पुडए पडइ कप्पइ मे तं अप्पणा आहारमाहारित्तएत्तिकटु एवं संपेहेइत्ता कलं पाउप्पभायाए रयणीए तं चेव निरवसेसं जाव जं से चउत्थे पुडए पडइतं अप्पणा आहारं आहारेइ, तए णं से पूरणे बालतवस्सी नेणं, ओरालेणं विउलेणं पयत्तेणं पम्गहिएणं बालतपोकम्मेणं तं चेव जाव बेभेलस्स सन्निवेसस्स मझमझेणं निम्गच्छति त्ता पाउयं कुंडियमादीयं उवकरणं चउप्पुडयं च दारुमयं पडिगहियं एगंतमंते एडेइ त्ता बेमेलस्स सन्निवेसस्स दाहिणपुरच्छिमे दिसीभागे अदनियत्तणियमंडलं आलिहित्ता संलेहणायूसणासिए भत्तपाणपडियाइक्विए पाओवगमणं निवणे, तेणं कालेणं अहं गोयमा ! उउमत्यकालियाए एकारसवासपरियाए छहूँछद्रेणं अनिक्खित्तेणं तबोकम्मेणं संजमेणं तवसा अप्पाणं मावेमाणे पुव्वाणुपयि चरमाणे गामाणुगामं दृइजमाणे जेणेव सुसमारपुरे नगरे जेणेव असोयवणसंडे उजाणे जेणेव असोयवरपायवे जेणेव पुढवीसिलावट्टओ तेणेव उवागच्छामि त्ता असोगवरपायवस्स हेट्ठा पुढवीसिलापट्टयंसि अट्ठमभत्तं परिगिण्हामि. दोऽवि पाए साहटु बग्धारियपाणी एगपोग्गलनिविट्ठविट्ठी अणिमिसनयणे ईसिपब्भारगएणं काएणं अहापणिहिएहिं गत्तेहिं सबिदिएहिं गत्तेहिं एगराइयं महापडिम उवसंपज्जित्ताणं विहरामि, तेणं कालेणं० चमरचंचारायहाणी अजिंदा अपुरोहिया यावि होत्था, तए णं से पूरणे बालतवस्सी बहुपडिपुन्नाई दुवालस वासाई परियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेत्ता सढि भत्ताई अणसणाए छेदेत्ता कालमासे कालं किच्चा चमरचंचाए रायहाणीए उववायसभाए जाव इंदत्ताए उववन्ने, तए णं से चमरे असुरिंदे असुरराया अहुणोववन्ने पंचविहाए पजत्तीए पजत्तिभावं गच्छइ. त०-आहारपज्जत्तीए जाव भासामणपजत्तीए, तए णं से चमरे असुरिंदे असुरराया पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तिभावं गए समाणे उड्ढे वीससाए ओहिणा आभोएइ जाव सोहम्मो कप्पो, पासइ य तत्थ सकं देविंदं देवरायं मघवं पागसासणं सयकतुं सहस्सक्खं बज्जपाणिं पुरंदरं जाव दस दिसाओ उजोएमाणं पभासेमाणं, सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडेंसए विमाणे सभाए सोहम्माए सकसि सीहासणंसि जाव दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणं पासइत्ता इमेयारूवे अज्झथिए चिंतिए पस्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था केस णं एस अपस्थियपत्थए दुरंतपंतलक्षणे हिरिसिरिपरिवजिए हीणपुनचाउदसे जन्नं ममं इमाए एयारूवाए दिव्वाए देविडढीए जाच दिव्य देवाणभावे लदे पत्ते अभिसमजागए उप्पि अप्पुस्सुए दिब्वाई मागभागाई भुजमाणे विहराइ' एवं संपहइत्ता सामाणियपरिसाववजए देवेस केस णं एस देवाणुप्पिया ! अपस्थियपत्थए जाव भुंजमाणे विहर, तए णं ते सामाणियपरिसोववनगा देवा चमरेणं असुरिदेणं असुररन्ना एवं बुत्ता समाणा हहतुट्ठा जाव यहियया करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु जएणं विजएणं वदावेति त्ता एवं वयासी-एस ण देवाणुप्पिया! सके देविदे देवराया जाव विहरइ, तए णं से चमरे असुरिंदे असुरराया तेसि सामाणियपरिसोक्वन्नगाणं देवाणं अंतिए एयमढे सोचा निसम्म आसुरुत्ते रुढे कुविए चंडिकिए मिसिमिसेमाणे ते सामाणियपरिसोवन्नए देवे एवं वयासीअन्ने खल भो! से सके देविंद देवराया अन्ने खलु भो ! से पमरे असुरिंदे असुरराया, महिड्ढीए खलु से सके देविदे देवराया अप्पडिदए खलु भो ! से चमरे असुरिंदे असुरराया, तं इच्छामि गं देवाणुप्पिया ! सकं देविंद देवरायं सयमेव अचासादेत्तएत्तिकटु उसिणे उसिणभूए जाए यावि होत्या, तए णं से चमरे असुरिंदे असुरराया ओहिं पउंजइत्ता ममं ओहिणा आभोएइत्ता इमेयारुवे अज्झस्थिए जाव समुपजित्था एवं खलु समणे मगवं महावीरे जंचुदीवे २ भारहे वासे सुसमारपुरे नगरे असोगवणसंहे उज्जाणे असोगवरपायवस्स अहे पुढवीसिलावट्टयसि अट्ठमभत्तं पडिगिव्हित्ता एगराइयं महापडिमं उपसंपजित्ताणं विहरति, तं सेयं खलु मे समणं भगवं महावीरं नीसाए सकं देविंदं देवराय सयमेव अच्चासादेत्तएत्निकट्टु एवं संपेहेइ त्ता सयणिजाओ अम्भुढे त्ता देवदूसं परिहेइत्ता उपवायसमाए पुरच्छिमिलेणं दारेणं णिग्गच्छदत्ता जेणेच सभा सुहम्मा जेणेच चोप्पाले पहरणकोसे तेणेव उवागच्छद त्ता फलिहरयणं परामुसइत्ता एगे अभीए फलिहरयणमायाए महया अमरिसं वहमाणे चमरचंचाए रायहाणीए मझमजोणं निग्गच्छदत्ता जेणेव तिगिच्छकूडे उप्पायपव्वए तेणामेव उवागच्छइत्ता वेउञ्चियसमुग्धाएणं समोहण्णइ त्ता संखेजाई जोयणाइं जाव उत्तरवेउवियरूवं विउबइ त्ता ताए उकिट्ठाए जाव जेणेव पुढवीसिलापट्टए जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवागच्छति त्ता तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेति जाव नमंसित्ता एवं क्यासी-इच्छामि णं भंते! तुम्भं नीसाए सर्क देविंद देवरायं सयमेव अचासादिनएत्तिकटु उत्तरपुरच्छिमे दिसिभागे अवक्रमइ त्ता वेउब्वियसमुग्धाएणं समोहण्णइ त्ता जाव दोचंपि वेउवियसमुग्याएणं समोहण्णइ त्ता एगं महं घोरं घोरागारं भीमं भीमागारं भासुरं भयाणीयं गंभीरं उत्तासणयं कालड्ढरत्तमासरासिसंकासं जोयणसयसाहस्सियं महाबोंदि विउव्वद त्ता अप्फोडेइ त्ता वग्गइ त्ता गजइत्ता हपहेसियं करेइ त्ता हस्थिगुलगुलाइयं करेइ त्ता रहघणघणाइयं करेइत्ता पायदद्दरगं करेइ त्ता भूमिचवेडयं दलयइ त्ता सीहणादं नदइ त्ता अच्छोलइ त्ता पच्छोलेइ त्ता तिपई छिदइत्ता वामं भुयं ऊसवेइत्ता दाहिणहत्वपदेसिणीए य अंगु१८६ श्रीभगवत्यंग - सार मुनि दीपरनसागर Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ टुमण व वितिरिधमुई विडंबे सा महया २ सणं कलकलरवणं करेइ, एगे अबीए फलिहरयणमायाए उढं वेहासं उप्पइए, , खोभते चैव अहेलोयं कंपेमाणेव मेयणितलं आकहंतेव तिरियलोयं फोडेमाणेष अंचरवलं कत्थई गज्वंतो कत्थई विजुयायंतो कत्थई वासं वासमाणो कत्थई रउग्धायं पकरेमाणे कत्थई तमुक्कायं पकरेमाणे वाणमंतरदेवे वित्तासेमाणे जोइसिए देवे हुडा विभयमाणे २ आयरक्खे देवे विपलायमाणे २ फलिहरयणं अंचरतलंसि वियट्टमाणे २ विउज्झाएमाणे २ ताए उकिडाए जान तिरियमसंखेजाणं दीवसमुद्दाणं मज्झमज्झेणं बीग्रीवयमाणे २ जेणेव सोहम्मे कप्पे जेणेव सोहम्मवडेंसए विमाणे जेणेव सभा सुधम्मा तेणेव उवागच्छइ ता एवं पायं पउमवरवेइयाए करेइ ता एवं पायं सभाए सुहम्माए करेइ ता फलिहरयणेणं महया २ देणं तिक्खुत्तो इंदकीलं आउडेइ ता एवं बयासी कहिं णं भो! सक्के देविंदे देवराया ? कहिं णं ताओ चउरासीई सामाणियसाहस्सीओ ? जाव कहिं णं ताओ चत्तारि चउरासीईओ आयरक्खदेवसाहस्सीओ ? कहिं णं ताओ अगाओ अच्छराकोडीओ ? अज हणामि अज महेमि अज्ज वहेमि अज ममं अवसाओ अच्छराओ वसमुवणमंतुत्तिकट्टु तं अणि अकंतं अप्पियं असुभं अमणुनं अमणामं फरुसं गिरं निसिरइ, तए णं से सके देविंदे देवराया तं अणि जाव अमणामं अस्सुयपुव्वं फरुसं गिरं सोचा निसम्म आसुरुले जाव मिसिमिसेमाणे तिवलियं भिउडिं निडाले साहट्टु चमरं असुरिदं असुररायं एवं बदासी-हं भो चमरा असुरिंदा असुरराया अपत्थियपत्थया जाव हीणपुन्नचाउदस्सा ! अज्ज न भवसि नाहि ते सुहमत्यीतिकट्टु तत्येव सीहासणवरगए वज्जं परामुखइ त्ता तं जलंतं फुडंतं तडतडतं उकासहस्साइं विणिम्मुयमाणं २ जालासहस्साई पहुंचमाणं २ इंगालसहस्साइं पविक्खिरमाणं २ फुलिंगजालामालासहस्सेहिं चक्खुविक्खेवदिद्विपडिघाय पकरेमाणं हुयवहअइरेगतेयदिष्पतं जतिणयेगं कुछर्किसुयसमाणं महम्भयं भयंकरं चमरस्स असुरिंदस्स असुररो बहाए कर्ज निसिरद्द, तते गं से चमरे असुरिंदे असुरराया तं जलंतं जाव भयंकरं वज्जमभिमुखं आवयमाणं पासइ त्ता झियाति त्ता पिहाइ त्ता तहेव संभग्गमउडविडए सालबहत्था भरणे उढपाए अहोसिरे कक्खागयसेयंपिव विणिम्मुयमाणे २ ताए उकिडाए जाव तिरियमसंखेज्जाणं दीवसमुद्दाणं मज्झमज्झेणं वीईवयमाणे २ जेणेव जंबुद्दीवे २ जाव जेणेव असोगवरपायवे जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवागच्छइ ता भीए भयगग्गरसरे भगवं सरणमिति बुयमाणे ममं दोहवि पायाणं अंतरंसि वेगेण समोवडिए । १४३। तए णं तस्म सकस देविंदस्स देवरन्नो इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पजित्था नो खलु पभू चमरे असुरिंदे असुरराया नो खलु समत्थे चमरे असुरिंदे असुरराया नो खलु विसए चमरस्स असुरिदस्स असुररन्नो अप्पणो निस्साए उड्द्धं उप्पइत्ता जाव सोहम्मो कप्पो. णऽण्णत्य अरिहंते वा अरिहंतचेइयाणि वा अणगारे वा भावियप्पणो णीसाए उड्ढं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो, तं महादुक्खं स्खलु तहारूवाणं अरहंताणं भगवंताणं अणगाराण य अच्चासायणाएत्तिकट्टु ओर्हि पउंजति त्ता ममं ओहिणा आभोएति त्ता हा हा अहो हतोऽहमंसित्तिकट्टु ताए उक्किद्वाए जाव दिव्वाए देवगतीए वजस्स बीहिं अणुगच्छमाणे २ तिरियमसंखेजाणं दीवसमुद्दाणं मज्झमज्झेणं जाव जेणेव असोगवरपायवे जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवागच्छ ता ममं चउर गुलमसंपत्तं वज्रं पडिसाहर । १४४। अवियाई मे गोयमा मुट्टिवाएणं केसम्गे बीइत्था, तए णं से सके देबिंदे देवराया वज्जं पडिसाहरिता ममं तिक्खुत्तो आग्राहिणं पयाहिणं करेड त्ता वंदइ नमसइ त्ता एवं वयासी एवं खलु भंते! अहं तुमं नीसाए चमरेणं असुरिंदेणं असुररन्ना सयमेव अच्चासाइए, तए णं मए परिकुविएणं समाणेणं चमरस्स असुरिंदस्स असुररनो बहाए वज्जे निसट्टे, तए णं मे इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था नो खलु पम् चमरे असुरिंदे असुरराया तहेव जाव ओहिं पउंजामि देवाणुप्पिए ओहिणा आभोएमि हा हा अहो हतोमीतिकट्टु ताए उकिट्टाए जाव जेणेव देवाणुप्पिए तेणेव उवागच्छामि देवाणुप्पियाणं चउरंगुलम संपत्तं वज्जं पडिसाहामि वज्जपडिसाहरणद्वयाए णं इहमागए इह समोसढे इह संपत्ते इहेब अज्ज उवसंपज्जित्ताणं विहरामि तं खामेमि णं देवाणुप्पिया! खमंतु णं देवाणुप्पिया! खमंतुमरहंति णं देवाशुप्पिया! णाइभुजो एवं पकरणयाएत्तिकट्टु ममं वंदइ नमसइ त्ता उत्तरपुरच्छिमं दिसीभागं अवकमइ त्ता वामेणं पादेणं तिक्खुत्तो भूमिं दलेइ त्ता चमरं असुरिंदं असुररायं एवं वदासी मुकोऽसि णं भो चमरा! असुरिंदा असुरराया समणस्स भगवओ महावीरस्स पभावेणं, न हि ते दाणि ममाओ भयमत्यीतिकट्टु जामेव दिर्सि पाउम्भूए तामेव दिसिं पडिगए। १४५ । भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति एवं वदासी देवे णं भंते! महदीए महज्जुतीए जाब महाणुभागे पुख्वामेव पोग्गलं खिवित्ता पभू तमेव अणुपरियट्टित्ताणं गिण्डित्तए ?, हंता पभू से केणणं भंते! जाव गिव्हित्तए ?, गोयमा ! पोग्गले निक्खित्ते समाणे पुव्वामेव सिग्धगती भवित्ता ततो पच्छा मंदगती भवति, देवे णं महिद्दीए पुब्विपिय पच्छाषि सीधे सीहगती चैव तुरिए तुरियगती चेव से तेणद्वेणं जाव पभू गेण्हित्तए, जति णं भंते! देवे महिदीए जाव अणुपरियहित्ताणं गेव्हित्तए कम्हा णं भंते! सक्के णं देविंदे देवराया चमरे असुरिंदे असुरराया नो संचातिए साहत्यि गेव्हित्तए ?, गोयमा! असुरकुमाराणं देवाणं आहे गतिविसए सीहे० चेव तुरिए० चेव उड्ढं गतिविसए अप्पे० चेव मंदे० चेव, वेमाणियाणं देवाणं उद्धं गतिविसए सीहे० चैत्र १८७ श्रीभगवत्यं सतं.-३ मुनि दीपरत्नसागर Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FASASHIONIGGPRSHASYCLOPESABPMAPMRPRISPNABRANASPITAASPIONSPIR50%ARSPIRAEPTEMRAPESTORIES तुरिए चेव अहे गतिविसए अप्पे० चेव मंदे० चेव, जावतियं खेतं सके देविंद देवराया उड्ट उप्पयति एकेणं समएणं तं वजे दोहिं, जं वजे दोहिं तं चमरे तिहि. सव्वत्थोवे सकस्स देविंदस्स देवरनो उडढलोयडए अहेलोयडए संखेजगणे, जावतिय खेत्तं चमरे असुरिंदै असुरराया अहे ओवयति एकेणं समरणं तं सके दोहिं जं सके दोहिं तं पजे तिहिं. सव्वत्थोवे चमरस्स असुरिंदस्स असुररमो अहेलोयकंडए उड्ढलोयकंडए संखेज्जगुणे, एवं खलु गोयमा! सक्केणं देविंदेणं देवरण्णा चमरे असुरिदे असुरराया नो रांचाइए साहत्यि गेण्डितए, सकस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरनो उड्ढे अहे तिरियं च गतिविसयस्स कयरे२हिंतो अप्पे वा बहुए वा तुल्ले वा विसेसाहिए वा?, गोयमा! सव्वत्थोवं खेत्तं सके देविंदे देवराया अहे ओवयह एकेणं समएणं तिरियं संखेजे भागे गच्छइ उड्ढ़ संखेजे भागे गच्छइ, चमरस्स णं मंते ! असुरिंदस्स असुररनो उड्ढे अहे तिरियं च गतिविसयस्स कयरेर हितो अप्पे वा बहुए वा तुले वा विसेसाहिए वा?, गोयमा ! सव्वत्थोवं खेतं चमरे असुरिंदे असुरराया उड्ढं उप्पयति एक्केणं समएणं तिरियं संखेजे भागे गच्छद अहे संखेजे भागे गच्छइ, वज जहा सक्कस्स देविंदस्स तहेव नवरं विसेसाहियं कायव्यं, सकस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरन्नो ओवयणकालस्स य उप्पयणकालस्स य कयरे२हितो अप्पे वा बहुए वा तुड़े वा विसेसाहिए वा ?, गोयमा ! सव्वत्थोवे सकस्स देविंदस्स देवरन्नो उड्ढं उप्पयणकाले ओवयणकाले संखेजगुणे, चमरस्सवि जहा सकस्स णवरं सबस्थोवे ओवयण - काले उप्पयणकाले संखेजगणे, वजस्स पुच्छा, गोयमा ! सबथोवे उप्पयणकाले ओवयणकाले विसेसाहिए, एयस्स णं मंते ! वज्जस्स बजाहिवइस्स चमरस्स य असुरिंदस्स असररन्नो ओवयणकालस्स य उप्पयणकालस्स य कयरेशहिता अप्पे वा ४१, गोयमा! सकस्स य उप्पर सकस्स य ओवयणकाले वज्जस्स य उप्पयणकाले एस णं दोहवि तुड़े संखेजगुणे, चमरस्स उ उप्पयणकाले जस्स य ओवयणकाले एस णं दोहऽवि तुडे बिसेसाहिए ।१४६। तए णं से चमरे असुरिंदे असुरराया वज्जभयविष्पमुक्के सक्केणं देविदेणं देवरन्ना महया अवमाणेणं अपमाणिए समाणे चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि ओहयमणसंकप्पे चिंतासोयसागरसंपविद्वे करयलपल्हत्यमुहे अट्टज्झाणोवगए भूमिगयदिट्ठीए झियाति, तते णं तं चमरं असुरिंदं असुररायं सामाणियपरिसोववन्नया देवा ओहयमणसंकप्पं जाब झियायमाणं पासंति त्ता करयल जाव एवं क्यासी-किषण देवाणुप्पिया! ओहयमणसंकप्पा जाब झियायह?, तए णं से चमरे असुरिंदे असुरराया ने सामाणियपरिसोववन्नए देवे एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! मए समणं भगवं महावीरं नीसाए सके देविंदे देवराया सयमेव अचासादिए, तए णं तेणं परिकुविएणं समाणेणं ममं बहाए बजे निसिट्टे, तं भद्दपणं भवतु देवाणुप्पिया! समणस्स भगवओ महावीरस्स जस्स मम्हिमनुपभावेण अकिटे अव्वहिए अपरिताविए इहमागए इह समोसढे इह संपत्ते इदेव अजं उवसंपजित्ताणं विहरामि, तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया ! समण भगवं महावीरं वंदामो णमंसामो जाच पजुवासामोत्तिकटु चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सीहिं जाव सविड्ढीए जाव जेणेव असोगवरपायवे जेणेव ममं अंतिए तेणेच उवागच्छदत्ता ममं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं जाव नमंसित्ता एवं वदासी-एवं खलु भंते ! मए तुम नीसाए सके देविंदे देवराया सय- 18 मेव अचासादिए जाव तं भई णं भवतु देवाणुप्पियाणं जस्स मम्हि अणुपभावेणं अकिडे जाव विहरामि तं खामेमि णं देवाणुप्पिया ! जाच उत्तरपुरच्छिमं दिसीभार्ग अवकमइ ना जाय पत्तीसइबद्धं नट्टविहिं उवदंसेइ त्ता जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसं पडिगए, एवं खलु गोयमा ! चमरेणं असुरिंदेणं असुररना सा दिव्या देविड्ढी लदा पत्ता जाव अभिसमआगया. ठिती सागरोवम, महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति । १४.७। किं पत्तिए णं भंते ! असुरकुमारा देवा उड्ढे उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो ?, गोयमा ! तेसिंण देवाणं अहणोक्वनगाणं वा परिमभवत्थाणं वा इमेयारूचे अज्झथिए जाव समुप्पज्जइ-अहोणं अम्हहि दिव्या देविड्ढी लदा पत्ता जाव अभिसमन्नाग देविड्ढी जाव अभिसमयागया तारिसिया णं सकेणं देविदेणं देवरमा दिव्या देविड्ढी जाव अभिसनागया, जारिसिया णं सकेणं देविदेणं देवरन्ना जाच अभिसमन्नागया तारिसिया णं अम्हेहियि जाव अभिसमचागया तं गच्छामो णं सक्कस्स देविंदस्स देवरो अंतियं पाउच्भवामो, पासामो ताव सकस्स देविंदस्स देवरनो दिव्वं देविइिंढ जाव अभिसमनागयं पासतु ताव अम्हऽवि सक्के देविंदे देवराया दिव्यं देविढि जाव अभिसमण्णागर्य, तं जाणामो ताव सक्करस देविंदस्स देवरलो दिव्वं देविड्ढि जाव अभिसमन्त्रागयं जाणउताव अम्हऽपि सके देविंद देवराया दिव्वं देविहिंद जाव अभिसमण्णागयं, एवं खलु गोयमा! असुरकुमारा देवा उड्ढं उम्पयंति जाच सोहम्मो कप्पो। सेवं भंते २त्ति ।१४८ा चमरो समत्तो ॥२०३ उ०२॥ तेणं कालेणं० रायगिहे नाम नगरे होत्या जाव परिसा पडिगया, तेणं कालेणं० जाव अंतेवासी मंडियपुत्ते णाम अणगारे पगतिभदए जाव पजुवासमाणे एवं वदासी-कति ण भंते ! किरियाओ पं०१, मंडियपुत्ता ! पंच किरियाओ पं० त० काइया अहिंगरणिया पाउसिया पारियावणिया पाणाइवायकिरिया, फाइया णं भंते ! किरिया कतिविहा पं०१. मंडियपुत्ता! दुविहा पं० सं०-अणुवस्यकायकिरिया य दुप्पउत्तकायकिरिया य, अहिगरणिया णं भंते ! किरिया कतिविहा पं० १. मंडियपुत्ता ! दुषिहा पं० २०-संजोयणाहिगरणकिरिया (४७) १८८ श्रीभगवत्यंग - सन मुनि दीपरत्नसागर OMETRSSPICNISTRVISPEAREPO48PICNBIPIASPIRMASP8ASPRAISHISHASPICARSHIOMMEPRARIPASHAMSHESARIPEAK Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ य निव्वत्तणाहिगरणकिरिया य, पाओसिया णं भंते! किरिया कतिविहा पं० १, मंडियपुत्ता ! दुविहा पं० तं०-जीवपाओसिया य अजीवपादोसिया य, पारियावणिया णं भंते ! किरिया कइविहा पं०१, मंडियपुत्ता ! दुविहा पं० त०-सहत्यपारियावणिया य परहत्यपारियावणिया य, पाणाइवायकिरिया कइविहा पं०१, मंडियपुत्ता! दुविहा पं० तं०. सहत्यपा० परहस्थपा० किरिया य।१४९। पुवि मंते ! किरिया पच्छा वेदणा पुलिं वेदणा पच्छा किरिया , मंडियपुत्ता ! पुब्बिं किरिया पच्छा वेदणा, णो पुट्विं वेदणा पच्छा किरिया।१५०। अस्थि णं भंते! समणाणं निग्गंथाणं किरिया कजइ,हंता अस्थि, कहं णं भंते ! समणाणं निग्गंथाणं किरिया कजइ, मंडियपुत्ता ! पमायपच्चया जोगनिमित्तं च, एवं खलु समणाणं निम्गंथाणं किरिया कज्जति ।१५१। जीवे णं भंते ! सया समियं एयति वेयति चलति फंदइ घट्टइ सुम्भइ उदीरइ तं तं भावं परिणमति ?, हन्ता मंडियपुत्ता! जीवे णं सया समियं एयति जाव तं तं मावं परिणमइ, जावं च णं भंते! से जीवे सया समितं जाव परिणमइ तावं च णं तस्स जीवस्स अंते अंतकिरिया भवति?, णो तिणढे समढे, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-जावं चणं से जीवे सया समितं जाव अंते अंतकिरिया न भवति?, मंडियपुत्ता! जावं च णं से जीवे सया समितं जाव परिणमति तावं च णं से जीवे आरंभइ सारमइ समारंभइ आरंमे वट्टइ सारंभे बट्टइ समारंभे बट्टइ आरंभमाणे सारंभमाणे समारंममाणे आरंभे वट्टमाणे सारंभे वट्टमाणे समारंमे वट्टमाणे बहूणं पाणाणं भूयाणं जीवाणं सत्ताणं दुक्खावणयाए सोयावणयाए जूरावणयाए तिप्पावणयाए पिट्टावणयाए परियावणयाए बट्टइ, से तेणडेणं मंडियपुत्ता! एवं बुचइ-जावं च णं से जीवे सया समियं एयति जाव परिणमति तावं च णं तस्स जीवस्स अंते अंतकिरिया न भवइ, जीवे णं मंते ! सया समियं णो एयइ जाव नो तं ते मावं परिणमइ ?, हंता मंडियपुत्ता ! जीवे णं सया समियं जाव नो परिणमति, जावं च णं भंते! से जीवे नो एयति जाव नो तं तं भावं परिणमति तावं च णं तस्स जीवस्स अंते अंतकिरिया भवइ ?, हंता जाव भवति, से केणटेणं भंते ! जाच भवति?, मंडियपुत्ता! जावं च णं से जीवे सया समियं णो एयति जाव णो परिणमइ तावं च णं से जीवे नो आरंभइ नो सारंभइ नो समारंभइ नो आरंभे वहइ णो सारंभे वट्टइ णो समारंभे वट्टइ अणारंभमाणे असारंभमाणे असमारंममाणे आरंभे अवट्टमाणे सारंभे अवट्टमाणे समारंभे अवट्टमाणे बहूणं पाणाणं० अदुक्खावणयाए जाच अपरियावणयाए वट्टइ, से जहानामए केज पुरिसे सुकं तणहत्थयं जायतेयंसि पक्खिबेज्जा, से नूणं मंडियपत्ता ! से सुके तणहत्थए जा नामए-केह परिसे तत्तंसि अयकवाडंसि उदयबिंदू पक्खिवेज्जा, से नृणं मंडियपुत्ता! से उदयबिंदू तत्तंसि अयकवाईसि पक्वित्ते समाणे खिप्यामेव विडसमागच्छा,हंता विद्धंसमागच्छइ. से जहानामए हरए सिया पुण्णे पुण्णप्पमाणे वोलट्टमाणे वोसट्टमाणे समभरघडताए चिट्ठति, अहे णं केइ पुरिसे तंसि हरयंसि एग महं णावं सतासर्व सयच्छिई ओगाहेजा, से नूणं मंडियपुत्ता ! सा नावा तेहिं आसवदारेहिं आपूरेमाणी २ पुण्णा पुण्णप्पमाणा वोलट्टमाणा वोसट्टमाणा समभरघडताए चिट्ठति ?. हंता चिट्ठति, अहे णं केइ पुरिसे तीसे नावाए सव्वतो समंता आसवदाराई पिहेइ त्ता नावाउसिंचणएणं उदयं उस्सिचिजा से नूर्ण मंडियपुत्ता! सा नावा तंसि उदयंसि उस्सिंचियंसि समाणंसि खिप्पामेव उड्ढे उदाइज्जा ?, हंता उदाइजा, एवामेव मंडियपुत्ता! अत्तत्तासंवुडस्स अणगारस्स ईरियासमियस्स जाव गुत्तभयारिस्स आउत्तं गच्छमाणस्स० चिट्ठमाणस्स० निसीयमाणस्स० तुयमाणस्स आउत्तं वत्यपडिग्गहकंबलपायपुंडणं गेण्हमाणस्स णिक्खिवमाणस्स जाव चक्खुपम्हनिवायमवि वेमाया मुहुमा ईरियावहिया किरिया कजइ, सा पढमसमयबद्धपुट्ठा चितियसमयवे. तिया ततियसमयनिजरिया सा बहा पुट्ठा उदीरिया वेदिया निजिण्णा सेयकाले अकम्मं वावि भवति, से तेणट्टेणं मंडियपुत्ता ! एवं वुच्चति जावं च णं से जीवे सया समियं नो एयति जाव अंते अंतकिरिया भवति ।१५२। पमत्तसंजयस्स णं भंते ! पमत्तसंजमे वट्टमाणस्स सव्वाऽवि य णं पमत्तदा कालओ केवञ्चिरं होइ?, मंडियपुत्ता! एगजीवं पडुच्च जहनेणं एक समयं उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी, णाणाजीवे पडुच सव्वद्धा, अप्पमत्तसंजयस्स णं भंते ! अप्पमत्तसंजमे वट्टमाणस्स सव्वाऽवि य णं अप्पमत्तद्धा कालओ केवञ्चिरं होइ ?, मंडियपुत्ता ! एगजीवं पडुच जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्को पुचकोडी देसूणा, णाणाजीवे पडुच सञ्चद्धं । सेवं भंते!२त्ति भयवं मंडियपुत्ते अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइत्ता संजमेण तवसा अप्पाण भावमाण विहरह।१५३। भतीत मग गायम समण भगव महावार बदइनमसइत्ता एवं वयासी-कम्हा ण भत! लवणसमुह चाउद्द णीसु अंतिरेयं बड्दति वा हायति वा, जहा जीवाभिगमे लवणसमुद्दवत्तव्वया नेयव्या जाव लोयहिती, जणं लवणसमुद्दे जंबुद्दीवं २ णो उप्पीलेति णो चेव णं एगोदगं करेइ(पा. लोयहिई लोयाणुभावे। सेवं भंते रत्ति जाब विहरति।१५४। किरिया समत्ता । श०३उ०३॥अणगारेणं भंते! भावियप्पा देवं विउब्वियसमुग्धाएणं समोहयं जाणवेणं जायमाणं जाणइ पासह ?, गोयमा! अत्यगइए देवं पासइ नो जाणं पासह अत्थेगइए जाणं पासह नो देवं पासइ अत्येगइए देवपि पासइ जाणपि पासइ अत्थेगहए नो देव पासद नो जाणं पासइ, १८९ श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरत्नसागर SOMNIOANSPIONSPICHROPEMISPEARELIONSOUNDSARAHINESENESIRIKSAMPCHARPRASAOFEARRIPCAREFE Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ग०, अणगारे णं भंते! भावियप्पा देविं वेउब्वियसमुग्धाएणं समोहयं जाणरूवेणं जायमाणं जाणइ पासइ ?, गोयमा! एवं चेव, अणगारे णं भंते! भावियप्पा देवं सदेवीयं वेउब्वियसमुग्धाएवं समोहयं जाणरुवेणं जायमाणं जाणइ पासइ १, गोयमा! अत्येगइए देवं सदेवीयं पासइ नो जाणं पासइ एएणं अभिलावेणं चत्तारि भंगा, अणगारे णं भंते! भावियप्पा रुक्खस्स किं अंतो पासइ बाहिं पासइ ?, चउभंगो, एवं किं मूलं पासइ कंदं पा० १, मूलं पा० खंधं पा० १, चउभंगो, एवं मूलेणं बीजं संजोएयब्वं, एवं कंदेणचि समं संजोएयव्वं जाव बीयं, एवं जाव पुष्फेणं समं श्रीयं संजोएयव्यं, अणगारे णं भंते! भावियप्पा रुक्खस्स किं फलं पा० बीयं पा० १, चउभंगो । १५५। पभू णं भंते! वाउकाए एवं महं इत्थिरूवं वा परिसरूवं वा इत्थिरूवं वा जाणरूवं वा एवं जुग्गगिल्लिथिलिसीयसंदमाणियारूचं वा विउब्वित्तए ?, गोयमा ! णो तिणट्टे समट्ठे, वाउक्काएणं विकुच्वमाणे एवं महं पडागासंठियं रूवं विकुब्बइ, पभू णं भंते! बाउकाए एवं महं पडागासंठियं रूवं विउव्वित्ता अणेगाई जोयणाई गमित्तए ?, हंता ! पभू, से भंते! किं आयडीए गच्छइ परिड्ढीए गच्छइ ?, गोयमा ! आयड्ढीए ग० णो परिढीए ग०, जहा आयटीए एवं चेव आयकम्मुणावि आयप्पओगेणवि भाणियव्वं, से भंते! किं ऊसिओदगं गच्छ पयतोदगं ग० १, गोयमा ! ऊसिओदयंपि ग० पयतोदयंपि , से भंते! किं एमओपडागं गच्छइ दुहुओपडागं गच्छइ ?, गोयमा ! एगओ पडागं गच्छइ नो दुहओ पडागं गच्छइ, से णं भंते! किं वाउकाए ? पडागा ?, गोयमा ! वाउकाए णं से, नो खलु सा पढागा । १५६ । पभू णं भंते! बलाहगे एगं महं इत्थिरूवं वा जाव संद्माणियारूवं वा परिणामेत्तए ?, हंता पभू, पभू णं भंते! बलाहए एवं महं इत्थिरूवं० परिणामेत्ता अणेगाई जोयणाई गमित्तए ?, हंता पभू, से भंते! किं आयड्ढीए गच्छइ परिढीए गच्छइ ?, गोयमा ! नो आयडीए गच्छति परिड्ढीए ग०, एवं नो आयकम्मुणा परकम्मुणा नो आयपओगेणं परप्पओगेणं ऊसितोदयं वा गच्छइ पयोदयं वा गच्छइ, से भंते! किं बलाहए ? इत्थी ?, गोयमा ! बलाहए णं से, णो खलु सा इत्थी, एवं पुरिसेण, आसे हत्थी, पभू णं भंते! बलाहए एवं महं जाणरूवं परिणामेत्ता अणेगाई जोयणाई गमित्तए ? जहा इत्थिरुवं तहा भाणियव्वं, णवरं एगओचक्कवालंपि दुहओचक्कवालंपि गच्छत्ति भाणियव्वं, जुग्गगिल्लिथिल्लिसीयासंदमाणियाणं तहेव । १५७॥ जीवे णं भंते! जे भविए नेरइएस उववज्जित्तए से णं भंते! किंलेसेसु उववज्जति ?, गोयमा ! जलेसाई दवाई परियाइत्ता कालं करेइ तलेसेसु उववज्जइ, तं० कण्हलेसेसु वा नीललेसेसु वा काउलेसेसु वा एवं जस्स जा लेस्सा सा तस्स भाणियचा जाव जीवे णं भंते! जे भविए जोतिसिएस उपवजित्तए पुच्छा, गोयमा! जलेसाइं दब्बाई परियाइत्ता कालं करेइ तलेसेसु उववज्जइ, तं० तेउलेस्सेसु, जीवे णं भंते! जे भविए वेमाणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते! किंलेस्सेसु उववज्जइ ?, गोयमा ! जल्लेस्साई दवाई परियाइत्ता कालं करेइ तलेसेसु उववज्जइ, तं० तेउलेस्सेसु वा पहलेसेसु वा सुकलेसेसु वा १५८। अणगारे णं भंते! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू बेभारं पव्वयं उत्तए वा लंघेत्तए वा ? गोयमा ! णो तिणट्टे समद्वे, अणगारे णं भंते! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू वेभारं पव्वयं उत्तए वा पलंघत्तए वा ?, हंता पभू, अणगारे णं भंते! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता जावइयाई रायगिहे नगरे रूवाई एवइयाई विकुव्वित्ता वैभारं पव्वयं अंतो अणुष्पविसित्ता पभू समं वा विसमं करेत्तए विसमं वा समं करेत्तए ?, गोयमा ! णो इणट्टे समद्वे, एवं चैव बीतिओऽवि आलावगो णवरं परियातित्ता पभू, से भंते! किं माई विकुव्वति अमाई विकुव्वइ ?, गोयमा ! माई विकुब्वइ नो अमाई विकुव्वति, से केणट्टेणं भंते! एवं बुम्बइ जाव नो अमाई विकुब्वड १. गोयमा ! माईणं पणीयं पाणभोयणं भोच्चा वामेति तस्स णं तेणं पणीएणं पाणभोयणेणं अट्ठि अट्ठिमिंजा बहुलीभवति पयणुए मंससोणिए भवति, जेऽविय से अहाचायरा पोम्गला तेऽविय से परिणमंति, तं०- सोविंदयत्ताए जाव फासिंदियत्ताए अद्विअद्विमिंज केसमंसुरोमनहत्ताए सुकत्ताए सोणियत्ताए, अमाई णं लूहं पाणभोयणं भोच्चा २ णो वामेइ, तस्स णं तेणं लूहेणं पाणभोयणेणं अद्विअट्टिमिंजा० पयणू भवंति वहले मंससोणिए, जेऽविय से अहाबादरा पोग्गला तेऽविय से परिणमंति, तं० उच्चारत्ताए पासवणत्ताए जाव सोणियत्ताए, से तेणट्टेणं जाव नो अमाई विकुब्बइ, माई णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकंते कालं करेइ नत्थि तस्स आराहणा, अमाई णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिकंते कालं करेइ अत्थि तस्स आराहणा, सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति । १५९ ॥ श० ३ उ० ४ ॥ अणगारे णं भंते! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एगं महं इत्थिरूवं वा जाव संदमाणियारूवं वा विउब्वित्तए ?, णो ति०, अणगारे णं भंते! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू एवं महं इत्थिरूवं वा जाव संदमणियारूवं वा विव्वित्तए ?, हंता पभू, अणगारे णं भंते! भावि० केवतियाई पभू इत्थिरुवाई विकुव्वित्तए ?, गोयमा ! से जहानामए जुवई जुवाणे हत्थेणं हत्ये गेण्हेज्जा चकस्स वा नाभी अरगाउत्ता सिया एवामेव अणगारेऽवि भावियप्पा वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहण्णइ जाव पभू णं गोयमा! अणगारे णं भावियप्पा केवलकप्पं जंबुद्दीवं २ बहिं इत्थीरूवेहिं आइ वितिकिन्नं जाव एस णं गोयमा ! अणगारस्स भावि० अयमेयारूवे विसए विसयमेत्ते बुम्बइ, नो चेव णं संपत्तीए विकुब्विँसु वा०, एवं परिवाडीए नेयव्वं जाव संदमाणिया, से जहा१९० श्रीभगवत्यं सत-श मुनि दीपरत्नसागर Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SBIACERICARRANSACRATRNAK30345842 नामए केइ पुरिसे असिचम्मपायं गहाय गच्छेजा एवामेव अणगारेऽवि भावियप्पा असिचम्मपायहत्यकिञ्चगएणं अप्पाणेणं उड्ढे वेहासं उप्पइज्जा ?, हंता उप्पइजा, अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवतियाई पभू असिचम्मपायहत्यकिच्चगयाई रुवाई विउवित्तए?, गोयमा ! से जहानामए-जुवति जुवाणे हत्येणं हत्थे गेण्हेज्जा तं चेव जाब विउब्बिसु वा०, से जहानामए केइ पुरिसे एगओपडार्ग काउं गच्छेजा एवामेव अणगारेऽवि भावियप्पा एगओपडागहत्थकिचगएणं अप्पाणेणं उड्ढं वेहासं उप्पएज्जा?, हंता गोयमा! उप्पएजा, अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवतियाई पभू एगओपडागाहत्यकिञ्चगयाई रूबाई विकुवित्तए ? एवं चेव जाव विकुब्बिसु वा०, एवं दुहओपडागंपि, से जहानामए केइ पुरिसे एगओजंनोवइतं काउं गच्छेजा एवामेव अण०भा० एगओजण्णोवइयकिचगएणं अप्पाणेणं उड्ढे वेहासं उप्पएजा?, हंता उप्पएज्जा, अणगारेणं भंते ! भावियप्पा केवतियाई पम् एगओजण्णोवाइयकिचगयाई रुवाई विकुवित्तए तै चेव जाव विकुब्बिसु वा ०, एवं दुहओजण्णोवइयंपि, से जहानामए-केइ पुरिसे एगओ पल्हत्थियं काउं चिद्वेज्जा एवामेव अणगारेऽवि भावियप्पा एवं चेव जाब विकुबिसु वा०, एवं दुहओ पल्हत्थियंपि, से जहाणामए केइ पुरिसे एगतो पलितके काउं चिट्ठज्जातं चेव जाव विकुविसु वा०, एवं दुहओपलियंकंपि, अणगारे णं भंते! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एग महं आसरूवं वा हस्थिरुवं वा सीहरुवं वा बग्घक्गदीवियअच्छतरच्छपरासररूवं था सियालबिरालसुणगकालसुणगकोकांतियाससगचित्तगचिङलग अण्णतरं वा तसं पाणं अभिजित्तए', णो तिणढे समढे, अणगारे णं एवं बाहिरए पोग्गले परियादित्ता पभू, अणगारे णं भंते ! भा० एगं महं आसरुवं वा हत्थिरूवं वा अभिजुंजित्ता अणेगाई जोयणाई गमित्तए?, हंता पभू, से भंते ! कि आयड्ढीए गच्छति परिड्ढीए गच्छति?, गोयमा! आइड्ढीए गच्छइ नो परिडीए, एवं आयकम्मुणा नो परकम्मुणा आयप्पओगेणं नो परप्पओगेणं उस्सिओदयं वा गच्छइ पयोदगं वा गच्छइ. से णं भंते! किं अणगारे? आसे ?, गोयमा! अणगारे णं से, नो खलु से आसे, एवं जाव परासररूवं वा, से भंते! किं मायी विकुब्बति अमायी विकुव्वति?, गोयमा ! मायी विकुब्वति नो अमायी विकुव्वति, माई णं भंते ! तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकते कालं करेइ कहिं उववजति , गोयमा ! अन्नयरेसु आभियोगेसु देवलोगेसु देवत्ताए उववज्जइ, अमाई णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिकंते कालं करेइ कहिं उववज्जति?, गोयमा ! अन्नयरेसु अणाभिओगेसु देवलोगेसु देवत्ताए उबवज्जइ, सेवं भंते२त्ति, 'इत्थी असी पढागा जण्णोवइए य होइ बोब्वे। पल्हत्थिय पलियंके अभिओगि विकुछणा माई॥२६॥१६०॥ श०३ उ० ५॥ अणगारे णं भंते ! भावियप्पा माई मिच्छट्ठिी वीरियलद्धीए वेउब्वियलद्धीए विभंगनाणलद्धीए वाणारसिं नगरि समोहए समोहणित्ता रायगिहे नगरे रूयाई जाणति पासति ?, हंता जाणह पासइ, से भंते ! किं तहाभावं जाण पा० अन्नहाभावं जा० पा०?, गोयमा ! णो तहाभावं जाण पा० अण्णहाभावं जा पा०. से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ नो तहाभावं जा. पा० अन्नहाभावं जाण पा०?, गोयमा! तस्स णं एवं भवति-एवं खलु अहं रायगिहे नगरे समोहए समोहणित्ता वाणारसीए नगरीए रूबाई जाणामि पासामि, से से दसणे विवचासे भवति, से तेणतुणं जाव पासति, अणगारे णं भंते ! भावियप्पा माई मिच्छदिट्टी जाव रायगिहे नगरे समोहए समोहणित्ता वाणारसीए नगरीए रूवाई जाणइ पासइ ?, हंता जाणइ पासइ, तं चेव जाव तस्स णं एवं होइ-एवं खलु अहं वाणारसीए नगरीए समोहए त्ता रायगिहे णगरे रूवाई जाणामि पासामि, से से दंसणे विवच्चासे भवति, से तेणटेणं जाव अन्नहाभावं जाणइ पासइ, अणगारे णं भंते ! भावियप्पा माई मिच्छदिट्ठी वीरियलदीए वेउब्वियलद्धीए विभंगणाणलद्दीए वाणारसिं नगरिं रायगिहं च नगरं अंतरा एर्ग महंजणवयवग्गं समोहए त्ता वाणारसि नगरि रायगिहं च नगरं अंतरा एगं महं जणवयवम्गं जा०पा०?, हंता जाणति पासति, से भंते ! किं तहाभावं जाणइ पासइ अजहाभाव जाणइ पा०?, गोयमा ! णो, तहाभावं जाणति पासइ अन्नहाभावं जाणइ पासइ, से केणटेणं जाव पासइ ?, गोयमा ! तस्स खलु एवं भवति एसा खलु वाणारसी नगरी एस खलु रायगिहे नगरे एस खलु अंतरा एगे महं जणवयवग्गे नो खलु एस महं वीरियलदी वेउब्बियलद्धी विभंगनाणलही इड्ढी जुत्ती जसे वले वीरिए पुरिसकारपरकमे लढे पत्ते अभिसमण्णागए, से से दंसणे विवञ्चासे भवति, से तेणद्वेणं जाव पासति । १६१। अणगारे णं भंते ! भावियप्पा अमाई सम्मदिट्ठी वीरियलद्धीए बेउब्बियलडीए ओहिनाणलद्वीए रायगिहे नगरे समोहए ता वाणारसीए नगरीए रूबाइं जाणइ पासइ ?, हंता०, से भंते ! किं तहाभावं जाणइ पासइ अण्णहाभावं जाणति पासति ?, गोयमा! तहाभाव जाणति पासति नो अनहाभाव जाणति पासति, से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ , गोयमा ! तस्स णं एवं भवति-एवं खलु अहं रायगिहे नगरे समोहए समोहणित्ता वाणारसीए नगरीए रूवाई जाणामि पासामि, से से दंसणे अविवच्चासे भवति, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं बुचति०, बीओ आलावगो एवं चेव नवरं वाणारसीए नगरीए समोहणा नेयव्वा रायगिहे नगरे रूवाई जाणइ पासइ, अणगारे णं भंते! भावियप्पा अमाई सम्मदिट्ठी बीरियलबीए वेउब्बियलडीए ओहिनाणलदीए रायगिहं नगरं वाणारसिं नगरिं च अंतरा एग महं जणवयवगं समोहए त्ता रायगिहं नगरं वाणारसिं च नगरि अंतरा एगं १९१ श्रीभगवत्यंग-का-३ मुनि दीपरनसागर 200HOPRAISI05-8SPICARRPRASPEMBPRARPIRIMARPISAROHIONASPOONASHIONSHOMASPICARSHIONISPTEMBPRASHION 2 18243984430SALARAKONKBARABAR Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ महं जणवयवगं जाणइ पासइ ?, हंता जा० पा०, से भंते! किं तहाभाव जाणइ पासइ ? अनहाभावं जाणइ पासइ ?, गोयमा! तहाभावं जाणइ पा० गो अण्णहा भावं जा० पा०, से केणद्वेणं० १, गोयमा ! तस्स णं एवं भवति नो खलु एस रायगिहे णगरे णो खलु एसा वाणारसी नगरी नो खलु एस अंतरा एगे जणक्यवम्गे एस खलु ममं वीरियलद्धी देउबिपलद्धी ओहिणाणलदी इड्डी जुत्ती जसे बले वीरिए पुरिसकारपरकमे लढे पत्ते अभिसमन्नागए, से से दंसणे अविवच्चासे भवति, से तेणटेणं गोयमा! एवं वुचति तहाभाव जाणति पासति नो अबहाभावं जाणति पासति, अणगारे णं भंते ! भावियप्पा चाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एग महं गामरूवं वा नगररुवं वा जाव सचिवेसरूवं वा विकुब्दित्तए', णो तिणढे समढे, एवं बितीओऽवि आलावगो, णवरं बाहिरए पोग्मले परियाइत्ता पभू, अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवतियाई पभू गामरूवाई विकुवित्तए?, गोयमा ! से जहानामए जुवति जुवाणे हत्येणं हत्थे गेव्हेजा तं चेव जान विकुबिसु वा एवं जाव सनिचेसरूवं वा।१६२१ चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररमो कति आयरक्खदेवसाहस्सीओ पं०१, गोयमा! चत्तारि चउसट्ठीओ आयरक्खदेवसाहस्सीओ पं०, ते णं आयरक्सा वणओ जहा रायप्पसेणइजे, एवं सब्वेसि इंदाणं जस्स जत्तिया आयरक्खा ते भाणियब्वा । सेवं भंते!२।१६३॥ श०३ उ०६॥ रायगिहे नगरे जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी सकस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरनो कति लोगपाला पं०१, गोयमा ! चत्तारि लोगपाला पं० सं०-सोमे जमे वरुणे वेसमणे, एएसिंणं भंते ! चठण्हं लोगपालाणं कति विमाणा पं०१, गोयमा ! चतारि विमाणा पं० त०-संझप्पमे वरसिट्टे सयंजले वग्गू, कहिं णं भंते ! सक्कास्स देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारनो संझप्पमे णामं महाविमाणे पं०, गोयमा! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणणं इमीसे स्यणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उड्ढे चंदिमरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं बहूई जोयणाई जाव पंच वडिंसया पं० त० असोयबढेसए सत्तवन्नवडिंसए चंपयवडिंसए चूयवडिंसए मज्झे सोहम्मवडिंसए, तस्स णं सोहम्मवडेंसयस्स महाविमाणस्स पुरच्छिमेणं सोहम्मे कप्पे असंखेजाई जोयणाई बीतिबइत्ता एत्थ णं सक्कस्स देविंदस्स देवरको सोमस्स महारसो संझप्पभे नामं महाचिमाणे पं० अद्धतेरस जोयणसयसहस्साई आयामक्खिंभेणं उयालीसं जोयणसयसहस्साई बावन्नं च सहस्साई अट्ट य अडयाले जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं प० जा सूरियाभविमाणस्स वत्तव्यया सा अपरिसेसा भाणियब्वा जाव अभिसेयो नवरं सोमे देवे, संझप्पभस्स णं महाविमाणस्थ अहे सपक्वि सपडिदिसिं असंखेजाई जोयणसयसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ ण सकस्स देविं. दस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो सोमा नामं रायहाणी पं० एर्ग जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं जंबुद्दीवपमाणा, बेमाणियाणं पमाणस्स अद्धं नेयव्यं जाव उवरियालेणं सोलस जोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं पन्नासं जोयणसहस्साई पंच य सत्ताणउए जोयणसते किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं पं०, पासायाणं चत्तारि परिवाडीओ नेयव्याओ, सेसा नत्यि, सकस्स गं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो इमे देवा आणाउववायवयणनिहेसे चिट्ठति, तं०-सोमकाइयाति वा सोमदेवयकाइयाति वा विजुकुमारा वि कुमारीओ अम्गिकुमारा अम्गिकुमारीआबाउकुमारा बाउकुमाराआ चदा सूरा गहा णक्खत्ता तारारूबाज यावन्न तहप्पगारा सब्वततम्भत्तिया तप्पक्खिया तम्मा महारन्नो आणाउक्वायवयणनिदेसे चिटुंति, जंबुद्दीव २ मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं जाई इमाई समुपनति, तं- गहदंडाति वा गहमुसलाति वा गहगजियाति वा एवं गहयुद्धाति वा गहसिंघाडगाति वा गहावसब्वाइ वा अम्भाति वा अन्भरक्खाति वा संज्झाइ वा गंधच्वनगराति वा उक्कापायाति वा दिसीदादाति वा गजियाति वा विजुयाति वा पंसुबुद्दीति वा जूवेत्ति वा जक्खालित्तेत्ति चा धूमियाइ वा महियाइ वा रयुग्घायाइ वा चंदोवरागाति वा सूरोवरागाति वा चंदपरिवेसाति वा सूरपरिवेसाति वा पडिचंदाइ वा पडिसूराति वा इंदधणूति वा उदगमच्छकपिहसियअमोहा पाईणवायाति वा पडीणवाताति वा जाव संवयवाताति वा गामदाहाइ वा जाव सन्निवेसदाहाति वा पाणक्खया जणक्वया धणक्खया कुलक्खया बसणभूया अणारिया जे यावन्ने तहप्पगारा ण ते सकस्म देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो अण्णाया अदिट्ठा असुया अमुया अविण्णाया तेर्सि वा सोमकाइयाणं देवाणं, सक्कस्सणं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो इमे आहावचा अभिन्नाया होत्या, तं०-इंगालए वियालए लोहियक्खे सणिचरे चंदे सूरे सुके बुहे बहस्सती राहू, सकस्स णं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो सत्तिभागं पलिओवमं ठिती पं०, अहावचाभिन्नायाणं देवाणं एग पलिओवमं ठिई पं०, एवंमहिड्ढीए जाव महाणुभागे सोमे महाराया। १६४। कहिं णं भंते! सक्कस्स देविंदस्स देवरनो जमस्स महारो वरसिट्टे णामं महाविमाणे पं०?, गोयमा ! सोहम्मवडिंसयस्स महाविमाणस्स दाहिणेणं सोहम्मे कप्पे असंखेज्जाई जोयणसहस्साई वीइवतित्ता एत्य णं सक्कस्स देविंदस्स देवरनो जमस्स महारनो वरसिट्टे णामं महाविमाणे पं० अद्धतेरसजोयणसयसहस्साई जहा सोमस्स विमाणे तहा जाव अभिसेओ रायहाणी तहेब जाव पासायपंतीओ, सकस्स णं देविंदस्स देवरन्नो जमस्स महारनो इमे देवा आणा० जाव चिट्ठति, तं०-जमकाइयाति वा जमदेवकाइयाइ वा पेयकाइयाइ वा पेयदेवकाइयाति वा असुरकुमारा असुरकुमारीओ. कंदप्पा निरयवाला आभिओगा जे यावन्ने तहप्पगारा सव्वे ते तन्भत्तिगा तप्पक्खिया तब्भारिया सकस्स देविंदस्स देवरको जमस्स (४८) १९२ श्रीभगवत्यंग-स-३ मुनि दीपरत्नसागर BHARASPERMASV88560PIGGROPRABPOSERIESARPANASPASABHANSPIRAASPRIMENSFESSISMASPIRARBIPASERIES Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ महारमो आणा. जाव चिट्ठति, जंबुद्दीवे२ मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं जाई इमाई समुप्पजंति, तं०-डिंबाति वा डमराति वा कलहाति वा बोलाति वा खाराति वा महायुद्धाति वा महासंगामाति वा महासत्यनिवडणाति वा एवं पुरिसनिवडणाति वा महारुधिरनिवडणाइ वा दुम्भूयाति वा कुलरोगाति वा गामरोगाति वा मंडलरोगाति वा नगररोगाति वा सीसवेयगाइ वा अच्छिवेयणाइ वा कमनह० दंतवेयणाइ वा इंदगाहाइ वा खंदगाहाइवा कुमारगाहा जक्खगाहा भूयगाहा एगाहियाति वा बेआहियाति वा तेयाहियाति वा चाउत्थाहियाति वा उव्वेयगाति वा कासाति वा सासाति वा सोसेति वा जराइ वा दाहा० कच्छकोहाति वा अजीरया पंडुरगा हरिसाइ वा भगंदराइ वा हिययसूलाति वा मत्थयम जोणिसू० पासमू० कुच्छिसू० गाममारीति वा नगर० खेड० कब्बड दोणमुह मडंप० पट्टण० आसम० संवाह संनिवेसमारीति वा पाणक्खया धणपखया जणक्खया कुल०वसणभूयमणारिया जे यावने तहप्पगारा न ते सकस्स देविंदस्स देवरको जमस्स महारन्नो अण्णाया० तेसिं वा जमकाइयाणं देवाणं, सकस्स० देवरण्णो जमस्स महारन्नो इमे देवा अहावचा अभिण्णाया होत्या, तं०-अंबे अंबरिसे चेव, सामे सबलेत्ति यावरे। रूहोवरूहे काले य, महाकालेत्ति यावरे ॥२७॥ असिपत्ते धणू कुंभे (असी य असिपत्ते कुंभे) बालू १२ वेयरणीति य १३ । खरस्सरे १४ महाघोसे १५, एए पन्नरसाहिया ॥२८॥ सक्कस्स णं देविंदस्स देवरन्नो जमस्स महारबो सत्तिभागं पलिओवमं ठिती पं० अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एग पलिओवमं ठिती पं० एवंमहिदिए जाव जमे महाराया।१६५। कहिं णं मंते ! सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो वरुणस्स महारन्नो सयंजले नाम महाविमाणे पं०१,गोयमा! तस्स णं सोहम्मवडिंसयस महाविमाणस्स पच्चत्थिमेणं सोहम्मे कप्पे असंखेजाइं जहा सोमस्स तहा विमाणरायहाणीओ भाणियच्वा जाव पासायवडिंसया नवरं नामणाणत्तं, सक्कस्स० वरुणस्स महारन्नो इमे देवा आणा. जाव चिट्ठति, तं०-वरुणकाइयाति वा वरुणदेवयकाइयाइ वा नागकुमारा नागकुमारीओ उदहिकुमारा उदहिकुमारीओ थणियकुमारा थणियकुमारीओ जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते तम्भत्तिया जाव चिहृति, जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पब्वयस्स दाहिणेणं जाई इमाई समुप्पजंति, तं०-अतिवासाति वा मंदवासाति वा सुवुट्ठीति वा दुबुट्टीति वा मंदवुट्ठीति वा उदब्भेयाति वा उदप्पीलाइ वा उदवाहाति वा पव्वाहाति वा गामवाहाति वा जाव सन्निवेसवाहाति वा पाणक्खया जाव तेसिं वा वरुणकाइयाणं देवाणं सक्कस्स णं देविंदस्स देवरनो वरुणस्स महारन्नो जाव अहावच्चामिन्नाया होत्था, तं०- कक्कोडए कद्दमए अंजणे संखवालए पुंडे पलासे मोएजए दहिमुहे अयंपुले कायरिए, सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो वरुणस्स महारण्णो देसूणाई दो पलिओवमाइं ठिती पं०, अहावच्चाभिन्नायाणं देवाणं एग पलिओवमं ठिती पं०, एवमहिड्ढीए जाव वरुणे महाराया।१६६ । कहिं णं भंते! सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो वेसमणस्स महारन्नो वगृणामं महाविमाणे पं०?, गोयमा! तस्स णं सोहम्मवडिंसयस्स महाविमाणस्स उत्तरेणं जहा सोमस्स विमाणरायहाणिवत्तव्वया तहा नेयव्वा जाव पासायवडिंसया, सकस्स णं देविंदस्स देवरन्नो वेसमणस्स महारनो इमे देवा आणाउववायवयणनिहेसे चिट्ठति, तं०-वेसमणकाइयाति वा वेसमणदेवकाइयाति वा सुवन्नकुमारा सुवन्नकुमारीओ दीवकुमारा दीवकुमारीओ दिसाकुमारा दिसाकुमारीओ वाणमंतरा वाणमंतरीओ जे यावन्ने तहप्पगारा सब्वे ते तब्भत्तिया जाब चिट्ठति, जंबुद्दीचे २ मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणणं जाई इमाई समुप्पजति, तं०-अयागराइ वा तउयागराइ वा तंचयागराइ वा एवं सीसागराइ वा हिरन्नसुवन्नरयणवयरागराइ वा वसुहाराति वा हिरन्नवासाति वा सुवन्नवासाति वा रयणवइरआमरणपत्तपुष्फफलबीयमल्लवण्णचुनगंधवत्थवासाइ वा हिरन्नवुट्टीइ वा सु०र०व० आ०प० पु०फ०वी०व०चुनगंधवुट्टी वत्थवुट्ठीति वा भायणबुट्ठीति वा खीरखुट्ठीति वा सुयालाति वा दुकालाति वा अप्पग्याति वा महग्याति वा सुभिक्खाति वा दुभिक्खाति वा कयविकयाति वा संन्निहियाति वा संनिचयाति वा निहीति 0 वा णिहाणाति वा चिरपोराणाई पहीणसामियाति वा पहीणसेउयाति वा पहीणगोत्तागाराइ वा उच्छिन्नसामियाति वा उच्छिन्नसेउयाति वा उच्छिन्नगोत्तागाराति वा सिंघाडगतिगचउक्कचचरचउम्मुहमहापहपहेसु नगरनिडमणेसु वा सुसाणगिरिकंदरसंतिसेलोवट्ठाणमवणगिहेसु संनिक्खित्ताई चिट्ठति एताई सकस्स देविंदस्स देवरश्नो वेसमणस्स महारनो ण अण्णायाई अदिट्ठाइं असुयाई अविनायाई तेसि वा वेसमणकाइयाणं देवाणं, सक्कस्स देविंदस्स देवरनो वेसमणस्स महारनो इमे देवा अहावञ्चाभिनाया होत्या, तं०- पुनमहे माणिमहे सालिम सुमणमहचकरक्ख पुनरक्खें सब्वाण (पव्वाण) सव्वजसे सव्वकाम समिद्धे अमाह असगे, सकस्स ण दा पं०, अहावचामिण्णायाणं देवाणं एग पलिओवमं ठिती पं०, एमहिड्डीए जाब वेसमणे महाराया, सेवं मंते!२११६७॥ श०३ उ०७॥रायगिहे नगरे जाव पजुवासमाणे एवं बदासी-असुरकुमाराणं भंते ! देवाणं कति देवा आहेवचं जाव विहरंति', गोयमा! दस देवा आहेवचं जाव विहरंति, तं०- चमरे असुरिंदै असुरराया सोमे जमे वरुणे वेसमणे बली वइरोयर्णिदे बहरोयणराया सोमे जमे वरुणे वेसमणे, नागकुमाराणं मते ! पुच्छा, गोयमा! दस देवा आहेवचं जाव विहरंति, तं०-धरणे नागकुमारिंदे नागकुमारराया कालवाले कोलवाले १९३ श्रीभगवत्यंग-सतं.३ मुनि दीपरत्नसागर Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SSPCMCHENASHTRABPRASPASSPARSPIRAASPIRSSPOONASP805ASPASTEMSPREARIPRASPICARRAPHESARIPERNEY सेलवाले संखवाले भूयाणंदे नागकुमारिंदे णागकुमारराया कालवाले कोलवाले संखवाले सेलवाले, जहा नागकुमारिंदाणं एयाए वत्तव्वयाए णेयवं, एवं इमाणं नेयवं-सुवन्नकुमाराणं वेणुदेव वेणुदालीचित्तविचित्तचित्तपक्वविचित्तपक्खा विजुकुमाराणं हरिकंतहरिस्सहपभसुप्पभपभकंतसुप्पभकता अम्गिकुमाराणं अमिगसीहअम्गिमाणवतेउतेउसीहतेउकंततेउप्पभा दीक्कुमाराणं पुण्णविसिट्ठरूयसुरुयरूयकंतरूयप्पभा उदहिकुमाराणं जलकंतजलप्पभजलजलरूयजलकंतजलप्पमा दिसाकुमाराणं अमियगतिअमियवाहणतुरियगतिखिप्पगतिसीहगतिसीहविक्कमगती बाउकुमाराणं वेलंघपमंजणकालमहाकालअंजणरिहा थणियकुमागणं घोसमहाघोसआवत्तवियावत्तनंदियावत्तमहानंदियावत्ता, एवं भाणियव्वं जहा अमुरकुमारा सोकाचियतेरुजतुकाआ। (प्र. सोमे य कालवाले चित्त पभ तेउ तह रुए चेव । जल तह तुरियगती या काले आवत्त पढमा उ॥१॥) पिसायकुमाराणं पुच्छा, गोयमा! दो देवा आहेवचं जाब विहरंति, तंजहा-काले य महाकाले सुरूव पडिरूव पुनभदे य । अमरवइ माणिमहे भीमे य तहा महाभीमे ॥२९॥ किंनर किंपुरिसे खलु सप्पुरिसे खलु तहा महापुरिसे। अतिकाय महाकाए गीयरती चेव गीयजसे ॥ ३०॥ एते वाणमंतराणं देवाणं, जोतिसियाणं देवाणं दो देवा आहेवचं जाव विहरंति, तंजहा-चंदे य सूरे य, सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु कइ देवा आहेवचं जाच विहरति ?, गोयमा ! दस देवा जाव विहरंति, तंजहा-सके देविंदे देवराया सोमे जमे वरुणे वेसमणे ईसाणे देविंद देवराया सोमे जमे वेसमणे वरुणे, एसा वत्तव्वया सव्वेसुवि कप्पेसु, एए चेव भाणियब्वा, जे य इंदा ते य भाणियब्या। सेवं भंते! २१६८।०३ उ०८॥रायगिहे जाव एवं वदासी-कतिविहे णं भंते ! ते इंदियविसए पं०?, गोयमा! पंचविहे इंदियविसए पं० ते०-सोतिदियविसए जीवाभिगमे जोतिसियउद्देसो नेयम्बो अपरिसेसो। १६९ ॥ श०३उ०९॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररनो कति परिसाओ पं०१, गोयमा ! ओ परिसाओ पं० तं०-समिता चंडा जाया, एवं जहाणुपुब्बीए जावऽच्चुओ कप्पो, सेवं भंते ! २।१७०॥ उ०१० इति तृतीयं शतकं ॥1 ॥'चत्तारि विमाणेहिं चत्तारि य हाँति रायहाणीहि । नेरइए लेस्साहि य दस उद्देसा चउत्थसए ॥३१॥ रायगिहे नगरे जाव एवं वयासीईसाणस्स णं भंते! देविंदस्स देवरणो कति लोगपाला पं०?, गोयमा! चत्तारि लोगपाला पं०२०-सोमे जमे वेसमणे वरुणे, एएसिं णं भंते! लोगपालाणं कति विमाणा पं०?, गोयमा!चत्तारि विमाणा पं००-सुमणं सब्वमओभहे बम्ग सुबग्ग.कांहे णं भंते! इंसाणस्स देविंदस्स इसाणस्स देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो सुमणे नामं महाविमाणे पं०१, गोयमा! जंबहीवे २ मंदरस्स पश्ययस्स उत्तरेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जाय ईसाणे णामं कप्पे पं०, तत्थ णं जाव पंच बढेसया पं० त० अंकपडेसए फलिहवडिंसए रयणवडेंसए जायरूवचडिंसए मज्झे य तत्थ ईसाणवडेंसए, तस्स णं ईसाणव.सयस्स महाविमाणस्स पुरच्छिमेणं तिरियमसंखेज्जाई जोयणसहस्साई वीतिवतित्ता एत्थ णं ईसाणस्स- सोमस्स० सुमणे नामं महाविमाणे पं० अद्धतेरसजोयण जहा सकस्स बत्तब्बया ततीयसए वहा ईसाणस्सवि जाव अचणिया समत्ता, चउष्हवि लोगपालाणं विमाणे २ उद्देसओ, चउसु विमाणेसु चत्तारि उद्देसा अपरिसेसा, नवरं ठितीए नाणत्तं 'आदिद्य तिभागूणा पलिया धरणस्स होति दो चेव। दो सतिभागा वरुणे पलियमहावचदेवाणं ॥ ३२॥१७१॥श०४ उ०१-४॥ रायहाणिसुवि चत्तारि उद्देसा भाणियव्या जाय एवमदिड्डीए जाव वरुणे महाराया।१७२॥ श०४ उ०५-८॥ नेरइए णं भंते ! नेरतिएस उवक्जइ पन्नवणाए लेस्सापए ततीओ उद्देसओ भाणियब्बो जाव नाणाई । १७३॥ श०४ उ०९॥ से नूणं भंते ! कण्हलेस्सा नीललेस्सं पप तारूवत्ताए एवं चउत्थो उद्देसओ पन्नवणाए चेव लेस्सापदे नेयव्वो जाव परिणामवष्णरसगंधसुद्धअपसत्थसंकिलिठुण्हा। गतिपरिणामपदेसोगाहवग्गणाठाणमप्पचहुं ॥३३॥ सेवं भंते!२त्ति । १७४॥ उ०१० इति चतुर्थ शतकं॥ फा 'चंपरवि १ अनिल २ गंठिय ३ सहे ४ छउमा५यु ६ एयण ७णियंठे ८ारायगिहे ९ चंपाचंदिमा १० य दस पंचमंमि सए ॥३४॥ तेणं कालेणं चंपानाम नगरी होत्था, वनओ, तीसे णं चंपाए नगरीए पुष्णभहे नाम चेइए होत्या, वण्णओ, सामी समोसढे जाव परिसा पडिगया, तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूती णामं अणगारे गोयमगोत्तेणं जाव एवं वदासीजंबुद्दीने णं भंते ! दीवे सरिया उदीणपादीणमुरगच्छ पादीणदाहिणमागच्छंति, पादीणदाहिणमुग्गच्छ दाहिणपडीणमागच्छंति, दाहिणपढीणमुग्गच्छ पडीणउदीणमागच्छंति, पड़ीणउदीणं उम्गच्छ उदीचिपादीणमागच्छंति?, हंता गोयमा ! जंबुद्दीचे णं दीवे सूरिया उदीचिपाईणमुग्गच्छ जाच उदीचिपाइणमागच्छति, जया णं भंते ! जंबुदीचे २ दाहिणड्ढे दिवसे भवति तदा णं उत्तरड्ढे दिवसे भवति जदा णं उत्तरड्ढेऽपि दिवसे भवति तदा णं जंबुद्दीचे २ मंदरस्स पब्वयस्स पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं राती भवति ?, हंता गोयमा! जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणड्ढेऽवि दिवसे जाव राती भवति, जदाणं भंते ! जंचु० मंदरस्स पव्ययस्स पुरच्छिमेणं दिवसे भवति तदा णं पचस्थिमेणऽवि दिवसे भवति जया णं पचत्थिमेणं दिवसे भवति तदा णं जंचुहीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं राती भवति ?, हंता गोयमा! जदा णं जंबु० मंदरपुरच्छिमेणं दिवसे जाव राती भवति, जदा णं भंते ! जंबुद्दीवे २ दाहिणड्ढे १९४ श्रीभगवत्यंग-सा-५ मुनि दीपरत्नसागर Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उकोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति तदा णं उत्तरड्ढेऽवि उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति जदा णं उत्तरखे उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति तदा णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स० पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राती भवति ?, हंता गोयमा ! जदा णं जंबु० जाव दुवालसमुहुत्ता राती भवति, जदा णं जंबु० मंदरस्स० पुरिच्छमेणं उकोसए अट्ठारस जाव तदा णं जंबुद्दीवे २ पञ्चस्थिमेणऽवि उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति जया णं पञ्चत्थिमेणऽवि उको अट्ठारसमुहत्ते दिवसे भवति तदा णं भंते ! जंबुद्दीचे २ उत्तर० दुवालसमुहुत्ता जाव राती भवति ?, हंता गोयमा ! जाव भवति, जया णं भंते ! जंबु० दाहिणड्ढे अट्ठारसमुहुत्ताणतरे दिवसे भवति तदा णं उत्तरे अट्ठारसमुहुत्ताणतरे दिवसे भवति तदा णं जंबु० मंदरस्स पब्वयस्स पुरच्छिमपच्चस्थिमेणं सातिरेगा दुवालसमुहुत्ता राती भवति ?, इंता गोयमा! जदा णं जंबु० जाब राती भवति, जदा णं भंते ! जंबुद्दीवे २ मं० पुरिच्छमेणं अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवति तदा णं पञ्चत्यिमेणं अट्ठारसमुहुत्ताणतरे दिवसे भवति जदा णं पञ्चस्थिमेणं अट्ठारसमुहत्ताणंतरे दिवसे भवति तदा णं जंबू०२ मंदरस्स पव्ययस्स उत्तरदाहिणेणं साइरेगा दुवालसमुहुत्ता राती भवति ?, हंता गोयमा ! जाव भवति, एवं एतेणं कमेणं ओसारेयच्वं सत्तरसमुहुत्ते दिवसे तेरसमुहुत्ता राती भवति सत्तरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे सातिरेगा तेरसमुहुत्ता राती सोलसमुहुत्ते दिवसे चोइसमुहुत्ता राई सोलसमुहुत्ताणतरे दिवसे सातिरेगचोहसमुहुत्ता राती पन्नरसमूहुत्ते दिवसे पन्नरसमहुत्ता राती भवति पन्नरसमुहुत्ताणतरे दिवसे सातिरेगा पन्नरसमुहुत्ता राती चोहसमुहुत्ते दिवसे सोलसमुहुत्ता राती चोदसमुहुत्ताणंतरे दिवसे सातिरंगा सोलसमूहुत्ता राती तेरसमुहुत्ते दिवसे सत्तरसमुहुत्ता राती तेरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे सातिरेगा सत्तरसमुहुत्ता राती, जया णं जंबु दाहिणड्ढे जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवति तया णं उत्तरढेऽवि०, जया णं उत्तरड्ढे तया णं जंबुद्दीवे २मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छिमपञ्चस्थिमेणं उकोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राती भवति?.हंता गोयमा! एवं चेव उच्चारेयव्व जाव राई भवति, जया णं भंते ! जंबु० मंदरस्स पब्वयस्स पुरच्छिमेणं जन्नए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवति तया णं पचत्थिमेणवि० तयाणं जंचु० मंदरस्स० उत्तरदाहिणेणं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राती भवति ?, हंता गोयमा ! जाच राती भवति ।१७६। जया णं भंते! जंबू दाहिणड्ढे वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ तया णं उत्तरड्ढेऽवि वासाणं पढमे समए पड़िवजइ जया णं उत्तरड्डेऽवि वासाणं पढमे समए पडिवजइ तया णं जंबुहीवे२ मंदरस्स पच्चयस्स पुरच्छिमपचत्थिमेणं अणंतरपुरखडसमयंसि वासाणं प० स. प०१.हंता गोयमा ! जया णं जंबु दाहिणडढे वासाणं प० स० पडिवजह तह चेव जाय साणं प० स० पडिक्जइ तह चेव जाव पडिवजइ, जया णं मंते! जंबु मंदरस्स० पुरच्छिमेणं वासाणं पढमे स० पढिवज्जइ तया णं पचत्थिमेणऽपि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ, जया णं पचस्थिमेणऽवि वासाणं पढमे समए पडिवजइ तया णं जंच मंदरस्स पब्वयस्स उत्तरदाहिणेणं अर्णतरपच्छाकडममयंसि वासाणं प० स० पडिवन्ने भवति ?, हंता गोयमा ! जया णं जंबू० मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छिमेणं एवं चेव उच्चारेयव्वं जाव पडिपन्ने भवति, एवं जहा समएणं अभिलायो भणिओ वासाणं तहा आवलियाएऽवि भाणियब्यो, आणापाणुएऽवि थोवेणवि लवेणवि मुहुत्तेणवि अहोरत्तेणवि पक्खेणवि मासेणवि उऊणावि १० एएसि सव्वेसि जहा समयस्स अभिलावो तहा भाणियप्तो, जया र्ण भंते जचु० दाहिणड्ढे हेमंताणं पढमे समए पडिवज्जति जहेब वासाणं अभिलायो तहेब हेमंताणवि गिम्हाणवि भाणियचो जाव उऊ, एवं एए तिन्निवि, एएसिं तीसं आलावगा भाणियबा, जया णं भंते ! जंबु० मंदरस्स पचयस्स दाहिणड्डे पढमे अयणे पडिवजइ तया णं उत्तरड्ढेऽवि पढमे अयणे पडिवज्जइ? जहा समएणं अभिलाबो तहेव अयणेणवि भाणियब्बो जाव अणंतरपच्छाकडसमयंसि पढमे अयणे पडिवन्ने भवति, जहा अयणेणं अभिलावो तहा संवच्छरेणवि भाणियब्वो, जुएणवि वाससएणवि बाससहस्सेणवि वाससयसहस्सेणवि, पुव्वंगेणवि पुवेणवि तुडियंगेणवि तुडिएणवि एवं अडडे २ अववे २ हुहुए २ उप्पले २ पउमे २ नलिणे २ अच्छणिउरे २ अउए २णउए २ पड़ए २ चूलिया २ सीसपहेलिया २, पलिओवमेणवि सागरोवमेणवि भाणियब्वो, जया णं भंते ! जंबुद्दीवे २ दाहिणढ्ढे पढमा ओसप्पिणी पडिवज्जइ तया णं उत्तरढेऽवि पढमा ओसप्पिणी पडिवज्जइ, जया णं उत्तरड्ढेऽवि पडिबज्जइ तदा णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पञ्चयस्स पुरच्छिमपच्चत्थिमेणवि णेवस्थि ओसप्पिणी नेवत्यि उस्सप्पिणी, अवहिए णं तत्व काले पं० समणाउसो ?, हंता गोयमा ! तं चेव उच्चारेयव्यं जाव समणाउसो !, जहा ओसप्पिणीए आलावओ भणिओ एवं उस्सप्पिणीएवि भाणियहो। १७७ लवणे णं भंते ! समुद्दे सूरिया उदीचिपाईणमगच्छ जच्चेव जंबद्दीवस्स बत्तबया भणिया सच्चेव सबा अपरिसेसिया ल समुद्दे दाहिणड्ढे दिवसे भवति तं चेव जाव तदा णं लवणे समुद्दे पुरच्छिमपच्चस्थिमेणं राई भवति?, एएणं अभिलावेणं नेयई, जदा णं भंते ! लवणसमुद्दे दाहिणड्ढे पढमा ओसप्पिणी पडिक्जइ तदा णं उत्तरड्ढेऽवि पढमा ओसप्पिणी पडिवजइ, जदा णं उत्तरड्ढे पढमा ओसप्पिणी पडिवजइ तदा णं लवणसमुद्र पुरच्छिमपच्चस्थिमेणं नेवत्थि ओसप्पिणी. १९५ श्रीभगवत्यंग - सन ५ मुनि दीपरत्नसागर Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ # समणाउसो!?, हंता गोयमा! जाव समणाउसो!, घायईसंडे णं भंते ! दीवे सूरिया उदीचिपादीणमुग्गच्छ जव जंबुद्दीवस्स वत्ताया भणिया सच्चेव धायइसंडस्सवि भाणियब्वा, नवरं इमेणं अभिलावेणं सधे आलावगा भाणियबा, जयाणं भंते ! घायइसंडे दीवे दाहिणड्ढे दिवसे भवति तदा णं उत्तरड्ढेऽवि०. जया णं उत्तरड्ढेऽवि० तदा णं धायइसंडे दीवे मंदराणं पत्रयाणं पुरच्छिमपञ्चस्थिमेणं राती भवति ?, हंता गोयमा! एवं चेव जाव राती भवति, जदा णं भंते! धायइसंडे दीवे मंदराणं पव्वयाणं पुरच्छिमेण दिवसे भवति तदा णं पञ्चत्यिमेणवि०, जदाणं पचत्थिमेणं तदा णं धायसंडे दीवे मंदराणं पञ्चयाणं उत्तरेणं दाहिणेणं राती भवति?, हंता गोयमा ! जाव भवति, एवं एएणं अभिलावेणं नेयर्थ जाव जया णं भंते! दाहिणड्ढे पढमा ओस तयाणं उत्तरड्ढे० जया णं उत्तरढे तया णं धायइसंडे दीवे मंदराणं पञ्चयाणं पुरच्छिमपचत्यिमेणं नेवस्थि ओस जाव समणाउसो!?,हंता गोयमा ! जाव समणाउसो!, जहा लवणससहस्स बत्तच्या तहा कालोदस्सवि भाणियचा, नवरं कालोदस्स नाम भाणियचं, अभितरपुक्खरहे णं भंते ! सूरिया उदीचिपाईणमुरगच्छ जहेव धायइसंहस्स क्त्तवया । तडेव अम्भितरपक्खरद्धस्सवि भाणियव्या नवरं अभिलामो जाव जाणेयव्यो जाव तया णं अभितरपुक्खरहे मंदराणं पुरच्छिमपचस्थिमेणं नेवस्थि ओस नेवस्थि उस्सप्पिणी अवद्विए णं तत्थ काले पनत्ते समणाउसो !२ । सेवं भंते !२।१७८॥ श० ५ उ०१॥ रायगिहे नगरे जाव एवं वदासी-आत्थि णं भंते ! ईसिं पुरेवाता पत्यावाया मंदावाया महावाया वायंति ?, हंता अस्थि, अस्थि णं भंते! पुरच्छिमेणं ईसिं पुरेवाया पत्थावाया मंदावाया महावाया वायंति ?, इंता अस्थि, एवं पञ्चस्थिमेणं दाहिणेणं उत्तरेणं उत्तरपुरच्छिमेणं पुरच्छिमदाहिणणं दाहिणपथरिथमेणं पच्छिमउत्तरेणं, जया णं भंते ! पुरच्छिमेणं ईसि पुरेवाया पत्थावाया मंदावाया महावाया वायंति तया णं पचत्थिमेणवि ईसि पुरेवाया जया णं पचत्यिमेणं ईसिं० तया णं पुरच्छिमेणवि०?, हंता गोयमा! जया णं पुरच्छिमेणं तया णं पञ्चत्यिमेणवि ईसिं० जया णं पञ्चस्थिमेणवि इंसिं० तयाणं पुरच्छिमेणवि ईर्सि०,एवं दिसासु विदिसासु, अस्थि णं भंते ! दीविच्चया ईर्सि०, हंता अस्थि, अस्थि णं भंते ! सामुद्दया ईसिं०१, हंता अस्थि, जया णं भंते! दीविचया ईसिं० तया णं सामुद्दयाचि इंसिं० जया णं सामुहया ईसिं० तया णं दीविचयावि ईसिं० १, णो इणटे समढे, से केणट्टेणं भंते ! एवं वुञ्चति जया णं दीविचया ईसिं० णो णं तया सामुहया ईसिं० जया णं सामन्या ईसिं० णो णं तया दीविच्चया ईसिं०?, गोयमा ! तेसिं गं बायाणं अन्नमन्नस्स विवच्चासेणं लवणे समुद्दे वेलं नातिकमइ से तेणद्वेणं जाव वाया वायंति, अस्थि णं भंते! ईसिं पुरेवाया पत्थावाया मंदावाया महावाया वायति ?, हंता अस्थि, कया णं भंते ! ईसिं जाव वायंति ?, गोयमा ! जया णं वाउयाए अहारियं रियति तया इंसि जाव वायं वायंति, अस्थि णं मते ! इंसिंग। हंता अस्थि, कया णं भंते ! ईसिं पुरेवाया पत्था०, गोयमा ! जया णं वाउयाए उत्तरकिरियं रियइ तया णं ईसिं जाव वायंति, अस्थि णं भंते ! ईसिं० १.हंता अस्थि, कया णं भंते! ईसिं पुरेवाया पत्था०?, गोयमा! जया णं बाउकुमारा बाउकुमारीओ वा अप्पणो वा परस्स वा तदुभयस्स वा अट्ठाए बाउकार्य उदीरेंति तया णं ईसिं पुरेवाया जाव वायंति, वाउकाए णं भंते ! वाउकार्य चेव आणमंति पाण० जहा खंदए तहा चत्तारि आलावगा नेयव्वा, अणेगसयसहस्स० पुढे उद्दाति वा, ससरीरी निक्खमति ।१७९॥ अह भंते ! ओदणे कुम्मासे सुरा एए णं किंसरीराति वत्तव्यं सिया?, गोयमा ! ओदणे कुम्मासे सुराए य जे घणे दब्बे एए णं पुयभावपन्नवणं पडुच वणस्सइजीवसरीरा तओ पच्छा सत्यातीया सत्थपरिणामिआ अगणिज्झामिया अगणिझुसिया अगणिसेविया अगणिपरिणामिया अगणिजीवसरीराति वनव्यं सिया, सुराए य जे दवे दवे एए णं पृथ्यभावपन्नवणं पड़च आउजीवसरीरा०, तओ पच्छा सत्यातीया जाच अगणिकायसरीराति बत्तव्वं सिया, अहन्नं भंते ! अए तंबे तउए सीसए उबले कसट्टिया एए णं किंसरीराइ वत्तव्यं सिया?, गोयमा! अए तंवे तउए सीसए उव(म०)ले कस(प्र०म)हिया, एए णं पुव्वभावपन्नवणं पडुच पुढवीजीवसरीरा० तओ पच्छा सत्यातीया जाव अगणिजीवसरीराति बत्तव्वं सिया, अहण्णं भंते! अट्ठी अद्विज्झामे चम्मे चम्मज्झामे रोमे २सिंगे रखुरे २ नखे २ एतेणं किंसरीराति बत्तय सिया?, गोयमा ! अट्ठी चंमे रोमे सिंगे खुरे नहे एएणं तसपाणजीवसरीराति० अहिज्झामे चम्मज्झामे रोमज्झामे सिंग० खुरणहज्झामे एए णं पुबभावपण्णवणं पडुच तसपाणजीवसरीराति० तओ पच्छा सत्यातीया जाव अगणिजीव०ति वत्तव्यं सिया, अह मंते! इंगाले छारिए भुसे गोमए एसणं किंसरीराति बत्तव्वं सिया?, गोयमा ! इंगाले छारिए भुसे गोमए एए णं पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च एगिदियजीवसरीरप्पओगपरिणामियाति जाव पंचिंदियजीवसरीरप्पओगपरिणामियाति० तओ पच्छा सत्यातीया जाव अगणिजीवसरीराति बत्तव्वं सिया। १८० । लवणे णं भंते ! समुद्दे केवतियं चक्कवालविक्खंभेणं पं०१, एवं नेयव्यं जाव लोगद्विती लोगाणुभावे। सेवं भंते ! २त्ति भगवं जाव विहरइ । १८१॥ श०५ उ०२॥ अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमातिक्खंति भा०प० एवं प० से जहानामए जालगंठिया सिया आणपब्विगंठिया अणंतरगंठिया परंपरगंठिया अचमनगंठिया अन्नमन्नगुरुयत्ताए अन्नमन्नभारियत्ताए अन्नमन्नगुरुयसंभारियत्ताए अण्णमण्णघडत्ताए जाब चिट्ठति एचामेव बहुणं जीवाण बहसु आजातिसयसहस्सेसु बहूई आउयसहस्साई आणुपुचि गढियाई जाव चिट्ठति, एगेऽविय णं जीवे एगेणं समएणं दो आउयाई पडिसंवेदयति, तंजहा-इहभवियाउयं च (४९) १९६ श्रीभगवत्यंग-art-4 मुनि दीपरत्नसागर RSSFEARSPESABPEEMBPSEPICHRSHABARPORAGNIRSARIPOMISPHAYARIPASHASPARR848P8AREPARSARBATIONAL Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परभक्यिाउयं च, जंसमयं इहमवियाउयं पडिसंवेदेइ तंसमयं परमवियाउयं परिसंवेदेह जाव से कहमेयं भंते ! एवं ?, गोयमा ! जन्नं ते अन्नउत्थिया० तं चेव जाव परभवियाउर्य च, जे ते एकमाइंसु मिच्छा ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमातिक्खामि जाव परूवेमि० अन्नमन्नघडताए चिट्ठति एवामेव एगमेगस्स जीवस्म बहुहिं आजातिसहस्सेहि बहूई आउयसहस्साई आणुपुधि गढियाई जाव चिट्ठति, एगेऽविय णं जीवे एगेर्ण समएणं एर्ग आउयं पडिसंवेदेड, तं०-इहभवियाउयं वा परमावियाउयं वा०।१८२। जीवे णं मंते ! जे अविए नेइएसु उववज्जित्तए से णं भंते! किं साउए संकमइ निराउए संकमइ, गोयमा ! साउए संकमइ नो निराउए संकमइ, से णं भंते! आउए कहिं कडे कहिं समाइण्णे ?, गोयमा! पुरिमे भवे कडे पुरिमे भवे समाइण्णे, एवं जाव वेमाणियाणं दंडओ, से नूर्ण भंते! जे जमविए जोणि उववजित्तए से तमाउयं पकरेइ, ०-नेरइयाउयं वा जाच देवाउयं दा?, हंता गोयमा! जे जंभविए जोणि उववजित्तए से तमाउयं पकरेइ, सं०. नेरहयाउयं वा तिरि० मणु देवाउयं वा, नेरहयाउयं पकरेमाणे सत्तविहं पकरेइ, तं०-रयणप्पभापुढवीनेरइयाउयं वा जाच अहेसत्तमापढवीनेरडयाउयं वा, तिरिक्खजोणियाउयं पकरेमाणे पंचविहं पकरेइ, सं०-एगिदियतिरिक्खजोणियाउयं वा भेदो सब्बो भाणियव्यो, मणस्साउयं दुविह, देवाउयं चउविहं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! । १८३॥ श० ५ उ०३॥ छउमत्थे णं भंते ! मणुस्से आउडिजमाणाई सहाइं सुणेइ, तं०-संखसहाणि वा सिंगस० संखियस० खरमुहिस. पोयास० परिपिरियास० पणवस० पडहस० भंभास होरंभस० मेरिसदाणि वा माइरिस दुंदुहिसक तयाणि वा वितयाणि वा घणाणि या मुसिराणि वा ?,हंता गोयमा ! छउमत्थे णं मणसे आउडिजमाणाई सद्दाई सुणेइ, तं०-संखसहाणि वा जाव झुसिराणि वा, ताई भंते! किं पुट्ठाई सुणेइ अपुट्ठाई सुणेह?, गोयमा ! पुढाई सुणेइ नो अपुट्टाई सुणेइ, जाव नियमा छदिसिं सुणेर, छउमत्ये णं मणुस्से कि आरगयाई सहाई सुणेइ पारगयाइं सहाई सुणेइ ?, गोयमा! आरगयाई सद्दाई सुणेइ नो पारगयाई सहाई सुणे, जहाणं मंते ! छउमत्ये मणुस्से आरगयाई सहाई सुणेइ नो पारगयाई सहाई सुणेइ तहा णं भंते ! केवली मणुस्से कि आरगयाई सहाई सुणेइ पारगयाई सदाहं सुणेइ ?, गोयमा ! केवली णं आरगयं वा पारगर्य वा सव्वदूरमूलमणतियं सदं जाणेइ पासेइ, से केणद्वेणं तं चेव केवली णं आरगयं वा पारगयं वा जाव पासइ, मोयमा! केवली णं पुरच्छिमेणं मियंपि जाणइ० अमियंपि जा एवं दाहिणेणं पचत्यिमेणं उत्तरेणं उड्ढे अहे मियंपि जाणइ अमियंपि जा० सव्वं जाणइ केवली सव्वं पासइ केवली सव्वओ जाणइ पासइ० सव्वकालं जा० पा० सबभावे जाणइ पासह केवली, अणते नाणे केवलिस्स अणंते दंसणे केवलिस्स निम्बुडे नाणे केवलिस्स निबुढे दसणे केवलिस से तेणडेणं जाव पासइ।१८४॥ छउमत्ये णं मंते! मणुस्से हसेज वा उस्सुयाएज वा, हंता हसेज वा उस्सुयाएजवा, जहाणं भंते ! छउमत्थे मणुसे इसेज वा उस्सु तहाणं केवलीवि हसेज वा उस्सुयाएज वा?, गोयमा ! नो इणढे समढे, से केणद्वेणं भंते! जाव नो णं तहा केवली हसेज वा उस्सुयाएज वा?, गोयमा! जण्णं जीचा चरित्तमोहणिजस्स कम्यस्स उदएणं हसति वा उस्सुयायति वा से णं केवलिस नस्थि, से तेणद्वेणं जाव नो ण तहा केवली हसेज वा उस्सुयाएज वा, जीवे णं भंते ! इसमाणे वा उस्सुयमाणे या कइ कम्मपयडीओ बंधइ, गोयमा! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहरंधए वा, एवं जाय वेमाणिएपोहत्तिएहिं जीवेगिंदियवजो तियभंगो, छउमत्थे णं भंते ! मणूसे निदाएज्ज वा पयलाएज वा?, इंता निहाएज या पयलाएज वा, जहा हसेज वा तहा नवरं दरिसणावरणिजस्स कम्मस्स उदएणं निहायति वा पयलायति वा, से णं केवलियस्स नत्यि तं चेव, जीवे भंते ! निहायमाणे वा पयलायमाणे वा कति कम्मपडीओ बंधइ ?, गोयमा! सत्तविहबंधए वा अढविहवंधए वा, एवं जाय वेमाणिए, पोहत्तिएसु जीवेगिंदियवजो तियभंगो। १८५। हरी णं भंते ! हरिणेगमेसी सकदूए इत्थीगभं संहरमाणे किं गम्भाओ गम्भं साइरह गम्भाओ जोणि सादर जोणीओ गम्भं साहरइ जोणीओ जोणिं साहरह?, गोयमा! नो गम्भाओ गम्भं साहरइ नो गम्भाओ जोणिं साहब नो जोणीओ जोणि साहरइ परामुसिय२ अव्वाबाहेणं अव्वाचाहं जोणीओ गम्भं साहर, पभू णं मंते! हरिणेगमेसी सकस्स दूए इत्यीगम्भं नहसिरसि वा रोमकूवंसि वा साहरित्तए वा नीहरित्तए वा?, हंता पभू, नो वेवणं तस्स गम्भस्स किंचिवि आचाहं वा विचाहं वा उपाएजा छविच्छेदं पुण करेजा, एमुहुमं च णं साहरिज वा नीहरिज वा । १८६। तेणं कालेणं० समणस्म भगवओ महा. वीरस्स अंतेवासी आइमुत्ते णामं कुमारसमणे पगतिमहए जाब विणीए, तए णं से अहमुत्ते कुमारसमणे अण्णया कयाई महाबुट्टिकायंसि निवयमाणंसि कक्खपडिग्गहरयहरणमायाए बहिया संपढिए विहाराए, तए णं से अइमुत्ते कुमारसमणे वाहयं वहमाणं पासइ ता मट्टियाए पालिं बंधइत्ता णाविया मे.२ नाचिओविच णावमयं पहिग्गहगं उदगंसि कट्ट पब्बाहमाणे २ अभिरमइ, तंच थेरा अदक्सु, जेणेव समणे भगव० तेणेव उवागच्छति त्ता एवं वदासी एवं खलु देवाणुपियाणं अंतेवासी अतिमुत्ते णामं कुमारसमणे से णं भंते ! अतिमुत्ने कुमारसमणे कविहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिहिति जाव अंतं करेहिति ?, अज्जो ! समणे भगवं महावीरे ते बेरे एवं वयासी एवं खलु अज्जो! मम अंतेवासी अहमुत्ते णाम कुमारसमणे १९७ श्रीभगवत्यंगं - ५ मुनि दीपरनसागर Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SHOPEMOHAMREPEHAPASPARNIYAMISFERENASPRSSF6SHASPICARPEMPERARBP36287848PNIOASPERMON8343 पगतिभदए जाप विणीए से णं अइमुत्ते कुमारसमणे इमेण चेव भवग्गहणेणं सिज्झिहिति जाच अंतं करेहिति, तं मा णं अजो! तुम्भे अतिमुत्तं कुमारसमणं हीलेह निंदह खिसह गरहह अवमत्रह, तुन्भे णं देवाणुप्पिया! अतिमुत्तं कुमारसमणं अगिलाए संगिण्हह अगिलाए उवगिण्हह अगिलाए भत्तेणं पाणेणं विणयेणं वेयावडियं करेह, अइमत्ते णं कमारसमण अंतकरे चेव अंतिमसरीरिए चेव, तए णं ते थेरा भगवंतो समणेणं भगवया म० एवं बुत्ता समाणा समणं भगवं महावीरं वदति नमसंति त्ता अइमुत्तं कुमारसमणं अगिलाए संगिण्हति जाव वेयावडियं करेंति । १८७॥ तेणं कालेणं महासुक्काओ कप्पाओ महासग्गाओ महा (प० महासामाणाओ) विमाणाओ दो देवा महिड्ढीया जाव महाणुभागा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं पाउम्भूया, तए णं ते देवा समणं भगवं महावीरं मणसा वंदति नमसंति त्ता मणसा चेव इमं एयारूवं वागरणं पुच्छंति-कति णं भंते ! देवाणुप्पियाणं अंते. बासीसयाई सिज्झिहिंति जाव अंतं करेहिंति ?, तए णं समणे भगवं महावीरे तेहिं देवेहि मणसा पुढे तेसिं देवाणं मणसा चेव इमं एतारूबं वागरणं वागरेति-एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम सत्त अंतेवासीसयाई सिज्झिहिंति जाव अंतं करेहिंति, तए णं ते देवा समणेणं भगवया महावीरेणं मणसा पुढेणं मणसा चेव इमं एयारूवं वागरणं वागरिया समाणा | सुस्ससमाणा णमंसमाणा अभिमहा जाव पज्जवासंति.तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स 18 जेटे अंतेवासी इंदभूती णामं अणगारे जाव अदूरसामंते उड्ढंजाणू जाव विहरति. तए णं तस्स भगवओ गोयमस्स झाणंतरियाए वट्टमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पव जित्था-एवं खलु दो देवा महिड्ढीया जाव महाणुभागा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं पाउम्भूया तं नो खलु अहं ते देवे जाणामि कयराओ कप्पाओ वा सम्गाओ वा विमा णाओ? कस्स वा अत्थस्स अट्ठाए इहं हब्वमागया?, तं गच्छामि णं समणं भगवं महावीरं वदामि णमंसामि जाव पज्जुवासामि त्ता इमाई चणं एयारुवाई वागरणाइं पुच्छिस्सामित्ति. कटु एवं संपेहेति त्ता उट्टाए उद्वेति त्ता जेणेव समणे भगवं महा० जाव पज्जुवासति, गोयमादि समणे भगवं म. भगवं गोयमं एवं पदासी-से गुणं तव गोयमा ! झाणतरियाए वट्टमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाव जेणेव ममं अंतिए तेणेव हब्वमागए से णूण गोयमा ! अत्थे समत्थे ?, हंता अत्थि, तं गच्छाहि णं गोयमा! एए चेव देवा इमाई एयारूचाई वागरणाई वागरेहिति, तए णं भगवं गोयमे समणेणं भगवया महावीरेणं अम्भणुनाए समाणे समणं भगवं महावीरं वंदहणमंसति त्ता जेणेव ते देवा तेणेव पहारेत्थ गमणाए, तए णं ते देवा भगवं गोयमं पएजमाणं पासंति त्ता हट्ठा जाव हयहियया खिप्पामेव अम्भुढेति त्ता खिप्पामेव अब्भुवगच्छंति त्ता जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागच्छंति त्ता जाव णमंसित्ता एवं वयासी-एवं खलु भंते ! अम्हे महासुकातो कप्पातो महासामाणाओ विमाणाओ दो देवा महिइढिया जाव पाउन्भूता तए णं अम्दे समणं भगवं महावीरं वेदामो णमंसामो त्ता मणसा चेव इमाई एयारुवाई वागरणाई पुच्छामो-कति णं भंते ! देवाणुप्पियाणं अंतेवासीसयाई सिज्झिहिंति जाव अंतं करेहिति', तए णं समणे भगवं महावीरे अम्हेहिं मणसा चेव पुढे अम्हं मणसा चेव इमं एयारूवं वागरणं वागरेति-एवं खलु देवाणु० मम सत्त अंतेवासीसयाई जाच अंतं करेहिंति, तएणं अम्हे समणेणं भगवया महावीरेणं मणसा चेव पुट्टेणं मणसा चेव इमं एयारूवं वागरणं वागरिया समाणा समणं भगवं महावीरं वंदामो नमसामो जाव पज्जुवासामोत्तिकटु भगवं गोतमं वदति नमसंति त्ता जामेव दिसिं पाउ० तामेव दिसिं प०।१८८। भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं जाव एवं वदासी-देवा णं भंते ! संजयाति वत्तव्यं सिया ?, गोयमा ! णो तिणढे समढे, अम्भक्साणमेयं, देवा णं भंते! असंजताति वत्तव्यं सिया ?, गोयमा! णो तिणढे०, णिठ्ठखयणमेयं, देवा णं भंते! संजयासंजयाति वत्तव्वं सिया?, गोयमा ! णो तिणढे समढे, असब्भूयमेयं देवाणं, से किं खाति णं भंते! देवाति वत्तव्वं सिया?.गोयमा! देवाणं नोसंजयाति वत्तव्वं सिया।१८९। देवा णं भंते! कयराए भासाए भासंति?, कयरा वा भासा भासिज्जमाणी विसिस्सति?, गोयमा! देवा णं अद्धमागहाए भासाए भासंति, साऽवि य णं अदमागहा भासा भासिजमाणी विसिस्सति । १९० । केवली णं भंते ! अंतकरं वा अंतिमसरीरियं वा जाणति पासइ ?, हंता गोयमा ! जाणति पासति, जहा णं भंते ! केवली अंतकरं वा अंतिमसरीरियं वा जाणति पासति तहा णं छउमत्थेऽवि अंतकरं वा अंतिमसरीरियं वा जाणति पासति?, गोयमा णो तिणद्वे समढे, सोच्चाणं जाणति पासति, पमाणतो वा, से कि तं सोचा थे०१, केवलिस्स या केवलिसावयस्स वा केवलिसावियाए वा केवलिउवासगस्स वा केवलिउवासियाए वा तप्पक्खियस्स वा तप्पक्खियसावगस्स वा तप्पक्खियसावियाए वा तप्पक्खियउवासगस्स वा तप्पक्खियउवासियाए वा से तं सोचा। १९१ । से किं तं पमाणे ?. पमाणे चउव्विहे पं० त०-पच्चक्खे अणुमाणे ओवम्मे आगमे, जहा अणुओगदारे तहा णेयव्वं पमाणं जाव तेण परं नो अत्तागमे नो अणंतरागमे परंपरागमे ।१९। केवली णं भंते! चरिमकम्मं वा चरिमणिज्जरं वा जाणति पासति?, हंता गोयमा ! जाणति पासति, जहा ण भंते! केवली चरिमकम्मं जहा अंतकरेणं आलावगो तहा चरिमकम्मेणवि अपरिसेसिओ णेयच्यो ।१९३। केवली णं भंते! पणीयं मणं वा वई १९८ श्रीभगवत्यंग - - मुनि दीपरत्नसागर 2423049KRAD933439424428982494543893485848502849342362348924284889390226943243434 Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1054SPERMA8%8680PICAROPEMPEMBREACHEMBPSPEAKPSHASHIRSSPOESMSPICKSPIRVASHRARPRASPIRA वा धारेजा ?, हंता धारेजा, जहा(ज) ण भंते! केवली पणीय मणं वा वई वा धारेजातं ण वेमाणिया देवा जाणंति पासंति ?, गोयमा ! अत्येगतिया जाणंति पा० अत्येगतिया न जाणंति नपा०, से केण?णं जाव ण जाणंति ण पासंति ?, गोयमा ! वेमाणिया देवा दुबिहा पं० २०-माइमिच्छादिहिउवचन्नगा य अमाइसम्मदिद्विउववन्नया य, तत्थ णं जे ते माइमिच्छादिट्ठीउववन्नगा ते न याणंति न पासंति, तत्य णं जे ते अमाईसम्मदिट्ठीउववागा ते णं जाणंति पासंति, तेण एवं वु०, एवं अणंतरपरंपरपजत्तअपज्जत्ता य उवउत्ता अणुउवत्ता, तत्य णं जे ते अणुवउत्ता०,तत्व णं जे ते उवउत्ताते जा० पा० से तेणटेणं तं चेव। १९४। पभूणं भंते! अणुत्तरोववाइया देवा तत्थगया चेव समाणा इहगएणं केवलिणा सहिं आलावं वा सला वा करेत्तए ?. हंता प, से केणद्वेणं जाव पम् णं अणुत्तरोवाइया देवा जाव करेत्तए?. गोयमा! जया गं अणत्तरोवाइया देवा तत्वगया चेव समाणा अटू वा हेउं वा पसिणं वा कारण वा वागरणं वा पुच्छंति तए णं दहगए केवली अटुं वा जाच वागरणं वा वागरेति से तेणट्टेणं०, जनं भंते ! इहगए पेव केवली अहूँ वा जाव चागरेति तणं अणुसरोववाइया देवा तत्थगया चेव समाणा जा० पा.१,हंता जाणंति पासंति, से केणद्वेणं जाव पासंति ?, गोयमा ! तेसिं णं देवाणं अर्णताओ मणोदव्ववग्गणाओ लदाओ पत्ताओ अभिसमनागयाओ भवंति से तेणतुणं० जण्णं इहगए केवली जाव पा०।१९५। अणुत्तरोववाइया णं भंते ! देवा किं उदिनमोहा उपसंतमोहा सीणमोहा?, गोयमा ! नो उदिन्नमोहा उपसं. तमोहा णो खीणमोहा। १९६। केवली गं मंते ! आयाणेहिं जा० पा०, गोयमा ! णो तिणढे स०, से केणतुणं जाव केवली णं आयाणेहिं न जाणइन पामइ. गोयमा ! केवली णं पुरच्छिमेणं मियपि जाणइ अमियंपि जा० जाव निम्बुड़े दसणे केवलिस्स से तेण।१९७। केवली णं भंते ! अस्मि समयंसि जेसु आगासपदेसेसु हत्यं वा पायं वा बाहुं वा ऊर्क बा ओगाहित्ताणं चिट्ठति पभू णं भंते! केवली सेयकालंसिवि वेसु वेव आगासपदेसेसु इत्यं वा जाव ओगाहित्ताणं चिट्ठित्तए?, गोयमा ! णो ति०, से केणद्वेणं भंते! जाय केवली णं अस्सिं समयंसि जेसु आगासपदेसेसु हत्यं वा जाब चिट्ठति णो ण पभू केवली सेयकालंसिवि तेसु चेव आगासपएसेस हत्यं वा जाब चिट्टित्तए. गो.! फेवलिस्म णं पीरियसजो. गसहब्वयाए चलाई उवकरणाई भवंति, चलोषगरणट्ठयाए य णं केवली अस्सि समयंसि जेसु आगासपदेसेसु हत्यं वा जाव चिट्ठति णो णं पभू केवली सेयकालंसिवि तेसु चेव जाव चिट्टित्तए, से तेणतुणं जाच बुच्चइ-केवली णं अस्सि समयंसि जाप चिट्टित्तए । १९८। पभू णं भंते ! चोदसपुब्वी घडाओ घडसहस्सं पडाओ पढसहस्सं कडाओ २ रहाओ २ छत्ताओ छत्तसहस्सं दंडाओ दंडसहस्सं अभिनिव्ववेत्ता उवदंसेत्तए?, हंता पभू, से केणटेणं० पभू चोदसपुव्वी जाव उवदंसेत्तए ?,गोयमा! चउदसपुचिस्स णं अर्णताई दव्याई उकरियाभेपूर्ण भिजमाणाई लखाई पत्ताई अभिसमनागयाई भवंति, से तेणट्टेणं जाव उवदंसित्तए। सेवं मंते !२।१९९॥ श०५ उ०४॥ छउमत्थे णं भंते ! मणूसे तीयमणतं सासयं समयं केवलेणं संजमेणं जहा पढ़मसए चउत्थुद्देसे आलावगा तहा नेयच्चा जाब अलमत्थुत्ति वत्तव्यं सिया।२००1 अन्नउत्थिय त्तिव्वं सिया ।२००1 अन्नउत्थिया णं भंते! एचमातिक्खंति जाव परूवेति सब्वे पाणा सव्वे भूया सब्बे जीवा सब्वे सत्ता एवंभूयं वेदणं वेदेति, से कहमेयं भंते ! एवं ?. गोयमा ! जणं ते अन्नउस्थिया एवमातिक्खंति जाव वेदेति जे ते एवमाहंसु मिच्छा ते एकमाइंसु, अहं पुण गोयमा! एवमातिक्खामि जाव परूबेमि-अत्थेगइया पाणा भूया जीवा सत्ता एवंभूयं वेदणं वेदेति अत्थेगइया पाणा भूया जीवा सत्ता अनेवभूयं बेदणं बेति, से केणट्टेणं अत्थेग. तिया०तं चेव उच्चारेयव्यं, गोयमा ! जे णं पाणा भूया जीवा सत्ता जहा कडा कम्मा तहा वेदणं वेदेति ते णं पाणा भूया जीवा सत्ता एवंभूयं वेदणं वेदेति, जे णं पाणा भूया जीवा सत्ता जहा कडा कम्मा नो तहा वेदणं वेदेति ते णं पाणा भूया जीवा सत्ता अनेभूयं वेदणं वेदंति, से तेणद्वेणं तहेव, नेरइया णं भंते! किं एवंभूयं वेदणं वेदेति अनेवभूयं वेदणं वेदति?, गोयमा! नेरइया णं एवंभूयं वेदणंपि वेदेति अनेवंभूयंपि वेदणं वेदति, से केणट्टेणं तं चेच, गोयमा ! जे णं नेरइया जहा कडा कम्मा तहा पेयणं वेदेति ते णं नेहया एवंभूयं वेदणं वेदेति, जे णं नेरतिया जहा कडा कम्मा णो नहा वेदणं वेदेति ते ण नेरइया अनेवभूयं वेदणं वेदेति, से तेणट्टेणं०, एवं जाव वेमाणिया, संमारमंडलं नेयच्वं। २०१। जंबुडीवे णं भंते! दीवे भारहे वासे इमीसे ओस० कई कुलगरा होत्या?,गोयमा सत्त एवं तित्थयरा तित्थयरमायरो पियरो पढमा सिस्सिणीओ चकवहिमायरो इत्थिरयणं बलदेवा वासुदेवा वासुदेवमायगे चलक बासु पियरो, एएसि पडिसत्तू जहा समवाए परिवाढी तहा यब्बा । सेवं भते!२जाब विहरदा२०२॥ श०५ उ०५॥ कहण्णं भंते ! जीवा अप्पाउयत्ताए कम्मं पकरेंति?, गोयमा! तीहिं ठाणेहिं तं०- पाणे अइवाएत्ता मुसं वइत्ता तहारूवं समणं वा माहणं वा अफासुएणं अणेसणिजेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलामेत्ता, एवं खलु जीवा अप्पाउयत्नाए कम्म पकरेंति, कहणं भंते! जीवा दीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति ?, गोयमा ! तीहिं ठाणेहिं तं०- नो पाणे अतिवाइत्ता नो मुसं वइत्ता तहारूवं समणं वा माहणं वा फासुएसणिजेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेत्ता, एवं खलु जीवा दीहाउयत्ताए कम्म पकरेंति, कहनं भंते! जीवा असुभदीहाउयत्ताए कम्म पकरेंति?, गोयमा !० पाणे अइवाइत्ता मुसं वइत्ता तहा१९९ श्रीभगवत्यंग -सत मुनि दीपरत्नसागर Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रूवं समणं वा माहणं का हीलिता निंदित्ता खिंसित्ता गरहित्ता अवमनित्ता अन्नयरेणं अमणुत्रेणं अपीतिकारएणं असणपाणखाइमसाइयेणं पढिलाभेत्ता, एवं खलु जीवा असुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति, कहनं भंते! जीवा सुभदीहाउयत्ताए कम्मं एकरैति ?, गोयमा !० नो पाणे अइवाइता नो मुख बत्ता तहारूवं समणं वा माहणं वा वंदित्ता नर्मसित्ता जाव पवासित्ता अन्नयरेणं मणुन्नेणं पीइकारएणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेत्ता, एवं खलु जीवा सुभदीहाउयताए कम्मं एकरेंति । २०३ । गाहावइस्स णं भंते! भंड चिकिणमाणस्स केई भंड अवहरेजा, वस्त्र णं भंते! तं भंडे अणुगवेसमाणस्स कि आरंभिया किरिया कजइ परिग्गहिया० माया० अप० मिच्छा ?, गोयमा ! आरंभिया किरिया कज्जइ परि० • माया० अपच मिच्छादंसणकिरिया सिय कज्जई सिय नो कज्जइ, अह से भंडे अभिसमन्नागए भवति तज से पच्छा सब्बाओ ताओ पयणुईभवंति गाडावतिस्स णं भंते! तं भंड विकिणमाणस्स कविए मंडे सातिजेजा भंडे य से अणुवणीए सिया गाहावतिस्स णं भंते! ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जइ जाब मिच्छादंसणकिरिया कज्जड ?, कइयस्स वा ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कजइ जाव मिच्छादंसणकिरिया कलह ?, गोयमा! गाहावइस्स ताओ भंडाओ आरंभिया किरिया कज्जइ जाब अपचक्खानिया मिच्छादंसणवत्तिया किरिया सिय कजइ सिय नो कज्जइ, कवियस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुईभवंति गाहावतिस्स णं भंते! मंडं विक्किणमाणस्स जाव भंडे से उबणीए सिया कतियस्स णं भंते! ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जति० गाहावइस्स वा ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जति० १, गोयमा ! कइयस्स ताओ भंडाओ हेट्ठिहाओ चत्तारि किरियाओ कजति मिच्छादंसणकिरिया भयणाए०, गाहावतिस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुईभवंति गाहावतिस्स णं भंते! भंडं जाव धणे य से अणुवणीए सिया० एपि जहा भंडे उवणीए तहा नेयच्यं चटत्थी आलावगो, धणे से उचणीए सिया जहा पढ़मो आलावगो, भंडेय से अणुवणीए सिया तहा नेयथ्यो, पढमचउत्थानं एको गमो बितीयतईयाणं एको गमो, अगणिकाए णं भंते! अहुणो (प्र० अणु)जलिते समाणे महाकम्मतराए चैव महाकिरियतराए चैव महासवतराए चैव महावेदणतराए चैव भवति, आहे णं समए २ वोकसिजमाणे २ चरिमकालसमयंसि इंगालभूए मुम्मुरभूते छारियभूए तओ पच्छा अप्पकम्मतराए चेव अप्पकिरियतराए चेव अप्पासवतराए चेव भवति ?, हंता गोयमा ! अगणिकाए णं अणुज्जलिए समाणे तं चैव । २०४। पुरिसे णं भंते! धणुं परामुसइ ता उसे परामुसइ ता ठाणं ठाइ ता आयतकण्णाययं उसुं करेति त्ता उड्ढं वेहासं उ उब्विहइ ता ततो णं से उसे उड़ढं बेहास उब्बिहिए समाणे जाई तत्थ पाणाई भूयाई जीवाई सत्ताई अभिहणइ वत्तेति लेस्सेति संघाएइ संघद्वेति परितावे किलामेइ ठाणाओ ठाण संकामेइ जीवि याओ ववशेवेह तए णं भंते से पुरिसे कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे धणुं परासमुइ जाव उब्विदइ तावं च णं से पुरिसे कालियाए जाब पाणातिवायकिरियाए पंचहिं' किरियाहिं पुढे, जेसिपि य णं जीवाणं सरीरेहिं घणू निव्यत्तिए तेऽचिय णं जीवा काइयाए जाब पंचहि किरिगाहिं पुट्ठा, एवं धणुपुढे पंचहि किरियाहिं, जीवा पंचहिं, हारू पंचहिं, उसू पंचर्हि, सरे पत्तणे फले हारू पंचहि । २०५ । अहे णं से उसे अप्पणो गुरुयत्ताए भारियत्ताए गुरुसंभारियत्ताए अहे बीससाए पश्च्चोवयमाणे जाई तत्थ पाणाई जाव जीवियाओ वक्रोवेइ तावं च णं से पुरिसे कतिकिरिए ?, गोयमा ! जावं च णं से उम्र अप्पणो गुरुपयाए जाव वक्रोवेइ तावं च णं से पुरिसे काइय़ाए जाव चउहिं किरियाहिं जुडे, जेसिंपि य णं जीवाणं सरीरेहिं धणू निव्वत्तिए तेऽवि जीवा चउहिं किरियाहिं, धणूपुढं चउहिं, जीवा चउहिं, हारू चउहिं, उस पंचहिं, सरे पत्तणे फले व्हारू पंचहिं, जेऽवि य से जीवा अहे पचोवयमाणस्स उवगहे चिठ्ठति तेऽविय णं जीवा कांतियाए जाव पंचर्हि किरियाहिं पुट्ठा। २०६। अण्णउत्थिया णं भंते! एवमातिक्खति जाव परूवेंति से जहानामए जुवतिं जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेष्हेजा चकस्स वा नाभी अरगाउत्ता सिया एवामेव जाव चत्तारि पंच जोयणसयाई बहुसमाइने मणुयलोए मणुस्सेहिं से कहमेयं भंते! एवं १, गोयमा ! जण्णं ते अण्ण उत्थिया जाक मणुस्सेहिं जे ते एवमाहंसु मिच्छा०, जहं पुण गोयमा ! एवमातिक्खामि जाव एवामेव चत्तारि पंच जोयणसयाई बहुसमावण्णे निरयलोए नेरइएहिं । २०७। नेरइया णं भंते! किं एगत्तं पभू बिउब्वित्तए ? पृहुत्तं पभू बिउव्यित्तए, जहा जीवाभिगमे आलावगो तहा नेयव्वो जाव दुरद्दियासे । २०८। आहाकम्मं अणवजेत्ति मणं पहारेत्ता भवति, से णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकंते कालं करेइ नत्थि तस्स आराहणा, से णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिते कालं करेइ अत्थि तस्स आराहणा, एएणं गमेणं नेयव्वं कीयगडं ठचियं रइयं कंतारमन्तं दुग्भिक्खभत्तं बद्दलियाभतं गिलाणभत्तं सेजायरपिंडं रायपिंडं, आहाकम्मं अणक्जेति बहुजणमज्झे भासित्ता सयमेव परिभुंजित्ता भवति से णं तस्स ठाणस्स जाव अस्थि तस्म आराहणा, एयंपि तह वेव जाव रायपिंडं, आहाकम्मं अणवजेत्तिः सयं अन्नमनस्स अणुप्पदावेत्ता भवति, से णं तस्स एवं तह चैव जाव रायपिंडं, आहाकम्मं णं अणवज्ञेत्ति बहुजणमज्झे पनवतित्ता भवति से णं तस्स जाव अस्थि आराहणा जाब रायपिंडं । २०९ । आयरियउवज्झाए णं भंते! सक्सियसि गणं जगिलाए संगिण्हमाणे अमिलाए उगिन्हमाणे कतिहि भवग्गहणेहिं सिज्झति जाव अंतं करेति ?, गोयमा ! अत्येगतिए तेयेव भवाहणेणं सिज्झति अत्येगतिए दोषेणं भवग्गणेणं सिज्झति तच पुण भवग्गहणं णातिक्रमति (५०) मुनि दीपरत्नसागर २०० श्रीभगवत्यं सतं Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 4 | २१० । जे णं भंते! परं अलिएणं असम्भूतेणं अभक्खाणेणं अब्भक्खाति तस्स णं कहप्पगारा कम्मा कजंति ?, गोयमा ! जे णं परं अलिएणं असंतवयणेणं अन्भक्खाणेणं अन्भक्खाति तस्स णं तदप्पगारा चेव कम्मा कांति, जत्थेव २ णं अभिसमागच्छति तत्थेव २ णं पडिसंवेदेति ततो से पच्छा वेदेति । सेवं भंते! २ति । २११ ॥ श०५ उ० ६ ॥ परमाणुपोग्गले णं भंते! एयति वेयति जाव तं तं भावं परिणमति ?, गोयमा सिय एयति वेयति जाव परिणमति सिय णो एयति जाव णो परिणमति, दुपदेसिए णं भंते! खंधे एयति जाव परिणमह?, गोयमा सिय एयति जाब परिणमति सिय गो एयति जाव णो परिणमति, सिय देसे एयति देसे नो एयति, तिप्पएसिए णं भंते! संधे एयति०, गोयमा सिय एयति सिय नो एयति सिय देसे एयति नो देसो एयति सिय देसे एयति नो देसा एयंति सिय देसा एवंति नो देसे एयति, चउप्पएसिए णं भंते! खंधे एयति० १, गोयमा सिय एयति सिय नो एयति सिय देते एयति णो देसे एयति सिय देसे एयति णो देसा एयंति सिय देसा एयंति नो देसे एयति सिय देखा एयंति नो देसा एयंति, जहा चउप्पदेसिओ तहा पंचपदेसिओ, तहा जाव अणतपदेसिओ २१२ । परमाणुपोग्गले णं भंते! असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहेजा ?, हंता ओगाहेजा, से णं भंते! तत्थ छिज्जेज वा भिजेज वा ? गोयमा ! तिण सम, नो खलु तत्थ सत्यं कमति एवं जाव असंखेजपएसिओ, अणतपदेसिए णं भंते! खंधे असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहे जा ?, हंता ओगाहेजा, से णं तत्थ छिज्जेज वा भि जेज वा ? गोयमा! अत्थेगतिए छिज्जेज वा भिजेज वा अत्येगतिए नो छिज्जेज वा नो भिजेज वा एवं अगणिकायस्स मज्झमज्झेणं तहिं गवरं शियाएजा भाणितव्वं, एवं पुक्खल संगस्स महामेहस्स मज्झमज्झेणं तहिं उहे सिया०, एवं गंगाए महानदीए पडिसोयं हव्यमागच्छेजा, तहिं विणिहायमावजेजा०. उदगावत्तं वा उदगबिंदु वा ओगाहेजा से णं तत्थ परियावज्जेज्जा० । २१३ । परमाणुपोग्गले णं भंते! किं सअड्ढे समज्झे सपएसे उदाहु अणड्ढे अमज्झे अपएसे ?, गोयमा ! अणढ्ढे अमज्झे अपएसे नो सअड्ढे नो समज्झे नो सपएसे, दुपदेसिए णं भंते! खंधे किं सअद्धे समज्झे सपदेसे उदाहु अणद्धे अमज्झे अपदेसे ? गोयमा सजदे अमज्झे सपदेसे णो अणद्धे णो समज्झे णो अपदेसे, तिपदेसिए णं भंते! खंधे पुच्छा, गोयमा! अणढे समज्झे सपदेसे नो सअदे णो अमज्झे णो अपदेसे, जहा दुपदेसिओ तहा जे समा ते भाणियब्वा, जे विसमा ते जहा तिपएसओ तहा भाणियब्वा संखेज्जपदेसिए णं भंते! खंधे किं सअड्ढे० १ पुच्छा, गोयमा सिय सअद्धे अमज्झे सपदेसे सिय अणड्ढे समज्झे सपदेसे, जहा संखेजपदेसिओ तहा असंखेज्जपदेसिओऽवि अनंतपएसओऽवि । २१४ । परमाणुपोग्गले णं भंते! परमाणुपोग्गलं कुसमाणे किं देसेणं देस फुसइ देसेणं देसे फुसइ देसेणं सव्वं कुसइ देसेहिं देसं फुसति देसेहिं देसे फुसइ देसेहिं सव्यं कुस सव्वेणं देतं फुसति सव्वेणं देसे फुसति सब्वेणं सव्वं फुसइ ?, गोयमा! णो देसेणं देस फुसइ णो देसेणं देसे फुसति णो देसेणं सव्वं कुसइ णो देसेहि देस फुसति नो देसेहिं देसे फुसइ नो देसेहिं सव्वं सति णो सच्येणं देस फुसइ णो सब्वेणं देसे फुसति सव्वेणं सव्वं फुसइ. एवं परमाणुपोग्गले दुपदेसियं कुसमाणे सत्तमणवमेहिं फुसति, परमाणुपोग्गले तिपएसियं कुममाणे णिष्पच्छिमएहिं तिर्हि फु०, जहा परमाणुपोग्गले तिपएसियं फुसाबिओ एवं फुसावेयव्वो जाव अणतपएसिओ, दुपए सिए णं अंत ! बंध परमाणुपोग्गलं फुसमाणे पुच्छा, ततियनवमेहिं फुसति, दुपदेसिओ दुपदेसियं फुसमाणो पढमतइयसत्तमणवमेहिं फुसइ, दुपदेसिओ तिपदेसियं फुसमाणो आदितएहि य पच्छिएहि य तिहिं कुमति, मज्झमाएदि निर्दि विपडिसेहेयव्वं, दुपदेसिओ जहा तिपदेसियं कुसावितो एवं फुसावेयब्वो जाव अणतपए सियं तिपएसिए णं भंते! खंधे परमाणुपोग्गलं फुसमाणे पृच्छा, ततियच्छदुणवमेहिं फुसति, तिपएसओ दुपएसियं कुसमाणो पढमएणं ततिएणं चउत्थछट्ठसत्तमणवमेहिं फुसति, तिपएसओ तिपएसियं फुसमाणो सब्वेयुवि ठाणेसु फुसति, जहा निपसिओ निपदेसिय कुमा वितो एवं तिपदेसिओ जाव अणतपएसिएणं संजोएयब्बो, जहा तिपएसिओ एवं जाव अणतपएसओ भाणियव्वो । २१५ । परमाणुपोग्गले णं भंते! कालतो केवच्चिरं होति ?, गोयमा ! जहन्त्रेणं एवं समयं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं एवं जाव अणतपएसिओ, एगपदेसोगाडे णं भंते! पोग्गले सेए तम्मि वा ठाणे अनंमि वा ठाणे कालओ केवचिरं होइ ?. गोयमा ! जह० एवं समयं उक्को० आवलियाए असंखेजइभागं, एवं जाव असंखेज्जपदेसोगाढे, एगपदेसोगाढे णं भंते! पोग्गले निरेए कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं, एवं जाव असंखेजपदेसोगाढे, एगगुणकालए णं भंते! पोसाले कालओ केवचिरं होइ ?, गोयमा ! जह० एवं समयं उ० असंखेज्जं कालं, एवं जाव अनंतगुणकालए, एवं बन्नगंधरसफास० जाव अणंतगुणलुक्खे, एवं सुहुमपरिणए पोगले एवं बादरपरिणए पोस्गले, सहपरिणए णं भंत ! पुग्गले कालओ केवचिरं होड ?, गोयमा ! ज० एवं समयं उ० आवलियाए असंखेज्जइभागं, असद्दपरिणए जहा एगगुणकालए, परमाणुपोग्गलस्स णं भंते! अंतरं कालओ केवचिरं होइ ?, गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं उकोसेणं असंखेजं कालं, दुप्पएसियस्स णं भंते! खंधस्स अंतरं कालओ केवचिरं होइ ?, गोयमा जहन्नेणं एवं समयं उकोसेणं अणतं कालं, एवं जाव अणतपएमओ, २०१ श्रीभगवत्यं सतप मुनि दीपरत्नसागर Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ A एगपएमोगादस्स णं भंते! पोग्गलम्स सेयम्म अंतरं कालओ केवचिरं होइ ?. गोयमा! जहन्नेणं एग समयं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं, एवं जाव असंखेजपएसोगाढस्स. एगपए सोगादस्स णं भंते ! पोग्गलस्म निरेयस्स अंतरं कालओ केवचिरं होइ ?, गोयमा! जहन्नेणं एगं ममयं उकोसेणं आवलियाए असंखेजइभागं, एवं जाव असंखेजपएसोगाढे, बन्नगंधरसफाससुहुमपरिणयचायग्परिणयाणं एनेसि जचेव संचिट्टणा तं चेव अंतरंपि भाणियव्वं, सद्दपरिणयस्स णं भंते ! पोग्गलस्म अंतरं कालओ केवचिर होइ ?. गोयमा ! जहन्नेणं एग समय उक्कोसेणं असंखेज कालं, असहपरिणयस्स णं भंते ! पोग्गलस्स अंतरं कालओ केवचिरं होइ ?. गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं । २१६। एयस्स ण भंते ! दवट्ठाणाउयस्स खेतढाणाउयम्म ओगाहणट्टाणाउयस्स भावट्ठाणाउयस्स कयरे २ जाव विसेमाहिया वा?. गोयमा ! सव्वत्थोवे खेत्तट्ठाणाउए ओगाहणट्ठाणाउए असंखेजगुणे दब्बट्ठाणाउए असंखेजगणे भाषट्ठाणाउए असंखेजगुणे- खेलागाहणदव्वे भावहाणाउयं च अप्पबहुँ । खेत्ते सव्वत्थोवे सेसा ठाणा असंखेज्जा ॥३५॥२१७। नेरइया णं भंते ! किं सारंभा सपरिग्गहा उदाहु अणारंभा अपरिग्गहा?, गोयमा ! नेरइया सारंभा सपरिग्गहा नो अणारंभा णो अपरिम्गहा. से केणटेणं जाव अपरिग्गहा. गोयमा! नेस्या जे पुढवीकार्य समारंभंति जाव तसकार्य समारंभंति सरीरा परिगहिया भवंति कम्मा परिम्गहिया भवंति सचित्ताचित्तमीसयाई दव्याई परि० भ०, मे तेणटेणं तं चेव. असुरकुमारा गं भंते ! किं सारंभा०? पुच्छा, गोयमा ! असुरकुमारा सारंभा सपरिग्गहा नो अणारंभा अप०, से केणटेणं० १. गोयमा! असुरकुमारा णं पुढवीकार्य समारंभंति जाव तसकायं समारंभति सरीरा परिग्गहिया भवंति कम्मा परिगहिया भवंति भवणा परि० भवंति देवा देवीओ मणुस्सा मणुस्सीओ तिरिक्खजोणिया तिरिक्वजोणिणीओ परिग्गहियाओ भवंति आसणसयणभंडमत्तोवगरणा परिग्गहिया भवंति सचित्ताचित्तमीसयाई व्वाई परिग्गहियाई भवंति से तेणटेणं तहेव एवं जाव धणियकुमारा, एगिदिया जहा नेरइया, बेइंदिया णं भंते ! किं सारंभा सपरिग्गहा तं चेव जाव सरीरा परिम्गहिया भवंति बाहिरिया भंडमत्तोवगरणा परि० भवंति सचित्ताचित्त० जाय भवंति, एवं जाव चाउरिदिया, पंचेदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! तं चेव जाव कम्मा परि० भवन्ति टंका कूडा सेला सिहरी पम्भारा परिगहिया भवंति जलथलचित्रगृहालेणा परिम्गहिया भवति उज्झरनिहारचिवलपाइलवप्पिणा परिग्गहिया भवति अगडतडागदहनदीओ वाविपुक्खरिणीदीहिया गुंजालिया सरा सरपंतियाओ सरसरा सरसरपंतियाओ बिलाणि चिलपतियाओ परिग्गहियाओ भवंति आगमुजाणा काणणा वणाई वणसंडाई वणराईओ परिम्गहियाओ भवन्ति देवउलसभापवाथूभाखातियपरिखाओ परिग्गहियाओ भवंति पागारहालगचरियदारगोपुरा परिग्गहिया भवंति पासादघरसरणलेणआवणा परिणहिता भवंति सिंघाडगतिगचउकचचरचउम्मुहमहापहपहा परिग्गहिया भवंति सगडरद्दजाणजम्गगितिथिविसीयसंदमाणियाश्रो परिम्गहियाओ भवंति लोहीलोहकडाहकडुच्छ्या परिस्गहिया भवंति भवणा परिम्गहिया भवंति देवा देवीओ मणुस्सा मणुस्सीओ विरिक्खजोणिआ तिरिक्खजोणिणीओ आसणसयणखंभभंढसचित्ताचित्तमी परिमगहियाई भवति से तेण?ण०, जहा तिरिक्खजोणिया तहा मणुस्साऽवि भाणियच्या. वाणमंतरजोतिसवेमाणिया भवणवासी नहा नेयव्या।२१८। पंच हेऊ पं० तं. हे जाणइ हेउं पासइ हेउं बुज्झइ हेउं अभिसमागच्छति हेउं छउमत्थमरणं मरइ, पंचेव हेऊ पं० तं हे उणा जाणइ जाय हेउणा छउमत्थमरणं मरद, पंच हेऊ पं० तं० हे गमरणं मरइ, पंच हेऊ पं० तं०-हेउणा ण जाणति जाव हेउणा मरणं मरति, पंच अहेऊ पं० नं०-अहेउं जाणइ जाव अहेर्ड केवलिमरणं मरतः पंच अहेऊ । पं०२०-अहेउणा जाणइ जाव अहे उणा केवलिमरणं मरइ, पंच अहेऊ पं० २०- अहेउं न जाणइ जाव अहेउं छउमत्थमरणं मरइ, पंच अद्देऊ पं०२०-अद्देउणा न जाणइ जाब अहेउणा छउमत्थमरणं मरइ । सेवं भंते!२त्ति। २१९ ॥ श०५ उ०७॥ तेणं कालेणं० जाव परिसा पडिगया, तेणं कालेणं समणस्म जाव अंतेवासी नारयपुत्ते नामं अणगारे पगतिभहए जाव विहरति, तेणं कालेणं० समणस्स.जाव अंतेवासी नियंठिपुत्ते णामं अणगारे पगतिभदए जाव विहरति, तए णं से नियंठीपुत्ते अणगारे जेणामेव नाग्यपुत्ते अणगारे तेणेव उवागच्छइत्ता नारयपुत्तं अणगारं एवं वयासी-सव्वपोग्गला ते अजो ! किं सअड्ढा समज्झा सपएसा उदाहु अणड्ढा अमज्झा अपएसा?, अजोति नारयपुत्ते अणगारे नियंठिपुत्तं अणगारं एवं वयासी-सख्खपोग्गला मे अज्जो! सअड्ढा समझा सपदेसा नो अणड्ढा अमज्झा अप्पएसा, तए णं से नियंठिपुते अणगारे नारयपुतं अ० एवं वदासी-जति णं ते अज्जो ! सब्बपोग्गला सअड्ढा समझा सपदेसा नो अणड्ढा अमज्झा अपदेसा किं दव्वादेसेणं अज्जो ! सव्यपोग्गला सअड्दा समझा सपदेसा नो अणड्ढा अमज्झा अपदेसा?, खेत्तादेसेणं अज्जो! सख्वपोग्गला सअड्ढा समज्झा सपएसा तहेव चेव, कालादेसेणं तं चेव, भावादेसेणं अजो! तं चेव, तए णं से नारयपुत्ते अणगारे नियंठिपुत्तं अणगारं एवं वदासी. दब्यावेसेणवि मे अजो! सयपोग्गला सअड्दा समझा सपदेसा नो अणड्डा अमज्झा अपदेसा खेत्ताएसेणवि सव्वे पोग्गला सअड्ढा तह चेव कालादेसेणवि तं चेव भावादेसेणवि, २०२ श्रीभगवत्यंग - 1- मुनि दीपरत्नसागर Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ताणं में नियंठीपने अण: नाग्यपत्नं अणगारं एवं बयासी-जति णं ते अजा ! दब्बादेसेणं सबपोग्गला सबढा समझा सपएसा नो अणड्ढा अमजमा अपएसा एवं ते परमाणपोमगलेऽवि सअड्ढे समजमे सपएसे णो अणड्ढे अमज्झे अपएसे, जति णं अजो ! खेत्तादेसेणवि सब्बपोग्गला सअ० जाच एवं ते एगपएसोगादेऽवि पोग्गले साइढे समझे सपएसे. जति णं अजो! कालादेमेणं सव्वपोग्गला सअड्ढा समझा सपएसा एवं ते एगसमयठितीएऽवि पोग्गले नै चेव, जति णं अजो ! भावादेसेणं सब्बपोग्गला सअड्दा समझा सप एमा एवं ते एगगणकालएऽपि पोग्गले सअड्ढे तं चेव, अह ते एवं न भवति तो जं वयसि दब्बादेसेणवि सञ्चपोग्गला स० नो अणड्ढा अमज्झा अपदेसा एवं वेत्तादेसेणवि काला भावादसेणवि तन्न मिच्छा, नए णं से नारयपुत्ते अणगारे नियंठीपुत्तं अ० एवं क्यासी-नो खलु वयं देवाणुपिया ! एयमढे जाणामो पासामो, जति ण देवाणुपिया! नो गिलायंति परिकहिनए तं इच्छामि ण देवाणुपियाणं अंतिए एयमढे सोचा निसम्म जाणितए, तए णं से नियंठीपुत्ते अणगारे नारयपुत्तं अणगारं एवं वयासी-दव्वादेसेणवि मे अजो! सचे पोग्गला सपदेसाबि अपदेसावि अणंता खेत्तादेसेणवि एवं चेव कालादेसेणवि० भावादेसेणवि एवं चेव, जे दव्यओ अप्पदेसे से खेत्तओ नियमा अप्पदेसे कालओ सिय सपदेसे सिय अपदेमे भावो सिय मपदेमे सिय अपदेसे, जे खेत्तओ अप्पडेसे से दव्यओ सिय सपदेसे सिय अपदेसे कालओ भयणाए भावओ भयणाए, जहा खेत्तओ एवं कालओ भावओ. जे दव्वओ सपदेसे से खेत्तओ सिय संपदेसे सिय अपदेसे एवं कालओ भावओऽवि, जे खेत्तओ सपदेसे से दब्बतो नियमा सपदेसे कालो भयणाए भावओ भयणाए, जहा दबओ तहा कालो भावोऽवि, एएसिणं भंते ! पोग्गाणं दब्बादेसेणं खेत्तादेसेणं कालादेसेणं भावादेसेणं सपदेसाण य अपदेसाण य कयरे जाव बिसेसाहिया वा ?, नाग्यपुत्ता : सव्वत्थोवा पोग्गल्या भावादेसेणं अपदेसा कालादमेणं अपदेसा असंखेजगुणा दब्बादेसेणं अपदेसा असंखेजगणा खेत्तादेसेणं अपदेसा असंखेजगुणा खेत्तादेमेणं चेव मपदेमा अमखजगणा दव्वादेसेणं मपदेसा विसेसाहिया कालादेसेणं मपदेसा बिसेसाहिया भावादेसेणं सपदेसा विसेसाहिया. तए णं से नारयपुत्ते अणगारे नियंठीपत्तं अणगारं वंदढ नममह ना एयमई सम्म विणएणं भुज्जो २ खामेति ता संजमेण तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरह । २२० । भन्तेत्ति भगवं गोयमे जाव एवं वयासी-जीवा णं भंते! किं वदति हायंति अवट्ठिया ?. गोयमा ! जीवा णो वइदंति नो हायंति अवट्टिया, नेरइया णं भंते! किं वदति हायंति अवट्ठिया?, गोयमा ! नेरइया वड्दतिवि हायंतिवि अवट्टियावि, जहा नेरहया एवं जाव वेमाणिया. सिद्धा ण भंते ! पच्छा, गोयमा ! सिद्धा पद्धति नो हायंति अवद्वियापि, जीवा णं भंते ! केवतियं कालं अवविया ?. सब, नेरइया णं भंते ! केवतियं कालं वदति . गोयमा ! ज० एग ममयं उको आवलियाए असंखेजतिभाग, एवं हायंति, नेरइया णं भंते ! केवतियं कालं अवट्ठिया ?, गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं उक्को० चउव्वीसं मुहना. एवं मत्तमुवि पुढबीसु वदति हायंति भाणियब्वं, नवरं अवढिएसु इमं नाणत्तं, तं०-रयणप्पभाए पुढवीए अडतालीसं मुहुत्ता सकर चोदस रातिदियाणि वालु० मासं पंक० दो मासा धूम० चनारि मासा तमाए अट्ठ मासा तमतमाए चारस मासा, असुरकुमारावि वड्दति हायति जहा नेरइया, अवट्ठिया जह० एकं समयं उक्को अट्टचत्तालीस मुहुत्ता, एवं दसबिहावि. गिदिया वइदतिवि हायंतिवि अवट्ठियावि, एएहिं तीहिवि जहनेणं एक समयं उको आवलियाए असंखेजतिभागं, बेइंदिया वदति हायंति तहेब, अवट्ठिया जः एकं समयं उको दो अंतोमुहुत्ता, एवं जाव चरिंदिया. अक्सेसा सब्वे वदति हायति तहेव, अवट्ठियाणं णाणत्तं इम, तं०- समुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं दो अंतोमुहुना गम्भवकंनियाण चउब्बीस मुहुत्ता समुच्छिममणुस्साणं अट्टचत्तालीस मुहुत्ता गम्भवतियमणुस्साणं चउब्बीस मुहुत्ता वाणमंतरजोतिससोहम्मीसाणेसु अट्टचनाल्टीसं मुहना सणंकुमारे अट्ठाग्म रातिदियाई चत्तालीस य मुह माहिदे चउवीसं रातिदियाई वीस य मु० भलोए पंचचत्तालीसं रातिदियाई लंतए नउती रातिदियाई महामुके मट्टि गतिदियमनं सहम्सारे दो रातिंदियसयाई आणयपाणयाणं संखेजा मासा आरणच्चुयाणं संखेजाई वासाई एवं गेवेजदेवाणं विजयवेजयंतजयंतअपराजियाणं असंखिजाई वाससहस्साई सबट्टमिद्धे य पलि. S ओवमस्स असंखेजतिभागो, एवं भाणियव्वं, वड्दति हायंति जह. एकं समयं उ. आवलियाए असंखेजतिभागं, अवट्ठियाणं भणियं, सिद्धा णं भंते ! केवतियं कालं बढ्दनि ?, गोयमा ! जह० एक समय उक्को० अट्ठ समया, केवतियं कालं अवट्ठिया ?. गोयमा ! जह० एक्कसमय उको० छम्मासा, जीवा णं भंते! किं सोवचया सावचया मोवचयमावचया निरुवचयनिरवचया ?, गोयमा ! जीवा णो सोवचया नो सावचया णो सोवचयसावचया निरुवचयनिरखचया, एगिदिया ततियपए, सेसा जीवा चउहिवि पदेहिवि माणियब्वा, मिद्धा भंते! पुच्छा, गोयमा! सिदा सोवचया णो सावचया णो सोवचयसावचया निवचयनिरवचया, जीवा णं भंते ! केवतियं कालं निरुवचयनिरवचया?, गोयमा ! सब्बई, नेरनिया Xणं भंते ! केवतियं कालं सोवचया ?, गोयमा! जह० एकं समयं उ० आवलियाए असंखेजइभाग, केवतियं कालं सावचया ?, एवं चेव, केवतियं कालं सोवचयसावचया ?, एवं चेव, का २०३ श्रीभगवत्यंग-स-4 मुनि दीपरनसागर Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | कवतियं कालं निस्वचयनिग्बचया ?. गायमा ! ज० एक समय उको चारस मु० एगिदिया सब्बे सोवचयसावचया सब्बई मेसा सव्वे सोवचवावि सावचयावि सोवचयसायच. यावि निरुवचयनिरवचयाबि जहन्नेणं एग समयं उकोमेणं आवलियाए असंखेज्जतिभागं. अवट्टिएहिं वकंतिकालो भाणियचा. सिद्धा णं भंते ! केवतियं कालं सोवचया ?. गोयमा ! जह एक समय उक्का अट्ट समया. केवतियं कालं निरुवचयनिरवचया ?, जह० एकं० उक्को ठम्मासा । सेवं भंते २।२२१॥ श०५ उ०८॥ तेणं कालेणं. जाव वयासी-किमिदं भत' नगरं रायगिहनि पचा?. किं पुढवी नगरं रायगिर्हति पचइ आऊ नगरं रायगिहति पवुञ्चइ जाव वणस्मई० जहा एयणुहेसए पंविदियतिरिक्खजोणियाणं वनव्यया तहा भाणियव्वं जाव सचित्ताचित्तीसयाई दवाई नगरं रायगिहंति पवुचइ?, गोयमा! पुढवीवि नगरं रायगिहंति पबुच्चइ जाव सञ्चित्ताचित्तमीसियाई दवाई नगरं रायामरति पचाइ, से केणटेणं ?. गोयमा ! पुढवी जीवातिय अजीवातिय नगर पवुचइ जाव सचित्ताचित्तमीसियाई दवाई जीवानिय अजीवातिय नगरं गयगिहंति पवुचति से तेण?णं तं चेव । २२। से नूणं भंते! दिया उज्जोए राति अंधयारे?, हंता गोयमा ! जाव अंधयारे, से केणटेणं०१. गोयमा ! दिया सुभा पोग्गला सुभे पोग्गलपरिणामे राति असुभा पोग्गला असुभे पोग्गरपरिणामे से तेणट्टेणं, नेरइया णं भंते ! किं उज्जोए अंधयारे?, गोयमा! नेरइयाणं नो उज्जोए अंधयारे, से केणट्टेणं० १. गोयमा ! नेरइया णं असुहा पोम्गला असुभे पोग्गलपरिणामे से तेणटेणं०, असुरकुमाराणं भंते ! किं उज्जोए अंधयारे?, गोयमा! असुरकुमाराणं उज्जोए नो अंधयारे, से केणडेणं०?, गोयमा असुरकुमाराणं सुभा पोग्गला सुभे पोग्गलपरिणामे, Aसे तेणट्टेणं एवं बुच्चइ०,एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढवीकाइया जाव तेइंदिया जहा नेरइया. चाउरिदियाणं भंते! किं उजोए अंधयारे ?. गोयमा ! उज्जोएऽवि अंधयारेऽवि. से केणडेणं?, गोयमा ! चरिंदियाणं सुभासुभा पोमाला सुभासुभे पोग्गलपरिणामे, से तेणटेणं०, एवं जाव मणुस्साणं, वाणमंतरजोतिसवेमाणिया जहा असुरकुमारा । २२३। अस्थि णं भंते ! नेर. ते वा. णो तिणट्टे समढे, से केणटेणं जाब समयाति वा ओसप्पिणीति वा उस्सप्पिणीति वा 2.13 गोयमा ! इहं तेसिं माणं इहं तेसि पमाणं इहं तेसिं पण्णायति, तं०-समयाति वा जाव उस्सप्पिणीति वा, से तेणटेणं जाव नो एवं पण्णायए, तं०-समयाति वा जाव उम्सप्पिणीति वा, एवं जाव पंचेंबियतिरिक्खजोणियाणं, अस्थि णं भंते ! मणुस्साणं इहगयाणं एवं पञ्चायति. तं०-समयाति वा जाव उस्सप्पिणीति वा ?. हंता अस्थि, से केणटेणं ?, गोयमा ! इह तेसिं माणं० इहं येव तेसि एवं पण्णायति, तं०-समयाति वा जाव उस्सप्पिणीति वा, से तेण०. चाणमंतरजोतिसवेमाणियाणं जहा नेरइयाणं । २२४॥ तेणं कालेणंः पासायश्चिजा थेग भगवंतो जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति त्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते ठिचा एवं वदासी-से नूणं भंते! असंखेजे लोए अणंता रातिंदिया उम्पजिम वा उप्पजति वा उप्पजिस्संति वा विगच्छिसु वा विगच्छंति वा विगच्छिस्संति वा परित्ता रातिदिया उप्पजिंसु वा०विगच्छिसु वा०, हंता अजो! असंखेजे लोए अणंता गतिदिया तव, स कणट्ठण जाव विगांच्छस्सति बा,सेनूण #अज्जा! पासणं अरहया पुरिसादाणाएण सासए लाए बुइए अणादाए अणवदग्गे परित परिवर्ड हट्ठा विच्छिण्ण मझे। संखित्ते उप्पिं विसाले अहे पलियंकसंठिए मझे वरवइरविम्महिते उणि उदमुइंगाकारसंठिए, तंसि च णं सासयंसि लोगंसि अणादियंसि अणवदग्गंसि परिनसि परिखुडंसि हेट्ठा वि. | छिन्नसि मज्झे संखितसि उप्पिं विसालंसि अहे पलियंकसंठियंसि मज्झे वरवइरविग्गहियंसि उप्पि उदमुडंगाकारसंठियंसि अर्थता जीवघणा उप्पज्जित्ता २ निलीयंति परित्ना जीवघणा उप्पज्जित्ता २ निलीयंति, से नूर्ण भे उप्पने विगए परिणए अजीबेहि, लोकति पलोकइ. जे लोकइ से लोए, हंता भगवं !, से तेणटेणं अजो! एवं बुचड़ असंखेजे चेव, नष्पभितिं च णं ते पासावञ्चेजा थेरा भगवंतो समणं भगवं महावीरं पञ्चभिजाणंति सब्वन्नू सव्वदरिसी, तए णं ते थेरा भगवंतो समर्ण भगवं महावीरं वंदति नमसंति त्ता एवं वदासीइच्छामि णं भंते! तुम्भं अंतिए चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहब्वइयं सप्पडिकमणं धम्म उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंध करेह, नए णं ते पामावथिज्जा घेरा भगवंतो जाव चरिमहि उस्सासनिस्सासेहिं सिद्धा जाव सब्बदुक्खप्पहीणा, अत्थेगतिया देवा देवलोएसु उववन्ना।२२५। कतिचिहा णं भंन ! देवोगा पं०१. गायमा! घउस्विहा देवलोगा पं० सं०-भवणबासीवाणमंतरजोतिसियवेमाणियभेदेण, भवणवासी दसविद्दा वाणमंतरा अट्ठविहा जोइसिया पंचविहा वेमाणिया दुविदा 'किमियं गयगिहति य | उज्जोए अंधयार समए य। पासंतिवासि पुच्छा रातिदिय देवलोगा य॥३६॥ सेवं भंते २त्ति। २२६॥ श०५ उ०९॥ तेणं कालेणं० चंपानाम नयरी जहा पढमिला उद्देसओ तहा | नेयव्यो एसोऽवि, नवरं चंदिमा भाणियव्वा । २२७॥ उ० १० इति पंचमं शतकं ॥ फ्र फ 'वेयण १ आहार २ महस्सवे ३ य सपएस ४ तमुय ५ भविए ६ या मालि पुढवि८ कम्म ९ अभउत्थी १० दस छट्ठगंमि सए ॥३७॥से नूणं मंते! जे महावेयणे से महानिजरे जे महानिजरे से महावेदणे, महावेदणस्स य अप्पवेदणस्स य से सेए जे पसत्य| निजराए?, हंता गोयमा ! जे महावेदणे एवं चेव, छटुसत्तमासु णं भंते ! पुढवीसु नेरइया महावयणा ? इंता महावेयणा, ते णं भंते ! समणेहितो निम्गंथेहिनो महानिजरतग?,(५१) २०४ श्रीभगवत्यंग - सन मुनि दीपरत्नसागर Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गोयमा ! णो निणढे समढे, से केणड्डेणं भंते ! एवं बुचइ जे महावेदणे जाव पमत्थनिजरतराए ?, गोयमा ! से जहानामए-दुवे वत्था सिया, एगे वत्थे कदमरागरने एगे वत्थे खंजणगगरते. एएसिणं गोयमा ! दोहं वत्थाणं कयरे वत्थे दुधोयतराए चेव दुवामतराए चेव दुपरिकम्मतराए चेव ? कयरे वा पत्थे सुधोयतराए चेव सुवामतगए चेव सुपरिकम्मतराए चेव?.जे वा से वत्थे कदमरागरते जे वा से वत्थे खंजणरागरते ?, भगवं! तत्थ णं जे से बत्थे कदमरागरने से पां वत्थे दुधोयतराए व दुवामतराए चे दुष्परिकम्मतराए चेब, एयामेव गोयमा! नेरइयाणं पावाई कम्माई गाढीकयाई चिकणीकयाई सिलिट्टीकयाई खिलीभूयाई भवंति संपगादपिय णं ते वेदणं वेदेमाणा णो महानिजराणो महापजवसाणा भ. वंति, से जहा वा केई पुरिसे अहिगरणी आकोडेमाणे महया २ सहेणं महया २ घोसेणं महया २ परंपराघाएणं णो संचाएइ तीसे अहिगरणीए कई अहाचायरे पोग्गले परिमाडिनए. एवामेव गोयमा ! नेरइयाणं पाबाई कम्माई गादीकयाई जाव नो महापजवसाणा भवंति, भगवं ! तत्थ जे से वत्थे खंजणरागरते से णं वत्थे सुधोयतराए चेव सुवामतराए चेव सुप. रिकम्मतराए चेव, एवामेव गोयमा ! समणाणं निग्गंधाणं अहाचायराई कम्माई सिढिलीकयाई निट्ठियाई कडाई विप्परिणामियाई खिप्पामेव विद्धत्थाई भवंति, जावतियं तावतियंपि णं ते वेदणं वेदेमाणा महानिजरा महापज्जवसाणा भवंति, से जहानामए केई पुरिसे सुकं तणहत्थयं जायतेयंसि पक्विकेज्जा से नूणं गोयमा ! से सुके तणहत्यए जायतेयंसि पक्खिने ममाणे विप्पामेव मसमसाविजति.हंता मसमसाविजति, एवामेव गायमा! समणाणं निग्गंधाणं अहाचायराई कम्माईजाव महापज्जवसाणा भवति, से जहानामए केई संसि अयकवाड़सि उदगबिंदू जाव हंता विद्धंसमागच्छइ. एवामेव गोयमा ! समणाणं निग्गंथाणं जाव महापज्जवसाणा भवंति. से तेणट्टेणं जे महावेदणे से महानिजरे जाव निजराए ।२२८। कतिविहे गं भंते ! करणे पं०, गोयमा ! चउब्बिहे करणे पं० तं-मणकरणे वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे, णेरइयाणं भंते ! कतिविहे करणे पं०१. गोयमा ! चउबिहे पं० तं.मणकरणे पंचिंदियाणं सब्वेसिं चउबिहे करणे पं०. एगिदियाणं दुविहे-कायकरणे य कम्मकरणे य, विगलेंदियाणं तिविहे ०-वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे, नेरइयाणं भंते! किं करणओ अमायं वेयणं वेयंति अकरणओ असायं वेयणं वेदेति ?. गोयमा ! नेरइयाणं करणओ असायं वेयणं वेयंति नो अकरणओ असायं वेयणं वेयंति, से केणट्टेणं- ?, गोयमा ! नेरइयाणं चविहे करणे पं० तं-मणकरणे० इन्चेएणं चरविहेणं असुभेणं करणेणं नेरइया करणओ असायं वेयणं वेयंति, नो अकरणओ०.से तेणट्टेणं, असुरकुमारा णं किं करणी सायं अकरणओ० ? गोयमा ! करणओ० नो अकरणओ०.से केणटेणं० १. गोयमा ! असुरकुमाराणं चउब्विह करणे पं० त०-मणकरणे, इबेएणं सुभेणं करणेणं असुरकुमारा करणओ सायं वेयणं वेयनि, नोअकरणओ०,एवं जाव धणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाणं एवामेव पुच्छा. नवरं इनेएणं सुभासुभेणं कायकम्मकरणेणं पुढवीकाइया करणओ वेमायाए वेयणं वेयंति नो अकरणओ०, ओरालियसरीरा सव्वे सुभासुभेणं वेमायाए, देवा सुभेणं सायं । २२९ । जीवा णं भंते ! किं महावेयणा महानिजरा महावेदणा अप्पनिजरा- अप्पवेदणा महानिजग अपवेदणा अप्पनिजरा ?, गोयमा ! अत्थेगतिया जीवा महावेदणा महानिज्जरा अत्थेगतिया जीवा महावेयणा अप्पनिजरा अत्यंगतिया जीवा अप्पवेदणा महानिजरा अत्धेगनिया जीवा अप्पवेदणा अप्पनिजरा, से केणटेणं ?, गोयमा ! पडिमापडियन्नए अणगारे महावेदणे महानिजरे छटुसत्तमासु पुढवीसु नेरइया महावेदणा अप्पनिजरा सेलेसिं पडियन्नए अणगारे अप्पवेदणे महानिजरे अणुत्तरोववाइया देवा अप्पवेदणा अप्पनिजरा । सेवं भंते !२ त्ति। 'महवेदणे य वत्थे कहमखंजणमए य अहिगरणी। तणहत्थे य कवडे करण महावेदणा जीवा ॥ ३८॥२३०॥ श०६ उ०१॥ रायगिहे नगरे जाव एवं वयासी-आहारुदसा जो पचवणाए सो सव्वो निरवसेसो नेयम्बो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति। २३१॥ श०६ उ०२॥ “बहुकम्म वत्थपोग्गल, पयोगसावीससा य सादीए।कम्मट्टितीथि संजय सम्मदिट्टी य सन्नी य॥३९॥ भविए दंसण पजत्त भास परित्त नाण जोगे य। उपओगाहारगसुहमचरिमबंधे य अप्पबई ॥४०॥से नूर्ण भंते ! महाकम्मस्स महाकिरियस्स महासवस्स महावेदणस्स सव्वओ पोग्गला बझंति सवओ पोग्गला चिज्जति सव्वओ पोग्गला उबचिजति सया समियं चणं पोग्गला बझंति सया समियं० पोग्गला चिजति सया समियं० पोग्गला उवचिज्जति सया समियं च णं तस्स आया दुरूवत्ताए दुचन्नताए दुगंधत्ताए दुरसत्ताए दुफासत्ताए अणिट्ठत्ताए अकंत० अप्पिय० असुभ० अमणुन्न अमणामत्ताए अणिच्छियत्ताए अभिज्झियत्ताए अहत्ताए नो उड्ढत्ताए दुक्वत्ताए नो सुद्दत्ताए भुज्जो २ परिणमंति ?, हंता गोयमा ! महाकुम्मस्स तं चेव, से केणटेणं.?, गोयमा! से जहानामए-वत्थस्स अहयस्स वा धोयस्स वा तंतुग्गयस्स वा आणुपुच्चीए परिभुज्जमाणस्स सच्चो पोग्गला बझंति सव्वओ पोराला चिजंति जाव परिणमंति से तेणटेणं०, से नूर्ण भंते ! अप्पासवस्स अप्पकम्मस्स अप्पकिरियस्स अप्पवेदणस्स सब्बो पोग्गला भिजति सव्वओ पोग्गला छिजंति सवओ पोग्गला विद्धसंति सव्वओ पोग्गला परिविवंसंति सया समियं० पोग्गला भिज्जति छिजति विद्धस्संति परिविदंसंति सया समियं च णं तस्स आया सुरूवत्ताए पसत्यं नेयव्वं A२०५ श्रीभगवत्यंग -सत मुनि दीपरत्नसागर - Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जाब सुहत्ताए नो दुक्खत्ताए भुज्जो २ परिणमंति ?, हंता गोयमा जात्र परिणमंति, से केणद्वेणं० १, गोयमा से जद्दानामए वत्थस्स जहियस्स वा मइलियस्स वा रइलियम्स वा आणुपुब्बीए परिकम्मिमाणस्स सुद्देणं वारिणा धोवेमाणस्स सव्वतो पोग्गला भिवंति जात्र परिणमंति से तेणट्टेणं० । २३२ । वत्थस्स णं भंते! पोम्गलोवचए किं पयोगसा वीससा ?. गोयमा ! ओगसावि वीससावि, जद्दा णं भंते! वत्थम्स णं पोग्गलोक्चए पओगसावि वीससावि तहा णं जीवाणं कम्मोवचए किं पओगसा वीससा ? गोयमा! पओगसा नो बीससा, सेकेण्डु ? गोयमा ! जीवाणं तिविहे पओगे पं० तं मणप्पओगे वइ० का० इचेतेणं तिविहेणं पओगेणं जीवाणं कम्मोवचए पओगसा नो वीससा. एवं सव्वेसि पंचेंद्रियाणं निविद्दे पओगे भाणियध्ये, पुढवीकाइयाणं एगविदेणं पओगेणं एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, विगलिंदियाणं दुबिहे पओगे पं० तं० वइपओगे य कायप्पओगे य. इवेतेणं दुविहेणं पओगेण कम्मोचचए पओगसा नो वीससा. से एएण्डेणं जाव नो बीससा, एवं जस्स जो पओगो जाव वैमाणियाणं । २३३ । बन्धस्स णं भंते! पोग्गलोवचए किं सादीए सपज्जबसिए सादीए अपज्जवसिते अणादीए सपज्ज० अणाः अप० १, गोयमा ! वत्थस्स णं पोग्गलोवचए सादीए सफज्जवसिए नो सादीए अप० नो अणा० स० नो अणा० अप०. जहा णं भंते वन्धस्स पोग्गलोचचए सादीए सपज्ज० नो सादीए अप० नो अणाः सप० नो अणा० अप० तहा णं जीवाणं कम्मोवचए पुच्छा, गोयमा! अत्थेगतियाणं जीवाणं कम्मोवचए सादीए सपज्जबसिए अत्थे० अणादीए सपज्जबसिए अत्थे० अणादीए अपज्जबसिए नो चेव णं जीवाणं कम्मोवचए सादीए अप०. से केण० १. गोयमा ! ईरियावहियाबंधयस्स कम्मोवचए सादीए सपः भवसिद्धियस्स कम्मोचचए अणादीए सपज्जवसिए अभवसिद्धियस्स कम्मोवचए अणादीए अपज्जबसिए से तेणट्टेणं गोयमा! एवं वुञ्चति अत्थे० जीवाणं कम्मोच सादीए सप० अणा० स० अणा० अप० नो चेव णं सादीए अपज्जवसिए, वत्थे णं भंते! किं सादीए सपज्जवसिए चडभंगो ?, गोयमा ! वत्थे सादीए सपज्जवसिए अवसेसा तिनिवि पडिसेहेयव्वा, जहा णं भंते! वत्थे सादीए सपज्जवसिए नो सादीए अपज्ज० नो अणादीए सप० नो अनादीए अपज्जबसिए वहा णं जीवाणं किं सादीया सपज्जवसिया ? चउभंगो पुच्छा. गोयमा ! अत्येतिया सादीया सपज्जबसिया चत्तारिवि भाणियच्चा, से केणट्टेणं० १, गोयमा ! नेरतिया तिरिक्खजोणिया मणुस्सा देवा गतिरागतिं पडुश्च सादीया सपज्जवसिया सिद्धा गर्दि पडुच्च सादीया अपज्जबसिया, भवसिद्धिया लद्धिं पहुंच अणादीया सपज्जवसिया अभवसिद्धिया संसारं पहुंच अणादीया अपज्जवसिया. से तेणट्टेणं० । २३४ । कति णं भंते! कम्मप्पगडीओ पं० १. गोयमा अट्ठ कम्मप्पगडीओ पं० तं० णाणावरणिजं दरिसणावरणिज्जं जाव अंतराइयं, नाणावरणिजस्स णं भंते! कम्मस्स केवतियं कालं बंघठिती पं० १. गोयमा ! जह० अंतोमुद्दत्तं उको तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ तिनि य वाससहस्साई अत्राहा, अबाहूणिया कम्मट्टिती कम्मनिसेओ, एवं दरिसणावरणिज्जंपि, वेदणिज्जं जह० दो समया उक्को० जहा नाणावरणिजं, मोहणिज्जं जह० • अंतोमुडुत्तं उक्को० सत्तरि सागरोवमकोडाकोडीओ, सत्त य वाससहस्वाणि अबाधा, अवाहणिया कम्मठिई कम्मनिसेगो. आउगं जहनेणं अंतोमुत्तं उक्को० तेत्तीस सागरोवमाणि पुत्रकोडितिभागमन्महियाणि, कम्मट्टितीकम्मनिसेओ. नामगोयाणं जह० अट्ट मुहत्ता उक्को० वीसं सागरोत्रमकोडाकोडीओ दोण्णि यवाससहस्साणि अवाहा, अबाहूनिया कम्मट्टिती कम्मनिसेओ. अंतरातियं जहा नाणावरणिज्जं । २३५ । नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं इत्थी बंधइ पुरिसो बंध नपुंस बंध गोइत्थीनोपुरिसोनोनपुंसओ बंधइ ?, गोयमा! इत्थीवि बंधइ पुरिसोऽवि बंधइ नपुंसओऽवि बंधइ नोइत्थीनोपुरिसोनोनपुंसओ सिय बंधइ सिय नो बंधइ. एवं आउवज्जाओ सन कम्प्पगडीओ, आउगं णं भंते! कम्मं किं इत्थी बंधइ पुरिसो बंधइ नपुंसओ बंधइ०१, पुच्छा, गोयमा ! इत्थी सिय बंघइ सिय नो बंधइ, एवं तिनिवि भाणियव्वा. नोइत्थीनोपुरिमो नोनपुंसओ न बंध, णाणावरणिजं णं भंते! कम्मं किं संजए बंध असंजए. संजयासंजए बंधह नोसंजयनोअसंजयनोसंजया संजए बंधति ?, गोयमा ! संजए सिय बंधनि सिय नो बंधति असंजए बंधइ संजयासंजएऽवि बंधइ नोसंजएनोअसंजयनोसंजयासंजए न बंधति, एवं आउगबजाओ सन्तवि. आउगं हेडिला तिन्नि भयणाए उवरि ण ध णाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं सम्मदिट्ठी बंधइ मिच्छदिट्टी बंधइ सम्मामिच्छदिट्टी बंधइ १, गोयमा ! सम्मदिट्टी सिय नो बंधइ सिय बंधइ मिच्छदिट्टी बंधइ सम्मामिच्छविट्टी बंध. एवं आउगवज्जाओ सत्तवि, आऊए हेडिल्ला दो भयणाए सम्मामिच्छदिट्ठी न बंधइ, णाणावरणिज्यं किं सण्णी बंधइ असनी बंधइ नोसण्णीनोअसण्णी बंधइ ? गोयमा ! सभी मिय बंध सिय नो बंध असन्नी बंधह नोसनीनोअसनी न बंधइ. एवं वेदणिज्जाउगवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ, वेदणिजं हडिडा दो बंधंति, उचसिडे भयणाए. आउगं हेलिला दां भयणाए, उबरिलो न बंधइ, णाणावरणिजं कम्मं किं भवसिद्धीए बंधइ अभवसिद्धीए बंधह नोभवसिद्धीएनोअभवसिद्धीए बंधति ?, गोयमा भवसिद्धीए भयणाए अभवसिद्धीए बंघति नाभवसिद्धीएनोअभवसिद्धीए न बंधइ, एवं आउगवज्जाओ सत्तवि, आउगं देहिला दो भयणाए उबरिलो न बंधइ. णाणावरणिजं किं चक्सुदंसणी बंधति अचक्सुदंस० ओहिदंस० केव२०६ श्रीभगवत्यंग सात मुनि दीपरत्नसागर Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लद०१, गोयमा ! हेहिला तिन्नि भयणाए उवरित ण बंधइ, एवं वेदणिजबजाओ सत्तवि, वेदणिजं देट्टिाडा तिन्नि बंधति केवलदसणी भयणाए, णाणावरणिज्ज कम्मं किं पजनओ बंधइ अपज्जत्तओ बंधड़ नोपज्जत्तएनोअपञ्चत्तए बंधइ ? गोयमा ! पज्जत्तए भयणाए, अपजत्तए बंधइ, नोपज्जत्तएनोअपजत्तए न बंधइ. एवं आउगवज्जाओ. आउग हेट्ठिाडा दो भयणाए उवगिते ण बंधड, नाणावरणिजं कि भासए बंधइ अभासए०, गोयमा ! दोऽवि भयणाए, एवं वेदणीयवज्जाओ सत्त. वेदणिज्जं भासए बंध अभासए भयणाए. णाणावरणिज्नं किं परित्ते बंधइ अपरित्ते बंधइ नोपरित्तेनोअपरिने बंधइ ?, गोयमा ! परित्ते भयणाए अपरित्ते चंधइ नोपरित्तेनोअपरित्ते न बंधइ. एवं आउगवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ, आउए परित्तोऽवि अपरित्तोऽवि भयणाए नोपरित्तोनोअपरित्तो न बंधइ, णाणावरणिज्जं कम्मं किं आभिणियोहियनाणी बंधड सुयनाणी ओहिनाणी. मणपज्जवनाणी केवलनाणी ०?. गोयमा ! देटिडा चत्तारि भयणाए केचलनाणी न बंधइ. एवं वेदणिज्जवज्जाओ सत्तवि. वेदणिज्ज हेट्टिाडा चत्तारि पंधति केवलनाणी भयणाएणाणावरणिज्ज कि |मतिअन्नाणी बंधइ सुय विभंग ?. गोयमा ! सब्वेऽपि आउगवज्जाओ सत्तवि बंधति, आउगं भयणाए, णाणावरणिज्जं कि मणजोगी बंधड वय काय अजोगी बंधड. गोयमा! हेट्ठिाडा तिमि भयणाए अजोगी न बंधइ. एवं वेदणिजवजाओ, वेदणिज हेट्टिाडा बंधति अजोगी न बंधइ. णाणावरणिज्जं किं सागारोवउत्ते बंधइ अणागारोवउत्ते पंधइ. गोयमा ! C अट्ठसुवि भयणाए, णाणावरणिज्जं किं आहारए बंधइ अणाहारए बंधइ. गोयमा! दोऽवि भयणाए, एवं वेदणिजआउगवजाणं छहं. वेदणिजं आहारए बंधति अणाहारए भयणाए. 2 आउए आहारए भयणाए अणाहारएन बंधति, णाणावरणिचं किं सुहमे बंधइ बायरे बंधइ नोसुहुमेनोबादरे बंधइ ?. गोयमा ! सुहमे बंधइ बायरे भयणाए नोसुहुमेनोचादरे नबंधह, एवं आउगवजाओ सत्तवि, आउए सुहुमे पायरे भयणाए नोसुहुमेनोचायरे ण बंधइ. णाणावरणिज किं चरिमे अचरिमे पं० १. गोयमा ! अट्ठवि भयणाए। २३६ । एएसि Mण भंते ! जीवाणं इस्थिवेदगाणं पुरिसवेदगाणं नपुंसगवेदगाणं अवेयगाण य कयरे २ अप्पा वा०'. गोयमा ! सव्वत्थोबा जीवा पुरिसवेदगा इस्थिवेदगा संखेजगुणा अवेदगा अणंतनागणा नपंसगवेदगा अर्णतगणा, एएसिं सम्बेसि पदाणं अप्परहगाई उचारेयब्वाईजाब सब्बत्थोबा जीवा अचरिमा चरिमा अणंतगणा। | उ.३॥ जीचे णं भंते ! कालाएसेणं किं सपदेसे अपदेसे ?. गोयमा ! नियमा सपदेसे. नेरतिए णं भंते ! कालादेसेणं कि सपदेसे अपदेसे . गोयमा ! सिय सपदेसे सिय अपदेसे, एवं जाब सिद्धे. जीचा णं भंते ! कालादेसेणं किं सपदेसा अपदेसा?. गोयमा ! नियमा सपदेसा. नेरइया णं भंते! कालादेसेणं कि सपदेसा अपदेसा?. गोयमा! सब्वेऽपि ताव होज्जा रूपदेसा अहवा सपएसा य अपदेसे य अहवा सपदेसा य अपदेसा य. एवं जाव थणियकुमारा. पुढवीकाइया णं भंते ! सपदेसा अपदेसा?. गोयमा ! सपदेसावि अपदेसावि, एवं जाव वणष्फइकाइया. सेसा जहा नेरइया तहा जाब सिद्धा. आहारगाणं जीवेगेंदियवजो तियभंगो. आहारगाणं जीवेगिदियवजा छम्भंगा एवं भाणियव्या-सपदेसा वा अपएसा वा अहवा सपदेसे य अप्पदेसे य अहवा सपदेसे य अपदेसा य अहवा सपदेसा य अपदेसे य अहवा सपदेसा य अपदेसा य. सिद्धेहि तियभंगो, भवसिद्धिया अभवसिद्धिया जहा ओहिया, नोभवसिद्धियनोअभवसिद्धिया जीवसिद्धेहि नियभंगो, सणीहि जीवादिओ तियभंगो. असण्णीहि एगिदियवज्जो नियभंगो. नेरइयदवमणुएहिं उम्भंगा, नोसमिनोअसनिजीवमणयसिदेहिं तियभंगो. सलेसा जहा ओहिया कण्हलेस्सानीललेस्साकाउलेस्सा जहा आहारओ नवरं जस्स अन्थि एयाओ. तेउलेस्साए जीवादिओ तियभंगा. नवरं पुढवीकाइम आउवणप्फतीसु उभंगा. पम्हलेससुकलेस्साए जीवादिओहिओ तियभंगो. अलेसीहि जीवसिद्धेहि तियभंगो मणुस्से उभंगा. सम्महिट्ठीहि जीवाइनियभंगा. विगलिंदिएस छम्भंगा. मिच्छदिट्ठीहिं एगिदियवजो तियभंगो सम्मामिच्छदिट्ठीहिं छम्भंगा, संजएहि जीवाइओ तियभंगो. असंजएहिं एगिदियव जो तियभंगा. संजयासंजएदि तियभंगो जीवादिओ. नोमंजयः नोअसंजयनोसंजयासंजयजीवसिद्धेहिं तियभंगो, सकसाएहिं जीवादिओ तियभंगो एगिदिएस अभंगकं. कोहकसाईहि जीवएगिदियवज्जो तियभंगा, देवेहि उम्भंगा, माणकमाई. मायाकसाई जीवेगिदियवज्जो तियभंगो. नेरतियदेवहि छम्भंगा. लोभकसाईहिं जीवगिदियवज्जो तियभंगा, नेरतिएम उम्भंगा. अकमाईजीयमणएहिं सिद्धेहिं तियभंगो, ओहियनाणे आभिणिचोहियनाणे मुयनाणे जीवादिओ तियभंगो विगलिंदिएहिं छम्भंगा ओहिनाणे मण केवलनाणे जीवादिओ तियभंगो, ओहिए अन्नाणे मतिअण्णाणे मुयअण्णाणे एगिदियवज्जो तियभंगो, विभंगनाणे जीपादिओ तियभगो. सजोगी जहा ओहिओ. मणजोगी वयजोगी कायजोगी जीवादिआ तियभंगो नवरं कायजोगी पगिदिया नेसु अभंग, अजोगी जहा अलेसा. सागारोवउत्ते अणागारोवउत्ते जीवएगिदियवज्जो तियभंगो, सवेयगा य जहा सकसाई, इत्थिवेयगपुरिसवेयगनपुंसगवेयगेसु जीवादिओ तियभंगो, नवरं नपुं. सगवेदे एगिदिएसु अभंगयं, अवेयगा जहा अकसाई, ससरीरी जहा ओहिओ, ओरालियवेउब्वियसरीराणं जीवएगिदियवज्जा तियभंगो, आहारगमरीरे जीवमणएम छन्भंगा, तेयग२०७ श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरत्नसागर Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कम्मगाणं जहा ओहिया, असरीरेहिं जीवसिद्धेहिं तियभंगो, आहारपज्जतीए सरीरपज्जत्तीए इंदियपज्जत्तीए आणापाणुपज्जत्तीए जीवएगिंदियवज्जो तियभंगो. भासामणपज्जतीए जहा सणी, आहारअपजत्तीए जहा अणाहारगा, सरीरअपजत्तीए इंदियअपजतीए आणापाणअपजत्तीए जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो. नेरइयदेवमणुएहिं छन्भंगा. भासामण अपनतीए जीवादिओ तियभंगो, णेरइयदेवमणुएहिं छन्भंगा, 'सपदेसाऽऽहारग भविय सन्नि लेस्सा दिट्ठी संजय कसाए। णाणे जोगुवओगे वेदे य सरीर पजती ॥ ४१ ॥ २३८ । जीवा णं भंते! किं पञ्चकखाणी अपचक्खाणी पक्षक्खाणापचक्खाणी ?, गोयमा ! जीवा पच्चक्खाणीवि अपच्चक्खाणीवि पच्चक्खाणापच्चक्खाणीवि सव्वजीवाणं एवं पुच्छा. गोयमा ! नेरइया अपच्चक्खाणी जाब चरिंदिया, सेसा दो पडिसेहेयब्बा, पंचेंदियतिरिक्खजोणिया नो पञ्चक्खाणी अपचक्खाणीवि पच्चक्खाणापच्चक्खाणीवि. मणुस्सा तिन्निवि, सेसा जहा नेरतिया. जीवा णं भंते! किं पचक्खाणं जाणंति अपचक्खाणं जाणंति पञ्चक्खाणापचक्खाणं जाणंति ?, गोयमा ! जे पंचेंदिया ते तिनिवि जाणति अबसेसा पञ्चक्खाणं न जाणति, जीवा णं भंते! किं पञ्चक्खाणं कुब्वंति अपचक्खाणं कुव्वंति पञ्चक्खाणापचक्खाणं कुव्वंति ?, जहा ओहिया तदा कुव्वणा, जीवा णं भंते! किं पञ्चवाणनिव्वत्तिय उया अपञ्चकखाणणि० पञ्चक्खाणापचक्खाणनि० ?, गोयमा ! जीवा य वेमाणिया य पच्चक्खाणणिव्वत्तियाउया तिनिवि, अवसेसा अपञ्चक्खाणनिव्वत्तियाउया. 'पचक्खाणं जाणइ कुब्वति विनेत्र आउनिबत्तीसपदेसुदेसंमि य एमेए दंडगा चउरो ॥ ४२ ॥ सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति । २३९॥ श० ६ उ० ४ ॥ किमियं भंते! तमुकाएति पवुबई किं पुढवी तमुकाएत्ति पत्रुच्चति आऊ तमु कापति पवृच्चति ?. गोयमा! नो पुढवी तमुक्काएत्ति पवृच्चति आऊ तमुक्काएति पच्चति से केणट्टेणं ?, गोयमा ! पुढवीकाए णं अत्यंगतिए सुभे देस पकासेति जत्थेगइए दे नो पकासेइ, से तेणट्टेणं, तमुक्काए णं भंते! कहिं समुट्टिए कहिं संनिट्टिए ?, गोयमा ! जंबुदीवस्स २ चहिया तिरियमसंखेज्जे दीवसमुद्दे वीईवतित्ता अरुणवरस्स दीवस्स बाहिरिडाओ वेतियन्ताओ अरुणोदयं समुदं बायालीसं जोयणसहस्वाणि ओगाहित्ता उवडिओ जलताओ एगपदेसियाए सेडीए इत्थ णं तमुकाए समुट्टिए. सत्तरस एकवीसे जोयणसए उढं उप्पइत्ता तओ पच्छा तिरियं पवित्थरमाणे २ सोहम्मीसाणसणकुमारमाहिंदे चत्तारिवि कप्पे आवरित्ताणं उढपिय णं जाव बंभलोगे कप्पे रिट्ठविमाणपत्थडं संपत्ते, एत्थ णं तमुक्काए णं संनिडिए, तमुक्काए णं भंते! किंसंठिए पं० १. गोयमा ! अहे मडगमूलसंठिए उप्पिं कुकडगपंजरगसंठिए पं०, तमुक्काए णं भंते! केवतियं विक्खंभेणं केवतियं परिक्खेवेणं पं० १, गोयमा ! दुविहे पं० तं० संखेज्जवित्थडे य असंखेज्जवित्थडे य, तत्थ णं जे से संखेज्जवित्थडे से णं संखेज्जाई जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं असंखेज्जाई जोयणसहस्साइं परिक्खेवेणं पं० तत्थ णं जे से असंखिज्जवित्थडे से णं असंखेजाई जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं असंखेजाइं जोयणसहस्साइं परिक्खेवेणं पं० तमुक्काए णं भंते! केमहालए पं० १, गोयमा ! अयं णं जंबुद्दीवे २ सव्वदीवसमुद्दाणं सव्वभंतराए जाव परिक्खेवेणं पं०, देवे णं महिटीए जाव महाणुभावे इणामेव२त्तिकट्टु केवलकप्पं जंबुद्दीवं २ तिहिं अच्छरानिवाएहिं तिसत्तखुत्तो अणुपरियट्टि - ताणं हव्वमागच्छा से णं देवे ताए उक्किट्ठाए तुरियाए जाव देवगईए बीईवयमाणे २ जाव एकाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं छम्मासे वीतीवजा अत्थेगतियं तमुकायं बीतीवजा अत्थेगतियं नो तमुकायं बीतीवएजा, एमहालए णं गोयमा ! तमुक्काए पं०, अत्थि णं भंते! तमुक्काए गेहाति वा गेडावणाति वा?, णो तिणद्वे समट्ठे, अत्थि णं भंते! तमुकाए गामाति वा जाव संनिवेसावि वा ? णो विणट्टे समट्ठे, अस्थि णं भंते! तमुक्काए ओराला बलाहया संसेयंति संमुच्छंति संवासंति वा ? इंता अन्थि तं भंते! किं देवो पकरेति असुगे पकरेति नागो पकरेति ?, गोयमा ! देवोऽवि पकरेति असुरोऽवि पकरेति णागोऽचि पकरेति, अस्थि णं भंते! तमुकाए बादरे थणियसद्दे बायरे विज्जुए?, हंता अस्थि, तं भंते! किं देवो पकरेति ० ?, तिनिवि पकरेति ?, अस्थि णं भंते! तमुक्काए वायरे पुढवीकाए बादरे अगणिकाए ?, णो तिणट्टे समट्टे, णण्णत्य विग्गहगतिसमावन्नएणं, अत्थि णं भंते! तमुकाए चंदिमरियगह गणणक्खत्ततारारूवा ?, णो तिणट्टे समट्टे, पलियस्सतो पुण अत्थि, अस्थि णं भंते! तमुकाए चंदाभाति सूराभाति वा?, जो तिणट्टे समडे, कादूसणिया पुण सा, तमुक्काए णं भंते! केरिसए वजेणं पं० १. गोयमा! काले कालवभासे गंभीरलोमहरिसजणणे भीमे उत्तासणए परमकिण्हे वनेणं पं०, देवेऽचि णं अत्थेगतिए जे णं तप्पढमयाए पासित्ताणं संभाएज्जा अहे णं अभिसमागच्छेज्जा तओ पच्छा सीहं २ तुरियं २ खिप्पामेव बीतीवएज्जा, तमुक्कायस्स णं भंते! कति नामधेज्जा पं० १, गोयमा ! तेरस नामभेज्जा पं० तं० तमेनि वा तमुकाएति वा अंधकारेइ वा महंधकारेइ वा लोगंधकारेइ वा लोगतमिस्सेइ वा देवंधकारेति वा देवतमिस्सेति वा देवारनेति वा देववूहेति वा देवफलिहेति वा देवपडिक्खोभेति वा अरुणोदति वा समुद्दे, तमुकाए णं भंते! किं पुढवीपरिणामे आउपरिणामे जीवपरिणामे पोग्गलपरिणामे ?, गोयमा ! नो पुढवीपरिणामे आउपरिणामेऽवि जीवपरिणामेऽवि पोग्गलपरिणामेऽवि, तमुकाए णं भंते! सव्वे पाणा भूया जीवा सत्ता पुढवीकाइयत्ताए जाव तसकाइयत्ताए उववचपुव्वा ?, हंता गोयमा असतिं अदुवा अणंतखुत्तो णो चेव णं बादरपुढवीकाइयताए बादरअगणिकाइयत्ताए वा । २४० । कति णं भंते! कण्हराईओ पं० १, गोयमा ! अट्ठ कण्हराईओ पं०, कहि णं भंते! एयाओ अट्ट कण्हराईओ पं० १, गोयमा उपिं (५२) २०८ श्रीभगवत्यंग - सत मुनि दीपरत्नसागर Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सर्णकुमारमाहिंदाणं कप्पाणं हिटुं बंभलोए कप्पे रिट्टे विमाणे पत्थडे, एत्य णं अक्खाडगसमचउरंससंठाणसंठियाओ अट्ठ कण्हरातीओ पं० त०. पुरच्छिमेणं दो पञ्चस्थिमेणं दो दाहिणणं दो उत्तरेणं दो, पुरच्छिमभंतरा कण्हराई दाहिणं वाहिरं कण्हरातिं पुट्ठा दाहिणमंतरा कण्हराती पञ्चस्थिमबाहिरं कण्हराई पुट्ठा पञ्चत्थिमभंतरा कण्हराई उत्तरचाहिरं कण्हराति पुट्ठा उत्तरमभंतरा कण्हराती पुरच्छिमबाहिरं कण्हरातिं पुट्ठा, दो पुरच्छिमपञ्चत्थिमाओ चाहिराओ कण्हरातीओ छलंसाओ दो उत्तरदाहिणचाहिराओ कण्हरातीओ तंसाओ दो पुरच्छिमपञ्चस्थिमाओ अभितराओ कण्हरातीओ चउरंसाओ दो उत्तरदाहिणाओ अभितराओ कण्हरातीओ चउरंसाओ 'पुव्वावरा छलंसा तंसा पुण दाहिणुत्तरा बझा । अभंतर चउरंसा सम्बावि य कण्हरातीओ॥४३॥ कण्हराईओ णं भंते ! केवतियं आयामेणं केवतियं विक्खंभेणं केवतियं परिक्खेवेणं पं०१, गोयमा! असंखेजाई जोयणसहस्साई आयामेणं असंखेज्जाई जोयणसहस्साई विक्खंभेणं असंखेज्जाई जोयणसहस्साई परिक्खेवेणं पं०, कण्हरातीओ णं भंते ! केमहालियाओ पं०, गोयमा! अयण्णं जंबुद्दीचे २ जाव अदमासं वीतीवएजा अत्थेगतियं कण्हराती वीतीवएज्जा अत्येगहयं कण्हरातीं णो वीतीवएज्जा, एमहालियाओ णं गोयमा! कण्हरातीओ पं०, अत्थिणं भंते! कण्हरातीस गेहाति वा गेहावणाति वा?, नो तिणढे समढे, अस्थि णं भंते ! कण्हरातीसु गामाति बा ?, णो तिणढे समढे, अस्थि णं भंते ! कण्ह० ओराला बलाहया संमुच्छंति०?. हंता अस्थि. तं भंते ! किं देवो प०१.गोदेवो पकरेति नो सुरो नो नागो य, अस्थि णं भंते ! कण्हराईसु बादरे थणियसद्दे जहा ओराला तहा०, अत्थि णं भंते! कण्हराईए चादरे आउकाए चादरे अगणिकाए बायरे वणप्फइकाए ?,णो तिणट्टे समढे, णण्णत्थ विम्गहगतिसमावन्नएणं, अस्थि णं० चंदिमसूरिय०प०, णो तिण, अस्थि णं कण्ह चंदाभाति वा० १, णो तिणट्टे समढे, कण्ह - रातीओ णं भंते ! केरिसियाओ कनेणं पं०?, गोयमा ! कालाओ जाव खिप्पामेव वीतीवएज्जा, कण्हरातीए णं भंते! कति नामधेज्जा पं० १, गोयमा! अट्ट नामधेज्जा पं० त०. कण्हरातित्ति वा मेहरातीति वा मघेति वा माघवतीति वा वायफलिहेति वा वायपलिक्खोभेइ वा देवफलिहेइ वा देवपलिक्खोभेति वा, कण्हरातीओ णं भंते ! किं पुढबीपरिणामाओ आउपरिणामाओ जीवपरिणामाओ पुग्गलपरिणामाओ?, गोयमा ! पुढवीपरिणामाओ नो आउपरिणामाओ जीवपरिणामाओऽवि पुग्गलपरिणामाओऽवि, कण्हरातीसुणं भंते ! सचे पाणा भूया जीवा सत्ता उववनपुव्वा ?, हंता गोयमा! असई अदुवा अणंतखुत्तो, नो चेव णं बादरआउकाइयत्ताए वा चादरअगणिकाइयत्ताए वा बादरवणप्फतिकाइयत्ताए वा।२४१। एतेसि णं अट्टण्हं कण्हराईणं अट्ठसु उवासंतरेसु अट्ठ लोगंतियविमाणा पं० सं०-अच्ची अञ्चिमाली वइरोयणे पभंकरे चंदामे सूराभे सुकामे सुपतिट्ठामे मझे रिट्ठाभे, कहिणं भंते! अच्चीविमाणे पं०?, गोयमा! उत्तरपुरच्छिमेणं, कहि णं भंते! अच्चिमालीविमाणे पं०१, गोयमा! पुरच्छिमेणं, एवं परिवाडीए नेयव्वं जाव कहिं णं भंते ! रिट्टे विमाणे पं० १. गोयमा ! बहुमज्झदेसभागे, एएसु णं अट्ठसु लोगतियविमाणेसु अट्टविहा लोगंतियदेवा परिवसंति, तं०-सारस्सयमाइच्चा वण्ही वरुणा य गहतोया या तुसिया अव्वाबाहा अग्गिच्चा चेव रिहा य॥४४॥ कहिणं भंते! सारस्सया देवा परिवसति', गोयमा ! अचिविमाणे परिवसंति, कहिं णं भंते ! आदिवा देवा परिवसति?, गोयमा ! अचिमालिविमाणे, एवं नेयव्यं जहाणपुब्बीए जाव कहिं णं भंते! रिट्टा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! रिट्ठविमाणे, सारस्सयमाइच्चाणं भंते ! देवाणं कति देवा कति देवसया०प०१, गोयमा! सत्त देवा सत्न देवसया परिवारो पं०, वण्हीवरुणाणं देवाणं चउद्दस देवा चउद्दस देवसहस्सा परिवारो पं०, गद्दतोयतुसियाणं देवाणं सत्त देवा सत्त देवसहस्सा प०, अवसेसाणं नव देवा नव देवसया प०५० पढम गम्मि सत्त उसयाणि बीयंमि चोहस सहस्सा। तहए सत्त सहस्सा नव चेव सयाणि सेसेस ॥४५॥ लोगतिगविमाणा णं भंते ! किंपतिद्रिया पण्णता?.गोयमा ! बाउपडिया तदुभयपतिहिया य पं०.एवं नेयव्वं, 'विमाणाणं पतिट्ठाणं बाहउच्चत्तमेव संठाण' बंभलोयवत्तव्वया नेयब्बा जाव हंता गोयमा ! असति अदुवा अर्णतखुत्तो, नो चेव णं देवित्ताए. लोगतियविमाणेसु णं भंते ! केवतियं कालं ठिती पं०?, गोयमा ! अट्ट सागरोवमाई ठिती पं०, लोगतियषिमाणेहितो णं भंते ! केवतियं अचाहाए लोगंते पं०?, गोयमा ! असंखेजाई जोयणसहस्साई अबाहाए लोगंते पं० । सेवं भंते!२।२४२॥ श०६ उ०५॥ कति णं भंते ! पुढचीओ पं०?, गोयमा ! सत्त पुढवीओ पं० तं०-रयणप्पभा जाव तमतमा, रयणप्पभादीणं आवासा भाणियव्वा जाव अहेसत्तमाए, एवं जे जत्तिया आवासा ते भाणियब्वा जाव कति णं भंते ! अणुत्तरविमाणा पं०?, गोयमा ! पंच अणुत्तरविमाणा पण्णत्ता, तं०. विजए जाव सव्वट्ठसिदे । २४३ । जीवे णं भंते ! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहए समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु अग्नयरंसि निरयावासंसि नेरइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! तत्थगते चेव आहारेज वा परिणामेज वा सरीरं वा बंधेजा?, गोयमा! अत्थेगतिए तत्थगए चेव आहारेज वा परिणामेज वा सरीरं वा बंधेज वा, अत्यगतिए तओ पडिनियत्तति त्ता इहमागच्छति त्ता दोच्चंपि मारणंतियसमुग्धाएणं समोहण्णइ त्ता इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसह. २०९ श्रीभगवत्यंग-सत:5 मुनि दीपरत्नसागर Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1 स्यु अनयरंसि निश्यावासंसि नेरइयत्ताए उववजित्तए, ततो पच्छा आहारज वा परिणामेज वा सरीरं वा बंधेवा. एवं जाव आहेसत्तमा पुढवी. जीवे णं भंते! मारणंतियसमुग्धाएणं. समोहए ता जे भविए चउसट्टीए असुरकुमारावाससयसहस्सेसु अन्नयरंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारत्ताए उपवजित्तए जहा नरइया तहा भाणियव्वा जाव धणियकुमारा. जीवे णं भंते! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहए त्ता जे भविए असंखेज्जेसु पुढवीकाइयावासस यसहस्सेसु अन्नयरंसि पुढवीकाइयावासंसि पुढवीका इयत्ताए उपवज्जित्तए से णं भंते! मंदरस्स पव्त्रयस्स पुरच्छिमेण केवतियं गच्छेज्जा केवतियं पाउणेज्जा ?, गोयमा ! लोयतं गच्छेज्जा लोयतं पाउणिज्जा, से णं भंते! तत्थगए चेव आहारेज्ज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधेज्जा ?, गोयमा ! अत्थेगतिए तत्थगए चेव आहारेज्ज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधेज, अत्येगतिए तओ पडिनियत्तति सा इह दव्यमागच्छ ता दोच्यपि मारणंतियसमुघाणं समोहरणति त्ता मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छ्रिमेणं अंगुलस्स असंखेज्जभागमे तं वा संखेज्जतिभागमेत्तं वा वालग्गं वा वालग्गपुहुतं वा एवं लिक्ख जूयं जयं अंगुलं जाव जोयणकोडिं वा जोयणकोडाकोडिं वा संखेज्जेस वा असंखेज्जेसु वा जोयणसहस्से लोगते वा एगपदेसियं सेटिं मोनूण असंखेज्जेस पुढवीकाइयावाससयसहस्से अनयरंसि पुढ बीकाइयावासंसि पुढवीकाइयत्ताए उबवज्जेत्ता तओ पच्छा आहारेज्ज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधेजा, जहा पुरच्छिमेणं मंदरस्त पव्वयस्स आलावओ भणिओ एवं दाहिणेणं पञ्चत्थिमेण उत्तरेण उड्ढं अदे, जहा पुढवीकाइया तहा एगिंदियाणं सव्येसिं एकेकस्स छछ आठावया भाणियच्या. जीव णं भंते! मारणंतिय समुग्याएणं समोहए ता जे भविए असंखेज्जेस वेदियावाससयसहस्सेसु अण्णयरंसि बेंदियावासंसि बेइंदियत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! तत्थगए चेव जहा नेरइया, एवं जाव अणुत्तरोववाइया जीवे णं भंते! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहए ता जे भविए एवं पंचसु अणुत्तरेसु महतिमहालएस महाविमाणेसु अन्नयरंसि अणुत्तरविमाणंसि अणुत्तरोववाइयदेवत्ताए उववजित्तए से णं भंते! तत्थगए चैव जाव आहारेज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा धंधेज्जा १० सेवं भंते! सेवं भंते! २४४ ॥ श० ६ उ० ६ ॥ अह णं भंते सालीणं बीहीणं गोधूमाणं जवाणं जयजवाणं एएसिं णं धन्नाणं कोट्टाउत्ताणं पलाउताणं मंचाउत्ताणं मालाडत्ताणं उहित्ताणं रित्ताणं पिहियाणं मुद्दियाणं ठंडियाणं केवतियं कालं जोणी संचिट्ठइ ?, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उकोसेणं तिन्नि संवच्छराई, तेण परं जोणी पमिलायइ तेण परं जोणी पविद्धंसइ तेण परं बीए अभीए भवति, तेण परं जाणीवोच्छेदे पं० समणाउसो! अह भंते! कलायमसूर तिलमुग्णमासनिष्फाव कुलत्थ आलिसंदगसतीणपलिमंथगमादीणं एएसि णं धन्नाणं जहा सालीणं तहा एयाणवि नवरं पंच बच्छराई सेसं तं चेव, अह भंते! अयसिकुसुंभगकोव कंगवरहगरालगकोदूसगसणसरिसवमूलगचीयमादीणं एएसिं णं धन्नाणं० एयाणिवि तहेब, नवरं सत्त संबच्छराइ, सेसं तं चैव। २४५। एगमेगस्स णं भंते! मुहुत्तस्स केवतिया ऊसासद्धा वियाहिया ?, गोयमा ! असंखेज्जाणं समयाणं समुदयसमितिसमागमेणं सा एगा आवलियत्ति पबुच्चइ, संखेज्जा आवलिया ऊसासो संखेज्जा आवलिया निस्सासो हट्टस्स अणवगाउस्स, निरुवकिस्स जंतुणो । एगे ऊसासनीसासे, एस पाणुत्ति युबति ॥ ४६ ॥ सत पाणि से थोवे, सत्त थोवाई से लवे लवाणं सतहत्तरिए एस मुहुत्ते विवाहिए ॥ ४७॥ तिन्नि सहस्सा सत्तय सयाई तेवत्तरि च ऊसासा एस मुद्दत्तो दिट्टो सब्वेहिं अनंतनाणीहिं ॥ ४८ ॥ एएणं मुहुत्तपमाणेणं तीसमुहुत्तो अहोरतो पन्नरस अहोरत्ता पक्खो दो पक्खा मासो दो मासा उऊ तिनि उउए अयणे दो अयणे संवच्छरे पंचसंवच्छरिए जुगे वीसं जुगाई बाससयं दस वाससयाई वाससहस्सं सयं वाससहस्साइं वाससयसहस्सं चउरासीती वाससयसहस्वाणि से एगे पुब्बंगे चउरासीती पुब्बंगसयसहस्साई से एगे पुब्बे, एवं तुडियंगे २ अडडंगे २ अववंगे २ हृयंगे २ उप्पलंगे २ पउमंगे २ नलिणंगे २ अच्छणिउरंगे २ अउयंगे २ पउयंगे २ नउयंगे २ चूलियंगे २ सीसपहेलियंगे सीसपहेलिया एतावताब गणिए एतावताव गणियस्स विसए, तेणं परं ओबमिए से किं तं ओमिए १, २ दुविहे पं० [सं० पलिओषमे य सागरोवमे य से किं तं पलिओ मे ? से किं तं सागरोवमे ?, 'सत्येण सुतिक्खेणवि छेतुं भेत्तुं च जं किर न सका। तं परमाणु सिद्धा वयंति आदि पमाणाणं ॥ ४९॥ अनंताणं परमाणुपोग्गलाणं समुदयसमितिसमागमेणं सा एगा उस्सण्डसन्हियाति वा सहसव्हियाति वा उढरेणूति वा तसरेणूति वा रहरेणूति वा वालग्गेइ वा लिक्खाति वा ज्याति वा जवमज्झेति वा अंगुलेति वा, अट्ठ उस्सण्हसहियाओ सा एगा सहसण्डिया अट्ठ सहसहियाओ सा एगा उढरेणू अट्ट उड्ढरेणूओ सा एगा तसरेणू अट्ट तसरेणूओ सा एगा रहरेणू अट्ठ रद्दरेणूओं से एगे देवकुरुउत्तरकुगाणं मणूसाणं वालग्गे एवं हरिवासरम्मगहेमवएरन्नवयाणं पुब्वविदेहाणं मणूसाणं अट्ठ वालग्गा सा एगा लिक्खा अट्ट लिक्खाओ सा एगा ज्या अट्ठ ज्याओ से एगे जवमज्झे अट्ठ जवमज्झाओ से एगे अंगुले, एएणं अंगुलपमाणेणं छ अंगुलाणि पादो बारस अंगुलाई विद्दत्थी चउव्वीसं अंगुलाई रयणी अडयालीसं अंगुलाई कुच्छी छनउती अंगृलाणि से एगे दंडेति वा धणूति वा जूएति वा नालियाति वा अक्खेति वा मुसलेति वा, एएणं धणुप्पमाणेणं दो धणुसहस्साई गाउयं चत्तारि गाउयाई जोयणं, एएणं जोयणप्पमाणेणं जे पहले २१० श्रीभगवत्यंग - 5 1 मुनि दीपरत्नसागर Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जोयणं आयामविक्खंभेणं जोयणं उड्ढंउच्चत्तेणं तं तिउणं सविसेसं परिरएणं से णं एगाहियबेयाहियतेयाहिय उक्कोसं सत्तरत्तप्परूढाणं संमढे संनिचिए भरिए वालग्गकोडीणं, से गं वालम्गे नो अग्गी दहेजा नो वाऊ हरेजा नो कुत्थेजा नो परिविद्धंसेजा नो पूतित्ताए हव्वमागच्छेजा, ततो णं वाससए २ एगमेगं वालग्गं अवहाय जावविएणं कालेणं से पाड़े खीणे नीरए निम्मले निहिए निवे अवहडे विसुद्धे भवति से तं पलिओवमे, 'एएसि पल्लाणं कोडाकोडी हवेज दसगुणिया । तं सागरोवमस्स उ एकस्स भवे परीमाणं ॥ ५० ॥ एएण सागरोवमपमाणेणं चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा तिन्नि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमा दो सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमदूसमा एगा सागरोवमकोडाकोडी बायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणिया कालो दूसमसुसमा एकवीसं वाससहस्साई कालो दूसमा एकवीसं वाससहस्साई कालो दूसमदूसमा पुणरवि उस्सप्पिणीए एकवीसं वाससहस्साई कालो दूसमदूसमा एकवीसं वाससहस्साई जाव चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा, दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणी दससागरोवमकोडाकोडीओ कालो उस्सप्पिणी वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणी य उस्सप्पिणी य । २४६ । जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे इमीसे ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए उत्तमट्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे होत्था ?, गोयमा! बहुसमरमणिजे भूमिभागे होत्था, से जहानामए-आलिंगपुक्खरेति वा एवं उत्तरकुरुबत्तवया नेयब्या जाव आसयंति सयंति, तीसे णं समाए भारहे वासे तत्थ २ देसे २ तहिं २ बहवे ओराला कुद्दाला जाव कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूला जाव छब्बिहा मणुस्सा अणुसजित्था तं०पम्हगंधा मियगंधा अममा तेयतली सहा सणिचारि। सेवं भंते! सेवं भंते!।२४७॥श०६उ०७॥ करणं भंते ! पढवीओ पं०१.गोयमा ! अट्ट इसीप्पम्भारा, अस्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे गेहाति वा गेहावणाति वा ?, गोयमा ! णो तिणढे समढे, अत्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए अहे गामाति वा जाव संनिवेसाति वा ? नो तिणढे समढे, अस्थि णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढबीए अहे उराला बलाया संसेयंति संमुच्छंति वासं गसंति ?,इंता अस्थि, तिन्निवि पकरेंति देवोऽवि पकरेति | असुरोऽविप० नागोऽविप०, अस्थि णं भंते! इमीसे रयण० बादरे थणियसहे?, हंता अस्थि, तिन्निवि पकरेंति, अस्थि णं भंते! इमीसे रयण अहे बादरे पुढवीकाए बादरे अगणिकाए?, | गोयमा!नो तिणट्टे समढे, नन्नत्य विम्गहगतिसमावन्नएणं, अत्थि णं भंते ! इमीसे रयण अहे चंदिम जाव तारारूवा?, नो तिणट्टे समढे! अस्थि णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए | चंदाभाति वा०?, णो इणढे समढे, एवं दोच्चाएऽवि पुढवीए भाणियव्वं, एवं तच्चाएऽविभाणियब, नवरं देवोऽवि पकरेति असुरोऽवि पकरेति णो णागो पकरेति, चउत्थाएऽवि एवं नवरं देवो एको पकरेति नो असुरो० नो नागो पकरेति, एवं हेडिल्लासु सव्वासु देवो एको पकरेति, अस्थि णं भंते ! सोहम्मीसाणाणं कप्पाणं अहे गेहाइ वा०, नो इणट्टे समढे अस्थि णं भंते ! उराला बलाहया०, इंता अस्थि, देवो पकरेति असुरोऽवि पकरेइ नो नाओ पकरेइ, एवं यणियसदेऽधि, अस्थि णं भंते ! चायरे पुढवीकाए बादरे अगणिकाए', णो इणट्टे समढे, नण्णत्व विग्गहगतिसमावन्नएणं, अस्थि णं भंते ! चंदिम, णो तिणढे समझे ! अस्थि णं भंते! चंदाभाति वा०, गोयमा! णो तिणढे समट्टे ! एवं सणंकुमारमाहिदेसु, नवरं देवो एगो पकरेति, एवं भलोएऽवि, एवं बंभलोगस्स उवरिं सबहिं देवो पकरेति, पुच्छियब्बो य बायरे आउकाए बायरे अगणिकाए बायरे वणस्सइकाए अन्नं तं चेव, 'तमुकाए कप्पपणए अगणी पुढवी य अगणि पुढवीसु। आऊतेउवणस्सइ कप्पुवरिमकण्हराईसु ॥५१॥२४८। कतिविहे णं भंते ! आउयबंधए पं०?, गोयमा ! छब्बिहा आउयचंधा पं० २०जातिनामनिहत्ताउए गतिनामनिहत्ताउए ठितिनामनिहत्ताउए ओगाहणानामनिहत्ताउए पएसनामनिहत्ताउए अणुभागनामनिहत्ताउए दंडओ जाव वेमाणियाणं, जीवा णं भंते ! किंजाइनामनिहत्ता जाव अणुभागनामनिहत्ता,गोयमा! जातिनामनिहत्ताविजाव अणुभागनामनिहत्तावि दंडओ जाव वेमाणियाणं,जीवा णं भंते! किंजाइनामनिहत्ताउया जाव अणुभागनामनिहत्ताउया ?, गोयमा ! जाइनामनिहत्ताउयावि जाव अणुभागनामनिहत्चाउयावि, दंडओ जाव बेमाणियाणं, एवं एए दुवालस दंडगा भाणियब्वा, जीवा णं भंते! किं जातिनामनिहत्ता जाइनामनिहत्ताउया० जीवा गं भंते ! किं जातिनामनिहत्ता जातिनामनिहत्ताउया जाइनामनिउत्ता जातिनामनिउत्ताउया जाइगोयनिहत्ता-जाइगोयनिहत्ताउया जातिगोयनिउत्ता जाइगोयनिउत्ताउया जाइणामगोयनिहत्ता जाइणामगोयनिहत्ताउया जाइणामगोयनिउत्ता०, जीवा णं भंते! किं जाइनामगोयनिउत्ताउया जाव अणुभागनामगोयनिउत्ताउया ?, गोयमा ! जाइनामगोयनिउत्ताउयावि जाव अणुभागनामगोयनिउत्ताउयावि दंडओ जाब वेमाणियाणं । २४९। लवणे णं भंते! समुद्दे कि उस्सिओदए पत्थडोदए खुभियजले अभियजले ?, गोयमा! लवणे णं समुद्दे उसिओदए नो पत्थडोदए सुभियजले नो अभियजले एत्तो आदत्तं जहा जीवाभिगमे जाव से तेण गोयमा! बाहिरया णं दीवसमुद्दा पुन्ना पुन्नप्पमाणा बोलबमाणा वोसट्टमाणा समभरघडताए चिट्ठति संठाणओ एगविहिविहाणा वित्थारओ अणेगविहिविहाणा दुगुणाद्गुणप्पमाणओ जाव अस्सि तिरिय२११ श्रीभगवत्यंग-सात मुनि दीपरत्नसागर Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लोए असंखेज्जा दीवसमुद्दा सयंभूरमणपंजवसाणा पं० समणाउसो, दीवसमुद्दा णं भंते! केवतिया नामधेजेहिं पं० १, गोयमा ! जावतिया लोए सुभा नामा सुभा वा सुभा गंधा सुभा रसा सुभा फासा एवतिया में दीवसमुद्दा नामभेजेहिं पं०. एवं नेयव्वा 'सुभनामा उद्धारो परिणामो सव्वजीवाणं'। सेवं भंते! सेवं भंते । २५० ॥ श० ६ ३०८ ॥ जीवे णं भंते! णाणावरणिज्जं कम्मं बंधमाणे कति कम्मपगडीओ बंधति ?, गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा छब्विहबंधए वा. बंधुदेसो पनवणाए नेयव्वो । २५१। देवे णं भंते! महिइटीए जाव महाणुभावे बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एगवन्नं एगरूवं विउब्वित्तए ?, गोयमा नो तिणट्टे०. देवे णं भंते! बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू ?. हंता पभू. से णं भंते कि इहगए पोग्गले परियाइत्ता बिउव्वति तत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विकुब्वति अन्नत्थगए पोग्गले परियाइत्ता बिउव्यति ?, गोयमा नो इहगए पोस्गले परियाइत्ता विव्वति तत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विकुब्वति नो अनत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विउव्यति, एवं एएणं गमेणं जाव एगवन्नं एगरूवं एगवण्णं अणेगरूचं अणेगवन्नं एगरूचं अणेगवन्नं अगरुवं चभंगो, देवे णं भंते! महिड्ढीए जाब महाणुभागे बाहिरए पोंग्गले अपरियाइत्ता पभू कालयं पोग्गलं नीलगपोग्गलत्ताए परिणामेत्तए नीलगं पोग्गलं वा कालगपोग्गलत्ताए परिणामेत्तर ?, गोयमा ! नो निणट्टे समट्टे, परियाइत्ता पभु से णं भंते! किं इहगए पोग्गले तं चेव नवरं परिणामेतिति भाणियव्वं एवं कालगपोग्गलं लोहियपोम्गलत्ताए. एवं कालएणं जाव किड. एवं णीलएणं जाव सुकिडं. एवं लोहियपोग्गलं जाव सुकिउत्ताए एवं डालिएणं जाव सुकि ं एवं एयाए परिवाडीए गंधरसफास= कक्खडफासं पोग्गलं मउयफासपोग्गलत्ताए एवं दो दो गरुयलय सीयउसिण णिलुक्स, बन्नाई सब्वस्थ परिणामे आलावा य दो दो पोग्गले अपरियाइत्ता परियाइत्ता २५२ अविसुद्धलेसे णं भंते! देवे असमोहरण अप्पाणएणं अविसुद्धलेसं देवं देविं अन्नयरं जाणति पासति ? णो तिणट्टे समट्टे, एवं अविसुद्धलेसे असमोहरणं अप्पाणेणं विसुद्धलेसं देवं अविसुद्धलेसे समोहरणं अप्पाणेणं अविसुदलेसं देवं० अविसुद्धलेसे देवे समोहरणं अप्पाणेणं विसुद्धलेसं देवं० अविसुद्धलेसे समोहयासमोह एवं अप्पाणेणं अविसुद्धलेसं देवं अविसुद्धलेसे समोहया० विसुद्धलेसं देवं० विसुद्धलेसे असमो० अविसुद्धलेसं देवं विसुद्धलेसे असमोहपूर्ण विसुद्धलेसं देवं विसुद्धलेसे णं भंते! देवे समाहरणं अविसुद्धलेसं देवं० जाणइ ?. हंता जाणइ०, एवं विसुद्ध - समो० त्रिसुद्धले देवं० जाणइ० १. हंता जाणइ० त्रिसुद्धलेसे समोहयासमोहरणं अविसुद्धले देवं विसुद्धलेसे समोहयासमोदएणं विसुद्धलेसं देवं० एवं हेडिएहिं अहिं न जाणइ न पासइ उरिएहि चउहि जाणइ पास। सेवं भंते! सेवं भंते! | २५३ ॥ श० ६ ३० ९ ॥ अन्नउत्थिया णं भंते! एवमाइक्खति जाव परुति जावतिया रायगिह नयरे जीवा एवइयाणं जीवाण नो चकिया कोई सुहं वा दुई वा जाय कोलडिगमायमवि निष्फावमायमवि कलममायमचि मासमायमवि मुग्गमायमचि ज्यामायमवि लिक्खामायमपि अभिनिवट्टेत्ता उवदंसित्तए, से कहमेयं भंते! एवं ? गोयमा जनं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खति जाव मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवैमि सव्वलोएऽविय णं सव्वजीवगणं णो चकिया कोई सुहं वा तं चैव जाव उवदंसित्तए से केणट्टेणं० १. गोयमा! अयन्नं जंबुद्दीचे २ जाव विसेसाहिए परिक्खेवेण पं०. देवे णं महिदीए जाव महाणुभागे एगं महं सविलेवणं गंधसमुग्गगं गहाय तं अबदालेति ता जाव इणामेवत्तिकट्टु केवलकप्पं जंबूदीव २ तिहिं अच्छरानिवाएहिं तिसत्तखुत्तो अणुपरियट्टित्ताणं हव्वमागच्छेजा से नूर्ण गांयमा! से केवलकप्पे जंबूदीवे २ तेहिं घाणपोग्गलेहिं फुडे ?. हंता फुडे. चकिया णं गोयमा ! केति तेसिं घाणपोम्गलाणं कोलडियामायमवि जाव उपदंसित्तए ?, णो तिणट्टे सणट्टे, से नेणट्टेणं जाव उवदंसेत्तए । २५४ जीवे णं भंते! जीवे ? जीवे जीवे ?. गोयमा! जीवे ताव नियमा जीवे जीवेऽवि नियमा जीवे जीवे णं भंते! नेरइए नेरइए जीवे ?, गोयमा! नेरइए ताव नियमा जीवे जीवे पुण सिय नेरइए सिय अनेरइए. जीवे णं भंते! असुरकुमारे असुरकुमारे जीवे ?, गोयमा ! असुरकुमारे ताव नियमा जीवे जीवे पुण सिय असुरकुमारे सिय णो असुरकुमार एवं दंडओ भाणियच्वो जाव वैमाणियाणं. जीवति भंते! जीवे ? जीत्रे जीवति ? गोयमा! जीवति ताव नियमा जीवे जीवे पुण सिय जीवति सिय नो जीवति जीवति भंते! नेरइए ?, नेरइए जीवति ? गोयमा नेरइए ताव नियमा जीवति जीवति पुण सिय नेरइए सिय अनेरइए, एवं दंडओ नेयब्वो जाव वैमाणियाणं भवसिद्धीए णं भंते! नरइए नेरइए भवसिद्धीए ? गोयमा भवसिद्धीए सिय नेरइए सिय अनेरइए नेरइएऽविय सिय भवसिद्धीए सिय अभवसिद्धीए एवं दंडओ जाव वेमाणियाणं । २५५। अनउत्थिया णं भंते! एवमाइक्वंति जाब परूवेंति एवं खलु सब्वे पाणा भूया जीवा सत्ता एगंतदुक्त्रं वेयणं वेयंति से कहमेयं भंते! एवं?. गोयमा! जन्नं ते अन्नउत्थिया जाव मिच्छे ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जात्र परूमि अत्थेगइया पाणा भूया जीवा सत्ता एगंतदुक्खं बेयणं वेयंति आहच सायं०, अत्थेगतिया पाणा भूया जीवा सत्ता एगंतसायं देयणं वेयंति आहच अस्सायं वेयणं वयंति, अत्येगइया पाणा भूया जीवा सत्ता बेमायाए वेयणं वेयंति आहच सायमसायं ० से केणट्टेणं० १. गोयमा नेरइया एतदुक्खं वेयणं वेयंति आहन सायं०, भवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिया एगंतसायं वेदणं वेयंति आहच असायं०, पुढविकाइया जाव मणुस्सा वेमायाए वेयणं वेयंति आहच सायमसायं से तेणट्टेणं०/२५६। (५३) २१२ श्रीभगवत्यं रात 5 2. मुनि दीपरत्नसागर Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नेरइया णं भंते! जे पोग्गले अत्तमायाए आहारैति ते किं आयसरीरखेत्तोगाढे पोग्गले अत्तमायाए आहारैति अणंतरखेत्तोगाडे पोग्गले अत्तमायाए आहारति परंपरखेत्तोगाडे पोगले अत्तमायाए आहारैति ?, गोयमा ! आयसरीरखेत्तोगाडे पोग्गले अत्तमायाए आहारंति नो अनंतरखेत्तोगाडे पोग्गले अत्तमायाए आहारैति नो परंपरखेत्तोगाढे०. जहा नेरझ्या तहा जाव माणियाणं दंडओ | २५७। केवली णं भंते! आयाणेहिं जाणति पासति ?, गोयमा! नो तिणट्टे०, से केणट्टेणं० १. गोयमा! केवली णं पुरच्छिमेणं मियंपि जाणइ अभियंपि जाणह जाव निव्वुडे दंसणे केवलिस्स, से तेणट्टेणं० 'जीवाण सुहं दुक्खं जीवे जीवति तहेव भविया य एगंतदुक्खवेयण अत्तमायाय केवली ॥ ५२ ॥ सेवं भंते! सेवं भंते! | २५८ उ०१० इति पष्ठं शतकं ॥ [ आहार १ विरति २ थावर ३ जीवा ४ पक्खी ५ य आउ ६ अणगारे ७ छउमत्थ ८ असंवुड ९ अनउत्थि १० दस सत्तमंमि सए ॥ ५३ ॥ तेणं काले जाव एवं वदासी जीवे णं भंते! कं समयमणाहारए भवइ ?, गोयमा ! पढमे समए सिय आहारए सिय अणाहारए चितिए समए सिय आहारए सिय अणाहारए ततिए समए सिय आहारए सिय अणाहारए चउत्थे समए नियमा आहारए, एवं दंडओ, जीवा य एगिंदिया य चउत्थे समए सेसा ततिए समए, जीवे णं भंते! कं समयं सव्वप्पाहारए भवति ?. गोयमा ! पढमसमयोववन्नए वा चरमसमए भवत्थे वा एत्थ णं जीवे णं सब्वप्पाहारए भवइ, दंडओ भाणियन्त्रो जाव वैमाणियाणं । २५९। किंसंठिए णं भंते! लोए पं० १. गोयमा ! सुपट्टगसंठिए लोए पं०, हेट्टा विच्छिन्ने जाव उप्पि उड्ढमुइंगागारसंठिए तंसि च णं सासयंसि लोगंसि हेट्टा विच्छिन्नंसि जाव उप्पि उड्ढमुइंगागारसंठियंसि उप्पन्ननाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली जीवेऽवि जाणइ पासइ अजीवेऽवि० तो पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेइ। २६० । समणोवासगस्स णं भंते! सामाइयकडस्स समणोवस्सए अच्छमा णस्स तस्स णं भंते! किं ईरियावहिया किरिया कज्जइ संपराइया किरिया कज्जइ ?, गोयमा ! णो ईरियावहिया किरिया कजति संपराइया किरिया कबड़, से केणद्वेणं जाव संप० किरिया कजति ?, गोयमा समणोवसयस्स णं सामाइयकडस्स समणोवस्सए अच्छमाणस्स आया अहिगरणीभवइ आयाहिगरणवत्तियं च णं तस्स नो ईरियावहिया किरिया कज्जइ संपराइया किरिया कज्जइ, से तेणद्वेणं जाय संपराइयाः । २६१। समणोवासगस्स णं भंते! पुव्वामेव तसपाणसमारंभ पञ्चक्खाए भवति पुढवीसमारंभ अपचक्खाए भवइ से य पुढविं खणमाणे अण्णयरं तसं पाणं विहिंसेज्जा से णं भंते! तं वयं अतिचरति ?, णो तिणट्टे समट्टे, नो खलु से तस्स अतिवायाए आउट्टति, समणोवासयस्स णं भंते! पुब्वामेव वणस्वहसमारंभ पञ्चक्खाए से य पुढविं खणमाणे अन्नयरस्स रक्खस्स मूलं छिंदेज्जा से णं भंते! तं वयं अतिचरति !, णो तिणट्टे समट्टे, नो खलु तस्स अइवायाए आउट्टति । २६२ । समणोवासए णं भंते! तहारूवं समणं वा माहणं वा फासुएसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं परिलाभेमाणे किं लभइ ?, गोयमा! समणोवासए णं तहारूवं समणं वा जान पडिलाभेमाणे तारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा समाहिं उप्पाएति, समाहिकारए णं तमेव समाहिं पडिलभइ, समणोवासए णं भंते! तहारूवं समणं वा जाव पडिलाभेमाणे किं चयति ?, गोयमा जीवियं चयति दुचयं चयति दुकरं करेति दुलहं लहइ बोहि बुज्झइ तओ पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेति । २६३ । अस्थि णं भंते! अकम्मस्स गती पन्नायति ?, हंता अस्थि कहनं भंते! अकम्मस्स गती पन्नायति ?, गोयमा ! निस्संगयाए निरंगणयाए गविपरिणामेणं बंधणच्छेयणयाए निरिघणयाए पुव्वपओगेणं अकम्मस्स गती पं० कह भंते! निस्संगयाए निरंगणयाए गइपरिणामेणं बंधणच्छेयणयाए निरिधणयाए पुष्वप्पओगेणं अकम्मस्स गती पन्नायति ?, से जहानामए- केई पुरिसे सुकं तुंबं निच्छि निरुवहयंति आणुपुच्चीए परिकम्मेमाणे २ दम्भेहि य कुसेहि य वेढेइ त्ता अट्ठहिं मट्टियालेवेहिं लिंपइ ता उन्हे दलयति भूर्ति २ सुकं समाणं अत्थाहमतारमपोरिसियंसि उदगंसि पक्खिवेज्जा से नूणं गोयमा ! से तुंबे तेसिं अण्डं महियालेवाणं गुरुयत्ताए भारियत्ताए गुरुसंभारियत्ताए सलिलतलमविवदत्ता अहे धरणितलपट्टाणे भवइ ?, हंता भवइ, अहे णं से तंत्रे अदृष्टं मट्टि यावाणं परिक्लएणं धरणितलमतिबइत्ता उप्पिं सलिलतलपड्डाणे भवइ ?, हंता भवइ, एवं खलु गोयमा ! निस्संगयाए निरंगणयाए गइपरिणामेणं अकम्मस्स गई पञ्चायति, कह भंते! बंधणच्छेदणयाए अकम्मस्स गई पं० १, गोयमा ! से जहानामए-कलसिंबलियाइ वा मुग्गसिंबलियाइ वा माससिबलियाइ वा सिंबलिसिबलियाइ वा एरंडमिंजियाइ वा उण्हे दिना सुका समाणी फुडित्ताणं एगंतमंतं गच्छइ, एवं खलु गोयमा ०. कहलं भंते! निरिंधणयाए अकम्मस्स गती ? गोयमा से जहानामए-धूमस्स इंधणविष्पमुकस्स उद्धं बीससाए निव्वाधारण गती पवत्तति एवं खलु गोयमा १०, कहनं भंते! पुव्वप्पओगेणं अकम्मस्स गती पं० १, गोयमा से जहानामए-कंडस्स कोदंडविप्पमुकस्स लक्खाभिमुही निव्वाघाएणं गती पवत्त एवं खलु गोयमा ! पुञ्वप्पओगेणं अकम्मस्स गई पवत्तइ एवं खलु गोयमा ! नीसंगयाए निरंगणयाए जाव पुव्वप्यओगेणं अकम्मस्स गती पं० । २६४ । दुक्खी भंते! दुक्खेणं फुडे अदुक्खी दुक्खेणं फुडे ?, गोयमा ! दुक्खी दुक्खेणं फुडे नो अदुक्खी दुक्खेणं फुडे, दुक्खी णं भंते! नेरतिए दुक्खेणं फुडे अदुक्खी नेरतिए दुक्खेणं फुडे ?, गोयमा ! २१३ श्रीभगवत्थंग - संत 9 मुनि दीपरत्नसागर Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दुक्खी नेरइए दुक्खैणं फुडे नो अदुक्खी नेरतिए दुक्खेणं फुडे, एवं दंडओ जाव वैमाणियाणं, एवं पंच दंडगा नेयव्वा-दुक्खी दुक्खेणं फुडे दुक्खी दुक्ख परियायइ दुक्खी दुक्खं उदीरेइ दुक्खी दुक्खं वेदेति दुक्खी दुक्खं निजरेति । २६५ अणगारस्स णं भंते! अणाउत्तं गच्छमाणस्स वा चिमाणस्स वा निसीयमाणस्स वा तुयट्टमाणस्स वा अणाउत्तं वत्थं पडिग्गहं कंचलं पायपुंणं गेण्हमाणस्स वा निक्खियमाणस्स वा तस्स णं भंते! किं इंरियावहिया किरिया कजइ० १, गो० नो ईरियावहिया किरिया कज्जति संपराइया किरिया कज्जति से केणट्टेणं० १, गोयमा ! जस्स णं कोहमाणमायालोमा बोल्छिन्ना भवति तस्स णं ईरियावहिया किरिया कज्जइ नो संपराइया किरिया कज्जइ, जस्म णं कोमाणमायालोमा अवोच्छिन्ना भवंति तस्स णं संपराइया किरिया कजइ नो ईरियावहिया०. अहासुत्तं रीयमाणस्स ईरियावहिया किरिया कजइ उस्स्रुत्तं रीयमाणस्स संपराइया किरिया कजइ, सेणं उत्तमेव रियति से तेणट्टेणं । २६६ अह भंते! सइंगालस्स सधूमस्स संजोयणादोसदुट्टस्स पाणभोयणस्स के अट्टे पं० १. गोयमा! जेणं निम्गंथे वा निग्गंधी वा फासएसणिज्जं असणपाणः पडिग्गहित्ता मुछिए गिद्धे गढिए अज्झोवबन्ने आहारं आहारेति एस णं गोयमा ! सइंगाले पाणभोयणे, जे णं निग्गंथे वा निग्गंधी या फासुएसणिलं असणपाण: पडिग्महित्ता मया २ अप्पत्तियकोह किन्यामं करेमाणे आहारमाहारेइ एस णं गोयमा ! सधूमे पाणभोयणे, जेणं निग्गंथे वा जाव पडिग्महेत्ता गुणुप्पायणहेडं अन्नदव्येणं सद्धिं संजोएत्ता आहारमाहारेइ एस णं गोयमा संजोयणादोसदुट्टे पाणभोयणे. एस णं गोयमा! सइंगालस्स सधूमस्स संजोयणादोसदुस्स पाणभोयणस्स अट्टे पं०. अह भंते! वीतिंगालस्स वीयधूमस्स संजोयणादो पमुकस्स पाणभोयणस्स के अट्टे पं० १. गोयमा ! जेणं णिग्गंथो वा जाब पडिग्गहेत्ता अमुच्छिए जाव आहारेति एस णं गोयमा ! वीतिंगाले पाणभोयणे, जेणं निग्गंधे वा निग्गंधी वा जाव पडिग्महित्ता णो महया अप्पत्तियं जाव आहारेइ एस णं गोयमा ! वीयधूमे पाणभोयणे. जे णं निग्गंथे जाव पडिग्गहेत्ता जहा लद्धं तद्दा आहारमाहारेड एस णं गोयमा ! संजोयणादोसत्रिप्यमुक्के पाणभोयणे. एस णं गोयमा ! बीतिंगालस्स वीयधूमस्स संजोयणादोसविप्पमुकस्स पाणभोयणस्स अट्टे पं० १२६७ अह भंते! खेनानिकंतस्स काळानिकंतस्स मग्गातिकंतस्स पमाणानिकंतस्स पाणभोयणस्स के अट्ठे पं० १, गो० जे णं निम्गंथे वा निग्गंधी वा फासुएसणिजं णं असणं अणुग्गए सूरिए पडिग्गहित्ता उगए सूरिए आहारमाहारेति एस णं गोयमा वित्तातिकंते पाणभोयणे. जे णं निग्गंथो वा जाच साइमं पढमाए पोरिसीए पडिग्गहित्ता पच्छिमं पोरिसिं उवायणावेना आहार आहारेइ एस णं गोयमा कालातिकंते पाणभोयणे. जे णं निम्गंथो वा जाव साइमं पडिग्गहित्ता परं अद्धजोयणमेराए वीइकमावद्दत्ता आहारमाहारेद्द एस णं गोयमा ! मग्गातिकते पाणभोयणे, जेणं निग्गंथो वा निग्गंधी वा फासुएसणिज्जं जाव साइमं पडिग्गहिता परं बत्तीसाए कुकुडिअंडगपमाणमेत्ताणं कवलाणं आहारमाहारेद्द एस णं गोयमा ! पमाणाइकते पाणभोयणे, अनुकुकुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कचले आहारमाहारेमाणे अप्पाहारे दुवाल कुकुटि अंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे अवइदोमोयरिया सोलसकुकुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे दुभागप्पत्ते चउव्वीसं कुकुड अंडगप्पमाणे जाव आहारमाहारेमाणे ओमोदरिए बत्तीसं कुक्कुडिअंडगमेत्ते कबैले आहारमाहारेमाणे पमाणाने. एत्तो एक्केणवि गासेणं ऊणगं आहारमाहारेमाणे समणे निग्गंथे तो पकामरसभोई इति वत्तच्वं सिया, एस णं गोयमा खेत्तातिकंतस्स कालातिक्कंतस्स मग्गातिकंतम्स पमाणातितस्स पाणभोयणस्स अड्डे पं० | २६८ । अह भंते! सत्थातीयस्स सत्यपरिणामियस्स एसियस्स वेसियस्स समुदाणियस्स पाणभोयणस्स के अट्टे पं० १. गोयमा ! जे णं निमथो वा निग्गंधी वा निक्खित्तसत्थमुसले ववगयमालयवन्नगविलेवणे ववगयचुयचइयचत्तदेहं जीवविप्पजढं अकयमकारियमसंकप्पियमणाहूयमकीयकडमणुदिहं नवकोडीपरिसुद्धं दसदोसविष्यमुकं उग्गमुपायणेसणासुपरिसुद्धं वीतिंगालं वीतधूमं संजोयणादोसविप्यमुक्कं असुरसुरं अचचचवं अदुयमविलंबियं अपरिसाडी अक्खोवंजणवणाणुलेवणभूयं संयमजायामायावत्तियं संजमभारवहणट्टयाए बिलमिव पन्नगभूएणं अप्पाणेणं आहारमाहारेति एस णं गोयमा सत्यातीयम्स सत्यपरिणामियस्स जाव पाणभोयणस्स अट्टे पं०, सेवं भंते! सेवं भंते त्ति । २६९ ॥ ० ७०१ ॥ से नूणं भंते! सव्वपाणेहिं सव्वभूएहिं सव्वजीवेहिं सव्वसत्तेहिं पञ्चक्खायमिति वदमाणस्स सुपचक्खायं भवति दुपञ्चरस्वायं भवति ?, गोयमा ! सव्वपाणेहिं जात्र सव्वसत्तेहिं पञ्चवायमिति वदमाणस्स सिय सुपचक्खायं भवति सिय दुप्पच्चक्वायं भवति, से केणट्टेणं भंते! एवं वृच्चइ सव्वपाणेहिं जाब सिय दुपचक्खायं भवति ?, गोयमा जम्म णं सव्वजीवेहिं जाव सव्वमत्तेहि पचवायमिति वदमाणस्स णो एवं अभिसमन्नागयं भवति इमे जीवा इमे अजीवा इमे तसा इमे थावरा तस्स णं सव्वपाणेहिं जाव सव्वमतेहिं पद्मवायमिति वदमाणस्स नो सुपञ्चखायं भवति दुपचक्वायं भवति एवं खलु से दुपचक्खाई सव्वपाणेहिं जाय सव्वसत्तेहिं पलक्वायमिति वदमाणो नो सब भासं भामइ मोम भासं भासइ. एवं खलु से मुसाबाई सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं तिविहंतिविहेणं असंजयविश्यपढिहयपञ्चक्वायपावकम्मे सकिरिए असंबुडे एगंतदंडे एगंनबाले २१४ श्रीभगवत्यं सतं-9 मुनि दीपरत्नसागर Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यावि भवति, जस्स णं सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं पञ्चक्वायमिति वदमाणस्स एवं अभिसमन्नागयं भवइ इमे जीवा इमे अजीवा इमे तसा इमे थावरा तस्स णं सव्वपाणेहि जाव सव्वसत्तेहिं पञ्चक्रवायमिति वदमाणस्स सुपचक्वायं भवति नो दुपञ्चकुखायं भवति, एवं खलु से सुपञ्चकखाई सव्वपाणेहिं जात्र सव्वसत्तेहिं पञ्चकखायमिति वयमाणे सच्चं भासं भासइ नो मोसं भासं भासइ, एवं खलु से सच्चवादी सव्वपाणेहिं जाव सव्यसत्तेहिं तिविहतिविहेणं संजयविरयपडिहयपञ्चक्खायपावकम्मे अकिरिए संबुडे एगंतपंडिए याचि भवति, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ जाव सिय दुपचक्खायं भवति । २७०। कतिविहे णं भंते! पञ्चक्खाणे पं० १. गोयमा दुविहे पञ्चकखाणे पं० तं मूलगुणपचखाणे य उत्तरगुणपचक्खाणे य. मूलगुणपचक्खाणे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा दुबिहे पं० तं सव्यमूलगुणपचक्खाणे य देसमूलगुणपचक्खाणे य, सव्वमूलगुणपचखाणे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा ! पंचविहे पं० तं० सव्याओ पाणाइवायाओ बेरमणं जाव सव्वाओ परिग्गहाओ वेरमणं, देसमूलगुणपचक्खाणे णं भंते! कवि पं० १. गोयमा पंचविहे पं० तं थूलाओ पाणाइयांयाओ वेरमणं जाव धूलाओ परिग्गहाओ वेरमणं, उत्तरगुणपचक्खाणे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा दुविहे पं० तं० सब्बुत्तरगुणपचक्रवाणे य देसुत्तरगुणपाणेय, सच् त्तरगुणपञ्चकखाणे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा ! दसविहे पं० तं० अणागयमइकतं कोडीसहियं नियंटियं चेव । सागारमणागारं परिमाणकडं निरवसेसं ॥ ५४ ॥ साकेयं चैव अद्धाए पचक्खाणं भवे दसहा । देसुत्तरगुणपञ्चक्खाणे णं भंते! कइविहे पं० १, गोयमा ! सत्तविद्दे पं० तं० दिसिव्वयं उपभोगपरीभोगपरिमाणं अनत्थदंडवेरमणं सामाइयं देखावगासियं पोसहोववासो अतिहिसंविभागो अपच्छिममारणंतियसंलेहणासणाऽऽराहणता २७१ । जीवा णं भंते! किं मूलगुणपञ्चक्खाणी उत्तरगुणपञ्चवाणी अपचक्खाणी ? गोयमा ! जीवा मुलगुणपचक्खाणीवि उत्तरगुणपच्चक्खाणीवि अपचक्खाणीवि, नेरइया णं भंते! किं मूलणगुणपचक्खाणी० पुच्छा, गोयमा ! नेरइया नो मूलगुणपञ्चवाणी नो उत्तरगुणपश्चखाणी अपचक्रवाणी एवं जाव चउरिंदिया, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा य जहा जीवा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेरइया, एएसिं णं भंते! मूलगुणपचवाणी उत्तरगुणपञ्चवाणी अपच्चक्रवाणी य कयरे २ हिंतो जाव विसेसाहिया या ?, गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा मूलगुणपच्चक्खाणी उत्तरगुणपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा अपच्चकखाणी अनंतगुणा, एएसिं गं भंते! पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा पंचेंदियतिरिक्सजोणिया मूलगुणपच्चक्खाणी उत्तरगुणपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा अपच्चक्खाणी असंखिजगुणा, एएसं णं भंते! मणुस्साणं मूलगुणपच्चक्खाणीणं० पुच्छा, गोयमा ! सव्वत्थोवा मणस्सा मूलगुणपच्चक्रवाणी उत्तरगुणपच्चक्रवाणी संखेज्जगुणा अपञ्चवाणी असंखेजगुणा, जीवा णं भंते! किं सव्यमूलगुणपच्चकुखाणी देसमूलगुणपञ्चकखाणी अपच्चक्खाणी, गोयमा ! जीवा सब्वमूलगुणपच्चक्खाणीवि देसमूलगुणपच्चक्लाणीवि अपच्चकृखाणीवि, नेरइयाणं पुच्छा, गोयमा ! नेरइया नो सब्वमूलगुणपच्चक्खाणी नो देसमूलगुणपच्चक्खाणी अपच्चक्खाणी, एवं जाव चउरिंदिया, पंचिदियतिरिक्ख० पुच्छा, गोयमा ! पंचिदियतिरिक्ख • नो सव्यमूलगुणपञ्चवाणी देसमूलगुणपचक्खाणीवि अपचक्खाणीवि, मणुस्सा जहा जीवा, वाणमंतरजोइसवेमाणिया जहा नेरइया, एएसिं णं भंते! जीवाणं सव्वमूलगुणपचक्खाणीणं देसमूलगुणपञ्चवाणीणं अपचक्रवाणीण य कयरे २हिंतो जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा! सव्वत्थोवा जीवा सव्वमूलगुणपञ्चक्खाणी देसमूलगुणपश्चक्खाणी असंखेज्जगुणा अपच्चकखाणी अनंतगुणा, एवं अप्पा बहुगाणि तिन्निवि जहा पढमिलए दंडए, नवरं सव्वत्थोवा पंचिंदियतिरिक्खजोणिया देसमूलगुणपच्चकखाणी अपच्चक्खाणी असंखेजगुणा, जीवा णं भंते! किं सब्बुत्तरगुणपच्चक्खाणी देसुत्तरगुणपञ्चवाणी अपच्चक्खाणी ? गोयमा ! जीवा सब्बुत्तरगुणपञ्चवाणीवि तिन्निवि पंचिदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा य एवं चेव, सेसा अपच्चक्खाणी जाव वैमाणिया, एएसिं णं भंते! जीवाणं सब्बुत्तरगुणपच्चक्खाणी० अप्पाबहुगाणि तिन्निवि जहा पढमे दंडए जाब मणूसाणं, जीवा णं भंते किं संजया असंजया संजयासंजया ?, गोयमा ! जीवा संजयावि तिन्निवि एवं जहेब पन्नवणाए तहेव भाणियध्वं जाव बेमाणिया, अप्पाबहुगं वहेव तिव्हषि भाणियवं जीवा णं भंते! किं पंच्चक्रवाणी अपचक्रवाणी पच्चक्खाणापच्चक्रवाणी ? गोयमा जीवा पच्चक्रखाणीचि एवं तिन्निवि, एवं मणुस्साणवि पंचिदियतिरिक्खजोणिया आइतविरहिया, सेसा सब्बे अपञ्चवाणी जाव बेमाणिया, एएसिणं भंते जीवाणं पञ्चवाणीणं जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा सब्बधोवा जीवा पच्चकखाणी पच्चकुखाणापच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा अपच्चक्खाणी अनंतगुणा, पंचेंदियतिरिकुखजोणिया० सव्वत्थोवा पच्चक्खाणापच्चक्खाणी अपच्चक्षाणी असंखेज्जगुणा, मस्सा • सव्वथोवा पच्चखाणी पच्चक्खाणापच्चक्खाणी संखेज्जगुणा अपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा ॥ २७२॥ जीवा णं भंते किं सासया असासया १, गोयमा ! जीवा सिय सासया सिय असासया, से केणणं भंते! एवं बुच्चइ जीवा सिय सासया सिय असासया ?, गोयमा ! दब्बट्टयाए सासया भावट्टयाए असासया, से तेणद्वेणं गोयमा एवं वृचइ-जाब सिय २१५ श्रीभगवत्यं सतं. 9 अति पावसाबर Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ असासया, नेरइया णं भंते! किं सासया असासया ?, एवं जहा जीवा तहा नेरइयावे, एवं जाव वमाणिया जाव सिय सासया सिय असासया सब भत सब भतः । २७३ ॥ २० ७० २ ॥ वणस्सइकाइया णं भंते! किंकालं सव्वप्पाहारगा वा सव्यमहाहारगा वा भवंति ? गोयमा पाउसवरिसारत्तेसु णं एत्थ णं वणस्सइकाइया सव्वमहाहारगा भवति तदाणंतरं च णं सरए तयाणंतरं च णं हेमंते तदाणंतरं च णं वसंते तदाणंतरं च णं गिम्हे गिम्हासु णं वणस्सइकाइया सव्वप्पाहारगा भवंति, जइ णं भंते! गिम्हासु वणस्स इकाइया सव्व प्पाहारगा भवंति कम्हाणं भंते! गिम्हासु बहवे वणस्सइकाइया पत्तिया पुष्फिया फलिया हरियगरेरिजमाणा सिरीए अईब २ उवसोभेमाणा २ चिट्ठति ? गोयमा गिम्दासु णं बहवे उसिणजोणिया जीवा य पोग्गला य वणस्सइकाइयत्ताए वकमंति विउकमंति चयंति उपजंति, एवं खलु गोयमा ! गिम्हासु बहवे वणस्सइकाइया पत्तिया पुष्फिया जाव चिद्वेति | २७४ । से नूर्ण भंते! मूला मूलजीवकुडा कंदा कंदजीवफुडा जाव बीया बीयजीवफुडा ?, हंता गोयमा ! मूला मूलजीवफुडा जाव बीया बीयजीवकुडा, जति णं भंते! मूला मूल. जीवफुडा जाब बीया बीयजीवफुडा कम्हा णं भंते! वणस्सइकाइया आहारेति कम्हा परिणार्मेति ? गोयमा ! मूला मूलजीवफुडा पुढबीजीवपडिबद्धा तम्हा आहारंति तम्दा परिणा मेंति कंदा कंदजीवफुडा मूलजीवपडिबद्धा तम्हा आहारेन्ति तम्हा परिणामेन्ति, एवं जाव बीया बीयजीवफुडा फलजीवपडिबद्धा तम्हा आहारेन्ति तम्हा परिणामेन्ति । २७५। अह भंते! आहुए मूलए सिंगबेरै हिरिली सिरिलि सिस्सिरिली किडिया छिरिया छीरिचिरालिया कण्हकंदे वज्जाकंदे सूरणकंदे खेलूडे अदए भद्दमुत्था पिंडहलिदा लोही णीहू बीह थिरुगा मुग्गकन्नी अस्सकनी सीहंडी मुंसुंदी जे यावन्ने तहम्पगारा सब्बे ते अनंतजीवा विविहसन्ता ?, हंता गोयमा आलए मूलए जाव अनंतजीवा विविहसत्ता २७६ सिय भंते! कण्ह लेसे नेरइए अप्पकम्मतराए नीललेसे नेरइए महाकम्मतराए ?. हंता सिया से केणट्टेणं० एवं बुच्चइ-कण्डलेसे नेरइए अप्पकम्मतराए नीललेसे नेरइए महाकम्मतराए १. गोयमा ! ठिति पच्च, से तेणट्टेणं गोयमा! जाव महाकम्मतराए, सिय भंते! नीललेसे नेरइए अप्पकम्मतराए काउलेसे नेरइए महाकम्मतराए ?. हंता सिया से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चतिनीललेसे० अप्पकम्मतराए काउलेले नेरइए महाकम्मतराए १, गोयमा ठितिं पडुच्च से तेणद्वेणं गोयमा जाव महाकम्मतराए, एवं असुरकुमारेऽवि नवरं तेउलेसा अन्मदिया. एवं जाव वैमाणिया, जस्म जइ लेस्साओ तस्स तत्तिया भाणियव्वाओ, जोइसियस्स न भन्नइ, जाब सिय भंते! पहलेसे वैमाणिए अप्पकम्मतराए सुकलेसे बेमाणिए महाकम्मतराए ?, हंता सिया से केणद्वेणं० सेसं जहा नेरइयस्स जाव महाकम्मतराए । २७७। से नूणं भंते! जा वेदणा सा निजरा जा निज्जरा सा वेदणा ? गोयमा णां तिणडे समठ्ठे से केणट्टणं भंते! एवं बच्चइ जा वेयणा न सा निज्जरा जा निजरा न सा वेयणा ? गोयमा कम्मं वेदणा णोकम्मं निज्जरा से तेणद्वेणं गोयमा! जाव न सा वेदणा, नेरइयाणं भंते! जा वेदणा सा निज्जरा जा निज्जरा सा वेयणा ?, गोयमा ! णो तिणट्टे समड़े से केणद्वेणं भंते! एवं बुच्चइ नेरइयाणं जा बेयणा न सा निजरा जा निजरा न सा बेयणा ? गोयमा नेरइयाणं कम्म वेदणा णोकम्मं निजरा से तेणट्टेणं गोयमा जाव न सा वेयणा, एवं जाव वैमाणियाणं, से नृणं भंते! जं वेदसु तं निज्जरिंसु जं निज्जरिसु तं वेदेसु ? णो तिणट्टे समट्टे से केणट्टेणं भंते! एवं बुबइ जं वेदेसु नो तं निज्जरें जं निजरेंसु नो तं वेदेंसु ?, गोयमा कम्मं वेदेंसु नोकम्मं निज्जरिंसु से तेणट्टेणं गोयमा जाव नो तं वेदेंसु, नेरइया णं भंते! जं वेदेंख तं निज्जरि० ?, एवं नेरइयावि, एवं जाव वैमाणिया, से नूणं भंते! जं वेदेति तं निजरेंति जं निजरिति तं वेदेति ?, गोयमा! णो तिणट्टे समड़े से केणणं भंते! एवं बुच्चइ जाव नो तं वेदेति ?, गोयमा कम्मं वेदेति नोकम्मं निज्जरेंति से तेणट्टेणं गोयमा! जाव नो तं वेदेति, एवं नेरइयाचि जाव बेमाणिया से नूणं भंते! जं वेदिस्संति तं निजरिस्संति जं निज रिस्संति तं वेदिस्संति ?, गोयमा ! णो तिणट्टे समट्टे, से केणट्टेणं जाव णो तं वेदेस्संति ? गोयमा कम्मं वेदिस्संति नोकम्मं निज्वरिस्संति से तेणट्टेणं जाब नो तं निज्जरिस्संति, एवं नेरइयावि जाय बेमाणिया, से णूणं भंते! जे वेदणासमए से निजरासमए जे निज्जरासमए से वेदणासमए ?, नो तिणट्टे समट्टे से केणद्वेगं भंते! एवं बुच्चइ जे वेयणासमए न से निजरासमए जे निज्जरासमए न से वेदणासमए ? गोयमा जंसमयं वेदेति नो तंसमयं निज्जरंति जंसमयं निजरेंति नो तंसमयं वेदेति, अन्नस्मि समए वेदेति अन्नम्मि समए निजरेंति अन्ने मे वेदणासमए अन्ने से निज्जरासमए, से तेणट्टेणं जाय न से वेदणासमए न से निज्जरासमए, नेरइयाणं भंते! जे वेदणासमए से निजरासमए जे निजरासमए से वेदणासमए ?. गोयमा! णो तिण सम, सेकेणट्टेणं भंते! एवं बुच्च नेरइयाण जे वेदणासमए न से निज्जरासमए जे निज्जरासमए न से वेदणासमए ? गोयमा नेरइया णं जंसमयं वेदेति णो समयं निजरेंति जंसमयं निज्जरंति नो तंसमयं वेदेति अन्नम्म समए वेदंति अनंमि समए निज्जरेंति अने से वेदणासमए अन्ने से निजरासमए से तेणट्टेणं जाव न से वेदणासमए, एवं जाव वैमाणिया । २७८ । नेरइया णं भंते किं सासया असासया ? गोयमा सिय सासया सिय असासया से केणट्टणं भंते! एवं बुधइ नेरइया सिय सासया सिय असासया ?, गोयमा ! अवोच्छित्तिणयट्टयाए सासया वोच्छित्तिणयट्टयाए असासया, से तेणद्वेणं जाव सिय असासया, एवं जाव वैमाणिया जाव सिय असासया सेवं भंते! सेवं भंते ति । २७९ । (५४) २१६ श्रीभगवत्यं सतं मुनि दीपरत्नसागर 1 Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ CON2045PMME240AL-ENLARG40202MERARLABHRALIANRAADIMODI/48898249982492040300ARNDSAAMRAA824 ॥ श०७३०३॥ राबगिहे नगरे जाप एवं बदासी-कतिविहा णं भंते ! संसारसमावनगा जीवा पं०?, गोयमा! उबिहा संसारसमावन्नगा जीवा पं० त०-पुढवीकाइया एवं जद्दा जीवाभिगमे जान सम्मत्तकिरियं चा मिचछत्तकिरियं वा। सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति। 'जीवा छब्बिह पुड़वी जीवाण ठिती भवद्धिती काए। निडेवण अणगारे किरिया सम्मत्तमिच्छत्ता ॥५५॥ २८०॥श०७उ०४॥रायगिहेजाव एवं वदासी-खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते! कतिविहजाणीसंगह पं०१.गोयमा! तिविहे जोणीसंगहे पंत-अंडया पोयया संम. च्छिमा. एवं जहा जीवाभिगमे जाव नो चेव ण ते विमाणे बीतीवएजा, एवंमहालया गं गोयमा ! ते चिमाणा पं०. 'जोणीसंगह लेसा दिट्टी नाणे य जोग उवओगे। उववायठितिसमुग्यायचवणजातीकुलविहीओ ॥५६॥ सेवं भंते! सेवं भंतेत्ति । २८१॥ श० ७ उ०५॥ रायगिहे जाव एवं बदासी-जीवे णं भंते ! जे भविए नेरइएसु उववजित्तए से णं भंते ! कि इहगए नेरदयाउयं पकरेति उबवजमाणे नेरइयाउयं पकरेइ उववन्ने नेरइयाउयं पकरेइ ?. गोयमा ! इहगए नेरइयाउयं पकरेइ नो उववजमाणे नेर० नो उववन्ने नेरइयाउयं पकरेइ. एवं असुकुमारेसुऽवि एवं जाच वेमाणिएस, जीचे णं भंते! जे भविए नेरहएस उवयजित्तए से णं भंत ! कि इहगए नेरइयाउयं पडिसंवेदेति उववजमाणे नेरइयाउयं पडिसंवेदेति उववन्ने नेरइ. याउयं पडिसंवेदेति?,गोयमा! गेरइएणोइहगए नेरइयाउयं पडिसंवेदेइ उववजमाणे नेरड्याउयं पडिसंवेदेइ उपवनेवि नेरइयाउयं पडिसंवेदति, एवं जाव वेमाणिएम, जीव णं भत! जे मचिए नेइएम उववजित्तए से गंभंते ! किं इहगए महावेदणे उक्वजमाणे महावेदणे उववन्ने महावेदणे ?. गोयमा! इहगए सिय महायणे सिय अप्पवेदणे उववजः सिय महा० सिय अप्प अहेणं उववन्ने भवति तो पच्छा एगंतदुक्खं वेयणं वेयंति आहच्च सायं०, जीये णं भंते जे भविए असुरकुमारेसु उश्वजित्तए पुच्छा, गोयमा: इहगए सिय महावेदणे सिय अप्पवेदणे उपवजमाणे सिय महावेदणे सिय अप्पवेदणे, अहे गं उववन्ने भवइ तओ पच्छा एगंतसाय वेवणं वेदेति आहच असायं०.एवं जाव थणियकुमारे जीवे णं भंते ! जे भविए पुढवीकाइएम उववजित्तए चुच्छा, गोयमा ! इहगए सिय महावेयणे सिय अप्पवेयणे, एवं उववजमाणेऽवि, अहे णं उववन्ने भवति तओ पच्छा वेमायाए वेयणं वेयेति एवं जाव मणुस्सेसु, वाणमंतरजोइसियवेमाणिएम जहा असुरकुमारेसु।२८२। जीवा णं भंते ! कि आभोगनिव्वत्तियाउया अणाभोगनिव्वत्तियाउया ?, गोयमा ! नो आभोगनिव्वत्तियाउया अणाभोगनिवत्तियाउया, एवं नेरइयावि, एवं जाय वेमाणिया । २८३ । अत्यि णं भंते ! जीवाणं ककसवेयणिज्जा कम्मा कज्जति', हता अस्थि, कह भंते ! जीवाणं ककसचेयणिज्जा कम्मा कज्जति ?, गोयमा ! पाणाइवाएणं जाब मिच्छादसणसाझेणं, एवं खलू गोयमा ! जीवाणं ककसवेयणिजा कम्मा कजंति, अस्थि णं भंते नेरइयाणं ककसवेयणिजा कम्मा कजं. ति? एवं चेच, एवं जाव वेमाणियाण, अस्थि णं भंते ! जीवाणं अककसवेयणिज्जा कम्मा कजति ?, हंता अस्थि, कहन्नं भंते! अककसवेयणिज्जा कम्मा कजति ?. गोयमा ! पाणाइचायवेरमणेणं जाव परिगहवरमणेणं कोहविवेगेणं जाच मिच्छादसणसाइविवगण, एवं खलु मोयमा! जीवाणं अकक्सयणिजा कम्मा कजति, अस्थि णं भते! नेहयाणं अककमवेवणिजा कम्मा कजति ?, गोयमा ' णो तिणढे समटे, एवं जाव वेमाणिया, नवरं मणुस्साणं जहा जीवाणं ।२८४ । अस्थि णं भंते ! जीवाणं सायावेयणिना कम्मा कजंति ?. हंता अस्थि, कहनं भंते ! जीवाणं सातावेयणिजा कम्मा कति?, गोयमा! पाणाणुकंपाए भूयाणुकंपाए जीवाणुकंपाए सत्ताणुकंपाए बहूर्ण पाणाणं जाच सत्ताणं अदुस्खणयाए असोयणयाए अजूरणयाए अतिप्पणयाए अपिट्टणयाए अपरियावणयाए एवं खलु गोयमा ! जीवाणं मायावेयणिज्जा कम्मा कजति, एवं नेरइयाणवि, एवं जाव वेमाणियाणं, अस्थि णं भंते ! जीवाणं असायावेयणिजा कम्मा कति ?, हंता अन्थि, कहनं भंते ! जीवाणं असायावेयणिज्जा कम्मा कति?, गोयमा ! परदक्षणयाए परसोयणयाए परजूरणयाए परतिप्पणयाए परपिट्टणयाए परपरियावणयाए पहुणं पाणाणं जाच सत्ताणं दुक्खणयाए सोयणयाए जाव परियावणयाए एवं खलु गोयमा ! जीवाणं असायावयणिज्जा कम्मा कजंति, एवं नेरइयाणवि, एवं जाव वेमाणियाणं ।२८५। जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए दूसमदूसमाए समाए उत्तमकट्ठपत्ताए भरहस्स बासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सति?, गोयमा! कालो भविस्सइ हाहाभूए भंभाभूए कोलाहलम्भूए समयाणुभावेण य णं खरफरसधूलिमइला दुब्बिसहा बाउला भयंकरा वाया संवगा य बाइंति, इह अभिक्खणं धुमाइंति य दिसा समंता रउस्सला रेणकलसतमपडलनिरालोगा समयलक्खयाए य णं अहियं चंदा सीयं मोच्छति अहियं सरिया तवइस्संति अदुत्तरं च णं अभिक्खणं बहवे अरसमेहा विरसमेहा खारमेहा खट्टमेहा अग्गिमेहा विजुमेहा विसमेहा असणिमेहा अपिवणिजोदगा बाहिरोगवेदणोदीरणापरिणामसलिला अमणुनपाणियगा चंडानिलपहयतिक्खधारानिवायपउरं वासं वासिहिंति, जे णं भारहे वासे गामागरनगरखेडकन्नडमडंबदोणमुहपट्टणासमगयं जणवयं चप्पयगवेलए खयरे य पक्खिसंघे गामारनपया रनिरए तसे य पाणे बहुप्पगारे रुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपब्वगहरितोसहिपवालंकुरमादीए य तणवणस्सइकाइए विद्धंसेहिंति पञ्चयगिरिडोंगर(प० मंगरु)उच्छलभट्टिमादीए वेय| २१७ श्रीभगवयंग-स' मुनि दीपरनसागर Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इदगिरियजे विरावेहिति सलिलबिलगडदुग्गविसमं निष्णुनयाई च गंगासिंधुवजाई समीकरहिति, तीसे णं भंते ! समाए भरहवासस्स भूमीए केरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सति ?, गोयमा ! भूमी भविस्सति इंगालम्भूया मुम्मुरभूया छारियभूया तत्तकवाडयभूया तत्तसमजोतिभूया धूलिबहुला रेणुबहुला पंकबहुला पणगबहुला चलणिबहुला बहणं धरणिगोयराणं सत्ताणं दोनिकमा यावि भविस्मति ।२८६। तीसे णं भंते ! समाए भारहे वासे मणुयाणं केरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सति ?, गोयमा ! मणुया भविस्संति दुरूचा दुवन्ना दुगंधा दुरसा दुफासा अणिट्टा अर्कता जाव अमणामा हीणस्सरा दीणस्सरा अणिहस्सरा जाव अमणामसरा अणादेजवयणपञ्चायाया निलजा कूडकवडकलहवहबंधवेरनिरया मज्जायाति. कमप्पहाणा अकजनिच्चजता गुरुनियोयविणयरहिया य विकलरूवा परुदनहकेसमंसुरोमा काला खरफरुसझामवन्ना फुहसिरा कविलपलियकेसा बहुण्हारुणिसंपिनद्धदुईसणिजरुवा संकृडियवलीतरंगपरिवेढियंगमंगा जरापरिणतब्व थेरगनरा पबिरलपरिसडियदंतसेढी उभडघडदाढामुहा विसमनयणा वंकनासा वंकगवलीविगयभेसणमुहा कल्लूकसराभिभूया खरतिक्खनखड्ड्यविक्खयतणू दकिडिभसिंझफुडियफल्सच्छवी चित्तलंगा टोलागती विसमसंधिबंधणा उकडुअविगविभत्तदुबलकुसंघयणकुष्पमाणकुसंठिया कुरुवा कुठाणासणा कुसेजा कुमोदणो असुइणो अणेगवाहिपरिपीलियंगमंगा खलंतवेजा(प०म)लगती निरुच्छाहा सत्तपरिवजिया पियगचिट्ठा नहतेया अभिक्खणं सीयउण्डखरफरुसवायविजनडिया मलि. गपंसुरयगंडियंगमंगा बहुकोहमाणमाया बहुलोमा असुहदुक्खभोगी ओसन धम्मसण्णसम्मत्तपरिभट्टा उकोसेणं स्यणिप्पमाणमेत्ता सोलसचीसतिवासपरमाउसो पत्तनत्तपरियालपजयपहला गंगासिंधुओ महानदीओ वेयड्ढं च पव्वयं निस्साए बावत्तरि निओदा बीयं बीयमेत्ता चिलवासिणो भविस्संति, ते णं भंते ! मण्या किमाहारमाहारेति ?. गोयमा ! तेणं कालेणं० गंगासिंघओ महानदीओ रहपहवित्यराओ अक्खसोयप्पमाणमेतं जलं वोज्झिहिंति, सेऽवि य णं जले बहुमच्छकच्छभाइने णो चेव ण आउयबहुले भविस्मति, तए ण ते मण्या सूरूगमणमुत्तसि यमुरथमणमुटुत्तसि य चिलेहितो २ निदाइत्ता मच्छकच्छभे थलाई गाहेहिंति सीयायवतत्तएहिं मचाकच्छभेहिं एकवीसं बाससहस्साई वित्ति कापेमाणा विहरिस्संति, ते णं भंते ! मणुया निस्सीला निम्गुणा निस्संगा निम्मेरा निप्पचक्खाणपोसहोववासा ओसण्णं मंसाहारा मच्छाहारा खोहाहारा कुणिमाहारा कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिंति कहिं उपजिहिति ?, गोयमा ! ओसत्रं नरगतिरिक्खजोणिएसु उववजिहिंति, ते णं भंते ! सीहा वग्या वगा दीविया अच्छा तरच्छा परस्सरा निस्सीला तहेव जाव कहि उववजिहिति ?, गोयमा ! ओसनं नरगतिरिक्खजोणिएम० उववजिहिं ति, ते णं भंते ! ढंका कंका विकला मदुगा सीही निस्सीला तहेव जाव ओसन्नं नरगतिरिक्खजोणिएसु. उववजिहिति। सेवं भंते ! सेवं भंतेति ।२८७॥ श० ७उ०६॥ संवुडस्स णं भंते! अणगारस्स आउत्तं गच्छमाणस्स जाव आउत्तं वत्थं पडिग्गडं कंबलं पायपुंछणं गेण्हमाणस्स वा निक्खिवमाणस्स वा तस्स ण भंते ! किं इंरियावहिया किरिया कजइ संपराइया किरिया कजइ ?गोयमा ! संवुडस्स अणगारस्स जाव तस्स णं इंरियावहिया किरिया कजइ णो संपराइया किरिया कजइ. से केणद्वेणं भंते! एवं बुचइ-संवुडस्स णं जाव णो संपराइया किरिया कजइ?, गोयमा ! जस्स णं कोहमाणमायालोमा बोच्छिन्ना भवति तस्स णं ईरियावहिया किरिया काइतहेब जाव उस्सुत्तं रीयमाणस्स संपराइया किरिया कजइ से णं अहामुत्तमेव रीयइ, से तेणतुणं गोयमा! जाव नो संपराइया किरिया कजइ।२८८ा रुवी भंते ! कामा अरूवी कामा?, गोयमा ! रूवी कामा समणाउसो ! नो अरूवी कामा, सचित्ता भंते! कामा अचित्ता कामा ?, गोयमा ! सचित्ताचि कामा अचित्तावि कामा, जीवा भंते कामा अजीवा कामा?.गायमा! जीवाविकामा अजावाविकामा, जावाण भतःकामा अजावाण कामा..गायमा: जावाण कामा ना अजावाण कामा, कतिविह गोयमा! दुविहा कामा पं० त०-सदा य रूवा य, रूबी भंते ! भोगा अरूपी भोगा?, गोयमा! रूवी भोगा नो अरूवी भोगा, सचित्ता भंते ! भोगा अचित्ता भोगा?. गोयमा ! सचिताचि भोगा अचित्तावि भोगा, जीवा णं भंते ! भोगापुच्छा, गोयमा ! जीवावि भोगा अजीचावि भोगा, जीवाणं भंते ! भोगा अजीवाणं भोगा?, गोयमा! जीवाणं भोगा नो अजीवाणं भोगा, कतिविहा णं भंते ! भोगा पं०?, गोयमा तिविहा भोगा पं० सं०-गंधा रसा फासा, कतिविहा णं भंते ! कामभोगा पं०?, गोयमा ! पंचविहा कामभोगा पं० तं०. सहा रुवा गंधा रसा फासा, जीवा णं भंते ! किं कामी भोगी ?, गोयमा ! जीवा कामीवि भोगीवि, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुबह-जीवा कामीवि भोगीवि ?, गोयमा ! सोइंदियचक्खिदियाई पञ्च कामी घाणिदियजिभिदियफासिंदियाई पडुच भोगी, से तेणट्टेणं गोयमा ! जाव भोगीवि, नेरइया णं भंते ! किं कामी भोगी ?. एवं चेव, एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइयाण पुच्छा, गोयमा ! पुढवीकाइया नो कामी भोगी, से केणतुणं जाव भोगी ?, गोयमा ! फासिंदियं पडुच, से तेणतुणं जाप भोगी, एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइंदिया एवं चेव नवरं | जिभिदियफासिंदियाई पडुब, तेइंदियावि एवं चेव नवरं पाणिदियजिभिदियफासिंदियाई पडुच, चाउरिदियाणं पुच्छा गोयमा! चउरिदिया कामीवि भोगीवि, से केणट्टेणं जाय २१८ श्रीभगवत्यंग - 9 मुनि दीपरनसागर కలగడం వారికి Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भोगीवि ?, गोयमा ! चक्खिदियं पञ्च कामी धार्णिदियजिब्भिदियफासिंदियाई पडुच्च भोगी से तेणद्वेणं जाव भोगीवि, अवसेसा जहा जीवा जाव वेमाणिया, एएसिं णं भंते! जीवाणं कामभोगीणं नोकामी नोभोगीणं भोगीण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा कामभोगी नोकामीनोभोगी अनंतगुणा भोगी अनंतगुणा । २८९ । छउमत्ये णं भंते! मणूसे जे भविए अनयरेसु देवलोएस देवत्ताए उबवजित्तए से नूणं भंते! से खीणभोगी नो पभू उद्वाणेणं कम्मेणं त्रलेणं वीरिएणं पुरिसकारपरकमेणं बिउलाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरत्तिए ?, से नूणं भंते! एयमहं एवं वयह ?, गोयमा! णो इणट्टे समट्टे, पभू णं से उट्ठाणेणवि कम्मेणवि चलेणवि वीरिएणवि पुरुषक्कारपरक्कमेणवि अक्षयराई विपुलाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए, तम्हा भोगी भोगे परिच्चयमाणे महानिज्जरे महापज्जबसाणे भवइ, आहोहिए णं भंते! मणुस्से जे भविए अन्नयरेसु देवटोएस एवं चेव जहा छउमत्थे जात्र महापजवसाणे भवति, परमाहोहिए णं भंते! मणुस्से जे भविए तेणेव भवग्गणेणं सिज्झित्तए जाव अंत करेत्तए से नूणं भंते! से खीणभोगी सेसं जहा छउमत्यस्स, केवली णं भंते! मणुस्से जे भविए तेणेव भवग्गहणेणं एवं जहा परमाहोहिए जाव महापज्जवमाणे भवइ । २९० । जे इमे भंते! असक्षिणो पाणा, तं० पुढवीकाइया जाव वणस्सइकाइया छट्टा य एगविया तसा, एए णं अंधा मूढा तमंपविट्टा तमपडलमोहजालपडिच्छण्णा अकामनिकरणं वेदणं वेदंतीति वत्तव्वं सिया ?, हंता गोयमा ! जे इमे असक्षिणो पाणा जाव पुढवीकाइया जाव वणस्सइकाइया छट्टा य जाव वेदणं वेतीति वत्तव्वं सिया, अस्थि णं भंते! पभूवि अकामनिकरणं वेदणं वेदंति ?, हंता गोयमा अस्थि कहन्नं भंते! भूवि अकामनिकरणं वेदणं वेदेति ?, गोयमा ! जे णं णो पभू विणा दीवेणं अंधकारंसि रूबाई पासित्तए जे णं नो पभू पुरओ रुवाई अणिज्झाइत्ताणं पासित्तए जेणं नो पभू माओ रूवाई अणवयक्खित्ताणं पासित्तए जे णं नो पमू पासओ रुवाई अणालोइत्ताणं पासित्तए जे णं नो पभू उड्ढं रूवाई अणालोएत्ताणं पासित्तए जे णं नो पभू आहे रूवाई अणालोयएत्ताणं पासित्तए एस णं गोयमा ! पभूवि अकामनिकरणं वेदणं वेदेति, अस्थि णं भंते! पभूवि पकामनिकरणं वेदणं वेदेति ?, हंता अस्थि, कदनं भंते! पभूवि पकामनिकरणं वेदणं वेदेति ?, गोयमा ! जे णं नो पभू समुहस्स पारं गमित्तए जेणं नो पभू समुहस्स पारगयाई रुवाई पासित्तए जेणं नो पभू देवलोगं गमित्तए जेणं नो पभू देवलोगगयाई रूबाई पात्तिए एस णं गोयमा ! पभूवि पकामनिकरणं वेदणं वेदेति । सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति । २९१ ॥ श० ७ उ० ७ ॥ छउमत्थे णं भंते! मणूसे तीयमणंतं सासयं समयं केवलेणं संजमेणं एवं जहा पढमसए चउत्थे उद्देसए तहा भाणियव्वं जाव अलमत्यु । २९२ । से णूणं भंते ! दत्थिस्स य कुंथुस्स य समे चैव जीवे ?, हंता गोयमा हत्थिस्स य कुंथुस्स य०, एवं जहा रायप्पसेणइजे जात्र खुड्डियं वा महालियं वा से तेणद्वेणं गोयमा ! जाव समे चैव जीवे। २९३ । नेरइयाणं भंते! पावे कम्मे जे य कडे जे य कज्जइ जे य कजिस्सइ सब्वे से दुक्खे जे निजिन्ने से सुहे ?, हंता गोयमा नेरइयाणं पावे कम्मे जाव सुहे, एवं जाव वैमाणियाणं । २९४ । कति णं भंते! सन्नाओ पं०, गोयमा ! दस सन्नाओ पं० तं०आहारसन्ना भयसन्ना मेहुणसन्ना परिग्गहसन्ना कोहसन्ना माणसन्ना मायासन्ना लोभसन्ना लोगसन्ना ओहसन्ना, एवं जाव वेमाणियाणं, नेरइया दसविहं वेयणं पचणुभवमाणा विहरंति, तं०- सीयं उसिणं सुहं पिवास कंडुं परज्झं जरं दाहं भयं सोगं । २९५ । से नूणं भंते! हत्थिस्स य कुंथुस्स य समा चेव अपञ्चक्खाणकिरिया कज्जति ?, हंता गोयमा हत्थिस्स य कुंथुस्स य जाव कज्जति, से केणट्टेणं भंते! एवं वृच्चइ जाव कज्जइ ?, गोयमा ! अविरतिं पडुच, से तेणट्टेणं जाव कजइ । २९६ । आहाकम्मण्णं भंते! भुंजमाणे किं बंधइ किं पकड़ किं चिणाइ किं उवचिणाइ १. एवं जहा पढमे सए नवमे उद्देसए तहा भाणियव्वं जाव सासए पंडिए पंडियत्तं असासयं । सेवं भंते! सेवं भंते त्ति । २९७ ॥ श० ७ उ० ८ ॥ असंबुडे णं भंते! अणगारे बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पम् एगवन्नं एगरुवं विउब्वित्तए ?, णो तिणट्टे समट्टे, असंवुडे णं भंते! अणगारे बाहिरए पोम्गले परियाइत्ता पभू एगवन्नं एगरूवं जाव हंता पभू से भंते! किं इहगए पोग्गले परियाइत्ता बिउब्व तत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विव्वति अन्नत्थगए पोम्गले परियाइत्ता विकुव्वइ ?, गोयमा ! इहगए पोम्गले परियाइत्ता विकुब्बइ नो तत्थगए पोम्गले परियाइत्ता विकुब्बइ नो अन्नत्थगए गोग्गले जाव विकुब्वति, एवं एगवनं अणेगरूवं चउभंगो जहा उट्टसए नवमे उद्देसए वहा इहावि भाणियब्वं नवरं अणगारे इहगयं इहगए चेव पोग्गले परियाइत्ता विकुव्वाइ, सेसं तं चैव जाव लुक्खपोग्गलं निद्वपोम्गलत्ताए परिणामेत्तए ?, हंता पभू से भंते! किं इहगए पोगले परियाइत्ता जाव नो अन्नत्थगए पोग्गले परियाइत्ता विकुब्वइ । २९८ । णायमेयं अरहया सुयमेयं अरहया विज्ञायमेवं अरहया महासिलाकंटए संगामे२, महासिन्प्रकंटए णं भंते! संगामे वट्टमाणे के जइत्था के पराजइत्था ?, गोयमा ! वज्जी विदेहपुत्ते जइत्था, नव मलई नव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो पराजइत्या, तए णं से कोणिए राया महासिलाकंटकं संगामं उबट्ठियं जाणित्ता कोटुंबियपुरिसे सद्दावेइ त्ता एवं बयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! उदाई इत्थिरायं पडिकप्पेह हयगयरहजोहकलियं चाउरंगिणिं सेण्णं २१९ श्रीभगवत्यं सत" मुनि दीपरत्नसागर - Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सबाहेह त्ता मम एयमाणत्तियं खिप्पामेव पचप्पिणह, तए णं ते कोडुचियपुरिसा कोणिएणं रना एवं वुत्ता समाणा हतुट्ट जाव अंजलिं कटु एवं सामी ! तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणंति त्ता खिप्पामेव छेयायरियोवएसमतिकप्पणाविकप्पेहि सुनिउणेहिं एवं जहा उववाइए जाव भीमं संगामियं अउज्झं उदाई हत्थिरायं पडिकति हयगय जाव समाहेति त्ता जेणेव कृणिए राया तेणेव उवागच्छन्ति त्ता करयल० कृणियस्स रनो तमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति, तए णं से कूणिए राया जेणेव मज्जणघरे देणेव उवागच्छइ त्ता मज्जणघरं अणुपविसइत्ता हाए कयबलिकम्मे कयकोउयमंगलपायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए सन्नद्धबद्धवम्मियकवए उप्पीलियसरासणपट्टिए पिणद्धगेकेजे विमलवरबद्धचिंधपट्टे गहियाउहप्पहरणे सकोरिंटमबुदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं चाउचामरखालवीवियंगे मंगलजयसहकयालोए एवं जहा उववाइए जाव उवागच्छित्ता उदाई हस्थिराय दुरुढे, तए णं से कूणिए राया (प. यरिंदे) हारोत्ययसुकयरइयवच्छे जहा उववाइए जाव सेयवरचामराहिं उधुव्वमाणीहिं २ हयगयरहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिखुडे महया भडचडगरविंदपरिक्खित्ते जेणेव महासिलाकंटए संगामे तेणेव उवागच्छइ त्ता महासिलाकंटयं संगामं ओयाए, पुरओ य से सक्के देविंद देवराया एगं महं अभेज कवयं बइरपडिरूवर्ग विउवित्ताणं चिट्ठति, एवं खलु दो इंदा संगामं संगामेति, तं०-देविंदे य मणुइंदे य, एगहत्थिणावि णं पभृ कूणिए राया पराजिणित्तए, तए णं से कृणिए राया महासिलाकंटक संगाम संगामेमाणे नव माई नवलेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो हयमहियपवरवीरघाइयवियडियचिंधद्धयपडागे किच्छपाणगए दिसोदिसिं पडिसेहित्था, से केणटेणं भंते ! एवं बुचड़ महासिलाकंटए संगामे १२, गोयमा! महासिलाकंटए णं संगामे वट्टमाणे जे तत्थ आसे वा हत्थी वा जोहे वा सारही वा तणेण वा पतेण वा कद्वेण या सकराए वा अभिहम्मति सव्वे से जाणइ महासिलाए अहं अभिहए २, से तेणटेणं गोयमा ! महासिलाकंटए संगामे२, महासिलाकंटए णं भंते ! संगामे वट्टमाणे कति जणसयसाहस्सीओ वहियाओ ?, गोयमा! चउरासीई जणसयसाहस्सीओ वहियाओ. ते णं भंते ! मणुया निस्सीला जाब निपञ्चक्वाणपोसहोववासा रुट्टा परिकुविया समरखहिया अणुवसंता कालमासे कालं किच्चा कहिं गया कहिं उववचा ?, गोयमा ! ओसनं नरगतिरिक्खजोणिएसु० उववना ।२९९। णायमेयं अरहया सुयमेयं अरहया विनायमेयं अरहया रहमुसले संगामे, रहमुसले णं भंते! संगामे वट्टमाणे के जइत्था के पराजइत्या ?, गोयमा! वज्जी विदेहपुते चमरे असुरिंदे असुरकुमाररागा जइत्था नव मलई नव लेख्छई पराजइत्या, तए णं से कूणिए राया रहमुसलं संगाम उबट्ठियं सेसं जहा महासिलाकंटए नवरं भूयाणंदे हस्थिराया जाव रहमुसलसंगामं ओयाए, पुरओ य से सके देविंद देवराया, एवं तहेव जाच चिट्ठति, मग्गओ य से चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया एगं महं आयासं किढिणपडिरूवगं विउव्वित्ताणं चिट्ठइ, एवं खलु तओ इंदा संगाम संगामेंति, तं०-देविंदे य मणुइंदे य असुरिंदे य, एगहत्थिणावि णं पभू कूणिए राया जइत्तए तहेव जाव दिसोदिसि पडिसेहित्था, से केणद्वेणं भंते ! रहमुसले संगामे २१. गोयमा ! रहमुसले णं संगामे वहमाणे एगे रहे अणासए असारहिए अणारोहए समुसले महया जणक्खयं जणवह जणप्पमई जणसंवहकप्पं रहिरकहमं करेमाणे सव्यओ समंता परिधाविस्था से तेणट्टेणं जाव रहमुसले संगामे, रहमुसले णं भंते ! संगामे वट्टमाणे कति जणसयसाहस्सीओ वहियाओ?, गोयमा! छन्नउती जणसयसाहस्सीओ वहियाओ, ते णं भंते! मणुया निस्सीला जाव उववन्ना?, गोयमा! तत्व णं दस साहस्सीओ एगाए मच्छीए कुच्छिसि उववनाओ, एगे देवलोगेसु उववन्ने, एगे सुकुले पचायाए, अवसेसा ओसनं नरगतिरिक्खजोणिएसु उववना ।३००। कम्हा णं भंते ! सके देविंदे देवराया चमरे य असुरिंदे असुरकुमारराया कूणियस्स रनों साहेज दलहत्या ?, गोयमा! सके देविंद देवराया पुब्वसंगतिए चमरे असुरिद असुरकुमारराया परियायसंगतिए, एवं खलु गोयमा ! सकदेविंदे देवराया चमरे य असुरिंदे असुरकुमारराया कूणियस्स रन्नो साहिजं दलहत्या।३०१। बहुजणे णं भंते ! अन्नमन्नस्स एवमाइक्खति जाव परूवेति एवं खलु बहवे मणुस्सा अन्नयरेसु उचावएसु संगामेसु अभिमुहा (प० हया) चेव पहया समाणा कालमासे कालं किचा अन्नयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उक्वत्तारो भवंति, से कहमेयं भंते! एवं ?, गोयमा! जगणं से बहुजणो अन्नमन्नस्स एवं आइक्खति जाप उक्वत्तारो भवंति जे ते एवमासु मिच्छं ते एचमाइंसु, अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि-एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं वेसाली नाम नगरी होत्था, वण्णओ, तत्थ णं वेसालीए णगरीए वरुणे नामं णागनत्तुए परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए समणोवासए अभिगयजीवाजीचे जाव पडिलाभेमाणे छटुंछट्टेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावमाणे विहरति, तए णं से वरुणे णागनत्तुए अन्नया कयाई रायाभिओगेणं गणाभिक बलाभियोगेणं रहमुसले संगामे आणते समाणे छट्ठभत्तिए अट्ठमभत्तं अणुवढेति कोटुंचियपुरिसे सहावेइ त्ता एवं वदासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चाउग्घट आसरहं जुत्तामेव उवट्ठावेह हयगयरहपवर जाव समाहेत्ता मम एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह, तए णं ते कोडुंचियपुरिसा जाब पडिसुणेत्ता खिप्पामेव सच्छत्तं सज्झयं जाव उवट्ठावेति हयगयरह जाव सन्नाहेति त्ता जेणेव वरुणे नागनत्तुए जाब पञ्चप्पिणंति, तए णं से वरुणे नागनत्तुए जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छति जहा कूणिओ जाव पायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए सन्नदबद्ध सकोरेंटमाजदामेणं जाव धरिज-(५५) २२०श्रीभगवत्यंग-सन, मुनि दीपरत्नसागर SCOPEMSHEEPSHIRANSHANIPALESSF055280407CONSEPTEMBPRASHESARPARIYARINE Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SHESARSHCHOPEMEPRABPRABHINMASHNEYONSPIRANSPORN62848084078MSPRIMEPARSHIGHSPN96078487 माणेणं अणेगगणनायग जाव दूयसंधिपाल सदि संपरिकुडे मजणघराओ पडिनिक्खमति त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ त्ता चाउग्घंट आसरहं दुरूहइत्ता हयगयरह जाव संपरिखुढे महया भडचङगर जाव परिक्खित्ते जेणेव रहमुसले संगामे तेणेव उवागच्छइत्ता रहमुसलं संगाम ओयाओ, तए णं से वरुणे णागणत्तुए रहमुसलं संगामं ओयाए समाणे अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-कप्पति मे रहमुसलं संगाम संगामेमाणस्स जे पुब्बिं पहणइ से पडिहणित्तए, अवसेसे नो कप्पतीति, अयमे. यारूवं. अभिगेण्डइ त्ता रद्दमुसलं संगाम संगामेति, तए णं तस्स वरुणस्स नागनत्तयस्स रहमुसलं संगाम संगामेमाणस्स एगे पुरिसे सरिसए सरिसत्तए सरिसव्वए सरिसभंडमत्तोबगरणे रहेणं पडिरह हव्वमागए, तए णं से पुरिसे वरुणं णागणत्तुयं एवं क्यासी-पहण भो वरुणा णागणत्तुया ! २, तए णं से वरुणे णागणतुए तं पुरिसं एवं वदासी-नो खलु मे कप्पइ देवागुप्पिया ! पुब्बि अहयस्स पहणित्तए, तुम चेव णं पुव्वं पहणाहि, तए णं से पुरिसे वरुणेण णागणत्तुएणं एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे धणुं परामुसइ त्ता उसु परा. मुसइ त्ता ठाणं ठाति त्ता आययकन्नाययं उसु करेइ त्ता वरुणं णागणत्तुयं गाढप्पहारीकरेड, तए णं से वरुणे णागनत्तुए देणं पुरिसणं गाढप्पहारीकए समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे धणं परामसइ ता उसुं परामसइ ता आययकन्नाययं उसुं करेइ ता तं पुरिस एगाहर्च कूडाहचं जीवियाओ ववरोवह, तए णं से वरुणे णागणतुए तेणं पुरिसेणं गाढप्पहारी. कए समाणे अस्थामे अबले अवीरिए अपुरिसकारपरक्कमे अधारणिजमितिकटु तुरए निगिण्हइ त्ता रहं परावत्तेइ त्ता रहमुसलाओ संगामाओ पडिनिक्खमति त्ता एगंतमंतं अवकमइ | त्ता तुरए निगिण्डइ त्ता रहं ठवेइ त्ता रहाओ पच्चोरहइत्ता रहाओ तुरए मोएड त्ता तुरए विसजेइ त्ता दग्भसंथारगं संधरइ त्ता पुरच्छाभिमुहे दुरूहइ त्ता पुरच्छाभिमुहे संपलि. यंकनिसन्ने करयल जाव कटु एवं वयासी-नमोऽत्थु णं अरिहंताणं जाव संपत्ताणं नमोऽत्यु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स आइगरस्स जाच संपाविउकामस्स मम धम्मायरियस्स धम्मोवदेसगस्स, वेदामि णं भगवन्तं तत्थगयं इगए, पासउ मे से भगवं तत्थगए जाव बंदति नमंसति त्ता एवं वयासी-पुबिपिणं मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए थूलए पाणातिवाए पञ्चक्खाए जावजीवाए एवं जाव थूलए परिग्गहे पचक्खाए जावज्जीवाए, इयाणिपिय णं अरिहंतस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं सव्वं पाणातिवायं पचक्खामि जाव. जीवाए एवं जहा खंदओ जाव एयपि णं चरमेहिं ऊसासनीसासेहि वोसिरामित्तिकटु सन्नाह पर्ट मुयइ त्ता सद्धरणं करेति त्ता आलोइयपडिकंते समाहिपत्ते आणुपुवीए कालगए, तएणं तस्स वरुणस्स णागनत्तुयस्स एगे पियबालवयंसए रहमुसलं संगामं संगामेमाणे एगेणं पुरिसेणं गाढप्पहारीकए समाणे अत्थामे अचले जाव अधारणिजमितिकटु वरुणं णागनत्तुयं रहमुसलाओं संगामाओ पडिनिक्खममाणं पासइ त्ता तुरए निगेण्हइ त्ता जहा वरुणे जाव तुरए विसजेति त्ता पडसंथारगं दुरूहइ त्ता पुरत्याभिमुहे जाव अंजलिं कटु एवं वयासी-जाई णं भंते! मम पियवालवयस्सस्स वरुणस्स नागनत्तुयस्स सीलाई क्याई गुणाई बेरमणाई पच्चक्खाणपोसहोववासाई ताई णं ममंपि भवंतुत्तिकटु सन्नाहपढें मुयइत्ता साद्धरणं करेति त्ता आणुपुथ्वीए कालगए, तए णं तं वरुणं णागणतुयं कालगयं जाणित्ता अहासन्निहिएहिं वाणमंतरेहिं देवेहिं दिव्वे सुरभिगंधोदगवासे बुट्टे दसवन्ने कुसुमे निवाडिए दिव्ये य गीयगंधव्वनिनादे कए यावि होत्था, तए णं तस्स वरुणस्स णागनत्तुयस्स तं दिव्वं देविडिंढ दिव्वं देवजुतिं दिव्वं देवाणुभागं सुणित्ता य पासित्ता य बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ जाव परुवेति-एवं खलु देवाणुप्पिया ! पहवे मणुस्सा जाव उववत्तारो भवति । ३०२। वरुणे णं भंते ! नागनत्तुए कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कदि उववन्ने ?, गोयमा! सोहम्मे कप्पे अरुणाभे विमाणे देवत्ताए उववन्ने, तत्थ णं अत्येगतियाणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाणि ठिती पं०, तस्थ णं वरुणस्सवि देवस्स चत्तारि पलिओवमाई ठिती पं०, से णं भंते! वरुणे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिति०, वरुणस्स णं भंते! णागणत्तुयस्स पियवालवयंसए कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उपवन्ने?, गोयमा ! सुकुले पच्चायाते, से णं भंते ! तओहिंतो अणंतरं उबहित्ता कहिं गच्छिहिति कहिं उववजहिति?, गोयमा! महाविदेहे वासे सिजिमाहिति । सेवं भंते! सेवं भंते !त्ति।३०३॥ श०७उ०९॥ तेणं कालेणं० रायगिहे नामं नगरे होत्या, वनओ, गुणसिलए चेइए वनओ, जाव पुढवीसिलापट्टओ, यण्णओ, तस्स णं गुणसिलयस्स चेयस्स अदूरसामंते बहवे अनउत्थिया परिवसंति, तं०-कालोदाई सेलोदाई सेवालोदाई उदए नामुदए (प० नोसुइए) तम्मदए अन्नवालए सेलवालए संखवालए सुहत्थी गाहावई, तए णं तेर्सि अन्नउत्थियाणं अन्नया कयाई एगयओ सहियाणं एगयओ समुवागयाणं सन्निविट्ठाणं सन्निसन्नाणं अयमेयारूवे मिहो कहासमुलावे समुप्पज्जित्थाएवं खल समणे नायपत्ते पंच अत्यिकाए पन्नवेति तं०-धम्मत्यिकार्य जाव आगासत्यिकाय, तत्य णं समणे नायपुत्ते चत्तारि अस्थिकाए अजीवकाए पनवेइ तं०-५ म्मत्यिकायं आगासत्यिकार्य पोमालस्थिकार्य, एगं च समणे णायपुत्ते जीवस्थिकायं अरूविकार्य जीवकार्य पन्नवेति, तत्य णं समणे णायपुत्ते चत्तारि अस्थिकाए अरूविकाए २२१श्रीभगवत्यंग -सत मुनि दीपरत्नसागर RASHIONICSEPCASPIONEPENSPIRAASHIRSARYPIRSADNIMASPASPURASSETCHEPRISPEEMBPRINSPIRARY Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पनवेति, तं०-धम्मत्थिकार्य अधम्मत्थिकार्य आगासस्थिकायं जीवत्यिकायं, एगं च णं समणे णायपुत्ते पोग्गलस्थिकायं रुविकार्य अजीवकायं पनवेति, से कहमेयं मने एवं?, तेणं कालेणं० समणे भगवं महावीरे जाव गुणसिलए चेइए समोसढे जाव परिसा पडिगया, तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूईणामं अणगारे गोयमगोतेणं एवं जहा चितीयसए नियंठुहेसए जाव भिक्खायरियाए अडमाणे अहापज्जतं भत्तपाणं पडिग्गहित्ता रायगिहाओ जाब अतुरियमचवलमसंभंतं जाब रियं सोहेमाणे तेसिं अन्नउत्थियाणं अदूरसामंतेणं वीइवयति, तए णं ते अन्नउत्थिया भगवं गोयमं अदूरसामंतेणं वीइवयमाणं पासंति त्ता अन्नमन्नं सद्दावेति त्ता एवं क्यासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं इमा कहा अविपकडा अयं च णं गोयमे अम्हें अदूरसामंतेणं बीइबयइ तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं गोयमं एयमह पुच्छित्तएत्तिकटु अन्नमन्नस्स अंतिए एयमझु पडिसुणेति त्ता जेणेव भगवं गोयमे तेणेच उवागच्छंति त्ता तं भगवं गोयम एवं वयासी-एवं खलु गोयमा! तव धम्मायरिए धम्मोवदेसए समणे णायपुत्ते पंच अत्थिकाए पन्नवेति, तं० धम्मस्थिकायं जाव आगासस्थिकाय, तं चेव जाव रूविकार्य अजीवकायं पन्नवेति से कहमेयं भंते गोयमा ! एवं ?, तए से भगवं गोयमे ते अन्नउथिए एवं वयासी-नो खलु वयं देवा. गुप्पिया ! अत्थिभावं नस्थित्ति वदामो नस्थिभावं अस्थित्ति वदामो, अम्हे णं देवाणुप्पिया ! सव्यं अस्थिभावं अत्थीति वदामो सव्वं नत्यिभावं नत्थीति क्यामो, तं चेय (प्र. वेद) सा खलु तुम्भे देवाणुप्पिया ! एयम४ सयमेव पचुवेक्खहत्तिक१ ते अन्नउथिए एवं वयति त्ता जेणेव गुणसिलए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे एवं जहा नियंलुईसए जाव भत्तपाणं पडिदंसेति त्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ त्ता नच्चासन्ने जाव पजवासति, तेणं कालेणं० समणे भगवं महावीरे महाकहापडिवन्ने यावि होस्था, कालोदाई य तंदेसं हव्यमागए, कालोदाईति समणे भगवं महावीरे कालोदाई एवं वयासी-से नूर्ण कासोदाई ! अन्नया कयाई एगयओ सहियाणं समुवागयाण समिविट्ठाणं तहेव जाव से कहमेयं मने एवं?, से नूणं कालोदाई ! अत्थे समझे ?, हंता अस्थि, तं सच्चे णं एसमढे कालोदाई ! अहं पंचस्थिकार्य पनवेमि, तं०-धम्मस्थिकार्य जाब पोग्गलस्थिकाय, तत्थ णं अहं चत्तारि अस्थिकाए अजीवकाए पन्नवेमि तहेव जाव एगं च णं अहं पोग्गलत्थिकायं रूविकायं पन्नयेमि, तए णं से कालोदाई समणं भगवं महावीरं एवं वदासी-एयंसि णं भंते धम्मत्थिकायंसि अधम्म स्थिकायंसि आगासस्थिकायंसि अरुविकायंसि अजीवकायंसि चक्किया केई आसइत्तए वा सइत्तए वा चिट्टइत्तए वा निसीइत्तए वा तुयट्टित्तए वा, णो तिणढे०, कालोदाई! एगंसि Bणं पोग्गलस्थिकायंसि रूविकायंसि अजीवकायंसि चकिया केई आसइत्तए वा सइत्तए वा जाव तुयट्टित्तए वा, एयंसि णं भंते! पोग्गलस्थिकार्यसि रूविकायंसि अजीवकायंसि जीवाणं पावा कम्मा पावकम्मफलविवागसंजुत्ता कज्जति ?, णो इणट्टे समझे कालोदाई!. एयंसिणं भंते ! जीवस्थिकायंसि अरूविकायंसि जीवाणं पावा कम्मा पावफरविवागसंजुत्ता कज्जति?,हंता कजति. एत्य ण से कालोदाई संबुद्धे समर्ण भगवं महावीरं वंदइ नमसइत्ता एवं वयासी-इच्छामिण भंते! तुम्भं अंतियं धम्म निसामेत्तए एवं जहा खंदए तहेव पव्वइए तहेव एक्कारस अंगाई जाब विहरइ।३०४॥ तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयाई रायगिद्दाओ नयराओ गुणसिलया चेइया पडिनिक्खमति त्ता पहिया जणवयविहारं विहरइ, तेणं कालेणं० रायगिह नाम नगरे गुणसिले णामं चेइए होत्या, तए णं समणे भगर्व महावीरे अन्नया कयाई जाय समोसढे परिसा पडिगया, तए णं से कालोदाई अणगारे अन्नया कयाई जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ त्ता समणं भगवं महावीर वंदइ नमसइ ता एवं क्यासी-अस्थि णं भंते! जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवागसंजुत्ता कजति ?, इंता अस्थि, कहण्णं भंते ! जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवागसंजुत्ता कति?, कालोदाई ! से जहानामए केई पुरिसे मणुन्ने थालीपागसुदं अट्ठारसक्जणाउलं विससंमिस्सं भोयणं भुजज्जा तस्स ण भायणस्स आवाए भदए भवात तआ पच्छा परिणममाण २ दुरूवत्ताए दुगंधत्ताए जहा महासवए जाय भुजो २ परिणमति एवामेव कालोदाई! जीवाणं पाणाइवाए जाब मिच्छादसणस तस्स णं आवाए भदए भवइ तओ पच्छा परिणममाणे २ दुरूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणमति, एवं खलु कालोदाई ! जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवाग जाव कजति, अत्थि णं भंते! जीवाणं कल्लाणा कम्मा कहाणफलविवागसंजुत्ता कजंति ?, हंता अस्थि, कहन्नं भंते! जीवाणं काडाणा कम्मा जाव कजति ?, कालोदाई ! से जहानामए केई पुरिसे मणुन्न थालीपागसुद्धं अट्ठारसवंजणाकुलं ओसहसंमिस्सं भोयणं भुजेज्जा तस्स णं भोयणस्स आवाए नो भदए भवइ, तओ पच्छा परिणममाणे २ सुरूवत्ताए सुवन्नत्ताए जाव सुहत्ताए नो दुक्खत्ताए मुज्जो २ परिणमति, एवामेव कालोदाई ! जीवाणं पाणाइवायवेरमणे जाव परिम्गहवेरमणे-कोहविवेगे जाव मिच्छादसणसडविवेगे तस्स णं आवाए नो भद्दए भवइ, तओ पच्छा परिणममाणे २ सुरूवत्ताए जाव नो दुक्खत्ताए भुजो२ परिणमइ, एवं खलु कालोदाई! जीवाणं कालाणा कम्मा जाव कजंति।३०५। दो भंते! पुरिसा सरिसया जाव सरिसभंडमत्तोवगरणा अन्नमन्नेणं सदि अगणिकायं समारंभंति तत्थ णं एगे पुरिसे अगणिकायं उज्जालेति एगे पुरिसे अगणिकायं निब्बावेति, एएसिंणं भंते ! २२२ श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरत्नसागर EHRS-809-105-20PICHROPICSAP8ABPG4ISHIGARIPORPOMEPASPRMISHRASHI64897548PZEATBPCLASPIRNARSPE 37MACHCHISPESASPTEMBPERSPICHARPASSPARSASSPRINGSMSPICHROPICARPEARANCHISPENSPIANSF-84280 Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ MISPEACOPESABP8548PIRSBHABHARASPERMIS904074478/8PMETR4228N8H8SRPRISE दोण्हं पुरिसाणं कयरे २ पुरिसे महाकम्मतराए चेव महाकिरियतराए चेव महासवतराए चेव महावेयणतराए चेव ? कयरे वा पुरिसे अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेयणतराए चेव?, जे से पुरिसे अगणिकार्य उज्जालेइ जे वा से पुरिसे अगणिकायं निब्वावेति?, कालोदाई! तत्थ णं जे से पुरिसे अगणिकार्य उज्जालेड से णं पुरिसे महाकम्मतराए चेव जाव महावयण - तराए चेव, तस्थ णं जे से पुरिसे अगणिकायं निव्यावेइ से णं पुरिसे अप्पकम्मतराए चेव जाच अप्पवेयणतराए चेव, से केणद्वेणं भंते! एवं पुचइ-तत्थ णं जे से पुरिसे जाव अप्पवेयणतराए चेव ?, कालोदाई ! तत्थ णं जे से पुरिसे अगणिकायं उज्जालेड से णं पुरिसे बहुतरागं पुढवीकार्य समारंभति बहुतरागं आउकायं समारंभति अप्पतरायं तेऊकार्य समारंभति बहुतरागं वाऊकायं समारंभति बहुतरायं वणस्सइकार्य समारंभति बहुतरागं तसकायं समारंभति, तत्थ णं जे से पुरिसे अगणिकायं निव्वावेति से णं पुरिसे अप्पतरायं पुढविकायं समा. रंभइ अप्पतरागं आउक्कायं समारंभइ बहुतरागं तेउक्कायं समारंभति अप्पतरागं वाउकार्य समारंभइ अप्पतरागं वणस्सइकायं समारंभइ अप्पतरागं तसकायं समारंभति से तेणटेणं कालोदाई ! जाच अप्पवेयणतराए चेव।३०६ । अस्थि णं भंते ! अचित्तावि पोग्गला ओभासंति उज्जोवेति तवेंति पभासेंति?, हंता अस्थि, कयरेणं भंते! अचित्तावि पोग्गला ओभासंति जाब पभासेंति, कालोदाई ! कुद्धस्स अणगारस्स तेयलेस्सा निसट्टा समाणी दूरंगता दूरं निपतइ देसं गंता देसं निपतइ जहिं जहिं च णं सा निपतइ सहि तहिं च णं वे अचित्ताविर पोग्गला ओभासंति जाव पभासंति, एएणं कालोदाई ! ते अचित्तावि पोग्गला ओभासंति जाव पभासेंति, तए णं से कालोदाई अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसति त्ता बहूहिं चउत्यछट्ठट्ठम जाव अप्पाणं भावेमाणे जहा पढमसए कालासवेसियपुत्ते जाच सव्वदुक्खप्पहीणे । सेवं भंते ! सेवं भंते!त्ति ।३०७॥ उ०१० इति सप्तमं शतकं ॥ ज मा 'पोग्गल १ आसीविस २ रुक्ख ३ किरिय ४ आजीव ५ फासुग ६ मदते । पडिणीय ८बंध ९ आराहणा १० य दस अट्ठमंमि सए॥५७॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-कइविहा णं भंते! पोग्गला पं०?, गोयमा ! तिविहा पोग्गला पं० सं०-पओगपरिणया मीससापरिणया वीससापरिणया।३०८। पओगपरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पं०१, गोयमा! पंचविहा पं० तं-एगिदियपओगपरिणया इंदियपओगपरिणया जाव पंचिंदियपओगपरिणया, एगिदियपओगपरिणया णं भंते! पोग्गला कइबिहा पं०१, गोयमा! पंचविहा पं० २०. पुढविक्काइयएगिदियपयोगपरिणया जाव वणस्सइकाइयएगिदियपयोगपरिणया, पुढवीकाइयएगिदियपओगपरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पं०१. गोयमा ! दुविहा पं० त०सुहुमपुढविकाइयएगिदियपओगपरिणया बादरपुढवीकाइयएगिदियपयोगपरिणया, आउक्काइयएगिदियपओगपरिणया एवं चेव, एवं दुपयओ भेदो जाच वणस्सइकाइयाणं, वेइंदियपयोगपरिणयाणं पुच्छा, गोयमा ! अणेगविहा पं० त०- एवं वेईदियचउरिदियपओगपरिणयावि, पंचिंदियपयोगपरिणयाण पुच्छा, गोयमा ! चउब्विहा पं० त०- नेरइयपंचिंदियपयोगपरिणया तिरिक्ख० एवं मणुस्स० देवपंचिंदिय०, नेरदयपंचिंदियपओग० पुच्छा, गोयमा ! सत्तविहा पं० सं०-रयणप्पभापुढपीनेरइयपयोगपरिणयावि जाव अहेसत्तमपुढवीनेरइयपंचिंदियपयोगपरिणयावि, तिरिक्खजोणियपंचिंदियपओगपरिणयाणं पुच्छा, गोयमा ! तिविहा पं० तं०-जलचरपंचिंदियतिरिक्खजोणिय थलचरपंचिंदियतिरिक्खजोणिय खह. चरपंचिंदियतिरिक्ख०, जलयरतिरिक्खजोणियपओगपुच्छा, गोयमा! दुविहा पं० तं०-समुच्छिमजलयर० गब्भवतियजलयर०, थलयरतिरिक्व० पुच्छा, गोयमा! दुविहा पं० तं०-चउप्पयथलयर० परिसप्पथलयर०, चउप्पयथलयर० पुच्छा, गोयमा! दुविहा पं०तं०-संमुच्छिमचउप्पयथलयर० गम्भवकवियचउप्पयथलयर०, एवं एएणं अभिलावेणं परिसप्पा दुविहा पं० तं०- उरपरिसप्पा य भयपरिसप्पा य, उरपरिसप्पा दबिहा पं०२०-संमच्छा य गम्भवतिया गोयमा! दुविहा पं० २०-समुच्छिमणुस्स० गम्भवतियमणुस्स०, देवपंचिंदियपयोगपुच्छा, गोयमा ! चउव्विहा पं० तं०-भवणवासिदेवपंचिंदियपयोग एवं जाव वेमाणिया, भवणवासिदेवपंचिंदियपुच्छा, गोयमा ! दसविहा पं० त० असुरकुमारा जाव थणियकुमारा, एवं एएणं अभिलावेणं अट्टविहा वाणमंतरा पिसाया जाव गंधब्बा, जोइसिया पंचविहा तं०चंदविमाणजोतिसिय० जाव ताराविमाणजोतिसियदेव०, वेमाणिया दुविहा पं०२०- कप्पोववनग० कप्पातीतगवेमाणिय०, कप्पोवगा दुवालसबिहा पं० २०-सोहम्मकप्पोवग० जाव अचुपकप्पोचगवेमाणिया, कप्पावीत. दुविहा पं० २०-गेवेजकप्पातीतवे० अणुत्तरोक्वाइयकप्पातीतवे०,गेवजकप्पातीतमा नवविहा पं० ते-देविमरवेजकप्पातीतग० जाय उपरिमरंगेविजगकप्पातीय०, अणुत्तरोषवाइयकप्पातीतगवेमाणियदेवपंचिंदियपयोगपरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पं०१, गोयमा! पंचविहा पं० तं०-विजयअणुत्तरोववाइयजाबपरिणया जावं सव्वदृसिद्धअणुत्तरोववाइयदेवपंचिंदियजावपरिणया। सुहुमपुढवीकाइयएगिदियपयोगपरिणया णं भंते! पोग्गला कइविहा पं०१, गोयमा दुविदा पं०, केई अपजत्तगं पढम भणंति पच्छा पजत्तगं, पज्जत्तगसुहुमपुढबीकाइयजावपरिणया य अपज्जत्तसुहुमपुढवीकाइयजावपरिणया य, बादरपुढवीकाइयएगिदिया जाव वणस्सइकाइया, एकेका २२३ श्रीभगवत्यंग -सत मुनि दीपरत्नसागर SAASHISHOPEMEPRENERAGHARPRADYCHOPOSFLIMSGARIPTEARCHESPONSPIRASHTROPOSAVITRAISPRE Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PSAINTCAIDYAMEVARPEAREPAREPOARIYANCHIMNSFORMERICASPICANSPIRATIONAGARSHANGIPHOLARSHIAROVIE सुहुमा य चादरा व पजत्तगा अपजत्तगा य दुविहा पोग्गला भाणियब्वा, बेंदिवपयोगपरिणयाणं पुच्छा, गोयमा! दुविहा पं० त० पजत्तवेदियपयोगपरिणया अपजत्तगजावपरिणया य, एवं तेइंदियावि एवं चरिदियावि, रयणप्पभापुढवीनेरइय० पुच्छा, गोयमा! दुविहा पं०२०-पजत्तगरयणप्पभापुढवीजावपरिणया अपजत्तगजावपरिणया य, एवं जाव अहे. सत्तमा, संमुच्छिमजलयरतिरिक्खपुच्छा, गोयमा दुविहा पं० तं०-पजत्तग० अपजत्तग०,एवं गम्भवतियावि, समुचिठमचउप्पयथलयरा एवं चेव गम्भवतिया य, एवं जाव संमुच्छिमखहयरगम्भवतिया, एकेके पजत्तगा य अपजत्तगा य भाणियव्वा, समुच्छिममणुस्सपंचिंदियपुच्छा, गोयमा! एगचिहा पं० सं०-अपजत्तगा चेव (प० दुविहा पं० त०-५० अप०), गम्भवतियमणुस्सपंचिदियपुच्छा, गोयमा! दुविहा पं० सं०- पजत्तगगम्भवतियावि अपज्जत्तगगम्भवतियावि, असुरकुमारभवणवासिदेवाणं पुच्छा, गोयमा! दुविहा पं० तं०-पजत्तगअसुरकुमार• अपजत्तगअसुर०, एवं जाव थणियकुमारा पज्जत्तगा अपज्जत्तगा य, एवं एएणं अभिलावणं दुपएणं भेदेणं पिसाया जाव गंधव्या. चंदा जाव ताराविमाणा, सोहम्मकप्पोवमा जाव अच्चुओ, हिद्विमहिहिमगेविजकप्पातीय जाव उपरिमउपरिमगेविजक,विजयअणुत्तरो० जाच अपराजिय०, सव्वगृसिदकपातीयपुच्छा, गोयमा! दुविहा पं० तं०-पजत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरो• अपजत्तगसव्वट्ठजावपरिणयावि। जे अपज्जत्ता मुहुमपुढवीकाइयएगिदियपयोगपरिणया ते ओरालियतेयाकम्मगसरीरप्पयोगपरिणया जे पज्जत्ता सुहुमजावपरिणया ते ओरालियतेयाकम्मगसरीरप्पयोगपरिणया एवं जाव चउरिदिया पज्जत्ता, नवरं जे पज्जत्तचादरखाउकाइयएगिदियपयोगपरिणया ते ओरालियवेठब्जियतेयाकम्मसरीरजावपरिणता, सेसं तं चेव, जे अपजत्तरयणप्पभापुढवीनरइयपचिदियपयोगपरिणया ते वेडब्वियतेयाकम्मसरीरप्पयोगपरिणया, एवं पजत्तयावि, एवं जाव अहेसत्तमा० जे अपज्जत्तगसमुच्छिमजलयरजावपरिणया ते ओरालियतेयाकम्मासरीरजावपरिणया एवं पजत्तगावि, गम्भवतिया अपजत्तया एवं चेव, पजनयाणं एवं चेव नवरं सरीरगाणि चत्तारि जहा चादरवाउकाइयाणं पजत्तगाणं, एवं जहा जलचरेसु चत्तारि आलावगा भणिया एवं चउप्पयउरपरिसप्पभुयपरिसप्पखहयरेसुचि चत्तारि आलावगा भाणियब्बा, जे समुच्छिममणुस्सपंचिंदियपयोगपरिणया ते ओरालियतेयाकम्मासरीरजावपरिणया, एवं गम्भवतियाबि अपजत्तगावि पजत्तगावि एवं चेच, नवरं सरीरमाणि पंच माणियव्याणि, जे अपजत्ता असुरकुमारभवणवासि० जहा नेरइया तहेब, एवं पज्जत्तगावि, एवं दुयएणं भेदेणं जाव धणियकुमारा, एवं पिसाया जाव गंधव्वा, चंदा जाव ताराविमाणा, सोहम्मो कप्पो जाव अच्चुओ, हेडिमरगेवेज जाय उपरिमरगेवेज विजयअणुत्तरोववाइए जाव सब्बट्ठसिद्धअणु० एकेकेण दुयओ भेदो भाणियच्यो जाप जे पजत्तसबट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइयजाबपरिणया ते बेउब्धियतेयाकम्मासरीरपयोगपरिणया । जे अपज्जत्ता सुदुमपुढवीकाइयएगिदियपयोगपरिणता ते फासिंदियपयोगपरिणया जे पजत्ता सुहमपुढवीकाइया एवं चेच. जे अपज्जत्ता बादरपुढविकाइया ते एवं चेष, एवं पजत्तगावि, एवं चउकएणं भेदेणं जार वणस्सइकाइया, जे अपजत्ता इंदियपयोगपरिणया ते जिभिदियफासिदियपयोगपरिणया, जे पजत्ता इंदिया एवं चेच, एवं जाव परिदिया, नवरं एकेक इंदियं बडवेयव्वं जाव अपज्जत्ता रयणप्पभापढवीनेरहयपंचिदियपयोगपरिणया ते सोडदियविदियघाणिदियजिभिः दियफासिंदियपयोगपरिणया, एवं पजत्तगावि, एवं सव्वे भाणियव्वा, तिरिक्खजोणियमणुस्सदेवा जाब जे पज्जत्ता सव्वदृसिद्धअणुत्तरोववाइयजावपरिणया ते सोइंदियचक्खिदियजावपरिणया । जे अपजत्ता सुहमपुढवीकाइयएगिदियओरालियतेयकम्मासरीरप्पयोगपरिणया ते फासिंदिपयोगपरिणया जे अपजत्ता सुटुम० एवं चेव चादर० अपजत्ता एवं चेव, एवं पजत्तगावि, एवं एएणं अभिलावेणं जस्स जइंदियाणि सरीराणि य ताणि माणियब्वाणि जाच जे य पजत्ता सबट्टसिद्धअणुत्तरोवाइयजावदेवपंचिदियवेउन्चियतेयाकम्मासरीरपयोगपरिणया ते सोइंदियचविखदियजावफासिदियपयोगपरिणया । जे अपज्जत्ता सुहमपढवीकाइयएगिदियपयोगपरिणया ते वाओ कालवणपरिणयाचि नील० लोहिया हालिह सुक्किल गंधओ सुम्भिगंधपरिणयावि दुम्मिगंधपरिणयावि रसओ वित्तरसपरिणयावि कडुयरसपरिणयावि कसायरसप० अपिलरसप० मदुररसप० फासओ कक्खडफासपरि० जाव लुक्खफासपरि० संठाणओ परिमडलसंठाणपरिणयावि वह तंस. चउरंस आयतसंठाणपरिणयावि, जे पजत्ता सुहुमपुढवी एवं चेव जहाणुपुच्चीए नेयव्यं जाय जे पजत्ता सचट्ठसिदजणुत्तरोपचाइयजापपरिणयापि ते बन्नओ कालवन्नपरिणयादि जाव आययसंठाणपरिणयावि। जे अपजत्ता सहमपदवी. एगिदियओरालियतेयाकम्मासरीरप्पयोगपरिणया ते वन्नओ कालवन्नपरि० जाच आययसंठाणपरि० जे पजत्ता सुहुमपुढवी० एवं चेव, एवं जहाणुपुच्चीए नेयव्वं जस्स जइ सरीराणि जाव जे पजत्ता सव्वट्ठसिद्धअणुसरोक्वाइयदेवपंचिंदियविउचियतेयाकम्मासरीरजावपरिणया ते वन्नओ काळवन्नपरिणयावि जाव आयतसंठाणपरिणयावि । जे अपजत्ता सुदुमपुढवीकाइयएगिदियफासिंदियप्पयोगपरिणया ते वन्नओ कालवन्नपरिणया जाव आययसंठाणपरिणयावि जे पजत्ता सुटुमपुढवी एवं चेव, एवं जहाणुपुच्चीए जस्स जड इंदियाणि तस्स तत्तियाणि भाणियव्याणि जाव जे पजत्ता सव्वद्वसिद्धअणुत्तरजावदेवपंचिदियसोइंदियजावफासिंदियपयोगपरिणयावि ते वन्नओ कालवन्नपरिणयावि जाव आययसंठाणपरिणयावि। जे अपजत्ता सुहमपटवी- (५६) २२४ श्रीभगवत्यंग-सतं.८ मुनि दीपरत्नसागर Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ काइयएगिदियओरालियतेयाकम्माफासिंदियपयोगपरिणया ते वन्नओ कालवन्नपरिणयावि जाव आयतसंठाणप० जे पज्जत्ता सुदुमपुढवी एवं चैव, एवं जहाणुपुब्बीए जस्स जइ सरीराणि इंदियाणि य तस्स तइ भाणियव्वा जाव जे पजत्ता सम्बट्टसिद्ध अणुत्तरोववाइयजावदेवपंचिदियवेडब्बियतेयाकम्मासोइंदियजाबफासिंदियपयोगपरि० ते बन्नओ कालवन्नपरि० जाव आययसंठाणपरिणयावि, एवं एए नव दंडगा । ३०९ । मीसापरिणया णं भंते! पोग्गला कतिविहा पं० १, गोयमा ! पंचविहा पं० तं० एगिंदियमीसापरिणया जाव पंचिदियमीसापरिणया, एगिंदियमीसापरिणया णं भंते! पोग्गला कतिविहा पं० १, गोयमा! एवं जहा पओगपरिषाएहिं नव दंडगा भणिया एवं मीसापरिणएहिवि नव दंडगा भाणियव्वा, तहेच सव्वं निरवसेसं नवरं अभिलावो मीसापरिणया भाणियच्वं सेसं तं चेव जाव जे पज्जत्ता सव्वट्टसिद्धअणुत्तर जाव आययसंठाणपरिणयावि। ३१० । वीससापरिणया जं भंते! पोग्गला कतिचिहा पं० १, गोयमा पंचविहा पं० तं० वन्नपरिणया गंधपरिणया रसपरिणया फासपरिणया संठाणपरिणया, जे वन्नपरिणया ते पंचविहा पं० तं० कालवन्नपरिणया जाब किन्नपरिणया, जे गंधपरिणया ते दुबिहा पं० तं० सुब्भिगंधपरिणयावि दुग्भिगंधपरिणयावि, एवं जहा पन्नवणापदे तहेव निरवसेसं जाव जे संठाणओ आयतसंठाणपरिणया ते बन्नओ कालवन्नपरिणयावि जाय लुक्खफासपरिणयाचि । ३११। एगे भंते! दब्बे किं पयोगपरिणए मीसापरिणए वीससापरिणए ?, गोयमा ! पयोगपरिणए वा मीसापरिणए वा वीससापरिणए वा, जइ पयोगपरिणए किं मणप्पयोगपरिणए वइप्पयोगपरिणए कायप्पयोगपरिणए ?, गोयमा ! मणप्पयोगपरिणए वा वइप्पयोगपरिणए वा कायप्पओगपरिणए वा, जइ मणप्पयोगपरिणए किं सचमणप्पओगपरिणए मोसमणप्पयोग० सच्चामोसमणप्पयो० असच्चामोसमणप्पयो० १, गोयमा ! सचमणप्पयोगपरिणए मोसमणप्पयोग० सच्चामोसमणप्प० असच्चामोसमणप्प०, जइ सचमणप्पओगप० कि आरंभसचमणप्पयो० अणारंभसचमणप्पयोगपरि सारंभसचमणप्पयोग० असारंभसक्षमण समारंभसचमणप्पयोगपरि० असमारंभसच्चमणप्पयोगपरिणए ?, गोयमा ! आरंभसच्चमणप्पओगपरिणए वा जाव असमारंभसच्चमणप्पयोगपरिणए वा, जइ मोसमणप्पयोगपरिणए कि आरं भमोसमणप्पयोगपरिणए वा० ? एवं जहा सच्चेणं तहा मोसेणवि, एवं सथामोसमणप्पओगपरिणएणवि, एवं असच्चामोसमणप्पयोगेणवि, जइ वइप्पयोगपरिणए किं सचवइप्पयोगपरिणए मोसवयप्पयोगपरिणए० १, एवं जहा मणप्पयोगपरिणए वहा वयप्पयोगपरिणएऽवि जाव असमारंभवयप्पयोगपरिणए वा, जइ कायप्पयोगपरिणए कि ओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणए ओरालियमीसासरीरकायप्पयो० वेउब्वियसरीरकायप्प० बेउब्वियमीसासरीरकायप्पयोगपरिणए आहारगसरीरकायप्पओगपरिणए आहारगमीसासरीरकायप्पयोगपरिणए कम्मासरीरकायप्पओगपरिणए ?, गोयमा ! ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए वा जाव कम्मासरीरकायप्पओगपरिणए वा जह ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए किं एगिंदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए एवं जाव पंचिदियओरालियजावपरि० ?, गोयमा एगिंदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए वा बेंदियजावपरिणए वा० पंचिदियजावपरिणए वा, जइ एगिंदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए किं पुढवीकाइयएगिंदियजावपरिणए जाव वणस्सइकाइयएगिंदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए वा १, गोयमा ! पुढविकाइयएर्गिदियजावपयोगपरिणए वा जाब वणस्सइकाइयएगिंदियजावपरिणए वा, जइ पुढवीकाइयएगिदियओरालियसरीरजावपरिणए किं सुदुमपुढवीकाइयजावपरिणए बायरपुढविकाइयएगिंदियजावपरिणए ?, गोयमा ! सुहुमपुढचिकाइयएगिंदियजावपरिणए वायरपुढविकाइयजावपरिणए, जइ सुदुमपुढवीकाइयजावपरिणए किं पजत्तसुहुमपुढवीजावपरिणए अपज्जत्तसहुमपुढवी जावपरिणए ?, गोयमा पज्जत्तसुडुमपुढवीकाइयजावपरिणए वा अपजत्तदुमपुढचीकाइयजावपरिणए वा एवं बादरावि, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं चउकजो भेदो, बेइंदियतेइंदियचउरिंदियाणं दुयओ भेदो पज्जत्तगा य अपजत्तगा य, जइ पंचिंदियओरालिय सरीरकायप्पओगपरिणए किं तिरिक्खजोणियपंचिंदिय ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए मणुस्सपंचिंदियजावपरिणए ?, गोयमा तिरिक्खजोणियजावपरिणए वा मणुस्वपंचिंदियजावपरिणए वा, जइ तिरिक्खजोणियजावपरिणए किं जलचरतिरिक्खजोणियजावपरिणए वा थलचर सहचरः एवं चउकओ भेदो जाव खहचराणं, जइ मणुस्सपंचिंदियजावपरिणए किं संमुच्छिममणस्तपंचिंदियजावपरिणए गब्भवकंतियमणुस्सजावपरिणए ?, गोयमा ! दोसुवि, जइ गग्भवकंतियमणुस्सजावपरिणए किं पजत्तगन्भवकंतियजावपरिणए अपजत्तगन्भवकंतियमणुस्सपंचिदियओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणए ?, गोयमा ! पजत्तगम्भवकंतियजावपरिणए वा अपजत्तगन्भवकंतियजावपरिणए वा, जइ ओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए किं एगिंदियओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए बेइंदियजावपरिणए जाव पंचेंदियओरालियजावपरिणए १, गोयमा ! एगिंदियओरालिय० एवं जहा ओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणए आलावगो भ जिओ तहा ओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणएऽवि आलावगो भाणियम्वो, नवरं वायरवाउकाइयगन्भवकंतियपंचिंदियतिरिक्खजोणियगम्भवकंतियमणुस्साणं, एएसि णं प २२५ श्रीभगवत्यं सते. मुनि दीपरत्नसागर - Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तापज्ञत्ताणं सेसाणं अपज्जत्ताणं, जइ वेउब्वियसरीरकायप्पयोगपरिणए किं एगिंदियवेउब्वियसरीरकायप्पओगपरिणए पंचिदियविउब्वियजावपरिणए ?, गोयमा ! एगिंदियजावपरिणए वा पंचिंदियजावपरिणए वा, जइ एगिंदियजावपरिणए किं वाउकाइयएगिंदियजावपरिणए अवाउकाइयएगिंदियजावपरिणए ? गोयमा ! वाडकाइयएगिंदियजावपरिणए नो अवाउकाइयजावपरिणए, एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओगाहणसंठाणे वेडब्बियसरीरं भणियं तहा इहवि भाणियव्वं जाव पज्जत्तसव्वट्टमिद्ध अणुत्तरोववातियकष्पातीयवेमाणियदेवपंचिंदियवेडब्बियसरीरकायप्पजोगपरिणए वा अपज्जत्तसव्वट्टसिद्ध कायप्पयोगपरिणए वा, जइ बेडब्बियमीसासरीरकायप्पयोगपरिणए किं एगिंदियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए वा जाव पंचिंदिय० मीसासरीरकायप्पयोगपरिणए वा १, एवं जहा वेउच्वियं तहा मीसगंपि, नवरं देवनेरइयाणं अपजत्तगाणं सेसाणं पजत्तगाणं तहेव जाव नो पज्जत्तसम्बद्वसिद्ध अणुत्तरोजावपओग० अपजत्तसव्यसिद्ध अणुत्तरोववातियदेवपंचिंदियषे उब्वियमीसासरीकाय पओगपरिणए, जइ आहारगसरीकायप्पओगपरिणए किं मणुस्साहारगसरीरकायप्पओगपरिणए अमणुस्साहारगजावप० ! एवं जहा ओगाहणसंठाणे जाव इढिपत्तपमत्तसंजयसम्मदिपिज्जत्तगसंखेज्जवासाउयजावपरिणए नो अणिपित्तपमत्तसंजयसम्मदिद्विपजत्तसंखेजवासाउयजावप०, जइ आहारगमीसासरीरका यप्पयोगप० किं मणुस्साहारगमीसासरीर० १, एवं जहा आहारगं तहेव मीसगंपि निरवसेसं भाणियव्वं, जइ कम्मासरीरकायप्पओगप० किं एगिंदियकम्मासरीरकायप्पओगप० जाव पंचिदियकम्मासरीरजावप० १, गोयमा ! एगिंदियकम्मासरीरकायप्पओ० एवं जहा ओगाहणसंठाणे कम्मगस्स भेदो तहेव इहावि जाव पजत्तसव्वट्टसिद्ध अणुत्तरोववाइयजावदेवपंचिंदियकम्मासरीरकायप्पयोगपरिणए अपज्जत्तसव्वसिद्ध अणु० जावपरिणए वा । जइ गीसापरिणए किं मणमीसापरिणए वयमीसापरिणए कायमीसापरिणए ?, गोयमा ! मणमीसापरिणए वयमीसा० कायमीसापरिणए वा, जइ मणमीसापरिणए कि सचमणमीसापरिणएका मोसमणमीसापरिणए वा जहा पओगपरिणए तहा मीसापरिणएऽवि भाणियव्यं निरवसेसं जाव पज्जत्तसव्वट्टसिद्ध अणुत्तरोववाइय जावदेव पंचिंदियकम्मासरीरगमीसापरिणए वा अपज्जत्तसव्वट्टसिद्ध अणुजावकम्मासरीरमीसापरिणए वा। जइ वीससापरिणए किं वनपरिणए गंधपरिणए रसपरिणए फासपरिणए संठाणपरिणए ?, गोयमा ! वनपरिणए वा गंधपरिणए वा रसपरिणए वा फासपरिणए वा संठाणपरिगए वा, जइ बन्नपरिणए किं कालवन्नपरिणए नील० जाव सुकिवन्नपरिणए ?, गोयमा ! कालवन्नपरिणए जाव सुकिवन्नपरिणए, जइ गंधपरिणए किं सुम्मिगंधपरिणए दुभिगंधपरिणए ?, गोयमा ! सुब्भिगंधपरिणए दुब्भिगंधपरिणए, जइ रसपरिणए किं तित्तरसपरिणए० ? पुच्छा, गोयमा! तित्तरसपरिणए जाव महुररसपरिणए, जइ फासपरिणए किं कक्खडफासपरिणए जाव लुक्खफासपरिणए ?, गोयमा ! कक्खडफासपरिणए जाव लुक्खफासपरिणए, जइ संठाणपरिणए० पुच्छा, गोयमा ! परिमंडलठाणपरिणए वा जाव आययसंठाणपरिणए वा । ३१२। दो भंते! दवा किं पयोगपरिणया मीसापरिणया बीससापरिणया ?, गोयमा ! पओगपरिणया वा मीसापरिणया वा वीससापरिणया वा अहवा एगे पओगपरिणए एने मीसापरिणए अहवेगे पओगप एगे वीससापरि० अहवा एगे मीसापरिणए एगे बीससापरिणए जइ पओगपरिणया किं मणप्पयोगपरिणया वइप्पयोग कायपयोगपरिणया ?, गोयमा! मणप्पयो० वइप्पयोगप० कायप्पयोगपरिणया वा अहवेंगे मणप्पयोगप एगे वयप्पयोगपरिणए अहवेगे मणप्प० एगे कायप अहवेगे वयप्पयोगप० एगे कायप्पओगपरि०, जइ मणप्पयोगप० किं सचमणप्पयोगप० १, गोयमा ! सचमणप्पयोगपरिणया वा जाव असचमोसमणप्पयोगप० अहवा एगे सचमणप्पयोगपरिणए एगे मोसमणप्पओगपरिणए अहवा एगे सचमणप्पओगप एगे सच्चामोसमणप्पओगपरिणए अहवा एगे सच्चमणप्पयोगपरिणए एगे असच्चामोसमणप्पओगपरिणए अहवा एगे मोसमणप्पयोगप एगे सच्चामोसमणप्पयोगप० अहवा एगे मोसमणप्पयोगप एगे असच्चामोसमणप्पयोगप० अहवा एगे सच्चामोसमणप्पओगप एगे असच्चामोसमणप्पओगप०, जइ सच्चमणप्पओगप० किं आरंभसच्चमणप्पयोगपरिणया जाव असमारंभसच्चमणप्पयोगप० १. गोयमा! आरंभसच्चमणप्पयोगपरिणया वा जाव असमारंभसच्चमणप्पयोगपरिणया वा अहवा एगे आरंभसच्चमणप्पयोगपः एगे अणारंभसच्चमणप्पयोगप एवं एएणं गमएणं दुयसंजोएणं नेयव्वं, सच्चे संयोगा जत्थ जत्तिया उद्वेति ते भाणियव्या जाव सव्वट्टसिद्धगत्ति, जइ मीसाप० किं मणमीसापरि० एवं मीसापरिणयादि, जइ बीससापरिणया किं वन्नपरिणया गंधप० एवं बीससापरिणयावि जाव अहवा एगे चउरंसर्सठाणपरि० एगे आययसंठाणपरिणए वा तिनि भंते! दव्वा किं पयोगपरिणया मीसाप० बीससाप० १, गोयमा ! पयोगपरिणया वा मीसापरिणया वा वीससापरिणया वा अहवा एगे पयोगपरिणए दो मीसाप० अहयेगे पयोगपरिणए दो वीससाप० अहवा दो पयोगपरिणया एगे मीससापरिणए अहवा दो पयोगप एगे वीससाप० अहवा एगे मीसापरिणए दो बीससाप० अहवा दो मीससाप० एगे बीससाप० अहवा एगे पयोगप एगे मीसापरि० एगे बीससाप०, जइ पयोगप० किं मणप्पयोगपरिणया वइप्पयोगप० कायप्पयोगप० ?, गोयमा ! २२६ श्रीभगवत्यं सतं. C मुनि दीपरत्नसागर Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ THISPRSIC%85%EPICMASHEMISPEEMBYAASPIRNSPHOROPERMISSMASHRSS-SKOPIESSPACLOPEMBPTEASPIRINEPAL मणप्पयोगपरिणया वा एवं एकगसंयोगो यासंयोगो तियासंयोगो भाणियब्बो, जइ मणप्पयोगपरि० किं सचमणप्पयोगपरिणया. 2. गोयमा ! सचमणप्पयोगपरिणया वा जाव असचामोसमणप्पयोगपरिणया वा, अहया एगे सचमणप्पयोगपरिणए दो मोसमणप्पयोगपरिणया वा, एवं दुयासंयोग तियासंयोगो भाणियब्चो, एस्थचि तहेव जाव अहवा एगे तंससंठाणपरिणए वा एगे चउरंससंठाणपरिणए वा एगे आययसंठाणपरिणए वा। चत्तारि भंते! दव्वा किं पओगपरिणया०, गोयमा! पयोगपरिणया वा मीसापरिषया बा बीससापरिणया या, अहवा एगे पओगपरिणए तिन्नि मीसापरिणया अहवा एगे पओगपरिणए तिनि वीससापरिणया अहवा दो पयोगपरिणया दो मीसापरिणया अहवा दो पयोगपरिणया दोवीससापरिणया अहवा तिनि पओगपरिणया एगे मीससापरिणए अहवा तिन्नि पओगपरिणया एगे वीससापरिणए अहवा एगे मीससापरिणए निजि वीससापरिणया अहवा दो मीसापरिणया दो चीससापरिणया अहवा तिन्नि मीसापरिणया एगे बीससापरिणए अहवा एगे पओगपरिणए एगे मीसापरिणए दो वीससापरिणया अहवा एगे पयोगपरिणए दो मीसापरिणया एगे वीससापरिणए अहवा दो पयोगपरिणया एगे मीसापरिणए एगे चीससापरिणए, जइ पयोगपरिणया कि मणप्पयोगपरिणया, एवं एएणं कमेणं पंच छ सन जाप दस संखेज्जा असंखेजा अणता य दया भाणियव्या, दुयासंजोएणं तियासंजोएणं जाच दससंजोएणं बारससंजोएणं उवजुजिऊण जत्य जत्तिया संजोगा उद्वेति तत्थ ते सब्वे भाणियब्वा, एए पुण जहा नवमसए पवेसणए भणिहामि तदा उचजुजिऊण भाणियब्वा जाव असंखेज्जा, अर्णता एवं चेव, नवरं एकं पदं अभहियं जाब अहवा अणंता परिमंडल गया जावअणता आययसठाणपारणया।३१३। एएस ण भत! पागलाण पयागपरिणयाण मासापरिणयाण बाससापरिणयाण यकयरेराहतो जाव चिमेसाहिया वा.. गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला पयोगपरिणया मीसापरिणया अणंतगुणा बीससापरिणया अणंतगुणा । सेवं भंते ! सेवं भंते त्ति । ३१४॥ श०८ उ०१॥ कतिविहा णं भंते ! आसीविसा पं०१. गोयमा ! दुबिहा आसीविसा पं० सं०- जातिआसीविसा य कम्मआसीविसा य, जाइआसीविसा णं भंते! कतिविहा पं०१. गोयमा! चउब्विहा पं० २०-विच्छुयजातिआसीबिसे मंडकजाइआसीविसे उरगजातिआसीविसे मणुस्सजातिआसीपिसे, विच्छ्यजातिआसीविसस्स णं भंते ! केवतिए विसए पं०१, गोयमा पभूर्ण विच्छ्यजातिआसीविसे अदभरहप्पमाणमेनं बॉदि विसेणं विसपरिगयं विसट्टमाणि पकरेत्तए, विसए से विसट्टयाए नो चेव णं संपनीए करेंसु वा करेति वा करिस्सति या, मंडुकजातिआसीविसपुच्छा, गोयमा! पभू णं मंडुक्कजातिआसीबिसे भरहप्पमाणमेत्तं बॉदि बिसेणं विसपरिगयं सेसं तं चेव जाच करेस्सति चा, एवं उरगजातिआसीविसस्सवि नवरं जंबुद्दीवपमाणमेनं बॉदि विसेणं विसपरिगयं सेसं तं चेव जाच करेस्सति वा, मणुस्सजातिआसीविसस्सवि एवं चेव नवरं समयखेत्तप्पमाणमेतं बोंदि विसेणं विसपरिगयं सेसं तं चेव जाव करेस्सति या, जड़ कम्मआसीविसे किं नेयकम्मासीविसे तिरिक्वजोणियकम्मआसीविसे मणुस्सकम्मआसीविसे देवकम्मासीविसे ?, गोयमा! नो नेरइयकम्मासीविसे तिरिक्खजोणियकम्मासीविसेऽवि मणुस्मकम्मा० देवकम्मासी०, जइ तिरिखजोणियकम्मासीविसे किं एगिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीबिसे ?, गोयमा ! नो एगिदियतिरिक्वजोणियकम्मासीविसे जाच नो परिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे पंचिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे, जइ पंचिंदियतिरिक्वजोणियकम्मासीविसे किं समुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे गम्भवतियपंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे ?, एवं जहा बेउब्वियसरीरस्स भेदो जाव पजत्तसंखेजवासाउयगम्भवकतियपंचिदियतिरिक्सजोणियकम्मासीविसे नो अपज्जत्तसंखेजवासाउय कम्मासीविसे, जइ मणुस्सकम्मासीविसे किं समुच्छिममणुस्सकम्मासीविसे गम्भवकंतियमणुस्सकम्मासीविसे ?, गोयमा ! णो संमृच्छिममणुस्सकम्मासीविसे गम्भवकनियमणुस्सकम्मासीविसे एवं जहा बेउब्वियसरीरं जाव पजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगम्भवतियमणूसकम्मासीविसे नो अपजतजावकम्मासीविसे, जर देवकम्मासीविसे किं भवणवासिदेवकम्मासीबिसे जाब येमाणियदेवकम्मासीविसे ?, गोयमा! भवणवासिदेवकम्मासीविसे वाणमंतर जोतिसिय० बेमाणियदेवकम्मासीविसे, जइ भवणचासिदेवकम्मासीविसे से कि अमुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविसे जाव थणियकुमारजावकम्मासीविसे ?, गोयमा! असुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविसऽविजाब थणियकुमार आसीबिसेऽपि, जइ असुरकुमारजाचकम्मासीविसे किं पजत्तअसुरकुमारजावकम्मासीविसे अपजत्तअसुरकुमारभवणवासिकम्मासीविसे ?, गोयमा! नो पजत्तअसुरकुमारजावकम्मासीविसे अपजत्तअसुरकुमारभवणवासिकम्मासीविसे एवं जाच थणियकुमाराणं, जइयाणमंतरदेवकम्मासीविसे किं पिसायवाणमंतर० एवं सव्वेसिपि अपज्जनगाणं, जोइसियाण सब्वेसिं अपजत्तगाणं, जइवेमाणियदेवकम्मासीविसे किं कप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीबिसे कप्पातीयवेमाणियदेवकम्मासीबिसे ?, गोयमा! कप्पोवगयेमाणियदेवकम्मासीबिसे नो कप्पातीयवेमाणियदेवकम्मासीविसे, जइ कप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे कि सोहम्मकप्पोवजावकम्मासीविसे अचुयकप्पोवजावकम्मासीविसे ?, गोयमा! सोहम्मकप्पोवगवेमा२२७श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरत्नसागर Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 98SPERMISHRASPICARNESSPTEMBPCASHAMBHOGSPIRMACPICASSPOINSPICARRYIGHRPESASPEEMEPRACHANA णियदेवकम्मासीविसेऽवि जाव सहस्सारकप्पोक्गवेमाणियदेवकम्मासीविसे नो आणयकप्पोवग० जाव नो अचुयकप्पोवगवेमाणियदेव०, जइ सोहम्मकप्पोवगजावकम्मासीविसे किं पज्जत्तसोहम्मकप्पोबगवेमाणिय. अपज्जत्तगसोहम्मग०, गोयमा! नो पज्जत्तसोहम्मकप्पोवगवेमाणिय० अपज्जत्तसोहम्मकप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे, एवं जाव नो पज्जत्तसहस्सारकप्पोवगवेमाणियजावकम्मासीविसे अपज्जत्तसहस्सारकप्पोवगजावकम्मासीविसे । ३१५। दस ठाणाई छउमत्थे सच्वभावेणं न जाणइन पासइ, तं० धम्मस्थिकार्य अधम्मस्थिकायं आगासस्थिकायं जीवं असरीरपडिबदं परमाणुपोग्गलं सई गंध वातं अयं जिणे भविस्सइ वा ण वा भविस्सइ अयं सम्बदुक्खाणं अंतं करेस्सति वा न वा करेस्सइ, एयाणि चेव उप्पननाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली सब्वभावेणं जाणइ पासइ,तं०-धम्मस्थिकार्य जाच करेस्सति वा न वा करेस्सति ।३१६। कतिविहे णं भंते ! नाणे पं०?, गोयमा ! पंचबिहे नाणे पं०२०- आभिणियोहियनाणे सुयनाणे ओहिनाणे मणपजवनाणे केवलनाणे. से कितं आभिणिचोहिया लनाणे, से कितं आभिणिचोहियनाणे?, आभिणिचोहियनाणे चउविह पं० २०. उग्गहो ईहा अवाओ धारणा एवं जहा रायप्पसेणइए णाणाणं भेदो तहेव इहवि भाणियब्बो जाव सेत्तं केवलनाणे, अन्नाणे णं भंते ! कतिविहे पं० १. गोयमा ! तिविहे पं० त०-महअन्नाणे सुयअन्नाणे विभगन्नाणे, से किं तं मइअन्नाणे?, २ चउबिहे पं० त०- उम्गहो जाव धारणा, से किं तं उम्गहे ?, २ दुविहे पं० २०-अत्थोग्गहे य बंजणोगहे य, (जहा नंदीए अंगपरूवणा जाव भविया अभविया ततो सिद्धा असिद्धा य पा०) एवं जहेव आभिणिचोहियनाणं तहेव, नवरं एगट्टियवज्जं जाव नोइंदियधारणा, सेत्तं धारणा, सेत्तं महअनाणे, से कि तं सुयअनाणे?,२ जं इमं अन्नाणिएहिं मिच्छद्दिडिएहिं जहा नंदीए जाव चत्तारि वेदा संगोवंगा, सेत्तं सुयअन्नाणे, से किं तं विभंगनाणे १.२ अणेगविहे पं० तं०-गामसंठिए नगरसंठिए जाच संनिवेससंठिए दीवसंठिए समुहसंठिए वाससंठिए वासहरसंठिए पब्बय० रुक्खसंठिए यूभसंठिए हयसंठिए गयसंठिए नरसंठिए किंनरसैठिए किंपरिससंठिए महोरमगंधब्बसंठिए उसमसंठिए पसुपसयविहगवानरणाणासंठाणसंठिए पं०, जीवा णं भंते ! किं नाणी अन्नाणी?, गोयमा ! जीवा नाणीवि अन्नाणीवि, जे नाणी ते अत्यंगतिया दुन्नाणी अत्येगतिया तिन्नाणी अत्थेगतिया चउनाणी अत्थेगतिया एगनाणी जे दुन्नाणी ते आभिणिचोहियनाणी य सुयनाणी य जे तिन्नाणी ते आभिणिचोहियनाणी सुयनाणी ओहिनाणी अहवा आभिणियोहियनाणी सुयनाणी मणपज्जवनाणी जे चउनाणी ते आभिणिचोहियनाणी सुयनाणी ओहिनाणी मणपज्जवनाणी जे एगनाणी ते नियमा केवलनाणी, जे अन्नाणी ते अत्यगतिया दुअन्नाणी अस्थेगतिया तिअनाणी जे दुअन्नाणी ते मइअन्नाणी य सुयअन्नाणी य जे तियअन्नाणी ते मइअन्नाणी सुअन्नाणी विभंगनाणी, नेरइया णं भंते ! कि नाणी अन्नाणी?, गोयमा ! नाणीवि अन्नाणीवि, जे नाणी ते नियमा तिवाणी, तं०-आभिणिबोहि सुयनाणी ओहिनाणीजे अन्नाणी ते अत्यंगतिया दुअन्नाणी अत्यंगतिया तिअजाणी, एवं तिचि अन्नाणाणि भयणाए, असुरकुमारा णं भंते! किंनाणी अन्नाणी?, जहेब नेरइया तहेव तिन्नि नाणाणि नियमा तिन्नि अन्नाणाणि भयणाए, एवं जाच थणियकु०, पुढविकाइयाण मंते! किं नाणी अन्नाणी,गोयमा!नो नाणी अन्नाणी, जे अन्नाणी ते नियमा दुअन्नाणी-महअन्नाणी य सुयअन्ना०,एवं जाव वणस्सइका,बेइंदियाणं पुच्छा, गोयमा! णाणीवि अन्नाणीवि, जे नाणी ते नियमा दुन्नाणी, तं०-आभिणिबोहियनाणी य सुयनाणी य, जे अन्नाणी ते नियमा दुअन्नाणी तं०-आभिणियोहियअन्नाणी सुयअन्नाणी, एवं तेइंदियचउरिदियावि, पंचिंदियतिरिक्खजो पुच्छा, गोयमा ! नाणीवि अन्नाणीवि, जे नाणी ते अत्थे० दुन्नाणी अत्थे. तिन्नाणी एवं तिन्नि नाणाणि तिन्नि अन्नाणाणि य भयणाए, मणुस्सा जहा जीवा तहेव पंच नाणाणि तिन्नि अन्नाणाणि भयणाए, वाणमंतरा जहा ने०, जोइसियवेमाणियाणं तिन्नि नाणा तिन्नि अन्नाणा नियमा, सिद्धा र्ण भंते ! पुच्छा, गोयमा ! णाणी नो अन्नाणी, नियमा एगनाणी केवलनाणी।३१७। निरयगइया णं भंते! जीचा किं नाणी अन्नाणी ?, गोयमा! नाणीवि अन्नाणीवि, तिनि नाणाई नियमा तिनि अनाणाई भयणाए, तिरियगइया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी ?, गोयमा! दो नाणा दो अन्नाणा नियमा, मणुस्सगइया णं भंते! जीवा कि नाणी अन्नाणी ?. गोयमा ! तिनि नाणाई भयणाए दो अनाणाई नियमा, देवगतिया जहा निरयगतिया, सिद्धगतिया णं भंते ! जहा सिद्धा। सइंदिया णं भंते ! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, गोयमा! चत्तारि नाणाई तिनि अनाणाई भयणाए, एगिदिया णं भंते ! जीवा किं नाणी०?, जहा पुढवीकाइया, वेइंदियतेइंदियचउरिंदियाणं दो नाणा दो अन्नाणा नियमा, पंचिंदिया जहा सइंदिया, अणिदिया णं भंते ! जीवा नाणी ?, जहा सिदा। सकाइया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, गोयमा ! पंच नाणाणि तिनि अन्नाणाई भयणाए, पुढवीकाइया जाव वणस्सइकाइया नो नाणी अन्नाणी नियमा दुअचाणी, सं०. मतिअचाणी य सुयअन्नाणी य, तसकाइया जहा सकाइया, अकाइया णं भंते ! जीवा किं नाणी, जहा सिद्धा, सुहुमा णं भंते ! जीवा किं नाणी०१, जहा पुढवीकाइया, पादरा णं भंते ! जीवा किं नाणी?, जहा सकाइया, नोमुहुमानोचादरा णं भंते! जीवा जहा सिद्धा। पज्जत्ता णं भंते! जीवा कि नाणी०?, जहा सकाइया, पज्जत्ताण भंते ! नेरड्या किं नाणी.?,विभिनाणा तिनि अन्नाणा नियमा, जहा नेरइए एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइया जहा एगिदिया, एवं जाव चउरि-(५७) २२८श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरत्नसागर Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | दिया, पज्जत्ताण भंते ! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया किं नाणी अशाणी ?, तिनि नाणा तिथि अनाणा भयणाए, मणुस्सा जहा सकाइया, वाणमंतरा जोइसिया बेमाणिया जहा नेरइया, अपज्जत्ता णं भंते ! जीवा कि नाणी, तिमि नाणा तिन्नि अचाणा भयणाए, अपजत्ता णं भंते ! नेरतिया किं नाणी अन्नाणी', तिन्नि नाणा नियमा तिन्नि अन्नाणा भयणाए, एवं जाव थणियकुमारा, पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया जहा एगिदिया, दियाणं पुच्छा, दो नाणा दो अन्नाणा णियमा, एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं, अपजत्तगा णं भंते! मणुस्सा किं नाणी अन्नाणी?, तिन्नि नाणाई भयणाए दो अन्नाणाई नियमा, वाणमंतरा जहा नेरइया, अपज्जत्तगा जोइसियवेमाणिया णं तिन्नि नाणा तिन्नि अन्नाणा नियमा, नोपज्जत्तगानोअपज्जत्तगा णं भंते ! जीवा किं नाणी?,जहा सिद्धा। निरयभवत्था णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी,जहा निरयगतिया, तिरियभवत्था र्ण भंते ! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, तिन्नि नाणा तिन्नि अन्नाणा भयणाए, मणुस्सभवत्था णं. जहा सकाइया, देवभवस्था णं भंते ! जहा निरयभवत्था, अभवत्था जहा सिद्धा। भवसिद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी, जहा सकाइया, अभवसिद्धियाणं पुच्च्या, गोयमा ! नो नाणी अन्नाणी तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, नोभवसिद्धियानोअभवसिद्धिया णं भंते! जीवा. जहा सिद्धा। सन्नीणं पुच्छा जहा सइंदिया, असन्नी जहा पेइंदिया, नोसन्नीनोअसन्नी जहा सिद्धा।३१८। कइविहा णं भंते ! लदी पं०१, गोयमा ! दसविहा लखी पं०२०- नाणलदी दंसणलदी चरित्तलदी चरित्ताचरित्तलद्धी दाणलद्धी लाभलदी भोगलद्धी उपभोगलदी बीरियलदी इंदियलबी, णाणलदी णं भंते ! काविहा पं०१, गोयमा ! पंचविहा पं० २०. आभिणिचोहियणाणलदी जाव केवलणाणलद्धी, अन्नाणलद्धी णं भंते ! कतिविहा पं०१, गोयमा ! तिविहा पं० सं०-मइअन्नाणलम्बी सुयअन्नाणलदी विभंगनाणलद्धी, दसणलब्धी णं भंते ! कतिविहा पं०१, गोयमा ! तिविहा पं० त०- सम्मईसणलबी मिच्छादसणलदी सम्मामिच्छादसणलद्धी, चरित्तलखी णं भंते! कतिविहा पं०१, गोयमा! पंचविहा पं० त०सामाइयचरित्तलबी छेदोवट्ठावणियलद्धी परिहारविसुद्धिलही सुहुमसंपरागलखी अहक्खायचरित्तलदी, चरित्ताचरित्तलदी णं भंते ! कतिविहा पं०१, गोयमा ! एगागारा पं०, एवं जाव उपभोगलद्धी एगागारा पं०, वीरियलदी णं भंते ! कतिविहा पं०१, गोयमा ! विविहा पं० २०-बालबीरियलदी पंडियबीरियलद्धी चालपंडियवीरियलबी, इंदियलदी णं भंते ! कतिविहा पं०१, गोयमा! पंचविहा पं० सं०-सोइंदियलद्धी जाव फासिंदियलदी, नाणलखिया णं भंते! जीवा कि नाणी अन्नाणी?, गोयमा! नाणी नो अनाणी, अत्थेगतिया दुन्नाणी एवं पंच नाणाई भयणाए, तस्स अलबीया णं भंते ! जीवा किं नाणी अनाणी ?, गोयमा ! नो नाणी अन्नाणी, अत्थेगतिया दुअन्नाणी तिन्नि अन्नाणाणि भयणाए, आभिणिचो. हियणाणलद्धिया णं भंते ! जीवा किं नाणी अन्नाणी, गोयमा ! नाणी नो अन्नाणी, अत्थेगतिया दुन्नाणी. चत्तारि नाणाई भयणाए, तस्स अलदिया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी,गोयमा ! नाणीवि अन्नाणीवि, जे नाणी ते नियमा एगनाणी केवलनाणी, जे अन्नाणी ते अत्थेगइया दुअन्नाणी तिथि अनाणाई भयणाए, एवं सुयनाणलद्धीयावि, तस्स अलवीयावि जहा आभिणियोहियनाणस्स अलदीया, ओहिनाणलदीया णं पुच्छा, गोयमा ! नाणी नो अन्नाणी, अत्थेगतिया तिन्नाणी अत्येगतिया चउनाणी, जे तिन्नाणी ते आभिणियोहियनाणी सुयनाणी ओदिनाणी, जे पउनाणी ते आमिणिवाहियनाणी सुय० ओहि मणपजवनाणी, तस्स अलखीया णं भंते! जीवा किं नाणी, गोयमा! नाणीवि अन्नाणीवि, एवं ओहिनाणवज्जाई चत्तारि नाणाई, तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, मणपजवनाणलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! णाणी णो अन्नाणी, अत्थेगतिया तिन्नाणी अत्थे गतिया चउनाणी, जे तिन्नाणी ते आभिणिचोहियनाणी सुयणाणी मणपजवणाणी, जे चउनाणी ते आभिणिचोहियनाणी सुयनाणी ओहिनाणी मणपजवनाणी, तस्स अलदीया लणं पुच्छा, गोयमा ! णाणीवि अन्नाणीवि, मणपजवणाणवज्जाई चत्तारि णाणाई, विन्नि अन्नाणाई भयणाए, केवलनाणलद्धिया णं भंते ! जीवा किं नाणी अन्नाणी ?, गोयमा! नाणी नो अन्नाणी, नियमा एगणाणी केवलनाणी, तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! नाणीवि अन्नाणीवि, केवलनाणवजाई चत्तारि णाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, अन्नाणलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा! नो नाणी अन्नाणी, तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा ! नाणी नो अन्नाणी, पंच नाणाई भयणाए, जहा अन्नाणस्स लधिया अलद्धिया य भणिया एवं मइअन्नाणस्स सुपअन्नाणस्स य लदिया अलद्धिया य भाणियव्वा, विभंगनाणलद्धियाणं तिन्नि अन्नाणाई नियमा, तस्स अलदियाणं पंच नाणाई भयणाए दो अन्नाणाई नियमा, दंसणलबिया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी ?, गोयमा! नाणीवि अन्नाणीवि, पंच नाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, तस्स अलद्धिया णं मंते ! जीवा किं नाणी अन्नाणी, गोयमा ! तस्स अलद्धिया नस्थि, सम्मईसणलद्धियाणं पंच नाणाई भयणाए, मिच्छादसणलदिया णं भंते ! पुच्छा, तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई तिन्नि य अन्नाणाई भयणाए, सम्मामिच्छादसणलदिया य अलद्धिया य जहा मिच्छादसणलदी अलदी तहेब २२९श्रीभगवत्यंग-शत मुनि दीपरनसागर Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भाणियव्वं, चरित्तलदिया णं भंते ! जीवा किं नाणी अन्नाणी ?, गोयमा ! पंच नाणाई भयणाए, तस्स अलदियाणं मणपजवनाणवजाई चत्तारि नाणाई तिन्नि य अन्नाणाई भयणाए, सामाइयचरित्तलदिया णं भंते ! जीचा कि नाणी अन्नाणी ?, गोयमा ! नाणी केवलबजाई चत्तारि नाणाई भयणाए, तस्स अलदियाणं पंच नाणाई तिन्नि य अन्नाणाई भयणाए, एवं जहा सामाइयचरित्तलदिया अलदिया य भणिया एवं जाच अहक्खायचरित्तलदिया अलद्धिया य भाणियव्या, नवरं अहक्खायचरित्तलदिया पंच नाणाई भ०, चरित्ताचरित्तलदिया णं भंते ! जीचा किं नाणी अनाणी ?, गोयमा! नाणी नो अन्नाणी, अत्यंगइया दुण्णाणी जत्थेगतिया तिन्नाणी, जे दुन्नाणी ते आमिणिचोहियनाणी य सुयनाणी य. जे तिन्नाणी ते आभि० सुयनाणी ओहिनाणी, तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई तिनि अन्नाणाई भयणाए. दाणलद्धियाणं पंच नाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, तस्स अ० पुच्छा, गोयमा : नाणी नो अन्नाणी, नियमा एगनाणी केवलनाणी. एवं जाय वीरियस्स लड़ी अलदी य भाणियब्वा, बालवीरियलद्धियाणं तिन्नि नाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए. तस्स अलदियाणं पंच नाणाई भयणाए, पंडियचीरियलद्रियाण पंच नाणाई भयणाए, तस्स अलद्धिया णं मणपजवनाणवजाई तिन्नि णाणाई अन्नाणाणि तिन्नि य भयणाए, चालपडियवीरियलद्धियाणं भंते ! जीवा०, तिन्नि नाणाई भयणाए, तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, इंदियलदिया णं भंते! जीवा किनाणी अन्नाणी ?. गोयमा! चत्तारि णाणाई तिन्नि य अन्नाणाई भयणाए, तस्स अलदियाणं पुच्छा, गोयमा ! नाणी नो अन्नाणी नियमा एगनाणी केवलनाणी, मोइंदियलद्धियाण जहा इंदियलद्धिया, तस्स अलद्धियाणं पुच्छा, गोयमा! नाणीवि अन्नाणीचि, जे नाणी ते अत्यंगतिया दुन्नाणी अत्येगतिया एगनाणी जे दुन्नाणी ते आभिणिचोहियनाणी सुयनाणी जे एगनाणी ते केवलनाणी. जे अन्नाणी ते नियमा दुअन्नाणी, तं०-महअन्नाणी य सुयअन्नाणी य, चक्खिदियघाणिदियाणं लांद्रयाण अलदियाण य० जहेच सोइंदियस्स, जिभिदियलदियाणं चत्नारि णाणाई तिन्नि य अन्नाणाणि भयणाए, तस्स अलखियाण पच्छा, गोयमा ! नाणीवि अन्नाणीवि, जे नाणी ते नियमा एगनाणी केवलनाणी, जे अन्नाणी ते नियमा दुअन्नाणी, तं०-मइअन्नाणी य सुयअन्नाणी य, फासिदियलबियाणं अलद्रियाणं जहा इंदियलदिया य अलद्धिया य। ३१९। सागारोवउत्ता णं भंते ! जीवा किं नाणी अन्नाणी?. पंच नाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, आभिणिचोहियनाणसागारोवउत्ता णं भंते!? चत्तारिणाणाई भयणाए, एवं सुयनाणसागारोवउत्तावि, ओहिनाणसागारोवउत्ता जहा ओहिनाणलडिया, मणपजवनाणसागारोवउत्ता जहा मणपजचनाणलदिया केवलनाणसागारोवउत्ता जहा केवलनाणलदिया, महअमाणसागारोवउत्ताणं तिनि अनाणाई भयणाए, एवं सुयअन्नाणसा. गारोवउत्तावि, विभंगनाणसागारोवउत्ताणं तिन्नि अन्नाणाई नियमा, अणागारोवउत्ता णं भंते ! जीवा किं नाणी अन्नाणी', पंच नाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, एवं चरखुदं. सणअचक्खुदसणअणागारोवउत्तावि, नवरं चत्तारि णाणाई तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, ओहिदसणअणागारोक्उत्ताणं पुच्छा, गोयमा ! नाणीवि अन्नाणीवि, जे नाणी ते अत्यगतिया तिन्नाणी अत्थेतिया चउनाणी, जे तिन्नाणी ते आभिणियोहिय० सुयनाणी ओहिनाणी, जे चउणाणी ते आभिणिबोहियनाणी जाय मणपजवनाणी, जे अन्नाणी ते नियमा तिअनाणी तं०-मइअन्नाणी सुयअन्नाणी विभंगनाणी, केवलदसणअणागारोवउत्ता जहा केवलनाणलद्धिया, सजोगी णं भंते ! जीवा किनाणी०?, जहा सकाइया, एवं मणजोगी वइजोगी कायजोगीवि, अजोगी जहा सिद्धा, सलेस्सा णं भंते!? जहा सकाइया, कण्हलेस्सा णं भंते !? जहा सइंदिया, एवं जाव पम्हलेसा, सुकलेस्सा जहा सलेस्सा, अलेस्सा जहा सिद्धा, सकसाई णं भंते !०? जहा सइंदिया, एवं जाव लोहकसाई, अकसाई णं भंते !०? पंच नाणाई भयणाए, सवेदगा णं भंते !०? जहा सइंदिया, एवं इस्थिवेदगाचि, एवं पुरिमवेयगा एवं नपंसकवे०, अवेदगा जहा अकसाई, आहारगा णं भंते ! जीवा०? जहा सकसाई नवरं केवलनाणंपि, अणाहारगा गं भंते ! जीवा किं नाणी अन्नाणी ?, मणपजवनाणवजाई नाणाई अन्नाणाणि य तिन्नि भयणाए।३२० आभिणिचोहियनाणस्स णं मंते! केवविए विसए पं०१, गोयमा! से समासओ चउब्विहे पं० त०-दव्यओ खेत्तओ कालओ भावओ, दव्वओ णं आभिणियोहियनाणी आएसेणं सव्वदव्याई जाणइ पासइ, खेत्तओ आभिणिकोहियणाणी आएसेणं सबखेले जाणइ पासइ, एवं कालओऽपि, एवं भावओऽचि, सुयनाणस्स णं भंते! केवतिए विसए पं० १. गोयमा ! से समासओ चउविहे पं० ते० दबओ०, दवओ णं सुयनाणी उक्उने सम्बदव्याई जाणति पासति, एवं खेतोऽवि कालओऽवि, भावओ णं सुयनाणी उपउत्ते सव्वभावे जाणति पासति, ओहिनाणस्स णं भंते! केवतिए विसए पं० १. गोयमा! से समासओ चउबिहे पं० २०-दव्यओ०, दव्यओ णं ओहिनाणी रुविव्वाई जाणइ पासइ जहा नंदीए जाव भावओ, मणपजवनाणस्स णं भंते! केवतिए विसए पं०?, गोयमा! से समासओ चउबिहे पं० २०-दव्वओ०, दव्वओ णं उजुमती अणंते अणंतपदेसिए जहा नंदीए जाव भावओ, केवलनाणस्स णं भंते ! केवतिए विसए पं०१, गोयमा ! से समासओ चउबिहे पं० तं०-दचओ खेत्तओ कालो भावजओ, दमओ णं केवलनाणी सव्वदव्बाई जाणइ २३० श्रीभगवत्यंग - - मुनि दीपरनसागर Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पासइ एवं जाव भावओ, मइअन्नाणस्स णं भंते! केवतिए विसए पं० १, गोयमा ! से समासओ चउव्विहे पं० तं० दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ, दब्बओ णं मइअन्नाणी मइअनाणपरिगयाई ब्वाई जाणइ०, एवं जाव भावओ मइअन्नाणी मइअन्नाणपरिगए भावे जाणइ पासइ, सुयअन्नाणस्स णं भंते! केवतिए विसए पं० १, गोयमा ! से समासओ चउव्विहे पं० तं० दव्वओ०, दव्यओ णं सुयअन्नाणी सुयअन्नाणपरिगयाई दव्वाई आघवेति पन्नवेति परूवे, एवं खेतओ कालओ, भावओ णं सुयअन्नाणी सुयअन्नाणपरिगए भावे आघवेति तं चेव, विभंगणाणस्स णं भंते! केवतिए विसए पं० १, गोयमा से समासाओ चउब्विहे पं० तं दब्बओ०, दब्बओ णं विभंगनाणी विभंगनाणपरिगयाई दव्वाई जाणइ पासइ, एवं जाव भावओ णं विभंगनाणी विभंगनाणपरिगए भावे जाणइ पासइ । ३२१ । णाणी णं भंते! णाणीति कालओ केवचिरं होइ ?, गोयमा ! नाणी दुविहे पं० तं० साइए वा अपज्जबसिए साइए वा सपज्जवसिए तत्थ णं जे से साइए सपज्जबसिए से जहनेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं छावद्धिं सागरोवमाई सातिरेगाई, आभिणिबोहियणाणी णं भंते! आभि णिबोहियः एवं नाणी आभिणिबोहियनाणी जात्र केवलनाणी, अन्नाणी महअन्नाणी सुयअन्नाणी विभंगनाणी, एएसिं दसण्हवि संचिणा जहा कायठिईए अंतरं सव्वं जहा जीवाभिगमे, अप्पाबहुगाणि तिन्नि जहा बहुवत्तब्वयाए, केवतिया णं भंते! आभिणिबोहियणाणपज्जवा पं० १. गोयमा! अणंता आभिणित्रोहियणाणपज्जवा पं०, केवतिया णं भंते! सुयनाणपज्जवा पं० १, एवं चेव, एवं जाव केवलनाणस्स, एवं मइअन्नाणस्स सुयअन्नाणस्स, केवतिया णं भंते! विभंगनाणपज्जवा पं० १. गोयमा ! अनंता विभंगनाणपज्जवा पं०, एएसिं णं भंते! आभिणिबोहियनाणपल्लवाणं सुयनाण० ओहिनाण० मणपज्जवनाण० केवलनाणपज्जवाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा! सव्वत्थोवा मणपज्जवनाणपज्जवा ओहिनाणपज्जवा अणंतगुणा सुयनाणपजत्रा अनंतगुणा आभिणिबोहियणाणपज्जवा अनंतगुणा केवलनाणपज्जवा अनंतगुणा, एएसिं णं भंते! मइअन्नाणपजवाण सुयअन्नाण विभंगनाणपजवाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सव्वत्थोवा विभंगनाणपज्जवा सुयअन्नाणपज्जवा अणतगुणा मइअन्नाणपञ्जवा अनंतगुणा, एएसिं णं भंते! आभिणिबोहियनाणपञ्चवाणं जाव केवलनाणप० मइअन्नाणप० सुयअन्नाणप० विभंगनाणप० कयरे० विसेसाहिया वा ?, गोयमा! सब्वत्थोवा मणपज्जवणाणपजवा त्रिभंगनाणपज्जवा अणंतगुणा ओहिणाणपज्जवा अनंतगुणा सुयअन्नाणपञ्जवा अणंतगुणा सुयनाणपञ्चवा विसेसाहिया मइअन्नाणपज्जया अनंतगुणा आभिणिबोडियनाणपज्जवा विसेसाहिया केवलणाणपजवा अणंतगुणा । सेवं भंते! सेवं भंते! ति । ३२२ ॥ श० ८ उ० २ ॥ कइविहा णं भंते! रुक्खा पं० १, गोयमा तिविहा रुक्खा पं० तं० संखेज्जजीविया असंखेज्जजीविया अणंतजी. विया, से किं तं संखेज्जजीविया १, संखे० अणेगविहा पं० तं०-ताले तमाले तक्कलि तेतलि जहा पन्नवणापए जाव नालिएरी, जे यावन्ने तहष्पगारा०, सेत्तं संखेज्जजीविया, से किं तं असंखेज्जजीविया ?, असंखेज्जजीविया दुविहा पं० तं०- एगट्टिया य बहुबीयगा य से किं तं एगडिया १, २ अणेगविहा पं० तं० निवंबजंबू० एवं जहा पन्नवणापए जाव फला बहुबीयगा, सेत्तं असंखेज्जजीविया से किं तं अणंतजीविया?, अनंतजीविया अणेगविहा पं० तं० आलए मूलए सिंगबेरे, एवं जहा सत्तमसए जाब सीउन्हे सिउंढी (सीहकभी सीहंडी) मुसुंडी, जे यावन्ने त०, , सेत्तं अनंतजीविया । ३२३ । अह भंते! कुम्मे कुम्मावलिया गोहे गोहाबलिया गोणे गोणावलिया मणुस्से मणुस्सावलिया महिसे महिसावलिया एएसि णं दुहा वातिहा वा संखेज्जहा वा छिन्नाणं जे अंतरा तेऽवि णं तेहिं जीवपएसेहिं फुडा ?, हंता फुडा, पुरिसे णं भंते! अंतरे हत्थेण वा पाद्रेण वा अंगुलियाए वा सलागाए वा कट्टेण वा कलिंचेण वा आमुसमाणे वा संमुसमाणे वा आलिहमाणे वा विहिलमाणे वा अन्नयरेण वा तिक्खेणं सत्थजाएणं आच्छिदमाणे वा विच्छिदमाणे वा अगणिकाएणं वा समोडहमाणे तेसिं जीवएसा किंचि आवाहं वा विवाह उप्पायइ छविच्छेदं वा करेइ ?, णो तिणट्ठे समट्ठे, नो खलु तत्थ सत्यं संकमइ । ३२४। कति णं भंते! पुढवीओ पं० १. गोयमा ! अट्ट पुढवीओ पं० तं० रयणप्पभा जाव आहे सत्तमा पुढची ईसिप भारा, इमा णं भंते! रयणप्पभापुढवी किं चरिमा अचरिमा ? चरिमपदं निरवसेसं भाणियच्वं जाव वैमाणिया णं भंते! फासचरिमेणं किं चरिमा अचरिमा ?, गोयमा चरिमावि अचरिमावि सेवं भंते! २ भग० गो० ॥ ३२५ ॥ श० ८ उ० ३ ॥ रायगिहे जाव एवं वयासी कति णं भंते किरियाओ पं० १, गोयमा ! पंच किरियाओ पं० [सं० काइया अहिगरणिया०, एवं किरियापदं निरवसेसं भाणियव्वं जाव मायावत्तियाओ किरियाओ विसेसाहियाओ। सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति भगवं गोयमे० । ३२६ ॥ श० ८ उ० ४ ॥ रायगिहे जाव एवं वयासी आजीविया णं भंते! घेरे भगवंते एवं वयासी समणोवासगस्स णं भंते! सामाइयकडस्स समणोवस्सए अच्छमाणस्स केई भेंट अवहरेजा से भंते! तं भंडं अणुगवेसमाणे किं सयं भंडं अणुगवेसेइ परायगं बा० १, गोयमा ! सयं भंडं अणुगवेसेति नो परायगं भंडं अणुगवेसेइ, तस्स णं भंते! तेहिं सीलव्ययगुणवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासेहिं से भंडे अभंडे भवति ?, हंता भवति, से केणं खाइ णं अद्वेणं भंते! एवं बुम्बइ सयं भंडं अणुगवेसेइ नो परायगं भंडं अणुगवेसेइ ?, गोयमा ! तस्स णं एवं भवति२३१ श्रीभगवत्यं सतं मुनि दीपरत्नसागर Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णो मे हिरन्ने नो मे सुवण्णे नो मे कसे नो मे दूसे नो मे विउलधणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणमादीए संतसारसावदेजे, ममत्तभावे पुण से अप्परिणाए भवति, से तेणट्टेणं गोयमा! एवं बुच्चइ-सयं भंडं अणुगवेसेइ नो परायगं मंडं अणुगवेसेड़, समणोवासगस्स णं भंते! सामाइयकडस्स समणोवस्सए अच्छमाणस केति जायं चरेजा से णं भंते! किं जायं चरइ अजायं चरइ ?, गोयमा ! जायं चरइ नो अजायं चरइ, तस्स णं भंते ! तेहिं सीलव्वयगुणवेरमणपञ्चक्वाणपोमहोववासेहिं सा जाया अजाया भवद ?, हंता भवइ, से केण खाइ णं अटेणं भंते! एवं वुच्चइ जायं चरइ नो अजायं चरइ ?, गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ-णो मे माता णो मे पिता णो मे भाया णो मे भगिणी णो में मजा णो मे पुत्ता णो मे धूया नो मे सुण्हा, पेजबंधणे पुण से अवोच्छिन्ने भवइ, से तेणतुणं गोयमा ! जाव नो अजायं चरइ।३२७। समणोवासगस्स णं भंते ! पुवामेव धूलए पाणाइवाए अपचक्खाए भवइ, से णं भंते! पच्छा पचाइक्खमाणे किं करेति?, गोयमा ! तीर्थ पडिक्कमइ पडुप्पचं संवरेश अणागयं पञ्चक्खाति, तीयं पडिकममाणे किं तिविहं तिविहेणं पडिकमति तिविहं दुबिहेणं पडिकमति तिविहं एगविहेणं पडिकमति दुविहं तिविहेणं पडिक्कमति दुविहं दुविहेणं पडिकमति दुविहं एगविहेणं पडिक्कमति एकविहं तिविहेणं पडिकमति एक्कविहं दुविहेणं पदिकमति एकविहं एगविहणं पडिक्कमति ?, गोयमा ! तिविहं तिविहेणं पडिकमति तिविहं दुविहेणं वा पडिकमति सं चेव जाव एकविहं वा एकविहेणं पडिक्कमति, तिविहं वा तिविहेणं पडिकममाणे न करति न कारवेति करेंनं णाणुजाणइ मणसा वयसा कायसा. तिविहं दुविहेणं पडिकन कन का करेंतं णाणुजाणइ मणसा बयसा अहवा न करेइन का करत नाणुजा मणसा कायसा अहवा न करेइ०३ वयसा कायसा, तिबिई एगविहेणं पडिन करेति०३मणसा अहवा न करेइ०३वयसा, अहवा न करेइ०३कायमा, दुविहं ति पं०न करेइन का०मणसा वयसा कायसा अहवा न करेइ करेंत नाणुजाणइ मण० वय० काय अहवा न कारबेइ करेंतं नाणुजा मणसा वयसा कायसा, दु० दु०प० न क न का०म०व० अहवा न कान का म. कायसा, अहवा न कान का वयसा कायसा, अहवा न करेड करेंत नाणुजाणइ मणसा वयसा, अहवा न करे० करतं नाणुजाणइ मणसा कायसा, अहवा न करेति करेंतं नाणजाणति वयसा कायसा अहवा न कारखेति करत नाणुजाणति मणसा वयसा अहवा न कारखेइ करत नाणुजाणइ मणसा कायसा अहवा न कारवति करत नाणुजाणइ क्यसा कायसा, दुविहं एक्कविहेणं पडिक्कममाणे न करेति न कारवेति मणसा अहवा न करेति न कारवेति वयसा अहवा न करेति न कारवेति कायसा अहवा न करेति करेंत नाणुजाणइ मणसा अहवा न करेइ करेंतं नाणुजाणइ वयसा अहवा न करेइ करेंतं नाणुजाणइ कायसा अहवा न कारवेइ करेंत नाणुजाणइ मणसा अहवा न कारवेइ करत नाणुजाणइ वयसा अहवा न कारवेइ करेंतं नाणुजाणइ कायसा, एगविहं तिविहेणं पडिकन करेति मणसा वयसा कायसा अहवा न कारवड मणसा वयसा कायसा अहवा करेंतं नाणुजाण मणसा वयसा कायसा, एकविहं दुविहेणं पडिकममाणे न करेति मणसा बयसा अहबा न करेति मणसा कायसा अहवान करेइ वयसा कायसा अहवा न कारवेति मणसा वयसा अह्वा न कारवेति मणसा कायसा अहवान कारखेह वयसा कायसा अहवा करेंते नाणुजाणइ मणसा बयसा अहवा करतं नाणजाणइ मणसा कायसा अहवा करेंतं नाणजाणइ पयसा कायसा, एकविहं एगविहेणं पडि-।। कममाणे न करेति मणसा अहवा न करेति वयसा अहवा न करेति कायसा अहवा न कारवेति मणसा अहवा न कारवेति वयसा अहवा न कारवेइ कायसा अहवा करेंतं नाणुजाणइ मणसा अहवा करेंतं नाणुजाणइ वयसा अहवा करत नाणुजाणइ कायसा, पडुप्पचं संवरेमाणे किं तिविहं तिविहेणं संवरेइ ?, एवं जहा पडिक्कममाणेणं एगणपन्नं भंगा भणिया एवं संक्रमाणेणवि एगणपन्न भंगा भाणियव्वा, अणागयं पञ्चक्खमाणे किं तिविहं तिविहेणं पञ्चक्खाइ०१ एवं ते चेव भंगा एगणपन्ना भाणियव्वा जाव अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा, णं भंते! पुवामेव थुलमसावाए अपञ्चक्खाए भवई से णं भंते ! पच्छा पच्चाइक्खमाणे० एवं जहा पाणाइवायस्स सीयालं भंगसयं भणियं तहा मसावायस्सवि माणियवं, एवं अदिनादाणस्सवि, एवं थूलगस्स मेहुणस्सवि, थूलगस्म परिग्गहस्सवि, जाब अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा, एए खलु एरिसगा समणोवासगा भवंति, नो खलु एरिसगा आजीवियोवासगा भवंति । ३२८ । आजीवियसमयस्स णं जयमद्धे पं०-अक्खीणपडिभोइणो सब्वे सना से इंता छेत्ता मेत्ता लुपिना विलुपित्ता उद्दवइत्ता आहारमाहारेंति, तत्थ खलु इमे दुवालस आजीवियोवासगा भवंति, तं०- ताले (प. तमाले) तालपलंबे उविहे संविहे अवविहे उदए नामुदए णमुदए अणुवालए संखवालए अयंबु(पु)ले कायरए इचेते दुवालसमाजीवियोवासगा अरिहंतदेवतागा अम्मापिउसुस्मसगा पंचफलपडिकंता, ० उंगरेहिं बड़ेहिं बोरेहि सतरेहि पिलंयहि, पलंदुल्हसणकंदमूलविवजगा अणिइंछिएहिं अणकभिन्नेहिं गोणेहिं तसपाणविवजिएहि चि(प.छे)तेहिं वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति, एएऽवि ताव एवं इच्छंति, किमंग पुण जे इमे समणोवासगा भवंति जेसि तो कप्पंति इमाई पचरस कम्मादाणाई सयं करेत्तए वा कारवेत्तए वा करेंतं वा अनं न समणुजाणेत्तए, तं०-इंगालकम्मे वणकम्मे साडीकम्मे भाडीकम्मे फोडीकम्मे दंतवाणिज्जे लक्खवाणिजे केसवाणिजे रसवाणिजे विसवाणिजे जंतपीलणकम्मे लिखेछणकम्मे दवम्गिदावणया सरदहतलायपरिसोसणया असतीपोसणया, इगते समणोवासगा सुक्का सुकाभि-(५८) २३२ श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरत्नसागर SPENSP852098A2EPENSPIRAREPRESPEARSHILOPMSPRIASPOONASPKSHA735/SPARBPMARSHIRMRPOS Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ IMALARVAMINDIA2420MKINBARBARISS4392905843RRABVPRABINDIARYRAMAIRBALORSHIVBAITHILIAR है जातीया मविया भवित्ता कालमासे कालं किचा अन्नयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति । ३२९ । कतिविहा गं भंते ! देवलोगा पं० १, गोयमा : चउब्विहा देवलोगा पं० तं०-भवणवासिवाणमंतरजोइसवेमाणिया। सेवं भंते !२।३३० ॥ श०८ उ०५॥ समणोवासगस्स णं भंते!तहारूवं समणं वा माहणं वा फासुएसणिजेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलामेमाणस्स कि कजति ?, गोयमा! एगंतसो निजरा कजइ, नत्थि य से पावे कम्मे कजाति, समणोवासगस्स णं भंते ! तहारूवं समणं वा माहणं वा अफासुएणं अणेसणिजेणं असणपाण जाव पडिलामेमाणस्स किं कजइ?, गोयमा! बहुतरिया से निजरा कजइ, अप्पतराए से पाये कम्मे कजइ, समणोवासगस्स णं भंते! तहारूवं अस्संजयअविरयपढिहयपचक्खायपावकम्मं फासुएण वा अफासुएण वा एसणिज्जेण वा अणेसणिजेण वा असणपाण जाव किं कज्जइ, गोय । ३३१। निग्गं चणं गाहावाकुलं पिंटवायपडियाए अणुप्पविट्ट केई दोहिं पिंडेहिं उबनिमंतेजा-एगं आउसो ! अप्पणा मुंजाहि एग घेराणं दलयादि, से य त पिंडं पडिगहिजा, थेरा य से अणुगवेसियव्या सिया, जत्थेव अणुगवेसमाणे धेरे पासिजा तत्थेवाणुप्पदायब्वे सिया, नो चेव णं अणुगवेसमाणे येरे पासिज्जा तं नो अप्पणा भुंजेज्जा नो अन्नेसि दावए एगते अणावाए अचित्ते बहुफासुए थंडिले पडिलेहेत्ता पमजित्ता परिट्ठावेयव्ये सिया, निम्थं च णं माहावइकुलं पिंढवायपडियाए अणुप्पविटुं केति तीहिं पिंडेहिं उवनिमंतेजा-एर्ग आउसो! अप्पणा भुंजाहि दो थेराणं दलयाहि, से य ते पडिम्गहेजा, थेरा य से अणुगवेसेयव्वा सेसं तं चेव जाव परिहावेयब्बे सिया, एवं जाब दसहिं पिंडेहिं उवनिमंतेजा, नवरं एग आउसो! अप्पणा मुंजाहिं नव येराणं दलयाहि सेसं तं चेव जाव परिहावेयब्वे सिया, निम्गंथं च णं गाहावइ जाव केई दोहिं पडिग्गहेहिं उबनिमंतेजा एगं आउसो! अप्पणा पडिभंजाहि एर्ग थेराणं दलयाहि, से य तं पडिग्गहेजा तहेव जाव तं नो अप्पणा पडि जेजा नो अन्नेसिं दावए सेसं तं चेव जाव परिहावेयव्ये सिया, एवं जाय दसहिं पडिग्गहेहि, एवं जहा पडिग्गहवत्तव्वया भणिया एवं गोच्छगरयहरणचोलपट्टगकंबललट्ठीसंथारगवत्तव्वया भाणियव्वा जाव दसहि संधारएहिं उवनिमंतेजा जाव परिहावेयब्वे सिया। ३३२॥ निग्गयेण य गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविद्वेणं अनयरे अकिच्चट्ठाणे पडिसेविए, तस्स णं एवं भवति-इहेव ताव अहं एयरस ठाणस्स आलोएमि पडिकमामि निंदामि गरिहामि विउहामि विसोहेमि अकरणयाए अभडेमि अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्म पडिवजामि, तओ पच्छा थेराणं अंतियं आलोएस्सामि जाव तवोकम्मं पढिवजिस्सामि, से य संपतिए असंपले थेरा य पुष्यामेव अमुहा सिया से णं भंते ! किं आराहए विराहए?, गोयमा! आराहए नो विराहए, से य संपढिए असंपत्ते अप्पणा य पुवामेव अमुहे सिया से णं भंते ! कि आराहए विराहए?, गोयमा ! आराहए नो विराहए, से य संपट्टिए असंपत्ते थेराय पुवामेव कालं करेजा से गं भंते! किं आराहए विराहए, गोयमा! आराहए नो विराहए, से य संपट्टिए असंपत्ते अप्पणा य पुब्बामेव कालं करेजा से णं भंते ! किं आराहए विराहए', गोयमा ! आराहए नो विराहए, से य संपट्ठिए संपत्ते येरा य अमुहा सिया से णं भंते ! किं आरा. हए विराहए?.गोयमा! आराहए नो विराहए, से य संपढिए संपत्ते अप्पणा य० एवं संपत्तेणवि चत्तारि आलावगा भाणियब्वा जडेव असंप बिहारभूमि वा निक्खंतेणं अन्नयरे अकिचट्ठाणे पडिसेविए तस्स णं एवं भवति-इहेव ताव अहं एवं एत्यवि एते चेव अट्ठ आलावगा भाणियव्वा जाव नो विराहए, निग्गंथेण य | गामाणगाम नबजमाणेणं अभयरे अकिचट्ठाणे पडिसेविए तस्स णं एवं भवति इहेव ताव अहं एत्यवि ते चेव अट्ट आलावगा भाणियव्या जाव नो विराहए. निरगंथीए य गाहावडकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविहाए अन्नयरे अकिञ्चट्ठाणे पडिसेविए तीसे णं एवं भवइ-इहेव ताव अहं एयस्स ठाणस्स आलोएमि जाव तबोकम्म पडिवजामि तओ पच्छा पबत्तिणीए अंतियं आलोएस्सामि जाच पडिवजिस्सामि, सा व संपट्टिया असंपत्ता पवत्तिणी य अमुद्दा सिया सा णं भंते! किं आराहिया विराहिया ?, गोयमा! आराहिया नो विराहिया, सा य संपविया जहा निग्गंथस्स तिमि गमा भणिया एवं निमगंधीएऽवि तिमि आलावगा भाणियव्या जाव आराहिया नो विराहिया, से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ-आराहए नो विराहए?, गोयमा ! से जहानामए कई पुरिसे एर्ग महं उन्नालोमं वा गयलोमं वा सणलोमं वा कप्पासलोमं वा तणसूयं वा दुहा या तिहा या संखेजहा वा छिदिता अगणिका. यंसि पक्खिवेजा से नूर्ण गोयमा! छिज्जमाणे छिन्ने पक्खिप्पमाणे पक्खित्ते दज्झमाणे दड्ढेत्ति वत्तव्यं सिया ?, हंता भगवं! छिजमाणे छिन्ने जाव बढेत्ति वत्तब्बं सिया, से जहा वा केई पुरिसे वत्थं अहतं वा घोतं वा तंतुम्गयं वा मंजिहादोणीए पक्खिवेजा से नूर्ण गोयमा! उक्खिप्पमाणे उक्सित्ते पक्खिप्पमाणे पक्खित्ते रजमाणे रत्तेत्ति वत्तव्वं सिया ?, हंता भगवं! उक्खिप्पमाणे उक्खित्ते जाव रत्तेत्ति वत्तब्वं सिया, से तेणतुणं गोयमा! एवं बुचइ-आराहए नो विराहए।३३३। पईवस्स गं भंते! झियायमाणस्स किं पदीवे झियाति लट्ठी झियाइ वत्ती झियाइ तेले झियाइ दीवचंपए झियाइ जोती झियाइ ?, गोयमा ! नो पदीवे झियाइ जाव नो पदीवचंपए झियाइ जोई झियाइ, अगारस्सणं भंते! नियायमाणस्स २३३ श्रीभगवत्यंग -सत मुनि दीपरत्नसागर Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ किं आगारे झियाइ कुड्डा झियाइ फडणा मि० धारणा नि बलहरणे शिवसाझि मला मि० वग्गा झियाइ छित्तग झियाइ ठाणे झियाति जोती झियाति ?. मोयमा ! नो अगारे झियाति नो कुडडा झियाति जाब नो छाणे झियाति जोती सियाति।३३४। जीवे णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिए?, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चाउकिरिए सिय पंचकिरिए सिय अफिरिए, नेहए णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिए ?. गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चाउकिरिए सिय पंचकिरिए, असुरकुमारे णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिए. एवं चेव, एवं जाय वेमाणिए, नवरं मणुस्से जहा जीये. जीवे णं भंते ! ओरालियसरी हितो कतिकिरिए ?, गोयमा ! सिय तिकिरिए जाब सिय अकिरिए, नेरदए णं भंते ! ओरालियसरीरोहितो कतिकिरिए.एवं एसो जहा पढमो दंडओ तहा इमोऽवि अपरिमेसो भाणियव्वो जाव वेमाणिए, नवरं मणुस्से जहा जीचे, जीवाणं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिया ?. गोयमा ! सिय तिकिरिया जाय सिय अकिरिया. नेरहया ण भंते ! ओरालियस्रीराओ कतिकिरिया ?. एवं. एसोऽपि जहा पदमो दंडओ तहा माणियथ्यो जाप मा. णिया, नवरं मणुस्सा जहा जीवा, जीवाणं मत! ओरालियसगरहितो कतिकिरिया ?. गोयमा सिकिरियावि चाउकिरियापि पंचकिरियावि अकिरियापि, नेहया णे मंते! ओगलिय. सरीरेहितो कहकिरिया ?.. गोयमा ! तिकिरियावि पउकिरियावि पंचकिरियावि एवं जाच वेमाणिया, नवरं मणुस्सा जहा जीवा, जीवे ण भंते! बेउब्वियसरीराओ कतिकिरिए ?, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय अकिरिए, नेग्डा णं भंते ! वेउब्धियसरीराओ कतिकिरिए ?. गोयमा! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए एवं जाव बेमाणिए. नवरं मणुस्से जहा जीवे, एवं जहा ओरालियसरीराणं चत्तारि दंडगा तहा वेउब्वियसरीरेणवि चत्तारि दंडगा भाणियब्वा, नवरं पंचमकिरिया न भन्नड. सेमं तं चेक, एवं जहा बेउब्वियं नहा आहारगपि तेयगपि कम्मगपि भाणियचे. एकेके चनारि दंडगा भाणियच्चा जाच वेमाणिया णं भने ! कम्मगमगैरेहिना कहकिरिया ?, गोयमा ! तिकिरियावि चाउकिरियावि। सेवं भंते ! मेवं भंते ! ।३३५॥ श०८ उ०६॥ तेणं कालेणं० रायगिहे नगरे, वन्नओ, गुणसिलए चेइए. वन्नओ. जाव पुढवीसिलावट्टओ, नस्स णं गुणमिलस्म चेइयस्स अदूरसामंते बहवे अन्नउस्थिया परिवसंति, तेणं कालेणं समणे भगवं महावीर आदिगरे जाव समोसढे जाव परिसा पडिगया, नेणं कालेणं० समणम्स भगवओ महावीरम्स बहवे अंतेवासी थेरा भगवंतो जातिसंपन्ना कलसंपना जहा बितीयसए जाच जीवियासमरणभयविप्पमका समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामने उद्दजाण अहोसिरा झाणकोडोवगया संजमेणं नवसा अप्पाणं भावमाणा जाप विहरति. तए णं ते अन्नउत्थिया जेणेच थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छंति ना ने धेरे भगवंते एवं वयासी-तुभेणं अजो ! निविहंतिविहेणं असंजयअविश्यअपडिहय जहा सत्तमसए चिनीए उडेसए जाय पगंतवाला यावि भवह. तए ण ते थेरा भगवंतो ने अन्नउथिए एवं वयासी-केणं कारणेणं अजो ! अम्हे निविहंतिविहणं अस्संजयअपिग्य जाय एगंतवाला यावि भवामो ?. तए णं ते अन्नउन्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी-तुम्भे णं अजो : अदिन्नं गेण्हह अदिन्नं भुंजह अदिनं सातिजह, तए णं ते नुम्भे अदिन्नं गेहमाणा अदिनं भुंजमाणा अदिन्नं सातिजमाणा तिविहंतिविहेणं अस्संजयअविस्य जाच एगंतवाला यावि भवह. नए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउथिए एवं वयामी- केणं कारणेणं अजो! अम्हे अदिन्नं गेण्हामो अदिन्नं भुंजामो अदिन्नं सातिजामो ?. जए णं अम्हे अदिन्नं गेण्हमाणा जाय अदिन्नं सातिजमाणा तिविहंतिविहणं असंजय जाप एगंतवाला यावि भवामो?. नए णं ते अन्नउस्थिया ते घेरे भगवते एवं बयासी-तुम्हाणं अजो! दिजमाणे अदिने पडिम्गहिजम दन पाडगाहजमाणे अपडिग्गहिए निस्मरिजमा पडिग्गहगं असंपत्नं एत्थ णं अंतग केई अवहरिजा, गाहावइस्स णं तं भंते !, नो खल तं तुम्भ, नए णं तुझे अदिन्नं गेण्डह जाव अदिन्नं सातिजह. नए णं तुझे अदिन्नं गेण्हमाणा जावएगनबाला याविभवह.तए ण त थराभगवतात अन्नन्थिए एक बयासा-नाखलअब्जाअम्ह आदन्न ागण्हाम गेष्ठामो दिन्नं भुजामो दिन्नं सातिजामो. तए णं अम्हे दिन्नं गेण्हमाणा दिन्नं मुंजमाणा दिन्नं सातिजमाणा तिचितिविहेणं संजयविश्वपटिहय जहा सनमसए जाव एगनपंडिया यावि भवामी, नए णं ते अन्नउस्थिया ते धेरै भगवन एवं वयासी-केणं कारणेणं अनो! तुम्हे दिन्नं गेष्हह जाच दिन्नं सातिजह जए णं तुझे दिन्नं गेण्डमाणा जाय एगतपंडिया यापि भवह ?. नए णं ने घेरा भगवंतो ते अन्नडन्थिए एवं वयासी-अम्हे णं अजो ! दिजमाणे दिन्ने पडिग्गहेजमाणे पडिग्गहिए निसिरिजमाणे निसद्वे जेणं अम्हे णं अजो ! दिजमाणं पडिग्गहगं असंपनं एत्य णं अंतरा केई अपहरेजा अम्हाणं तं. णो खलु तं गाहावइस्स, जए णं अम्हे दिन्नं गिण्हामो दिन्नं भुंजामो दिन्नं सानिजामो नए णं अम्हे दिन्नं गेण्हमाणा जाव दिन्नं सातिजमाणा तिविहं निविहेणं मंजय जाव एगंतपंडिया बावि भवामो. नुज्झे णं अजो ! अप्पणा चेव तिविहंनिदिहणं अस्मंजय जाव पगंतवान्टा यावि भवह, नए णं ते अन्नउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी-केणं कारणेणं अजो ! अम्हे तिविहं जाब एगंतवान्यायावि भवामो?. नए णं ने घेरा भगवंतो ने अन्नउस्थिए एवं वयासी-नुज्झे णं २३४ श्रीभगवन्यंग-सत मुनि दीपरनसागर Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ POSITEHSENABPOARINC42910M8PASSPIRNOPRASPARSHANCHISHRASPARAGARIBHASPIASPORARY अज्जो ! अदिलं गेहह, तए णं तु अज्जो ! तुभं अदिलं गे० जाव एर्गत०, तए ण ते अन्नउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं बयासी-केणं कारणेणं अजो! अम्हे अदिन्नं गेल्हामो जाव एगंतबा?, तए णं ते घेरे भगवंते ते अन्नउस्थिए एवं बयासी-तुझे णं अज्जो! दिज्जमाणे अदिने तंचेच जाव गाहावइस्स णं तं, णो खलु तं तुझं, तए णं तुझे अदिलं गेव्हहतं चेव जाव एगंतवाला यावि भवह, तए णं ते अन्नउ० ते थेरे भ० एवं व०- तुझे अज्जो ! तिविहंतिविहेणं अस्संजय जाव एगंतवा० भवह, तए णं ते थेरा भ० ते अनउत्थिए एवं वयासी-केणं कारणेणं अम्हे तिविहंतिविहेणं जाव एर्गतबाला यावि भवामो ?, तए णं ते अन्नउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं ययासी-तुझे णं अजो ! रीयं रीयमाणा पुढीं पेह अभिहणह वत्तेह लेसेह संघाएह संघट्टेह परितावेह किलामेह उवहवेह तए णं तुज्झे पुढविं पेञ्चेमाणा जाव उवहवेमाणा तिविहंतिविहेणं असंजयअविरय जाब एगंतवाला यावि भवह, तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्धिए एवं बयासी-नो खलु अज्जो ! अम्हे रीयं रीयमाणा पुढविं पेचेमो अभिहणामो जाव उवद्दवेमो अम्हे णं अजो! रीयं रीयमाणा कायं वा जोयं या रियं वा पहुच देसंदेसेणं बयामो पएसंपएसेणं वयामो ते णं अम्हे देसंदेसेणं वयमाणा पएसंपएसेणं वयमाणा नो पुढविं पेचेमो अभिहणामो जाव उवहवेमो, तए णं अम्हे पुढविं अपेचेमाणा अणभिहणेमाणा जाव अणवहवेमाणा तिविहंतिविहेणं संजय जाव एगंतपंडिया यावि भवामो, तुझे णं अजो! अप्पणा चेव तिविहंतिविहेणं अस्संजय जाव बाला यावि भक्ह, तए णं ते अन्नउस्थिया थेरे भगवंते एवं वयासी-केणं कारणेणं अज्जो ! अम्हे तिविहंतिविहेणं जाव एगंतवाला यावि भवामो?, तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउस्थिए एवं वयासी-तुज्झे णं अज्जो ! रीयं रीयमाणा पुढवि पे० जाव उवहवेह, तए णं तुज्झे पुढविं पेञ्चेमाणा जाव उवहवेमाणा तिविहंतिविहेणं जाव एगंतवाला यावि भवह, तए णं ते अन्नउस्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी- तुझे णं अज्जो ! गम्ममाणे अगते वीतिकमिज्जमाणे अवीतिकते रायगिहं नगरं संपाविउकामे असंपत्ते, तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं वयासी- नो खलु अज्जो ! अम्हं गम्ममाणे अगए वीइकमिजमाणे अवीतिकंते रायगिहं नगरं जाव असंपत्ते, अम्हा णं अज्जो! गम्ममाणे गए वीतिकमिजमाणे वीतिकते रायगिह नगर संपाविउकामे संपत्ते, तुज्झे णं अप्पणा चेव गम्ममाणे अगए बीतिकमिजमाणे अवीतिकंते रायगिहं नगरं जाव असंपत्ते, तए णं ते थेरा भगवंतो अन्नउस्थिए एवं पडिहणेति त्ता गइप्पवायं नाम अज्झयणं पन्नवइंसु ।३३६। कइविहे णं भंते! गइप्पवाए पं०?, गोयमा ! पंचविहे गइप्पवाए पं० त०-पयोगगती ततगती पंधणच्छेयणगती उपवायगती विहायगती, एत्तो आरम्भ पयोगपयं निरवसेसं भाणियव्यं, जाव सेत्तं विहायगई । सेयं भंते! सेवं भंते !त्ति । ३३७॥श०८ उ०७॥ रायगिहे नयरे जाव एवं वयासी-गुरू णं भंते! पडुश्च कति पडिणीया पं०१, गोयमा! तओ परिणीया पं० २०-आयरियपडिणीए उवज्झायपडिणीए थेरपडिणीए, गई णं भंते ! पहुंच कति पढिणीया पं०१, गोयमा ! तओ पडिणीया पं. तं०-इहलोगपडिणीए परलोगपडिणीए दुहओलोगपडिणीए, समूहण्णं भंते! पडुच कति पडिणीया पं०१, गोयमा ! तओ पडिणीया पं० त० कुलपडिणीए गणपडिणीए संघपडिणीए, अणुकंपं पहुच पुच्छा, गोयमा! तओ पडिणीया पं० त० तवस्सिपडिणीए गिलाणपडिणीए सेहपडिणीए, सुयण मंते ! पडुच पुच्छा, गोयमा ! तओ पडिणीया पं० सं०सुत्तपडिणीए अत्यपडिणीए तदुभयपडिणीए, भावंणं भंते! पडुच पुच्छा, गोयमा! तओ पडिणीया पं० २०-नाणपडिणीए दसणपडिणीए चरित्तपडिणीए।३३८। कइबिहे णं भंते! ववहारे पं०?,गोयमा! पंचविहे बबहारे पं०२०-आगमे सुत्तं आणा धारणा जीए, जहा से तत्थ आगमे सिया आगमेणं ववहारं पट्टवेजा, णो य से तत्य आगमे सिया जहा से तत्थ सुते सिया सुएणं ववहारं पट्टवेजा, णो वा से तत्थ सुए सिया जहा से तत्व आणा सिया आणाए ववहारं पट्ठवेजा, णो य से तत्य आणा सिया जहा से तस्थ धारणा सिया धारणाए णं ववहारं पट्ठवेजा, णो य से तत्व धारणा सिया जहा से तत्थ जीए सिया जीएणं ववहारं पट्टवेजा, इच्चेएहि पंचहि ववहार पट्टवेज्जातं. आगमेणं सुएणं आणाए धारणाए जीएणं, जहा २ से आगमे सुए आणा धारणा जीए तहा २ ववहारं पट्टवेजा, से किमाहु? भंते, आगमबलिया समणा निग्गंथा, इच्चेतं पंचविहं ववहारं जया २ जहिं २ तया २ वहिं २ अणिस्सिओवस्सितं सम्मं ववहरमाणे समणे निगथे आणाए आराहए भवइ ।३३९। कइविहे णं भंते ! बंधे पं० १, गोयमा ! दुविहे बंधे पं०२०-ईरियावहियाबंधे य संपराइयचंधे य, इरियावहियण्णं भंते ! कम्मं किं नेरइओ पंधर तिरिक्वजोणिओ बंधइ तिरिक्खजोणिणी बंधइ मणुस्सो बंधइ मणुस्सी पं० देवो 4० देखी ०?, गोयमा ! नो नेरइओ बंधड नो तिरिक्खजोणिओ बंधड़ नो तिरिक्खजोणिणी बंधह नो देवो बंधइ नो देवी बंधइ पुष्वपडिवनए पडुब्च मणुस्सा य मणुस्सीओ य 40 पडिवजमाणए पडुच्च मणुस्सो वा बंधइ मणुस्सी वा बंधइ मणुस्सा वा बंधति मणुस्सीओ वा बंधति अहवा मणुस्सो य मणुस्सी य बंधइ अहवा मणुस्सो य मणुस्सीओ य बंधति अहवा मणुस्सा य मणुस्सी य बंधति अहवा मणुस्सा य मणुस्सीओ यच०, भंते! किं इत्थी बंधइ पुरिसो चंधड नपुंसगो बंधति इत्थीओ बंधति पुरिसा बं० नपुंसगा बंधति नोइत्थीनोपुरिसोनोनपुंसओ बंधइ ?, गोयमा! नो इत्थी बंधइ २३५ श्रीभगवत्यंग-सत-८ POSPIRAISPENISPOSTEPORPCSREPARSHIPCHOPRASHRESPOSAGPICHARPROPOMBPONSHIONSHILESPONS मुनि दीपरत्नसागर Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FORSPO489786ARSPECTICASPICABPREPRSNEPARASHANCPRASSPERMIS00-20PICANSPAPER870068NCABPS नो पुरिसो ० जाच नो नपुंसगा पंधति, पुवपडिवनए पडुच्च अवगयवेदा बंधति, पडिबजमाणए य पडुच्च अवगयवेदो या पंधति अवगयवेदा या बंधति, जइ भंते! अवगयवेदो वा बंधइ अवगयवेदा वा बंधति तं भंते ! किं इत्यीपच्छाकडो मं० पुरिसपच्छाकडो बं० नपुंसकपच्छाकडो बं० इत्थीपच्छाकडा पंधति पुरिसपच्छाकडावि बंधंति नपुंसगपच्छाकडावि बं० उदाहु इस्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य पंधति उदाहु इत्थीपच्छाकडो य गपुंसगपच्छाकडो य बंधइ उदाहु पुरिसपच्छाकहो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ उदाहु इस्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य० भाणियव्वं एवं एते छच्चीसं भंगा जाव उदाहु इत्थीपच्छाकडा य पुरिसप नपुंसकप० चंधति ?, गोयमा ! इत्थिपच्छाकडोऽवि बंधइ पुरिसपच्छाकडोऽवि चं० नपुंसगपच्छाकडोऽवि पं० इत्थीपच्छाकडावि बं० परिसपच्छाकडावि चं० नपुंसकपच्छाकहावि 40 अहवा इत्थीपच्छाकहो य परिसपच्छाकडो य बंधइ एवं एए चेव छब्बीसं भंगा भाणियब्वा जाव अहवा इत्थिपच्छाकहा य पुरिसपच्छाकडा य नपुंसगपच्छाकडा य बंधति, तं भंते ! किं बंधी बंधइ बंधिस्सइ बंधी बंधइ न बंधिस्सइ बंधी न पंधड़ बंधिस्सइ बंधी न बंधइ न पंधिस्सइ न पंधी पंधर बंधिस्सइ न बंधी बंधइ न बंधिस्सइ न बंधी न बंध बंधिस्सइन पंधी न बंधइ न बंधिस्सइ ?, गोयमा! भवागरिसं पडुन अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ अत्येगतिए बंधी बंधन बंधिस्सइ, एवं तं चेव सव्वं जाव अत्थेगतिए न पंधीनबंधइन बंधिस्सइ, गहणागरिसं पडुच अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ एवं जाव अत्धेगतिए न पंधी बंधइ बंधिस्साइ, णो चेव णं न बंधी बंधइ न बंधिस्सइ, अत्यंगतिए न बंधी न बंधइ पंधिस्सइ अत्यंगतिए न पंधी न बंधइन बंधिस्सइ, तं भंते ! किं साइयं सपजवसियं बंधइ साइयं अपजवसियं पंधइ अणाइयं सपज्जवसियं बंधइ अणाइयं अपज्जवसियं बंधइ ?, गोयमा ! साइयं सपज्जवसियं बंधइ नो साइयं अपज्जवसियं बंधइ नो अणाइयं सपज्जवसिय पंधइ नो अणाइयं अफ्जवसियं बंधह, ते भंते ! कि देसेणं देसं बंधइ देसेणं सव्वं बंधइ सब्वेणं देसंबंधइ सव्वेणं सब बंधई, गोयमा ! नो देसेणं देसं बंधइ णो देसेणं सव्वं बंधइ नो सब्वेणं देसं बंधह सब्वेणं सव्यं बंधा । ३४० । संपराइयण्णं भंते! कम्मं किं नेरइयो बंधह तिरिक्खजोणिओ बंधइ जाव देवी बंधइ ?, गोयमा ! नेरइओऽवि बंधइ तिरिक्खजोणिओऽवि बंधइ तिरिक्खजोणिणीवि बंधइ मणुस्सोऽवि बंधइ मणुस्सीवि बंधइ देवोऽवि बंधइ देवीवि बंधइ, तं भंते ! किं इत्थी चंधड़ पुरिसोपं तहेव जाव नोइत्थीनोपरिसोनोनपुंसओ बंधइ ?, गोयमा ! इत्थीवि बं० पुरिसोऽवि पंधइ जाव नपुंसगोऽवि बंधड़ अहवेए य अवगयवेदो य बंधइ अहवेए य अवगयवेया य बंधन्ति, जइ भंते ! अवगयवेदो य बंधइ अवगयवेदा य बंधति तं भंते! किं इत्थीपच्छाकडो पंधइ पुरिसपच्छाकडो बंधइ०?,एवं जहेव ईरियावहियाचंधगस्म तहेव निरवसेस जाच अहवा इत्थीपच्छाकडा य पुस्सिपच्छाकडा य नपुंसगपच्छाकडा य पंधति, तं भंते ! किंबंधी बंधइ बंधिस्सइ बंधी बंधइन बंधिस्सइ बंधीन बंधइ बंधिस्सइ बंधी न पंधइ न बंधिस्सइ?, गोयमा ! अत्यंगतिए बंधी बंधह बंधिस्सइ अत्यंगतिए बंधी बंधइन पंधिस्सइ अत्गतिए बंधीन बंधइ बंधिस्सइ अत्थेगतिए बंधी न बंधइन बंधिस्सइ, तं भंते! किं साइयं सपजवसियं बंधाइ० पुच्छा तहेव, गोयमा! साइयं वा सपज्जवसियं बंधइ अणाइयं वा सपजवसियं बंधइ अणाइयं वा अपजवसियं बंधइ णो चेव णं साइयं अपज्जवसियं बंधइ, तं भंते ! किं देसेणं देसंबंधइ एवं जहेव ईरियावहियाबंधगस्स जाव सवेणं सब्बं पंधइ ।३४१। कह णं भंते! कम्मपयडीओ पं०?, गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पं० सं०-णाणावरणिजं जाव अंतराइयं, कहणं भंते! परीसहा पं०?. गोयमा! बावीसं परीसहा पं० त०-दिगिंछापरीसहे पिवासापरीसहे जाव दंसणपरिसहे, एए णं भंते! बावीस परीसहा कविसु कम्मपगडीसु समोयरंति ?, गोयमा! चउसु कम्मपगडीसु समोयरंति, तं०-नाणावरणिजे वेयणिजे मोहणिजे अंतराइए, नाणावरणिज्जे णं भंते! कम्मे कति परीसहा समोयरंति ?, गोयमा ! दो परीसहा समोयरंति तं०-पन्नापरीसहे नाणपरीसहे (अन्नाणपरीसरे पा०) य.वेयणिज्जे णं भंते ! कम्मे कति परीसहा समोयरंति?.गोयमा! एक्कारस परीसहा समोयरंति, तं०. पंचेच आणपब्बी चरिया सेज्जा वहे य रोगे या तणफास जालमेव य एक्कारस वेदणिज्जमि ॥५८॥ दंसणमोहणिजे णं भंते ! कम्मे कति परीसहा समोयरंति ?, गोयमा ! एगे दंसणपरीसहे समोयरइ, चरित्तमोहणिज्जे णं भंते ! कम्मे कति परीसंहा समोयरंति ?, गोयमा ! सत्त परीसहा समोयरंति, त०. अरती अचेल इत्थी निसीहिया जायणा य अकोसे । सकारपुरकारे चरित्तमोहंमि सत्तेते ॥५९॥ अंतराइए णं भंते ! कम्मे कति परीसहा समोयरंति?, गोयमा ! एगे अलाभपरीसहे समोयरह, सत्तविहबंधगस्स णं भंते ! कति परीसहा पं०, गोयमा ! बावीसं परीसहा पं०, चीसं पुण वेदेइ, जंसमयं सीयपरीसहं वेदेति णो समयं उसिणपरीसहं वेदेइ समयं उसिणपरसिहं वेदेइ णो तंसमयं सीयपरीसई वेदेह, जसमयं चरियापरीसह वेदेति णो तंसमयं निसीहियापरीसहं वेदेति जंसमयं निसीहियापरीसहं वेदे णो समयं चरियापरीसह वेदेइ, अट्ठविहबंधगस्स णं भंते ! कति परीसहा पं०१, गोयमा ! वावीस परीसहा पं० त०-छुहापरीसहे पिवासापरीसहे सीयप० उसिणप० दसमसगप० जाव अलाभप०, एवं सत्तविहबंधगस्सवि, छविहबंधगस्स णं भंते! सरागच्छउमत्थस्स कति परीसहा पं०१, गोयमा! चोइस परीसहा पं०, बारस पुण वेदेव, समय सीयपरीसहं वेदे णो समयं उसिणपरीसहं वेदेइ जंसमयं उसिणपरीसहं वेदेह नो तंसमयं सीयपरीसहं वेदेइ, जंसमयं चरियापरीसहं वेदेति णो तंसमयं (५९) २३६ श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरनसागर ASHTRANSPICASPANISHRAMRAPGARPANSIPHOSAROPOMISHRSSHEENCHEKASTICKISHIOMASPNBNASHIOMSPBASNEAR Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PSIRNOKASHIRNSPIRHISHIRNAYICAASPIRISPERMIRBPSMSPRINSPIRATIPRARSPEAKE सेजापरीसह वेदेति समयं सेनापरीसहं वेदेइ णो समयं चरियापरीसहं वेदेइ, एकबिहबंधगस्स णं भंते ! वीयरागच्छउमत्थस्स कति परीसहा पं०१, गोयमा! एवं चेव जहेव छव्विहबंधगस्स, एगविहबंधगस्स णं मंते! सजोगिभवत्यकेवलिस्स कति परीसहा पं०१, गोयमा! एक्कारस परीसहा पं०, नव पुण बेदेइ, सेसं जहा छबिहबंधगस्स, अबंधगस्स णं भंते! अजोगिभवत्यकेवलिस्स कति परीसहा पं० १; गोयमा ! एक्कारस परीसहा पं०, नव पुण बेदेइ, समय सीयपरीसह वेदेति नो समयं उसिणपरीसहं वेदेइ जंसमयं उसिणपरीसहं वेदेति नो समयं सीयपरीसहं वेदेइ, समयं चरियापरीसहं वेदेड नो तंसमयं सेजापरीसहं वेदेति जंसमयं सेज्जापरीसहं वेदेड नो समयं चरियापरीसह वेदेह । ३४२। जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरिया उम्गमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति मतियमुहुर्ससि मूले य दूरे य दीसंति अत्थमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसति ?. हंता गोयमा! जंबुद्दीवेणं दीये सूरिया | उग्गमणमुत्तसि दूरे य तं चेव जाव अस्थमणमुत्तसि दूरे य मूले य दीसंति, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीये सरिया उग्गामणमूहतंसि मज्झतियमसि य अत्यमणमुत्तसि य सम्वत्य समा उच्चत्तेणं?. हंता गोयमा! जंबुद्दीवेणं दीचे सूरिया उग्गमण जाव उच्चत्तेणं, जइ णं मंते! जंबुद्दीवे० सूरिया उग्गमणमुहुतंसि य मातिय अत्थमणमुत्तसि य मूले जाव उच्चत्तेणं से केणं खाइ अद्वेणं भंते ! एवं यमइ जंबुद्दीवेणं दीवे सरिया उम्गमणमहत्तंसि दुरेय मुले यदीसंति जाव अस्थमणमहत्तंसि दुरेय मूले य दीसंति?, गोयमा लेसापडिघाएणं उग्गमणमुहुत्तसि दूरे य मूले य दीसंति लेसाभितावेणं ममंतियमुहुत्तंसि मूले य दूरे य दीसंति लेस्सापडिघाएणं अत्थमणमुहुतंसि दूरे य मूले य दीसंति, से तेणद्वेणं गोयमा! एवं बुचइजंबुद्दीवे णं दीवे सूरिया उम्गमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसन्ति जाव अत्थमण जाच दीसंति, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मुरिया किं तीयं खेत्तं गच्छंति पटुप्पन्नं खेत्तं गच्छंति अणागयं खेत्तं गच्छंति ?. गोयमा ! णो तीयं खेत्तं गच्छंति पटुप्पन्नं खेत्तं गच्छंति णो अणागयं खेत्तं गच्छति, जंबुद्दीवे णं दीये सरिया किं तीयं खेत्तं ओभासंति पड़प्पन्न खेतं ओभासंति अणागयं खेत्तं ओभासंति , गोयमा! नो तीयं खेतं ओभासंति पटुप्पन्नं खेत्तं ओभासंति नो अणागयं खेत्तं ओभासंति, तं भंते! किं पुढे ओभासंति अपुढे ओभासंति?, गोयमा! पुटुं ओभासंति नो अपुढे ओभासंति जाब नियमा छहिसि, जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे सूरिया किं तीयं खेत्तं उज्जोति०? एवं चेव जाव नियमा छदिसि, एवं तति एवं भासंति जाब नियमा उहिसि, जंबुद्दीवेणं भंते ! दीवे सूरियाणं किं तीए खेत्ते किरिया कजइ पटुप्पन्ने खेत्ते किरिया कजइ अणागए खेत्ते किरिया कजइ ?, गोयमा ! नो तीए खेत्ते किरिया कजइ पटुप्पन्ने खेते किरिया कज्जइ णो अणागए खेत्ते किरिया कज्जइ, सा भंते ! किं पुट्ठा कजति अपुट्टा कजइ ?, गोयमा ! पुट्टा कजइ नो अपुट्ठा कजति जाव नियमा छदिसि, जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे सूरिया केवतियं खेत्तं उदं तवंति केवतियं खेनं अहे तबंति केवतियं खेत्तं तिरियं तवंति ?, गोयमा ! एगं जोयणसयं उड्ढे तवंति अट्ठारस जोयणसयाई अहे तवंति सीयालीसं जोयणसहस्साई दोन्नि तेवढे जोयणसए एकवीसं च सट्टियाए जोयणस्स तिरियं तवंति, अंतो णं भंते ! माणुसुत्तरस्स पब्वयस्स जे चंदिमसरियगहगणणक्खत्ततारारूवा ते णं भंते! देवा कि उड्ढोववनगा जहा जीवाभिगमे तहेव निरवसेसं जाव उकोसेणं छम्मासा, बहिया णं भंते ! माणुसुत्तरस्स जहा जीवाभिगमे जाव इंदट्टाणे णं भंते! केवतियं कालं उबवाएणं विरहिए पं०?, गोयमा ! जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं छम्मासा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ॥३४३ ॥ श०८ उ०८॥ कइविहे गं भंते ! बंधे पं०?, गोयमा! दुविहे चंधे पं० तं०पयोगबंधे य पीससाचंधे य।३४४ा वीससाबंधे णं भंते ! कतिविहे पं०?, गोयमा! दुविहे पं० त०-साइयवीससाबंधे य अणाइयवीससाबंधे य, अणाइयवीससावंधे गं भंते! कतिविहे पं०, गोयमा ! तिविहे पं०२०-धम्मत्यिकायअन्नमन्त्रअणादीयवीससाचंधे अधम्मस्थिकायअन्नमन्त्रणा यअन्नमन्नअणादीयवीससाबंधे णं भंते ! किं देसपंधे सय्यबंधे ?, गोयमा ! देसबंधे नो सव्वबंधे, एवं अधम्मत्थिकायअन्नमन्नअणादीयवीससाचंधेऽवि, एवमागासत्यिकायअन्नमन्न. अणादीयवीससाबंधे, धम्मत्यिकायअन्नमन्नअणाइयवीससाबंधे णं भंते ! कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा ! सव्वदं, एवं अधम्मस्थिकाए, एवं आगासस्थिकाये, सादीयवीससाबंधे यणपचडए परिणामपचहए, से किं तं बंधणपचहए?.२ जन्नं परमाणपग्गला दुपएसिया तिपएसिया जाब दसपएसिया संखेजपएसिया असंखेज्जपएसिया अणंतपएसियाणं खंधाणं वेमायनिदयाए वेमायलुक्खयाए वेमायनिदलुक्खयाए पंधणपच्चइए णं बंधे समुपज्जइ जहन्नेणं एक समयं उकोसेणं असंखेज़ कालं, सेत्तं बंधणपच्चइए, से किं तं भायणपच्चइए ?.२ जन्नं जुन्नसुराजुन्नगुलजुन्नतंदुलाणं भायणपच्चइए णं बंधे समुप्पजइ जहन्नेणं अंतोमुहुर्त उक्कोसेणं संखेनं कालं, सेत्तं भायणपच्चइए, से किं तं परिणामपच्चइए?, परिणामपच्चइए जन्न अभाणं अच्भरुक्खार्ण जहा ततीयसए जाव अमोहाणं परिणामपच्चइए णं बंधे समुप्पज्जइ जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं छम्मासा, सेत्तं परिणामपञ्चाइए, सेतं सादीयवीससाचंधे, सेत्तं वीससाचंधे।३४५। से किं तं पयोगबंधे ?, पयोगबंधे तिविहे पं० २०. २३७ श्रीभगवत्यंग मुनि दीपरत्नसागर 2534343633 Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अाइए वा अजबसिए साइए वा अपजबसिए साइए वा सपज्जबसिए, तत्थ णं जे से अगाइए अपज्जवसिए से णं अट्ठण्हं जीवमज्झपएसाणं, तत्थवि णं तिष्ठं अणाइए अपज्जबसिए सेसाणं साइए, तत्थ णं जे से सादीए अपज्जवसिए से णं सिद्धाणं, तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से णं चउव्विहे पं० तं० आलावणबंधे अलियावणबंधे सरीरबंधे सरीरप्पयोगबंधे से किं तं आलावणबंधे ?, आलावणबंधे जण्णं तणभाराण वा कट्टभाराण वा पत्तभाराण वा पलालभाराण वा बेलभाराण वा बेतलयाबागरवरत्तरज्जुवल्लिकुसदच्भमादिएहिं आलावणबंधे समुप्पन जहन्त्रेणं अंतोमुद्दत्तं उक्कोसेणं संखेज्जं कालं, सेत्तं आलावणचंधे से किं तं अलियावणबंधे ?, अलियावणबंधे चउव्विहे पं० तं०-लेसणाचंधे उच्चयबंधे समुच्चयबंधे साइणणाबंधे से किं तं लेसणाबंधे ?, जन्नं कुड्डाणं कोट्टिमाणं खंभाणं पासायाणं कट्टाणं चम्माणं घडाणं पढाणं कढाणं छुहाचिक्खिहसिलेसलक्खमहु सित्थमाइएहिं लेसणएहिं बंधे समुप्पज्जइ जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं संखेजं कालं, सेत्तं लेखणाबंधे से किं तं उच्चयबंधे १, २ जन्नं तणरासीण वा कहरासीण वा पत्तरासीण वा तुसरासीण वा भुसरासीण वा गोमयरासीण वा अवगररासीण वा उच्चत्तेणं बंधे समुप्पज्जइ जहनेणं अंतोमुडुत्तं उकोसेणं संखेज्जं कालं, सेत्तं उच्चयबंधे से किं तं समुच्चयबंधे ? २ जन्नं अगडतडागनदीदहवाबी पुक्खरिणीदीहियाणं गुंजालियाणं सराणं सरपंतिआणं सरसरपंतियाणं बिलपतियाणं देवकुलसभापवधूभखाइयाणं फरिहाणं पागारट्टालगचरियदारगोपुरतोरणाणं पासायघरसरणलेणआवणाणं सिंघाडगतियचउकचच्चरच उम्मुहमहापहमादीणं छुहाचिक्खिलसिलेससमुचएणं बंधे समुप्पज्जइ जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं संखेज्जं कालं, सेत्तं समुच्चयबंधे से किं तं साहणणाबंधे १, २ दुविहे पं० तं०-देससाहणणाबंधे य सव्वसाहणणाबंधे य, से किं तं देससाहणणाबंधे १, २ जन्नं सगडरहजाणजुग्गगिल्लिथिलिसीयसंमाणियालोहीलोहकडाहकडुच्छुआसणसयणखंभभंडमत्तोवगरणमाईणं देससाहणणाबंधे समुप्पज्जइ जहन्नेणं अंतोमुद्दत्तं उकोसेणं संखेज्जं कालं, सेत्तं देससाहणणाबंधे से किं तं सव्वसाहणणाबंधे १, २ खीरोदगमाईणं, सेत्तं सव्वसाहणणाबंधे, सेत्तं साहणणाबंधे, सेत्तं अलियावणबंधे से किं तं सरीरबंधे १, २ दुविहे पं० [सं० पुय्वष्पओगपचइए य पप्पन्नप्पओगपञ्चइए य, किं तं पुच्वपयोगपचइए ?, २ जन्नं नेरइयाइयाणं संसारवत्थाणं सव्वजीवाणं तत्थ २ तेसु २ कारणेसु समोहण्णमाणाणं जीवप्पदेसाणं बंधे समुप्पज्जइ सेत्तं पुव्वपयोगपञ्चइए, से किं तं पप्पन्नप्पयोगपच्चइए १, २ जन्नं केवलनाणिस्स अणगारस्स केवलिसमुग्धाएणं समोहयस्स तओ समुग्धायाओ पडिनियत्तेमाणस्स अंतरा मंथे वट्टमाणस्स तेयाकम्माणं बंधे समुष्पज्जइ, किं कारणं ?, ताहे से पएसा एगत्तीगया भवंतित्ति, सेत्तं पहुष्पन्नपयोगपच्चइए, सेत्तं सरीरबंधे से किं तं सरीरप्पयोगबंधे १, २ पंचविहे पं० तं० ओरालियसरीरप्पओगबंधे वेडव्वियसरीरप्पओगबंधे आहारगसरीरप्पओगबंधे तेयासरीरप्पयोगबंधे कम्मासरीरप्पयोगबंधे, ओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा ! पंचविहे पं० तं० एगिंदियओरालियमरीरप्पयोगबंधे बंदियओ० जान पंचिंदियओरालियसरीरप्पयोगगंधे, एगिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा ! पंचविहे पं० नं० पुढचिकाइयएगिंदिय० एवं एएणं अभिलावेण भेदो जहा ओगाहसंठाणे ओरालियसरीरस्स तहा भाणियन्वो जाव पजत्तगन्भवतियमणुस्सर्पचिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे य अपजत्तगब्भवकंतियमणूसजावबंधे य, ओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कस्स कम्मस्स उदएणं ?, गोयमा! वीरियसजोगसहव्वयाए पमादपञ्चया कम्मं च जोगं च (प्र० रूवं च भवं च आउयं च पहुच ओरालियसरीरप्पयोगनामकम्मस्स उदएणं ओरालियसरीरप्पयोगबंधे, एगिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कस्स कम्मस्स उदएणं ? एवं चेव, पृढविकाइयएगिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे एवं चेव, एवं जाव वणस्सइकाइया, एवं बेइंदिया एवं तेइंदिया एवं चउरिंदिया तिरिक्खजोणियपंचिंदियओगलिय सरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कस्स कम्मस्स उदरणं ?. एवं चेव, मणुस्सर्पचिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कस्स कम्मस्स उदरणं ?, गोयमा ! वीरियसजोगसद्दव्ययाए पमादपच्या जाब आउयं च पहुच मणुस्मपंचिंदियओरालियसरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं, ओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! किं देसबंधे सव्वबंधे ?, गोयमा ! देसबंधेऽवि सव्यबंधेऽवि, एगिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! किं देसंबंधे सव्वबंधे ? एवं चेव, एवं पुढवीकाइया एवं जाब मणुस्सपंचिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! किं देसबंधे सव्वबंधे ?, गोयमा ! देसबंधेऽवि सव्वबंधेऽवि, ओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कालओ केवश्चिरं होइ ?, गोयमा! सव्वबंधे एकं समयं देसबंधे जहन्नेणं एवं समयं उक्कोसेणं तिन्नि पलिओदमाई समयऊणाई, एगिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कालओ केवचिरं होइ ?, गोयमा! सव्वबंधे एकं समयं देसबंधे जहन्नेणं एवं समयं उकोसेणं बावीस वाससहस्साई समऊणाई, पुढवीकाइयएगिंदियपुच्छा, गोयमा ! सय्वबंधे एवं समयं देसबंधे जहन्नेणं खुड्डागभवग्गहणं तिसमयऊणं उक्कोसेणं बावीस वाससहस्साइं समऊणाई, एवं सव्वेसिं सव्वबंधो एक समयं देसबंधो जेसिं नत्थि वेउब्वियसरीरं तेसिं जहन्नेणं खुड्डागं भवम्गहणं तिसमयऊणं उकोसेणं जा जस्स ठिती सा समऊणा कायव्वा, जेसिं पुण अत्थि वेउब्वियसरीरं तेसि देसबंधो जहन्नेणं एकं समयं उक्कोसेणं २३८ श्रीभगवत्यंग संत मुनि दीपरत्नसागर Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जा जस्स ठिती सा समऊणा कायव्वा जाव मणुस्साणं देसबंधे जहनेणं एक समयं उक्कोसेणं तिचि पलिओवमाई समयूणाई, ओरालियसरीरबंधतरे णं भंते! कालओ केवञ्चिरं होइ ?, गोयमा! सब्बबंधंतरं जहन्नेणं खुड्ढागं भवग्गहणं तिसमयऊणं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई पुवकोडिसमयाहियाई, देसबंधंतर जहन्नेणं एक समय उक्कोसेणं तेत्तीस सागरोवमाई तिसमयाहियाई, एगिदियओरालियपुच्छा, गोयमा ! सबबंधंतरं जहन्नेणं खुड्डागं भवग्गहणं तिसमयऊणं उकोसेणं बावीसं वाससहस्साई समयाहियाई देसर्वधंतरं जहनेणं एक समयं उकोसेणं अंतोमुहत्तं, पुढयीकाइयएगिदियपुच्छा, गो० ! सव्वबंधंतर जहेव एगिदियस्स तहेव भाणियव्यं, देसबंधंतर जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं तिन्नि समया जहा पुढविकाइयाणं, एवं जाव चउरिदियाणं वाउक्काइयवज्जाणं, नवरं सब्बचंधतरं उक्कोसेणं जा जस्स ठिती सा समयाहिया कायव्या, बाउक्काइयाणं सव्वबंधंतरं जहन्नेणं सुड्डागभवग्गहर्ण तिसमयऊणं उक्कोसेणं तिन्नि वाससहस्साई समयाहियाई, देसर्वधंतरं जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं, पंचिंदियतिरिक्खजोणियओरालियएच्छा, सव्वबंधंतरं जहन्नेणं खुड्डागभवग्गहर्ण तिसमयऊणं उक्कोसेणं पुच्चकोडी समयाहिया देसबंधंतरं जहा एगिदियाणं तहा पंचिंदियतिरिक्खजो०,एवं मणुस्साणवि निरवसेसं भाणियवं जाव उकोसेणं अंतोमहत्तं, जीवस्स णं भंते ! एगिदियत्ते णोएगिदियत्ते पुणरवि एगिदियत्ते एगिदियओरालियसरीरप्पओगबंधतरं कालओ केवञ्चिरं होइ ?, गोयमा ! सव्वबंधंतर जहन्नेणं दो खुड्डागभवग्गहणाई तिसमयळणाई उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साई संखेज्जवासमभहियाई, देसबंधंतरं जहन्नेणं खुड्डागं भवग्गहणं समयाहियं उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साई संखेजवासमन्भहियाई. जीवस्स णं भंते ! पुढवीकाइयत्ते नोपुढवीकाइयत्ते पुणरवि पुढवीकाइयत्ते पुढवीकाइयएगिदियओरालियसरीरप्पयोगधंतरं कालओ केवञ्चिरं होइ ?, गोयमा ! सब्बबंधतरं जहन्नेणं दो खुड्डाई भवग्गहणाई तिसमयऊणाई उकोसेणं अणंतं कालं अर्णता उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ कालओ खेत्तओ अणंता लोगा असंखेजा पोग्गलपरियट्टा ते णं पोग्गलपरियट्टा आवलियाए असंखेज्जइभागो, देसबंधतरं जहन्नेणं खुड्डागभवम्गहणं समयाहियं उक्कोसेणं अणंतं कालं जाव आवलियाए असंखेजहभागो, जहा पुढविक्काइयाणं एवं वणस्सइकाइयवज्जाणं जाच मणुस्साणं, वणस्सइकाइयाणं दोजि खुड्डाई एवं चेव, उक्कोसेणं असंखिजं कालं असंखिज्जाओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ कालओ खेत्तओ असंखेजा लोगा, एवं देसर्वधंतरंपि उक्कोसेणं पढवीकालो, एएसिंण भंते ! जीवाणं ओरालियसरीरस्स देसबंधगाणं सब्वबंधगाणं अबंधगाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा. गोयमा। सबथोवा जीवा ओरालियसरीरस्स सबबंधगा अबंधगा विसेसाहिया देसबंधगा असंखेजगुणा । ३४६। बेउब्बियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कतिविहे पं०१, गोयमा! दुविहे पं० २०-एगिदियवेब्वियसरीरप्पयोगधंधे य पंचिंदियवेउम्बियसरीरप्पयोगधंधे य, जइ एगिदियवेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे किं बाउकाइयएगिदियसरीरप्पयोगपंधे य अबाउकाइयएगिदिय एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओगाहणसंठाणे वेउब्बियसरीरभेदो तहा भाणियन्वो जाव पज्जत्तसव्वदृसिद्धअणुत्तरोववाइयकप्पातीयवेमाणियदेवपंचिंदियवेउब्वियसरीरप्पयोगचंधे य अपजत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइयजावपयोगबंधे य, बेउब्बियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कस्स कम्मस्स उदएणं, गोय गवध णभत! कस्स कम्मस्स उदएण, गायमा! वारियसजागसहव्वयाए जाव आउयं वालद्धि वा पड़च वेडब्वियसरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं वेउब्वियसरीरप्पयोगंबधे, बाउकाइयएगिदियवेउब्बियसरीरप्पयोग० पुच्छा, गोयमा ! वीरियसजोगसहव्ययाए चेव जाव लद्धिं च पहुच वाउकाइयएगिदियवेउब्बियजावबंधो, रयणप्पभापुढवीनेरइयपंचिंदियवेउब्वियसरीरप्पयोगधंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं', गोयमा ! वीरियसयोगसहब्बयाए जाव आउयं वा पञ्च रयणप्पभापुढवीजावबंधे, एवं जाव अहेसत्तमाए, तिरिक्वजोणियपंचिंदियवेउव्वियसरीरपुच्छा, गोयमा! वीरिय० जहा वाउकाइयाणं, मणुस्सपंचिंदियवेउब्विय एवं चेव, असुरकुमारभवणवासिदेवपंचिदियवेउब्बिय० जहा रयणप्पभापुढवीनेरइया एवं जाव थणियकुमारा, एवं वाणमंतरा एवं जोइसिया एवं सोहम्मकप्पोवगया वेमाणिया एवं जाव अच्यगेवेजकप्पातीया वेमाणिया एवं चेव, अणुत्तरोषवाइयकप्पातीया वेमाणिया एवं चेव, वेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कि देसबंधे सव्वबंधे?, गोयमा ! देसपंधेऽवि सव्वबंधेऽषि, वाउकाइयएगिदिय० एवं चेव, रयणप्पभापुढवीनेरइया एवं चेव, एवं जाव अणुत्तरोववाइया, वेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कालओ केवचिरं होइ ?, गोयमा ! सव्यपंधे जहनेणं एक समयं उक्कोसेणं दो समया देसबंधे जहनेणं एक समयं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई समयूणाई, बाउक्काइएगिदियवेउब्वियपुच्छा, गोयमा ! सव्वबंधे एक समयं देसबंधे जहन्नेणं एक समय उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं, रयणप्पभापुढवीनेरइयपुच्छा, गोयमा ! सव्वबंधे एकं समय देसबंधे जहनेणं दस वाससहस्साई तिसमयऊणाई उकोसेणं सागरोवर्म समऊणं, एवं जाव अहेसत्तमा, नवरं देसबंधे जस्स जा जहन्निया ठिती सा तिसमऊणा कायव्वा जस्स जा य उक्कोसा सा समयूणा, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मणुस्साण य जहा वाउकाइयाणं, असुरकुमारनागकुमारजावअणुत्तरोषवाइयाणं जहा नेरइयाणं नवरं जस्स जा ठिई सा भाणियव्वा जाव अणुत्तरोबवाइयाणं सव्वबंधे एक समयं देसबंधे जहन्नेणं एकतीसं सागरोचमाई २३९ श्रीभगवत्यंगं - - SPOSASPIRNSPOLICYCAROSAGEMBPERPEHRSPISABHIMACPIRSSPANISHRAICHIC423788PICARBPRASPIRE मुनि दीपरत्नसागर Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तिसमऊणाई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई समऊणाई, वेउब्वियसरीरप्पयोगधंतरे णं भंते! कालओ केवचिरं होई, गोयमा ! सव्वधंतरं जहनेणं एक समयं उक्कोसेणं अणंतं कालं अर्णताओ जाव आवलियाए असंखेजहभागो, एवं देसपंधतरपि, वाउकाइयवेउब्वियसरीरपच्छा. गोयमा ! सवधतरं जहन्नेणं अंतोमहत्तं उकोसेणं पलिओवमस्स असंखे. जइमागं, एवं देसबंधंतरंपि, तिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउच्चियसरीरप्पयोगधंतरे० पुच्छा, गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं अंतोमहत्तं उकोसेणं पुचकोडीपुहूत्तं, एवं देसबंधंतरंपि, मणसस्सवि, जीवस्स णं भंते! बाउकाइयत्ते नोवाउकाइयत्ते पुणरवि वाउकाइयत्ते वाउकाइयएगिदियवेउब्वियपुच्छा, गोयमा ! सव्वबंधतरं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं अणतं कालं वणस्सइकालो, एवं देसबंधंतरंपि, जीवस्स णं भंते! रयणप्पभापुढवीनेरइयत्ते णोरयणप्पभापुढवी० पुच्छा, गोयमा ! सव्वधंतर जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमभहियाई उक्कोसेणं वणस्सइकालो, देसर्वधंतरं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं अणंतं कालं वणस्सइकालो, एवं जाव अहेसत्तमाए, नवरं जा जस्स ठिती जहन्निया सा सब्वधंतरं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तमम्भहिया कायब्वा, सेसं तं चेव, पंचिंदियविरिक्वजोणियमणुस्साण य जहा वाउक्काइयाणं, असुरकुमारनागकुमारजावसहस्सारदेवाणं, एएसिं जहा रयणप्पभापुढवीनेरइयाणं, नवरं सब्वबंधतरे जस्स जा ठिती जहजिया सा अंतोमुत्तमभहिया कायब्बा, सेसं तं चेव, जीवस्स णं भंते ! आणयदेवत्ते नोआणय पुच्छा, गोयमा! सबबंधतरं जहन्नेणं अट्ठारस सागरोवमाई वासपुहुत्तमभहियाई उक्कोसेणं अणंतं कालं वणस्सइकालो, देसबंधंतरं जहन्नेणं वासपुहुत्तं उक्कोसेणं अणंतं कालं वणस्सइकालो, एवं जाव अचुए, नवरं जस्स जा ठिती सा सव्वबंधंतरं जहनिया बासपुहुत्तमम्भहिया कायब्वा, सेसं तं चेव, गेवेजकप्पातीयपुच्छा, गोयमा ! सव्वबंधतरं जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाई वासपुहुत्तमभहियाई उक्कोसेणं अणंतं कालं वणस्सइकालो, देसर्वधंतरं जहन्नेणं वासपुहृत्तं उकोसेणं वणस्सइकालो, जीवस्स णं भंते! अणुत्तरोववातिय पुच्छा, गोयमा ! सबबंधंतरं जहन्नेणं एकतीसं सागरोवमाई वासपुहुत्तमभहियाई उक्कोसेणं संखेजाइं सागरोवमाई देसबंधंतरं जहन्नेणं वासपुहत्तं उक्कोसेणं संखेजाइं सागरोवमाई, एएसिणं भंते ! जीवाणं वेउश्वियसरीरस्स देसबंधगाणं सवबंधगाणं अचंधगाण य कयरेशहितो जाब बिसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सबथोवा जीचा वेउश्चियसरीरस्स सञ्चपंधगा देसबंधगा असंखेजगुणा अबंधगा अणंतगुणा, आहारगसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कतिविहे पं०?, गोयमा ! एगागारे पं०,जइ एगागारे पं० किंमणुस्साहारगसरीरप्पयोगचंधे किं अमणुस्साहारगसरीरपयोगबंधे?, गोयमा! मणुस्साहारगसरीरप्पयोगचंधे नो अमणुस्साहारगसरीरप्पयोगबंधे, एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओगाहणसंठाणे जाव इड्ढिपत्तऽपमत्तसंजयसम्मबिडिपज्जत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमिगगन्भवतियमणुस्साहारगसरीरप्पयोगबंधे णो अणिढिपत्तऽपमत्तजावआहारगसरीरप्पयोगबंधे, आहारगसरीरप्पयोगधंधे णं भंते! कस्स कम्मस्स उदएण?, गोयमा! वीरियसयोगसद्दब्बयाए जाव लदिं च पहुच आहरगसरीरप्पयोगणामाए कम्मस्स उदएणं आहारगसरीरप्पयोगचंधे, आहारगसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! किं देसबंधे सव्वबंधे, गोयमा! देसबंधेऽवि सन्नबंधेऽवि, आहारगसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा! सव्वबंधे एकं समयं देसबंधे जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं, आहारगसरीरप्पयोगबंधंतरे णं भंते ! कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा! सब्वबंधंतरं जहन्नेणं अंतोमुडुत्तं उक्कोसेणं अर्णतं कालं अणंताओ ओसप्पिणीउस्सप्पिणीओ कालओ खेत्तओ अणंता लोया अवड्ढपोग्गलपरियट्ट देसूर्ण, एवं देसबंधंतरंपि, एएसिणं भंते! जीवाणं आहारगसरीरस्स देसबंधगाणं सव्वबंधगाणं अबंधगाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा! सब्बत्थोवा जीवा आहारगसरीरस्स सव्वबंधगा देसबंधगा संखेजगुणा अबंधगा अणंतगुणा ।३४७ तेयासरीरप्पयोगचंधे णं भंते ! कतिविहे पं०१, गोयमा ! पंचविहे पं० त०-एगिदियतेयासरीरप्पयोगबंधे बेइंदिय० तेइंदिय० जाव पंचिंदियतेयासरीरप्पयोगवंचे, एगिदियतेयासरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कइविहे पं०१, एवं एएणं अभिलावणं भेदो जहा ओगाहणसंठाणे जाव पज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइयकप्पातीयवेमाणियदेवपंचिदियतेयासरीरप्पयोगबंधे य अपज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइयजावबंधे य, तेयासरीरप्पयोगबंध णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं?. गोयमा ! बीरियसजोगसहब्बयाए जाव आउयं च पडुच तेयासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं तेयासरीरप्पयोगबंधे, तेयासरीरप्पयोगवंधे णं भंते! किं देसवंधे सब्बबंधे?, गोयमा! देसबंधे नो सव्वबंधे, तेयासरीरप्पयोगधंधे णं भंते ! कालओ केवचिरं होइ ?, गोयमा ! दुविहे पं० २०-अणाइए वा अपज्जवसिए अणाइए वा सपज्जवसिए, तेयासरीरप्पयोगबंधतरे णं भंते! कालओ केवचिर होइ ?, गोयमा ! अणाइयस्स अपज्जवसियस्स नत्थि अंतरं अणाइयस्स सपञ्जवसियस्स नस्थि अंतरं, एएसि णं भंते ! जीवाणं तेयासरीरस्स देसबंधगाणं अबंधगाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा तेयासरीरस्स अबंधगा देसबंधगा अणंतगुणा । ३४८। कम्मासरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कतिविहे पं०१, गोयमा ! अट्टविहे पं०२०-नाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पयोगचंधे जाव अंतराइयकम्मासरीरप्पयोगबंधे, णाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पयोगचंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ?, गोयमा! नाणपडिणीययाए णाणणिण्हवणयाए गाणंतराएणं णाणप्पदोसेणं णाणचासादणाए णाणविसंवादणाजोगेणं णाणावरणिजकम्मासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं णाणावरणिजकम्मासरीरप्पयोगबंधे, दरिस-(६०) २४० श्रीभगवत्यंग- मत: मुनि दीपरत्नसागर SAEYCHOPRASHARPERSPESABHISAPANAGPORNMASHRASPGARHCHASPASSPONSPIRA-28784SPAREVIGARB8 Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ POORNSPROP85-8PICARPISABPMRAPARSRSPENSANDARPANISHRSSIPOS89848PICMACHARPELAPICKASHIGARSPA णावरणिजकम्मासरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं?, गोयमा! दंसणपडिणीययाए एवं जहाणाणावरणि नवरं देसणनामं घेत्तव्वं जाब दसणविसंवादणाजोगेणं दरिसणावरणिजकम्मासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं जावप्पओगबंधे, सायावेयणिज्जकम्मासरीरप्पयोगचंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ?, गोयमा ! पाणाणुकंपयाए भूयाणुकंपयाए एवं जहा सत्तमसए जाब अपरियावणयाए सायावेयणिज्जकम्मासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं सायावेयणिज्जकम्माजावबंधे, अस्सायावेयणिजपच्छा, गोयमा ! परदुरवणयाए परसोयणयाए जहा सत्तमसए जाव परियावणयाए अस्सायावेयणिजकम्माजावपयोगबंधे, मोहणिज्जकम्मासरीरप्पयोगपुच्छा, गोयमा तिव्वकोहयाए तिव्वमाणयाए तिब्वमायाए तिव्वलोभाए तिब्वदंसणमोहणिज्जयाए तिव्वचरित्तमोहणिजयाए मोहणिज्जकम्मासरीरजावपयोगबंधे, नेरइयाउयकम्मासरीरप्पयोगबंधेणं भंते ! पुच्छा, गोयमा! महारंभयाए महापरिम्गहयाए कुणिमाहारेणं पंचिदियवहेणं नेरइयाउयकम्मासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं नेरइयाउयकम्मासरीरजावपयोगबंधे, तिरिक्खजोणियाउयकम्मासरीरप्पओगपुच्छा, गोयमा ! माइडियाए नियडिलयाए अलियवयणेणं कुडतुलकूडमाणेणं तिरिक्खजोणियकम्मासरीरजावपयोगपंधे, मणुस्सआउयकम्मासरीरपुच्छा, गोयमा ! पगइभइयाए पगइविणीययाए साणुक्कोसयाए अमच्छरियाए मणुस्साउयकम्माजावपयोगबंधे, देवाउयकम्मासरीरपुच्छा, गोयमा ! सरागसंजमेणं संजमार्सजमेणं बालवयोकम्मेणं अकामनिज्जराए देवाउपकम्मासरीरजावपयोगधे, सुभनामकम्मासरीरपुच्छा, गोयमा! कायउजुययाए भावुजुययाए भासुजुययाए अविसंवादणजोगेण सुभनामकम्मासरीरजावप्पयोगबंधे, असुभनामकम्मासरीरपुच्छा, गोयमा ! कायअणुजुययाए भावअणुजुययाए भासअणुजुययाए विसंवायणाजोगेणं असुभनामकम्माजावपयोगचंधे, उच्चागोयकम्मासरीरपुच्छा, गोयमा ! जातिअमदेणं कुलअमदेणं बलअमदेणं रूवअमदेणं तवअमदेणं सुयअमदेणं लाभअमदेणं इस्सरियअमदेणं उच्चागोयकम्मासरीरजावपयोगबंधे, नीयागोयकम्मासरीरपुच्छा, गोयमा! जातिमदेणं कुलमदेणं बलमदेणं जाव इस्सरियमदेणं णीयागोयकम्मासरीरजावपयोगबंधे, अंतराइयकम्मासरीरपुच्छा, गोयमा ! दाणंतराएर्ण लाभंतराएणं भोगंतराएर्ण उपभोगतराएणं वीरियंतराएणं अंतराइयकम्मासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं अंतराइयकम्मासरीरप्पयोगबंधे, णाणावरणिजकम्मासरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कि देसबंध सव्वबंधे?, गोयमा ! देसबंधे णो सब्वबंधे, एवं जाव अंतराइयकम्मा०, णाणावरणिजकम्मासरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कालओ केवचिरं होइ', गोयमा! णाणा दुविहे पं० तं०-अणाइए सपजवसिए अणाइए अपज्जवसिए वा, एवं जहा तेयगस्स संचिट्ठणा तहेव एवं जाव अंतराइयकम्मस्स, णाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पयोगधंतरे णं भंते ! कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा ! अणाइयस्स एवं जहा तेयगसरीरस्स अंतरं तहेव एवं जाव अंतराइयस्स, एएसि णं भंते ! जीवाणं नाणावरणिजस्स कम्मस्स देसबंधगाणं अबंधगाण य कयरे २ जाव अप्पाबहुगं जहा तेयगस्स, एवं आउयवजं जाव अंतराइयस्स, आउयस्स पुच्छा, गोयमा ! सब्बत्योबा जीवा आउयस्स कम्मस्स देसबंधगा अचंधगा संखेजगुणा।३४९। जस्स णं भंते ! ओरालियसरीरस्स सव्वबंधे से णं भंते ! वेडब्बियसरीस्त किं बंधए अबंधए?, गोयमा! नो बंधए अबंधए, आहारगसरीरस्स किं बंधए अबंधए ?, गोयमा! नो बंधए अबंधए, तेयासरीरस्स किं बंधए अबंधए?, गोयमा ! बंधए नो अबंधए, जइ बंधए किं देसबंधए सव्वबंधए?, गोयमा! देसबंधए नो सव्वधए, कम्मासरीरस्स किं बंधए जबंधए !, जहेब तेयगस्स जाव देसबंधए नो सब्यबंधए, जस्स णं भंते ! ओरालियसरीरस्स देसबंधे से णं भंते ! वेउब्वियसरीरस्स किं बंधए अबंधए ?, गोयमा ! नो बंधए अबंधए, एवं जहेब सव्वबंधेणं भणियं तहेब देसबंधेणवि भाणियव्यं जाव कम्मगस्स, जस्स णं भंते ! वेउब्बियसरीरस्स सवबंधे से णं भंते ! ओरालियसरीरस्स किं बंधए अबंध?, गोयमा ! नो बंधए अचंधए, आहारगसरीरस्स एवं चेव, तेयगस्स कम्मगस्स य जहेब ओरालिएणं समं भणियं तहेव भाणियवं जाव देसबंधए नो सबबंधए, जस्स णं भंते! वेउबियसरीरस्स देसबंधे से णं ते ! ओरालियसरीरस्स किंबंधए अधए?, गोयमा! नो बंधए अचंधए, एवं जहा सब्वबंधेणं भणियं तहेब देसबंधेणवि माणियव्वं जाव कम्मगस्स, जस्सणं भंते ! आहारगसरीरस्स सब्वबंधे से णं भंते ! ओरालियसरीरस्स किं बंधए अबंधए ?, गोयमा ! नो बंधए अबंधए, एवं वेउब्वियस्सवि, तेयाकम्माणं जहेव ओरालिएणं समं भणियं तहेव भाणियव्यं, जस्स णं भंते ! आहारासरीरस्स देसबंधे से णं भवे! ओरालियसरीर० एवं जहा आहारगसरीरस्स सबबंघेणं भणियंतहा देसबंधेणवि भाणिय जाव कम्मगस्स, जस्स णं भंते ! तेयासरीरस्स देसबंधे से णं भंते ! ओरालियसरीरस्स किं बंधए अबंधए?, गोयमा! बंधए वा अबंधए वा, जइ बंधए किं देसबंधए सवबंधए?, गोयमा!, देसबंधए वा सञ्चबंधए वा, वेउवियसरीरस्स कि बंधए अबंधए, एवं चेष, एवं आहारगस्तवि, कम्मगसरीरस्स कि पंधए अबंधए?, गोयमा! बंधए नो अधए, जइबंधए किं देसबंधए सन्नबंधए?, गोयमा! देसर्वधए नो सहबंधए, जस्स णं भंते ! कम्मगसरीरस्स देसबंधे से णं भंते! ओरालियसरीरस्स० जहा तेयगस्स वत्तवया भणिया तहा कम्मगस्सवि माणियचा जाव तेयासरीरस्स जाव देसबंधए नो २४१ श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरत्नसागर BAISPRINMEPRADPICARSPIRMIYEARNIGARHICHOPARAPEMIGHRSSPIRANSPIRACY06207COPTEMBPRAISHIRAMBIPION Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SACSPELAPELASNASHISSESSPASSTMASARASPROFRANCARNESHOPSM8P84228498ASPA40HR सवबंधए ।३५० । एएसिं णं भंते ! सधजीवाणं ओरालियबेउवियआहारगतेयाकम्मासरीरगाणं देसबंधगाणं सबबंधगाणं अबंधगाण य कयरे २ जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सवत्योवा जीवा आहारगसरीरस्स सबंधगा तस्स चेव देसबंधगा संखेजगुणा वेउधियसरीरस्स सवबंधगा असंखेजगुणा तस्स चेव देसबंधगा असंखेजगुणा तेयकम्मगाणं अबंधगा अर्ण यसरीरस्स सबंधगा अणंतगणा तस्स चेव अबंधगा विसेसाहिया तस्स चेव देसबंधगा असंखेजगणा तेयकम्मगाणं देसबंधगा विसंसाहिया बउवियसरीरस्स अचंधगा बिसेसाहिया आहारगसरीरस्स अबंधगा विसेसाहिया। सेवं भंते! २।३५१॥श०८ उ०९॥रायगिहे नगरे जाव एवं वयासी-अनउत्थिया णं भते! " परूति-एवं खलु सील सेयं सुयं सेयं सुर्य सेयं सील सेयं (प्र० सील सेयं, सुयं सेयं, सीले सेयं सुर्य सेयं) से कहमेयं भंते ! एवं ?, गोयमा ! जन्नं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति जाब जे ते एवमाइंसु मिच्छा ते एकमाइंसु, अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि, एवं खलु मए चत्तारि पुरिसजाया पं० त०-सीलसंपन्ने णाम एगे णो सुयसंपन्ने सुयसंपन्ने नाम एगे नो सीलसंपन्ने एगे सीलसंपन्नेऽवि सुयसंपन्नेवि एगे णो सीलसंपन्ने नो सुयसंपन्ने, तत्थ णं जे से पढमे पुरिसजाए से णं पुरिसे सीलवं असुयवं, उवरए अविनायधम्मे, एम णं गोयमा! मए पुरिसे देसाराहए पं०, तत्थ णं जे से दोचे पुरिसजाए से णे पुरिसे असीलवं सुयवं, अणुवरए विनायधम्मे, एस णं गोयमा! मए पुरिसे देसविराहए पं०, तत्थ णं जे से | तचे पुरिसजाए से णं पुरिसे सीलवं सुयवं, उवरए विनायधम्मे, एस णं गोयमा मए पुरिसे सव्वाराहए पं०, तत्व णं जे से चउत्थे पुरिसजाए से णं पुरिसे असीलवं असुतवं, अणुवरए अविण्णायधम्मे, एस णं गोयमा! मए पुरिसे सव्वविराहए पं०।३५२। कतिविहा णं भंते! आराहणा पं02. गोयमा ! तिविहा आराहणा पं० त०-नाणाराहणा दंसणाराहणा चरित्ताराहणा, णाणाराहणा णं भंते ! कतिविहा पं०?, गोयमा ! तिविहा पं० तं०-उक्कोसिया मज्झिमा जहन्ना, दंसणाराहणा णं भंते !०, एवं चेव तिविहाचि, एवं चरित्ताराहणावि, जस्स णं भंते ! उकोसिया जाणाराहणा तस्स उफ्कोसिया दसणाराहणा जस्स उक्कोसिया दंसणाराणा तस्स उक्कोसिया णाणाराहणा, गोयमा ! जस्स उकोसिया जाणाराहणा तस्स दसणाराणा उक्कोसिया वा अजहन्नमणुकोसिया वा, जस्स पुण उकोसिया दंसणाराहणा तस्स नाणाराहणा उक्कोसा वा जहन्ना या अजहन्नमणुकोसा वा, जस्सणं भंते! उकोसिया णाणाराहणा तस्स उक्कोसिया चरित्ताराहणा जस्सुक्कोसिया चरित्ताराहणा तस्सुक्कोसिया णाणाराहणा?, जहा उक्कोसिया णाणाराहणा य दसणाराहणा य भणिया तहा उक्कोसिया नाणाराणा य चरित्ताराहणा य भाणियचा, जस्स णं भंते ! उक्कोसिया दंसणाराहणा तस्सुक्कोसिया चरित्ताराहणा जस्मुक्कोसिया चरित्ताराहणा तस्सुकोसिया दंसणाराहणा?, गोयमा! जस्स उक्कोसिया दंसणाराहणा तस्स चरिताराहणा उक्कोसा वा जहन्ना वा अजहन्नमणुक्कोसा वा जस्स पुण उकोसिया चरिताराहणा तस्स दंसणाराहणा नियमा उकोसा, उकोसियं णं भंते ! णाणाराहणं आराहेता कतिहिं भवग्गहणेहिं सिझंति जाव अंतं करेंति?, गोयमा! अत्थेगइए तेणेव भवम्गहणेणं सिझंति जाव अंतं करेंति अत्येगतिए दोघेणं भवम्गहणेणं सिझंति जाव अंतं करेंति, अत्यंगतिए कप्पोवएसु वा कप्पातीएसु वा उववजंति, उक्कोसियं णं भंते ! दसणाराहणं आराहेत्ता कतिहिं भवम्गहणेहिं एवं चेव, उक्कोसियषणं भंते! चरित्ताराहणं आराहेत्ता एवं चेव, नवरं अत्यंगतिए कप्पातीयएसु उववज्जति, मज्झिमियं णं भंते ! णाणाराहणं आराहेत्ता कतिहिं भवराहणेहिं सिझति जाप अंतं करेंति?. गोयमा ! अत्यंगतिए दोघेणं भवग्गहणेणं सिझाइ जाच अंतं करेंति तचं पुण भवरगहणं नाइक्कमन्ति, मज्झिमियं णं भंते ! दंसणाराहणं आराहेत्ता एवं चेच, एवं मज्झिमियं चरिताराहणंपि, जहनियन्नं भंते ! नाणाराहणं आराहेत्ता कविहिं भवग्गहणेहिं सिझंति जाव अंतं करेंति ?, गोयमा ! अत्येगतिए तच्चेणं भवग्गहणणं सिज्झन्ति जाव अंतं करेन्ति सत्तट्ट भवग्गहणाई पुण नाइक्कमन्ति, एवं दंसणाराहणंपि, एवं चरित्ताराहणंपि।३५३ । कतिविहे णं भंते ! पोग्गलपरिणामे पं०, गोयमा! पंचविहे पोग्गलपरिणामे पं०२०-वनपरिणामे गंधप० रसप० फासप० संठाणप०, वनपरिणामे णं भंते ! कइविहे पं०१, गोयमा! पंचविहे पं० त० कालवनपरिणामे जाप सुकिलवनपरिणामे, एएणं अभिलावेणं गंधपरिणासे दुविहे रसपरिणामे पंचविहे फासपरिणामे अट्ठबिहे, संठाणप० भंते ! कइविहे पं०?, गोयमा ! पंचविहे पं० त०-परिमंडलसंठाणपरिणामे जाव आययसंठाणपरिणामे । ३५४॥ एगे भंते! पोग्गलत्यिकायपएसे कि दवं दव्यदेसे दव्याई दबदेसा उदाहु दव्वं च दव्वदेसे य उदाहु दवं च दव्यदेसा य उदाहु दवाई च दबदेसे य उदाहु दव्याई च दबदेसा य?, गोयमा ! सिय दव्वं सिय दव्यदेसे नो दव्वाईनो दव्वदेसा नो दव्वं च दव्वदेसे य जाव नो दव्वाई च दव्वदेसा य, दो भंते! पोग्गलस्थिकायपएसा किं दवं दवदेसे० पुच्छा तहेव, गोयमा! दवाई सिय दबदेसा सिय दवं च दबदेसे य नो दवं च दबदेसाय सेसा पडिसेहेयबा, तिचि भंते! पोग्गलस्थिकायपएसा किं दबं दबदेसे० पच्छा. गोयमा ! सिय दवं सिय दधदेसे एवं सत्त भंगा भणियथा जाब सिय दवाई च दबदेसे य नो दवाई च दबदेसा य, चत्तारि भंते ! पोग्गलस्थिकायपएसा किं दर्ष पुच्छा, गोयमा ! २४२ श्रीभगवत्यंग -सतं. मुनि दीपरत्नसागर IPRASF0548278HISPECARSESASPRANSPARSHIRSHIPSAROPERNAGPRSASTER408780052502078418MRPSPCHAR Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४३ सिय दव्वं सिय दधदेसे अट्ठवि भंगा भाणियवा जाब सिय दवाई च दवदेसा य, जहा चत्तारि भणिया एवं पंच छ सत्त जाब असंखेज्जा, अनंता भंते! पोम्गलत्थिकायपएसा किं द० ? एवं चेत्र जाव सिय दवाई च दवदेसा य । ३५५ । केवतिया णं भंते! लोयागासपएसा पं० १, गोयमा ! असंखेज्जा लोयागासपएसा पं०, एगमेगस्स णं भंते! जीवस्स केवइया जीवपएसा पं० १, गोयमा ! जावतिया लोगागासपएसा एगमेगस्स णं जीवस्स एवतिया जीवपएसा पं० । ३५६ । कति णं भंते! कम्मपगडीओ पं० १, गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पं० तं० नाणावर णिज्जं जाव अंतराइयं, नेरइयाणं भंते! कइ कम्मपगडीओ पं० १, गोयमा ! अट्ट, एवं सव्वजीवाणं अट्ठ कम्मपगडीओ ठावेयव्वाओ जाव वेमाणियाणं, नाणावरणि जस्स णं भंते! कम्मस्स केवतिया अविभागपलिच्छेदा पं० १, गोयमा अनंता अविभागपलिच्छेदा पं०, नेरइयाणं भंते! णाणावर णिज्जस्स कम्मस्स केवतिया अविभागपलिच्छेया पं० १. गोयमा ! अनंता अविभागपलिच्छेदा पं० एवं सव्वजीवाणं जाव बेमाणियाणं पुच्छा, गोयमा ! अणता अविभागपरिच्छेदा पं०, एवं जहा णाणावरणिजस्स अविभागपलिच्छेदा भणिया तहा अट्टहवि कम्मपगडीणं भाणियव्वा जाव वैमाणियाणं, एगमेगस्स णं भंते! जीवस्स एगमेगे जीवपएसे णाणावर णिज्जस्स कम्मस्स केवइएहिं अविभागपलिच्छेदेहिं आवेढिए परिवेढिए सिया ?, गोयमा ! सिय आवेढियपरिवेढिए सिय नो आवेढियपरिवेढिए, जइ आवेदियपरिवेढिए नियमा अणतेहि, एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स एग मेगे जीवपएसे णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स केवइएहि अविभागपलिच्छेदेहिं आवेढिए परिवेडिते ?, गोयमा ! नियमा अणतेहिं, जहा नेरइयस्स एवं जाव वैमाणियस्स, नवरं मणूसस्स जहा जीवस्स, एगमेगस्स णं भंते! जीवस्स एगमेगे जीवपएसे दरिसणावरणिज्जस्स कम्मस्स केवतिएहिं एवं जहेव नाणावरणिजस्स तहेव दंडगो भाणियब्वो जाव वेमाणियस्स, एवं जाव अंतराइयस्स भाणियव्वं, नवरं वेयणिज्जस्स आउयस्स णामस्स गोयस्स एएसिं चउण्डवि कम्माणं मणूसस्स जहा नेरइयस्स तहा भाणियव्वं, सेसं तं चैव । ३५७। जस्स णं भंते! नाणावर णिज्जं तस्स दरिसणावरणिज्जं जस्स दंसणावरणिज्जं तस्स नाणावरणिजं ?, गोयमा ! जस्स णं नाणावरणिजं तस्स दंसणावरणिजं नियमा अत्थि, जस्स णं दरिसणावरणिज्जं तस्सवि नाणावर णिज्जं नियमा अस्थि, जस्स णं भंते! णाणावरणिजं तस्स वेयणिजं जस्स वेयणिज्जं तस्स णाणावरणिज्जं ?, गोयमा ! जस्स नाणावरणिजं तस्स वेयणिजं नियमा अस्थि जस्स पुण वेयणिज्जं तस्स णाणावरणिज्जं सिय अस्थि सिय नत्थि, जस्स णं भंते! नाणावरणिज्जं तस्स मोहणिज्जं जस्स मोहणिजं तस्स नाणावरणिज्जं ?, गोयमा ! जस्स नाणावर णिज्जं तस्स मोहणि सिय अस्थि सिय नत्थि जस्स पुण मोदणिज्जं तस्स नाणावरणिज्जं नियमा अस्थि, जस्स णं भंते! णाणावरणिज्जं तस्स आउयं एवं जहा वेयणिज्जेणं समं भणियं तहा आउएणवि समं भाणियब्वं, एवं नामेणवि, एवं गोएणवि समं, अंतराइएण समं जहा दरिसणावरणिजेणं समं तहेब नियमा परोप्परं भाणियव्वाणि, जस्स णं भंते! दरिसणावरणिज्जं तस्स वेणि जस्स वेयणिज्जं तस्स दरिसणावरणिज्जं ?, जहा नाणावरणिज्जं उवरिमेहिं सत्तहिं कम्मेहिं समं भणियं तहा दरिसणावरणिज्वंपि उवरिमेहिं छहिं कम्मेहिं समं भाणियव्वं जाव अंतराइएणं, जस्स णं भंते! श्रेयणिज्जं तस्स मोहणिज्जं जस्स मोहणिज्जं तस्स वेयणिज्जं ?, गोयमा ! जस्स वेयणिज्जं तस्स मोहणिज्जं सिय अस्थि सिय नत्थि जस्स पुण मोहणिज्जं तस्स वेयणिज्जं नियमा अत्थि, जस्स णं भंते! बेयणिज्जं तस्स आउयं० १, एवं एयाणि परोप्परं नियमा, जहा आउएण समं एवं नामेणवि गोएणवि समं भाणियां, जस्स णं भंते! वेयणिज्जं तस्स अंतराइयं० पुच्छा, गोयमा ! जस्स वेयणिज्जं तस्स अंतराइयं सिय अत्थि सिय नत्थि जस्स पुण अंतराइयं तस्स वेयणिज्जं नियमा अत्थि, जस्स णं भंते! मोहणिजं तस्स आउयं जस्स आउयं तस्स मोहणिज्जं १, गोयमा ! जस्स मोहणिज्जं तस्स आउयं नियमा अत्थि जस्स पुण आउयं वस्स पुर्ण मोहणिज्जं सिय अत्थि सिय नत्थि, एवं नामं गोयं अंतराइयं च भाणिय, जस्स णं भंते! आउयं तस्स नाम० पुच्छा, गोयमा! दोऽवि परोप्परं नियमं एवं गोत्तेणवि समं भाणियचं, जस्स णं भंते! आउयं तस्स अंतराइयं० पुच्छा, गोयमा ! जस्स आउयं तस्स अंतराइयं सिय अस्थि सिय नत्थि जस्स पुण अंतराइयं तस्स आउयं नियमा, जस्स णं भंते! नामं तस्स गोयं जस्स णं गोयं तस्स णं नामं पुच्छा, गोयमा ! जस्स णं णामं तस्स णं नियमा गोयं जस्स णं गोयं तस्स नियमा नामं गोयमा ! दोऽवि एए परोप्परं नियमा, जस्स णं भंते! णामं तस्स अंतराइयं० पुच्छा, गोयमा ! जस्स नाम तस्स अंतराइयं सिय अस्थि सिय नत्थि जस्स पुण अंतराइयं तस्स नामं नियमा अत्थि, जस्स णं भंते! गोयं तस्स अंतराइयं पुच्छा, गोयमा ! जस्स णं गोयं तस्स अंतराइयं सिय अस्थि सिय नत्थि जस्स पुण अंतराइयं तस्स गोयं नियमा अत्थि । ३५८ । जीवे णं भंते! किं पोग्गली पोग्गले ?, गोयमा ! जीवे पोग्गलीचि पोग्गलेऽवि, से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ जीवे पोग्गलीवि पोग्गलेऽवि ?, गोयमा ! से जहानामए छत्ते छत्ती दंडेणं दंडी घडेणं घडी पडेणं पडी करेणं करी एवामेव गोयमा! जीवेऽवि सोइंदियचक्खिदियघानिंदियजिम्भिदियफासिंदियाइं पहुच पोम्ाली, जीवे पहुच पोग्गले, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ जीवे पोग्गलीबि पोग्गलेऽवि, नेरइए णं भंते! किं पोग्गली० १, एवं चेव, एवं जाव २४३ श्रीभगवत्यं सते है मुनि दीपरत्नसागर Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ POSTSPIGAROPIGAROOPERATIPRIMEPICS-REMRAGNENSPICHASPERISP6549704REPSASP84886SPIGAREPARATIONS बेमाणिए, नवरं जस्स जइ इंदियाई तस्स तहवि भाणियव्वाई, सिद्दे णं भंते ! किं पोग्गली पोग्गले ?, गोयमा ! नो पोग्गली पोग्गले, से केणद्वेणं भंते! एवं बुबइ जाव पोग्गले ?, गोयमा ! जीवं पहुच, से तेणटेणं गोयमा! एवं बुच्चइ-सिदे नो पोग्गली पोग्गले। सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति । ३५९॥ उ०१० इति अष्टमं शतकं॥फलम जंबुद्दीवे १ जोइस२ अंबरदीवा ३० असोच ३१ गंगेय ३२। कुंडग्गामे ३३ पुरिसे ३४ नवमंमि सयंमि चउत्तीसा ॥ ६ ॥ तेणं कालणं० मिहिलानाम नगरी होत्या, वनओ, माण(म० मेघ)भद्दे चेहए, वनओ, सामी समोसदे परिसा निग्गया जाच भगवं गोयमे फजुवासमाणे एवं बयासी-कहिं णं भंते! जंचुद्दीचे दीये?, किंसंठिए णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे , एवं जंबुद्दीवपत्ती भाणियबा जाच एवामेव सपुहावरेणं जंजुद्दीवे २ चोहस सलिला सयसहस्सा छप्पन्नं च सहस्सा भवंतीतिमक्खाया (जहा जंबुद्दीवपन्नत्तीए तहा यवं जोइसवितुणं जाब-खंडा जोयण वासा पञ्जय कूडा य तित्थ सेढीओ। विजय हह सलिलाओ य पिंडए होति संगहणी॥१॥पा०)। सेवं भंते ! सेवं भंते !त्ति।३६० ॥ श०९ उ०१॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-जम्बुहीवे णं भंते ! केवइया चंदा पभासिंसु वा पभासेंति वा पभासिस्संति का?, एवं जहा जीवाभिगमे जाव- एगं च सयसहस्सं तेत्तीसं खलु भवे सहस्साई। नव य सया पन्नासा तारागणकोडिकोडीणं ॥६१॥ सोभिंसु वा सोभिंति वा सोभिस्संति वा।३६१० लवणे णं भंते ! समुहे केवतिया चंदा पमासिसुवा पभासिति वा पभासिस्संतिवा? एवं जहा जीवाभिगमे जाव ताराओ, घायइसंडे कालोदे पुक्खरखरे अभितरपुक्खरदे मणुस्सखेते, एएसु सव्वेसु जहा जीवाभिगमे जाच एगससीपरिवारो तारागणकोडिकोडीणं ।' पुक्खरहे णं भंते ! समुद्दे केवइया चंदा पभासिसुवा, एवं सब्वेसुदीवसमुहेसु जोतिसियाणं भाणियब्वं जाव सयंभरमणे जाव सोभिसु वा सोभति वा सोभिस्संति वा । सेवं भंते! सेवं भंत! उ०२॥रायगिहे जाब एवं बयासी-कहिण भंते! दाहिणिलाणं एगोख्यमणस्साणं एगोरुयदीवे णामं दीवे पं०?, गोयमा! जंबहीवे दीचे मंदरस्स पब्बयस्स दाहिणेणं चल्लहिमवतस्स बासहरपब्वयस्स पुरच्छिमिलाओ चरिमंताओ लवणसमुई उत्तरपुरच्छिमेणं तिमि जोयणसयाई ओगाहित्ता एस्थ णं दाहिणिलाणं एगोरुयमणुस्साणं एगोरुयदीवे नामं दीवे पं०, तै गोयमा ! तिन्नि जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं णव एकोणबन्ने जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं पं०, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सबओ समंता संपरिक्खत्ते दोण्हवि पमाणं वन्नओ, एवं एएणं कमेणं जहा जीवाभिगमे (एवं जहा जीवाभिगमे उत्तरकुरुवत्तव्वया गेयच्या नाणतं अट्टधणुसया उस्सेहो चउसट्टी पिट्ठकरंडया अणुसज्जणा नत्थि पा०)जाव सुद्धदंतदीचे जाव देवलोगपरिमाहिया णं ते मणुया पं० समाणाउसो!, एवं अट्ठावीसं अंतरदीवा सएणं २ आयामविक्खंभेणं माणियचा, नवरं दीवेर उद्देसओ, एवं सब्बेऽवि अट्ठावीसं उद्देसगा भाणियब्बा । सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति।३६३॥ श०९ उ०३-३० ।। रायगिहे जाव एवं वयासी-असोचा णं भंते ! केवलिस्स वा केवलिसावगस्स वा केवलिसावियाए वा केवलिउवासगस्स वा केवलिउवासियाए वा तप्पक्खियरस वा तप्पक्खियसावगरस वा तपक्षियसावियाए वा तप्पाक्खयउवासगरस वा तप्पाक्खयउवासियाए वा । केवलिपन्नत्तं धर्म लभेज्जा सवणयाए?, गोयमा ! असोचा णं केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा अत्यंगतिए केवलिपन्नत्तं धम्म लभेजा सवणयाए अत्यंगतिए केवलिपनत्तं धम्मं नो लभेजा सवणयाए, से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ-असोचा णं जाव नो लभेज्जा सवणयाए?, गोयमा ! जस्स णं नाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोचाकेबलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलिपचत्तं धम्मं लभेज सवणयाए, जस्सणं नाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ से णं असोचा णं केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलिपञ्चत्तं धम्म नोलभेज सवणयाए, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुबइ-तं चेव जाव नो लभेज सवणयाए, असोचा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव लिस्स वा जाय अत्थेगतिए केवलंबोहिं बोजा अत्येगतिए केवलं चोहिं णो बज्मेजा.से केणटेणं भंते! 138 जाब नो बज्झेजा ?. गोयमा ! जस्स णं दरिसणावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोचाकेवलिस्स या जाच केवलं मोहिं बज्झेजा, जस्स णं दरिसणावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे णो कड़े भवइ से असोचाकेवलिस्स वा जाव केवलं घोहिं णो चुज्जा , से तेणडेणं जाय णो बुज्झेज्जा, असोया भंते ! केवलिस्स वा जाब तप्पक्खियउवासियाए वा केवलं मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पब्बएज्जा, गोयमा ! जसोचा णं केवलिस्स या जाच उचासियाए वा अत्येगतिए केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पब्बइजा अत्यगतिए केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं नो पब्बएजा, से केपट्टेणं जाच नो पच्चएज्जा, गोयमा ! जस्स णं धम्मतराइयाण कम्माणं खोवसमे कडे भवति से णं असोबाकेयलिस्स चा जाब केवलं मुंडे मवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वएजा, जस्स ण धम्मंतराइयाणं कम्माण खओक्समे नो कडे भवति से णं असोचाकेबलिस्म वा जाव मुंडे भवित्ता जाच णो पव्वएज्जा, से लेणवेणं गोयमा! जाव मो पव्वएज्जा, असोचा थे भंते! केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा केवलं चमचेरयासं आवसेज्जा?, गोयमा असोचा णं केवलिस्स वा जार उपासियाए वा अत्येगतिए केवलं अंभवेवासं आवसेज्जा अत्येगतिए केवलं बंभचेवास नो आवसेजा, से केणखूण मंते! एवं बुबह जाव नो आवसेजा'६१) २४४ बीभगवत्यंग - सत मुनि दीपरत्नसागर REPOROPRIASPOMEPREPRASPASSPOMISPRANSPONSTREKASYICHRIPRASHTRAREPHENRNSPHAASPARAN Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४५ गोयमा ! जस्स णं चरित्तावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोचाकेवलिस्स वा जाय केवलं बंभचेरवास आवसेजा, जस्स णं चरितावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ से णं असोचाकेवलिस्स वा जाव नो आवसेज्जा, से तेणट्टेणं जाव नो आवसेज्जा, असोचा णं भंते! केवलिस्स वा जाव केवलेणं संजमेणं संजमेजा १, गोयमा! असोचा णं केवलिस्स जाब उबासियाए वा अत्येगतिए केवलेणं संजमेणं संजमेजा अत्थेगतिए केवलेणं संजमेणं नो संजमेज्जा, से केणट्टेणं जाव नो संजमेजा ?, गोयमा ! जस्स णं जयणावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोचा णं केवलिस्स वा जाय केवलेणं संजमेणं संजमेजा, जस्स णं जयणावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ से णं असोचाकेबलिस्स वा जाव नो संजमेज्जा, से तेणद्वेणं गोयमा ! जाव अत्थेगतिए नो संजमेज्जा, असोचा णं भंते! केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा केवलेणं संवरेणं संवरेजा ?, गोयमा ! असोचा णं केवलिस्स जात्र अत्थेगतिए केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा अत्थेगतिए केवलेणं जाव नो संचरेज्जा, से केणट्टेणं जाव नो संवरेज्जा ?, गोयमा ! जस्स णं अज्झवसाणावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोच्चाकेबलिस्स वा जाच केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा, जस्स णं अज्झवसाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवइ से णं असोच्चाकेवलिस्स वा जाव नो संचरेज्जा, से तेणट्टेणं जांब नो संवरेज्जा, असोच्चा णं भंते! केवलिस्स जाव केवलं आभिणिबोहियनाणं उप्पाडेज्जा ?, गोयमा ! असोचाणं केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा अत्थेगविए केवलं आभिणिबोहियनाणं उप्पाडेज्जा अत्येगइए केवलं आभिणिबोहियनाणं नो उप्पाडेज्जा, से केणट्टेणं जाव नो उप्पाडेज्जा ?, गोयमा ! जस्स गं आभिणिवोहियनाणावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोचाकेवलिस्स वा जाव केवलं आभिणित्रोहियनाणं उप्पाडेजा, जस्स णं आभिणिबोहियनाणावर णिज्जाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ से णं असोच्चाकेवलिस्स वा जाव केवलं आभिणित्रोहियनाणं नो उप्पाडेज्जा, से तेणट्टेणं जाब नो उप्पाडेजा, असोचा णं भंते! केवलि० जाव केवलं सुयनाणं उप्पाडेजा ?, एवं जहा आभिणिघोहियनाणस्स बत्तब्वया भणिया तहा सुयनाणस्सवि भाणियव्वा, नवरं सुयनाणावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे भाणियच्चे एवं चैव केवलं ओहिनाणं भाणियव्वं, नवरं ओहिणाणावर णिज्जाणं कम्माणं खओवसमे भाणियब्वे, एवं केवलं मणपज्जवनाणं उप्पाडेज्जा, नवरं मणपज्जवणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे भाणियच्चे, असोचा णं भंते! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलनाणं उप्पाडेज्जा ?, एवं चैव नवरं केवलनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खए भणियव्वे, सेसं तं चेव, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वृच्चइ जाय केवलनाणं उप्पाडेज्जा, असोच्चा णं भंते! केवलिस्स वा जाव तप्पक्त्रियउवासियाए वा केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाए केवलं बोहिं बुज्झेज्जा केवलं मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वज्जा केवलं गंभचेरवास आवसेज्जा केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा केवलं आभिणिवोहियनाणं उप्पाडेज्जा जाव केवलं मणपज्जवनाणं उप्पाडेजा केवलनाणं उप्पाडेज्जा ? गोयमा ! असोच्चाणं केवलिस्स वा जाब उवासियाए वा अत्येगतिए केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाए अत्थेगतिए केवलिपत्तं धम्मं नो भेजा सवणयाए अत्थेगतिए केवलं चोहि बुज्झेज्जा अत्थेगतिए केवलं बोहिं णो बुज्झेज्जा अत्थेगतिए केवलं मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वज्जा अत्थेगतिए जाव नो पव्वज्जा अरथेगतिए केवलं बंभ चेरवास आवसेज्जा अत्येगतिए केवलं बंभचेरवासं नो आवसेज्जा अत्थेगतिए केवलेणं संजमेणं संजमेजा अत्थेगतिए केवलेणं संजमेणं नो संजमेज्जा, एवं संवरेणवि, अस्थेगतिए केवलं आभिणिबोहियनाणं उप्पाडेजा अत्येगतिए जाव नो उप्पाडेजा, एवं जाव मणरज्जवनाणं, अत्येगतिए केवलनाणं उप्पाडेजा अत्येगतिए केवलनाणं नो उप्पाडेजा, से केणट्टेणं भंते! एवं युञ्चइ असोचाणं तं चेव जाव अत्थेमतिए केवलनाणं नो उप्पाडेज्जा ?, गोयमा ! जस्स णं नाणावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ जस्स णं दरिसणावर णिज्जाणं कम्माणं खजोवसमे नो कडे भवइ जस्स णं धम्मंतराइयाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ एवं चरित्तावरणिज्जाणं जयणावरणिज्वाणं अज्झवसाणावरणिज्जाणं आभिणित्रोद्दियनाणावरणिजाणं जाव मणपज्जवनाणावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ जस्स णं केवलनाणावरणिज्जाणं जाव खए नो कडे. भवइ से णं असोचाकेवलिस्स वा जाव केवलिपन्नत्तं धम्मं नो लभेज्जा सवणयाए केवलं बोहिं नो बुज्झेखा जाय केवलनाणं नो उप्पाडेजा, जस्स णं नाणावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवति जस्स णं दरिसणावरणिजाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ जस्स णं धम्मंतराइयाणं एवं जाब जस्स णं केवलनाणावरणिजाणं कम्माणं खए कडे भवइ से णं असोचाकेवलिस्स वा जाव केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेजा सवणयाए केवलं बोहिं बुज्झेजा जाय केवलणाणं उप्पाडेज्जा । ३६४ । तस्स णं भंते! छछद्वेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उटं बाहाओ पगिजिझय २ सूराभिमुहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स पगतिभद्दयाए पगइउवसंतयाए पगतिपयणुकोहमाणमायालो भयाए मिउमद्दवसंपन्नयाए अहीणयाए भहयाए विणीययाए अक्षया कयाई सुभेणं अज्झवसाणेणं सुभेणं परिणामेणं लेस्साहिं वियुज्झमाणीहिं २ तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापोहमग्गणगवेसणं करेमाणस्स विभंगे २४६ श्रीभगवत्यं मुनि दीपरत्नसागर ९ Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NAGHEMA5%805640986SPSMSPRABPRANSPIRNASPASHISHMISHRASPRIMERICSYCLASPIRAMPARANESSPINNISAMA नाम अन्नाणे समुप्पज्जइ, से णं तेणं विभंगनाणेणं समुप्पन्नेणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं असंखेज्जाई जोयणसहस्साई जाणइ पासइ, से ण तेण विभंगनाणेणं समुप्पन्नेणं जीवेऽवि जाणइ अजीवेऽवि जाणइ पासंडत्थे सारंभे सपरिग्गहे संकिलिस्समाणेऽवि जाणइ बिसुज्झमाणेऽवि जाणइ, से णं पुब्बामेव सम्मन्नं पटिवज्जइ त्ता समणधम्म रोएदत्ता चरितं पडिवज्जइ त्ता लिंग पडिवज्जइ, तस्स णं तेहिं मिच्छत्तपज्जवेहिं परिहायमाणेहिं २ सम्मइंसणपज्जवेहिं परिषड्ढमाणेहि २ से विभंगे अन्नाणे सम्मत्तपरिग्गहिए खिप्पामेव ओही परावत्तइ । ३६५। से णं भंते ! कतिलेस्सासु होज्जा ?, गोयमा ! तिसु विसुद्धलेस्सासु होजा, तं०-तेउलेस्साए पम्हलेस्साए सुक्कलेस्साए, से णं भंते ! कतिसु णाणेसु होजा?, गोयमा ! तिसु आभिणिचोहियनाणसुयनाणओहिनाणेसु होजा, से णं भंते ! किं सजोगी होज्जा अजोगी होज्जा?, गोयमा ! सजोगी होज्जा नो अजोगी होजा, जइ सजोगी होजा किं मणजोगी होजा वइजोगी होज्जा कायजोगी होज्जा ?, गोयमा ! मणजोगी वा होजा वइजोगी वा होजा कायजोगी वा होज्जा, से णं भंते ! कि सागारोवउत्ते होज्जा अणागारोवउत्ते होजा?, गोयमा ! सागारोवउत्ते वा होज्जा अणागारोवउत्ते वा होजा, से ण भंते ! कयरंमि संघयणे होज्जा ?, गोयमा बहरोसभ(प० वजरिसह०)नारायसंघयणे होजा, से णं भंते ! कयरंमि संठाणे होज्जा ?, गोयमा ! छण्हं संठाणाणं अन्नयरे संठाणे होज्जा, से णं भंते ! कयरंमि उच्चत्ते होज्जा, गोयमा ! जहनेणं सत्त रयणी उकोसेणं पंचधणुसतिए होज्जा, से णं भंते ! कयरंमि आउए होजा?, गोयमा ! जहनेणं सातिरेगट्ठवासाउए उकोसेणं पुब्बकोडिआउए होजा, से णं भंते ! किं सवेदए होजा अवेदए होजा?, गोयमा ! सवेदए होजा नो अवेदए होजा, जह सवेदए होजा किं इत्थीवेयए होजा पुरिसवेदए होजा नपुंसगवेदए होज्जा पुरिसनपुंसगवेदए होज्जा ?, गोयमा ! नो इत्यिवेदए होज्जा पुरिसवेदए वा होजा नो नपुंसगवेदए होज्जा पुरिसनपुंसगवेदए वा होज्जा, से णं भंते ! किं सकसाई होज्जा अकसाई होज्जा ?, गोयमा ! सकसाई होज्जा नो अकसाई होज्जा, जइ सकसाई होज्जा से णं भंते! कतिसु कसाएसु होज्जा, गोयमा ! चउसु संजलणकोहमाणमायालोमेसु होज्जा, तस्स णं भंते ! केवतिया अज्झवसाणा पं०?, गोयमा! असंखेज्जा अज्झवसाणा पं०, ते णं मंते! पसत्था अप्पसत्या',गोयमा ! पसस्था नो अप्पसस्था, से णं भंते! तेहिं पसत्थेहिं अज्झवसाणेहिं बट्ट(ढ)माणेहि अणंतेहिं नेरइयभवम्गहणेहितो अप्पाणं विसंजोएइ अणंतेहिं तिरिक्खजोणियजाव विसंजोएइ अणतेहिं मणुस्सभवग्गहणेहिंतो अप्पाणं विसंजोएइ अणंतेहिं देवभवरगहणेहितो अप्पाणं विसंजोएइ, जाओऽवि य से इमाओ नेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवगतिनामाओ चत्तारि उत्तरपयडीओ तासिं च णं उवग्गहिए अणंताणुबंधी कोहमाणमायालोमे खवेइ त्ता अपञ्चक्खाणकसाए कोहमाणमायालोमे खवेइ त्ता पञ्चक्खाणावरणकोहमाणमायालोभे खवेइ त्ता संजलणकोहमाणमायालोभे खवेइ चा पंचविहं नाणाव० नवविहं दरिसणाव० पंचविहमंतराइयं तालमत्थयकर्ड चणं मोहणिज्जं कटु कम्मरयविकरणकरं अपुवकरणं अणुपविट्ठस्स अणंते अणुत्तरे निब्याधाए निरावरणे कसिणे पडिपुग्ने केवलवरनाणदंसणे समुप्पज्जति ।३६६। से णं भंते! केवलिपन्नत्तं धम्मं आघवेज वा पन्नवेज वा परूवेज वा?, नो तिणढे समढे, णऽण्णत्व एगणाएण वा एगवागरणण वा, सेणं भंते ! पवावेज वा मुंडावेज्जवा?, णो तिणढे समढे, उवदेसं पुण करेज्जा, से णं भंते ! सिज्झति जाव अंतं करेति ?, इंता सिज्झति जाव अंतं करेति।३६७। से णं भंते ! किं उड्ढे होज्जा अहे होज्जा तिरियं होज्जा ?, गोयमा! उड़द वा होज्जा अहे वा होज्जा तिरियं वा होज्जा, उड्ढं होज्जमाणे सद्दावइवियडावइगंधावइमालवंतपरियाएसु बट्टवेयड्ढपव्वएसु होज्जा, साहरणं पहुच सोमणसवणे वा पंडगवणे वा होज्जा, अहे होज्जमाणे गड्ढाए या दरीए वा होज्जा, साहरणं पडुच्च पायाले वा मवणे वा होज्जा, तिरिय होज्जमाणे पनरससु कम्मभूमीसु होज्जा, साहरणं पडुच्च अइढाइज्जे दीवसमुह तदेकदेसभाए होज्जा, ते णं भंत! एगसमएणं केवतिया होज्जा, गोयमा! जहन्नेणं एको वा दोवा तिन्नि वा उकासेणं दस,से तेण?णं गोयमा! एवं वञ्चइ असोचाणं केवलिस्स वा जाव अत्थेगतिए केवलिपन्नत्तं धम्म लमेज्जा सवणयाए अत्येगतिए असोच्चाणं केवलि जाव नोलभेज्जा सवणयाए जाव अत्थेगतिए केवलनाणं उप्पाडे. ज्जा अत्थेगतिए केवनाणं नो उप्पाडेज्जा।३६८। सोचाणं भंते ! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाए', गोयमा! सोचार्ण केवलिस्स वा जाव अस्थेगतिए केबलिपन्नत्तं धम्म० एवं जा चेव असोचाए वत्तब्बया सा चेव सोच्चाएऽवि भाणियव्या, नवरं अभिलायो सोचेति, सेसं तं चेव निरवसेसं जाव जस्स णं मणपजबनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ जस्स णं केवलनाणावणिज्जाणं कम्माणं खए कडे भवइ से णं सोचाकेवलिस्स वा जाव उवासियाए वा केवलिपचत्तं धम्म लभइ सवणयाए केवलं बोहिं बुज्झेजा जाव केवलनाणं उप्पाडेवा, तस्स णं अट्टमंअहमेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावमाणस्स पगइमइयाए तहेब जाव गवेसणं करेमाणस्स ओहिणाणे समुष्पज्जइ, से णं तेणं ओहिनाणेणं समुप्पनेणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उकोसेणं असंखेज्जाइं अलोए लोयप्पमाणमेत्ताई खण्डाई जाणइ पासइ, से णं भंते! २४६ श्रीभगवत्यंग-सत-08 मुनि दीपरत्नसागर SSIO970420PICHARPENEPARSPIRLSPOSITINGPRASTROLOGEAASPECHRCHISAPTASPEASHEMASPRASPASTE Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SSISPARSHESASHTRA286%RSPIRMISPHILIPHAPRA67858785.25CS कतिसु लेस्सासु होजा?, गोयमा ! छसु लेस्सासु होज्जा, तं०-कण्हलेसाए जाच सुकलेसाए, से णं भंते ! कतिसु णाणेसु होजा?, गोयमा ! तिसु वा चउसु वा होजा, तिसु होजमाणे तिसु आभिणिबोहियनाणसुयनाणओहिनाणेसु होज्जा, चउसु होजमाणे आभि०सुय० ओहि०मणप० होज्जा, से णं भंते ! किं सयोगी होज्जा अयोगी होजा, एवं जोगोवओगो संघयणं संठाणं उच्चत्तं आउयं च, एयाणि सव्वाणि जहा असोच्चाए तहेव भाणियव्वाणि, से णं भंते! किं सवेदए०, पुच्छा गोयमा! सवेदए वा होज्जा अवेदए वा०, जइ अबेदए होज्जा कि उवसंतवेयए होजा खीणवेयए होज्जा ?, गोयमा ! नो उवसंतवेदए होज्जा वीणवेदए होज्जा, जइ सबेदए होज्जा किं इत्थीवेदए होज्जा पुरिसवेदए होज्जा नपुंसगवेदए बा होज्जा पुरिसनपुंसगवेदए होजा पुच्छा, गोयमा ! इत्थीवेदए वा होज्जा पुरिसवेदए वा होज्जा नपुं० परिसनपुंसगवेदए वा होज्जा, से णं भंते ! किं सकसाई होजा अकसाई वा होज्जा?, गोयमा! सकसाई वा होज्जा अकसाई वा होज्जा, जइ अकसाई होज्जा किं उवसंतकसाई होज्जा खीणकसाई होज्जा?, गोयमा! नो उबसंतकसाई होज्जा खीणकसाई होजा, जइ सकसाई होजा से णं भंते ! कतिसु कसाएर होजा, गोयमा! चउसु वा तिसु वा दोसु वा एकमि वा हाजा, चउसु होज्जमाणे चउसु संजलणकोहमाणमायालाभसु होजा, तिस होजमाणे | तिसु संजलणमाणमायालोमेसु होजा, दोसु होजमाणे दोसु संजलणमायालोभेसु होज्जा, एगमि होजमाणे एगंमि संजलणे लोभे होज्जा, तस्स णं भंते ! केवतिया अज्झबसाणा पं०१, गोयमा! असंखेजा, एवं जहा असोचाए तहेव जाव केवलवरनाणदंसणे समुप्पजइ, से णं भंते ! केवलिपन्नत्तं धम्म आघवेज वा पन्नवेज वा परवेज वा ?, हंता आघवेज वा पनवेज या परवेज वा. से णं भंते ! पब्यावेज वा मुंडावेज वा?, हंता गोयमा ! पव्वावेज्ज वा मुंडावेज्ज वा, तस्स णं भंते ! सिस्सावि पवावेज्ज वा मुंडावेज्ज वा ?, हंता पवावेज्ज वा मुण्डावेज वा, तस्स णं भंते! पसिस्सावि पवावेज वा मुंडावेज वा ?, हंता पब्बावेज वा मुंडावेज वा, से णं भंते! सिझति बुज्झति जाव अंतं करेइ ?, हंता सिज्झइ बुज्झइ जाव अंतं करे, तस्सणं भंते ! सिस्सावि सिझंति जाव अंतं करेन्ति ?, हंता सिझंति जाब अंतं करेन्ति, तस्स णं भंते! पसिस्सावि सिझंति जाव अंतं करेन्ति, एवं चेव जाच अंतं करेन्ति, से णं भंते कि उइट होजा जहेव असोचाए जाव तदेक्कदेसभाए होज्जा, ते णं भंते! एगसमएणं केवतिया होजा?, गोयमा ! जहन्नेणं एको वा दो वा तिनि वा उक्कोसेणं अट्ठसयं, से तेणटेणं गोयमा! एवं बच्चह-सोचाणं केवलिस्स बाजाव केवलिउवासियाए वा जाव अत्थगतिए केवलनाणं उप्पाङजा अत्थगइएनो केवलनाणं उप्पाङजा। सर्व भंते! उ०३१॥ तेणं कालेणं० वाणियगामे नगरे होत्था बन्नओ, दूतिपलासे चेहए, सामी समोसढे, परिसा निग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया, तेणं कालेणं० पासावचिजे गंगेए नामं अणगारे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते ठिचा समणं भगवं महावीरं एवं वयासी-संतरं भंते ! नेरइया उबवजति निरंतर नेरइया उववजंति ?, गंगेया! संतरपि नेरइया उववजति निरंतरंपि नेरइया उववजंति, संतरं भंते! असुरकुमारा उववज्जति निरंतरंपि असुरकुमारा उबवजंति?, गंगेया। संतरांपे असुरकुमारा उववर्जति निरंतरंपि असुरकुमारा उवकजंति, एवं जाव थणियकुमारा, संतरं भंते ! पुढवीकाइया उववज्जति निरंतरपि पुढवीकाइया उववजति ?, गंगेया ! नो संतरं पुढ काइया उववज्जंति, एवं जाव वणस्सइकाइया, चेइंदिया जाव वेमाणिया एते जहा जेरइया।३७०। संतरं भंते ! नेरइया उबद्दति निरंतर नेरडया उब्वदृति ?, गंगेया! संतरंपि नेरइया उव्वट्ठति निरंतरंपि नेरइया उब्बटुंति, एवं जाव थणियकुमारा, संतरं भंते ! पुढविकाइया उव्वदंति पुच्छा, गंगेया ! णो संतरं पुडविकाइया उब्बदृति निरंतर पुढविकाइया उबटुंति, एवं जाव वणस्सइकाइया नो निरंतर उव्वटुंति, संतरं भंते ! बेइंदिया उव्वट्ठति निरंतरं दिया उब्वट्ठति !, गंगेया ! संतरपि बेइंदिया उन्नति निरंतरपि बेइंदिया उबदृति, एवं जाव वाणमंतरा, संतरं भंते! जोइसिया चयंति० पुच्छा, गंगेया ! संतरंपि जोइसिया चयंति निरंतरंपि जोइसिया चयंति, एवं जाव वेमाणियावि।३७१। कइविहे णं भंते ! पवेसणए पं०१, गंगेया ! चउबिहे पवेसणए पं०२०- नेरइयपवेसणए तिरिय०जोणियपवेसणए मणुस्सपबेसणए देवपवेसणए, नेरइयपवेसणए णं भंते! कइविहे पं०१, गंगेया ! सत्तविहे पं० त०-रयणप्पभापुढवीनेरइयपवेसणए जाब अहेसत्तमापुढवीनेरइयपवेसणए, एगे णं भंते ! नेरइए नेरइयपवेसणएणं पविसमाणे किं रयणप्पभाए होजा सकरप्पभाए होजा जाब अहेसत्तमाए होज्जा ?, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होजा जाव अहेसत्तमाए वा होजा, दो भंते! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होज्जा जाव अहेसत्तमाए होजा?, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होजा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालयप्पभाए होजा जाब एगे रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा, अहवा एगे सकरप्पभाए एगे बालुयप्पभाए होजा जाव अहवा एगे सकरप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होना, अहवा एगे वालयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, एवं एकेका पुढवी छड्डेयव्या जाव अहवा एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, तिन्नि २४७ श्रीभगवत्यंग - सत'08 मुनि दीपरत्नसागर SANSPARSPIRSMSPRSRPERSPENSPURAISINSPIRMSPIONSPICANSPICHASPICISFIES87842SPIRHASPPEARSH84872 Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भंते ! नेरइया नेरइयपवेमणएणं पविसमाणा कि रयणप्पभाए होज्जा जाव अहेसत्तमाए होज्जा ?, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा, अहवा एगे रयण सत्तमाए होज्जा, अहवा दो रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए होज्जा जाब अहवा दो रयणप्पभाए एगे अहे. सत्तमाए होज्जा अहवा एगे सकरप्पभाए दो पाठ्यप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे सकरप्पभाए दो अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो सकरप्पभाए एगे वालपप्पभाए होज्जा जाव अद्दया दो सकरपभाए एगे अहेसत्तमाए होजा एवं जहा सकरप्पभाए वत्तव्वया भणिया तहा सव्वपुटवीणं भाणियव्वा जाव अहवा दो तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा, अहबा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे पालुयपभाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे स्यणप्पभाए एगे पालयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालयप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे बालय० एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे स्यणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सकरप्पभाए एगे बालयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालयपभाए एगे धूमप्पभाए होजा जाय अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वाल: यप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सकरप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा जाय अह्वा एगे सकर० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहया एगे सकरप्प. भाए एगे घूमप्पभाए एगे तमाए होजा अहया एगे सकरप्पभाए एगे धूमप्प० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे सकरपभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे वालयपभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होजा अहया एगे वालयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे वालयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे तमाए एगे अहे हवा एगे पंकप्पभाए एगे धमप्पभाए एगे तमाए होजा अहवा एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे धूमप्पमाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा। चत्तारि भंते ! नेरइया नेयपवेसणएणं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होजा पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाय अहेसत्तमाए या होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए तिनि सकरप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए तिनि बालुयप्पभाए होज्जा एवं जाय अहया एगे रयणप्पभाए तिन्नि अहेसत्तमाए होजा अहया दो रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए होजा एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए दो अहेसत्तमाए होजा, अहवा तिमि रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा तिन्नि रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सकरप्पभाए तिन्नि वालुयप्पभाए होजा एवं जहेव रयणप्पभाए उवरिमाहिं समं चारियं तहा सकरप्पभाएऽवि उवरिमाहिं समं चारेयव्यं एवं एकेकाए समं चारियव्वं जाव अहवा तिन्नि तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा, अहवा एगेरयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए दो बालुयप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकर दो पंक० होजा एवं जाव एगे रयणप्पभाए एगे सकर दो अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण दो सकर० एगे पाठ्यप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयण दो सकर एगे आहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयण एगे सक्कर० एगे बाल्यप्पभाए होजा एवं जाव आहवा दो रयण एगे सकर० एगे अहे. सत्तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे पालय दो पंकप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे बालय दो अहेसत्तमाए होजा एवं एएणं गमएणं जहा तिण्डं तियजोगो तहा भाणियब्बो जाव अहवा दो धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे वालयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा अहवा एगे ग्यणप्पभाए एगे सकर० एगे पालय० एगे धमापभाए होजा अहवा एगे रयण० एग सकर० एगे वालय० एगे तमाए होज्जा अहवा एग रयणप्पभाए एर वाठ्यप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहया एगे रयण एगे सक्कर० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होजा अहवा एगे रयण एगे सकर एगे पंकप्पभा० एगे तमाए होजा अहवा एगे रवण० एगे सकर० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० एगे धूम० एगे तमाए होजा अहवा एगे रयण० एगे सकर० एगे घूम० एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे सकरप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे बालुय० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होजा अहवा एगे रयण० एगे वालय एगे पंक० एगे तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे वाल्य० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे बालुय० एगे घूम० एगे तमाए होजा अहवा एगे रयणप्प| भाए एगे वालुय० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे पंक० एगे धूम० एगे (६२) | २४८ श्रीभगवत्यंग - सत'05 मुनि दीपरनसागर Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PRIHASPREASTEMSPICARBP6878MSPIRA878500HRANSFORMERSXASYCHICYRASHTRARAPRA तमाए होज्जा अहवा एगे स्यण एगे पंक० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे पंक० एगे तमाए एगे अहमत्तमाए होज्जा अहचा एग ग्यण, एग धूम एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एग सकर० एगे बाल्य एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होज्जा एवं जहा ग्यणप्पभाए उवरिमाओ पुढवीओ चारियाओ तहा सक्करप्पभाएऽवि उबारमाआचारियच्वाआजाद अहवाएग सकर०एगधुम० एग तमाए एग अहसत्तमाएहाजा अहवाएग वाल्य० एग पकाएगधूमक एगे पंक० एगे धमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे वालय० एगे पंक० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा गेवालयःगे धम०एगे तमाएगे होजा अहवा एगे पंक एगे धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा। पंच मंते ! नेरइया नेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा कि ग्यणप्पभाए होज्जा पृच्छा, गंगेया : ग्यणप्पभाए वा | होजा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे रयण चत्तारि सकरपभाए होजा जाब अहवा एगे रयण चत्तारि अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयण तिनि सकरप्पभाए होजा एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए तिन्नि अहेसत्तमाए होजा अहवा तिन्नि रयण दो सकरप्पभाए होजा एवं जाव० अहेसत्तमाए होजा अहवा चत्तारि रयण एगे सकरप्पभाए होजा एवं जाच अहवा चत्तारि रयणक एगे अहेसत्तमाए होज्जा अवा एगे सकरचत्तारि वालुयप्पभाए होजा एवं जहा रयणप्पभाए समं उबरिमपुढवीओ चारियाओ नहा सकरप्पभाएवि समं चारेयवाओ जाब अहवा चत्तारि सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा पर्व एक्कक्काए समं चारेयव्वाओ जाव अहवा चत्तारि तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अवा एगे स्यण एगे सक्कर तिन्नि बालुयप्पभाए होजा एवं जाच अहवा एगे रयण एगे सकर तिन्नि अहेसत्तमाए होजा अहया एगे रयण दो नकर दो वालुयपभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयण दो सकर दो अहेसत्तमाए होजा अहवा दो रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए दो वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए दो अहे - सत्तमाए होजा अहवा एगे रयण तिन्नि सक्करः एगे वालुयप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयण तिजि सक्कर० एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा दो रयण दो सक्कर० एगे वालयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहेसत्तमाए अहवा तिनि स्यण एगे सकर एगे बालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा तिन्नि रयण एगे सकर एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणएगे वालय० तिनि पंकप्पभाए होजा एवं एएणं कमेणं जहा चउण्हं तियासंजोगो भणितो तहा पंचण्हवि तियासंजोगो भाणियब्यो नवरं तत्थ एगो संचारिजइ इह दोषि सेसं तं चेव जाच अहवा तिनि धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे सक्कर० एगे वालुय० दो पंकप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयण० एगे सकर एगे वालुय० दो अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे स्यण० एगे सक्कर दो वालुय०एगे पंकप्पमाए होजा एवं जाव अहेसत्तमाए अहवा एगे रयण दो सकरप्पभाए एगे वालप० एगे पंकप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयण दो सक्कर० एगे वालुय० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयण० एगे सक्कर एगे बालुय० एगे पंकप्पभाए होजा एवं जाब अहवा दो स्यण एगे सक्कर० एगे वालय० एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंक० दो धूमप्पभाए होज्जा एवं जहा चउण्डं चउक्कसंजोगो भणिओ तहा पंचव्हवि चउक्कसंजोगो भाणियच्यो नवरं अभहियं एगो संचारेयव्यो, एवं जाव अहवा दो पंक० एगे धूम एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा आहवा एगे रयण एगे सक्कर एगे बाल्य० एगे पंक० एगे धमप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे सक्कर एगे वालुय० एगे पंक एगे तमाए होजा अहवा एगे रयण जाव एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे सक्कर० एगे बालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे सकर० एगे बालय एगे धूमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे सकर० एगे बालुय० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे सक्कर० एगे पंक० एगे धूम एगे तमाए होजा अहचा एगे रयण एगे सकर एगे पंक एगे धूम एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे सकर० एगे पंक० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयणः एगे सकारः एगे धूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे वालय० एगे पंक० एगे धूम० एगे तमाए होजा अहवा एगे रयण एगे बालुयः एगे पंक० एगे धूम एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणक एगे बालय० एगे पंक० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे बालय० एगे घूम० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवाएगे रयण एगे पंक० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहया एगे सक्कर एगे वालुय० जाब एगे तमाए होजा अहबा एगे सकर० जाब एगे पंक० एगे धूम एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे सक्कर० जाव एगे पंक० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सकर एगे बालुय० एगे धूम एगे तमाए एगे आहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सक्कर एगे पंक० जाव एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे बालुय० जाच एगे अहेसत्तमाए होजा। छम्भते ! नेरइया नेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा कि खणप्पभाए होजापुच्छा, गंगेया ! रयणप्प२४९ श्रीभगवत्यंगं -सत मुनि दीपरत्नसागर SMSFDMISP8552842SFEMAEYESBPGASPICHRSHSSCHENSPIRSANSFENESIREONEHEYENEPTORr2623HICHRY Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ARPENBPCLASPIGAREPARATIMEPASSPIRONMS85878NCHEMEPIGARPRARPAN भाए वा होजा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे रयण पंच सकरप्पभाए वा होज्जा अहवा एगे रयण पंच वालुयप्पभाए वा होजा जाव अहवा एगे रयण पंच अहेसत्तमाए होज्जा अवा दो रयण चत्तारि सकरप्पभाए होज्जा जाव अहवा दो रयण चत्तारि अहेसत्तमाए होजा अहवा तिचि रयण तिन्नि सकर एवं एएणं कमेणं जहा पंचण्डं दुयासंजोगो तहा छण्हवि भाणियच्चो नवरं एक्को अभहिओ संचारेयव्यो जाय अहवा पंच तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे रयण एगे सक्कर० चत्तारि वालुयप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे सक्कर० चत्तारि पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण एगे सक्कर चत्तारि अहेसत्तमाए होज्जा अहया एगे स्यण दो सकर० तिन्नि वालयप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं जहा पंचण्डं तियासंजोगो भणिओ तहा छण्हवि भाणियब्बो नवरं एक्को अहिओ उच्चारेयव्यो, सेसं तं वेव, चउक्कसंजोगोऽवि तहेव, पंचगसंजोगोऽवि तहेव, नवरं एक्को अम्भहिओ संचारेयव्यो जाव पच्छिमो भंगो अहवा दो वालुय० एगे पंक० एगे धूम एगे तम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे सक्कर जाब एगे तमाए होज्जा अहवा एगे रयण जाव एगे धूम०एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण जाव एगे पंक० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण जाव एगे वालय० एगे धूमजाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे सक्कर०एगे पंकजाब एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे बालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होजा। सत्त भंते! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा पुच्छा, गंगेया! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवाएग रयणप्पभाएछ सक्करप्पभाए हाज्जा एव एएण कर्मण जहा छण्ड दुयासजागा तहा सत्तण्हाव भा अम्भहिओ संचारिज्जइ, सेसं तं चेच, तियासंजोगो चउक्कसंजोगो पंचगसंजोगो छकसंजोगो य छण्डं जहा वहा सत्तण्हवि भाणियब्वं, नवरं एक्केक्को अभाहिओ संचारेयब्बो जाच छक्कगसंजोगो अहवा दो सक्कर० एगे वालय जाप एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहया एगे रयण एगे सक्कर जाव एगे आहेसत्तमाए होज्जा। अट्ठ भंते ! नेरतिया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा० पुच्छा, गंगेया ! स्यणप्पभाए पा होजा जाय अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे रयण सत्त सक्करप्पभाए होज्जा एवं दुयासंजोगो जाय छक्कसंजोगो य जहा सत्तण्हं भणिओ तहा अट्ठण्डवि भाणियव्यो नवरं एक्केक्को अभहिओ संचारेयव्यो, सेसं तं चेव जाव छक्कसंजोगस्स अहवा तिनि सक्कर० एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण जाव एगे तमाए दो अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण जावदो तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा एवं एगे सक्कर० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा। नव मंते ! नेरतिया नेरतियपवेसणएणं पविसमाणा किं० पुच्छा, गंगेया! रयणप्पभाए वा होज्जा जाब अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एग रयण अट्ठ सक्करप्पभाए हाजा, एवं दुयासजागा जाव सत्तगसंजांगों य, जहा अट्टण्हं भणियं तहा नवपि भाणियव्यं नवरं एक्केक्को अब्भहिओ संचारेयध्यो, सेसं तं चेव पच्छिमो आलावगो अहवा तिन्नि रयण० एगे सकर० एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए वा होजा। दस भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा० पुच्छा, गंगेया ! रयणपभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए नव सकरप्पभाए होजा एवं दुयासंजागो जाव सत्तगसंजोगों य जहा नवण्हं नवरं एकेको अम्भाहिआ संचारयव्या सेसं तं चेव पच्छिमआलावगो अहवा चत्तारि रयण० एगे सकरपभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होजा। संखेज्जा मंते! नेरइया नेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा० पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे रयण संखेज्जा सक्करप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयण संखेज्जा सक्करप्पभाए वा होज्जा एवं जाव अहवा दो रयण० संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अवा विन्नि रयण संखेज्जा सकरप्पभाए होज्जा एवं एएणं कमेणं एक्केक्को संचारेयव्यो जाव अहवा दस रयण संखेज्जा सक्करप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा दस रयण संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहया संखेजा रयण संखेजा सक्करप्पभाए होजा जाव अहवा संखेजा रयणप्पभाए संखेजा अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा एवं जहा रयणप्पभा उवरिमपुढवीहिं समं चारिया एवं सक्करस्पभावि उवरिमपुढवीहिं समं चारेयव्वा, एवं एक्केक्का पुढवी उवरिमपुढचीहिं समं चारेयब्बा जाव अहवा संखेज्जा तमाए संखेज्जा आहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होजा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० संखेजा पंकप्पभाए होजा जाव अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० संखेजा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण दो सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयण दो सक्कर० संखेजा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण तिन्नि सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं एक्केक्को संचारेयवो अहवा एगे रयण संखेज्जा सकर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे रयण० संखेज्जा वालुय० संखेज्जा अहेसत्तमाए २५० श्रीभगवत्यंगं-स:०७ मुनि दीपरत्नसागर FRHASYCHISPENSPIRABPRAMPIESSPHORAHINICANASPASMISHRA98SARSHEHRIPENOPANEPRABHICHRIPRASHTRA Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ होज्जा अवा दो रयण संखेज्जा सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा दो रयण संखेज्जा सक्कर० संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा तिन्नि रयण संखेजा। सक्कर० संखेज्जा पालुयप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं एक्केक्को रयणप्पभाए संचारेयवो जाव अहवा संखेजा रयण संखेजा सक्कर० संखेजा बालयप्पभाए होजा जाव अहवा संखेज्जा रयण संखेजा सक्कर० संखेजा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे स्यण एगे वालुय० संखेज्जा पंकप्पभाए होजा जाव अहवा एगे रयण एगे बालुयक संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अवा एगे रयण दो बालुय० संखेज्जा पंकप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं तियासंजोगो चउक्कसंजोगो जाब सत्तगसंजोगो य जहा दसहं तहेव भाणियब्यो पच्छिमो आलायगो सत्तसंजोगस्स अद्दया संखेज्जा रयण संखेज्जा सक्कर० जाव संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा। असंखेज्जा भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पुच्छा, गंगेया! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होजा, अहवा एगे रयण० असंखेजा सक्करप्पभाए होज्जा, एवं दुयासंजोगो जाव सत्तगसंजोगो य जहा संखिज्जाणं भणिओ तहा असंखेजाणवि भाणियव्यो, नवरं असंखेजओ अब्भहिओ भाणियब्वो, सेसं तं चेव जाव सत्तगसंजोगस्स पच्छिमो आलायगो अहवा असंखेजा रयण असंखेजा सकर० जाव असंखेजा अहेसत्तमाए होजा। उक्कोसेणं भंते ! नेरइया नेरतियपबेसणएणं० पुच्छा, गंगेया ! सब्वेऽपि ताव रयणप्पभाए होज्जा अहवा रयणप्पभाए य सक्करप्पभाए य होज्जा अहवा भाए य अहेसत्तमाए य होज्जा अहवा रयणप्पभाए य सक्करप्पभाए य बालयप्पभाए य होजा एवं जाव अहवा रयण 17 सक्करप्पभाए य अहेसत्तमाए य होज्जा अहया रयण वालुय० पंकप्पभाए य होज्जा जाव अहवा रयण बालुय. अहेसत्तमाए होज्जा अद्दया रयण पंकप्पभाए धूमाए होज्जा एवं रयणप्पभं अमुयंतेसु जहा तिण्हं तियासंजोगो भणिओ तहा भाणियब्वं जाव अहवा रयण य तमाए य अहेसत्तमाए य होज्जा अहवा रयणप्पभाए सक्करप्पभाए बालुय. करप्पभाए वालुय० धूमप्पभाए यहाज्जा जाच अहवा रयणप्पभाए सक्करप्पभाए बालय. अहंसत्तमाए यहाज्जा अहवारयण सकर पंक० धूमप्पभाए य होज्जा एवं रयणप्पभं अमुर्वतेसु जहा चउण्हं चउक्कसंजोगो तहा भाणियव्वं जाव अहवा रयण धमतमाए अहेसत्तमाए होज्जा अहवा रयण सकर बालुय० पंक. धूमप्पभाए य होज्जा अहया रयणप्पभाए जाव पंक. तमाए होज्जा अहबा रयण जाव पंक० अहेसत्तमाए य होज्जा अहवा रयण सकर बालुयधूम तमाए य होज्जा एवं रयणप्पम अमुयंतेसु जहा पंचण्हं पज्जकसंजोगो तहा भाणियव्वं जाव अहया रयण पंकप्पभाए जाच अहेसत्तमाए य होज्जा अहवा रयण सक्कर जाव धूमप्पभाए तमाए य होज्जा अहया रयण जाव धूम० अहेसत्तमाए य होज्जा अवा रयण सकर० जाव पंक० तमाए य अहेसत्तमाए य होज्जा अहवा रयण सकर बालुयः धूमप्पभाए तमाए अहेसत्तमाए य होज्जा अहया रयण सकर पंक० जाव अहेसत्तमाए य होज्जा अहवा रयण यालय जाव अहेसत्तमाए होज्जा अहवा रयणप्पभाए यसकार जाव अहेसत्तमाए य होज्जा। एयस्स णं भंते ! रयणप्पभापुढवीनेरइयपवेसणगस्स सकरप्पभापुढवी जाव अहेसत्तमापुढवीनेरइयपवेसणगस्स य कयरे जाव विसेसाहिया वा ?. गंगेया! सव्वत्थोवे अहेसत्तमापुढवीनेरइयपवेसणए तमापुढबीनेरहयपवेसणए असंखेजगुणे एवं पडिलोमगं जाव रयणप्पभापुढवीनेरइयपवेसणए असंखेजगुणे ।३७२। तिरिक्खजोणियपवेसणए णं भंते ! कतिविहे पं०१, गंगेया ! पंचविहे पं० तं०-एगिदियतिरिक्खजोणियपवेसणए जाव पंचेंदियतिरिक्खजोणियपवेसणए, एगे भंते! तिरिक्खजोणिए तिरिक्खजोणियपवे. सणएणं पविसमाणे किं एगिदिएसु होजा जाव पंचिदिएसु होज्जा', गंगेया ! एगिदिएसु वा होजा जाव पंचिंदिएसु वा होज्जा, दो भंते ! तिरिक्खजोणिया० पुच्छा, गंगेया ! एगिदिएसुवा होज्जा जाव पंचिंदियएसु वा होज्जा, अहवा एगे एगिदिएसु होज्जा एगे .दिएसु होजा एवं जहा नेरइयपवेसणए तहा तिरिक्सजोणियपवेसणएऽपि भाणियव्वं जाव असं. खेज्जा, उक्कोसा भंते ! तिरिक्खजोणिया पुच्छा, गंगेया! सब्वेऽवि ताव एगिदिएसु होज्जा अद्दवा एगिदिएसु वा बेइदिएस वा होज्जा, एवं जहा नेरतिया चारिया तहा तिरिक्खजोणियावि चारेयव्वा, एगिदिया अमुशंतेसु दयासंजोगो तियासंजोगो चउक्कसंजोगो पंचगसंजोगो उबउज्जिऊण भाणियब्बो जाव अहवा एगिदिएसु वा बेइंदिय जाव पंचिंदिएसु वा होज्जा, एयस्म णं भंते ! एगिदियतिरिक्खजोणियपवेसणगस्स जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियपवेसणयस्स कयरे जाव विसेसाहिया वा?, गंगेया ! सव्वत्थोवे पंचिंदियतिरिक्खजोणियपवेसणए चउरिदियतिरिक्खजोणिय विसेसाहिए तेइंदिय० विसेसाहिए इंदिय०विसेसाहिए एगिदियतिरिक्ख० बिसेसाहिए।३७३। मणुस्सपवेसणए णं भंते! कतिविहे पं०?, गंगेया ! दुविहे पं० तं०-समुच्छिममणुस्सपवेसणए गम्भवतियमणुस्सपवेसणए य, एगे भंते! मणुस्से मणुस्सपवेसणएणं पविसमाणे किं समुच्छिममणुस्सेसु होज्जा गम्भवक्कंतियमणुस्सेसु होज्जा, गंगेया! समुच्छिममणुस्सेसु वा होजा गम्भवक्कंतियमणुस्सेसु वा होजा, दो भंते ! मणुस्सा० पुच्छा, गंगेया ! समुच्छिममणुस्सेसु वा होज्जा गम्भवक्कंति२५१ श्रीभगवत्यंगं - -05 मुनि दीपरत्नसागर MARTPHOMEPORTSPEARCHCHAMPIONOPRASTRASPICESMSSYCHEENDARMEPRAISP8MBAISABASE Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यमणुस्सेसु वा होजा अहवा एगे समुच्छिममणुस्सेसु वा होजा एगे गम्भवक्कंतियमणुस्सेसु वा होजा, एवं एएणं कमेणं जहा नेरइयपवेसणए तहा मणुस्सपवेसणएऽचि भाणियवं जाच दस। संखेज्जा भंते ! मणुस्सा० पुच्छा, गंगेया ! समुच्छिममणुस्सेसु वा होजा गम्भवतियमणुस्सेसु वा होजा अहवा एगे समुच्छिममणुस्सेसु होजा संखेजा गम्भवकंतियमणुस्सेसु वा होजा अहवा दो समुच्छिममणुस्सेसु होजा संखेजा गम्भवतियमणुस्सेमु होजा एवं एकेकं उस्सारितेसु जाव अहवा संखेजा समुच्छिममणुस्सेसु होजा संखेजा गम्भवतियमणस्सेसु होजा। असंखेजा भंते ! मणुस्सा. पुच्छा, गंगेया! सव्वेऽवि ताव संमच्छिममणस्सेस होजा अहवा असंखेजा संमच्छिमणस्सेस एगे गम्भवतियमणस्मेम् होजा अहवा असंखेज्जा समुच्छिममणुस्सेसु दो गम्भवतियमणुस्सेसु होजा एवं जाव असंखेजा समुच्छिममणुस्सेसु होजा संखेजा गम्भवतियमणुस्सेसु होजा। उक्कोसा भंते ! मणुस्सा० पुच्छा, गंगेया ! सचेऽपि ताव संमुच्छिममणुस्सेसु होजा अहवा समुच्छिममणुस्सेमु य गम्भवकंतियमणुस्सेसु या होजा, एयस्स णं भंते ! समुच्छिममणुस्सपवेसणगस्स गम्भवक्कंतियमणुस्सपवेसणगस्स य कयरे जाव पिसेसाहिए वा ?, गंगेया ! सव्वत्योवे गम्भवऋतियमणुस्सपवेसणए समुच्छिममणुस्सपपेसणए असंखेजगुणे । ३७४। देवपवेसणए णं भंते ! कतिविहे पं० ?, गंगेया ! चउबिहे पं० त०-भवणवासिदेवपवेसणए जाव वेमाणियदेवपवेसणए, एगे भंते! देवे देवपवेसणएणं पविसमाणे किं भवणवासीसु होजा वाणमंतरजोइसि. यवेमाणिएसु होजा?, गंगेया! भवणवासीसु वा होज्जा वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु वा होज्जा, दो भंते ! देवा देवपवेसणए० पुच्छा, गंगेया! भवणवासीसु वा होजा वाणमंतरजोइ. सियवेमाणिएसु वा होज्जा अहवा एगे भवणवासीसु एगे वाणमंतरेसु होज्जा एवं जहा तिरिक्खजोणियपवेसणए तहा देवपवेसणए विभाणियव्वं जाव असंखेज्जत्ति। उकोसा भंते!. पच्छा. गंगेया! सब्वेऽवि ताव जोडसिएस होज्जा अहवा जोइसियभवणवासीय होज्जा अहवा जोइसियवाणमंतरेसु य होज्जा अहवा जोइसियवेमाणिएसु य होज्जा अहवा जोइसिएसु य भवणवासिसु य वाणमंतरेसु य होज्जा अहवा जोइसिएसु य भवणवासिसु य वेमाणिएसु य होज्जा अहवा जोइसिएसु वाणमंतरेसु बेमाणिएम य होजा अहवा जोइसिएसु य भवणवासिसु य याणमंतरेमु य पेमाणिएम य दोजा, एयस्स ण भंते! भवणबासिदेवपवेसणगस्स वाणमंतरदेवपवेसणगस्स जोइसियदेवपचेसणगस्स वेमाणियदेवपवेसणगस्स य कयरे जाव विसेसाहिए या ?, गंगेया ! सव्वत्थोवे वेमाणियदेवपवेसणए भवणवासिदेवपवेसणए असंखेज्जगुणे वाणमंतरदेवपवेसणए असंखेज्जगुणे जोइसियदेवपवेसणए मंखेज्जगुणे ।३७५। एयस्स णं भंते ! नेरइयपवेसणगस्स तिरिक्व० मणुस्स० देवपवेसणगस्स कयरे जाव विसेसाहिए वा ', गंगेया ! सब्वत्थोवे मणुस्सपवेसणए नेरहयपवेसणए असंखेजगणे देवपवेसणए असंखेजगुणे तिरिक्खजोणियपवेसणए असंखेजगुणे।३७६ । संतरं भंते! नेरइया उववज्जति निरंतरं नेरइया उववजति संतरं असुरकुमारा उववज्जंति निरंतरं असुरकुमारा जाव संतरं वेमाणिया उववजंति निरंतर वेमाणिया उववज्जति संतरं नेरइया उब्वट्ठति निरंतर नेरतिया उब्वट्ठति जाव संतरं पाणमंतरा उच्चद्दति निरंतरं वाणमंतरा उव्वदृति संतरं जोइ. सिया चयंति निरंतरं जोइसिया चयंति संतरं वेमाणिया चयंति निरंतर येमाणिया चयंति ?, गंगेया ! संतरपि नेरतिया उपपजति निरंतरपि नेरतिया उववजति जाव संतरपि थणिय. कुमारा उववज्जति निरंतरंपि धणियकुमारा उपयजति नो संतरं पुढविकाइया उववज्जति निरंतरं पुढविकाइया उववज्जंति एवं जाव वणस्सइकाइया सेसा जहा नेरइया जाब संतरंपि वेमाणिया उववजति निरंतरपि वेमाणिया उववज्जति, संतरंपि नेरइया उब्वदृति निरंतरपि नेरइया उब्बटुंति एवं जाव थणियकुमारा नो संतरं पुढविक्काइया उपहुंति निरंतरं पुढविक्काइया उच्चति एवं जाव वणस्सइकाइया सेसा जहा नेरइया. नवरं जोइसियवेमाणिया चयति अभिलावी, जाव संतरपि बेमाणिया चयात निरंतरपि चमाणि नेरतिया उववजति असंतो भंते ! नेरइया उक्वजति ?, गंगेया ! संतो नेरइया उववजति नो असंतो नेरइया उववजंति, एवं जाव वेमाणिया, संतो भंते ! नेरतिया उच्चति असंतो. नेरइया उब्बटुंति?, गंगेया! संतो नेरइया उव्यहंति नो असंतो नेरइया उव्यदृति, एवं जाव वेमाणिया, नवरं जोइसियवेमाणिएसु चयंति भाणियव्यं, सओ भंते ! नेरइया उववजंति असतो भंते ! नेरइया उक्वजति सतो असुरकुमारा उपवजति जाव सतो वेमाणिया० असतो वेमाणिया उववजति सतो नेरतिया उव्यहति असतो नेरइया उबटुंति सतो असुरकुमारा उव्यदृति जाव सतो वेमाणिया चयंति असतो येमाणिया चयंति ?, गंगेया ! सतो नेरक्या उवयजति नो असओ नेरइया उक्वजति सओ असुरकुमारा उववर्जति नो असतो असुरकुमारा उववजति जाव सओ बेमाणिया उववजति नो असतो वेमाणिया उववजति सतो नेरतिया उच्चट्ठति नो असतो नेरइया उच्चहति जाव सतो येमाणिया चयंति नो असतो वेमाणिया०, से केणडेणं भंते ! एवं बुचड़ सतो नेरइया उपयजति नो असतो नेरइया उववज्जति जाव सओ वेमाणिया चयंति नो असओ बेमाणिया चयंति?, से नूणं गंगेया! पासेणं अरहया पुरिसादाणीएणं सासए लोए युइए अणादीए अणवयम्गे जहा पंचमसए जाव जे लोकह से लोए, से तेणतुणं गंगेया! एवं बुचइ जाव सतो येमाणिया चयंति नो असतो वेमाणिया चयंति, सयं भंते! एते एवं जाणह उदाहु असय ? असोचा एते एवं जाणह उदाहु सोचा? सतो नेरइया उववजति नो असतो नेरइया उपयजति जाव सओ वेमाणिया (६३) २५२ श्रीभगवत्यंग-fos मुनि दीपरत्नसागर Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चयंति नो असओ वैमाणिया चयंति ?, गंगेया ! सयं एते एवं जाणामि नो असयं असोचा एते एवं जाणामि नो सोचा, सतो नेरइया उववज्जंति नो असओ नेरइया उबवजति जाव सतो वेमाणिया चयंति नो असतो पेमाणिया चयंति से केणट्टेणं भंते! एवं बुवइ तं चैव जाव नो असतो वेमाणिया चयंति ?, गंगेया ! केवली णं पुरच्छिमेणं मियंपि जाणइ अमि यपि जाणइ दाहिणेणं० एवं जहा सगडुद्देसए जाव निच्बुडे नाणे केवलिस्स, से तेणट्टेणं गंगेया! एवं बुच्चइ तं चैव जाव नो असतो वेमाणिया चयंति, सयं भंते! नेरइया नेरइएस उबवज्जति असयं नेरइया नेरइएस उववज्जंति ?, गंगेया सयं नेरइया नेरइएस उपवनंति नो असयं नेरइया नेरइएस उववज्जंति से केणणं भंते! एवं बुम्बइ जाव उववजंति ?, गंगेया ! कम्मोदपूर्ण कम्मगुरुयत्ताए कम्मभारियत्ताए कम्मगुरुसंभारियत्ताए असुभाणं कम्माणं उदएणं असुभाणं कम्माणं विवागेणं असुभाणं कम्माणं फलविवागेणं सयं नेरइया नेरइएस उववजंति नो असयं नेरइया नेरइएस उववज्जंति से तेणद्वेणं गंगेया! जाव उववज्जंति, सयं भंते! असुरकुमारा० पुच्छा, गंगेया! सयं असुरकुमारा जाव उववज्जंति नो असयं असुरकुमारा जाव उबवजंति, से केणद्वेणं तं चैव जाव उववज्जति ?, गंगेया ! कम्मोदएणं (कम्मोवसमेणं पा० ) कम्मचिगतीए कम्मविसोहीए कम्मविसुद्धीए सुभाणं कम्माणं उदरणं सुभाणं कम्माणं वियागेणं सुभाणं कम्माणं फलविवागेणं असुरकुमारा असुरकुमारसाए जाव उवबजंति नो असयं असुरकुमारा असुरकुमारत्ताए उववजंति से तेणद्वेणं जाव उववज्जंति एवं जात्र थणियकुमारा, सयं भंते! पुढवीकाइया० पुच्छा, गंगेया! सयं पुढवीकाइया जाव उववज्जंति नो असयं० जाव उबवजंति से केणट्टेणं भंते! एवं बुचइ जाव उववज्जंति ?, गंगेया! कम्मोदएणं कम्मगुरुयत्ताए कम्मभारियत्ताए कम्मगुरुसंभारियत्ताए सुभासुभाणं कम्माणं उदएणं सुभासुभाणं कम्माणं विवागेणं सुभासुभाणं कम्माणं फलविवागेणं सयं पुढवीकाइया जाव उववजंति नो असयं पुढवीकाइया जाव उववज्वंति से तेणट्टेणं जाव उववज्जंति एवं जाव मणुस्सा, वाणमंतरजोइसिया वेमाणिया जहा असुरकुमारा, से तेणद्वेणं गंगेया ! एवं बुचइ सयं बेमाणिया जाय उववज्जति नो असयं जाव उचचति । ३७७। तप्पभिदं च णं से गंगेये अणगारे समणं भगवं महावीरं पञ्चभिजाणइ सव्यन्नुं सव्यदरिसिं, तए णं से गंगेये अणगारे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आग्राहिणपयाहिणं करेइ ता बंदइ नमसइ त्ता एवं वयासी- इच्छामि णं भंते! तुझं अंतियं चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहव्वइयं एवं जहा कालासवेसियपुत्तो तहेव भाणियव्वं जाच सव्वदुक्खप्पहीणे सेवं भंते! सेवं भंते! । ३७८। गंगेयो समत्तो ॥ श० ९उ० ३२ ॥ तेण कालेनं० माहणकुंडग्गामे नयने होत्था वन्नओ, बहुसालए चेतिए बन्नओ, तत्थ णं माहणकुंडग्गामे नयरे उसभदन्ते नाम माहणे परिवसति अड्डे दित्ते वित्ते जाव अपरिभूए रिउवेदजजुवेदसामवेद अथव्वणवेद जहा खंदओ जाव अन्नेसु य बहुसु बंभन्नएस नएस सुपरिनिट्टिए समणोवासए अभिगयजीवाजीवे उवलदपुण्णपावे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरति, तस्स णं उसभदत्तमाहणस्स देवाणंदा नाम माहणी होत्था, सुकुमालपाणिपाया जाव पियदंसणा सुरूवा समणोवासिया अभिगयजीवाजीवा उवलद्धपुन्नपावा जाव विहरइ, तेणं कालेणं० सामी समोसढे, परिसा जाब पज्जुवासति तए णं से उसभदत्ते माहणे इमीसे कहाए लट्ठे समाणे हट्टजावहियए जेणेव देवाणंदा माहणी तेणेव उवागच्छति सा देवानंद माहणिं एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिए! समणे भगवं महावीरे आदिगरे जाव सब्वन्नू सव्वदरिसी आगासगएणं चक्केणं जाव सुहंसुहेणं विहरमाणे बहुसालए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरति, महाफलं खलु देवापिए! तहारुवाणं अरिहंताणं भगवंताणं नामगोयस्सवि सवणयाए किमंग पुण अभिगमणवंदणनमंसणपडिपुच्छणपज्जुवासणयाए ?, एगस्सवि आयरियस्स धम्मियस्स सुवयणस्स सवणयाए किमंग पुण विउलस्स अट्ठस्स गद्दणयाए ?, तं गच्छामो णं देवाणुप्पिए! समणं भगवं महावीरं वंदामो नम॑सामो जाब पज्जुवासामो, एयणं इहभवे य परभवे य दियाए सुहाए खमाए निस्तेयसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ, तए णं सा देवानंदा माहणी उसमदतेणं माहणेणं एवं वृत्ता समाणी हट्टजावहियया करयलजावकट्टु उसभदत्तस्स माहणस्स एयमहं विणएणं पडिसुणेइ, तए णं से उसभदत्ते माहणे कोटुंबियपुरिसे सदावेइ ता एवं बयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! लहुकरणजुत्तजोइयसमखुरवालिहाणसमलिद्दियसिंगेहिं जंचूणयामयकलाबजुत्तपरिविसिहिं रययामयघंटासुत्तरज्जुयपवरकंचणनत्थपग्गहोग्गाहियएहिं नीटुणटकयामेलएहिं पवरगोणजुवाणएहिं नाणामणिरयणघंटियाजालपरिमयं सुजायजगजोत्तरज्जुयजुगपसत्थसुविरचितनिम्मियं पवरलखणोवधेयं धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उबटुवेह त्ता मम एयमाणत्तियं पचप्पियह, तए णं ते कोटुंबियपुरिसा उसमदत्तेणं माहणेणं एवं वृत्ता समाणा हट्टजावहियया करयल० एवं सामी! तत्ति आणाए विणएणं वयणं जान पडिसृणेत्ता खिप्पामेव लहुकरणजुत्त० जाव धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उववेत्ता जाव तमाणत्तियं पञ्चप्पियंति, तए णं से उसभदते माहणे व्हाए जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे साओ गिहाओ पडिनिक्समति त्ता जेणेव बाहिरिया उबट्टाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता धम्मियं जाणप्पवरं दुरूटे, तए णं सा देवाणंदा माहणी (अंतो अंतेउरंसि २५३ श्रीभगवत्यं सतं.45 मुनि दीपरत्नसागर Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पहाया कयचलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता किंच वरपादपत्तनेउरमणिमेहलाहारविराइयउचियकडगखुड्डायएकावलीकंठसुत्तउरत्थगेवेजसोणिसुत्तगनाणामणिरयणभूसणवि. राइयंगी चीणंसुयवत्थपवरपरिहिया दुगुतसुकुमालउत्तरिज्जा सचोउयसुरभिकुसुमवरियसिरया वरचंदणवंदिया वराभरणभूसियंगी कालागुरुधूवधूपिया सिरिसमाणवेसा जाव अप्पमहग्याभरणालंकियसरीरा बहुहिं पा०) खुज्जाहिं चिलाइयाहिं जाव (वामणियाहिं क्डहियाहिं बच्चरियाहिं ईसिगणियाहि जोव्हियाहिं चारुगणियाहिं पाठवियाहिं हासियाहिं लउसियाहिं आरबीहिं दमिलीहिं सिंघलीहिं पुलिंदीहिं पुक्खलीहि मुरुंडीहिं सचरीहिं पारसीहिं नाणादेसीहिं विदेसपरिमंडियाहिं इंगितचिंतितपस्थियवियाणियाहिं सदेसनेवस्थगहियवेसाहिं कुसलाहिं विणीयाहि य चेडियाचकवालयरिसधस्थेरकंचुइजमहत्तरगवंदपरिक्खित्ता पा०) अंतेउराओ निग्गच्छति त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेय धम्मिए जाणष्पवरे तेणेव उवागच्छइ त्ता जाव धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढा, तए णं से उसभदत्ते माहणे देवाणंदाए माहणीए सद्धिं घम्मियं जाणप्पवरं दुरुढे समाणे णियगपरियालसंपरिखुड़े माहणकुंडग्गामं नगरं मझमझेणं निग्गच्छदत्ता जेणेव बहुसालए चेइए तेणेव उवागच्छइत्ता छत्तादीए तित्थकरातिसए पासइत्ता धम्मियं जाणप्पवरं ठहत्ता धम्मियाओ जाणप्पवराओ पचोरुहाइ त्ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छति, तं० सचित्ताणं दब्बाणं विउसरणयाए एवं जहा वितीयसए जाब तिविहाए पज्जुवासणयाए पज्जुवासति, तए णं सा देवाणंदा माहणी धम्मियाओ जाणप्पवराओ पचोरुमति त्ता बहुहिं खुजाहिं जाय महत्तरगवंदपरिक्खित्ता समणं भगवं महावीर पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छद, त०-सचित्ताणं दव्याणं विउसरणयाए अचित्ताणं दवाणं विमोयणयाए विणयोणयाए गायलट्टीए चक्सुफासे अंजलिपरगहणं मणस्स एगत्तीभावक गच्छइ त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ त्ता बंदइ नमसइत्ता उसभदत्तं माणं पुरओ कटु ठिया चेव सपरिवारा सुस्सूसमाणी णमंसमाणी अभिमुहा विणएणं पंजलिउडा जाव पजुवासइ ।३७९॥ तए र्ण सा देवाणंदा माहणी आगयपण्हा(म० ण्हु)या पप्फुयलोयणा संवरियवलयबाहा कंचुयपरिक्खित्तिया धाराहयकलंचगंपिव समूसवियरोमकृया समणं भगवं महावीरं अणिमिसाए विट्ठीए देहमाणी २ चिट्ठति, भंते !त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति ता एवं वयासी-किष्णं भंते! एसा देवागंदा माहणी आमयपण्हवा तं चेव जाव रोमकूवा देवाणुप्पिए अणिमिसाए दिट्ठीए देहमाणी २चिट्ठइ?, गोयमादि समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं बयासी-एवं खलु गोयमा! देवाणंदा माहणी मम अम्मगा, अहनं देवाणंदाए माहणीए अत्तए, तए णं सा देवाणंदा माहणी तेणं पुव्वपुत्तसिणेहाणुराएणं आगयपण्हया जाय समूसवियरोमकूवा मम अणिमिसाए विट्ठीए देहमाणी २ चिट्ठइ । ३८० । तए णं समणे भगवं महावीरे उसमदत्तस्स माहणस्स देवाणंदाए माहणीए तीसे य महतिमहालियाए इसिपरिसाए जाव परिसा पडिगया, तए णं से उसमदत्ते माहणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मं सोचा निसम्म हडतुडे उट्ठाए उट्टेइ त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता एवं वदासी-एवमेयं मंते! तहमेयं भंते ! जहा खंदओ जाय जहेयं तुझे वदहत्तिकट्टु उत्तरपुरच्छिमं दिसीभागं अवक्कमइ त्ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ त्ता सयमेव पंचमुट्टियं लोयं करेति ना जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ त्तासमणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं जाव नमंसित्ता एवं वयासी-आलित्ते णं भंते! लोए पलिते ण भंते! लोए आलित्तपलिते णं भंते ! लोए जराए मरणेण य?, एवं एएणं कमेणं इमं जहा खंदओ तहेव पच्वइओ जाव सामाइयमाझ्याई एकारस अंगाई अहिजइ जाव बहूहिं चउत्थछट्टट्ठमदसमजावविचित्तेहिं तबोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे बहुई वासाई सामनपरियागं पाउणइ त्ता मासियाए सलेहणाए अत्ताणं मूसेति त्ता सढेि भत्ताई अणसणाए छेदेति त्ता जस्सट्टाए कीरति नग्गभावे जाच तम8 आराहइत्ता तए णं सो जाच सव्वदुक्खप्पहीणे। तए णं सा देवाणंदा माहणी समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोचा निसम्म हतहासमणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं जाव नमंसित्ता एवं वयासी-एवमेयं मंते ! तहमेयं भंते! एवं जहा उसमदत्तो तहेव जाव धम्ममाइक्खियं, तए णं समणे भगवं महावीरे देवाणंदं माहणिं सयमेव पब्बावेति त्ता सयमेव अज्जचंदणाए अज्जाए सीसिणित्ताए दलयइ, वए णं सा अज्जचंदणा अज्जा देवाणंदं माहणिं सयमेव पवावेति सयमेव मुंडावेति सयमेव सेहावेति एवं जहेव उसमदत्तो तहेव, अजचंदणाए अजाए इमे एयारूवं धम्पियं उवदेसं सम्मं संपडिवज्जइ तमाणाए तह गच्छड जाब संजमेणं संजमति, तए णं सा देवाणदा अज्जा अवचदणाए अजाए अतिय सामाइयमाइयाइएकारस अगाइआहज्जह ससतचव जाव सव्वदुक्खापहाणा। ३८१। तस्स। मेणं एत्यण खत्तियकंडग्गामे नाम नगरे होत्या वन्नओ, तत्थ ण खत्तियकुंडग्गामे नयरे जमालीनाम खत्तियकुमारे परिवसति अड्ढे दित्ते जाव अपरिभूए उप्पिं पासायवरगए फुट्ट. माणेहिं मुइंगमत्यएहिं बत्तीसतिबदेहिं नाडएहिं णाणाविहवरतरुणीसंपउत्तेहिं उवनचिजमाणे २ उवगिजमाणे २ उवलालिज्जमाणे २ पाउसवासारत्तसरदहेमंतवसंतगिम्हपज्जते छप्पि 18| २५४ श्रीभगवत्यंग- art @s मुनि दीपरत्नसागर 984889842ACKBARMERASANSKRISHARASINGHASNBARNAKOS43984430684834 TR2404999941212240040340935437984900100500RRESTRA.GOVER-4389236472248484848540999APATRES Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उऊ जहाविभवेणं माणमाणे कालं गालेमाणे इढे सहफरिसरसरूवगंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोगे पचणुभवमाणे विहरइ, तए णं खत्तियकुंडग्गामे नगरे सिंघाडगतियचउकचच्चर जाव बहुजणसदेह वा जहा उपवाइए जाच एवं पनवेइ एवं परुवेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीर आदिगरे जाव सम्वन्नू सचदरिसी माहणकुंडग्गामस्स नगरस्स बहिया बहुसालए चेइए अहापटिरूपं जाव विहरइ, तं महाफलं खलु देवाणुपिया ! तहारूवाणं अरहंताणं भगवंताणं जहा उववाइए जाव एगाभिमुद खत्तियकुंडग्गामं नगरं मझमोणं निग्गच्छति त्ता जेणेव माहणकटग्गामे नगरे जेणेच पहुसालए चहए एवं जहा उबवाइए जाव तिविहाए पज्जवासणाए पज्जुवासंति, तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकमारस्मतं महया जणसह पा जाच जणसनिवार्य वा सुणमाणस्स वा पासमाणस्स या अयमेयारूवे अज्झस्थिए जाव समुप्पजित्था-किन्नं अज्ज खत्तियकुंडग्गामे नगरे इंदमहेइ वा खंदमहेइ वा मुगुंदमहेइ वा रुहमहेइ वा णागमहेइ वा जक्खमहेइ वा भूयमहेइरा कूवमहेइ वा तडागमहेइ वा नईमहेइ वा दहमहेइ वा पव्वयमहेइ वा रुक्खमहेइ वा चेइयमहेइ वा थूभमहेह वा | जणं एए बहवे उग्गा भोगा० राइना इक्खागाणाया० कोरब्बा० खत्तिया खत्तियपुत्ता भडा भडपुत्ता जहा उबवाइए जाब सत्यवाहप्पभिइओ व्हाया कयचलिकम्मा जहा उववाइए जाव निम्गच्छंति , एवं संपेहेइ त्ता कंचुइजपुरिसं सदावेति त्ता एवं वयासी-किण्हं देवाणुप्पिया! अज खत्तियकुंडग्गामे नगरे इंदमहेइ वा जाय निग्गच्छंति?, तए णं से कंचुइजपुरिसे जमालिणा खत्तियकुमारेणं एवं वृत्ते समाणे हद्वतुढे समणस्स भगवओ महावीरस्स आगमणगहियविणिच्छए करयल जमालिं खत्तियकुमार जएणं विजएणं वदावेइ त्ता एवं वयासी. जो खलु देवाणुप्पिया! अज खत्तियकुंडग्गामे नयरे इंदमहेइ वा जाव निग्गच्छन्ति, एवं खलु देवाणुप्पिया ! अज समणे भगवं महावीरे जाव सम्बनू सब्बदरिसी माहणकुंडगामस्स नयरस्स बहिया बहुसालए चेइए अहापडिरूवं उग्गहं जाव विहरति, तए णं एए बहवे उग्गा भोगा जाव अप्पेगइया बंदणवत्तियं जाव निग्गच्छंति, तए णं से जमाली खत्तियकुमारे कंचुइज्जपुरिसस्स अंतिए एयमढे सोचा निसम्म हट्टतुट्ट० कोढुंचियपुरिसे सदावेइत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! चाउग्धंट आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेह त्ता मम एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह, तए ण ते कोटुंबियपुरिसा जमालिणा खत्तियकुमारेणं एवं वुत्ता समाणा जाव पञ्चप्पिणंति, तए णं से जमाली खत्तियकुमारे जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छहत्ता व्हाए कयबलिकम्मे जहा उववाइए परिसावन्नओ तहा भाणिया जाव चंदणोकिनगायसरीरे सबालंकारविभूसिए मजणघराओ पडिनिक्खमइ ता जेणेव पाहिरिया उबट्ठाणसाला | जेणेव चाउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइत्ता चाउग्घंट आसरह दुरूहेइ त्ता सकोरंटमछदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं महया भडचडकरपहकरवंदपरिक्खित्ते खत्तियकुंडग्गामं नगरं मझमझेणं निग्गच्छहत्ता जेणेव माहणकुंडग्गामे नगरे जेणेच बहुसालए चेइए तेणेव उवागच्छा त्ता तुरए निगिव्हइ त्ता रह ठवेइ त्ता रहाओ पचोरहति त्ता पुष्फतंबोलाउहमादीयं वाहणाओ य विसज्जेह त्ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ त्ता आयंते (अहोए) चोक्खे परमसुइभूए अंजलिमउलिय(प्र० गा)हत्ये जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छह त्ता समर्ण भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ जाव तिविहाए पजुवासणाए पजुवासइ, तए णं समणे भगवं महावीरे जमालिस्स खत्तियकुमारस्स तीसे य महतिमहालियाए इसि जाव धम्मकहा जाव परिसा पडिगया, तए णं से जमाली खत्तियकुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मं सोचा निसम्म हट्ठ जाव उवाए उद्देइत्ता समर्ण भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमसइ त्ता एवं क्यासी-सदहामि णं भंते ! निम्गंथं पावयणं पत्तियामि णं भंते ! निम्गंथं पावयणं रोएमि णं भंते ! निम्गंथं पावयणं अन्भुडेमि णं भंते! नियाथं पावयणं, एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते! अवितहमेयं भंते! असंदिद्धमेयं भंते! जाव से जहेयं तुझे बदह, जं नवरं देवाणुप्पिया ! अम्मापियरो आपुच्छामि, तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतिय मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पच्चयामि, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पढिबंध०।३८२४ तए णं से जमाली खत्तियकुमारे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हद्वतुढे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता तमेव चाउग्जंट आसरहं दुरूहेइ त्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ बहुसालाओ चेहयाओ पडिनिक्खमइ ता सकोरंट जाव परिजमाणेणं महया भडचडगरजावपरिक्खित्ते जेणेव खत्तियकुंडग्गामे नयरे तेणेव उवागच्छहत्ता खत्तियकंडग्गाम नगर मनमोणं जेणेव सए गिहे जेणेव पाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छह त्ता तुरए निगिण्हइ ता रहं ठवेह त्ता रहाओ पचोरुहइ त्ता जेणेव अभितरिया उबट्ठाणसाला जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छदत्ता अम्मापियरो जएणं विजएणं बतायेह सा एवं क्यासी एवं खलु अम्मताओ ! मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मे निसंते, सेऽविय मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरु. इए, तए णं तं जमालि खत्तियकुमार अम्मापियरो एवं वयासी-धो सिणं तुर्म जाया! कयत्ये सिणं तुम जाया कयपुगे सिणं तुम जाया! कयलक्खणे सिणं तुम जाया! ज तुमे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मे निसंते सेऽविय घम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिखए, तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो दोचंपि एवं वयासी-एवं खलु मए २५५ श्रीभगवत्यंग - Setos मुनि दीपरत्नसागर Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अम्मताओ ! समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे निसंते जाव अभिरुद्धए तए णं अहं अम्मताओ! संसारभउब्विग्गे भीए जम्मजरामरणाणं ते इच्छामिणं अम्मताओ! तुज्झेहिं अभणुनाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पब्वइत्तए, तए णं सा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माता तं अणि8 अकंतं अप्पियं अमणुन अमणामं असुयपुष्वं गिरं सोचा निसम्म सेयागयरोमकूवपगलंतविलीणगत्ता सोगभरपवेवियंगमंगी नित्तेया दीणविमणवयणा करयलमलियव्य कमलमाला तक्खणओलुम्गदुब्बलसरीरलायनसुननिच्छाया गयसिरीया पसिढिलभूसणपडतखुण्णियसंचुन्नियधवलवलयपभट्ठउत्तरिजा मुच्छावसणटुचेतगु(प०ण)गई सुकुमालविकिनकेसहत्था परसु. णियत्तव्य चंपगलया निव्वत्तमहेच्च इंदलट्ठी विमुक्कसंधिचंधणा कोट्टिमतलंसि धसत्ति सव्वंगेहिं संनिवडिया, तए णं सा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया ससंभमोयत्तियाए तुरियं कंचणभिगारमहविणिग्गयसीयलबिमलजलधारापरिसिंघमाणनिव्ववियगायलट्ठी उक्खेवयतालियंटवीयणगजणियवाएणं सफुसिएणं अंतेउरपरिजणेणं आसासिया समाणी रोयमाणी कंदमाणी सोयमाणी विलबमाणी जमालिं खत्तियकुमार एवं वयासी-तुमं सि णं जाया! अम्हं एगे पुत्ते इट्टे कंते पिए मणुन्ने मणामे येज्जे वेसासिए संमए बहुमए अणुमए भंडकरंडगसमाणे रयणे रयणभए जीबिऊसविये हिययानंदिजणणे उंबरपष्फमिव दलमे सवणयाए किमंग पण पासणयाए ?,तं नो खल जाया! अम्हे इच्छामो तुझं खणमवि विष्पओगे, तं अच्छाहि ताव जाया ! जाबताच अम्हे जीवामो, तओ पच्छा अम्हेहिं कालगएहिं समाणेहिं परिणयवये वढियकुलवंसतंतुकज्जमि निरवयक्खे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पब्बइहिसि, तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो एवं वयासी-तहावि णं तं अम्मताओ! जणं तुझे मम एवं वदद्द तुम सि णं जाया ! अम्हं एगे पुत्ते इट्टे कंते तं चेव जाव पव्वइहिसि, एवं खलु अम्मताओ ! माणुस्सए भवे अणेगजाइजरामरणरोगसोगसारीरमाणसपकामदुक्खवेयणवसणसतोवद्दवाभिभूए अधुए अणितिए असासए संज्झब्भरागसरिसे जलबुबुदसमाणे कुसम्गजलबिंदुसन्निभे सुविणगर्दसणोवमे विज्जुलयाचंचले अणिच्चे सडणपडणविद्धंसणधम्मे पुचि वा पच्छा वा अवस्सविप्पजहियब्वे भविस्सइ, से केस णं जाणइ अम्मताओ ! के पुब्धि गमणयाए के पच्छा गमणयाए?,तं इच्छामि णं अम्मताओ! तुज्झेहिं अब्मणुन्नाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइत्तए, तए णं तं जमालिं खत्तियकुमारं अम्मापियरो एवं वयासी-इमं च ते जाया ! सरीरगं पविसिट्ठरूवलक्खणवंजणगुणोववेयं उत्तमबलबीरियसक्तजुत्तं विण्णाणवियक्खणं ससोहग्गगुणसमुस्सियं अभिजायं महक्खमं विविहबाहिरोगरहियं निरुवहयं उदत्तलट्ठ पंचिंदियपहुं पढमजोव्वणत्थं अणेगउत्तमगुणेहिं संजुत्तं तं अणुहोहि तावजाव जाया ! नियगसरीररूवसोहग्गजोवणगुणे, तओ पच्छा अणुभुयनियमसरीररूवसोहम्गजोव्वणगुणे अम्हहिं कालगएहिं समाणेहिं परिणयवये वढियकुलवंसतंतुकजंमि निरवयक्खे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं.पब्वइहिसि, तए पां से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो एवं बयासी-तहावि णं तं अम्मताओ! जनं तुज्झे ममं एव वदहइमं च णं ते जाया ! सरीरगं तं चेव जाब पव्वइहिसि, एवं खलु अम्मताओ! माणुस्सगं सरीरं दुक्खाययणं विविहवाहिसयसंनिकेतं अट्ठियकठुट्टियं छिराण्हारुजालओणसंपिणद्धं मट्टियभंडव दुब्बलं असुइसंकिलिटुं अणिट्ठवियसव्वकालसंठप्पियं जराकुणिमजज्जरघरंव सडणपडणविदसणधम्म पुब्बि वा पच्छा वा अवस्सविप्पजहियव्वं भविस्सइ. से केस णं जाणति | अम्मताओ! के पुब्बि तं वेब जाव पव्वइत्तए, तए णं तं जमालिं खत्तियकुमारं अम्मापियरो एवं वयासी-इमाओ य ते जाया ! विपुलकुलबालियाओ सरित्तयाओ सरिब्वयाओ | सरिसलावन्नरुवजोव्वणगुणोबवयाओ सरिसएहितो अ कुलेहितो आणिएलियाओ कलाकुसलसव्वकाललालियसुहोचियाओ महवगुणजुत्तनिउणविणओवयारपंडियवियक्खणाओ मंजुलमियमहुरभणियविहसियविप्पेक्खियगतिविसालविलासचिट्ठियविसारदाओ अविकलकुलसीलसालिणीओ विसुद्धकुलवंससंताणतंतुबद्धणणप्पगम्भुन्भवप्पसन्तरुवभाविणीओ मणाणुकुलहियइच्छियाओ अट्ट तुज्झ गुणवहाओ उत्तमाओ निचं भावाणुरत्तसव्वंगसुंदरीओ भारियाओ, तं भुंजाहि ताव जाया! एताहिं सद्धिं विउले माणुस्सए कामभोगे, तओ पच्छा भुत्तभोगी विसयविगयवोच्छिन्नकोउहले अम्हेहिं कालगएहिं जाव पव्वइहिसि, तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो एवं वयासी-तहावि णं तं अम्मताओ! जन्नं तुज्झे मम एवं वयह इमाओ ते जाया ! विपुलकुल जाच पब्बइहिसि, एवं खलु अम्मताओ! माणुस्सया कामभोगा असुई असासया बंतासवा पित्तासवा खेलासया सुक्कासवा सोणियासवा उच्चारपासवणखेलसिंघाणगवंतपित्तपूयसुक्कसोणियसमुम्भवा अमणुजदुरूवमुत्तपूइयपुरीसपुन्ना मयगगंधुस्सासा असुभनिस्सासा उब्वेयणगा बीभत्या अप्पकालिया लहूसगा कलिमलाहिया सदुक्खा बहुजणसाहारणा परिकिलेसकिच्छदुक्खसज्झा अबुहजणणिसेविया सदा साहुगरहणिज्जा अणंतसंसारबद्धणा कडुगफलविवागा चुडलिव्य अमुच्चमाणा दुक्खाणुबंधिणो सिद्धिगमणविग्घा, से केस णं जाणति अम्मताओ ! के पुचि गमणयाए के पच्छा गमणयाए?,तं इच्छामि णं अम्मताओ! जाव पव्वइत्तए, नए णं तं जमालि खत्तियकुमारं अम्मापियरो एवं वयासी-इमे य ते जाया ! अजयपजयपिउपज्जयागए बहु हिरने य सुवन्ने य कंसे य दूसे य विउलधणकणगजावसंतसारसावएजे अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ (६४) २५६ श्रीभगवत्यंग dos मुनि दीपरत्नसागर Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पकामं दाउं पकामं भोत्तुं पकामं परिभाएउं तं अणुहोहि ताव जाया ! विउले माणुस्सए इडिटसकारसमुदए, तओ पच्छा अणुहूयकलाणे वढियकुलतंतु जाव पव्बइहिसि, तर णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो एवं वयासी तहावि णं तं अम्मताओ ! जनं तुज्झे ममं एवं वदह-इमं च ते जाया ! अज्जगपज्जग जाव पव्वइहिसि एवं खलु अम्मताओ ! हिरन्ने य सुवन्ने य जाव सावएजे अग्गिसाहिए चोरसाहिए रायसाहिए मधुसाहिए दाइयसाहिए अग्गिसामने जाव दाइयसामने अधुवे अणितिए असासए पृथ्वि वा पच्छा वा अवस्सविपजहियब्वे भविस्सइ से केस णं जाणइ तं चेव जाव पव्वइत्तए, तए णं तं जमालिं खत्तियकुमारं अम्मताओ जाहे नो संचाएन्ति विसयाणुलोमाहिं बहूहिं आघवणाहि य पनवणाहि य सन्नवणाहि य विनवणाहि य आघवेत्तए वा पन्नवेत्तए वा सनवेत्तए वा विष्णवित्तए वा ताहे विसयपडिकूलाहिं संजमभयुब्वेयणकरीहिं पद्मवणाहिं पन्नत्रेमाणा एवं वयासीएवं खलु जाया ! निम्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे केवलिए जहा आवस्सए जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेति अहीब एतदिट्टीए खुरो इब एगंतधाराए लोहमया जवा चावेयव्वा वालुयाकबले इव निस्साए गंगा वा महानदी पडिसोयगमणयाए महासमुद्दे वा भुयाहिं दुत्तरो तिक्खं कमियव्वं गरुयं लंबेयब्वं असिधारगं वतं चरियव्वं नो खलु कप्पड़ जाया ! समणाणं निथाणं आहाकम्मिएत्ति या उद्देसिएइ वा मिस्सजाएइ वा अज्झोयरएइ या पूइएइ वा कीएइ वा पामिचे वा अच्छेज्जेइ वा अणिसट्टेइ वा अभिहडेइ वा कंतारभत्तेइ वा दुब्भिक्खभत्तेइ वा गिलाणभत्तेइ वा वहलियाभत्तेइ वा पाहुणगभत्तेइ वा सेज्जायरपिंडेड वा रायपिंडेड वा मूलभोयणेइ वा कंदभोयणेइ वा फलभोयणेइ वा बीयभोयणेइ वा हरियभोयणेइ वा भुत्तए वा पायए वा, तुमं सि च णं जाया! सुहसमुचिए णो चेव णं दुहसमुचिते नालं सीयं नालं उन्हं नालं खुहा नालं पिवासा नालं चोरा नालं वाला नालं दंसा नालं मसया नालं वाइयपित्तियसेंभियसन्निवाए विविहे रोगायंके परीसहोवसग्गे उदिने अहियासेत्तए, तं नो खलु जाया! अम्हे इच्छामो तुज्झं खणमवि विप्पओगं तं अच्छाहि ताव जाया जायताव अम्हे जीवामो, तओ पच्छा अम्हेहिं जाब पव्वइहिसि, तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो एवं क्यासी तहावि णं तं अम्मताओ ! जनं तुज्झे मम एवं वयह- एवं खलु जाया! निग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे केवलिए तं चैव जाव पव्वइहिसि एवं खलु अम्मताओ ! निथे पावयणे कीवाणं कायराणं कापुरिसाणं इहलोगपडिबद्धाणं परलोगपरंमुहाणं विसयतिसियाणं दुरणुचरे पागयजणस्स, धीरस्स निच्छियस्स ववसियस्स नो खलु एत्थं किंचिवि दुकरं करणयाए, तं इच्छामि णं अम्मताओ! तुज्झेहि अच्भणुनाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइत्तए, तए णं जमालि खत्तियकुमारं अम्मापियरो जाहे नो संचाएंति विसयाणुलोमाहि य विसयपडिकूलाहि य बहूहि य आघवणाहि य पन्नवणाहि य० आघवेत्तए वा जाव विनवेत्तए वा ताहे अकामए चैव जमालिस्स खत्तियकुमारस्स निक्खमणं अणुमन्जित्था । ३८३ । तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया कोडुंचियपुरिसे सहावेइ त्ता एवं बयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! खत्तियकुंडग्गामं नगरं सम्भितरबाहिरियं आसियसंमज्जिओवलित्तं जहा उववाइए जाव पचप्पियंति, तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया दोपि कोटुंबियपुरिसे सदावेइ त्ता एवं क्यासी खिप्पामेव भो देवाणुष्पिया ! जमालिस्स खत्तियकुमारस्स महत्थं महग्धं महरिहं विपुलं निक्खमणाभिसेयं उबट्टवेह, तए णं ते कोटुंचियपुरिसा तहेब जाब पचप्पियंति, तए णं तं जमालिं खत्तियकुमारं अम्मापियरो सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहं निसीयावेति त्ता अट्ट सएणं सोवन्नियाणं कलसाणं एवं जहा रायप्पसेणइज्जे जाव अट्टसपूर्ण भोमेज्जाणं कलसाणं सच्विड्ढीए जाव वेणं महया २ निक्खमणाभिसेगेणं अभिसिंचइ त्ता करयल जाब विजएणं वद्धावेन्ति ता एवं वयासी-भण जाया ! किं देमो किं पयच्छामो किया वा ते अट्ठो ?, तप णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मापियरो एवं वयासी- इच्छामि णं अम्मताओ ! कुन्तियावणाओ रयहरणं च पडिग्गहं च आणिउं कासवगं च सहाविडं, तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया कोटुंबियपुरिसे सद्दावेइ त्ता एवं बयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सिरिघराओ तिन्नि सयसहस्साई गहाय दोहिं सयसहस्सेहिं कुत्तियावणाओ रयहरणं च पडिग्गहं च आणेह सयसहस्सेणं कासवर्ग च सदावेह, तए णं ते कोटुंबियपुरिसा जमालिस्स वत्तियकुमारस्स पिउणा एवं वृत्ता समाणा हट्टवुट्टा करयल जाव पडिसुणेत्ता खिप्पामेव सिरिधराओ तिन्नि सयसहस्साइं तहेव जाव कासवर्ग सहावेति, तए णं से कासवए जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा कोटुंबियपुरिसेहिं सहाविए समाणे हट्टे तुट्टे व्हाए कयबलिकम्मे जाय सरीरे जेणेव जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तेणेव उवागच्छत्ता करयल जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पियरं जएणं विजएणं बद्धावेइ त्ता एवं बयासी संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! जं मए करणिज्यं, तर णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तं कासवर्ग एवं क्यासी-तुमं देवाणुप्पिए! जमालिस्स खत्तियकुमारस्स परेणं जत्तेगं चउरंगुलवजे निक्खमणपयोगे अग्गकेसे पढिकप्पेहि, तए णं से कासवे जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा एवं वृत्ते समाणे तुट्टे करयल जाव एवं सामी! तहत्ताणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ त्ता सुरभिणा गंधोदएण हत्थपादे पक्खालेद ता सुद्धाए अट्टपडलाए पोत्तीए मुहं बंध ता २५७ श्रीभगवत्यंग रातं 05 मुनि दीपरत्नसागर Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जमालिस्स खत्तियकुमारस्स परेणं जत्तेणं चउरंगुलबजे निक्खमणपयोगे अम्गकेसे कप्पड़, तए णं सा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया हंसलक्षणेणं पडसाडएणं अग्गकेसे पडिच्छहत्ता सुरभिणा गंधोदएणं पक्खालेह त्ता अग्गेहिं वरेहिं गंधेहिं मलेहिं अच्चेति त्ता सुखवस्थेणं बंधेहत्ता स्यणकरंडगंसि पक्खिवति त्ता हारवारिधारासिंदुवारछिन्नमुत्ताबलिप्पगासाई सुयवियोगदूसहाई अंसूई विणिम्मुयमाणी २ एवं वयासी-एस णं अम्हं जमालिस्स खत्तियकुमारस्स बहूसु तिहीसु य पव्वणीसु य उस्सबेसु य जनेसु य छणेसुय अपच्छिमे दरिसणे 8 भविस्सतीतिकटु ओसीसगमूले ठवेति, तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स अम्मापियरो दोच्चंपि उत्तरावकमणं सीहासणं रयाति त्ता दोचपि जमालिस्स खत्तियकुमारस्स (गाय) सीयापीयएहिं कलसेहिं नाण्हेंति त्ता पम्हसुकुमालाए सुरभिए गंधकासाईए गायाई लूहेंति त्ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं गायाई अणुलिंपंति त्ता नासानिस्सासवाययोज्यं चक्खुहरं वनफरिसजुत्तं हयलालापेलवातिरेगं धवलं कणगखचियंतकम्मं महरिहं हंसलक्खणपडसाडगं परिहिति त्ता हारं पिणāति त्ता एवं जहा सूरियाभस्स अलंकारो तहेव जाव चित्तं रयण| संकटकडं मउडं पिणद्धति, किंबहणा?, गंथिमवेदिभपूरिमसंघातिमेणं चउविहेणं मल्छेणं कप्परक्खगंपिव अलंकियविभूसियं करेंति (दहरमलयसुगंधिगंधिएहिं गायाई भकुंडेंति पा०) तए ण से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया कोटुंबियपुरिसे सहावेइ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अणेगखंभसयसनिविट्ठ लीलवियसालभंजियागं जहा रायप्पसेणइजे विमाणवन्नओ जाव मणिरयणघंटियाजालपरिक्खित्तं पुरिससहस्सवाहणीयं सीयं उबट्टबेह त्वा ममं एयमाणत्तिय पचप्पिणह, तए णं ते कोढुंबियपुरिसा जाव पचप्पिणंति, तए णं से जमाली खत्तियकुमारे केसालंकारेणं वत्थालंकारेणं मलालंकारेणं आभरणालंकारेणं चउविहेणं अलंकारेणं जलंकारिए समाणे पडिपुजालंकारे सीहासणाओ अभुट्टेइ त्ता अणुप्पयाहिणीकरेमाणे सीयं दुरूहइ त्ता सीहासणवरंसि पुरत्याभिमुहे सन्निसण्णे, तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया व्हाया कयचलि जाव सरीरा हंसलक्षणं पडसाडगं गहाय सीयं अणुप्पदाहिणीकरेमाणी सीयं दुरुहहत्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स दाहिणे पासे भद्दासणवरंसि संनिसन्ना, तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स अम्मधाई प्पदाहिणीकरेमाणी सीयं दुरूहहत्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स बामे पासे महासणवरंसि संनिसचा. तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिट्ठओ एगा वरतरुणी सिंगारागारचारुबेसा संगयगयजावरूवजोव्वणविलासकलिया सुंदरथण० घनसरदमहिमरययकुमुदकुंर्देदुष्पगासं सकोरेंटमलदाम धवलं आयवत्तं महाय सलीलं उवरि धारेमाणी २ चिट्ठति, तए णं तस्स जमालिस्स० उभओपासिं दुवे वरतरुणीओ सिंगारागारचारुजावकलियाओ नाणामणिकणगरयणविमलमहरिहतवणिजुजलविचित्तचित्तदंडाओ चिल्लियाओ संखंककुंदेंदुदगरयअमयमहियफेणपुन्नपुंजसंनिकासाओ धवलाओ चामराओ गहाय सलील बीयमाणीओ २चिट्ठति, तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स उत्तरपुरच्छिमेणं एगा वरतरुणी सिंगारागारजाक्कलिया सेतरययामयविमलसलिलपुण्णमत्तगयमहामुहाकितिसमाणं भिंगारं गहाय चिट्टइ, तएणं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स दाहिणपुरच्छिमेणं एगा वरतरुणी सिंगारागारजावकलिया चित्तकणगदंडं तालट गहाय चिट्ठति, तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया कोर्दुवियपरिसे सहावेइ ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सरिसयं सरित्तयं सरिव्वयं सरिसलावन्नरूवजोब्वणगुणोक्वेयं एगाभरणवसणगहियनिज्जोयं कोडुपियवरतरुणसहस्सं सहावेह, तए णं ते कोडंचियपुरिसा जाप पडिसुणेत्ता खिप्पामेव सरिसयं सरित्तयं जाव सहावेंति, तए णं ते कोढुंचियपुरिसा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा फोडुपियपुरिसेहिं सहाविया समाणा हद्वतुट्ट० पहाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता एगाभरणबसणगहियनिज्जोया जेणेव जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तेणेव उवागच्छंति त्ता करयल जाव वदावेत्ता एवं बयासी-संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! जं अम्हेहिं करणिज्जं, तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तं कोडंबियवरतरुणसहस्संपि एवं वदासी-तुज्झे णं देवाणुप्पिया! व्हाया कयबलिकम्मा जाब गहियनिज्जोया जमालिस्स खत्तियकुमारस्स सीयं परिवहह, तए णं ते कोडुबियपुरिसा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स जाव पडिसुणेत्ता व्हाया जाव गहियनिजोगा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स सीयं परिवहंति, तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणि सीयं दुरुढस्स समाणस्स तप्पढमयाए इमे अट्ठमंगलगा पुरओ अहाणुपुब्बीए संपट्ठिया, तं०-सोस्थियसिरिबच्छजावदप्पणा, तदाणंतरं च णं पुन्नकलसभिंगारं जहा उबवाइए जाव गगणतलमणुलिहंती पुरओ अहाणुपुब्बीए संपट्टिया, एवं जहा उववाइए तहेव भाणियव्वं जाव आलोयं वा करेमाणा जयरसई च पउंजमाणा पुरओ अहाणुपुबीए संपट्ठिया, तदाणंतरं च णं बहवे उम्गा भोगा जहा उववाइए जाव महापुरिसबम्गुरपरिक्खित्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पुरओय मम्गओय पासओय अहाणुपुवीए संपट्ठिया, तएणं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया व्हाये कयचलिकम्मे जाब विभूसिए हत्थिखंधवरगए सकोरेंटमल्छदामेणं छत्तेणं घरिजमाणेणं सेयवरचामराहिं उधुव्वमाणे २ हयगयरहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सदि संपरिखुडे मयाभडचडगरजाव२५८ श्रीभगवत्यंग -सतं. मुनि दीपरत्नसागर RESPOOM8978848FORESARIGARHIPASHASPIRAASPASARPRASPROSPERMSPRESENSHOPRABPOMEPRABPS Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिक्खित्ते जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिटुओ २ अणुगच्छइ, तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पुरओ महं आसा आसवरा उभओ पासिं जागा नागवरा पिट्ठओ रहा रहसंगेल्डी ०, नए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्भुम्गयभिंगारे परिग्गाहियतालियंटे ऊसवियसेतच्छत्ते पवीइयसेतचामरवालवीयणीए सब्विड्ढीए जाव णादितरवेणं०, तयाणंतरं च बहवे लग्गिाहा कुंग्गाहा जाय पुत्थयगाहा जात्र वीणागाहा, तयाणंतरं च णं असयं गयाणं असयं तुरयाणं अट्टसयं रहाणं० तयाणंतरं च णं लउडअसिकॉतहत्थाणं बहूणं पायताणीणं पुरओ संपट्टियं, तयाणंतरं च णं बहवे राईसरतलवरजावसत्थवाहप्पभिइओ पुरओ संपट्टिया जाव णादितरवेणं खत्तियकुंङग्गामं नगरं मज्झंमज्झेणं जेणेव माहणकुंडगामे नयरे जेणेव बहुसालए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए, तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स खत्तियकुंडग्गामं नगरं मज्झमज्झेणं निम्गच्छमाणस्स सिंघाडगतियचउक्कजावपहेसु बहवे अत्थत्थिया जहा उववाइए जाव अभिनंदता य अभित्युनंता य एवं क्यासी जय जय णंदा! धम्मेणं जय जय गंदा ! तवेणं जय जय णंदा! भदं ते अभग्गेहिं णाणदंसणचरित्तमुत्तमेहिं अजियाई जिणाहि इंदियाई जियं च पालेहि समणधम्मं जियविग्धोऽवि य बसाहि तं देव ! सिद्धिमज्झे णिहणाहि य रागदोसम तवेण धितिधणियबद्धकच्छे महाहि अट्टकम्मसत्तू झाणेणं उत्तमेणं सुकेणं अप्पमत्तो हराहि याराहणपडागं च धीर! तेलोकरंगमज्झे पावय वितिमिरमणुत्तरं केवलं च णाणं गच्छय मोक्खं परं पदं जिणबरोवदिट्टेणं सिद्धिमम्गेणं अकुडिलेणं हंता परीसहचमूं अभिभविय गामकंटकोवसम्गाणं धम्मे ते अविग्धमत्युत्तिकट्टु अभिनंदंति य अभिधुणंति य, तए णं से जमाली खत्तियकुमारे नयणमालासहस्सेहिं पिच्छिजमाणे २ एवं जहा उनवाइए कूणिओ जाव णिग्गच्छति ता जेणेव माहणकुंङग्गामे नयरे जेणेव बहुसालए चेइए तेणेव उवागच्छ ता छत्तादीए तित्थगरातिसए पासइत्ता पुरिससहस्ववाहिणि सीयं ठबेइ त्ता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ पचोरुहइ, तए णं तं जमालि खत्तियकुमारं अम्मापियरो पुरओ काउं जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छन्ति त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमसित्ता एवं वदासी एवं खलु भंते! जमाली खत्तियकुमारे अम्हं एगे पुत्ते इहे कंते जाव किमंग पुण पासणयाए ?, से जहानामए- उप्पलेइ वा पउमेइ वा जाव पउमसहस्सपत्तेइ वा पंके जाए जले संबुड्ढे गोवलिप्पति पंकरएणं णोत्रलिप्पइ जलरएणं एवामेव जमालीवि खत्तियकुमारे कामेहिं जाए भोगेहिं संबुड्ढे गोवलिप्पइ कामरएणं णोवलिप्पा भोगरएणं णोवलिप्पइ मित्तणाइनियगसयणसंबंधिपरिजणेणं, एस णं देवाणुप्पिया! संसारभउब्विगे भीए जम्मणमरणाणं देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वयइ, तं एयन्नं देवाणुप्पियाणं जम्हे सीसभिक्खं दलयामो, पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया ! सीसभिक्खं तए णं समणे ० तं जमालिं खत्तियकुमारं एवं वयासी- अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं०, तए णं से जमाली खत्तियकुमारे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वृत्ते समाणे हट्टतुट्टे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमसित्ता उत्तरपुरच्छिमं दिसीभागं अवकमइ त्ता सयमेव आभरणमडालंकारं ओमुयद्द, तते णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया हंसलक्खणेणं पडसाडएणं आभरणमद्दालंकारं पडिच्छति त्ता हारवारि जाय विणिम्मुयमाणी २ जमालिं खत्तियकुमारं एवं वयासी घडियष्वं जाया! जइयच्वं जाया ! पक्कमियव्वं जाया! अस्सि च णं अट्टे गो पमायेतव्वंतिकट्टु, जमालिस्स खत्तियकुमारस्स अम्मापियरो समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ त्ता जामेव दिसं पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया, तए णं से जमाली खत्तिए सयमेय पंचमुट्टियं लोयं करेति त्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ ता एवं जहा उसमदत्तो तहेब पब्वइओ नवरं पंचहिं पुरिससएहिं सद्धिं तहेव जात्र सव्वं सामाइयमाइयाई एकारस अंगाई अहिज्जइ त्ता बहूहिं चउत्थच्छट्टमजावमासमासखमणेहिं विचित्तेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । ३८४ । तए णं से जमाली अणगारे अन्नया कयाइ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ ता समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति त्ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते! तुज्झेहिं अम्भणुनाए समाणे पंचहिं अणगारसएहिं सद्धिं बहिया जणत्रयविहारं विहरित्तए, तए णं से समणे भगवं महावीरे जमालिस्स अणगारस्स एयमहं णो आढाइ णो परिजाणइ तुसिणीए संचिदृइ, तए णं से जमाली अणगारे समणं भगवं महावीरं दोचंपि तचंपि एवं वयासी- इच्छामि णं भंते! तुज्झेहिं अग्भणुन्नाए समाणे पंचहि अणगारसएहिं सद्धिं जाव विहरित्तए, तए णं समणे भगवं महावीरे जमालिस्स अणगारस्स दोपि तचंपि० एयमहं णो आढाइ जाव तुसिणीए संचिवइ, तए णं से जमाली अणगारे समणं भगवं महावीरं बंदइ णमंसइ त्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाज बहुसालाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ त्ता पंचहि अणगारसएहिं सद्धिं बहिया जणवयविहारं विहरइ, तेण कालेन सावत्थीनामं णयरी होत्था वनओ, कोइए चेइए वनओ जाव वणसंडस्स, तेणं कालेणं० चंपा नाम नयरी होत्था बन्नओ, पुन्नभद्दे चेइए बन्नओ जाव पुढवीसिलावट्टओ, तए णं से जमाली अणगारे अन्नया कयाई पंचहि अणगारसएहिं सद्धिं संपरिवुडे पुव्वाणुपुब्वि चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे जेणेव सावत्वी नयरी जेणेव कोट्ठए चेइए तेणेव उवागच्छइ ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्डति त्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं २५९ श्रीभगवत्यंगं रात 05 मुनि दीपरत्नसागर Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ARNRSAASHRAIGNRNAGPICNICHIRAGPTEMBP6M2SPIGAREPARAASPITHACFCASSPOSMASH6AASPICHARP&HASHIKBPS भावेमाणे विहरह, तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयाधि पुष्वाणपव्विं चरमाणे जाव सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणेव चंपानगरी जेणेव पुनभहे चेइए तेणेव उवागच्छह ता अहापडिरूवं उम्गहं उम्गिण्हति त्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरह, तए णं तस्स जमालिस्स अणगारस्स तेहिं अरसेहि य विरसेहि य अंतेहि य पंतेहि य लूहेहि य तुच्छेहि य कालाइकंतेहि य पमाणाइकतेहि य सीतएहि य पाणभोयणेहिं अन्नया कयाचि सरीरगंसि विउले रोगातंके पाउम्भूए उज्जले ति(वि पा०)उले पगाढे ककसे कहुए चंडे दुक्खे दुग्गे तिब्वे दुरहियासे पित्तज्जरपरिगतसरीरे दाहवऋतिए यावि विहरइ, तए णं से जमाली अणगारे वेयणाए अभिभूए समाणे समणे णिग्गंथे सहावेइ त्ता एवं वयासी-तुज्झे णं देवाणुप्पिया! मम सेज्जासंथारगं संथरेह, तए णं ते समणा णिग्गंथा जमालिस्स अणगारस्स एयम१ विणएणं पडिसुणेति त्ता जमालिस्स अणगारस्स सेज्जासंधारगं संथरैति, तए णं से जमाली अणगारे बलियतरं वेदणाए अभिभूए समाणे दोनपि समणे निसर्गचे सहावेइ ता दोचंपि एवं क्यासी-ममनं देवाणुप्पिया ! सेज्जासंथारए किं कडे ? कजइ, एवं युत्ते समाणे समणा निम्गंथा विति-भो सामी ! कीरइ, तए णं ते समणा निम्गंथा जमालिं अणगारं एवं क्यासी-णो खलु देवाणुप्पियाणं सेज्जासंथारए कडे, कजति, तए णं तस्स जमालिस्स अणगारस्स अयमेयारूवे अज्झस्थिए जाव समुप्पज्जित्था जन्नं समणे भगवं महावीरे एवं आइक्खइ जाव एवं परूबेइ-एवं खलु चलमाणे चलिए उदीरिजमाणे उदी रिए जाव निजरिजमाणे णिजिन्ने तं णं मिच्छा, इमं च णं पचमखमेव दीसह सेज्जासंथारए कजमाणे अकडे संथरिजमाणे असंथरिए, जम्हा णं सेज्जासंथारए कजमाणे अकडे संथरिजमाणे असंथरिए, तम्हा चलमाणेऽवि अचलिए जाब निजरिजमाणेऽवि अणिजिन्ने, एवं संपेहेइत्ता समणे निरगंथे सहावेइत्ता एवं बयासी-जन्नं देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे एवं आइक्सइ जाव परुवेइ-एवं खलु चलमाणे चलिए तं चेव सव्वं जाय णिज्जरिजमाणे अणिजिन्ने, तए णं जमालिस्स अणगारस्स एवं आइक्खमाणस्स जाव परुवेमाणस्स अत्थेगइया समणा निम्मंथा एयमढे सद्दहति पत्तियंति रोयंति अत्थेगइया समणा निग्गंथा एयम8 णो सदहति तत्थ णं जे ते समणा निम्गंधा जमालिस्स अणगारस्स एयमढें सहहंति० ते णं जमालिं चेव अणगारं उपसंपज्जित्ताणं विहरति, सस्थ णं जे ते समणा णिग्गंथा जमालिस्स अणगारस्स एयम8 णो सदइंति णो पत्तियंति णो रोयंति ते णं जमालिस्स अणगारस्स अंतियाओ कोट्टयाओ चेइयाओ पडिनिक्खमंति ता पुज्वाणुपुचि चरमाणा गामाणुगामं दूइ० जेणेव चंपानयरी जेणेव पुन्नभहे चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छन्ति ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेंति त्ता वंदन्ति णमंसन्ति त्ता समणं भगवं महावीरं उपसंपजित्ताणं विहरंति।३८५। तए णं से जमाली अणगारे अन्नया कयाचि ताओ रोगायंकाओ विप्पमुके हढे तुढे जाए अरोए पलियसरीरे सावत्थीओ नयरीओ कोट्ठयाओ चेहयाओ पडिनिक्खमइत्ता पुवाणुपुचि चरमाणे गामाणुगाम दूइज्जमाणे जेणेव चंपा नयरी जेणेव पुन्नभद्दे चेहए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छदत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते ठिचा समणं भगवं महावीरं एवं बयासी-जहा णं देवाणुप्पियाणं बहवे अंतेवासी समणा निमांथा छउमत्या भवेत्ता छउमत्थावकमणेणं अवता णो खलु अहं तहा छउमत्थे भवित्ता छउमत्थावकमणेणं अवकमिए, अहन्नं उप्पन्नणाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली भवित्ता केवलिअवकमणेणं अवकमिए, तए णं भगवं गोयमें जमालिं अणगारं एवं क्यासी-णो खलु जमाली ! केवलिस्स णाणे वा दंसणे वा सेलंसि वा थंभंसि वा थूभंसि वा आवरिजइ वा णिवारिज्जइ वा, जइ णं तुम जमाली! उप्पन्नणाणदसणघरे अरहा जिणे केवली भवित्ता केवलिअवकमणेणं अवकंते तो णं इमाई दो वागरणाई वागरेहि-सासए लोए जमाली ! असासए लोए जमाली! सासए जीवे जमाली! असासए जीवे जमाली!?, तएणं से जमाली अणगारे भगवया गोयमेणं एवं बुत्ते समाणे संकिए कंखिए जाव कलुससमावन्ने जाए यावि होत्था, णो संचाएति भगवओ गोयमस्स किंचि विपमोक्खमाइक्खित्तए तुसिणीए संचिट्ठइ, जमालीति समणे भगवं महावीरे जमालिं अणगारं एवं बयासी-अस्थि णं जमाली ममं बहवे अंतेवासी समणा निगंथा छउमत्था जे णं एवं बागरणं बागरित्तए जहा णं अहं नो चेव णं एयप्पगारं भासं भासित्तए जहा णं तुम, सासए लोए जमाली! जनं ण कयावि णासी ण कयावि ण भवति ण कदावि ण भविस्सइ भविं च भवइ य भविस्सइ य धुवे णितिए सासए अक्खए अब्बए अवढिए णिचे, असासए लोए जमाली! जं ओसप्पिणी भवित्ता उस्सप्पिणी भवइ उस्सप्पिणी भवित्ता ओसप्पिणी भवइ, सासए जीवे जमाली! जं न कयाइ णासी जाव णिचे, असासए जीवे जमाली! जन्नं नेरइए भवित्ता तिरिक्खजोणिए भवइ तिरिक्खजोणिए भवित्ता मणुस्से भवइ मणुस्से भवित्ता देवे भवइ, तएणं से जमाली अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स एवमाइक्खमाणस्स जाव एवं परूवेमाणस्स एयमढें णो सद्दहइ णो पत्तियइ णो रोएइ एयमढे असद्दहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे दोच्चंपि समणस्स भगवओ महावीरस्म अंतियाओ आयाए अवकमइ त्ता बहूहिं असम्भावुन्भावणाहिं मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अप्पाणं च परं च तदुभयं च तुम्गाहेमाणे बहुयाई वासाई सामनपरियागं पाउणइ त्ता अदमासियाए संलेहणाए अत्ताणं 2| झूसेइ त्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेदेति त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकते कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे तेरससागरोवमठितिएसु देवकिव्विसिएसु देवेसु देवकिव्यि- (६५)/ २६० श्रीभगवत्यंग-स08 मुनि दीपरनसागर Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सियत्ताए उववन्ने ।३८६। तए ण से भगवं गोयमे जमालिं अणगारं कालगय जाणित्ता जेणेच समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छन् त्ता समणं भगवं महावीरं वदति नमसति त्ता एवं वयासी-एवं खल देवाणप्पियाणं अंतेवासी कुसिस्से जमालिणाम अणगारे से ण भंते ! जमाली अणगारे कालमासे कालं किचा कहिं गए कहिं उवषमे ?, गोयमादि समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी-एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी कुसिस्से जमाली नाम से णं तदा मम एवं आइक्खमाणस्स० एयम४ णो सहहह एयमढे असहहमाणे० दोचंपि मम अंतियाओ आयाए अवकमहत्ता बहुहिं असम्भावुम्भावणाहिं व चेव जाब देवकिब्बिसियत्ताए उववन्ने । ३८७। कतिविहा णं भंते ! देवकिब्बिसिया पं०, गोयमा ! तिषिहा देवकिचिसया पं० तं-तिपलिओवमट्टिइया तिसागरोवमट्टिया तेरससागरोवमहिइया, कहिं णं भंते ! विपलिओवमद्वितीया देवा देवकिदिबसिया परिवसंति ?, गोयमा! उप्पिं जोइसियानं हिदि सोहम्मीसाणेसुकप्पेसु एत्थणं तिपलिओवमट्टिइया देवकिञ्चिसिया देवा परिवसंति,कहिंणं भंते ! तिसागरोवमट्टिइया देवकिब्बिसिया देवा परिवसंति?,गोयमा! उप्पिं सोहम्मीसाणाणं कप्पाणं हिदि सर्णकुमारमाहिदेसु कप्पेसु एत्य णं तिसागरोवमट्ठितिया देवकिग्विसिया देवा परिवसंति, कहिण भंते ! तेरससागरोवमहिइया देवकिब्बिसिया देवा परिवसंति?, गोयमा ! उप्पि बंभलोगस्स कप्पस्स हिहिलंतए कप्पे एत्थ णं तेरससागरोवमद्वितिया देवकिञ्चिसिया देवा परिवसंति, देवकिदिबसिया णं भंते ! केसु कम्मादाणेसु देवकिब्बिसियत्ताए उववत्तारो भवति?, गोयमा! जे इमे जीवा आयरियपडिणीया उवज्झायपडिणीया कुलपडिणीया गणपडिणीया संघपडिणीया आयरियउवज्झायाणं अयसकरा अवनकरा अकित्तिकरा बहूहिं असम्भावुम्भावणाहिं मिच्छत्ताभिनिवेसेहि य अप्पाणं च० बुग्गाहेमाणा वुप्पाएमाणा बहूई वासाई सामनपरियागं पाउणंति त्ता वस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकंता कालमासे कालं किच्चा अनयरेसु देवकिञ्चिसिएसु देवकिञ्चिसियचाए उववत्तारो भवंति, तं०-विपलिओवमट्टितीएसु वा तिसागरोवमट्टितीएसु वा तेरससागरोवमट्टितीएसु वा, देवकिन्चिसिया णं भंते! ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिबक्खएणं अणंतरं चयं चहत्ता कहिं गच्छंति कहिं उबवज्जति?, गोयमा ! जाव चत्तारि पंच नेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवभवग्गहणाई संसारं अणुपरियहिता तो पच्छा सिझंति बुझंति जाव अंतं करेंति, अत्यंगड्या अणादीयं अणवदग्गं दीहमदं चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियति, जमाली णं भंते! अणगारे अरसाहारे विरसाहारे अंताहारे पंताहारे लहाहारे तुच्छाहारे अरसजीवी विरसजीवी जाव तुच्छजीवी उबसंतजीवी पसंतजीवी विवित्तजीवी !, हंता गोयमा ! जमाली णं अणगारे। अरसाहारे विरसाहारे जाव विवित्तजीवी, जति णं भंते! जमाली अणगारे अरसाहारे विरसाहारे जाव विवित्तजीवी कम्हा णं भंते ! जमाली अणगारे कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे तेरससागरोवमद्वितिएम देवकिबिसिएम देवेसु देवकिपिसियत्ताए उवयो ?, गोयमा! जमाली णं अणगारे आयरियपडिणीए उवझायपडिणीए आयरियउवज्झायाणं अयसकारए। जाव वुष्पाएमाणे जाव बहूई वासाई सामनपरियागं पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए वीसं भत्ताई अणसणाए छेदेति त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकते कालमासे कालं किया लंवए कप्पे जाव उपवने । ३८८ा जमाली णं भंते ! देवे ताओ देवलोयाओ आउक्खएणं जाव कहिं उपवविहिइ ?, गोयमा ! चत्तारि पंच तिरिक्खजोणियमणुस्सदेवभवम्गहणाई। | संसार अणुपरियट्टित्ता तओ पच्छा सिज्झिहिति जाव अंतं काहेति। सेवं भंते २त्ति ।३८९। जमाली समत्तो॥श०९ उ०३३॥ तेणं कालेणं० रायगिहे जाव एवं वयासी-पुरिसे भंते! पुरिस हणमाणे किं पुरिसं हणइ नोपुरिसे हणइ !, गोयमा! परिसंपि हणइ नोपुरिसेऽवि हणति, से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ पुरिसंपि हणइ नोपुरिसेऽवि हणइ?, गोयमा! तस्स कणं एवं भवइ एवं खलु अहं एग पुरिस हणामि से णं एग पुरिसं हणमाणे अणेगजीवा हणइ, से तेणद्वेणं गोयमा! एवं बुच्चइ पुरिसंपि इणइ नोपुरिसेऽवि हणति, पुरिसे णं भंते! आसं हणमाणे किं आसं हणइ नोआसेऽवि हणइ', गोयमा ! आसंपि हणइ नोआसेऽवि हणइ, से केणडेणं ०?, अट्ठो तहेच, एवं हत्यि सीह वग्धं जाव चिल्ललगं, एए सब्वेवि एकगमा, परिसे णं भंते ! इसिं हणमाणे किं इसि हणइ नोइमिणो हणइ ?, गोयमा ! इसिपि हणइ नोइसिणोऽवि०, से केणोणं भंते! एवं बुबइ जाच नोइसिणोऽविहणह?, गोयमा! तस्स णं एवं भवद एवं खलु अहं एग इसिं हणामि, सेर्ण एग इसि हणमाणे अणंते जीवे हणइ, से तेणतुणं निक्खेवओ, पुरिसे णं भंते ! परिसं हणमाणे किं परिसबेरेणं पुढे मोपरिसवेरेणं पुढे?, गोयमा! | नियमा ताव पुरिसवेरेणं पुढे अहवा पुरिसवेरेण य गोपुरिसवेरेण य पुढे अहवा पुरिसबेरेण य नोपुरिसवेरेहि य पुढे, एवं आसं एवं जाव चिल्ललग जाव अहवा चिाउलगवेरेण य णोचिाललगवेरेहि य पुढे, पुरिसे णं मंते ! इसिं हणमाणे किं इसिवेरेणं पुढे नोइसिवरेणं० ?, गोयमा! नियमा इसिवरेण य नोइसिवेरेहि य पुढे । ३९०। पुढवीकाइया णं भंते! पुढवीकार्य चेव आणमंति वा पाणमवि वा ऊससंति वा नीससंति वा ?, हंता गोयमा ! पुढविक्काइए पुढविकाइयं चेव आणमंति वा जाव नीससंति वा, पुढवीकाइए णं भंते! आउकाइयं आणमंति वा जावनीससंतिवा?, इंता गोयमा ! पुढविकाइए आउकाइयं आणमंति वा जाव नीससंति वा, एवं उक्काइयं वाउकाइयं एवं वणस्सइकाइयं, आउकाइए णं भंते ! पुढवीकाइयं आणमंति २६१ श्रीभगवत्यंग-स s मुनि दीपरत्नसागर HESARPABP8428PENSPHASABHISMISPHASPORANS7853784ASTEMPRABPORARPENSPHASINARANSIAS Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PRASPORAEPSAASPICHAIRPESARIPOMRPEARNERBARRANSHRISPOSISPROSPIONATEMEPOKHREPPERSPEAKS वा पाणमंति वा० १, एवं चेष, आउकाइए णं भंते ! आउक्कायं चेव जाणमंति वा०?, एवं चेच, एवं तेउवाऊवणस्सइकाइयं, तेउकाइएणं मंते ! पुढविकाइयं आणमंति वा० १. एवं जाव वणस्सइकाइए णं भंते ! वणस्सइकाइयं चेव आणमंति वा०, तहेव, पुढविकाइए णं मंते! पुढवीकाइयं चेव आणममाणे वा पाणममाणे वा ऊससमाणे वा नीससमाणे वा कइकिरिए, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए, पुढविक्काइए णं भंते ! आउकाइयं आणममाणे वा०, एवं चेव, एवं जाव वणस्सइकाइयं, एवं आउकाइएणवि सव्वेऽवि भाणियव्वा, एवं तेउकाइएणवि, एवं वाउकाइएणचि, जाव वणस्सइकाइए णं भंते ! वणस्सइकाइयं चेव आणममाणे वा०१, पुच्छा, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए।३९१। बाउकाइए णं भंते! रुक्खस्स मलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कतिकिरिए,गोयमा! सिय तिकिरिए सिय चकिरिए सिय पंचकिरिए,एवं कंद, एवं जाव मूलं, पच्छा. गोयमा। सिय तिकिरिण सिय बउकिरिए सिय पंचकिरिए। सेवं मंते! सेवं भंतेति।३९२॥ उ०३४ इति नवमं शतकं॥म मा दिसिर संवडअणगारे२ आयडढी ३ सामहत्यि ४ देवि५ सभा ६। उत्तरअंतरदीचा ३४ दसमंमि सयंमि चोत्तीसा ॥६॥रायगिहे जाव एवं क्यासी-किमियं मंते! पाईणत्ति पचई?, गोयमा! जीवा चेव अजीचा चेव, किमियं भंते ! पढीणाति पचई ?, गोयमा! एवं येव, एवं दाहिणा एवं उदीणा एवं उड्ढा एवं अहावि, कति णं भंते ! दिसाओ पं०१, गोयमा! दस दिसाओ, पं० तं०. पुरच्छिमा पुरच्छिमदाहिणा दाहिणा दाहिणपञ्चस्थिमा पञ्चत्यिमा पञ्चस्थिमुत्तरा उत्तरा उत्तरपुरच्छिमा उड्दा अहा, एयासिंणं भंते ! दसण्हं दिसाणं कति णामधेजा पं०', गोयमा ! दस नामधेजा पं० तं०-इंदा अग्गेयी जमा य नेरती वारुणी वायव्वा सोमा ईसाणीया विमला य तमा य बोद्धव्या, इंदा णं भंते ! दिसा किं जीवा जीवदेसा जीवपएसा अजीचा अजीवदेसा अजीवपएसा ?, गोयमा ! जीवावि० ते चेव जाव अजीवपएसावि, जे जीवा ते नियमा एगिंदिया चेइंदिया जाच पंचिंदिया अणिंदिया, जे जीवदेसा ते नियमा एमिंदियदेसा जाव अणिदियदेसा, जे जीवपएसा ते नियमा एगिदियपएसा बेइंदियपएसा जाव अणिदियपएसा,जे अजीवा ते दुविहा पं० त०-रूपी अजीवा य अरूबी अजीवा य, जे रूबी अजीवा ते चउविहा पं० तं०-खंधा खंधदेसा संधपएसा परमाणुपोग्गला, जे अरूबी अजीवा ते सत्तविहा पं० त०-नोधम्मत्यिकाए धम्मस्थिकायस्स देसे धम्मत्यिकायस्स पएसा नोजधम्मत्यिकाए अधम्मत्थिकायस्स देसे अधम्मस्थिकायस्स पएसा नोआगासस्थिकाए आगासस्थिकायस्स देसे आगासस्थिकायस्स पएसा अद्धासमए, अम्गेई णं भंते ! दिसा किं जीवा जीवदेसा जीवपएसा पुच्छा, गोयमा! णो जीवा जीवदेसावि जीवपएमावि अजीवावि अजीवदेसापि अजीवपएसाचि. जे जीवदेसा ते नियमा एगिदियदेसा अहवा एगिदियदेसा य इंदियस्स देसे अहवा एगिदियदेसा य इंदियस्स देसा अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियाण य देसा, अहवा एगिदियदेसा तेइंदियस्स देसे एवं चेव तियभंगो भाणियच्चो एवं जाव अणिंदियाणं तियमंगो, जे जीवपएसा ते नियमा एगिदियपएसा अहवा एगिदियपएसा य बेइंदियस्स पएसा अहवा एगिदियपदेसा य इंदियाण य पएसा एवं आइल्लविरहिओ | जाव अणिदियाणं, जे अजीवा ते विहा पं०० रुविअजीचा य अरूवीअजीचा य, जे रूवी अजीवा ते चउबिहा पं००-खंधा जाब परमाणपोमाला. जे अरूपी अजीवा ते सत्त- 19 विहा पं० त०-नोधस्मत्यिकाए धम्मत्यिकायस्स देसे धम्मत्थिकायस्स पएसा एवं अधम्मस्थिकायस्सवि जाव आगासस्थिकायस्स पएसा अद्धासमए, विदिसासु नत्यि जीवा देसे पएसे | मंगा य होइ सव्वत्य, जमा णं मंते! दिसा किं जीवा०', जहा इंदा तहेव निरवसेस, नेरड्या जहा अग्गेयी वारुणी जहा इंदा वायव्वा जहा अग्गेयी सोमा जहा इंदा ईसाणी जहा | अग्गेयी, विमलाए जीवा जहा अम्गेयी अजीवा जहा इंदा, एवं तमाएऽवि, नवरं अरूबी छव्विहा अदासमयो न भवति । ३९३। (कइसंठाणपमाणं पोग्गलचिणणा सरीरसंजोगो। दवपएसप्पबहुं सरीरओगाहणाए य॥१॥ पा०) कति णं भंते ! सरीरा पं०१, गोयमा! पंच सरीरा पं० २०-ओरालिए जाव कम्मए, ओरालियसरीरे णं मंते ! कतिविहे पं०', एवं | ओगाहणसंठाणं पयं निरवसेसं भाणियव्वं जाव अप्पाबहुगंति। सेवं भंते ! सेवं मंते!त्ति ।३९४॥श १० उ०१॥ रायगिहे जाब एवं बयासी-संवुडस्स णं भंते! अणगारस्स वीयीपंथे | ठिचा पुरओ रुबाई निझायमाणस्स मग्गओ रुवाइं अवयक्खमाणस्स पासओ रूवाई अवलोएमाणस्स उड्डं रूवाई ओलोएमाणस्स अहे रूवाई आलोएमाणस्स तस्स णं भंते! किं १ ईरियावहिया किरिया कजइ संपराइया किरिया कजइ ?, गोयमा! संखुडस्स णं अणगारस्स वीयीपंथे ठिचा जाब तस्स णं णो ईरियावहिया किरिया कजइ संपराइया किरिया कजइ, से केणटेणं भंते! एवं वुचइ संवुड जाव संपराइया किरिया कजइ ?, गोयमा ! जस्स णं कोहमाणमायालोभा एवं जहा सत्तमसए पढमोडेसए जाव से णं उस्सुत्तमेव रीयति, से तेणटेणं जाव संपराइया किरिया कज्जइ, संवुडस्स णं भंते ! अणगारस्स अवीयीपंथे ठिच्चा पुरओ रूवाई निज्झायमाणस्स जाब तस्स णं भंते ! किं ईरियावहिया किरिया कज्जइ०१ पुच्छा, गोयमा! संवुड० जाव तस्स णं ईरियावहिया किरिया कजइनो संपराइया किरिया कजइसे केणटेणं मंते! एवं वुबइ जहा सत्तमे सए पढमोहेसए जाव से णं अहासुत्तमेव रीयति, २६२ श्रीभगवत्यंग- सत-१० मुनि दीपरत्नसागर HARBIRBARDINARIESARKSA9348994585848184584284DMRALARMACIS-A209994TAARAARIYABAR43421 Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ से तेणद्वेणं जाव नो संपराइया किरिया कज्जइ । ३९५। कविहा णं भंते! जोणी पं० १, गोयमा ! तिविहा जोणी पं० तं०-सीया उसिणा सीतोसिणा, एवं जोणीपयं निरवसेसं भाणि - यवं । ३९६ । कतिविहाणं भंते! वेयणा पं० १, गोयमा ! तिविहा वेयणा पं० तं० सीया उसिणा सीओसिणा, एवं वेयणापयं निरवसेसं भाणियव्वं जाव नेरइयाणं भंते! किं दुक्ख वेद वेदेति सुहं वेयणं वेयंति अदुक्खमसुहं वेयणं वेयंति ?, गोयमा ! दुक्खपि वेयणं वेयंति सुहंपि वेयणं वेयंति अदुक्खमसुहंपि वेयणं वेयंति ॥ ३९७। मासियण्णं भंते! भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स निचं बोसट्टे काये चियत्ते देहे० एवं मासिया भिक्खुपडिमा निरवसेसा भाणियव्वा (म० जाव दसाहिं) जाव आराहिया भवइ । ३९८ । भिक्खु य अन्नयरं अकिञ्चट्ठाणं पडिसेविज्जा से णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकंते कालं करेइ नत्थि तस्स आराहणा, से णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कते कालं करेइ अस्थि तस्स आराहणा, भिक्खू य अन्नयरं अकिद्वाणं पडिसेविज्जा तस्स णं एवं भवइ पच्छावि णं अहं चरमकालसमयंसि एयस्स ठाणस्स आलोएस्सामि जाव पडिवज्जिस्सामि से णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकंते जाव नत्थि तस्स आराहणा, से णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिकंते कालं करेइ अत्थि तस्स आराहणा, भिक्खु य अन्नयरं अकिञ्चद्वाणं पडिसेविज्जा तस्स णं एवं भवइ-जइ ताब समणोवासगावि कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु देवलोएस देवत्ताए उववत्तारो भवंति किमंग पुण अहं अणपन्नियदेवत्तणंपि नो लभिस्सामित्तिकट्टु से णं तस्स ठाणस्स अणालो इयपडिक कालं करेइ नत्थि तस्स आराहणा, से णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिकंते कालं करेइ अत्थि तस्स आराहणा । सेवं भंते ! सेवं भंते त्ति । ३९९ ॥ श १० उ० २ ॥ रायगिहे जाव एवं वयासी आइडीए णं भंते! देवे जाब चत्तारि पंच देवावासंतराई बीतिकंते तेण परं परिद्धीए १, हंता गोयमा आइइटीए णं तं चेव, एवं असुरकुमारेऽवि तिनि आलावगा माणि यव्वा, नवरं असुरकुमारावासंतराई सेसं तं चैव एवं एएणं कमेणं जाव धणियकुमारे, एवं वाणमंतरे जोइसवेमाणिया जाव तेण परं परिढीए, अप्पढीए णं भंते! देवे महढियस्स देवरस मज्झंमज्झेणं वीइवइज्जा १, णो तिणडे समडे, समिट्टीए णं भंते! देवे समड्ढीयस्स देवस्स मज्झंमज्झेणं वीइवएजा १, णो तिणट्टे समद्वे, पमत्तं पुण बीइवएज्जा, से णं भंते! किं विमोहित्ता पभू अविमोहित्ता पभू ?, गोयमा ! विमोहेत्ता पभू नो अविमोहेत्ता पभू से भंते! किं पुब्विं त्रिमोहेत्ता पच्छा बीइवएजा पुब्विं वीइवएत्ता पच्छा विमोहेज्जा ?, गोयमा ! पुवि विमोहेत्ता पच्छा बीइवएजा णो पुब्विं वीइवइत्ता पच्छा विमोहेजा, महिड्डीए णं भंते! देवे अप्पढियस्स देवस्स मज्झमज्झेणं वीइवएजा ?, हंता बीइवएज्जा, से भंते! किं विमोहित्ता पभू अविमोहेत्ता पभू ?, गोयमा ! विमोहेत्तावि पभू अविमोहेत्तावि पभू से भंते! किं पुब्वि विमोहेत्ता पच्छा वीइवइज्जा पुवि बीइवइत्ता पच्छा विमोहेजा १, गोयमा ! पुवा विमोहेत्ता पच्छा वीइवएजा पुब्विं वा बीइवएत्ता पच्छा विमोहेजा, अप्पिढिए णं भंते! असुरकुमारे महड्ढीयस्स असुरकुमारस्स मज्झमज्झेणं बीइवएज्जा ?, णो इण सम, एवं असुरकुमारेऽवि तिन्नि आलावगा भाणियव्वा जहा ओहिएणं देवेण भणिया, एवं जाव थणियकुमाराणं, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं एवं चेव, अप्पढिए णं भंते! देवे महिड्डियाए देवीए मज्झमज्झेणं बीइवएना ?, जो इणट्टे समट्ठे, समढिए णं भंते! देवे समिडीयाए देवीए मज्झमज्झेणं एवं तहेव देवाण य देवीण य दंडओ भाणियो जाव वैमाणियाए, अप्पढिया णं भंते! देवी महड्ढीयस्स देवस्स मसंमज्ज्ञेणं एवं एसोऽवि तइओ दंडओ भाणियव्वो जाब महढिया वैमाणिणी अप्पढियस्स वेमागियरस मज्झमज्झेणं बीइवएजा १, हंता वीइवएजा, अप्पढिया णं भंते! देवी महिड्डियाए देवीए मज्झंमज्झेणं वीइवएजा ?, जो इणट्टे समट्ठे, एवं समढिया देवी समढियाए देवीए तहेव, महद्द्यिावि देवी अप्पढियाए देवीए तहेब, एवं एकेके तिनि २ आलावगा भाणियव्वा जाव महढिया णं भंते! वेमाणिणी अप्पढियाए बेमाणिणीए मज्झमज्झेणं बीवजा ?, हंता बीइवएज्जा, सा भंते! किं विमोहित्ता पभू तहेब जाय पुब्विं वा वीइवइत्ता पच्छा विमोहेजा एए चत्तारि दंडगा । ४००। आसस्स णं भंते! धावमाणस्स किं खुखुति करेति ?, गोयमा ! आसस्स णं धावमाणस्स हिदयस्स य जगयस्स य अंतरा एत्य णं कब्बडए नामं बाए संमुच्छइ जेणं आसस्स धावमाणस्स खुखुत्ति करेइ । ४०१ । अह भंते! आसइस्सामो सइस्लामो चिट्टिस्सामो निसिइस्सामो तुयहिस्सामो 'आमंतणि आणवणी जायणि तह पुच्छणी य पण्णवणी पञ्चक्खाणी भासा भासा इच्छाणुलोमा य ॥ ६३ ॥ अणमिग्गहिया मासा भासा य अभिग्गहंमि बोद्धव्या संसयकरणी भासा वोयडमव्वोयडा चेव ॥ ६४ ॥ पद्मवणी णं एसान एसा भासा मोसा ?, हंता गोयमा! आसइस्सामो तं चैव जाव न एसा भासा मोसा सेवं भंते! सेवं भंते! ति । ४०२ ॥ श० १० उ० ३ ॥ तेणं कालेणं० वाणियगामे नाम नयरे होत्था बन्नओ, दूतिपलासए चेइए, सामी समोसढे, जाब परिसा पडिगया, तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतवासी इंदभूई नामं अणगारे जाव उर्द्धजाणू जाव विहरइ, तेण कालेनं० समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी सामहत्वी नामं अणगारे पयइमद्दए जहा रोहे जाव उढजाणू जाव विहरइ, तए णं ते सामहत्वी अणगारे जायसड्ढे जाव उडाए उट्ठेत्ता जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागच्छड ता २६३ श्रीभगवत्यं सत १० मुनि दीपरत्नसागर Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भगवं गोयमं तिक्सुत्तो जाव पञ्चासमाणे एवं वयासी-अस्थि णं भंते! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो तायत्तीसगा देवा?, हंता अस्थि, से केणद्वेणं भंते! एवं बुबह चमरस्स असुरिंदस्व असुरकुमाररणो वायत्तीसगा देवा २१, एवं खलु सामहत्थी! तेणं कालेणं० इहेव जंबुद्दीवे २ भारहे वासे कायंदी नामं नयरी होत्या पनओ, तत्व णं कायंदीए नयरीए तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासगा परिवसन्ति अड्ढा जाव अपरिभूया अभिगयजीवाजीवा उबलहपुण्णपावा जाब विहरंति, तए णं ते तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासया | पुबि उम्गा उग्गविहारी संविग्गा संविग्गविहारी भवित्ता तओ पच्छा पासस्था पासत्यविहारी ओसन्ना ओसन्नविहारी कुसीला कुसीलविहारी अहाउंदा अहाउंदविहारी बहूई वासाई समणोवासगपरियागं पाउणंति ना अदमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झुसेंति त्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेदेति त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकंता कालमासे कालं किया चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो तायत्तीसगदेवत्ताए उपवन्ना, जप्पभिई च णं भंते ! ते कायंदगा तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासगा चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो तायत्तीसगदेवत्ताए उववन्ना तप्पभिई पण भंते ! एवं बुचड़ चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो तायत्तीसगा देवा२१, तए णं भगवं गोयमे सामहत्यिणा अणगारेणं एवं वृत्ते समाणे | संकिए कंखिए वितिगिच्छिए उहाए उद्देइ त्ता सामहस्थिणा अणगारेणं सद्धि जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छद ता समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ त्ता एवं पयासी-8 अस्थि णं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररपणो तायत्तीसगा देवा २१,हंता अस्थि, से केपट्टेणं भंते ! एवं वुचइ', एवं तं चेव सव्वं भाणियब्वं जाव तप्पभिः चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो तायत्तीसगा देवा २१, णो इणटे समढे, गोयमा ! चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो तायत्तीसगाणं देवाणं सासए नामधेजे पं०, जन |कयाइ नासीन कदापि न भवति ण कयाई ण भविस्सइ जाच निचे अब्बोच्छित्तिनयट्ठयाए अन्ने चयंति अन्ने उववजंति, अस्थि णं भंते ! पलिस्स वइरोयणिदस्स बहरोयणरन्नो तायत्तीसगा देवा २१, हंता अस्थि, से केणद्वेणं भंते! एवं युचर पलिस्स वइरोयर्णिदस्स जाव तायत्तीसगा देवा २१, एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं. इहेब जंबुद्दीवे २ भारहे वासे |विभेले णाम संनिवेसे होत्था बन्नओ, तस्थ णं विभेले संनिसे जहा चमरस्स जाब उववन्ना, जप्पभिई च णं भंते ! ते विभेलगा तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासगा बलिस्स वह० सेसं तं चेव जाप निचे अव्वोच्छित्तिणयट्ठयाए अन्ने चयंति अन्ने उववजंति, अस्थि णं भंते ! धरणस्स णागकुमारिंदस्स नागकुमाररमो तायत्तीसगा देवा ?, इंता अस्थि, से केणद्वेणं जाव तायत्तीसगा देवा २१, गोयमा ! धरणस्स नागकुमारिंदस्स नागकुमाररन्नो तायत्तीसगाणं देवाणं सासए नामधेजे पं० जं न कयाइ नासी जाव अन्ने चयंति अन्ने उववजंति, एवं भूयाणंदस्सवि एवं जाच महाघोसस्स, अस्थि णं भंते ! सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो पुच्छा, हंता अस्थि, से केणट्टेणं जाव तायत्तीसगा देवा २१, एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं० इहेब जंचुदीवे दीये भारहे वासे पालासए नामं संनिवेसे होस्था वन्नओ, तत्थ णं पालासए सन्निवेसे तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोचासया जहा चमरस्स जाव विहरंति, | तए णं तायत्तीसं सहाया गाहावई समणोवासगा पुबिपि पच्छावि उम्गा उम्गविहारी संविग्गा संविग्गविहारी बहूई वासाई समणोवासगपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं असेइत्ता सढि भत्ताई अणसणाए छेति त्ता आलोइयपडिकता समाहिपत्ता कालमासे कालं किचा जाव उववना, जप्पभिई च णं भंते ! पालासगा तायत्तीसं सहाया गाहाचई समणोबासगा सेसं जहा चमरस्स जाव उववजंति, अस्थि णं भंते ! ईसाणस्स एवं जहा सक्कस्स नवरं चंपाए नयरीए जाव उववन्ना, जप्पभिई चणं भंते ! चंपिज्जा तायत्तीसं सहाया सेसं तं चेव जाव अजे उववजति, अस्थि णं भंते ! सणंकमारस्स देविंदस्स देवरन्नो पुच्छा, हंता अस्थि, से केणढणं जहा धरणस्स तहेव, एवं जाव पाणयस्स, एवं अच्चयस्स जाव अन्ने उक्वजति । सेवं भंते ! सेवं भंते!। ४०३ ॥ श०१० उ०४॥ तेणं कालेणं० रायगिहे नाम नगरे गुणसिलए चेइए जाव परिसा पडिगया, तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे अंतेवासी थेरा भगवंतो जाइसंपन्ना जहा अट्ठमे सए सत्तमुद्देसए जाब विहरति, तए ण ते थेरा भगवंतो जायसड्ढा जाव संसया जहा गोयमसामी जाव पजुवासमाणा एवं वयासी-चमरस्स णं भंते ! अमुरिंदस्स असुरकुमाररमो कति अग्गमहिसीओ पं०१, अजो! पंच अग्गमहिसीओ पं०२०-काली रायी रयणी विजू मेहा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अट्टदेवीसहस्सा परिवारो पं०, पभू णं भंते ! ताओ एगमेगा देवी अचाई अदृट्टदेवीसहस्साई परिवारं विउवित्तए?, एवामेव सपुष्यावरेणं चत्तालीसं देवीसहस्सा, से तं तुहिए, पभू णं भंते! चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि तुडिएणं सद्धिं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए?, णो तिणढे समढे, से | केणडेणं भंते ! एवं वुचइ नो पभू चमरे असुरिंदे० चमरचंचाए रायहाणीए जाब विहरित्तए ?, अज्जो ! चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररनो चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुह| म्माए माणवए चेइयखंभे वइरामएमु गोलबट्टसमुग्गएसु बहुइओ जिणसकहाओ संनिक्खित्ताओ चिट्ठति, जाओ णं चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररमो अन्नेसि च बहूणं असुर कुमाराणं देवाण य देवीण य अचणिजाओ वंदणिजाओ नमंसणिजाओ पूणिजाओ सकारणिजाओ सम्माणणिज्जाओ कडाणं मंगलं देवयं चेइयं पजुवासणिजाओ भवंति (६६) २६४ श्रीभगवत्यंगं - ant- १० मुनि दीपरनसागर Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SHRASSPENISHEMASPICAROPRMSHTRABPICK2SPIONSHISAASHNASHTRANSPIROMISHRAASHRAICHEMEMOREPARANASON तेसिं पणिहाए नो पभू, से तेणटेणं अजो! एवं बुचइ-नो पभू चमरे असुरिंदे जाव राया चमरचंचाए जाव विहरित्तए, पभू णं अज्जो ! चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सीहिं तायत्तीसाए जात अन्नेहिं च बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहि य देवीहि य सदि संपरिबुडे महयाऽऽहय जाव भुंजमाणे विहरित्तए, केवलं परियारिड्ढीए नो चेव णं मेहुणवत्तियं । ४०४। चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुरकुमाररनो सोमस्स महारबो कति अग्गमहिसीओ पं०?, अजो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० त० कणगा कणगलया चित्तगुत्ता वसुंधरा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए एगमेगं देविसहस्सं परिवारो पं०, पभू णं भंते ! ताओ एगमेगाए देवीए अन्नं एगमेगं देवीसहस्सं परियारं विउव्बित्तए?, एवामेच सपुव्वावरेणं चत्तारि देविसहस्सा, सेत्तं तुडिए. पभू णं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो सोमे महाराया सोमाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए सोमंसि सीहासणंसि तुडिएणं अवसेसं जहा चमरस्स, नवरं परियारो जहा सूरियाभस्स, सेसं तं चेव जाव नो चेव णं मेहुणवत्तियं, चमरस्स णं भंते ! जाब रनो जमस्स महारनो कति अग्गमहिसीओ, एवं चेव नवरं जमाए रायहाणीए सेसं जहा सोमस्स, एवं वरुणस्सवि, नवरं वरुणाए रायहाणीए, एवं वेसमणस्सवि, नवरं बेसमणाए रायहाणीए, सेसं तं चेव जाव मेहुणवत्तियं, बलिस्स णं भंते! वइरोयणिंदस्स०? पुच्छा, अजो ! पंच अग्गमहिसीओ पं० त०-सुभा निसुंभा रंभा निरंभा मदणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अट्ठ सेसं जहा चमरस्स, नवरं बलिचंचाए रायहाणीए, परियारो जहा मोउद्देसए, सेसं तं चेव जाव मेहुणवत्तियं, बलिस्स णं भंते ! वइरोयर्णिदस्स वइरोयणरनो सोमस्स महारनो कति अम्गमहिसीओ पं०१, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० त०-मीणगा सुभद्दा विजया असणी, तत्य णं एगमेगाए देवीए सेसं जहा चमरसोमस्स, एवं जाव वेसमणस्स, धरणस्स णं भंते ! नागकुमारिंदस्स नागकुमाररनो कति अग्गमहिसीओ पं०?, अज्जो! छ अम्गमहिसीओ पं० २०-इला सुक्का सत्तेरा सोदामणी इंदा घणविज्जुया, तत्थ णं एगमेगाए देवीए छ छ देविसहस्साइं परिवारो पं०. पभू णं भंते ! ताओ एगमेगाए देवीए अन्नाई छ छ देविसहस्साई परियारं विउवित्तए? एवामेव सपुब्बावरेणं छत्तीसं देविसहस्साई, सेत्तं तुडिए, पभू णं भंते ! धरणे सेसं तं चेव, नवरं धरणाए गयहाणीए धरणंसि सीहासणंसि सओ परियारो सेसं तं चेव, धरणस्स णं भंते ! नागकुमारिदस्स कालवालस्स महारन्नो कति अग्गमहिसीओ पं०१, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० त०-असोगा विमला सुप्पभा सुदंसणा, तत्थ णं एगमेगाए अवसेसं जहा चमरस्स लोगपालाणं, एवं सेसाणं तिण्हवि, भूयाणंदस्स णं भंते ! पुच्छा, अबो ! छ अग्गमहिस्सीओ पं० त० रूया रूयंसा सुरूया रुयगावती रुयकता रुयप्पभा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अवसेसं जहा धरणस्स, भूयाणंदस्स णं भंते ! नागवित्तस्स पुच्छा, अजो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं०२०-सुणंदा सुभद्दा सुजाया सुमणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अवसेसं जहा चमरलोगपालाणं, एवं सेसाणं तिष्हवि लोगपालाणं, जे दाहिणिडाणिंदा तेसिं जहा धरणिंदस्त, लोगपालाणंपि तेसिं जहा धरणस्स लोगपालाणं, उत्तरिल्लाणं इंदाणं जहा भूयाणंदस्स, लोगपालाणवि तेसि i, नवरं इंदाणं सबोर्सि रायहाणीओ सीहासणाणि य सारसणामगाण, परियारो जहा मोउद्देसए, लोगपालाणं सबर्सि रायहाणीओ सीहासणाणि या सरिसनामगाणि परियारो जहा चमरस्स लोगपालाणं, कालस्स णं भंते ! पिसायिंदस्स पिसायरन्नो कति अग्गमहिसीओ पं०१, अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० त०-कमला कमलप्पभा उप्पला सुदंसणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए एगभगं देविसहस्सं सेसं जहा चमरलोगपालाणं, परियारो तहेव, नवरं कालाए रायहाणीए कालंसि सीहासणंसि, सेसं तं चेव, एवं महाकालस्सवि, सुरूवस्स णं भंते ! भूइंदस्स भूयरनो पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अगमहिसीओ पं० त०-रूववती बहुरूवा सुरुवा सुभगा, तत्थ णं एगमेगाए सेसं जहा कालस्स, एवं पडिरुवस्सवि, पुग्नभहस्स णं भंते ! जक्खिदस्स पुच्छा, अजो! चत्तारि अम्गमहिसीओ पं० तं०- पुना बहुपुत्तिया उत्तमा तारया, तत्थ णं एगमेगाए सेसं जहा कालस्स, एवं माणिभहस्सवि, भीमस्स णं भंते ! रक्खसिंदस्स पुच्छा, अजो! चत्तारि अम्गमहिसीओ पं०२०-पउमा पउमावती कणगा रयणप्पभा, तत्थ णं एगमेगाए सेसं जहा कालस्स, एवं महाभी. मस्सवि, किन्नरस्स णं भंते ! पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं०२०-वडेंसा केतुमती रतिसेणा रइप्पिया, तत्थ णं सेसं तं चेव, एवं किंपुरिसस्सवि, सप्पुरिसस्स णं पुच्छा, अजो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं०२०-रोहिणी नवमिया हिरी पुष्फवती, तत्थ णं एगमेगा० सेसं तं चेव, एवं महापुरिसस्सवि, अतिकायस्स णं पुच्छा, अजो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० त०-भुयंगा भुयंगवती महाकच्छा फुडा, तत्थ णं सेसं तं चेच, एवं महाकायस्सवि, गीयरइस्सणं भंते! पुच्छा, अज्जो! चत्तारि अम्गमहिसीओ पं० त०-सुघोसा विमला सुस्सरा सरस्सई, तत्थ पं० सेसं तं चेव, एवं गीयजसस्सवि, सव्वेसिं एएसिं जहा कालस्स, नवरं सरिसनामियाओ रायहाणीओ सीहासणाणि य, सेसं तं चेव, चंदस्स णं भंते! जोइ. सिंदस्स जोइसरमो पुच्छा, अजो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० तं०-चंदप्पभा दोसिणाभा अचिमाली पभंकरा, एवं जहा जीवाभिगमे जोइसियउसए तहेव, सूरस्सवि सूरप्पभा आय२६५ श्रीभगवत्यंग - -१० मुनि दीपरत्नसागर SHRSPELAPESABPMRAPAMSHESARIHARIHANISPRSHASP858764RIPICHRSPENSPIESBNESSPICHRIH8437858785 Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 898498261813398182 PISARSHESARPRABP8ARSHRSSPARARDPIRMACPERSSP85802850ASPIRSMSPICABPMSPRIMARPABARSH84967888 वाभा अधिमाली पभंकरा, सेसं तं चेव जाव नो चेव ण मेहुणवत्तियं, इंगालस्स णं मंते ! महम्गहस्स कति अग्ग० पुच्छा, अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० त०-विजया बेजयंती जयंती अपराजिया, तत्थ णं एगमेगाए देवीए सेसं तं चेव जहा चंदस्स, नवरं इंगालवडेंसए विमाणे इंगालगंसि सीहासणंसि सेसं तं चेच, एवं जाव वियालगस्तवि, एवं अट्ठासीतीएऽवि महागहाणं माणियच्वं जाच मावकेउस्स, नवरं बढेसगा सीहासणाणि य सरिसनामगाणि सेसं तं चेव, सक्कस्स णं भंते! देविंदस्स देवरन्नो पुच्छा, अज्जो! अट्ट अग्गमहिसीओ प००-पउमा सिवा सया (प्र०सुई)अजू अमला अच्छरा नवमिया रोहिणी, तत्थ ण एगमगाए दवाए सालस सोलस दविसहस्सा परिवारी प०,पर सोलस देविसहस्साई परियारं विउवित्तए, एवामेव सपुव्वावरेणं अट्ठावीसुत्तरं देविसयसहस्सं परियारं विउवित्तए, सेतं तुडिए, पमू णं भंते ! सक्के देविंद देवराया सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडेंसए विमाणे समाए सुहम्माए सकसि सीहासणंसि तुडिएणं सदि सेसं जहा चमरस्स नवरं परियारो जहा मोउद्देसए, सकरू णं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो कति अम्गमहिसीओ ? पुच्छा, अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं०सं०-रोहिणी मदणा चित्ता सोमा, तस्थ णं एगमेगासेसं जहा चमरलोगपालाणं, नवरं सर्वपमे विमाणे सभाए सुहम्माए सोमंसि सीहासणंसि सेसं तं चेव, एवं जाव वेसमणस्स, नवरं विमाणाई जहा तईयसए, ईसाणस्स णं भंते ! पुच्छा, अज्जो! अह अम्गमहिसीओ पं० त०. कण्हा कण्हराई रामा रामरक्खिया बसू बसुगुत्ता वसुमित्ता वसुंधस, तत्थ णं एगमेगाए० सेसं जहा सक्कस्स, ईसाणस्स णं भंते ! देविंदस्स० सोमस्स महारण्णो कति अम्गमहिसीओ? पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० तं०-पुढवी रायी रयणी विजू , तत्य णं० सेसं जहा सकस्स लोगपालाणं, एवं जाव वरुणस्म नवरं विमाणा जहा चउत्थसए, सेसं तं चेव जाव नो थेव मेहुणवत्तियं। त्ति जाव विहरहा४०५॥ श०१० उ०५॥ काह णं भंते! सकस्स दावदस्स दवरन्नो सभा सुहम्मा पं०१. गायमा! जयदीव २ मदरस्स पव्वयस्स दाहिणण इमास | रयणप्पभाए एवं जहा रायप्पसेणइजे जाच पंच बढेसगा पं० सं०-असोगव.सए जाव मज्झे सोहम्मवसए, से णं सोहम्मवडेंसए महाविमाणे अद्धतेरस य जोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं, एवं जह सूरिया तहेव माणं तहेव उववाओ। सकस्स य अभिसेओ तहेव जह सूरियाभस्स ॥६५॥ अलंकारअचणिया तहेव जाव आयरक्वत्ति, दो सागरोवमाई ठिती, सक्के णं भंते ! देविंद देवराया केमदिड्ढीए जाव केमहासोक्खे, गोयमा! महिड्ढीए जाव महासोक्खे, से गं तत्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसहस्साणं जाव विहरति एवंमह व महासोक्खे सके देविंद देवराया। सेवं भंते सेवं भतात्तिा४०६॥ श०१० उ०६॥ कहिन्नं भंते ! उत्तरिडाणं एगोख्यमणस्साणं एगोरुयदीवे नामं दीवे पं०१. एवं जहा जीवाभिगमे तहेब निरवसेंसं जाव मुददंतदीयोति, एए अट्ठावीसं उद्देसगा भाणियव्वा, सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति जाब विहरति । ४०७॥ उ०३४ इति दशमं शतकंफ फा 'उप्पल १ सालु २ पलासे ३ कुंभी ४ नाली ५ य पउम ६ कमी ७ या नलिणसिब ९ लोग १० काला ११ऽऽलंमिय १२ दस दो य एकारे ॥६६॥ उववाओ परिमाणं अवहारुश्चत्त बंध बेद्रे य। उदए उदीरणाए लेसा विट्ठी १० य नाणे य ॥६७॥ जोगुवओगे वन्नरसमाई ऊसासगे य आहारे। विरई किरिया बंधे२० सन्न कसायिस्थि बंधे य ॥ ६८॥ सन्निदिय अणुबंधे संवेहाऽऽहार ठिह ३० समुग्धाए। चयणं मूलादीसु य उववाओ सव्वजीवाणं ३३ ॥६९॥ तेणं कालेणं० रायगिहे जाव पज्जुवासमाणे एवं ययासी-उप्पले णं भंते ! एगपत्तए | किं एगजीवे अणेगजीवे ?, गोयमा ! एगजीवे नो अणेगजीचे, तेण परं जे अन्ने जीचा उववज्जति ते णं णो एगजीचा अणेगजीवा, ते णं भंते ! जीवा कओहिंतो उवक्जंवि? किनेर| इएहिंतो उववज्जति तिरि० मणु देवेहिंतो उववजंति ?, गोयमा ! नो नेरतिएहिंतो उववज्जति तिरिक्खजोणिएहितोऽवि उववजन्ति मणुस्सेहिंतो० देवेहितोऽपि उववज्जंति, एवं उव वाओ भाणियव्यो, जहा वकंतीए वणस्सइकाइयाणं जाव ईसाणेति, ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवड्या उवक्जति?, गोयमा ! जहनेणं एको वा दो वा तिमि वा उक्कोसेणं संखेज्जा | वा असंखेज्जा वा उपवर्जति, ते णं भंते ! जीवा समए २ अवहीरमाणा २ केवतिकालेणं अवहीरंति?, गोयमा ! ते णं असंखेजा समए २ अवहीरमाणा २ असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरति नो चेव णं अवहिया सिया, तेसिंण भंते ! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा पं०१, गोयमा ! जहनेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उकोसेणं सातिरेग जोयणसहस्सं, ते णं भंते ! जीवा णाणावरणिजस्स कम्मस्स किंबंधगा अबंधगा?, गोयमा ! नो अबंधगा बंधए वा बंधगा वा एवं जाव अंतराइयस्स, नवरं आउयस्स पुच्छा, गोयमा ! बंधए वा अबंधए वा पंधगा वा अपंधगा या अहवा बंधए य अबंधए य अहवा बंधए य अपंधगा य अहवा पंधगा य अबंधए य अहवा बंधगा य अबंधगा य एते अट्ठ भंगा, ते णं भंते! जीवा णाणावरणिजस्स कम्मस्स किं वेदगा अवेदगा?, गोयमा! नो अवेदगा वेदए वा वेदगा वा एवं जाव अंतराइयस्स, ते णे भंते ! जीवा किं सायावेयगा असायावेयगा?, गोयमा ! सायावेदए वा असायावेयाश् वा अट्ठ भंगा, ते णं भंते ! जीवा णाणावरणिजस्स कम्मस्स किं उदई अणुदई ?, गोयमा! नो अणुदई उदई वा उदइणो वा, एवं जाव अंतराइयस्स, ते २६६ श्रीभगवयंर्ग--११ मुनि दीपरत्नसागर 3 409840923423495450522-25489542958909840393043 Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SSPEEYEMSPARRPETERMSPARASHARMASPIRANSPARKASH87CHROPIENMASHTAMANSACHEHRENIOSAMIPICSBNGAAR णं भंते ! जीवा णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स किं उदीरगा०१, गोयमा ! नो अणुदीरगा उदीरए वा उदीरगा वा, एवं जाव अंतराइयस्स, नवरं वेयणिज्जाउएसु अट्ठ भंगा, ते णं भंते ! जीवा किं कण्हलेसा नीललेसा काउलेसा तेउलेसा ?, गोयमा! कण्हलेसे वा जाव तेउलेसे वा कण्हलेस्सा वा नीललेस्सा वा काउलेस्सा वा तेउलेस्सा वा अहवा कण्हलेसे य नीललेस्से य एवं एए दुयासंजोगतियासंजोगचउक्कसंजोगेणं असीती भंगा भवंति, ते णं भंते ! जीवा किं सम्मदिट्टी मिच्छादिट्टी सम्मामिच्छादिट्ठी ?, गोयमा ! नो सम्मदिट्ठी नो सम्मामि च्छादिट्टी मिच्छादिट्टी वा मिच्छादिविणो वा १०, ते णं भंते ! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, गोयमा ! नो नाणी अण्णाणी वा अन्नाणिणो वा, ते ण भंते ! जीवा किं मणजोगी वयजोगी कायजोगी. गोयमा ! णो मणजोगी णो वयजोगी कायजोगी वा कायजोगिणो वा, ते णं भंते ! जीवा किं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता?, गोयमा! सागारोवउत्ते वा अणागारोवउत्ते या अट्ठ भंगा, तेसिं णं भंते ! जीवाणं सरीरगा कतिवन्ना कतिगंधा कतिरसा कतिफासा पं० १, गोयमा ! पंचवन्ना पंचरसा दुगंधा अट्ठफासा पं०, ते पुण अप्पणा अवन्ना अगंधा अरसा अफासा पं०, ते णं भंते ! जीवा किं उस्सासा निस्सासा नोउस्सासनीसासा ?गोयमा ! उस्सासए वा निस्सासए वा नो उम्सासनिस्सासए वा उस्सासगा वा निस्सासगा वा नोउस्सासनीसासगाचा अहवा उस्सासए य निस्सासए य अहवा उस्सासए य नोउस्सासनिस्सासए य अहवा निस्सासए यनोउस्सासनीसासए य,अहवा ऊसासए य नीसासए यनोउएय अट्ठभंगा, एए छब्बीसं भंगा भवंति, ते णं भंते ! जीवा किं आहारगा अणाहारगा?, गोयमा! नो अणाहारगा आहारए वा अणाहारए वा एवं अट्ठ भंगा, ते णं भंते! अचिरया वा, ते णं भंते ! जीवा कि सकिरिया वा अकिरिया वा?, गोयमा! नो अकिरिया सकि. रिए वा सकिरिया बा, ते ण भंते ! जीवा किं सत्तविहबंधगा वा अट्ठचिहबंधगा वा ?, गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अढविहबंधए वा अट्ठ भंगा २०, ते णं भंते! जीवा किं आहारसन्नोवउत्ता भयसन्नोवउत्ता मेहुणसन्नोवउत्ता परिम्गहसन्नोवउत्ता ?, गोयमा ! आहारसन्नोवउत्ता वा असीती भंगा, ते णं भंते ! जीवा किं कोहकसाई माणकसाई मायाकसाई लोभकसाई?. असीती भंगा, ते णं भंते ! जीवा किं इत्थीवेदगा पुरिसवेदगा नपुंसगवेदगा ?, गोयमा ! नो इत्थिवेदगा नो पुरिसवेदगा नपुंसगवेदए या नपुंसगवेदगा वा, ते णं भंते ! जीवा किं इत्थीवे. दबंधगा पुरिसवेदबंधगा नपुंसगवेदबंधगा ?, गोयमा ! इत्थिवेदबंधए वा पुरिसवेदबंधए वा नपुंसगवेयबंधए वा छब्बीसं भंगा, ते णं भंते ! जीवा किं सन्नी असनी ?, गोयमा! नो सची असनी वा असनिणो वा, ते णं भंते ! जीवा कि सइंदिया अणिदिया ?, गोयमा ! नो अणिदिया सइंदिए वा सइंदिया वा, से णं भंते ! उप्पलजीवेति कालतो केवचिरं होइ ?, गोयमा! जहन्नेणं अंतोमहुत्तं.उकोसेणं असंखेज कालं, से णं भंते ! उप्पलजीवे पुढवीजीवे पुणरवि उप्पलजीवेत्ति केवतियं कालं सेवेज्जा? केवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा ?, गोयमा ! भवा देसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई उकोसेणं असंखेज्जाइं भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं असंखेनं कालं एवतियं कालं सेवेज्जा एवतियं कालं गतिरागति का करेजा, से णं भंते ! उप्पलजीवे आउजीवे० एवं चेव, एवं जहा पुढवीजीवे भणिए तहा जाव वाउजीचे भाणियब्वे, से णं भंते ! उप्पलजीवे से वणस्साइजीचे से पुणरवि उप्पलजीवेत्ति | केवइयं कालं सेवेज्जा केवतियं कालं गतिरागतिं करेजा?, गोयमा ! भवादेसेणं जहन्नेणं दो भवरगहणाई उकोसेणं अणंताई भवग्गहणाई, कालाएसेणं जहनेणं दो अंतोमुहुत्ता उक्को सेणं अर्णतं कालं तरुकालं एवइयं कालं सेवेजा एवइयं कालं गतिरागतिं करेजा, से णं भंते ! उप्पलजीचे वेइंदियजीवे पुणरवि उप्पलजीवेत्ति केवइयं कालं सेवेजा केवतियं कालं गति रागतिं करेजा, गोयमा ! भवादेसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई उकोसेणं संखेज्जाई भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमहत्ता उकोसेणं संखेज कालं एवतियं कालं सेवेज्जा | एवतियं कालं गतिरागतिं करेजा, एवं तेइंदियजीवे, एवं चउरिदियजीवेऽवि, से णं भंते ! उप्पलजीवे पंचेंदियतिरिक्खजोणियजीवे पुणरवि उप्पलजीवेत्ति पुच्छा, गोयमा ! भवादेसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई उकोसेणं अट्ठ भवम्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुत्ताई उकोसेणं पृथ्वकोडिपहत्ताई एवतिय काल सेवेजा एवतियं कालं गतिरागतिं करेजा. एवं मणुस्सेणवि समं जाव एवतियं कालं गतिरागतिं करेजा, ते णं मंते ! जीवा किमाहारमाहारैति?, गोयमा ! दब्बओ अणंतपएसियाई दवाई एवं जहा आहारुहेसए वणस्सइकाइयाणं आहारो तहेव जाव सबप्पणयाए आहारमाहारेंति नवरं नियमा छदिसि सेसं तं चेव, तेसिं णं भंते ! जीवाणं केवइयं कालं ठिई पं०१, गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं दस वाससहस्साई ३०, तेसिणं भंते! जीवाणं कति समुग्घाया पं०१, गोयमा! तओ समुग्घाया पं० त०-वेदणासमुग्धाए कसायस मारणंतियस०, ते णं भंते ! जीचा मारणंतियसमुग्याएणं किं समोहया मरंति असमोहया मरंति ?, गोयमा ! समोहयावि मरंति असमोहयावि मरंति, ते णं भंते ! जीवा अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छति कहिं उववज्जति किं नेरइएसु उववजति तिरिक्सजोणिएसु उपय०१, एवं जहा पकतीए उब्वहणाए वणस्सइकाइयाणं तहा माणियच्वं, अह मंते ! सव्वपाणा सयभूया सव्वजीचा सनसत्ता उप्पलमूलत्ताए उप्प. २६७ श्रीभगवत्यंग-स-११ मुनि दीपरत्नसागर PANCHESHIPIRATBPOARSHASPONSPINASPRINSFEREFORMSPARSHEMSHERAPISSINESSPARIPANINEE Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लकंदत्ताए उप्पलनालत्ताए उप्पलपत्तत्ताए उप्पलकेसरत्ताए उप्पलकन्नियत्ताए उप्पलथिभुगत्ताए उबवन्नपुब्वा ?, हंता गोयमा! असतिं अदुवा अणतक्खुत्तो सेवं भंते! सेवं मंासि । ४०८ । उप्पलुद्देसए ॥ श० ११३०१ ॥ सालए णं भंते ! एगपत्तए किं एगजीवे अणेगजीवे १, गोयमा ! एगजीवे०, एवं उप्पलुद्देसगवत्तब्वया अपरिसेसा भाणियव्वा जाव अनंतखुत्तो, नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलम्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं धणुपुहुत्तं, सेसं तं चेव सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति । ४०९ ॥ श० ११ उ० २ ॥ पलासे णं भंते! एगपत्तए किं एगजीवे अणेगजीवे ?, एवं उप्पलुदेसगवत्तब्वया अपरिसेसा भाणियव्वा, नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं गाउयपुहुत्ता, देवा एएस चैव न उपबति लेसासु ते णं भंते! जीवा किं कण्ट्लेसे नीललेसे काउलेसे १, गोयमा ! कण्हलेस्से वा नीललेस्से वा काउलेस्से वा छब्बीसं भंगा, सेसं तं चैव सेवं भंते! २त्ति । ४१० ॥ श० ११ उ० ३। कुंभिए णं भंते! एगपत्तए किं एगजीवे अणेगजीवे १, एवं जहा पलासुद्देसए तहा भाणियव्वं नवरं ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं वासपुहुत्तं, सेसं तं चैव । सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति । ४११ ॥ श० ११ उ० ४ ॥ नालिए णं भंते! एगपत्तए किं एगजीवे अणेगजीवे ? एवं कुंभिउद्देसगवत्तब्वया निरवसेसा भाणियव्या सेवं भंते ! सेवं भंते! त्ति । ४१२ ॥ श० ११३०५ ॥ पउमे णं भंते! एगपत्तए किं एगजीचे अणेगजीवे ?, एवं उप्पलहेसगवत्तव्वया निरवसेसा भाणियब्बा सेवं भंते! सेवं भंते!ति । ४१३ ॥ श० ११ उ० ६ ॥ कचिए णं भंते! एगपत्तए किं एगजीवे० १, एवं चेव निरवसेसं भाणियव्वं सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति । ४१४ ॥ श० ११ उ०७ ॥ नलिणे णं भंते! एगपत्तए किं एगजीवे अणेगजीवे १, एवं चैव निरवसेसं जाब अतक्खुत्तो। सेवं भंते! सेवं भंते त्ति । ४१५ ॥ श० ११ उ० ८ ॥ तेण कालेनं० हरियणापुरे नामं नगरं होत्या वन्नओ, तस्स णं हत्यिणापुरस्स नगरस्स बढ़िया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभागे एत्थ णं सहसंबवणे णामं उज्जाणे होत्या सव्बोउयपुप्फफलसमिद्धे रम्मे णंदणवणसंनिप्पगासे सुहसीयलच्छाए मणोरमे सादुफले अकंटए पासादीए जाब पढिरूबे, तत्थ णं हरियणापुरे नगरे सिवे नामं राया होत्या महयाहिमवंत वन्नओ, तस्स णं सिवस्स रन्नो धारिणी नामं देवी होत्या सुकुमालपाणिपाया बन्नओ, तस्स णं सिवस्स रन्नो पुत्ते धारणीए देवीए अत्तए सिवभद्दए नामं कुमारे होत्या सुकुमाल० जहा सूरियकंते जाव पचुवेक्खमाणे २ विहरइ, तए णं तस्स सिवस्स रन्नो अन्नया कयावि पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि रज्जधुरं चिंतेमाणस्स अयमेयारूवे अग्मत्थिए जाव समुप्पज्जित्था अत्थि ता मे पुरा पोराणाणं जहा तामलिस्स जाव पुत्तेहिं वड्ढामि पसूहिं वड्ढामि रज्जेणं वद्धामि एवं रद्वेणं बलेणं वाहणेणं कोसेणं कोट्टागारेणं पुरेणं अंतेउरेणं बड्ढामि विपुलधणकणगरयणजावसंतसारसावएज्जेणं अतीव २ अभिवड्ढामि तं किन्नं अहं पुरा पोराणाणं जाव एगंतसोक्खयं उब्वेहमाणे विहरामि तं जानताब अहं हिरणं वड्ढामि तं चैव जाव अभिवदामि जाय में सामंतरायाणोऽवि बसे बहंति ताव ता मे सेयं कई पाउप्पभायाए जाब जलते सुबहु लोहीलोडकडाहकडुच्छ्रयं तंबियं ताक्सभंडगं घडावेत्ता सिवमहं कुमारं रज्जे ठावेत्ता तं सुबहु लोहीलोहकढाहकडुच्छ्रयं तंबियं तावसभंडगं गद्दाय जे इमे गंगाकूले वाणपत्था ताबसा भवति, तं० - होत्तिया पोत्तिया जहा उववाइए जाव कटुसोलियंपिव अप्पाणं करेमाणा विहरंति, तत्थ णं जे ते दिसापोक्खियतावसा तेसिं अंतियं मुंडे भवित्ता दिलापोक्खियतावसत्ताए पव्वइत्तए, पव्वऽविय णं समाणे अयमेयारूवं अभिग्गदं अभिगिन्हिस्सामि कप्पड़ मे जावज्जीवाए छछट्टेणं अनिक्खित्तेणं दिसाचकवालेणं तवोकम्मेणं उद्धं बाहाओ पगिज्झिय २ जाव विहरित्तएत्तिकट्टु एवं संपेहेति त्ता कलं जाय जलते सुबहु लोहीलोह जाव घडावेत्ता कोडुंबियपुरिसे सहावेइ ता एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! हत्यिणापुरं नगरं सम्भितरबाहिरियं आसिय जाव तमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति, तए णं से सिवे राया दोचंपि कोटुंबियपुरिसे सहावेति त्ता एवं क्यासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सिवभदस्स कुमारस्स महत्थं० विलं रायाभिसेयं उबडवेह, तए णं ते कोटुंबियपुरिसा तहेब उबट्टवेंति, तए णं से सिवे राया अणेगगणन यगदंडनायगजावसंधिपाल सद्धिं संपरिवुडे सिवभदं कुमारं सीहासणवरंसि पुरत्याभिमुहं निसीयावेइ ता असएणं सोवनियाणं कलसाणं जाव अट्ठसएणं भोमेज्जाणं कलसाणं सविट्टीए जाव खेणं महया २ रायाभिसेएणं अभिसिंचइ ता पम्हलसुकुमालाए सुरभिए गंधकासाईए गायाई लूहेइ त्ता सरसेणं गोसीसेणं एवं जहेव जमालिस्स अलंकारो तहेब जाव कप्परुक्खगंपिय अलंकियविभूसियं करेति त्ता करयल जाव कट्टु सिवभहं कुमारं जणं विजएणं वदावेति ता ताहिं इाहिं कंठाहिं पियाहिं जहा उववाइए कोणियस्स जाब परमाउं पालयाहि इट्ठजणसंपरिवुडे हत्यिणापुरस्स नगरस्स अन्नेसिं च बहूणं गामागरनगर जाव विहराहित्तिकट्टु जयजयसहं परंजंति, तए णं से सिवभद्दे कुमारे राया जाए महयाहिमवंत वण्णओ जाव विहरइ, तए णं से सिवे राया अन्नया कयाई सोभणंसि तिहिकरणनक्खत्तदिवसमुद्दत्तंसि विपुलं असणपाणखाइमसाइमं उवक्खडावेति त्ता मित्तणाइनियगजावपरिजणं रायाणो य खत्तिए य आमंतेति त्ता तओ पच्छा व्हाए जाव सरीरे भोयणवेलाए भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए तेणं मित्तणातिनियगसयणजावपरिजणेणं राएहि य खत्तिएहि य सद्धिं विपुलं असणपाणखाइमसाइमं एवं जहा तामली जाब सकारेति संमाणेति सा तं मित्तणातिजानपरिजणं रायाणो य खतिए य सिवमदं च रायाणं आपुच्छइ ता सुबहु लोहीलोहक डाहकडुच्छं जाव मंडगं गहाय जे इमे गंगाकूलगा वाण (६७) २६८ श्रीभगवत्यंग - तं- ११ मुनि दीपरत्नसागर Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्था तावसा भवंति तं चेव जाव तेसिं अंतिय मुंडे भवित्ता दिसापोक्खियतावसत्ताए पव्वइए, पव्वइएऽबिय णं समाणे अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-कप्पड़ मे जावजीवाए छदं तं चेव जाव अभिग्गहं अभिगिण्हइ त्ता पढम छट्ठक्खमणं उपसंपजित्ताणं विहरइ, तए णं से सिवे रायरिसी पढमढक्खमणपारणगंसि आयावणभूमीए पञ्चोकहइत्ता वागल. वत्थनियत्थे जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छद ता किढिणसंकाइयगं गिण्हइ त्ता पुरच्छिमं दिसं पोक्खेद पुरच्छिमाए दिसाए सोमे महाराया पत्याणे पत्थियं अभिरक्खउ सिर्व रायरिसिं जाणि य तत्थ कंदाणि य मूलाणि य तयाणि य पत्ताणि य पुष्पाणि य फलाणि य बीयाणि य हरियाणि य ताणि अणुजाणउत्तिकटु पुरच्छिमं दिसं पसरति त्ता जाणि य तत्य कदाणि य जाब हरियाणि य ताई गेण्हइ त्ता किढिणसंकाइयं भरेइ त्ता दम्भे य कुसे य समिहाओ य पत्तामोडं च गेण्हेइ त्ता जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ त्ता किढिणसंकाइयगं ठवेइ त्ता वेदिं बड्ढेइ सा उवलेवणसंमजणं करेइ सा दम्भसगम्भकलसाहत्वगए जेणेव गंगा महानदी तेणेव उवागच्छइ त्ता गंगामहानदी ओगाहेति ता जलमजणं करेइ ता जलकीडं करेइ त्ता जलाभिसेयं करेति त्ता आयंते चोक्खे परमसुईभूए देवयपितिकयकजे दम्भसगम्भकलसाहत्थगए गंगाओ महानईओ पचुत्तरइ त्ता जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ त्ता दम्भेहि य कुसेहि य वालुयाएहि य वेति रएति ता सरएणं अरणिं महेति त्ता अग्गि पाडेति त्ता अग्गि संधुक्केड ता समिहाकट्ठाई पक्खिबइ ता अमिंग उज्जालना 'अग्गिस्स दाहिणे पासे, सत्तंगाइं समादहे। तं०-सकई वक्कलं ठाणं, सिज्जा भंडं कमंडलु ॥ ७० ॥ दंडदार तहा पाणं: त्ता चरुं साहेइत्ता बलिं वइस्सदेवं करेइ त्ता अतिहिपूयं करेइ त्ता तओ पच्छा अप्पणा आहारमाहारेति, तए णं से सिके रायरिसी दोचं छटुक्खमणं उपसंपजित्ताणं विहरइ, तए णं से सिवे रायरिसी दोचे छहक्खमणपारणगंसि आयावणभूमीओ पचोरुहइत्ता एवं जहा पढमपारणगं नवरं दाहिणगं दिसं पोक्खेति ता दाहिणाए दिसाए जमे महाराया पत्थाणे पत्थियं सेसं ते चेष आहारमाहारेइ, तए णं से सिवे रायरिसी तचं छट्टक्खमणं उपसंपज्जित्ताणं विहरति, तए णं से सिवे रायरिसी सेसं तं चेव नवरं पञ्चच्छिमाए दिसाए वरुणे महाराया पत्थाणे पत्थियं सेसं तं चेव जाव आहारमाहारेइ, तए णं से सिवे रायरिसी चउत्थं छट्टक्खमणं उवसंपजित्ताणं विहरइ, तए णं से सिवे गयरिसी चउत्थे छट्टक्वमण एवं तं चेव नवरं उत्तरदिसं पोक्खेइ उत्तराए दिसाए बेसमणे महाराया पत्याणे पत्थियं अभिरक्खउ सिर्व सेसं तं चेव जाच तओ पच्छा अप्पणा आहारमाहारेइ । ४१६। तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स छटुं. ठणं जाव आयाबमाणस्स पगइभदयाए जाव विणाययाए अन्नया कयावि तयावरणिज्जाणं कम्मार्ण खओबसमणं ईहापोहमम्गणगवेसणं करेमाणस्स | विभंगे नामं अन्नाणे समुप्पन्ने, से णं तेणं विभंगनाणेणं समुप्पन्नेणं पासइ अस्सि लोए सत्त दीवे सत्त समुद्दे, तेण परं न जाणति न पासति, तए णं तस्स सिवस्स गयरिसिस्स अयमेयारुवे अब्भत्थिए जाव समुप्पज्जित्था-अत्यि णं ममं अइसेसे नाणदंसणे समुप्पन्ने एवं खलु अस्सि लोए सत्त दीवा सत्त समुहा तेणं परं चोच्छिन्ना दीवा य समुद्दा य, एवं संपेहेइ चा आयावणभूमीओ पच्चोरुहइ त्ता बागलवत्यनियत्थे जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ त्ता सुबहुं लोहीलोहकडाहकडुच्छ्रयं जाव भंडगं किढिणसंकाइयं च गेष्हइत्ता जेणेव हत्थिणापुरे नगरे जेणेव तावसावसहे तेणेव उवागच्छड ता भंडनिक्खेवं करेइ ना हथिणापुरे नगरे सिंघाडगतिगजावपहेसु बहुजणस्स एचमाइक्खइ जाव एवं परूबेइ-अस्थि णं देवाणु दीवा य समुदाय, तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अंतिय एयम? सोचा निसम्म हथिणापुरे णगरे सिंघाडगतिगजावपद्देसु बहुजणो अन्नमनस्स एवमाइक्खड़ जाव परूवेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया ! सिवे रायरिसी एवं आइक्वइ जाव परूवेइ-अस्थि णं देवाणुप्पिया! ममं अतिसेसे नाणदंसणे जाव तेणं परं वोच्छिन्ना दीवा य समुहा य, से कहमेयं मने एवं ?, तेणं कालेणं० सामी समोसढे परिसा जाब पडिगया, तेणं कालेणं० समणस्स भगवजी महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी जहा वितियसए नियंतृदेसए जाव अडमाणे बहुजणसई निसामेइ बहुजणो अन्नमन्नस्स एवं आइक्खइ एवं जाच परवेद-एवं खलु देवाणुप्पिया ! सिके रायरिसी एवं आइक्वइ जाव परूवेइ-अस्थि णं देवाणुप्पिया ! तं चेव जाव वोच्छिन्ना दीवा य समुद्दा य से कहमेयं मन्ने एवं ?, तए णं भगवं गोयमे बहुजणस्स अंतियं एयमट्ट सोचा निसम्म जाब सड्ढे जहा नियंतृदेसए जाच तेणं परं वोच्छिन्ना दीवा य समुहा य, से कहमेयं भंते ! एवं ?, गोयमादि समण भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी-जन्न गोयमा ! से बहजणे अन्नमन्नस्स एवमातिक्षात चेव सव्वं भाणियब्वं जाव भंडनिक्खेवं करेति हथिणापुरे नगरे सिंघाडगळतं चेव जाय बोच्छिन्ना दीवा य समुद्दा य, तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अंतिए एयमढे सोचा निसम्म त चेव सर्व भाणियव्वं जाव तेणं परं वोच्छिन्ना दीवा य समुदा य तण्णं मिच्छा, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्वामि जाव परुबेमिएवं खलु जंबुद्दीवादीया दीवा लवणादीया समुदा संठाणओ एगविहिविहाणा वित्थारओ अणेगविहिविहाणा एवं जहा जीवाभिगमे जाव सयंभूरमणपज्जवसाणा अस्सि तिरियलोए २६९ श्रीभगवत्यंग - सत-११ मुनि दीपरत्नसागर REFERPRIMRAPERSPIRARSHAASPENSPIGMASPORARYAASPICHEPRISPEABPSSSPARSHIAASY048-88 Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ |. असंखेज्जा दीवसमुदा पं० समणाउसो !, अस्थि ण भंते ! जंबुद्दीवे दीवे दव्वाई सवन्नाइंपि अवन्नाईपि सगंधाइंपि अगंधाइंपि सरसाइंपि अरसाईपि सफासाईपि अफासाइंपि अन्नमन्नवदाई अन्नमनपुटाई जाव घडताए चिट्ठति ?, हंता अस्थि, अस्थि णं भंते ! लवणसमुहे दवाई सवन्नाइंपि अपनाईपि सगंधाइपि अगंधाईपि सरसाइंपि अरसाइंपि सफासाइंपि अफासाईपि अन्नमनपराई अन्नमन्नपुट्ठाई जाव पडताए चिट्ठति ?, हंता अस्थि, अत्थि णं भंते ! घायइसंडे दीवे दवाई सवन्नाईपि० एवं चेव, एवं जाव सयंभूरमणसमुद्दे ? जाव हंता अस्थि, तए णं सा महतिमहालिया महवपरिसा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमटुं सोचा निसम्म हड्तवा समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ त्ता जामेव दिसं पाउम्भूया तामेव दिसं पडिगया, तए णं हत्थिणापुरे नगरे सिंघाढगजावपहेसु बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ जाव परुवेइ-जन्नं देवाणुप्पिया ! सिवे रायरिसी एवमाइक्खइ जाव परूवेइ-अत्पिणं देवाणुप्पिया! ममं अतिसेसे नाणदंसणे जाव समुद्दा य तं नो इणढे समटे. समणे भगवं महावीरे एवमाइक्खइ जाव परूवेइ-एवं खलु एयरस सिवस्स रायरिसिस्स छ8छट्टेणं तं चेव जाव भंडनिक्खेवं करेइ त्ता हथिणापुरे नगरे सिंघाडग जाव समुद्दा य, तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अंतियं एयमढे सोचा निसम्म जाव समुदा य तण्णं मिच्छा, समणे भगवं महावीरे एवमाइक्खइ० एवं खलु जंबुद्दीवादीया दीचा लवणादीया समुद्दा तं चेव जाव असंखेजा दीवसमुदा पं० समणाउसो!, तए णं से सिवे रायरिसी बहुजणस्स अंतियं एयमहूँ सोचा निसम्म संकिए कंखिए वितिगिच्छिए भेदसमावन्ने कलुससमावने जाए यावि होत्या, तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स संकियस्स कंखियस्स जाच कलुससमावचस्स से विभंगे अन्नाणे खिप्पामेव परिवडिए, तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अयमेयारूवे अब्भस्थिए जाव समुष्पजित्था एवं खलु समणे भगवं महावीरे आदिगरे तित्थगरे जाव सब्वन्नू सब्बदरिसी आगासगएणं चकेणं जाव सहसंबवणे उज्जाणे अहापडिरुवं जाव विहरइ, तं महाफलं खल तहारुवाणं अरहतार्ण भगवंताणं नामगोयस्स जहा उववाइए जाव गहणयाए, तं गच्छामि णं समणं भगवं महावीरं वदामि जाब पज्जुवासामि, एयं णं इहभवे य परभवे य जाच भविस्सइत्तिकटु एवं संपेहेति त्ता जेणेव तावसावसहे तेणेव उवागच्छइ त्ता ताबसावसह अणुप्पविसति त्ता सुबहुं लोहीलोहकडाह जाव किढिणसंकातिगं च गेण्हइ त्ता तावसावसहाओ पडिनिक्खमति त्ता परिवडियविम्भंगे हथिणापुरं नगर मझमझेणं निम्गच्छइत्ता जेणेव सहसंचवणे उजाणे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइत्ता वंदसि नमसति त्ता नचासन्ने नाइदूरे जाव पंजलिउडे पज्जुवासइ, तए णं समणे भगवं महावीरे सिवस्स रायरिसिस्स तीसे य महतिमहालियाए जाव आणाए आराहए भवइ, तए णं से सिवे रायरिसी समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोचा निसम्म जहा खंदओ जाव उत्तरपुरच्छिमं दिसीमागं अवकमइत्ता सुबहुं लोहीलोहकडाह जाव किढिणसंकातिगं एगते एडेइ त्ता सयमेव पंचमुट्टियं लोयं करेति त्ता समणं भगवं महावीरं एवं जहेब उसमदत्ते तहेव पव्वइओ इक्कारस अंगाई अहिज्जति तहेव सव्वं जाव सम्बदुक्खप्पहीणे।४१७४ भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं बंदइ नमसइत्ता एवं वयासी-जीवा णं भंते ! सिझमाणा कयरंमि संघयणे सिझंति ?, गोयमा! पयरोसभणारायसंघयणे सिझंति, एवं जहेव उवचाइए तहेव संघयणं संठाणं उच्चत्तं आउयं च परिवसणा, एवं सिदिगंडिया निरवसेसा भाणियब्वा जाव अव्वाचाहं सोक्खं अणुहवंति सासया सिद्धा। सेवं भंते!२त्ति।४१८। सिबो समत्तो॥ | श०११ उ०९॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-कतिविहे णं भंते ! लोए पं०, गोयमा! चाउविहे लोए पं० त०-दव्वलोए खेत्तलोए काललोए भावलोए, खेत्तलोए णं भंते! कतिबिहे पं०१, लोए, अहोलोयखेत्तलोए णं भंते ! कतिविहे पं०?, गोयमा! सत्तविहे पं०२०-रयणप्पभापुढवीजहेलोयखेत्तलोए जाब अहेसत्तमापुढवीअहोलोयखेत्तलोए, तिरियलोयक्खेत्तलोए णं भंते ! कतिविहे पं०१, गोयमा ! असंखेजविहे पं० तं०- जंबुद्दीवतिरिय खेत्तलोए जाब सयंभूरम णसमुद्दतिरियलोयखेत्तलोए, उड्ढलोगखेत्तलोए णं भंते ! कतिविहे पं० १, गोयमा ! पन्नरसविहे पं० तं०-सोहम्मकप्पउड्ढलोगखेत्तलोए जाव अचुयउड्ढलोए गेवेचबिमाणउका ढ० लोए अणुत्तरविमाण० ईसिंपन्भारपुढवीउड्ढलोगखेत्तलोए, अहोलोगखेत्तलोए णं भंते ! किंसंठिए पं०?, गोयमा! तप्पागारसंठिए पं०, तिरियलोयखेत्तलोए णं भंते ! किंसंठिए पं०१. गोयमा ! झडरिसंठिए पं०. उड्ढलोयखेत्तलोयपुच्छा, उड्ढमुइंगाकारसंठिए पं०, लोए णं भंते ! किंसंठिए पं० १, गोयमा ! सुपइट्ठगसंठिए लोए पं० त०- हेट्ठा विच्छिन्ने मजले | संखित्ते जहा सत्तमसए पढमुद्देसए जाव अंतं करेंति, अलोए णं भंते ! किंसंठिए पं०?, गोयमा ! असिरगोलसंठिए पं०, अहेलोगखेत्तलोए णं भंते ! किं जीवा जीवदेसा जीवपएसा ?, | एवं जहा इंदा दिसा तहेव निरवसेसं भाणियब्वं जाव अद्धासमए, तिरियलोयखेत्तलोए णं भंते ! किं जीवा०?,एवं चेव, एवं उड्ढलोयखेत्तलोएऽवि, नवरं अरूवी छव्विहा अद्धासमओ | नस्थि, लोए णं मंते ! किं जीवा जहा वितियसए अत्विउदेसए लोयागासे, नवरं अरूबी सत्तवि जाव अहम्मस्थिकायस्स पएसा नोआगासस्थिकाये आगासस्थिकायस्स देसे आगास२७० श्रीभगवत्यंगं -सतं १ मुनि दीपरत्नसागर PERSPESMSPICARBIPIGARSHEMISHRSARSHANNEHESASPORTSAPNADEVOPOSBIPEAREPIONSPIRAMPARENESHI Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ त्यिकायस्स पएसा अद्धासमए सेसं तं चेत्र, अलोए गं भंते ! किं जीवा०१, एवं जहा अस्थिकायउदेसए अलोयागासे तहेव निखसेस जाव अणंतभागूणे, अहेलोगखेत्तलोगस्स णं भंते! एगमि आगासपएसे किं जीवा जीवदेसा जीवप्पएसा अजीचा अजीवदेसा अजीवपएसा?, गोयमानो जीचा जीवदेसावि जीवपएसावि अजीवापि अजीवदेसावि अजीवपएसावि, जे हा जीवदेसा ते नियमा एगिदियदेसा अहवा एगिदियदेसा य इंदियस्स देसे अहवा एगिदियदेसा य इंदियाण य देसा एवं मज्झिाउविरहिओ जाव अणिदिएस जाव अहवा एगिदि यदेसा य अणिदियदेसा य, जे जीवपएसा ते नियमा एगिदियपएसा अहवा एगिदियपएसा य बेइंदियस्स पएसा अहवा एगिदियपएसा य इंदियाण य पएसा एवं आइडविरहिओ जाव पंचिदिएस, अणिदिएम तियभंगो, जे अजीवा ते दुपिहा ५०० रूपी अजीवा य अरूबी अजीवा य, रूपी तहेच, जे अरूबी अजीचा ते पंचविहा पं०२०-नोधम्मस्थिकाए | धम्मस्थिकायस्स देसे धम्मस्थिकायस्स पएसे एवं अहम्मत्यिकायस्सवि अदासमए, तिरियलोगखेत्तलोगस्स णं भंते ! एगमि आगासपएसे कि जीवा० . एवं जहा अहोलोगखेत्तलोगस्स तहेव, एवं उढलोगरोत्तलोगस्यपि, नवरं अदासमओ नस्थि, अरूबी चउबिहा, लोगस्स जहा अहेलोगखेत्तलोगस्स एगमि आगासपएसे. अलोगस्सणे भंते ! एगमि आगासपएसे पुच्छा, गोयमा!नो जीवा नो जीवदेसा तं चेव जाव अणंतेहिं अगुरुयलहुयगुणेहिं संजुत्ते सव्वागासस्स अणंतभागूणे, दबओणं अहेलोगखेत्तलोए अर्णताई जीवव्वाई अणंताई अजीवदव्वाई अर्णता जीवाजीवदव्या, एवं तिरियलोयखेत्तलोएऽवि, एवं उड्ढलोयखेत्तलोएऽवि, दब्बओ णं अलोए णेवत्थि जीवदव्या नेवस्थि अजीवदव्या नेवस्थि जीवाजीवदब्बा एगे अजीवदय्बदेसे जाव सव्यागासअणंतभागणे, कालओ णं अहेलोयखेत्तलोए न कयाइ नासी जाव निचे एवं जाव अहेलोगे, भावओ णं अहेलोगखेत्तलोए अणंता वनपजवा जहा खंदए जाव अणंता अगुरुयलहुयपज्जवा एवं जाव लोए, भावओ णं अलोए नेवत्थि वनपजवा जाव नेवत्यि अगुरुयलहुयपजवा एगे अजीवदव्वदेसे जाव अणंतभागृणे । ४१९॥ लोए णं भंते ! केमहालए पं०१, गोयमा ! अयन्नं जंबुद्दीवे २ सव्वदीवा ज़ाव परिक्खेवेणं, तेणं कालेणं० छ देवा महिड्डीया जाव महेसक्या जंबुद्दीये. मंदरे पब्बए मंदरचूलियं सव्यओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठजा, अहे णं चत्तारि दिसाकुमारीओ महत्तरियाओ चत्तारि चलिपिंडे गहाय जंबुद्दीवस्स २ चउसुवि दिसासु पहियाभिमुहीओ ठिच्चा ते चत्तारि पलिपिंडे जमगसमग पहिगाभिमुहे पक्खिवेजा, पभू णं गोयमा! तओ एगमेगे देवे ते चत्तारि बलिपिंडे धरणितलमसंपत्ते खिपामेव पडिसाहरित्तए, ते णं गोयमा ! देवा ताए उकिवाए जाव देवगईए एगे देये पुरच्छाभिमुहे पयाते एवं दाहिणाभिमुहे एवं पचस्थिमाभिमुहे एवं उत्तराभिमुहे एवं उड्ढाभि० एगे देवे अहोऽभिमुहे पयाए, तेणं कालेणं० वाससहस्साठए दारए पयाए, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पहीणा भवंति णो चेव णं ते देवा लोगंतं संपाउणंति, तए णं तस्स दारगस्स आउए पहीणे भवति, णो चेवणं जाव संपाउगंति, तए णं तस्स दारगस्स अद्विमिंजा पहीणा भवंति णो चेव णं ते देवा लोगंतं संपाउणंति, तए णं तस्स दारगस्स आसत्तमेऽवि कुलवंसे पहीणे भवति णो चेव णं ते देवा लोगंतं संपाउणंति, तएणं तस्स दारगस्स नामगोएऽवि पहीणे भवति णो चेव णं ते देवा लोगतं संपाउणंति. तेसिं णं भंते! देवाणं किं गए बहुए अगए बहुए?, गोयमा ! गए बहुए नो अगए बहए, गयाउ से अगए असंखेजहभागे अगयाउ से गए असंखेजगणे, लोए णं गोयमा! एमहालए पं०. अलोए णं भंते ! केमहालए पं०१. गोयमा! अयन समयखेत्ते पणयालीस जोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं जहा खंदए जाव परिक्खेवणं, तेणं कालेणं० दस देवा महिििढया तहेव जाव संपरिक्खित्ताणं संचिट्टेजा, अहे णं अट्ठ दिसाकुमारीओ महत्तरियाओ अट्ट बलिपिंडे गहाय माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स चउमुवि दिसासु चउसुवि चिदिसासु बहियाभिमुहीओ ठिचा ते अट्ठ बलिपिंडे गहाय माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स जमगसमगं बहियाभिमुहीओ पक्खिवेजा, पभू णं गोयमा ! तओ एगमेगे देवे ते अट्ठ बलिपिडे धरणितलमसंपत्ते खिप्पामेव पडिसाहरित्तए, ते णं गोयमा! देवा ताए उकिट्ठाए जाव देवगईए लोगंसि ठिच्चा असम्भावपट्टवणाए एगे देवे पुरच्छाभिमुहे पयाए एगे देवे दाहिणपुरच्छाभिमुहे पयाए एवं जाव उत्तरपुरच्छाभिमुहे एगे देवे उड्दाभिमुहे एगे देवे अहोऽभिमुहे पयाए, तेणं कालेणं० बाससयसहस्साउए दारए पयाए, नए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पहीणा भवंति नो चेव णं ते देवा अलोयतं संपाउणंति, तं चेव, तेसिं देवाणं किं गए बहुए अगए पहुए?, गोयमा। नो गए पहुए अगए बहुए गयाउ से अगए अणंतगुणे अगयाउ से गए अणंतभागे, अलोए णं गोयमा ! एमहालए पं० ।।२०। लोगस्स प भंते ! एगमि आगासपएसे जे एगिदियपएसा जाव पंचिंदियपएसा अणिदियपदेसा अचमनचद्धा अनमन्नपुट्टा जाव अन्नमनसमभरघडताए चिट्ठति, अस्थि णं भंते ! अन्नममस्स किंचि आवाहं वा वाचाहं वा उप्पायंति छविच्छेदं वा करेंति ?, णो तिणढे समढे, से केणडेणं मंते! एवं बुचइ लोगस्स णं एगमि आगासपएसे जे एगिदियपएसा जाव चिट्ठति णत्यि णं भंते! अशमन्नस्स किंचि आवाई वा जाव करेंति ?, गोयमा ! से जहानामए नट्टिया सिया सिंगारागारचारवेसा जाब कलिया रंगहाणंसि जणसयाउलंसि जणसयसहस्साउलंसि बत्तीसइविहस्स नहस्स २७१ श्रीभगवत्यंग- १ मुनि दीपरनसागर EPESABPIGARBIERSPENEPARAMETIMEPRANSPONENESSPIRACYEMSPONBELIEVIEMISPOSAACHARYEAR Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । अत्रयरं नट्टविहिं उपदंसेजा, से नूर्ण गोयमा ! ते पेच्छगा तं नट्टियं अणिमिसाए दिट्टीए सवओ समंता सममिलोएंति ?, हंता समभिलोएंति, ताओ णं गोयमा ! विट्ठीओ तसि नगि छायंसि सब्बओ समंता संनिवडियाओ?.हता सनिवडियाओ, अस्थि णं गोयमा ! ताओ दिट्ठीओ तीजे नहियाए किंचिवि आचाहं वा वाचाहं वा उप्पाएंति छविच्छेदं वा करेंति ?, णो तिणढे समढे, अहवा सा नहिया तासि दिट्ठीणं किंचि आचाहं वा वाचाहं वा उप्पाएति छविच्छेदं वा करेइ ?, णो तिणढे समढे, ताओ वा दिडीओ अनमनाए दिट्ठीए किंचि आचाई वा वाचाहं वा उप्पाएंति छविच्छेदं वा करेन्ति ?, णो तिणद्वे समढे, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ तं चेव जाव छविच्छेदं वा करेंति । ४२१। लोगस्स णं भंते ! एगंमि आगासपए जहन्नपए जीवपएसाणं उकोसपए जीवपएसाणं सबजीवाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सव्वत्योवा लोगस्स एगंमि आगासपएसे जहन्नपए जीवपएसा, सव्वजीवा असंखेजगुणा, उकोसपए जीवपएसा विसेसाहिया । सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति । ४२२॥ श०११ उ०१०॥ तेणं कालेणं पाणियगामे नामं नगरे होत्था वनओ, दूतिपलासे चेहए वनओ जाव पुढवीसिलापट्टओ, तत्थ णं वाणियगामे नगरे सुदंसणे नामं सेट्ठी परिवसई अड्ढे जाव अपरिभूए समणोवासए अभिगयजीवाजीवे जाव विहरइ, सामी समोसढे जाब परिसा पज्जुवासइ, तए से सुदंसणे सेट्ठी इमीसे कहाए लबडे समाणे हद्वतुढे पहाए कयजावपायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए सयाओ गिदाओ पटिनिक्समहत्ता सकोरेंटमलदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं पायविहारचारेणं महयापुरिसवगुरापरिक्खित्ते वाणियगाम नगरं मझमझेणं निग्गच्छइ त्ता जेणेव दूतिपलासे चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ ता समणं भगवं महावीरं पंचविदेणं अभिगमेणं अभिगच्छति, तं०- सञ्चित्ताणं दवाणं जहा उसमदत्तो जाच तिविदाए पजुवासणाए पजुवासइ, तए णं समणे भगवं महावीरे सुदंसणस्स सेहिस्स तीसे य महतिमहलियाए जाव आराहए भवइ, तए णं से सुदंसणे सेट्ठी समणस्स भगवओ महावीरस्म अंतियं धम्मं सोचा निसम्म हड्तुट्ठ० उट्ठाए उट्टेइ ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता एवं बयासी-कविहेणं मंते! काले पं०१.सदसणा! चउविहे काले पं०२०- पमाणकाले अहाउनिव्वत्तिकाले मरणकाले अजाकाले, से किं तं पमाणकाले १, २ दुविहे पं० त०-दिवसप्पमाणकाले राइप्पमाणकाले य चउपोरिसिए दिवसे चउपोरिसिया राई भवइ । ४२३ । उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवह जहनिया तिमुहुत्ता दिवसस्स या राईए वा पोरिसी भवइ. जदा णं भंते ! उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवति तदा ण कतिभागमुहुतभागेणं परिहायमाणी २ जहनिया तिमहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवति?, जदा णं जहनिया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवति तदा णं कतिभागमुहुत्तभागेणं परिवड्ढमाणी २ उकोसिया अवपंचममुटुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ, सुदंसणा ! जदा णं उकोसिया अदपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ तदा णं बावीससयभागमुहुत्तभागेणं परिहायमाणी २ जहनिया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ, जदा णं जहनिया तिमहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ तया ण बावीससयभागमुहत्तभागेणं परिवड्दमाणी २ उक्कोसिया अपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवति, कदाणं भंते ! उकोसिआ अपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ, कदा वा जहन्निया तिमुडुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ ?, सुदंसणा ! जदा णं उकोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जनिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ तदा णं उक्कोसिया अद्वपंचममुहुत्ता दिवसस्स पोरिसी भवइ जहन्निया तिमुहुत्ता राईए पोरिसी भवइ, जया णं उकोसिया अट्ठारसमुहुत्तिआ राई भवति जहन्निए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ तदा णं उकोसिया अदपंचममुहुत्ता राईए पोरिसी भवइ जहन्निया तिमुहुत्ता दिवसस्स पोरिसी भवइ, कदा णं भंते ! उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ ? कदा वा उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवति जहन्नए दुवालसमहुत्ते दिवसे भवइ ?, सुदंसणा ! आसाढपुन्निमाए उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, पोसस्स पुन्निमाए णं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ जहन्नए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, अस्थि णं भंते! दिवसाय राईओ यसमा चेव भवन्ति, इंता अस्थि, कदा णं भंते ! दिवसा य राईओ य समा चेव भवन्ति?.सुदंसणा ! चित्तासोयन्निमासु णं, एत्थ णं दिवसा य राईओ य समा चेव भवन्ति, पन्नरसमुहुत्ते दिवसे पन्नरसमुहुत्ता राई भवइ चउभागमुहुत्तभागुणा चउमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ, सेत्तं पमाणकाले । ४२४ । से किं तं अहाउनिबत्तिकाले ?.२ जन्नं जेणं नेरइएण वा तिरिक्खजोणिएण वा मणुस्सेण वा देवेण वा आउयं निव्वत्तिय सेत्तं पालेमाणे अहाउनिव्वत्तिकाले, से किं तं मरणकाले ?.२ जीवो वा सरीराओ सरीरं वा जीवाओ०, सेत्तं मरणकाले, से किं तं अदाकाले १,२ अणेगविहे पं०, से णं समयट्टयाए आवलियट्ठयाए जाव उस्सप्पिणीट्ठयाए, एस णं सुदंसणा ! अद्धा दोहारच्छेदेणं छिजमाणी जाहे विभागं नो हब्वमागच्छद सेत्तं समए, समयट्टयाए असंखेजाणं समयाणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा आवलियत्ति फ्युचाइ, संखेजाओ आवलियाओ जहा सालिउद्देसए जाव सागरोवमस्स उ एगस्स भवे परीमाण, एएहिं णं भंते ! पलिओवमसागरोवमेहिं किं पयोयणं?, सुदसणा! एएहिं पलिओवमसागरोवमेहिं नेरइयतिरिक्खजोणियम-CE) २७२ श्रीभगवत्यंग - -२१ मुनि दीपरत्नसागर Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 329926181342362544284843RAMRO4806292008403429HOES देवाणं आउयाई मविति । ४२५ । नेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पं०१, एवं ठिइपदं निरक्सेसं भाणियव्यं जाव अजहन्नमणुकोसेणं तेतीस सागरोवमाइं ठिती पं०।४२६॥ अत्यि ण भंते! एएसि पलिओवमसागरोवमाणं खएति वा अवचयेति वा ?, हंता अस्यि. से केणट्टेणं भंते ! एवं बुबह अस्थि ण एएसिं ण पलिओवमसागरोचमाणं जाव अवचयेति वा, एवं खलु सुदंसणा! तेणं कालेणं० हस्थिणापुरे नामं नगरे होन्था वन्नओ. सहसंबवणे उज्जाणे वन्नओ, तत्व णं हस्थिणापुरे नगरे बले नाम राया होत्था बनाओ, तस्स णं बलस्स रन्नो पभावई नामं देवी होस्था, सुकुमालवण्णओ जाय विहरह, तएणं सा पभावई देवी अन्नया कयाई तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अम्भितरओ सचित्तकम्मे बाहिरओ दूमियघढमढे विचित्तउन्डोगचिगितले मणिरयणपणासियंधयारे बहुसमसुविभत्तदेसमाए पंचवन्नसरससुरभिमुकपुष्फपुंजोक्यारकलिए कालागुरुपवरकुंदुरुकतुरुक्कधूवमघमघंतगंधुद्धयाभिरामे सुगंधिवरगंधिए गंधवट्टिभूए तैसि तारिसगंसि सयणिजंसि सालिंगणवदिए उभओ विबोयणे दुहओ उण्णए मज्झेणयगंभीरे गंगापुलिणवालुयउद्दालसालिसए उबचियखोमियदुगुलपट्टपडिच्छन्ने सुविरइयरयत्नाणे रत्तंसुयसंवुए सुरम्मे आइणगरुयधूरणचणीयतूलफासे सुगंधवरकुसुमचुन्नसयणोवयारकलिए अद्धरत्तकालसमयंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी २ अयमेयारूवं ओरालं कल्लाणं सिवं धन्नं मंगलं सस्सिरीयं महासुविणं पासित्ताणं पडिबुद्धा हाररययखीरसागरससंककिरणदगरयरययमहासेलपंडुरतरोकरमणिजपेच्छणिज थिरलट्ठपउट्ठवट्ठपीवरसुसिलिट्ठविसिट्ठतिक्खदादाविडंचियमुहं परिकम्मियजचकमलकोमलमाइयसोभंतलहउटुं रत्तुष्पलपत्तमउयसुकुमालतालुजीहं (महुगुलियाभिसंतपिंगलच्छं पा०) मूसागयपवरकणगतावियआवत्तायंतवतडिविमलसरिसनयणं विसालपीवरोरुं पडिपनविमलखंधं मिउविसयसुहमलक्खणपसस्थविच्छिन्नकेसरसडोवसोभियं ऊसियसुनिम्मियसजायअफोडियलंगूलं सोमं सोमाकारं लीलायतं ज॑भायंतं नहयलाओ ओवयमाणं नियगवयणमतिवयंतं सीहं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, तए णं सा पभावती देवी अयमेयारूवं ओरालं जाव सस्सिरीयं महासविणं पासित्ताणं पडिबुद्धा समाणी हद्वतडजावहियया धाराहयकलंबपुष्फगंपिव समूससियरोमकूवा तं सुविणं ओगिण्हति त्ता सपणिज्जाओ अब्भुढेइ ता अतुरियमचबलमसंभताए अविलंबियाए रायहंससरिसीए गईए जेणेच बलस्स रन्नो सयणिजे तेणेव उवागच्छइत्ता बलं रायं ताहिं इटाहिं कंताहिं पियाहि मणुन्नाहिं मणामाहिं ओरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहिं धन्नाहिं मंगलाहिं सस्सिरीयाहि मियमहुरमंजुलाहि गिराहिं संलयमाणी २ पढिबोहेति त्ता बलेणं रचा अभणुन्नाया समाणी नाणामणिरयणभत्तिचित्तंसि भदासणंसि णिसीयति त्ता आसत्था वीसत्था सुहासणवरगया बलं रायं ताहिं इट्टाहि कंताहि जाच संलवमाणी एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! अज्ज संसि तारिसगंसि सयणिजंसि सालिं| गणतं व जाब नियगवयणमइवयंतं सीह सुविणे पासित्तार्ण पटियुद्धा, तणं देवाणुप्पिया! एयरस ओरालस्स जाव महासुविणस्स के मन्ने कडाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सह, तए णं से बले राया पभावईए देवीए अंतियं एयमढे सोचा निसम्म हड्तुट्ट जाय हयहियया धाराह्यनीवसुरभिकुसुमचंचुमालइयतणुयऊसवियरोमकूवे तं सुविणं ओगिण्हइ त्ता ईहं| पविसइ त्ता अप्पणो साभाविएणं मइपुब्बएणं बुद्धिविन्नाणेणं तस्स सुविणस्म अत्थोग्गहणं करेइ त्ता पभावई देवि ताहिं इवाहि कंताहिं जाब मंगडाहिं मियमहुरसस्सि० संलवमाणे | २ एवं बयासी-ओराले णं तुमे देवी ! सुविणे दिढे कडाणे णं तुमे जाव सस्सिरीए णं तुमे देवी! सुविणे दिढे आरोगतुट्ठिदीहाउकहाणमंगलकारए णं तुमे देवी ! सुविणे दिठे अत्यलाभो देवाणुप्पिए ! भोगलाभो देवाणुप्पिए! पुत्तलाभो देवाणुप्पिए ! रजलाभो देवाणुप्पिए ! एवं खलु तुमं देवाणुप्पिए ! णवण्हं मासाणं बहुपडिपुन्नाणं अट्ठमाण राईदियाणं विइकताणं अम्हं कुलकेलं कुलदीव कुलपब्वयं कुलवडेंसयं कुलतिलमां कुलकित्तिकरं कुलनंदिकरं कुलजसकर कुलाधारं कुलपायवं कुलविवद्धणकरं सुकुमालपाणिपायं अहीणपडिपुन्नपं त्यसरीरं जाव ससिसोमाकार कंतं पियदंसणं सुरुवं देवकमारसमप्पभं दारगं पयाहिसि,सेऽविय णं दारए उम्मकपालभावे विन्नायपरिणयमित्ते जोव्वणगमणप्पत्ते सूरे वीरे विकर वित्थिन्नविउलबलबाहणे रज्जवई राया भविस्सइ, तं उराले णं तुमे सुमिणे दिढे आरोग्गतुट्टिजावमंगडकारए णं तुमे देवी ! सुविणे दिद्वेत्तिकटु पभावतिं देविं ताहि इहाहिं जाव वग्गृहिं दोचंपि तचंपि अणुहति, तए णं सा पभावती देवी बलस्स रन्नो अंतियं एयमटुं सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ० करयल जाव एवं वयासी-एवमेयं देवाणुप्पिया! तहमेयं देवाणुप्पिया! अवितहमेयं देवाणुप्पिया! असंदिद्धमेयं देवाणुप्पिया! इच्छियमेयं देवाणुप्पिया ! पडिच्छियमेयं देवाणुप्पिया ! इच्छियपडिच्छियमेयं देवाणुप्पिया ! से जहेयं तुज्झे वदहत्तिकटु तं सुविणं सम्म पडिच्छइ त्ता चलेणं रन्ना अम्भणुन्नाया समाणी णाणामणिरयणभत्तिचित्ताओ भहासणाओ अब्भुढेइ त्ता अतुरियमचवलजावगतीए जेणेव सए सयणिजे तेणेव उवागच्छद ना सयणिजंसि निसीयति त्ता एवं वयासी मा मेसे उत्तमे पहाणे मंगड़े सुविणे अन्नेहिं पावसुमिणेहिं पडिहम्मिस्सइत्तिकटु देवगुरुजणसंबद्धाहिं पसत्थाहिं मंगलाहिं धम्मियाहिं कहाहिं सुविणजागरियं पडिजागरमाणी २ विहरति, तए णं से बले राया कोडुंबियपुरिसे सहावेइ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अज सविसेसं बाहिरियं उवट्ठाणसालं ®|२७३ श्रीभगवत्यंग - -११ मुनि दीपरत्नमागर REPOSSIPORNI8664ROP6HSPAUSPEARAPIERSPENSPARSHIMEPRASP004896580PICARSHIELOPARTNERS84 Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गंधोदयसित्तसुइयसंमजिओचलितं सुगंधवरपंचवन्नपुष्फोवयारकलियं कालागुरुपवरकुंदुरुक्क जाव गंधवट्टिभूयं करेह य करावेह य ता सीहासणं रएह ता ममेत जाव पञ्चप्पिणह, तए णं ते कोडुचिय जाव पडिसुणेत्ता खिप्पारोव सविसेसं बाहिरियं उवट्ठाणसालं जाव पञ्चप्पिणंति, तए णं से बले राया पचूसकालसमयंसि सयणिज्जाओ अब्भुढेइ त्ता पायपीढाओ पचोरुहइत्ता जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छति त्ता अट्टणसालं अणुपविसई जहा उबवाइए तहेव अट्टणसाला तहब मज्जणघरे जाव ससिव्य पियदंसणे नरवई मजणघराओ पांडानक्खमइ ता जेणेच बाहिरिया उबट्टाणसाला तेणेव उवागच्छड तासीहासणवरंसि परच्छाभिमहे निसीयइत्ता अप्पणो उत्तरपूरच्छिमे दिसीभाए अट्ट भदासणाई सेयवत्वपजत्थयाई सिद्धत्थग कयमंगलोक्याराई स्यावेइ त्ता अप्पणो अदूरसामंते णाणामणिरयणमंडियं अहियपेच्छणिज्जं महग्यवरपट्टणुग्गय सण्हपट्टबहुभत्तिसयचित्तताणं ईहामियउसमजावभत्तिचित्तं अभि. तरियं जवणियं अंछावेइ त्ता नाणामणिरयणभत्तिचित्तं अच्छस्यमउयमसूरगोच्छग सेयवस्थपञ्चुत्युयं अंगसुहफासयं सुमउयं पभावतीए देवीए भदासणं रखावेइ-त्ता कोडुचियपुरिसे सद्दावेद ना एवं बयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! अटुंगमहानिमित्तसुत्तत्वधारए विविहसत्थकुसले सुविणलक्खणपाढए सहावेह, तए णं ते कोकुंबियपुरिसा जाय पडिसुणेत्ता बलस्स रनो अंतियाओ पडिनिक्वमहत्ता सिग्घं तुरियं चबलं चंडं वेइयं हत्यिणापुर नगरं मज्झमझेणं जेणेव तेसिं सुविणलक्वणपाढगाणं गिहाई तेणेव उवागच्छन्ति त्ता ते सुविणलक्खणपाढए सहावेति, तए णं ते सुविणलक्यणपाढगा बलस्स रन्नो कोटुंबियपुरिसेहिं सहाविया समाणा हट्टतुट्ठल पहाया कय जाव सरीरा सिद्धस्थगहरियालियाकयमंगलमुद्धाणा सएहिं २गिहेहिंतो निग्गच्छति त्ता हथिणापुरं नगर मज्झमज्झेणं जेणेव बलस्स रन्नो भवणवरवडेंसए तेणेव उवागच्छन्ति त्ता भवणवरवडेंसगपडिदुवारंसि एगयओ मिलंति ना जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छति त्ता जेणेव बले राया तेणेव उवागच्छन्ति त्ता करयल० बलरायं जएणं विजएणं बद्धाति, तए णं ते सुविणलक्वणपाढगा चलेणं रन्ना बंदियपइ-5 यसकारियसम्माणिया समाणा पत्तेयं २ पुबन्नस्थेसु भद्दासणेसु निसीयंति, तए णं से चले गया पभावतिं देविं जबणियंतरियं ठावेइ त्ता पुष्फफलपडिपुन्नहत्थे परेणं विणएणं ते सुविणलक्षणपाढए एवं क्यासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! पभावती देवी अज्ज तंसि तारिसगंसि वासघरंसि जाव सीहं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धा तण्णं देवाणुप्पिया! एयरस ओरालस्स जाब के मन्ने कल्डाणे फलवित्तिविससे भविस्सइ, तए णं ते सुविणलक्खणपाढगा बलस्स रन्नो अंतियं एयमह सोचा निसम्म हट्टतुट्ठ० तं मुविणं ओगिण्हइ त्ता इहं अणुष्पविसइ त्ता तस्स सुविणस्स अत्योम्गहणं करेइ त्ता अन्नमन्नेणं सद्धिं संचालेंति त्ता तस्स सुविणस्स लट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा अभिगयट्ठा बलस्स रन्नो पुरओ सुविणसत्थाई उच्चारेमाणा२एवं वयासी-एवं खल देवाणप्पिया! अम्हं सुविणसत्थंसि बायालीसं सुविणा तीसं महासुविणा वायत्तरि सव्वसुविणा दिहा. तत्यण देवाणप्पिया! तित्थगरमायरोवा मायरो वा तित्थगरंसि वा चकवहिसि वा गर्भ वक्कममाणंसि एएसि तीसाए महासुविणाणं इमे चोइस महासुविणे पासित्ताणं पडिबुझंति, तं०-गयवसहसीहअभिसेयदामससिदिणयरं झयं कुंभ। पउमसरसागरविमाणभवणरयणुचयसिहिं च ॥७१॥ वासुदेवमायरो वा वासुदेवंसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसिं चोहसण्हं महासुविणाणं अन्नयरे सत्त महासुविणे पासित्ताणं पडिबुझंति, बलदेवमायरो वा बलदेवंसि गम्भं वकममाणंसि एएर्सि चोदसण्हं महासुविणाणं अन्नयरे चत्तारि महासुविणे पासित्तार्ण पडिबुज्झति, मंडलियमायरो वा मंडलियंसि गर्भ वक्कममाणसि एतेसिं णं चउदसण्हं महासुविणाणं अन्नयरं एग महासुविणं पासित्ताणं पडिबुज्झन्ति, इमे य णं देवाणुप्पिया ! पभावतीए देवीए एगे महासुविणे दिढे ते ओराले ण | देवाणुप्पिया! पभावतीए देवीए सुविणे दिढे जाव आरोग्गतुविजावमंगलकारए ण देवाणुप्पिया! पभावतीए देवीए सुविणे दिट्टे अत्थलाभो देवाणुप्पिया ! भोग० पुत्त० रजलाभो देवा णुप्पिया !, एवं खलु देवाणुप्पिया ! पभावती देवी नवण्हं मासाणं बहुपडिपुत्राणं जाव वीतिकंताणं तुम्हें कुलकेउं जाव पयाहिति, सेऽविय णं दारए उम्मुक्कचालभावे जाव रज्जवई राया भविस्सह अणगारे वा भावियप्पा, तं ओराले णं देवाणुप्पिया! पभावतीए देवीए सुविणे दिठे जाव आरोग्गतुट्ठिदीहाउयकाडाण जाव दिठे, तए णं से घले राया सुविणलक्वणपाढगाणं अंतिए एयमठं सोचा निसम्म हट्ठतुट्ठ करयल जाव कटु ते सुविणलक्खणपाढगे एवं वयासी एवमेयं देवाणुप्पिया! जाव से जहेयं तुम्भे बदहत्तिकटु तं सुविणे सम्म पडिच्छ। त्ता सुविणलक्खणपाढए विउलेणं असणपाणखाइमसाइमपुष्पवत्थगंधमलालंकारेणं सकारेति संमाणेति त्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयति त्ता पडिविसज्जेति त्ता सीहासणाओ अ म्भुढेइत्ता जेणेव पभावती देवी तेणेव उवागच्छदत्ता पभावती देवीं ताहिं इहाहिं कंताहिं जाव संलवमाणे एवं वयासी-एवं खल देवाणुप्पिए ! सुविणसत्थंसि बायालीसं सुविणा तीसं महा| मुविणा पावत्तरि सव्वसुविणा दिवा, तत्थ णं देवाणुप्पिए! तित्वगरमायरो वा चकवाट्टिमायरो वा तं चेव जाव अन्नयरं एग महासुविणं पासित्ताणं पडिबुज्झति, इमे य णं तुमे देवाणु| प्पिए! एगे महासुविणे विद्वे तं ओराले तुमे देवी ! सुविणे दिढे जाव रज्जवई राया भविस्सइ अणगारे चा भावियप्पा, तं ओराले णं तुमे देवी ! सुविणे दिठे जाव दिठेत्तिकटु पभावति २७४ श्रीभगवत्यंगं - सन ११ मुनि दीपरत्नसागर ASTROPRABPSPSIPRASPRE87888PCHASY8449PHARPRASP8NSPEARSPERMECHIRAMPRASHES Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ देवि वाहिं इठाहिं कंवाहिं जाब दोम्बंपि तचपि अणुबूहइ, तए णं सा पभावती देवी बलस्स रन्नो अंतियं एयमट्ठे सोच्चा निसम्म हट्ठट्ठ० करयल जाव व्यासी- एयमेयं देवाणुपिया ! जाव तं सुविणं सम्मं पडिच्छति ता बलेणं रन्ना अन्भणुन्नाया समाणी नाणामणिरयणभत्तिचित्त जाव अम्भुट्ठेति अतुरियमचल जाय गतीए जेणेव सए भवणे तेणेच उबागच्छता सयं भवणमणुपविट्ठा, तए णं सा पभावती देवी व्हाया कयबलिकम्मा जाव सव्वालंकारविभूसिया तं गर्भं गाइसीएहिं नाइउण्हेहिं नाइतित्तेहि नाइकडएहिं नाइकसा एहिं नाइअंबिलेहिं नाइमहुरेहि उउभयमाणसुहेहिं भोयणच्छायणगंधमाडेहिं जं तस्स गन्भस्स हियं मितं पत्थं गन्भपोसणं तं देखे य काले य आहारमाहारेमाणी विवित्तमउएहिं सयणासणेहिं पइरिकसुहाए मणाणुकूलाए बिहारभूमीए पसत्थदोहला संपुन्नदोहला सम्माणियदोहला अविमाणियदोहला वोच्छिन्नदोहला ववणीयदोहला ववगयरोगसोगमोहभयपरिनासा तं गम सुसुणं परिवहति (आसयइ सयइ चिट्ठद्द निसीयइ तुयहह पा० ) । तए णं सा पभावती देवी नवण्डं मासाणं बहुपडिपुन्नाणं अलमाण राइंदियाणं वीतिताणं सुकुमालपाणिपायं अहीणपडि पुन्नपंचिदियसरीरं लक्खणवंजणगुणोववेयं जाब ससिसोमाकारं केलं पियदंसणं सुरूवं दारयं पयाया, तए णं तीसे पभावतीए देवीए अंगपडियारियाओ पभावतिं देवि पसूयं जाणेत्ता जेणेव बले राया तेणेव उवागच्छन्ति त्ता करयल जाव बलं रायं जपणं विजएणं वद्धावेति त्ता एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया! पभावती देवी नव मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव दारयं पयाया तं एयष्णं देवाणुप्पियाणं पियट्टयाए पियं निवेदेमो पियं मे भवउ, तए णं से बले राया अंगपडियारियाणं अंतियं एयम सोच्चा निसम्म हट्ट जाव धारायणीवजावरोमकुवे तासिं अंगपडियारियाणं मउडवलं जहामालियं ओमोयं दलेति ता सेतं रययामयं विमलसलिलपुन्नं भिंगारं च गिव्हइ ता मत्थए धोवइ ता चिउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयति त्ता सकारेति सम्माणेति त्ता पडिविसजेति । ४२७ । तए णं से बले राया कोटुंत्रियपुरिसे सद्दावेइ त्ता एवं क्यासी- खिप्यामेव भो देवाणुप्पिया ! हरियणापुरे नयरे चारगसोइणं करेद्द त्ता माणुम्माणवड्ढणं करेह त्ता हरियणापुरं नगरं सम्भितरबाहिरियं आसियसंमजिओवलितं जाव करेह कारवेह त्ता य जूयसहस्सं वा चकसहस्सं वा पूयामहामहिमसकारं वा उस्सवेह ता ममेतमाणत्तियं पञ्चप्पिणह, तए णं ते कोटुंबियपुरिसा बलेणं रन्ना एवं वृत्ता जाव पञ्चप्पिणंति, तए णं से बले राया जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छति सा तं चेय जाब मज्जणघराओ पडिनिक्खमइ, तते गं से बले राया कोहुंचियपुरिसे सहावेइ त्ता एवं वयासी खिप्पामेव भो ! देवाणुप्पिया ! हत्यिणापुरं नगरं उस्सुकं उकरं उकि अदि अमिजं अभडप्पवेसं अदंडकोडंडिमं अधरिमं गणियावरनाडइज्जकलियं अणेगतालाचराणुचरियं अणुद्धयमुइंगं अमिलायमलदामं पमुइयपक्कीलियं सपुरजण जाणवयं (विजयवेजइयं पा० ) दस दिवसे ठिइवडियं करेह, तए णं से बले राया दसाहियाए ठिइवडिबाए वह्माणीए सइए य साहस्सिए य सयसाहस्सिए य जाए य दाए व भाए य दलमाणे य दवावेमाणे य सए य साहस्सिए य सयसाहस्सिए य लंभे पढिच्छेमाणे पडिच्छात्रेमाणे एवं च णं विहरइ, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठिइवडियं करेंति तइए दिवसे चंदसूरदंसणियं करेंति छट्ठे दिवसे जागरियं करेंति एकारसमे दिवसे वीतिते निव्वत्ते असुइजायकम्मकरणे संपत्ते बारसाहदिवसे विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडाविंति ता जहा सिवो जाव खत्तिए य आमंतेति ता तओ पच्छा व्हाया कय० तं चैव जाथ सकारेंति सम्मार्णेति त्ता तस्सेव मित्तणाति जाव राईण य खत्तियाण य पुरओ अजयपज्जयपिउपज्जयागयं बहुपुरिसपरंपरप्परूद्धं कुलाणुरूवं कुलसरिसं कुलसंताणतंतुवदणकरं अयमेयारूवं गोनं गुणनिष्पन्नं नामधेनं करेंति- जम्हा णं अम्हें इमे दारए चलस्स रनो पुत्ते पभावती देवीए अत्त तं होउ णं अम्हं एयस्स दारगस्स नामधेजं महम्बले, तर णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो नामधेनं करेंति महम्बलेत्ति, तए णं से महम्बले दारए पंचधाईपरियाहिए, वं० खीरधाईए एवं जहा दढपइले जाव निवायनिव्वाघायंसि सुहंसुहेणं परिवति, तए णं तस्स महम्बलस्स दारगस्स अम्मापियरो अणुपुब्वेणं ठितिवडियं वा चंदसूरदेसावणियं वा जागरियं वा नामकरणं वा परंगामणं वा पयचंकमणं वा जेमामणं वा पिंडवदणं वा पेजपावणं वा कण्णवेणं वा संवच्छरपडिलेहणं वा चोलोयणगं च उवणयणं च अन्नाणि य बहुणि गन्भाधाणजम्मणमादियाई कोउयाई करेंति, तए णं तं महब्बलं कुमारं अम्मापियरो सातिरेगट्ठवासगं जाणित्ता सोभणंसि तिहिकरणमुहुत्तंसि एवं जहा दढप्पइन्नो जाव अलं भोगसमत्थे जाए यावि होत्या, तए णं तं महच्चलं कुमारं उम्मुकबालभावं जाव अलं भोगसमत्थं विजाणित्ता अम्मापियरो अटु पासायवडेंसए करेंति ता अम्भुम्गयमूसियपहसिए इव वनओ जहा रायप्पसेणइज्जे जाव पडिरूवे, तेसिं णं पासायवडेंसगाणं बहुमज्झदेसभागे एत्थ णं महेगं भवणं करेंति अणेगखंभसयसंनिविटं वज्ञओ जहा रायप्पसेणइज्जे पेच्छाघरमंडबंसि जाब पडिरूवे । ४२८। तए णं तं महावलं कुमारं अम्मापियरो अन्नया कयात्रि सोमणंसि तिहिकरणदिवसनक्खत्तमुडुत्तंसि व्हायं कयबलिकम्मं कयकोउयमंगलपायच्छतं सब्वा लंकारविभूसियं पमक्खणगण्हाणगीयवाइयपसाहणहंगतिलगकंकणअविश्ववहुउवणीयं मंगलसुजपिएहि य वरकोउयमंगलोवयारकयसंतिकम्मं सरिसयाणं सरित्तयाणं सरिव्वयाणं २७५ श्रीभगवत्यं सतं - ११ मुनि दीपरत्नसागर Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सरिसलावन्नरूवजोब्वणगुणोपत्रेयाणं विणीयाणं कयकोउयमंगलपायच्छित्ताणं सरिसएहिं रायकुलेहिंतो आणिझियाणं अदृष्टं रायवरकन्नाणं एगदिवसेणं पाणि गिण्हाविंसु, तए णं तस्स महाबलस्स कुमारस्स अम्मापियरो अयमेयारूवं पीइदाणं दलयंति तं० अट्ट हिरण्णकोडीओ अट्ट सुवन्नकोडीओ अट्ठ मउडे मउडप्पवरे अट्ठ कुंडलजुए कुंडलजुयप्पवरे अट्ठ हारे हारप्पवरे अट्ट अदहारे अदहारणपवरे अड एगावलीओ एगाचलिप्पवराओ एवं मुत्तावलीओ एवं कणगावलीओ एवं रयणावलीओ रयणावलीप्पराओ अड्ड कडगजोए कडगजोयप्पवरे एवं तुडियजीए अट्ट खोमजुयलाई खोमजुयलप्पवराई एवं वडगजुयलाई एवं पट्टजुयलाई एवं दुगुलजुयलाई अट्ट सिरीओ अट्ट हिरीओ एवं धिईओ कित्तीओ बुद्धीओ लच्छीओ अ नंदाई अट्ठ मदाई अट्ठ त (प्र०ता) ले त (प्र०ता) लप्पवरे सव्वरयणामए णियगवरभवणकेऊ अट्ठ झए झयप्पवरे अट्ठ वये वयप्पवरे दसगोसाहस्सिएणं वएणं अटूट नाडगाई नाडगप्पवराई बत्तीसवदेणं नाडएणं अट्ठ आसे आसप्पवरे सव्वरयणामए सिरिवरपडिरूवए अट्ठ हत्थी हत्थिष्पवरे सव्वरयणामए सिरिघरपडिरूवए अटूठ जाणाई जाण पचराई अटूट जुगाई जुगप्पवराई एवं सिवियाओ एवं संदमाणीओ एवं गिडीओ थिडीओ अट्ठ वियडजाणाई वियडजाणप्पवराई अट्ट रहे पारिजाणिए अट्ट रहे संगामिए अट्ट आसे आसप्पवरे अट्ट हत्थी हत्थिप्पवरे अट्ट गामे गामप्यवरे दसकुलसाहस्सिएणं गामेणं अट्ट दासे दासप्पवरे एवं चेव दासीओ एवं किंकरे एवं कंचुइज्जे एवं वरिसधरे एवं महत्तरए अट्ठ सोवन्निए ओलंबणदीवे अट्ट रुप्पामए ओलंबणदीवे अट्ट सुवन्नरुप्पामए ओलंबणदीचे अट्ठ सोबचिए उकंचणदीवे एवं चेव तिनिवि अट्ठ सोवचिए थाले अट्ठ रुप्पमए थाले अट्ट सुवनरुपए थाले अट्ट सोनियाओ पत्तीओ० अट्ट सोवन्नियाई थासयाई० अट्ठ सोबनियाई मंगलाई० अट्ट सोवनियाओ तलियाओ अट्ट सोवन्नियाओ कावइआओ अड सोबन्निए अवएड अड्ड सोवन्नियाओ अवयकाओ अट्ट सोवणिए पायपीढए अट्ट सोवन्नियाओ भिसियाओ अट्ट सोवन्नियाओ करोडियाओ अट्ट सोवन्निए पाडंके अट्ट सोवन्नियाओ पढिसेज्जाओ अट्ट हंसासणाई अटु कोंचासणाई एवं गरुलासणाई उन्नयासणाई पणयासणाई दीहासणाई महासणाई पक्खासणाई मगरासणाई अट्ट पउमासणाई अट्ठ दिसासोबत्थियासणाई अट्ठ तासमुग्गए जहा रायप्पसेणजे जाव अट्ट सरिसवसमुग्गे अट्ट खुजाओ जहा उनवाइए जाव अट्ट पारिसीओ अट्ठ छत्ते अट्ट छत्तधारिओ चेडीओ अट्ट चामराओ अट्ट चामरधारीओ चेडीओ अट्ट तालियंटे अड तालियंटधारीओ बेटीओ अट्ट करोडियाओ अट्ट करोडियाधारीओ चेडीओ अट्ट खीरघातीओ जाव अट्ट अंकधातीओ अट्ठ अंगमदियाओ अट्ट उम्मदियाओ अट्ठ महावियाओ अठ पसाहियाओ अटूट बन्नगपेसीओ अट्ठ चुन्नगपेसीओ अठ कोठागारीओ अट्ट दबकारीओ अट्ट उवत्याणियाओ अट्ट नाडइज्जाओ अट्ट कोटुंगिणीओ अट्ट महाणसिणीओ अट्ट भंडागारिणीओ अट्ट अज्झाधारिणीओ अट्ट पुष्पधारणीओ अट्ट पाणिधारणीओ अट्ट बलिकारीओ अट्ठ सेजाकारीओ अट्ठ अग्भितरियाओ पडिहारीओ अ बाहिरियाओ पडिहारीओ अट्ठ मालाकारीओ अट्ट पेसणकारीओ अन्नं वा सुबहुं हिरन्नं वा सुवन्नं वा कंसं वा दूसं वा विउलक्षणकणगजावसंतसारसावएवं अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउ पकामं भोक्तुं पकामं परिभाएउ तए णं से महब्बले कुमारे एगमेगाए भजाए एगमेगं हिरन्नकोर्डिं दलयति एगमेगं सुबन्नकोडिं दलयति एगमेगं मउहं मउडप्पवरं दलयति एवं तं चेषु सव्वं जाव एगमेगं पेसणकारि दलयति, अन्नं वा सुबहुं हिरन्नं वा जाव परिभाएउं, तए णं से महब्बले कुमारे उप्पिं पासायवरगए जहा जमाली जाव विहरति । ४२९। तेणं कालेणं० विमलस्स अरहओ पओप्पए धम्मघोसे नामं अणगारे जाइसंपन्ने बन्नओ जहा केसिसामिस्स जाव पंचहि अणगारसएहिं सद्धिं संपरिवुडे पुव्वाणुपुव्वि चरमाणे गामीणुगामं दूतिजमाणे जेणेव हरिथणापुरे नगरे जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ ता अहापडिरूवं उम्महं ओगिण्डति सा संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरति, तए णं हत्थिणापुरे नगरे सिंघाडगतिय जाव परिसा पज्जुवासह, तए णं तस्स महब्बलस्स कुमारस्स तं महया जणसहं वा जणवूदं वा एवं जहा जमाली सहेब चिंता तहेव कंचुझ्ज्जपुरिसं सद्दावेति, कंचुइज्जपुरिसोऽवि तहेब अक्लाति, नवरं धम्मघोसस्स अणगारस्स आगमणगहियविणिच्छए करयल जाव निग्गच्छइ, एवं खलु देवाणुप्पिया ! विमल अरहओ पउप्पर धम्मघोसे नामं अणगारे सेस तं चैव जाव सोऽवि तहेव रहवरेणं निग्गच्छति, धम्मका जहा केसिसामिस्स सोऽवि तहेब अम्मापियरो आपुच्छर, नवरं धम्मघोसस्स अणगारस्स अतियं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए तहेव वृत्तपडिवृत्तया नवरं इमाओ य ते जाया विउलरायकुलबालियाओ कला० सेसं तं चैव जाव ताहे अकामाई चैत्र महब्बलकुमारं एवं वयासी-तं इच्छामो ते जाया! एगदिवसमवि रज्जसिरिं पात्तिए, तए णं से महाब्बले कुमारे अम्मापियराण वयणमणुयत्तमाणे तुसिणीए संचिद्वति, तर गं से बले राया फोटुंबियपुरिसे सदावेइ एवं जहा सिवभदस्स तब रायाभिसेओ भाणियब्वो जाव अभिसिंचति करयलपरिग्महियं महम्बलं कुमारं जएणं विजएणं वदावेति ता जाव एवं वयासी भण जाया! किं देमो किं पयच्छामो सेसं जहा जमालिएस तहेव जाब तए णं से महाबले अणगारे धम्मघोसस्स अणगारस्स अंतियं सामाइयमाइयाई चोदस पुच्वाई अहिजति ता बहूहिं चउत्थजाव विचित्तेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुनाई दुवालस वासाई सामन्नपरियागं पाउणति त्ता मासियाए संलेहणाए सट्टिं भत्ताइं अण- (६९) २७६ श्रीभगवत्यं सतं-११ मुनि दीपरत्नसागर Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HEARSHIESMSPICABPMASTIMROPHIONACHANASPOONASSPORANSPIRISTICHOPOMMEPTEMRAPRASPENSPIRATIONALIONAIR सणाए. आलोइयपडिकंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा उड्ढे चंदिमसूरिय जहा अम्मडो जाव बंभलोए कप्पे देवत्ताए उवबन्ने, तत्थ णं अत्धेगतियाणं देवाणं दस सागरोवमाई ठिती पं०, तत्थ णं महब्बलस्सवि दस सागरोचमाई ठिती पं०, से णं तुमं सुदसणा ! बंभलोगे कप्पे दस सागरोचमाई दिब्वाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्ता ताओ चेव देवलोगाओ आउक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता इहेब वाणियगाम नगर सेंट्टिकुलांस पुत्तत्ताए पचायाए।४३०॥तए णं तुमसुदंसणा! उम्मकचालभावणं विनायपरिणयमंतणं जाब्वणगम तेणं तहारुवाणं घेराणं अंतियं केवलिपन्नत्ते धम्मे निसंते, सेऽविय धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए तं सुठु णं तुम सुदंसणा! इदाणि पकरेसि, से तेणतुणं सुदंसणा! एवं वुचइअस्थि णं एतेसि पलिओवमसागरोचमाणं खयेति वा अवचयेति वा, तए णं तस्स सुदंसणस्स सेटिस्स समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमढें सोचा निसम्म सुभेणं अज्झबसाणेणं सुभेणं परिणामेणं लेसाहिं विसुज्झमाणीहिं तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापोहमग्गणगवेसणं करेमाणस्स सन्नीपुब्बे जातीसरणे समुष्पन्ने, एयमर्दु सम्म अभिसमेति, तए णं से सुदंसण सेट्ठी समणेणं भगवया महावीरणं संभारियपुव्वभवे दुगुणाणीयसड्ढासंगे आणंदंसुपुन्ननयणे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आ००त्ता एवं बयासी-एवमेयं भंते ! जाव से जडेयं तुझे बदहत्तिकद उत्तरपुरच्छिम दिसीभागं अवकमइ सेसं जहा उसमदत्तस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणे, नवरं चोइस पृब्वाई अहिजड, बहपडिपुनाई। सामन्नपरियागं पाउणइ, सेसं ते चेव। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ॥४३१ । महाबलो समत्तो॥ श०११ उ०११॥ तेणं कालेणं आलंभिया नामं नगरी होत्था वन्नओ, संखवणे चेइए बन्नओ, तत्व णं आलंभियाए नगरीण बहवे इसिभरपुत्तपामोक्वा समणोचासया परिवसति अड्दा जाव अपरिभूया अभिगयजीवाजीवा जाव विहरंति, तए णं तेसिं समणोवासयाणं अन्नया कयावि एगयओ सहियाणं समवागयाणं संनिविद्वाणं सन्निसन्नाणं अयमेयारूवे मिहो कहासमुडावे समुष्पजित्था-देवलोगेसु णं अजो! देवाणं केवतियं कालं ठिती पं०?, नए णं से इसिभइपुत्चे समणोवासए देवहितीगहियट्टे ते समणोवासए एवं वयासी-देवलोएसु णं अज्जो ! देवाणं जहण्णेणं दस वाससहस्साई ठिती पं०, तेणं परं समयाहिया दुसमयाहिया जाब दससमयाहिया संखेजसमयाहिया असंखेजसमयाहिया उकोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिती पं० तेण परं वोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य, तए णं ते समणोवासया इसिभहपुत्तस्स समणोवासगस्स एवमाइक्खमाणस जाब एवं परुवेमाणस्स एयमढे नो सद्दहति नो पत्तियंति नो रोयति एयम8 असहहमाणा अपत्तियमाणा अरोएमाणा जामेव दिसं पाउन्भूया तामेव दिसं पडिगया । ४३२। तेणं कालेणं० समणे भगवं महावीरे जाव समोसढे जाय परिसा पज्जवासह. त तुंगिउद्देसए जाव पजुवासंति, तए णं समणे भगवं महावीरे तेसिं समणोबासगाणं तीसे य महति धम्मकहा जाव आणाए आराहए भवइ, तए णं ते समणोवासया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोचा निसम्म हतुवा उट्ठाए उद्वेइत्ता समणं भगवं महावीर चंदन्ति नमंसन्ति त्ता एवं वदासी-एवं खल भंते ! इसिमपुत्ते समणोवासए अम्हं एवं आइक्खइ जाव परूवेइ-देवलाएसु णं अज्जो ! देवाणं जहन्नेणं दस वाससहस्साई ठिती पं० तेण परं समयाहिया जाव तेण परं बोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य. से कहमेयं भंते! एवं ?, अज्जोत्ति समणे भगवं महावीरे ते समणोवासए एवं वयासी-जन अजो! इसिभहपत्ते समणोवासए तुज्झं एवं आइक्खइ जाव परुबेइ-देवलोगेसु णं अजो! देवाणं जहनेणं दस वाससहस्साई ठिई पं०, तेण परं समयादिया जाव तेण परं बोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य, सच्चे णं एसमढे, अहं पुण अजो ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि-देवलोगेसु णं अज्जो देवाणं जहनेणं दस बाससहस्साई त चेव जाव तेण परं वोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य, सच्चे णं एसमढे, तए णं ते समणोवासगा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयम8 सोचा निसम्म समर्ण भगवं महावीरं बंदन्ति नमंसन्ति ता जेणेव इसिमद्दपुत्ते समणोवासए तेणेव उवागच्छन्ति त्ता इसिभहपुत्तं समणोवासगं वदति नमसंति ता एयम१ संमं विणएणं भुजो २ खामति, तए णं ते समणोवासया पसिणाई पुच्छति त्ता अट्ठाई परियादेति ता समणं भगवं महावीरं वदंति नमसंति त्ता जामेव दिसं पाउम्भूया तामेव दिसं पडिगया।४३३। भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं बंदइ णमंसइ त्ता एवं बयासी-पभू णं भंते ! इसिभइपुत्ते समाणोवासए देवाणुप्पियाणं अंतिय मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए?, गोयमा ! णो तिणढे समढे, गोयमा ! इसिभद्दपुत्ते समणोवासए बहुहिं सीलब्वयगुणवयवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासेहिं अहापरिम्गहिएहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे बहूई वासाई समणोवासगपरियागं पाउणिहिति त्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं ससेहिति त्ता सढि भत्ताई अणसणाए छेदेहिति त्ता आलोइयपडिकते समाहिपत्ते कालमासे कालं किचा सोहम्मे कप्पे अरुणाभे विमाणे देवत्ताए उववजिहिति, तत्थ णं अत्यंगतियाणं देवाणं चत्तारि पलिओचमाई ठिती पं०, तत्थ णं इसिभहपुत्तस्सवि देवस्स चत्तारि पलिओवमाई ठिती भविस्सति, से णं मंते ! इसिभरपुत्ते देवे तातो देवलोगाओ आउक्वएणं भव० ठिइक्खएणं जाव कहिं उववजिहिति ?, गोयमा! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहेति। सेवं भंते!२त्ति भगवं गोयमे २७७ श्रीभगवत्यंग -सन-श मुनि दीपरत्नसागर 1348628428069425439224282604S403455HI1234520418948R49314589343434002040 Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । ४३४। तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयावि आलंभियाओ नगरीओ संखवणाओ चेइयाओ पडिनिक्वमहत्ता बहिया जणवयविहार विहरइ, तेणं कालेणं आलंभिया नाम नगरी होत्था वन्नओ, तत्थ णं संखवणे णामं चेइए होत्था वन्नओ, तस्स णं संखवणस्स० अदूरसामंते पोग्गले नाम परियायए परिवसति रिउब्येदजजरवेद जाव नएस सुपरिनिट्ठिए छटुंछट्टेणं अणिक्वित्तेणं तबोकम्मेणं उड्ढे बाहाओ जाव आयावेमाणे चिहरति, तए णं तस्स पोग्गलस्स छटुंछटेणं जाव आयावेमाणस्स पगतिभट्याए जहा सिवस्स जाब विभंगे नामं अनाणे समुप्पने, से णं तेणं विभंगेणं नाणेणं समुप्पन्नेणं बंभलोए कप्पे देवाणं ठिति जाणति पासति, तए णं तस्स पोग्गलस्स परिव्वायगस्स अयमेयारुवे अभत्थिए जाव समुप्पज्जित्था-अस्थि णं ममं अइसेसे नाणदंसणे समुप्पन्ने, देवलोएसु णं देवाणं जहन्नेणं दस वाससहस्साई ठिती पं०, तेण परं समयाहिया दुसमयाहिया. दस सागरोक्माई ठिती पं०, तेण परं गेच्छिन्ना देवा य देवलोगा य, एवं संपेहेति त्ता आयावणभूमीओ पचोरहइ त्ता तिदंडकुंडिया जाव धाउरत्ताओ य गेण्हइ त्ता जेणेव आलंभिया णगरी जेणेव परिवायगावसहे तेणेव उवागच्छइ त्ता भंडनिक्खेवं करेति त्ता आलंभियाए नगरीए सिंघाडगजावपहेसु अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ जाब परुवेइ-अस्थि णं देवाणुप्पिया! ममं अतिसेसे नाणदंसणे समुप्पन्ने, देवलोएसु णं देवाणं जहन्नेणं दस वाससहस्साई तहेब जाव वोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य, तए णं आलंभियाए नगरीए एएणं अभिलावणं जहा सिवस्स तं चेव जाब से कहमेयं मन्ने एवं?, सामी समोसढे जाच परिसा पडिगया, भगवं गोयमे तहेव भिक्खायरियाए तहेव बहुजणसई निसामेइत्ता सव्वं भाणियब्वं जाव अहं पुण गोयमा ! एवं आइक्खामि एवं भासामि जाव परूवेमि-देवलोएसु ण देवाणं जहन्नेणं दस वाससहस्साई ठिती पं०, तेण परं समयाहिया दुसमयाहिया जाव उक्कोसेणं तेत्तीस सागरोवमाई ठिती पं० तेण परं वोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य, अस्थि णं भंते! सोहम्मे कप्पे दवाई सवनाइपि अवनाईपि नहेब जाव हंता अत्थि, एवं ईसाणेऽवि, एवं जाव अचुए एवं गेवेजविमाणेसु अणत्तरविमाणेसुवि, इसिपम्भाराएऽवि जाव हंता अस्थि,तएण सा महांतमहालिया जाव पाडगया, तएणं आलोभयाए नगरीए सिंघा जाव सब्बदुक्खप्पहीणे, नवरं तिदंडकुंडियं जाव धाउरत्तवत्थपरिहिए परिवडियविभंगे आलंभियं नगरि मझ० निग्गच्छति जाव उत्तरपुरच्छिमं दिसीभागं अवक्कमति त्ता तिदंडकूडियं च जहा खंदओ जाव पवइओ सेसं जहा सिवस्स जाव अब्वाबाहं सोक्खं अणुभवंति सासयं सिद्धा । सेवं भंते २त्ति।४३५॥ उ०१२ इति एकादशं शतकं ॥卐 फी 'संखे १ जयंति२ पुढवी ३ पोग्गल ४ अइवाय ५ राहु ६ लोगे ७ य । नागे ८ देवे९य आया १० बारसमसए दसुहेसा ॥७२॥ तेणं कालेणं० सावत्थीनाम नगरी होत्था वन्नओ, कोट्ठए चेइए वन्नओ, तत्थ णं सावत्थीए नगरीए बहवे संखप्पामोक्खा समणोवासगा परिवसंति अड्ढा जाव अपरिभूया अभिगयजीवाजीवा जाव विहरति, तस्स णं संखस्स समणोवासगस्स उप्पला नामं भारिया होत्था सुकुमाल जाय सुरूवा समणोवासिया अभिगयजीवाजीवा जाव विहरइ, तत्थ णं सावत्थीए नगरीए पोक्खली नाम समणोबासए परिवसइ अइढे अभिगय जाव विहरइतेणं कालेणं० सामी समोसढे परिसा निग्गया जाव पज्जुवा०, तए ण ते समणावासगा इमासे जहा आलांभयाए जाच पज्जुवासन्ति, तए णं समणे भगवं महावीरे तेसि समणोबासगाणं तीसे य महति धम्मकहा जाव परिसा पडिगया, तए णं ते समणोवासगा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मं सोचा निसम्म हतद्रा समणं भ० म००नत्ता पसिणाई पुच्छति त्ता अट्ठाई परियादियंति ना उद्याए उट्टेति त्ता समणस्स भ० महा० अंतियाओ कोट्ठयाओ चेइयाओ पडिनिक्खमन्ति त्ता जेणेव सावत्थी पहारेत्थ गमणाए।४३६। तए णं से संखे समणोवासए ते समणोवासए एवं वयासी-तुझे णं दवाणुप्पिया! विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेह, तपणं अम्हा तं विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं आसाएमाणा विसाएमाणा परिभुजेमाणा परिभाएमाणा पक्खियं पोसई पडिजागरमाणा विहरिस्सामो, तए णं ते समणोवासगा संखस्स समणोबासगस्स एयमदं विणएणं पडिसुणंति, तए णं तस्स संखस्स समणोवासगस्स अयमेयारूवे अब्भत्थिए जाव समुप्पज्जित्था-नो खलु मे सेयं तं विउलं असणं जाव साइमं अस्साएमाणस्स० पक्खियं पोसह पडिजागरमाणस्स विहरित्तए, सेयं खलु मे पोसहसालाए पोसहियस्स बंभचारिस्स उम्मुकमणिसुबन्नस्स बयगयमालावन्नगविलेवणस्स निक्वित्तसत्यमसलस्स क्खियं पोसह पडिजागरमाणस्स विहरित्तएंत्तिकट्टु एवं संपहात त्ता जेणेव सावत्थी नगरी जेणेव सए गिहे जेणेव उप्पला समणोवासिया व उवागच्छदत्ता पासहसालं अणुपविसइत्ता पोसहसालं पमजइत्ता उच्चारपासवणभूमि पडिलेडेड । त्ता दम्भसंथारग संथरति सा दब्भसंथारगं दुरूहइ त्ता पोसहसालाए पोसहिए पंभयारी जाव पक्खियं पोसह पडिजागरमाणे विहरति, तए णं ते समणोवासगा जेणेव सावत्थी नगरी जेणेव साई गिहाई तेणेव उवागच्छन्ति त्ता विपुलं असणं पाणं खाइमं साइम उवक्खडार्वति त्ता अनमने सहावेति त्ता एवं बयासी-एवं खल देवाणप्पिया! अम्हेहिं से विउले असण२७८ श्रीभगवत्यंग-सत-१२ मुनि दीपरत्नसागर SHARE८-482298298528488624393399823436892450824NRC849994RNSR4ERSE Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SPORCHASPIROHIEFRASPICNICHIRAMASTEMBPRIMEPASSIPANASPIRAASPIREMISPIRSHASTRASTISMEPIGARBP26488PIONSH पाणखाइमसाइमे उवक्खडालिए, संखे य णं समणोवासए नो हव्यमागच्छद, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं संखं समणोवासगं सहावेत्तए, तए णं से पोक्खली समणोवासए एव वयासी अच्छह णं तुझे देवाणुप्पिया ! सुनिव्व्या वीसत्था अहनं संखं समणोबासगं सदावेमित्तिकटु तेसि समणोवासगाणं अंतियाओ पडिनिक्खमति त्ता सावत्थीए नगरीए मझमज्झेणं जेणेव संखस्स समणोवासगस्स गिहे तेणेव उबागच्छइ त्ता संखस्स समणोवासगस्स गिह अणुपविद्वे, तए णं सा उप्पला समणोवासिया पोक्खलि समणोवासयं एजमाणं पासइ ता हट्ठतुट्ठ० आसणाओ अभुठेइ त्ता सत्तटूठ पयाई अणुगच्छइ त्ता पोक्खलि समणोबासर्ग बंदति नर्मसति त्ता आसणेणं उवनिमंतेइ त्ता एवं पयासी-संदिसंतु णं देवाणप्पिया! किमागमणप्पयोयण ?, तए णं से पोक्खली समणोवासए उप्पलं समणोवासियं एवं वयासी-कहिनं देवाणुप्पिए ! संखे समणोवासए ?.तए णं सा उप्पला समणोवासिया पोक्वलिं समणोवासयं एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! संखे समणोबासए पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जाव विहरइ, तए णं से पोक्खली समणोवासए जेणेव पोसहसाला जेणेव संखे समणोवासए तेणेव उवागच्छइत्ता गमणागमणाए पडिकमइत्ता संखं समणोवासगं चंदति नमसति त्ता एवं वयासी एवं खलु देवाणुपिया! अम्हेहिं से बिउले असणजाबसाइमे उच छामोणं देवाणुप्पिया! तं विउल असणं जाव साइम आसाएमाणा जाव पडिजागरमाणा विहरामो, तए णं से संखे समणोचासए पोक्खलिंसमणोबासर्ग एवं बयासीणो खल मे कप्पइ देवाणुप्पिया! तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं आसाएमाणस्स जाव पडिजागरमाणस्स विहरित्तए, कप्पड़ में पोसहसालाए पोसहियस्स जाब विहरित्तए, तं छंदेणं । देवाणुप्पिया ! तुम्भे तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं आसाएमाणा जाव विहरह, तए णं से पोक्खली समणोवासगे संखस्स समणोवासगस्स अंतियाओ पोसहसालाओ पडिनिक्खमहत्ता सावत्यि नगरि मज्झमझेणं जेणेच ते समणोचासगा तेणेव उवागच्छदत्ता ते समणोवासए एवं क्यासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! संखे समणोवासए पोसहसालाए पोसहिए जाब बिहरइ. तं छंदेणं देवाणप्पिया ! तुज्ो विउलं असणपाणखाइमसाइमं जाब विहरह, संखे णं समणोवासए नो हव्वमागच्छद, तए णं ते समणोबासगा तं विउलं असणपाणखाइमसाइमं आसाएमाणा जाव विहरंति, तए णं तस्स संखस्स समणोवासगस्स पुचरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारुवे जाव समुपज्जित्था-सेयं खलु मे कडं जाय जलंते समणं भगवं महावीरं वंदित्ता नमंसित्ता जाव पज्जुवासित्ता तओ पडिनियत्तस्स पक्खियं पोसहं पारित्तएत्तिकटु एवं संपेहेति त्ता कलं जाव जलंते पोसहसालाओ पडिनिक्खमति त्ता सुद्धप्पावेसाई मंगहाई पत्याई पचरपरिहिए सयाओ गिहाओ पडिनिक्खमति त्ता पादविहारचारेणं सावत्यि नगरि मज्झमज्झेणं जाव पज्जुवासति, अभिगमो नस्थि, तए णं ते समणोबासगा का पादु जाव जलंते व्हाया कयनलिकम्मा जाच सरीरा सएहिं २गेहेहिंतो पडिनिक्खमंति त्ता एगयओ मिलायति त्ता सेसं जहा पढमं जाव पज्जुवासंति, तए णं समणे भगवं महावीरे तेसिं समणोवासगाणं तीसे य धम्मकहा जाव आणाए आराहए भवति, तए णं ते समणोवासगा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोचा निसम्म हतुट्ठा उट्ठाए उडेति त्ता समणं भगवं महावीरं वंदति नमसंति त्ता जेणेव संखे समणोवासए तेणेव उवागच्छन्ति त्ता संखं समणोवासयं एवं वयासी-तुम देवाणुप्पिया! हिजो अम्हे अप्पणा चेव एवं क्यासी-तुम्हे णं देवाणुपिया ! विउलं असणं जाव विहरिस्सामो तए णं तुमं पोसहसालाए जाच विहरिए, तं मुठ्ठ णं तुम देवाणुप्पिया! अम्हं हीलसि०, अजोत्ति समणे भगवं महावीरे ते समणोवासए एवं वयासी-मा णं अज्जो ! तुझे संखं समणोवासगं हीलह निंदह खिंसह गरहह अवमन्नह, संखे णं समणोवासए पियवम्मे चेव ढधम्मे चेव सुदक्खुजागरियं जागरिए । ४३७। भंतेत्ति भगवं गोयमे समर्ण भ० महा० ० न०त्ता एवं क्यासी-कइविहा णं भंते ! जागरिया पं०?, गोयमा! तिविहा जागरिया पं० तंक-बुद्धजागरिया अबुद्धजागरिया सुदक्खुजागरिया, से केण एवं बु० तिविहा जागरिया पं० २०-बुद्धजा० अबुद्धजा सुदक्सु०१, गोयमा! जे इमे अरिहंता भगवंतो उप्पन्ननाणदं. सणधरा जहा खंदए जाच सव्वन्नू सव्वदरिसी एए णं बुद्धा बुद्धजागरियं जागरंति, जे इमे अणगारा भगवंतो ईरियासमिया भासासमिया जाच गुत्तभचारी एए णं अचुद्धा अबुद. जागरियं जागरंति, जे इमे समणोबासगा अभिगयजीवाजीवा जाब विहरन्ति एतेणं मुदक्खुजागरियं जागरिति, से तेण?णं गोयमा ! एवं चुचई तिविहा जागरिया जाव सुदक्खुजागरिया ।४३८ा तए णं से संखे समणोवासए समणं भ० महावीरं बंदइनमं० सा एवं बयासी-कोहवसट्टे णं भंते ! जीचे किं बंधाइ किं पकरेति किं चिणाति किं उबचिणाति?, संखा! कोहवसट्टे णं जीवे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ सिढिलबंधणबद्धाओ एवं जहा पढ़मसए असंवुडस्स अणगारस्स जाव अणुपरियट्टइ, माणवसदे णं भंते ! जीवे०१, एवं चेब, एवं मायावसट्टेऽवि एवं लोभवसहेऽवि जाच अणुपरियट्टइ, तए णं ते समणोवासगा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमढे सोचा निसम्म भीया तत्था तसिया संसारभउब्बिग्गा समणं भगवं महावीरं वनमंत्ता जेणेव संखे समणोवासए तेणेव उवा त्ता संखं समणोवासगं वं० नत्ता एयम8 संमं विणएणं भुज्जो २खाति, तए णं ते समणोवासगा सेर्स २७९ श्रीभगवत्यंग-रात-१२ मुनि दीपरनसागर Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | जहा आलंभियाए जाव पडिगया, भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ त्ता एवं वयासी-पभू गं भंते ! संखे समणोवासए देवाणुप्पियाणं अंतियं० सेसं जहा इसिभरपुत्तस्स जाव अंतं काहेति। सेवं मंते ! सेवं भंतेत्ति जाब विहरइ ।४३९॥ श० १२ उ०१॥ तेणं कालेणं. कोसंबी नामं नगरी होत्था बन्नओ, चंदोवतरणे चेहए पन्नओ, तत्य णं कोसंबीए नगरीए सहस्साणीयस्स रन्नो पोते सयाणीयस्स रन्नो पुत्ते चेङगस्स रन्नो नत्तुए मिगावतीए देवीए अत्तए जयंतीए समणोवासियाए भत्तिजए उदायणे नामं राया होत्या वन्नओ, तत्व ण कोसंबीए नयरीए सहस्साणीयस्स रन्नो सुव्हा सयाणीयस्स रन्नो मजा चेडगस्स रन्नो घूया उदायणस्स रन्नो माया जयंतीए समणोवासियाए भाउजा मिगावती नामं देवी होत्या बन्नओ सुकमालजावसुरुवा समणोवासिया जाव विहरह, तत्य र्ण कोसंबीए नगरीए सहस्साणीयस्स रन्नो घूया सयाणीयस्स रन्नो भगिणी उदायणस्स रन्नो पिउच्छा मिगावतीए देवीए नणंदा बेसालीसावयाणं अरहंताणं पुष्यसिजायरी जयंती नाम समणोपासिया होत्या सुकुमाल जाव सुरूवा अभिगय जाब विहरति ।४४०॥ तेणं कालेणं० सामी समोसढे जाव परिसा पजुवासइ, तए णं से उदायणे राया इमीसे कहाए लबडे समाणे इवतुढे कोडुचियपुरिसे सहावेह त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो! देवाणुप्पिया! कोसंविं नगरिमम्भितरवाहिरियं एवं जहा कृणिओ तहेव सर्व जाय पजुवासए, तए णं सा जयंती समणोवासिया इमीसे कहाए लबट्ठा समाणी हवतुट्ठा जेणेव मियावती देवी तेणेव उवात्ता. | मियावती देवीं एवं वयासी-एवं जहा नवमसए उसमदत्तो जाव भविस्सइ, तए णं सा मियाक्ती देवी जयंतीए समणोवासियाए जहा देवाणंदा जाब पढिसुणेति, तए णं सा मियावती देवी कोइंषियपुरिसे सहावेइ त्ता एवं क्यासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! लहुकरणजुत्तजोइय जाव घम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवट्ठवेह जाव पचप्पिणति, तए णं सा मियावती | देवी जयंतीए समणोवासियाए सदि व्हाया कयचलिकम्मा जाव सरीरा बहुहिं सुजाहिं जाव अंतेउराओ निम्गच्छति त्ता जेणेव बाहिरिया उबवाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उत्ता जाव दुरूदा, तए णं सा मियावती देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं धम्मियं जाणप्पवरं दुरुढा समाणी नियगपरियाल जहा उसमदत्तो जाव धम्मियाओ जाणप्पवराओ पचोरहइ. तएणं सा मियावती देवी जयंतीए समणोबासियाए सदि बहहिं खुजाहिं जहा देवाणंदा जाव वं० नमत्ता उदायर्ण रार्य पुरओ कटु ठितिया चेव जाव पज्जुवासह, तए णं समणे भगवं महा० उदायणस्स रचो मियावईए देवीए जयंतीए समणोवासियाए तीसे य महतिमहाजाव धम्म परिसा पडिगया उदायणे पडिगए मियावती देवीवि 2 पडिगया। ४४१ । तए ण सा जयंती समणोबासिया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मं सोचा निसम्म हद्वतद्वा समणं म० महावीर पं० न० ता एवं पयासी कहि भंते! जीवा गरुयत्तं हवमागच्छन्ति', जयंती! पाणाइवाएणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं, एवं खलु जीवा गरुयत्तं हव्व० एवं जहा पढमसए जाच पीयीवयंति, भवसिदियत्तं णं भंते ! जीवाणं किं सभावओ परिणामओ?, जयंती! सभावओ नो परिणामओ, सव्वेऽवि णं भंते ! भवसिद्धिया जीवा सिज्झिस्संति', ईता जयंती! सोऽवि णं भवसिदिया जीवा सिज्झिस्संति, जइ भंते ! सव्ये भवसिद्धिया जीवा सिज्झिस्संति तम्हाणं भवसिद्धियविरहिए लोए भविस्सइ ?, णो तिणढे समढे, से केणडेणं खाइएणं भंते ! एवं बुचइ सव्वेऽविणं भवसिदिया जीवा सिज्लिस्संति नो चेवणं भवसिद्धियविरहिए लोए भविस्सइ ?, जयंती! से जहानामए सव्वागाससेढी सिया अणादीया अणवदग्गा परित्ता परिखुडा, साणं परमाणुपोग्गलमेत्तेहिं खंडेहि समये २ अवहीरमाणी २ अणंताहिं उस्सप्पिणीअवसप्पिणीहिं अवहीरंति नो चेव णं अवहिया सिया, से तेण?णं जयंती ! एवं युबइ सब्वेऽवि णं जाव भविस्सइ, सुत्तत्तं भंते ! साहू जागरियत्तं साहू ?, जयंती! अत्थेगइयाणं जीवाणं सुत्तत्तं साहू अत्यंगतियाणं जीवाणं जागरिवत्तं साहू, से केणतुणं भंते! एवं बुचद अत्थेगइयाणं जाव साहू ?, जयंती ! जे इमे जीवा है अहम्मिया अहम्माणुया अहम्मिट्ठा अहम्मक्खाई अहम्मपलोई अहम्मपलजणा अहम्मसमुदायारा अहम्मेणं चेव वित्ति कप्पेमाणा विहरति एएसि णं जीवाणं सुत्तत्तं साह , एएणं | जीवा सुत्ता समाणा नो पहर्ण पाणभूयजीवसत्ताणं दुक्खणयाए सोयणयाए जाच परियावणयाए बटुंति, एए णं जीचा सुत्ता समाणा अप्पाणं चा परं या तदुभयं वा नो बहूहि अहम्मियाहिं संजोयणाहिं संजोएतारो भवंति, एएसि जीवाणं सुत्तत्तं साहू, जयंती ! जे इमे जीवा धम्मिया धम्माणुया जाव धम्मेणं व वित्ति कप्पेमाणा विहरति एएसिणं जीवाणं जागरियत्तं साहू, एए णं जीवा जागरा समाणा बहूणं पाणाणं जाव सत्ताणं अदुक्खणयाए जाव अपरियावणियाए बटुंति, ते णं जीवा जागरमाणा अप्पाणं वा परं वा तदुभयं वा बहूहि धम्मियाहिं संजोयणाहिं संजोएत्तारो भवंति, एए णं जीचा जागरमाणा धम्मजागरियाए अप्पाणं जागरइत्तारो भवंति, एएसिं णं जीवाणं जागरियत्तं साह, से तेणतुणं 3 वृथइ-अत्यंगइयाणं जीवाणं सुत्तत्तं साह अत्येगइयाण० जागरियत्तं साह, बलियत्तं भंते ! साहू दुबलियत्तं साहू ?, जयंती! अस्येगइयाणं जीवाणं दुग्बलियत्तं साहू अत्यगइयाणं जीवाणं बलियतं साह, से केणटेणं भंते ! एवं बुचड़ जाव साह ?, जयंती! जे इमे जीवा अहम्मिया जाच विहरंति एएसिं गं जीवाणं दुबलियत्तं साहू, एएणं जीवा एवं जहा सुत्तस्स तहा दुबलियस्स वत्तव्वया भाणियव्या, बलियस्स जहा जागरस्स तहा भाणियव्वं जाव संजोएत्तारो भवंति, एएसिं गं जीवाणं बलियत्तं साहू से तेणठेणं जयंती ! एवं वुबह (७०) २८. श्रीभगवत्यंग-बार मुनि दीपरतसागर Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ CH-87006287843PEPSMSPRANSPIRI-28P8ARSHPRABHEMASPROMISIP248298587CHROPICSSPGARHPEARNE तं चेव जाव साहू, दक्खत्तं भंते ! साहू आलसियत साह ?, जयंती ! अत्यंगतियाणं जीवाणं वक्खत्तं साहू अत्यंगतियाणं जीवाणं आलसियत्तं साहू, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ तं चेव जाव साह ?. जयंती ! जे इमे जीवा अहम्मिया जाब विहरति एएसि णं जीवाणं आलसियत्तं साहू, एएणं जीवा आलसा समाणा नो बहूर्ण जहा सुत्ता तहा आलसा भाणियब्वा जहा जागरा तहा दक्खा भाणियव्वा जाव संजोएत्तारो भवंति, एए णं जीवा दक्खा समाणा बहूहिं आयरियवेयानचेहिं जाव उवज्झाय० थेर० तवस्सि० गिलाणवेया० सेहवे. कुलबेया० गणवेया० संघवेयाव० साहम्मियवेयावच्चेहिं अत्ताणं संजोएत्तारो भवंति, एएसिणं जीवाणं दक्खत्तं साहू, से तेणठेणं तं चेव जाव साहू, सोइंदियवसट्टे णं भंते ! जीवे किं बंधइ ?, एवं जहा कोहवसट्टे तहेव जाव अणुपरियड, एवं चक्विदियवसट्टेऽवि, एवं जाव फासिंदियवसट्टे जाव अणुपरियट्टइ, तए णं सा जयंती समणोवासिया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमलैं सोचा निसम्म सेसं जहा देवाणंदाए तहेव पव्वइया जाव सव्वदुक्खप्पहीणा। सेवं भंते!२त्ति ।४४२॥ श०१२ उ०२॥ रायगिहे जाच एवं वयासी-कह णं भंते ! पुढवीओ पं०१, गोयमा ! सत्त पुढवीओ पं०२०-पढमा दोचा जाच सत्तमा, पढमा णं भंते ! पुढबी किनामा किंगोत्ता पं०?, गोयमा ! घम्मा नामेणं रयणप्पभा गोत्तेणं एवं जहा जीवाभिगमे पढ़मो नेरइयउद्देसओ सो चेव निरवसेसो भाणियब्यो जाव अप्पाबहुगंति। सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति । ४४३॥ २०१२ उ०३॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-दो भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति एगयओ साहण्णित्ता किं भवति ?, गोयमा ! दुप्पएसिए खंघे भवइ, से मिजमाणे दुहा कजद एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ परमाणुपोमाले भवइ,8 तिमि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति त्ता किं भवति?, गोयमा ! तिपएसिए खंधे भवति, से भिज्जमाणे दुहावि तिहावि कज्जइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, तिहा कजमाणे तिण्णि परमाणुपोम्गला भवंति, चत्तारि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति जाव पुच्छा, गोयमा ! चउपएसिए खंधे भवइ, से | भिजमाणे दहावि तिहावि चउहावि कज्जइ. दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोपालं एगया। दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवइ, चउहा कज्जमाणे चत्तारि परमाणुपोग्गला भवंति, पंच भंते! परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा! पंचपएसिए खंधे भवइ, से भिजमाणे दुहावि तिहावि चउहावि पंचहावि कजइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे भवति एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ तिप्पएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति, चउहा कजमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवति, पंचहा कजमाणे पंच परमाणुपोग्गला भवंति, छम्भंते ! परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा ! छप्पएसिए खंधे | भवइ, से भिजमाणे दुहावि तिहावि जाव छब्बिहावि कजइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुप्पएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा दो तिपएसिया खंधा भवन्ति, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा तिन्नि दुपएसिया खंधा भवन्ति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिनि परमाणुपोग्गला एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला भवंति एगयओ दो दुप्पएसिया खंधा भवंति, पंचहा कजमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे भवति, छहा कजमाणे छ परमाणुपोग्गला भवंति, सत्त भंते! परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा ! सत्तपएसिए खंघे भवइ से भिजमाणे दुहावि जाव सत्तहावि कज्जइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिप्पएसिए एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंघे भवइ अहवा एगयओ परमाणु एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति एगयओ तिपएसिए खंधे भवति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिनि परमाणुपोग्गला एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ तिन्नि दुपएसिया खंधा भवंति, पंचहा कजमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्ाला एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिन्नि परमाणु एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति, छहा कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंघे भवइ, सत्तहा कज्जमाणे सत्त परमाणुपोग्गला भवंति, अट्ट भंते! परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा! अट्ठपएसिए खंधे भवइ जाव दुहा कजमाणे एगयओ परमाणु० एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिपएसिए एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ 8|२८१ श्रीभगवत्यंग-सार मुनि दीपरत्नसागर Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ KANCISHEMISPONRAPARIPRASPASSASANASPRIMASPIRISE0ACPERSPRSASPIRMERIC62878MBPPLEYEARIVESHA अहका दो चउप्पएसिया खंधा भवंति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणु० एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दुप्पएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंघे भवाइ जहवा एगयओ परमाणु० एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयो दुपएसिए बंधे एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिनि परमाणुपोग्गला एगयओ पंचपएसिए खंघे भवति अहवा एगयओ दोनि परमाणुपोम्गला एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ दो परमाणु० एगयजो दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ तिपएसिए खंधे भवति अहवा चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति, पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ तिनि परमाणु० एगयओ दुपएसिए एगयओ तिपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ दो परमाणु० एगयओ तिनि दुपएसिया खंधा भवंति, छहा कजमाणे एगयओ पंच परमाणु० एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ चत्तारि परमाणु० एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवन्ति सत्तहा कजमाणे एगयओ छ परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ अट्टहा कजमाणे अट्ठ परमाणुपोग्गला भवंति, नव भंते ! परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा ! जाव नवविहा कजंति, वुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणु० एगयओ अहपएसिए खंधे भवति, एवं एकेक संचारैतेहिं जाव अहवा एगयओ चउप्पएसिए खंघे एगयओ पंचपएसिए खंघे भवति, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ सत्तपएसिए खंघे भवइ अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दुपएसिए एगयओ छप्पएसिए खंघे भवइ अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दो दुपदेसिया खंधा एगतो पंचपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ दुप्पएसिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा तिमि तिपएसिया खंधा भवंति, चउहा कजमाणे एगयओ तिन्नि परमाणु० एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयो दो परमाणु एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ दो परमाणु० एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ चउप्पएसिए खंघे भवति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दुपएसिए खंधे एगयो दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगवओ तिमि दुपएसिया खंधा एगयओ तिपएसिए खंधे भवति, पंचहा कजमाणे एगयओ चत्तारि परमाणु० एगयओ पंचपएसिए खंघे भवइ अहया एगयओ तिथि परमाणु० एगयओ दुपएसिए.एगयो चउप्पएसिए खंघे भवइ अहवा एगयओ तिचि परमाणु० एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एमयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ तिपएसिया खंघे भवइ अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति, छहा कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला एगयओ बड़प्पएसिए खंधे भवद अहवा एगयओ चत्तारि परमाणु० एगयओ दुप्पसिए० एगयओ तिपएसिए खंघे भवति अहवा एगयओ तिन्नि परमाणु० एगयओ तिन्नि दुपएसिया खंधा भवंति, सत्तहा कजमाणे एगयओ छ परमाणु० एगयओ तिप्पएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ पंच परमाणु० एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति, अट्टहा कजमाणे एगयओ सत्त परमाणु० एगयओ दुपएसिए खंधे भवति, नवहा कन्जमाणे नव परमाणुपोग्गला भवंति, दस भंते! परमाणुपोग्गला जाव वुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ नवपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ अपएसिए खंधे भवद एवं एशेकं संचारेयव्वंति जाव अहवा दो पंच पएसिया खंघा भवति, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणु० एगयओ अट्ठपएसिए खंघे भवा आहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दुपएसिए० एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणु एगयओ तिप. एसिए खंधे भवइ एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ चउप्पएसिए० एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति अहवा एगतओ दो दुपएसिया एगतओ छपएसिए खंधे भवति अहवा एगतओ दुपएसिए एगतओ तिपएसिए एगतओ पंचपएसिए खंधे भवति आहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवति अहवा एगयओ दो विपएसिया खंघा० एगयओ बउप्पएसिए खंधे भवइ, चउहा कजमाणे एगयओ तिथि परमाणु० एगयओ सत्तपएसिए खंधे मवह अहवा एगयओ दो परमाणु एगयओ दुपएसि० एगयओ छप्पएसिए खंघे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणु० एगयओ तिप्पएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ दो परमाणु० एगयो दो चउप्पएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणु० एगयो दो दुपएसिया एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दुपएसिए एगयो तिपएसिए एगयओ चउप्पएसिए खंघे भवति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ तिनि तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयो तिन्नि दुपएसिया खंधा एगयो चउपएसिए खंधे भवति २८२ श्रीभगवत्यंग-सत १२ मुनि दीपरत्नसागर 84849AINAMANARTHAIRBANDARKSATreakARNIBASINIACINNARROMITRAKOMNANGAON Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 8 अहवा एगयओ दो दुपएरिया खंधा एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति, पंचहा कजमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ छपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिनि | परमाणु० एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिन्नि परमाणु० एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओं दो परमाणु० एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ तिन्नि दुपएसिया एगयओ तिपएसिए खंधे भवति अहवा पंच दुपएBI सिया खंधा भवंति, छहा कजमाणे एगयओ पंच परमाणु एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति अहया एगयओ चत्तारि परमाणु० एगयओ दुपएसिए० एगयओ चउपएसिए खंधे। | भवति अहवा एगयओ चत्तारि परमाणु० एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ तिनि परमाणु० एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ तिपएसिए खंधे भवति | अहवा एगयओ दो परमाणु: एगयओ चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति, सत्तहा कजमाणे एगयओ छ परमाणु० एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ पंच परमाणु एगयओ दुपएसिए एगयओ तिपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ चत्तारि परमाणु० एगयओ तिन्नि दुपएसिया खंधा भवंति, अट्ठहा कजमाणे एगयओ सत्त परमाणु एगयओ तिपएसिए खंधे भवनि अहवा एगयओ छ परमाणु० एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवति, नवहा कजमाणे एगयओ अट्ट परमाणु० एगयओ दुपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ छ परमाणु० एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति, दसहा कज्जमाणे दस परमाणुपोग्गला भवंति, संखेज्जा भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति एगयओ साहणित्ता किं भवति ?, गोयमा ! संखेजपएसिए खंधे भवति, से भिज्जमाणे दुहावि जाच दसहावि संखेजहावि कजंति, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ संखेजपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ संखेजपएसिए खंधे भवति एवं अहवा एगयओ तिपएसिए एगयओ सं० खंधे भवति एवं जाच अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे एगयओ संखेजपएसिए खंघे भवति अहवा दो संखेजपएसिया खंधा भवंति, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणु० एगयओ संखेजपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दुपएसिए खंधे० एगयओ संखेजपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ तिपएसिए खंधे०एगययो संखेजपएसिए खंधे भवइ एवं जाव अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दसपएसिए खंधे० एगयओ संखेजपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणु० एमयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए० एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति, एवं जाव अहवा एगयओ दसपएसिए०एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति अहवा तिन्नि संखेजपएसिया खंधा भवति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणु० एगयओ संखेजपएसिए भवंति अहवा एगयओ दो परमाणु० एगयओ दुपएसिए एगयओ संखेजपएसिए भवति अहवा एगयओ दो परमाणु० एगयओ तिप्पएसिए०एगयओ संखेजपएसिए भवति एवं जाव अहवा एगयओ दो परमाणु० एगयओ दसपएसिए० एगयओ संखेजपएसिए० भवति अहवा एगयओ दो परमाणु० एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दुपएसिए एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति जाव अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दसपएसिए एगयओ दो संखेजपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ तिन्नि संखेजपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए एगवओ तिनि संखेजपएसिया० भवंति जाव अहवा एगयओ दसपएसिए एगयओ तिन्नि संखेजपएसिया भवंति अहवा चत्तारि संखेजपएसिया० भवंति एवं एएणं कमेणं पंचगसंजोगोऽवि भाणियव्वो जाव नवगसंजोगो, दसहा कजमाणे एगयओ नव परमाणु० एगयओ संखेजपएसिए० भवति अहवा एगयओ अट्ठ परमाणु० एगयओ दुपएसिए एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवति, एएणं कमेणं एकेको पूरेयब्बो जाच अहवा एगयओ दसपएसिए एगयओ नव संखेजपएसिया० भवंति अहवा दस संखेजपएसिया खंधा भवंति संखेजहा किज्जमाणे संखिजा परमाणुपोम्गला भवंति, असंखेजा भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति ता किं भवंति ?, गोयमा ! असंखेजपएसिए खंधे भवति से भिजमाणे दुहावि जाच दसहावि संखेजहावि असंखेजहावि कज्जइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणु० एगयओ असंखेजपएसिए० भवति जाव अहवा एगयओ दसपएसिए एगया असखिज्जपएसिए०भवति अहवाएगया सखजपएसिएखधएगयआ असखजपएसएखध परमाणु० एगयओ असंखेजपएसिए० भवति अहवा एमयओ परमाणु० एगयओ दुपएसिए एगयओ असंखिजपएसिए० भवति जाव अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दसपएसिए. एगयओ असंखेजपएसिए० भवति अहवा एगे परमाणु० एगे संखेजपएसिए एगे असंखेजपएसिए• भवति अहवा एगे परमाणु० एगयओ दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा |एगे दुपएसिए एगयओ दो असंखेज्जपएसिया० भवंति एवं जाब अहवा एगे संखेजपएसिए• भवति एगयओ दो असंखिज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा तिन्नि असंखेजपएसिया 18| २८३ श्रीभगवत्यंग - साने र मुनि दीपरत्नसागर MOOHARACANADARSARY9143439334505894845860852842RAKARMIRECANSAR STHISPOSAASPIREMALPICHOPRASPICABPREACHESSPARSAASPERMASHRMSPERMISPOSISPHENEVEPTEMBIPIGAREPS Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ASTRAS736767320KASTMASPARR5652864RSPANISHEMASFSCANSPIRONISTRAC750648TANTREPREPी भवंति, चउहा कजमाणे एगयओ तिनि परमाणु० एग. असंखेजपएसिए० भवति एवं चउकसंजोगो जाव दसगसंजोगो एए जहेच संखेजपएसियस्स नवरं असंखेजगं एग अहिगं भाणियब्बं जाच अहवा दस असंखेजपएसिया संधा भवंति, संखेज्जहा कजमाणे एगयओ संखेज्जा परमाणुपोग्गला एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ संखेजा दुपएसिया खंधा एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवति एवं जाव अहया एगयओ संखेजा दसपएसिया खंधा एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ संखिज्जा सं. खिजपएसिया खंधा एगयओ असंखिज्जपएसिए खंधे भवति अहवा संखेजा असंखेजपएसिया खंधा भवंति, असंखिजहा कजमाणे असंखेजा परमाणुपोग्गला भवंति, अर्णता णं भंते! परमाणुपोग्गला जाव किं भवंति ?, गोयमा! अणंतपएसिए खंधे भवति, से भिज्जमाणे दुहावि तिहावि जाच दसहावि संखिजहावि असंखिजहावि अणंतहावि कजइ, दुहा कजमाणे | एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ अणंतपएसिए खंधे जाच अहवा दो अर्णतपएसिया खंधा भवंति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणु० एगयओ अणंतपएसिए० भवति अहवा एग० परमाणु० एग दुपएसिए०एग: अणंतपएसिए०भवति जाव अहवा एग० परमाणु० एग असंखेजपएसिए एग० अणंतपएसिए०भवति अहवा एग० परमाणु० एग दो अणं - तपएसिया० भचंति अहवा एग दुपएसिए एग दो अणंतपएसिया० भवति एवं जाव अहवा एगयओ दसपएसिए एगयओ दो अणंतपणसिया खंधा भवति अहया एग० संखे. जपदे एगयओ दो अणंतपएसिया खंधा भवंति अहचा एग० असंखेजपएसिए खंधे एगयओ दो अणंतपणसिया खंधा भवंति अहवा तिन्नि अर्णतपएसिया खंधा भवंति, चउहा कजमाणे एग० तिनि परमाणु० एगयओ अणंतपएसिए• भवति एवं चउकसंजोगो जाव असंखेजसंजोगो, एते सव्वे जहेब असंखेजाणं भणिया तहेव अणंताणवि भाणियच्या नवरं सेया खंधा एग० अणंतपएसिया० भवंति अहया एग० संखेज्जा असंखेजपएसिया खंधा एग० अणंत. पएसिए खंधे भवति अहवा संखिज्जा अणंतपएसिया खंधा भवंति, असंखेजहा कजमाणे एगयओ असंखेजा परमाणु० एग० अणंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ असंखेजा दुपएसिया खंधा एग० अणंतपएसिए० भवति जाव अहवा एग० असंखेजा संखिजपएसिया एग० अणंतपएसिए. भवति अहवा एम० असंखिज्जा असंखिज्जपएसिया खंधा एग० अणंतपएसिए०भवति अहवा असंखेजा अर्णतपएसिया खंधा भवंति, अर्णतहा कजमाणे अर्णता परमाणुपोमाला भवंति ।४४४। एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं साहणणाभेदाणवाएणं अणंताणंता पोग्गलपरियट्टा समणुगतंव्वा भवंतीति मक्खाया ?, हंता गोयमा ! एएसिं णं परमाणुपोग्गलाणं साहणणा जाव मक्खाया, कइविहे भंते ! पोग्गलपरियट्टे पं०?, गोयमा ! सत्तविहे पो०परि० पं० सं०-ओरालियपोग्गलपरि० केउविय तेयापो० कम्मापो० मणपो०परियट्टे वइपोग्गलपरियट्टे आणापाणपोग्गलपरियहे, नेरहयाणं भंते ! कतिविहे पोग्गलपरियट्टे पं०१, गोयमा ! सत्तविहे पोग्गलगरियहे पं० २० ओरालियपो वेउब्बियपोग्गलपरियट्टे जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टे एवं जाव वेमाणियाणं, एगमेगस्स णं भंते नेरइयस्स केवइया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीया ?. अणंता, केवइया पुरेक्खडा?, कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि जस्सत्थि जहनेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेजावा असंखेजा वा अणंता वा, एगमेगस्स णं भंते! असुरकुमारस्स केवतिया ओरालियपोग्गल०१, एवं चेव, एवं जाच वेमाणियस्स, एगमेगस्म णं भंते ! नेरदयस्स केवतिया वेउब्वियपो. ग्गलपरियट्टा अतीया?, अणंता, एवं जहेव ओरालियपोग्गलपरियट्टा तहेव वेउब्वियपोग्गलपरियट्टावि माणियब्वा, एवं जाय वेमाणियस्स आणापाणुपोग्गलपरियट्टा, एते एगत्तिया सत्त दंडगा भवंति, नेरइयाणं भंते ! केवतिया ओ०पोग्गलपरियट्टा अतीता?, गोयमा ! अनंता, केवइया पुरेक्खडा?, अणंता, एवं जाव वेमाणियाणं, एवं वेउब्वियपोग्गलपरियट्टावि एवं जाव आणापाणुपोग्गलपरियडा वेमाणियाणं, एवं एए पोहत्तिया सत्त चउच्चीसतिदंडगा, एगमेगस्सणं भंते ! नेरदयस्स नेर० केवतिया ओरालियपोग्गलपरियहा अतीता?, नत्यि एकोऽपि, केवतिया पुरेक्खडा, नस्थि एकोऽवि, एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स असुरकुमारत्ते केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्टा०', एवं चेव, एवं जाव थणियकुमारते जहा असुरकुमारत्ते, एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्म पुढविकाइयत्ते केवतिया ओरालियपोग्गलपरियहा अतीता ?, अर्णता, केवतिया पुरेक्खडा ?, कस्सइ अस्थि कस्सइ नस्थि जस्सस्थि तस्स जहन्नेणं एको वा दो वा तिमि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा एवं जाव मणुस्सत्ते, वाणमंतरजोइसियवेमाणियत्ते जहा असुरकुमारत्ते, एगमेगस्स णं भंते ! असुर. कुमारस्स नेरइयत्ते केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीता? एवं जहा नेरइयस्स वत्तव्यया भणिया तहा असुरकुमारस्सवि भाणियब्वा जाव वेमाणियत्ते, एवं जाव थणियकुमारस्स, एवं पुढवीकाइयस्सवि, एवं जाव वेमाणियस्स, सब्वेसि एको गमो, एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स नेर० केव० वेउ० पोग्गलपरियट्टा अतीया?, अर्णता, केवतिया पुरेक्खडा, एकोत्तरिया जाय अर्णता, एवं जाव पणियकुमारते, पुढवीकाइयत्ते पुच्छा, नस्थि एक्कोऽवि, केवतिया पुरेक्खडा, नस्थि एकोऽवि, एवं जत्य पेउब्वियसरीरं अस्थि तत्थ एगुत्तरिओ जत्थ नस्थि तत्थ जहा पुढवीकाइयत्तेतहा भाणियव्वं जाच बेमाणियस्स वेमाणियत्ते, तेयापोग्गलपरियट्टा कम्मापो० य सम्बत्थ एकोत्तरिया भाणियव्या, मणपोग्गलपरियडा सव्वेसु (७१) २८४ श्रीभगवत्यंग - - 378528PICAISIPIES/SPITOMBIPIERSPICHARIPOSTPONEHRASHIONISHISHASPICHROPENSPEEMBPOSPIRMASPITAASPIROAD Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ०. पंचिदिएस एगोत्तरिया, विगलिदिएसु नत्थि, बइपोग्गलपरियट्टा एवं चेव, नवरं एगिंदिएस नत्थि भाणियच्या, आणापाणुपोग्गलपरियट्टा सव्वत्थ एकोत्तरिया जाव वैमाणियस्स वेमाणियत्ते, नेरइयाणं भंते! णेरइयत्ते केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीया ?, नत्थि एकोऽवि, केवइया पुरेक्खडा ?, नत्थि एक्कोऽवि, एवं जाव थणियकुमारते, पुढवीकाइयत्ते पुच्छा, गोयमा! अणंता, केवइया पुरेक्खडा?, अणंता, एवं जाव मणुस्सते, याणमंतरजोइसियवेमाणियत्ते जहा नेरइयत्ते एवं जाव बेमाणियस्स वैमाणियत्ते, एवं सत्तवि पोग्गलपरियट्टा भाणियव्वा, जत्थ अस्थि तत्थ अतीयावि पुरेक्खडावि अणंता भाणियव्वा, जत्थ नत्थि तत्थ दोऽवि नत्थि भाणियव्वा जाव वैमाणियाणं वैमाणियत्ते केवतिया आणापाणुपोग्गलपरियट्टा अतीया ?, अनंता, केवतिया पुरेक्खडा, अनंता । ४४५ से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ ओरालियपोग्गलपरियट्टे २१, गोयमा ! जण्णं जीवेण ओरालियसरीरे वह्माणेणं ओरालिय सरीरपयोगाई सङ्घदवाई ओरालियसरीरत्ताए गहियाई बढाई पुट्ठाई कडाई पट्टवियाई निविद्वाई अभिनिविद्वाइं अभिसमन्नागयाइं परियाइयाइं परिणामियाई निजिन्नाई निसि रियाई निसिद्वाई भवंति से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं बुवइ ओरालियपोग्गलपरियट्टे २ एवं वेउब्वियपोग्गलपरियहेऽवि, नवरं वेउब्वियसरीरे वट्टमाणेणं वेडव्वियसरीरप्पओगाई सेसं तं चेव सव्वं, एवं जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टे, नवरं आणापाणुपयोगाई सव्वदव्वाई आणापाणत्ताए सेसं तं चेत्र, ओरालियपोग्गलपरियट्टे णं भंते! केवइकालस्स निव्यत्तिज्जइ ?, गोयमा ! अणताहि उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं एवतिकालस्स निव्वत्तिज्जइ एवं वेडब्बियपोग्गलपरियट्ठेऽवि, एवं जाव आणापाणुपोग्गलपरियऽवि, एयस्स णं भंते! ओरालियपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकालस्स वेडव्वियपोग्गल जाव आणापाणुपोग्गलपरियइनिव्यत्तणाकालस्स कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सव्वत्थोवे कम्मगपोग्गलपरियइनिव्वत्तणाकाले तेयापोग्गलपरियद्दनिव्वत्तणाकाले अणतगुणे ओरालियपोग्गलपरियट्ट० अनंतगुणे आणापाणुपोग्गल अनंतगुणे मणपोग्गलः अनंतगुणे वइपो० अनंतगुणे वेडव्वियपो० परियहनिव्वत्तणाकाले अनंतगुणे । ४४६ । एएसिं णं भंते! ओरालियपोग्गलपरियद्वाणं जाव आणापाणुपोग्गलपरियद्वाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा १, गोयमा ! सव्वथोवा वेउब्वियपो० वइपो० परि० अणंतगुणा मणपोग्गल० अणतः आणापाणुपोग्गलः अनंतगुणा ओरालियपो० अनंतगुणा तेयापो० अणतः कम्मपोग्गल अणंतगुणा । सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति भगवं जाब बिहर । ४४७ ॥ श० १२० ४ ॥ रायगिहे जाव एवं वयासी अद्द भंते! पाणाइवा० मुसा० अदि० मेहु० परि० एस णं कतिवन्ने कतिगंधे कतिरसे कतिफासे पं० १, गोयमा ! पंचवने पंचरसे दुगंधे चउफासे पं०, अह भंते! कोहे कोवे रोसे दोसे अखमा संजलणे कलहे चंडिके (प्र० ढंभे) भंडणे विवादे एस णं कतिवने जाव कतिफासे पं० १, गोयमा! पंचबने पंचरसे दुगंधे चउफासे पं०, अह भंते! माणे मदे दष्णे थंभे गये अत्तुको परपरिवाए उकासे अवकासे उन्नये उन्नामे दुन्नामे एस णं कतिवन्ने ०१, गोयमा ! पंचवन्ने जहा कोहे तहेब, अह भंते! माया उवही नियडी वलये गहणे णूमे कक्के कुरुए जिम्हे किव्वसे आयरणया गृहणया वंचणया पलिउंचणया सातिजोगे (प्र० जणया विउलंबणया) य एस णं कतिबन्ने० १, गोयमा ! पंचबन्ने जहेब कोहे, अह भंते! लोभे इच्छा मुच्छा कंखा गेही तण्हा भिज्झा अभिज्झा आसासणया पत्थणया लालप्पण्या कामासा भोगासा जीवियासा मरणासा नंदीरागे एस णं कतिबन्ने० १, जहेब कोहे, अह भंते! पेजे दोसे कलहे जाव मिच्छादंसणस एस णं कतिवन्ने० १, जहेब कोहे तहेव चउफासे । ४४८। अह भंते! पाणाइवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे कोहविवेगे जाव मिच्छादंसणस विवेगे एस णं कतिवन्ने जाव कतिफासे पं० १, गोयमा ! अबन्ने अगंधे अरसे अफासे पं०, अह भंते! उप्पत्तिया वेणइया कम्मिया परिणामिया एस णं कतिवन्ना तं चैव जाव अफासा पं०, अह भंते! उसाहे ईहा अवाये धारणा एस णं कतिन्ना० १, एवं चैव जाव अफासा पं०, अह भंते! उट्टाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरकमे एस णं कविबन्ने ?, तं चेत्र जाव अफासे पं०, सत्तमे णं भंते! उवासंतरे कतिवन्ने० १, एवं चैव जाव अफासे, सत्तमे णं भंते! तणुवाए कतिवन्ने० १, जहा पाणाइबाए, नवरं अट्ठफासे पं०, एवं जहा सत्तमे तणुवाए तहा सत्तमे घणवाए घणोद्धी पुढवी, छडे उवासंतरे अवन्ने०, तणुवाए जाव छट्ठी पुढवी एयाइं अट्ठफासाई, एवं जहा सत्तमाए पुढवीए वत्तव्वया भणिया तहा जाब पढमाए पुढवीए भाणियब्वं, जंबुद्दीवे २ सयंभूरमणे समुद्दे सोहम्मे कप्पे जाव ईसिप भारा पुढवी नेरतियावासा जाव वेमाणियावासा एयाणि सव्वाणि अट्ठफासाणि, नेरइया णं भंते! कयन्त्रा जाव कतिफासा पं०१, गोयमा! वेउब्वियतेयाई पडुच पंचवन्ना पंचरसा दुग्गंधा अट्टफासा पं०, कम्मर्ग पहुच पंचचना पंचरसा दुगंधा चउफासा पं०, जीवं पडुच अवन्ना जाव अफासा पं०, एवं जाव थणिय०, पुढवीकाइयपुच्छा, गोयमा ! ओरालियतेयगाई पडुच पंचवन्ना जाव अट्ठफासा पं०, कम्मगं पडुच जहा नेर०, जीवं पच तहेव, एवं जाव चउरिंदि०, नवरं वाउकाइया ओरा० बेड० तेयगाई पडुब पंचवन्ना जाव अट्ठफासा पं०, सेसं जहा नेरइयाणं, पंचिदियतिरिक्खजोणिया जहा वाउकाइया, मणुस्साणं पुच्छा, ओरालियवेउच्चियआहारगतेयगाई पडुच्च पंचवन्ना जाव अट्ठफासा पं०, कम्मगं जीवं च पहुच जहा नेर०, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा २८५ श्रीभगवत्यं सतं-१२ मुनि दीपरत्नसागर Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ABHISHESPASHRAMESPTRAIRPIRHARPIRMEPRASHRAMEPARA-87125APRIMADHOSHOPRAROPORMATIVISTOREATRACT नेर०, धम्मस्थिकाए जाव पोग्गल एए सव्वे अवना, नवरं पोग्गल पंचवन्ने पंचरसे दुगंधे अडफासे पं०, णाणावरणिज्जे जाच अंतराइए एयाणि चउफासाणि, कण्हलेसा णं भंते! कइवना पुच्छा, दबलेसं पहुंच पंचवन्ना जाव अट्ठफासा पं०,भावलेस पहुच अवना, एवं जाव सुकलेस्सा, सम्मदिढि० चक्खुईसणे० आभिणिबोहियणाणे जाव विभंगणाणे आहारसन्ना जाव परिग्गहसन्ना एयाणि अपन्नाणि, ओरालियसरीरे जाव तेयगसरीरे एयाणि अटफासाणि कम्मगसरीरे चउफासे, मणजोगे वयजोगे य चउफासे, कायजोगे अट्ठफासे, सागारोवओगे य अणागारोवओगे य अवन्ना, सव्वदव्या णं भंते ! कतिबन्ना पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगतिया सव्वदव्वा पंचवन्ना जाव अट्टफासा पं० अत्यंगतिया सव्वव्या पंचवन्ना चरफासा पं० अत्थेगतिया सव्वव्या एगगंधा एगवन्ना एगरसा दुफासा पं० अत्यगइया सचदव्या अबन्ना जाव अफासा पं०, एवं सब्बपएसावि सञ्चफज्जयावि, तीयद्धा अबन्ना जाव अफासा, एवं अणागयदावि, सय्यद्धावि ।४४९। जीवे णं भंते! गभं वक्कममाणे कतिवन्नं कतिगंध कतिरसं कतिफासं परिणामं परिणमइ ?, गोयमा! पंचवन्नं पंचरसं दुगंध णं भंते! जीवे नो अकम्मओ विभत्तिभावं परिणमइ कम्मओ णंजए ना अकम्मओ विभत्तिभावं परिहंता गोयमा! कम्मओ ] तं चेव जाव परिणमड नो अकम्मओ विभनिभावं परिणमइ। सेवं भंते ! सेवं भंते!नि । ४५१॥२०१२ उ०५॥ रायगिहे जाव एवं वयामी-बहुजणे णं मंते! अन्नमन्नस्स एवमाइक्वति जाव एवं परूवेइ- एवं खलु राहू चंदं गेहति २,से कहमेयं भंते ! एवं?, गोयमा जन्नं से बहुजणे अन्नमन्नम्स जाव मिच्छं ते एबमाहंसु, अहं पुण गोयमा : एवमाइक्खामि जाच एवं परूवेमि-एवं खलु राहू देवे माहिड्डीए जाव महेसक्खे वरवत्यधरे वरमइधरे वरगंधधरे वराभरणधारी, राहुस्सणं देवम्स नव नामवेज्जा पं० २०-सिंघाडए जडिलए खंभए खरण दद्दुरे मगरे मच्छे कच्छभे कण्हसप्पे, राहुस्स णं देवम्म विमाणा पंचवन्ना पं० तं-किण्हा नीला लोहिया हालिदा सुकिल्ला, अस्थि कालए राहुचिमाणे खंजणवन्नाभे अस्थि नीलए राहुविमाणे लाउयवन्नामे अस्थि लोहिए राहुविमाणे मंजिट्ठवन्नामे अस्थि पीतए राहुविमाणे हालिहवन्नामे अस्थि सुक्किाइए राहुविमाणे भासरासिवन्नाभे, जया णं राहू आगच्छमाणे वा गच्छमाणे विउव्वमाणे वा परियारेमाणे वा चंदलेस्स पुरच्छिमेणं आवरेत्ताणं पचच्छिमेणं वीतीवयइ तदा णं पुरच्छिमेणं चंदे उवदंसेति पचच्छिमेणं राहू जदा णं गहू आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वमाणे वा परियारेमाणे चंदलेस्सं पचच्छिमेणं आवरेनाणं पुरच्छिमेणं वीतीवयति तदा णं पञ्चच्छिमेणं चंदे उवदंसेति पुरच्छिमेणं गहू, एवं जहा पुरच्छिमेणं पञ्चच्छिमेणं दो आलावगा भणिया एवं दाहिणेणं उत्तरेण य दो आलावगा भाणियब्वा, एवं उत्तरपुरच्छिमेणं दाहिणपञ्चच्छिमेण य दो आलावगा भा०, एवं उत्तरपञ्चथिमेणं दाहिणपरच्छिमेण य दो आला०भा०एवं चेव जाव तदा णं उत्तरपचच्छिमेणं चंदे उवदंसेति द परियारेमाणे वा चंदस्स लेस्सं आवरेमाणे २चिट्ठति तदा णं मणुस्सलोए मणुस्सा बदंति-एवं खलु राहू चंदं गेहइ २, जदा गं राहू आगच्छमाणे० चंदलेसं आवरेत्ताणं पासेणं वीइबयइ तदा णं मणुस्सलोए मणुस्सा वदंति-एवं खलु चंदेणं राहुस्स कुच्छी भिन्ना २, जदा णं राहू आगच्छमाणे वा० चंदस्व लेस्सं आवरेत्ताणं पचोसकइ तदा णं मणुस्सलोए मणुस्सा वदतिएवं खलु राहुणा चंदे बंते २, एवं जदा णं राहू आगच्छमाणे वा जाव परियारेमाणे वा चंदलेस्सं अहे सपक्खि सपडिदिसि आवरेत्ताणं चिट्ठति तदा णं मणुस्सलोए मणुस्सा वदंति-एवं खल राहणा चंदे घत्ये२, कतिविहे णं भंते ! राह पञ्चत्ते?, गोयमा! दविहे राह पं०२०-धवराह य पव्वराह य, तस्थ णं जे से पन्नरसइभागं चंदस्स लेस्सं आवरमाणे २ चिट्ठति, तं०-पढमाए पढमं भागं बितियाए बितियं भागं जाच पन्नरसेसु पन्नरसमं भागं, चरिमसमये चंदे रत्ते भवति अवसेसे समये चंदे रत्ते य विरते य भवति, तमेव सुकपक्खस्स उवदंसेमाणे २ चिट्ठति पढमाए पढम भागं जाव पन्नरसेसु पन्नरसमं भाग, चरिमसमये चंदे विरत्ते भवइ अबसेसे समये चंदे रत्ते य विरते य भवइ, तत्थ णं जे से पब्बराहू से जहन्नेणं छहं मासाणं उक्कोसेणं चायालीसाए मासाणं चंदस्स अडयालीसाए संवच्छराणं सरस्स ।४५२। से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ-चंदे ससी २१, गोयमा! चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरन्नो मियंके विमाणे कंता देवी कंताओ देवीओ कंताई आसणसयणखंभभंडमत्तोवगरणाई अप्पणोऽविय णं चंदे जोइसिंदे जोइसराया सोमे कंते सुभए पियदसणे सुरूवे से तेणडेणं जाव ससी २।४५३। से केणट्टेणं भंते! एवं बुचइ-सरे आइने २१, गोयमा ! सूरादिया णं समयाइ वा आवलियाइ वा जाव उस्सप्पिणीइब वा अवसप्पिणीइ वा से तेणट्टेणं जाच आइन्चे २।४५४। चंदस्स णं भंते! जोइसिंदस्स जोइसरन्नो कति अग्गमहिसीओ पं०?, जहा दसमसए जाव णो चेवणं मेहुणवत्तियं, सूरस्सवि तहेव, चंदिममरिया णं भंते ! जोइसिंदा जोइसरायाणो केरिसए कामभोगे पचणुभवमाणा विहरंति ?, गोयमा! से जहानामए केई पुरिसे पढमजोव्वणुढाणवलत्थे पढमजोवणुट्ठाणचलट्टाए भास्यिाए सदि अचिरवत्तविवाहकजे अस्थगवेसणयाए सोलसवासविप्पवसिए से णं तओलबट्टे कयकजे अणहसमग्गे पुणरवि नियमगिह हव्यमागए ण्हाए कयचलिकम्मे कय२८६ श्रीभगवत्यंगं - मुनि दीपरत्नसागर REPROramayaPOSPHEMAHESHARHARUHAARADASHIANISRPHANSPOSAPTAANGHASACPENSPIRSARPTASBARAA8 Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कोउयमंगलपायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए मणुन्न थालिपागसुद्धं अट्ठारसर्वजणाकुलं भोयणं भुत्ते समाणे तंसि तारिसगसि वासघरंमि बन्नओ महाचले जाव सयणोवयारकलिए ताए तारिसियाए भारियाए सिंगारागारचारुवेसाए जाव कलियाए अणुरत्ताए अविरत्ताए मणाणुकूलाए सहिं इट्टे सद्दे० फरिसे जाय पंचविहे माणुस्सए कामभोगे पचणुभवमाणे विह. रति, से णं गोयमा ! पुरिसे विउसमणकालसमयंसि केरिसर्य सायासोक्खं पञ्चणुभवमाणो विहरति?, ओरालं समणाउसो:, तस्स णं गोयमा ! पुरिसस्स कामभोगेहितो बाणमंतराणं देवाणं अणंतगुणविसिट्टतरा चेव कामभोगा, वाणमंतराणं देवाणं कामभोगेहितो असुरिंदवजियाणं भवणवासिणं देवाणं अणंतगुणविसिद्रुतरा चेव कामभोगा, असुरिंदवज्जियाणं भवणवासियाणं देवाणं कामभोगेहितो असुरकुमाराणं देवाणं (एत्तो पा) अणंतगुणविसिद्धृतरा चेव कामभोगा, असुरकुमाराणं देवाणं कामभोगेहितो गहगणनक्वत्ततारारूवाणं जोतिसियाणं देवाणं अनंतगुणचिसिट्टतरा चेव कामभोगा, गहगणनक्खत्त जाब कामभोगेहिंतो चंदिमसरियाणं जोतिसियाणं जोतिसराईणं अणंतगुणविसिट्टतरा चेव कामभांगा, चंदिमसरि या णं गोयमा ! जोतिसिंदा जोतिसरायाणो एरिसे कामभोगे पचणभषमाणा विहरंति। सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति भगवं गोयमे समर्ण भगवं महावीरं जाव चिहरह। ४५५॥श०१२ उ०६॥ तेणं कालेण० जाव एवं क्यासी-केमहालए णं भंते ! लोए पं०. गोयमा ! महतिमहालए पं०, पुरच्छिमेणं असंखेजाओ जायणकोडाकोडीओ दाहिणणं असंखिज्जाओ एवं चेव एवं पञ्चच्छिमेणवि एवं उत्तरेणवि एवं उदपि अहे असंखेजाओ जोयणकोढाकोडीओ जायामविक्खमेणं, एयंमिणं भंते ! एमहालगंसि लोगंसि अस्थि केई परमाणुपोग्गलमत्तेऽवि पासे जत्थ णं अयं जीवे न जाए वा न मए वाचि ?, गोयमा ! नो इणट्टे समढे, से केणटेणं भंते! एवं वुचइ एयंसि णं एमहालगंमि लोगंमि नत्यि केई परमाणुपोग्गलमेत्तेऽवि पएसे जत्थ णं | अयं जीवेण जाए वानमए वाचि?, गोयमा! से जहानामए-केडे पुरिसे अयासयस्स एग महं अयावयं करेजा, से णं तत्थ जहन्नेणं एक या दो या तिन्नि वा उकोसेणं अयासहस्सं पक्खिवजा ताओ णं तत्थ पउरगोयराओ पउरपाणियाओ जहनेणं एगाई वा वियाई वा तियाई वा उक्कोसेर्ण छम्मासे परिवसेजा, अत्थि ण गोयमा तस्स अयावयम्स केई परमाणपोग्गलमेनेऽवि पएसे जे णं तासिं अयाणं उच्चारेण वा पासवणेण वा खेलेण वा सिंघाणएण वा वंतेण वा पृण्ण वा सुक्केण वा सोणिएण वा चम्मे हि वा रोमेहि वा सिंगेहिं वा खुरेहिं वा नहेहि वा अणाकंतपुब्वे भवह?, भगवं! णो तिणटे समद्दे. होनावि णं गोयमा ! तस्स अयावयस्म केई परमाणुपोग्गलमत्तेऽवि पएसे जे णं तासि अयाणं उच्चारेण वा जाव णहेहिं वा अणकतपुब्वे णो चेय णं एयंसि एमहालगंसि लोगंसि लोगस्स य सासयं भावं संसारस्स य अणादिभावं जीवस्स य णिचभावं कम्मबहुत्तं जम्मणमरणचाहुलं च पहुंच नस्थि केई परमाणपोग्गलमत्तेऽबि पएसे जत्थ णं अयं जीवे न जाए वा न मए वाबि.से तेण?णं तं चेव जावन मए वावि।४५६। कति णं भंते ! पढवीओ पं०१, गोयमा ! सत्त पढवीओ जहा पढमसए पंचमउद्देसए तहेव आवासा ठावेयव्या जाव अणुत्तरविमाणेत्ति जाव अपराजिए सबट्ठसिद्धे, अयन्नं भंते! जीवे इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि निरयावासंसि पुढवीकाइयत्ताए जाव वणस्सइकाइयत्ताए नरगत्ताए नेरइयत्ताए उबवन्नपुब्बे ?, हंता गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो, सब्वजीवाविणं भंते ! इमीसे स्यणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरया तं चेव जाव अणंतखुत्तो, अयन्नं भंते! जीवे सकरप्पभाए पुढबीए पणवीसा एवं जहा रयणप्पभाए तहेव दो आलावगा भाणियब्वा, एवं जाव घूमप्पभाए, अयन्नं भंते ! जीवे तमाए पुढबीए पंचूणे निरयावाससयसहस्से एगमेगसि सेसं तं चेव, अयन्नं भंते! जीवे अहेसत्तमाए पुढवीए पंचसु अणुत्तरेसु महतिमहालएसु महानिरएम एगमेगंसि निरयावासंसि सेस जहा रयणप्पभाए, अयन्नं मंते ! जीवे चोसट्ठीए असुरकुमारावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि असुरकुमारावासंसि पुढवीकाइयत्ताए जाच वणस्सइकाइयत्ताए देवत्ताए देवीत्ताए आसणसयणभंडमत्तोवगरणत्ताए उवचनपुब्वे ?, हंता गोयमा! जाव अणतखुत्तो, सव्वजीवावि णं भंते! एवं चेव, एवं थणियकुमारेसु, नाणत्तं आवासेमु, आवासा पुव्वणिया, अयन्नं भंते ! जीवे असंखेज्जेसु पुढवीकाइयावाससयसहस्सेसु एगमेगसि पुढवीकाइयावासंसि पुढवीकाइयत्ताए जाव वण० उबवनपुब्वे ?, हंता गोयमा ! जाव अणंतखुत्तो, एवं सब्वजीवाचि, एवं जाव वणस्सइकाइएसु, अयण्णं भंत! जीवे असंखेनसुबेदियाबाससयसहस्सेसु एगमेगसि दियावासंसि पुढवीकाइयत्ताए जाव वणस्सइकाइयत्ताए पेइंदियत्ताए उववन्नपब्वे ?,हंता गोयमा! जाव खुत्तो, सब्यजीवाविणं० एवं चेव, एवं जाव मणुस्सेसु, नवरं तदिएसु जाव वणस्सइकाइयत्ताए तदियत्ताए, चाउरिदिएस चाउ रिदियत्ताए पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु पंचिंदियतिरिक्खजोणियत्ताए मणुस्सेसु मणुस्सत्ताए सेसं जहा चेंदियाणं, वाणमंतरजोइसियसोहम्मीसाणेसु य जहा असुरकुमाराणं, अयणं भंते ! जीवे सर्णकुमारे कप्पे बारसमु विमाणावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि बिमाणियावासंसि पुढवीकाइयत्ताए सेसं जहा असुरकुमाराणं जाव अणंतखुत्तो, नो चेव णं देवीत्ताए, एवं सबजीवावि, एवं जाव आरण एसुचि, अयनं भंते! जीवे तिसुवि अट्ठारमुत्तरेसु गेविजविमाणाबाससयेसु एवं चेव, अयनं भंते ! जीवे पंचसु अणुत्तरविमाणेसु एगमेगंसि अणुत्तर२८७ श्रीभगवत्यंगं - - मुनि दीपरत्नसागर SSPICHASPERMISPOSASYICHARPENASPESABPOINSPICHRSHISITNESHRSSPONSHESAMROP8548PGAREPISARSPE Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विमाणंसि पुढवी तब जाव अनंतसुत्तो नो चेव णं देवत्ताए वा देवीत्ताए वा एवं सव्वजीवावि, अयन्नं भंते! जीवे सव्चजीवाणं माइत्ताए पियत्ताए भाइत्ताए भगिणित्ताए भजत्ताए पुत्तत्ताए धूयत्ताए सुष्हत्ताए उववनपुब्वे १, हंता गोयमा! असई अदुवा अणंतखुत्तो, सव्वजीवावि णं भंते! इमस्स जीवस्स माइताए जाब उपवनपुत्रे ?, हंता गोयमा ! जाव अणंतखुत्तो, अयण्णं भंते! जीवे सव्बजीवाणं अरित्ताए वेरियत्ताए घायकत्ताए वहगत्ताए पडिणीयत्ताए पञ्चामित्तत्ताए उववनपुच्चे?, हंता गोयमा ! जाव अनंतखुत्तो, सब्बजीवावि णं भंते! ०१ एवं चेय, जयन्नं भंते! जीवे सब्वजीवाणं रायताएं जुबरायत्ताए जाव सत्थवाहत्ताए उबवन्नपुब्वे १, हंता गोयमा! जाव अनंतखुत्तो, सब्बजीवाणं० ?, एवं चेव, अयन्नं भंते! जीवे सब्वजीवाणं दासत्ताए पेसत्ताए भयगत्ताए भाइडगत्ताए भोगपुरिसत्ताए सीसत्ताए बेसत्ताए उवबन्नपुब्वे १, हंता गोयमा! जाव अणंतखुत्तो, एवं सव्वजीवावि अनंतखुत्तो। सेवं भंते! सेवं भंते! ति जाब बिहरह। ४५७ ॥ श० १२३०७ ॥ तेणं कालेणं० जाव एवं वयासी देवे णं भंते! महट्टीए जाव महेसक्खे अनंतरं चयं चइत्ता बिसरीरेषु नागेसु उववज्जेज्जा ?, हंता गोयमा ! उववज्जेज्जा, से णं तत्थ अचियवंदियपूइयसकारियसम्माणिए दिव्वे सच्चे सच्चोत्राए संनिहियपाडिदेरे यावि भवेजा ?, हंता भवेज्जा, से णं भंते! तओहिंतो अनंतरं उच्चहित्ता सिज्झेजा जाव अंतं करेजा ?, हंता सिज्झिजा जाव अंतं करेजा, देवे णं भंते! महड्ढीए एवं चैव जाव बिसरीरेस मणीसु उववजेज्जा ?, एवं चेव जहा नागाणं, देवे णं भंते! महढीए जाव बिसरीरेसु रुक्खेसु उववज्जेज्जा ?, हंता उववज्जेज्जा एवं चेव, नवरं इमं नाणत्तं जाव सन्निहियपाडिहेरे लाउलोइयमहिते यावि भवेज्जा ?, हंता भवेज्जा, सेसं तं चैव जाव अंत करेज्जा । ४५८ । अह भंते! गोलंगूलवसभे कुकुडवसभे मंडुक्कवसभे एए णं निस्सीला निव्वया निम्गुणा निम्मेरा निष्पचक्खाणपोसहोववासा कालमासे कालं किवा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उक्कोसेणं सागरोवमद्वितीयंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववजेजा १, समणे भगवं महावीरे वागरेइ उबवज्रमाणे उववन्नेत्ति वत्तवं सिया, अह भंते! सीहे बग्घे जहा उस्सप्पिणीउद्देसए जाव परस्सरे एए णं निस्सीला एवं चेव जाब वत्तव्वं सिया, अह भंते! ढंके कंके वि(प्र० पि)लए मग्गु (प्र० इड) ए सिखीए एए णं निस्सीला०, सेसं तं चैव जाव वत्तव्यं सिया सेवं भंते! सेवं भंते! जाव विहरह । ४५९ ॥ श० १२३०८ ॥ कइविहा णं भंते! देवा पं० १. गोयमा! पंचविहा देवा पं० तं० भवियदव्वदेवा नरदेवा धम्मदेवा देवाधिदेवा भावदेवा, से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ-भवियदव्यदेवा २१, गोयमा ! जे भविए पंचिंदियतिरिक्खजोणिए वा मणुस्से वा देवेसु उववज्जित्तए से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वृच्चइ भवियदव्वदेवा २. से केणद्वेण भंते! एवं वृचइ नरदेवा २१, गोयमा ! जे इमे रायाणो चाउरंतचकवट्टी उत्पन्नसमत्तचकरयणप्पहाणा नवनिहीपणो समिद्धकोसा बत्तीसंरायवरसहस्साणुजायमग्गा सागरबरमेद्दलाद्दिवईणो मणुस्सिदा से तेणट्टेणं जाव नरदेवा २, से केणद्वेगं भंते! एवं वृचइ धम्मदेवा २१, गोयमा !, जे इमे अणगारा भगवंतो ईरियासमिया जाव गुत्तबंभयारी से तेणद्वेगं जाय धम्मदेवा २, से केणणं भंते! एवं वृच्चइ देवाधिदेवा २१, गोयमा ! जे इमे अरिहंता भगवंतो उत्पन्ननाणदंसणधरा जाव सव्वदरिसी से तेणट्टेणं जाव देवाधिदेवा २, से केणट्टेणं भंते! एवं युच्चइ-भावदेवा २१, गोयमा ! जे इमे भवणवाणमंतरजोइसवेमाणिया देवा देवगतिनामगोयाई कम्माई वेदेति से तेणद्वेणं जाब भावदेवा २ । ४६० । भवियदव्यदेवा णं भंते! कओहिंतो उववज्जति किं नेरइएहिंतो उपबति तिरिक्ख० मणुस्स देवेहितोऽवि उववज्वंति ?, गोयमा ! नेरइएहिंतोऽवि उववज्जंति तिरि० मणु देवेहितोऽवि उवजंति भेदो जहा बकंतीए जाव सव्वेसु उचवाएयव्वा जाव अणुत्तरोववाइयत्ति, नवरं असंखेज्जवासाउय अकम्मभूमगअंतरदीवगसच्वट्टसिद्धवजं जाव अपराजियदेवेहिंतोऽवि उबवजंति, नरदेवा णं भंते! कओहिंतो उववजंति किं नेरतिए० ? पुच्छा, गोयमा ! नेरतिएहिंतोऽचि उबवजंति नो तिरि० नो मणु देवेहिंतोऽवि उववज्जति, जइ नेरइएहिंतो उववज्जति किं रयणप्पभापुढवीनेरइएहिंतो उववनंति जाव असत्तमापुढवीनेरइएहिंतो उववज्जंति ?, गोयमा ! रयणप्पभापुढवीनेरइएहिंतो उचवजंति नो सक्कर० जाव नो आहेसत्तमापुढवीनेरइएहिंतो उववजंति, जइ देवेहिंतो उववजंति किं भवणवासिदेवेहिंतो उवकांति वाणमंतर० जोइसिय० वैमाणियदेवेहिंतो उववज्जंति ?, गोयमा भवणवासिदेवेहिंतोऽवि उबवजंति वाणमंतर० एवं सव्वदेवेसु उवत्राएयव्वा वकंतीभेदेणं जाय सम्बद्धसिद्धत्ति, धम्मदेवा णं भरे ! कओहिंतो उववजंति किं नेरइए०१ एवं वर्षातीभेदेणं सधेसु उबवायवा जाव सङ्घद्धसिद्धत्ति, नवरं तमाए अहेसत्तमाए य नो उदवाओ असंखिजवासाउयअकम्मभूमगअंतरदीवगवज्जेसु, देवाधिदेवाणं भंते! कतोहिंतो उबवज्जंति किं नेरइएहिंतो उववजंति ०? पुच्छा, गोयमा ! नेरइएहिंतो उव० नो तिरि= नो मणु देवेहिंतोऽवि उववजंति, जइ नेरइएहिंतो ०१, एवं तिसु पुढवीसु उबवजंति सेसाओ खोडेयवाओ, जइ देवेहिंतो ०१, वेमाणिएसु उववजंति जाव सङ्घट्टसिद्धत्ति, सेसा खोडेयशा, भावदेवा णं भंते! कजहिंतो उववज्जंति ?, एवं जहा वक्कंतीए भवणवासीणं उववाओ तहा भाणियो । ४६१ । भवियदवदेवाणं भंते! केवतियं कालं ठिती पं०१, गोयमा ! जहनेणं अंतोमुद्दत्तं उकोसेणं तिनि पलिओदमाई, नरदेवाणं पुच्छा, गोयमा ! जहणं सत्त वाससयाई उक्कोसेणं चउरासीई पुव्वसयसहस्साई, धम्मदेवाणं भंते! पृच्छा, गोयमा ! जहणं अंतोमुद्दत्तं उकोसेणं देणा पुव्वकोडी, देवाधिदेवाणं पुच्छा, गोयमा! जहनेणं बावतरं वासाई उफोसेणं चउरासीई पुव्वसयसहस्साइं भावदेवाणं पुच्छा, (७२) २८८ श्रीभगवत्यंग - सर्ग- १२ मुनि दीपरत्नसागर Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गोयमा ! जहनेणं दस वाससहस्साई उकोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई । ४६२। भवियदव्यदेवा णं भंते ! कि एगतं पभू विउवित्तए पहुत्तं पभू विउव्यित्तए?, गोयमा! एगतंपि पभू बिउवित्तए पहुतंपिपभू विउवित्तए, एगतं विउव्यमाणे एगिदियरूवं वा जाव पंचिंदियरूवं वा, पहुत्तं विउव्यमाणे एगिदियरुवाणि वा जाव पंचिंदियरुवाणि वा०,ताई संखेजाणि वा असंखेज्जाणि वा संचाणि वा असंबद्धाणि या सरिसाणि वा असरिसाणि वा विउच्वंति त्ता तओ पच्छा अप्पणो जहिच्छियाई कजाई करेंति, एवं नरदेवावि, एवं धम्मदेवावि, देवाधिदेवाणं पुच्छा, गोय! एगत्तंपिपभू विउवित्तए पहुपि पभू विउव्यत्तए नो चेव णं संपत्तीए विउबिसु वा विउधिति वा विउविस्संति वा, भावदेवाणं पुच्छा, जहा भवियदवदेवा 1४६३। भवियदवदेवाणं भंते ! अणंतरं उत्रहित्ता कहिं गच्छति? कहिं उपवज्जति ? किं नेरइएसु उववज्जति जाय देवेसु उवयजति ?, गोयमा ! नो नेरइएसु उववजंति नो तिरि० नो मणु देवेसु उववजंति, जइ देवेसु उववज्जति०, सचदेवेसु उपवनंति जाव सबट्ठसिद्देति, नरदेवा णं भंते ! अणंतरं उबट्टित्ता पुच्छा, गोयमा! नेरइएसु उववजति नो तिरि० नो मणु० णो देवेस उववजति. जइ नेरइएसु उबवजति०. सत्तसुवि पुढवीसु उपयजति, धम्मदेवा णं भत! अणतर पुच्छा, गोयमा!नो नेरइएसु उबवजेजाना तिारना मणु देवेसु । जइ देवेसु उवक्जंति किं भवणबासिसु० पुच्छा, गोयमा! नो भवणवासिदेवेसु उववजति नो बाणमंतर० नो जोइसिय० वेमाणियदेवेसु उववजति, सन्चेसु वेमाणिएसु उववजति जाव सबट्ठसिदअणुत्तरोववाइएसु उववजति, अत्येगइया सिझंति जाय अंतं करेंति, देवाधिदेवा अणंतरं उबाहित्ता कहिं गच्छंति कहिं उपयजति?, गोयमा! सिझंति जाय अंतं करेंति, भावदेवा णं भंते! अणंतरं उबट्टित्ता पुच्छा, जहा यकंतीए असुरकुमाराणं उबट्टणा तहा भाणियचा, भवियदव्वदेवे णं भंते! भवियदव्वदेवेत्ति कालओ केवचिरं होइ ?, गोयमा ! जहनेणं अंतोमुहुत्तं उकोसेणं तिन्नि पलिओवमाई, एवं जमेव ठिई सचेव संचिट्ठणावि जाव भावदेवस्स, नवरं धम्मदेवस्स जहरू एक समयं उक्कोसेणं देसूणा पुवकोडी, भवियदशदेवस्म णं भते! केवतियं कालं अंतर होइ?, गोयमा! जह दस वाससहस्साई अंतोमुत्तमभहियाई उकोसेणं अर्णतं कालं पणस्सइकालो, नरदेवाणं पुच्छा, गोयमा! जहणं सातिरंग सागरोवर्म उक्कोसेणं अणंतं कालं अचड्ढे पोग्गलपरियह देसूर्ण, धम्मदेवस्स णं पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमपुहुनं उक्कोसेणं अणतं कालं जाव अवड्ढं पोग्गलपरियह देसूर्ण, देवाधिदेवाणं पुच्छा, गोयमा! नस्थि अंतरं, भावदेवस्स णं पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं अणतं कालं यणस्सइकालो. एएसिं गं भंते ! भवियदश्वदेवाणं नरदेवाणं जाव भावदेवाण य कयरे जाव विसेसाहिया चा?, गोयमा ! सबथोवा नरदेवा देवाधिदेवा संखेजगुणा धम्मदेवा संखेजगुणा भवियदव्यदेवा असंखेनगुणा भावदेवा असंखेजगुणा । ४६४। एएसिण भत! भावदेवाण भवणवासाण वाणमतराण जोइसियाण बमाणियाण साहम्मगाण जाव अचुयगाण। सबस्थोबा अणुत्तरोक्वाइया भावदेवा उवरिमगेवेज्जा भावदेवा संखेजगुणा मज्झिमगेबेजा० संखेजगुणा हेडिमगेवेजा संखेजगुणा अचुए कप्पे देवा संखेजगुणा जाव आणयकप्पे देवा संखेजगुणा एवं जहा जीवाभिगमे तिबिहे देवपुरिसे अप्पाबहुयं जाव जोतिसिया भावदेवा असंखेजगुणा। सेवं भंते!२।४६५॥२०१२ उ०९॥ कइविहा णं भंते ! आया पं०?, गोयमा! अट्टविहा आया पं० तं०-दवियाया कसायाया जोगाया उचओगाया णाणाया दंसणाया चरित्ताया बीरियाया, जस्स णं भंते ! दवियाया तस्स कसायाया जस्स कसायाया तस्स दवियाया?. गोयमा! जस्स दवियाया तस्स कसायाया सिय अस्थि सिय नस्थि जस्स पुण कसायाया तस्स दवियाया नियम अस्थि, जस्सणं भंते! दवियाया तस्स जोगाया ? एवं जहा दवियाया कसायाया भणिया तहा दरियाया जोगाया भाणियच्या, जस्स णं भंते ! दवियाया तस्स उवओगाया एवं सव्वत्थ पुच्छा भाणियव्या, गोयमा ! जस्स दवियाया तस्स ओगाया नियम अस्थि,जस्सवि उवओगाया तस्सविदवियाया नियम अस्थि,जस्स दवियाया तस्सणाणाया भयणाए जस्स पुणणाणाया तस्सदावयाया नियम अस्थि, जस्स दवि. याया तस्स दंसणाया नियमं अस्थि जस्सवि दसणाया तस्स दवियाया नियमं अस्थि, जस्स दवियाया तस्स चरित्ताया भयणाए जस्स पुण चरित्ताया तस्स दवियाया नियम अत्थि, एवं वीरियायाएऽवि समं, जस्स णं भंते ! कसायाया तस्स जोगाया पुच्छा, गोयमा ! जस्स कसायाया तस्स जोगाया नियम अस्थि जस्स पुण जोगाया तस्स कसायाया सिय अस्थि सिय नस्थि, एवं उवओगायाएऽदि समं कसायाया नेयव्या, कसायाया य णाणाया य परोप्पर दोऽवि भइयच्या कसायाया य चरित्ताया य दोऽवि परोप्परं भइयच्याओ, जहा कसायाया य जोगाया य तहा कसायाया य वीरियाया य भाणियब्बाओ, एवं जहा कसायायाए वत्तव्वया भणिया तहा | जोगायाएऽवि उपरिमाहिं समं भाणियवाओ, जहा दवियायाए वत्तव्वया भणिया तहा उपयोगायाएऽवि उपरिकाहिं समं भाणियव्या, जस्स नाणाया तस्स दसणाया नियमं अस्थि जस्स पुण दंसणाया तस्स णाणाया भयणाए, जस्स नाणाया तस्स चरित्ताया सिय अस्थि सिय नत्थि जस्स पुण चरित्ताया तस्स नाणाया नियमं अस्थि, णाणाया वीरियाया दोऽपि २८९ श्रीभगवत्यंगं - सतर मुनि दीपरतसागर Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ MOFOSHIONASPRSASPICHAIRMSPAMRAPARARIPEAREPAISASPOONASHIRSANSPOARS70SASP042678/EPTEMRAPATHAR परोप्परं भयणाए जस्स दसणाया तस्स उवरिमाओ दोऽवि भयणाए जस्स पुण ताओ तस्स दंसणाया नियमं अस्थि, जस्स चरित्ताया तस्स वीरियाया नियमं अस्थि जस्स पुण वीरियाया तस्स चरित्ताया सिय अस्थि सिय नन्थि, एयासिं णं भंते ! दवियायाणं कसायायाणं जाव बीरियायाण य कयरे जाव विसेसा०, गोयमा! सव्वत्थोवाओ चरित्तायाओ नाणायाओ अर्णतगुणाओ कसायायाओ अणंत जोगायाओ वि० वीरियायाओ वि० उवयोगदवियदंसणायाओ तिमिवि तुलाओ वि०४६६। आया भंते! नाणे अन्नाणे?, गोयमा ! आया सिय नाणे सिय अन्नाणे णाणे पुण नियमं आया, आया भंते ! नेरइयाणं नाणे अन्ने नेरइयाणं नाणे?, गोयमा! आया नेरइयाणं सिय नाणे सिय अन्नाणे नाणे पुण से नियमं आया, एवं जाव थणियकुमाराणं, आया भंते! पुढवी अन्नाणे अन्ने पुढवीकाइयाणं अन्नाणे', गोयमा ! आया पुढवीकाइयाणं नियम अन्नाणे अन्नाणेऽवि नियमं आया, एवं जाय वणस्सइका, ईदियतेइंदियजाववेमाणियाणं जहा नेरदयाणं, आया भंते ! दंसणे अन्ने दंसणे ?, गोयमा!, आया नियमं ईसणे दसणेऽवि नियमं आया, आया भंते ! नेर० दंसणे अन्ने नेरइयाणं दसणे ?, गोयमा ! आया नेरइयाणं नियमा देसणे दंसणेऽवि से नियमं आया, एवं जाव वेमाणियाणे निरंतरं दंडओ।४६७। आया भंते ! ग्यणप्पभापुढवी अन्ना रयणप्पभा पुढवी ?, गोयमा! रयणप्पभा सिय आया सिय नोआया सिय अवत्तव्यं आयाति य नोआयाइ य, से केणडेणं भंते ! एवं बुचइ रयणप्पभा पुढवी सिय आया सिय नोआया सिय अवत्त आतावि य नोआवाति य?, गोयमा! अप्पणो आदिट्टे आया परस्स आदिट्टे नोआया तदुभयस्स आदिट्टे अवत्तव्यं रयणप्पभा पुढवी आयाति य नोआयाति य, से तेणट्टेणं तं चेव जाव नोआयाति य, आया भंते ! सकरप्पभा पुढवी जहा रयणप्पभा पुढवी तहा सकरप्पभावि एवं जाव अहेसत्तमा, आया भंते ! सोहम्मकप्पे पुच्छा, गोयमा! सोहम्मे कप्पे सिय आया सिय नो. आया जाव नोआयाति य, से केणद्वेणं भंते ! जाव नोआयाति य?, गोयमा ! अप्पणो आइटे आया परस्स आइढे नोआया तदुभयस्स आइडे अवत्तव्यं आताति य नोआताति य, से तेणटेणं तं चेव जाव नोआयाति य, एवं जाव अचुए कप्पे, आया भंते ! गेविजविमाणे अन्ने गेविजविमाणे? एवं जहा रयणप्पभा तहेच, एवं अणुत्तरविमाणावि, एवं ईसिपम्भारावि, आया भंते ! परमाणुपोग्गले अन्ने परमाणुपोमाले ?, एवं जहा सोहम्मे कप्पे तहा परमाणुपोग्गलेऽवि भाणियव्ये, आया भंते ! दुपएसिए संघे अन्ने दुपएसिए खंधे?, गोयमा! दुपएसिए खंधे सिय आया सिय नोआया सिय अवत्ता आयाइय नोआयाति य सिय आया य नोआया य सिय आया य अवत्त आयाति य नाआयाति य सिय नाआया य अवत्ता आयाति य नोआयातिय,से केणट्रेणं भंते! एवं तं चेव जाव नोआयाति य अवत्तई आयाति य नोआयाति य?, गोयमा! अप्पणो आदिट्टे आया परस्स आदि नोआया तदुभयस्स आदिट्टे अवत्तई दुपएसिए खंधे आयाति य नोआयाति य देसे आदितु सम्भावपजवे देसे आदितु असम्भावपज्जवे दुपएसिए खंधे आया य नोआयाय देसे आदिढे सम्भावपज्जवे देसे आदिढे तदुभयपजवे दुपएसिए खंधे आया य अवत्तचं आयाइ य नोआयाइ य देसे आदिढे असम्भावपज्जवे देसे आदिढे तदुभयपज्जवे दुपएसिए खंधे नोआया य अवत्त आयाति य नोआयाति य, से तेणटेणं तं चेव जाव नो आयाति य, आया भंते! तिपएसिए खंधे अन्ने तिपएसिए खंधे?, गोयमा ! तिपएसिए खंधे सिय आया सिय नोआया सिय अवत्ता आयाति य नोआयाति य सिय आया य नोआया य सिय आया य नोआयाओ य सिय आयाओ य नोआया य सिय आया य अवत्तव्यं आयाति य नोआयाति य सिय आयाइ य अवत्तव्बाई आयाओ य नोआयाओ य सिय आयाओ य अवत्तव्ब आयाति य नोआयाति य सिय नोआया य अवत्तव्यं आयाति य नोआयाति य सिय आया य अवत्तव्बाई आयाओ | य नोआयाओ य सिय नोआयाओय अवत्तव्यं आयाइ य नोआयाइ य सिय आया यनोआया य अवत्तव्वं आयाइ य नोआयाइ य. से कण?णं भंते! एवं बुचइ तिपसि आया एवं चेव उच्चारेयव्वं जाव सिय आया य नोआया य अवत्तव्वं आयाति य नोआयाति य?, गोयमा ! अप्पणो आइढे आया परस्स आइडे नोआया तदुभयस्स आइट्टे अवत्तई आयाति य नोआयाति य देसे आइट्टे सम्भावपजवे देसे आदिट्टे असम्भावपज्जवे तिपएसिए खंघे आया य नोआया य देसे आदिढे सम्भावपज्जवे देसा आइट्ठा असभावपज्जवा तिपा सिए खंधे आया य नोआयाओ य देसा आदिवा सम्भावपज्जवा देसे आदिढे सम्भावपज्जवे तिपएसिए खंधे आयाओ य नोआया य देसे आदिद्वे सम्भावपज्जवे देसे आदिद्वे तयपज्जवे तिपएसिए खंधे आया य अवत्तव्यं आयाइ य नोआयाइ य देसे आदिढे सम्भावपज्जवे देसा आदिवा तदुभयपजवा तिपएसिए खंधे आया य अवत्तव्वाइं आयाउ य नोआयाउ य देसा आदिट्टा सम्भावपज्जवा देसे आदितु तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे आयाउ य अवत्तव्यं आयाति य नोआयाति य एए तिनि भंगा, देसे आदितु असम्भावपज्जवे देसे आदित तदुभयपजवे तिपएसिए खंधे नोआया य अवत्तव्यं आयाइ य नोआयाति य देसे आदिट्टे असम्भावपज्जवे देसा आदिट्ठा तदुभयपजवा तिपएसिए खंधे नोआया य अवत्तव्वाई आयाउ य नोआयाउ य देसा आदिट्ठा असम्भावपज्जवा देसे आदिढे तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे नोआयाउ य अवत्तव्यं आयाति य नोआयाति य देसे आदिढे सम्भावपजवे देसे आदिढे २९० श्रीभगवत्यंगं - सत १२ मुनि दीपरत्नसागर Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ असम्भावपज्जवे देसे आदिद्वे तदुभयपजचे तिपएसिए खंधे आया य नोआया य अवत्त आयाति य नोआयाइ य से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ तिपएसिए खंधे सिय आया तं चैव जाव नोआयाति य, आया भंते! चउप्पएसिए खंधे अन्ने० पुच्छा, गोयमा! चउप्पएसिए खंधे मिय आया सिय नोआया सिय अवत्त आयाति य नोआयाति य सिय आया य नोआया ये सिय आया य अवत्तवं सिय नोआया य अवत्तवं सिय आया य नोआया य अवत्त आयाति य नोआयाति य सिय आया य नोआया य अवत्तव्वाइं आयाओ य नोआयाओ य सिय आया य नोआयाओ य अवन्त्तवं आयाति य नोआयाति य सिय आयाओ य नोआया य अवत्त आयाति य नोआयाति य से केणट्टेणं भंते! एवं वृच्चइ चउप्पएसिए संधे सिय आया य नोआया य अवत्तयं तं चेव अट्ठे पडिउच्चारेयव्वं १, गोयमा ! अप्पणो आदिट्ठे आया परस्स आदिट्ठे नोआया तदुभयस्स आदि अवत्तवं आयाति य नोआयाति य देसे आदि सम्भावपज्जवे देसे आदिट्टे असम्भावपज्जवे चउभंगो, सम्भावपज्जवेणं तदुभयेण य चउभंगो, असम्भावेणं तदुभयेण य चउभंगो, देसे आदिट्ठे सम्भावपज्जवे देसे आदिडे असम्भावपज्जत्रे देसे आदिट्ठे तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आया य नोआया य अवत्तव्यं आयाति य नोआयाति य, देसे आदि सम्भावपज्जवे देसे आदिट्ठे असम्भावपज्जवे देसा आदिट्टा तदुभयपळवा चउप्पएसिए संधे भवइ आया य नोआया य अवतव्वाई आयाओ य नोआयाओ य देसे आदिट्ठे सम्भावपज्जवे देसा आदिट्ठा असम्भावपज्जवा देसे आदिट्ठे तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आया य नोआयाओ य अवत्तव्यं आयाति य नोआयाति य, देसा आइट्टा सम्भावपज्जवा देसे आइट्टे असम्भावप० देसे आइट्टे तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आयाओं य नोआया य अवत्तव्यं आयाति य नोआयाति य से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ चउप्पएलिए खंधे सिय आया सिय नोआया सिय अवत्तवं निक्वेवे ते चेव भंगा उच्चारेयव्वा जाव नोआयाति य, आया भंते! पंचपएसिए बंधे अन्ने पंचपएसिए खंधे ?, गोयमा ! सिय आया सिय नोआया सिय अवत्तव्यं आयाति य नोआयाति य सिय आया य नोआया य सिय अवत्तवं नोआया य अवत्तब्वेण य तियगसंजोगे एको ण पडइ, से केणणं भंते! तं चैव पडिउच्चारेयव्वं ?, गोयमा अप्पणो आदि आया परस्स आदि नोआया तदुभयस्स आदिट्ठे अवत्तब्वं देसे आदिट्ठे सम्भावपज्जवे देसे आदिले असम्भावपचे एवं दुयगसंजोगे सव्ये पडंति तियगसंजोगे एकोण पडइ, छप्पएसियस्स सच्चे पति, जहा छप्पएसिए एवं जाव अणतपएसिए। सेवं भंते! सेवं भंतेति जाव विहरति । ४६८ ॥ उ०१० इति द्वादशं शतकं ॥ फफ 'पुढवी १ देव २ मणंतर ३ पुढवी ४ आहारमेव ५. उनवाए ६। भासा ७ कम ८ अणगारे केयाघडिया ९ समुग्धाए १० ॥ ७३ ॥ रायगिहे जाव एवं वयासी कति णं भंते! पुढवीओ पं० १. गोयमा ! सत्त पुढवीओ पं० तं रयणप्पभा जाव आहेसत्तमा, इमीसे णं भंते! स्यणप्पभाए पुढवीए केवतिया निरयावाससयसहस्सा पं० १, गोयमा ! तीसं निरयावाससयसहस्सा पं० ते णं भंते! किं संखेज्जवित्थडा असंखेज्जवित्थडा ?, गोयमा संखेज्जवित्थडावि असंखेज्जवित्थडावि, इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएस एगसमएण केवतिया नेरइया उववति केवतिया काउलेस्सा उववजंति केवइया कण्हपक्लिया उववज्जंति केवतिया सुकपक्खिया उववजंति केवतिया सन्नी उववज्जति केवतिया असन्नी उववज्जति केवतिया भवसिद्धीया उव० केवतिया अभवसिद्धीया उवव० केवतिया आभिणित्रोहियनाणी उव० केवइया सुयनाणी उब० १० केवइया ओहिनाणी उववज्जंति केवइया मइअन्नाणी उवव० केवइया सुयअन्नाणी उव० केवइया विभंगनाणी उवव० केवइया चक्खुदंसणी उव० केवइया अचक्सुदंसणी उवव० केवइया ओहिदंसणी उबव० केवइया आहारसन्नोवउत्ता उवव० केवइया भयसन्नोवउत्ता उव० केवइया मेहुणसन्नोवउत्ता उबव० २० केवइया परिग्गहसन्नो उत्ता उबव० केवइया इत्थीवेयगा उवव० केवइया पुरिसवेदगा उपव० केवइया नपुंसगवेदुगा उवत्र केवइया कोहकसाई उवव० जाव केवइया लोभकसायी उवव० केवइया सोइंदियउवउत्ता उब जाव केवइया फासिंदियोवउत्ता उव० ३३ केवइया नोइंदियो उत्ता उव० केवतिया मणजोगी उबव० केवतिया बइजोगी उवव० केवतिया कायजोगी उवव० केवतिया सागारोवउत्ता उवव० केवतिया अणागारोवउत्ता उवब० १ ३, गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएसु जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा नेरइया उबव०, जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उको० संखेज्जा काउलेस्सा उव० जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्या कण्हपक्खिया उप०, एवं सुकपक्खियावि एवं सन्नी एवं असनीवि एवं भवसिद्धीया एवं अभवसिद्धीया आभिणिबोहियनाणी सुयनाणी ओहिनाणी मइअन्नाणी सुयअन्नाणी विभंगनाणी, चक्खुदंसणी ण उवव०, जहस्रेणं एको वा दो वा तिमि वा उकासेणं संखेज्जा अचक्खुदंसणी उपवज्जंति एवं ओहिदंसणीवि आहारसन्नोवउत्तावि जाव परिग्गहसन्नोवउ०, इत्थीवेयगा न उव० • पुरिसवेयगावि न उव०, जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा नपुंगवेदगा उवव० एवं कोहकसाई जाव लोभ०, सोइंदियउवउत्तान उवव० एवं जाब फासिंदिओवउत्ता न उपच०, जहस्रेणं एको वा दो वा तिमि वा उक्कोसेणं संखेजा नोई२९१ श्रीभगवत्यं सत १३ मुनि दीपरत्नसागर Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SHRASSHOGANSPIRAPENSPENASPARBIPEACEMBIABASIRAMASPRSHASPRIMASP85437858PRESMASPEARHPELIHENROE | दिओवउत्ता उववजंति, मणजोगी ण उववजति एवं वइजोगीवि, जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा कायजोगी उववजंति एवं सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि, | इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढबीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेजवित्थडेसु नरएसु एगसमएणं केवइया नेरइया उबवटुंति केवतिया काउलेस्सा उब्बटुंति जाव केवतिया | अणागारोवउत्ता उबटुंति?, गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएम एगसमएणं जहन्नेणं एको वा दो चा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा नेरइया उव्वदृति, एवं जाव सन्नी, असन्नी ण उन्नदंति, जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा भवसिद्धीया उप्नदृति एवं जाव सुयअन्नाणी, विभंगनाणी ण उबट्टति, चक्षुदसणी ण उव्वदृति, जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा अचक्खुदंसणी उब्बटुंति, एवं जाव लोभकसायी, सोइंदियउवउत्ता न उबटुंति एवं जाब फासिदियोवउत्ता न उबदति, जहन्नेणं एको वा दो वा तिनि वा उकोसेणं संखेज्जा नोइंदियोवउत्ता उव्वद॑ति, मणजोगी न उब्ब० एवं यइजोगीवि, जहन्नेणं एको वा दो या तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा कायजोगी उव्यदृति, एवं सागारोवउत्ता अणागारोबउत्ता, इमीसेणं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेजवित्थडेसु नरएसु केवइया नेरइया पं. केवइया काउलेस्सा जाव केवतिया अणागारोवउत्ता पं० केवतिया अणंतरोक्वनगा पं० केवइया परंपरोववण्णगा पं0 केवइया अणंतरोगाढा पं० केवइया परंपरोगाढा पं० केवइया अणंतराहारा पं० केवतिया परंपराहारा पं० केवतिया अणंतरपज्जत्ता पं० केवतिया परंपरपज्जत्ता पं० केवतिया चरिमा ५० केवतिया अचरिमा पं०१, गोयमा! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेजवित्थडेसु नरएसु संखेजा नेरतिया पं० संखेज्जा काउलेसा पं० एवं जाव संखेज्जा सन्नी ५० असन्नी सिय अत्थि सिय नत्थि जइ अस्थि जहनेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा पं०, संखेज्जा भवसिद्धीया पं० एवं जाव संखेज्जा परिम्गहसन्नोवउत्ता पं० इस्थिवेदगा नस्थि पुरिसवेदगा नस्थि संखेम्जा नपुंसगवेदगा पं०, एवं कोहकसायीवि, मानकसाई जहा असन्नी एवं जाव लोभक०, संखेज्जा सोडदियांवउत्ता प0 एवं जाव फासिदियोवउत्ता, नोइंदियांवउत्ता जहा असन्न एवं जाव अणागारोवउत्ता, अर्णतरोववन्नगा सिय अस्थि सिय नस्थि जइ अत्यि जहा असन्नी, संखेज्जा परंपरोववन्नगा पं०, एवं जहा अणंतरोववन्नगा तहा अणंतरोगाढ़गा अणंतराहारगा अणंतरपज्जत्तमा, परंपरोगाढगा जाव अचरिमा जहा परंपरोक्वन्नगा, इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु असंखेजवित्थडेसु नरएसु एगसमएणं केवतिया नेरइया उववजति जाव केवतिया अणागारोवउत्ता उववज्जति?, गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु असंखेजवित्थडेसु नरएसु एगसमएणं जहएको वा दो वा विनि वा उको० असंखेजा नेरइया उवव०, एवं जहेव संखेजवित्थडेसु तिन्नि गमगा तहा असंखेजवित्थडेसुवि तिमि गमगा, नवरं असंखेजा भा०, सेसं तं चेव जाव असंखेजा अचरिमा पं०, नाणत्तं लेस्सासु, लेसाओ जहा पढमसए नवरं संखेजवित्थडेसुवि असंखेजवित्थडेसुवि ओहिनाणी ओहिदसणी य संखेजा उव्वद्यावेयच्या, सेसं तं चेव, सकरप्पभाए णं भंते ! पुढवीए केवतिया निरयावास० पुच्छा, गोयमा! पणवीसं निरयावाससयसहस्सा पं०, ते णं भंते ! किं संखेज्जयित्वडा असंखेजवित्थडा एवं जहा स्यणप्पभाए तहा सकरप्पभाएऽवि, नवरं असन्नी तिमुवि गमएसु न भन्नति, सेर्स तं चेव, वालुयप्पभाए णं पुच्छा, गोयमा! पन्नरस निरयावाससयसहस्सा पं०, सेसं जहा सकरप्पभाए, णाणतं लेसासु लेसाओ जहा पढमसए, पंकप्पभाए पुच्छा, गोयमा ! दस निरयावास० एवं जहा सकरप्पभाए नवरं ओहिनाणी ओहिदसणी य न उबदृति, सेसं तं चेव, धूमप्पभाए ० पुच्छा, गोयमा! तिन्नि निरयावाससयसहस्सा एवं जहा पंकप्पभाए, तमाए णं भंते ! पुढवीए केवतिया निरयावास पुच्छा, गोयमा! एगे पंचूणे निरयावाससयसहस्से पं०, सेसं जहा पंकप्पभाए, अहेसत्तमाए णं भंते ! पुढचीए कति अणुत्तरा महतिमहालया महानिरया पं०१, गोयमा ! पंच अणुत्तरा जाव अपइट्ठाणे, ते णं भंते ! किं संखेज्जवित्थडा असंखेजवित्थडा, गोयमा ! संखेजवित्थडे य असंखेजवित्थडा य, अहेसत्तमाए णं भंते! पुढवीए पंचसु अणुत्तरेसु महतिमहालएस महानिरएसु संखेजवित्थडे नरए एगसमएणं केवतिया उखएवं जहा पंकप्पमा नवरं तिस नाणेसुन उपब०, पन्नत्तएम तहेव अस्थि, एवं असंखेजवित्थडेसवि नवरं असंखेजा भाणियब्वा ।४६९। इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पढबीए | तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेजवि० नरएम किं सम्मदिट्ठी नेरतिया उवव०मिच्छादिट्ठीने उव० सम्मामिच्छादिट्ठी नेर० उव०?, गोयमा! सम्मदिट्ठीवि नेरइया उव० मिच्छादिट्ठीवि नेरइया उव० नो सम्मामिच्छादिट्ठी० उब०, इमीसे णं भंते! रयणप्पमाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएसु किं सम्मदिट्ठी नेर० उव्वदृति०?, एवं चेव, इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्यडा नरगा किं सम्महिट्ठीहि नेरइएहिं अविरहिया मिच्छादिट्ठीहि नेरइएहिं अविरहिया सम्मामिच्छादिट्ठीहिं नेरहएहिं अविरहिया वा?, गोयमा! सम्मदिट्ठीहिवि नेरइएहिं अविरहिया मिच्छादिट्ठीहिवि० अविरहिया सम्मामिच्छादिट्ठीहिं० अविरहिया विरहिया वा, एवं असंखेज्जवित्पडेसुवि तिनि गमगा माणियव्वा, एवं सकरप्पभाएऽवि, एवं जाव तमाएऽचि, अहेसत्तमाए णं भंते ! पुढवीए पंचसु अणुत्तरेसु जाव संखेज्जवित्थडे नरए किं (७३) २९२ श्रीभगवत्यंगं - सन-२ मुनि दीपरत्नसागर Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ RASHIONSSSMARNEARPANASPEABPCLASPARIHSSIOPHORNOPOMISPOSASPIRAOPELAPAMARPARENES PICNICH सम्मट्ठिी नेरइया पुच्छा, गोयमा ! सम्माहिट्ठी नेरइया न उवव० मिच्छादिट्ठी नेरइया उक्व० सम्मामिच्छदिट्ठी नेरइया न उवव०, एवं उब्वदृतिवि, अविरहिए जहेच रयणप्प. | भाए, एवं असंखेजबित्थडेसुवि तिनि गमगा। ४७०।से नूर्ण भंते! कण्हलेस्से जाव सुक्कलेस्से भवित्ता कण्हलेस्सेसु नेरइएमु उवव० ?, हंता गोयमा ! कण्हलेस्से जाव उववजति, से | केणटेणं मंते! एवं वुचई कण्हलेस्से जाव उववजंति?, गोयमा ! लेस्सट्ठाणेमु संकिलिस्समाणेसु २ कण्हलेसं परिणमइ ना कण्हलेसेसु नेरहएसु उववचंति से तेणटेणं जाव उववजंति, से नूर्ण भंते ! कण्हलेस्से जाव सुक्कलेसे भवित्ता नीललेस्सेसु नेरइएसु उववज्जति?,हंता गोयमा! जाव उववजंति, से केणडेणं जाव उवबज्जंति, गोयमा ! लेम्सट्टाणेसु संकिलिस्ममाणेसु वा विसुज्झमाणेसुवा नीललेस्सं परिणमंतिता नीललेस्सेसु नेरइएमु उवव० से तेणद्वेणं गोयमा ! जाव उवव० से नूर्ण भंते! कण्हलेम्से नील जाव भवित्ता काउलेस्सेसु नेग्डम उवव० एवं जहा नीललेस्सा तहा काउलेस्सावि भाणियब्वा जाब से तेणडेणं जाव उववज्जति। सेवं भंते ! सेवं भंते ! । ४७१॥ श०१३ उ०१॥ कइविहाणं मंते ! देवा पं०१, गोयमा! चउव्विहा देवा पं० तं०-भवणवासी वाणमंतरा जो० वेमा०, भवणवासी णं भंते ! देवा कतिविहा पं०१, गोयमा ! दसचिहा पं० त०-असुरकुमारा एवं भेओ जहा बिनियमए देवहेसए जाव अपराजियया सब्वट्ठसिद्धगा, केवइया णं भंते! असुरकुमारावासमयसहस्सा पं०?, गोयमा! चोसढि असुरकुमारावाससयसहस्सा पं०, ते णं भंते! किं संखेज्जविन्थडा असंखे. ज्जवि०?, गोयमा ! संखेज्जवित्थडावि असंखेज्जवि०, चोसट्ठीणं भंते असुरकुमारावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु असुरकुमारावामेसु एगसमएणं केवतिया असुरकुमारा उवव० जाव केवतिया तेउलेसा उक्व० केवतिया कण्हपक्खिया उववजति एवं जहा ग्यणप्पभाए तहेव पुच्छा तहेव वागरणं नवरं दोहिं वेदेहि उववति, नपुंसगवेयगा न उवव०, सेसं तं०, उबटुंतगावि तहेव नवरं असन्नी उब्वटुंति, ओहिनाणी ओहिदंसणी य ण उव्वदृति, सेसं तं चेव, पन्नत्तए तहेव नवरं संखेजगा इस्थिवेदगा पं० एवं पुरिसवेदगावि. नपुंसगवेदगा नत्यि, कोहकसाई सिय अस्थि सिय नस्थि जइ अस्थि जहएको वा दो या तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा पंक, एवं माण माया संखेज्जा लोभकसाई पं०, सेसं तं चेव तिसुवि गमएसु, संखे. ज्जेसु चत्तारि लेस्साओ भाणियव्वाओ, एवं असंखेज्जवित्थडेसुवि, नवरं तिसुवि गमएसु असंखेजा भाणियब्वा जाव असंखेज्जा अचरिमा पं०. केवतिया णं भंते! नागकुमारावास, एवं जाव थणियकुमारा नवरं जत्थ जत्तिया भवणा, केवनिया णं भंते ! वाणमंतरावाससयमहस्सा पं०?, गोयमा ! असंखेज्जा वाणमंतरावाससयसहस्सा पं०, ते णं भंते ! कि संखेजवित्थडा असंखेज्जवित्थडा?, गोयमा! संखेज्जवित्थडा नो असंखेज्जवित्थडा, संखेज्जेमु णं भंते! वाणमंतरावाससयसहस्सेसु एगसमएणं केवतिया वाणमंतरा उबव?,एवं जहा असुरकुमाराणं संखेज्जवित्थडेसु तिन्नि गमगा तहेव भाणियव्या वाणमंतराणवि तिन्नि गमगा, केवतिया णं भंते ! जोतिसियविमाणावाससयसहस्सा पं०१, गोयमा ! असंखेज्जा जोइसियविमाणावाससयसहस्सा पं०.ते णं भंते! किं संखेज्जवित्थडा.एवं जहा वाणमंतगणं नहा जोइसियाणवि निन्नि गमगा भाणियब्वा नवरं एगा तेउलेस्सा. उववज्जंतेसुर पन्नत्तेसु य असन्नी नस्थि, सेस तं चेव. सोहम्मे णं भंते ! कप्पे केवतिया विमाणावाससयसहस्सा पं०१. गोयमा ! बत्तीस विमाणावाससयमहस्सा पं० ते णं भंते ! कि संखेज्जवि. वित्थडावि, सोहम्मे णं भंते ! कप्पे वत्तीसाए विमाणावाममयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु विमाणेसु एगसमएणं केवतिया । सोहम्मादेवा उववज्जति केवतिया तेउलेसा उववज्जति एवं जहाजोइसियाणं तिन्नि गमगा नहेव भाणियब्वा नवरं तिसुवि संखेज्जा भाणियब्वा,ओहिनाणी ओहिदंसणीय चयावेयव्वा. सेसं तं वेव, असंखेज्जवित्थडेसु एवं चेच तिनि गमगा णवरं तिसुवि गमएस असंखेजा भाणियव्या, ओहिनाणी ओहिदसणी य संखेज्जा चयंति. सेसं तं चेव, एवं जहा सोहम्मे तहा ईसाणेऽवि छ गमगा भाणियब्वा, सर्णकुमारे एवं चेव नवरं इत्थीवेयगा न उवबज्जंनि पन्नत्तेसु य न भण्णंति, असन्नी तिसुवि गमएसु न भण्णंति, सेसं तं चेब, एवं जाव सहस्सारे, नाणनं विमाणेसु लेस्सासु य, सेसं तं चेब, आणयपाणयेसु णं भंते ! कप्पेसु केवतिया विमाणावाससया पं०?, गोयमा ! चत्तारि विमाणावाससया पं०, ते णं भंते! किं संखेज्ज असंखे०?, गोयमा! संखेज्जवित्थडावि असंखेजविस्थडावि, एवं संखेजवित्थडेसु तिन्नि गमगा जहा सहस्सारे, असंखेजवित्थडेसु उववज्जतेसु य चयंतेसु य एवं चेद संखेजा भाणियब्वा. पन्नत्तेसु असंखेजा, नवरं नोइंदियोवउत्ता अर्णतरोववन्नगा अणंतरोगाढगा अणंतराहारगा अणंतरपजत्तगा य एएसि जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा पं० सेसा असंखेजा भाणियव्वा, आरणचएसु एवं चेव जहा आणयपाणएसु नाणत्तं विमाणेसु, एवं गेबेजगावि, कति णं भंते! अणुत्तरविमाणा पं०?, गोयमा ! पंच अणुत्तरविमाणा पं०. ते णं भंते! कि संखेजवित्थडा असंखेजवित्थडा ?, गोयमा ! संखेजवित्थडे य असंखेजवित्थडा य, पंचसु णं भंते ! अणुत्तरविमाणेसु संखेजवित्थडे विमाणे एगसमएणं केवतिया अणुत्तरोववाइया देवा उवव० केवतिया सुक्कलेस्सा उवव० पुच्छा तहेव, गोयमा ! पंचसु णं अणुत्तरविमाणेसु संखेजवित्थडे अणुत्तरविमाणे एगसमएणं जहएको वा दो वा तिन्नि वा उकोसेणं संखेजा २९३ श्रीभगवत्यंगं -स-११ मुनि दीपरत्नसागर Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SHRAGSPENSP88PIRHIBIPANASPIGARBPMARGIPHORIPADMASPANASPIRANSPIRM8P8KIPEARSPIRSMOVIESRAPALNASAT अणुत्तरोक्वाइया देवा उबवजंति, एवं जहा गेवेजविमाणेसु संखेज्जवित्थडेसु नवरं किण्हपक्खिया अभवसितिया तिसु अन्नाणेसु एए न उववजंति न चयति नवि पन्नत्तएसु भाणियव्या, अचरिमावि खोडिजति जाव संखेज्जा चरिमा पं० सेसं तं०, असंखेज्जवित्थडेसुवि एएन भन्नति नवरं अचरिमा अस्थि, सेसं जहा गेवेज्जएसु असंखेज्जवित्थडेसु जाव असंखेज्जा अचरिमा पं०। चोसट्ठीए णं भंते! असुरकुमारावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु असुरकुमारावासेसु किं सम्मदिट्ठी असुरकुमारा उवव० मिच्छादिट्टी० एवं जहा रयणप्पभाए तिन्नि आलावगा भणिया तहा भाणियब्वा, एवं असंखेज्जवित्थडेसुवि तिन्नि गमगा, एवं जाव गेवेज्जवि०,अणुत्तरवि० एवं चेव, नवरं तिसुवि आलावएसु मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठीयन भन्नति, सेसंत चेव, से नूर्ण भंते ! कण्हलेस्सा नील जाव सुकलेस्से भवित्ता कण्हलेस्सेसु देवेस उवव०१.हंता गोयमा! एवं जहेब नेरडएस पढमे उडेसए तहेव भापि यवं, नीललेसाएवि जहेच नेरइयाणं जहा नीललेस्साए, एवं जाव पम्हलेस्सेसु, सुक्कलेस्सेसु एवं चेव, नवरं लेस्सट्ठाणेसु विसुज्झमाणेसु २ सुक्कलेसं परिणमइत्ता सुकलेस्सेसु देवेसु उववजंति से तेणद्वेणं जाव उबरजति। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ॥४७२॥ श०१३ उ०२॥ नेरइया णं भंते ! अणंतराहारा ततो निव्वत्तणया एवं परियारणापदं निरवसेसं भाणियव्वं । सेवं भंते ! सेवं भंते !।४७३ ॥ श०१३ उ०३॥ (नेरइय फास पणिही निरयंते चेव लोयमज्झे य। दिसिविदिसाण य पवहा पवत्तणं अस्थिकाएहि ॥१॥ अत्थी पएसफुसणा ओगाहणया य जीवमोगाढा । अस्थिपएसनिसीयण बहुस्समे लोगसंठाणे ॥२॥ पा०) कति णं मंते ! पुढवीओ पं०१, गोयमा ! सत्त पुढवीओ पं० सं०- रयणप्पमा जाव अहेसत्तमा, अहेसत्तमाए णं भंते! पुढवीए पंच अणुत्तरा महतिमहालया जाव अपइट्टाणे, ते णं गरगा छट्ठीए तमाए पुढवीए नरएहिंतो महंततरा चेव महाविच्छिन्नतरा चेव महावासतरा चेव महापारिकतरा बेव णो तहा महापवेसणतरा चेव नो आइन्नतरा चेव नो आउलतरा चेव अणोमा(य पा०)णतराए चेव तेसु णं नरएसु नेरतिया छट्ठीए तमाए पुढवीए नेरइएहिंतो महाकम्मतरा चेव महाकिरियतरा चेव महासवतरा चेव महावेयणतरा चेव नो तहा अप्पकम्मतरा चेव नो अप्पकिरियतरा चेव नो अप्पासवतरा चेव नो अप्पवेदणतरा चेव अप्पड्डियतरा चेव अप्पजुइयतरा चेव नो तहा महइढियतरा चेव नो महजइयतरा चेष, छट्ठीए णं तमाए पुढवीए एगे पंचणे निरयावाससयसहस्से पं०,तेणं नरगा अहेसत्तमाए पढवीए नरएहिंतो नो तहा महत्तरा | चेव महाविच्छिन्न महप्पवेसणतरा चेव आइन्न तेसु णं नरएसु णं नेरविया अहेसत्तमाए पुढवीए नेरइएहितो अप्पकम्मतरा चेच अप्पकिरि० नो तहा महाकम्मतरा चेव महाकि8 रिय० महड्डियतरा चेव महाजुइयतरा चेष नो तहा अप्पढियतरा चेव अप्पजुइयतरा चेव, छट्ठीए णं तमाए पुढवीए नरगा पंचमाए धूमप्पभाए पु० नरएहिंतो महत्तरा० चेव नो तहा महप्पवेसणतरा० चेव, तेसु णं नरएस नरतिया पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए नेरहएहितो महाकम्मतरा चेव० नो तहा अप्पकम्मतरा चेव अप्पडदियतरा चेव० नो तहा महडदि. 13 यतरा चेव०,पंचमाए णं धूमप्पभाए पढवीए तिन्नि निरयावाससयसहस्सा पं०.एवं जहा। ढियतरा चेव० अप्पजुत्तियरा चेव । ४७४ । स्यणप्पभापुढवीनेरइया णं भंते ! केरिसयं पुढवीफासं पचणुभवमाणा विहरंति?, गोयमा! अणिढे जाव अमणामं एवं जाव अहेसत्तमापु. ढवीनेरइया, एवं आउफासं एवं जाव वणस्सइफास । ४७५ । इमा णं भंते ! रयणप्पभा पुढवी दोचं सकरप्पमं पुढवीं पणिहाय सव्वमहंतिया चाहलेणं सव्वखुड्डिया सवंतेसु एवं जहा जीवाभिगमे बितिए नेरइयउद्देसए । ४७६। इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए णिस्यपरिसामंतेमु जे पुढविक्काइया एवं जहा नेरइयउद्देसए जाव अहेसत्तमाए ।४७७। कहिं णं भंते ! लोगस्स आयाममझे पं०१, गोयमा! इमीसे णं रयणप्पभाए उवासंतरस्स असंखेजतिभागं ओगाहेत्ता एत्थ णं लोगस्स आयाममज्झे पं०, कहिणं भंते! अहेलोगस्स आयाममझे पं०१, गोयमा! चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए उवासंतरस्स सातिरंगं अद्धं ओगाहित्ता एत्य णं अहेलोगस्स आयाममजझे पं०, कहिं णं भंते ! उड्ढलोगस्स आयाममझे पं०१, गोयमा ! उप्पि सणंकुमारमाहिंदाणं कप्पाणं हेदि भलोए कप्पे रिट्ठविमाणे पत्थड़े एत्य ण उड्ढलोगस्स आयाममजले पं०, कहिनं भंते ! तिरियलोगस्स आयाममझे पं०?,गोयमा! जंबुडीचे २ मंदरस्स पब्बयस्स बहुमज्झदेसमाए इमीसे रयणप्पभाए पुढबीए उवरिमहेद्विासु खुड्डागपयरेसु एत्य णं तिरियलोगस्स मज्झे अट्ठपएसिए क्यए पं०,जओ णं इमाओ दस दिसाओ पवहंति, तं०-पुरच्छिमा पुरच्छिमदाहिणा एवं जहा दसमसए नामधेजत्ति।४७८। इंदाणं भंते ! दिसा किमादीया किंपवहा कतिपदेसादीया कतिपदेसुत्तरा कतिपदेसीया किंपजवसिया किंसंठिया पं०१, गोयमा ! इंदा णं दिसा रुयगादीया ख्यगप्पवहा दुपएसादीया दुपएसुत्तरा लोगं पडुच असंखेजपएसिया अलोगं पडुच अणंतपएसिया लोगं पडुच साइया सपज्जवसिया अलोग पब साइया अपज्जवसिया लोग पडुब मुरजसंठिया अलोग पहुच सगडुद्धिसंठिया पं०, अग्गेयी णं भंते! दिसा किमादीया किंपचहा कतिपएसादीया कतिपएसविच्छिणा कतिपएसिया किंपज्जवसिया कि संठिया पं० १, गोयमा ! अम्गेयी णं दिसा रुयगादीया रुयगपवहा एगपएसादीया एगपएसविच्छिन्ना अणुत्तरा लोगं पडुच असं२९४ श्रीभगवत्यंग - ५ मुनि दीपरत्नसागर 8285-SSPASS-85SEROFEROPMEHRARUPERHRSSRPRAGPICHAMPASARASPRINEMPONRAPE429981 Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ POGSABPICHOTEM8P8425788PNA8786230MISSYCOST-853YAEYASAMPIARY85288ARBPASAASPIRNOTES खेजपएसीया अलोगं पडुच्च अणंतपएसीया लोगं पडुच्च साइया सपज्जवसिया अलोगं पडुच्च साइया अपज्जवसिया छिन्नमुत्तावलिसंठिया पं०, जमा जहा इंदा, नेरइया जहा अग्गेयी, एवं जहा इंदा तहा दिसाओ चत्तारि जहा अम्गेई तहा चत्तारिवि विदिसाओ, विमला णं भंते ! दिसा किमादीया• पुच्छा जहा अग्गेयीए, गोयमा ! विमला गं दिसा रुयगादीया रुयगप्पवहा चउप्पएसादीया दुपएसविच्छिन्ना अणुत्तरा लोगं पडुच सेसं जहा अग्गेयीए नवरं स्यगसंठिया पं०,एवं तमावि । ४७९ किमियं भंते ! लोएत्ति पचइ ?, गोयमा ! पंचविकाया, एस णं एवतिए लोएत्ति पञ्चद, तं०-धम्मत्थिकाए अहम्मत्यिकाए जाव पोग्गलत्थिकाए, धम्मत्थिकाएक भंते! जीवाणं किं पवनति ?, गोयमा! धम्मस्थिकाएणं जीवाणं आगमणगमणभासुम्मेसमणजोगा बइजोगा कायजोगा जे यावन्ने तहप्पगारा चला भावा सय्ये ते धम्मस्थिकाएणं पवत्तंति, गइलक्षणे णं धम्मस्थिकाए,अहम्मस्थिकाएक जीवाणं कि पवत्तति?. गोयमा! अहम्मत्थिकाएणं जीवाणं ठाणनिसीयणतुबट्टण मणस्स य एगत्तीभावकरणता जे यावन्ने थिरा भावा सव्वे ने अहम्मस्थिकायेण पवत्तंति. ठाणलक्षणे णं अहम्मत्थिकाएं, आगासस्थिकाए णं भंते ! जीवाणं अजीवाण य किं पवत्तति?, गोयमा ! आगासस्थिकाए णं जीवदव्याण य अजीवदवाण य भायणभूए-एगेणवि से पुन्ने दोहिवि पुन्ने सयंपि माएजा। कोडिसएणवि पुन्ने कोडिसहस्सपि माएजा ॥७४॥ अवगाहणालक्षणे णं आगासस्थिकाए, जीवस्थिकारणं भंते! जीवाणं कि पवत्तति ?, गोयमा! जीवत्यिकाए णं जीवे अणताणं आभिणिबोहियनाणपज्जवाणं अणंताणं सुयनाणपज्जवाणं एवं जहा बितियसए अधिकायउद्देसए जाच उवओगं गच्छति, उवओगलक्खणे णं जीवे, पोग्गलस्थिकाएणं पुच्छा. गोयमा ! पोग्गलस्थिकाएणं जीवाणं ओरालियचेउवियआहारए तेयाकम्मए सोइंदियचक्खिदियघाणिदियजिभिदियफासिंदियमणजोगवयजोगकायजोगआणापाणणं च गहणं पवत्तति, गहणलक्षणे णं पोग्गलस्थिकाए।४८०। एगे भंते ! धम्मस्थिकायपदेसे केवतिएहिं धम्मस्थिकायपएसेहिं पुढे ?. गोयमा ! जहन्नपदे तीहिं उक्कोसपदे छहिं, केवतिएहि अहम्मस्थिकायपएसेहिं पुढे ?, गोयमा ! जहन्नपए चउहिं उक्कोसपए सत्तहिं, केवतिएहिं आगासस्थिकायपएसेहिं पुढे ?, गोयमा! सत्तहिं, केवतिएहिं जीवस्थिकायपएसेहिं पुढे?, गोयमा ! अणतेहिं, केवतिएहि पोग्गलस्थिकायपएसेहिं पुढे ?, गोयमा ! अणंतेहिं, केवतिएहिं अद्धासमएहिं पुढे ?, सिय पुढे सिय नो पुढे, जइ पुढे नियमं अणंतेहि, एगे भंते! अहम्मस्थिकायपएसे केवतिएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुढे ?, गोयमा ! जहन्नपए चाहिं उकोसपए सत्तहिं सेसं जहा धम्मस्थिकायस्स, एगे भंते! आगासस्थिकायपएसे केवतिएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुढे ?. गोयमा! सिय पुढे सिय नो पुढे, जब पुढे जहन्नपदे एकेण वा दोहिं वा तीहि या चउहिं वा उक्कोसपए सत्तहि, एवं अहम्मस्थिकायप्पएसेहिवि, केवतिएहि आगासन्थिकाय?, छहिं, केवतिएहिं जीवस्थिकायपएसेहिं पुढे ?, सिय पुढे सिय नो पुढे जइ पुढे नियमं अणंतेहिं, एवं पोग्गलस्थिकायपएसेहिवि अद्धासमएहिवि । ४८१ । एगे भंते ! जीवन्धिकायपएसे केवतिएहिं धम्मस्थित पच्छा, जहन्नपदे चउहिं उकोसपए सत्तहिं, एवं अहम्मत्यिकायपएसेहिथि, केवतिएहिं आगासस्थि०१. सत्तहि, केवतिएहिं जीवथि०१, सेसं जहा धम्मन्थिकायस्स, एगे भंते ! पोग्गलस्थिकायपएसे केवतिएहिं धम्मत्थिकायपए? एवं जहेब जीवस्थिकायस्स, दो भंते ! पोग्गलस्थिकायप्पएसा केवतिएहिं धम्मधिकायपएसेहिं पुट्ठा ?, जहन्नपए छहिं उकोसपए चारसहिं, एवं अहम्मस्थिकायप्पएसेहिवि, केवतिएहिं आगासस्थिकाय?, पारसहि, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स, तिन्नि भंते ! पोग्गलस्थिकायपएसा केवतिएहिं धम्मत्थि.?, जहन्नपए अट्ठहिं उकोसपए सत्तरसहि, एवं अहम्मस्थिकायपएसेहिवि, केवतिएहिं आगासस्थि ?, सत्तरसहिं, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स, एवं एएणं गमेणं भाणियव्वं जाच दस, नवरं जहन्नपदे दोन्नि पक्विवियव्वा उक्कोसपए पंच, चत्तारि पोग्गलस्थिकायस्स०?,जहन्नपए दसहिं उको बावीसाए, पंच पुग्गल०?, जहः बारसहिं उक्कोस सत्तावीसाए, छ पोग्गल, जह० चोद्दसहि उको बत्तीसाए, सत्त पो०?, जहन्नेणं सोलसहिं उको० सत्ततीसाए, अट्ट पो०?, जहन्न अट्ठारसहिं उक्को० बायादीसाए, नव पो०?, जहन्न वीसाए उक्को० सीयालीसाए, इस, जह० चावीसाए उको बावन्नाए, आगासस्थिकायस्स सव्वत्थ उक्कोसगं भाणियव्यं, संखेज्जा भंते! पोग्गलथिकायपएसा केवतिएहि धम्मत्थिकायपएसेहिं पुट्ठा ?, जहन्नपदे तेणेव संखेजएणं दुगुणेणं दुरूवाहिएणं उक्कोसपए तेणेव संखेजएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं, केवतिएहि अधम्मथिकायपएसेहिं ?,एवं चेव, केवतिएहिं आगासस्थिकाय?, तेणेव संखेजएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं, केवइएहिं जीवत्थिकाय?, अणंतेहिं, केचइएहिं पोग्गलत्विकाय?, अणतेहिं, केवइएहिं अदाममएहिं ?, सिय पुढे सिय नो पुढे जाव अणंतेहिं, असंखेज्जा भंते ! पोग्गलत्थिकायप्पएसा केवतिएहिं धम्मस्थि०१, जहन्नपए तेणेव असंखेजएणं दुगुणेणं दुरूवाहिएणं उक्को तेणेव असंखेज्जएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं, सेसं जहा संखेजाणं जाव नियम अणंतेहि, अणंता भंते ! पोग्गलत्यिकायपएसा केवतिएहिं धम्मस्थिकाय?, एवं जहा असंखेजा तहा अर्णतावि निरवसेस, एगे भंते! अद्धासमए केवतिएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुढे?, सत्तहिं, केवतिएहिं अहम्मत्थि०?, एवं चेव, एवं आगासस्थिकायपएसेहिवि, केवतिएहिं २९५ श्रीभगवत्यंगं - सन मुनि दीपरत्नसागर Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जीव० १. अणतेहिं, एवं जाव अदासमएहिं धम्मत्थिकाए णं भंते! केवतिएहिं धम्मत्थिकायप्पएसेहिं पुढे ? नत्थि एक्केणवि, केवतिएहिं अधम्मत्यिकायप्पएसेहिं० १, जसंखेजेहिं, केवतिएहिं आगासत्धिकाय ०१. असंखेजेहि, केवतिएहिं जीवस्थिकायपए० १, अणतेहिं, केवतिएहिं पोग्गलस्थिकायपएसेहिं०?, अनंतेहिं, केवतिएहिं अदासमएहिं० १, सिय पुढे सिय नो पुढे, जइ पुढे नियमा अनंतेहि, अहम्मत्थिकाए णं भंते! केव० धम्मत्थिकाय ?, असंखेज्जेहिं, केवतिएहिं अहम्मत्थि० ?, णत्थि एक्केणवि, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स, एवं एए गमएणं सव्वेऽवि सद्वाणए अस्थि एकेणवि पुट्ठा परद्वाणए आदिल्लएहिं तिहिं असंखेज्जेहिं भाषियव्वं पच्छिलएस अनंता भाणियब्बा, जाब अद्धसमयोति, जाव केवतिएहिं अद्धासमएहिं पुढे ?, नत्थि एकेणवि, जत्थ णं भंते! एगे धम्मत्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकायप्पएसा ओगाढा ? नत्थि एकोऽवि, केवतिया अहम्मत्थिकायप्पएसा ओगाढा?, एक्को, केवतिया आगासत्यिकाय?, एको, केवतिया जीवत्थि० १, अनंता, केवतिया पुग्गलत्यि०१, अनंता, केवतिया अद्धासमया ०१, सिय जगाढा सिय नो ओगाढा जह ओगाढा अनंता, जत्थ णं भंते! एगे अहम्मत्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मस्थि०१, एको, केवतिया अहम्मत्थि ०१, नत्थि एकोऽवि सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स, जत्थ गं एगे आगासत्धिकाय एसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकाय ० १, सिय ओगाढा सिय नो ओगाढा, जइ ओगाढा एक्को, एवं अहम्मत्यिकायपएसावि, केवइया आगासत्थिकाय० १, नत्थि एकोऽवि, केवतिया जीवत्थि० १, सिय ओगाढा सिय नो ओगाढा जइ ओगाढा अनंता, एवं जाव अदासमया, जत्थ णं भंते! एगे जीवत्थिकायपएसे ओगाढे तत्य केवतिया धम्मत्थि ०१, एको, एवं अहम्मत्थिकाय० एवं आगासत्थिकायपएसावि, केवतिया जीवस्थि०१, अणंता सेसं जहा धम्मस्थिकायस्स, जत्थ णं भंते! एंगे पोग्गलत्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकाय ० १ एवं जहा जीवत्थिकायपएसे तहेव निरवसेसं, जत्थ णं भंते! दो पोग्गलत्थिकायपदेसा ओगाढा तत्थ केवतिया धम्मत्धिकाय० १, सिय एको सिय दोन्नि, एवं अहम्मत्थिकायस्सवि, एवं आगासत्थिकायस्तवि, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स, जत्य णं भंते! तिन्नि पोग्गलस्थि० तत्थ केवइया धम्मत्थिकाय ०१, सिय एको सिय दोन्नि सिय तिन्नि, एवं अहम्मत्थिकायस्सवि, एवं आगासत्थिकायस्सवि, सेसं जहेव दोण्डं, एवं एकेको वढियव्वो पएसो आइएहिं तिहिं अस्थिकाएहिं, सेसं जहेब दोन्ह जाव दसहं सिय एको सिय दोन्नि सिय तिनि जाव सिय दस, संखेज्ञाणं ०१. सिय एको सिय दोहि जाब सिय दस सिय संखेजा, असंखेजाणं सिय एको जाव सिय संखेज्जा सिय असंखेजा, जहा असंखेजा एवं अणतावि, जन्थ णं भंते! एगे अद्धासमए ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थि०१, एक्को, केवतिया अहम्मस्थि० ?, एक्को, केवतिया आगासत्थि०१, एको. केवइया जीवस्थि० १, अनंता, एवं जाव अद्धासमया, जत्थ णं भंते! धम्मत्थिकाए ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकायप० ओगाढा? नत्थि एकोऽवि, केवतिया अहम्मत्थिकाय०, असंखेज्जा, केवतिया आगास० ?, असंखेज्जा, केवतिया जीवत्विकाय ?, अणंता, एवं जाव अद्धासमया, जत्थ णं भंते! अहम्मत्थिकाए ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकाय ०१, असंखेज्जा, केवतिया अहम्मत्थि ०१. नत्थि एकोऽवि, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स, एवं सव्वे सहाणे नत्थि एकोऽवि भाणियव्वं परट्ठाणे आदिहगा तिन्नि असंखेज्जा भाणियव्वा, पच्छि लगा तिनि अणता भाणियव्या जाय अद्धासमओति, जाव केवतिया अदासमया ओगाढा ?, नत्थि एकोऽवि । ४८२ । जन्थ णं भंते! एगे पुढवीकाइए ओगाढे तत्थ णं क्रेवतिया पुढ बीकाइया ओगाढा?, असंखेजा, केवतिया आउकाइया ओगाढा ?, असंखेज्जा, केवइया तेउकाइया ओगाढा ?, असंखेज्जा, केवइया वाउ० ओगाढा १, असंखेजा, केवतिया वणस्सइकाइया ओगाढा?, अनंता, जत्थ णं भंते! एंगे आउकाइए ओगाढे तत्थ णं केवतिया पुढवी ०१, असंखेज्जा, केवतिया आउ०१, असंखेज्जा, एवं जहेब पुढवीकाइयाणं यत्तव्वता सब्बेसिं निरवसेसं भाणियव्वं जाव वणस्सइकाइयाणं जाव केवतिया वणस्सइकाइया ओगाढा?, अनंता । ४८३। एवंसि णं भंते! धम्मत्थिकाः अधम्मत्थिकाः आगासत्विकार्यसि चक्किया केई आसइत्तए वा सहत्तए वा चिट्टित्तए वा निसीइत्तए वा तुइट्टित्तए वा १, नो इणट्टे समट्टे, अनंता पुण तत्थ जीवा ओगाढा, से केणट्टेणं भंते! एवं बुम्बइ एतंसि णं धम्मस्थि० जाव आगासन्थिकार्यसि णो चकिया केई आसइत्तए वा जाव ओगाढा १, गोयमा से जहानामए- कूडागारसाला सिया दुहओ लित्ता गुत्ता गुत्तदुबारा जहा रायप्पसेणइज्जे जाव दुवारवयणाई पिहेइ त्ता तीसे कूडागारसालाएं बहुमज्झदेसभाए जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं पदीवसहस्सं पलीवेज्जा, से नूणं गोयमा ! ताओ पदीवलेस्साओ अन्नमन्नसंबद्धाओ अन्नमन्नपुट्ठाओ जाव अन्नमन्न घडत्ताए चिइति ?, हंता चिद्वंति चक्किया णं गोयमा ! केई तासु पदीवलेस्सासु आसइत्तए वा जाव तुयट्टित्तए वा ?, भगवं! णो तिणट्टे समझे, अनंता पुण तत्थ जीवा ओगाढा, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं बुचइ जाव ओगाढा । ४८४| कहिं णं भंते! लोए बहुसमे पं० कहिं णं भंते! लोए सव्वविग्गहिए पं० १, गोयमा! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उवरिमद्विले खुट्टागपयरेसु एत्थ णं लोए बहुसमे एत्थ णं लोए सव्वविग्गहिए पं०, कहिं णं भंते! विग्गहिए लोए पं०१, गोयमा विग्गहकंडए एत्थ णं विग्गहिए लोए पं० । ४८५ । किंसंठिए णं भंते! लोए पं०१, गोयमा! सुपइट्टियसंठिए लोए पं० हेडा विच्छिन्ने मज्झे जहा सत्तमसए पढमुदेसे जाव अंतं करेति एयस्स णं भंते! अहेलोगस्स (७४) २९६ श्रीभगवत्यं सत- १३ मुनि दीपरत्नसागर Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तिरियलोगस्स उड्ढलोगस्स य कयरे जाव विसेसाहिया वा १, गोयमा ! सव्वत्थोवे तिरियलोए उढलोए असंखेजगणे अहेलोए विसेसाहिए। सेवं भंते! सेवं भंते! ति । ४८६ ॥ श० ११ उ०४ ॥ नेरइया णं भंते! किं सचित्ताहारा अचित्ताहारा मीसाहारा ?, गोयमा! नो सचित्ताहारा अचित्ताहारा नो मीसाहारा, एवं असुरकुमारा पढमो नेरइयउद्देसओ निरवसेसो भाणियच्वो सेवं भंते! सेवं भंतेति । ४८७ ॥ श० १३ उ० ५ ॥ रायगिहे जाव एवं क्यासी संतरं भंते! नेरतिया उववज्वंति निरंतरं नेरइया उववज्जंति ?, गोयमा ! संतरंपि नेरइया उवव० निरंतरंपि नेरड्या उवक्ांति, एवं असुरकुमारावि, एवं जहा गंगेये तहेव दो दंडगा जाव संतरंपि वैमाणिया चयंति निरंतरंपि वैमाणिया चयंति । ४८८। कहिनं भंते! चमरस्स असुरिंदस्स असुर० रन्नो चमरचंचा नाम आवासे पं०१, गोयमा ! जंबुद्दीचे २ मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं तिरियमसंखेजे दीवसमुद्दे एवं जहा बितियसए सभाउद्देसए वतव्वया सच्चेव अपरिसेसा नेयब्वा नवरं इमं नाणत्तं जाव तिगिच्छकूडस्स उप्पायपव्वयस्स चमरचंचाए रायहाणीए चमरचंचस्स आवासपव्ययस्स अन्नेसिं च बहूणं सेसं तं चैव जाव तेरस य अंगुलाई अर्द्धगुलं च किचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं, तीसे णं चमरचंचाए रायहाणीए दाहिणपञ्चच्छ्रिमेणं छकोडिसए पणपन्नं च कोडीओ पणतीसं च सयसहस्साई पन्नासं च सहस्साई अरुणोदगसमुहं तिरियं बीइवइत्ता एत्थ णं चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो चमरवंचे नामं आवासे पं० चउरासीई जोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं दो जोयणसयसहस्साई पनद्धिं च सहस्साइं छच्च बत्तीसे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं, से णं एगेणं पागारेणं सव्वओ समता संपरिक्खित्ते से णं पागारे दिवढं जोयणसयं उड्उच्चत्तेणं एवं चमरचंचारायहाणीवत्तब्वया भाणियव्वा सभाविहूणा जाव चत्तारि पासायपतीओ, चमरे णं भंते! असुरिंदे असुरकुमारराया चमरचंचे आबासे बसहिं उवेति ? नो तिणडे समट्टे से केणखाइ अद्वेणं भंते! एवं वृच्चइ चमरचंचे आवासे २१, गोयमा ! से जहानामए- इहं मणुस्सलोगंसि उवगारियालेणाह वा उज्जाणियालेणाइ वा णिज्जाणियालेणाइ वा धारिवा (प्र० बारिधा). रियलेणाइ वा तत्थ णं बहवे मणुस्सा य मणुस्सीओ य आसयंति य संयंति जहा रायप्यसेइज्जे जाव कहाणफलवित्तिविसेसं पञ्चणुभवमाणा बिहरंति अन्नत्थ पुण बसहिं उवैति एवामेव गोयमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररनो चमरचंचे आवासे केवलं किड्डारतिपत्तियं अनत्य पुण वसहिं उवेति से तेण० जाव आवासे सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति जाव विहरइ । ४८९ । तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयाई रायगिहाओ नगराओ गुणसिलाओ जाव विहरइ, तेणं कालेणं० चंपा नामं नयरी होत्था वन्नाओ, पुन्नमदे चेइए बन्नओ, तए समणे भगवं महावीरे अन्नया कदाई पुव्वाणुपृथ्विं चरमाणे जाव विहरमाणे जेणेव चंपा नगरी जेणेव पुन्नभद्दे चेतिए तेणेव उवागः त्ता विहरइ, तेणं कालेणं० सिंधुसोवीरेसु जणवएस भए (विभेत पा० ) णामं णयरे होत्या वण्णओ, तस्स णं वीतीभयस्स नगरस्स बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए एत्थ णं मियवणे नामं उज्जाणे होत्था सव्वोउय० वन्नाओ, तत्थ बीतीभए नगरे उदायणे नामं राया होत्था महया वन्नओ, तस्स णं उदायणस्स रनो पभावती नामं देवी होत्या सुकुमाल बन्नओ, तस्स णं उदायणस्स रन्नो पुत्ते पभावतीए देवीए अत्तए अभीतिनामं कुमारे होत्था सुकुमाल जहा सिवभद्दे जाव पचुवेक्खमाणे विहरति, तस्स णं उदायणस्स रनो नियए भायणेज्जे केसी नाम कुमारे होत्था सुकुमाल जाव सुरूचे, सेणं उदायणे राया सिंधुसोवीरप्पामोक्खाणं सोलसन्हं जणवयाणं वीतीभयप्पामोक्खाणं तिन्हं तेसद्वीणं नगरागरसयाणं महासेणप्पामोक्खाणं दण्डं राईणं बदमउडाणं विदिन्नच्छत्तचामरवालवीयणाणं अन्नेसिं च बहूणं राईसरतलबरजावसत्थवाहप्पभिईणं आहेवचं जाव कारेमाणे पालेमाणे समणोवासए अभिगयजीवाजीवे जाव विहरड़, तए णं से उदायणे राया अक्षया कयाई जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ जहा संखे जाब बिहरइ, तए णं तस्स उदायणस्स रन्नो पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अम्भस्थिए जाव समुप्पजित्था धन्ना णं ते गामागरनगरखेडकच्चडदोणमुहपट्टणासमसंत्राहसन्निवेसा जत्थ णं समणे भगवं महावीरे विहरड़, धन्ना णं ते राईसरतलवरजावसत्थवाहप्पभिईओ जेणं समणं भगवं महावीरं वंदंति नम॑संति जाव पज्जुवासंति, जइ णं समणे भगवं महावीरे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं जाव विहरमाणे इहमागच्छेजा इद्द समोसरेज्जा इहेब बीतीभयस्स नगरस्स बहिया मियवणे उज्जाणे अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्डित्ता संजमेणं तवसा जाव विहरेज्जा तो णं अहं समणं भगवं महावीरं वंदेजा नमसेज्जा जाव पज्जुवासेज्जा, तए णं समणे भगवं महावीरे उदायणस्स रन्नो अयमेयारूवं अम्मत्थियं जाव समुप्पन्नं वियाणित्ता चंपाओ नगरीओ पुनमद्दाओ चेइयाओ पडिनिक्खमति त्ता पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणु जाव विहरमाणे जेणेव सिंधुसोबीरे जणवए (प्र० सिंधुओ सोवीरा जणवया) जेणेव वीतीभये णगरे जेणेव मियवणे उज्जाणे तेणेव उवा० ता जाव विहरति, तए णं बीतीभये नगरे सिंघाडग जाव परिसा पज्जुवासइ, तए णं से उदायणे राया इमीसे कहाए लबट्टे समाणे तु० कोडुंबियपुरिसे सहावेति त्ता एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! वीयीभयं नगरं सब्भितरबाहिरियं जहा कृणिओ उववाइए जाव पज्जुवासति, पभावतीपामोक्खाओ देवीओ तहेव जाव पज्जुवासति, धम्मकहा, तए णं से उदायणे राया समणस्स भगवओ महावीरस्स २९७ श्रीभगवत्थंग - सात- १२ मुनि दीपरत्नसागर Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PESARIVOIMMED86ASYCLOEPISASPEARRIPMARSPIRM99%8ASHAMSPICASSIPORNSPIRMASPICA28738NSPEATREPTEASPRIMARY अंतियं धम्मं सोचा निसम्म हद्वतुट्टे उट्टाए उढेइ त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता एवं वयासी-एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते ! जाव से जहेयं तुज्झे वदहत्तिकटु नवरं देवाणप्पिया! अभीयिकुमारं रजे ठावेमि, तए णं आहे देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता जाव पब्वयामि, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंध,तए णं से उदायणे राया समणेणं भगक्या महावीरणं एवं बुत्ते समाणे हतुढे समणं भगवं महावीरं वंदति नमसति त्ता तमेव आभिसेक हत्विं दुरुहइत्ता समणस्त भगवओ महावीरस्स अंतियाओ मियवणाओ उजाणाओ पडिनिक्खमति त्ता जेणेव वीतीभये नगरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए, तए णं तस्स उदायणस्स रन्नो अयमेयारूवे अब्भत्थिए जाच समुप्पज्जित्था-एवं खलु अभीयीकुमारे मम एगे पुत्ते इट्टे कंते जाव किमंग पुण पासणयाए?, जति णं अहं अभीयीकुमारं रज्जे ठावेत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता जाव पव्वयामि तो णं अभीयी कुमारे रज्जे य रहे य जाव जणवए माणुस्सएसु य कामभोगेसु मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोक्वने अणादीयं अणवदग्गं दीहमदं चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियटिस्सइ,तं नो खलु मे सेयं अभीयीकुमारं रजे ठावेत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्यइत्तए, सेयं खलु मेणियर्ग भाइणेज केसिं कुमारं रज्जे ठावेत्ता समणस्स भगवओ जाव पब्वइत्तए, एवं संपेहेइ त्ता जेणेव बीतीभये नगरे तेणेव उवागच्छइ त्ता वीतीभये नगरे मझमझेणं जेणेव सए गेहे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागत्ता आभिसेकं हस्थि ठवेति ता आभिसेक्काओ हत्थीओ पच्चोरुभइ त्ता जेणेव सीहासणे तेणेच उवागच्छति त्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहे निसीयति त्ता कोटुंबियपुरिसे सहावेति त्ता एवं बयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! वीतीभयं नगरं सम्भितरबाहिरियं जाव पप्पणंति, तए णं से उदायणे राया दोचंपि कोडुबियपुरिसे सदावेति त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! केसिस्स कुमारस्स महत्व एवं रायामिसेओ जहा सिवभहस्स कुमारस्स तहेव भाणियव्यो जाब परमाउं पालयाहि इट्ठजणसंपरिखुढे सिंधुसोचीरपामोक्खाणं सोलसण्हं जणवयाणं वीतीभयपामोक्खाणं. महसेण राया अन्नेसिं च बहूर्ण राईसर जाव कारेमाणे पालेमाणे विहराहित्तिकट्टु जयजयसई पउंजंति, तए णं से केसीकुमारे राया जाए महया जाव विहरति, तए णं से उदायणे राया केसिं रायाणं आपुच्छइ, तए णं से केसी राया कोडुंबियपुरिसे सहावेति एवं जहा जमालिस्स तहेव सभितरवाहिरियं तहेब जाव निक्खमणाभिसेयं उवट्ठति, तए णं से केसी राया अणेगगणणायग जाव संपरिखुडे उदायणं रायं सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहं निसीयावेति त्ता अट्ठसएणं सोवन्नियाणं एवं जहा जमालिस्स जाब एवं वयासी-भण सामी! किं देमो कि पयच्छामो किणा वा ते अट्ठो?. तए णं से उदायणे राया केसि रायं एवं बयासी-इच्छामि णं देवाणप्पिया! कुत्तियावणाओ एवं जहाज पडिच्छड पियविप्पयोगसणा, तए णं से केसी राया दोच्चपि उत्तरावक्रमणं सीहासणं स्यावेति त्ता उदायणं रायं सेयापीतपहिं कलसेहिं सेसं: अम्मघाती नवरं पउमावती हंसलवणं पडसाडगं गहाय सेसं तं चैव जाव सीयाओ पचोरुभति त्ता जेणेव समणे भगवं महावीर तेणेच उवागच्छइत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो बंदति नमंसति त्ता उत्तरपुरच्छिमं दिसीभार्ग अवक्कमति त्ता सयमेव आभरणमडालंकारं तं चेव पउमावती पडिच्छति जाव घडियव्वं सामी! जाव नो पमादेयव्वंतिकट्टु केसी राया पउमावती य समणं भगवं महावीरं वदति नमसंति त्ता जाव पडिगया, तए णं से उदायणे राया सयमेव पंचमुट्टियं लोयं सेसं जहा उसमदत्तस्स जाब सव्वदुक्खप्पहीणे।४९० । तए णं तस्स अभीयिस्स कुमारस्स अन्नदा कयाई पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुटुंबजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूचे अभत्थिए जाव समुपज्जित्या एवं खलु अहं उदायणस्स० पुत्ते पभावतीए देवीए अत्तए तए णं से उदायणे राया ममं अवहाय नियगं भायणिज्जं केसिकुमारं रजे ठावेत्ता समणस्स भगवओ जाव पव्वाइए, इमेणं एयारूवेणं महया अप्पत्तिएणं मणोमाणसिएणं दुक्खेणं अभिभूए समाणे अंतेपुरपरियालसंपरिखुढे सभंडमत्तोवगरणमायाए बीतीभयाओ नयराओ निम्गच्छति त्ता पुष्याणपयि चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे जेणेव चंपा नयरी जेणेव कृणिए राया तेणेव उवा०त्ता कृणियं रायं उपसंपजित्ताणं विहरइ तत्थवि णं से विउलभोगसमितिसमन्नागए याचि होत्था, तए णं से अभीयी कुमारे लमणोवासए यावि होत्था, अभिगय जाव विहरइ, उदायणमि गयरिसिमि समणुचद्धवरे यावि होत्था, तेणं कालेणं० इमीसे रयणप्पभाए पुढबीए निग्यपरिसामंतेसु चोसटिं असुरकुमाराबाससयसहस्सा पं०, तए णं से अभीयी कुमारे चहूइं वासाइं समणोवासगपरियागं पाउणति त्ता अद्धमासियाए संलेहणाए तीसं भत्ताइं अणसणाए छेएइ त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकते कालमासे कालं किया इमीसे रयणप्पभाए पुढबीए (तीसाए) निरयपरिसामंतेसु चोयट्ठीए आयावा जाब सहस्से(तेसु आयात्राअसुरंकुमारावासे)सु अन्नयरंसि रकमारदेवत्ताए उव०,तत्थ णं अत्थेग आयावगाणं असुरकमाराणं देवाणं एगं पलिकठिई पं०. तत्थ णं अभीयिस्मवि देवस्म एग पलि ठिई पं०, से णं भंते ! अभीयी देवे ताओ देवलोगाओ आउक्ख० अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं ग० कहिं उव०१, गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति। सेवं भंते ! सेर्व भंतेत्ति २९८ श्रीभगवत्यंगं -सतीश मुनि दीपरत्नसागर POSAASPIRINISTRAHASY84257548PPESARIPTEMISP6MARATHA-48750SSPOONIS785878ASPENSPENBP8428HICHARIPE Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । ४९१ ॥ श० १३ उ० ६ ॥ रायगिहे जाव एवं वयासी आया भंते! भासा अन्ना भासा ?, गोयमा ! नो आया भासा अन्ना भासा, रूविं भंते! भासा अरूविं भासा ?, गोयमा ! रूविं भासा नो अरूविं भासा, सचित्ता भंते! भासा अचित्ता भासा ? गोयमा ! नो सचित्ता भासा अचित्ता मासा, जीवा भंते! भासा अजीवा भासा ?, गोयमा नो जीवा भासा अजीवा भासा, जीवाणं भंते! भासा अजीवाणं भासा ?, गोयमा ! जीवाणं भासा नो अजीवाणं भासा, पुच्चि भंते! भासा भासिजमाणी भासा भासासमयवीतिर्कता भासा ?, गोयमा ! नो पुवि भासा भासिजमाणी भासा णो भासासमयवीतिकंता भासा, पुच्चि भंते! भासा भिजति भासिजमाणी भासा भिजति भासासमयवीतिकंता भासा भिज्जति ?, गोयमा नो पुब्बि भासा भिजति भासिजमाणी भासा भिजइ नो भासासमयवीतिता भासा भिजति, कतिविहा णं भंते भासा पं० १. गोयमा ! चउब्विहा भासा पं० तं० सथा मोसा सामोसा असच्चामोसा । ४९२ । आया भंते! मणे अण्णे मणे ?, गोयमा ! नो आया मणे अने मणे जहा भासा तहा मणेऽवि जाय नो अजीवाणं मणे, पुब्विं भंते! मणे मण्णिजमाणे मणे ? एवं जहेब भासा, पुवि भंते! मणे भिजति मण्णिजमाणे मणे भिजति मणसमयवीतिकंते मणे भिजति ?, एवं जहेब भासा, कतिविहे णं भंते! मणे पं० १, गोयमा ! चउब्विहे मणे पं० तं०-सच्चे जाव असच्चामोसे । ४९३ । आया भंते! काये अन्ने काये ?, गोयमा ! आयावि काये अन्नेऽवि काये, रूविं भंते! काये अरूविं काये ?, पुच्छा, गोयमा ! रूविंप काये अरूविपि काए, एवं एकेके पुच्छा, गोयमा सच्चित्तेऽवि काए अश्वित्तेऽवि काए, जीवेऽवि काए अजीवेऽवि काए, जीवाणवि काए अजीवाणवि काए, पृथ्विं भंते! काये पुच्छा, गोयमा ! पुब्बिपि काए कायिजमाणेऽविकाए कायसमयवीतिकंतेऽवि काये, पुवि भंते! काये भिज्जति पुच्छा, गोयमा ! पुर्विपि काए भिज्जति जाब काए भिजति, कइविहे णं भंते! काये पं० १. गोयमा ! सत्तविहे काये पं० तं० ओराले ओरालियमीसए वेडब्बिए वेडब्बियमीसए आहारए आहारगमीसए कम्मए । ४९४ । कतिविहे णं भंते! मरणे पं० १, गोयमा ! पंचविहे मरणे पं०सं०आवीचियमरणे ओहिमरणे आदिंतियमरणे बालमरणे पंडियमरणे, आवीचियमरणे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा ! पंचविहे पं० तं० दव्वावीचियमरणे खेत्तावीचियमरणे कालावीचियमरणे भवावीचियमरणे भावावीचियमरणे, दब्वावीचियमरणे णं भंते! कतिविहे पं० १. गोयमा ! चउब्विहे पं० तं० नेरइयदव्वावीचियमरणे तिरिक्खजोणियद० मणुस्सद० देव'दव्वावीचियमरणे, से केणट्टेणं भंते! एवं वृच्चइ नेरइयदव्वावीचियमरणे २१, गोयमा ! जष्णं नेरइया नेरइए दब्वे वट्टमाणा जाई दव्वाई नेरइयाउयत्ताए गहियाई बढाई पढाई कडाई पटुवियाई निविद्वाई अभिनिविद्वाई अभिसमन्नागयाई भवंति ताई दव्वाई आवीची अणुसमयं निरंतरं मरंतित्तिकट्टु से तेण्डेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ नेरइयदव्वावीचियमरणे २, एवं जाव देवदव्वावीचियमरणे, खेत्तावीचियमरणे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा! चउब्विहे पं० तं० नेरइयखेत्तावीचियमरणे जाव देव०, से केणटुणं भंते! एवं० नेरइयखेत्तावीचियमरणे २१, जण्णं नेरइया नेरइयखेत्ते वट्टमाणा जाई दब्वाई नेरइयाउयत्ताए एवं जहेब दब्बावीचियमरणे तहेव खेत्तावीचियमरणेऽवि एवं जाव भावावीचियमरणे, ओहिमरणे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा ! पंचविहे पं० तं० दव्वोहिमरणे खेत्तोहिमरणे जाव भावोहिमरणे, दव्बोहिमरणे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा ! चउब्विहे पं० तं० नेरइयदब्बोहिमरणे जाव देवदय्वोहिमरणे, से केणट्टेणं भंते! एवं बु० नेरइयदब्बोहिमरणे २१, गोयमा जे गं नेरइया नेरइयदव्ये माणा जाई दब्वाई संपयं मरंति ते णं नेरइया ताई दव्वाई अणागए काले पुणोऽवि मरिस्संति से तेण० गोयमा जाव दव्वोहिमरणे, एवं तिरियक्खजोणिय० मणुस्स० देवोहिमरणेऽवि एवं एएणं गमेणं खेत्तोहिमरणेऽवि कालोद्दिमरणेऽवि भवोहिमरणेऽवि भावोहिमरणेऽवि, आइंतियमरणे णं भंते! पुच्छा, गोयमा! पंचविहे पं० तं० दब्वादितियमरणे खेत्तादिंतियमरणे जाव भावादितियमरणे, दव्वादितियमरणे णं भंते! कतिविहे पं० १, गो० ! चउब्बिहे पं० तं०-नेरइयदव्वाइंतियमरणे जाव देवदव्वादितियमरणे, से केणट्टेणं एवं बु०-नेरइयदब्वादितियमरणे २१, गो० जेणं नेरइया नेरइयदव्वे वट्टमाणा जाई दव्वाई संपयं मरंति ते णं नेरइया ताई दव्वाई अणागए काले नो पुणाऽवि मरिस्संति से तेणट्टेणं जाव मरणे, एवं तिरिक्ख मणुस्स० देवाइतियमरणे, एवं खेत्ताइंतियमरणेऽवि एवं जाव भावाइंतियमरणेऽवि, बालमरणे णं भंते! कतिविहे पं०१, गो० ! दुवालसविहे पं० तं०-वलयमरणे जहा खंदए जाव गडपट्टे, पंडियमरणे णं भंते! कइविहे पं० १, गोयमा ! दुबिहे पं० [सं० पाओवगमणे य भत्तपचक्खाणे य, पाओवगमणे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा ! दुविहे पं० तं० णीद्दारिमे य अनीहारिमे य जाव नियमं अपडिकम्मे, भत्तपञ्चक्खाणे णं भंते! कतिविहे पं० १. एवं तं चैव नवरं नियमं सपडिकम्मे । सेवं भंते! २त्ति । ४९५ ॥ ० १३ उ० ७ ॥ (पयडीणं भेय ठिई बंधोऽवि य इंदियाणुत्राएणं । केरिसय 'जहन्नटिरं बंधइ उक्कोसियं वावि ॥ १ ॥ पा०) कति णं भंते! कम्मपगडीओ ?, गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पं० एवं बंधट्टिइउदेसो भाणियच्वो निरवसेसो जहा पनवणाए। सेवं भंते! सेवं भंते । । ४९६ ॥ श० १३ उ० ८ ॥ रायगिहे जाव एवं वयासी से जहानामए- केई पुरिसे केयापडियं गहाय गच्छेजा एवामेव अणगारेऽवि भावियप्पा केयाघडियाचिहत्थगएणं २९९ श्रीभगवत्यं १२ मुनि दीपरत्नसागर Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अप्पाणेणं उड्ढं बेहासं उप्पाएजा ?, हंता गोयमा! उप्पाएज्जा, अणगारेणं भंते ! भावियप्पा केवतियाइं पभू केयाघडियाहत्थकियागयाई रूवाइं विउब्बित्तए?, गोयमा! से जहानामए. जुवतिं जुवाणे हत्येणं हत्थे एवं जहा तइयसए पंचमुदेसए जाव नो चेवणं संपत्तीए विउव्विसु वा विउविति वा विउव्विस्संति वा, से जहानामए-केई पुरिसे हिरमपेलं गहाय गच्छेजा एवामेव अणगारेऽवि भावियप्पा हिरण्णपेलहत्यकचिगएणं अप्पाणेणं सेसं तं चेच, एवं सुवचपेलं एवं रयणपेलं वइरपेलं वत्थपेलं आभरणपेलं, एवं वियलकिड्डं (प० लं,ड) सुंदकिड्ड चम्मकिड्ड कंबलकिड्डं एवं अयभारं तंवभारं तउयभारं सीसगभारं हिरनमारं सुबनभारं वइरभारं, से जहानामए-वग्गुली सिया दोऽवि पाए उबिया २ उड्दपादा अहोसिरा चिट्टेजा एवामेव अणगारेऽवि भावियप्पा वग्गुलीकिच्चगएणं अप्पाणेणं उढे वेहासं, एवं जन्नोवइयवत्तव्वया भा० जाब विउब्बिस्संति वा, से जहानामए-जलोया सिया उदगंसि कायं उचिहिया २गच्छेजा एवामेव सेसं जहा वग्गुलीए, से जहाणामए-बीयंबीयगसउणे सिया दोऽवि पाए समतुरंगेमाणे २ गच्छेजा एवामेव अणगारे सेसं तं चेत्र, से जहाणामए-पक्खिबिरालिए सिया रुक्खाओ रुक्खं डेवेमाणे २ गच्छेजा एवामेव अणगारे सेसं तं चेव, से जहानामए-जीवंजीवगसउणे सिया दोऽवि पाए समतुरंगेमाणे २ गच्छेजा एवामेव अणगारे सेसं तं चैव, से जहाणामए-हंसे सिया तीराओ तीरं अभिरममाणे २ गच्छेज्जा एवामेव अणगारे हंसकिञ्चगएर्ण अप्पाणेणं तं चेव, से जहानामए समुदवायसए सिया बीईओ बीइं डेवेमाणे २ गच्छेजा एवामेव तहेव, से जहानामए-केई पुरिसे चकं गहाय गच्छेज्जा एवामेव अणगारेऽवि भावियप्पा चक्कहत्यकिचगएणं अप्पाणेणं सेसं जहा केयाघडियाए,एवं छत्तं एवं चामरं (प्र०चम्म), से जहानामए-केई पुरिसे रयणं गहाय गच्छेजा एवं चेव, एवं वइरं वेझलियं जाव रिटुं, एवं उप्पलहत्थर्ग पउमहत्थगं कुमुदहत्थगं एवं जाव से जहानामए केई पुरिसे सयपत्तं वा सहस्सपत्तगं वा गहाय गच्छेज्जा एवं चेव, से जहानामए-केई पुरिसे भिसं अवदालिय २ गच्छेज्जा एवामेव अणगारेऽवि भिसकिचगएणं अप्पाणेणं तं चेव, से जहानामए-मुणालिया सिया उदगंसि कार्य उम्मजिय २ चिट्टिजा एवामेव सेसं जहा वग्गुलीए, से जहानामए-वणसंडे सिया किण्हे किण्होभासे जाव निकुरुंवभूए पासादीए० एवामेव अणगारेऽवि भावियप्पा वणसंडकिचगएणं अप्पाणेणं उड्ढं वेहासं उप्पाएज्जा सेसं तं चेव, से जहानामए-पुक्खरणी सिया चउक्कोणा समवीरा अणुपुव्वसुजायजावसदुबइयमहुरसरणादिया पासादीया० एवामेव अणगारेऽवि भावियप्पा पक्खिरणाकिच्चगएण अप्पाणण उदबहास उप्पाएजा,हता उप्पाएजा,अणगारणभत! भावियप्पा कवतियाईपभू पाक्खरणीकिचगयाई रुवाई विउवित्तए?. सेसं तं चेव जाव विउविस्संति वा से भंते ! किंमायी विउब्बति अमायी विउब्वति?, गोयमा! मायी विउव्वइ नो अमायी विउदाह, मायी णं तस्स ठाणस्स अणालोइय० एवं जहा तइयसए चउत्थुद्देसए जाव अस्थि तस्स आराहणा। सेवं भंते !२ जाब विहरइत्ति । ४९७॥ श०१३ उ०९॥ कति णं भंते ! छाउमस्थियसमुग्धाया पं०१, गोयमा ! छ छाउमत्थिया समुग्धाया पं० तं०-वेयणासमुग्धाए एवं छाउमत्थियसमुग्धाया नेयव्या जहा पनवणाए जाब आहारगसमुग्घायेत्ति। सेवं भंते ! सेवं भंते!त्ति । ४९८॥ उ०१० इति त्रयोदशं शतकं॥ PAIम मा 'चर १ उम्माद २ सरीरे ३ पोग्गल ४ अगणी ५ तहा किमाहारे ६। संसिट्ठ ७ मंतरे खलु ८ अणगारे ९ केवली चेव १० ॥७५॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-अंणगारे णं भंते ! भावियप्पा चरमं देवावासं वीतिकंते परमं देवावासमसंपत्ते एत्य णं अंतरा कालं करेजा तस्स णं भंते ! कहिं गती कहिं उववाए पं०?, गोयमा ! जे से तत्थ परियस्सओ तलेसा देवावासा तहिं तस्स उववाए पं०, से य तत्थ गए विराहेज्जा कम्मलेस्सामेव पडिवडइ, से य तत्थ गए नो विराहेज्जा तामेव लेस्सं उपसंपज्जित्ताणं विहरति, अणगारे णं भंते ! भावियप्पा चरमं असुरकुमारावासं वीतिकंते परमअमुरकुमारा०?, एवं चेच, एवं जाव थणियकुमारावासं, जोइसियावासं एवं वेमाणियावासं जाब विहरइ।४९९। नेरइयाणं भंते! कहं सीहा गती कह सीहे गतिचिसए पं०१, गोयमा! से जहानामए-केई परिसे तरुणे बलवं जगवं जाव निउणसिप्पोवगए आउट्टियं बाहं पसारेजा पसारियं वा बाई आउंटेजा विक्खिणं वा मदि साहरेजा साहरियं वा मुट्टि विक्विरेजा उत्रिमिसियं वा अपिंछ निम्मिसेजा निम्मिसियं वा अच्छि उम्मिसेजा, भवे एयारूवे?, णो तिणद्वे समढे, नेरहया णं एगसमएण वा दुसमएण वा तिसमएण वा विम्गहेणं उक्वजंति, नेरइयाणं गोयमा ! तहा सीहा गती तहा सीहे गतिविसए पं०,एवं जाव वेमाणियाणं, नवरं एगिदियाणं च उसमइए दिग्गहे भाणियब्बे, सेसं तं चेव १५००। नेरइया णं भंते! किं अणंतरोक्वनगा परंपरोक्वनगा अणंतरपरंपरअणुक्वक्षगा ?, गोयमा ! नेर० अणंतरोववनगावि परंपरोक्वनगावि अणंतरपरंपरअणुववनगावि, से केण एवं | बु० जाव अणंतरपरंपरअणुववन्नगावि?, गोयमा ! जे ण नेरइया पढमसमयोक्वन्नगा ते णं नेरइया अणंतरोववन्नगा जे ण नेरइया अपढमसमयोक्वन्नगा ते ण नेरइया परंपरोक्वन्नगा जेणे नेर० विग्गहगइसमावन्नगा ते णं नेरइया अणंतरपरंपरअणुववन्नगा, से तेणट्टेणं जाव अणुववन्नगावि, एवं निरंतरं जाव वेमा०, अणंतरोचवन्नगा णं भंते! नेरइया कि नेरइयाउर्य पकरेंति तिरिक्ख० मणुस्स० देवाउयं पकरेंति ?, गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेंति जाव नो देवाउयं पकरेंति, परंपरोवपन्नगा णं भंते ! नेरइया किं नेरइयाउयं पकरेंति जाव देवाउथ पकरेंति?, गोयमा ! नो नेदयाउयं पकरेंति तिरिक्खजोणियाउयपि पकरेंति मणुस्साउयंपि पकरेंति नो देवाउयं पकरेंति, अणंतरपरंपरअणुववन्नगा णं भंते! नेर० किं नेरइयाउयं (७५) ३०० श्रीभगवत्य-सा-१४ मुनि दीपरत्नसागर Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ BHASHRAICHCHACHICKSPESASPITOMRANIGAASHIRAMBHAMARPARMASPRSAROPOMISEASPICHEPRASHRSBHASRHA प० पुच्छा, नो नेरइयाउयं पकरेंति जाव नो देवाउयं पकरेंति, एवं जाय वेमाणिया, नवरं पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा य परंपरोववन्नगा चत्तारिवि आउयाई प०, सेसं तं चेव, नेरइया णं भंते ! किं अणंतरनिग्गया परंपरनिग्गया अणंतरपरंपरअनिग्गया?, गोयमा ! नेरइया णं अर्णतरनिग्गयावि जाव अणंतरपरंपरअनिग्गयापि, से केणटेणं जाव अणिम्पयावि? गोयमा ! जे ण नेरइया पढमसमयनिग्गया ते णं नेरइया अणंतरनिम्गया जे णं नेरइया अपढमसमयनिग्गया ते ण नेरइया परंपरनिग्गया जे णं नेरइया विग्गहगतिसमावन्नगा ते ण नेरइया अणंतरपरंपरअणिग्गया, से तेणतुणं गोयमा! जाव अणिग्गयावि, एवं जाव वेमाणिया, अणंतरनिग्गया णं भंते! नेरइया कि नेरइयाउयं पकरेंति जाव देवाउयं पकरेंति ?, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति जाव नो देवाउयं पकरेंति, एवं निरवसेस जाव वेमाणिया, नेरइया णं भंते! कि अणंतर खेदोववन्नगा परंपरखेदोववन्नगा अणंतरपरंपरखेदाणुववन्नगा?, गोयमा ! नेरइया० एवं एएणं अभिलावेणं ते चेव चत्तारि दंडगा भाणियब्बा। सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति जाव विहर।५०१॥श०१४ उ०१॥ फतिविहे णं भंते ! उम्मादे पं०१, गोयमा ! दुविहे उम्मादे पं० तं० जक्खावेसे य मोहणिजस्स य कम्मस्स उदएणं, तत्थ णं जे से जक्खाएसे से णं सुहवेयणतराए चेव सुहविमोयणतराए चेव, नस्थ णं जे से मोहणिजस्स कम्मस्स उदएणं से णं दुहवेयणतराए चेव दुहविमोयणतराए चेव, नेरइयाणं भंते ! कतिविहे उम्मादे पं० १, गोयमा ! दुबिहे उम्मादे पं० त० जक्खावेसे य मोहणिजस्स य कम्मस्स उदएणं, बुधइ नरइयाण दुविह उम्माद पं० ते०-जक्खावेसे य मोहणिज्जस्स जाव उदएणं?, गोयमा ! देवे वा से असुभे पोग्गले पक्खिवेजा. से णं तेंसिं असुभाणं पोग्गलाणं पक्खिवणयाए जक्खाएसं उम्मादं पाउणेजा, मोहणिजस्स वा कम्मस्स उदएणं मोहणिजं उम्मायं पाउणेज्जा, ले तेणट्टेणं जाव उम्माए, असुरकुमाराणं भंते! कतिबिहे उम्मादे पं०?, एवं जहा नेरइयाणं नवरं देवे वा से महिदढीयतराए असुभे पोग्गले पक्खिवेज्जा से णं तेसिं असुभाणं पोग्गलाणं पक्खिवणयाए जक्खाएसं उम्मादं पाउणेजा मोहणिजस्स वा सेसं तं वेव, से तेणटेणं जाव उदएणं, एवं जाय थणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाणं जाव मणुस्साणं एएसिं जहा नेरइयाणं, चाणमंतरजोइसवेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं ।५०२॥ प.जाह ण भत. सादाबद दवराया बुट्टिकाय काउकाम भवति से कहामयाण पकरीत, गायमा! ताहेचेवणं से सके देविंद देवराया अम्भितरपरिसए देवे सदावेति, तए णं ते अभितरपरिसया देवा सहापिय समाणा मज्झिमपरिसए देवे सहावेति. तए णं ते मज्झिमपरिसगा समाणा बाहिरपरिसए देवे सद्दावेंति, तए णं ते बाहिरपरिमगा देवा सद्दाविया समाणा बाहिरगा देवा सद्दावेंति, तए ण ते बाहिरगा देवा सहाविया समाणा आभिओगिए देवे सहावेंति तए णं ते जाव सहाबिया समाणा बुट्ठिकाए देवे सहावेति तए णं वे बुट्टिकाइया देवा सद्दाविया समाणा बुडिकायं पकरेंति, एवं खलु गोयमा ! सके देविंद देवराया बुडिकायं पकरेति, अस्थि णं भंते! असुरकुमारावि देवा बुद्धिकायं पकरेंति ?, हंता अत्वि, किं पत्तियन्नं भंते ! असुरकुमारा देवा वुट्टिकायं पकरेंति ?, गोयमा ! जे इमे अरहता भगवंतो एएसिणं जम्मणमहिमासु वा निक्खमणमहिमासु वा णाणुप्पायमद्दिमासु वा परिनिब्वाणमहिमासु वा एवं खलु गोयमा! असुरकुमारा देवा बुटिकायं पकरेंति, एवं नागकुमारावि, एवं जाव थणियकमारा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया एवं चेव।५०३। जाहे णं भंते ! ईसाणे देविंदे देवराया तमुक्कायं काउकामे भवति से कहमियाणिं पकरेति?, गोयमा ! ताहे चेव णं से ईसाणे देविंदे देवराया अम्भितरपरिसए देवे सहावेति, तए णं ते अम्भितरपरिसगा देवा सहाविया समाणा एवं जहेव सकस्स जाव तए णं ते आमिओगिया देवा सहाविया समाणा तमुक्काइए देवे सदाति, तए णं ते तमुक्काइया देवा सहाविया समाणा तमुकायं पकरेंति, एवं खलु गोयमा! ईसाणे देविंद देवराया तमुकायं पकरेति, अस्थि णं भंते ! असुरकुमार वि देवा तमुक्कार्य पकरीता,हता आत्थि, किपात्तयन्न भत. असुरकुमारादेवा तमुकाय पकरीत?.गोयमा! किड्डातिपत्तिय वा पांडणीयविमोदणट्ठयाए वा गुत्तीसारक्खणहउवा अप्पणो वा सरीरप. 38 च्छायणटाए, एवं खलु गोयमा! असुरकुमारावि देवा तमुकायं पकरेंति, एवं जाव वेमाणिया। सेवं भंते!२ त्ति जाब विहरइ । ५०४॥श०१४ उ०२॥ (महकाए सकारे सत्येणं वीइवयंति देवा उ। वीसं चेव य ठाणा नेरइयाणं तु परिणामे ॥१॥ पा०) देवेणं भंते! महाकाए महासरीरे अणगारस्स भावियष्पणो मज्झमझेणं बीइवएज्जा?, गोयमा! अत्यंगइए बीइवएज्जा अत्थेगतिए नो बीइवएजा, से केणतुणं भंते! एवं बुचइ अत्थेगतिए वीइवएज्जा अत्येगतिए नो वीइवएज्जा?, गोयमा! दुविहा देवा पं० तं०-मायीमिच्छादिट्टीउववन्नगा य अमायीसम्मदिट्ठीउववन्नगा य, तत्थ णं जे से मायीमिच्छादिट्ठीउववन्नए देवे से णं अणगारं भावियप्पाणं पासइत्ता नो वंदति नो नमसति नो सकारेति नो सम्माणेति नो कडाणं मंगलं देवयं चेइयं जाव पज्जुवासति, से णं अणगारस्स भावियप्पणो मज्झमज्झेणं वीइवएज्जा, तत्थ णं जे से अमायीसम्मदिहिउववन्नए देवे से णं अणगारं भाषियप्पाणं पासइ त्ता बंदति नमसति जाव पजुवासति, से णं अणगारस्म भाषियप्पणो मझमझेणं नो वीयीवएजा, से तेण गोयमा ! एवं बुचइ जाव नो बीइवएज्जा, असुरकुमारे णं भंते ! महाकाये महासरीरे०?.एवं चेब, ३०१ श्रीभगवत्यंगं- सन-१४ मुनि दीपरनसागर Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PERSASPERMISPRSARIPRABPORNSPECHAPERSPICARSAATMINSPORMASPIGHISPOSISYCHICFEMSPTEMBPOR428PENS एवं देवदंडओ भाणियब्यो जाब वेमाणिए ।५०५। अस्थि णं भंते ! नेरइयाणं सक्कारेति वा सम्माणेति वा किइकम्मेइ वा अब्भुटाणेइ वा अंजलिपग्गहेति वा आसणाभिग्गहेति वा आसणाणुष्पदाणेति वा इंतस्स पचुग्गच्छणया ठियस्स पजुवासणया गच्छंतस्स पडिसंसाहणया?, नो तिणढे समढे, अस्थि णं भंते ! असुरकुमाराणं सकारेति वा सम्माणेति वा जाव पडिसंसाहणया?,हंता अस्थि, एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढचीकाइयाणं जाव चउरिदियाणं एएसि जहा नेरइयाण, अस्थि णं भंते! पंचिंदियतिरिक्खजोणियाण सकारेइ वा जाव पडि. संसाहणया?, हंता अस्थि, नो चेव णं आसणाणुप्पयाणेइ वा, मणुस्साणं जाव वेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं । ५०६। अप्पड्ढीए णं भंते ! देवे महड्ढियस्स देवस्स मज्झमझेणं वीइवएजा?, नो तिणट्टे समढे, समिड्ढीए णं भंते ! देवे समड्ढियस्स देवस्स मझमझेणं वीइवएजा?, णो इणमट्टे समट्टे. पमत्तं पुण वीइवएज्जा, से णं भंते ! किं सत्येणं अक्कमित्ता पभू अणक्कमित्ता पभू?, गोयमा ! अकमित्ता पभू नो अणकमित्ता पभू, से णं भंते! किं पुर्वि सत्येणं अकमित्ता पच्छा वीयीवएजा पुखि वीइव० पच्छा सत्येणं अकमेजा, एवं एएणं अभिलावेणं जहा दसमसए आइइढीउद्देसए तहेव निरवसेसं चत्तारि दंडगा भाणियव्वा जाव महाढिया वेमाणिणी अप्पढियाए वेमाणिणीए५०७। रयणप्पभापढीनेरइया णं भंते ! केरिसियं पोग्गलपरिणामं पञ्चणुभवमाणा विहरंति ?, गोयमा ! अणिटुं जाव अमणामं एवं जाव अहेसत्तमापुढवीनेरइया, एवं वेदणापरिणामं एवं जहा जीवाभिगमे बितिए नेरइयउद्देसए जाव अहेसत्तमापुढवीनेरइया णं भंते ! केरिसयं परिम्गहसन्नापरिणामं पच्चणुभवमाणा विहरंति ?, गोयमा ! अणिटुं जाव अमणामं । सेवं भंते !२त्ति ।५०८॥शक १४ उ०३॥ (पोग्गल खंधे जीवे परमाणू सासए य चरमे य। दुविहे खलु परिणामे अज्जीवाणं च जीवाणं ॥१॥ पा०) एस णं भंते ! पोग्गले वीतमणंतं सासर्य लुक्खी समयं अलक्खी समयं लुक्खी वा अलुक्खी वा?, पुचि चणं करणेणं अणेगवन्नं अणेगरूवं परिणामं परिणमति अह से परिणामे निजिने भवति तओ पच्छा एगवने एगरूवे सिया ?, हंता गोयमा! एस गं पोग्गले तीते तं चेव जाब एगरूवे सिया, एस णं भंते ! पोग्गले पडुप्पन्नं सासयं समयं०? एवं चेव, एवं अणागयमणतंपि, एस णं भंते ! खंधे तीतमणतं०?, एवं चेव खंधेऽवि जहा पोग्गले।५०९। एस णं भंते ! जीवे तीतमणतं सासयं समयं दुक्खी समयं अदुक्खी समयं दुक्खी वा अदुक्खी वा पुब्बि च करणेणं अणेगभावं अणेगभूयं परिणाम परिणमइ अह से वेयणिजे निजिन्ने भवति तओ पच्छा एगभाचे एगभूए सिया ?, हंता गोयमा ! एस णं जीवे जाय एगभूए सिया, एवं पटुप्पन्न सासयं समयं, एवं अणागयमणतं सासयं समयं ५१०। परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं सासए असासए ?, गोयमा! सिय सासए सिय असासए, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुचइ-सिय सासए सिय असासए ?, गोयमा ! दबट्टयाए सासए | वन्नपज्जवेहिं जाव फासपजवेहिं असासए, से तेणडेणं जाव सिय सासए सिय असासए । ५११। परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं चरमे अचरमे?, गोयमा ! दब्वादेसेणं नो चरिमे अचरिमे खेत्तादेसेणं सिय चरिमे सिय अचरिमे कालादेसेणं सिय चरिमे सिय अचरिमे भावादेसेणं सिय चरिमे सिय अचरिमे । ५१२। कइविहे णं भंते ! परिणामे पं०१, गोयमा ! दुविहे परिणामे पं० सं०-जीवपरिणामे य अजीवपरिणामे य, एवं परिणामपयं निरवसेसं भाणियव्यं । सेवं भंते!२ जाव विहरति । ५१३॥ श०१४ उ०४॥ (नेरइयअगणिमझे दस ठाणा तिरिय पोग्गले देवे। पव्वयभित्ती उलंघणा य पालंघणा चेव ॥१॥ पा०) नेरइए णं भंते ! अगणिकायस्स मज्झमज्झेणं वीइवएज्जा ?, गोयमा ! अत्थेगतिए वीइवएजा अत्थे. गतिए नो बीइवएजा, से केणद्वेणं भंते ! एवं खुबइ अत्थेगइए वीहवएजा अत्थेगइए नो वीइवएज्जा ?, गोयमा ! नेरइया दुविहा पं० त०-विग्गहगतिसमावनगा य अविग्गहगनिममावनगा य, तत्थ णंजे से विग्गहमतिसमावजए नेरतिए से णं अगणिकायस्स मज्झमझेणं वीइवएजा, से ण तत्थ झियाएजा, णो तिणट्टे समढे, नो खल तत्थ सत्थं कमइ, तत्व णं जे से अविग्गहगइसमावनए नेरइए से णं अगणिकायस्स मज्झमझेणं णो बीइवएजा, से तेणट्टेणं जाव नो वीइवएज्जा, असुरकुमारे णं भंते ! अगणिकायस्स पुच्छा, गोयमा! अत्थेगतिए वीइवएजा अत्धेगतिए नो वीइवएजा, सेकेणटेणं जाव नो वीइवएजा?, गोयमा ! असुरकुमारा दुविहा पं० त०-विग्गहगइसमावनगा य अविग्गहगइसमावन्नगा य, तत्य णं जे से विग्गहगइसमावन्नए असुरकुमारे से णं एवं जहेब नेरतिए जाव कमति, तत्थ णं जे से अविग्गहगइसमावचए असुरकुमारे से णं अस्थगतिए अगणिकायस्स मज्झमझेणं बीतीवएजा अत्यंगतिए नो वीइव०, जे णं वीतीवएज्जा से णं तस्थ लियाएज्जा ?, नो तिणढे समढे, नो खलु तत्थ सत्थं कमति, से तेणट्टेणं०, एवं जाव बणियकुमारे, एगिदिया जहा नेरइया, चेइंदिया णं भंते! अगणिकायस्स मज्झमझेणं जहा असुरकुमारे तहा बेइंदिएऽवि, नवरं जे णं बीयीवएजा से णं तस्थ झियाएजा ?, हंता झियाएजा, सेस तं चेब, एवं जाव चउरिदिए, पंचिंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! अगणिकाय पुच्छा, गोयमा ! अत्यंगतिए वीइवएजा अत्थेगतिए नो वीइवएजा, से केणतुणं.?, गोयमा ! पंचिंदियतिरिक्वजोणिया दुविहा पं० तं०-विग्गहगतिसमावनगा य अविग्गहगइसमावन्नगा य, विम्गहगइसमावन्नए जहेव नेरइए जाव नो खलु तस्थ सत्थं कमइ. अविग्गहगइसमावनगा पंचिंदियतिरिक्च३०२ श्रीभगवत्यंग-सत-१४ मुनि दीपरत्नसागर Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जोणिया दुबिहा पं० तं० इढिप्पत्ता य अणिढिपत्ता य, तत्थ णं जे से इढिप्पत्ते पंचिदियतिरिक्खजोणिए से णं अत्येगइए अगणिकायस्स मज्झंमज्झेणं वीयीवएजा अत्येगइए नो वीयीवएजा, जेणं बीयीवएजा से णं तत्थ झियाएजा १, नो तिणडे समट्टे, नो खलु तत्थ सत्यं कमइ, तत्थ णं जे से अणिटिप्पत्ते पंचिदियतिरिखजोगिए से णं अत्थेगतिए अगणिकायस्स मज्झमज्झेणं वीयीवएज्जा अत्थेगतिए नो बीइवएजा, जेणं बीइवएजा से णं तत्थ झियाएजा १, हंता झियाएजा से तेणट्टेणं जाव नो बीयीवएज्जा, एवं मणुस्सेऽवि, वाणमंतरजोइसियवेमाणिए जहा असुरकुमारे । ५१४ । नेरतिया दस ठाणाई पचणुभवमाणा विहरंति तं० अणिट्टा सद्दा अणिट्टा रूवा अणिट्ठा गंधा अणिट्ठा रसा अणिट्ठा फासा अणिट्ठा गती अणिट्टा ठिती अणिट्टे लावन्ने अणिट्टा जसोकित्ती अणिट्टे उट्ठाणकम्मबलवी रियपुरिसकारपरकमे, असुरकुमारा दस ठाणाई पचणुभवमाणा विहरंति तं० इट्टा सदा इहा रूवा जाव इट्टे उट्ठाणकम्मबलबीरियपुरिसकारपरकमे, एवं जाव थणियकुमारा, पुढविकाइया उ द्वाणाई पचणुभवमाणा वि० सं० इट्टाणिट्टा फासा इट्टाणिट्टा गती एवं जाव परकमे, एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइंदिया सत्त द्वाणाई पचणुभवमाणा विहति तं इट्टाणिट्ठा रसा सेसं जहा एगिंदियाणं, तेंदिया णं अट्ठ द्वाणाई पचणुभवमाणा वि० सं० इट्टाणिट्ठा गंधा सेसं जहा दियाणं, चउरंदिया नव द्वाणाई पचणुभवमाणा विहरंति तं० इट्टाणिट्ठा रुवा सेसं जहा तेंदियाणं, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया दस ठाणाई पञ्चणुभवमाणा विहरंति तं० इट्ठाणिट्टा सदा जाव परकमे, एवं मणुस्सावि, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा । ५१५। देवे णं भंते! महिडीए जाव महेसक्खे बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू तिरियपव्वयं वा तिरियभित्तिं वा उत्तए वा पहुंचेत्तए वा १, गोयमा ! णो तिणट्टे समझे, देवे णं भंते! महिड्डिए जाव महेसक्से बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू तिरिय जाव पहुंचेत्तए वा?, हंता भू। सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति । ५१६ ॥ श० १४४०५ ॥ रायगिहे जाव एवं वयासी नेरइया णं भंते! किमाहारा किंपरिणामा किंजोणीया किंठितीया पं०१, गोयमा ! नेरइया णं पोग्गलाहारा पोम्गलपरिणामा पोम्गलजोणिया पोम्गलद्वितीया कम्मोवगा कम्मनियाणा कम्मद्वितीया कम्मुणामेव विप्परियासमेंति, एवं जाव वेमाणिया । ५१७। नेरइया णं भंते किं वीयीदव्वाइं आहारैति अवीचिदव्वाइं आहारैति१, गोयमा नेरतिया बीचिदव्वाइंपि आहारैति अवीचिदव्वाइंपि आहारैति से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ-नेरतिया वीचि तं चैव जाव आहारेति ?, गोयमा जे गं नेरइया एगपएसूणाईपि दव्बाई आहारैति ते णं नेरतिया वीचिदव्वाई आहारैति, जेणं नेरतिया पडिपुनाइं दव्बाई आहारैति ते णं नेरइया अवीचिदव्वाइं आहारैति से तेणट्टेणं गोयमा! एवं बुच्चइ जाब आहारैति एवं जाव बेमाणिया । ५१८। जाहे णं भंते! सके देविंदे देवराया दिव्वाई भोगभोगाई भुंजिउकामे भवति से फहमियाणि पकरेति ?, गोयमा ! ताहे चेव णं से सके देविंदे देवराया एवं मदं नेमिपडिरूवगं विउब्वति एवं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिन्नि जोयणसयसहस्साइं जाव अबंगुलं च किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं, तस्स णं नेमिपडिरूवगस्स उवरिं बहुसमरमणिजे भूमिभागे पं० जाव मणीणं फासे, तस्स णं नेमिपढिरूवगस्स बहुमज्झदेसभागे तत्थ णं महं एवं पासा वडेंसगं विब्वति पंच जोयणसयाई उउचत्तेणं अड्ढाइजाइं जोयणसयाई विक्संभेणं अम्भुग्गयमूसिय वन्नओ जाय पडिरूवं, तस्स पासायवडिंसगस्स उडोए पउमलयभत्तिचित्ते जाव पडिरूवे, तस्स णं पासायवडेंसगस्स अंतो बहुसमरमणिजे भूमिभागे जाव मणीण फासो, मणिपेढिया अट्टजोयणिया जहा वैमाणियाणं, तीसे णं मणिपेडियाए उवरिं महं एगं देवसयणिज्जं विउब्बइ सयणिज्जवन्नओ जाव पडिरुये, तत्थ णं से सके देविंदे देवराया अहिं अग्गमहिसीहिं सपरिवाराहिं दोहि य अणिएहिं नट्टाणिएण य गंधव्वाणिएणय सदि महयाहयन जाव दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ, जाहे ईसाणे देविंदे देवराया दिव्वाई जहा सके तहा ईसाणेऽवि निरवसेसं, एवं सर्णकुमारेऽवि, नवरं पासायवडेंसओ छ जोयणसयाई उदंडवत्तेणं तिन्नि जोयणसयाई विक्खंभेणं मणिपेडिया तहेव अट्ठजोयणिया, तीसे णं मणिपेढियाए उबरिं एत्थ णं महेगे सीहासणं विउब्वह सपरिवारं भाणियव्वं, तत्थ णं सर्णकुमारे देविंदे देवराया बावत्तरीए सामाणियसाहस्सीहिं जाब चउहिं बावत्तरीहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहि य बहूहिं सर्णकुमारकप्पवासीहिं वैमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिवुडे महया जाव विहरइ, एवं जहा सणकुमारे तहा जाव पाणओ अम्बुओ, नवरं जो जस्स परिवारो सो तस्स भाणियव्वो, पासायउचत्तं जं सएस २ कप्पेसु विमाणाणं उच्चतं अद्धद्धं वित्थारो जाव अच्चुयस्स नव जोयणसयाई उदंउच्चत्तेणं अपंचमाई जोयणसयाई विक्खंभेणं, तत्थ णं अबुए देविंदे देवराया दसहिं सामाणियसाहस्सीहिं जाव विहरइ, सेसं तं चैव सेवं भंते! २ति । ५१९ ॥ श० १४३०६ ॥ रायगिहे जाव परिसा पडिगया, गोयमादी जमणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं आमंतेत्ता एवं बयासी चिरसंसिट्टो सि मे गोयमा ! चिरसंधुओ सि मे गोयमा चिरपरिचिओ सि मे गोयमा चिरजुसिओ सि मे गोयमा चिराणुगओ सि मे गोयमा चिराणुवत्ती सि मे गोयमा ! अनंतरं देवलोए अनंतरं माणुस्सए भवे, किं परं ?, मरणा कायस्स भेदा इओ चुत्ता दोऽवि तुला एगट्ठा अविसेसमणाणता भविस्सामो। ५२० । जहा णं भंते! वयं एयमहं जाणामो पासामी तदा णं अणुत्तरोववाइयावि देवा ३०३ श्रीभगवत्यं सतं.४ मुनि दीपरत्नसागर Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एयमटुं जा पा ?. हंता गोयमा ! जहा णं वयं एयमहूँ जाणामो पासामो तहा अणुत्तरोववाइयावि देवा एयमटुं जा पा०, से केणटेणं जाव पासंनि?, गोयमा ! अणुनरोववाइया. णं अणंताओ मणोदव्यवग्गणाओ लद्धाओ पत्ताओ अभिसमन्नागयाओ भवंति से तेणट्टेणं गोयमा! एवं वृचइ जाव पासंति। ५२१ । कइबिहे गं भंते! तुहुए पं०?, गोयमा ! बिहे तुड़ए पं० तंदवतुइए खेत्ततुङए कालतुल्लए भवतुल्लए भावतुलए संठाणतुल्लए, मे केणतुणं भंते! एवं बुचइ-दव्यतुहुए २१, गोयमा! परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलस्स दव्वओ तुड़े परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलबइरित्तस्स दब्बओ णोतुड़े, दुपएसिए खंधे दुपएसियस्स खंधस्स दवओ तुले दुपएसिए खंधे दुपएसियवइरित्तस्स खंधस्स दव्वओ णोतुडे, एवं जाव इसपएसिए, तुसंखेजपएसिए खंधे तुलसंखेजपएसियस्स खंधस्स दब्बओ तुड़े तुसंखेजपएसिए बंधे तुनुसंखेजपएसियवइरिनस्स खंधस्म दब्बओ णोतुडे, एवं नाइअसं - खेजपएसिएऽवि.एवं तुडअर्णतपएसिएऽवि, से तेणठेणं गोयमा! एवं बच्चइ दब्बतुहुए २,से केणट्टेणं भंते ! एवं वाइ-खेननुलुए २१. गोयमा! एगपए ढस्स पोग्गलस्स खेत्तओ तुड़े एगपएसोगाढे पोग्गले एगपएसोगाढवइरित्तस्स पोग्गलस्स खेतओ णोतुडे, एवं जाव इसपएसोगाढे, तुसंखेज्जपएसोगाढे तुसंखेज एवं तुलुअसंखेजपएसोगाढेऽवि. से तेणठेणं जाव खेत्तताइए २, से केणतुणं भंते ! एवं बुच्चइ-कालताइए २१, गोयमा एगसमयठिनीए पोग्गले एग कालओ तुड़े एगसमयठितीए पोग्गले एगसमयठितीबइरित्तस्स पोग्गलस्स कालओ णोतुड़े एवं जाव दससमयद्वितीए, तुलसंखेज्जसमयठितीए एवं चेच, एवं तु असंखेजसमयदिठतीएऽवि. से तेणट्टेणं जाव कालतुए २.से केण - टेणं भंते ! एवं बुच्चइ-भवतुाइए २१. गोयमा ! नेरइए नेरइयस्स भयट्टयाए तुड़े नेरइए नेरइयवइरिनस्स भवठ्ठयाए नोतुडे, निरिक्खजोणिए एवं चेव, एवं मणुस्से, एवं देवेऽवि. से नेणट्टेणं जाव भवतुलए २, से केणडेणं भंते ! एवं वृथाइ भावताइए २१, गोयमा! एगगुणकालए पोग्गले एगगुणकालयस्स पोग्गलस्स भावओ तुाडे एगगुणकालए पोग्गले एगगुणकालगवइरिनस्स पोग्गलस्स भावओ णोताते, एवं जाच दसगुणकालए, एवं तुाइसंखेजगुणकालए पोग्गले, एवं तुल्लअसंखेजगुणकालएऽवि. एवं नुल्लअणंतगुणकालएऽवि, जहा कालए एवं नीलए लोहियए हालिंद मुकिल्लए, एवं सुम्भिगंधे, एवं दुग्भिगंधे, एवं नित्ते जाय महुरे, एवं कक्खडे जाव लुक्खे, उदइए भावे उदइयस्स भावस्स भावओ तुल्ले उदइए भावे ममिएखाइए खओवसमिए पारिणामिए० संनिवाइए भावे सॉनवाइयस्स भावस्स०, से तेणतुणं गोयमा ! एवं बचा. भावतुल्लए २. से केणद्वेणं भंते ! एवं बुचइ- संठाणतुल्लए २१, गोयमा ! परिमंडले संठाणे परिमंडलस्स संठाणस्स संठाणओ लुल्ले परिमंडलसंठाणवइरित्तस्स संठाणओ नोतुल्ले. एवं बडे नसे७ चउरंसे. आयए०, ममचउरंससंठाणे समचउरंसम्म संठाणस संठाणओ तुल्ले समचउरंसे संठाणे समचउम्ससंठाणवइरित्तस्स संठाणस्स संठाणओ नोतुल्ले. एवं जाव हंडे. से तेण जाव संठाणनुल्लए २१५२२। भत्नपचक्वायए णं भंते ! अणगारे मुच्छिए जाय अज्झोचवन्ने आहारमाहारेति अहे णं बीससाए कालं करेति तओ पच्छा अमुच्छिए अगिद्दे ना जाब अणज्झोपवने आहारमाहारेति ?, हंता गोयमा ! भत्तपचक्वायए णं अणगारे तं चेच, से केण?णं भंते! एवं बु०-भत्नपचक्खायए ण तं चेव?. गोयमा! भत्तपचक्खायए णं अणगारे जाव अज्झोक्यन्ने भवइ अहे णं वीससाए कालं करेइ नओ पच्छा अमुच्छिए जाव आहारेइ से तेणट्टेणं गोयमा ! जाय आहारमाहारेति ।५२३। अस्थि णं भंते ! लवसत्तमा देवा २१, हंता अन्थि, मे केणतुणं भंते ! एवं चुचह- लवमत्तमा देवा २१, गोयमा! से जहानामए-केई पृरिसे तरुणे जाव निउणसिप्पोवगए सालीण वा बीहीण वा गोधूमाण वा जवाण या जवजवाण या पकाणं परियाताणं हरियाणं हरियकंडाणं तिक्खेणं णवपजणएणं असिअएणं पांडसाहरिया२पतिसंखिविया २जाय इणामेव२त्तिकट सत्तलवए लण्जा. जति णं गोयमा! तेसि देवाणं एवनियं कालं आउए पहुप्पने तो णं ने देवा नेणं चेव भवग्गहणणं सिज्झता जाव अंतं करेंता, से तेणट्टेणं जाव लवसत्तमा देवा २१५२४। अस्थि णं भंते! अणत्तरोववाड्या देवा २१.हंता अस्थि, से फेणडेणं भंते! एवं माइ०, गोयमा ! अनुत्तरोबवाइयाणं देवाणं अणुत्तरा सहा जाय अणुत्तरा फासा, से तेणद्वेण गोयमा! एवं बुचइ जाव अपनरोक्वाइया देवा २, अणुनरोदवाइया णं भंने ! देवाणं केवनिएणं कम्मावसेसेणं अणुनरोक्वाइयदेवत्ताए उववन्ना?, गोयमा! जावतिय छट्ठभत्तिए समणे निग्गंधे कम्मं निजरेति एतिएणं कम्मायसेसेणं अणुनरोदवाइया देवा देवनाए उववन्ना। सेवं भंतःनि। ५२५ ॥ श०१४ उ०७॥ इमीसे णं भंते ! स्यणप्पभाए पुढबीए सकरप्पभाए य पुढवीए केवतियं अचाहाए अंतरे पं०?, गोयमा! असंखेजाई जोयणसहस्माई अचाहाए अंतरे पं०, सकरप्पभाए णं भंते ! पुढवीए वालयप्पभाए य पुढवीए केवतियं०१. एवं चेय. एवं तमाए अहेसत्तमाए य, अहेसत्तमाए णं भंते ! पटवाए अलोगम्म य केवतियं आचाहाए अंतरे पं०१. गोयमा! असंखेज्जाई जोयणसहस्साई आबाहाए अंतरे पं०, इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए जोतिसस्स केतिय पुच्छा, गोयमा ! सत्तनउए जोयणसए आचाहाए अंतरे पं०,जोतिसस्स णं भंते ! सोहम्मीसाणाण य कप्पाणं केवतियं पुच्छा.गोयमा! असंखेजाई जोयण जाव अंतरे पं०. सोहमीसाणाणं भंते ! सणंकुमारमाहिंदाण य केवतियं, एवं चेव, सणकुमारमाहिंदाणं भंते ! भलोगस्स कप्पस्स य केवतियं०?.एवं चेच. बमलोगस्स भंते। संतगम्स (७६) ३०४ श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरत्नसागर Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यकप्पस्स केवतियं०१, एवं चेव, लंतयस्सणं भंते ! महासुकस्स य कप्पस्स केवतियं०१, एवं चेव, एवं महामुक्कस्स कप्पस्स सहस्सारस्स य, एवं सहस्सारस्स आणयपाणयकप्पाणं, एवं आणयपाणयाण य कप्पाणं आरणचुयाण य कप्पाणं, एवं आरणचुयाणं गेविजविमाणाण य, गेविजविमाणाणं अणुत्तरविमाणाण य, अशुत्तरविमाणाणं भंते ! ईसिंपन्भाराए व पुढवीए केवतिए० पुच्छा, गोयमा ! दुवालसजोयणे अबाहाए अंतरे पं०, इसिंपन्भाराए णं भंते ! पुढवीए अलोगस्स य केवतिए अचाहाए पुच्छा, गोयमा! देसूणं जोयणं अचाहाए अंतरे पं० १५२६ । एस णं भंते! सालरुक्खे उष्हाभिहए ताहाभिहए दवग्गिजालाभिहए कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिति कहिं उबवजिहिति? गोयमा ! इहेव रायगिहे नगरे सालक्खत्ताए पचायाहिति, से णं तत्थ अचियवंदियपूइयसकारियसम्माणिए दिव्वे सच्चे सचोचाए समिहियपाटिहेरे टाउल्लोइयमहिए यावि भविस्सइ, से णं भंते! तओहितो अणंतरं उब्बहित्ता कहिं गमिहिति कहिं उक्वजिहिति?, गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति, एस भंते ! साललट्ठिया उण्हाभिहया तण्हाभिहया दवग्गिजालाभिहया कालमासे कालं किया जाव कहिं उववाजिहिति?, गोयमा! इहेव जं. दीवे२भारहे वासे विज्झगिरिपायमूले महेसरीए नगरीए सामलिसक्खत्ताए पचायाहिति, सा णं तत्थ अचियवंदियपूइयजावल्याइल्लोइयमहिए यावि भविस्सइ, से णं भंते ! तओहिंतो अणंतरं उबहित्ता सेसं जहा सालरुक्खस्स जाव अंतं काहिति, एस णं भंते! उंबरलट्ठिया उण्हामिहया० कालमासे कालं किया जाव कहिं उववजिहिति?, गोयमा! इहेव जंबुद्दीवेरभारहे वासे पाइलिपुत्ते नामं नगरे पाडलिरुक्वत्ताए पञ्चायाहिति, से णं तत्थ अच्चियवंदिय जाव भविस्सति, सेणं भंते ! अणंतर उव्वत्तित्ता सेसं ते चेव जाप अंतं कादिति ।५२७। तेणं कालेणं० अम्मडस्स परिव्वायगस्स सत्त अंतेवासीसया गिम्हकालसमयंसि एवं जहा उपवाइए जाव आराहगा।५२८। बहुजणे णं भंते ! अन्नमनस्स एवमाइक्खइ० एवं खलु अम्मडे परिवायए कंपिङपुरे नगरे घरसए एवं जहा उक्वाइए अम्मडस्स वत्तव्वया जाय दड्ढप्पइण्णो अंतं काहिति।५२९/ अस्थि णं भंते! अव्वाबाहा देवा २१, हंता अस्थि, से केणट्टेणं भंते! एवं बुचइ-अत्राबाहा देवा २, गोयमा! पभू णं एगमेगे अव्वाबाहे देवे एगमेगस्स पुरिसस्स एगमेगंसि अच्छिपत्तंसि दिव्वं देविडिंढ दिव्वं देवजुतिं दिव्वं देवजुतिं दिव्वं देवाणुभार्ग दिव्यं वत्तीसतिविहं नट्टविहिं उबर्दसत्तए. णो चेव णं तस्स परिसस्त किंचि आचाहं वा पवाह वा (वाचाहं वा पा०) उप्पाएइ छविच्छेयं वा करेति, एसुहुमं च णं उबदंसेज्जा, से तेणडेणं जाव अव्वाचाहा देवा २१५३०। पभू णं भंते! सके देविंदे देवराया पुरिसस्स सीसं सपाणिणा असिणा डिदित्ता कर्मडलंमि पक्खिवित्तए, ईता पभू, से कहमिदाणि पकरेति ?, गोयमा ! लिंदिया २ च णं पक्खिवेज्जा भिंदिया २ च णं पक्खिवेजा कोटिया २ च गं पक्खिवेजा चुन्निया २ च ण पक्खिवेज्जा तओ पच्छा खिप्पामेव पडिसंघाएजा नो चेव णं तस्स पुरिसस्स किंचि आवाहं वा वाचाई वा उप्पाएजा छविच्छेदं पुण करेति, एसुहुमं च णं पक्खिवेज्जा ।५३१ । अस्थि णं भंते ! जंभया देवा २?, हंता अस्थि, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुञ्चइ-जंभया देवा २१. गोयमा! | जंभगा ण देवा निचं पमुइयपक्कीलिया कंदप्परतिमोहणसीला जनं ते देवे कुत्रे पासेज्जा से णं पुरिसे महतं अयसं पारणिजा जंणं ते देवे तुढे पासेज्जा से णं महंतं जसं पाउणेज्जा, से तेणट्टेणं गोयमा ! जंभगा देवा २, कतिविहाणं भंते ! जंभगा देवा पं० ?, गोयमा ! दसविहा० पं० तं०-अनजंभगा पाणजंभगा वत्थजंभगा लेणजंभगा सयणजंभगा पुष्फजंभगा फलजंभगा पुष्फफल(मंत पा०)जंभगा विजाजंभगा अवियत्त(अहिबइ पा०)जंभगा, जंभगा णं भंते ! 8 देवा कहिं वसहिं उर्वति?, गोयमा ! सव्वेसु चेव दीहवेयड्ढेसु चित्तविचित्तजमगपव्वएसु कंचणपव्वएसु य एत्थ णं जंभगा देवा वसहि उति, जंभगाणं भंते ! देवाणं केवतियं कालं ठिती पं०?, गोयमा ! एगं पलिओवमं ठिती पं०सेवं मंत! सेब मत!ति जाव विहरति।५३२॥श०१४ उ०८॥ अणगारे ण भत! भावियप्पा अप्पणी कम्मलस्सन जाणइन पास णो कम्मलेस्सं न जाणहन पासात पण जी सरूवि सकम्मलेस्सं जाणइ पासइ?,ता गोयमा ! अणमारे णं भाषियप्पा ।। अपणो जाव पासति. अस्थि णं भंते! सरूवी सकम्मलेस्सा पोग्गला ओभासंति..ता अस्थि, कयरेणं भंते ! सरूवी सकम्मलेस्सा पोग्गला ओभासंति जाप पभासंति?, गोयमा! जाओ इमाओ चंदिमसरियाणं देवाणं विमाणे. हिंतो लेस्साओ बहिया अभिनिस्सडाओ ताओ ओभासंति० पभासेंति, एएणं गोयमा ! ते सरूवी सकम्मलेस्सा पोग्गला ओभासेंति०।५३३। नेरइयाणं भंते ! किं अत्ता पोग्गला अणत्ता पोग्गला. गोयमा! नो अत्ता पोग्गल्या अणत्ता पोग्गला, असुरकुमाराणं भंते ! किं अत्ता पोग्गला अणत्ता पोग्गला?, गोयमा! अत्ता पोग्गला णो अणचा पोग्गला, एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढविकाइयाणं पुच्छा, गोयमा! अत्तावि पोग्गला अणताबि पोग्गला, एवं जाव मणुस्साणं, बाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं, नेरइयाणं भंते ! किं इट्टा पोग्गला अणिट्ठा पोग्गला ?, गोयमा! नो इट्टा पोग्गल्ला अणिट्ठा पोग्गला जहा अत्ता भणिया एवं इटाचि कंतावि पियावि मणनावि भाणियव्वा एए पंच दंडगा।५३४॥ देवे णं भंते ! महड्ढिए जाव महेसक्खे रूबसहस्सं विउब्वित्ता पभू भासासहस्सं भासित्तए?, हंता पभू, सा णं भंते ! किं एगा भासा भासासहस्सं ?, गोयमा! एगा णं सा भासा णो खलतं भासासहस्सं ।५३५॥ तेणं कालेणं. भगवं गोयमे अचिल्गय बालसूरियं जासुमणाकुसुमपुंजप्पकास लोहितगं पासइ त्ता जायसड्ढे जाव समुष्पन्नकोउहाडे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ जाव नमंमित्ता जाव एवं क्यासी-किमिदं भंते ! सरिए किमिदं भंते ! सरियस्स अट्ठे ?, गोयमा ! सुभे सरिए सुभे सूरियस्स अट्ठे, किमिदं भंते ! सरिए किमिदं भंते ! सरियस्स पभा? एवं चेव, एवं छाया एवं लेस्सा ।५३६। जे इमे भंते! अजनाए समणा निम्गंधा विहरंति एते णं कस्स तेयलेस्सं वीतीवयंति?, गोयमा! मासपरियाए समणे निग्गंथे वाणमंतराणं देवाणं तेयलेस्स वीइवयति दुमासपरियाए समणे निग्गंथे असुरिंदवजियाणं भवणवासीणं देवाणं तेयलेस्सं वीर्यावयति, एवं एएणं अभिलावेणं तिमासपरियाए समणे० असुरकुमाराणं देवाणं तेय० चउम्मासपरियाए० सगहनक्खत्ततारारूवाणं जोतिसियाणं देवाणं तेय० पंचमासपरियाए० सचंदिमसूरियाणं जोतिसिंदाणं जोतिसरायाणं तेयः छम्मामपरियाए समणे० सोहम्मीसाणाणं देवाणं सत्तमासपरियाए. सणंकुमारमाहिंदाणं देवाणं० अट्ठमासपरियाए. बंभलोगलंतगाणं देवाणं तेय० नवमासपरियाए समणे महासुक्कसहस्साराणं देवाणं तेय दसमासपरियाए आणयपा. णयारणचुयाणं देवाणं एकारसमासपरियाए मेवेजगाणं देवाण बारसमासपरियाए समणे निमाथे अणुत्तरोक्वाइयाणं देवाणं तेयलेस्सं वीयीवयति, तेणं परं सुके सुकाभिजाए भवित्ता तओ पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेति। ३०५ श्रीभगवत्यंग- ४ मुनि दीपरत्नसागर Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सेवं भंते ! सेवं भंते:त्ति जाव विहरति ।५३७॥ श०१४ उ०९॥ केवली णं भंते ! छउमत्थं जाणइ पासइ ?, हंता जाणइ पासइ, जहाणं भंते ! केवली छउमत्थं जाणइ पासह सहा णं सिद्धेऽवि छउमत्थं जाणइ पासइ ?, हंता जाणइ पासइ, केवली गं भंते ! आहोहियं जाणइ पासइ ?.एवं चेव, एवं परमाहोहियं, एवं केवलिं एवं सिदं जाव जहा णं भंते ! केवली सिद्ध जाणइ पासइ तहा णं सिद्धेऽवि सिद्ध जाणइ पासइ ?, हंता जाणइ पासइ, केवली णं भंते! भासेज वा वागरेज वा ?, हंता भासेज वा वागरेज वा, जहा णं भंते ! केवली भासेज वा वागरेज वा तहा ण सिद्धेऽवि भासेज वा वागरेज या ?, णो तिणट्टे समढे, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुचइ जहा णं केवली भासेज वा वागरेज वा णो वहाणं सिद्धे भासेज वा वागरेज वा?, गोयमा ! केवलीणं सउट्टाणे सकम्मे सबले सवीरिए सपुरिसक्कारपरक्कमे सिद्धे णं अणुठाणे जाव अपुरिसकारपरकमे, से तेणठेणं जाव वागरेज वा, केवली णं भंते ! उम्मिसेज निमिसेज वा?, हंता उम्मिसेज वा निमिसेज वा एवं चेव, एवं आउद्देज वा पसारेज वा, एवं ठाणं वा सेज वा निसीहियं वा चेएजा, केवली णं भंते ! इमं रयणप्पभं पुढविं रयणप्पभापुढवीति जाणति पासति', हंता जाणइ पासइ, जहाण भंते ! केवली इमं रयणप्पमं पुढविं रयणप्पभापुढवीति जाणइ पासइ तहा णं सिद्धेऽवि इमं रयणप्पभं पुढवि रयणप्पभापुढवीति जाणइ पासइ ?. हंता जाणइ पासइ, केवली णं भंते ! सक्करपभापुढवि सकरपभापुढवीति जाणइ पासइ ?, एवं चेव, एवं जाव अहेसत्तमा, केवली णं भंते ! सोहम्म कप्पं सोहम्मकप्पेति जाणह पासड?.एवं चेव. एवं ईसाणं, एवं जाय अब मत ! सोहम्म कप्प सहिम्मकप्पति जाणइ पासह, एवं चेव, एवं इंसाणं, एवं जाव अचुयं, केवली णं भंते ! गेवेजविमाणं गेविजबिमाणेत्ति जाणइ पासह?, एवं चेव, एवं 3 णेऽवि, केवली णं भंते! ईसिपम्भारं पढवि इसीपम्भारपुढवीति जाणइ पासइ, एवं चेब, केवली णं भंते! परमाणपोग्गलं परमाणपोग्गलेत्ति जाणइ पासइ, एवं चेव, एवं दपएसियं खंध एवं जाय जहा णं भंते! केवली अणंतपएसिय संधं अणंतपएसिए खंधेत्ति जाणइ पासइ तहा णं सिद्धेऽवि अर्णतपएसियं जाव पासइ ?, हंता जाणइ पासइ । सेवं भंते ! सेचं भंते ! ॥५३८॥ उ०१० इति चतुर्दशं शतकं ॥॥ ॥ नमो सुयदेवीए भगवईए, तेणं कालेणं० सावत्थी नामं नगरी होत्था वन्नओ, तीसे णं सावत्थीए नगरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीमाए एत्य णं कोट्टए नाम चेइए होत्था बन्नओ, तत्थ णं सावस्थीए नगरीए हालाहला नामं कुंभकारी आजीविओवासिया परिवसति अड्ढा जाब अपरिभूया आजीवियसमयसि लट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा अडिमिंजपेम्माणुरागरत्ता अयमाउसो! आजीवियसमये अट्टे अयं परमट्टे लेसे अणदृत्ति आजीवियसमएणं अप्पाणं भावमाणी विहरइ, तेणं कालेणं० गोसाले मंखलिपुत्ते चउब्बीसवासपरियाए हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावर्णसि आजीवियसंघसंपरिखुडे आजीवियसमएणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, तए णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अन्नदा कदायि इमे छ दिसाचरा अंतियं पाउभवित्या तं०-साणे कलंदे कणियारे अच्छिद्दे (प्र० च्छेदे) अग्गिवेसायणे अजुन्ने गोमायुपुत्ते, तए णं ते छ दिसाचरा अट्टविहं पुव्वगर्य मग्गदसमं सतेहिं २ मतिदसणेहिं निजुहंति त्ता गोसालं मंखलिपसं उचट्ठाईस, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते तेणं अटुंगस्स महानिमित्तस्स केणइ उाडोयमेत्तेणं सव्वेसिं पाणाणं भूयाणं जीवाणं सत्ताणं इमाई छ अणइकमाणजाई वागरणाई वागरेति २०-लाभ अलाभ सुहं दुक्खं जीवियं मरणं तहा। तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते तेणं अटुंगस्स महानिमित्तस्स केणइ उल्लोयमेत्तेणं सावत्थीए नगरीए अजिणे जिणप्पलावी अणरहा अरहप्पलावी अकेवली केवलिप्पलावी असवन्नू सव्वन्नुप्पलावी अजिणे जिणसह पगासेमाणे विहरइ । ५३९। तए णं सावत्थीए नगरीए सिंघाडगजावपहेसु बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ जाव एवं परुवेति-एवं खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते अजिणे जिणप्पलावी जाव पकासेमाणे विहरति, से कहमेयं मन्ने एवं?, तेणं कालेणं० सामी समोसढे जाव परिसा पडिगया, वेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूती णामं अणगारे गोयमगोत्तेणं जाव छटुंछट्टेणं एवं जहा बितियसए नियंतृदेसए जाब अडमाणे बहुजणसह निसामेति, बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ०-एवं खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते अजिणे जिणप्पलावी जाव पगासेमाणे विहरति, से कहमेयं मन्ने एवं ?, तए णं भगवं गोयमे बहुजणस्स अंतियं | एयम? सोचा निसम्म जाव जायसड्ढे जाव भत्तपाणं पडिदंसेति जाव पजवासमाणे एवं व० एवं खल। लिपुत्तस्स उहाणपरियाणियं परिकहियं, गोयमादी समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी-जण्णं से बहुजणे अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ०-एवं खलु गोसाले मंखलिपुत्ते अजिणे जिणप्पलावी जाव पगासेमाणे विहरह तण्णं मिच्छा, अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि जाव परूबेमि-एवं खलु एयस्स गोसालस्स मंसलिपुत्तस्स मंसली नाम मंखे पिता होत्था, तस्स णं मखलिस्स मंखस्स भद्दा नाम भारिया होत्या सुकुमाल जाव पडिरूवा, तएणं सा भद्दा भारिया अन्नदा कदाई गुश्विणी यावि होत्या, तेणं कालेणं० सरवणे नामं सनिवेसे होत्था रिद्धस्थिमिय० जाव सन्निभप्पगासे पासादीए०, तत्थ णं सरवणे सन्निवेसे गोचहुले नाममाहणे परिवसति अड्ढे जाव अपरिभूए रिउब्वेद जाव सुपरिनिहिए याबि होत्या, तस्स णं गोबहुलस्स माहणस्स गोसाला यावि होत्या, तए णं से मंखली मंखे नामं अचया कयाई भदाए भारियाए गुविणीए सद्धि चित्तफलगहल्यगए मंखत्तणेणं अप्पाणं भावमाणे पुच्वाणुपुचि चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे जेणेव सरवणे सनिवेसे जेणेव गोचहुलस्स माहणस्स गोसाला तेणेव उवागए त्ता गोबहुलस्स माणस्स गोसालाए एगदेसंसि मंडनिक्खेवं करेति त्ता सरवणे सन्निवेसे उच्चनीयमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणे वसहीए सबओ समंता मग्गणगवेसणं करेति वसहीए सब्बओ समंता मग्गणगवेसणं करेमाणे अन्नत्व वसहिं अलभमाणे तस्सेव गोबहुलस्स माइणस्स गोसालाए एगदेसंसि वासावासं उवागए, तए णं सा भहा भारिया नवण्हं मासाणं बहुपडिपुन्नाणं अट्ठमाण राइंदियाणं वीतिकंताणं सुकुमाल जाव पडिरूवगं दारगं पयाया, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो एक्कारसमे दिवसे वीतिकंते जाव वारसाहे दिवसे अयमेयारूवं गुण्णं गुणनिष्फन्नं नामजं करेंति-जम्हा णं अम्हं इमे दारए गोबहुलस्स माहणस्स गोसालाए जाए तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स नामधेज गोसाले गोसालेत्ति, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो नामधेज करेंति गोसालेति, तए णं से गोसाले दारए उम्मुक्कबालभावे विण्णायपरिणयमेत्ते जोवणगमणुप्पत्ते सयमेव पाडिएकं चित्तफलगं करेति त्ता चित्तफलगहत्वगए मखत्तणेणं अप्पाणं भावमाणे विहरति । ५४० । तेणं कालेणं ० अहं गोयमा ! ३०६ श्रीभगवत्यंग-सा-१५ मुनि दीपरत्नसागर Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तीस बासाई आगारवासमज्झे (ज्झा पा० ) वसित्ता अम्मापिईहिं देवत्तगएहिं एवं जहा भावणाए जाव एवं देवदुसमादाय मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पञ्चइए, तर णं अहं गोयमा पढमं वासावास अदमामंअदमासेणं खममाणे अट्टियगामं निस्साए पढमं अंतरावास वासावास उबागए. दोघं वासं मासमासेणं सममाणे पुव्वाणुपुच्चि चरमाणे गामाणुगामं दृइजमाणे जेणेव रायगिहे नगरे जेणेव नालिंदा बाहिरिया जेणेव तंतुवायसाला तेणेव उवागच्छामिता अहापडिरूवं उग्गहं ओगिण्हामि ता तंतुवायसालाए एगदेसंमि वासावासं उबागए, तए णं अहं गोयमा ! पढमं मासखमणं उपसंपजित्ताणं विहरमि, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते चित्तफलत्थगए मंखत्तणेणं अप्पाणं भावॆमाणे पुत्र्त्राणुपुच्विं चरमाणे जाव दुइज्जमाणे जेणेव रायगिहे नगरे जेणेव नालिंदा बाहिरिया जेणेव तंतुवायसाला तेणेव उवागच्छइ ना तंतुवायसालाए एगदेसंसि भंडनिक्खेवं करेति ता गर्यागडे नगरे उच्चनीय जाव अन्नत्थ कल्यवि वसहि अलभमाणे तीसे य तंतुवायसालाए एगदेसंसि वासावास उवागए जत्थेव णं अहं गोयमा, तर णं अहं गोयमा ! पढममासक्खमणपारणगंसि तंतुवायमालाओ पडिनिक्वमामि त्ता गाउंदाबाहिरियं मज्झ मज्झेणं जेणेव रायगिह नगरे तेणेव उवा ता रायगिहे नगरे उच्चनीय जाव अडमाणे विजयस्स गाहावइस्स गिहं अणुपविट्टे, तए णं से विजए गाहावती ममं एजमाणं पासति त्ता हतुः खिप्पामेव आसणाओं अच्भुट्टेइ ता पाय पीढाओ पचोरहइ ता पाउयाओ ओमुयइ ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेति त्ता अंजलिमउलियहत्थे ममं सत्तट्ट पयाई अणुगच्छ ता ममं तिक्खुत्तो आग्राहिणपयाहिणं करेति त्ता ममं वंदनि नममति ता ममं बिठलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेस्वामित्तिकट्टु तुट्टे पडिला भेमाणेऽवि तुट्ठे पडिलाभितेऽथि लुट्ठे, तर णं तस्स विजयस्स गाहावइस्स तेणं दच्वसुद्वेगं दायगसुद्वेणं पडिगाहगसुद्धेणं तिविहेणं तिकरणसुद्देणं दाणेणं मए पडिलाभिए समाणे देवाउए निबड़े संसारे परितीकए. गिहंसि य से इमाई पंच दिव्वाई पाउञ्भूयाई तं वसुधारा बुट्टा दसद्धयने कुसुमे निवातिए चेटुक्सेवे कए आहयाओ देवदुंदुभीओ अंतरावि य णं आगासे अहो दाणेर नि घुडे. तए णं रायगिह नगर सिंघाडगजाबपद्देसु बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइखइ जाव एवं परुवेइ-धन्ने णं देवाणुप्पिया ! विजए गाहावती कयत्थे णं देवाणुप्पिया! विजये गाहावई कयपुत्रे णं देवाप्पिया! बिजए गाहावई कयलक्षणे णं देवाप्पिया ! विजये गाहावई कया णं लोया देवाणुपिया विजयस्स गाहावइस्स ल णं देवाणुप्पिया! माणुस्सए जम्मजीवियफले विजयस्स गाहाबइस्स जस्स णं गिहंसि तहारूवे साधु साधुरूवे पहिलाभिए समाण इमाई पंच दिव्वाई पाउञ्भ्याइं तंत्र-वसुधारा वृद्धा जाव अहो दाणे २ घुडे. तं धन्ने कयत्थे कयपुने कयलक्लणे कया णं लोया सुलदे माणुस्सए जम्मजीवियफले विजयस्स गाहावइस्स २. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्तं बहुजणस्स अंतिए एयमहं सोचा निसम्म सम्प्पन्नसंसए समुप्पन्न कोउ जेणेव विजयस्त गाहावइस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ त्ता पासइ बिजयस्स गाहावइस्स गिहंसि वसुहारं बुई दसद्धवन्नं कुसुमं निवडियं ममं चणं विजयस्स गाहावइस्स गिहाओ पडि निक्खममाणं पासति त्ता हट्टे जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवागः त्ता ममं तिक्खुत्ता आयाहिणपवाहिणं करेइ त्ता ममं बंदति नम॑सति त्ता ममं एवं वयासी तुज्झे णं भंते! ममं धम्मायरिया अहनं तुझं धम्मंतेवासी. तए णं अहं गौसालस्स मंखलिपुनस्स एयमहं नो आदामि नो परिजाणामि तुसिणीए संविट्टामि, तए णं अहं गोयमा ! रायगिहाओ नगराओ पडिनिक्वमामि ना णादं बाहिरियं मज्झमज्झेणं जेणेव तंतुवायसाला नेणेव उवाः ता दोखं गोयमाः मामखमणं उपसंपत्रित्ताणं विहरामि तए णं अहं गोयमा दोबमासखमणपारणगंसि तंतुवायसालाओ पडिनिक्समामि त्ता नालंद बाहिरियं मज्झमज्झेणं जेणेव रायगिहे नगरे जाव अडमाणे आणंदस्स गाहावइस्स सिहं अणुष्पविट्टे, तए णं से आणंदे गाहावती ममं एजमाणं पासति एवं जहेव विजयरस नवरं ममं बिउलाए खजगविहीए पडिलाभेस्सामीति तुटठे सेसं तं चैव जाव तथं मासखमण उवसंपजित्ताणं विहरामि तए णं अहं गोयमा ! तचमासखमणपारणगंसि तंतुवायमालाओ पडिनिक्खमामि ना तहेब जाव अडमाणे मुदस्स गाहाबइस्स गिहं अणुपविट्ठे, तए णं से सुगंदे गाहावती एवं जहेब विजए गाहावती नवरं ममं सव्वकामगुणिएणं भोयणेणं पडिलाभेति मं तं चेत्र जात्र घडत्थं मासखमणं उपसंपजित्ताणं विहरामि तीसे णं नालंदाए बाहिरियाए अदूरसामंते एत्थ णं कोडाए नामं सन्निवेसे होत्या सन्निवेसवन्नाओ. तत्थ णं कोहाए संनिवेसे बहुले नाम माहणे परिवसइ | अड्ढे जाव अपरिभूए रिउब्वेय जाव सुपरिनिट्ठिए याचि होत्था, नए णं से बहुले माहणे कत्तियचाउम्मासियपाडियगंसि विउलेणं महूघयसंजुत्तेणं परमण्णेणं माहणे आयामेत्था. तए णं अहं गोयमा ! चउत्थमासक्खमणपारणगंसि तंतुवायसालाओ पडिनियमामि ना णादं बाहिरियं मज्झमज्झेणं निग्गच्छामि त्ता जेणेव कोल्लाए संनिवेसे तेणेव उवागच्छामि त्ता कुल्लाए सन्निवेसे उच्चनीय जाव अडमाणस्स बहुलस्स माहणस्स गिहं अणुष्पविटले. तए णं से बहुले माहणे ममं एनमाणं तहेब जाव ममं विउलेणं मद्दषयसंजुत्तणं परमश्रेणं पडिला भेस्सामीति तुटट्ठे से जहा विजयस्स जाव बहुले माहणे २. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं तंतुवायसालाए अपासमाणे रायगिद्धे नगरे सब्भितरखाहिरियाए ममं सव्वओ सरांना मम्गणगवेसणं करेति ममं कन्थवि सुतिं या म्युतिं या पवत्ति वा अलभमाणे जेणेव तंतुवायसाला तेणेव उवागच्छ साडियाओ य पा (भं पा० )डियाओ य कुंडियाओ य पाहणाओ य चित्तफलगं च माहणं आयामेनि ना सउनरोदनं मुंडं कारेति ना तंतुवायसालाओ पडिनिक्समति त्ता णालंद बाहिरियं मज्झमज्झेण निग्गच्छ ता जेणेव कोल्लागसन्निवेसे तेणेव उवागच्छइ. तए णं तस्स कोल्लागस्स संनिवेसम्स बहिया २ बहुजणो अन्नमन्नम्म एवमाइक्र्खात जाब परूवेनि-धन्ने णं देवाशुप्पिया! बद्दले मादणे तं चैव जाव जीवियफले बहुलस्स माहणस्स २ तर णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स बहुजणस्स अंतियं एयमट्ठे सोच्चा निसम्म अयमेयारूत्रे अम्भस्थिए जाव समुप्पजित्था जारिमिया णं ममं धम्मायग्यिस्म धम्मोवदेसगम्स समणस्स भगवओ महावीरस्स इड्ढी जुत्ती जसे बले वीरिए पुरिसकारपरकमे लद्धे पत्ते अभिसमन्नागए नो खलु अस्थि तारिसिया अन्नरस कम्पइ तहारुबस्स समणस्म वा माहणस्स वा इड्ढी जत्ती जाब परकमे लदे पत्ते अभिसमन्नगए तं निस्संदिद्धं च णं एत्थ ममं धम्मायरिए धम्मोवदेसए समणे भगवं महावीरे भविस्सतीतिकट्टु कोड़ागसन्निवे में सम्भितरबाहिरिए ममं मध्यओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ ममं सबओ जाव करेमाणे कोल्लागसंनिवेसस्स बहिया पणियभूमीए मए सद्धि अभिसमन्नागए. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते हट्टतुट्टे ममं तिक्खुत्तो आया ३०७ श्रीभगवन्तं मुनि दीपरत्नसागर 44508 Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हिणपयाहिणं जाव नमंसित्ता एवं वयासी-तुज्झे णं भंते ! मम धम्मायरिया अहन्नं तुझं अंतेवासी, तए णं अहं गोयमा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स एयमढे पडिसुणेमि, तए णं अई गोयमा! गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं सद्धि पणि. यभूमीए छव्वासाई लाभं अलाभं सुखं दुक्खं सक्कारमसक्कारं पचणुभवमाणे अणिचजागरियं विहरित्था ।५४१। तए णं अहं गोयमा! अन्नया कदायि पढमसरदकालसमयंसि अप्पट्टिकायंसि गोसालेणं मखलिपुत्तेणं सदि सिद्धत्वगामाओ नगराओ कुम्मार(प्र०म्म)गाम नगरं संपढिए विहाराए, तस्स णं सिद्धत्वगामस्स नगरस्स कुम्मारगामस्स नगरस्स य अंतरा एत्थ णं महं एगे तिलथंभए पत्तिए पुप्फिए हरियगरेरिजमाणे मिरीए अतीव २ उपसोभेमाणे २ चिट्ठइ, तए णं गोसाले मंखलिपुत्ते तं तिलथंभगं पासइ त्ता ममं वं० नमंत्ता एवं वयासी-एस णं भंते! तिलथंभए कि निष्फजिस्सइ नो निष्फनस्सति ?, एए य सत्त तिलपुष्फजीवा उदाइत्ता २ कहिं गच्छिहिंति कहि उववजिहिति ?, तए णं अहं गोयमा ! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-गोसाला ! एस णं तिलथंभए निष्फनिस्सइ, नो न निष्फजिस्सइ, एए य सत्त तिलपुष्फजीवा उदाइत्ता २ एयस्स चेच तिलथंभगम्म एगाए तिलमंगलियाए सत्त तिला पञ्चायाइस्संति, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते मम एवं आइक्खमाणस्स० एयमढें नो सदहति नो पत्तियति नो रोएइ एयम१ असहमाणे० ममं पणिहाए अयण्णं मिच्छावादी भवउत्तिकटु ममं अंतियाओ मणियं २ पच्चोसकह त्ता जेणेव से तिलथंभए तेणेव उवागच्छइ त्ता तं तिलथंभगं सलेठ्ठयायं चे उप्पाडेइ त्ता एगंते एडेति, तक्खणमेत्तं च णं गोयमा ! दिव्ये अब्भवद्दलए पाउम्भूए, तए णं से दिव्वे अभवहलप खिप्पामेव पतणतणाप्रति ता खिप्पामेव पविजुयाति त्ता खिप्पामेव नचोदगं णातिमट्टियं पविरलपफुसियं रयरेणुविणासणं दिव्वं सलिलोदगवासं वासति जेणं से तिलथंभए आसत्ये पचायाए तत्थेव बद्धमूले तत्वेव पतिट्टिए, ते य सत्त तिलपुष्फजीवा उहाइना २तस्सेव तिलथंभगस्स एगाए तिलसंगुलियाए सत्त तिला पचायाया। ५४२। तएणं अहं गोयमा! गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं सद्धि जेणेव कुम्मग्गामे नगरे तेणेव उवागच्छामि, तए णं तस्स कुम्मग्गामस्स नगरस्स चहिया बेसियायणे नाम बालतबस्सी छ छट्रेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्ढे चाहाओ पगिज्झिय २ सुराभिमहे आयावणभूमीए आयावेमाणे विद्दरइ आइञ्चतेयतवियाओय से छप्पईओ सबओ समंता अभिनिस्सर्वति पाणभूयजीवसत्तदयट्टयाए यणं पडियाओ २ तत्थेव २ भुजो २ पञ्चोरुभेति, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते वेसियायणं बालतवस्सि पासति त्ता ममं अंतियाओ सणियं २ पच्चोसक्कइ त्ता जेणेव वेसियायणे चालतबस्सी तेणेव उवागच्छइत्ता वेसियायणं वाल. तवस्सि एवं वयासी-किं भवं मुणी मुणिए उदाहु जूयासेज्जायरए २१.तए णं से वेसियायणे चालतवस्सी गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स एयममु णो आढाति नो परियाणाति तुसिणीए संचिट्ठति, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते वेसियायणं बालतवस्सि दोचंपि तचंपि एवं वयासी-किं भवं मुणी मुणिए जाव सेज्जायरए २१,तए णं से बेसियायणे चालतवस्सी गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं दोचंपि तचंपि एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे आयावणभूमीओ पचोरुमति त्ता तेयासमुग्घाएणं समोहनइत्ता सत्तट्ठ पयाई पच्चोसकइ त्ता गोसालस्स मंसलिपुत्तस्स बहाए सरीरगंसि तेयं निसिरइ, तए णं अहं गोयमा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अणुकंपणट्टयाए वेसियायणस्स बालतबस्सिस्स तेयपडि. साहरणट्ठाए एत्य णं अंतरा अहं सीयलियं तेयलेस्सं निसिरामि जाए सा ममं सीयलियाए तेयलेस्साए बेसियायणस्स बालतवस्सिस्स उसिणा तेयलेस्सा पडिहया, तए णं से वेसियायणे चालतवस्सी ममं सीयलियाए तेयलेस्साए उसिणं तेयलेस्सं पडियं जाणित्ता गोसालस्स य मंखलिपुत्तस्स सरीरगस्स किंचि आचाहं वा वाबाई वा छविच्छेदं वा अकीरमाणं पासित्ता सो उसिणं तेयलेस्सं पडिसाहरइत्ता ममं एवं बयासी-से गयमेयं भगवं!२.तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एवं वयासी-किण्हं भंते! एस जयासिज्जायरए तुझे एवं वयासी-से गयमेयं भगवं!२१. तए णं अहं गोयमा ! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-तुम णं गोसाला! वेसियायणं बालतवस्सि पाससित्ता ममं अंतियाओ सणियं २ पचोसकसि जेणेच वेसियायणे बालतवस्सी तेणेव उवागच्छसित्ता वेसियायणं चालतवस्सि एवं बयासी-कि भवं मुणी मुणिए उदाहुजूयासेज्जायरए?, तए णं से वेसियायणे चालतवस्सी तव एयमढें नो आढाति नो परिजाणाति तुसिणीए संचिट्ठिए,तए णं तुमं गोसाला वेसियायणं चालतबस्सि दोचंपि तचंपि एवं वयासी-किं भवं मुणी मुणिए जाव सेज्जायरए २१,तए णं से वेसियायणे पालतवस्सी तुम दोचंपि तचंपि एवं बुत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव पञ्चोसकति त्ता तव वहाए सरीरगंसि तेयं निस्सरइ, तए णं अहं गोसाला! तव अणुकंपणट्टयाए वेसियायणस्स चालतवस्सिस्स तेयलेस्सापडिसाहरणट्ठयाए एस्थ णं अंतरा सीयलियवेयलेस्स निसिरामि जाव पडिहय जाणित्ता तब यसरीरगस्स किंचि आवाहं वा वाचाहं वा छविच्छेदं वा अकीरमाणं पासेत्ता उ(सीओ)सिणं तेयलेस्सं पडिसाहरति त्ता ममं एवं वयासी-से गयमेयं भगवं!२, तए णं से गोसाले मंख जाव संजायभये ममं वंदवि नमसति ता एवं बयासी-कहनं भंते! संखित्तविउलतेयलेस्से भवति?.तएणं अहं गोयमा! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं बयासी-जेणं गोसाला एगाए सणहाए कुम्मासपिडियाए एगेण य वियडासएणं छटुंछट्टेणं अनिक्खित्तेणं तबोकम्मेणं उड्ढे चाहाओ पगिज्झिय जाव विहरति सेणं अंतो छण्हं मासाणं संखित्तविउलतेयलेस्से भवति, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एयमहूँ सम्म विणएणं पडिसुणेति । ५४३। तए णं अहं गोयमा ! अन्नदा कदाइ गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं सद्धिं कुम्मगामाओ नगराओ सिद्धस्थग्गामं नगरं संपट्टिए विहाराए जाहे य मोतं देसं हव्वमागया जत्थ णं से तिलथंभए तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते एवं वयासी-तुझे णं भंते ! तदा ममं एवं आइक्खह जाव परूवेह-गोसाला! एस णं तिलयंभए निष्फजिस्सइ तं चेव जाव पचाइस्संति तगणं मिच्छा, इमं च णं पचक्खमेव दीसइ एस णं से तिलयंभए णो निष्फने अनिफनमेव ते य सत्त निलपुफजीवा उदाइत्ता नो एयस्स चेव विलथंभगस्स एगाए तिलसंगुलियाए सत्त तिला पञ्चायाया, तए णं अहं गोयमा! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-तुम णं गोसाला! तदा मर्म एवं आइक्खमाणस्स जाव परुवेमाणस्स एयमटुं नो सदहसि नो पत्तियसि नो रोययसि एयम१ असदहमाणे ममं पणिहाए अयन्न मिच्छावादी भवउत्तिकटु ममं अंतियाओ सणियं २ पचोसकसि त्ता जेणेव से तिलर्थभए तेणेव उवा०त्ता जाव एगंतमंते एडेसि, नक्वणमेनं गोमाला! दिब्बे अभवद्दलए पाउन्भूते, तए णं से दिब्बे अब्भवद्दलए खिप्पामेव तं चेव जाव तस्स चेव तिलथंभगस्स एगाए तिलसंगलियाए सत्त तिला पचायाया, तं एस गं गोसाला ! से तिलथंभए निप्फन्ने णो अनिफन्नमेव, ने य सत्त तिलपुष्फजीवा उदाइत्ता २ एयस्स चेव तिलथंभयस्स एगाए विलसंगलियाए सत्त तिला पञ्चायाया, एवं खलु गोसाला! वणस्सइकाइया पउद्परिहारं परिहरति, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते मम एवमाइक्वमाणस्स (७७) ३०८ श्रीभगवत्यंगं - सत-१५ Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जाव परूचेमाणस्स एयम8 नो सहहंति एवमटुं असदहमाणे जाव अरोएमाणे जेणेव से तिलधभए तेणेव उवागच्छइत्ता ताओ तिलयंभयाओ तं तिलसंगलिय खुडति त्ता करयलंसि सत्त तिले पष्फोडेइ तए णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स ते सत्त तिले गणमाणस्स अयमेयारूबे अम्भत्थिए जाव समुष्पजित्था-एवं खलु सब्बजीबावि पउपरिहारं परिहरंति, एस ण गोयमा ! गोसालस्स मंसलिपुत्तस्स पउद्दे, एस णं गोयमा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स ममं अंतियाओ आयाए अवकमणे पं०।५४४। तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते एगाए सणहाए कुम्मासपिडियाए एगेण य बियडासएणं छटुंछट्टेणे अनिक्खित्तेणं तबोकम्मेणं उड्ढे बाहाओ पगिझिय २ जाब विहय, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते अंतो छण्डं मासाणं संखित्तविउलतेयलेसे जाए।५४५। तए णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अन्नया कयावि इमे छदिसाचरा अंतियं पाउभवित्था त०-साणो तं चेव सव्वं जाव अजिणे जिणसहं पगासे. माणे विहरति, तं नो खलु गोयमा! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे अजिणे जिणप्पलायी जाय जिणसई पगासेमाणे विहरह, गोसाले णं मंखलिपुत्ते अजिणे जिणप्पलायी जाब पगासेमाणे विहरइ, वएणं सा महतिमहालया महवपरिसा जद्दा सिवे जाव पडिगया. वए णं सावत्थीए नगरीए सिंघाडग जाव बहुजणो अन्नमन्नस्स जाव परुवेइ-जन्नं देवाणुप्पिया! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलाबी जाब विहरइ तं मिच्छा, समणे भगवं महावीरे एवं आइक्खाइ जाव परुपेड़-एवं सल तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स मंखली नाम मंखे पिता होत्या, तए णं तस्स मंखलिस्स एवं चेव तं सर्व माणियच जाव अजिणे जिणसर पगासेमाणे विहरइ, तं नो खलु गोसाले मखरिपत्ते जिणे जिण." प्पल्लाची जाब विहरइ. गोसाले मंखलिपुत्ते अजिणे जिणप्पलावी जाव विहरइ, समणे भगर्व महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसई पगासेमाणे विहख, तए णं से गोसाले मंस्खलिपुत्ते बहुजणस्स अंतियं एयमढे सोचा निसम्म आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे आयावणभूमीओ पचोरहइत्ता सावत्थिं नगरिं मझमझेणं जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे तेणेव उपागच्छइत्ता हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि आजीवियसंघसंपरिखुडे महया अमरिसं बदमाणे एवं च णं विदरइ । ५४६। तेणं कालेणं० समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी आणंदे नाम थेरे पगइभइए जाव विणीए छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तबोकम्मेणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरह, प्रतए णं से आणंदे थेरे छडक्खमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए एवं जहा गोयमसामी तहेव आपुच्छड तहेव जाब उच्चनीयमज्झिम जाव अडमाणे हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स अदूरसामंते बीइवयइ, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते आणंद थेरं हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स अदूरसामंतेणं बीइवयमाणं पासइ त्ता एवं वयासी-एहि ताव आणंदा ! इओ एग महं उवमियं निसामेहि, तए णं से आणंदे थेरे गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं एवं वुत्ते समाणे जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छति, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते आणंदं थेरं एवं क्यासी-एवं खलु आणंदा ! इतो चिरातीयाए अदाए केई उच्चावगा बणिया अत्य. उलपणियभंडमायाए सगडीसागडेणं सुबई भत्तपाणपत्थयणं गहाय एग मई अगामियं अणोहियं छिनावायं दीहमदं अडर्षि अणुप्पविट्ठा,तए णं तेसिं वणियाणं तीसे अकामियाए अणोहियाए छिन्नाचायाए दीहमदाए अहवीए कंचि देसं अणुप्पत्ताणं समाणाणं से पुवगहिए उदए अणुपुयेणं परिभुजेमाणे २ झीणे, तए णं ते वणिया झीणोदता समाणा तण्हाए परज्ममाणा अन्नमन्ने सहायति त्ता एवं व० एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं इमीसे अगामियाए जाव अडचीए कंचि देसं अणुप्पत्ताणं समाणाणं से पुष्चगहिए उदए अणुपुव्वेणं परिभुजेमाणे २ मीणे तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अहं इमीसे अगामियाए जाव अडवीए उदगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेत्तएत्तिकटु अन्नमन्नस्स अंतिए एयमढे पडिसुणेति त्ता तीसे णं अगामियाए जाव अडवीए उदगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेंति, उदगस्स सव्यओ समंता मग्गणगवेसणं करेमाणा एगं महं वणसंडं आसाउँति किण्हं किण्होभासं जाय निकुरंगभूयं पासादीयं जाव पडिरूवं, तस्स णं वणसंडस्स बहुमझदेसभाए एत्थ णं महेगं वम्मीयं आसाति, तस्स णं वम्मीयस्स चत्तारि वपुत्रो अभुग्गयाओ अभिनिसढ़ाओ तिरियं सुसंपम्गहियाओ अहेपन्नगढ़रूवाओ पन्नगदसंठाणसंठियाओ पासादीयाओ जाव पडिरूवाओ, तए ण ते वाणिया हट्टतुट्ट० अन्नमन्नं सदावेति त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवा ! मासे, इमस्स णं वणसंडस्स पदमजादेसभाए इमे वम्मीए आसादिए इमस्स णं वम्मीयस्स चत्तारि पप्पओ अम्भ-18 गयाओ जाव पडिरूवाओ, त सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमस्स पम्मीयस्स बपि भिदित्तए अवियाई एत्य ओराले उदगरयणे अस्सादेसामो, तएणं ते वाणिया अन्नमन्नस्स अंतियं एयमहूँ पढिसुर्णेति त्ता तस्स वम्मीयस्स पढौ वप्पि भिंदंति, ते णं तत्थ अच्छं पत्थं जचं तणुयं फालियवन्नाभं ओरालं उदगरयणं आसाउँति, तए णं ते वणिया हदृतुह० पाणियं पिचंति सा वाहणाई पति त्ता भावणाई मरेंति त्ता दोचंपि अनमत्रं एवं वदासी-एवं खलु देवागुप्पिया! अम्हेहिं इमस्स वम्मीयस्स पढमाए वप्पीए भिण्णाए ओराले उदगरयणे अस्मादिए त सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं इमस्स वम्मीयस्स दोचंपि वप्पि भिदित्तए, अवियाई एत्व ओरालं सुक्चरयणं आसादेस्सामो, तए णं ते वणिया अन्नमन्नस्स अंतियं एयमझु पडिसुणेति त्ता तस्स पम्मीयस्स दोचंपि वप्पि भिवंति, ते णं तत्य अच्छं जचं तवणिज महत्थं महग्यं महरिहं ओरालं सुवनारयणं अस्साति, तए णं ते वणिया हहुतुह भायणाई भरेंति त्ता पवहणाई भरेंति त्ता तचंपि अनमनं एवं व०- एवं खलु दे०! अम्हे इमस्स वम्मीयस्स पढमाए वप्पाए भिन्नाए ओराले उदगरयणे आसादिए दोचाए वप्पाए भिन्नाए ओराले सुवन्नरयणे अस्मादिए त सेयं खल देवाणप्पिया! अम्हं इमस्स बम्मीयस्म तचंपि वप्पिं भिदित्तए,अवियाई एत्य ओरालं मणिरयणं अस्सादेस्सामो, तए ण वे ओरालं मणिरयणं अस्सादेस्सामो, तएणं वे वणिया अन्नमन्नस्स अंतियं एयमट्ठ पडिसुणेति त्ता तस्स वम्मीयस्स तचंपि वप्पिं मिदंति, ते णं तत्य विमलं निम्मलं नित्तलं निकलं महत्वं महग्यं महरिहं ओरालं मणिरयणं अस्सादेति, तए ण ते वणिया हट्टतुट्ट० भायणाई भरेंति त्ता पवहणाई भरेंति त्ता कउत्यपि अन्नमन्नं एवं बयासी-एवं खलु देवा ! अम्हे इमस्स वम्मीयस्स पढ़माए वप्पाए भिन्नाए ओराले उदगरयणे अस्मादिए दोचाए वप्पाए भित्राए ओराले सुवण्णरयणे अस्मादिए तच्चाए वप्पाए भिनाए ओराले मणिरयणे अस्सादिए त सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमस्स वम्मीयस्स चउस्थिपि ३०९ श्रीभगवत्यंग - -२५ मुनि दीपरत्नसागर Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ POSSIPELAPELAPELAPELAEPOARIPELASHESMSPATIPRINGPSPEEMACP86AASPICHISPRASPIRABIPIARPERSPE वप्पिं भिंदित्तए, अवियाई एत्य उत्तमं महग्धं महरिहं ओरालं वइररयणं अस्सादेस्सामो, तएणं तेसिं वणियाणं एगे वणिए हियकामए सुहकामए पत्थकामए आणुकंपिए निस्सेयसिए हियसुहनिस्सेयसकामए ते वणिए एवं क्यासीएवं खलु देवा० अम्हे इमस्स वम्मीयस्स पढमाए बप्पाए भिन्नाए ओराले उदगरयणे जाव तचाए वप्पाए भिन्नाए ओराले मणिरयणे अस्सादिएतं होउ अलाहि पज्जतं एसा चउत्थी वप्पा मा भिजउ, चउत्थी णं वप्पा सउवसम्मा यावि होत्था, तए णं ते वणिया तस्स वणियस्स हियकामगस्स सुहकाम जाब हियसुहानिस्सेयसकामगस्स एवमाइक्खमाणस्स जाव परूवेमाणस्स एयमटुं नो सद्दहति जाव नो रोयंति, एयमढे असहहमाणा जाब अरोएमाणा तस्स बम्मीयस्स चउत्धिपि पप्पिं भिदंति, ते णं तत्थ उम्गविसं चंडविसं घोरविसं महाविसं अतिकायं महाकायं मसिमूसाकालगं नयणविसरोसपुग्नं अंजा जनिगरपगासं रत्तच्छं जमलजुयलचंचलचलंतजीहं धरणितलबेणिभूयं उकडफुडकुडिलजडुलकक्खडविकडफडाडोक्करणदच्छे लोहागरधम्ममाणधमथतघोसं अणागलियचंडतिव्वरोसं समुहिं तुरियं चवलं धर्मतं दिट्ठीविसं सप्पं संघटुंति, तए णं से दिट्टीविसे सप्पे तेहि वणिएहि संघट्टिए समाणे आसुरुत्ते जाब मिसमिसेमाणे सणियं २ उद्देति सा सरसरसरस्स यम्मीयस्स सिहरतलं दुरूहेइ त्ता आइचं णिज्झाति त्ता ते वणिए अणिमिसाए दिट्टीए सबओ समंता समभिलोएति, तएणं ते वणिया तेणं दिट्टीविसेणं सप्पेणं अणिमिसाए दिट्टीए सब्बओ समंता समभिलोइया समाणा खिप्पामेव सभंडमत्तोवगरणा एगाहचं कूडाइथं भासरासीकया यावि होत्या, तत्थ णं जे से वणिए तेसि वणियाणं हियकामए जाव हियसुहनिस्सेयसकामए से णं अणुकंपयाए देवयाए सभंडमत्तोवगरणमायाए नियर्ग नगरं साहिए, एवामेव आणंदा ! तववि धम्मायरिएणं धम्मोवएसएणं समणेणं नायपुत्तेणं ओराले परियाए आसाइए ओराला कित्तिवनसहसिलोगा सदेवमणुयासुरे लोए पुवंति गवंति (धुव्वंति परिभमंति पा०) इति खलु समणे भगवं महावीरे २,तं जदि मे से अज्ज किंचिवि वदति तो णं अहं तवेणं तेएणं एगावच्चं कूडाहचं भासरासि करेमि जहा वा वालेणं ते वणिया, तुमं च णं आणंदा! सारक्खामि संगोवामि जहा वा से वणिए तेसि वणियाणं हियकामए जाब निस्सेयसकामए अणुकंपयाए देवयाए सभंडग जाव साहिए, तं गच्छ णं तुम आणंदा! तव धम्मायरियस्स धम्मोवएसगस्स समणस्स नायपुत्तस्स एयमढे परिकहेहि, तए णं से आणंदे थेरे गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं एवं वुत्ते समाणे भीए जाब संजायभए गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अंतियाओ हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणाओ पडिनिक्खमति त्ता सिग्धं तुरियं सावधि नगरि मझमझेणं निग्गच्छद्र त्ता जेणेच कोट्ठए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेति त्ता वंदति नमत्ता एवं वंदासी-एवं खलु अहं भंते ! छटुक्खमणपारणगंसि तुझेहिं अन्मगुन्नाए समाणे सावत्थीए नगरीए उचनीय जाव अडमाणे हालाहलाए कुंभकारीए जाव वीयीवयामि, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं हालाहलाए जाव पासित्ता एवं ययासी-एहि ताच आणंदा! इओ एगं मदं उवमियं निसामेहि, तए णं अहं गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं एवं बुत्ते समाणे जेणेच हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे जेणेच गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेच उवागच्छामि, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एवं बयासी-एवं खलु आणंदा! इओ चिरातीयाए अदाए केई उचावया वणिया एवं तं चेव सव्वं निरवसेस भाणियब्वं जाव नियगनगरं साहिए तं गच्छ णं तुमं आणंदा ! तव धम्मायरियस्स धम्मोव० जाव परिकहेहि । ५४७। तं पभू णं भंते ! गोसाले मंखलिपुत्ते तवेणं जाव करेत्तए विसए णं भंते ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स जाच करेत्तए समत्येणं भंते ! गोसाले जाव करेत्तए?, पभू णं आणंदा! गोसाले मंखलिपुत्ते तवेणं जाप करेत्तए विसए णं आणंदा ! गोसाले जाव करेत्तए समत्येणं आणदा! गोसाले जाव करेत्तए, नो चेव णं अरिहंते भगवंते, पारियावणियं पुण करेजा, जावतिए णं आणंदा! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स तवतेए एत्तो अणंतगणविसियराए चेव तवतेय अणगारा वंतो, जावइएणं आणंदा! अणगाराणं भगवंताणं तवतेए एत्तो अणंतगुणविसिट्ठयराए चेव तवतेए थेराणं भगवंताणं, खंतिखमा पुण थेरा भगवंतो, जावतिए णं आणंदा ! थेराणं भगवंताणं तवतेए एत्तो अणंतगणविसिह(बलिय). तराए चेव तवतेए अरिहंताणं भगवंताणं, खंतिखमा पुण अरिहंता भगवंतो, तं पभू णं आणंदा ! गोसाले मंखलिपुत्ते तवेणं तेएण जाव करेत्तए विसए णं आणंदा ! जाव करेत्तए समत्थे आणंदा ! जाव करेत्तए, नो चेवणं अरिहंते भगवंते, पारियावणिय पुण करेजा ।५४८ा तं गच्छ णं तुम आणंदा ! गोयमाईणं समणाणं निम्मंथाणं एयम१ परिकहेहि-मा णं अजो! तुझं केई गोसालं मखलिपुत्तं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोएउ धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारेउ धम्मिएणं पडोयारेणं पडोयारेउ, गोसाले णं मखलिपुत्ते समणेहिं निम्ग० मिच्छ विपडिवझे, तए णं से आणंदे धेरे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे समणं भ०म०वनमत्ता जेणेव गोयमादी समणा निग्गंधा तेणेव उवागच्छद ता गोयमादी समणे निरगंथे आमंतेति त्ता एवं व०. एवं खलु अई अजो! छट्टक्खमणपारणगंसि समणेणं भगवया महावीरेणं अभणुचाए समाणे सावत्थीए नगरीए उच्चनीय तं चेव सब जाव नायपुत्तस्स एयमर्दु परिकहेहि, तं मा णं अजो! तुझं केई गोसालं मंखलिपुत्तं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोएउ जाब मिच्छ विपडिवने । ५४९। जावं च णं आणंदे घेरे गोयमाईणं समणाणं निग्गंधाणं एयमढ परिकदेह तावं च णं से गोसाले मंखलिपुत्ते हालाहलाए कुं० कुंभकारावणाओ पडिनि त्ता आजीवियसंघसंपरिकुडे महया अमरिसं वहमाणे सिग्धं तुरियं जाव सावधि नगरि मज्झमझेणं निम्गच्छदत्ता जेणेव कोट्ठए चेइए जेणेव समणे म० महा. तेणेव उवागच्छद सा समणस्स भ० म० अदूरसामंते ठिचा समणं भ० महा० एवं बयासी-सुकृ णं आउसो ! कासवा ! ममं एवं वयासी साहू णं आउसो ! कासवा ! ममं एवं पयासी-गोसाले मंखलिपुत्ते ममं धम्मतेवासी २, जेणं से गोसाले मंखलिपुत्ते तव धम्मंतेवासी से णं सुके सुकाभिजाइए भवित्ता कालमासे कालं किचा अनयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववने, अहनं उदाइनामं कुंडियायणीए अजुणस्स गोयमपुत्तस्स सरीरगं विप्पजहामि त्ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं अणुप्पविसामि त्ता इमं सत्तमं पउद्परिहार परिहरामि, जेऽविआई आउसो! कासवा ! अम्हं समयंसि केई सिर्जिझसुवा सिझंति वा सिजिझस्संतिया सवे ते चउरासीतिं महाकप्पसयसहस्साई सत्त दिवे सत्त संजूहे सत्त संनिगम्भे सत्त पउट्टपरिहारे पंच कम्माणि सयसहस्साई सहि च सहस्साई छच सए तिमि य कम्मंसे अणुपब्वेणं खवइत्ता तओ पच्छा सिझंति चुज्झति मुचंति परिनिव्वाइंति सब्बदुक्खाणमंतं करेंसु वा करेंति वा २१. श्रीभगवत्यंग -२४ । दीपरत्नसागर Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ करिस्संति वा, से जहा वा गंगा महानदी जओ पबूढा जहिं वा पज्जुवत्थिया एस णं अद्धपंचजोयणसयाई आयामेणं अद्धजोयणं विक्खंभेणं पंच धणुसयाई उब्वेहेणं एएणं गंगापमाणेण सत्त गंगाओ सा एगा महागंगा सत्त महागंगाओ सा एगा सादीणगंगा सत्त सादीणगंगाओ सा एगा मच्चुगंगा सत्त मन्चुगंगाओ सा एगा टोहियगंगा सत्त लोहियगंगाओ सा एगा आ (प्र० अ )वतीगंगा सत्त आवतीगंगाओ सा एगा परमावती० एवामेव सपुब्बावरेणं एवं गंगासयसद्दस्सं सत्तरसहस्सा छच्चगुणपन्नगंगासया भवतीतिमक्खाया, तासिं दुबिहे उद्धारे पं० तं सुहुमचदिकलेवरे चैव त्रायस्त्रोंदिकलेवरे चैव, तत्थ णं जे से सहमबोंदिकलेवरे से ठप्पे, तत्थ णं जे से वायरत्रोंदिकलेवरे तओ णं वाससए २ गए एगमेगं गंगावालयं अवहाय जावतिएणं कालेणं से कोट्टे खीणे णीरए निलेवे निट्टिए भवति सेत्तं सरे सरप्यमाणे, एएणं सरप्पमाणेणं तिनि सरसयसादस्सीओ से एगे महाकप्पे चउरासीई महाकप्पसयसदस्साई से एगे महामाणसे, अनंताओ संजूहाओ जीवे चयं चइत्ता उवरिले माणसे संजू देवे उबवज्जति से णं तत्थ दिव्वाई भोगभोगाई भुजमाणे विहरइ ता ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं टिइक्खएणं अनंतरं चयं चहत्ता पढमे सन्निगभे जीवे पचायाति से णं तओहिंतो अनंतरं उब्वट्टित्ता मझिले माणसे संजूहे देवे उबवज्जइ, से णं तत्थ दिव्वाई भोगभोगाई जाव विहरिता ताओ देवलोयाओ आउ जाव चइत्ता दोचे सन्निगभे जीत्रे पचायावि, से तहिंतो अनंतरं उच्चट्टित्ता हेट्टिले माणसे संजू देवे उबवज्जइ से णं तत्थ दिव्वाई जाव चइत्ता तथे सन्निगन्भे जीवे पच्चायाति से णं तओहिंतो जाव उच्चट्टित्ता उवरिले माणुसुत्तरे संजूहे देवे उपवज्जति से णं तत्थ दिव्वाई भोग जाव चत्ता चउत्थे सनिगच्भे जीवे पच्चायाति से णं तओहिंतो अनंतरं उच्चद्वित्ता मज्झिमाणुसुत्तरे संजू देवे उववज्जति से णं तत्थ दिव्वाई जाव चइत्ता पंचमे सन्निगभे जीवे पच्चायाति से णं तओहिंतो अनंतरं उच्चट्टित्ता हिट्टिले माणुसुत्तरे संजूहे देवे उववज्जति से णं तत्य दिव्वाई भोग जाब चइत्ता उट्टे सन्निगमे जीवे पच्चायाति से तओहिंतो अनंतरं उब्बद्वित्ता बंभलोगे नाम से कप्पे पं० पाईणपडीणायते उदीणदाहिणविच्छिले जहा ठाणपदे जाव पंच बडेंसगा पं० तं असोगवडेंसए जाव पडिरूवा, से णं तत्थ देवे उववज्जइ, से णं तत्थ दस सागरोवमाइं दिव्वाई भोग जाव चइत्ता सत्तमे सन्निगभे जीवे पच्चायाति से णं तत्थ नवण्डं मासाणं बहुपडिपुत्राणं अट्टमाण जाव वीतिकंताणं सुकुमालगभद्दलए मिउकुंडल कुंचियकेसए मट्टगंडतलकनपीढए देवकुमारसप्प भए दारए पयायति, से णं अहं कासवा !, तेणं अहं आउसो ! कासवा ! कोमारियपव्वज्जाए कोमारएणं बंभचरवासेणं अविद्धकन्नए चैव संखाणं पडिलभामि त्ता इमे सत्त पउपरिहारे परिहरामि तं एणेज्जगस्स महरामस्स माडमंडियस्स रो (प्र० रा ) हस्स भारदाइस्स अज्जुणगस्स गोयमपुत्तस्स गोसालस्स मंत्रलिपुत्तस्स, तत्थ ण जे से पढमे पड़परिहारे से णं रायगिहस्स नगरस्स चहिया मंडियकुच्छिंसि चेयंसि उदाइस्स फुंडियायणस्स सरीरं विप्पजहामि त्ता एणेज्जगस्स सरीरगं अणुप्यविसामि सा बाबीसं वासाई पढमं पउट्टपरिहारं परिहरामि तत्थ णं जे से दोचे पउपरिहारे से उद्दंडपुरस्स नगरस्स बहिया चंदोयरणंसि चेइयंसि एणेजगस्स सरीरगं विष्पजहामि ता महरामस्स सरीरंगं अणुष्पविसामि त्ता एकवीस वासाई दोच्चं पउट्टपरिहारं परिहरामि तत्थ णं जे से तचे पउट्टपरिहारे सेणं चंपाए नगरीए बहिया अंगमंदिरंमि चेइयंसि महरामस्स सरीरंगं विष्पजहामि त्ता महमंडियस्स सरीरंगं अणुप्पविसामि ता बीसं वासाई तच पट्टपरिहारं परिहरामि तत्थ णं जे से चउत्थे पउट्टपरिहारे से णं वाणारसीए नगरीए बहिया काममद्दावणंसि चेइयंसि मंडियस्स सरीरगं चिप्पजहामि त्ता रोहस्स सरीरंग अणुष्पविसामि त्ता एकूणवीसं वासाइ य चउत्थं पट्टपरिहारं परिहरामि तत्थ णं जे से पंचमे पउट्टपरिहारे से णं आलभियाए नगरीए बहिया पत्तकालयंसि चेइयंसि रोहस्स सरीरगं विप्पजद्दामि त्ता भारदाइस्स सरीरगं अणुष्पविसामि त्ता अट्ठारस वासाई पंचमं पउट्टपरिहारं परिहरामि तत्थ णं जे से छुडे पट्टपरिहारे से णं वेसालीए नगरीए बहिया कोंडियायणंसि चेइयंसि भारदाइयस्स सरीरगं विप्पजामि त्ता अज्जुणगस्स गोयमपुत्तस्स सरीरगं अणुष्पविसामि त्ता सत्तर वासाई छट्ट पट्टपरिहारं परिहरामि तत्थ णं जे सत्तमे पउट्टपरिहारे से णं इहेब सावत्थीए नगरीए हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावर्णसि अज्जुणगस्स गोयमपुत्तस्स सरीरगं विष्पजहामि त्ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं अलं थिरं ध्रुवं धारणिजं सीयसहं उपहसहं सुहास विविहदसमसगपरीसहोवसम्गसहं थिरसंघयणंतिकट्टु तं अणुप्यविसामि त्ता से णं सोलस बासाई इमं सत्तमं पउट्टपरिहारं परिहरामि एवामेच आउसो ! कासवा एगेणं तेत्तीसेणं वाससएणं सत्त पट्टपरिहारा परिहरिया भवतीतिमवाया, तं सुट्ट् णं आउसो! कासवा ! ममं एवं वयासी साधु णं आउसो ! कासवा ! ममं एवं वयासी गोसाले मंखलिपुत्ते ममं धम्मंतेवासित्ति २ । ५५० । तए णं समणे भगवं महावीरे गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी गोसाला! से जहानामए- तेणए सिया गामेइएहिं परम्भमाणे २ कत्थई गड्ड वा दरिं वा दुग्गं वा णिनं वा पव्वयं वा विसमं वा अणस्सादेमाणे एगेणं महं उन्नालोमेण वा सणलोमेण वा कप्पासपम्हेण वा तणसूण वा अत्ताणं आवरेत्ताणं चिट्टेज्जा से णं अणावरिए आवरियमिति अप्पाणं मन्नइ अपच्छपणे य पच्छण्णमिति अप्पानं मन्नति अणिलुके णिलुकमिति अप्पाणं मन्नति अपलाए पठायमिति अप्पाणं मन्नति एवामेव तुमपि गोसाला ! अणने संते अन्नमिति अप्पाणं उवलभसि तं मा एवं गोसाला!, नारिहसि गोसाला!, सच्चैव ते सा छाया. नो अन्ना । ५५१। तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वृत्ते समाणे आसुरुतेः समणं भगवं महावीरं उच्चावयाहि आउसणाहि आउसति त्ता उच्चावयाहिं उसणाहिं उद्धंसेति त्ता उच्चावयाहिं नित्र्भंछणाहिं नित्र्भंछेति त्ता उच्चावयाहि निच्छोडणाहि निच्छोडेति त्ता एवं क्यासी नट्टे सि कदाइ विणट्टे सि कदाइ महेऽसि कयाइ नहुविणट्टभट्टे सि कदायि अज्ज! न भवसि नाहि ते ममाहिंतो सुहमस्थि । ५५२ । द्वेषं कालेः समणस्स भगवओ म० अंतेवासी पाई (प्र० पडि) णजाणवए सव्वाणुभूती णामं अणगारे पगइभहए जाब विणीए धम्मायरियाणुरागेणं एयमहं असद्दहमाणे उडाए उद्वेति त्ता जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवा० त्ता गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी जेऽवि ताव गोसाला! तद्दारुवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतियं एगमवि आयरियं धम्मियं सुवयणं निसामेति सेऽवि ताव वंदति नम॑सति जाव कडाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासइ, किमंग पुण तुमं गोसाला! भगवया चैव पब्वाविए भगवया चैव मुंडाविए भगवया चैव सेहाविए भगवया चैव सिक्खाविए भगवया चैव बहुस्सुतीकए भगवओ चेव मिच्छं विप्पडिबन्ने, तं मा एवं गोसाला ! ३११ श्रीभगवत्यं रात-१५ मुनि दीपरत्नसागर Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AASPICASTEASPIRMIRPERSPENSHIRSADHIKSPSP2418570640PERTSSASHASABP8528H8HRSPARASHAN नारिहसि गोसाला ! सच्चेव ते सा छाया नो अन्ना, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सव्वाणुभूतिणा अणगारेणं एवं वृत्ते समाणे आसुरुत्ते सव्वाणुभूति अणगारं तवेणं तेएणं एगाह जाव भासरासिं करेति, तए णं से गोसाले मंखलि. पुत्ते सव्वाणुभूतिं अणगारं तवेणं तेएणं एगाहचं कुडाहचं जाव भासरासिं करेत्ता दोच्चपि समणं भगवं महावीरं उचावयाहिं आउसणाहिं आउसइ जाव सुहं नस्थि, तेणं कालेण० समणस्स भगवओ महावीरस्म अंतेवासी कोसलजाणवए मुणक्यत्ते णामं अणगारे पगइभदए विणीए धम्मायरियाणुरागेणं जहा सब्बाणुभूती तहेच जाय सचेव ते सा छाया नो अन्ना, तए णं से गोसाले मेखलिपुत्ते सुणक्खत्तेणं अणगारेणं एवं कुत्ते समाणे आसुरुत्ते. सुनक्वत्तं अणगारं तवेणं तेएणं परितावेइ, तए णं से सुनक्वत्ते अणगारे गोसालेणं मखलिपुत्तेणं तवेणं तेएणं परिताविए समाणे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उपागच्छद ना समणं भगवं महावीर तिक्खुत्तो० वंदइनमसइत्ता सयमेव पंच महब्बयाई आरुभेति ता समणा य समणीओ य खामेइत्ता आलोइयपडिकंते समाहिपत्ते आणुपुवीए कालाए, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सुनक्खत्तं अणगारं तवेणं तेएणं परितावेत्ता तचंपि समणं भगवं महावीर उचावयाहि आउसणाहिं आउसति सव्वं तं चेव जाव सुहं नत्थि, तए णं समणे भगवं महावीर गोसालं मखलिपुत्तं एवं वयासी-जवि ताव गार तं चेव जाब सहनस्थि, तए णं समणे भगवं महावीरे गोसालं मखलिपुत्तं एवं वयासी-जेवि ताव गोसाला! तहारुवस्स समणस्स वा माइणस्स वा तं चेव जाव पजुवासेइ.किमंग पुण गोसाला ! तुम मए चेव पव्याविए जाच मए व बहुस्सुईकए ममं चेव मिच्छ विपडिवन्ने, तं मा एवं गोसाला ! जाव नो अचा, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते नेयासमुग्घाएणं समोहनइत्ता सत्तट्ट पयाई पचोसका ता समणस्स भगवओ महावीरस्स बहाए सरीरगंसि तेयं निसिरति से जहानामए वाउकलियाइ वा वायमंडलियाइ वा सेलंसि वा कुडंसि बा भंसि वा थूभंसि वा आचारिजमाणी या निवारिजमाणी वा सा णं तत्थ णो कमति नो पक्कमति एवामेब गोसालस्सवि मंखलिपुत्तस्स तवे तेए समणस्स भगवओ महावीरस्स वहाए सरीरगंसि निसिट्टे समाणे से णं तत्थ नो कमति नो पक्कमति अंचियंचिं करेति ता आयाहिणपयाहिणं करेति त्ता उड्ढे वेहासं उप्पइए, से णं तओ पडिहए पडिनियत्ते समाणे तमेव गोसालम्स मखलिपुत्तस्स सरीरगं अणुडहमाणे २ अंतो २ अणुष्पविटे, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सएणं तेएणं अन्नाइट्टे समाणे समर्ण भगवं महावीरं एवं बयासी-तुमं णं आउसो ! कासवा ! ममं तवेणं तेएणं अन्नाइडे समाणे अंतो छण्डं मासाणं पित्तजरपरिगयसरीर दाहवकंतीए छउमत्थे चेव कालं करेस्ससि, तए णं समणे भगवं महावीरे गोसालं । मखलिपुत्तं एवं वयासी-नो खलु अहं गोसाला ! तव तवेणं तेएणं अन्नाइढे समाणे अंतो छण्हं जाव कालं करेस्सामि, अनं अण्णाई सोलस वासाई जिणे सुहत्थी विहरिस्सामि, तुम णं गोसाला ! अप्पणा चेव सयेणं तेएणं अन्नाइटे समाणे अंतो सत्तरत्तस्स पित्तज्जरपरिगयसरीरे जाव छउमस्थे चेव कालं करेस्ससि, तए णं सावत्थीए नगरीए सिंघाडगजावपहेसु बहुजणो अन्नमस्स एवमाइक्खइ जाय एवं परूवेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया! सावत्थीए नगरीए चहिया कोट्टए चेइए दुवे जिणा संलवंति, एगे बयति-तुमं पुब्बिं कालं करेस्ससि एगे वदति-तुमं पुर्वि कालं करेस्ससि, तत्थ णं के पुण सम्मावादी के पुण मिच्छावादी?, तत्थ णं जे से अहप्पहाणे जणे से वदति-समणे भगवं महावीरे सम्मावादी गोसाले मंखलिपुत्ते मिच्छावादी, अजोति समणे भगवं महावीरे समणे निमांथे आमंतेत्ता एवं वयासी-अजो ! से जहानामए तणरासीइ वा कट्टरासीइ वा पत्तरासीड वा तयारासीइ वा तुसरासीइ वा भुसगसीइ वा गोमयरासीइ वा अबकररासीइ वा अगणिझामिए अगणिसिए अगणिपरिणामिए हयतेये गयतेये नट्ठतेये भट्टतेये लुत्ततेए विणट्ठतेये जायइ एवामेव गोसाले मंखलिपुत्ते मम वहाए सरीरगंसि तेयं निसिरेत्ता हयतेये गयतेये जाव विणट्टतेये जाए, तं उंदेणं अज्जो! तुझे गोसालं मंखलिपुत्तं धम्मियाए पटिचोयणाए पडिचोएह त्ता धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारेह त्ता धम्मिएणं पडोयारेणं पडोयारेह त्ता अडेहि य हेऊहि य पसिणेहि य वागरणेहि य कारणेहि य निष्पट्टपसिणवागरणं करेह, तए णं ते समणा निग्गंधा समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ता समाणा समणं भगवं महावीरं बंदति नमसंति त्ता जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छति त्ता गोसालं मंखलिपुतं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिवोएंति त्ता धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारैति त्ता धम्मिएणं पडोयारेण पडोयारेति त्ता अट्टेहि य हेऊहि य कारणेहि य जाव वागरणं च करेंति, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते समणेहिं निग्गयहि धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोतिजमाणे जाव निप्पट्टपसिणवागरणे कीरमाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे नो संचाएति समणाणं निग्गंधाणं सरीरगस्स किंचि आवाई वा वाचाहं वा उप्पाएत्तए छविच्छेदं वा करेत्तए, तए णं ते आजीविया थेग गोसालं मंखलिपुत्तं समणेहिं निग्गंधेहिं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोएजमाणं धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारिजमाणं धम्मिएणं पडोयारेण य पडोयारेजमाणं अद्वेहि य हेऊहि य जाव कीरमाणं आसुरुतं जाव मिसिमिसेमाणं समणाणं निम्गंथाणं सरीरगस्स किंचि आवाहं वा वाचाहं वा छविच्छेदं वा अकरेमाणं पासंति त्ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अंतियाओ आयाए अबकमंति त्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उनागच्छंति त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आया. वंदंति नमसंति त्ता समणं भगवं महावीरं उवसंपजित्ताणं विहरंति, अत्थेगइया आजीविया थेरा गोसालं चेव मंखलिपुत्तं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति, तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ने जस्सट्ठाए हव्वमागए तमट्टं असाहेमाणे रुंदाई पलोएमाणे दीहुण्हाइं नीसासमाणे दाढियाए लोमाई लुंचेमाणे अवडं कंडूयमाणे पुयलिं पष्फोडेमाणे हत्थे विणिदुणमाणे दोहिवि पाएहिं भूमि कोट्टेमाणे हाहा अहो! हओऽहमस्सीतिकट्टू समणस्स भ० महा० अंतियाओ कोट्टयाओ चेइयाओ पडिनिक्खमति त्ता जेणेव सावत्थी नगरी जेणेब हालाहलाए कंभकारीए कंभकारावणे तेणेव उवागच्छड ताहालाहलाए कंभकारीए कंभकारावणंसि अंचकणम हत्थगए मजपाणगं पियमाणे अभिक्खणं गायमाणे अभिक्खणं नचमाणे अभिक्खणं हालाहलाए कुंभकारीए अंजलिकम्मं करेमाणे सीयलएणं मट्टियापाणएणं आयंचणिउदएणं गायाई परिसिंचमाणे विहरति ।५५३॥ अजोति समणे भगवं महावीरे समणे निग्गंथे आमंतेत्ता एवं वयासी-जापतिए णं अज्जो ! गोसालेणं मखलिपुत्तेणं ममं वहाए सरीरगंसि तेये निसट्टे से णं अलाहि पज्जत्ते सोलसण्डं जणवयाणं तं०-अंगाणं वंगाणं मगहाणं मलयाण मालवगाणं अत्याणं वत्थाणं कोत्याणं पाढा (प० ढगा) णं लाढाणं बजाणं मोली(प० माला)णं कासीणं कोसलाणं अबाहाणं सुंभुत्तराणं घाताए बहाए उच्छादणयाए भासीकरणयाए, जंपिय अजो! गोसाले मंखलिपुत्ते हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि अंचकूणगहत्थगए मजपाणं पियमाणे अभिक्खणं जाव अंजलिकम्मं करेमाणे विहरइ तस्सविय णं वजस्स पच्छादणट्टयाए इमाई अट्ट चरिमाई पनवेति, तं०- चरिमे पाणे चम्मेि गेगे नगि -1 ३१२ श्रीभगवत्यंग-क्षा-१४ मुनि दीपरनसागर 1-665826H2OPIRANSPIRAB648HION/SPARSHMAOPRM087850080PCLOPMEPTEMBPHIBPICNISHESA6%8342780 Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नट्टे चरिमे अंजलिकम्मे चरिमे पोक्खलसंवट्टए महामेहे चरिमे सेयणए गंधहत्थी चरिमे महासिलाकंटए संगामे अहं च णं इमीसे ओसप्पिणीए चडवीसाए तित्थकराणं चरिमे तित्थकरे सिज्झिस्सं जाव अंतं करेस्सं, जंपिय अज्जो ! गोसाले मंखलिपुत्ते सीयलएणं मट्टियापाणएणं आयंचणिउदएणं गायाइं परिसिंचमाणे विहरइ तस्सविय णं वञ्चस्स पच्छादण्डयाए इमाई चत्तारि पाणगाई पन्नवेति से किं तं पाणए ?, पाणए चउब्विहे पं० तं० गोपुट्ठए हत्थमहियए आयवतत्तए सिलाप भट्टए, सेत्तं पाणए से किं तं अपाणए ?, अपाणए चविहे पं० तं० थालपाणए त ( SH ) यापाणए सिंबलिपाणए सुदपाणए से किं तं थालपाणए १, २ जण्णं दाथालगं वा दावारगं वा दाकुंभगं वा दाकलसं वा सीयलगं उल्लगहत्थेहिं परामुसइ न य पाणियं पियइ सेत्तं थालपाणए से किं तं तयापाणए १, २ जण्णं अंचं वा अंबाडगं वा जहा पओगपदे जाव बोरं वा तिंदुरुयं वा तरुणगं आमगं आसगंसि आवीलेति वा पवीलेति वा न य पाणियं पियइ सेत्तं तयापाणए से किं तं सिंबलिपाणए १, २ जण्णं कलसंगलियं वा मुम्गसिंगलियं वा माससंगलियं वा सिंबलिसंगलियं वा तरुणियं आमियं आसगंसि आवीलेति वा पवीलेति वा ण य पाणियं पियति सेत्तं सिंबलिपाणए, से किं तं सुद्धपाणए १, २ जण्णं छम्मासे सुखाइमं खाइति दो मासे पुढविसंथारोवगए दो मासे कट्टसंथारोवगए दो मासे दब्भसंथारोवगए, तस्स णं बहुपडिपुन्नाणं छष्टं मासाणं अंतिमराइए इमे दो देवा महढिया जाब महेसक्खा अंतियं पाउन्भवंति, तं० पुन्नभद्दे य माणिभद्दे य, तए णं ते देवा सीयलएहिं उल्लएहिं हत्थेहिं गायाई परामसंति जे णं ते देवे साइज्जति से णं आसीविसत्ताए कम्मं पकरेति, जे णं ते देवे नो साइज्जति तस्स णं संसि सरीरगंसि अगणिकाए संभवति, सेणं सरणं तेएणं सरीरगं झामेति ता तओं पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेति, सेत्तं सुद्धपाणए, तत्थ णं सावत्थीए नयरीए अयंपुले णामं आजीविओवासए परिवसइ अड्ढे जहा हालाहला जाव आजीवियसमएणं अप्पाणं भावेमाणे विहरति, तए णं तस्स अयंपुलस्स आजीविओवासगस्स अन्नया कदायि पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुटुंबजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अम्भस्थिए जाव समुप्पज्जित्था किंसंठिया हल्ला पं० १ तए णं तस्स अयंपुलस्स आजीओवासगस्स दोचंपि अयमेयारूवे अग्भन्थिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु ममं धम्मायरिए धम्मोवदेसए गोसाले मंखलिपुत्ते उप्पन्ननाणदंसणधरे जाव सव्वन्नू सव्वदरिसी इहेब सावत्थीए नगरीए हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि आजीवियसंघसंपरिबुडे आजीवियसमएणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, तं सेयं खलु मे काडं जाव जलते गोसालं मंखलिपुत्तं वंदित्ता जाव पज्जुवासेत्ता इमं एयारूवं वागरणं वागरित्तएत्तिकट्टु एवं संपेहेति त्ता का जाव जलते व्हाए कय जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे साओ गिहाओ पडिनिक्खमति त्ता पायविहारचारेण सावत्थि नगरिं मज्झमज्झेणं जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे तेणेव उवा ० त्ता पासइ गोसालं मंखलिपुत्तं हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि अंत्रकूणगहत्थगयं जाव अंजलिकमं करेमाणं सीयलएणं मट्टिया जाब गायाई परिसिंचमाणं पासइ त्ता लजिए विलिए विड्डे सणियं २ पचोसकइ तए णं ते आजीविया थेरा अयंपुलं आजीवियोवासगं लज्जियं जाव पश्चोसकमाणं पासंति त्ता एवं क्यासीएहि ताव अयंपुला ! एतओ, तए णं से अयंपुले आजीवियोवासए आजीवियथेरेहिं एवं वृत्ते समाणे जेणेव आजीविया थेरा तेणेव उवागच्छइ ता आजीविए घेरे वंदति नम॑सति ता नच्चासन्ने जाव पज्जुवास, अयंपुलाइ आजीविया थेरा अयंपुलं आजीवियोवासगं एवं व० से नृणं ते अयंपुला ! पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि जाव किंसंठिया हल्ला पं० १. तए णं तव अयंपुला! दोच्चंपि अयमेयाः तं चैव सव्वं भाणियव्वं जाव सावस्थि नगरिं मज्झमज्झेणं जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे जेणेव इहं तेणेव हव्वमागए, से नृणं ते अयंपुला ! अट्ठे समट्ठे ?, हंता अस्थि, जंपिय अयंपुला ! तव धम्मायरिए धम्मोवदेसए गोसाले मंखलिपुत्ते हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि अंबकूणगहत्थगए जाव अंजलि करेमाणे विहरति तत्थवि णं भगवं इमाई अट्ठ चरिमाई पं० तं० चरिमे पाणे जाव अंतं करेस्सति, जेऽवि य अयंपुला ! तव धम्मायरिए धम्मोपदेसर गोसाले मंखलिपुत्ते सीयलएणं मट्टिया जात्र विहरति तत्यवि णं भगवं इमाई चत्तारि पाणगाई चत्तारि अपाणगाई पं०, से किं तं पाणए १, २ जाव तओ पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेति तं गच्छ णं तुमं अयंपुला एस चैव तव धम्मायरिए धम्मोवदेसए गोसाले मंखलिपुत्ते इमं एयारूवं वागरणं वागरेहिति, तए णं से अयंपुले आजीवियोवासए आजीविएडिं थेरेहिं एवं वृत्ते समाणे हट्टतुट्टे उडाए उद्वेति ता जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव पहारेत्थ गमणाए, तए णं ते आजीविया थेरा गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अंधकूणगण्डावणट्टयाए एगंतमंते संगारं कुव्वन्ति, तर णं से गोसाले मंखलिपुत्ते आजीवियाणं थेराणं संगारं पडिच्छ ता अंबकूणगं एगंतमंते एडेइ, तए णं से अयंपुले आजीवियोवासए जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागः त्ता गोसालं मंखलिपुत्तं तिक्खुत्तो जाव पज्जुवासति, अयंपुलादी गोसाले मंखलिपुत्ते अयंपुलं आजीवियोवासगं एवं वयासी से नूणं अयंपुला! पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि जाव जेणेव ममं अंतियं तेणेव हव्यमागए, से नूर्ण अयंपुला! (प्र० अस्थि) अट्ठे समट्ठे ?, हंता अस्थि, तं नो खलु एस अंबकूणए, अंबचोयए णं एस, किंसंठिया हल्ला पं०१, बंसीमूलसंठिया हल्ला पं०, बीणं वाएहि रे ३१३ श्रीभगवत्यंग - स-२५ मुनि दीपरत्नसागर Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, तए णं से अयंपुले आजीवियोवासए गोमालेणं मंखलिपुत्तेणं इमं एयारूवं वागरणं वागरिए समाणे हट्टे जाब हियए गोसालं मंखलिपुत्तं वंदति पसिणाई पुच्छइ ता अट्ठाई परियादियइ ता उट्टाए उद्वेति त्ता गोसालं मंखलिपुत्तं वंदति जाव पडिगए। तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते अप्पणो मरणं आभोएइ ता आजीविए थेरे सहावेइ त्ता एवं बयासी तुज्झे णं देवाप्पिया! ममं कालगयं जाणेत्ता सुरभिणा गंधोदरणं व्हाणेह त्ता पम्हलसुकुमालाए गंधकासाईए गायाई रहेह ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं गायाई अणुलिप त्ता महरिहं हंसलक्खणं पडसाडगं नियंसेह ना सव्यालंकारविभूसियं करेह त्ता पुरिससहस्सवाहिणि सीयं दूरुहेह त्ता सावत्थीए नयरीए सिंघाडगजावपहेसु महया २ सद्देणं उग्घोसेमाणा २ एवं वदह एवं खलु देवाणुप्पिया! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलाबी जाव जिणसद्द पगासेमाणे विहरित्ता इमीसे ओसप्पिणीए चउवीसाए तित्थयराणं चरिमतित्थयरे सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे, इढिसक्कारसमुदएणं मम सरीरगस्स णीहरणं करेद्द, तए णं ते आजीविया थेरा गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स एयमहं विणएणं पडिसुर्णेति । ५५४। तए णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सत्तरत्तंसि परिणममाणंसि पडिलद्धसम्मत्तस्स अयमेयारूवे अम्भत्थिए जाव समुप्यजित्था णो खलु अहं जिणे जिणप्पलाची जाव जिणसहं पगासेमाणे विहरंति, अहं च णं गोसाले चेव मंखलिपुत्ते समणघायए समणमारए समणपडिणीए आयरियउवज्झायाणं अयसकारए अवन्नकारए अकित्तिकारए बहूहिं असम्भावुभावणाहिं मिच्छत्ताभिनिवेसेहि य अप्पाणं च परं च तदुभयं च बुग्गाहेमाणे वुप्पाएमाणे विहरित्ता सरणं तेएणं अन्नाइट्ठे समाणे अंतो सत्तरत्तस्स पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवतीए छउमत्थे चेव कालं करेस्सं, समणे भगवं महावीरे, जिणे जिणप्पलाची जाव जिणसहं पगासेमाणे विहरइ, एवं संपेहेति ता आजीविए थेरे सहावेइ त्ता उच्चावयसवह साविए करेति त्ता एवं क्यासीनो खलु अहं जिणे जिणप्पलावी जाव पकासेमाणे विहरन्ति, अहन्नं गोसाले मंखलिपुत्ते समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालं करेस्सं, समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसद पगासेमाणे विहरह, तं तुझे णं देवाणुप्पिया! ममं कालगयं जाणेत्ता वामे पाए सुंबेणं बंधह ता तिक्खुत्तो मुहे उठ्ठहह त्ता सावत्थीए नगरीए सिंघाडगजावपहेसु आकट्टिविकिडि करेमाणा महया २ सद्देणं उग्घोसेमाणा २ एवं वदह-नो खलु देवाणुप्पिया! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव विहरिए, एस णं गोसाले चेव मंखलिपुत्ते समणघायंए जाव छमत्थे चेव कालगए, समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव विहरह, महया अणिढीअसकारसमुदएणं ममं सरीरगस्स नीहरणं करेजाह, एवं वदिता कालगए। ५५५ । तए णं आजीविया थेरा गोसालं मंखलिपुत्तं कालगयं जाणित्ता हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स दुबाराई पिर्हेति ता हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स बहुमज्झदेसभाए सावस्थि नगरिं आलिहंति त्ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं वामे पादे सुंबेणं बंधंति त्ता तिक्खुत्तो मुहे उट्ठहंति ता सावत्थीए नगरीए सिंग्घाडगंजाबपहेसु आकट्टिविकट्ठि करेमाणा णीयं २ सद्देणं उग्घोसेमाणा २ एवं क्यासीनो खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलाची जाब बिहरिए, एस णं गोसाले चेत्र मंखलिपुत्ते समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालगए, सम० भ० महा० जिणे जिणप्प जाव विहरइ. एवं सवहपडिमोक्खणगं करेंति सा दोचंपि पूयासकारथिरीकरणट्टयाए गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स वामाओ पादाओ सुंब मुयंति त्ता हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स दुवारवयणाई अवगुणंति ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरंगं सुरभिणा गंधोदपूर्ण व्हार्णेति तं चैव जात्र महया इढिसक्का • रसमुदएणं गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगस्स नीहरणं करेंति । ५५६ । तए णं सम० भ० म० अन्नया कदाई सावत्यीओ नगरीओ कोट्टयाओ चेइयाओ पडिनिक्खमति ता वहिया जणवयविहारं विहरइ, तेणं कालेणं० मेंढियगामे नाम नगरं होत्था बनाओ, तस्स णं मॅढियगामस्स नगरस्स बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए एत्थ णं सालकोइए नाम चेइए होत्था बन्नओ जाव पुढवीसिलापट्टओ, तस्स णं सालकोट्टगस्स चेइयस्स अदूरसामंते एत्थ णं महेंगे मालुयाकच्छए यावि होत्था किण्हे किण्होभासे जाव निकुंबभूए पत्तिए पुष्फिए फलिए हरियगरेरिज्जमाणे सिरीए अतीव २ उसोभेमाणे चिट्ठति, तत्थ णं मँढियगामे नगरे रेवती नामं गाहावइणी परिवसति अड्ढा जाव अपरिभूया, तए णं समणे भगवं महावीरे अनया कदायि पुव्वाणुपुव्वि चरमाणे जाव जेणेव मेंडियगामे नगरे जेणेव साण (ल) कोट्ठे थेइए जाब परिमा पडिगया, तए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स सरीरगंसि विपुले रोगाके पाउन्भूए उज्जले जाव दुरहियासे पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवकतीए यावि विहरति, अवियाई लोहियनचाईपि पकरेइ, चाउच्वन्नं वागरेति एवं खलु समणे भ० महा० गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स तवेणं तेएणं अन्नाइडे समाणे अंतो छण्डं मासाणं पित्तज्जरपरिमयसरीरे दाहवकंतीए छउमत्थे चेव कालं करेस्सति, तेणं कालेणं समणस्स भग० महा० अंतेवासी सीहे नाम अणगारे पगइभहए जाव विणीए माझ्याकच्छगस्स अदूरसामंते छछद्वेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्ढं बाहा जाव विहरति, तए णं तस्स सीहस्स अणगारस्स झाणंतरियाए ववमाणस्स अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु ममं धम्मायरियस्स धम्मोवदेसगस्स समणस्स भगवओ महावीरस्स सरीरगंसि चिउले रोगायंके पाउच्भूए उज्जले जाव छउ ३१४ श्रीभगवत्यं तं २५ मुनि दीपरत्नसागर Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PORNSPE488487CARRYIRSNOPHENRBELOPICSSIPORYRHAB%85-161058-PRIMASP048P8WEBAAPIONSHI882 मत्थे चेव कालं करिस्सति, वदिस्संति य णं अन्नतिस्थिया छउमत्थे चेव कालगए, इमेणं एयारूवेणं महया मणोमाणसिएणं दुक्खेणं अभिभूए समाणे आयावणभूमीओ पचोरुभइ त्ता जेणेव मालयाकच्छए तेणेव उवा ता मालयाकच्छगं अंतो २ अणुपविसइ त्ता महया २ सद्देणं कुहकहस्स परुन्ने, अजोत्ति समणे भगवं महावीरे समणे निगथे आमंतेति त्ता एवं वयासी-एवं खलु अज्जो ! ममं अंतेवासी सीहे नाम अणगारे पगइभदए तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाब परुन्ने, तं गच्छह णं अजो! तुझे सीहं अणगारं सहह, तए णं ते समणा माणा समणं भगर्व महावीरं वनात्ता समणस्स भग०म० अंतियाओ साणकोद्रयाओ चेडयाओ पडिनिक्खमंतिता जेणेव मालया. कच्छए जेणेव सीहे अणगारे तेणेव उवागच्छंति त्ता सीहं अणगारं एवं वयासी-सीहा! तव धम्मायरिया सद्दावेति, तए णं से सीहे अणगारे समणेहिं निग्गंथेहिं सदि मालुयाकच्छगाओ पडिनिक्खमति त्ता जेणेव साणकोट्ठए चेहए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवा०त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आ० जाव पज्जुवासति, सीहादी समणे भगवं महावीरे सीहं अणगारं एवं वयासी-से नूणं ते सीहा! झाणंतरियाए वट्टमाणस्स अयमेयारुवे जाच परुने, से नूणं ते सीहा ! अढे समढे?, हंता अस्थि, तं नो खलु अहं सीहा ! गोसालस्स मंखलिपुतस्स तवेणं तेएणं अन्नाइट्ठे समाणे अंतो छण्हं मासाणं जाव कालं करेस्सं, अहनं अन्नाई अद्धसोलस वासाइं जिणे सुहत्थी विहरिस्सामि, तं गच्छ णं तुम सीहा ! मेंढियगाम नगरं रेवतीए गाहावतिणीए गिहे तत्थ णं रेवतीए गाहाचतिणीए ममं अट्ठाए दुवे कवोयसरीरा उवक्खडिया तेहिं नो अट्ठो, अस्थि से अन्ने पारियासिए मज्जारकडए कुकुडमंसए तमाहराहि एएणं अट्ठो, तए णं से सीहे अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं बुत्ते समाणे हद्द्तुढे जाव हियए समणं भगवं महावीरं वंदइ० अतुरियमचवलमसंभंतं मुहपोत्तियं पडिलेहेति त्ता जहा गोयमसामी जाव जेणेव समणे म०म० तेणेव उवा०त्ता समणं भ० महा० वंदन०त्ता समणस्स भ० महा० अंतियाओ साणकोट्ठयाओ चेइयाओ पडिनिक्खमति ता अतुरिय जाव जेणेव मेंढियगामे नगरे तेणेव उवा० मेंढियगाम नगरं मज्झमझेणं जेणेव रेवतीए गाहावइणीए गिहे तेणेव उवा०त्ता रेवतीए गाहावतिणीए गिहं अणुप्पविट्टे, तए णं सा रेवती पासतित्ता हट्टतुट्ठ०खिप्पामेव आसणाओ अब्भुट्टेइत्ता सीहं अणगारं सत्तट्ट पयाई अणुगच्छदत्ता तिक्खुत्तो आया०वंदति एवं बयासी-संदिसंतु णं देवाणुप्पिया! किमागमणप्पयोयणं?, तएणं से सीहे अणगारे रेवति गाहावइणिं एवं वयासी-एवं खलु तुमे देवाणुप्पिए! समणस्स अट्टाए दुवे कवोयसरीरा उवक्खडिया तेहिं नो अत्यो, अस्थि ते अन्ने पारियासिए मजारकडए कुकुडमंसए एयमाहराहि, तेणं अट्ठो, तए णं सा रेवती गाहावइणी सीहं अणगारं एवं वयासी-केस णं सीहा !से णाणी वा तवस्सी वा जे णं तव एस अट्टे मम ताव रहस्सकडे हव्वमक्खाए जओ णं तुमं जाणासि?,एवं जहा खंदए जाव जओणं अहं जाणामि, तए णं सा रेवती गाहावतिणी सीहस्स अणगारस्स अंतियं एयम१ सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठा जेणेव भत्तघरे तेणेव उवात्ता पत्तगं मोएति त्ता जेणेव सीहे अणगारे तेणेव उवात्ता सीहस्स अणगारस्स पडिग्गहगंसि तं सव्वं संमं निस्सिरति, तए णं रेवतीए गाहावतिणीए तेणं दव्वसुदेणं जाव दाणेणं सीहे अणगारे पडिलाभिए समाणे देवाउए निबढे जहा विजयस्स जाव जम्मजीवियफले २, तए णं से सीहे अणगारे रेवतीए गाहावतिणीए गिहाओ पडिनिक्खमति त्ता मेंढियगाम नगरं मझमझेणं निग्गच्छति त्ता जहा गोयमसामी जाव भत्तपाणं पडिदंसेति त्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स पाणिसितं सवं संमं निस्सिरति, तए णं समणे भगवं महावीरे अमुच्छिए जाव अणज्झोववन्ने विलमिव पन्नगभूएणं अप्पाणेणं तमाहारं सरीरकोट्ठगंसि पक्खिवति, तएणं समणस्स० तमाहारं आहारियस्स समाणस्स से विपुले रोगायंके खिप्पामेव उवसंते हढे जाए आरोगे बलियसरीरे तुहा समणा तुट्ठाओ समणीओ तुट्ठा सावया तुट्ठाओ सावियाओ तुट्ठा देवा तुट्ठाओ देवीओ मणुयासुरे लोए तुट्टे, हढे जाए समणे भगवं महावीरे २१५५७। भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महाबीरं वंदति एवं क्यासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी पाईणजा-2 णवए सव्वाणुभूती नाम अणगारे पगतिभदए जाब विणीए, से णं भंते ! तदा गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं तवेणं तेएणं भासरासीकए समाणे कहिं गए कहिं उववन्ने?, एवं खलु गोयमा! मम अंतेवासी पाईणजाणवए सव्वाणुभूती नामं अणगारे पगइभदए जाब विणीए, से णं तदा गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं तवेणं तेएणं भासरासीकए समाणे उड्डे चंदिमसूरियजावबंभलंतकमहासुके कप्पे बीइवइत्ता सहस्सारे कप्पे देवत्ताए उववन्ने, तत्थ णं अत्यंगतियाणं देवाणं अट्ठारस सागरोवमाई ठिती पं० तत्थ णं सव्वाणुभूतिस्सवि देवस्स अट्ठारस सागरोवमाई ठिती पं०, से णं भंते ! सव्वाणुभूती देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं जाच महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाय अंतं करेहिति, एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी कोसलजाणवए सुनक्खत्ते नाम अणगारे पगइभदए जाव विणीए, से णं भंते! तदा णं गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं तवेणं तेएणं परिताविए समाणे कालगए कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उववन्ने ?, एवं खल गोयमा! ममं अंतेवासी सुनक्खत्ते नामं अणगारे पगइभदए जाब विणीए, सेणं तदा गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं तवेणं तेएणं परिताविए समाणे ३१५ श्रीभगवत्यंग - सत-१५ मुनि दीपरत्नसागर Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवा ० वंदति० त्ता सयमेव पंच महव्वयाई आरुभेति ता समणा य समणीओ य खामेति त्ता आलोइयपडिकंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किया उड्ढ चंदिमसूरियजावआणयपाणयारणकप्पे वीईवइत्ता अच्चुए कप्पे देवत्ताए उववने, तत्थ णं अत्थेगतियाणं देवाणं बावीसं सागरोवमाई ठिती पं० तत्थ णं सुनक्खत्तस्सवि देवस्स बावीसं सागरोवमाई से जहा सव्वाणुभूतिस्स जाव अंतं काहिति । ५५८। एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी कुसिस्से गोसाले नाम मंखलिपुत्ते से णं भंते! गोसाले मंखलिपुत्ते कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिँ उबवन्ने ?, एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी कुसिस्से गोसाले नामं मंखलिपुत्ते समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालमासे कालं किच्चा उद्धं चंदिम जाव अच्चुए कप्पे देवत्ताए०, तत्थ णं अत्थेगः देवाणं बाबीसं सा० ठिती पं० तत्थ णं गोसालस्सवि देवस्स बाबीसं सा० ठिती पं० से णं भंते! गोसाले देवे ताओ देवलोगाओ आउ० जांब कहिं उपवज्जिहति ?, गोयमा ! इहेब जंबुद्दीवे २ भारहे वासे विंझगिरिपायमूले पुंडेसु जणवएस सयदुवारे नगरे संमुतिस्स रनो मदाए भारियाए कुच्छिसि पुत्तत्ताए पञ्चायाहिति, से णं तत्थ नवहं मा बहुप० जाव बीतिकंताणं जाव सुरूवे दारए पयाहिति, जं स्यणिं च णं से दारए जाइहिति तं स्यणिं च णं सयदुवारे नगरे सम्भितर बाहिरिए भारग्गसो य कुंभसोय पउवाले य रयणवासे य वासे वासिहिति, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो एक्कारसमे दिवसे वीतिकंते जाव संपत्ते बारसाहे दिवसे अयमेयारूवं गोण्णं गुणनिष्पन्नं नामधे काहिंति जम्हाणं अहं इमंसि दारगंसि जायंसि समाणंसि सयदुवारे नगरे सम्भितरबाहिरिए जाव रयणवासे बुद्धे तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स नामधेचं महापउमे २, तर णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो नामधेज्जं करेहिंति महापउमोत्ति, तए णं तं महापउमं दारगं अम्मापियरो सातिरेगडवासजायगं जाणित्ता सोभणंसि तिहिकरणदिवसनक्खत्तमुद्दत्तंसि महया २ रायाभिसेगेणं अभिसिंचेहिंति से णं तत्थ राया भविस्सति महयाहिमवंतमहंतवचओ जाव विहरिस्सइ, तए णं तस्स महापउमस्स रनो अन्नदा कदायि दो देवा महट्टिया जाव महे सक्खा सेणाकम्मं काहिंति, तं० पुनभद्दे य माणिभद्दे य, तए णं सयदुवारे नगरे बहवे राईसरतलवरजावसत्यवाप्पभिईओ अन्नमन्नं सदावेहिंति ता एवं बदेहिंति जम्हा णं देवाणुपिया ! अम्हं महापउमस्स रनो दो देवा महढिया जाव सेणाकम्मं करेंति तं० पुन्नभद्दे य माणिभद्दे य, तं होउ णं देवाणुप्पिया ! अम्हं महापउमस्स रनो दोच्चेऽवि नामधेचे देवसेणे २. तए णं तस्स महापउमस्स रनो दोच्चेऽवि नामधेजे भविस्सति देवसेणाति २, तए णं तस्स देवसेणस्स रनो अन्नया कयाई सेते संखतलविमलसन्निगासे चउदंते हस्थिरयणे समुप्पज्जिस्सइ, तए णं से देवसेणे राया तं सेयं संखतलविमलसन्निगासं चउदंतं हत्थिरयणं दुरूढे समाणे सयदुवारं नगरं मज्झमज्झेणं अभिक्खणं २ अतिजाहिति निज्जाहिति य, तए णं सयदुवारे नगरे बहवे राईसरजावपभिईओ अन्नमन्नं सहावेंति ता वदेहिंति जम्हा णं देवाणुप्पिया! अम्हं देवसेणस्स रन्नो सेते संखतलविमलसन्निकासे चउदंते हत्थिरयणे समुप्पन्ने तं होउ णं देवाणुप्पिया! अम्हं देवसेणस्स रन्नो तच्चेऽवि नामधेजे विमलवाहणे २, तए णं तस्स देवसेणस्स रन्नो तच्चेऽवि नामभेजे विमलवाहणाति २, तए णं से विमलवाहणे राया अन्नया कदायि समणेहिं निमांथेहिं मिच्छं विप्पडिवज्जिहिति अप्पेगतिए आउसेहिति अप्पेगतिए अवहसिहिति अप्पेगतिए निच्छोडेहिति अप्पेगतिए निग्भत्थेहिति अप्पेगतिए बंधेहिति अप्पेगतिए णिरुमेहिति अप्पेगतियाणं छविच्छेदं करेहिति अप्पेगतिए पमारेहिइ अप्पेगतिए उद्दवेहिति अप्पेगतियाणं वत्थं पडिग्गहं कंबलं पायपुंछणं आच्छिदिद्दिति विच्छि दिहिति भिंदिहिति अवहरिहति अप्पेगतियाणं भत्तपाणं वोच्छिदिहिति अप्पेगतिए णिनगरे करेहिति अप्पेगतिए निव्विसए करेहिति, तए णं सयदुवारे नगरे बहवे राईसर जाव वदिहिंति एवं खलु देवाणु ! विमलवाहणे राया समणेहिं निग्गंथेहिं मिच्छं विप्पडिवने अप्पेगतिए आउस्सति जाव निव्विसए करेति तं नो खलु देवाणुप्पिया! एवं अम्हं सेयं नो खलु एयं विमलवाहणस्स रनो सेयं नो खलु एवं रजस्स वा रटुस्स वा बलस्स वा वाहणस्स वा पुरस्स वा अंतेउरस्स वा जणवयस्स वा सेयं जण्णं विमलवाहणे राया समणेहिं निग्गंधेहिं मिच्छं विप्पटिव, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं विमलवाहणं रायं एयमहं विनवित्तएत्तिकट्टु अन्नमनस्स अंतियं एयम पडिसुर्णेति त्ता जेणेव विमलवाहणे राया तेणेव उवा० त्ता करयलपरिग्गहियं विमलवाहणं रायं जपणं चिजएणं वदावेति ता एवं वदंति एवं खलु देवाणु०! समणेहिं निग्गथेहिं मिच्छं चिप्पडिवना अप्पेगतिए आउस्संति जाव अप्पेगतिए निव्विसए करेंति, तं नो खलु एयं देवाणुप्पियाणं सेयं नो खलु एयं अम्हं सेयं नो खलु एवं रजस्स वा जाव जणवयस्स वा सेयं जं णं देवाणुप्पिया! समणेहि निम्गंथेहिं मिच्छविप्पडिवनातं विरमंतु णं देवाणुप्पिया! एअस्स अट्ठस्स अकरणयाए, तर णं से विमलवाहणे राया तेहिं बहूहिं राईसरजावसत्थवाहप्पभिईहिं एयमहं विन्नत्ते समाणे नो धम्मोति नो तवोत्ति मिच्छाविणएणं एयमहं पडिसुणेहिति तस्स णं सयदुवारस्स नगरस्स बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभागे एत्थ णं सुभूमिभागे नाम उज्जाणे भविस्सइ सब्वोउय बन्नओ, तेणं कालेणं॰ विमलस्स अरहओ पउप्पए सुमंगले नाम अणगारे जाइसंपन्ने जहा धम्मघोसस्स बन्नओ जाव संखित्तविउलतेयलेस्से तिन्नाणोवगए सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स अदूरसामंते छछट्टेणं जाव आयावेमाणे विहरिस्सति, तए णं से विमलवाहणे राया अन्नया कदायि रहचरियं काउं निज्जाहिति, तए णं से विमलवाहणे राया सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स (७९) ३१६ श्रीभगवत्यं तं १५ मुनि दीपरत्नसागर Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अदूरसामंते रहचरियं करेमाणे सुमंगलं अणगारं छटुंछट्टेणं जाव आयावेमाणं पासिहिति त्ता आसुरुत्ते जाच मिसिमिसेमाणे सुमंगलं अणणारं रहसिरेणं णोडावेहिति, तए णं से सुमंगले अणगारे विमलवाहणेणं रचा रहसिरेणं नोडालिए समाणे सणिय २ उद्धेहिति त्ता दोच्चपि उड्हें बाहाओ पगिज्झिय जाव आयावेमाणे विहरिस्सति, तए णं से विमलवाहणे राया मुमं. गलं अणगारं दोचंपि रहसिरेणं णोडावेहिति, तए णं से सुमंगले अणगारे विमलवाहणेणं रन्ना दोचंपि रहसिरेणं णोडाविए समाणे सणियं २ उद्वेहिति त्ता ओहिं पउंजति त्ता विमलवाहणस्स रण्णो तीतद्धं ओहिणा आभोएहिति त्ता विमलवाहणं राय एवं वइहिति-नो खलु तुमं विमलवाहणे राया नो खलु तुमं देवसेणे राया नो खलु तुमं महापउमे राया, तुमण्णं इओ तच्चे भवरगहणे गोसाले नाम मंखलिपुत्ने होत्या समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालगए, तं जति ते तदा सम्बाणुभूतिणा अणगारेणं पभुणावि होऊणं सम्म सहियं खमिय तितिक्वियं अहियासियं जइ ते तदा सुनक्वत्तेणं अण० जाव अहियासियं जइ ते तदा समणेणं भगवया महावीरेणं पभुणाऽवि जाव अहियासियं, तं नो खलु ते अहं तहा सम्म सहिस्सं जाब अहियासिस्सं, अहं तं नवरं सहयं सरहं ससारहियं तवेणं तेएणं एगाहचं कूडाहचं भासरासिं करेस्सामि, तए णं से विमलवाहणे राया सुमंगलेणं अणगारेणं एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे सुमंगलं अणगारं तचंपि रहसिरेणं णोडावेहिति, तए णं से सुमंगले अणगारे विमलवाहणेणं रण्णा तबंपि रहसिरेणं नोडाविए समाणे आसुफत्ते जाव मिसिमिसेमाणे आयावणभूमीओ पचोरुभिस्सइ त्ता तेयासमुग्धाएणं समोहनिहिति त्ता सत्तटु पयाई पच्चोसकिहिति ता विमलवाहणं रायं सहयं सरहं ससारहियं तवेणं तेएणं जाव भासरासिं करेहिति. सुमंगले णं भंते! अणगारे विमलवाहणं रायं सहयं जाव भासरासि करेत्ता कहिं गच्छिहिति कहिं उबवजिहिति?, गोयमा ! सुमंगले णं अणगारे विमलचाहणं रायं सहयं जाव भासरासि करेत्ता बहहिं चउत्थछट्ठमदसमदुवालसजावविचित्तेहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावमाणे बहूई वासाई सामनपरियागं पाउणिहितित्ता मासियाए सलेहणाए सढि भत्ताई अणसणाए जाव छेदेत्ता आलोइयपडिकंते समाहिपत्ते उइदं चंदिमजावगेविजविमाणाबाससयं बीयीचइत्ता सव्वदृसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उववजिहिति,तत्य णं देवाणं अजहन्नमगुकोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिती पं०, तत्थ णं सुमंगलस्सवि देवस्स अजहन्नमणुकोसेणं तेत्तीसं सागरोचमाई ठिती पं०, से णं भंते! सुमंगले देवे ताओ देवलोगाओ जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं करेति ।५५९। विमलवाहणे णं भंते ! राया सुमंगलेणं अणगारेणं सहए जाव भासरासीकए समाणे कहिं गच्छिहिति कहिं उववज्जिाहेति?, गोयमा!' विमलवाहणे णं राया सुमंगलेणं अणगारेणं सहये जाव भासरासीकए समाणे अहेसत्तमाए पुढवीए उक्कोसकालद्विइयंसि नरबसि नेरइयत्ताए उववजिहिति, से णं ततो अणंतरं उब्बट्टित्ता मच्छेसु उववजिहिति, से णं तत्थ सत्थवज्झे दाहवकंतीए कालमासे कालं किचा दोचपि अहे सत्तमाए पुढबीए उक्कोसकालद्वितीयंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववजिहिति, सेणं तओs. णंतरं उच्चट्टित्ता दोचंपि मच्छेसु उववजिहिति, तत्यविणं सत्यवझे जाव किच्चा छट्ठीए तमाए पुढबीए उक्कोसकालट्टियंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववजिहिति, सेणं. तओहिंतो जान उव्वट्टित्ता इस्थियासु उववजिहिति, तत्थवि सत्यवझे दाह जाव दोचंपि छट्ठीए तमाए पुढवीए उक्कोसकाल जाव उबट्टित्ता दोच्चंपि इस्थियासु उवव०, तत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए उकोसकाल जाव उव्यट्टित्ता उरएसु उक्वजिहिति, तत्थवि णं सत्यवझे जाव किचा दोचंपि पंचमाए जाच उबट्टित्ता दोचंपि उरएसु उववजिहिति जाव किच्चा चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए उक्कोसकालद्वितीयंसि जाव उव्वहित्ता सीहेसु उववजिहिति तत्थवि णं सत्थवज्झे तहेब जाव किच्चा दोचंपि चउत्थीए पंक जाब उव्व जाव उव्वहिता पक्खीसु उवव० तत्यवि णं सत्यवझे जाव किच्चा दोचपि तबाए बालुय जाव उबत्तिा दोचंपि पक्वीसु उवव० जाव किचा दोचाए सक्करप्पभाए जाव उव्वट्टित्ता सरिसवेसु उवव० तत्थवि णं सत्य जाब किच्चा दोञ्चपि दोच्चाए सक्करप्पभाए जाव उव्वट्टित्ता दोच्चंपि सरिसवेमु उवव० जाव किच्चा इमीसे स्यणप्पभाए पुढवीए उक्कोसकालद्वितीयंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववजिहिति जाच उबट्टित्ता सणीसु उवव० तत्थवि णं सत्थवज्झे जाच किच्चा जसन्नीसु उववजिहिति, तत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा दोच्चपि इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पलिओचमस्स असंखेजइभागद्वितीयंसि णरगंसि नेरहयत्ताए उववजिहिति, से णं तओ जाव उव्वद्वित्ता जाई इमाई खहयरविहाणाई भवंति, त-चम्मपक्वीणं लोमपक्खीणं समुग्गपक्खीणं विययपक्खीणं, तेसु अणेगसयसहस्सखुत्तो उद्दाइत्ता २ तत्थे २ भुजो २ पच्चायाहिति, सब्यस्थवि णं सत्थवो दाहवकंतीए, कालमासे कालं किच्चा जाई इमाई भुयपरिसप्पविहाणाई भवंति, तं०-गोहाणं नउलाणं जहा पत्रवणापए जाव जाहगाणं तेसु अणेगसयसहस्सखुत्तो सेसं जहा खहचराणं जाव किच्चा जाई इमाई उरपरिसप्पविहाणाई भवंति, तं०- अहीणं अयगराणं आसालियाणं महोरगाणं, तेसु अणेगसयसह जाव किच्चा जाई इमाई चउप्पदविहाणाई भवंति, तं०-एगखुराणं दुखुराणं गंडीपदाणं सणहपदाणं, तेसु अणेगसयसहस्स जाव किच्चा जाई इमाई जलयरविहाणाई भवंति तं०-मच्छाणं ३१७ श्रीभगवत्यंगं - वात-१५ मुनि दीपरनसागर Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ASTRAMMA8989422058095408586880200098432439845348398442806942348933699948822634 कच्छभाणं जाव सुसुमाराणं, तेसु अणेगसयसह जाव किच्चा जाई इमाई चरिदियविहाणाई भवंति, तं०-अंधियाणं पोत्तियाणं जहा पनवणापदे जाव गोमयकीडाणं, तेसु अणेगसयसह जाव किच्चा जाई इमाई तेइंदियविहाणाई भवंति, तं०- उबचियाणं जाव हत्थिसोंडाणं, तेसु अणेग जाब किच्चा जाइं इमाई बेइंदियविहाणाई भवंति तं०-पुलाकिमियाणं जाच समुहलिक्खाणं, तेसु अणेगसय जाव किचा जाई इमाई वणस्सइविहाणाइं भवंति, सं०-रुक्खाणं गुच्छाणं जाव कुहणाणं, तेसु अणेगसय जाव पवाजाइस्सइ, उस्सन्नं च णं कडुयरुक्रवसु कडुयवाड़ीसु, सव्वत्थविणं सत्थवज्झे जाव किचा जाई इमाई वाउकाइयविहाणाई भवंति, सं०- पाईणवायाणं जाव सुदवायाणं, तेसु अणेगसयसहस्स जाव किच्चा जाई इमाई तेउक्काइ. यविहाणाई भवंति, तं०-इंगालाणं जाव सरकंतमणिनिस्सियाणं, तेसु अणेगसयसह जाव किया जाई इमाई आउकाइयविहाणाई भवंति, तं०- उस्साणं जाव खातोदगाणं, तेसु अणेगसयसह जाव पञ्चायातिस्सइ, उस्सण्णं च णं खारोदएसु खातोदएसु, सव्वत्थविणं सस्थवज्झे जाव किच्चा जाई इमाई पुढविकाइयविहाणाई भवंति, सं०-पुढवीणं सकराणं जाब सूरकंताणं, तेसु अणेगसय जाव पञ्चायाहिति, उस्सन्नं च णं खरबायरपुढविकाइएसु, सब्वत्थविणं सत्थवज्झे जाव किच्चा रायगिहे नगरे बाहिं खरियत्ताए उववजिहिइ, तत्यविणं सत्ववज्झे जाव किच्चा दुचंपि रायगिहे नगरे अंतो खरियत्ताए उववजिहिति, तत्थविणं सस्थवज्झे जाव किच्चा ।५६०। इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे विंझगिरिपायमूले बेमेले सन्निवेसे माहणकुलंसि दारियत्ताए पचायाहिति, तए णं तं दारियं अम्मापियरो उम्मुक्कचालभावं जोवणगमणुप्पत्तं पडिरूवएणं सुकेणं पडिरूवएणं विणएणं पडिरूवयस्स भत्तारस्स भारियनाए इलइस्सति, साणं तस्स भारिया भविस्मति इट्ठा कंता जाव अणुमया भंडकरंडगसमाणा तेलकेला इव सुसंगोविया चेलपेडा इव सुसंपरिम्गहिया रयणकरंडओविव सुसारक्खिया सुसंगोविया मा णं सीयं मा णं उहं जाव परिसहोवसग्गा फुसंतु, तए णं सा दारिया अन्नदा कदायि गुग्विणी ससुरकुलाआ कुलघरं निजमाणी अंतरा दवांग्गजालाभिहया काला कालं किच्चा दाहिणिहडेसु अम्गिकुमारेसु देवेसु देवत्ताए उववजिहिति, से णं ततोहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिति त्ता केवलं बोहिं बुज्झिहिति त्ता मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वइहिति, तत्थऽविय णं विराहियसामन्ने कालमासे कालं किच्चा दाहिणिले असुरकुमारेसु देवेसु देवत्ताए उववजिहिति, से णं तओहिंतो जाव उव्वद्वित्ता माणसं दिग्गहं तं चेव जाव तत्थवि णं विराहियसामन्ने कालमासे जाव किच्चा दाहिणिल्लेसु नागकुमारे देवेमु देवत्ताए उववजिहिति, से णं तओहितो अणंतर०, एवं एएणं अभिलावणं दाहिणिल्लेसु सुवन्नकुमारेसु, एवं विजुकुमारेसु, एवं अग्गिकुमारवजं जाव दाहिणिाडेसु थणियकुमारेसु, से णं तओ जाव उव्वट्टित्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिति जाव विराहियसामन्ने जोइसिएम देवेसु उववजिहिति, से णं तओ अणंतरं चयं चइत्ता माणुस्सं विग्गहं लमिहिति जाब विराहियसामन्ने कालमासे कालं किया सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववजिहिति, सेणं तओहिंतो अणंतरं चयं चइत्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिति केवलं बोहिं बुज्झिहिति, तत्थवि णं अविराहियसामन्ने कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे देवत्ताए उववजिहिति, सेणं तओ चइत्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिति, तत्थवि णं अविराहियसामन्ने कालमासे कालं किच्चा सणंकुमारे कप्पे देवत्ताए उववजिहिति, से णं तओहिंतो एवं जहा सणंकुमारे तहा बंभलोए महासुके आणए आरणे, से णं तओ जाव अविराहियसामन्ने कालमासे कालं किच्चा सबट्ठसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उववन्जिहिति, से णं तओहिंतो अणंतरं चयं चइत्ता महाविदेहे वासे जाई इमाई कुलाई भवंति तं०-अड्ढाई जाव अपरिभूयाई, तहप्पगारेसु कुलेसु पुत्तत्ताए पञ्चायाहिति, एवं जहा उबवाइए दढप्पइन्नवत्तब्वया सच्चेव वत्तब्बया निरवसेसा भाणियव्वा जाव केवलवरनाणदेसणे समप्पजिहिति. तए णं से दढप्पडने केवली अप्पणो तीअद्धं आभोएहिइत्ता समणे निग्गंधे सदावहितित्ता एवं पदिहिह-एवं खलु अहं अज्जो! इओ चिरातीयाए अद्धाए गोसाले नाम मंखलिपुत्ते होत्था समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालगए तम्मूलगं च णं अहं अज्जो ! अणादीय अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरंतसंसारकतार अणुपरियट्टिए, तं मा णे अजो! तुझं केयि भवतु आयरियपडिणीए उवज्झायपडिणीए आयरियउवज्झायाणं अयसकारए अबन्नकारए अकित्तिकारए, मा णं सेऽवि एवं चेव अणादीयं अणवदग्गं जाव संसारकतारं अणुपरियहिहिति जहा णं अहं, तए णं ते समणा निग्गंधा दढप्पइन्नस्स केवलिस्स अंतियं एयमई सोचा निसम्म भीया तत्था तसिया संसारभउब्विग्गा दढप्पइन्नं केवलिं बंदिहिंति ता तस्स ठाणस्स आलोएहिंति निदिहिंति जाव पडिवजिहिति, तए णं से दृढप्पइन्ने केवली बहूई वासाई केवलिपरियागं पाउणिहिति त्ता अप्पणो आउसेसं जाणेत्ता भत्तं पञ्चक्खाहिति एवं जहा उववाइए जाच सव्वदुक्खाणमंतं काहिति। सेवं भंते २त्ति जाब विहरइ । ५६१ तेयनिसग्गो समत्तो॥ इति पंचदर्श शतकं॥ फ म 'अहिगरणि १जरा २ कम्मे ३ जावतियं ४ गंगदत्त ५ सुमिणे ६ य। उवओग ७ लोग ८ बलि ९ ओही १० दीच ११ उदही १२ दिसा १३ थणिया १४ ॥ ७६॥ तेणं कालेणं० रायगिहे जाव पजुवासमाणे एवं बयासी-अस्थि णं भंते! अधिकरणिसि बाउयाए बक्कमति ?, हंता अस्थि, से भंते ! किं पुढे उद्दाइ अपुढे उद्दाइ?, गोयमा ! पढ़े उहाइ ३१८ श्रीभगवत्यंग - ६ मुनि दीपरत्नसागर Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PRAISHRAISPOSERIEMISPRARTYEARSHASHAIRATPORNSFERMISFI18570648PICHIEFRASHIARPRANSPIRMISS नो अपुढे उद्दाइ, से भंते ! किं ससरीरी निक्खमइ एवं जहा खंदए जाव नो असरीरी निक्खमइ ।५६२। इंगालकारियाए णं भंते ! अगणिकाए केवतियं कालं संचिट्ठति ?. गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुद्दत्तं उकोसेणं तिन्नि राइंदियाई, अन्नेऽवि तत्थ वाउयाए वक्रमति, न विणा वाउयाएणं अगणिकाए उज्जलति ।५६३। पुरिसे णं भंते ! अयं अयकोटुंसि अयोमाणं संडासएणं उब्धिहमाणे वा पब्विहमाणे वा कतिकिरिए ?, गोयमा! जावं च णं से पुरिसे अयं अयकोमुसि अयोमएणं संडासएणं उब्विहिति वा पब्बिहिति वा तावं च णं से पुरिसे कातियाए जाव पाणाइवायकिरियाए पंचहि किरियाहिं पुढे, जेसिपिय णं जीवाणं सरीरेहितो अए निव्वत्तिए अयकोट्टे निव्वत्तिए संडासए निव्वत्तिए इंगाला निव्वत्तिया इंगालकडिणी निव्वत्तिया भत्था निव्वत्तिया तेऽवि णं जीवा काइयाए जाब पंचहि किरियाहि पुट्ठा, पुरिसे णं भंते ! अयं अयकोढाओ अयोमएणं संडासएणं गहाय अहिकरणिसि उक्विपमाणे वा निक्खिप्पमाणे वा कतिकिरिए ?, गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे अयं अयकोट्टाओ जाव निक्खिबइ वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पाणाइवायकिरियाए पंचहि किरियाहिं पुढे, जेसिपिणं जीवाणं सरीरेहितो अयो निव्वत्तिए संडासए निव्वत्तिए चम्मेढे निव्वत्तिए मुट्टिए नियत्तिए अधिकरणी णि अधिकरीणखोडी णि उदगदोणी णि अधिकरणसाला निव्वत्तिया तेऽवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा। ५६४। जीवे णं भंते ! किं अधिकरणी अधिकरणं ?, गोयमा ! जीवे अधिकरणीचि अधिकरणंपि, से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ जीवे अधिकरणीवि अधिकरणंपि?, गोयमा ! अविरतिं पडुच, से तेणडेणं जाव अहिकरणंपि, नेरइए णं भंते! किं अधिकरणी अधिकरणं?, गोयमा! अधिकरणाविक एवं जहेब जीवे तहेव नेरइएऽवि, एवं निरंतरं जाव बेमाणिए, जीवे णं भंते ! किं साहिकरणी निरहिकरणी?, गोयमा! साहिकरणी नो निरहिकरणी, मे केगडेणः पृच्छा, गोयमा! अविरतिं पडच, से तेणड्रेणं जाव नो निरहिकरणी, एवं जाव बेमाणिए, जीवे णं भंते ! किं आयाहिकरणी पराहिकरणी तदभयाहिकरणी?. गोयमा ! आयाहिकरणीवि पराटिकरणीवि तदुभयाहिकरणीवि, से केणडेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाय तदुभयाहिकरणीवि?, गोयमा ! अविरतिं पडुच्च, से तेणतुणं जाच तदुभयाहिकरणीचि, एवं जाव चेमाणिए, जीवाणं भंते : अधिकरणे किं आयप्पओगनिव्यत्तिए परप्पयोगनिव्यत्तिए तदुभयप्पयोगनिव्वत्तिए?, गोयमा ! आयपयोगनिब्वत्तिएऽवि परप्पयोगनिव्वत्तिएऽवि तदुभयप्पयोगनिव्वत्तिएऽवि, से केणद्वेणं भंते ! एवं बुबइ०?, गोयमा ! अविरतिं पडुच्च, से तेणद्वेणं जाव तदुभयप्पओगणिव्वत्तिएऽवि. एवं जाब वेमाणियाणं ।५६५। कइ णं भंते ! सरीरगा पं०, गोयमा ! पंच सरीरगा पं० २०-ओरालिए जाप कम्मए, कति णं भंते ! इंदिया पं०, गोयमा ! पंच इंदिया पं० २० सोइंदिए जाव फासिदिए, कतिविहे णं भंते ! जोए पं०?. गोयमा ! तिविहे जाए पं०२०-मणजोए वइजोए कायजोए, जीवे णं भंते ! ओरालियसरीरं निव्वत्तेमाणे किं अधिकरणी अधिकरणं ?, गोयमा ! अधिकरणीवि अधिकरणंपि, से केणडेणं भंते! एवं बुच्चइ अधिकरणीवि अधिकरणंपि?, गोयमा! अविरत पडुच्च, से तेणडेणं जाव अधिकरणंपि, पुढचीकाइए णं भंते! ओरालियसरीरं निव्वत्तेमाणे किं अधिकरणी अधिकरणं ?, एवं चेब, एवं जाव मणुस्से, एवं वेठब्वियसरीरंपि नवरं जस्स अस्थि, जीवे णं भंते ! आहारगसरीरं निव्वत्तेमाणे किं अधिकरणी? पुच्छा, गोयमा ! अधिकरणीवि अधिकरणपि, से केण?णं जाव अधिकरणंपि?, गोयमा! पमायं पडुच्च, से तेण?णं जाव अधिकरणपि, एवं मणुस्सेऽवि, तेयासरीरं जहा ओरालियं, नवरं सव्वजीवाणं भाणियब्वं, एवं कम्मगसरीरंपि. जीवे णं भंते! सोइंदियं निव्वत्तेमाणे किं अधिकरणी अधिकरणं, एवं जहेब ओरालियसरीरं तहेब सोइंदियंपि भाणियव्यं, नवरं जस्स अस्थि सोइंदियं, एवं चक्खिदियघाणिदियजिभिदियफासिंदियाणवि, नवरं जाणियव्वं जस्स जं अस्थि, जीवे णं भंते ! मणजोगं निव्वत्तेमाणे किं अधिकरणी अधिकरणं?, एवं जहेब सोइंदियं तहेव निरवसेसं, वइजोगो एवं चेव, नवरं एगिदियवज्जाणं, एवं कायजोगोऽवि, नवरं सवजीवाणं जाव वेमाणिए। सेवं भंते!२त्ति ।५६६॥ श०१६ उ०१॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-जीवाणं भंते ! किं जरा सोगे?, गोयमा! जीवाणं जरावि सोगेऽवि, से केणडेणं भंते ! एवं बु० जाव सोगेऽवि?, गोयमा ! जे णं जीवा सारीरं वेदणं वेदेति तेसिं णं जीवाणं जरा जेणं जीवा माणसं वेदणं वेदेति तेसि ण जीवाणं सोगे से तेणतुणं जाव सोगेऽवि, एवं नेरइयाणवि, एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाणं भंते ! किं जरा सोगे?, गोयमा ! पुढचीकाइयाणं जरा, नो सोगे, से केणद्वेणं जाब नो सोगे?. गोयमा! पुढवीकाइया णं सारीर वेदणं वेदेति नो माणसं वेदणं वेदेति से तेणद्वेणं जाय नो सोगे, एवं जाव चउरिदियाणं, सेसाणं जहा जीवाणं जाव वेमाणियाणं । सेवं भंते रत्ति जाव पजुवासति । ५६७। तेणं कालेणं० सके देविंद देवराया वजपाणी पुरंदरे जाव भुंजमाणे विहरइ, इमं च णं केवलं कप्पं जंबुद्दीवं दीवं विपुलेणं ओहिणा आभोएमाणे २ पामति समणं भगवं महावीरं जंबहीवे दीवे एवं जहा ईसाणे तइयसए तहेव सकोऽवि नवरं आभिओगेण सदावेति हरी पायत्ताणियाहिवई सुघोसा घंटा पालओ विमाणकारी पालगं विमाणं उत्तगिडे निजाणमग्गे दाहिणपुरच्छिमिाले रतिकरपचए सेसं तं चेव जाव नामगं सावेत्ता पजुवासति, धम्मकहा जाव परिसा पडिगया, तए णं से सके देविंदे देवराया समणस्स भगवओ महा३१९ श्रीभगवत्यंग-स-१६ मुनि दीपरत्नसागर YEAROPIEWSPEARBY842SPIRMANPRATYANARASHIARPISISPCHOFERRESTENOPARPERSPIRMISPEASPORAIS& Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वीरस्स अंतियं धम्मं सोचा निसम्म हट्टतुट्ट समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति त्ता एवं क्यासी- कतिविहे णं भंते! उग्गहे पं० १. सका! पंचविहे उग्गहे पं० तं देविंदोग्गहे रायोग्गहे गाहाबइउग्गहे सागारियउग्गहे साहम्मियउग्गहे, जे इमे भंते! अजत्ताए समणा निग्ांचा विहरंति एएसिं णं अहं उग्गहं अणुजाणामीतिकट्टु समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति ता तमेव दिव्वं जाणविमाणं दुरूहति त्ता जामेव दिसिं पाउन्भूए तामेव दिसं पडिगए, भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भ० महा० वंदति नः त्ता एवं क्यासी जं णं भंते! सक्के देविंदे देवराया तुझे गं एवं वदइ सच्चे णं एसमट्टे ?, हंता सच्चे । ५६८। सक्के णं भंते! देविंदे देवराया किं सम्मावादी मिच्छावादी?, गोयमा! सम्मावादी नो मिच्छावादी, सक्के णं भंते! देविंदे देवराया किं सचं भासं भासति मोसं भासं भासति सच्चामोस भासं भासति असच्चामोसं भासं भासति ?, गोयमा ! सचपि भासं भासति जाव असच्चामोसंपि भामं भासति, सक्के णं भंते! देविंदे देवराया कि सावनं भासं भासति अणवजं भासं भासति १, गोयमा सावजपि भासं भासति अणवजंपि भासं भासति से केणणं भंते! एवं बुच्चइ- सावजंपि जाव अणवपि भासं भासति ?, गोयमा ! जाहे णं सके देविंदे देवराया सुहुमकार्य अणिजूहित्ताणं भासं भासति ताहे णं सके देविंदे देवराया सावलं भासं भासति जाहे णं सके देविदे देवराया सुहुमकार्य निहि. ताणं भासं भासति ताहे णं सक्के देविंदे देवराया अणवजं भासं भासति, से तेणट्टेणं जाब भासति, सक्के णं भंते! देविंदे देवराया कि भवसिद्धीए अभवसिद्धीए सम्मदिडीए एवं जहा मोउद्देसए सणकुमारो जाव नो अचरिमे । ५६९ | जीवाणं भंते! किं थेयकडा कम्मा कज्वंति अचेयकडा कम्मा कति ?, गोयमा जीवाणं चेयकडा कम्मा कांति नो अचेयकडा कम्मा कति, सेकेण० भंते! एवं बुम्बइ जाव कज्जंति१, गोयमा ! जीवाणं आहारोवचिया पोग्गला बोंदिचिया पोग्गला कलेवरचिया पोग्गला तहा तहा णं ते पोग्गला परिणमति नत्थि अचेयकडा कम्मा समणाउसो, दुट्ठाणे दुसेजासु दुन्निसीहियासु तहा तहा णं ते पोग्गला परिणमति नत्थि अचेयकडा कम्मा समणाउसो!, आयंके से बहाए होति संकप्पे से बहाए होति मरणंते से बहाए होति तहा तहाणं ते पोम्गला परिणमंति नत्थि अचेयकडा कम्मा समणाउसो, से तेणद्वेणं जाव कम्मा कञ्चंति, एवं नेरतियाणवि एवं जाव वैमाणियाणं सेवं भंते! सेवं भंते! जाव विहरति । ५७० ॥ श० १६ उ० २ ॥ रायगिहे जाव एवं क्यासी-कति णं भंते! कम्मपयडीओ पं० १. गोयमा ! अट्ट कम्मपयडीओ पं० तं० नाणावरणिजं जाव अंतराइयं, एवं जाव वेमा०, जीवे णं भंते! नाणावरणिजं कम्मं वेदेमाणे कति कम्मपगडीओ वेदेति ?, गोयमा अड कम्मपगडीओ, एवं जहा पन्नचणाए वेदावेउद्देसओ सो चेव निरवसेसो भाणियव्वो, वेदाधोऽवि तहेव, बंधावेदोऽवि तहेव, बंधावंधोऽवि तहेव भाणियच्यो जाव वैमाणियाणंति। सेवं भंते! २ जाव विहरति । ५७१। तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नदा कदायि रायगिहाओ नगराओ गुणमिलाओ चेइयाओ पडिनिक्खमति त्ता बहिया जणवयविहारं विहरति, तेणं काले उड्डयतीरे नाम नगरे होत्था बन्नओ, तस्स णं उड्डयतीरस्स नगरस्स बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसिभाए एत्थ णं एगजंबुए नामं चेइए होत्था बन्नओ, तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नदा कदायि पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे जाव एगजंबूए समोसढे जाव परिसा पडिगया, भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ त्ता एवं बयासी अणगारस्स णं भंते! भावियप्पणो उउद्वेणं अणिक्खि तेणं जाव आयावेमाणस्स तस्स णं पुरच्छि मेणं अब दिवस नो कप्पति हत्थे वा पादं वा वाहं वा ऊरुं वा आउट्टावेत्तए वा पसारेत्तए वा, पच्चच्छ्रिमेण से अवद्धं दिवस कप्पति हत्थं वा पादं वा जाव ऊरुं वा आउंटावेत्तए वा पसारेत्तए वा, तस्स णं अंसियाओ लंबंति तं च वेज्जे अदक्खु ईसिं पाडेति त्ता अंसियाओ छिंदेजा से नृणं भंते! जे छिंदति तस्स किरिया कजति जस्स छिजति नो तस्स किरिया कज्जइ णण्णत्थेगेणं धम्मंतराएणं ?, हंता गोयमा ! जे छिंदति जाव धम्मंतरापुणं सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति । ५७२ ॥ श०१६ ३०३ ॥ रायगिहे जाव एवं क्यासी- जावतियन्नं भंते! अन्नइलायए समणे निम्गंथे कम्मं निजरेति एवतियं कम्मं नरएस नेरतियाणं वासेण वा वासेहिं वा वाससएण वा वाससएहिं वा खवेति १, णो तिणडे समडे, जावतियण्णं भंते! चउत्थभ. त्तिए समणे निथे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं नरएस नेरइया बाससएण वा वाससएहिं वा वाससहस्सेण वा वाससहस्सेहिं वा वाससयसहस्सेहिं (ण) वा खवयंति ?, णो तिणट्टे सम, जावतियन्नं भंते! उभत्तिए समणे निसांधे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं नरएस नेरड्या वाससहस्सेण वा वाससहस्सेहिं वा पाससयसहस्सेण (हिं) वा खवयंति ? णो तिणट्टे सम, जावतियनं भंते! अट्ठमभत्तिए समणे निग्गंधे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं नरएस नेरतिया वाससयसहस्त्रेण वा वासस्यसहस्सेहिं वा वासकोडीए वा स्वबयंति ? नो तिणद्वे सम, जावतियनं भंते! दसमभत्तिए समणे निग्गंथे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं नरएस नेरतिया वासकोडीए वा वासकोडीहिं वा वासकोडाकोडीए वा खवयंति ? नो तिणद्वे सम, सेकेणणं भंते! एवं बुच्चइ जावतियं अनइलातए समणे निम्मंथे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं नरएस नेरतिया वासेण वासेहिं वा वाससएण वा (जाव) वास ( सय) सहस्सेण वा नो खवयंति जावतियं चउत्थभत्तिए, एवं तं चैव पुव्वभणियं उच्चारेयव्वं जाव पासकोडाकोडीए वा नो खवयंति ?, गोयमा से जहानामए- केई पुरिसे जुने जराजजरियदेहे सिद्धिलतयावलितरंगसंपिणद्धगत्ते पत्रिरलपरिसडियदंतसेढी उण्हाभिहए आउरे झुंझिए पिवासिए दुब्बले किलंते एवं महं कोसंगंडियं सुकं जढिलं मंठिलं चिकणं वाइदं अपत्तियं (८०) ३२० श्रीभगवत्यंगं सतं- १५ ० मुनि दीपरत्नसागर Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मुंडेण परसुणा अवकमेज्जा, तए णं से पुरिसे महंताई २ सद्दाई करेइ नो महंताई २ दलाई अवहालेइ, एवामेव गोयमा ! नेरइयाणं पावाई कम्माई गाढीकयाई चिक्कणीकयाई एवं जहा छट्टसए जाव नो महापजवसाणा भवंति से जहानामए केई पुरिसे अधिकरणिं आउडेमाणे महया जाव नो महापज्जवसाणा भवंति से जहानामए-केई पुरिसे तरुणे बलवं जाव मेहावी निउणसिप्पोवगए एवं महं सामलिगंडियं उल्लं अजडिलं अगतिलं अचिकणं अवाइदं संपत्तियं तिक्खेण परसुणा अकमेजा, तए णं से पुरिसे नो महंताई २ सदाई करेति महंताई २ दलाई अवदालेति, एवामेव गोयमा ! समणाणं निम्गंथाणं अहाबादराई कम्माई सिढिलीकयाइं गिट्टियाई जाव खिप्पामेव परिविद्धत्याई भवंति जावतियं तावतियं जाव महापज्जवसाणा भवंति से जहा वा केई पुरिसे सुकतणहत्थगं जायतेयंसि पक्खिवेज्जा एवं जहा छट्ठसए तहा अयोकडिलेऽवि जाव महाप० भवंति से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं चुच्चड जावतियं अन्नलाय समणे निम्थे कम्मं निः तं चैव जाव वासकोडाकोडीए वा नो खत्रयंति। सेवं भंते! सेवं भंते! जाव विहरइ । ५७३ ॥ श० १६ उ० ४ ॥ तेणं कालेणं० उड्डयतीरे नाम नगरे होत्था वन्नओ, एगजंबृए चेइए वन्नाओ, तेणं कालेणं० सामी समोसढे जाव परिसा पज्जुवासति, तेणं कालेणं० सके देविंदे देवराया वज्रपाणी एवं जहेब बितियउद्देसए तहेव दिव्वेणं जाणविमाणेणं आगओ जाव जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छ ता जाव नमसित्ता एवं क्यासी- देवे णं भंते! महड्डिए जाव महेसक्खे बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू आगमित्तए ?, नो तिणट्टे समट्टे, देवे णं भंते! महड्डिए जाब महेसक्खे बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पम् आगमित्तए ?. हंता पभू. देवे णं भंते! महड्डिए एवं एएणं अभिलावेणं गमित्तए, एवं भासित्तए वा वागरितए वा उम्मिसावेत्तए वा निमिसावेत्तए वा, आउट्टावेत्तए वा पसारेत्तए वा, ठाणं वा सेज्जं वा निसीहियं वा चेइत्तए वा एवं विउस्सवित्तए वा. एवं परियारित्तए वा जाव हंता पभू, इमाई अट्ठ उक्खित्तपसिणत्रागरणाई पुच्छइ त्ता संभंतियवंदणपुणं वंदति त्ता तमेव दिव्वं जाणविमाणं दुरूहति ता जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए । ५७४ । भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं बंदति नम॑सति त्ता एवं बयासी अन्नदा णं भंते! सक्के देविंदे देवराया देवाणुप्पियं वंदति नम॑सति सकारेति जाव पज्जुवासति, किण्डं भंते! अज्ज सके देविंदे देवराया देवाणुप्पियं अट्ट उक्खित्तपसिणवागरणाई पुच्छ संभंतियवंदणएणं वंदति णमंसति ता जाव पडिगए ?, गोयमादी समणे भगवं म० भगवं गोयमं एवं वयासी एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं महासुके कप्पे महासामाणे विमाणे दो देवा महड्डिया जाव महसक्खा एगविमादेवताए उववन्ना, तं०- मायिमिच्छादिट्टिउववन्नए य अमायिसम्मदिट्टिउववन्नए य, तए णं से मायिमिच्छादिट्टिउववन्नए देवे तं अमाथिसम्मदिडिउववन्नगं देवं एवं बयासी परिणममाणा पोग्गला नो परिणया अपरिणया परिणमंतीति पोग्गला नो परिणया अपरिणया, तए णं से अमायिसम्मदिडीउववन्नए देवे तं मायिमिच्छादिडीउववन्नगं देवं एवं वयासी परिणममाणा पोग्गला परिणया नो अपरिणया परिणमंतीति पोग्गला परिणया नो अपरिया तं मायिमिच्छादिट्ठीउववन्नगं एवं पडिहणइ ता ओहिं पउंजइ त्ता ममं ओहिणा आभोएड ता अयमयारूवे जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु समणे भगवं महावीरे जंबुद्दीवे २ जेणेव भारहे वासे जेणेव उदयतीरे नगरे जेणेव एगजंचुए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरति तं सेयं खलु मे समणं भगवं महावीरं वंदित्ता जाव पज्जुवासित्ता इमं एयारूवं वागरणं पुच्छित्तएत्तिकट्टु एवं संपेहेइ त्ता चउहिवि सामाणियसाहस्सीहि परियारो जहा सरियाभस्स जाव निग्घोसनाइयरवेणं जेणेव जंबुद्दीवे २ जेणेव भारहे वासे जेणेव उद्यातीरे नगरे जेणेव एगजंबुए चेइए जेणेव ममं अंतियं तेणेव पहारेत्य गमणाए, तए णं से सक्के देविंदे देवराया तस्स देवस्स तं दिव्वं देवढि दिव्वं देवजुतिं दिव्वं देवाणुभागं दिव्वं तेयलेस्सं असहमाणे ममं अट्ठ उक्खित्तपसिणवागरणाई पुच्छइ संभंतिय जाव पडिगए । ५७५। जावं च णं समणे भगवं महावीरे भगवओ गोयमस्त एयमहं परिकहेति तावं च णं से देवे तं देस हब्वमागए, तए णं से देवे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो वंदति नम॑सति ता एवं वयासी एवं खलु भंते! महासुके कप्पे महासामाणे विमाणे एगे मायिमिच्छादिडिउववन्नए देवे ममं एवं बयासी- परिणममाणा पोग्गला नो परिणया अपरिणया परिणमंतीति पोग्गला नो परिणया अपरिणया, तए णं अहं तं मायिमिच्छादिट्टिउचलगं देवं एवं वयामि परिणममाणा पोग्गला परिणया नो अपरिणया परिणमंतीति पोग्गला परिणया णो अपरिणया से कहमेयं भंते! एवं?, गंगदत्तादी समणे भगवं महावीरे गंगदत्तं एवं वयासी- अहंपि णं गंगदत्ता ! एवमाइक्खामि० परिणममाणा पोग्गला जाव नो अपरिणया, सच्चे णमेसे अट्टे. तए णं मे गंगदत्ते देवे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयम सोच्चा निसम्म हडतुडे समणं भगवं महावीरं वंदति नम० ता नच्चासने जाव पज्जुवासति, नए णं समणे भः महावीरे गंगदत्तस्स देवस्स तीसे य जाव धम्मं परिकहेइ जाव आराहए भवति, तए णं से गंगदत्ते देवे समणस्स भगवओ : अंतिए धम्मं सच्चा निसम्म हडतुडे उड़ाए उट्ठेति त्ता समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति त्ता एवं क्यासी अहण्णं भंते! गंगदत्ते देव किं भवसिद्धिए अभवसिद्धिए? एवं जहा सरियाभो जाव बत्तीसतिविहं नट्टविहिं उवदंसेति ता जाव तामेत्र दिसिं पडिगए । ५७६ । भंनेति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं जाव एवं वयासी-गंगदत्तस्त्र णं भंते । देवस्स सा दिव्वा देवदवी दिव्वा देवजुली जाव अणुष्पविट्टा ? गोयमा सरीरं गया सरीरं अणुष्पविट्ठा, कृडागारसालादिहंतो जाव सरीरं अणुष्पविट्ठा, अहो णं भंते! गंगदत्ते देवे महइढिए जाव महेसक्खे, गंगदत्तेण भंते! देवेणं सा दिव्वा देवड्ढी दिव्वा देवजुती किष्णा लदा जाव गंगदत्तेणं देवेणं सा दिव्वा देवढी जाव अभिसमन्नागया ?, गोयमादी समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी एवं खलु गोयमा! तेणं कालेणं इहेव जंबुद्रीवे दीवे भारहे वासे हथिणापुरे नाम नगरे होत्था वन्नओ. सहसंबवणे उज्जाणे वन्नओ. तत्थ णं हत्यिणापुरे नगरे गंगदत्ते नामं गाहावती परिवसति अड्ढे जाव अपरिभूए, तेणं कालेणं॰ मुणिसुव्वाए अरहा आदिगरे जाव सब्वन्नू सव्वदरिसी आगासगएणं चक्केणं जाव पकड़िढजमाणेणं २ सीसगणसंपरिवुडे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं जाव जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जाव विहरति, परिसा निग्गया जाव पज्जुवासति, तए णं से गंगदत्ते गाहावती इमीसे कहाए लदट्ठे समाणे हट्टतुट्ट जाव कयबलि जाव सरीरे साओ गिहाओ पडिनिक्खमति ता पायविहारचारेणं हत्थिणागपुरं नगरं मज्झमज्झेणं निम्गच्छति ता जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जेणेव मुणिसुष्वए अरहा तेणेव उवागच्छइ ता मुणिसुब्वयं अरहं तिक्खुत्तो आ० ता जाव तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासति. तए णं मुषि३२१ श्रीभगवत्यंग - सम- 25 मुनि दीपरत्नसागर Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SERABARB-2348480025 E MORSEPTEASP8ARPISABRANCPRASPS48765-YCHAOPENSPICARBPRARSHIRSSPASSPONS सुव्वए अरहा गंगदत्तस्स गाहावतिस्स तीसे य महति जाव परिसा पडिगया, तए णं से गंगदत्ते गाहावती मुणिसुव्ययस्स अरहओ अंतियं धम्म सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ट० उडाए उद्वेति ता मुणिसुव्ययं अरह वंदति नमसति त्ता एवं बयासी-सहहामि णं भंते! निग्गंधं पावयणं जाव से जहेयं तुझे बदह, जं नवरं देवाणुप्पिया ! जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठावेमि तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतियं मुंडे जाव पव्वयामि, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंध, तए णं से गंगदत्ते माहावई मुणिसुव्वएणं अरहया एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठ० मुणिसुव्वयं अरिहं बंदति न०त्ता मुणिसुव्वयस्स अरहओ अंतियाओ सहसंबवणाओ उज्जाणाओ पडिनिक्खमति त्ता जेणेव हथिणापुरे नगरे जेणेव सए गिहे तेणेव उवा० त्ता विउलं असणं पाणं जाव उवक्खडावेति त्ता मित्तणातिणियग जाव आमंतेति त्ता तओ पच्छा बहाए जहा पूरणे जाव जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठावेति तं मित्तणाति जाव जेट्टपुत्तं च आपुच्छति सा पुरिससहस्सवाहणिं सीयं दुरूहति ना मित्तणातिनियगजावपरिजणेणं जेट्टपुत्तेण य समणुगम्ममाणमग्गे सव्विड्डीए जाव णादितरवेणं हथिणागपुरं मज्झमझेणं निग्गच्छइ त्ता जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे तेणेव उवाता छत्तादिते तित्थगरातिसए पासति एवं जहा उदायणो जाव सयमेव आभरणं मुयइत्ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेति त्ता जेणेव मुणिसुब्बए अरहा एवं जहेव उदायणो तहेव पच्वइए, तहेव एकारस अंगाई अहिजइ जाय मासियाए संलेहणाए सढि भत्ताई अणसणाए छेदेति त्ता आलोइयपडिकंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा महासुके कप्पे महासामाणे विमाणे उबवायसभाए देवसयणिज्जसि जाव गंगदत्तदेवत्ताए उववन्ने, तए णं से गंगदत्ते देवे अहुणोववनमेत्तए समाणे पंचविहाए पजतीए पज्जत्तिभावं गच्छति, तं०-आहारपज्जत्तीए जाव भासामणपज्जत्तीए, एवं खलु गोयमा! गंगदत्तेणं देवेणं सा दिव्या देवड्ढी जाव अभिसम०, गंगदत्तस्स णं भंते ! देवस्स केवतियं कालं ठिती पं०?, गोयमा ! सत्तरस सागगेवमाई ठिती पं०, गंगदत्ते णं भंते! देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव महावि० वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति। सेवं भंते!२त्ति । ५७७॥२०१६ उ०५॥ कतिबिहे णं भंते! सुविणदंसणे पं०१. गोयमा! पंचविहे सुविणदसणे पं०२०-अहातचे पयाणे चिंतासुविणे तविवरीए अवत्तदसणे, सुत्ते णं भंते! सुविणं पासति जागरे सुविणं पासति सुत्तजागरे सुविणं पासति ?, गोयमा! नो सुत्ते सुविणं पासइ नो जागरे सुविणं पासइ सुत्तजागरे सुविणं पासइ, जीवा णं भंते ! किं सुत्ता जागरा सुत्तजागरा, गोयमा ! जीवा सुत्तावि जागरावि सुत्तजागरावि, नेरइया णं मंते! किं सुत्ता पुच्छा, गोयमा ! नेरइया सुत्ता नो जागरा नो सुत्तजागरा, एवं जाव चउरिदिया, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते! किं सुत्ता पुच्छा, गोयमा ! सुत्ता नो जागरा सुत्तजागरावि, मणुस्सा जहा जीवा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेरइया ।५७८। संवुडे णं भंते ! सुविणं पासइ असंखुड़े सुविणं पासइ संबुडासंबुडे सुविणं पासह', गोयमा ! संखुडेऽवि सुविणं पासइ असंवृडेऽवि सुविणं पासइ संखुडासंबुडेऽवि सुविणं पासइ, संवुडे सुविणं पासति अहातचं पासति असंखुडे सुविणं पासति तहावि तं होज्जा अन्नहा बा त होज्जा संवडासंबुडे सुविणं पासति एवं चेव, जीवा णं भंते ! किं संवुडा असंवुडा संवुडासंबुडा?, गोयमा ! जीवा संवुडावि असंखुडावि संवुडासंबुडावि, एवं जहेव सुत्ताणं दंडओ तहेच भाणियब्यो, कति णं भंते ! सुविणा पं०१. गोयमा ! बायालीसं सुविणा पं०, कहणं भंते ! महासुविणा पं०१, गोयमा ! तीसं महासुविणा पं०, कति णं भंते ! सव्वसुविणा पं०?, गोयमा! बावतरि सव्वसुविणा पं०, तित्थयरमायरो णं भंते ! तित्थगरंसि गम्भं वकममाणंसि कति महासुविणे पासित्ताणं पडिवझति? गोयमा ! तित्थयरमायरो णं तित्थयरंसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसिं तीसाए महासुविणाणं इमे चोइस महासुविणे पासित्ताणं पडिबुझंति, तं०-गयउसभसीहअभिसेय जाव सिहं च, चकचट्टिमायरो णं भंते ! चक्रवट्टिसि गम्भं वक्रममाणंसि कति महासुमिणे पासित्ताणं पडिबुज्झति ?, गोयमा! चक्रवट्टिमायरो जाव वकममाणसि एएसि तीसाए एवं जहा तित्थगरमायरो जाब सिहिं च, वासुदेवमायरो णं पुच्छा, गोयमा ! वासुदेवमायरो जाव बक्कममागंसि एएसिं चोइसण्हं महासुविणार्ण अन्नयरे सत्त महासुविणे पासित्ताणं पडिचु०, बलदेवमायरो जाव एएसि चोहसण्हं महासुविणाणं अन्नयरे चत्तारि महासुविणे पासित्ताणं पडि०, मंडलियमायरो णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! मंडलियमायरो जाव एएसिं चोइसण्हं महासु० अन्नयरं एग महं सुविणं जाव पडिबु०।५७९। समणे भ० महाचीरे छउमत्वकालियाए अंतिमराइयंसि इमे दस महासुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे. तं०-एगं च णं महं घोररूवदि. तधर तालपिसायं सुविणे पराजियं पासित्ताणं पडिबुद्धे एर्ग च णं महं सुक्किलपक्खगं पुंसकोइलं सुविणे पासि० एगं च णं महं चित्तविचित्तपक्खगं पुंसकोइलगं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्ध एगं च णं महं दामदुगं सब्बरयणामयं सुविणे पासित्ताक एगं च णं महं सेयं गोवग्गं सुविणे पा० एगं च णं महं पउमसरं सव्वओ समंता कुसुमियं० सुविणे० एगं च णं महं सागरं उम्मीवीयीसहस्सकलियं भुयाहिं तिनं सुविणे पासित्ता एगं च णं महं दिणयरं तेयसा | जलंत सविणे पासि०एगं च णं महं हरिवलियवन्नाभणं नियगेणं अंतेणं माणुसुत्तरं पब्वयं सदर पासित्ताणं पडिबुद्धे, जणं समणे भगवं म. एग महं घोररूवदित्तधरं तालपिसायं सुविणे पराजियं जाव पडिबुद्धे तण्णं समणेणं भगवया महा० मोहणिजे कम्मे मूलाओ उग्घाइए जन्नं समणे भ०म०एगं मई मुक्किल जाव पडि. बुद्धे तणं समणे भ०म० सुकज्झाणोवगए विहरति जणं समणे भ०म० एग महं चित्तविचित्त जाव पडिबुद्धे तण्णं समणे० भ०म० विचित्तं ससमयपरसमइयं दुबालसंगं गणिपिडगं आघवेति पनवेति परुवेति दंसेति निदं. सेति उबदंसेति, तं०-आयारं सूयगडं जाव दिहिवायं, जगणं समणे भ०म० एग महं दामदुगं सव्वरयणामयं सुविणे पासित्ताणं पडिचुढे तणं समणे भ०म० दुविहं धम्म पं० तं-आगारधम्म वा अणागारधम्म वा, जण्णं समणे भ० म०एगं महं सेयगोवगं जाव पडिबुद्धे तणं समणस्स भ० मा चाउबण्णाइन्ने समणसंघे, तं०-समणा समणीओ सावया सावियाओ, जणं समणे भ० म०एगं महं पउमसर जाच पडिबुद्धे तणं समणे जाव वीरे चउबिहे देवे पं० त०-भवणवासी वाणमंतरे जोतिसिए वेमाणिए जन समणे भग० म० एर्ग महं जाव पडिबुद्ध तन्नं समणेणं भगवया महावीरेणं अणादीए अणवदग्गे जाव संसारकतारे तिने जन समणे भगवं म० एग महं दिणयरं जाव पडिवडे तनं समणस्स भ० म० अर्णते अणुत्तरे० केवलवरनाणदसणे समुप्पणे जणं समणे जाव वीर एग महं हरिवलिय जान पांडबुद्ध तणं समणस्स भ० म० ओराला कित्तिवन्नसहसिलोया सदेवमणयासुर लोए परिभमंति ३२२ श्रीभगवत्यंग - सत-26 मुनि दीपरतसागर 2 528H8HLION243984862942154932248224284945 HOSAN Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इति खलु समणे भगवं महावीरे २, जन्नं समणे भगवं महावीरे मंदरे पव्वए मंदरचूलियाए जाव पडिबुद्धे तण्णं समणे भगवं महावीरे सदेवमणुआसुराए परिसाए मज्झगए केवली धम्मं आघवेति जाव उवदंसेति । ५८० । इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एग महं हयपतिं वा गयपंतिं वा जाव वसभपति वा पासमाणे पासति दुरूहमाणे दुरूहति दुरूदमिति अप्पाणं मन्नति तक्खणामेव बुज्झति तेणेव भवग्गहणेर्ण सिज्झति जाव अंतं करेति, इत्थी वा पुरिसे वा सुविणते एगं महं दामिणिं पाईणपडिणायतं दुहओ समुढे पुढे पासमाणे पासति संबडेमाणे संवेद संवेल्लियमिति अप्पाणं मनति तक्खणामेव बुज्झति तेणेव भवग्गहणेणं जाव अंतं करेति, इत्थी या परिसे वा एग महं रज्जु पाईणपडिणायतं दुहओ लोगंते पुढे पासमाणे पासति छिंदमाणे छिंदति छिन्नमिति अप्पाणं मन्नति तक्वणामेव जाव अंतं करेति, इत्थी वा पुरिसे वा सुविणते एगे महं किण्हसुत्तगं वा जाव सुकिलसुत्तगं वा पासमाणे पासति उम्गोवेमाणे उम्गोवेइ उम्गोवितमिति अप्पाणं मन्नति तक्खणामेव जाव अंर्त करेति, इत्थी वा पुरिसे वा सुविणते एग महं अयरासिं चा तंबरासि वा तउयरासिं वा सीसगरासिं वा पासमाणे पासति दुरूहमाणे दुरूहति दुरूदमिति अप्पाणं मनति तक्खणामेव बुज्झति दोघेणं भवम्गहणेणं सिझति जाव अतं करेति, इत्थी वा पुरिसे वा सुविणते एग मह हिरनरासि वा सुवन्नरासि वा रयणरासिं वा बहररासि वा पासमाणे पासइ दुरूहमाणे दुरूहइ दुरूदमिति अप्पाणं मनति तक्खणामेव बुज्झति तेणेव भवम्गहणेणं सिज्झति जाय अंतं करेति, इत्थी वा पुरिसे वा सुविणते एग महं तणरासिं या जहा तेयनिसग्गे जाव अवकररासिं या पासमाणे पासति विक्खिरमाणे विक्खिरइ विकिण्णमिति अ. पाणं मन्नति तकवणामेव बुज्झति तेणेव जाव अंतं करेति, इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंतें एग महं सस्थभं वा वीरणथंभं वा बंसीमूलथंभं वा वाडीमूलथंभ या पासमाणे पासइ उम्मूलेमाणे उम्मूलेइ उम्मूलितमिति अप्पाणं मन्नइ तक्खणामेव बुज्झति तेणेव जाव अंतं करेति, इत्थी या पुरिसे या सुविणंते एगं महं खीरकुंभं वा दधिकुंभं वा घयकुंभं वा मधुकंभं वा पासमाणे पासति उप्पाडेमाणे उप्पाडेइ उप्पाडितमिति अप्पाणं मन्नति तक्खणामेव चुज्झति तेणेव जाव अंतं करेइ, इत्थी वा पुरिसे वा सुविणते एगं महं सुरावियडकुंभं वा सोवीरवियडकुंभं वा तेतकुंभंवा वसाकुंभं वा पासमाणे पासति भिंदमाणे भिंदति भिन्नमिति अप्पाणं मन्नति तक्खणामेव बुज्झति दोघेणं भव जाव अंतं करेति, इत्थी वा पुरिसे वा सुविणते एगं महं पउमसर कुसुमियं० पासमाणे पासति ओगाहमाणे ओगाहति ओगादमिति अपाणं मन्नति तक्खणामेव० तेणेव जाव अंतं करेति, इत्थी या जाव सुविणंते एगं महं सागरं उम्मीवीयीजावकलियं पासमाणे पासति तरमाणे तरति तिन्नमिति अप्पाणं मन्नति तक्खणामेव जाब अंतं करेति, इत्थी वा जाव सुविणंते एग महं भवणं सब्बरयणामयं पासमाणे पासति अणुप्पविसमाणे अणुष्पविसति अणुप्पविट्ठमिति अप्पाणं मन्नति तक्खणामेव खुज्झति तेणेव जाव अंतं करेति, इस्थी वा पुरिसे वा सुविणते एग महं विमाणं सवरयणामयं पासमाणे पासइ दुरूहमाणे दुरूहति दुरुदमिति अपाणं मन्नति तक्खणामेव चुज्झति तेणेव जाव अंतं करोति।५८शअहमंत! कोट्टपुडाणवा जाव कयतापुडाण वा अणुवायास उब्भिज्जमाणाण वा जावठाणाआवाठाण सकामिजमाणाण कोदे वाति जाव केयई वाड?,गोयमा!नो कोट्टे याति जाव नो केयई बाति घाणसहगया पोग्ग-18 ला बाति। सेवं भंते २त्ति ।५८२॥ श०१६ उ०६॥ कतिविहे णं भंते ! उपओगे पं०१, गोयमा! दुविहे उवओगे पं०, एवं जहा उपयोगपदं पनवणाए तहेव निरवसेसं भाणियब्वं, पासणयापदं च निरवसेस नेयव्यं । सेवं भंते ! सेवं भंतत्ति 1५८३॥ श०१६ उ०७॥ किंमहालए णं भंते ! लोए पं०१, गोयमा ! महतिमहालए जहा बारसमसए तहेब जाव असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ परिक्खेवेणं पं०,लोयस्स णं भंते! पुरच्छिमिले चरिमंते किं जीवा जीवदेसा जीवपएसा अजीवा अजीवदेसा अजीवपएसा ?, गोयमा ! नो जीवा जीवदेसावि जीवपएसावि अजीवावि अजीवदेसावि अजीवपएसावि, जे जीवदेसा ते नियम एगिदियदेसा अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स य देसे एवं जहा दसमसए अग्गेयी दिसा तहेव नवरं देसेसु अणिंदियाणं आइडविरहिओ, जे अरुवी अजीवा ते छब्विहा, अद्धासमयो नत्थि, सेसं तं चेव निरवसेसं, लोगस्स णं भंते! दाहिणिले चरिमंते किं जीवा.?, एवं चेव, एवं पञ्चच्छि. मिलेऽबि, उत्तरिछेऽवि, लोगस्स णं भंते ! उबरिले चरिमंते किं जीवा? पुच्छा, गोयमा ! नो जीवा जीवदेसावि जाव अजीवपएसावि, जे जीवदेसा ते नियम एगिदियदेसा य अणिदियदेसा य अहवा एगिदियदेसा य अणिदिय. दियस्स य देसे अहवा एगिदियदेसा य अणिदियदेसा य दियाण य देसा, एवं मज्झिाविरहिओ जाव पंचिंदि०,जे जीवप्पएसा ते नियमं एगिदियप्पएसा य अणिंदियप्पएसा य अहवा एगिदियप्पएसा य अणिदियप्पएसा य बंदियप्पदेसा य अहवा एगिदियप्पएसा य अणिदियप्पएसा य बेइंदियाण य पएसा, एवं आदिडविरहिओ जाव पंचिंदियाणं, अजीचा जहा दसमसए तमाए तहेच निरवसेसं, लोगस्स णं भंते ! हेट्ठिाडे चरिमंते किं जीवा०? पुच्छा, गोयमा! नो जीवा जीवदेसावि जाव अजीवप्पएसावि, जे जीवदेसा ते नियम एगिदियदेसा अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स देसे अहवा एगिदियदेसा य बेदियाण य देसा एवं मज्झिाइविरहिओ जाव अणिंदियाणं पदेसा आइाल. विरहिया सव्वेसिं जद्दा पुरच्छिमिले चरिमंते तहेव, अजीवा जहेव उवरिल्ले चरिमंते तहेव, इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिाड़े चरिमंते कि जीवा०, गोयमा ! नो जीवा एवं जहेच लोगस्स तहेव चत्तारिवि चरिमंता 8 जाब उत्तरिडे, उवरिड़े तहेब जहा दसमसए विमला दिसा तहेब निरवसेसं, हेहिले चरिमंते तहेव नवरं देसे पंचिदिएसु तियभंगो सेसं तं चेव, एवं जहा रयणप्पभाए चत्तारि चरमंता भणिया एवं सकरप्पभाएऽचि, उवारिमहेडिडा जहा रयणप्पभाए हेहिल्डे, एवं अहेसत्तमाए, एवं सोहम्मस्सवि जाव अचुयस्स, गेवेज्जविमाणाणं एवं चेव, नवरं उबरिमहेडिडेसु चरमंतेसु देसेसु पंचिंदियाणवि मज्झिाडविरहिओ चेव सेसं तहेव, एवं जहा गेवेज्जविमाणा तहा अणुत्तरविमाणावि ईसिपम्भारावि । ५८४। परमाणुपोग्गले णं भंते ! लोगस्स पुरच्छिमिाडाओ चरिमंताओ पञ्चच्छिमिाडं चरिमंतं एगसमएणं गच्छति पचच्छिमिडाओ चरिमंताओ पुरच्छिमिाई चरिमंतं एगसमएणं गच्छति दाहिणिड्डाओ चरिमंताओ उत्तरितुं० उत्तरिडाओ० दाहिणिल्डं० उबरिडाओ चरमंताओ हेद्विालु चरिमंतं एवं जाव गच्छति हेविडाओ चरिमंताओ उपरिहुँ चरिमंतं एगसमएणं गच्छति?. हंता गोयमा! परमाणुपोग्गले णं लोगस्स पुरच्छिमिठ तं चेव जाव उबसिहं चरिमंतं गच्छति ।५८५। पुरिसे णं भंते! वासं वासति नो वासतीति हत्थं वा पायं वा बाहुं वा उरुं वा आउट्टावेमाणे वा पसारेमाणे वा कतिकिरिए?, गोयमा! जावं च णं से पुरिसे वासं वासति ३२३ श्रीभगवत्यंग-सा-6 FAKEACH841215209548560HIBRARSHANLARAMD543984493348485 0 885101 मुनि दीपरनसागर Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SHOPENSFEMSPOMREP84881885ENGPRMSPRONS-85878878518SAANSPIRMIRPISABAR वासं नो वासतीति हत्थं वा जाव उरू वा आउट्टावेति वा पसारेति वा वावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुढे ।५८६ । देवे णं भंते ! महड्ढिए जाव महेसक्खे लोगते ठिच्चा पभू अलोगसि हत्थं वा जाव उरुं वा आउंटावेत्तए वा पसारेत्तए वा ?, णो तिणढे समढे, से केणट्टेणं भंते! एवं वुबइ देवे णं महड्डीए जाव लोगंते ठिचा णो पभू अलोगसि हत्यं वा जाव पसारेत्तए वा?, गोयमा! जीवाणं आहारोवचिया पोग्गला बोंदिचिया पोग्गला कलेवरचिया पोग्गला पोग्गलामेव पप्प जीवाण य अजीवाण य गतिपरियाए आहिजइ, अलोए णं नेवस्थि पोग्गला से तेणडेणं जाव पसारेत्तए था। सेवं भंते२त्ति । ५८७॥ श०१६ उ०८॥ कहिनं भंते ! बलिस्स बहरोयणिंदस्स वइरोयणरनो सभा सुहम्मा पं०१, गोयमा! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पब्वयस्स उत्तरेणं तिरियमसंखेजे जहेव चमरस्स जाव चायालीसं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं बलिस्स वइरोयर्णिदस्स० रुयगिंदे नाम उप्पायपब्बए पं०, सत्तरस एकवीसे जोयणसए एवं पमाणं जहेब तिगिच्छिकूडस्स, पासायवडेंसगस्सवितं चेव पमाणं, सीहासणं सपरिवारं, बलिस्स परियारेणं, अट्ठो तहेव नवरं रुयगिंदप्पभाई सेसं तं चेव जाव चलिचंचाए गयहाणीए अन्नेसि च जाब रुयगिंदस्सणं उप्पायपव्वयस्स उत्तरेणं छकोडिसए तहेव जाव चत्तालीसं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं बलिस्स बइरोयणिंदस्स वइरोयणरन्नो चलिचंचा नामं रायहाणी पं० एग जोयणसयसहस्सं पमाणं तहेव जाब बलिपे मा सव्व तहव निरवसस नवर सातिरग सागविम ठिता प०, ससत चव जाव बली वयरायाण शसवे भत!२जाव विहरांत।५८८॥श०१६उ०९॥ कविबिहा णं मंत! ओही पं०१.गोयमा! दुविहा ओही पं०, ओहीपदं निरवसेसं भाणियव्यं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति । ५८९॥ श०१६ उ०१०॥ दीवकुमारा गं भंते ! सब्वे समाहारा सब्बे समुस्सासनिस्सासा?, णो तिणढे समढे, एवं जहा पढमसए चितियउ. देसए दीवकुमाराणं वत्तव्यया तहेव जाव समाउया समुस्सासनिस्सासा, दीवकुमाराणं भंते ! कति लेस्साओ पं०१, गोयमा ! चत्तारि लेस्साओ पं०२०-कण्हलेस्सा जाव तेउलेस्सा, एएसिं णं भंते ! दीवकुमाराणं कण्हलेस्साणं जाव तेउलेस्साण य कयरे जाव विसेसादिया वा?, गोयमा ! सब्बत्योबा दीवकुमारा तेउलेस्सा काउलेस्सा असंखेजगुणा नीललेस्सा विसेसाहिया कण्हलेस्सा बिसेसाहिया, एएसि णं भंते ! दीवकुमाराणं कण्हलेसाणं जाव तेउलेस्साण य कयरे कयरेहितो अप्पड्ढिया वा महड्ढ्यिा वा?, गोयमा ! कण्हलेस्साहिंतो नीललेस्सा महड्ढिया जाव सब्वमहड्ढीया तेउलेस्सा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति । श०१६ उ०११॥ उदहिकुमारा गं भंते ! सब्वे समा. हारा एवं चेव । सेवं भंते ! ॥श०१६ उ०१२॥ एवं दिसाकुमारावि ॥ श०१६ उ०१३॥ एवं थणियकुमाराऽवि। सेवं भंते ! सेवं भंते! जाव विहरइ ।५९०॥ उ०१४ इति पोडशं शतकं॥॥ ॥ नमो सुयदेवयाए भगवईए। 'कुंजर १ संजय २ सेलेसि ३ किरिय ४ ईसाण ५ पुढवि ६.७ दग ८-९ वाऊ १०.११। एगिदिय १२ नाग १३ सुवन्न १४ विजु १५ वायु १६ ऽग्गि १७ सत्तरसे ॥ ७७॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-उदायी णं भंते ! हत्थिराया कओहितो अणंतरं उबट्टित्ता उदायिहस्थिरायत्ताए उववन्ने ?, गोयमा ! असुरकुमारेहिंतो देवहितो अणंतरं उच्चट्टित्ता उदायिहस्थिरायत्ताए उववन्ने, उदायी णं भंते ! हस्थिराया कालमासे कालं किच्चा कहि गच्छिहिति कहिं उबबजिहिति?, गोयमा! इमीसे णं रयणपभाए पुढवीए उक्कोससागरोवमद्वितीयंसि निरयावासंसि नेरइयत्ताए उववजिहिति, से णं भंते ! तओहिंतो अणंतरं उबट्टित्ता कहिं ग० कहिं उ०१. गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति, भूयाणंदे णं भंते! दत्थिराया कओहिंतो अणंतरं उचट्टित्ता भूयाणंदहस्थिरायत्ताए एवं जहेव उदायी जाव अंतं काहिति । ५९१पुरिसे णं भंते! ता(पत)लमारूहइत्ता तालाओ तालफलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कतिकिरिए ?, गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे ता(म०त)लमारुहइ त्ता तालाओ तालफलं पयालेइ वा पवाडेइ वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुढे, जेसिपिय णं जीवाणं सरीरेहिंतो तले निव्वत्तिए तल8 फले निव्वत्तिए तेऽविणं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा, अहे णं भंते! से तालफले अप्पणो गरुयत्ताए जाव पचोवगमाणे जाई तत्थ पाणाई जाब जीवियाओ ववरोवेति तओ णं भंते! से पुरिसे कतिकिरिए ?, गोयमा! जावं च णं से पुरिसे तलफले अप्पणो गरुयत्ताए जाब जीवियाओ ववरोवेति तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चरहिं किरियाहिं पुढे, जेसिंपिणं जीवाणं सरीरेहिंतो तले निब्बत्तिए तेऽपि णं जीवा काइयाए जाव चउहि किरि| याहिं पुट्ठा, जेसिपि णं जीवाणं सरीरेहितो तालफले निव्वत्तिए तेऽवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा, जेऽविय से जीवा अहे वीससाए पचोवयमाणस्स उवग्गहे वति तेऽविय णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठा, पुरिसे णं भंते ! रुक्खस्स मूलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कतिकिरिए ?, गोयमा! जावं च णं से पुरिसे रुक्स्स मूलं पचालेइ वा पवाडेइ वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाय पंचहि किरियाहिं पुढे,जेसिंपिय णं जीवाणं सरीरेहितो मूले निव्वत्तिए जाव बीए निव्वत्तिए तेऽविय णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहि पुट्टा, अहे णं भंते ! से मूले अप्पणो गरुयत्ताए जाच जीवियाओ ववरोवेइ तओ णं भंते ! से पुरिसे कतिकिरिए ?, गोयमा ! जावं च णं से मूले अप्पणो जाव ववरोवेइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चउहि किरियाहिं पुढे. जेसिंपिय णं जीवाणं सरीरेहितो कंदे निव्वत्तिए जाच बीए निब्बत्तिए तेऽविणं जीवा चउहिं पुट्ठा, जेसिपियर्ण जीवाणं सरीरेहितो मूले निव्वत्तिए तेऽवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुढा, जेऽवियणं से जीचा अहे वीससाए पयावा पचोक्यमाणस्स या उवम्गहे बटुंति तेऽविणं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा, पुरिसे णं भंते ! रुक्खस्स कंदं पचालेइ०, गोयमा ! तावं च णं से पुरिसे जाय पंचहि किरियाहिं पुढे, जेसिपि णं जीवाणं सरीरहितो मूळे निव्वत्तिए जाव चीए निव्वत्तिए तेऽवि णं जीवा जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा, अहे णं भंते ! से कंदे अप्पणो जाव चउहिं पुढे, जेसिपि णं जीवाणं सरीरेहिंतो मूले निव्वत्तिए खंधे निजाव चउहिं० पुट्ठा, जेसिंपिणं जीवाणं सरीरेहितो कंदे निव्वत्तिए तेऽविय णं जीवा जाव पंचहिं० पुट्ठा, जेऽवि य से जीवा अहे वीससाए पचोवयमाणस्स जाव पंचहिं० पुट्ठा जहा खंधो एवं जाव बीयं । ५९२। कति णं भंते ! सरीरगा पं०१, गोयमा ! पंच सरीरगा पं० तं०-ओरालिए जाच कम्मए, कति णं भंते ! इंदिया पं०१, गोयमा! पंच इंदिया पं० तं०-सोइंदिए जाय फासिदिए. कतिविहे णं भंते ! जोए पं०१, गोयमा ! विविहे जोए पं० त०-मणजोए वयजोए कायजोए, जीवे णं भंते ! ओरालियसरीरं निव्वत्तेमाणे कतिकिरिए ?, गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए, एवं पुढविक्काइएऽवि एवं जाव मणुस्से, जीवा णं भंते ! ओरालियसरीरं निव्वत्तेमाणा कतिकिरिया ?, गोयमा ! तिकिरियावि चउकिरियावि पंचकिरियावि, एवं पुढवीकाइया एवं जाव मणुस्सा, एवं वेउब्वियसरीरेणवि दो दंडगा नवरं जस्स (८१) ३२४ श्रीभगवत्यंग-स-१७ मुनि दीपरनसागर Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अस्थि वैउब्वियं एवं जाव कम्मगसरीरं, एवं सोइंदियं जाव फासिंदियं, एवं मणजोगो वयजोगो कायजोगो जस्स जो अस्थि सो भाणियब्बो, एए एगत्तपुहुत्तेणं छब्बीसं दंडगा।५९३। कतिविहे णं भंते! भावे पं०१, गोयमा ! छविहे भावे पं० तं०-उदइए उक्समिए जाव सनिवाइए, से किं तं उदइए?,२ दुविहे पं० त०-उदइए य उदयनिष्फन्ने य, एवं एएणं अभिलावेणं जहा अणुओगदारे छनाम तद्देव निरवसेसं भाणियव्वं जाव से तं सन्निवाइए भावे। सेवं भंते! सेवं मंतेत्ति । ५९४ ॥ श०१७उ०१॥ से नूर्ण भंते! संयतविरतपडिहयपचक्खायपावकम्मे धम्मे ठिए अस्संजयअविरयअपडिहयअपचक्खायपावकम्मे अधम्मे ठिते संजयासंजए धम्माधम्मे ठिते?, हंता गोयमा ! संजयविण्य जाव धम्माधम्मे ठिए, एएसिणं भंते ! धम्मंसि वा अहम्मंसि वा धम्माधम्मंसि वा चकिया केइ आसइत्तए वा जाव तुयहित्तए वा ?, गोयमा! णो तिणढे समढे, से केणं खाई अड्डेणं भंते !एवं बुचइ जाव धम्माधम्मे ठिते ?,गोयमा! संजयविरयजावपावकम्मे धम्मे ठिते धम्मं चेव उपसंपज्जित्ताणं विहरति असंयतजावपावकम्मे अधम्मे ठिए अधम्मं चेव उवसंपजित्ताणं विहरइ संजयासंजए धम्माधम्मे ठिते धम्माधम्मं चेव उवसंपजित्ताणं विहरति, से तेणट्टेणं जाव ठिए, जीवा णं भंते! किं धम्मे ठिया अधम्मे ठिया धम्माधम्मे ठिया ?, गोयमा ! जीवा धम्मेऽवि ठिता अधम्मेऽवि ठिता धम्माधम्मेऽवि ठिता, नेरइ० पु०?, गोयमा ! णेरइया णो धम्मे ठिता अधम्मे ठिता णो धम्माधम्मे ठिता. एवं जाब चउरिदियाणं, पंचिंदियतिरिक्खजो पुच्छा, गोयमा! पंचिंदियतिरिक्खजोणि नो धम्मे ठिता अधम्मे ठिया धम्माधम्मेऽवि ठिया, मणुस्सा जहा जीवा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेर०।५९५। अन्नउस्थिया णं भंते ! एवमाइक्वंति जाब परुर्वेति-एवं खल समणा पंडिया समणोचासया बालपंडिया जस्स णं एगपाणाएऽवि दंडे अणिक्खित्ते से णं एगंतवालेत्ति वत्तव्यं सिया, से कहमेयं भंते ! एवं ?, गोयमा! जण्णं ते अन्नउत्थिया एवमाइ. क्खंति जाव वत्तव्बं सिया, जे ते एकमाइंसु मिच्छं ते एकमाइंसु, अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि-एवं खलु समणा पंडिया समणोचासगा बालपंडिया जस्स णं एगपाणाएऽवि दंडे निक्खित्ते से णं नो एगंतबालेत्ति वत्तव्वं सिया, जीवा णं भंते ! किं चाला पंडिया बालपंडिया ?, गोयमा! जीवा चालावि पंडियावि वालपंडियावि, नेरइयाणं पुच्छा, गोयमा! नेरइया बाला नो पंडिया नो बालपंडिया, एवं जाव चउरिंदियाणं, पंचिंदियतिरिक्ख. | पुच्छा, गोयमा! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया बाला नो पंडिया चालपडियावि, मणुस्सा जहा जीवा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेरइया ।५९६ । अन्नउस्थिया णं भंते! एवमाइक्खंति मुसाबाए जाव मिच्छादसणसङ्के वट्टमाणस्स अजे जीवे अन्ने जीवाया पाणाइवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे कोहविवेगे जाब मिच्छादसणसडविवेगे वट्टमाणस्स अन्ने जीवे अन्ने जीवाया उष्पत्तियाए जाव परिणामियाए वट्टमा-8 णस्स अन्ने जीवे अने जीवाया उप्पत्तियाए उग्गहे ईहाए अवाए धारणाए वट्टमाणस्स जाव जीवाया उट्टाणे जाव परकमे वट्टमाणस्स जाव जीवाया नेरइयत्ते तिरिक्खमणुस्सदेवत्ते वट्टमाणस्स जाव जीवाया नाणावरणिजे जाय अंतराइए वट्ठमाणस्स जाव जीवाया, एवं कण्हलेस्साए जाच सुकलेस्साए सम्मदिट्ठीए एवं चक्खुदंसणे० आभिणिचोहियनाणे० मतिअनाणे० आहारसनाए०एवं ओरालियसरीरे एवं मणजोए. सागारोवओगे अणागारोवओगे| बहमाणस्स अण्णे जीवे अन्ने जीवाया, से कहमेयं भंते ! एवं?. गोयमा ! जपणं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्वंति जाय। दसणसले वट्ठमाणस्स सचेव जीवे सचेच जीवाया जाय अणागारोवओगे बद्माणस्स सञ्चेव जीवे सञ्चेव जीवाया।५९७। देवे णं भंते ! महड्डीए जाब महेसक्खे पुण्यामेव रूपी भवित्ता पभू अरूवि विउव्बित्ताणं चिवित्तए?, णो। तिणट्टे समढे, से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ-देवे णं जाव नो पभू अरूविं विउव्वित्ताणं चिट्टित्तए?, गोयमा ! अमेयं जाणामि अहमेयं पासामि अहमेयं बुज्झामि अहमेयं अभिसमन्नागच्छामि मए एयं नायं मए एयं दिट्ट मए एवं बुद्ध मए एवं अभिसमन्नागयं जण्णं तहागयस्स जीचस्स सरूविस्स सकम्मस्स सरागस्स सवेदणस्स समोहस्स सलेसस्स ससरीरस्स ताओ सरीराओ अविष्पमुकस्स एवं पं० तं०-कालत्ते वा जाव सुकिङत्ते वा सुभिगंधत्ते वा दुब्भिगंधत्ते वा तित्ते वा जाव महुर० कक्खडत्ते जाव लुक्खत्ते, से तेणटेणं गोयमा ! जाव चिट्ठित्तए, सच्चेव णं भंते ! से जीवे पुवामेव अरूबी भवित्ता पभू रूविं विउवित्ताणं चिट्टित्तए ?.णो तिणडे जाव चि०, गोयमा! अह. 3 मेयं जाणामि जाव जचं तहागयस्स जीवस्स अरुवस्स अकम्मरस अरागस्स अवेदस्स अमोहस्स अलेसस्स असरीरस्स ताओ सरीराओ विप्पसुकस्स णों एवं पं० त०-कालते या जाव लक्खत्ते वा से तेणदेणं जाब चिट्रित वा II सेवं भंतेत्ति।५९८॥ श०१७उ०२॥ सेलेसि पडिवनए णं भंते ! अणगारे सया समियं एयति वेयति जाव तं तं भावं परिणमति ?, णो तिणट्टे समढे, णऽण्णत्थेगेणं परप्पयोगेणं, कतिविहा णं भंते! एयणा पं०१. गोयमा पंचविहा एयणा पं० त०-दब्वेयणा खेत्तेयणा कालेषणा भवेयणा भावेयणा, दब्वेयणा णं भंते ! कतिविहा पं०१, गोयमा ! चउब्धिहा पं० त०- नेरइयदब्बेयणा तिरिक्ख० मणुस्स० देवदब्बेयणा, से केण एवं बुच्चइ-नेरइयदव्वेयणा | २१, गोयमा ! जन्नं नेरइया नेरइयदव्ये बहिंसु वा बटुंति वा बहिस्संति वा ते णं तत्थ नेरतिया नेरतियदब्वे यमाणा नेरइयदव्येयणं एइंसु वा एयंति वा एइस्संति वा, से तेणटेणं जाव दव्येयणा, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ-तिरिक्खजोणियदब्वेयणा एवं चेव, नवरं तिरिक्खजोणियद० भाणियव्यं, सेसं तं चेव, एवं जाव देवदव्वेयणा, खेत्तेयणा णं भंते! कतिबिहा पं०१, गोयमा ! चउबिहा पं० २०. नेरइयखेतेयणा जाच देवखेत्तेयणा, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुचइ-नेरइयखेत्तेयणा २१, एवं चेव नवरं नेरइयखेत्तेयणा भाणियब्वा, एवं जाव देवखेत्तेयणा, एवं कालेयणावि, एवं भवेयणावि, भावेयणावि जाव देवभावेयणा । ५९९। कतिविहा णं भंते ! चलणा पं०१, गोयमा ! तिविहा चलणा पं० २०-सरीरचलणा इंदियचलणा जोगचलणा, सरीरचलणा णं भंते ! कतिविहा पं०१, गोयमा ! पंचविहा पं०२०-ओरालियसरीरचलणा जाय कम्मगसरीरचलणा, इंदियचलणा णं भंते ! कतिविहा पं०१, गोयमा! पंचविहा पं० त०-सोइंदियचलणा जाव फासिंदियचलणा, जोगचलणा णं भंते ! कतिविहा पं०१, गो०! तिविहा पं० त०- मणजोगचलणा वइजोगचलणा कायजोगचलणा, से केणट्टेणं भंते! एवं बुचइ-ओरालियसरीरचलणा २१, गोयमा! जणं जीवा ओरालियसरीरे वट्ठमाणा ओरालियसरीरपयोगाई दबाई ओरालियसरीरत्ताए परिणामेमाणा ओरालियसरीरचलणं चलिंसु वा चलंति या चलिस्संति वा से तेणट्टेणं जाव ओरालियसरीरचलणा २, से केणटेणं ३२५ श्रीभगवत्यंग-सत१७ मुनि दीपरत्नसागर MISHRMISHRAASPICHROPISASHAMIRPRANSPIRINEPONSPICHARPARMASPITHAPKOMARPAGARIHORAGARRIOLORIGION Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 8234834 भंते! एवं वु०-बेउच्वियसरीरचलणा २१, एवं चैव नवरं वेउब्वियसरीरे वट्टमाणा, एवं जाव कम्मगसरीरचलणा, से केणद्वेणं भंते! एवं बुच्चइ सोइंदियचलणा २१, गोयमा ! जन्नं जीवा सोईदिए वट्टमाणा सोइंदियपाओगाई दव्वाइं सोइंदियत्ताए परिणामेमाणा सोइंदियचलणं चलिंसु वा चलति वा चलिस्संति वा से तेणद्वेणं जाव सोतिंदियचलणा २, एवं जाव फासिंदियचलणा, से केणट्टेणं भंते! एवं वृच्चइ-मणोजोगचलणा २१, गोयमा ! जण्णं जीवा मणजोए वट्टमाणा मणजोगप्पा ओगाई दव्बाई मणजोगत्ताए परिणामेमाणा मणजोगचलणं चलिंसु वा चलिंति वा चलिस्संति वा से तेणट्टेणं जाव मणजोगचलणा २, एवं बइजोगचलणावि, एवं कायजोगचलणावि।६००। अह भंते! संवेगे निव्वेए गुरुसाहम्मियसुरसणया आलोयणया निंदणया गरहणया खमावणया सुयसहायता विउसमणया भावे अप्पविद्धया विणियदृणया विवित्तसयणासणसेवणया सोइंदियसंवरे जाब फासिंदियसंवरे जोगपश्चक्खाणे सरीरपञ्चक्खाणे कसायपचक्खाणे संभोगपचक्खाणे उवहिपचक्खाणे भत्तपचक्खाणे खमा विरागया भावसचे जोगसचे करणसच्चे मणसमण्णाहरणया वयसमन्नाहरणया कायसमन्नाहरणया कोहविवेगे जाव मिच्छादंसणस विवेगे णाणसंपन्नया दंसणसं० चरित्तसं० वेदणअहियासणया मारणंतियअहियासणया एए णं भंते! पया किंपजवसाणफला पं० समणाउसो १, गोयमा संवेगे निव्वेगे जाव मारणंतिय अहियासणया एए णं पया सिद्धिपज्जवसाणफला पं० समणाउसो ! सेवं भंते! २ जाव विहरति । ६०१ ॥ श ० १७४०३ ॥ तेषं कालेनं० रायगिहे नगरे जाव एवं वयासी अस्थि णं भंते! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया कजइ ?, दंता अस्थि, सा भंते! किं पुट्टा कज्जइ अपुट्ठा ०१, गोयमा ! पुट्टा कज्जइ नो अपट्टा कज्जइ, एवं जहा पढमसए छट्ठद्देसए जाव नो अणाणुपुच्विकडाति वत्तव्यं सिया, एवं जाव वैमाणियाणं, नवरं जीवाणं एगिंदियाण य निव्वाघांएणं छदिसिं वाघायं पहुच सिय तिदिसिं सिय चउदिसिं सिय पंचदिसिं सेसाणं नियमं छहिसिं, अत्थि णं भंते! जीवाणं मुसावाएणं किरिया कज्जइ ?, हंता अस्थि, सा भंते! किं पुट्टा कज्जइ जहा पाणाड्याएणं दंडओ एवं मुसावाएणवि, एवं अदिन्नादाणेणवि मेहुणेणवि परिग्गहेणवि, एवं एए पंच दंडगा, जंसमयन्नं भंते! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया कज्जइ सा भंते! किं पुट्ठा कज्जइ अपुट्ठा कज्जइ ?, एवं वहेब जाव वत्तव्यं सिया, जाव वैमाणियाणं, एवं जाव परिग्गहेणं, एवं एतेऽवि पंच दंडगा, जंदेसेणं भंते! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया कज्जति एवं चैव जाव परिग्गहेणं, एवं एतेऽवि पंच दंडगा, जंपएसन्नं भंते! जीवाणं पाणाईवाएणं किरिया कज्जइ सा भंते! किं पुट्टा फजति० एवं तदेव दंडओ एवं जाव परिग्गहेणं, एवं एए बीसं दंडगा । ६०२ । जीवाणं भंते! किं अत्तकडे दुक्खे परकडे दुक्खे तदुभयकडे दुक्खे ?, गोयमा अत्तकडे दुक्खे नो परकडे दुक्खे नो तदुभयकडे दुक्खे, एवं जाव बेमाणियाणं, जीवा णं भंते! किं अत्तकडं दुक्खं वेदेति परकडे दुक्खं वेदेति तदुभयकडं दुक्खं वेदेति १, गोयमा ! अत्तकडं दुक्खं वेदेति नो परकडं दुक्खं वेदेति नो तदुभयकडं दुक्खं वेदेति, एवं जाव बेमाणियाणं, जीवाणं भंते! किं अत्तकडा वेयणा परकडा वेयणा० पुच्छा, गोयमा! अत्तकडा वेयणा णो परकडा बेयणा णो तदुभयकडा वेयणा, एवं जाव बेमाणियाणं, जीवा णं भंते! किं अतकडं वेदणं वेदेति परक० वे० दे० तदुभयकडं वे० वे० १, गोयमा! जीवा अत्तकडं वेय० वे० नो परक० नो तदुभय० एवं जाव वेमाणियाणं । सेवं भंते! सेवं भंतेत्ति । ६०३ ॥ श० १७० ४ ॥ कहिं णं भंते! ईसाणस्स देविंदस्स देवरनो सभा सुहम्मा पं० १, गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ उटं चंदिमसूरिय जहा ठाणपदे जाब मज्झे ईसाणवडेंसए महाविमाणे, से णं ईसाणवर्डेसए महाविमाणे अद्धतेरस जोयणसयसहस्साई एवं जहा दसमसए सकविमाणवत्तव्वया सा इहवि ईसाणस्स निरवसेसा भाणि यव्वा जाव आयरक्खा, ठिती सातिरेगाई दो सागरोवमाई, सेसं तं चैव जाव ईसाणे देविंदे देवराया २। सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति । ६०४ ॥ श० १७३०५ ॥ पुढवीकाइए णं भंते! इमीसे रय० पुढ० समोहए ता जे भविए सोहम्मे कप्पे पुढविकाइयत्ताए उपवजित्तए से भंते! किं पुब्वि उपवजित्ता पच्छा संपाउणेजा पुब्बि वा संपाउणित्ता पच्छा उबव० १, गोयमा! पुब्बि वा उववजित्ता पच्छा संपाउणेज्जा पृथ्वि वा संपाठणित्ता पच्छा उववज्जेज्जा, से केणद्वेणं जाब पच्छा उववज्जेज्जा ? गोयमा ! पुढविकाइयाणं तओ समुग्धाया पं० तं० वेदणासमुग्धाए कसायसमुग्धाए मारणंतियसमुग्धाए, मारणंतियसमुग्धाएणं समोहणमाणे देसेण वा समोहणति सच्वेण वा समोहणति देसेणं समोहणमाणे पुवि संपाउणित्ता पच्छा उबवज्जिज्जा सव्वेण समोहणमाणे पुब्वि उववज्जेत्ता पच्छा संपाउणेज्जा, से तेणद्वेणं जाव उववज्जिज्जा, पुढविकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जाव समोहए ता जे भविए ईसाणे कप्पे पुढवि० १. एवं चेव ईसाणेऽवि, एवं जाव अचुयगेविज्जविमाणे, अणुत्तरविमाणे ईसिप भाराए य एवं चेव, पुढवीकाइए णं भंते! सकरप्पभाए पुढवीए समोहए त्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे पुढवी० एवं जहा रयणप्पभाए पुढवीकाइओ उबवाइओ एवं सकरप्पभाएऽवि पुढवीकाइओ उववाएयथ्यो जाव ईसिप भाराए, एवं जहा रयणप्पभाए वत्तब्वया भणिया एवं जाव असत्तमाए समोहए ईसीप भाराए उववाएयव्वो । सेवं भंते! २त्ति । ६०५ ॥ श० १७३०६ ॥ पुढवीकाइए णं भंते! सोहम्मे कप्पे समोदए त्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुढवीकाइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते! किं पुव्वि सेसं तं चेव, जहा रयणप्पभाए पुढवीकाइए सव्वकप्पेसु जाव ईसिफभाराए ताव उबबाइओ एवं सोहम्सपुढवीकाइओऽवि सत्तसुवि पुढवीसु उववाएयब्वो जाव आहेसत्तमाए, एवं जहा सोहम्मपुढवीकाइओ सम्यपुढवी उबवाइओ एवं जाव ईसिपम्भारापुढवीकाइओ सव्वपुढवीस उबचाएयब्यो जाव आहेसत्तमाए । सेवं भंते २ । ६०६ ॥ श० १७३० ७ ॥ आउकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए समोह० त्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे आउकाइयत्ताए उववजित्तए एवं जहा पुढवीकाइओ वहा आउकाइओऽवि सब्वकप्पेषु जाव ईसिपन्भाराए तहेब उबवायच्बो, एवं जहा स्यणप्पभाआउकाइओ उबवाइओ तहा जाव आहेसत्तमापुढवी आउकाइओ उबवाएयब्बो जाव ईसिप भाराए। सेवं भंते! २ । ६०७ ॥ श० १७ उ० ८॥ आउकाइएं णं भंते! सोहम्मे कप्पे समोहए समोह • जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढबीए घणोदधिवलएसु आउकाइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते! सेसं तं चेव एवं जाव अहेसत्तमाए, जहा सोहम्मआउकाइओ एवं जाव ईसिप भाराआउकाइओ जाव आहेसत्तमाए उबवायब्यो । सेवं भंते! २ । ६०८ ॥ श० १७३०९ ॥ वाउकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए जाव जे भविए सोहम्मे कप्पे वाउकायत्ताए उववजित्तए से णं जहा पुढवीकाइओ तदा वाउकाइओऽथि नवरं वाडकाइयाणं ३२६ श्रीभगवत्यं सत ११ मुनि दीपरत्नसागर Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SAEYEVIOPOARPRASHE चत्तारि समुग्घाया पं० त० वेदणासमुग्घाए जाव वेउब्वियसमुग्याए, मारणंतियसमुग्पाएणं समोहणमाणे देसेण वा समो० सेसं तं चेव जाव अदेसत्तमाए समोहओ ईसिपम्भाराए उववाएयव्यो। सेवं भंते ! २।६०९॥श०१७ उ१०॥ वाउकाइए णं भंते! सोहम्मे कप्पे समोहए त्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए घणवाए तणुबाए घणवायवलएसु तणुवायवलएस पाउकाइयत्ताए उपवजेत्तए से णं भंते ! सेसं तं चेव एवं जहा सोहम्मवाउकाइओ सत्तसुचि पुढवीसु उववाइओ एवं जाव ईसिपम्भारावाउकाइओ अहेसत्तमाए जाव उववाएयव्यो। सेवं भंते!२१६१०॥श०१७उ०११॥ एगिदियाणं भंते ! सम्भे समाहारा सब्बे समसरीरा एवं जद्दा पढमसए चितियउद्देसए पुढ. विकाइयाणं वत्तव्यया भणिया सा चेव एगिदियाणं इह भाणियब्याजाव समाउया समोक्वनगा, एगिदिया णं भंते ! कति लेस्साओ पं०१, गोयमा! पत्तारि लेस्साओ पं० त०-कण्दलेस्सा जाब ठेउलेस्सा, एएसिणं भंते! एगिदियाणं कण्हलेस्साणं जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सव्वत्थोवा एगिदियाणं तेउलेस्सा काउलेस्सा अणंतगुणा णीललेस्सा विसेसाहिया कण्हलेसा विसेसाहिया, एएसिं णं भंते! एगिदियाणं कण्हलेस्सा० इड्डी जद्देव दीवकुमाराणं । सेवं भंते!२१६११॥श०१७उ०१२॥ नागकुमाराणं भंते ! सव्वे समाहारा जहा सोलसमसए दीक्कुमारुहेसे तहेव निवसेसं भाणियब्वं जाव इड्ढीति। सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति, ।६१२॥ श०१७ उ०१३ ॥ सुवन्नकुमारा णं भंते ! सब्बे समाहारा एवं चेव। सेवं मंते ! २।६१३॥श०१७ उ०१४॥ विजुकुमारा णं भंते! सब्बे समाहारा एवं चेव । सेवं भंते !।६१४॥ श०१७३०१५॥ वायुकुमारा णं भंते ! सब्बे समाहारा एवं चेव । सेवं भंते! २१६१५॥ श०१७ उ०१६॥ अम्गिकुमारा णं भंते ! सब्बे समाहारा एवं चेव। सेवं भंते:२।६१६॥ उ०१७ इति सप्तदशं शतक।फ फा पढमे १ विसाह २ मायदिए य३ पाणाइबाय ४ असुरे य ५। गुल ६ केवलि ७ अण गारे ८ भविए ९ तह सोमिल१०ऽद्वारे ॥ ७८॥ तेणं कालेणं० रायगिहे जाव एवं बयासी-जीवे णं भंते ! जीवभावेणं किं पढमे अपढमे ?, गोयमा! नो पढमे अपढमे, एवं नेरइए जाव वे०, सिद्धे णं भंते! सिद्धभावेणं किं पढमे BI अपदमे ?, गोयमा! पढमे नो अपढमे, जीवा णं भंते ! जीवभावेणं किं पढमा अपढमा?, गोयमा! नो पढमा अपढ़मा, एवं जाव वेमाणिया, सिद्धाणं पुच्छा, गोयमा! पढमा नो अपढमा, आहारए णं भंते! जीवे आहारभावेणं कि पढमे अपढमे ?, गोयमा ! नो पढमे अपढमे, एवं जाव वेमाणिए, पोहत्तिए एवं चेव, अणाहारए णं भंते! जीवे अणाहारभावेणं पुच्छा, गोयमा ! सिय पढमे सिय अपढमे, नेरइए णं भंते! एवं नेरविए जाव वेमाणिए नो पढमे अपढमे, सिद्धे पढमे नो अपढमे, अणाहारगा णं भंते! जीवा अणाहारभावेणं पुच्छा, गोयमा ! पढमावि अपढमावि, नेरइया जाव वेमाणिया णो पढमा अपढमा, सिद्धा पढमा नो अपढमा, एकेके पुच्छा भाणियब्बा, भवसिद्धीए एगत्तपुहुत्तेणं जहा आहारए, एवं अभवसिद्धीएऽवि, नोभवसिद्धीयनोअभवसिद्धीए णं भंते ! जीवे नोभव० पुच्छा, गोयमा! पढमे नो अपढमे, णोभवसिद्धीयनोजभवसिद्धीया णं भंते ! सिद्धा नोभ० अभव०, एवं चेव पुटुत्तेणवि दोण्हवि, सभी गं भंते ! जाच सचीभावेणं किं पढमे पुच्छा, गोयमा! नो पढमे अपढमे, एवं विगलिंदियवजं जाव वेमाणिए, एवं पुहुत्तेणवि, असन्नी एवं चेव एगत्तपुटुत्तेणं नवरं जाव वाणमंतरा, नोसनीअसन्नी जीवे मणुस्सेर सिद्धे पढमे नो अपढमे, एवं पुडुत्तेणवि, सलेसे णं भंते! पुच्छा, गोयमा! जहा आहारए, एवं पुहुत्तेणवि, कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा एवं चेव नवरं जस्स जा अस्थि, अलेसे णं० जीवमणुस्ससिद्धे जहा नोसन्नीनोअसन्नी, सम्मदिडीए णं भंते ! जाव सम्मदिट्ठिभावेणं किं पढमे पुच्छा, गोयमा ! सिय पढमे सिय अपढमे, एवं एगिदियवजं जाव वेमाणिए, सिद्धे पढमे नो अपढमे, पुहुत्तिया जीवा पढमावि अपढमावि, एवं जाव वेमाणिया, सिद्धा पढमा नो अपदमा. मिच्छादिडीए एगत्तपहत्तेणं जहा आहारगा, सम्मामिच्छाविट्ठी एगत्तपत्तेणं जहा सम्मदिट्ठी, नवरं जस्स अस्थि सम्मामिच्छतं. संजए. जीवे मणुस्से य एगत्तपत्तेण जहा सम्मदिट्टी. असंजए. जहा आहारए. संजयासंजए. जीवे पंचिंदियतिरिक्खजोणियमणुस्सा एगत्तपुहुत्तेण जहा सम्मदिट्ठी, नोसंजएनोअस्संजएनोसंजयासंजए. जीवे सिद्धे य एगत्तपुहुत्तेणं पढमे नो अपढमे, सकसायी जाव लोभकसायी एए एगत्तपुहुत्तेण जहा आहारए, अकसायी०जीवे सिय पढमे सिय अपढमे, एवं मणुस्सेऽवि, सिदे पढमे नो अपढमे, पुटुत्तेणं जीवा मणुस्सावि पढमावि अपढमावि, सिद्धा पढमा नो अपढमा, णाणी एगत्तपुडुत्तेणं जहा सम्मदिट्टी आभिणियोहियनाणी जाव मणप2 जवनाणी एगत्तपत्तेणं एवं चेव नवरं जस्स जं अस्थि, केवलनाणी जीवे मणस्से सिद्ध य एगत्तपत्तेणं पढमा नो अपढ़मा, अन्नाणी मइअनाणी सुषअजाणी विभंगनाणी य एगत्तपुडुत्तेणं जहा आहारए, सजोगी मणजोगी वयजोगी कायजोगी एगत्तपुहुत्तेणं जहा आहारए नवरं जस्स जो जोगो अस्थि, अजोगी जीवमणुस्ससिद्धा एगत्तपुहुत्तेणं पढमा नो अपढमा, सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता एगत्तपुहुत्तेणं जहा अणाहारए, सवेदगो जाव नपुंसगवेदगो एगत्तपुहुत्तेणं जहा आहारए नवरं जस्स जो वेदो अत्थि, अवेदओ एगत्तपुहुत्तेणं तिसुवि पदेसु जहा अकसायी, ससरीरी जहा आहारए एवं जाव कम्मगसरीरी, जस्स जं अत्थि सरीरं, नवरं आहारगसरीरी एगत्तपुहुत्तेणं जहा सम्मदिट्ठी, असरीरी जीवो सिद्धो एगत्तपुहुत्तेणं पढमा नो अपढमा, पंचहिं पज्जत्तीहिं पंचहिं अपजत्तीहिं एगत्तपुहुत्तेणं जहा आहारए, नवरं जस्स जा अस्थि जाव येमाणिया नो पढमा अपढमा, इमा लक्खणगाहा-जो जेण मो अपत्तव्येसु भावेसु ॥७९॥ जीवे णं भंते ! जीवभावेणं किं चरिमे अचरिमे?, गोयमा ! नो चरिमे अचरिमे, नेरइए णं भंते! नेरइयभावेणं पुच्छा, गोयमा ! सिय चरिमे सिय अचरिमे, एवं जाव येमाणिए, सिढे जहा जीवे, जीवा णं पुच्छा, गोयमा ! नो चरिमा अचरिमा, नेरइया चरिमावि अचरिमावि, एवं जाव येमाणिया, सिदा जहा जीवा, आहारए सव्वत्थ एगत्तेणं सिय चरिमे सिय अचरिमे पुत्तेणं चरिमावि अचरिमावि, अणाहारओ जीवो सिद्धोय एमत्तेणवि पुहुत्तेणवि नो चरिमे अचरिमे, सेसट्ठाणेसु एगत्तपुहुत्तेणं जहा आहारओ, भवसिद्धीओ जीवपदे एगत्तपत्तेणं चरिमे नो अचरिमे, सेसट्ठाणेसु जहा आहारओ, भवसिद्धीओ सव्वत्थ एगत्तपुहुत्तेणं नो चरिमे अचरिमे, नोभवसिद्धीयनोअभवसिद्धीय जीवा सिद्धा य एगत्तपुहुत्तेणं जहा अभवसिद्धीओ, सन्नी जहा आहारओ, एवं असन्नीवि, नोसन्नीनोअसन्नी जीवपदे सिद्धपदे य अचरिमे, मणुस्सपदे चरमे एगत्तपुहुत्तेणं, सलेस्सो जाव सुक्कलेस्सो जहा आहारओ नवरं जस्स जा अस्थि, अलेस्सो जहा नोसन्नीनोअसन्नी, सम्मदिट्ठी जहा अणाहारओ, मिच्छादिट्टी जहा आहारओ, सम्मामिच्छादिट्ठी एगिदियविगलिंदि३२७ श्रीभगवत्यंग-सा-१८ मुनि दीपरत्नसागर Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यवजं मिय चरिमे सिय अचरिमे, पत्तेणं चरिमावि अचरिमात्रि, संजओ जीवो मणुस्सो य जहा आहारओ, अस्संजओऽवि तद्देव, संजयासंजऽवि तद्देव, नवरं जस्स जं अत्थि, नोसंजयनोअसंजयनासंजयासंजय जहा नोभवसिद्धीयनोअभवसिद्धीओ, सकसाई जाव लोभकसायी सव्वद्वाणेसु जहा आहारओ, अकसायी जीवपदे सिद्धे य नो चरिमो अचरिमो मणुस्सपदे सिय चरिमो सिय अचरिमो, जाणी जहा सम्मदिडी सब्वस्थ, आभिणिबोहियनाणी जाब मणपजवनाणी जहा आहारओ नवरं जस्स जं अस्थि, केवलनाणी जहा नोसझीनोअसन्नी. अन्नाणी जाव विभंगनाणी जहा आहारओ. सजोगी जाव कायजोगी जहा आहारओ जस्म जो जोगो अस्थि. अजोगी जहा नोसन्नीनोअसनी, सागारोवउत्तो अणागारोवउत्तो य जहा अणाहारओ, सवेदओ जाव नपुंसगवेदओ जहा आहारओ अवेदओ जहा अकसाई, ससरीरी जाब कम्मगसरीरी जहा आहारओ नवरं जस्स जं अस्थि, अमरीरी जहा नोमवसिद्धीयनोअभवसिद्धीय, पंचहिं पलत्तीहिं पंचहिं अपजत्तीहिं जहा आहारओ, सव्वत्थ एगत्तपुहत्तेणं दंडगा भाणियच्या. इमा लक्खणगाहा जो जं पाविहिति पुणो भावं सो तेण अचरिमो होइ। अचंतविओगो जस्म जेण भावेण सो चरिमो ॥ ८० ॥ सेवं भंते ! २ जाव विहरति ॥ ६१७ ॥ श० १८३० १ ॥ तेणं काले विसाहा नाम नगरी होत्या बन्नओ, बहुपुत्तिए चेइए बन्नओ, सामी समोसढे जाव पज्जुवासइ. तेणं काले सके देविंदे देवराया कज्जपाणी पुरंदरे एवं जहा सोलसमसए चितियउद्देसए तदेव दिव्वेणं जाणविमाणेणं आगओ नवरं एत्थ अभियोगादी अस्थि जाव बत्तीसतिविहं नट्टविहिं उचदंसेति ता जाव पडिगए, भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं जाव एवं क्यासी जहा तईयसए ईसाणस्स तब कूडागारसालादिहंतो तद्देव पुच्बभवपुच्छा जाव अभिसमन्नागया ? गोयमादी समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं क्यासी एवं खलु गोयमा तेणं कालेणं इदेव जंबूदीवे दीवे भारहे वासे इत्थिणापुरे नाम नगरे होत्था बन्नओ, सहस्संबवणे उज्जाणे वन्नओ, तत्थ णं हत्थिणागपुरे नगरे कत्तिए नाम सेडी परिवसति अड्ढे जाव अपरिभूए णेगमपढमासणिए णेगमट्टसहस्सस्स बहुम कज्जेमु य कारणेमु य कोडुंबे य एवं जहा रायप्पसेणइज्जे चित्ते जाव चक्खुभूए णेगमट्टसहस्सस्स सयस्स य कुंडुबस्स आहेवच्चं जाव कारेमाणे पालेमाणे य समणोवासए अहिगयजीवाजीवे जाव विहरति, तेणं कालेणं मुनिसुव्वाए अरहा आदिगरे जहा मोलसमसए तहेव जाव समोसढे जाव परिसा पज्जुवासति, तर णं से कत्तिए सेट्टी इमीसे कहाए लट्टे समाणे हट्टतुट्ट एवं जहा एकारसमसए सुदंसणे तहेब निग्गओं जाब पजुवासति, तए णं मुणिसुच्चाए अरहा कलियम्स सेट्टिम्स धम्मका जाव परिसा पडिगया, तए णं से कत्तिए सेट्टी मुणिसुव्यय जाव निसम्म हट्टवुड उडाए उट्ठेति ना मुणिसुच्चयं जाय एवं क्यासी एवमेयं भंते! जाब से जहेयं तुज्झे वह नवरं देवाणुप्पिया ! नेगमट्टमहस्सं आपुच्छामि जेट्टपुत्तं च कुटुंबे ठावेमि, तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतियं पब्वयामि अढासुहं जाब मा पडिबंध. तए णं से कत्तिए सेट्टी जाव पडिनिक्खमति त्ता जेणेव हत्थिणापुरे नगरे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छतागमट्टसहस् सदावेति त्ता एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया! मए मुणिसुव्वयस्स अरहओ अंतियं धम्मे निसन्तं संऽविय मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए. तए णं अहं देवाणुप्पिया! संसारभयुब्विग्गे जाव पञ्चयामि तं तुज्झे णं देवागुप्पिया! किं करेह किं ववसह कि मे हियइच्छिए कि मे सामत्ये?, तए णं तं णेगमट्टसहस्संपि तं कत्तियं सेहिं एवं वयासी- जइ णं देवाणुष्पिया! संसारभयुव्विग्गा जाब पब्वइस्संति अम्हं देवाणुप्पिया! किं अझे आलवणे वा आहारे वा पडिबंधे वा?, अम्हेऽवि णं देवाणुप्पिया ! ससारभयुब्विग्गा भीया जम्मणमरणाणं देवाणुप्पिएहिं सद्धिं मुणिसुव्वयस्स अरहओ अंतियं मुंडा भवित्ता आगाराओ जाव पव्वयामो. तए णं से कत्तिए सेट्टी तं नेगमट्टसहस् एवं वयासी-जदि णं देवाणुप्पिया! संसारभयुविग्गा भीया जम्मणमरणाणं मए सद्धिं मुणिसुब्वय जाव पव्वयह तं गच्छह णं तुझे देवाणुप्पिया सएस गिहेसु विपुलं असणं जाव उवक्खडावे मित्तनाइ जाव पुरओ जे कुटुंबे ठावेद्द त्ता तं मित्तनाई जाव जेट्टपुत्ते आपुच्छह ता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओं दुरूहह त्ता मित्तना इजावपरिजणेणं जेट्टपुत्तेहि य समणुगम्ममाणमग्गा सव्वढीए जाव रवेण अकालपरिहीणं चेत्र मम अंतियं पाउच्भवह. तए णं ते नेगमट्टसदस्संपि कत्तियस्स सेट्टिस्स एयमङ्कं विणएणं पडिसुणति त्ता जेणेव साई साई गिहाई तेणेव उवागच्छन्ति ता विपुलं असण जाव उक्क्खडार्वेति त्ता मित्तनाइ जाव तस्सेव मित्तनाइ जाव प्रओ जेट्टपुत्ते कुहुंचे ठावैति त्तातं मित्तनाइ जाव जेट्टपुत्ते य आपृच्छंति ता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ दुरुहंति त्ता मित्तणातिजावपरिजणेणं जेद्रपुत्तेहि य समणुगम्ममाणमग्गा सव्वद्दढीए जाव खेणं अकालपरिहीणं चैव कत्तियस्स स्सि अंतियं पाउच्भवंति, तए णं से कत्तिए सेट्टी विपुलं असणं जहा गंगदत्तो जाव मित्तणातिजावपरिजणेणं जेद्रपूत्तेणं णेगमट्टसहस्सेण य समणुगम्यमाणमग्गे सव्वडिए जाव वेणं इत्थिणापुरं नगरं मज्झमज्झेणं जहा गदतो जाव आलित्ते णं भंते! लोए पलित्ते णं भंते! लोए आलित्तपलित्ते णं भंते! लोए जाव अणुगामियत्ताए भविस्सति तं इच्छामि णं भंते! णेगमट्टसहस्सेण सद्धिं सयमेव पव्वावियं जाव धम्ममाइक्खियं तए णं मणिमुच्यए अरहा कत्तियं सेहिं णेगमट्टसहस्सेणं सद्धि सयमेव पव्वावेति जाव धम्ममाइक्साइ, एवं देवाणुप्पिया ! गंतव्वं एवं चिट्टियव्वं जाव संजमियव्यं तए णं से कत्तिए सेट्टी नेगमट्टसहस्सेण सदि मुणिव्वयस्स अरहओ इम एयारूवं धम्मियं उवदेसं सम्मं पडिवज्जइ तमाणाए तहा गच्छति जाव संजमेति, तए णं से कत्तिए सेट्टी णेगमद्रुमहस्मेणं सद्धि अणगारे जाए ईरियासमिए जाव गुत्तभयारी. तए गं से कत्तिए अणगारे मृणिसुव्वयस्स अरहओ तहारुवाणं घेणं अंतियं सामाइयमाइयाई चोदस पुब्वाई अहिजइ त्ता बहूहिं चउत्थम जाव अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुन्नाई दुवालस वासाई सामन्नपरियागं पाउणइ त्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झोसेइ ना सट्टि भत्ताई अणसणाए छेदेति त्ता आलोइय जाव कालं किंवा सोहम्मे कप्पे मोहम्मबसए बिमाणे उववायसभाए देवसयणिनंसि जाव सके देविदत्ताए उबवन्ने तए णं से सके देविंदे देवराया अहुणोववण्णे सेसं जहा गंगदत्तस्स जाव अंतं काहिति नवरं ठिती दो सागरोवमाई, सेसं तं चैव सेवं भंते २ति । ६१८ ॥ ० १८३०२ ॥ तेण कालेनं० रायगिहे नाम नगरे होत्था यन्नओ गुणसिलए चेइए यन्नओ जाय परिसा पडिगया. तेणं कालेण: समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव अंतेवासी मार्गदियपुत्ते नाम अणगारे पगइभद्दए जहा मंडियपुत्ते जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी से नूणं भंते! काउलेस्से पुढवीकाइए काउलेस्मेहितो पुढवीकाइएहिंतो अनंतरं उच्चट्टित्ता माणुस्सं विग्गहं लभति सा केवलं बोहिं बुज्झति त्ता तओ पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेति ?, हंता मागंदियपुत्ता! काउलेस्से पुढवीकाइए, जाव अंतं करेति, से नूणं भंते! काउलेस्से आऊकाइए काउलेसेहितो आउकाइएहितो एवं चैव. से नूणं भंते! काउ- (८२) ३२८ श्रीभगवत्यं तं १८ मुनि दीपरत्नसागर Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लेस्से वणस्सइकाइए० एवं चेव जाव अंतं करेति। सेवं भंते २त्ति मागंदियपत्ते अणगारे समर्ण भगवं महावीरं जाव नमंसित्ता जेणेव समणे निग्गंथे तेणेव उवागच्छति त्ता समणे निग्गथे एवं वयासी-एवं खल अजो! काउलेस्से पुढवीकाइए तहेब जाव अंतं करेति, एवं खलु अजो! काउलेस्से आउक्काइए जाव अंतं करेति, एवं खलु अजो! काउलेस्से वणस्सइकाइए जाव अंतं करेति, तए णं ते समणा निम्गंथा मागंदियपुत्तस्स अणगारस्स एवमाइक्खमाणस्स जाव एवं परूवेमाणस्स एयमद्वं नो सद्दहति० एयमढे असहइमाणा. जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति त्ता समणं भगवं महावीरं वंदंति नमसंति त्ता एवं वयासी-एवं खलु भंते !मागंदियपुत्ते अणगारे अम्हं एव. माइक्खति जाव परुवेति-एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से पुढवीकाइए जाब अंतं करेति, एवं खलु अजो! काउलेस्से आउकाइए जाव अंतं करेति, एवं वणस्सइकाइएऽवि जाव अंतं करेति, से कहमेयं भंते! एवं?, अज्जोत्ति समणे भगवं महावीरे ते समणे निगंथे आमंतित्ता एवं वयासी-जण्णं अजो! मागंदियपुत्ते अणगारे तुझे एवं आइक्खति जाव परूवेति-एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से पुढवीकाइए जाव अंतं करेति, एवं खल अज्जो ! काउलेस्से आउकाइए जाव अंतं करेति, एवं खलु अजो ! काउलेस्से वणस्सइकाइएऽवि जाव अंतं करेति, सच्चे णं एसमटे, अहंपिणं अजो! एवमाइक्खामि०, एवं खलु अजो! कण्हलेसे पुढ० कण्हलेसेहितो पुढवीकाइएहितो जाव अंतं करेति, एवं खलु अज्जो ! नीललेस्से पुढवीका० जाव अंतं करेति, एवं काउलेस्सेऽवि, जहा पुढवीकाइए, एवं आउकाइएऽवि, एवं वणस्सइकाइएऽधि, सच्चे णं एसमट्टे। सेवं भंते! सेवं भंतेत्ति समणा निग्गंथा समणं भगवं महा०० नमं० ताजेणेव मार्गदियपुत्ते अणगारे तेणेव उवाग० ता मागंदियपुतं अणगारं वदति नमंता एयमटुं सम्मं विणएणं भज्जो २ खामेति । ६१५। तए णं से मागंदियपुत्ते अणगारे उट्ठाए उद्देति त्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति त्ता समणं भगवं महा०व० नमंत्ता एवं पयासी-अणगारस्स णं भंते ! भावियप्पणो सव्वं कम्मं वेदेमाणस्स सव्वं कर्म निजरेमाणस्स सब्बं मारं मरमाणस्स सव्वं सरीरं विप्पजहमाणस्स चरिमं कम्मं वेदेमाणस्स चरिमं कम्मं निजरेमाणस्स चरिमं मारं मरमाणस्स चरिमं सरीरं विप्पजहमाणस्स मारणंतियं कम वेदेमाण निजरापोग्गला सुहमा णं ते पोग्गला पं० समणाउसो !, सव्वं लोगंपिणं ते ओगाहित्ताणं चिट्ठति ?, हंता मागंदियपुत्ता ! अणगारस्स णं भावियप्पणो जाव ओगाहित्ताणं चिट्ठति, छउमत्थे णं भंते ! मणुस्से तेसिं निज्जरापोग्गलाणं किंचि आणत्तं वा णाणत्तं वा एवं जहा इंदियउद्देसए पढमे जाव वेमाणिया जाव तत्थ णं जे ते उवउत्ता ते जाणंति पासंति आहारेंति, से तेणटेणं निक्खेवो भाणियब्बो। ६२० । कतिविहे णं भंते ! बंधे पं० १, मागंदियपुत्ता ! दुविहे बंधे पं० त०-दव्यबंधेय भावबंधे य, दब्वबंधे णं भंते ! कतिविहे पं०?, मागंदियपुत्ता ! दुबिहे पं० २०-पओगचंधे य वीससाबंधे य, बीससाबंधे णं भंते! कविविहे पं०?, मार्गदियपुत्ता ! दुविहे पं० २०-साइयवीससाधे य अणादीयबीससाबंधे य, पयोगबंधे भंते! कतिबिहे पं०१, मागंदियपुत्ता! दुविहे पं० तं०-सिढिलबंधणवन्धे य धणियचंधणबन्धे य, भावबंधे णं भंते ! कतिविहे पं०, मागंदियपुत्ता ! दुविहे पं० सं०-मूलपगडिबंधे य उत्तरपगडिबंधे य, नेरइयाणं भंते! कतिविहे भावबंधे पं०१, मागंदियपुत्ता! दुविहे पं० तं०-मूलपगडिबंधे य उत्तरपगडिपंधे य, एवं जाव वेमाणियाणं, नाणावरणिजस्स णं भंते ! कम्मस्स कतिविहे भावबंधे पं० ?, मागंदिया ! दुविहे भावबंधे पं० २०. मुलपगडिबंधे य उत्तरपयडिबंधे य, नेरतियाणं भंते! नाणावरणिजस्स कम्मस्स कतिविहे भावबंधे पं०?, मागंदियपुत्ता ! दुविहे भावबंधे पं० त०-मूलपयडिबंधे य उत्तरपपडि एवं जाव वेमाणियाणं, जहा नाणावरणिजेणं दंडओ भणिओ एवं जाव अंतराइएणं भाणियब्यो । ६२१ । जीवाणं भंते ! पावे कम्मे जे य कडे जाव जे य कजिस्सइ अस्थि याइ तस्स केइ णाणत्ते ?.हंता अस्थि, से केणडेणं भंते! एवं युचइ जीवाणं पावे कम्मे जे य कडे जाब जे य । कजिस्सति अस्थि याइ तस्स णाणते?, मागंदियपुत्ता ! से जहानामए केई पुरिसे धणू परामसह त्ता उसुं परामुसइ त्ता ठाणं ठाइ त्ता आयपकनाययं उसु करति ता उड्दं येहास उब्धिहद से नूर्ण मार्गदियपुत्ता! तस्स उसुस्स उड्ढे एयतिवि णाणत्तं जाव तं तं भावं परिणमतिविणाणत्तं?,हंता भगवं! एयतिविणाणत्तं जाव परिणमतिवि णाणत्तं, से तेणट्टेणं मागंदियपत्ता! एवं बचह-जाव तं तं भावं परिणमतिवि णाणतं. नेरडयाणं भंते ! पावे कम्मे जे य कडे० एवं चेव जाव वेमाणियाणं । ६२२। नेरइयाणं भंते ! जे पोग्गला आहारत्ताए गेण्हंति तेसिं र्ण भंवे! पोग्गलाण सेयकालंसि कतिभागं आहारेंति कतिभागं निजरेंति?, मागंदियपुत्ता ! असंखेज्जइभागं आहारैति अणंतभागं निजरेंति, चकिया णं भंते ! केई तेसु निजरापोग्गलेसु आसइत्तए वा जाव तुयट्टित्तए वा?, णो तिणढे समढे अणाहरणमेयं खुइयं समणाउसो!, एवं जाव बेमाणियाणं । सेवं भंते ! सेवं भंते!त्ति ।६२३॥श०१८ उ०३॥ तेणं कालेणं० रायगिहे जाव भगवं गोयमे एवं बयासी-अह भंते! पाणाइवाए मुसावाए जाव मिच्छादसणसाढे पाणाइवायवेरमणे मुसावाय जाब मिच्छादसणसालबेरमणे पुढविकाइए जाव वणस्सइकाइए धम्मत्यिकाए अधम्मस्थिकाए आगासस्थिकाए जीवे असरीरपडिबद्धे परमाणुपोग्गले सेलेर्सि पडिवनए अणगारे सव्वे य बायरबोंदिधरा कलेवरा एएणं दुविहा जीवदच्चा य अजीवदव्या य जीवाणं भंते ! परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति?, गोयमा ! पाणाइवाए जाव एए णं दुविहा जीवदव्या य अजीवदव्वा य अत्येगतिया जीवाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति अत्यगतिया जीवाणं जाव नो हग्यमागच्छंति, से केण?णं भंते! एवं वुचइ-पाणाइवाए जाव नो हव्वमागच्छंति?, गोयमा! पाणाइवाए जाव मिच्छादसणसाले पुढवीकाइए जाव वणस्सइकाइए सब्वे य वायरबोंदिधरा कलेवरा एए णं दुविहा जीवदव्या य अजीवदव्या य जीवाणं परिभोगत्ताएं हब्बमागच्छंति, पाणाइवायवेरमणे जाव मिच्छादसणसाइविवेगे धम्मत्यिकाए अधम्मत्थिकाए जाव परमाणुपोग्गले सेलेसिं पडिवत्रए अणगारे एए णं दुविहा जीवदव्वा य अजीवदव्वा य जीवाणं परिभोगत्ताए नोहब्बमागच्छंति से तेणटेणं जाव नो हब्वमागच्छति । ६२४॥ कति णं भंते! कसाया पं०?, गोयमा ! चत्तारि कसाया पं०तं. कसायपदं निरवसेसं भाणियव्यं जाव निजरिस्संति लोभेणं, कति णं भंते! जुम्मा पं०१, गोयमा ! चत्तारि जुम्मा पं० तं०-कड जुम्मे तेयोगे दावरजुम्मे कलिओगे, से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ जाव कलियोए?, गोयमा! जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे २ चउपजवसिए सेत्तं कडजुम्मे, जे णं रासी चउकएणं अवहारेणं अवहीरमाणे २ तिपजवसिए सेत्तं तेयोए, जे णं रासी चउकएणं ३२९ श्रीभगवत्यंगं सत-१८ मुनि दीपरत्नसागर HAASPIROKANPHOHASHEHRSPIRNAGPTEMBPICARSHIMSHANTINEMISPEARIFLIMRPAIKHELAEPTEMBPOMARPOSRANGIARI Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जबसिए सेत्तं दावरजुम्मे, जे णं रासी चउकएणं अग्रहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जबसिए सेन्तं कलिओगे, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ जाव कलिओए, नेरइया णं भंते! किं कडजुम्मा तेयोगा दावरजुम्मा कलियोगा ?, गोयमा ! जहन्नपदे कडजुम्मा उक्कोसपदे तेयोगा अजहन्नुकोसपदे सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा, एवं जाव थणियकुमारा, वणस्सइकाइयाणं पुच्छा, गोयमा ! जनपदे अपदा उक्कोसपदे य अपदा अजहन्नुकोसियपदे सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा, बेइंदिया णं पृच्छा, गोयमा ! जहन्नपदे कडजुम्मा उक्कोसपदे दावरजुम्मा अजहन्नमणुक्कोसपदे सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा, एवं जाव चतुरिंदिया, सेसा एगिंदिया जहा बंदिया, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जाव बेमाणिया जहा नेरइया, सिद्धा जहा वणस्सइकाइया, इत्थीओ णं भंते! किं कडजुम्मा पुच्छा, गोयमा ! जहन्नपदे कड जुम्माओ उकोसपदे कडजुम्माओ अजहन्नमणुकोसपदे सिय कडजुम्माओ जाब सिय कलियोगाओ, एवं असुरकुमारित्थीओ जाव थणियकुमारइत्थीओ, एवं तिरिक्खजोणियइत्यीओ एवं मणुसित्थीओ एवं जाव वाणमंतरजोइसियत्रेमाणियदेवित्थीओ। ६२५ । जावतिया णं भंते! वरा अंधगवहिजो जीवा तावतिया परा अंधगवण्हिणो जीवा?, हंता गोयमा ! जावतिया वरा अंधगवण्णिो जीवा तावतिया परा अंधगवण्हणो जीवा सेवं भंते! २सि । ६२६ । श०१८३० ४। दो भंते! असुरकुमारा एगंसि असु. रकुमारावासंसि असुरकुमारदेवत्ताए उववन्ना तत्थ एगे असुरकुमारे देवे पासादीए दरिसणिजे अभिरूवे पडिरूवे एगे असुरकुमारे देवे से णं नो पासादीए नो दरिसणिज्जे नो अभिरुवे णो पडिरूवे से कहमेयं भंते! एवं ?, गोयमा! असुरकुमारा देवा दुविहा पं० तं० वेउब्वियसरीरा य अवेउब्वियसरीरा य, तत्थ णं जे से वेउच्वियसरीरे असुरकुमारे देवे से णं पासादीए जाव पडिरूवे, तत्थ णं जे से अवेउब्वियसरीरे असुरकुमारे देवे से णं नो पासादीए जाव नो पढिरूबे, से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ तत्थ णं जे से वेडव्वियसरीरे तं चैव जाव पडिरूवे ?, गोयमा ! से जहानामए-इहं मणुयोगंसि दुवे पुरिसा भवंति - एगे पुरिसे अलंकियविभूसिए एगे पुरिसे अणलंकियविभूसिए, एएसि णं गोयमा ! दोन्हं पुरिसाणं कयरे पुरिसे पासादीए जाव पडिरूवे कयरे पुरिसे नो पासादीए जाव नो पडिरूवे जे वा से पुरिसे अलंकियविभूसिए जे वा से पुरिसे अणलंकियविभूसिए ?, भगवं ! तत्थ जे से पुरिसे अलंकियविभूसिए से पुरिसे पासादीए जाव पडिरूबे, तत्थ णं जे से पुरिसे अणलंकियविभूसिए से णं पुरिसे नो पासादीए जाव नो पडिरुवे से तेणट्टेणं जाब नो पडिरूवे, दो भंते! नागकुमारा देवा एमंसि नागकुमारावासंसि एवं चेव, एवं जाव धणियकुमारा, वाण मंतर जोतिसियवेमाणिया एवं चैव । ६२७। दो भंते! नेरतिया एगंसि नेरतियावासंसि नेरतियत्ताए उपवना, तत्थ णं एगे नेरइए महाकम्मतराए चेव जाव महावेयणतराए चेव एगे नेरइए अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पयेयणतराए चैव से कहमेयं भंते! एवं १, गोयमा ! नेरइया दुबिहा पं० तं०- मायिमिच्छादिट्टिउववनगा य अमायिसम्म दिउववनगा य, तत्थ णं जे से मायिमिच्छादिट्टिउबवन्नए नेरइए से णं महाकम्मतराए चेव जाव महावेयणतराए चैव तत्थ णं जे से अमाथिसम्मदिट्टिउववन्नए नेरइए से णं अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेयणतराए चेव, दो भंते! असुरकुमाराः एवं चैव, एवं एगिंदियविगलिंदियवज्जा जाव वैमाणिया । ६२८ । नेरइए णं भंते! अनंतरं उब्वट्टित्ता जे भविए पंचिंदियतिरिक्खजोणिएस उववज्जित्तए से णं भंते! कयरं आउयं पडिसंवेदेति ?, गोयमा नेरइयाउयं पडिसंवेदेति पंचिंदियतिरिक्स जोणियाउए से पुरओकडे चिट्ठति, एवं मणुस्सेसुवि, नवरं मणुस्साउए से पुरओकडे चिट्ठद्द, असुरकुमारा णं भंते! अनंतरं उच्चट्टित्ता जे भविए पढवीकाइएस उववज्जित्तए पुच्छा, गो० ! असुरकुमाराउयं पढिसंवेदेति पुढवीकाइयाउए से पुरओकडे चिडड़, एवं जो जहिं भविओ उबवजित्तए तस्स तं ओकडं चिति जत्थ ठिओ तं पडिसंवेदेति जाव वैमाणिए, नवरं पुढवीकाइए पुढवीकाइएस उववज्जति पुढवीकाइयाउं पडिसंवेएति अन्ने य पुढवीकाइयाउए पुरओकडे चिइति एवं जाब मणुस्सो सट्टाणे उवबाएयव्बो, परद्वाणे तब । ६२९ । दो भंते! असुरकुमारा एगंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारदेवत्ताए उववशा तत्थ णं एगे असुरकुमारे देवे उज्जयं विउब्विस्सामीति उज्जयं विउब्वाइ वकं विउब्विस्सामीति वकं विउब्वइ जं जहा इच्छइ त तहा बिउब्वइ एगे असुरकुमारे देवे उज्जयं विउब्विस्सामीति वकं विउव्वद वकं विउब्विस्सामीति उज्जुयं विउब्बइ जं जहा इच्छति णो तं तहा बिउब्बड़ से कहमेयं भंते! एवं?, गोयमा ! असुरकुमारा देवा दुबिहा पं० तं मायिमिच्छा दिउिबवनगा य अमाथिसम्मदिट्टी उपवनगा य, तत्थ णं जे से मायिमिच्छादिडिडववन्नए असुरकुमारे देवे से णं उज्जयं विडब्बिस्सामीति वकं विउव्यति जाव णो तं तदा बिउब्बइ, तत्थ णं जे से अमायिसम्मदिडिउववनए असुरकुमारे देवे से उज्जुयं विॐ० जाव तं तहा विउव्वइ, दो भंते! नागकुमाराः एवं चैव एवं जाव थणियकुमारवाणमंतरजोइसियवेमाणिया एवं चेव सेवं भंते रत्ति । ६३० ॥ श० १८३०५॥ काणियगुले णं भंते! कतिवन्ने कतिगंधे कतिरसे कतिफासे पं० १, गोयमा एत्वं दो नया भवंति तं० निच्छदयनए य वावहारियनए य, बाबहारियनयस्स गोड्डे फाणियगुले नेच्छइयनयस्स पंचवने दुगंधे पंचरसे अट्ठफासे, भमरे णं भंते! कतिवन्ने ? पुच्छा, गोयमा एत्यं दो नया भवति तं निच्छनए य वाबहारियनए य, वाचहारियनयस्स कालए भमरे नेच्छइयनयस्त्र पंचवले जाव अडफासे, सुयपिच्छे णं भंते! कतिवन्ने० एवं चैव नवरं वावहारियनयस्स नीलए सुयपिच्छे नेच्छयनयस्म पंचवण्णे सेसं तं चैव एवं एएवं अभिलावेणं लोहिया मंजिडिया पीतिया हालिदा सुकिलए संखे सुग्भिगंधे कोडे दुष्भिगंधे मयगसरीरे तित्ते निंत्रे कडुया सुंठी कसाए कविडे अंबा अंबिलिया महुरे खंडे कक्खडे वइरे मउए नवणीए गरुए अए लहुए उदयपत्ते सीए हिमे उसिणे अगणिकाए णिद्धे तेले, छारिया णं भंते! पुच्छा, गोयमा ! एत्थ दो नया भवंति तं० निच्छइयनए य वावहारियन एय, व्यावहारियनयस्स लुक्खा छारिया नेच्छइयनयस्स पंचना जाव अट्ठफासा । ६३१ । परमाणुपोम्गले णं भंते! कतिवन्ने जाव कतिफासे पं० १. गोयमा! एगवन्ने एगगंधे एगरसे दुफासे पं०, दुपएसिए णं भंते! खंधे कतिवन्ने० पुच्छा, गोयमा! सिय एगवन्ने सिय दुवन्ने सिय एगगंधे सिय दुगंधे सिय एगरसे सिय दुरसे सिय दुफासे सिय तिफासे सिय चउफासे पं० एवं तिपएसिएऽवि नवरं सिय एगवन्ने सिय दुबन्ने सिय तिबन्ने, एवं रसेसुवि, सेसं जहा दुपएसियस्स, एवं चउपएसिएऽवि नवरं सिय एगवन्ने जाब सिय चवन्ने, एवं रसेसुवि सेसं तं चैव एवं पंचपएसिएऽवि, नवरं सिय एगवन्ने जाव सिय पंचबन्ने एवं रसेसुवि, गंधफासा तहेव, जहा पंचपएसओ एवं जाव असंखेजपएसिओ, सुदुमपरिणए णं भंते! अणतपएसिए ३३० श्रीभगवत्यंगं सत-१८ मुनि दीपरत्नसागर Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खंधे कतिवन्ने ?, जहा पंचपएसिए तहेव निरवसेसं, बादरपरिणए णं भंते ! अणंतपएसिए खंधे कतिवन्ने० पुच्छा, गोयमा! सिय एगवन्ने जाब सिय पंचवन्ने सिय एगगंधे सिय दुगंधे सिय एगरसे जाव सिय पंचरसे सिय चउफासे जाव सिय अट्टफासे पं० । सेवं भंते २त्ति । ६३२॥श०१८ उ०६॥ रायगिहे जाव एवं बयासी-अन्नउत्थिया णं भंते! एवमाइक्खंति जाव परुति-एवं खलु केवली जक्खाएसेणं आइस्सति एवं खलु केवली जक्खाएसेणं आतिट्टे समाणे आहञ्च दो भासाओ भासति, तं०- मोसं वा सच्चामोसं वा, से कहमेयं भंते ! एवं ?, गोयमा ! जण्णं ते अनउत्थिया जाय जे ते एबमाइंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि०-नो खलु केवली जक्खाएसेणं आइस्सति, नो खलु केवली जक्खाएसेणं आतिढे समाणे आहच दो भासाओ भासति तं०- मोसं वा सच्चामोसं वा, केवली णं असावजाओ अपरोवघाइयाओ आच दो भासाओ भासति, तं- सच्चं वा असचामोसं वा । ६३३ । कतिचिहे णं भंते ! उवही पं०१, गोयमा! विविहे उबही पं०२०-कम्मोवही सरीरोवही बाहिरगभंडमत्तोवगरणोवही, नेरइयाणं भंते ! पुच्छा, गोयमा! दुबिहे उवही पं०२०-कम्मोवही य सरीरोवही य, सेसाणं तिविहा उवही एगिदियवज्जाणं जाव वेमाणियाणं, एगिदियाणं दुविहे पं० २०-कम्मोवही य सरीरोचही य, कतिविहे णं भंते! उवही पं०?, गोयमा तिबिहे उवही पं० त०- सचित्ते अचित्ते मीसए, एवं नेरइयाणवि, एवं निरवसेसं जाव वेमाणियाण, कतिविहे णं भंते परिग्गहे पं०?, गोयमा ! तिविहे परिग्गहे पं० तं०-कम्मपरिग्गहे सरीरपरिग्गहे बाहिरगभंडमत्तोवगरणपरिग्गहे, नेरइयाणं भंते! एवं जहा उबहिणा दो दंडगा भणिया तहा परिग्गहेणवि दो दंडगा भाणियव्वा, कहविहे णं भंते! पणिहाणे पं० १, गोयमा ! तिविहे पणिहाणे पं० त०-मणपणिहाणे वइपणिहाणे कायपणिहाणे, नेरइयाणं भंते ! कइविहे पणिहाणे पं०१, एवं चेव, एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाणं पुच्छा, एगे कायपणिहाणे पं०, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, बेइंदियाणं पुच्छा, गोयमा ! दुविहे पणिहाणे पं० २०-वइपणिहाणे य कायपणिहाणे य, एवं जाव चाउरिदियाणं, सेसाणं तिविहेऽवि जाव वेमाणियाणं, कतिविहे णं भंते! दुष्यणिहाणे पं०?, गोयमा ! तिविहे दुप्पणिहाणे पं० तं०-मणदुप्पणिहाणे जहेब पणिहाणेणं दंडगो भणिओ तहेव दुप्पणिहाणेणवि भाणियब्यो, कतिविहे णं भंते! सुप्पणिहाणे पं०, गोयमा ! तिचिहे सुप्पणिहाणे पं० तं०-मणसुप्पणिहाणे वइसुप्पणिहाणे कायसुप्पणिहाणे, मणुस्साणं भंते! कइविहे सुप्पणिहाणे पं०१, एवं चेव । सेवं भंते २ जाव विहरति, तए णं समणे भगर्व महावीरे जाव बहिया जणवयविहारं विहरइ । ६३४। तेणं कालेणं० रायगिहे नामं नगरे गुणसिलए चेइए वनओ जाव पुढवीसिलापट्टओ, तस्स णं गुणसिलस्स चेइयस्स अदूरसामंते बहवे अन्नउस्थिया परिवसंति, तं०-कालोदायी सेलोदायी एवं जहा सत्तमसए अन्नउस्थिउद्देसए जाव से कहमेयं मन्ने एवं?, तत्थ णं रायगिहे नगरे मदुए नाम समणोवासए परिवसति अढे जाव अपरिभूए अभिगयजीवाजीवे जाब विहरति, वए णं समणे भगवं म० अन्नया कदायि पुव्वाणुपुब्बि चरमाणे जाव समोसढे परिसा पडिगया जाव फजुवासति, तए णं मददुए समणोवासए इमीसे कहाए लट्टे समाणे हट्टतुट्ट जाब हियए हाए जाब सरीरे साओ गिहाओ पडिनिक्खमति त्ता पादबिहारचारेणं रायगिहें नगरं जाव निग्गच्छति त्ता तेसिं अन्नउत्थियाणं अदूरसामंतेणं बीयीवयति, तए णं ते अनउस्थिया मदुयं समणोवासयं अदूरसामंतेणं बीयीवयमाणं पासंति त्ता अन्नमनं सहावेंति त्ता एवं क्यासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं इमा कहा अविउप्पकडा इमं च णं मदुए समणोवासए अम्हं अदूरसामंतेणं बीइबयइतं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं मन्यं समणोवासयं एयमढे पुच्छित्तएत्तिकटु अन्नमस्स अंतियं एयमझु पडिसुणेति त्ता जेणेय मडुए समणोवासए तेणेव उवा त्ता मदुयं समणोवासयं एवं वदासी-एवं खलु मद्या ! तव धम्मायरिए धम्मोवदेसए समणे णायपुत्ते पंच अस्थिकाये पन्नवेइ जहा सत्तमे सए अनउत्थिउद्देसए जाव कहमेयं मद्रुया ! एवं ?, तए णं से मदुए समणोवासए ते अन्नउत्थिए एवं वयासी-जति कज्ज कजति जाणामो पासामो अह कजं न कज्जति न जान पा०, तए णं ते अन्नउस्थिया मद्यं समणोवासयं एवं बयासी-केसणं तुम मदुया! समणोवासगाणं भवसि जे णं तुमं एयमहूं न जाणसि न पाससि ?, तए णं से मदुए समणोवासए ते अन्नउत्थिए एवं वयासी अस्थि णं आउसो ! वाउयाए वाति ?, हंता अस्थि, तुझे णं आउसो ! बाउयायस्स वायमाणस्स एवं पासह ?, णो तिणढे समट्टे, अस्थि णं आउसो ! घाणसहगया पोग्गला ?, हंता अस्थि, तुज्झेणं आउसो! घाणसहगयाणं पोग्गलाणं रूवं पासह?,णो विणढे०, अस्थि णं आउसो! अरणिसहगए अगणिकाये?,हंता अस्थि, तुझे णं आउसो! अरणिसहगयस्स अगणिकायस्स एवं पासह ?, णो ति०, अस्थि &ा गयाई रुवाई,हंता अस्थि, तुझे णं आउसो! समरस्स पारगयाई रुवाई पासह, णो ति०, अस्थि णं आउसो ! देवलोगगयाइं रूबाई,हंता अस्थि, तुझे णं आउसो देवलोगगयाई रुवाई पासह, णो वि०, एवामेव आउसो! अहं वा तुझे वा अन्नो वा छउमत्थो जइ जो ज न जाणइ न पासइ तं सव्वं न भवति एवं ते सुबहुए लोए ण भविस्सतीतिकटु ते अन्नउस्थिए एवं पडिहणइ त्ता जेणेव गुणसिलए चेइए जेणेव समणे भ० महा० तेणेव उवाग. त्ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेण अभिगमेणं जाव पजुवासति, मदुयादी! समणे भ० महा० मद्दुयं समणोवासग एवं वयासी-सुलु णं मद्या ! तुमं ते अन्नउथिए एवं वयासी, साहु णं मद्या ! तुम ते अन्नउ० एवं वयासी, जे णं मवुया ! अटुं वा हेर्ड वा पसिणं वा वागरणं वा अन्चायं अदिटुं अस्सुतं अमय अविष्णायं बहुजणमझे आघवेति पन्नवेति जाब उवदंसेति से णं अरिहंताणं आसायणाए वदति अरिहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स आसायणाए वहति केवलीणं आसायणाए वहति केवलीपन्नत्तस्स धम्मस्स आसायणाए वहति तं सुट्ठ णं तुम मद्या! ते अन्नउ० एवं वयासी साहु णं तुम मद्या! एवं क्यासी, तए णं मदुए समणोवासए समणेणं भग० महा० एवं यु० समाणे हद्वतुढे समणं भ० महावीर 40नत्ता पचासन्ने जाव पजुवासइ, तए णं सम० भ०म० मद्यस्स समणोवासगस्स तीसे य जाव परिसा पडिगया, तए णं मद्ये० समणस्स भ०म० जाव निसम्म हट्ट पसिणाई पुच्छति त्ता अट्ठाई परियातिइ त्ता उठाए उढेइ त्ता समणं भगवं महा०व० नमत्ता जाव पडिगए, भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महा०व० नमत्ता एवं बयासी-पभू णं भंते ! मदुए समणोवासए देवाणुप्पियाणं अंतियं जाव पव्वइत्तए?, णो तिणढे समढे, एवं जहेव संखे तहेच अरुणाभे जाव अंतं काहिति।६३५। देवे णं भंते! महड्ढिए जाव महेसक्खे रूवसहस्सं विउवित्ता पभू अन्नमन्नेणं सद्धिं संगाम संगामित्तए?,हंता पभू, ताओ ३३१ श्रीभगवत्यंग - १८ मुनि दीपरत्नसागर SOYIELOPENASHIONARYGARSHEMISPHILOYENACTIONASHEELAMISSPEARIYAJYEARPCLICHIERRHARYANA Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णं भंते ! बोंदीओ किं एगजीवफुडाओ अणेगजीवफुडाओ?, गोयमा ! एगजीवफुडाओ णो अणेगजीवफुडाओ, तासि णं भंते! बोंदीणं अंतरा किं एगजीवफुडा अणेगजीवफुडा?, गोयमा! एगजीवफुडा नो अणेगजीवफुडा, पुरिसे णं भंते ! अंतरेणं हत्येण वा एवं जहा अट्टमसए तइए उद्देसए जाव नो खलु तत्थ सत्यं कमति ।६३६। अस्थि णं भंते ! देवासुराणं संगामे २१,हंता अस्थि, देवासुरेसुणं भंते! संगामेसु वट्टमाणेसु कि तेसिं देवाणं पहरणरयणत्ताए परिणमति?, गोयमा ! जनं ते देवा तणं वा कटुं वा पत्तं वा सकरं वा परामसंति तं तेसिं देवाणं पहरणरयणत्ताए परिणमंति, जहेव देवाणं तहेव असुरकुमाराणं ?, णो तिणढे समढे, असुरकुमाराणं देवाणं निचं वेउब्विया पहरणरयणा पं०।६३७। देवे णं भंते ! महड्ढिए जाव महेसक्खे पभू लवणसमुई अणुपरियट्टित्ताणं हव्यमागच्छित्तए?.हंता पभू, देवेणं भंते ! महड्ढिए एवं धायइसंडं दीवं जाव हंता पभू, एवं जाव रुयगवरं दीवं जाव हंता पभु, तेणं परं वीतीवएजा नो चेव णं अणुपरियडेजा।६३८। अस्थि णं भंते ! ते देवा जे अणंते कम्मंसे जहन्नेणं एकेण वा दोहिं वा तीहिं वा उक्कोसेणं पंचहिं वाससएहिं खवयंति ?, हंता अस्थि, अत्थि णं भंते! ते देवा जे अणंते कम्मसे जहनेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा उक्कोसेणं पंचहिं वाससहस्सेहिं खवयंति ?, हंता अस्थि, अत्थि णं भंते ! ते देवा जे अणंते कम्मंसे जहनेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहि वा उक्कोसेणं पंचहि वाससयसहस्सेहिं खवयंति?, हंता अस्थि, कयरे णं भंते! ते देवा जे अणंते कम्मसे जहनेणं एकण वा जाव पंचहिं वाससएहिं खवयंति ?, कयरेणं भंते! ते देवा जाव पंचहि वाससहस्सेहिं खवयंति?, कयरेणं भंते ! ते देवा जाव पंचहि वाससयसहस्सेहिं खवयंति?, गोयमा ! वाणमंतरा देवा अणंते कम्मंसे एगेणं वाससएणं खवयंति, असुरिंदवजिया भवणवासी देवा अणंते कम्मंसे दोहिं वाससएहिं खवयंति, असुरकुमारा देवा अणंते कम्मंसे वीडिं वाससएहिं खवयंति, गहनक्खत्ततारारुवा जोइसिया देवा अणते कम्मसे चउहि वाससएहिं खवयंति, चंदिमसरिया जोइसिंदा जोतिसरायाणो अणंते कम्मंसे पंचहिं वाससएहिं खवयंति, सोहम्मीसाणगा देवा अणंते कम्मंसे एगेणं वाससहस्सेणं खवयंति, सर्णकुमारमाहिंदगा देवा अणंते कम्मंसे दोहिं वाससहस्सेहिं खवयंति, एवं एएणं अभिलावेणं बंभलोगलंतगा देवा अणंते कम्मसे तीहि वाससहस्सेहिं खवयंति, महासुक्कसहस्सारगा देवा अणंते० चउहिं वाससह०, आणयपाणयआरणअचुयगा देवा अणंते. पंचहिं वाससहस्सहिं खवयंति, हिट्टिमगेविजगा देवा अणंते कम्मंसे एगेणं वाससयसहस्सेणं खवयंति, मज्झिमगेवेजगा देवा अणंते. दोहिं वाससयसहस्सेहिं जाव खवयंति, उवरिमगेवेजगा देवा अणते कम्मंसे तीहिं वास जाव खवयंति, विजयवेजयंतजयंतअपराजियगा देवा अणंते. चउहि वास जाव खवयंति, सव्वट्ठसिद्धगा देवा अणंते कम्मंसे पंचहिं वाससयसहस्सेहिं खवयंति, एएणडेणं गोयमा! ते देवा जे अणते कम्मसे जहनेणं एकेण वा दोहिं वा वीहिं वा उक्को. सेणं पंचहि वासमएहि खवयंति, एएणट्टेणं गोयमा! ते देवा जाव पंचहि वाससहस्सेहिं खवयंति. एएणडेणं गोयमा! ते देवा जाव पंचहि वाससयसहस्सेहिं खवयंति। सेवं भंते! सेवं भंते!।६३९॥ श०१८ उ०७॥रायगिहे जाव: एवं वयासी-अणगारस्सणं भंते ! भावियप्पणो पुरओ दुदओ जुगमायाए पेहाए रीयं रीयमाणस्स पायस्स अहे कुकुडपोते वा बट्टापोते वा कुलिंगच्छाए वा परियावज्जेज्जा तस्स णं भंते ! किं ईरियावहिया किरिया कज्जइ संपराइया०, गोयमा ! अणगारस्स णं भावियप्पणो जाव तस्स णं इंरियावहिया किरिया कजइ, नो संपराइया किरिया कजइ, से केणट्टेणं भंते! एवं बुचइ जहा सत्तमसए संबुडुद्देसए जाव अट्ठो निक्खित्तो। सेवं भंते!२ जाव विहरति, तए णं समणे भगवं महावीरे बहिया जाव विहरति । ६४०। तेणं कालेणं० रायगिहे जाब पुढवीसिलापट्टए तस्स णं गुणसिलस्स चेइयस्स अदूरसामंते बहवे अन्नउस्थिया परिवसंति, तए णं समणे भगवं महाजाव समोसढे जाव परिसा अतवासी इंदभूतीनामं अणगारे जाव उड्ढजाणू जाव विहरइ. तएणं ते अन्नउत्थिया जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागच्छन्ति ता भगवं गोयमं एवं बयासी-तुज्मेण अजो। तिवि. हंतिविहणं असंजया जाव एगंतवाला यावि भवह, तए णं भगवं गोयमे ते अन्नउस्थिए एवं वयासी-से केणं कारणणं अजो! अम्हे तिविहंतिविहेणं असंजया जाव एगंतवाला यावि भवामो, तए णं ते अन्नउत्थिया भगवं गोयमं एवं चयासी-तुझे णं अज्जो ! रीय रीयमाणा पाणे पेचेह अभिहणह जाव उबद्दवेह तए णं तुझे पाणे पेचेमाणा जाव उवद्दवेमाणा तिविइंतिविहेणं जाव एगंतवाला यावि भवह, तए णं भगवं गोयमे ते अन्नउत्थिए एवं वयासीनो खल अजो! अम्हे रीयं रीयमाणा पाणे पेचेमो जाव उबद्दवेमो अम्हे णं अजो! रीयं रीयमाणा कायं च जोयं च रीयं च पडुच दिस्सा २ पदिस्सा २ बयामो तए णं अम्हे दिस्सा दिस्सा वयमाणा पदिस्सा पदिस्सा वयमाणा णो पाणे पेचेमो जाव णो उवहवेमो तए णं अम्हे पाणे अपेञ्चेमाणा जाव अणुवहवेमाणा तिविहंतिविहेणं जाब एगतपंडिया यावि भवामो, तुज्झे णं अजो! अप्पणा चेव तिविहंतिविहेणं जाव एगंतवाला यावि भवह, तए णं ते अन्नउत्थिया भगवं गोयम एवं वयासी केणं कारणेणं अज्जो ! अम्हे तिविहंतिविहेणं जाव भवामो?, तए णं भगवं गोयमे ते अन्नउस्थिए एवं वयासी-तुझे णं अजो ! रीयं रीयमाणा पाणे पेचेह जाव उवद्दवेह तए णं तुज्झे पाणे पेचमाणा जाव उवहवेमाणा तिविहं जाव एगंतवाला यावि भवह, तए णं भगर्व गोयमे ते अन्नउस्थिए एवं पडिहणइ त्ता जेणेव समणे भगवं महा० तेणेच उवागत्ता समणं भगवं महावीरं वंदति नमसति त्ता णच्चासन्ने जाब पजवासति, गोयमादी समणे भगवं महावीरे भगवे गोयमं एवं वयासी-सुदढ़ णं तुमं गोयमा ! ते अन्नउस्थिए एवं व० साहु णं तुम गोयमा ! ते अनउस्थिए एवं व०, अस्थि णं गोयमा ! ममं बहवे अंतेवासी समणा निरगंथा छउमस्था जे णं नो पभू एवं वागरणं वागरेत्तए जहाणं तुम, तं सुठु णं तुमं गोयमा ! ते अन्नउस्थिए एवं वयासी साहुणं तुमं गोयमा ! ते अन्नउस्थिए एवं बयासी । ६४१। तए णं भगवं गोयमे समणेणं भगवया महावीरेण एवं वुत्ते । समाणे हट्टतुट्टे समण भ० म०व० नम० एवं वयासी-छउमस्थे णं भंते ! मणुस्से परमाणुपोग्गलं किं जाणति पासति उदाहु न जाणति न पासति ?, गोयमा ! अत्थेगतिए जाणति पासति अत्थेगतिए न जाणति न पासति, छउमत्थे णं भंते! मणुसे दुपएसियं संधं कि जाणति०', एवं चेव, एवं जाव असंखेजपदेसियं, छउमत्थे णं भंते ! मणसे अणंतपएसियं खंध किं पुच्छा, गोयमा ! अस्थेगतिए जाणति पासति अत्यंगतिए जाणति न पासति अत्थेगतिए न जाणति पासइ अस्थेगतिए न जाणइन पासति, आहोहिए णं भंते ! मणुस्से परमाणुपोग्गलं जहा छउमत्थे एवं आहोहिएऽवि, जाव अणंतपदेसियं, परमाहोहिए णं भंते ! मणूसे परमाणुपोग्गलं जंसमयं जाणति तंसमयं पासति जंसमयं पासति समयं जाणति . णो तिण? समढे, से केणटेणं भंते! एवं बुचइ-परमाहोहिए णं मणूसे परमाणुपोग्गलं समयं जाणति नो समयं पासति जंसमयं पासति नो समयं जाणति?, गोयमा ! सागारे से नाणे (८३) ३३२ श्रीभगवत्यंग - aur मुनि दीपरनसागर APEHORENASPRABPERSPICHOPRABHAHASHRSHAOPILAASHOMA975667SM3POARANGILSHRIMROPHISAA37840 Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ REGAHASPICHIEFISMENTARPRAISHIMRPIOSABHIONSPIRHOPRMANAASHISHIONISMEPRABPCLASPICNBINISITY भवइ अणागारे से दसणे भवइ, से तेणडेणं जाव नो समयं जाणति, एवं जाव अणंतपदेसियं, केवली णं भंते ! मणुस्से परमाणुपोग्गलं जहा परमाहोहिए तहा केवलीवि जाव अणंतपएसियं । सेवं भंते!२त्ति । ६४२॥ श०१८१०८॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-अस्थि णं भंते ! भवियदव्वनेरइया २१, हंता अस्थि, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-भवियदब्वनेरइया २१, जे भविए पंचिंदिए तिरिक्खजोणिए वा मणुस्से वा नेरइएसु उक्वजित्तए से तेण०, एवं जाव थणियक०, अत्थि णं भंते ! भवियदव्यपुढवी०२१.हंता अस्थि, से केण?, गोयमा! जे भविए तिरिक्खजोणिए वा मणुस्से वा देवे वा पढवीकाइएमु उवव से तेण, आउक्काइयवणस्सइकाइयाणं एवं चेव उववाओ, तेउवाउ-2 बेइंदियतेइंदियचउरिदियाण य जे भविए तिरिक्खजोणिए मणुस्से वा, पंचिंदियतिरिक्सजोणियाणं जे भविए नेरइए वा तिरिक्खजोणिए वा मणुस्से वा देवे वा पंचिंदियतिरिक्खजोणिए वा.एवं मणुस्सावि, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नेरइया, मषियदव्वनेरइयस्स णं भंते! केववियं कालं ठिती पं० १, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुतं उक्कोसेणं पुब्बकोडी, भवियदव्यअसुरकुमारस्स णं भंते ! केवतियं कालं ठिती पं० १. गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उकोसेणं तिमि पलिओवमाई, एवं जाव थाणियकुमारस्स, भवियदव्यपुढविकाइयस्स णं पुच्छा, गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उकोसेणं सातिरेगाई दो सागरोवमाई, एवं आउकाइयस्सवि, तेउवाऊ जहा नेरइयस्स, वणस्सइ. काइयस्स जहा पदविकाइयस्स, बेइंदियस्स तेइंदियस्स चउरिदियस्स जहा नेरइयस्म, पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स जहन्नेणं अंतोमहत्तं उकोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई, एवं मणुस्सस्सावि. वाणमंतरजोइसियमाणियस जहा असर. कुमारस्स । सेवं भंते ! सेवं भंते:त्ति । ६४३॥ श०१८ उ०९॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-अणगारे णं भंते ! भावियप्पा असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहेजा ?, हंता ओगाहेजा, सेणं तत्व छिजेज वा भिजेज वा?, णो तिणट्टे स०,णो खलु तत्थ सत्थं कमइ, एवं जहा पंचमसए परमाणुपोग्गलवत्तव्वया जाव अणगारे णं भंते ! भावियप्पा उदावत्तं वा जाव नो खलु तत्थ सत्थं कमइ । ६४४। परमाणुपोग्गले णं भंते ! वाउयाएणं फुड़े बाउयाए वा परमाणुपोग्गलेणं फुडे ?, गोयमा ! परमाणुपोमाले बाउयाएणं फुडे नो बाउयाए परमाणुपोग्गलेणं फुडे, दुप्पएसिए णं भवे! खंधे वाउयाएणं एवं चेव, एवं जाव असंखेजपएसिए, अणंतपएसिएणं भंते! खंधे बाउ० पुच्छा, गोयमा ! अणंतपएसिए खंधे वाउयाएणं फुडे वाउयाए अणंतपएसिएणं खंघेणं सिय फुडे सिय नो फुडे, वत्थी भंते ! वाउयाएणं फुडे वाउयाए वस्थिणा फुडे ?, गोयमा ! यस्थी वाउयाएणं फुडे नो वाउयाए बस्थिणा फुडे । ६४५। अस्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढ० अहे दवाई बन्नओ कालनीललोहियहालिहसुकिालाई गंधओ मुस्मिगंधाई दुग्भिगंधाई रसओ वित्तकडुयकसायअंबिलमहुराई फासओ कक्वडमउयगरुयलहुसी मनघडताए चिट्ठति?.हंता अस्थि, एवं जाव अहेसत्तमाए, अस्थि णं भंते ! सोहम्मस्स कप्पस्स अहे एवं चेव, एवं जाब ईसिपम्भाराए पुढ०। सेवं भंते !२ जाब विहरइ. तए णं समणे भगवं महावीरे जाव बहिया जणवयविहार विहरति । ६४६। तेणं कालेणं वाणियगामे नाम नगरे होत्था वचओ, दूतिपलासए चेतिए वन्नओ, तत्थ णं वाणियगामे नगरे सोमिले नामं माहणे परिवसति अढे जाव अपरिभूए रिउब्वेद जाव सुपरिनिटिए पंचण्हं खंडियसयाणं सबस्स य कुटुंबस्स आहेवचं जाव विहरति, तए णं समणे भगवं महावीरे जाव समोसढे जाव परिसा पज्जुवासति, तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स इमीसे कहाए लबहस्स समाणस्स अयमेयारुवे जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु समणे णायपुत्ते पुष्याणुपुचि चरमाणे गामाणुगाम दूइज्जमाणे सुहंसुद्देणं जाव इहमागए जाब दूतिपलासए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरइ तं गच्छामि णं समणस्स नायपुत्तस्स अंतियं पाउम्भवामि इमाई चणं एयारूवाई अट्ठाई जाव वागरणाई पुच्छिस्सामि, तं जइ मे से इमाई एयारूवाई अट्टाई जाव यागरणाई वागरेहिति ततो चंदिहामि नमंसिहामि जाव पजुवासिहामि, अह मे से इमाई अट्ठाई जाव वागरणाई नो वागरेहिति तो णं एएहिं चेच अडेहि य जाव वागरणेहि य निप्पट्टपसिणवागरणं करेस्सामीतिकटु एवं संपेहेइ त्ता बहाए जाव सरीरे साओ गिहाओ पडिनिक्खमति त्ता पायविहारचारेणं एगेणं खंडियसएर्ण सद्धिं संपरिखुडे वाणियगाम नगरं मझमझेणं निग्गच्छइत्ता जेणेच दूतिपलासए चेइए जेणेव समणे भग०म० तेणेव उवा०त्ता समणस्स० अदूरसामंते ठिचा समणं मंगवं म० एवं वयासी-जत्ता ते भंते ! जबणिजं. अव्वाबाई ० फासुयविदारं० १, सोमिला ! जत्ताचि मे जवणिजंपि मे अव्वाचाहपि मे फासुयविहारंपि मे, किं ते भंते! जत्ता?, सोमिला ! जं मे तवनियमसंजमसज्झायझाणावस्सयमादीएसु जोगेसु जयणा, सेत्तं जत्ता, किं ते भंते ! जवणिज्जं?, सोमिला ! जवणिजे विहे पं० तं०-इंदियजबणिजे य नोइंदियजवणिजे य, से कितं इंदियजवणिजे?,२जं मे सोइंदियचक्खिदियघाणिदियजिभिदियफासिंदियाई निरुवहयाई वसे वईति, सेत्तं इंदियजवणिजे, से किं तं नोइंदियजवणिजे १.२ मे कोहमाणमायालोमा बोच्छिन्ना नो उदीरेंति सेतं नोइंदियजवणिजे, सेत्तं जवणिजे, किं ते भंते! अव्यापाई ?, सोमिला ! जं मे वातियपित्तियसिंभियसन्निवाइया विविहा रोगायंका सरीरगया दोसा उवसंता नो उदीरति सेत्तं अव्वाचाहं, किं ते भंते ! फासुयविहारं?, सोमिला! जन्नं आरामेसु उजाणेसु देवकुलेसु सभासु पवासु इत्थीपमुपंडगविवजियासु वसहीसु फासुएसणिज पीढफलगसेजासंधारगं उपसंपजित्ताणं विहरामि, सेत्तं कामुयविहारं, सरिसवा ते भंते ! किं भक्खेया अभक्खेया?, सोमिला ! सरिसवा भक्खेयावि अभक्खेयावि, से केण२० सरिसवा मे भक्वेयावि अभक्खेयापि?, से नूणं ते सोमिला ! भन्नए नएसु दुविहा सरिसवा पं० २०-मित्तसरिसवा य धन्नसरिसवा य, तत्थ णं जे ते मित्तसरिसवा ते तिविहा पं० त०. सहजायया सहवढियया सहपंसुकीलियया,ते णं समणाणं निग्गंधाणं अभक्खेया, तत्थ ण जे ते धन्नसरिसवा ते दुविहा पं० त०-सस्थपरिणया य असत्थपरिणया य, तत्थ णं जे ते असत्थपरिणया ते णं समणाणं निग्गंधाणं अभक्खेया, तत्व णं जे ते सत्यपरिणया ते दुविहा पं० सं०- एसणिज्जा य अणेसणिज्जा य, तत्थ णं जे ते अणेसणिज्जा ते समणाणं निग्गंधाणं अभक्खेया, तस्थ णं जे ते एसणिज्जा ते दुविहा पंतं.जाइया य अजाइया य, तत्थ णं जे ते अजाइया ते णं समणाणं निग्गंथाणं अभक्खेया, तत्थ णं जे ते जातिया ते दुविहा पं० २०-लद्धा य अलद्धा य, तत्थ णं जे ते अलद्धा ते णं समणाणं निगंधाणं अभक्खेया, तत्थ णं जे ते लहा ते णं समणाणं निग्गंधाणं भक्खेया, से तेणद्वेणं सोमिला! एवं वुचइ-जाव अभक्खेयावि, मासा ते भंते ! किं भक्खेया अभक्खेया ?, सोमिला! मासा मे भक्खेयावि अभक्खेयावि, से केणतुणं जाव अभक्खेयावि, से नूर्ण ते ३३३ श्रीभगवत्यंग-antic मुनि दीपरत्नसागर HOHRIPRANCHIRVISIPTOMBPICHRONIENCIPALACHEMISTRISHRSHISHIGAGRANDPIESMSHRARIAAAAMRPAGARIBARMENT Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सोमिला! भन्नएसु नएसु दुविहा मासा पं० त०-दम्बमासा य कालमासा य, तत्थ णं जे ते कालमासा ते णं सावणादीया आसादपजवसाणा दुवालस तं०-सावणे भदवए आसोए कत्तिए मग्गसिरे पोसे माहे फराणे चित्ते वइसाहे जेट्टामूळे आसादे, ते णं समणाणं निग्गंधाणं अभक्खेया, तत्थ णं जे ते व्वमासा ते दुविहा पं० त०-अत्यमासा य घण्णमासा य, वत्थ णं जे ते अत्यमासा ते दुनिा पं० तं०-सुक्न्नमासा य रुप्पमासा य, ते णं समणाणं निग. याणं अभक्खया, तत्थ जे ते धन्नमासा ते दुविहा पं० तं०-सत्यपरिणया य असत्यपरिणया य, एवं जहा धन्नसरिसवा जाव से वेणटेणं जाव अभक्खेयावि, कुलत्था ते भंते ! किं भक्खेया अभक्खेया ?, सोमिला ! कुलत्या भक्खेयावि अभक्खेयावि, से केणटेणं जाव अभक्खेयावि?, से नूणं सोमिला! ते भन्नएसु नएम दुविदा कुलत्या पं०२०-इत्थिकुलत्था य धन्नकुलत्था य, तत्थ णं जे ते इत्विकुलत्था ते तिविदा पं० सं०-कुलकन्नयाइ वा कुलवाहयाति वा कुलमाययाइवा, ते णं समणाणं निग्गंधाणं अभक्खेया, तत्य णं जे ते धन्नकुलत्या एवं जहा धन्नसरिसवा से तेणद्वेणं जाव अभक्खेयावि।६४७। एगे भवं दुवे भवं अक्खए भवं अव्वए भवं अवधिए भवं अणेगभूयभावमविए भवं?, सोमिला ! एगेऽवि अहं जाव अणेगभूयभावभविएऽवि अहं, से केणतुणं भंते ! एवं वुचइ-जाव भविएऽवि अहं ?, सोमिला ! दव्वट्ठयाए एगे अहं नाणदंसणट्टयाए दुवेऽवऽहं पएसट्टयाए अक्खएऽवि अहं अव्व| एऽवि अहं अवहिएऽपि अहं उवयोगट्ठयाए अणेगभूयभावभविएऽवि अइं, से तेणडेणं जाव भविएऽवि अहं, एत्व णं से सोमिले माहणे संयुद्धे समणं भगवं महावीरं जहा खंदओ जाव से जहेयं तुझे वदह, जहा णं देवाणुप्पियाणं अंतिए बहवे राईसर एवं जहा रायप्पसेणइजे चित्तो जाव दुवालसविहं सावगधम्म पडिवज्जति त्ता समणं भगवं महावीरं वंदति जाव पडिगए, तए णं से सोमिले माहणे समणोवासए जाए अभिगय जाव विहरइ, भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नम० तापाणं भंते ! सोमिले माहणे देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता जहेव संखे तहेव निरवसेसं जाव अंतं काहिति। सेवं भंते!२त्ति जाच विहरति । ६४८॥ उ०१० इति अष्टादशं | शतकं॥卐 म 'लेस्सा य १ गम्भ २ पुढवी ३ महासवा ४ चरम ५ दीव ६ भवणा ७ या निव्वत्ति८ करण ९ वणचरसुरा १० य एगूणवीसइमे ॥८१॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-कति णं भंते! लेस्साओ पं०१, गोयमा! छल्लेस्साओ पं० सं०-एवं जहा पत्रवणाए चउत्यो लेस्सुद्देसओ भाणियब्बो निरवसेसो। सेवं भंते!२१६४९॥ श०१९उ०१॥ कति णं भंते! लेस्साओ पं०१, एवं जहा पनवणाए गम्भुदेसो सो चेव निरवसेसो भाणियब्वो। सेवं भंते ! सेवं भंते!।६५०॥श०१९ उ०२॥ (सिय १ लेस २ दिदि ३ णाणे ४ जोगु५ वओगे ६ तहा किमाहारो ७। पाणाइवाय ८ उपाय ९ ठिई १० समुग्घाय ११ उब्बड्डी १२॥१॥ पा०) रायगिहे जाव एवं वयासी-सिय भंते! जाव चत्तारिपंच पुढवीकाइया एमयओ साधारणसरीरं बंधति त्ता तओ पच्छा आहारेंति वा परिणामेति वा सरीरं वा चंधति?, नो इणढे समढे, पुढविकाइया णं पत्तेयाहारा पत्तेयपरिणामा पत्तेयं सरीरं बंधंति त्ता ततो पच्छा आहारेंति वा | परिणामेंति वा सरीरं वा पंधति, वेसिणं भंते ! जीवाणं कति लेस्साओ पं०१, गोयमा ! चत्तारिलेस्साओ पं०२०-कण्हलेस्सा नील० काउ० तेउ०, तेणं भंते! जीवा किं सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्टी?, गोयमा! नो सम्मदिट्टी मिच्छादिट्ठी नो सम्मामिच्छादिही, ते णं मंत! जीवा किनाणी अजाणी?, गोयमानी गोयमा !नो मणजोगी नो वयजोगी कायजोगी, ते णं भंते ! जीवा किं सागारोबउत्ता अणागारोवउत्ता , गोयमा ! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि, ते णं भंते! जीवा किमाहारमाहारैति?, गोयमा ! दब्बओ अणंतपदेसियाई दव्बाई एवं जहा पनवणाए पढमे आहारहेसए जाव सब्बप्पणयाए आहारमाहारेंति, ते णं भंते ! जीवा जमाहारेंति तं चिजति जं नो आहारैति तं नो चिजति चिन्ने वा से उहाइ पलिसप्पति वा ?, हंता गोयमा! तेणं जीवा जमाहारेंति तं चिजति जं नो जाव पलिसप्पति वा, तेसिं गं भंते ! जीवाणं एवं सञ्चाति वा पनाति वा मणोति वा वईइ वा अम्हे णं आहारमाहारेमो?, णो विणढे० आहारैति पुण ते, तेसिं णं भंते! जीवाणं एवं सन्ना० जाव वयीति वा अम्हे णं इट्ठाणिट्टे० पडिसंवेदेमो ?, णो ति० पडिसंवेदेति पुण ते, ते णं मंते! जीवा किं पाणाइवाए उवक्खाइजति मुसाबाए. अदिवा जाव मिच्छादसणसले उबक्खाइजति ?, गोयमा! पाणाइवाएऽवि उवक्खाइजंति जाव मिच्छादसणसोऽपि उवक्खाइजति, जेसिपि णं जीवाणं ते जीवा एवमाहिजति वेसिपि णं जीवाणं नो विनाए नाणत्ते, ते णं भंते ! जीवा कओहिंतो उवव० किं नेरइएहिंतो उक्वजति ?,एवं जहा वकंतीए पुढविकाइयाणं उबवाओ तहान भाणियब्बो, तेसिं णं भंते ! जीवाणं केवतियं कालं ठिती पं०, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उकोसेणं चावीसं बाससहस्साई, तेसिंणं मंते ! जीवाणं कति समुग्धाया पं०?, गोयमा ! तओ समुग्घाया पं० सं०-वेयणासमुग्घाए कसाय मारणंतिय०, ते णं भंते ! जीवा मारणंतियसमुग्धाएणं किं समोहया मरंति असमोहया मरंति ?, गोयमा! समोहयावि मरंति असमोहयावि मरंति, ते णं भंते! जीवा अणंतरं उबाहित्ता कहिं गच्छंति कहिं उपयजति?, एवं उबट्टणा है जहा वकंतीए, सिय भंते! जाव चत्तारिपंच आउकाइया एगयओ साहारणसरीरं बंधति त्ता तओ पच्छा आहारेंति एवं जो पुढवीकाइयाणं गमो सो चेव भाणियब्वो जाव उव्वद॒ति, नवरं ठिती सत्त वाससहस्साई उक्कोसेणं सेसं तं चेव, सिय भंते! जाव चत्तारिपंच तेउकाइया एवं चेव नवरं उववाओ ठिती उबट्टणा य जहा पन्नवणाए, सेसं तं चेव, वाउकाइयाणं एवं चेय नाणत्तं नवरं चत्तारि समुग्घाया, सिय भंते! जाव चत्तारिपंच वणस्सइकाइया पच्छा. गोयमा ! णो तिणढे समढे, अणंता वणस्सइकाइया एगयओ साहारणसरीरं बंधति त्ता तओ पच्छा आहारेति वा परि०, सेसं जहा तेउकाइयाणं जाव उव्वदृति, नवरं आहारो नियम छद्दिसिं, ठिती जहन्नेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणवि अंतोणुहुत्तं, सेसं तं चेव । ६५१। एएसिं णं मंते! पुढवीकाइयाणं आउतेउवाउवणस्सइकाइयाणं मुहुमाणं बादराणं पज्जत्तगाणं अपजत्तगाणं जहन्नुकोसियाए ओगाहणाए कयरे जाब विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमनिओयस्स अपजत्तगस्स जहनिया ओगाहणा, सुहुमवाउक्काइयस्स अपज्जत्तगस्स जहमिया ओगाहणा असंखेजगुणा, सुहुमतेऊअपजत्तगस्स जह० ओगाहणा असंखेजगुणा, सुहुमआऊअपज जह०ओ० असं०, सुहुमपुढवीअपजत्त जइन्निया ओगाहणा असंखेजगुणा, चादरखाउकाइयस्स अपजत्तगस्स जइन्निया ओगाहणा असंखेजगुणा, वादरतेऊअपजत्तजहन्निया ओगाणा असंखेजगुणा, बादराउअपजत्तजहन्निया ओगा० असंखे०. चादरपु३३४ श्रीभगवत्यंग-सत-25 मुनि दीपरनसागर Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ढवीकाइयअपजन जहनिया ओगाहणा असंखेजगुणा, पत्तेयसरीरचादरवणस्सइकाइयस्स बादरनिओयस्स एएसि णं पजत्तगाणं एएसिणं अपजत्तगाणं जहनिया ओगाहणा दोण्हवि तुल्ला असंखे०१०-११, सुहुमनिगोयस्स पजतगस्स जहनिया ओगाहणा असं०, तस्सव अपजत्तगस्स उकासि० ओगा विसेसा, तस्स चेव पज्जत्तगस्स उको० ओगाविसेसा, सुटुमवाउकाइयस्स पजत्तग० जह० ओगा० असं०. तस्म चेव अपज्जत्तगस्स उकोसिया । आगाहणा बिस०, तस्स चेव पजत्तगस्स उक्कोसाओ विसे०२०,एवं सुहमतेउकाइयस्स वि०,एवं सहुमआउक्काइयस्स बि०, एवं सुहुमपुडवीकाइयस्स विसेसा०, एवं बादरखाउकाइयस्स वि०, एवं बायरतेउकाइयस्स वि०३२.एवं चादरआउकायस्स वि०,एवं बादरपुडबीकाइयस्स वि०३८, सब्वेसि तिविहेणं गमेणं माणियव्वं, बादरनिगोयस्स पज्जत्तगस्स जहनिया ओगाहणा असंखेनगुणा, तस्स चेव अपज्जत्तगस्स उकोसिया ओगाहणा विसेसाहिया ४५ तस्म चेव पज्जत्तगरस उको ओ०वि०, पत्तेयसरीरचादरवणस्सइकाइयस्स पजत्तगस्स ज ओगा० असं०, तस्स चेव अपज्जत्त उको ओगाहणा असं, तस्स चेव पज उ० ओगा० अर्स०४४।६५२। एयस्स णं भंते ! पुढवीकाइयस्स आउकाइयस्स तेउवाउ० वणस्सइकाइयस्स कयरे काये सवसुहुमे कयरे काए सब्वसुहुमतराए ?. गोयमा ! वणस्सइकाइए सबसुदुमे वणस्सइकाइए सवसुहुमतराए, एयस्स णं भंते ! पृढवीकाइयस्स आउ० तेउवाउकाइयस्स कयरे काये सवसुहुमे कयरे काये सब्बसुहुमतराए, गोयमा! बाउकाए सबसुहुमे बाउकाये सब्बसुहुमतराए, एयस्स-र्ण भंते ! पुढवीकाइयस्स आउकाइयस्स तेउकाइयस्स कयरे काये सबहुमे कयरे काए सव्वसुहुमतराए?. गोयमा ! तेउकाए सव्वसुहुमे तेउकाए सव्वसुहुमतराए, एयस्स णं भंते ! पुढवीकाइयस्स आउकाइयस्स कयरे काए सब्बसुहुमे कयरे काये सब्बसुहुमतराए ?. गोयमा ! आउकाए सब्बसुहुमे आउकाए सव्वसुहमतराए. एयस्स णं भंते! पुढवीकाइयस्स आउ० तेउवाउ० वणस्सइकाइयस्स कयरे काये सव्वचादरे कयरे काये सव्ववादरतराए ?, गोयमा ! वणस्सइकाए मञ्चबादरे वणस्सइकाये सब्वचादरतराए, एयस्स णं भंते ! पुढवीकाइयस्स आउक्काइय. तेउकाइय० बाउकाइयस्स कयरे काए सब्वचादरे कयरे काए सब्बबादरतराए ?.गोयमा! पुढवीकाए सब्वचादरे पुढवीकाए सब्वचादरतराए, एयस्स णं भंते ! आउकाइयस्स तेऊकाइयस्स बाउकाइयस्स कयरे काए सव्वचादरे कयरे काए सव्ववादरतराए ?, गोयमा ! आउक्काए सबबादरे आउकाए सब्वचादरतराए, एयस्स गं भंते ! तेउकाइयस्स वाउकाइयस्स कयरे काए सब्वचादरे कयरे काए सव्ववादरतराए ?, गोयमा ! तेउकाए सव्ववादरे तेउकाए सच्चबादरवराए, केमहालए णं भंते! पढवीसरीरे पं०१. गोयमा! अणंताणं सुहमवणस्सइकाइयाणं जावइया सरीरा से एगे सुहमवाउसरीरे, असंखेजाणं सुहमबाउसरीरा(काइया पाणं जावतिया सरीरा सेएगे सहमतेऊसरीरे, असं खेजाणं सुहुमतेऊकाइयसरीराणं जावतिया सरीरा से एगे सुहुमे आउसरीरे, असंखेजाणं सुहुमआउक्काइयसरीराणं जावइया सरीरा से एगे सुहमे पुढचीसरीरे, असंखेजाणं सुहुमपुढवीकाइयसरीराणं जावइया सरीरा से एगे बादरवाउसरीरे, असं० बादरखाउक्काइयाणं जावइया सरीरा से एगे चादरतेउसरीरे, असंखेजाणं वादरतेउकाइयाणं जावतिया सरीरा से एगे धादरआउसरीरे, असंखेजाणं बादरआउजावतिया सरीरा से एगे बादरपुढवीसरीरे, एमहालए णं गोयमा ! पुढवीसरीरे पं०।६५३। पुढवीकाइयस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पं०?, गोयमा ! से जहानामए रन्नो चाउरंतचक्कवहिस्स बन्नगपेसिया तरुणी बलवं जुग जुवाणी अप्पायंका वन्नओ जाब निउणसिप्पोचगया नवरं चम्मेदृदुद्दणमुट्ठियसमाहयणिचियगत्तकाया न भण्णति सेसं तं चेव जाच निउणसिप्पोवगया तिक्खाए वयरामईए सण्हकरणीए तिक्खेणं वइरामएणं वट्टावरएणं एगं महं पुढबीकाइयं जतुगोलासमाणं गहाय पडिमाह. रिय२ पडिसंखिविय २जाव इणामेबत्तिकट्ट तिसत्तक्खुत्तो उप्पीसेज्जा तत्व णं गोयमा! अस्थेगतिया स्थि णं गायमा! अस्थगतिया पुढवाकाइया आलिद्धा अत्थगइया पुढावकाइया नो आलिद्धा अस्थगइया संघट्टिया अत्थेगइया नो संघट्टि(प्र०दिठ)या अत्ये-8 गइया परियाबिया अत्येगइया नो परियाविया अत्यंगइया उद्दविया अत्येगइया नो उद्दविया अत्येगइया पिट्टा अस्थेगतिया नो पिट्टा, पुढवीकाइयस्स णं गोयमा! एमहालिया सरीरोगाहणा पं०, पुढवीकाइए णं भंते ! अर्कते समाणे केरिसियं वेदणं पचणुभवमाणे विहरति ?, गोयमा! से जहानामए केई पुरिसे तरुणे बलवं जाव निउणसिप्पोवगए एगं पुरिसं जुन्नं जराजजरियदेहं जाव दुचलं किलंतं जमलपाणिणा मुद्धाणंसि अभिहणिज्जा से णं गोयमा! पुरिसे तेणं पुरिसेणं जमलपाणिणा मुद्धाणंसि अभिहए समाणे केरिसियं वेदणं पचणुभवमाणे विहरति?, अणिटुं समणाउसो!, तस्स णं गोयमा ! पुरिसस्स वेदणाहितो पुढवीकाइए अकंते समाणे एत्तो अणिट्टतरियं चेव अकंततरियं कारसिय वेदणं पचणुभवमाणे विहरति', गोयमा ! जहा पुढवीकाइए एवं चेब, एवं तेऊकाएऽवि, एवं वाउकाएऽवि, एवं वणस्सहकाएऽवि. जाब विहरति । सेवं भंते:२त्ति । ६५४॥ श. १९ उ०३॥ सिय भंते ! नेरइया महासवा महाकिरिया महावेयणा महानिज्जरा?, गोयमा ! णो तिणट्टे समढे, सिय भंते ! नेरइया महासवा महाकिरिया महायणा अप्पनिजरा?. हंता सिया, सिय भंते ! नेरइया महासवा महाकिरिया अप्पवेयणा महानिजरा ?, गोयमा ! णो तिणट्टे समढे, सिय भंते ! नेरइया महासबा महाकिरिया अप्पवेदणा अप्पनिजरा?, गोयमा ! नो तिणढे समट्टे, सिय भंते ! नेरतिया | महासवा अप्पकिरिया महावेदणा महानिजरा?, गोयमा! णो तिणढे समढे, सिय भंते! नेरइया महासवा अप्पकिरिया महावेयणा अप्पनिजरा?, गोयमा! नो तिण? समढे, सिय भंते ! नेरतिया महासवा अप्पकिरिया अप्पवेदणा महानिजरा?, नो विणढे समढे, सिय भंते ! नेरतिया महासवा अप्पकिरिया अप्पवेदणा अप्पनिज्जरा ?, णो तिणढे समढे, सिय भंते ! नेरइया अप्पासवा महाकिरिया महावेदणा महानिजरा', नो तिणढे समढे, सिय भंते नेरदया अप्पासवा महाकिरिया महावेदणा अप्पनिजरा?, नो तिणढे समढे, सिय भंते ! नेरइया अप्पासवा महाकिरिया अप्पवेयणा महानिजरा?,नो तिणढे समडे, सिय भंते ! नेरइया अप्पासवा महाकिरिया अपवेदणा अप्पनिजरा?, णो तिणढे समढे, सिय भंते ! नेरइया अप्पासवा अप्पकिरिया महावेयणा महानिजरा ?, नो तिणढे समढे, सिय भंते ! नेरतिया अप्पासवा अप्पकिरिया महावेदणा अप्पनिजरा?, णो तिणढे समढे, सिय भंते ! नेरइया अप्पासवा अप्पकिरिया अप्पवेयणा महानिजरा?, नो तिणढे समढे, सिय भंते ! नेरइया अप्पासवा अप्पकिरिया अप्पवेयणा अप्पनिजरा?, णो तिणढे समढे, एते सोलस भंगा, सिय भंते! असुरकुमारा महासवा महाकिरिया महावेदणा ३३५श्रीभगवत्यंग-सम-25 मुनि दीपरत्नसागर SRIPPECHRS-AIROHIBPPIONEPEHRSHSHOPAHASRISHISHAMTARRRAOPESHABESREPRESSIONASHRAIGHALI Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ P6HSPRAISPANISHCHESPELAINTENIBHASHAINSPIRAASHIROMASPIRAGSPRHOPRACHCHASHEMSPORTBPORPICHRON महानिजरा?, णो तिणट्टे समढे. एत्वं चउत्यो भंगो भाणियब्यो, सेसा पचरस भंगा खोडेयब्वा, एवं जाव थणियकुमारा, सिय भंते ! पुढवीकाइया महासवा महाकिरिया महायणा महानिजरा ?, हंता, एवं जाव सियं भंत! पुढवीकाइया अप्पासवा अप्पकिरिया अप्पवेयणा अप्पनिजरा ?, हंता सिया, एवं जाव मणुस्सा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा। सेवं भंते!२त्ति । ६५५॥ श०१९ उ०४॥ अस्थि णं भंते ! चरिमावि नेरतिया परमावि नेरतिया ?, हंता अस्थि, से नूर्ण भंते ! चरमेहितो नेहएहिंतो परमा नेरइया महाकम्मतराए चेव महाकिरियतराए चेव महासवतराए चेव महावेयणतराए चेव परमेहितो वा नेरइएदितो चरमा नेरइया अप्पकम्मतराए चेव अप्पकिरियतराए चेव अप्पासवतराए चेव अप्पपेयणतराए प?, हंता गोयमा ! चरमेहितो नेरइएहिंतो परमा जाव महावेयणतराए चेव परमेहिंतो वा नेरइएस्तो चरमा नेदया जाच अप्पवेयणतराए चेव, से केण?णं भंते ! एवं बुचइ जाव अप्पबेयणतराए चेव ?, गोयमा! ठितिं पडुच, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुचइ जाव अप्पवेदणतराए चेव, अत्यिणं भंते! चरमावि असुरकुमारा परमावि असुरकुमारा?.एवं चेब, नवरं विवरीयं भाणियब्वं, परमा अप्पकम्मा चरमा महाकम्मा, सेसं तं चेव जाय थणियकुमारा ताव एवमेव, पुढवीकाइया जाव मणुस्सा एवं जहा नेरइया, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा । ६५६। कइविहा णं भंते ! वेदणा पं० १. गोयमा! दुविहा वेदणा पं००-निदाय अनिदाय, नेरइया णं भंते ! किं निदायं वेदणं वेयंति अनिवार्य जहा पनवणाए जाच वेमाणियत्ति। सेवं भंते २त्ति ।६५७॥२०१५ उ०५॥ कहिं णं भंते ! दीवसमुद्दा केवइया णं भंते ! दीवसम्हा किंसंठिया णं भंते! दीवसमुद्दा?, एवं जहा जीवाभिगमे दीवसमुददुद्देसो सो चेव इहवि जोइसियमंडिउद्देसगवजो भाणियच्यो जाव परिणामो जीवउववाओ जाय अणंतखुत्तो। सेवं भंतेति । ६५८॥२०१९ उ०६॥ केवतिया णं भंते ! असुरकुमारभवणावाससयसहस्सा पं०१, गोयमा! चाउसद्धिं असुरकुमारभवणावाससयसहस्सा पं०, ते णं भंते ! किंमया पं०?, गोयमा ! सव्वस्यणामया अच्छा सण्डा जाव पडिरूवा, तत्व णं बहवे जीवा य पोग्गला य वकमति विउक्कमति चयंति उववज्जति सासया णं ते भवणा दबट्टयाए पन्नपज्जवहिं जाव फासपजवेहि असासया, एवं जाव थणियकुमारावासा, केवतिया णं भंते ! वाणमंतरभोमेजनगरावाससयसहस्सा पं०१. गोयमा! असंखेजा वाणमंतरभोमेजनगरावाससयसहस्सा पं०, ते णं भंते! किंमया पं०?, सेसं तं चेब, केवतिया णं भंते! जोइसियविमाणावाससयसहस्सा पुच्छा, गोयमा! असंखेजा जोइसिया०५०, ते णं मंते ! किमया पं02.गोयमा! सच फालिहामया अच्छा सेसं ते घेव, सोहम्मे णं भंते! कप्पे केवतिया विमाणावाससयसहस्सा पं०१, गोयमा ! बत्तीसं विमाणावाससयसहस्सा, ते णं भंते ! किंमया ५०, गोयमा ! सबरवणामया अच्छा सेसं तं चेव जाव अणुत्तरविमाणा, नवरं जाणेयव्वा जत्थ जत्तिया भवणा विमाणा वा। सेवं भंते२त्ति। ६५९॥ श०१९ उ०७॥ कतिबिहा णं भंते! जीवनिवत्ती पं०१, गोयमा ! पंचविदा जीवनिम्बत्ती पं० त० एगिदियजीवनिव्वत्ती जाच पंचिंदियजीवनिव्वत्ती, एगिदियजीवनिवत्ती णं भंते ! कतिविदा पं०१, गोयमा ! पंचविहा पं० त०-पुढविक्काइएगिदियजीवनिव्वत्ती य जाब वणस्सइकाइयएगिंदियजीवनिव्वत्ती, पुढवीकाइयएगिदियजीवनिव्वत्ती णं भंते! कतिविहा पं०१, गोयमा दुविहा पं० तं०-सुहुमपुढवीकाइयएगिदियजीवनिग्यत्ती य चादरपुढवी० एवं चेच, एएणं अभिलावेणं भेदो जहा वड्डगचंधे तेयगसरीरस्स जाव सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववातियकप्पातीतवेमाणियदेवपंचिंदियजीवनिव्वत्ती णं भंते ! कतिविहा पं०१. गोयमा! दविहा पं० त० पजत्तगसम्पदृसिद्धअणुत्तरोववातियजाचदेवपंचिंदियजीवनिव्वत्तीय अपज्जत्तगसव्वदसिद्धाणत्तरोक्वायजावदेवपंचिदियजीवनिवत्ती य.कतिचिहा णं भंते ! कम्मनिबत्ती पं०१. गोयमा! अट्ठविहा कम्मनिव्वत्ती पं० २०.नाणावरणिजकम्मनिच्चत्ती जाव अंतराइयकम्मनिव्वत्ती, नेरइयाणं भंते ! कतिविदा कम्मनिव्वत्ती पं०१, गोयमा ! अट्ठविहा कम्मनिच्चत्ती पं० त०-नाणावरणिजकम्मनिव्वत्ती जाव अंत राइयकम्मनिव्वत्ती, एवं जाव वेमाणियाणं, कतिविदा णं भंते ! सरीरनिव्वत्ती पं०१, गोयमा ! पंचविहा सरीरनिव्वत्ती पं००-ओरालियसरीरनिव्वत्ती जाय कम्मगसरीरनिष्पत्ती, नेरइयाण मंते!०१, एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं, | नवरं नायव्वं जस्स जइ सरीराणि, काविहा गं भंते ! सचिदियनिवत्ती पं०१, गोयमा ! पंचविहा सविदियनिव्वत्ती पं०२०-सोईदियनिब्बत्ती जाय फासिदियनिव्वत्ती, एवं नेरइयाण जाव थणियकुमाराण, पुढवीकाइयाणं पुच्छा, गोयमा! एगा फासिदियनिवत्ती पं०, एवं जस्स जह इंदियाणि जाच वेमाणियाणं, कइविहाणं भंते ! भासानिवत्ती पं०१, गोयमा! चउबिहा भासानिध्यत्ती पं० २०. सचाभासानिवत्ती मोसाभासानिव्वत्ती सच्चामोसभासानिव्वत्ती असचमोसमासानिवत्ती, एवं एगिदियवर्ज जस्स जा भासा जाव वेमाणियाणं, कइविहा णं भंते! मणनिव्वत्ती पं०१, गोयमा! चउब्विहा मणनिष्पत्ती पं० सं०- सचमणनिच्चत्ती जाव असचामोसमणनिव्वत्ती, एवं एगिदियविगलिंदियकर्ज जाव वेमाणियाणं, कदविहा गं भंते ! कसायनिवत्ती पं०१, गोयमा ! चउबिहा कसायनिवत्ती पं० सं०-कोहकसायनिव्बत्ती जाव लोभकसायनिव्वत्ती, एवं जाय वेमाणियाणं, कइविहा णं भंते ! वन्ननिबत्ती पं०१, गोयमा! पंचविहा वननिष्पत्ती पं००. कालपानिवत्ती जाव सुकिलवननिव्वत्ती, एवं निरवसेसं जाव वेमाणियाणं, एवं गंधनिव्वत्नी दुविहा जाप वेमाणियाणं, रसनिध्वनी पंचविहा जाव वेमाणियाणं, फासनिबत्ती अट्टविहा जाव वेमाणियाणं, कतिविहा णं भंते ! संठाणनिव्वत्ती पं०, गोयमा ! छविहा संठाणनिव्वत्ती पं० तं०-प्समचउरंससंठाणनिव्वत्ती जाव टुंडसंठाणनिव्वत्ती, नेरइयाणं पुच्छा, गोयमा! एगा हुंडसंठाणनिवत्ती पं०, असुरकुमाराणं पुच्छा, गोयमा ! एगा समचाउरंससंठाणनिवत्ती पं०,एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाणं पुच्छा, गोयमा! एगा मसूरचंदसंठाणनिव्वत्ती पं०, एवं जस्स जं संठाणं जाच वेमाणियाण, कदविहाणं भंते ! सन्नानिवत्ती पं०?. गोयमा ! पउचिहा सन्नानिवत्ती पं० त०-आहारसनानिवत्ती जाव परिम्गहसनानिव्वत्ती, एवं जाव वेमाणियाणं, कइविहा णं भंते ! लेस्सानिवत्ती पं०१, गोयमा ! उचिहा लेस्सानिवत्ती पं० तं-कण्हले. स्सानिवत्ती जाव सुकलेस्सानिवत्ती, एवं जाव वेमाणियाणं जस्स जइ लेस्साओ, कइविहा णं भंते! दिट्ठीनिश्चत्ती पं०?, गोयमा ! तिबिहा दिट्ठीनिव्यत्ती पं०तं.- सम्मादिविनिात्ती मिच्छादिविनिवत्ती सम्मामिच्छादिट्टीनिवत्ती, एवं जाव वेमाणियाणं जस्स जइविहा विट्ठी, कतिचिहाणं भंते ! णाणनिवत्ती पं०१, गोयमा ! पंचविहा णाणनिबत्ती पं० त०-आभिणिचोहियणाणनिवत्ती जाव केवलनाणनिबत्ती, एवं एमिदियवजं जाव वेमाणियाणं जस्स जइ णाणा, कतिविहा णं भंते ! अन्नाणनिवत्ती पं० १, गोयमा ! तिविहा अन्नाणनिव्वत्ती पं० त०-मइअनाणनिव्वत्ती सय विभंगनाणनिव्वत्ती, एवं जस्स जइ अन्नाणा जाव वेमाणियाणं, कइविहा गं भंते! जोगनिवत्ती पं०?, गोयमा ! (८४) ३३६ श्रीभगवत्यंग-सत-25 मुनि दीपरनसागर Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तिविहा जोगनिव्वत्ती पं० तं० मणजोगनिव्वत्ती वयजोगनिव्वत्ती कायजोगनिव्वत्ती, एवं जाव वैमाणियाणं जस्स जइविहो जोगो, कइविहा णं भंते! उवओगनिब्बत्ती पं० १, गोयमा ! दुबिहा उचओगनिव्वत्ती पं० तं० सागारोवओगनिव्वत्ती अणागारोवओगनिव्वत्ती एवं जाव वेमाणियाणं, 'जीवाणं निव्वत्ती कम्मप्पगडी सरीरनिव्वत्ती। सब्बिदियनिव्वत्ती भासा य मणे कसाया य ॥८२॥ बन्ने गंधे रसे फासे संठाणविही य होइ बोद्धव्वो । लेसा दिट्टी णाणे उपयोगे चेव जोगे य ॥ ८३ ॥' सेवं भंते! | ६६० ॥ श० १९३०८ ॥ कइविहे णं भंते! करणे पं०१, गोयमा ! पंचविहे करणे पं० तं०दव्यकरणे खेत्तकरणे कालकरणे भवकरणे भावकरणे, नेरइयाणं भंते! कतिविहे करणे पं० १, गोयमा! पंचविहे करणे पं० तं० दव्यकरणे जाव भावकरणे, एवं जात्र वैमाणियाणं, कतिविहे णं भंते! सरीरकरणे पं०१, गोयमा ! पंचविहे सरीरकरणे पं० तं० ओरालियसरीरकरणे जाव कम्मगसरीरकरणे य, एवं जाव वैमाणियाणं जस्स जइ सरीराणि, कइविहे णं भंते! इंदियकरणे पं० १, गोयमा ! पंचविहे इंदियकरणे पं० तं० सोइंदियकरणे जाव फासिंदियकरणे, एवं जाव वेमाणियाणं जस्स जइ इंदियाई, एवं एएणं कमेणं भासाकरणे चउच्विहे मणकरणे चउब्विहे कसायकरणे चउब्विहे समुग्धायकरणे सत्तविहे सन्नाकरणे चउव्विहे लेस्साकरणे छब्बिहे दिट्ठिकरणे तिबिहे, वेदकरणे तिविहे पं० तं० इस्थिवेदकरणे पुरिसवेदकरणे नपुंसकवेदकरणे, एए सब्वे नेरइयादी दंडगा जाव वैमाणियाणं जस्स जं अत्थि तं तस्स सवं भाणियां, कतिविहे णं भंते! पाणाइवायकरणे पं० १. गोयमा ! पंचविहे पाणाइवायकरणे पं० तं०- एगिंदियपाणाइवायकरणे जाव पंचिंदियपाणाइवायकरणे, एवं निरवसेसं जाव वैमाणियाणं, कइविहे णं भंते! पोग्गलकरणे पं० १. गोयमा ! पंचविहे पोग्गलकरणे पं० [सं० बनकरणे गंधकरणे रसकरणे फासकरणे संठाणकरणे, वन्नकरणे णं भंते! कतिविहे पं० १. गोयमा पंचविहे पं० तं० कालवन्नकरणे जाव सुकिवन्नकरणे, एवं भेदो, गंधकर दुविहे रसकरणे पंचविहे फासकरणे अट्टविहे, संठाणकरणे णं भंते! कतिविहे पं० १, गोयमा! पंचविहे पं० तं० परिमंडलसंठाणकरणे जाव आयतसंठाणकरणेति। सेवं भंते! २त्ति जाव विहरति । 'दख्ये खित्ते काले भवे य भावे य सरीरकरणे य इंदियकरणे भासा मणे कसाए समुग्धाए ॥८४॥ सण्णा लेस्सा दिट्टी वेए पाणाइवायकरणे य पुग्गलकरणे वण्णे गंधरसफाससंठाणे ॥ ८५ ॥ ६६१ ॥ श ० १९३० ९ ॥ वाणमंतराणं भंते! सब्बे समाहारा० एवं जहा सोलसमसए दीवकुमारुद्देसओ जाव अप्पढियत्ति । सेवं भंते! २ । ६६२ ॥ उ०१० इति एकोनविंशतितमं शतं [55] 'वेइंदिय १ मागासे २ पाणवहे ३ उवचए ४ य परमाणू ५। अंतर ६ बंधे ७ भूमी ८ चारण ९ सोवकमा १० जीवा ॥ ८६ ॥ रायगिहे जाव एवं वयासी- सिय भंते! जाव चत्तारिपंच बंदिया एगयओ साहारणसरीरं बंधंति ता तओ पच्छा आहारैति वा परिणार्मेति वा सरीरं वा बंधंति ?, णो तिणट्टे समट्टे, बेंदिया णं पत्तेयाहारा पत्तेयपरिणामा पत्तेयं सरीरं बंधंति ता तओ पच्छा आहारैति वा परिणार्मेति वा सरीरं वा बंधंति, तेसिं णं भंते! जीवाणं कति लेस्साओ पं० १, गोयमा तओ लेस्सा पं० तं० कण्हलेस्सा नीललेस्सा काउलेस्सा, एवं जहा एगुणवीसतिमे सए तेउकाइयाणं जाब उव्वहंति, नवरं सम्मदिट्टीवि नो सम्मामिच्छदिट्टी दो नाणा दो अन्नाणा नियमं णो मणजोगी वयजोगीवि कायजोगीवि, आहारो नियमं छद्दिसिं, तेसिं णं भंते! जीवाणं एवं सन्नाति वा पन्नाति वा मणेति वा वईति वा अम्हे णं इट्टाणिट्टे रसे इट्ठाणिट्ठे फासे पडिसंवेदेमो १, णो तिणट्ठे समट्ठे, पडिसंवेदेति पुण ते, ठिती जहन्त्रेणं अंतोमुद्दत्तं उकोसेणं पारस संवच्छराई सेसं तं चेव एवं तेइंदियावि, एवं चरिंदियावि, नाणत्तं इंदिएस ठितीए य, सेसं तं चेव, ठिती जहा पनवणाए, सिय भंते! जाव चत्तारिपंच पंचिंदिया एगयओ साहारणं एवं जहा बेंदियाणं नवरं छलेसाओ दिट्ठी तिविहावि चत्तारि नाणा तिनि अन्नाणा भयणाए तिविहो जोगो, तेर्सि णं भंते! जीवाणं एवं सन्नाति वा पन्नाति वा जाव बतीति वा अम्हे णं आहारमाहारेमो ? गोयमा ! अत्थेगइयाणं एवं सन्नाइ वा पन्नाइ वा मणोइ वा वतीति वा अम्हे णं आहारमाहारेमो अत्थेगइयाणं नो एवं सन्नाति वा जाव वतीति वा अम्हे णं आहारमाहारेमो आहारैति पुण ते, तेसिं णं भंते! जीवाणं एवं सन्नाति वा जाव वईति वा अम्हे णं इद्वाणिट्टे सद्दे इट्टाणि रूबे इद्वाणि गंधे इट्ठाणिट्टे रसे इट्ठाणिट्ठे फासे पडिसंवेदेमो ?, गोयमा ! अत्थेगतियाणं एवं सन्नाति वा जाव वयीति वा अम्हे णं इट्ठाणिट्ठे सद्दे जाव इट्ठाणिट्ठे फासे पडिसंवेदेमो अत्थेगतियाणं नो एवं सन्नाइ वा जाव वयीइ वा अम्हे णं इट्ठाणिट्ठे सद्दे जाव इट्ठाणिट्ठे फासे पडिसंवे०, पडिसंवेदेति पुण ते, ते णं भंते! जीवा किं पाणाइवाए उबक्खातिजंति ०१, गोयमा ! अत्थेगतिया पाणातिवाएऽवि उबक्खाइजंति जाव मिच्छादंसणसलेऽवि उवक्खाइजंति अत्थेगतिया नो पाणाइवाए उवक्खातिजति जाव नो मिच्छादंसणसले उबक्खातिजंति, जेसिंपि णं जीवाणं ते जीवा एवमाहिज्जति तेसिंपि णं जीवाणं अत्थेगतियाणं विष्णाए णाणत्ते अत्थे० नो विष्णाए नाणत्ते, उचवाओ सङ्घओ जाव सङ्घट्ठसि द्वाओ, ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई, छस्समुग्धाया केवलिवजा, उब्बट्टणा सव्वत्थ गच्छंति ज्ञाव सच्चट्ठसिद्धति, सेसं जहा बेंदियाणं, एएसिं णं भंते! बेईदियाणं० पंचिदियाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा १, गोयमा सब्वथोवा पंचिदिया चउरिंदिया विसेसाहिया तेइंदिया बिसेसाहिया बेंदिया विसेसाहिया। सेवं भंते! सेवं भंते! जाब ३३७ श्रीभगवत्यं सत- २० मुनि दीपरत्नसागर Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HASPIRIA8%85-8PTOAASPIRNVSPTOMBPORSPOARINAMESPENSPRAISPENSPIRANSPICAASPIONSHTRARPENSPICIARI विहरति । ६६३॥ श०२० उ०१॥ कइपिहे णं भंते ! आगासे पं० १, गोयमा ! दुविहे आगासे पं० तं-लोयागासे य अलोयागासे य, लोयागासे णं भंते ! कि जीवा जीवदेसा?. एवं जहा बितियसए अत्थिउदेसे तह चेव इहवि भाणियचं, नवरं अभिलावो जाव धम्मस्थिकाए णं भंते ! केमहालए पं०?, गोयमा! लोए लोयमेत्ते लोयपमाणे लोयफुडे लोयं चेत्र ओगाहित्ताणं चिट्ठति, एवं जाव पोग्गलस्थिकाए, अहेलोए णं भंते ! धम्मस्थिकायस्स केवतियं ओगाडे?, गोयमा ! सातिरेगं अदं ओगाढे, एवं एएणं अभिलावेणं जहा बितियसए जाव हसिपब्भारा ण भत! पुढवीलायागासस्स कि संखेजइभाग० आगाढा? पुच्छा, गायमा: नासखजइभाग आर भागे नो सब्बलोयं ओगाढा, सेसं तं चेव । ६६४॥ धम्मस्थिकायस्स णं भंते! केवइया अभिवयणा पं०१, गोयमा! अणेगा अभिवयणा पं० तं०-धम्मेइ वा धम्मस्थिकायति वा पाणाइवायवेरमणाइ वा मुसाबायबेरमणाति वा एवं जाव परिग्गहवेरमणेति वा कोहविवेगेति वा जाव मिच्छादसणसरलुविवेगेति वा ईरियासमितीति वा भासा एखणा आयाणभंडमननिक्खेवण उचारपासवणखेलजाइसिंघाणपारिट्ठावणियासमितीति वा मणगुत्तीति वा वइगुत्तीति वा कायगृत्तीति वा जे यावन्ने तहप्पगारा सब्बे ते धम्मथिकायस्स अभिवयणा. अधम्मत्यिकायस्स णं भंते ! केवतिया अभिवयणा पं०?, गोयमा ! अणेगा अभिवयणा पं० त०-अधम्मेति वा अधम्मस्थिकाएति वा पाणाइवाएति वा जाव मिच्छादसणसडेति वा ईरियाअसमितीति वा जाव उच्चारपासवणजावपारिद्वावणियाअसमितीति वा मणअगुत्तीति वा वइअगुत्तीति या कायअगुत्तीति वा जे यावन्ने तहप्पगारा सव्वे ते अधम्मस्थिकायस्स अभिवयणा, आगासस्थिकायस्स णं पुच्छा, गोयमा! अणेगा अभिवयणा पं०२०-आगासेति वा आगासृत्यिकायेति या गगणेति वा नभेति वा समेति वा विसमेति वा सहेति वा बिहेति वा वीयीति वा विवरेति वा अंचरेति वा अंबरसेत्ति वा छिड्डेत्ति वा मुसिरेति वा मम्गेति वा विमुद्देति वा अदेति वा वियदेति बा आधारेति वा योमेति वा भायणेति वा अंतरिक्खेति वा सामेति वा उवासंतरेर वा फलिहेड वा अगमिड वा अणतेति वा जे यावने तहप्पगारा सब्बे ते आगासस्थिकायस्स अभिवयणा, जीवस्थिकायस्स णं भंते ! केवतिया अभिवयणा पं02.16 गोयमा! अणेगा अभिवयणा पं००- जीवेति वा जीवस्थिकायेति या पाणीति वा भूएति वा सत्तेति वा विति वा चेयाति वा जेयाति वा आयाति वा रंगणाति वा हिंडूएति वा पोग्ग- लेति वा माणवेति वा कत्ताति वा विकत्ताति वा जएति वा जंतुति वा जोणिति वा संयभूति वा ससरीरीति वा नायएति वा अंतरप्पाति वा जे यावन्ने तहप्पगारा सब्वे ते जाव अभिवयणा, पोग्गलत्थिकायस्स णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! अणेगा अभिवयणा पं० तं०-पोग्गलेति वा पोग्गलस्थिकायेति वा परमाणुपोग्गलेति वा दुपएसिएति वा तिपएसिएति वा जाव अणंतपएसिएति वा जे यावन्ने सब्बे पोग्गलस्थिकायस्स अभिवयणा। सेवं भंते.२त्ति । ६६५॥ श०२० उ०२॥ अह भंते ! पाणाइयाए मुसावाए जाय मिच्छादं पाणातिवायवेरमणे जाव मिच्छादसणसाइविवेगे उप्पत्तिया जाच पारिणामिया उग्गहे जाव धारणा उहाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरकमे नेरइयत्ने असुरकुमारने जाव येमाणियत्ने नाणावरणिजे जाव अंतराइए कण्हलेस्सा जाव सुकलेस्सा सम्मदिट्ठी चक्खुदसणे आभिणिचोहियणाणे जाच विभंगनाणे आहारसन्ना ओरालियसरीरे मणजोगे० सागारोवओगे अणागारोबओगे जे यावन्ने तहप्पगारा सब्वे ते णण्णत्थ आयाए परिणमंति?, हंता गोयमा ! पाणाइवाए जाच सव्वे ते णण्णत्थ आयाए परिणमंति।६६६। जीवे णं भंते ! गम्भं वकममाणे कतिवन्ने एवं जहा बारसमसए जाव पंचमुद्देसे जाव कम्मओ णं जए णो अकम्मओ विभत्तिभावं परिणमति। सेवं भंते रत्ति जाव विहरति । ६६७॥श०२० उ०३॥ कइबिहे णं भंते ! इंदियउवचएं पं०१, गोयमा! पंचविहे इंदियोवचए पं० त०-सोइंदियउवचए एवं बितिओ इंदियउद्देसओ निरवसेसो भाणियत्रो जहा गन्नवणाए। सेवं भंते २त्ति भगवं गोयमे जाब बिह ॥श०२०3०४॥ परमाणुपाम्गलणं भत! कतिवन्न कतिगध कतिरस कातफास प०,गायमा! एगवन्न एगगध एगरसे दुकास,जाएगवन्ने सिय कालए सिय नीलए सिय यहिए सिय हालिहे सिय मुकिरते, जइ एगगंधे सिय मुभिगंधे सिय भिगंधे, जइ एगरसे सिय तित्ते सिय कड़ए सिय कसाए सिय अंबिले सिय महरे, जड़ दफासे सिय सीए य निदे य सिय सीए य लुक्से य सिय उसिणे य निदे य सिय उसिणे य लुक्खे य. दुप्पएसिए णं भंते ! खंधे कतिवन्ने०. एवं जहा अट्ठारसमसए छठदेसए जाच सिय चउफासे, जइ एगवन्ने सिय कालए जाय सिय सुविाए जइ दुबन्ने सिय कालए नीलए य सिय कालए य लोहिए य सिय कालए य हालिहए य सिय कालए य सुकिलए य सिय नीलए लोहियए य सिय नीलए हालिदए य सिय नीलए य मुक्किडए य सिय लोहिए य हालिदए य सिय लोहिए य सुक्किाइए य सिय हालिदए य सुफिलए य. एवं एए दुयासंजोगे इस भंगा, जइ एगगये सिय सुम्मिगंधे सिय दुग्भिगधे जइ दुगंधे सुभिगंधे दुग्भिगंधे य, रसेमु जहा वन्नेम, जइ दुकासे सिय सीए य निदेय एवं जहेव परमाणुपोम्गले, जइ तिफासे सचे सीए देसे निदे देसे लक्खे साधे उसिणे देसे निदे देसे लुक्खे सो निदे देसे सीए देसे उसिणे सद्दे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे, जइ चाउफासे देसे सीए देसे उसिणे देसे निदे देसे लक्वे ३३८ श्रीभगवत्यंग-स-२० मुनि दीपरत्सागर Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | एए नव भंगा फासेसु, तिपएसिए णं भंते ! खंधे कतिवन्ने जहा अट्ठारसमसए छठुहेसे जाव चउफासे, जइ एगवन्ने सिय कालाए जाव सुकिल्लए जइ दुवन्ने सिय कालए य नीलगे य सिय कालगे य नीलगा य सिय कालगा य नीलए य सिय कालए य लोहियए य सिय कालए य लोहियगा य सिय कालगा य लोहियए य एवं हालिहएणवि समं भंगा ३ एवं सुक्किलएणवि समं ३ सिय नीलए य लोहियए य एत्यपि भंगा ३ एवं हालिदएणवि भंगा ३ एवं सुक्किालेणवि भंगा ३ सिय लोहियए य हालिदए य भंगा ३ एवं सुक्किालेणवि समं ३ सिय हालिदए य सुक्किलए य भंगा ३ एवं सचे ते दस दुयासंजोगा भंगा तीसं भवति, जइ तिवन्ने सिय कालए य नीलए य लोहियए य सिय कालए य नीलए य हालिहए य सिय कालए यनीलए य सुक्किाइए य सिय कालए य लोहियए यहालिदए य सिय कालए यलादियणय सुक्किइए य सिय कालए यहालिदए य सुक्किाइए यसि लोहियए य हालिदए य सिय नीलए य लोहियए य मुक्किलए य सिय नीलए य हालिद्दए य मुक्किलए य सिय लोहिए य हालिहए य मुक्किल्लए य एवं दस तियासंजोगा, जह एगगंधे सिय सुभिगंधे सिय दुन्भिगंधे जइ दुगंधे सिय मुभिगंधे य दुग्भिगंधे य भंगा ३, रसा जहा वन्ना, जइ दुफासे सिय सीए य निदेय एवं जडेव दुपएसियस्स नहेब चत्तारि भंगा, जब तिफासे सब्बे सीए देसे निदे देसे लक्खे सव्वे सीए देसे निद्धे देसा लुक्खा सवे सीए. देसा निदा देसे लक्वे, सचे उसिणे देसे निदे देसे लुक्खे एत्यवि भंगा तिन्नि, सद्दे निदे देसे सीए देसे उसिणे भंगा तिन्नि, सच्चे लक्से देसे सीए देसे उसिणे भंगा तिन्नि, जइ चउफासे देसे सीए देसे उसिणे देसे निदे देसे लक्खे, देसे सीए देसे उसिणे देसे नि. देसा लुक्खा, देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्दा देसे लुक्से, देसे सीए देसा उसिणा देसे निदे देसे लुक्खे, देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्वा, देसे सीए देसा उसिणा देसा निदा देसे लक्खे, देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्ध देसे लुक्से, देसा सीया देसे उमिणे देसे निद्धे देसा लुक्खा, देसा सीया देसे उसिणे देसा निदा देसे लक्खे, एवं एए तिपएसिए फासेस पणवीसं भंगा, चउप्पएसिए णं भंते ! खंधे कतिवन्ने जहा अट्ठारसमसए जाव सिय चउफासे, जइ एगवन्ने सिय कालए य जाव सुकिडए, जइ दुवन्ने सिय कालए य नीलगे य सिय कालगे य नीलगा य सिय कालगा य नीलगे य सिय कालगा य नीलगाय, सिय कालए य लोहियए य एत्थवि चत्तारि भंगा, सिय कालए य हालिदए यःसिय कालए य सुकिाते या सिय नीलए य लोहियए य० सिय नीलए य हालिइए य० सिय नीलए सुक्किालए य सिय लोहियए य हालिदए य० सिय लोहियए य सुकिल्लए य० सिय हालिहए य सुफिलए य. एवं एए दस यासंजोगा भंगा पुण चत्तालीसं, जहतिवन्ने सिय कालए यनीलए यलोहियएय सिय कालए नीलए लोहियगा य सिय कालए य नीलग य नीलए य लोहियए य एए भंगा ४ एवं कालनीलहालिदएहिं भंगा ४ कालनीलसुकिल्ल ४ काललोहियहालिह ४ काललोहियसुकिाल ४ कालहालिहसुकिङ ४ नीललोहियहालिदगाणं भंगा ४ नीललोहियसुकिङ ४ नीलहालिहसुक्किाड ४ लो हासुकिलगाणं भंगा४ एवं एए दस तियासंजोगा एकेके संजोए चत्तारि भंगा सब्बे ते चत्तालीसं भंगा, जइ चउवन्ने सिय कालए नील० लोहिय हालिदए य सिय का० नी० लो० सुक्किाकए सिय का नील हालि० सुकिडए सिय का० लो० हा० सुकि सिय नी० लोहि हासु० एवमेते चउकगसंजोए पंच भंगा, एए सब्वे नउइभंगा, जइ एगगंधे सिय सुभिगंधे सिय दुभिगंधे य जइ दुगंधे सिय सुभिगंधे य दुम्भिगंधे य, रसा जहा बन्ना, जइ दुफासे जहेव परमाणुपोग्गले ४ जइ तिफासे सव्वे सीए देसे निदे देसे लक्खे सो सीए देसे निदे देसा लक्खा सब्वे सीए देसा निद्धा देसे लक्खे सो सीए देसा निदा देसा लुक्खा, सो उसिणे देसे निदे देसे लक्खे एवं भंगा ४ सो निदे देसे सीए देसे उसिणे ४ सो लक्खे देसे सीए देसे उसिणे ४ एए तिफासे सोलस भंगा, जब चउफासे देसे सीए देसे उसिणे देसे निदे देसे लक्खे देसे सीए देसे उसिणे देसे निदे देसा लुक्खा देसे सीए देसे उसिणे देसा निदा देसे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे देसा निदा देसा लुक्खा देसे सीए देसा उसिणा देसे निदे देसे लक्खे देसे सीए देसा उसिणा देसे निढे देसा लुक्खा देसे सीए देसा उसिणा देसा निदा देसे लुक्खे देसे सीए देसा उसिणा देसा निदा देसा लुक्खा देसा सीया देसे उसिणे देसे निदे देसे लुक्से एवं एए चउफासे सोलस भंगा भाणियचा जाव देसा सीया देसा उसिणा देसा निदा देसा लुक्खा सबे एते कासेसु छत्तीसं भंगा, पंचपएसिए णं भंते ! खंधे कतिवन्ने जहा अट्ठारसमसए जाव सिय चउफासे, एगवन्नदुबन्ना जहेब चउप्पएसिए, जइ तिवन्ने सिय का० नीला लोहियए य सिय काल. नीलए लोहिया य सिय काल० नीलगा य लोहिए य सिय कालए नीलगा य लोहियगाय सिय कालगाय नीलए य लोहियए य सिय कालगाय नीलगे य लोहियगा य सिय कालगाय नीलगाय लोहियएय, सिय कालए नीला हालिहए य एत एवं कालगनीलगसुकिलासु सत्त भंगा, कालगलोहियहालिहेसु कालगलोहियमुक्किाडेमु कालगहालिहसुक्तिचेसु नीलगलोहियहालिहेसु नीलगलोहियसुकिालेस सत्त भंगा नीलगहालिहसुकिातेसु लोहियहालिहसुकिलेसुपि सत्त भंगा, एपमेते तियासंजोएण एए सत्तरि भंगा, जइ चउपने सिय कालए नीलए लोहियए हालिदए य सिय कालए य नीलए य लोहि३३९ श्रीभगवत्यंग -सतं.२० मुनि दीपरत्नसागर SPONROPEARSYCHROPOMOPOLSIPELASPENSPIRATIONASHIONSHIARPRISASYCHIPIOMEPTOARRPIONEEYONICA Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यए य हालिहगा य सिय कालए नीलए य लोहियगा य हालिहगे य सिय कालए नीलगाय लोहियगे य हालिहगे य सिय कालगा य नीलए य लोहियए य हालिहए य एए पंच भंगा, सिय कालए य नीलए य लोहियए य सुकिहए य एन्थवि पंच भंगा, एवं कालगनीलगहालिहसुकि सुवि पंच भंगा, कानालोहियहालिहसुकिाइएसुवि पंच भंगा, नीलगन्लोहियहालिहसुक्किाडेसुवि पंच भंगा, एवमेते चउकगसंजोएणं पणवीसं भंगा, जइ पंचवन्ने कालए य नीलए लोहियए हालिहए सुकिाइए, सबमेते एकत्यगतियगचउक्गपंचगसंजोएणं इयालं भंगसयं भवति, गंधा जहा चउप्पएसियम्स, रसा जहा वन्ना, फासा जहा चउप्पएसियस, छप्पएसिए णं भंते! खंधे कतिवन्ने?.एवं जहा पंचपएसिए जाव सिय चउफासे पं०. जइ एगवने एगवनदुवना जहा पंचपएसियस्स, जद्दतिवन्ने सिय कालए य नीलए य लोहियए य एवं जहेव पंचपएसियस सत्त भंगा जाब सिय कालगा य नीलगा य लोहियए य सिय कालपा य नीलगा य लोहियगा य एए अट्ठ भङ्गा, एवमेते दस तियासंजोगा एकेकए संजोगे अट्ट भंगा एवं सव्वेऽवि तियगसंजोगे असीती भंगा. जइ चउवन्ने सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिहए य सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिहया य सिय कालए य नीलाए य लोहिया य हालिहए य सिय कालगे य नीलगे य लोहियगा य हालिनगा य सिय कालगे य नीलगा य लोहियए य हालिहगा य सिय कालए य नीलगाय लोहियए य हालिहए य सिय कालमे य नीलगा य लोहियगा य हालिए य सिय कालगा य नीलए य लोहियए य हालिहए य सिय कालगा नीलए लोहियए हालिहगा य सिय कालगा नीलगे लोहियगा य हालिहगे य सिय कालगा य नीलगाय लोहियए य हालिहए य एए एकारस भंगा, एवमेते पंच चउकसंजोगा कायव्वा एकेकसंजोए एकारस भंगा सब्वे ने चउक्गसंजोएणं पणपन्नं भंगा, जइ पंचवन्ने सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुकिहए य सिय कालए य नीलए लोहियए हालिदए य सुकिल्लगा य सिय कालए नीलए लोहियए हालिदगा य सुकिाइए य सिय कालए नीलए लोहियगा हालिहए य सुक्किाइए य सिय कालए य नीलगा य लोहियए य हालिहए सुक्किलए य सिय कालगा नीलगे य लोहियगे य हालिद्दए य सुकिलए एवं एए उम्भंगा भाणियव्वा, एवमेते मब्वेऽवि एक्कगद्यगतियगवउक्तगपंचगसंजोगेस छासीयं भंगसयं भवति, गंधा जहा पंचपएसियस्स, रसा जहा एयस्सेव वन्ना, फासा जहा चउप्पएसियस्स, सत्तपएसिए णं भंते ! खंधे कतिवन्ने ?, जहा पंचपएसिए जाब सिय चटफासे पं०,जह एगबन्ने एवं एगवन्नदुवण्णतिवन्ना जहा छप्पएसियस्स, जइ चउवन्ने सिय कालए य नीलए य लोहियगा हालिहए य एवमेते चउक्कगसंजोगेणं पन्नरस भंगा भाणियव्या जाब सिय कालगा य नीलगा य लोहियगा य हालिदए एवमेते पंच चउकसंजोगा नेयव्वा एकेके संजोए पन्नरस भंगा सदमेते पंचसत्तरी भंगा भवंति, जइ पंचवन्ने सिय कालए य नीलए य लोदियए हालिहए सुकिडए य सिय कालए नीलए य लोहियए य हालिदगे य सुकिङगा य सिय कालए य नीलए लोहियए हालिगा य सुकिल्लए य सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिदगा य सुकिङगा य सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिदए य सुक्किाइए य सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिहगे य सुक्किाइए य सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिहगा य सुक्किइए य सिय कालए य नीलगा य लोहियगे य हालिहए य सुक्किाइए य सिय कालगे य नीलगा य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलगा य सिय कालगे य नीलगा लोहियगे हालिहगा मुक्किड़ए य सिय कालए यन कालगा य नीलो य लोहियए य हालिहए य सुक्किाइए य सिय कालगा य नीलगे य लोहियगे हालिहए य सुकिलुगा य सिय कालगा य नीलए य लोहियए हालिदगा य सुकिल्लए य सिय कालगा य नीलए य लोहियगा य हालिहए य सुक्किाइए य सिय कालगा य नीलगा य लोहियए य हालिदए य सुक्किाइए य एए सोलस भंगा, एवं सव्वमेते एकगदुयगतियगचउकगपंचगसंजोगेणं दो सोला भंगसया भवंति, गंधा जहा चउप्पएसियस्स, रसा जहा एयस्स चेव वना. फासा जहा चउप्पएसियम्स, अट्ठपएसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा, गोयमा! सिय एगवने जहा सत्तपएसियस्स जाव सिय चउफासे पं०,जइ एगवन्ने एवं एगवन्नदुवन्नतिवन्ना जहेव सत्तपएसिए, जइ चाउबन्ने सिय कालए य नीलए य लोहियए यहालिदए य सिय कालए य नीलए यलोहियए यहालिहगा य एवं जहेव सत्तपएसिए जाब सिय कालगाय नीलगाय लोहियगा य हालिहगे य सिय कालगाय नीलगाय लोदि. यगा य हालिहगा य एए सोलस भंगा, एवमेते पंच चउकसंजोगा. सय्यमेते असीती भंगा. जड पंचव ति असीती भंगा, जइ पंचवन्ने सिय कालए य नीलए य लोहिहए य हालिदए य सुकिलए य सिय कालए य नीलगे य लोहियगे य हालिदगे य सुक्किालगा य एवं एएणं कमेणं भंगा चारेयवा जाव सिय कालए य नीलगा य लोहियगा य हालिदगा य सुकिडगे य एसो पन्नरसमो भंगो सिय कालगा य नीलगे य लोहियगे य हालिदए य सुकिलए य सिय कालगा य नीलगे य लोहियगे य हालिहगे य सुकिलुगा य सिय कालगा य नीलगे य लोहियगे य हालिहगा य सुकिल्लए य सिय कालगा य नीलगे य लोहियगे य हालिहगा य सुकिाहगा य सिय कालगा य नीलगे य लोहियगा हालिहए य सुकिल्लए य सिय कालगा य नीलगे य लोहियगा य हालिहगा य मुकिहए य सिय कालगा य नीलगा य लोहियगे य हालिहए य मुकिल्लए य सिय कालगा य नीलगा य लोहियगे य हालिदए य सुकिल्लगा य सिय कालगा (८५) ३४० श्रीभगवत्यंग-सन २० मुनि दीपरत्नसागर IANSIBaa2424258542852048667694234834RANS232418924243421327542358 Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नीलगाय लोहियगे य हालिडगा य सुकिलए य सिय कालगा य नीलगाय लोहियगा य हालिदए य सुकिलए य एए पंचसंजोएणं छब्वीमं भंगा भवंति एवामेव सपुच्वावरेणं एकगदुयगतियगचउक्कगपंचगसंजोएहिं दो एकतीसं भंगसया भवंति, गंधा जहा सत्तपएसियस्स, रसा जहा एयस्स श्रेव बन्ना, फासा जहा चउप्पएसियस्स. नवपएमियस्स पुच्छा, गोयमा ! सिय एगवन्ने जहा अट्टपएसिए जाब सिय चउफासे पं०, जइ एगवन्ने एगवन्नदुवन्नतिवन्नचउवना जहेब अट्टपएसियम्स, जड पंचवने सिय कालए य नीलए य लोहियए यहालिइए य सुकिलए ये सिय कालगे य नीलगे य लोहियए य हालिए य सुकिलगा य एवं परिवाडीए एकतीसं भंगा भाणियव्वा. एवं एकगदुयगतियगचउकगपंचगमंजोएहिं दो छत्तीसा भंगसया भवति, गंधा जहा अट्टपएसियस्स, रसा जहा एयस्स चैव बन्ना, फासा जहा चउपएसियस्स. दसपएसिए णं भंते! बंधे पुच्छा. गोयमा सिय एगबन्ने जहा नवपएसिए जाव सिय चउफासे पं०, जइ एगवन्ने एगवन्नदुवन्नतिवन्नचउवन्ना जहेब नवपएसियस्स, पंचचन्नेऽवि तहेव नवरं बत्तीसतिमो भंगो भन्नति, एवमेते एकगदुयगतियाचकपंच संजोए दोन्नि सन्ततीसा भंगसया भवति, गंधा जहा नवपएसियरस, रसा जहा एयस्स चैव बन्ना, फास: जहा चउप्पएसियम्स, जहा दसपएसओ एवं संखेजपएसिओऽवि, एवं असंखेजपएसिओऽवि, सहमपरिणओऽवि अनंतपएसिओऽवि एवं चैव । ६६९ । वायरपरिणए णं भंते! अणतपसिए खंधे कतिवने एवं जहा अट्टारसमसए जाब सिय अट्ठफासे पं०, वन्नगंधरसा जहा दसपएसियस्म, जइ चउफासे सव्वे कक्खड़े सब्बे गरुए सब्बे सीए सच्चे निदे सव्वे कक्खडे सव्वे गरुए मच्चे सीए मब्वे क्से सच्चे कक्खड़े सब्वे गरुए सब्बे उसिणे सधे निद्धे समे कखडे सङ्घे गए सबै उसिणे सच्चे लुकुखे सब्वे फक्खडे सब्वे लहुए सब्वे सीए मध्ये लक्खे मध्ये कक्खडे सध्ये लहुए सच्चे सीए सच्चे लुकखे सब्बे कक्खडे सब्वे लहुए सब्वे उसिणे सब्वे निदे सच्चे कक्खडे सच्चे लहुए सच्चे उसिणे सव्वे लुक्खे सव्वे मउए मध्ये गरुए मध्ये सीए सब्वे निदे सव्वे मउए मध्ये गरुए सब्वे सीए सच्चे लक्खे सब्बे मउए सब्बे गरु सब्बे उक्षिणे सच्चे निदे सच्चे मउए सब्वे गरुए सच्चे उसिणे सब्वे लकवे सच्चे मउए सच्चे लहुए मध्ये सीए सब्बे निदे सच्चे मउए सब्बे लहुए सब्बे सीए सब्बे लक्खे सब्वे मउए सब्वे लहुए सच्चे उसिणे सव्वे निद्धे सब्वे मउए सब्बे लहुए सच्चे उसिणे सब्बे लक्खे एए सोलस भंगा. जड़ पंचफासे सब्वे कक्खड़े सवे गरुए सब्बे सीए देसे निद्धे देसे लक्खे, सव्वे कक्खड़े सब्वे गरुए सब्वे सीए देसे निदे देसा लुक्खा, सब्बे कक्खडे सव्वे गरुए सच्चे सीए देसा निहा देसे लक्खे, सब्वे कक्खड़े सवे गए सब्बे सीए देसा निदा देसा लक्खा, सव्वे कक्खडे सव्वे गरुए सच्चे उसिणे देसे निदे देसे लक्खे ४ सव्वे कक्खडे सव्वे लहुए सव्वे सीए देसे निदे देसे लुक्से ४ सध्ये कक्खडे सच्चे लहुए सब्बे उसिणे देसे निदे देसे लकखे ४ एवं एए कक्खडेणं सोलस भंगा, सच्चे मउए सव्वे गरुए सच्चे सीए देसे निदे देसे लुक ४ एवं मउएणवि सोलस भंगा, एवं बत्तीसं भंगा, सब्वे कक्खडे सव्ये गरुए सब्वे निदे देसे सीए देसे उसिणे ४ सच्वे कक्खडे सब्वे गरुए सब्बे लुकखे देसे सीए देखे उसिणे ४ एए बत्तीसं भंगा, मध्ये कक्खडे सध्ये सीए सब्वे निद्धे देसे गरुए देसे लहुए एत्थवि बत्तीसं भंगा, सब्वे गरुए सच्चे सीए सच्वे निद्धे देसे कक्खडे देसे मउए एत्थवि बत्तीसं भंगा एवं सव्वे ते पंचफासे अट्ठावीस भंगमयं भवति, जइ छफासे सब्बे कक्खडे सव्वे गरुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निदे देसे लक्खे, सब्बे कक्खडे मध्ये गरुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसा लखा, एवं जाव सब्वे कक्खडे सब्वे गरुए देखा सीया देसा उसिणा देसा निद्वा देसा लक्खा एए सोलस भंगा, सव्वे कक्खडे सव्वे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निदे देसे लकवे एत्थवि सोलस भंगा, सब्बे मउए सब्वे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लक्खे एत्थवि सोलस भंगा, एए चउसहिं भंगा, सब्बे कक्खड़े सव्ये निदे देसे गए देसे लहुए देसे निदे देसे लक्खे एत्थवि चउसद्धिं भंगा, सब्बे कक्खड़े सब्वे निदे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे जाब सच्चे मउए सब्वे लक्खे देसा गरुया देसा लहुया देसा सीया देसा उसिणा एए चउ सहिं भंगा, सब्बे गरुए सब्वे सीए देसे कक्खडे देसे मउए देसे निद देसे लक्खे एवं जाव सब्बे लहुए सब्बे उसिने देखा कक्खडा देसा निदा देसा मउया देसा लक्खा एए चउसडिं भंगा, सब्बे गरु सब्बे निदे देसे कक्खडे देसे मउए देसे सीए देसे उसिणे जाव सब्बे लहुए सब्बे लक्खे देसा कक्खडा देसा मउया देसा सीया ऐसा उसिणा एए चउसडि भंगा, सब्बे सीए सब्बे निदे देसे कक्खडे देखे मउए देखे गए देसे लहुए जाब सब्बे उसिणे सध्ये लक्खे देसा कक्खडा देसा मउया देखा गया देसा लहुया एए चउसद्धिं भंगा, सच्चे ते छफासे तिन्निचउरासीयं भंगसया भवंति, जइ सत्तफासे सध्ये कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निदे देसे लक्खे, सध्ये कक्सडे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसा निदा देसा लुकखाः ४ सव्ये कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्खा ० ४ सव्ये कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसा सीया देते उसिणे देसे निद्धे देसे लकवे० ४ सव्वेते सोलस भंगा भाणियव्वा सव्वे कक्खडे देसे गरुए देखा लहुया देसे सीए देसे उसिणे देसे निदे देसे लक्खेएवं गरुणं एगनेणं लहुएणं ३४१. श्री भगवत्यं सात- २० मुनि दीपरत्नसागर Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एतेऽबि सोलस भंगा, सच्चे कक्खडे देसा गरुया देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निदे देसे लुकखे एएऽवि सोलस भंगा भाणियव्वा, सब्वे कक्खडे देसा गरुया देसा लट्टया देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लक्खे एएऽवि सोलस भंगा माणियच्या, एवमेते चउसद्धिं भंगा कक्खडेणं समं, सधे मउए देखे गए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निदे देते लक्खे एवं मउएणवि समं चउसट्ठि भंगा भाणियव्वा, सवे गरुए देसे कक्खडे देसे मउए देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लक्खे एवं गणवि समं चउसद्धिं भंगा कायच्या, सब्बे लहुए देसे ककखडे देसे मउए देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लक्खे एवं लहुएणवि समं चउसद्धिं भंगा कायव्वा, सब्बे सीए देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए दे निये देसे लकखे एवं सीतेवि समं चउसहिं भंगा कायव्वा, सब्वे उसिणे देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देखे लहुए देखे निद्धे देसे लुकखे एवं उसिणेणवि समं चउसद्धिं भंगा कःयष्वा सब्वे निदे देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे एवं निदेवि चउसद्धिं भंगा कायव्वा, सच्चे लक्खे देसे ककुरुडे देसे मउए देखे गए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे एवं लक्खेणवि समं चउसट्ठि भंगा कायव्वा जाव सब्बे लक्खे देसा कक्खडा देसा मउया देसा ग० देसा ल० देसा सीया देसा उसिणा, एवं सत्तफाले पंचवारसुत्तरा भंगसया भवंति, जइ अटुफासे देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लक्खे ४ देसे कक्खडे देसे मउए देखे गरुए देसे लहुए देखे सीए ऐसा उसिना देसे निवे देसे लक्खे ४ देसे कक्खड़े देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लक्खे ४ देसे कक्खडे देसे मउए देखे गए देसे लहुए देसा सीया देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लक्खे ४ एए चत्तारि चउका सोलस भंगा, देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसा लहुया देसे सीए देसे उसिने देसे निदे देसे लक्खे एवं एते गरुएणं एगत्तएणं लहुएणं पोहत्तएणं सोलस भंगा काया, देसे कक्खडे देसे मउए देखा गरुया देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लक्खे ४ एएऽवि सोलस भंगा काया, देसे कक्खडे देसे मउए देसा गरुया देसा लहुया देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुकखे एतेऽवि सोलस भंगा कायव्वा, सब्वेऽवि ते चउसद्धिं भंगा कक्लडमउएहिं एगत्तएहिं ताहे कक्खडेणं एगत्तएर्ण मउएणं पुहत्तेणं एते चेव चउसद्धिं गंगा कायव्या, ताहे कक्सडेणं पुहत्तएणं मउएणं एगत्तएणं चउसद्धिं भंगा कायव्या, ताहे एतेहिं चेव दोहिवि पुहुतेहिं चसहिं गंगा कायच्या जाव देसा कक्खडा देसा मउया देसा गरुया देखा लहुया देसा सीया देसा उसिणा देसा निद्धा देसा लक्खा एसो अपच्छिमो भंगो. सब्वेते अगुफासे दो छप्पन्ना भंगसया भवंति एवं एते बादरपरिणए अनंतपएसिए खंधे सब्वेसु संजोएसु बारस छन्नउया मंगसया भवति । ६७० कइविहे भंते! परमाणू पं० १, गोयमा ! चउब्बिहे परमाणू पं० तं०-दुव्वपरमाणू खेत्तपरमाणू कालपरमाणू भावपरमाणू, दव्वपरमाणू णं भंते! कहविहे पं० १, गोयमा ! चउब्विहे पं० तं० अच्छेज्जे अभेजे अज्झे अगेज्झे, खेत्तपरमाणू णं भंते! कवि पं० १. गोयमा ! चउब्विहे पं० तं० अणजे अमज्झे अपदेसे अविभाइमे, कालपरमाणू० पुच्छा, गोयमा! चउव्विहे पं० तं० अवने अगंधे अरसे अफासे, भावपरमाणू णं भंते! कवि पं०१, गोयमा ! चउच्विहे पं० तं० वनमंते गंधमंते रसमंते फासमंते । सेवं भंते! २त्ति जाव विहरति । ६७१ ॥ श० २० उ०५ ॥ पुढविकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढबीए सकरप्पभाए पुढवीए य अंतरा समोहए तो जे भविए सोहम्मे कप्पे पुढवीकाइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते किं पुव्वि उववजित्ता पच्छा आहारेजा पुब्वि आहारिता पच्छा उबवजेजा ?, गोयमा ! पुच्चि वा उपवजित्ता एवं जहा सत्तरसमसए छट्ठद्देसे जाब से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वृच्चइ पुब्वि वा जाव उवयजेज्जा नवरं तहिं संपाउणेजा इमेहिं आहारो भन्नति सेमं तं चैव पुढवीकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए सकरप्पभाए य पुढवीए अंतरा समोहए ता जे भविए ईसाणे कप्पे पुढवीकाइयत्ताए उवबज्जित्तए? एवं चैव एवं जाव ईसीपम्भाराए उबवायचो, पुढवीकाइए णं भंते! सकरप्पभाए वालुयप्पभाए पुढवीए य अंतरा समोहते ता जे भविए सोहम्मे जाव ईसिपन्भाराए, एवं एतेण कमेणं जाव तमाए अहेसत्तमाए य पुढवीए अंतरा समोहए समाणे जे भविए सोहम्मे जाव ईसिप भाराए उनवाएयव्बो, पुढवीकाइए णं भंते! सोहम्मीसाणसणकुमारमाहिंदाण य कप्पाणं अंतरा समोहए ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से भंते! पुब्बि उववजित्ता पच्छा आहारेजा सेसं तं चैव जाव से तेणद्वेणं जांव णिखेवओ, पुढविकाइए णं भंते! सोहम्मीसाणाणं सणकुमारमाहिंदाण य कप्पाणं अंतरा समोहए ता जे भविए सक्करप्पभाए पुढवीए पुढवीकाइयत्ताए उववज्जित्तए एवं चेव जाब अहेसत्तमाए उक्वाएयब्बो, एवं सर्णकुमा रमाहिंदाण बंभलोगस्स य कप्पस्स अंतरा समोइए ता पुणरवि जाव आहेसत्तमाए उबवाएयब्बो, एवं बंमलोगस्स लंवगस्स य कप्पस्स अंतरा समोहए पुणरवि जाव आहेसत्तमाए, एवं लंतगस्स महामुकस्स कप्पस्स य अंतरा समोहए पुणरवि जाव आहेसत्तमाए, एवं महासुकसहस्सारस्स य कप्पस्स अंतरा पुणरवि जाव आहेसत्तमाए एवं सहस्वारस्य आणयपाणय कप्पाण य अंतरा पुणरवि जाव आहेसत्तमाए, एवं आणयपाणयाणं आरणअब्बुयाण य कप्पाणं अंतरा पुणरवि जाव आहेसत्तमाए, एवं आरणचयाणं गेवेज्जविमाणाण य अंतरा जाव ३४२ श्रीभगवत्संग सत-२० मुनि दीपरत्नसागर Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अहेसत्तमाए, एवं गेवेजविमाणाणं अणुत्तरविमाणाण य अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं अणुत्तरविमाणाणं ईसीपब्भाराए य० पुणरवि जाव अहेसत्तमाए उववाएयव्यो ।६७२। आउकाइए णं भंते ! इमीसे स्यणप्पभाए सकरप्पभाए य पुढवीए अंतरा समोहए त्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे आउकाइयत्नाए उववजित्तए सेसं जहा पुढवीकाइयस्स जाव से तेणटेणं एवं पढमदोचाणं अंतरा समोहए जाव ईसीपब्भाराए उववाएयब्वो एवं एएणं कमेणं जाव तमाए अहेसत्तमाए य पुढबीए अंतग समोहए ता जाव इसीफ्भाराए उववाएयव्यो आउक्काइयत्ताए, आउयाए णं भंते! सोहम्मीसाणाणं सणकुमारमाहिंदाण य कप्पाणं अंतरा समोहए त्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए घणोदधिरवलएसु आउकाइयत्नाए उववजित्तए सेसं तं चेव, एवं एएहिं चेव अंतरा समोहओ जाब अहेसत्तमाए पुढवीए घणोदधिरवलासु आउक्काइयत्ताए उववाएयव्यो एवं जाव अणुनरविमाणाणं इसिपच्भाराए पुढवीए अंतरा समोहए जाव अहेसनमाए घणोदधिरवलएसु उववाएयव्यो ।६७३। वाउकाइए णं भंते ! इनीसे रयणप्पभाए पृढवीए सकरप्पभाए य पुढवीए अंतरा समोहए ना जे भविए सोहम्मे कप्पे बाउकाइयत्ताए उववजिनए एवं जहा सत्तरसमसए बाउक्काइयउहेसए तहा इहवि नवरं अंतरेसु समोहणा नेयव्वा सेसं तं चेव जाव अणुत्तरविमाणाणं इसीपदभाराए य पुढवीए अंतरा समोहए ना जे भविए घणवायतणुवाए घणवायतणुवायवलए बाउकाइयत्ताए उववजित्तए सेसं तं चेव जाव से तेणटेणं जाव उबवजेजा। सेवं भंते २त्ति 1६७४॥ श०२० उ०६ (पा०६.७.८)। कइबिहे णं भंते ! बंधे पं०, गोयमा ! तिविहे पं० त०- जीवपयोगबंधे अणंतरबंधे परंपरबंधे, नेरइयाणं भंते ! कइबिहे बंधे पं०१, एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं, नाणावरणिज्जस्सणं भंते ! कम्मस्स कइविहे बंधे पं.?.गोयमा! तिविहे बंधे पं०२०-जीवपयोगबंधे अणंतरबंधे परंपरबंधे, ने कइविहे बंधे पं०?.एवं चेव, जाव वेमाणियाणं, एवं जाव अंतराइयस्स, णाणावरणिजोदयस्स णं भंते! कम्मस्स कइविहे बंधे पं०१. गोयमा ! तिविहे बंधे पं०.एवं चेव. एवं नेरइयाणवि, एवं जाव वेमाणियाणं, जाव अंतराइउदयस्स, इत्थीवेदस्स णं भंते ! कइविहे बंधे पं०?, गोयमा ! तिविहे बंधे पं० एवं चेव, असुरकुमारार्ण भंते! इत्थीवेदस्स कतिविहे बंधे पं०१, गोयमा! तिविहे बंधे पं० एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स इथिवेदो अत्थि, एवं पुरिसवेदस्सवि, एवं नपुंसगळ जाव वेमाणियाणं, नवरं जम्स जो अस्थि वेदो, दसणमोहणिज्जस्स ण मंते ! कम्मस्स कइविहे बंधे. एवं चेव निरंतरं जाव वेमा०. एवं चरित्नमोहणिजस्सवि जाव वेमाणियाणं, एवं एएणं कमेणं ओरालियसरीरस्स जाव कम्मगसरीरस्स आहारसन्नाए जाव परिम्गहकण्हलेसाए जाव सुक्कलेसाए सम्मदिट्टीए मिच्छादिट्ठीए सम्मामिच्छादिट्टीए आभिणिबोहियणाणस्स जाव केवलनाणस्स मइअन्नाणस्स सुयअन्नाणम्स विभंगनाणस्स एवं आभिणिचोहियणाणविसयस भंते! कइविहे बंधे पं०१. जाव केवलनाणविसयम्सवि, मइअन्नाणविसयस्स सुयअन्नाणपियसस्स विभंगणाणविसयस्स, एएसि मवेसि पदार्ण तिविहे बंधे पं०, सब्वेऽवेते चउब्बीसं दंडगा भा० नवरं जाणियच्वं जस्स जं अस्थि जाव वेमाणियाणं भंते ! विभंगणाणविसयस्स कइविहे बंधे पं०१, गोयमा ! तिविहे बंधे पं० तं०-जीवप्पयोगधंधे अणंतरबंधे परंपरबंधे। सेवं भंते!२ जाव विहरति । ६७५॥श०२० उ०७॥ कई णं भंते ! कम्मभूमीओ पं०१, गोयमा ! पन्नरस कम्मभूमीओ पं०तं-पंच भरहाई पंच एरवयाई पंच महाविदेहाई, कति णं भंते! अकम्मभूमीओ पं०१, गोयमा! तीसं अकम्मभूमीओ पं०२०-पंच हेमवयाई पंच हेरनवयाई पंच हरिवासाई पंच रम्मगवासाई पंच देवकरूओ पंच उत्तरकरूओ, एयामु ण भंते ! तीसासु अकम्मभूमीसु अस्थि उस्सप्पिणीति वा ओसप्पिणीति वा?णो निणद्वे समझे,एएसणं भंते! पंचसु भरहेसु पंचस एरवाए अस्थि उस्मप्पिणीति वा ओसप्पिणीति वा ?,हंता अस्थि, एएसुणं भंते ! पंचसु महाविदहेसु० णेवत्थि उस्सप्पिणी नेवस्थि ओसप्पिणी, अवट्ठिए णं तत्थ काले पं० समणाउसो!।६७६। एएसुणं भंते ! पंचसु महाविदेहेसु अरिहंता भगवंतो पंचमहव्वइयं सपडिक्कमणं धस्मं पन्नवयंनि?, णो तिणट्टे समडे, एएसु णं पंचसु भरहेसु पंचसु एवएमु पुरच्छिमपञ्चच्छिमगा दुवे अरिहंता भगवंतो पंचमहब्बइयं सपडिकमणं धम्म पन्नवयंति अबसेसा णं अरिहंता भगवंतो चाउजामं धम्म पन्नवयंति, एएसुणं पंचसु महाविदेहेसु अरहंता भगवंतो चाउज्जामं धम्म पनवयंति, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए कति तित्थगरा पं०१, गोयमा ! चउवीसं तित्थगरा पं० तं-उसभअजियसंभवअभिनंदणसुमतिसुप्पभसुपासससिपुष्पदंतसीयलसेजंसवासुपुजविमलअणंतइधम्मसंतिकुंथुअरमतिमुणिसुब्बयनमिनेमिपासवद्धमाणा । ६७७। एएसिं णं भंते! चउवीसाए तित्थगराणं कति जिणंतरा पं०१, गोयमा ! तेवीसं जिणंतरा पं०, एएसु णं भंते ! तेवीसाए जिणंतरेसु कस्स कहिं कालियसुयस्स चोच्छेदे पं०?, गोयमा ! एएसु णं तेवीसाए जिणंतरेसु पुरिमपच्छिमएस असु२ जिणंतरेसु एत्य णं कालियसुयस्स अवोच्छेदे पं०, मज्झिमएसु सत्तसु जिणंतरेसु एत्थ णं कालियसुयस्स बोच्छेदे पं०. सव्वत्थवि णं वोच्छिन्ने दिद्विवाए। ६७८। जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणुपियाणं केवतियं कालं पुव्वगए अणुसजिस्सति ?, गोयमा ! जंचुहीवे णं दीये भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए ममं एगं वाससहस्सं पुब्बगए ३४३ श्रीभगवत्यंग-सात-२० मुनि दीपरत्नसागर Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ BESOMCHACHEMEPTEMBP6428784RAPAASAROVINCRMA8P8587858784OPRAGPOMRP48P8N8HSARIRAMPA अणुसजिस्सति, जहा णं भंते ! जंचुदीवे दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणुप्पियाणं एगं वाससहस्सं पुवगए अणुसजिस्सह तहा णं भंते ! जंबुद्दीचे दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए अवसेसाणं नित्थयराणं केवतियं कालं पुब्बगए अणुसज्जित्था ?. गोयमा ! अत्थेगतियाणं संखेज कालं अत्थेगइयाणं असंखेज कालं । ६७९। जंबडीवे णं भंते ! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणुप्पियाणं केवनियं कालं तित्थे अणुमजिस्सति?, गोयमा ! जंहीवे दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए ममं एगवीस बाससहस्साई तित्थे अणुमजि. स्सति।६८०। जहा णं भंते! जंबुद्दीव दीव भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणुप्पियाणं एकवीसं वाससहस्साई तित्थं अणुसजिम्सनि नहा णं भंते! जंबुद्दीये दीये भारहे वासे आगमेस्साए चरिमनित्थगरस्स केवतियं कालं तित्थं अणुसजिस्मति ?, गोयमा! जावतिए णं उसभस्स अरहओ कोसलियस जिणपग्यिाए नावइयाई संखेजाई आगमेस्साए चरिमतित्थगरस्स निन्थे अणुसजिस्सति । ६८१ । तित्वं भंते ! तित्थं ? तित्वगरे तित्थं ?, गोयमा ! अरहा ताव नियमं तित्थकरे तित्थं पुण चाउवनाइनो (वष्णो) समणसंघो.नं-समणा समणीओ सावया साबियाओ।६८२। पवयणं भंते ! पवयणं? पावयणी पचयणं?. गोयमा! अरहा ताच नियम पावयणी पवयणं पण बालसंगे गणिपिड़गे तं०-आयारो जाय दिदि बाओ, जे इमे भंते ! उग्गा भोगा राइन्ना इक्खागा नाया कोरब्बा एएणं अस्सि धम्मे ओगाहति त्ता अट्टविहं कम्मग्यमलं पवाति त्ता तओ पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेंति ?.हंता गोयमा ! जे इमे उग्गा भोगानं चेव जाव अंतं करेंति, अत्थेगइया अन्नयरेसु देवलोएसु देवताए उबवत्तारो भवंति. कइचिहाणं भंते ! देवलोया पं०१. गोयमा ! चउचिहा देवकोया पं० तं-भवणवासी वाणमंतरा जोतिसिया बेमाणिया। सेवं भंते रत्ति।६८३॥श०२० उ०८॥ कइविहा णं भने! चारणा पं०१. गोयमा ! दुविहा चारणा पंतं-विजाचारणा य जंघाचारणा य, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ विजाचारणा २१, गोयमा! तस्स णं छटुंछट्टणं अनिखित्तेणं तवोकम्मेणं बिजाए उत्तरगुणलद्धिं रममाणस्स बिजाचारणलही नामं मन्दी सम्. प्पजइ, से तेणडेणं जाव विजाचारणे २. विजाचारणस्म णं भंते ! कहं सीहा गती कहं सीहे गतिविसए पं०?. गोयमा ! अयन्नं जंबुद्दीचे दीचे जाव किंचिबिसेसाहिए परिक्खेवेणं देवे णं महड्डीए जाव महेसक्खे जाव इणामेवत्तिकदु केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीपं निहिं अच्छरानिवाएहि तिक्खुत्तो अणुपरियट्टिनाणं डब्वमागच्छेजा. विजाचारणस्स णं तहा सीहा गती तहा सीहे गतिविसए पं०, विजाचारणस्स णं भंते! तिरियं केवतिए गतिविसए पं०१, गोयमा ! से णं इओ एगेणं उप्पाएणं माणुसुनरे पच्वए समोसरणं करेति ना नहिं चेहयाई वंदति त्ता वितिएणं उप्पाएणं नंदीमरवरे दीवे समोसरणं करेति त्ता तहिं चइयाई वंदनि ता तओ पडिनियत्नति ता इहमागच्छद ना इहं चेइयाई वंदति, विजाचारणस्स णं गोयमा! पं०, विजाचारणस्स णं भंते ! उइदं केवतिए गतिविसए पं०१. गोयमा! से णं इओ एगेणं उम्पाएणं नंदणवणे समोसरणं करेइ सातहिं चेइयाई वंदति ना 19 वितिएणं उप्पाएणं पंडगवणे समोसरणं करेइ ता तर्हि चेइयाई बंदतित्ना तओ पडिनियनतिना इहमागच्छइना इह चेइयाई बंदति. विजाचारणस्सणं गोयमा! उडढं एवतिए गतिविसए पं०, से णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालं करति नत्थि तस्स आराहणा, से णं नम्स ठाणस्य आलोइयपडिकंते कालं करति अस्थि नस्स आराहणा।६८४ा से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जंघाचारणे २१, गोयमा ! तस्स णं अट्ठमंअट्टमेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावमाणस्स जंघाचारणलद्धी नाम लदी समुप्पजति. से तेणटेणं जाव जंघाचारणे २, जंघाचारणस्म णं भंते ! कहं सीहा गती कहं सीहे गतिविसए पं०?, गोयमा ! अयन्नं जंबुद्दीवे दीवे एवं जहेव विज्जाचारणस्स नवरं तिसनसुनो अणुपरियहिनाणं हव्वमागमछेजा जंघाचारणस्स णं गोयमा ! तहा सीहा गती तहा सीहे गतिविमए पं०, सेसं नं चेब, जंघाचारणस्स णं भंते! तिरियं केवतिए गतिविसए पं० १. गोयमा ! से णं इओ एगेणं याई बंदइ त्ता तओ पडिनियत्तमाणे बितिएणं नंदीसरवरदीवे समोसरणं करेति त्ता तहिं चेइयाई वंदना इहमागच्छड ना 8 इहं चेइयाई बंदइ, जंघाचारणस्स गोयमा! तिरियं एवतिए गइविसएँ पं०, जंघाचारणस्स णं भंते ! उड्ढे केवतिए गतिविसए पं०१. गोयमा ! से णं इओ एगेणं उप्पाएणं पंडगवणे समोसरणं करेति त्ता तहिं चेइयाई वंदति ना ततो पडिनियत्तमाणे चितिएणं उप्पाएणं नंदणवणे समोसरणं करति ता तहि चेइयाई वंदति ता इह आगच्छद ना इह चेइयाई वंदति, जंघाचारणस्म णं गोयमा ! उइद एवतिए गतिविसए पं०, से णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकते कालं करेइ नस्थि तस्स आराहणा से णं तम्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कने कालं करेति अस्थि तस्म आराहणा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाब विहरइ।६८५॥श०२०3०९॥ जीवा णं भंते ! किं सोवक्रमाउया निरुवकमाउया ?.गोयमाः जीवा सोचकमाउयावि निरुव. कमाउया निरुवकमाउया, एवं जाय थणिय०. पृढविकाइया जहा जीवा, एवं जाव मणुस्सा. वाणमंतरजोइसियवेमाणिय जहा नेरइया । ६८६ । नेरइया णं भंते ! कि आओवक्कमेणं उववजंति परोवक्कमेणं उबव० निरुवकमेणं उचवज्जति ?. गोयमा ! आओवकमेणवि उवव परोक्कमेणवि उववजंति निरुव. कमेणवि उवबजंति एवं जाव वेमाणिया, नेरइया णं भंते ! किं आओवक्रमेणं उव्वदंति परोवक्कमेणं उव्वदति निरुवक्कमेण?. गोयमा ! नो आओवक्कमेणं उव्वट्ठति नो परो-(८६) ३४४ श्रीभगवत्यंग सी-२० मुनि दीपरनसागर EPICS-SSPANS785878SPNASNCEBPS28482SORNSPROSPRASHANACHEMISPEARPALAPHASH Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ RIPTAASPRILMEPRSADNEARCHEMEPTEMBERSHEMSHISEMISPHASIPOETRPRASPENISPEVIPRARTPRARPAHI वक्कमेणं उव्व० निरुवक्कमेणं उय्य०, एवं जाब थणियकुमारा, पुढवीकाइया जाच मणुस्सा तिसु उब्वदृति, सेसा जहा नेरइया नवरं जोइसियवेमाणिया चयंति, नेरड्या णं भंते ! किं आइइडीए उववजति परिदीए उववज्जति ?, गोयमा ! आइवीए उक्वजंति नो परिइडीए उववजंति, एवं जाव वेमाणिया, नेरइया गं भंते ! किं आइइडीए उबट्ट परिइडीए उच्चदृइ ?, गोयमा ! आइइडीए उ० नो परिड्डीए उ०, एवं जाव वेमाणिया. नवरं जोइसियवेमाणिया चयंतीति अभिल्लाबो, नेर० भने ! किं आयकम्मुणा उवव परकम्मणा उक्व०१, गोयमा! आयकम्मुणा उवव० नो परकम्मृणा उवव एवं जाव वेमाणिया. एवं उव्वगुणादंडओऽवि, नेरइया णं भंते ! किं आयप्पओगेणं ति?.गोयमा: आयपओगण उवनो परप्पयागणं उजाववमाणिया.एवं उचट्टणादंडओऽवि।६८ नेरइया णं भंते! किं कतिसंचिया अकतिसंचिया अवत्तब्वगसंचिया..गोयमानेरइया कतिसंचियावि अकतिसंचियावि अवत्तव्यगसंचियावि, से केण जाप अपनव्वगमंचियावि?, गोयमा ! जे ण नेरइया संखेजएणं पवेसणएणं पविसंति ते ण नेरइया कतिसंचिया जेणं नेहया असंखेजएणं पवेसणएणं पविसंनि ने णं नेण्या अकतिसंचिया, जे णं नेहया एकएणं पवेसणएणं परिसंति नेणं नेरइया अवनव्वगमंचिया, से तेणट्टेणं गोयमा ! जाव अवत्तव्वगसंचियावि. एवं जाय धणिय०. पुढविकाइयाणं पुच्छा. गोयमा ! पुढचीकाइया नो कइमचिया अकइसंचिया नो अवत्तव्यगसं०. से केणट्टेणं भंते! एवं वुबइ जाव नो अवत्तव्वगसंचिया ?, गोयमा ! पुढवीकाइया असंखेजएणं पवेसणएणं पावसंति से तेणट्टेणं जाप नो अवनवगसंचिया. जाव वण...दिया जाच वेमाणिया जहा नेरड्या, सिद्धाणं पुच्छा, गोयमा ! सिदा कतिसंचिया नो अकतिसंचिया अवत्तव्वगसंचियावि. से कणडे जाव अवत्तब्बगसंचियावि?. गोयमा! जे णं सिदा संखेजएणं पवेसणएणं पविसंनि नेणं सिद्धा कतिसंचिया जे ण सिद्धा एकएणं पवेसणएणं परिसंति ते ण सिद्धा अवत्तव्यगसंचिया, से तेणटेणं जाच अवतव्वगसंचियाबि. एएसि णं भंते ! नेरइ कतिसंचियाणं अकतिसंचियाणं अवत्तवगसंचियाण य कयरे जाव विसेमाहिया वा ?. गोयमा ! सब्बत्थोवा नेरइया अवत्तव्यंगसंचिया कतिसंचिया संखेजगुणा अकतिसंचिया असं०, एवं एगिदियवजाणं जाव वेमाणियाणं अप्पाचहुर्ग. एगिदियाणं नस्थि अपारदुर्ग, एएमि गं भंते ! सिद्धाणं कतिसंचियाणं अबत्तबगसंचियाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा?. गोयमा ! सव्वत्थोवा सिदा कतिसंचिया अवनव्वगसंचिया संखेजगुणा. नेरइया णं भंते ! कि उकसमजिया नोटकसमजिया छक्केण य नोटकेण य समज्जिया छकहि य समजिया छक्केहि य नोटकेण य समजिया?, गोयमा ! नेहया उकसमजियापि नोटकसमजियावि छक्केण य नोछक्केण य समजियाबि छक्केहि य समज्जियावि छकेहि य नोटकेण य समजियावि. से केणतुणं भंते! एवं बुचड़ नेरइया छक्कसमजियावि जाव छक्केहि य नोछक्केण य समजियावि?, गोयमा! जे णं नेरइया छक्कएणं पवेसणएणं पविसति ते णं नेरइया छकसमजिया, जे णं नेरइया जहन्नेणं एकेण या दोहिं वा तीहिं वा उकासेणं पंचएणं पवेसणएणं पविमंति ते ण नेरड्या नोटकसमजिया, जे ण नेरइया एगेणं उकएणं अनेण य जहनेणं एकेण वा दोहिं वा तीहिं वा उक्कोसेणं पंचएणं पवेसणएणं पविसंति ने ण नेरइया छोण य नोटकेण य समजिया, जेणं नग्इया गहि छक्कहि पवेसणएणं पविसंति ते ण नेरइया उकेहि समजिया, जे णं नेहया णेगेहिं ठक्केहि अण्णेण य जहन्नेणं एकेण या दोहिं या तीहि वा उक्कोसेणं पंचएणं पवेसणएणं पविसंति ते ण नेरइया छकेहि य नोटकेण य ममजिया, म नणदृणं तं चेव जाव समजियावि, एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइयाणं पुच्छा. गोयमा ! पुढवीकाइया नो छलसमजिया नो नोटकसमजिया नो छक्केण य नोटक्केण य समजिया छपकहि समजियावि उक्केहि य नोटक्केण य सम• जियावि, से केणटेणं जाव समजियावि'. गोयमा! जे णं पुढवीकाया णेगेहि छक्कएहिं पवेसणगं पविसंति ते णं पुढवीकाइया उक्केहिं समजिया जे णं पुढवीकाइया णेगेहिं उक्कएहि य अमेण य जहनेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहिंवा उक्कोसेणं पंचएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं पुढवीकाइया छक्केहि य नोछक्केण य समजिया, से तेणट्टेणं जाव समजियावि, एवं जाव वणस्सइकाइया. दिया जाच पेमाणिया सिद्धा जहा नेरइया, एएसिणं भंते! नेरइयाणं छक्कसमज्जियाणं नोछक्कसमजियाणं उकेण य नोटकेण य समजियाणं उकेहि य समजियाणं उकेहि य नोडक्केण य समजियाणं कयरे जाव विमसाहिया वा?. गोयमा ! सम्पत्यांचा नेरइया छक्कसमजिया नोडक्क. समजिया संखेजगुणा उक्केण य नोटक्केण य समजिया संखेजगुणा छक्केहि य समजिया असंखेजगृणा छक्कहि य नांछक्केण य समजिया संखेजगुणा, एवं जाव थणियकुमारा, एएसिणं भंते ! पुढपीकाइयाणं छक्केहिं समजियाणं छक्केहि य नोटकेण य समजियाण कयरे जाव विसेसाहिया वा?. गोयमा ! सबथोवा पुढाकाइया छक्केहिं समजिया उक्केहि य नोछक्केण य समजिया संखेजगुणा, एवं जाव पणस्सइकाइयाणं, बेइंदियाणं जाव बेमाणियाणं जहा नेरइयाणं, एएसि णं भंते! सिद्धार्ण छक्कसमजियाणं नोटकसमजियाणं जाय उकेहि य नोटकेण य समजियाण य कयरे जाव बिसेसाहिया वा?. गोयमा ! सच्चन्थोवा सिदा उकेहि य नोटकेण य समजिया छकेहिं ममजिया संग्वेजगुणा ठक्केण य नोउकेण य समजिया संखेजगुणा ठकसमजिया संखेजगुणा नोटकसमजिया संखेजगुणा. नेरइया णं मंते : किं बारससमजिया नोचारससमजिया पारसएण य नोचारसएण य समजिया पारसएहिं समलिया पारसएहि नोचारसएण य समजिया ?. गोयमाः नेरतिया वारससमजियावि जाव बारसएहि यनाचारसएण य समजियाचि. से कणटुर्ण जाव समजियावि.. गोयमा! जे णं नेरइया चारसरणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेइया पारससमजिया जे ण नेरइया जहन्नेणं एक्केण पा दोदिया तीहिं या उकोसेणं एक्कारसएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरदया नोचारससमजिया जे णं नेरइया चारखएणं अनेण य जदनेणं एक्केण वा दोडिं वा तीहि वा उक्कोसेणं एकारसरणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरदया पारसएण य नोचारमएण य समजिया जे णं नैरइया णेगेहिं बारसएहिं पवेमणगं पविसंति ने णं नेतिया वारसएहिं समजिया जे गं नेइया णेगेहिं चारसएडि अमेण य जहनेणं एकेण वा दोहि वा तीहिं वा उकोसेणं एकारसएणं पवेसणएणं पविसंति ते ण नेरइया चारसएहि य नोचारसएण य समजिया से तेणतुणं जाव समजियावि.एवं जाव थणियकुमारा. पुढवीकाइयाणं पुच्छा, गोयमा! पुढवीकाइया नो बारससमजिया नो नोचारससमज्जिया नो चारसएण नोचारसरण य समजिया बारसएहिं समजिया चारसेहि यनोबारसेण यसमजियावि. मे केणट्टेणं जाव समजियापि?, गोयमा! जेणं पुढवीकाइया णेगेहिं बारसएहिं ३४५ मीभगवत्यंग-सतं.२० मुनि दीपरनसागर Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पवेसणगं पविसंति ते णं पुढवीकाइया बारसएहिं समज्जिया जे णं पुढवीकाइया गेहिं बारसएहिं अत्रेण य जहनेणं एकेण वा दोहिं वा तीहिं वा उक्कोसेणं एक्कारसरणं पवेसणएणं पविसंति ते णं पुढवीकाइया बारसएहिं नोबार सण व समजिया से तेणट्टेणं जाव समज्जियावि. एवं जाव वणस्सइकाइया, बेइंदिया जाव सिद्धा जहा नेग्डया, एएसिं णं भंते! नेरनियाणं बारससमज्जियाणं सव्येसि अप्पाबहुगं जहा छक्कसमज्जियाणं नवरं बारसाभिलावो सेसं तं चैव, नेरतिया णं भंते! किं चुलसीतिसमज्जिया नोचुलसीतिसमज्जिया चुलसीतीते य नोचुलसीतीते य समज्जिया चुलसीतीहि समज्जिया चुलसीतीहिं नोचुलसीतीए य समज्जिया ? गोयमा ! नेरतिया चुलसीतीए समज्जियावि जाव चुलसीतीहि नोचुलसीतीए य समज्जियावि, से केणद्वेणं जाव समज्जियावि ? गोयमा ! जे गं नेरइया चुलसीतीएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया चुलसीतिसमज्जिया जेणं नेरड्या जहण एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा उक्कोसेणं तेसीतिपवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया नोचुलसीतिसमज्जिया जे गं नेरइया चुलखीतीएणं अत्रेण य जत्रेण एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा जाव उक्कोसेणं तेसीतिएण पर्वेक्षणएणं पविसंति ते णं नेरतिया चुलसीतीए नोचुलसीतिए य समज्जिया जे गं नेरइया णेगेहिं चुलसीतीहिं पवेसणगं पविसंति ते णं नेरतिया चुलसीवीहिं समज्जिया जे गं नेरइया गेहिं चुलसीतिएहिं अनेण य जहत्रेणं एक्केण वा उक्को सेणं ते सीइएणं जाब पवेक्षणएणं पविसंति ते णं नेरतिया चुलसीतीहिं नोचुलसीतीए य समज्जिया से तेणद्वेणं जाव समज्जियावि, एवं जाव धणियकुमारा. पृढविक्काइया तब पच्छिएहिं दोहिं नवरं अभिलाबो चुलसीतीओ भंगो. एवं जाब वणस्सइकाइया. बेंदिया जाब वेमाणिया जहा नेरतिया, सिद्धाणं पृच्छा, गोयमा ! सिद्धा चूलसीतिसमज्जियावि नोचुलसीतिसमजियावि चुलसीते य नोचूलसीतीए समजियावि नो चुलसी तीहिं समज्जिया नो चुलसीनीहि नोचल सीतीए य समजिया. से केणट्टेणं जाव समज्जिया ?, गोयमा ! जे णं सिद्धा चुलसीतीएणं पवेसणएणं पविसंति ने णं सिद्धा चुलसीतिसमजिया जेणं सिद्धा जत्रेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा उक्को सेणं तमीनीएणं पवेसणणं पविसन्ति ते णं सिद्धा नोचुलसीतिसमज्जिया जे णं सिद्धा चुलसीयएणं अत्रेण य जहः एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा उक्कोसेणं तसीतिपुर्ण पवेसणएणं पविसंति ते णं सिद्धा चुलसीतीए य नोचुलसीतीए य समजिया मे तेणट्टेणं जाब समज्जिया. एएसिं णं भंते! नेरतियाणं चुलसीतिसमजियाणं नोचुलसी० सब्वेसिं अप्पा बहुगं जहा छकसमज्जियाणं जाव वैमाणियाणं नवरं अभिलावाँ चुलसीतिओ. एएसि णं भंत सिद्धाणं चुलसीतिसमज्जियाणं नोचुलसीतिसमजियाणं चुलसीतीए य नोचुलसीतीए य समज्जियाणं कयरे जाव विसेसा० १, गोयमा ! सब्बन्धोवा सिद्धा चुलसीतीए य नांचुलसीतीए य समजिया चलसीतिसमजिया अनंतगुणा नोचलसतिसमजिया अणनगुणा । सेव भंते! रत्ति जाव विहरह। ६८८ ॥ उ०१० इति विंशतितमं शतक [55] 'सालि १ कलाय २ इयसि ३ से ४ इक्खू ५ दब्भे ६ य अच्भ ७ तुलसी ८ य अडेए दस बग्गा असीति ८० पुण होंति उद्देसा ॥ ८७ ॥ रायगिहे जाव एवं बयासी अह भंते! मालीवीही गोधूमजवजवाणं एएसि णं भंते! जीवा मृलत्ताए वक्कमति तं णं भंते! जीवा कओहिंतो उव० किं नरइएहिंतो उब तिरिः मणुः देवः जहा बकतीए तहेब उबवाओ नवरं देववज्यं ते भंते! जीवा एगसमएणं केवनिया उववजंति ?, गोयमा ! जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उकासेणं संखेजा वा असंखेजा वा उववज्रंति, अवहारो जहा उप्पलुइसे, तेसि णं भंते! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा पं० १. गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्म असंखेज्जइभागो उक्कोसेणं धणुहपुडुनं, ते गं भंत जीवा ! नाणावरणिजम्स कम्मम्स किं बंधगा अबंधगा ? जहा उप्पल्लुदेसे. एवं वेदेऽवि उदएऽवि उदीरणाएऽवि. ते णं भंत जीवा किं कण्हलेस्सा नीलः काउछब्बीसं भंगा, दिट्टी जाव इंदिया जहा उप्पलद्देसे, ते णं भंते! सालीबीहीगोधूमजवजवगमूलगजीवे कालओ केवचिरं होति ?. गोयमा जह० अंतोम० उक्कोसेणं असंखेज काल से णं भंते! साल बीहीगोधूम जवजवगमूलगजीवे पुढवीजीवे पुणरवि मालीबीहीजावजवजवगमूलगजीवे कंवतियं कालं सेवेज्जा केवतियं कालं गतिरागतिं करिज्जा ?. एवं जहा उप्पलुदेसे. एएणं अभिलावेगं जाव मणस्सजीचे. आहारो जहा उप्पलदेसे. ठिती जह० अंतोमः उक्कोसेणं वासपुहुत्तं समुग्धाय समोहया उब्वट्टणा य जहा उप्पलसे. अह भंते! सव्वपाणा जाव सव्वमत्ता मालीवीडी जावजवजवगमूलआजीवत्ताए उववन्नपृव्वा ? हंता गोयमा! असति अदुवा अनंतखुनो। सेवं भंत शक्ति । ६८९ ॥ श० २१ वर्ग १ उ०१ । अह भंते! सालीचीही जाबजवजवाणं एएमिं णं जे जीवा कंदत्ताए वकमंति ते णं भंते! जीवा कहिंतो उवनंति एवं कंदाहिकारेण सो चे मूलसो अपरिसेसो भाणियो जाव असतिं अदुवा अनंतसुतो । सवं भंते!रन्ति । उ०२ । एवं वंधेऽवि उसओ नेयच्वो । उ०३ एवं नयाएऽचि उद्देसो भाणियच्या । ३०४। मालेऽवि उद्देमां भाणियच्च । उ०५ पवालेऽयि उद्देसो भाणियच्वा । उ०६। पत्तेऽवि उसी भाणियब्बो. एए सत्तवि उहेसगा अपरिमेमं जहा मूले तहा नेयव्वा । उ०७। एवं पुष्फेऽवि उसओ, नवरं देवा उववज्र्ज्जति जहा उप्पलदेमे, चत्तारि लेस्साओ असीती भंगा. जगाहणा जह० अंगुलस्स असंखेज्जइभागो उक्कोसेणं अंगुलपुहुत्तं, सेसं तं चैव । सेव भंते! २। उ० ८ । जहा पुष्फे एवं फलेऽवि उद्देसओ अपरिसेसा भागियो । उ० ९। एवं बीएऽवि उद्देसओ । उ० १०। एए दस उद्देगा । ६९० ॥ श० २१ वर्ग १ ॥ अह भंते कलायमसूरतिलम् ग्रामासनिष्फावकुलत्थ आलिसंदगसट्टि(दि)णपलिमंश्रगाणं एएसि णं जे जीवा मूलनाए वक्कमति ने णं भंते! जीवा कआहिंतो उबव० ?, एवं मूलादीया दम उद्देसगा भाणियव्वा जहेव सालीणं निरवसेसं तं चैव ॥ श०२१ व २ ।। अह भंते! अयसिकुसुंभकोद्रवकंगुरालगतुवरी को दूसासणसरिसवमूलगबीयाणं एएसिं णं जे जीवा मूलत्ताए वकमंति न णं भंते! जीवा कओहिंतो उववज्जंति ? एवं एन्थवि मूलादीया दस उद्देसगा जब सालीणं निरवसेस तहेव भाणियव्वं । श०२१ व०३। अह भंते! वंसवेणुकणककक्कावंमवारुवंमदंडाकूडाविमाचंडावण्याकराणीणं एएम णं जे जीवा मूळनाए वक्कर्मनि एवं एत्थवि मूलादीया दस उद्देसगा जहेव सालीण, नवरं देवो सम्वत्थवि न उपवज्जति तिनि लेसाओ. सब्बत्यवि छब्बीसं भंगा, सेसं तं चैव ॥ श० २१ व० ४ ॥ अह भंते! उक्खुक्खुवाडियावरणाइ+कडभमाससुंठिसत्तवेनतिमिरसतपोरगनलाणं एएसिं णं जे जीवा मूलताए वक्कमति एवं जहेव सवग्गो तहेव एत्थवि मूलादीया इस उद्देगा, नवरं खंधुदेसे देवा उववनंति चत्तारि लेसाओ, सेसं तं चैव ॥ श० २१ ० ५ ॥ अह भंते! सेडियभंडियदव्भकोतियदम्भकुसदब्भगयोइदलअंजुल आसाढ गरोद्दियंसमुतवखीर भुसएरिंडकुरुम कुंदकरवरसुंठविभंगुमडुवयणथुरगसिप्पियसुं३४६ श्रीभगवत्यं सर्व-२१ मुनि दीपरत्नसागर Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कलितणाणं एएसिं णं जे जीवा मूलत्ताए वकमंति एवं एत्यवि दस उद्देसगा निरवसेसं जद्देव वंसस्स ॥ श० २१ ० ६ ॥ अह भंते! अम्भरुहवोयाणहरितगतंदुलेजगतणवत्थुलबोरगमज्जारयाईचिडियालकदगपिप्पलियदब्बिसोत्यिकसायमंडुक्किमूलगसरिसवअंबिलसागजीवंतगाणं एएसिं णं जे जीवा मूल० एवं एत्यवि दस उद्देसगा जहेब बंसस्स ॥ श ० २१ व० ७ ॥ अह भंते! तुलसीकण्डदलफणेजाअज्जाच्यणाचोराजीरादमणामरुयाइंदीवरसयपुप्फाणं एएसिं गं जे जीवा मूलत्ताए वकमंति० एत्थवि दस उद्देसगा निरवसेसं जहा वंसाणं ॥ श० २१ १० ८ ॥ एवं एएसु अट्टसु वम्मोसु असीतिं उद्देसगा भवति । ६९१ ॥ उ० १० वर्गाः ८ (उ० ८०) इति एकविंशतितमं शतकं ॥ 5] तालेगट्टिय बहुबीयगा य गुच्छा य गुम्म बली य छदस वग्गा एए सद्धिं पुण होंति उद्देसा ॥ ८८ ॥ रायगिहे जात्र एवं वयासी अह मंते! तालतमालतक्कलितेतलिसालसरलासारगल जावकेयतिकंदलीचम्मरुक्खगुंतरुक्खहिंगुरुक्खलवंगरुक्खपूयफलखज्जूरिनालएरीणं एएसिं णं जे जीवा मूलत्ताए वकमंति ते णं भंते! जीवा कओहिंतो उक्कजंति ?, एवं एत्यवि मूलादीया दस उद्देसगा कायव्या जहेब सालीणं, नवरं इमं नाणत्तं मूले कंदे खंधे नया सालेय एएस पंचसु उद्देसगेसु देवो न उववज्जति, तिन्नि लेखाओ, ठिती जहन्नेणं अंतोमः उक्कोसेणं दस बाससहस्साई, उबरिलेस पंचसु उद्देसएस देवो उववज्जति, चत्तारि लेसाओ, ठिती जहन्नेणं अंतोमु उक्कोसेणं वासपुहुत्तं, ओगाहणा मूले कंदे धणुहपुत्तं खंधे तयाय सालेय गाउयपुहुत्तं पवाले पत्ते धणुहपुहुत्तं पुष्फे हत्यपुहत्तं, फले बीए य अंगुलपुहुत्तं सव्वेसिं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागो, सेसं जहा सालीणं, एवं एए दस उद्देसगा ॥ वः १ ॥ अह भंते! निबंवजंबुकोसंवतालअंको पीसेसइइमोयइमालयन उलपलासकरंजपुत्तंजीवगरिदुबहे डगहरितगभलाय उंबरियत्रीरणिधायईपियालपूइयणिवायगसेव्हयपासियसीसवअयसिपुन्नागनागरुक्खसीवन्नअसोगाणं एएम णं जे जीवा मूलत्ताए वकमंति० एवं मूलादीया दस उद्देसमा कायव्वा निरवसेसं जड़ा तालबग्गो ॥ वः २ ॥ अह भंते! अत्थियतिदुयबोरकविअंबाडगमाउलिंगबिड आमलगफणसदाडिमआसत्य उंबरवडणग्गोहनंदिक्खपिप्पलिसतरपिलकुकुरुवकाउंवरियकुच्छंभरियदेवदालितिलगलउयछत्तोह सिरीससत्तवन्नदहियन्नलोधव चंदणअज्जुणणीवकुडुगकलंबाणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वकमंति ते णं भंते! एवं एत्थवि मूलादीया दस उद्देसगा तालबग्गसरिसा नेयव्वा जाव बीयं ॥ १०३ ॥ अह भंते! वाइंगणि अहडपो (प्र० बो) डइ एवं जहा पन्नवणाए गाहाणुसारेणं णेयव्वं जाव गंजपाडलावासिअंकोडाणं एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वकमंति० एवं एत्थवि मूलादीया दस उद्देसगा जाव बीयंति निरवसेसं जहा वसवग्गो ॥ १०४॥ अह भंते! सिरियकाणवनालियकोरंटगबंधुजीवगमणोज्जा जहा पन्नवणाए पढमपदे गाहाणुसारेणं जाव नलणीयकुंदमहाजाईणं एएसिं णं जे जीवा मूलत्ताए वकमंति० एवं एत्थवि मूलादीया दस उद्देसगा निरवसेसं जहा सालीणं ॥ ३०५ ॥ अह भंते! पूसफलिकालिंगीतुंगीत उसीएलावालुंकी एवं पदाणि छिंदियव्याणि पन्नवणागाहाणुसारेणं जहा तालवग्गे जाब दधिफोल्डइकाकलिसोफलिजम्कोंदीर्ण एएमिं णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति० एवं मूलादीया दस उद्देसा कायच्या जहा तालबग्गो नवरं फलउडेसे ओगाहणाए जहनेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागो उक्को० धणुहपुहुत्तं ठिती सव्वत्थ जहणं अंतोम० उक्कोसेणं वामपुडुतं मेमं तं चैव ॥ ०६ ॥ एवं छसुचि वग्गेसु सद्धिं उद्देगा भवंति । ६९२ ॥ ० ६ उ०१० (६०) इति द्वाविंशतितमं शतकं ॥ [55] नमो ग्रुयदेवयाए भगवईए। 'आलुय लोही अवया पाढी तह मासवलिवडी य। पंचे दमवग्गा पन्नासा होंनि उद्देसा ॥ ८९ ॥ रायगिहे जाव एवं० अह भंते! आलुयमूलगसिंगबेर हलिद रुकुखकंडरिया रुच्छीरविरालिकिडिकुंदुकण्डकडड सुमहुपयलइमम दुसिंगिणिरुहासप्पसुगंधान्निरुह बीयरुहाणं एएमि णं जे जीवा मूललाए वक्कमति एवं मूलादीया दस उ० कायव्वा वसवग्गसरिसा नवरं परिमाणं जहन्नेणं एको वा दो या तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा असंखेज्जा अणता वा उववजंति, अवहारो गोयमा! ते णं अनंता समये २ अवहीरमाणा २ अणताहि ओमप्पिणीहि उस्सप्पिणीहिं एवतियकालेणं अवहीरंति नो चेद णं अवहीरिया सिया, ठिती जहन्नेणवि उक्कोसेणवि अंतोमुद्दत्तं सेसं तं चेत्र ॥ वः १ ॥ अह भंते! लोहीणी हुयी हूथिवगाअस्सकशीसीहकंणीसीउंडीमुसंदीर्ण एएमिं णं जीवा मूल० एवं एत्थवि दस उद्देसगा जहेब आलुवग्गे, णवरं ओगाहणा तालवम्गसरिसा, सेसं तं चेव सेवं भंते! २ ॥ १०२ ॥ अह भंते! आयकाय कुणकुंदुरुक् क उब्वेडलियासफासज्जाछत्तावसाणियकुमाराणं णं जे जीवा मूलनाए एवं एत्थवि मूलादीया दस उद्देसगा निरवसेसं जहा आलुवग्गो ॥ च० ३ ॥ अह भंते! पाढामियालुंकिमधुररसारायवपिउमामोंढरिदंतिचंडीणं एतेसिं णं जे जीवा मूल० एत्थवि मूलादीया दस उद्देगा आलुयवग्गसरिसा नवरं ओगाहणा जहा वहीणं, सेसं तं चैव सेवं भंते! २त्ति ॥ १०४ ॥ अह भंते! मासपत्नीमुग्गपन्त्रीजीवसरिसवकएणुयका ओलिखीरकाको लिभंगिण हिकिमिरासिभद्दमुच्छ्रणंगलइप ओय किंणापउलपाढेहरेणुयालोहीणं एएमिं णं जे जीवा मूल० एत्थवि दस उद्देसगा निरवसेसं आलुयवग्गसरिसा ॥ ३०५ ॥ एवं एत्थ पंचसुवि वम्मेसु पचासं उद्देसगा भाणियच्या, सव्वत्थ देवा ण उबवनंति, तिनि लेसाओ । सेवं भंते! २ ॥ ६९३ ॥ ३०५ उ०१० (३०५०) इति त्रयोविंशतितमं शतकं ॥ [ उववाय परीमाणं संघयणुच्चत्तमेव संठाणं। लेस्सा दिट्टी णाणे अन्नाणे जोग १० उवओगे ॥ ९० ॥ सखाकसायइंदियसमुग्धाया वेदणा य वेदे य आउं अज्झवसाणा अणुबंधो कायसंवेहो २१ ॥ ९१ ॥ जीवपदे जीवपदे जीवाणं दंडगंमि उद्देसो । चउवीसतिमि सए चब्बी होंति उद्देसा ॥ ९२ ॥ रायगिहे जाव एवं क्यासी णेरइया णं भंते! कओहिंतो उववति किं नेरइर्हितो उपवति तिरिक्खजोणिहितो० मणुस्सेहिंतो॰ देवेहिंतो उववज्जंति ?. गोयमा ! णो नेरइएहिंतो उबवजंति तिरिक्खजोणिएहिंतो० मणुस्सेहिंतोऽवि० णो देवेहिंतो उवयजंति, जड़ तिरिक्खजोणिएहिंतो उवक्ांति किं एगिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति बेइंदियतिकिम्वजोणिय ० तेइंदियतिरिक्खजोणिय ० चउरिदियतिरिक्खजोणिय पंचिदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति ?, गोयमा ! नो एगिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति णो बंदियः णो तेइंदिय० णो चउरिदियः पंचिदियनिरिकृस्णजोणिएहिंतो उववज्जंति, जइ पंचिदियतिरिकखजोणिएहिंतो उवत्रजंति किं समीपंचिदिद्यतिरिकखजोणिएहिंतो उववज्जति असन्नीपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उवक्जंति ?. गोयमा ! सन्निपंचिंविद्यतिरिकखजोणिएहिंतो उपवनंति असनिपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितोऽवि उववजंति, जइ सन्निपंचिदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति किं जलचरेहिंतो उववज्जति थलचरेहिंतो उववज्जति खड़चरेहिंतो उपचज्जति ?, गोयमा ! जलचरेर्हितोऽवि ३४७ श्रीभगवत्यगं सतं स एतेर्सि मुनि दीपरत्नसागर Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उववज्जति थलचरेहितोऽवि उववज्जति खहचरेहितोऽवि उववज्जति, जड़ जलचरथलचरखहचरेहितो उक्वज्जंति किं पज्जत्तएहितो उववज्जति अपज्जत्नएहितो उबवति?, गोयमा ! पजत्तएहितो उबवज्जंति णो अपज्जतएहिंतो उववजनि, पज्जनासन्निपंचिंदियतिरिकखजोणिए णं भंते ! जे भविए नेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! कतिसु पुढवीसु उववज्जेज्जा ?, गोयमा ! एगाए रयणप्पभाए पुढबीए उववज्जेज्जा, पज्जत्तासचिपंचिंदियतिरिकखजोणिए णं भंते! जे भविए रयणप्पभाए पुढवीए नेरइएसु उववजित्तए से णं भंते ! केवतिकालट्ठिवीएसु उववजेज्जा?, गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागद्वितीएसु उबबजेज्जा, ते णं भंते ! जीवा एगममएणं केवतिया उववज्जति ?, गोयमा ! जहनेणं एक्को वा दो वा तिनि वा उक्कोसेणं संखेजा वा असंखेज्जा वा उववजति. तेसिं णं भंते ! जीवाणं सरीरमा किंसंघयणी पं०१. गोयमा ! ठेवट्ठसंघयणी पं०, तेसिं णं भंते! जीवाणं कमहालिया सरीरोगाहणा पं०?, गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागो उक्कोसेणं जोयणसहस्सं, तेसि णं मंते! जीवाणं सरीरमा किंसंठिा पं०१, गोयमा! हुंडसठाणसंठिया पं०. नेमि णं भंते ! जीवाणं कति लेम्माओ पं.?, गोयमा ! तिमि लेस्साओ पं०२०-कण्हलेस्सा नीललेस्सा काउलेस्सा, ते णं भंते ! जीवा किं सम्मदिट्ठी मिच्छादिढीसम्मामिच्छादिट्ठी ?, गोयमा णो सम्मदिट्टी मिच्छादिट्टी णो सम्मामिच्छादिट्ठी, ने णं भते! जीवा किं णाणी अन्नाणी?. गोयमा ! णो णाणी अन्नाणी नियमा दुअन्नाणी तं०-मइअन्नाणी य सुयअन्नाणी य ८-९. ते णे भंते ! जीवा किं मणजोगी वयजोगी कायजोगी?, गोयमा ! णो मणजागी वयजोगीवि कायजोगीवि, ने णं भंते ! जीवा किं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता?, गोयमा ! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि, तेसिणं भंते! जीवाणं कति सन्नाओ पं०?. गोयमा ! बत्तारि सन्ना पं०२०-आहारसन्ना भयसन्ना मेहुणसन्ना परिगहसन्ना, तेमि णं भंते ! जीवाणं कति कसाया पं०?, गोवमा! चत्तारि कसाया पं० २०-कोहकसाए माणकसाए मायाकसाए लोभकसाए, तेसि णं भंते ! जीवाणं कति इंदिया पं०?, गोयमा! पंचिंदिया पं०२०सोइंदिए चक्खिदिए जाव फामिदिए, लेसिणं भंते ! जीवाणं कति समुग्धाया पं०?, गोयमा ! तओ समुग्धाया पं० सं०-वेयणासमुग्धाए कसायसमुग्धाए मारणंतियसमुग्धाए, ते णं भंते ! जीवा किं सायावेयगा असायावेयगा ?, गोयमा! सायावेयगावि अमायावेयगावि, तेणं भंते ! जीवा किं इत्थीवेयगा पुरिसवेयगा नपुंसगवेयगा?, गोयमा ! णो इत्थीवेयगा णो पुरिसवेयगा नपुंसगवेयगा, तेसिं णं भंते ! जीवाणं केवतियं कालं ठिती पं०१, गोयमा! जहन्नेणं अतोमहर्न उककोसेणं पुब्धकोडी, तेमि णं भंते! जीवाणं केवतिया अज्झवसाणा पं०१, गोयमा ! असंखेज्जा अज्झवसाणा पं०, ते णं भंते! किं पसत्था अपसस्था ?, गोयमा ! पसत्थावि अपसत्थावि, से णं भंते ! पज्जत्तमन्निपंचिदियतिरिकबजोणियेत्ति कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा! जहन्नेणं अंतोमहत्तं उकृकोसेणं पब्बकोडी. से णं भंते ! पज्जत्तसन्नीपंचिंदियतिरिकखजोणिए रयणप्पभाए पढवीए रहा दियतिरिकबजोणिएत्ति केवनियं काल सेवेज्जा केवतियं कालं गतिरागति करेज्जा ?, गोयमा! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुत्तमम्भहियाई उनकोसेणं पलिओवमस्स असंग्वेज्जइ. भागं पुबकोडिमभहियं एवनियं कालं सेवेज्जा एवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा। पज्जत्तासन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए जहन्नकालाहितीएसु स्यणप्पभापुढवीनेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते! केवइकाल. द्वितीएम उवबज्जेज्जा ?. गोयमा! जहनेणं दसवाससहस्सद्वितीएम उक्कोसेणवि दसवाससहस्सद्वितीएमु उववज्जेज्जा, वेणं भंते ! जीवा एगसमएणं केवतिया उववजंति ?. एवं सचेव पत्तव्यया निरवसेसा भाणियब्वा जाब अणुबंधोत्ति. से णं भंते ! पज्जनासनिपंचिदियतिरिक्खजोणिए जहन्नकालहितीए रयणप्पभापुढवीणेरइए जहन्नकाल. पुणरबि पज्जत्तअसन्नि जाव गतिरागतिं करेज्जा ?, गोयमा ! भवादेसेणं दो भवम्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंनोमुहुत्तमभहियाई उक्कोसेणं पुवकोडी दसहि वाससहस्सेहिं अभहियाई एवतियं कालं सेवेज्जा एवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा। पज्जनासन्निपंचिंदियतिरिकखजोणिए णं जे भविण उक्कोस. कालद्वितीएसु ग्यणप्पभापुढवीनेग्इएमु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतियकालठिईएसु उववजेजा ?, गोयमा ! जहन्नेणं पलिओबमस्स असंखेज्जइभागठिईएसु उववज्जेज्जा उक्कोसेणवि पलिओवमस्स असंखेज्जइभागट्टितीएसु उववज्जेजा,नेणं भंते ! जीवा अवसेमं तं येव जाय अणुबंधो, से णं भंते ! पज्जत्तासन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिए उक्कोसकालद्वितीयरयणप्पभापुढवीनेरइए पुणरवि पज्जत्ता जाव करेज्जा ?, गोयमा ! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं पलिओवमस्म असंखेज्जइभागं अंतोमुत्तमम्भहियं उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पुवकोडिअभहियं एवतियं काल सेवेजा एवइयं कालं गतिरागतिं करेज्जा। जहन्नकालाहितीयपज्जत्तासन्निपचिदियतिरिकपजोणिए णं भंते ! जे भविए स्यणप्पभापुढवीनेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतियकालठितीएसु उववज्जेजा?. गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सहितीएसु उक्कोमेण पलिओचमस्स असंखेज्जइभागद्वितीएसु उबब०. ते ण भंते ! जीवा एगसमएणं सेसं तं चेव णवरं इमाई तिन्नि णाणत्ताई आउं अज्झवसाणा अणुबंधो य, जहन्नेणं ठिती अंतोमुहृत्तं उक्कोसेणचि अंतोमु०, तेसिं गं भंते! जीवाणं केवतिया अज्झवसाणा पं०१, गोयमा! अमखेज्जा अज्झवसाणा पं०.ते ण भंते! कि पसत्था अप्पसस्था?, गोयमा! णो पसत्था अप्पसत्था, अणुबंधो अंतोमहुत्तं सेसं तं चेय, से णं भंते ! जहन्नकालट्टितीए पजत्तासन्निपंचिदिय० रयणप्पभा जाव करेजा, गोयमा! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई कालादेजह दस वाससह अंतोमु अब्भहियाई उकोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागं अंतोमुत्तमम्भहियं एवतियं कालं सेविजा जाय गतिरागतिं करेजा। जहन्नकालाद्वितीयपजत्तासन्निपंचि. दियतिरिक्वजोणिए णं भंते जे भविए जहन्नकालदिइएमु रयणप्पभापुढवीनेरइएसु उव० से णं भंते ! केवतियकालटुिंतीएसु उववजेजा?, गोयमा ! जह दसवाससहस्सद्वितीएसु उक्कोसेणवि दसवाससहस्सद्वितीएसु उवबज्जेजा, ते णं भंते ! जीवा मेसं तं व नाई चेव तिन्नि णाणत्ताई जाव से णं भंते ! जहन्नकालद्वितीयपज्जत्ताजावजोणिए जहन्नकालद्वितीयस्यणप्पभा० पुणरवि जाव गोयमा ! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं दस वामसहस्माई 'अंतोमहत्तमभहियाई उकोमेणवि दस बाससहस्साई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई एवइयं कालं सेवेजा जाव करेज्जा। जहन्नकालद्वितीयपज्जत्ताजावतिरिक्खजोणियाणं भंते ! भविए उक्कोसकालहितीएसु रयणप्पमापुढवीनेरइएस उववन्जिनए से णं भंते ! केवतियकालठितीएमु उववज्जेज्जा ?, गोयमा ! जहन्नेणं पलिओचमस्स असंखेजइभागट्टितीएमु उववजेज्जा उक्कोसेणवि पलिओवमसा असंखेजड़भागद्वितीएम उवक्जेजा, ते (८७) ३४८ श्रीभगवन्यंग-२१-४ मुनि दीपरत्नसागर Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NAGPISOHASPIRSEPPERSPEHEYEMEPIARRPICAREHENSPIRAEYEMIEPTRANSFOOKIEPOSINGHIYEURPOSIPEDIAw गं मंते ! जीवा० अवसेसं तं चेव ताई चेव तिनि णाणत्ताई जाव से णं भंते ! जहन्नकालद्वितीयपज्जत्ताजावतिरिक्खजोणिए उक्कोसकालद्वितीयरयण जाव करेजा ?, गोयमा ! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं पलि. ओषमस्स असंखेजइमागं अंतोमुत्तमम्भहियं उक्कोसेणवि पलिओवमस्स असंखेजहभागं अंतोमुहुत्तमम्भहियं एवतियं कालं जाव करेजा, उक्कोसकालट्ठिइयपज्जत्तअसन्निपंचिंदियतिरिक्वजोणिए णं भंते ! जे भविए रयणप्पभापुढवीनेहएम उववजित्तए से णं भंते ! केवतिकाल जाव उवव०१, गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सठिइएसु उकोसेणं पलिओवमस्स असंखेजा जाव उववजेजा, ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं अवसेसं जहेच ओहियगमएणं तहेव अणुगंतव्वं, नवरं इमाई दोनि नाणत्ताई-ठिती जहन्नेणं पुच्चकोडी उक्कोमेणवि पुब्बकोडी एवं अणुबंधोऽवि अबसेसं तं चेब, से णं भंते! उक्कोसकालठितीयपज्जत्तअसमिजावतिरिक्खजोणिए रयणप्पभा जाव गोयमा ! भवादेसेणं दोमवरगहणाइंकालादेसेणं जहन्नेणं पुवकोडी दसहिं बाससहस्मेहिं अमहिया उक्कोसेणं पलिओबमस्स असंखेजइभार्ग पच्चकोडीए अमहियं एवतियं जाव करेज्जा, उक्कोसकालद्वितीयपज्जना तिरिक्खजोणिए णं भंते जे भविए जहन्नकालहितीएसु स्यणजाच उबव० से णं भंते ! केवति जाव उववज्जेज्जा?, गोयमा ! जह० दसवाससहस्सद्वितीएसु उकोसेणवि दसवाससहस्सद्वितीएसु उववजेज्जा, ते णं भंते ! सेसं नं चेत्र जहा सत्तमगमे जाव मेणं भंते ! उकोसकालहितीजावतिरिक्वजोणिए जहन्नकालद्वितीयग्यणप्पभा जाव करेजा ?, गोयमा ! भवादेसेणं दो भव कालादेजहरु पुवकोडी दसहि वाससहस्सेहिं अब्भहिया उक्कोसेणवि पुवकोडी दसवाससहस्सेहिं अब्भहिया एवतियं जाव करेजा, उक्कोसकालद्वितीयपजत्ताजावतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए उक्कोसकालट्टितीएसु रयण जाव उववजित्तए से णं भंते ! केवतिकाल जाव उववजेजा ?. गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमस्म असंखेजहभागट्टितीएमु उक्कोसेणवि पलिओवमस्स असंखेजइभागद्वितीएसु उववजेजा, ते णं भंते ! जीवा एगसमए णं सेसं जहा सत्तमगमए जाव से णं भंते! उक्कोसकालहितीयपजत्ताजावतिरिक्खजोणिए उक्कोसकालद्वितीयरयणप्पभा जाव करेजा?, गोयमा! भवादेसेणं दो भवरगहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं पलिओवमस्स असंखेजडभाग पब्बकोडीए अब | करेजा, एवं एते ओहिया तिनि गमगा जहन्नकालाहितीएसु तिनि गमगा उक्कोसकालाहितीएसु तिन्नि गमगा सव्वेते णव गमा भवंति । ६९४ । जइ सन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिनो उववज्जति कि संखेज्जवासाउयसन्नि पंचिंदियतिरिकख उववज्जति असंखेज्जवासाउयसनिपंचिदियतिरिकख जाव उबवज्जति?, गोयमा ! संखेज्जवासा०सन्नि उवचज्जति णो असंखेज्जबासाउय जाव उववज्जति, जइ संखेज्जवासाउय जाच उववज्जति किं जलचरेहितो उबवज्जति०'. पुच्छा, गोयमा! जलचरेहितोऽवि उववज्जति जहा असन्नी जाव पज्जत्तएहितो उववज्जति णो अपजत्तेहिंतो उववजति, पज्जत्तसंखेजवासाउयसन्निपंचिंदियतिरिक्वजोणिए णं भंते ! जे भविए णेरइएमु उबवजित्तए सेणं भंते! कतिसु पुढवी उबवजेजा?, गोयमा! सत्तमु पुढबीसु उबवजेजा तं०-रयणप्पभाए जाव अहेसत्तमाए. पजत्तसंखेन्जवासाउय भंते! जे भविए रयणप्पभापुढवीनेरडएसु उववजित्तए से णं भंते ! केवतियकालहितीएसु उबवजेजा?, गोयमा! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु उकोमेणं सागरोवमट्टितीएम उबवजेजा, ते णं भंते! जीवा एगसमएणं केवतिया उववजनि?, जहेच असन्नी. तेसिणं भंते ! जीवाणं किसंघयणी पं०?, गोयमा! छविहसंघयणी पं० त०- बइरोसभनारायसंघयणी उसभनाराय जाय छेवट्ठसंघयणी, सरीरोगाहणा जहेच असन्नीणं, तेसिं णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किंसंठिया पं०?, गोयमा ! उब्बिहसंठिया पं० २०-समचउग्स. निम्मोह जाव हुंडा, तेसि ण भंते ! जीवाणं कति लेस्साओ पं०?, गोयमा! छड़ेसाओ पं० त०-कण्हलेस्सा जाव मुक्कलेस्सा. दिट्ठी तिविहाचि तिन्नि नाणा तिन्नि अन्नाणा भयणाए जोगो निविहोऽवि सेसं जहा असन्नीणं जाव अणुबंधो, नवरं पंच समुग्धाया आदिङगा, वेदो तिविहोऽवि. अवसेसं तं चेव जाव से णं भंते ! पज्जत्तसंखेजवासाउयजावतिरिक्खजोणिए रयणप्पभा जाव करेबा?, गोयमा ! भवादेसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमभहियाई उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाइं चउहि पुब्बकोडीहिं अमहियाई एवतियं कालं सेवेजा जाव करेजा, पजनसंखेज जाव जे भविए जहन्नकाल जाव से णं भंते ! केवतियकालठितीएसु उववजेजा?, गोयमा ! जहन्नेण दसवा ठितीएसु उकोसेणवि दसवाससहस्सट्टितीएसु जाव उववज्जेजा, ते णं भंते जीवा०. एवं सो चेव पढमो गमओ निखसेसो भाणियब्वो जाच कालादेसेणं जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उकोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ चत्तालीसाए वाससहस्सेहिं अभाहियाओ एवतियं काल सेवेजा एवतियं कालं गतिरागतिं करेजा, सो घेव उक्कोसकालट्टितीएमु उववन्नो जहन्नेणं सागरोवमद्वितीएम उकोसेणवि सागरोवमट्टितीएसु उववजेज्जा, अवसेसा परिमाणादओ भवादेसपज्जवसाणा सो चेव पढमगमो णेयव्यो जाव कालादेसेणं जहन्नेणं सागरोवमं अंतोमहनमभहियं उकोसेणं चत्तारि सागरोयमाई चऊहिं पञ्चकोडीहिं अभहियाई एवतियं काल सेविजा जाव करेजा, जहन्नकालद्वितीयपजत्तसंखेज्जवासाउयसन्निपंचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! जे भविए रयणप्पभापुढवी जाव उववजित्नए से णं भंते ! केवतिकालहितीएम उववजेजा?, गोयमा! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु उकोसेणं सागरोवमट्टितीएम उववज्जेज्जा, तेणं भंते! जीवा अवसेसो सो चेव गमओ नवरं इमाई अट्टणाणताई-सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागो उकोसेणं धणुहपहुत्तं लेस्साओ तिमि आदिल्डाओ णो सम्मदिट्टी मिच्छादिट्टी णो सम्मामिच्छादिट्ठी दो अन्नाणा णियमं समुग्घाया आदिल्डा तिन्नि, आउं अज्झवसाणा अणुबंधो य जहेव असन्नीणं, अवसेसं जहा पढमगमए जाव कालादेसेणं जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चऊहिं अंतोमुहुत्तेहिं अभहियाई एवतियं कालं जाव करेजा, सो चेव जहन्नकालट्टितीएसु उववन्नो जहन्नेणं दसवाससहस्सहितीएमु उक्कोसेणवि दसवाससहस्सद्वितीएसु उपवजेजा, ते णं भंते! एवं सो चेव चउत्यो गमओ निरवसेसो भाणियब्यो जाब कालादेसेणं जहन्नेणं दसवाससहस्साई अंतोमुत्तमभहियाई उक्कोसेणं चत्तालीसं वाससहस्साई चऊहिं अंतोमुहुत्तेहिं अभहियाई एवतियं जाव करेजा, सो चेव उक्कोसकालट्टितीएसु उबवन्नो जहन्नेणं सागरोवमट्टितीएसु उववजेजा उक्कोसेणवि सागरोवमट्टितीएसु उववजेजा, ते णं भंते ! एवं सो चेव चउत्थो गमओ निर. ३४९श्रीभगवत्यंग- सन २० मुनि दीपरनसागर Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ BINDAARYAARYAASPARRB-40%ARRIA83400-3486253460HEREKABIKRAMANTRAINGA40404 बसेसो भाणियब्यो जाय कालादेसेणं जहन्नेणं सागरोवमं अंतोमुत्तमम्भहियं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोबमाई चउहि अंतोमुटुत्तेहिं अम्भहियाई एवतियं जाव करेजा. उक्कोसकालादृतीयपजनसंखेजवासाजावतिरिक्खजोणिएणं भंते ! जे भविए स्यणप्पभापुढवीनेरइएसु उववजित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववजेजा?. गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएस उक्कोसेणं सागगेवमट्टिीएस उबवजेना. तेणं भंते ! जीवा?. अक्सेसो परिमाणादीओ भवादेसपजवसाणो एएसिं चेव पढमगमओ णेयब्वो नवरं ठिती जहन्नेणं पुचकोडी उक्कोसेणवि पुवकोडी. एवं अणुबंधोऽचि. सेसं तं चेच. कालादेसेणं जहन्नेणं पुचकाडी दसहि वाससहस्सेहिं अभहिया उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चउहिं पुब्बकोडीहिं अमहियाई, सो चेव जहन्नकालाहितीएसु उववन्नो जहनेणं दसवाससहस्सट्टितीएसु उकोसेणवि दसवाससहस्सट्टितीएस उबवजेजा. ते णं भंते ! जीवा..सो चेव सनमो गमओ निरवसेसो भाणियब्वो जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहनेणं पुवकोडी दसहि वाससहस्सेहिं अमहिया उकोमेणं चत्तारि पुब्बकोडीओ चत्तालीसाए वासमहस्मेहि अभहिआओ एवनिय जाव करेजा, उक्कोसकाराद्वितीयपजत्तभंते ! जे भविए उक्कोसकालद्वितीय जाव उववजित्तए से णं भंते! केवतिकालट्टितीएसु उववज्जेज्जा ?. गोयमा ! जहन्नेण सागरोवमट्टितीएस उक्कोसेवि सागरोवमट्टिीएस उववजेजा. ते णं भंते ! जीया.सो चेव सत्तमगमओ निरवसेसो भाणियब्यो जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहन्नेणं सागरोवमं पुब्बकोडीए अभहियं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोचमाई चरहिं पुचकोडीहिं अभहियाई एवइयं जाव करेजा. एवं एते णव गमगा. उक्लेवनिक्खेवओ नवसुवि जहेव असन्नीणं । ६९५। पज्जत्तसंखेजवासाउयसन्निपंचिदियतिरिक्वजो भंते जे भविए सकरप्पभाए पुढवीए णेरइएसु उबजिनए से णं भंते ! केवइयकालद्वितीएम उवव?. गोयमा ! जहरू सागरोबमट्टितीएसु उक्कोतिसागरोबमट्टितीएम उववजेजा, ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं एवं जहेव रयणप्पभाए उक्वजंतगमगस्स लही सच्चेव निरवमेसा भा० जाब भवादेसोत्ति, कालादमणं जहन्नेणं सागरोयमं अंतोमुत्तमम्भदियं उकोमेणं बारस सागरोवमाई चरहिं पुब्बकोहीहिं अभहियाई एवतियं जाव करेजा, एवं रयणप्पभापुढवीगमसरिसा णववि गमगा भाणियब्वा. नवरं मव्वगमएसुवि नेरइयट्टितीसंवेहेसु सागरोवमा भाऊ एवं जाच छट्ठीपुढवित्ति. णवर नेरइयठिई जा जत्थ पुढबीए जहन्नुकोसिया सा तेणं चेव कमेण चउगुणा कायव्वा, वालुयप्पभाए पुढवीए अट्ठावीसं सागरोवमाई चउगणिया भवंति पंकप्प चत्तालीसं धूमप्पभाए अट्टसर्टि तमाए अट्टासीई संघयणाई वालयप्पभाए पंचविहसंघयणी तं०-वयरोसहनारायसंघयणी जाव खीलियासंघयणी पंकप्पभाए चउब्विहसंघयणी धुमप्पभाए तिविहसंघयणी तमाए विहसंघयणी तं-बयरोसभनारायसंघयणी य उसभनारायसंघयणी य.सेसं तं चेच. पजनसंखेज्जवासाउयजावतिरि. क्खजोणिए णं भंते ! जे भविए अहेसत्तमाए पुढवीए नेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइयकालट्टितीएस उववजेजा ?. गोयमा ! जहन्नेणं बाबीससागरोधमट्टितीएसु उकोमेणं नेतीसमागरोबमट्टितीएसु उववजेजा, ते ण भंते ! जीवा० एवं जहेव रयणप्पभाए णव गमगा लद्धीवि सचेव णवरं वयरोसभणारायसंघयणी, इथिवेयगा न उववजंति, सेसं तं चैव जाब अणुचंधोनि. संवेहो भवादेसेणं जहन्नेणं तिन्नि भवग्गहणाई उक्कोसेणं मत्त भवरगहणाई, कालादेसेणं जह० बावीस सागरोवमाई दोहिं अंदोमुहुत्तेहिं अभहियाई उक्कोसेणं छावट्टि सागगेवमाई चउहि पुवकोडीहिं अभहियाई एवतियं जाव करेजा, सो चेव जहन्नकाल ठिवीएसु उववन्नो सच्चेव वनव्वया जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहन्नेणं कालादेसोऽवि तहेव जाव चउहिं पुवकोडीहिं अभाहियाई एवतियं जाव करेजा. सो चेव उक्कोसकालठितीएम उबवन्नो सचेवरही जाब अणुबंधोति. भवादेसेणं जहन्नेणं तिन्नि भवग्गहणाई उकोसेणं पंच भवग्गहणाई कालादेजह तेत्तीसं सागरोवमाई दोहिं अंतोमुहुत्तेहिं अभहियाई उक्कोसेणं छाबढेि सागरोबमाई तिहिं पुवकोडीहिं अमहियाई एवतियं मो चेव अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ जाओ सच्चेव रयणप्प भाषढवीजहन्नकालाहितीयवत्तव्यया भाणियब्बा जाव भवादेसोति नवरं पढमसंघयणं, णो इस्थिवेयगा, भवादेसेणं जहन्नेणं तिन्नि भवग्गहणाई उक्कोसेणं सन भवगहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाई दाहिं अंतोमहत्तेहिं अब्भहियाई उक्कोसेणं छावट्टि सागरोवमाई चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अभहियाई एवतियं जाव करेजा, सो चेव जहन्नकालद्वितीएस उबवन्नो एवं सो चेव चउत्यो गमगो निरवसेसो भाणियब्यो जाब कालादेसोति. सो चेव उकोसकालहितीएमु उववन्नो सञ्चेव लही जाच अणुबंधोत्ति भवादेसेणं जहन्नेणं तिन्नि भवग्गहणाई उकोसेणं पंच भवग्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं तेतीसं सागरोवमाई दोहि अंतोमुटुत्तेहिं अमहियाई उक्कोसेणं छावट्टि सागरो करेजा, मो चे अप्पणा उकोमकालहितीओ जहन्नेणं चावीससागरोवमहिडएमु उकोसेणं तेनीससागरोचमाहितीस उववजेजा. ते भंते!७१ अवसेसा सचेत मन पुढवीपढमगमगवत्तव्यया भाणियब्वा जाव भवादेसोत्ति नवरं ठिती अणुबंधो य जहन्नणं पुवकोडी उकासेणचि पुचकोडी सेस तं चेव कालादेसणं जहन्नेणं बावीस सागगवमाई दोहिं पुचकोडीहि अभहियाई उनोसेणं छावटिं सागरोवमाई चऊहिं पच्चकोडीहिं अभहियाई एवइयं जाव करेजा, सो चेव जद्दन्नकालठितीएस उववन्नो मञ्चेव लद्धी संवेहोऽवि नहेब सत्तमगमगसरिसो. सो चेव उक्कोसकालाठितीएसु उववन्नो एस चेव लदी जाव अणुचंधोत्ति भवादेसेणं जद्दन्नणं तिन्नि भवग्गणाई 'उकोसेणं पंच भवग्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं नेत्तीससागरोवमाई दोहिं पुवकोडीहिं अभद्दियाई उकोसेणं छावटि सागरोबमाई तीहि पुवकोडीहिं अम्भहियाई एवतियं काल सेकेजा जाव करेज्जा । ६९६। जइ मणुस्सेहितो उववजति किं सन्निमणुस्सेहितो उववज्जति असन्निमणुस्सेहितो उववजति ?. गोयमा ! सन्निमणुस्सेहितो उचक्नति णो असन्नीमणुस्सेहितो उववजति. जइ सन्निमणुस्से हिंतो उववजाति किं संखेजवासाउयसन्निमणुस्से हितो उवव० असंखेज जाव उवव० ?, गोयमा ! संखेजबासाउयसन्निमणु णो असंखेजवासाउय जाव उववजन्ति. जइ संखेनवासा जाब उबवजन्ति किं पजत्तसंखेज्जवासाउय० अपज्जत्तसंखेजबासाउय०?, गोयमा! पजत्तसंखेजवासाउयनो अपज्जत्तसंखेजवासाउय जाव उववजंति, पज्जत्तसंखेजवासाउय० सन्निमणुस्से णं भवे! जे भविए नेरइएसु उववजित्तए से णं भंते! कतिसु पुढवीसु उबवजेवा?, गोयमा! सत्तस पुढवीसु उववजेजा तं-रयणप्पभाए जाव अहेसत्तमाए, पजत्तसंखेजवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए रयणप्पभापुडबीए नेरइएसु उववजित्तए से णं भंते ! केवतिकालहिइएसु उववजेज्जा?, गोयमा ! जहदसवास३५० श्रीभगवन्यंग-सतत मुनि दीपरत्नसागर Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सहस्मट्टिनीएम उक्कोसेणं सागरोचमट्टितीएसु उववजेजा, ते ण भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उववजंति ?, गोयमा ! जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि पा उकोसेणं मंग्वेजा उवबजंति संघयणा छ सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगु. उपहत्तं उकोसेणं पंचधणुसयाई एवं सेसं जहा सन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं जाव भवादेसोत्ति नवरं चत्तारि णाणा तिन्नि अन्नाणा भयणाए छ समुग्धाया केवलिवजा ठिती अणुबंधो य जहन्नेणं मासपुहुत्तं उक्कोसेणं पुग्यकोडी सेसं तं चेव कालादेसेणं जहन्नणं दसबाससहस्साई मासपुहत्तमभहियाई उकोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चऊहिं पुवकोडीहिं अभहियाई एवतियं जाव करेजा, सो चेव जहन्नकालाहितीएम उववन्नो सा चेव वत्तव्बया नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं दसवाससहस्साई मासपुटुत्तमम्भहियाई उकोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ चत्तालीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहियाओ एवतियं०, सो चेव उकोसकालट्ठितीएसु उववन्नो एस चेव वत्तव्यया नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं सागरोवमं मासपृहत्तमभहियं उकोसेणं चत्तारि सागरोचमाई पऊहिं पुषकोडीहिं अन्भहियाई एवतियं जाव करेजा, सो चेय अप्पणा जहन्नकालदिठतीओ जाओ एस चेव वत्तव्यया नवरं इमाइं पंच नाणत्ताई सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलपहत्तं उकोसेणवि अंगुलपुहत्तं तिन्नि नाणा तिनि अन्नाणाई भयणाए पंच समुग्घाया आदिडा ठिती अणुबंधो य जहन्नेणं मासपुहत्तं उकोसेणवि मासपृहत्तं सेसं तं चेव जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जन्नेणं दसवाससहस्साई मासपुहुत्तमभहियाई उकोसेणं चत्तारि सागरोचमाई चऊहिं मासपुहुत्तेहिं अभहियाई एचतियं जाव करेजा, सो व जहन्नकालट्ठिीएसु उववन्नो एस चेय वत्तव्वया चउत्थगमगसरिसा णेयय्या नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं दसवाससहस्साई मासपुडुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं चत्तालीसं वाससहस्साई चऊहिं मासपुहुत्तेहिं अभहियाई एवतियं जाच करेज्जा, सो चेव उक्कोसकालठितीएसु उववन्नो एस चेव गमगो नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं सागरोवमं मासपुडुत्तमम्भाहियं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोदमाई चऊहिं मासपृहुत्तेहिं अम्भहियाइं एवइयं जाव करेज्जा, सो चेव अप्पणा उक्कोसकालदिठतीओ जाओ सो चेव पढमगमओ णेयव्बा नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं पंचधणुसयाई उक्कोसेणवि पंचधणुसयाई ठिती जहनेणं पुब्बकोटी उक्कोसेणवि पुव्वकोडी एवं अणुबंधोऽषि, कालादेसेणं जहन्नेणं पुवकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अभहिया उक्कोसेणं चत्तारि सागरावमाई चऊहिं पुव्वकोडीहिं अभहियाई एववियं कालं जाव करेज्जा, सो चेव जहन्नकालाठितीएसु उचवन्नो सच्चेव वत्तब्वया नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं पुव्बकोडी दसहि वाससहस्सेहिं अभाहिया उक्कोसेणं चत्तारि पुष्चकोडीओ चत्तालीसाए वाससहस्सेहिं अभहियाओ एवतियं कालं जाव करेज्जा, सो चेव उक्कोसकालदिठतीएसु उबबन्नो सा चेव बत्तब्वया नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं सागरोवमं पुवकोडीए अभहियं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चऊहिं पुव्वकोडीहिं अन्भहियाइं एवतियं कालं जाच करेज्जा । ६९७। पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए सक्करप्पभाए पुढबीए नेरइएसु जाव उववज्जित्तए से णं भंते ! केवति जाव उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमदिठतीएसु उक्कोसेणं तिसागरोवमदिठतीएसु उववज्जेजा, ते णं भंते! सो चेव रयणप्पभापुढवीगमओ णेयव्वो नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं रयणिपुत्तं उक्कोसेणं पंचधणुसयाई ठिती जहन्नेणं वामपहत्तं उक्कोसेणं पुवकोडी एवं अणुबंधोऽबि, सेसं तं चेव जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहन्नेणं सागरोवमं वासपुहुत्तमच्भहियं उकोसेणं पारस सागरोवमाई चऊहिं पुष्यकोडीहिं अब्भहियाइं एवतियं जाव करेजा, एवं एसा ओहिएम तिसु गमएसु मणूसस्स लदी नाणत्तं नेरइयठिती कालादेसेणं संवेहं च जाणेजा, सो चेव अप्पणा जन्नकालठितीओ जाओ तिसुवि गमएस एस चेव रदी नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं रयणिपुहुत्तं उक्कोसेणवि स्य. णिपुरतं ठिती जहन्नेणं वासपुटुत्तं उक्कोसेणवि वासपृहुत्तं एवं अणुचंधोऽवि सेसं जहा ओहियाणं संवेहो सव्वो उवजूंजिऊण भाणियव्यो, सो चेव अप्पणा उक्कोसकालठितीओ तस्सवि तिसुवि गमएस इमं णाणत्तं सरीरोगाहणा जहन्नणं पंचधणुसयाई उकोसेणवि पंचधणुसयाई ठिती जहन्नेणं पुष्यकोडी उकोसेणवि पुष्वकोडी एवं अणुबंधोऽवि सेसं जहा पढमगमए नवरं नेरइयठिई य कायसंवेहं च जाणेजा, एवं जाच छट्ठपुढची नवरं तचाए आढवेत्ता एक्कक्क संघयर्ण परिहायति जहेब तिरिक्खजोणियाणं कालादेसोऽवि तहेव नवरं मणुस्सठिती भाणियव्वा, पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए अहेसत्तमपुढवीनेरइएसु उववजित्तए से णं भंते ! केवतिकाल. 9 ठितीएसु उववजेजा?, गोयमा! जहन्नेणं बावीससागरोवमठितीएसु उक्कोसेणं तेत्तीससागरोवमठितीएसु उववजेजा, ते णं भंते! जीवा एगसमएणं अवसेसो सो चेव सक्करप्पभापुढवीगमओ णेयब्वो नवरं पढम संघयणं इस्थि सागरोवमाई वासपुहुत्तमभहियाई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई पुवकोडीए अमहियाई एवतियं जाव करेजा, सो चेव जहन्नकालठितीएसु उवचनो एस चेव वत्तब्वया नवरं नेरइयठिति संवेहं च जाणेजा, सो चेव उक्कोसकालठितीएम उववन्नो एस चेव बत्तब्बया नवरं ठिई संवेहं च जाणेजा, सो चेव अप्पणा जहन्नकालठितीओ जाओ तस्सवि तिसुवि गमएस एस चेव वत्तब्वया नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं रयणिपुडुत्तं उकोसेणवि रयणिपुहुत्तं ठिती जहन्नेणं वास हुत्तं उकोसेणवि वासपटुत्तं एवं अणुबंधोऽबि, संवेहो उवजुंजिऊण भाणियब्बो, सो चेव अप्पणा उक्कोसकालठितीओ जाओ तस्मवि तिमुवि गमएस एस चेव वत्तव्यया नवरं सरीरोगाणा जहन्नेणं पंचधणुसयाई उक्कोसेणवि पंचधणुसयाई ठिती जहनेणं पुष्यकोडी उकोसेणवि पुष्वकोडी एवं अणुबंधोऽवि णवमुवि एतेस गमएस नेरदयठिती संवेहं च जाणेजा सवत्थ भवग्गहणाई दोन्नि जाव णवमगमए कालादेसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं पुयकोडीए अमहियाई उक्कोसेणवि तेत्तीसं सागरोवमाई पुवकोडीए अभहियाई एवतियं कालं सेवेजा वतियं कालं गतिरागतिं करेजा। सेवं भंतेत्ति जाब विहरति । ६९८॥२.२४ उ०१॥रायगिहे जाब एवं बयासी-असुरकुमारा णं भंते ! कओहितो उपयजति कि नेहएहितो उवव० तिरि० मण देवेडिंतो उक्वजति 2. गोयमा! गोणेखहितो उवय तिरि मणस्मस्मेहितो उक्य नो देवेहिंतो एवं जहेब नेखयउदेसए जाव पजत्तअसन्निपंचिंदितिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उववजित्तए से णं भंते ! केवतिकालठितीएस उपवजेजा. गोयमा ! जहन्नेणं इसवाससहस्सठितीएस उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजहभागठितीएस उपय०, ते णं भंते ! जीवा एवं रयणप्पभागमगसरिसा गववि गमा भाणियच्या नवरं जाहे अप्पणा जहन्नकालठितीओ भवति ताहे ३५१ श्रीभगवत्यंग-ल-२४ मुनि दीपरत्नसागर Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ TARISPOSERECHAMPIONSPICSSIPABPORPISHABHISHEPIONSHIOSHSPONSTISAASPAPERPERBPARENCE अज्झवसाणा पसत्था णो अप्पसस्था तिसुवि गमएसु अवसेसं तं चेब, जइ सन्निपंथिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववजंति किं संखेजवासाउयसन्निपंचिदियजाब उववजंति असंसेजवासा उववजति ?. गोयमा ! संखेजवासाउय जाव उबवजंति असंखेजवासा जाव उवव०, असंखेजवासाउ० भंते ! जे भविए असुरकु० उवव० से णं भंते ! केवइकालठितीएसु उवक्जेज्जा ?, गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सठितीएसु उववजिज्जा उक्कोसेणं तिपलिओवम. ठितीएसु उबवजेजा, ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिनि वा उक्कोसेणं संखेजा उबव० वयरोसभनारायसंघयणी ओगारणा जहरू धणुपुटुनं उक्कोसेणं छ गाउयाई समचउरंससंठाण. संठिया चत्तारि लेस्साओ आदिल्डाओ, णो सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी णो सम्मामिच्छादिट्टी णो णाणी अन्नाणी नियमं दुअन्नाणी मतिअन्नाणी सुयअनाणी य जोगो तिविहोऽवि उपओगो दुचिहोऽवि चनारि सन्नाओ चत्नारि कसाया पंच इंदिया तिन्नि समुग्घाया आदिङगा समोयाबि मरंति असमोहयावि मरंति वेदणा दुविहावि वेदो दुविहोऽवि इस्थिवेयगावि पुरिसवेयगावि णो नपुंसगवेदगा ठिती जहन्नेणं साइरेगा पुबकोडी उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई अज्झवसाणा पसस्थावि अप्पसस्थावि अणुबंधो जहेव ठिती कायसंवेहो भवादेसेणं दो भवरगहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं सातिरेगा पुबकोडी दसहि वाससहस्सेहि अमहिया उक्कोसेणं छप्पलिओचमाई एवनियं जाव करेजा, सो चेव जहन्नकालठितीएस उववन्नो एस चेव वत्तव्वया नवरं असुरकुमारंठितीसंवेहं च जाणेजा, सो चेव उक्कोसकालठितीएसु उबबन्नो जहन्नेणं तिपलिओवमठितीएसु उकोसेणवि निपलिओवमठितीएसु उवव एस चेव वनव्यया नवरं ठिती से जहन्नेणं तिन्नि पलिओचमाई उक्कोसेणवि तिन्नि पलिओवमाई एवं अणुबंधोऽवि, कालादे० जह. छप्पलिओवमाई उकोसेणवि छप्पलिओवमाइं एवतियं सेसं तं चेव, सो चेव अप्पणा जहन्नकालठिनीओ जाओ जहन्नेणं दसवाससहस्सठितीएसु उकोसेणं सातिरेगपुव्यकोडीआउएसु, ते णं भंते ! अबसेसं तं चेव जाव भवादेसोत्ति, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं घणुपहृतं उकोसेणं सातिरेगं धणसहस्सं ठिती जहन्नेणं सातिरेगा पुक्कोडी उकोसेणवि सातिरेगा पुचकोडी एवं अणुबंधोऽवि, कालादेसेणं जहन्नेणं सातिरेगा पुवकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अम्भहिया उक्कोसेणं सातिरेगाओ दो पुयकोडीओ एवतियं, सो चेव अप्पणा जहन्नकालठितीएसु उववज्जेजा नवरं असुरकमारठिई संवेहं च जाणेजा, सो चेव उक्कोसकालठितीएस जह० सातिरेगपुव्यकोडिआउएसु उक्कोसेणवि सातिरेगपुय्यकोडीआउएस उववजेजा सेसं तं चेव नवरं कालादे०जह सातिरेगाओ दो | पञ्चकोडीओ उक्कोमेणचि सातिरेगाओ दो पुब्बकोडीओ एवतिय०, सो चेव अप्पणा उक्कोसकालठितीओ जाओ सो चेव पढमगमगो भाणियव्यो नवरं ठिनी जहन्नेणं तिन्नि पलिओवमाई उक्कोसेणवि तिन्नि पलिओवमाई एवं अणुबंधोऽपि कालादेजह तिनि पलिओबमाई दसहिं वाससहस्सेहिं अमहियाई उक्कोसेर्ण छ पलिओवमाई एवतियं०, सो चेव जहन्नकालठितीएसु उववन्नो एस चेव वत्तब्वया नवरं असुरकुमारठिति संवहं च जाणिज्जा, सो चेव उक्कोसकालठितीएसु उववन्नो जह तिपलिओवमाई उक्कोसेणवि तिपलिओव० एस चेव वत्तव्वया नवरं कालादेसेणं जह० उक्को छप्पलिओवमाई एवतियं०, जइ संखेजवासाउयसन्निपंचिंदियजाब उववजति किं जलचर एवं जाव पजनसंखेजबासाउयसन्निपंचिंदियतिरिक्वजोणिए णं भंते! जे भविए असुरकु० उव० से णं भंते! केवइयकालठितीएसु उवव०, गोयमा! जह० दसवासठितीएसु उक्कोसेण सातिरेगसागरोवमठितीएम उवय, ते णं भंते! जीवा एगममएणं एवं एतेसि रयणप्पभापुढवीगमगसरिसा नव गमगा णेयब्बा.नवरं जाहे अप्पणा जहनकालठिइओ भवइ ताहे तिसुवि गमएम इमं णाणत्तं चत्तारि लेस्साओ अज्झवसाणा पसत्था नो अप्पसत्था सेसं तं चेव संवेहो सातिरेगेण सागरोचमेण कायव्यो, जइ मणुस्सेहिंतो उक्वजवि किं सन्निमणुस्सेहितो असन्निमणुस्सेहितो०?, गोयमा ! सन्निमणुस्सेहितो नो असन्निमणुस्सेहिंतो उववज्जति, जइ सन्निमणुस्सेहितो उववजंति कि संखेज्जवासा. | उयसन्निमणुस्सहिंतो उवव० असंखेनवासाउयसन्निमणुस्सेहिंतो उवव?, गोयमा ! संखेज्जवासाउयजाव उववजंति असंखेज्जवासाउयजाव उववजंति, असंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उबवजित्तए सणं मंत! केवतियकालांठतीएसु उववजेजा?, गोयमा! जह० दसवाससहस्सठिताएसुउक्कोतिपाठआवमाठताएसु. एव असखज्जवासाउयतिरिक्खजाणियसरिसा पढमवितिएस गमएसु जहन्नेणं सातिरंगाई पंचधणुसयाई उकोसेणं तिनि गाउयाई सेसं तं चेव, तईयगमे ओगाहणा जहन्नेणं तिन्नि गाउयाई उकोसेणवि तिन्नि गाउयाई सेसं जहेव तिरिक्खजोणियाणं, सो चेव अप्पणा जनकालठितीओ जाओ नस्सवि जहन्नकालठितियतिरिक्वजोणियसरिसा तिनि गमगा नवरं सरीरोगाणा तिसुवि गमएसुजह साइरेगाई पंचधणुसयाई उकोसेणवि सातिरेगाई पंचधणुसयाइं सेसं तं चेब, सो चेव अप्पणा उक्कोसकालठितीओ जाओ तस्सवि ते व पच्छिडगा विनि गमगा भाणियब्वा नवरं सरीरोगाहणा तिमुवि गमएसु जहन्नेणं तिनि गाउयाई उक्कोसेणवि तिन्नि गाउयाई अवसेसं तं चेब, जइ संखेजवासाउयसन्निमणुम्सेहिती उबवजइ कि पजनसंखेजवासाउय अपज्जत्तसंखेज्जवासाउय?, गोयमा! पज्जत्तसंखेनः णो अपजत्तसंखेज०, पजत्तसंखेजवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उववजित्तए से णं भंते ! केवविकालठितीएसु उपबजेवा?, गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्स० उक्कोसेणं साइरेगसागरोवमठितीएसु उबवजेजा, ते णं भंवे! जीवा एवं जहेब एतेसिं रयणप्पभाए उववजमाणाणं णव गमगा तहेव इहवि णव गमगा भाणियव्या णवरं संवेहो सातिरेगेणं सागरोवमेणं कायव्यो सेसं तं चेव। सेवं भंते:२त्ति । ६५९॥श०२४ उ०२॥ रायगिहे जाव एवं बयासी-नागकुमारा णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति किं नेरइएहितो उपवजति तिरि० मणु देवेहिंतो उवबजंति?.गोयमा! णो णेरइएहितो उपवनंति तिरिक्खजोणिय मणुस्सेहिंतो उववेजति नो देवहितो उववजंति, जइ तिरिक्ख एवं जहा असुरकुमाराणं वत्तव्वया तहा एतेसिपि जाच असन्नीति, जइ सन्निपंचिंदियतिरिक्ख० कि संखेज्जवासाउय. असंग्वेजवा?, गोयमा! संखेज्जयामाउय असंखेज्जवासाउय जाव उववज्जंति, असंखिज्जवासाउयसन्निपंचिंदियतिरिक्वजोणिए णं भंते! जे भविए नागकुमारेसु उपज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालठिती?, गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सठिवीएस उक्कोसेणं देसूणदुपलिओवमठितीएम उववज्जेज्जा, ते णं भंते ! जीवा अवसेसो सो चेच असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स गमगो भाणियव्यो जाच भवादेसोत्ति कालादेसेणं जहनेणं सातिरेगा पुव्वकोडी दसहि वाससहस्सेहिं अभहिया उक्कोसेणं देसूणाई पंच पलिओबमाइं एववियं जाव करेजा, सो चेव जहनकालठितीएस उबवन्नो एस चेय वत्तब्बया नवरं णागकुमारठिति संवेहं च जाणेजा, सो चेव उक्कोसकाल (८८) ३५२ श्रीभगवत्यंगं -सर मुनि दीपरत्नसागर Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ DOPICARPEMSPINBIPICHRSHINGHASABHARMACPRASHRS5097848PICHETROYERNSPEARSHIBHASHOMAIYA4%8SR द्वितीएसु उववन्नो तस्सबि एस चेव वत्तव्बया नवरं ठिती जहन्नेणं देसूणाई दो पलिओवमाई उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई सेसं तं चेव जाव भवादेसोत्ति कालादेसेणं जहन्नेणं देखणाईचत्तारिपलिओवमाई उक्कोसेणं देसणार्ड पंच पलिओवमाई एवतियं कालं०, सो चेव अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ जाओ तस्सवितिसुवि गमएस जहेव असुरकमारेसु उवच- 13 जमाणस्स जहन्नकालट्ठितियस्स तहेब निरवसेसं, सो चेव अप्पणा उक्कोसकालहितीओ जातो तस्सवि तहेव तिनि गमगा जहा असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स नवरं नागकुमारहिति संवेहं च जाणेज्जा सेसं तं चेव, जइ संखेज्जवासाउयसन्निपंचिदिय जाव किं पज्जत्तसंखेज्जवासाउय० अपज्जत्तसंखे०?, गोयमा! पज्जत्तसंखेज्जवासाउय० णो अपज्जनसंखेज्जवासाउय०.पज्जत्तसंखेज्जवासाउय जाव जे भविए णागकुमारेसु उववजित्तए से णं भंते! केवतिकालहितीएसु उववजेजा?,एवं जहेव असुरकुमारसु उवबजमाणस्स बत्नब्बया तहेब इहवि णवसुवि गमएसु, णवरं णागकुमारठिति संवेहं च जाणेज्जा सेसं तं चेव, जद मणुस्सेहिंतो उववजति किं सन्निमणु असन्नीमणु०?, गोयमा ! सन्निमणु०णो असन्निमणुस्से० जहा असुरकुमारेसु उववजमाणस्स जाव असंखेजवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए णागकुमारेसु उववजित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जइ?, गोयमा! जहन्नेणं दसवाससहस्सं उक्कोसेणं देसूणाई दो पलिओवमाई एवं जहेव असंखेजवासाउयाणं तिरिक्खजोणियाणं नागकुमारेसु आदिल्डा तिन्नि गमगा तहेव इमस्सवि नवरं पढमविविएमु गमएम सरीरोगाहणा जहन्नेणं सातिरेगाई पंचधणुसयाई उक्को तिन्नि गाउयाई तइयगमे ओगाहणा जहन्नेणं देसणाई दो गाउयाई उक्कोसेणं तिन्नि गा सेसं तं चेव, सो चेव अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ जाओ तस्स तिसुवि गमएसु जहा तस्स चेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स तहेव निरवसेसं, सो चेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीओ जाओ तस्स तिसुवि गमएसु जहा तस्स चेव उक्कोसकालट्ठितीयस्स असुरकुमारेसु उववजमाणस्स नवरं णागकुमारद्दिति संवेहं च जाणेजा, सेसं तं चेव, जड़ संखेजवासाउयसन्निमणु० किं पज्जनसंखेज अपजत्तसं०?, गोयमा! पजत्तसंखे० णो अपज्जत्तसंखे०, पज्जत्तसंखेजवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए णागकुमारेसु उववजित्तए से णं भंते ! केवति?, गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहसं उकोसेणं देसूणदोपलिओवमहिती एवं जहेव असुरकुमारेसु उबवजमाणस्स सञ्चेव लदी निरवसेसा नवसु गमएसु णवरं णागकुमारद्विति संवेहं च जाणेजा। सेवं भंते २ति ॥ ७००॥ गयकमारा एए अट्टवि उद्देसगा जहेब नागकमाराणं तहेव निरवसेसा भाणियव्वा। सेवं भंते रति ।।७०२॥ श०२४ उ०४-११॥ पुढबीकाइया णं भंते ! कओहिंतो उबब किं नेरइएहिंतो उववज्जति तिरिक्ख० मणुस्स देवेहिंतो उववज्जति?, गोयमा ! णो णेरहपहितो उवव तिरिक्ख० मणुस्स देवेहितोऽवि उबवज्जंति, जइ तिरिक्खजोणिए कि एगिदियतिरिक्वजोणिए एवं जहा बक्कतीए उववाओ जाब जइ बायरपुढविक्काइयएगिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उवबज्जति किं पज्ज. त्सवादर जाव उववज्जति अपज्जत्तवादरपुढबी.?, गोयमा! पज्जत्तबादरपुढवी अपज्जतचादरपुढवीकाइएहिंतोऽवि उववज्जंति, पुढविक्काइए णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु | उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालहितीएम उववज्जेज्जा?, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमहत्तहितीएस उक्कोसेणं चाचीसवाससहस्सडिटीएस उववजेज्जा..ते णं भंते ! जीवा एगस. मएणं पुच्छा, गोयमा ! अणुसमयं अबिरहिया असंखेज्जा उबवज्जंति छेवट्ठसंघयणी सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागो उक्कोसेणवि अंगुलस्स असंखेज्जइभागो मसूरचंदसंठिया चत्तारि लेस्साओ णो सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्टी णो सम्मामिच्छादिट्ठी णो णाणी अन्नाणी दो अन्नाणा नियम णो मणजोगी णो वहजोगी कायजोगी उवओगो दुवि. होऽवि चत्तारि सन्नाओ चत्तारि कसाया एगे फासिदिए तिन्नि समुग्घाया वेदणा दुविहा णो इत्थिवेदगा णो पुरिसवेदगा नपुंसगवेदगा ठितीए जहन्नेणं अंतोमूहुनं उककोसेणं वावीम वाससहस्साइं अज्झबसाणा पसस्थावि अपसत्यावि अणुबंधो जहा ठिती, से णं भंते ! पुढवीकाइए पुणरवि पुढवीकाइएत्ति केवतियं काल सेवेज्जा केवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा ?, गोयमा ! भवादेसेणं जह• दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं असंखेज्जाई भवग्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं असंखेनं कालं एवतियं जाच करेजा, सो चेव जहन्नकालठितीएम उववन्नो जहन्नेणं अंतोमहत्तठितीएसु उक्कोसेणवि अंतोमुत्तठितीएम एवं चेव बत्तव्वया निरवसेसा, सो चेव उक्कोसकालठितीएसु उववन्नो जहन्नेणं बावीसवाससहस्सठितीएमु उक्कोसेणवि बाबीसवाससहस्सठितीएम सेसं तं चेव जाव अणुबंधोत्ति, णवरं जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा वा असंखेजा वा भवादे जहर दो भवग्गहणाई उक्को० अट्ट भवग्गहणाई कालादे० जह बावीसं वाससह अंतोमुहुत्तमभहि उक्कोसेणं छावत्तरं वाससयसहस्सं एवतियं कालं जाव करेजा, सो चेव अप्पणा जहन्नका. लठितीओ जाओ सो चेच पढमिडओ गमओ भाणियब्बो नवरं लेस्साओ तिनि ठिती जहनेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं अप्पसत्था अज्झवसाणा अणुबंधो जहा ठिती सेसं तं चेव, सो चेव जहन्नकालठितीएसु उववन्नो सञ्चेव चउत्थगमगवत्तव्बया भाणियब्वा, सो चेव उक्कोसकालठितीएम उववन्नो एस चेव वत्तव्बया नवरं जहन्नेणं एक्को वा दो ३५३ श्रीभगवत्यंग-काश मुनि दीपरत्नसागर Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखे असंखेजा वा जाव भवादेसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं बावीसवास सहस्साइं अंतोमुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं अट्ठासीई वाससहस्साई चऊहिं अंतोमुहुत्तेहिं अन्महियाई एवतियं०, सो चेव अप्पणा उक्कोसकालठितीओ जाओ एवं तयगमगसरिसो निरवसेसो भाणियव्वो नवरं अप्पणा से ठिई जहन्नेणं बावीसवाससहस्साई उक्कोसेणवि बावीस वाससहस्साई, सो चेव जहन्नकालठितीएस उववन्नो जहन्नेणं अंतोमुद्दत्तं उकोसेणवि अंतोमुहुत्तं एवं जहा सत्तमगमगो जाव भवादेसो, कालादेसेणं जहन्नेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं अट्ठासीई वाससहस्साइं चऊहिं अंतोमुहुत्तेहिं अग्भहियाई एवतियं, सो चेव उक्कोसकालठितीएस उववन्नो जहन्नेणं बावीसवाससहस्सठितीएस उक्कोसेणवि बावीसवासहस्सठितीएस एस चैव सत्तमगमगवत्तव्वया जाणियव्वा जाव भवादेसोत्ति कालादेसेणं जह० चोयालीसं वाससहस्साइं उक्कोसेणं छावत्तरं वाससय सहस्सं एवतियं०, जइ आउक्काइयएगिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उबवजति किं सुहुमआऊ बादरआउ० एवं चउकओ भेदो भाणियच्वो जहा पुढवीकाइयाणं, आउक्काइयाणं भंते! जे भविए पढवीकाइएस उववज्जित्तए से णं भंते! केवतिकालठितीएस उववजेज्जा ?, गोयमा! जहनेणं अंतोमुडुत्तः कोसेणं बावीसवाससहस्पठितीएस. एवं पुढविकाइयगमगसरिसा नव गमगा भाणियव्वा नवरं धिगबिंदुठिए ठिती जहन्नेणं अंतोमुद्दत्तं उकोसेणं सत्त वाससहस्साई एवं अणुबंधोऽवि एवं विमुवि गमएस ठिती संदेहो, तइयछट्टसत्तममणवमगमेसु भवादेसेणं जह० दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई, सेसेसु चउसु गमएस जहन्नेणं दो भवग्गहणाई उकोसेणं असंखेजाई भवग्गहणाई, ततियगमए कालादेसेणं जहनेणं बाबीसं बाससहस्साइं अंतोमुत्तमम्भहियाई उकोसेणं सोलमुत्तरं वाससयसहस्सं एवतियं, छडे गमए कालादेसेणं जह नेणं बावीस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमच्महियाई उकोसेणं अट्ठासीती वाससहस्साई चउहिँ अंतोमुडुत्तेहिं अम्भहियाई एवतियं०, सत्तमे गमए कालादेसेणं जहन्नेणं सत्त बासस हस्साई अंतोमुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं सोलमुत्तरबाससयसहस्सं एवतियं०, अट्टमे गमए कालादेसेणं जहन्नेणं सत्त बाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उकोसेणं अट्ठावीमं वासमहस्साई चहिं अंतोमुडुतेहि अमहियाई एवतियं०, णवमे गमए भवादेसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं एकूणतीसाई वाससहस्माई उक्कोसेणं सोलसुत्तरं बाससयसहस्सं एवतियं एवं णवसुवि गमएस आउक्काइयठिई जाणियव्वा, जड़ तेउकाइएहिंतो उवव० तेउक्काइयाणवि एस चैव यत्तव्वया नवरं नवमुवि गमएस तिन्नि लेस्साओ ते उक्काइयाणं, सूइकलावसंठिया, ठिई जाणियच्या तईयगमए कालादेसेणं जह० बाबीसं वाससह अंतोमुडुत्तमम्भहि० उकोसेणं अट्ठासीती वाससहस्साइं बारमहि राइदिएहिं अमहियाई एवतियं एवं संवेहो उपजुंजिऊण भाणियव्बो, जइ वाउकाइएहिंतो वाउकाइयाणवि एवं चेव गव गमगा जहेब तेडकाइयाणं णवरं पडागासंठिया पं संवेहो वाससहस्सेहिं कायच्वो तइयगमए कालादेसेणं जह? बावीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उकोसेणं एवं वाससयसहस्वं एवं संवेहो उवजुंजिऊण भाणियब्यो, जइ वणस्सहकाइएहिंतो उबव० वणस्सइकाइयाणं आउकाइयगमगसरिमा णव गमगा भाणियब्वा नवरं णाणासंठिया सरीरोगाहणा पढमएस पच्छिइएस यतिसु गमएस जह अंगुलम्म असंइभागो उकोसेणं सातिरेगं जोयणसहस्सं मज्झिएस तिसु तहेब जहा पुढवीकाइयाणं संवेहो ठिती य जाणियब्वा तइयगमे कालादेसेणं जन्नेणं पावीसं बाससहस्साइं अंतोमहुत्तमम्भहियाई उकोसेणं अट्ठावीमुत्तरं वाससयसहस्सं एवतियं० एवं संदेहो उबजुंजिऊण भाणियच्चो । ७०२। जइ बेदिएहिंतो उववति किं फलत्तवेईदिएहिंतो उबव० अपजनबेइदिएहिंतो ०१. गोयमा पजत्तबेइदिएहिंतो उपय० अपात्तमेईदिएहितोऽवि उवव०, बेइंदिए णं भंते! जे भविए पुढवीकाइएस उववजित्तए से णं भंते केवतिकाल ०१, गोयमा जह० अंतोमुडुत्तठितीएस उकोसेणं बाबीसवाससहस्सठितीएसु. ते णं भंते! जीवा एगसमएणं० १. गोयमा ! जहन्नेणं एको वा दो वा विन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा वा असं० उपयः छेव घयणी ओगाहणा जहन्नेर्ण अंगुलस्स असंखेज्जइ० उकोसेणं वारस जोयणाई इंडसंठिया तिन्नि लेस्साओ सम्मदिद्वीवि मिच्छादिद्वीवि नो सम्मामिच्छादिट्टी दो णाणा दो अन्नाणा नियमं णो मणजोगी वयजोगीवि कायजोगीवि उवओगो दुविहोऽवि चत्तारि सन्नाओ चत्तारि कसाया दो इंदिया पं० तं० जिग्भिदिए य फार्सिदिए य, तिनि समुग्धाया मेसं जहा पुढवीकाइयाणं णवरं ठिती जहत्रेणं अंतोमुद्दत्तं उकोसेणं वारस संवच्छराई, एवं अणुबंधोऽवि, सेसं तं चेव, भवादे० जह दो भ० उको० संखेज्जाई भवरगहणाई कालादे० जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं संखेजं कालं एवतियं, सो चेव जहन्नकालद्वितीएस उववन्नो एस चैव वक्तव्वया सख्या, सो वेव उक्कासकालद्वितिएस उवबन्नो एसा चैव वैदियस्स लदी नवरं भवादे० जह० दो भवा० उकोसेणं अट्ट भवग्गहणाई कालादे० जह० बाबीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तम० उको० अट्ठासीती वाससहस्साई अडयालीसाए संवच्छरेहि अच्महियाई एवतियं०, सो चेव अप्पणा जहनकालद्वितीओ जाओ तस्सवि एस चैव वत्तब्वया तिसुवि गमएसु नवरं इमाई सत्त णाणताई सरीरोगाहणा जहा पुढवीकाइयाणं णो सम्मदिट्ठी मिच्छा३५४ श्रीभगवत्यं सतरा मुनि दीपरत्नसागर Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जह अंतोमु० उक्को० बावीसवाससहस्सठितीएसु, ते णं भंते ! जीवा एवं जहेव रयणप्पभाए उववजमाणस्स तहेव तिसुवि गमएस लद्धी नवरं ओगाहणा जह० अंगुलस्स असंखे. जइभागो उको पंचधणुसयाई ठिती जह• अंतोमुहुत्तं उक्को० पुव्यकोडी एवं अणुबंधो, संवेहो नवसु गमएसु जहेव सन्निपंचिंदियस्स मज्झिलएस तिसु गमएसु लदी जहेव सन्निपंचिंदियस्स सेसं तं चेव निरवसेस, पच्छिल्ला तिन्नि गमगा जहा एयस्स चेव ओहिया गमगा नवरं ओगाहणा जह• पंचधणुस० उक्कोसेणवि पंचधणुसयाई ठिती अणुबंधो जह | पुवकोडी उक्कोसेणवि पुवको० सेसं तहेव नवरं पच्छिल्लएसु गमएसु संखेजा उववज्जति नो असंखेज्जा उवव०, जइ देवेहिंतो उववजति किं भवण वाणमंतर जोइसियवेमाणिय देवेहिंतो उववजति?, गोयमा! भवणवासिदेवेहितोऽवि उव० जाव वेमाणियदेवेहिंतोऽवि उवव०, जइ भवणवासिदेवहितो उक्व० किं असुरकुमारभवणवासिदेवेहितो उवचजति जाव थणियकुमारभवणवासिदेवेहितो?, गोयमा! असुरकुमारभवणवासिदेवेहिंतो उक्व० जाव थणियकुमारभवणवासिदेवे०, अमुरकुमारे णं भंते ! जे भविए पुढवीकाइएसु उववजित्तए से णं भंते ! केवति.?, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं बाबीसं बाससहस्साई ठिती, ते णं भंते ! जीवा पुच्छा, गोयमा ! जहएको वा दो वा तिन्नि वा उक्को संखेजा वा असंखेजा वा उवव०,तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किंसंघयणी पं०१, गोयमा! छण्हं संघयणाणं असंघयणी जाव परिणमंति, तेसिं णं भंते! जीवाणं केमहालिया सरीरोगा। हणा?, गोयमा ! दुविहा पं० सं०- भवधारणिजाय उत्तरखेउब्बिया य, तत्थ णं जा सा भव० सा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं सत्त स्यणीओ, तत्थ णं जा सा उत्तखेउब्विया सा जहन्नेणं अंगुलस्म संखेजइभागं उक्कोसेणं जोयणसयसहस्सं, तेसिं णं भंते! जीवाणं सरीरगा किंसंठिया पं० ?, गोयमा ! दुविहा पं० तं०- भवधारणिज्जा य उत्तरवेउब्बिया य, तत्व णं जे ते भवधारणिजा ते समचउरंससंठिया तत्थ णं जे ते उत्तरखेउब्बिया ते णाणासंठाणसंठिया लेस्साओ चत्तारि दिट्ठी तिबिहावि तिन्नि णाणा नियम तिन्नि अन्नाणा भयणाए जोगो तिविहोऽवि उवओगो दुविहोऽवि चत्तारि सन्नाओ चत्तारि कसाया पंच समुग्धाया वेयणा दुबिहावि इत्थिवेदगावि पुरिसवेयगावि णो णपुंसगवेयगा ठिती जहन्नेणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं सातिरेगं सागरोवमं अज्झवसाणा असंखेजा पसत्थावि अप्पसत्यावि अणुबंधो जहा ठिती भवादेसेणं दो भवग्गहणाई कालादेसेणं जह० दसवाससह अंतोमुहुत्तमभहियाई उक्कोसेणं सातिरेगं सागरोवमं चावीसाए वाससहस्सेहिं अमहियं एवतियं०, एवं णववि गमा णेयव्वा नवरं मज्झिएमु पच्छिल्डएम तिमु गमएसु असुरकुमाराणं ठिडविसेसो जाणियब्बो सेसा ओहिया चेव लद्धी कायसंवेहं च जाणेज्जा सम्वत्थ दो भवग्गहणाई जाव णवमगमए कालादेसेणं जह० सातिरेगं सागरोवमं बावीसाए वासस. हस्सेहिमभहियं उक्कोसेणवि सातिरेगं सागरोवमं बाबीसाए वाससहस्सेहिं अमहियं एवतियं०, णागकुमारा णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएएस चेव वत्तव्वया जाव भवादेसोत्ति, णवरं ठिती जहा दसवाससहस्साई उक्कोसेणं देसूणाई दो पलिओवमाई, एवं अणुबंधोऽवि, कालादे० जह• दसवाससह अंतोमुहुत्तमभहि उक्को० देसूणाई दो पलिओक्माई बावीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहियाई एवं णववि गमगा असुरकुमारगमगसरिसा नवरं ठिती कालादेसं च जाणेज्जा, एवं जाव थणियकुमाराणं, जइ वाणमंतरेहिंतो उववजति कि पिसायवाणमंतरजावगंधव्ववाणमंतर०, गोयमा ! पिसायवाणमंतरजावगंधव्ववाणमंतर०, वाणमंतरदेवे णं भंते! जे भविए पुढबीकाइए० एतेसिपि असुरकुमारगमगसरिसा नव गमगा माणि०, नवरं ठिति कालादेसं च जाणेजा, ठिती जहन्ने० दसवाससह० उक्कोसेणं पलिओवमं सेसं तहेव, जइ जोइसियदेवेहिंतो उवव० किं चंदविमाणजोतिसियदेवहिंतो उक्व० जाव ताराविमाणजोइसिय०?, गोयमा! चंदविमाण जाव ताराविमाण०, जोइसियदेवे णं भंते ! जे भविए पुढविकाइए० लदी जहा असुरकुमाराणं णवरं एगा तेउलेस्सा तिन्नि णाणा तिन्नि अन्नाणा नियमं ठिती जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवम उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समभहियं एवं अणुबंधोऽवि, कालादे०जह अट्ठभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तमभहियं उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्सेणं बावीसाए वाससहस्सेहिं अभहियं एवतिय०, एवं सेसावि अट्ठ गमगा भाणियव्या नवरं ठितिं कालादेसं च जाणेजा, जइ वेमाणियदेवेहिंतो उवव० किं कप्पोवगवेमाणिय कप्पातीयवेमाणिय०१, गोयमा! कप्पोवगवेमाणिय० णो कप्पातीतवेमाणिय०, जइ कप्पोवगवेमाणिय० किं सोहम्मकप्पोवगवेमाणिय जाव अचुयकप्पोवगवेमा ?, गोयमा! सोहम्मकप्पोवगवेमाणिय० ईसाणकप्पोवगवेमाणिय० णो सर्णकुमार जाव णो अचुयकप्पोवगवेमाणिय०, सोहम्मदेवे णे भंते ! जे भविए पुढवीकाइपसु उवचने णं भंते ! केवतिया एवं जहा जोइसियस्स गमगा णवरं ठिती अणुबंधो य जहन्नेणं पलिओवर्म उक्कोसेणं दो सागरोवमाई कालादे० जह, पलिओवमं अंतोमुहुत्तमभहियं उस्कोसेणं दो सागरोवमाई बावीसाए वाससहस्सेहिं अच्भहियाई एवतियं कालं०, एवं सेसावि अट्ठ गमगा भाणियव्वा, णवरं ठिति कालादेसं च जाणेज्जा, ईसाणदेवे णं भंते! जे भविए एवं ईसाणदेवेणवि णव गमगा भाणि०, नवरं ठिती अणुबंधो जहन्नेणं सातिरेगं पलिओवर्म उक्कोसेणं सातिरेगाई दो सागरोक्माई सेसं तं चेव । सेवं भंते!२ जाब विहरति । ७०४॥ शक २४ उ०१२॥ आउकाइया णं भंते ! कओहिंतो उबप० एवं जहेव पुढविक्काइयउद्देसए जाव पुढविक्काइए णं भंते ! जे भविए आउक्काइएसु उबवज्जित्तए से णं भंते! केवति?.(८९) ३५६ श्रीभगवत्यंग - सन-२४ मुनि दीपरत्नसागर Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 151 दिट्ठी णो सम्मामिच्छादिट्ठी दो अभाणा नियमं णो मणजोगी णो वथजोगी कायजोगी ठिती जहन्नेणं अंतोमुद्दत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं अज्झवसाणा अपसत्या अणुबंधो जहा ठिती संवेहो तब आदिसु दोसु गमएस तइयगमए भवादेसो तहेब अट्ठ भवग्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुडुत्तमम्भहियाई उकोसेणं अट्ठासीती वास सहस्साइं चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई, सो चेव अप्पणा उकोसकालद्वितीओ जाओ एयस्सवि ओहियगमगसरिसा तिथि गमगा भाणियव्या नवरं तिसुवि गमएस ठिती जहन्नेणं वारस संवच्छराई उक्कोसेणवि वारस संवच्छराई, एवं अणुबंधोऽवि भवादे० जह० दो भवम्गहणाई उकोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई, कालादे० उवजुंजिऊण भाणियव्वं जाव णवमे गमए जहन्नेणं बाबीसं वाससहस्साइं बारसहिं संवच्छरेहिं अम्महि० उफोसेणं अट्ठासीवी वाससहस्साई अडयालीसाए संवच्छरेहिं अम्भहियाई एवतियं०, जइ तेईदिएहिंतो उववज्जइ एवं चैव नव गमगा भाणियव्या नवरं आदिले तिसुवि गमएस सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागो उक्कोसेणं तिन्नि गाउयाई तिन्नि इंदियाई ठिती जहन्नेणं अंतोमुडुतं उकोसेणं एगूणपन्नं राइंदियाई, तइयगमए कालादेसेणं जहन्नेणं बावीसं बाससहस्साई अंतोमुडुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं अट्ठासीती वाससहस्साई छन्नउइराइदियसयमम्भहियाई एवतियं०, मज्झिमा तिन्नि गमगा तहेव, पच्छिमावि तिन्नि गमगा तहेब नवरं ठिती जहन्नेणं एकूणपन्नं राईदियाई उकोसेणवि एगूणपन्नं राइंदियाई संवेहो उवजुंजिऊण भाणियब्वो, जइ चउरिदिएहिंतो उववजह० एवं चेव चउरिंदियाणवि नव गमगा भाणियध्वा नवरं एतेसु चेव ठाणेसु नाणत्ता भाणियच्या सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागो उकोसेण चत्तारि गाउयाई ठिती जहनेणं अंतोमुडुत्तं उक्कोसेण य छम्मासा एवं अणुबंधोऽवि चत्तारि इंदियाई सेसं तहेव जाव नवमगमए कालादेसेणं जह० बाबीसं बाससहस्साइं छहिं मासेहिं अम्महियाई उक्कोसेणं अट्ठासीती वाससहस्साई चडवीसाए मासेहिं अम्महियाई एवतियं०, जइ पंचिदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उवव किं सन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति असक्षिपंचिदियति ०१, गोयमा ! सन्निपंचिंदिय० असन्निपंचिंदिय०, जइ असन्निपंचिंदिय० किं जलयरेहिंतो उ० जाव किं पज्जत्तएहिंतो उववजंति अपजत्तएहिंतो उब ०१, गोयमा ! पज्जत्तएहिंतोऽवि उवच अपजत्तएहिंतोऽवि उवब०, असन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! जे भविए पढविकाइएस उववज्जित्तए से णं भंते! केवति० १, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुद्दत्तं उकोसेणं बावीस वाससह० ते णं भंते! जीवा एवं जहेब बेइंदियस्स ओहियगमए लदी तहेव नवरं सरीरोगाहणा जह० अंगुलस्स असंखेजइभागो उक्को० जोयणसह • पंचिंदिया ठिती अणुवं० जह० अंतोमु० उको पुण्यकोडी सेसं तं चेव, भवादे० जह० दो भवग्गहणाई उक्को० अट्ट भवग्गहणाई, कालादेसेणं जह० दो अंतोमुहत्ता उक्को० चत्तारि पुचकोडीओ अट्ठासीतीए वाससहस्सेहिं अम्महियाओ एवतियं०, णवसुवि गमएस कायसंवेहो भवादे० जहन्नेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ट भवग्गहणाई कालादे० 'उवजुजिऊण भाणियव्वं, नवरं मज्झिमएस तिसु गमएस जहेव वेइंदियस्स मज्झिएस तिस गमएस, पच्छिलएस तिसु गमएस जहा एतस्स चेव पढमगमएस, नवरं ठिती अणुबंधो जहन्नेणं पुष्वकोडी उफोसेणवि पुब्वकोडी, सेसं तं चैव जाब नवमगमए जह० पुब्बकोडी बाबीसाए बाससहस्सेहिं अम्महिया उकोसेणं चत्तारि पुब्वकोडीओ अट्ठासीतीए वाससहस्सेहिं अमहियाओ एवतियं कालं सेविजा०, जइ सक्षिपंचिदियतिरिक्खजोगिए० किं संखेज्जवासाउय० असंखेज्जवासाउय ०१, गोयमा संखेज्जवासाउय० णो असंखेजवासाउय० १, जइ संखेजवासाउय किं जलयरेहिंतो सेसं जहा असन्नीणं जाव ते णं भंते! जीवा एगसमएणं केवतिया उववजंति ? एवं जहा रयणप्पभाए उववज्रमाणस्स सन्निस्स तहेव इहवि, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्त असंखेजइभागो उक्कोसेणं जोयणसहस्सं सेसं तहेव जाव कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता उकोसेणं चत्तारि पुष्कोडीओ अट्ठासीतीए वाससहस्सेहिं अम्महियाओ एवतियं०, एवं संवेहो णवसुचि गमएस जहा असक्षीणं तहेब निरवसेसं लदी से आदितएस तिस्रुवि गमएस एस चैव मज्झिएस तिसुवि गमएस एस चैव नवरं इमाइं नव णाणत्ताई ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजति० उको० अंगु० असंखे० तिथि लेस्साओ मिच्छादिट्टी दो अन्नाणा कायजोगी तिन्नि समुग्धाया ठिती जहनेणं अंतोमुद्दत्तं उको अंतोमु० अप्पसत्था अज्झवसाणा अणुबंधो जहा ठिती सेसं तं चैव पच्छिलए तिसुवि गमएस जहेब पढमगमए गवरं ठिती अणुबंधो जहन्नेणं पुष्वकोडी उकोसेणवि पुष्कोडी सेसं तं चेव । ७०३। जइ मणुस्सेहिंतो उवच० किं सन्नीमणुस्सेहिंतो उवव० असन्नीमणुस्से ०१, गोयमा ! सन्नीमणुस्सेहिंतो असन्नीमणुस्सेहितोऽवि उवब०, असन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए पुढवीकाइएस० से णं भंते! केवतिकाल एवं जहा असन्नीपंचिंदियतिरिक्खस्स जहन्नकालठितीयस्स तिन्नि गमगा तहा एयस्सवि ओहिया तिथि गमगा भाणि तव निरवसेसं, सेसा छ न भण्णंति, जइ सन्निमणुस्सेहिंतो उवव० किं संखेजवासाउय० असंखेजवासाउय० ?, गोयमा संखेज्जवासाउय० णो असंखेज्जवासाज्य०, जइ संखेजवासाउय० किं पजत्त० अपजत ०१, गोयमा ! पज्जत्तसंखे अपजत्तसंखेज्जवासा०, सन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए पुढवीकाइएस उबव० से णं भंते! केवतिकाल ०? गोयमा ! ३५५ श्रीभगवत्यं सतर मुनि दीपरत्नसागर Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1 गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुः उक्कोसेणं सत्तवाससहस्सट्टिइएस उववज्जेज्जा एवं पुढविक्काइयउद्देसगसरिसो भाणियच्वो णवरं ठितिं संवेहं च जाणेज्जा, सेसं तहेव सेवं भंते २त्ति ! । ७०५ ॥ श० २४ उ०१३ ॥ तेउक्काइया णं भंते! कओहिंतो उववजंति एवं पुढविक्काइयउद्देसगसरिसो उद्देसो भाणियब्वो नवरं ठितिं संवेहं च जाणेज्जा, देवेहिंतो ण उवव०. सेसं नं चेव। सेवं भंते! २ जाव विहरति । ७०६ ॥ श० २४ उ० १४ ॥ वाउक्काइया णं भंते! कओहिंतो उवय० एवं जहेव उक्काइयउद्देसओ तहेव नवरं ठितिं संवेहं च जाणेज्जा। सेवं भंते! २त्ति । ७०७ ॥ श० २४उ०१५ ॥ वणस्सइकाइया णं भंते! कओहिंतो उववज्जंति ?, एवं पुढवीकाइयसरिसो उद्देसो नवरं जाहे वणस्सइकाइओ वणस्सइकाइएस उववजति ताहे पढ़मचितियच उत्थपंचमेसु गमएस परिमाणं अणुसमयं अविरहियं अनंता उपव० भवादे० जह० दो भवग्गह उक्को० अनंताई भवरगहणाई कालादे० जह० दो अंतोम् उक्कोसेणं अनंत कालं एवतियं०, सेसा पंच गमा अभवराहणिया तहेव नवरं ठितिं संवेहं च जाणेज्जा। सेवं भंतेः २त्ति । ७०८ ॥ श० २४ उ० १६ ॥ बेंदिया णं भंते! कओहितो उववांतिः जाव पुढवीकाइए णं भंते! जे भविए बंदिएमु उववजित्तए से णं भंते! केवति० सच्चैव पुढवीकाइयस्स लदी जाव कालादेसेणं जहनेणं दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं संखेज्जाई भवग्गहणाई एवतियं०, एवं तेसु चैव चउसु गमएस संवेहो, सेसेसु पंचसु तहेव अट्ठ भवा, एवं जाव चउरिदिएणं समं चउसु संखेज्जा भवा पंचसु अट्ठ भवा, पंचिदियतिरिक्खजोणियमणुस्सेसु समं तहेव अट्ठ भवा, देवो न चेव उववज्जति, ठिति संवेहं च जाणेजा। सेवं भंते! २ । ७०९ ॥ श०२४ उ० १७ ॥ तेइंदिया णं भंते! कओहिंतो उबव ० १, एवं तेइंदियाणं जहेब बेइंदियउद्देसो नवरं ठितिं संदेहं च जाणेज्जा, वेडक्काइएस समं ततियगमो उक्को० अदुत्तराई वेराइदियसयाई बेइदिएहिं समं ततियगमे उक्कोसेणं अडयालीसं संबच्छराई छन्नउयराइंद्रियसतमब्भहियाई तेईदिएहिं समं ततियगमे उक्को० बाणउयाइं तिनि राईदियसयाई एवं सव्वत्थ जाणेज्जा जाव सन्निमणुस्सत्ति सेवं भंते! २त्ति । ७१० ॥ श० २४३० १८ ॥ चउरिंदिया भंते! कजहिंतो उवव० जहा तेइंदियाणं उद्देसओ तहा चउरिंदियाणवि नवरं ठितिं संवेहं च जाणेज्जा। सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति । ७११ ॥ श० २४ उ० १९ ॥ पंचिदियतिरिक्खजोणिया णं भंते! कओहिंतो उववजंति ? किं नेरइय० तिरिक्ख० मणुस्स० देवेहिंतो उबव०१, गोयमा नेरइए हिंतोऽवि उवब० तिरिक्खः मणुस्सेहितोऽवि देवेर्हितोऽवि उव०. जइ नेरइएहिंतो उव० किं स्यणप्पभापुढवीनेरइएहिंतो उव० जाव अहेसत्तमपुढवीनेरइएहिंतो उवव० ?, गोयमा ! रयणप्पभापुढवीनेरइएहिंतो उवव जाव आहेसत्तमपुढवीनेरइएहिंतो. स्यणप्पभापुढवीनेरइए णं भंते! जे भविए पंचिंदियतिरिक्खजोगिएसु उच्च० से णं भंते! केवइकालठितिएसु उवयः ?, गोयमा ! जहनेणं अंतोमहत्तद्वितीएस उक्कोसेणं पुच्चकोडिआउए उबव०, , ते णं भंते! जीवा एगसमएणं केवइया उवब०१, एवं जहा असुरकुमाराणं वक्तव्वया नवरं संघयणे पोग्गला अणिट्ठा अकंता जाव परिणमंति, ओगाहणा दुविद्या पं० तंत्र-भवधारणिजा उत्तरवेउब्विया य, तत्थ णं जा सा भवधरणिज्जा सा जह० अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं सत्त धणूई तिन्नि रयणीओ छचंगुलाई, तत्थ णं जा सा उत्तरवेउब्विया सा जह श्रेण अंगुलस्स संखेज्जइभागं उको पक्षरस धणूई अड्ढाइजाओ रयणीओ, तेसिं णं भंते! जीवाणं सरीरमा किसठिया पं०१, गोयमा दुविहा पं० तं० भवधारणि० उत्तरवेउब्विया य. तत्थ णं जे ते भव० ते इंडसंठिया पं०, तत्थ णं जे ते उत्तरवेउब्विया तेऽवि हुंडसंठिता पं०, एगा काउलेस्सा पं०, समुग्धाया चत्तारि णो इत्थि० णो पुरिसवेदगा णपुंसगवेदगा, निती जहनेणं दसवाससहस्साइं उक्कोसेणं सागरोवमं एवं अणुबंधोऽवि, सेसं तहेव, भवादेसेणं जह० दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अटु भवग्गहणाई कालादे० जहणं दसवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चउहिं पुव्वकोडीहिं अमहियाई एवतियं०, सो चेव जहन्नकालठितीएस उबवन्त्रो जहन्त्रेणं अंतोमुडुत्तठितीएस उबवलेला उक्कोनेणवि अंतोमुहुत्तठितीएसु अवसेसं तद्देव, नवरं कालादेसेणं जहनेणं तहेव उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अमहियाई एवतियं कालं, एवं सेसावि सत्त गमगा भाणियव्वा जहेव नेरइयउद्देसए सन्निपंचिदिएहिं समं णेरइयाणं मज्झिमएस यतिसुवि गमएस, पच्छिमएस तिसुवि गमएस ठितिणाणत्तं भवति, सेसं तं चैव सव्वत्थ ठितिं संदेहं च जाणिजा, सकरप्पभापुढवीनेरइए णं भंते! जे भविए एवं जहा रयणप्पभाए णव गमगा तहेव सकरप्पभाएऽवि, नवरं सरीरोगाहणा जहा ओगाहणासठाणे तिन्नि णाणा तिन्नि अन्नाणा नियमं ठिती अणुबंधा पुव्वभणिया, एवं णववि गमगा उवजुजिऊण भाणियव्वा, एवं जाव छट्ठपुढवी. नवरं ओगाहणा लेस्सा ठिती अणुबंधो संवेहो य जाणियब्बा अहेसत्तमपुढबीनेरइए णं भंते! जे भविए एवं चेव णव गमगा णवरं ओगाहणालेस्साठितिअणुबंधा जाणियच्या, संवेहो भवादेसेणं दो भवग्गहणाई उकोसेणं छ भवग्गहणाई कालादेसेणं जह बावीसं सागरोबमाई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं छावद्धिं सागरोवमाइं तीहिं पुव्वकोडीहिं अमहियाई एवतियं०, आदिए छवि गमएस जद्दन्नेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेण छ भवग्गहणाई पच्छिलएसु तिसु गमएस जहमेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं चत्तारि भवग्गहणाई, लदी नवसुवि गमएस जहा पढमगमए नवरं ठितीविसेसा कालादेसो य विनि३५७ श्रीभगवत्यं सत-२४ मुनि दीपरत्नसागर Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यगमएस जहन्नेणं बाबीसं सागरोवमाई अंतोमुडुत्तेमन्भहियाई उकोसेणं छावहिं सागरोबमाई तीहिं अंतोमुहुत्तेहिमन्महियाई एवतियं कालं० तइयगमए जहन्नेणं बाबीसं सागरोचमा पुव्वकोडीए अम्भहियाई उक्कोसेणं छावद्धिं सागरोवमाई वीहिं पुञ्चकोडीहिं अन्महियाई चउत्थगमे जहन्नेणं चावीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं छावडिं सागरोवमा तीहिं पुष्कोडीहिं अम्महियाई पंचमगमए जहणं बावीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं छावडिं सागरोवमाई तीहि अंतोमुहुत्तेहिं जन्महियाई छहगमए जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाई पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई उक्कोसेणं छावद्धिं सागरोवमाई तीहिं पुब्वकोडीहिं अमहियाई सत्तमगमए जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमहुत्तमब्भहियाई उक्कोसेणं छावहिं सागरोवमाई दोहिं पुव्वकोडीहिं अमहियाई अट्टमगमए जह० तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुडुत्तमब्भहियाई उक्कोसेणं छावहिं सागरोवमाई दोहिं अंतोमुडुत्तेहिं अमहियाई णवमगमए जहन्त्रेण तेत्तीस सागरोवमाई पुञ्चकोडीहिं अच्भहियाई उक्कोसेणं छावद्धिं सागरोत्रमाई दोहिं पुष्वकोडीहिं अमहियाई एवतियं, जइ तिरिक्खजोणिएहिंतो उवव० किं एगिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो एवं उबवाओ जहा पुढवीकाइयउद्देसए जाव पुढवीकाइए णं भंते! जे भविए पंचिंदियतिरिक्खजो० उवव० से णं भंते! केवति०] १, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुडुत्तठितिएस उक्कोसेणं पुब्वकोडीआउएस उवव०, ते णं भंते! जीवा एवं परिमाणादीया अणुबंधपज्जवसाणा, जच्चेव अप्पणो सद्वाणे वत्तव्वया सच्चेव पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसुवि उववजमाणस्स भाणियव्वा णवरं णवसुवि गमएस परिमाणे जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखे असंखे० वा उववज्जंति, भवादेसे - णवि णवसुवि गमएस जहनेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ट भवग्गहणाई, सेसं तं चैव कालादेसेणं उभओठितीए करेजा, जइ आउकाइएहिंतो उववज्जइ एवं आउक्काइयाणवि, एवं जाब चउरिंदिया उबवाएयव्वा, नवरं सव्वत्थ अप्पणो ल्दी भाणियव्वा णवसुबि गमएस भवादेसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई कालादेसेणं उभओ ठिति करेजा सव्वेसिं सव्वगमएस, जहेब पुढवीकाइएस उबवज्जमाणाणं लदी तहेव सम्वत्थ ठितिं संवेहं च जाणेजा, जइ पंचिदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति किं सन्निपंचिदियतिरिक्खजोणि० उपव० असन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणि० उवव०१, गोयमा ! सन्निपंचिदियअसन्निपंचिंदियमेओ जहेव पुढवीकाइएस उववजमाणस्स जाव असन्निपंचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिएस उवव० से णं भंते! केवतिकाल० १, गोयमा जहन्नेणं अंतोमुहुत्त उक्कोसेणं पलिओ मस्स असंखेज्जइभागठितीएस, ते णं भंते! अवसेसं जहेब पुढवीकाइएस उववजमाणस्स असन्निस्स तहेव निरवसेसं जाव भवादेसोत्ति, कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं पलिओ मस्स असंखेज्जइभागं पुव्वकोडिपुडुत्तमब्भहियं एवतियं०, बितियगमए एस चैव लद्धी नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अमहियाओ एवतियं०, सो चेव उक्कोसकालठितीएस उववन्नो जहन्नेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागट्टिइएस उक्को० पलिओ मस्स असंखेजइभागठितीएस उबव०, ते णं भंते! जीवा एवं जहा रयणप्पभाए उववजमाणस्स असन्निस्स तहेब निरवसेसं जाच कालादेसोत्ति, नवरं परिमाणे जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्को० संखे० उबब०, सेसं तं चेव, सो चेच अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ जहन्नेणं अंतोमुडुत्तठितीएस उक्कोसेणं पुण्वकोडिआउएस उबव०, ते णं भंते! अवसेसं जहा एयस्स पुढवीकाइएस उववजमाणस्स मज्झिमेसु तिमु गमएस तहा इहवि मज्झिमेसु तिसु गमएस जाव अणुबंधो भवादे० जहन्नेणं दो भवग्गह उक्को० अट्ठ भवग्गहणाई, कालादेसेणं जह० दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं चत्तारि पुष्वकोडीओ चउहिं अंतोमुडुत्तेहिं अम्महियाओ, सो चेव जहन्नकालद्वितीएस उववन्नो एस चैव वत्तब्वया नवरं कालादेसेणं जह० दो अंतोमुहुत्ता उकोसेणं अड अंतोमु० एवतियं०, सो चैव उक्कोसकालद्वितिएसु उवव० जह० • पुव्वकोडीआरएस उक्कोसेणवि पुब्बकोडी आउएस उवव एस चैव वत्तच्वया नवरं कालादे० जाणेज्जा, सो चेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीओ जाओ सच्चेव पढमगमगवत्तब्वया नवरं ठिती जह० पुब्वकोडी उक्कोसेणं पुण्वकोडी सेसं तं चेव, कालादेसेणं जह० पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तमम्भहिया उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पुव्वकोडिपुडुत्तमच्महियं एवतियं०, सो चेव जहन्नकालठितीएस उववन्नो एस चैव वत्तब्वया जहा सत्तमगमे नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तमम्भहिया उक्को० चत्तारि पुव्वकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अम्महियाओ एवतियं०, सो चेव उक्कोसकालठितीएस उववन्नो जहन्नेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणवि पलिओचमस्स असंखेज्जइभागं जहा रयणप्पभाए उववज्यमाणस्स असन्निस्स नवमगमए तहेब निरवसेसं जाव कालादेसोत्ति, नवरं परिमाणं जहा एयस्सेव ततियगमे सेसं तं चेव, जइ सन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उबव० किं संखेजवासा० असं० ?, गोयमा ! संखेज्ज० णो असंखेज, जइ संखेज्ज जाव किं पज्जत्तसंखेज : अपजत्तसंखेज ?, दोसुवि, संखेज्जवासाउयसन्निपंचिदियतिरिक्खजो जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिएस उववज्जित्तए से णं भंते! केवति० १, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्त उक्कोसेणं तिपलिओवमठितीएस उपव०, ते णं भंते! ३५८ श्रीभगवत्थंगं सात २४ मुनि दीपरत्नसागर Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अवसेसं जहा एयस्स चेव सन्निस्स रयणप्पभाए उबवज्जमाणस्स पढमगमए नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागो उकोसेणं जोयणसहस्सं, सेसं तं चेव जाव भवादे. सोत्ति, कालादेसेणं जहनेणं दो अंतोमुहुत्ता उक्कोसेणं तिमि पलिओबमाई पुव्वकोडीपुहुत्तमभहियाई एवतियं०, सो चेव जहन्नकालठितीएसु उववनो एस चेव वत्तव्वया नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमु० उक्को० चत्तारि पुष्वकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाओ, सो चेव उक्कोसकालठितीएसु जह० तिपलिओवमठितीएसु उववन्नो उक्कोसेणवि तिपलिओवमठितीएमु उवव०, एस चेव वत्तब्बया नवरं परिमाणं जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिमि वा उक्कोसेणं संखेजा उवव०, ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखे० उक्कोसेणं जोयणसहस्सं सेसे तं चेव जाव अणुबंधोत्ति, भवादेसेणं दो भवम्गहणाई कालादेसेणं जहन्नेणं तिन्नि पलिओवमाई अंतोमुहुनमभहियाई उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुवकोडीए अभहियाई, सो चेव अप्पणा जहन्नकालठितीओ जातो जह० अंतोमुहुत्त उक्कोसेणं पुखकोडीआउएसु उवव० लदी से जहा एयस्स चेव सन्निपंचिंदियस्स पुढविक्काइएमु उववजमाणस्स मज्झिलएस तिसु गमएसु सञ्चेव इहवि मज्झिमेसु तिसु गमएसु कायव्वा, संवेहो जहेव एत्थ चेव असन्निस्स मज्झिमेसु तिसु गमएसु, सो चेव अप्पणा उक्कोसकालठितीओ जाओ जहा पढमगमओ णवरं ठिती अणुचंघो जहन्नेणं पुब्बकोडी उक्कोसेणवि पुब्बकोडी कालादेसेणं जहन्नेणं पुब्बकोडी अंतोमुत्तमम्भहिया उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुवकोडीपुहुत्तमभहियाई, सो चेव जहनकालठितिएसु उव० एस चेव वत्तव्बया कालादेसेणं जहन्नेणं पुब्बकोडी अंतोमुहुत्तमम्भहिया उक्कोसेणं चत्तारि पुब्बकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाओ, सो चेव उक्कोसकालठितिएम उववन्नो जहन्नेणं तिपलिओवमठिती उक्कोसेण तिपलिओवमठिती अवसेसं तं चेव नवरं परिमाणं ओगाहणा य जहा एयस्सेव तइयगमए, भवादेसेणं दो भवम्गहणाई कालादे०जह तिन्नि पलिओचमाई पुव्वकोडीए अम्भहियाई उक्कोसेण तिन्नि पलिओचमाई पुब्बकोडीए अभहियाई एवतियं, जइ मणुस्सेहिंतो उववजति किं सन्निमणु० असन्त्रिमणु०?, गोयमा ! सन्निमणु० असन्निमणु०, असन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए पंचिंदियतिरिक्ख० उवव० से णं भंते ! केवतिकाल०१, गोयमा! जह० अंतोमु० उक्को पुब्बकोडीआउएसु उववज्जति लदी से तिसुवि गमएसु जहा पुढवीकाइएस उववजमाणस्स संवेहो जहा एत्थ चेव असन्निपंचिंदियस्स मज्झिनेसु तिसु तहेव निरवसेसो भाणियब्बो, जइ सन्निमणुस्स० किं संखेजवासाउयसन्निमणुस्स० असंखेज्जवासाउय?, गोयमा! संखेज्जवासा नो असंखे०, जइ संखेजः किं पज्जत्त० अपजत्त०?, गोयमा! पजत्त० अपजत्तसंखेजवासाउय, सन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए पंचिंदियतिरिकख० उवव० से णं भंते ! केयति 2. गोयमा! जह• अंतोमु उकको तिपलि. 18 ओबमठितीएसु उव०, ते णं भंते !० लदी से जहा एयरसेव सन्निमणुस्सस्स पुढवीकाइएसु उववजमाणस्स पढमगमए जाव भवादेसोत्ति, कालादे०जह दो अंतोमु० उक्को तिन्नि पलि० पुवकोडिपुहुत्तमम्भहियाई, सो चेव जहन्नकालठितीएम उववन्नो एस चेव वत्तव्वया णवरं कालादे० जह० दो अंतोमु० उकोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ चउहिं अंतोमुत्तेहिं अम्भहियाओ, सो चेव उक्कोसकालठितीएसु उपय० जहन्नेणं तिपलिओवमहिइएसु उक्कोसेणवि तिपलिओवमट्टिइएसु सन्चेव पनव्वया नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलपहत्तं उकोसेणं पंचधणुसयाई, ठिती जहन्नेणं मासपहुत्तं उकोसेणं पुच्चकोडी एवं अणबंधोऽवि. भवादेसेणं दोभवम्गहणाई कालादे०जह तिन्नि पालोच पुच्चकोडी एवं अणुबंधोऽचि, भवादेसणं दो भवम्गहणाई कालादे०जह तिन्नि पलिओवमाई मासपहत्तमभहि० उकोसेणं तिथि पलिओवमाई पुञ्चकोडीए अब्भहियाइं एवतियं, सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठिइओ जाओ जहा सन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववजमाणस्स मज्झिमेसु तिसु गमएसु बत्तव्वया भणिया एस चेव एयस्सवि मज्झिमेसु तिसु गमएसु निरवसेसा भाणियब्बा, नवरं परिमाणं उको संखेजा उवव० सेसं तं चेव, सो चेव अप्पण, उक्को. सकालठितीओ जातो सचेव पढमगमगवत्तव्वया नवरं ओगाहणा जह० पंचधणुसयाई उक्को पंचधणुसयाई, ठिती अणुबंधो जह० पुब्बको उक्को पुब्बकोडी सेसं तहेब जाव भवादेसोत्ति, कालादे०जह पुवको० अंतोमुत्तमम्भ० उको तिन्नि पलिओवमाई पुवकोडिपुहुत्तमम्भहियाई एवतियं०, सो चेव जहन्नकालठितीएसु उववन्नो एस चेव वत्तब्वया नवरं कालादेजह पुवकोडी अंतोमुत्तमम्भहिया उकोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहऽभहियाओ, सो चेव उक्कोसकालठितिएम उववन्नोजह तिन्नि पलिओवमाई उक्कोसेणवि तिन्नि पलिओवमाई एस चेव लदी जहेव सत्तमगमे भवादे दो भवग्गहणाई कालादेसेणं जहनेणं तिमि पलिओषमाइं पुष्यकोडीए अभहियाई उक्कोसेणवि तिन्नि | पलि० पुवकोडीए अब्भहियाई एवतियं०, जइ देवेहिंतो उवव० किं भवणवासिदेवेहिंतो उवव० वाणमंतर जोइसिय० वेमाणियदेवे०?, गोयमा! भवणवासिदेवे जाव वेमाणियदेवे०, जह भवणवासि० किं असुरकुमारभवण जाव थणियकुमारभव०१, गोयमा असुरकुमार जाव थणियकुमारभवण, अमुरकुमारे भंते ! जे भविए पंचिंदियतिरिक्खजोणिएस उवव. जित्तए से णं भंते ! केवति०१, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तठितीएसु उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएसु उवव०, असुरकुमारा णं लदी णवसुवि गमएसु जहा पुढविक्काइएस उववजमाणस्स ३५९ श्रीभगवत्यंग-सतरा मुनि दीपरत्नसागर Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एवं जाव ईसाणदेवस्स तहेव लद्धी, भवादेसेणं सव्वत्थ अट्ट भवग्गहणाई उक्को० जह० दोनि, भवट्टितिं संदेहं च सव्वत्थ जाणेज्जा, नागकुमारे णं जे भविए एस चैव बत्तव्वया नवरं ठितिं संवेधं च जाणेज्जा एवं जाव थणियकुमारा, जइ वाणमंतरे किं पिसाय० तहेव जाव वाणमंतरे णं भंते! जे भविए पंचिंदियतिरिक्ख एवं चैव नवरं ठितिं संवेहं च जाणेज्जा, जइ जोतिसियः उबवाओ तब जाब जोतिसिए णं भंते! जे भविए पंचिंदियतिरिक्स ० एस चैव वक्त्तव्वया जहा पुढविकाइयउद्देसए भवग्गहणाई णवसुदि गमएस अट्ट जाव कालादे० जहन्नेणं अट्टभागपलिओवमं अंतोमुडुत्तमम्भहियं उक्कोसेणं चत्तारि पलिओयमाई चउहिं पुष्वकोडीहिं चउहि य वाससयसहस्सेहिं अम्भहियाई एरतियं०, एवं नवसुवि गमएस नवरं ठितिं संवेहं च जाणेज्जा, जइ बेमाणियदेवे० किं कप्पोवग० कप्पातीतवेमाणिय०१, गोयमा ! कप्पोवगवेमाणियः नो कप्पातीतवेमा०, जइ कप्पोवगः जाव सहस्सारकप्पोवगवेमाणियदेवेहिंतोऽचि उचव नो आणय जाव णो अनुयकप्पोवगवेमा०, सोहम्मदेवे णं भंते! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोगिएसु उववजित्तए से णं भंते! केवति० ? गोयमा जह० • अंतोम ० उको पुव्वकोडीआरएस सेसं जहेब पुढविकाइयउद्देसए नवसुचि गमएस नवरं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई उकोसेणं अट्ट भवग्गहणाई ठितिं कालादेसं च जाणिजा एवं ईसाणदेवेऽवि एवं एएणं कमेणं अवसेसावि जाब सहस्सारदेवेसु उक्वाएयव्वा नवरं ओगाहणा जहा ओगाहणासंठाणे, लेस्सा सणकुमारमाहिंदबंभलोएस एगा पहलेस्सा सेसाणं एगा सुकलेस्सा, वेदे नो इत्थिवेदगा पुरिसवेदगा णो नपुंसगवेदगा, आउअणुबंधा जहा ठितिपदे सेसं जहेब ईसाणगाणं कायसंवेहं च जाणेज्जा। सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति । ७१२ ॥ श० २४ उ० २० ॥ मणुस्सा णं भंते! कओहिंतो उवव० किं नेरइएहिंतो उवव० जाव देवेहिंतो उवव० १, गोयमा ! शेरइएहिंतोऽवि उवच० जाव देवहितोऽवि उव०, एवं उवत्राओं जहा पंचिंद्रियतिरिक्खजोणिउद्देस जाव तमापुढवीनेरइएहितोऽवि उववजंति णो आहेसत्तमपुढवीनेरइएहिंतो उवव०, ०. रयणप्पभापुढवीनेरइए णं भंते! जे भविए मणुस्सेसु उदय से णं भंते! केवतिकाल ०१, गोयमा जह मासपुहुत्तठितीएस उक्कोसेणं पुचकोडी आउएस अबसेसा वक्तव्वया जहा पंचिदियतिरिक्खजो उववजंतस्स तहेब नवरं परिमाणे जह० एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जंति, जहा तर्हि अंतोमुहुत्तेहिं तहा इहं मासपुहुत्तेहिं संवेहं करेजा, सेसं तं चेव, जहा रयणप्पभाए बत्तव्वया तहा सकरप्पभाएऽवि वत्तब्वया नवरं जहणं वासपुहुत्तडिइएस उक्कोसेणं पुव्वकोडी, ओगाहणालेस्साणाणठितिअणुबंधसंवेहणाणत्तं च जाणेजा जहेव तिरिक्खजोणिय उद्देसए एवं जाव तमापुढबीनेरइए, जइ तिरिक्खजाणिएहिंतो उबवनंति किं एगिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उवव० जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उबवः ?, गोयमा ! एगिंदियतिरिकखजोणिए भेदो जहां पंचिदियतिरिकुखजोणिउद्देसए नवरं तेउबाऊ पंडिसेहेयव्या, सेसं तं चैव जाब पुढविकाइए णं भंते! जे भविए मणुस्सेसु उववजित्तए से णं भंते! केवति० ?, गोयमा ! जहन्नेणं अंतमहत्तठितिएस उक्कोणं पुब्बकोडी आउएस उबव, ते णं भंते! जीवा एवं जच्चेव पंचिदियतिरिक्खजोणिएस उववजमाणस्स पुढवीकाइयस्स वत्तव्वया सा चेव इहवि उबवजमाणस्स भाणियव्वा णवसुवि गमएस, नवरं ततियछट्टणमेस गमएस परिमाणं जहन्नेणं एको वा द्रो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखज्जा उव०, जाहे अप्पणा जहन्नकालठितिओ भवति ताहे पढमगमए अज्झमाणा पसत्थावि अप्पसत्थावि चितियगमए अप्पसत्था ततियगमए पसत्था भवंति सेसं तं चेत्र निरवसेस, जइ आउकाइए० एवं आउकाइयाणवि एवं वणस्सइकाइयाणवि जाब चउरिंदि - याणवि असन्निपंचिदियतिरिक्ख जोणियसन्निपंचिदियतिरिक्खजोणिय असन्निमणुस्ससन्निमणुस्साण य एते सव्वेऽवि जहा पंचिंदियतिरिक्खजोणिय उद्देसए तहेच भाणियच्या. नवरं एयाणि चैव परिमाणअज्झवसाणणाणत्ताणि जाणिज्जा पुढवीकाइयस्स एत्थ चेव उद्देसए भणियाण सेसं तहेव निरवसेसं, जइ देवेहिंतो उवव किं भवणवासिदेवेहिंतो उच्च वाणमंतर जोइसिय० वैमाणियदेवहितो उवव० १. गोयमा भवणवासि जाव बेमाणिय०, जइ भवणः किं असुर जाव थणिय० ?, गोयमा असुर जाव थणिय०. असुरकुमारे णं भंते! जे भत्रिए मणुस्सेस् उबव से णं भंते! केवति ?, गोयमा ! जह० मासपुडुत्तठितीएस उक्कोसेणं पुण्यकोडिआउएस उबव० एवं जचैव पंचिदियतिरिकखजोणिउडेसए बत्तव्वया सच्चैव एत्थवि भाणियव्या, नवरं जहा तहिं जहन्नगं अंतोमुडुत्तठितीएस तहा इहं मासपुत्तट्टिईएस परिमाणं जहन्नेणं एको या दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्रंति, सेसं तं चेव, एवं जाव ईसाणदेयोत्ति, एयाणि चेव णाणत्ताणि, सणकुमारादीया जाव सहस्मारोत्ति जहेव पंचिंदियतिरिक्खजोणिउद्देसए नवरं परिमाणं जह •एको वा दो वा विन्नि वा उकोसेणं संखेज्जा उपयजति उपवाओ जहन्नेणं वासपुहत्तठितीएस उक्कोसेणं पुण्वकोडी आउएस उवव०, , सेसं तं चैव संवेहं वासपुहुत्तं पुथ्यकोडीसु करेज्जा, सणकुमार ठिती चउगुगिया अट्ठावीस सागरोक्मा भवंति, माहिंदे ताणि चेत्र सातिरेगाणि, बम्हलोए चत्तालीस लंतए छप्पन्नं महामुके अनुसद्धिं सहस्सारे बावर्त्तारं सागरोवमाई एसा उक्कोसा ठिती भाणियव्वा जहन्नट्टितिंपि चउहिं गुणेज्जा, आणयदेवे णं भंते! जे भविए मणुस्सेसु उववजित्तए से णं भंते! केवति० १, गोयमा ! जहन्नेणं वासपुत्तठितीएस उबव उक्कोसेणं पुव्यकोडीठितीएसु, ते णं भ्रं ! एवं जहक सहस्सारदेवाणं वत्तव्वया नवरं ओगाहणा लिई अणुबंधो य जाणिजा, सेसं तं चेव, भवादेसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं छ भवग्गहणाई. (९०) ३६० श्रीभगवत्यं सतं- रा. ० मुनि दीपरत्नसागर Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कालादेसेणं जहन्नेणं अट्ठारस सागरोवमाई वास हुत्तमम्भहियाई उक्को० सत्तावन्नं सागरोवमाई तिहिं पुब्बकोडीहिं अमहियाई एवतियं कालं०, एवं गववि गमा, नवरं ठितिं अणु. बंधं संदेहं च जाणेजा, एवं जाव अचुयदेवो, नवरं ठितिं अणुबंध संवेहं च जाणेजा, पाणयदेवस्स ठिती तिगुणिया सहि सागरोवमाई, आरणगस्स तेवढेि सागरोवमाई, अचुयदेवस्स छावढेि सागरोवमाई.जइ कप्पातीतवेमाणियदेवहिंतो उवव०किंगवेजकप्पातीत० अणूत्तरोववातियकप्पातीत०,गोयमा! गेवेज अणत्तरोववा०,जह गेवेज किंहि कप्पातीत जाब उपरिमरगेवेज०१, गोयमा! हिडिमरगेवेज जाव उपरिमरगेवेजदेवे गं भंते! जे भविए मणुस्सेसु उववजित्तए से णं भंते! केवतिका?, गोयमा ! जह• वासपहुनठितीएम उक्कोसेणं पुष्यकोडी अवसेसं जहा आणयदेवस्स वत्तव्बया नवरं ओगाहणा० गोयमा! एगे भवधारणिजे सरीरए से जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं दो रयणी. ओ, संठाणं गोयमा! एगे भवधारणिजे सरीरे समचउरंससंठिए, पंच समुग्घाया पं०२०-वेदणासमु० जाब तेयगसमु०,णो चेवणं वेउब्जियतेयगसमुग्धाएहितो समोहणिंसु वा समोहणंति वा समोहणिस्संति वा, ठिती अणुबंधा जहन्नेणं चाबीसं सागरोबमाई उक्को एकतीसं सागरोवमाई, सेसं तं चेव, कालादे जहरू बावीसं सा वासपटुत्तमम्भ उको० तेणउतिं सागरोबमाई तीहिं पुषकोडीहिं अभहियाई एवतियं०, एवं सेसेमुविअट्ठगमएसुनवरं ठिति संवेहं च जाणेजा, जइ अत्तरोववाइयकापातीतवेमाणिक किं विजयअणुत्तरोक्वाइय० वेजयं. तअणुत्तरोक्वातिय जाव सब्बट्ठसिद्ध०, गोयमा! विजयअणुत्तरोववातिय जाव सबसिद्धअणुत्तरोववातिय०, विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवे र्ण भंते! जे भविए मणुस्सेसु उवच० से ण भंते! केवति एवं जहेब गेवेजदेवाणं नवरं ओगाहणा जह अंगुलस्स असंखिजभागं उक्कोसेणं एगा रयणी. सम्मविद्री णो मिच्छादिही णो सम्मामिच्छादिडी. णाणी णो अन्नाणी नियमं तिन्नाणी तं० आभिणियोहिय सुय० ओहिणाणी, ठिती जहन्नेणं एकतीसं सागरोवमाई उक्को तेत्तीसं सागरोवमाई, सेसं तहेव, भवादे जह० दो भवम्गहणाई उको० चत्तारि भवग्गहणाई, कालादे० जह० एकतीसं सागरोवमाई वासपुहुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं छावढि सागरोवमाई दोहिं पुवकोडीहिं अब्भहियाई एवतियं०, एवं सेसावि अट्ठ गमगा भाणियत्रा नवरं ठिति अणुचंधं संवेधं च जाणेजा, सेसं एवं चेव, सबद्दसिद्धगदेवे णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उववजित्तए सा चेव विजयादिदेववत्तव्बया भाणियन्या णवरं ठिती अजहन्नमणुकोसेणं तेत्तीस सागरोचमाई एवं अणुबंधोऽवि, सेसं तं चेव, भवादेसेणं दो भवमाहणाई, कालादेसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोषमाई वासपहत्तमभहियाई उकोसेणं तेत्तीसं सागरोयमाई पुचकोडीए अम्भहियाई एवतियं०, सो चेव जहन्नकालठितीएस उववन्नो एस चेव बत्तव्वया नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाई वासपाहत्तमभहि णवि तेत्तीसं सागरोवमाई वासपुहुत्तमभहियाइं एवतियं०, सो चेव उक्कोसकालठितीएसु उववन्नो एस चेव वत्तब्बया, नवरं कालादेसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाई पुव्वकोडीए अम्भहियाई उकोसेणचि तेत्तीस सागरोवमाई पुच्चकोडीए अमहियाई एवतियं०, एते चेव तिन्नि गमगा, सेसा न भण्णंति। सेवं भंते!२त्ति । ७१३॥ २०२४ उ०२१॥ वाणमन्तरा पण कओहितो उपय० किं नेहएहितो उवव० तिरिक्ख० एवं जहेव णागकुमारउद्देसए असन्नी निरवसेसं, जइ सन्निपंचिंदिय जाव असंखेजवासाउयसन्निपंचिंदिय जे भविए वाण मंतर से णं भंते! केवति०१. गोयमा! जहन्नेणं दसवाससहस्सठितीएसु उक्कोसेणं पलिओवमठितिएम सेसं तं चेव जहा नागकुमारउद्देसए जाव कालादेसेणं जह० सातिरेगा पुव्वकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अमहिया उकोसेणं चत्तारि पलिओवमाई एवतियं०, सो चेव जहन्नकालठितिएसु उववन्नो जहेच णागकुमाराणं चितियगमे पत्तव्यया, सो चेव उकोसकालठितिएसु उवव० जह० पलिओवमठितीएसु उक्कोसेणवि पलिओवमठितिएम एस चेव वत्तव्वया नवरं ठिती से जह० पलिओवमं उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई संवेहो जह दो पलिओवमाई उक्को० चत्तारि पलिओवमाइं एवतियं०, मज्झिमगमगा तिन्निवि जहेव नागकुमारेसु पच्छिमेसु तिसु गमएसु तं चेव जहा नागकुमारूदेसए नवरं ठिति संवेहं च जाणेजा, संखेजवासाउय तहेव नवरं ठित अणुबंध संवेहं च उभओठितीएसु जाणेजा, जइ मणुस्स० असंखेजवासाउयाणं जहेब नागकमाराणं उदेसे तहेच बत्तव्बया नवरं तइयग ती जहन्नेणं पलिओवम उकासेणं तिग्नि पलिओवमाइं ओगाहणा जहन्नेणं गाउयं उक्कोसेणं तिन्नि गाउयाई सेसं तहेव संवेहो से जहा एस्थ उद्देसए असंखेजवासाउयमनि पंचिंदियाण, संखेजवासाउयसन्निमणुस्से जहेव नागकुमारदेसए नवरं वाणमंतरठिति संवेहं च जाणेजा। सेवं भंते!२त्ति ॥७१४॥ श०२४ उ०२२॥ जोइसिया णं भंते! कओहितो उपवर्जति कि नेहए. मेदो जाव सन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उवव० नो असन्निपंचिंदियतिरिक्ख०, जइ सन्नि कि संखेज. असंखेज.?, गोयमा ! संखेजवासाउय० असंखेजवासाउ०, सन्निपंचिदियतिरिक्सजोणिए णं भंते ! जे भविए जोतिसिएसु उवव० से णं भंते! केवति०?, गोयमा! जहन्नेणं अवभागपलिओवमहितिएम उक्कोसेणं पलि. ओवमवाससयसहस्सठितिएसु उक्व०, अवसेसं जहा असुरकुमारुहेसए नवरं ठिती जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवम उक्को तिन्नि पलिओवमाई, एवं अणुबंधोऽवि, सेसं तहेव, नवरं ३६१ श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरनसागर Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1985SFORMEPRAASPICKASPERMEPRABPEAREP8ASPARABPOSTS कालादे०जह दो अट्ठभागपलिओवमाई उक्को० चत्तारि पलिओवमाई वाससयसहस्समभहियाई एवतिय०, सो चेव जहन्नकालठितीएस उववन्नो अट्ठभागपलिओवमठितिएम एस चेव वत्तब्वया नवरं कालादेसं जाणेजा, सो चेव उक्कोसकालठिइएस उवव० एस चेव वत्तव्वया णवरं ठिती जह० पलिओवमं वाससयसहस्समभहियं उक्को तिन्नि पलिओबमाई, एवं अणुबंधोऽवि, कालादे०जह दो पलिओचमाई दोहिं वाससयसहस्सेहिमभहि० उक्को चत्तारि पलि० वाससयसहस्सम०, सो चेव अप्पणा जहन्नकाल द्वितीओ जाओ जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमठितीएस उववन्नो उक्कोसेणवि अट्ठभागपलिओवमठितीएस उववन्नो, ते णं भंते ! जीवा एस चेव वत्तब्बया नवरं ओगाहणा जहन्नेणं घण्हपुत्तं उको सातिरेगाइं अट्ठारस घणुसयाई ठिती जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमं उक्को अट्ठभागपलिओचम, एवं अणुबंधोऽवि, सेसं तहेव, कालादे०जह दो अटुभागपलिओवमाई उको दो अट्ठभागपलिआवमाइएवतिय०, जहन्नकालातियस्स एस चव एक्का गमा, सा चव अप्पणा उक्कासकालाढातआजाआ साच पलि. उक्को तिन्नि पलिओवमाई, एवं अणुबंधोऽवि, सेसं तं चेव, एवं पच्छिमा तिन्नि गमगा णेयवा नवरं ठिति संवहं च जाणेजा, एते सत्त गमगा, जइ संखेजवासाउयसन्निपं. चिंदिय० संखेजवासाउयाणं जहेव असुरकुमारेमु उववज्जमाणाणं तहेव नववि गमा भाणियब्वा नवरं जोतिसियठिति संवेहं च जाणेजा सेसं तहेव निरवसेस, जइ मणुस्सेहिंतो उवव० भेदो तहेब जाव असंखेजवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए जोइसिएसु उववजित्तए से णं भंते! एवं जहा असंखेजवासाउयसन्निपंचिंदियस्स जोइसिएसु चेव उववज्जमाणस्स सत्त गमगा तहेव मणुस्साणवि नवरं ओगाहणाविसेसो पढमेसु तिसु गमएसु ओगाहणा जहन्नेणं सातिरेगाई नव धणुसयाई उक्को तिन्नि गाउयाई मज्झिमगमए जह० सातिरेगाई नव धणुसयाई उक्कोसेणवि सातिरेगाई नव धणुसयाई, पच्छिमेसु तिसु गमएसु जह० तिन्नि गाउयाई उक्कोसेणं तिन्नि गाउयाई सेसं तहेव निरवसेसं जाव संवेहोत्ति, जइ संखेजबासाउयसनिमणुस्से० संखेजवासाउयाणं जहेब असुरकुमारेसु उबवजमाणाणं तहेब नव गमगा भाणियब्वा, नवरं जोतिसियठिति संवेहं च जाणेजा, सेसं तं चेव निरवसेस। मेवं भंते २त्ति। ७१५॥श०२४ उ०२३॥ सोहम्मदेवाणं भंते ! कओहिंतो उवव०कि नेरइएईितो उवव?, भेदो जहा जोइसियउद्देसए, असंखेजवासाउयसन्निपंचिंदियतिरिक्वजोणिए णं भंते! जे भविए सोहम्मगदेवेसु उवव० से णं भंते ! केवतिकाल०?, गोयमा ! जह० पलिओवमट्टितीएसु उक्कोसेण तिपलिओवमट्टितीएसु उवव०, ते णं भंते ! अवसेसं जहा जोइसिएसु उववजमाणस्स नवरं सम्मदिट्टीवि मिच्छादि० णो सम्मामिच्छा० णाणीवि अन्नाणीवि दो णाणा दो अन्नाणा नियम ठिती जह० पलिओवमं उक्को तिन्नि पलिओचमाई एवं अणुबंधोऽवि सेसं तहेव कालादेसेणं जह० दो पलिओवमाई उकोसेणं छप्पलिओषमाइं एवतियं, सो चेव जहनकालठितीएम उपवन्नो एस व वत्तव्बया नवरं कालादेसणं जहन्नेणं दो पलिओवमा उक्कोसेणं चत्तारि पलिओवमाई एवतियं, सो चेव उकोसकालठितिएसु उपवन्नो जहन्नेणं तिपलिओवमं उक्कोसेणवि तिपलिओवर्म एस चेव वत्तव्वया नवरं हिन्नेणं तिनि पलिओवमाई उकोसेणवि तिनि पलिओवमाई सेसं तदेव कालादे०जह. छप्पलिओवमाई उको० छप्पलिओचमाईति एवतिय०,सोचेव अप्पणा जहन्नकालाठि. तिओ जाओ जह० पलिओवमठितिएमु उक्कोसेणं पलिओवमठितिएम एस चेव वत्तव्वया नवरं ओगाहणा जह० घणुहपुहुत्तं उक्कोसेणं दो गाउयाई, ठिती जहन्नेणं पलिओवर्म उक्कोसेणवि पलिओवमं सेसं तहेव, कालादे० जह० दो पलिओवमाई उक्कोसेणंपि दो पलिओवमाई एवतियं०, सो चे अप्पणा उक्कोसकालठितीओ जाओ आदिल्लगमगसरिसा तिनि गमगा णेयव्या नवरं ठितिं कालादेसं च जाणेज्जा, जइ संखेजवासाउयसन्निपंचिंदिया संखेजवासाउयस्स जहेव असुरकुमारेसु उववजमाणस्स तहेब नववि गमा, नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्जा, जाहे य अप्पणा जहन्नकालठितिओ भवति ताहे तिसुवि गमएसु सम्मदिट्ठीवि मिच्छादि०णो सम्मामिच्छादिट्ठी दो नाणा दो अन्नाणा नियम सेसं तं चेच, जइ मणुस्सहिंतो उववज्जति भेदो जहेव जोतिसिएसु उववजमाणस्स जाव असंखेजवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववजित्तए एवं जहेच असंखेजवासाउयस्स सन्निपंचिंदियतिरिकखजोणियस्स सोहम्मे कप्पे उववजमाणस्स तहेव सत्त गमगा नवरं आदिडएसु दोसु गमएमु ओगाहणा जहन्नेणं गाउयं उक्कोमेणं तिन्नि गाउयाई, ततियगमे जहन्नेणं तिन्नि गाउयाई उक्कोसेणवि तिन्नि गाउयाई, चउत्थगमए जहन्नेणं गायउं उक्कोसेणवि गाउयं, पच्छिमएसुतिसु गमएसु जह० तिन्नि गाउयाई उक्को तिन्नि गाउयाई सेसं तहेब निरवसेसं, जइ संखेज्जवासाउयसचिमणुसेहितो एवं संखे०सन्त्रिमणु० जहेव असुरकुमारेसु उबवजमाणाणं तहेव णव गमगा भा० नवरं सोहम्मदेवहितिं संवेहं च जाणे ! कओहितो उवव०१, ईसाणदेवाणं एस चेव सोहम्मगदेवसरिसा वत्तवया नवरं असंखेज्जवासाउयसन्निपंचिदियतिरिक्खजोणियस्स जेसु ठाणेसु सोहम्मे उववज्जमाणस्स पलिओवमठितीएसु ठाणेसु इहं सातिरेगं पलिओवमं कायव्वं, चउत्थगमे ओगाहणा जहन्नेणं धणुहपुहुत्तं उक्कोसेणं सातिरेगाई दो गाउयाई सेसं तहेच, असं ३६२ श्रीभगवत्यंगे -सतरा मुनि दीपरत्नसागर 48488186123702258342594893 Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खेज्जवासाउयसन्निमणुस्सस्सवि तहेव ठिती जहा पंचिदिद्यतिरिक्खजोणियस्स असंखेज्जवासाउयस्स ओगाहणावि जेसु ठाणेसु गाउयं ते ठाणेसु इहं सातिरेगं गाउयं सेसं तहेव, संखेजवासाउयाणं तिरिक्खजोणियाणं मणुस्साण य जहेब सोहम्मेसु उववज्जमाणाणं तहेव निरवसेसं णयवि गमगा नवरं ईसाणठिति संवेहं च जाणेजा, सणकुमारदेवा णं भंते! कओहिंतो उबव०?, उबवाओ जहा सक्करप्पभापुढवीनेरइयाणं जाव पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! जे भविए सणकुमारदेवेसु उवव० अवसेसा परिमाणादीया भवादेसपज्जवसाणा सचैव वत्तब्वया जहा सोहम्मे उबवजमाणस्स नवरं सणकुमारट्टितिं संदेहं च जाणेजा, जाहे य अप्पणा जहन्नकालठितीओ भवति तादे तियुवि गमएस पंच लेस्साओ आविताओ कायव्याओ सेसं तं चेव, जइ मणुस्सेहिंतो उवव० मणुस्साणं जहेव सकरप्पभाए उववजमाणाणं तहेब णवचि गमा भाषियब्बा नवरं सणकुमारडिति संदेहं च जाणेज्जा माहिंदगदेवा णं भंते कओहिंतो उवव० १, जहा सणकुमारगदेवाणं वतव्वया तहा माहिंदगदे० नवरं माहिंदगदेवाणं ठिती सातिरेगा जाणियव्या एवं संभलोगवाणवि वत्तब्वया नवरं बंभलोगद्वितिं संवेहं च जाणेजा, एवं जाब सहस्सारो, णवरं ठितिं संदेहं च जाणेजा, लंवगादीणं जहन्नकालद्वितियस्स तिरिक्खजोणियस्स तिसुवि गमएस छप्पि लेस्साओ कायव्वाओ, संघयणाई बंभलोगलंतएस पंच आदिलगाणि महासुकसहस्सारेसु चत्तारि तिरिक्खजोणियाणवि मणुस्साणवि सेसं तं चेव, आणयदेवा णं भंते! कजहिंतो उववज्जति ?, उबवाओ जहा सहस्सारदेवाणं णवरं तिरिक्खजोणिया खोडेयव्वा जाव पज्जत्तसंखेजवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए आणयदेवेसु उक्बजित्तए० मणुस्साण य वतव्वया जहेव सहस्सारेसु उववजमाणाणं णवरं विन्नि संघयणाणि सेसं तहेव जाव अणुबंधो भवादेसेणं जहन्नेणं तिन्नि भवग्गहणाई उक्कोसेणं सत्त भवग्गहणाई कालादेसेणं जहनेणं अट्ठारस सागरोवमाई दोहिं वासपुहुत्तेहिं अमहियाई उक्कोसेणं सत्तावन्नं सागरोबमाई चउहिं पृव्वकोडीहिं अम्भहियाई एवतियं० एवं सेसावि अटु गमगा भाणिया नवरं ठिति संवेहं च जाणेजा सेसं तं चैव एवं जाव अचुयदेवा, नवरं ठिति संवेहं च जाणेजा, चउसुवि संघयणा तिन्नि आणयादीसु, गवेज्जगदेवा णं भंते! कओ० उबवज्र्ज्जति? एस चैव वत्तब्वया नवरं संघयणा दोवि, ठिति संवेहं च जाणेज्जा, विजयवेजयंत जयंत अपराजितदेवा णं भंते! कतोहिंतो उवबज्जंति ?, एस चैव वत्तब्वया निरवसेसा जाव अणुबंधोत्ति, नवरं पढमं संघयणं, सेसं तहेच, भवादेसेणं जहनेणं तिन्नि भवग्गहणाई उक्कोसेयं पंच भवग्गहणाई, कालादेसेणं जहवेणं एकतीसं सागरोवमाई दोहिं वासपुहुत्तेहिं अन्भहियाई उकोसेणं छावहिं सागरोवमाई वीहिं पुव्यकोडीहिं अम्भहियाई एवतियं, सेस्तंवि अट्ठ गमगा भाणियच्या, नवरं ठितिं संवेहं च जाणेज्जा, मणूसे लदी णवसुबि गमएस जहा गेवेज्जेसु उववज्जमाणस्स नवरं पढमसंघयणं, सव्वगसिद्धगदेवा णं भंते! कओहिंतो उवक ?, उवबाओ जहेव विजयादीणं जाब से णं भंते! केवतिकालठितिएसु उववज्जेज्जा ?, गोयमा ! जहन्नेणं तेत्तीससागरोवमठिति० उकोसेणवि तेसीससागरोवमठितीएस उववन्नो अबसेसा जहा विजयाइसु उववजंताणं नवरं भवादेसेणं तिन्नि भवम्गहणाई कालादे जहन्नेणं तेतीसं सागरोवमाई दोहिं वासपुडुत्तेहिं अन्महियाई उकोसेणवि तेत्तीस सागरोबमाङ दोहिं पुब्बकोडीहिं अम्महियाई एवतियं०, सो चेव अप्पणा जहन्नकालठितीओ जाओ एस चैव वक्तव्यया नवरं ओगाहणाठितीओ स्यणिवासपुहुत्ताणि सेसं तहेव संवेहं च जाणिजा, सो चे अप्पणा उक्कोसकालठितीओ जाओ एस चैव बत्तब्वया नवरं ओगाहणा जह० पंच धणुसयाई उका० पंच धणुसयाई, ठिती जह० • पुव्यकोडी उको० पुव्वकोडी, सेसं तहेव जान भवादेसोत्ति, कालादे० जह० तेत्तीस सागरोबमाई दोहिं पुच्चकोडीहिं अमहियाई उक्को० तेत्तीस साग० दोहिं पुव्वकोडीहिं एवतियं० कालं०, एते तिन्नि गमगा सव्वट्टसिद्धगदेवाणं। सेवं भंते २ त्ति भगवं गोयमे जाव विहरइ । ७१६ ॥ उ० २४ इति चतुर्विंशतितमं शतकं ॐ ३ ॐ 'लेसा य १ दव्य २ संठाण ३ जुम्म ४ पज्जव ५ नियंठ ६ समणा य ७। ओहे ८ भविया ९ भविए १० सम्मा ११ मिच्छे य १२ उद्देसा ॥ ९३ ॥ तेणं कालेणं० रायगिहे जाव एवं बयासी कति णं भंते! लेस्साओ पं० १ गोयमा छल्लेसाओ पं० तं० कण्हलेसा जहा पढमसए बितिए उद्देसए तहेब लेस्साविभागो अप्पा बहुगं च जाब चउब्विहाण देवाणं देवीणं च मीस अप्पा बहुगंति । ७१७ । कतिविहा णं भंते! संसारसमावन्नगा जीवा पं० १ गोयमा! चोदसविहा संसारसमावन्नगा जीवा पं० तं०-सुमअप्पज्ञत्तगा मुहुमपजत्तगा बादरअ पजत्तगा बादरपज्जत्तगा बेइंदिया अप्पज्जत्ता बेइंदिया पत्ता एवं तेइंदिया एवं चउरंदिया असन्निपंचिंदिया अप्पन्नत्तगा असन्निपंचिदिया पज्जत्तगा सन्निपंचिंदिया अपजत्तगा सन्निपंचिंदिया पज्जन्तगा, एतें णं भंते! चोदसविहाणं संसारसमापन्नगाणं जीवाणं जहन्नुकोसगस्स जोगस्स कयरे जाव विसेसाहिया वा १, गोयमा ! सव्वत्थोवे सुहमस्स अपनतगस्स जोए बादरस्स अपज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे बेंदियस्स अपजत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे एवं तेइंदियस्स एवं चउरिदियस्स असन्निपंचिदियस्स अपजत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेजगुणे सन्निस्स पंचिदियस्स अपजत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे सहुमस्स पज्ञत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे बादरस्स पज्जत्तगस्स ३६३ श्रीभगवत्यं सत-२५ मुनि दीपरत्नसागर Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जहन्नए जोए असंखेजगुणे सुहुमस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोलए जोए असंखेजगणे १० यादरस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेजगणे सुहमस्स पजत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेजगणे बादरस्स पजत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेजगुणे बंदियस्स पन्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेजगुण एवं तेदिय एवं जाव सन्निपंचिंदियस्स पज्जनगस्स जहन्नए जोए असंखेजगणे बेंदियस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेजगुणे एवं तेंदियस्सवि २० एवं चउरिदियस्सवि एवं जाव सन्निपंचिंदियस्स अपजनगम्स उक्कोसए जोए अमंग्वेक दियस्स पजत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखे० एवं तेइंदियस्सवि पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेजगुणे चरिंदियस्स पजत्तगस्स उक्कोमए जोए असं असन्निपंचिंदियपजनक उकोसए जोए असंखेजगणे एवं सन्निपंचिदियस्स पजत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेजगुणे २८।७१८ा दो भंते ! नेरनिया पढमसमयोववन्नगा कि समजोगी कि विसमजोगी ?, गोयमा ! सिय समजोगी सिय विसमजोगी, से केणटेण भंते! एवं बुचति सिय समजोगी सिय चिसमजोगी?, गोयमा! आहारयाओ वा मे अणाहारए अणाहारयाओ वा से आहारए सिय हीणे सिय तुड़े सिय अब्भहिए, जइ होणे असंखेजहभागहीणे वा संखेजइभागहीणे वा संखेजगुणहीणे वा असंखेजगुणहीणे वा अह अभहिए असंखेज्जइभागमम्भहिए वा संखेज्जगुणमभहिए बा संखेज्जगुणमभहिए वा असंखेज्जगुणमभहिए वा से तेणट्टेणं जाव सिय विसमजोगी, एवं जाव वेमाणियाणं । ७१९। कतिविहे णं भंते ! जोए पं०१, गोयमा ! पन्नरसविहे जोए पं० २०-सञ्चमणजोए मोसमणजोए सच्चामोसमणजोए असच्चामोसमणजोए सच्चवइजोए मोसवइजोए सच्चामोसवइजोए असचामोसवइजोए ओरालियसरीरकायजोए ओरालियमीसासरीरकायजोए वेउविसरीरकायजोए वेउव्वियमीसासरीरकायजोगे आहारगसरीरकायजोगे आहारगमीसासरीरका कम्मासरीरका एयम्स णं भंते! पन्नरसविहस्स जहनुकोमगस्स जोयस्स कयरे जाव विसेसावा?, गोयमा ! सवयोवे कम्मगस्स सरीरजहन्नजोए ओरालियमीसगस्स जहन्नजोए असंखे वेउब्चियमीसगस्स जहन्नए जोए असं ओरालियसरीरस्म जहन्नए जोए असंवेउब्वियसरीरस्स जहन्नए जोए असं० कम्मसरीरस्स उकोसए जोए असंखे० आहारगमीसगस्स जहन्नए जोए असं तस्म चेय उकोसए जोए असं० ओरालियमीसगस्स वेउम्बियमीसगस्स १० एएसिणं उकोसए जोए दोण्हवि तुड़े असंखे असञ्चामोसमणजोगस्स जहन्नए जोए असं आहारगसरीरस्स जहन्नए जोए असंखेतिविहस्स मणजोगस्स चउब्धिहस्त वयजोगस्स एएसिण सत्तण्हवि तुडे जहन्नए जोए असं० आहारगसरीरस्स उ वेउम्बियस्स चउम्विहस्स य मणजोगस्स चउव्यिहस्स य वइजोगस्स एएसि णं दसण्हवि तुड़े उक्कोसए जोए असंखेनगुणे ३०। सेवं भंते!२त्ति । ७२०॥ श०२५ उ०१॥ कतिबिहा गं भंते ! दव्या पं०?, गोयमा! दुविहा दब्बा पं० तं०-जीवदव्वा य अजीवदव्वा य, अजीवदव्या णं भंते ! कतिविहा पं०?, गोयमा ! दुविहा पं० तं० रुविअजीबदव्या य अरूविअजीवव्या य एवं एएणं अभिलावणं जहा अजीवपजवा जाव से तेणटेणं गोयमा! एवं बुबइ ते णं नो संखेजा नो असंखेजा अणंता, जीवदव्या णं भंते ! किं संखेज्जा असंखेजा अणंता ?, गोयमा! नो संखेजा नो असंखेना अणंता, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुचई जीवदव्वा णं नो संखेज्जा नो असंखेज्जा अणंता?, गोयमा! असंखेज्जा नेरइया जाव क्काइया वणम्सइकाइया अणंता असंखिजा दिया एवं जाव वेमाणिया अणंता सिद्धा से तेणटेणं जाच अर्णता ।७२१ । जीवदव्वाणं भंते! अजीवदब्वा परिभोगत्ताए हब्वमागच्छति अजीवदव्याणं जीवदव्या परिभोगत्ताए हब्वमागच्छति?, गोयमा ! जीवदव्वाणं अजीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति नो अजीवदव्वाणं जीवदव्या परिभोगत्ताए हच्चमागच्छति, से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच जाव हब्वमागच्छंति?, गोयमा! जीवदव्वाणं अजीवंदब्बे परियादियंति त्ता ओरालियं वेउब्बियं आहारगं तेयगं कम्मगं सोइंदियं जाव फासिदियं मणजोगं धइजोगं कायजोगं आणापाणनं च निव्वत्तयंति से तेणटेणं जाव हब्वमागच्छंति, नेरतिया णं भंते ! अजीवदव्वा परिभोगत्ताए हच्चमागच्छंति अजीवदयार्ण नेरतिया परिभो. गत्ताए?, गोयमा ! नेरतियाणं अजीवदवा जाव हव्वमागच्छंति नो अजीवदयार्ण नेरतिया हब्बमागच्छंति, से केणटेणं ०?, गोयमा ! नेरतिया अजीबदब्वे परियादियंति ला बेउवियतेयगकम्मगसोईदियजावफासिदियाई आणापाणुत्तं च निव्वत्तयंति, से तेणटेणं गोयमा! एवं बुचइ जाच वेमाणिया नवरं सरीरइंदियजोगा भाणियव्वा जस्स जे अस्थि।७२२॥ से नूर्ण भंते ! असंखेजे लोए अणंताई दव्वाई आगासे भइयब्वाई?, हंता गोयमा! असंखेजे लोए जाव भइयव्वाई, लोगस्स णं भंते ! एगमि आगासपएसे कतिदिसि पोग्गला चिजंनि?, गोयमा ! निवाघाएणं छदिसिं वाघायं पहुंच सिय तिदिसिं सिय चउदिसि सिय पंचदिसिं, लोगस्स णं भंते ! एगंमि आगासपएसे कतिदिसिं पोग्गला लिजति? एवं चेब, एवं उवचिजति एवं अवचिजति । ७२३। जीवे णं भंते! जाई दबाई ओरालियसरीरत्ताए गेण्हइ ताई कि ठियाइं गेहइ अठियाई गेण्हइ , गोयमा ! ठियाइंपि गेण्इ अठियाइंपि गेण्हइ, ताई भंते ! किं दबओ गेण्हइ पेत्तओ गेण्हइ कालओ गेण्हइ भावओ गेण्हइ?, गोयपा! दवओऽवि खेत्तओऽवि कालओऽपि भावओऽपि गेण्डइ, ताई दवओ अणंतपएसियाई दुब्वाई खेतओ असंखेजपएसोगाढाई एवं जहा पनवणाए पढमे आहारुदेसए जाव निवाघाएणं छदिसि वाघायं पडुच सिय तिदिसि सिय चाउदिसि सिय पंचदिसिं, जीवे णं (९१) ३६४ श्रीभगवत्यंग - २५ मुनि दीपरनसागर Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भंते ! जाई दब्बाई वेउवियसरीरत्ताए गेष्हइ ताई किं ठियाई एवं चेव नवरं नियम छहिसिं, एवं आहारगसरीरत्ताएऽवि, जीवे णं भंते! जाई दब्वाई तेयगसरीरनाए गिण्हइ पृच्छा, गोयमा! ठियाइं गेण्हइ नो अठियाई गेण्हइ सेसं जहा ओरालियसरीरस्स, कम्मगसरीरे एवं चेव जाव भावओऽवि गिव्हइ. जाई दवाई दव्वओ गे० ताई किं एगपएसियाई गेण्डइ दुपए. सियाई गेण्हइ?, एवं जहा भासापदे जाच अणुपुबि गेण्हइ नो अणाणु०, ताई भंते! कतिदिसिं गेण्हइ?, गोयमा! निब्वाधाएणं जहा ओरालियस्म, जीवे णं भंते ! जाई दबाई सोईदियत्ताए गे० जहा वेउब्वियसरीरं एवं जाव जिभिदियत्ताए फासिंदियत्ताए जहा ओरालियसरीरं मणजोगत्ताए जहा कम्मगसरीरं नवरं नियमं छदिसि एवं वइजोगत्ताएऽवि कायजोगत्ताऽवि जहा ओरालियसरीरस्स, जीवेणं भंते ! जाई दब्बाई आणापाणत्ताएगेजहेव ओरालियसरीरत्ताए जाव सिय पंचदिसि । सेवं भंते रनि। केई चउबीमदंडएणं एयाणि पदाणि भन्नंति जस्स जं अस्थि । ७२४॥ श०२५ उ०२॥ कति णं भंते ! संठाणा पं०?, गोयमा ! छ संठाणा पं० सं०- परिमंडले बट्टे से चउरंसे आयते अणिन्थंथे, परिमंडला गं भंते ! संठाणा दब्बट्टयाए किं संखेजा असंखेज्जा अणंता?, गोयमा! नो संखे० नो असंखे० अणंता, बट्टा णं भंते ! संठाणा एवं चेव, एवं जाव अणित्वंथा, एवं पाएसट्टयाएऽवि. एएसिणं भंते! परिमंडलवट्टतंसचउरंसआयतअणित्थंथाणं संठाणाणं दवट्ठयाए पएसट्टयाए दव्वट्टपएसट्टयाए कयरे जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा! सव्वत्थोवा परिमंडलमंठाणा दबट्टयाए वसं. ठाणा दबट्टयाए संखेजगुणा चउरंससंठाणा दबट्टयाए संखेजगुणा ससंठाणा दबट्टयाए संखेजगुणा आयतसंठाणा दब्बट्ठयाए संखेजगुणा अणित्थंथसंठाणा दबट्टयाए असंखेजगुणा, पएसट्टयाए सव्वत्थोवा परिमंडलसंठाणा पएसट्टयाए वसंठाणा संखेजगुणा जहा दबट्टयाए तहा पएसट्ठयाएऽवि जाव अणित्वंथसंठाणा पएसट्टयाए असंग्वेजगुणा, दब्बटुपएसट्टयाए सब्वत्थोवा परिमंडलसंठाणा दव्वट्ठयाए सो चेव गमओ भाणियब्बो जाव अणित्थंधसंठाणा दव्व० असंखे० दब्बट्ठयाए अणित्वंथेहितो संठाणेहिनो परिमंडलसंठाणा पएसट्ठ- असंखे बसंठाणा पएसट्ट० संखे० सो चेव पएसट्टयाए गमओ भाणि० जाव अणित्थंथसंठाणा पएसट्टयाए असंखेजगुणा ।७२५। कति णं भंते ! संठाणा पं०?, गोयमा ! पंच संठाणा पं० त०. परिमंडले जाप आयते, परिमंडला णं भंते ! संठाणा किं संखेज्जा असंखेजा अर्णता ?, गोयमा! नो संखेजा नो असं० अणंता, बट्टा णं भंते! संठाणा किं संखेजा, एवं चेव, एवं जाव आयता, इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए परिमंडला संठाणा किं संखेज्जा असंखे० अर्णता ?, गोयमा ! नो संखेजा नो असंखेजा अणंता, बट्टा णं भंते ! मंठाणा किं संखेजा असं०एवं चेव, एवं जाव आयया, सकरप्पभाए णं भंते! पढवीए परिमंडला संठाणा एवं चेव, एवं जाव आयया, एवं जाव अहेसत्तमाए, सोहम्मे णं भंत ! कप्प परिमंडला संठाणा एवं चेव, एवं जाव अच्चुए, गेविजविमाणा णं भंते ! परिमंडलसंठाणा एवं चेव, एवं अणुत्तरविमाणेसुऽबि, एवं ईसिपम्भाराएऽचि, जत्थ णं भंते ! एगे परिमंडले संठाणे ज(प. जा)वमझे तत्थ परिमंडला संठाणा किं संखेजा असंखेजा अणंता, गोयमा! नो संखेजा नो असं० अणंता, बट्टा णं भंते ! संठाणा किं संखेजा असं० एवं चेव, एवं जाव आयना. जत्थ णं भंते ! एगे बढे संठाणे ज(प० जा)वमझे तस्थ परिमंडला संठाणा एवं चेव, वडा संठाणा एवं चेव, एवं जाव आयता, एवं एकेकेणं संठाणणं पंचवि चारेयब्बा, जत्थ णं भंते ! इमीसे स्यणप्पभाए पुढवीए एगे परिमंडले संठाणे जवमझे तत्थ णं परिमंडला संठाणा किं संखेज्जा पुच्छा, गोयमा! नो संखेजा नो असंखेजा अणंता, बट्टा णं भंते ! संठाणा किं संखेजा पुच्छा, गोयमा! नो संखेजा नो असंखेजा अणंता, एवं चेव जाव आयता, जत्य णं भंते ! इमीसे रयण पुढवीए एगे बढे संठाणे जवमझे तत्व णं परिमंडला संठाणा किं संखेजा? पुच्छा, गोयमा ! नो संखेजा नो असं० अणंता, बट्ठा संठाणा एवं चेव, एवं जाव आयता, एवं पुणरवि एकेकेणं संठाणेणं पंचवि चारेयव्या जहेब हेडिल्ला जाव आयताणं, एवं जाव अहेसत्तमाए, एवं कप्पेसुवि जाव ईसीपभाराए पुढवीए । ७२६ । बट्टे णं भंते ! संठाणे कतिपदेसिए कतिपदेसोगाढे पं०१, गोयमा! बड़े संठाणे दुबिहे पं० २० घणबडे य पयरबड़े य. | तत्व णं जे से पयरखट्टे से दुबिहे पं० २० ओयपएसे य जुम्मपएसे य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं पंचपएसिए पंचपएसोगाढे उकोसेणं अणंतपएसिए अमंग्वेजपएमोगाढे. तत्य णं जे से जुम्मपएसिए से जहनेणं वारसपएसिए बारसपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेजपएसोगाढे, तत्य णं जे से घणवद्ले से दुबिहे पं० त०-ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जह सत्तपएसिए सत्तपएसागाढे उकोसेणं अणंतपएसिए असंखेजपएसोगाढे, तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं बत्तीसपएसिए पतीसपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेजपएसोगाढे, तसे णं भंते ! संठाणे कतिपदेसिए कतिपदेसोगाढे पं०१,गोयमा! तसे ण संठाणे दुविहे पं० तं०-घणतंसे य पयरतंसे य, तन्थ णं जे से पयरतंसे से दुविहे तं०-ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जह• तिपएसिए तिपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे, नन्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं छप्पएसिए छप्पएसोगाढे उक्कोसेणं अर्णतपएसिए असंखेजपएसोगाढे, तत्थ णं जे से घणतंसे से दुविहे पं००-ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ ३६५ श्रीभगवत्यंग- २५ मुनि दीपरत्नसागर 8931488986IRNORAKASHIRSANSI4820453083IKRREAMS2489334HRIRAMBACHOOKINAATYASHOKA Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं पणतीसपएसिए पणतीसपएसोगाडे उकासेणं अगतपएसिए तं चैव तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेगं चउप्पएसिए चउप्पएसोगाडे उक्को - अणतपएसिए तं चैव चउरंसे णं भंते! संठाणे कतिपदेसिए ? पुच्छा, गोयमा! चउरंसे संठाणे दुविहे पं० भेदो जहेव वट्टस्स जाव तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहनेणं नवपएसिए नवपएसोगाढे उक्कोसेणं अणतपएसिए असंखेजपएसोगाढे, तत्थ णं जे से जुम्मपदेसिए से जहन्त्रेणं चउपएसिए चउपएसोमा उक्कोसेणं अतः तं चेत्र, तत्थ णं जे से घणचउरंसे से दुविहे पं० तं० ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्त्रेणं सत्तावीसइपएसिए सत्तावीसतिपएसोगाढे उक्को० अनंतपएसिए तहेव, तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहनेणं अपएसिए अपएसोगाडे उक्को० अनंतपएसिए तहेव, आयए णं भंते! संठाणे कतिपदेसिए कतिपएसोगाढे पं० १, गोयमा ! आयए णं संठाणे तिविहे पं० तं० सेढिआयते पयरायते घणायते, तत्थ णं जे से सेढिआयते से दुविहे पं० तं० ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयप से जह: तिपएसिए तिपएसोगाटे उक्को अणंतपए तं चैव तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जह० दुपए सिए दुपएसोगाडे उक्कोसेणं अनंत तहेव, तत्थ णं जे से पयरायते से दुविहे पं० तं० ओयपए सिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ जे से ओपएसिए से जहन्नेणं पन्नरसपएसिए पन्नरसपएसोगाढे उक्कोसेणं अनंत तहेव, तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं छप्पएसिए छप्पएसोगाढे उक्कोसेणं अनंत लहेब, तत्थ णं जे से घणायते से दुबिहे पं० तं० ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं पणयाली सपएसिए पणयालीसपएसोगाढे उकोसेणं अनंत तहेव, तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जह० बारसपएसिए बारसपएसोगाडे उक्कोसेणं अनंत० तहेब, परिमंडले णं भंते! संठाणे कतिपदेसिए० पृच्छा, गोयमा ! परिमंडले णं संठाणे दुविहे पं० नं०घणपरिमंडलेय पयरपरिमंडले य, तत्थ णं जे से पयरपरिमंडले से जहन्नेणं बीसतिपदेसिए वीसइपएसोगाटे उकोसेणं अणतपदे० तहेव, तत्थ णं जे से घणपरिमंडले से जहन्नेणं चत्तालीसपदेसिए चत्तालीसपएसोगाढे उकोसेणं अनंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाडे । ७२७। परिमंडले णं भंते! संठाणे दव्वट्टयाए कि कडजुम्मे तेओए दावरजुम्मे कलियोए ?, गोयमा ! नो कडजुम्मे णो तेयोए णो दावरजुम्मे कलियोए. वट्टे णं भंते! संठाणे दव्वट्टयाए०१, एवं चैव एवं जाव आयते, परिमंडला णं भंते! संठाणा दव्वट्टयाए किं कडजुम्मा तेयोया दावरजुम्मा कलियोगा ?, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा सिय तेओगा सिय दावरजुम्मा सिय कलियोगा विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा नो तेओगा नो दावरजुम्मा कलिओगा, एवं जाव आयता, परिमंडले णं भंते! संठाणे पएसइयाए कि कडजुम्मे ? पुच्छा, गोयमा! सिय कडजुम्मे सिय तेयोगे सिय दावरजुम्मे सिय कलियोए, एवं जाव आयते, परिमंडला णं भंते! संठाणा पएसट्टयाए कि कडजुम्मा० १ पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा विहाणादेसेणं कडजुम्मावि तेओगावि दावरजुम्मावि कलियोगावि, एवं जाव आयता, परिमंडले णं भंते! संठाणे किं कडजुम्मपएसोगाढे जाव कलियोगपएसोगाढे १, गोयमा! कडजुम्मपएसोगाढे णो तेयोगपएसोगाढे नो दावरजुम्मपएसोगाढे नो कलियोगपएसोगाढे, वट्टे णं भंते! संठाणे किं कडजुम्म ०१ पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मपदेसोगाडे सिय तेयोगपएसोगाढे नो दावरजुम्मपएसोगाडे सिय कलियोगपएसोगाढे, तंसे णं भंते! संठाणे० पुच्छा, गोयमा सिय कडजुम्मपएसोगाडे सिय तेयोगपएसोगाढे सिय दावरजुम्मपदेसोगाढे नो कलिओगपएसोगाढ, चउरंसे णं भंते! संठाणे ०? जहा वह तहा चउरंसेऽवि, आयए णं भंते! पुच्छा, गोयमा! सिय कडजुम्मपएसोगाढे जाव सिय कलिओगपएसोगाडे, परिमंडला णं भंते! संठाणा किं कडजुम्मपएसोगाढा तेयोगपएसोगाढा ? पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि कडजुम्मपएसोगाढा णो तेयोगपएसोगाढा नो दावरजुम्मपएसोगाढा नो कलियोगपएसो गाढा, बड्डा णं भंते! संठाणा कि कडजुम्मपएसोगाढा: पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा नो तेयोगपएसोगाढा नो दावरजुम्मपएसोगाढा नो कलिओग• विहाणादेसेण कड० तेओ० नो दावर कलियोगपएसोगाढावि, तंसा णं भंते! संठाणा किं कडजुम्म० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेः कडजुम्मपएसोगाढा नो तेयोगपएसोगाढा नो दावरजुम्म० नो कलियोगपएसोगाढा विहाणादेः कडजुम्मपए तेयोगपः नो दावरजुम्मप० नो कलियोगपएसोगाढा, चउरंसा जहा वट्टा, आयया णं भंते! संठाणाः पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा नो तेयोगपरसोगाढा नी दावरजुम्मपएसोगाढा नो कलिओगपएसोगाढा विहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढावि जाव कलिओगपएसोगाढावि, परिमंडले णं भंते! संठाणे कि कडजुम्मसमयदितीए तेयोगममयठितीए दावरजुम्मसमयद्वितीए कलिओगसमयठितीए ?, गोयमा सिय कडजुम्मसमयठितीए जाव सिय कलिओगसमयठितीए, एवं जाव आयते, परिमंडला णं भंते! संठाणा किं कडजुम्मसमयठितीया० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मसमयद्वितीया जाव सिय कलियोगसमयद्वितीया विहाणादेसेणं कडजुम्मसमयठितीयावि जाव कलियोगसमयतितीयावि, एवं जाव आयता, परिमंडले णं भंते! संठाणे कालवन्नपज्जवेहिं किं कडजुम्मे जाव किं कलियोगे ?, गोयमा सिय कडजुम्मे एवं एएणं अभिलावेणं जहेब ठितीए, एवं नील३६६ श्रीभगवत्यं रात ५ मुनि दीपरत्नसागर Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वनपज्जवेहिं, एवं पंचहिं वनेहिं दोहिं गंधेहिं पंचहिं रसेहिं अट्टहिं फासेहिं जाव लुक्खफासपज्जवेहिं । ७२८ । सेढीओ णं भंते! दब्बट्टयाए किं संखेज्जाओ असंखेजाओ अनंताओ ?, गोयमा ! नो संखेज्जाओ नो असंखे० अणंताओ, पाईणपडीणायताओ णं भंते! सेढीओ दव्वट्टयाए किं संखेजाओ० एवं चेव, एवं दाहिणुत्तरायताओऽवि, एवं उड्ढमहायताओऽवि, लोगागाससेढीओ णं भंते! दब्बट्टयाए किं संखेजाओ असंखेज्जाओ अणंताओ ?, गोयमा ! नो संखेजाओ असंखेजाओ नो अनंताओ, पाईणपडीणायताओ णं भंते! लोगागाससेढीओ दब्बट्टयाए किं संखेजाओ एवं चेव, एवं दाहिणुत्तराययाओऽवि एवं उढमहायताओऽवि, अलोयागाससेढीओ णं भंते! दब्बट्टयाए किं संखेज्जाओ असंखेज्जाओ अणताओ ?, गोयमा! नो संखेज्जाओ नो असंखेजाओ अणंताओ, एवं पाईणपडीणाययाओऽवि, एवं दाहिणुत्तराययाओऽवि एवं उड्ढमहायताओऽवि, सेढीओ णं भंते! पएसट्टयाए किं संखेज्जाओ जहा दब्बट्टयाए तहा पएसट्टयाएऽवि जाव उढमहाययाओऽवि सब्बाओ अणंताओ, लोयागाससेढीओ णं भंते! पएस० किं संखेजाओ० पुच्छा, गोयमा! सिय संखेजा सिय असं० नो अणताओ एवं पाईणपडीणायताओऽवि दाहिणुत्तरायताओऽवि एवं चेव उड्ढमहायताओऽवि नो संखेजाओ असंखे० नो अनंताओ, अलोगागाससेढीओ णं भंते! पएसइयाए० पुच्छा, गोयमा ! सिय संखेज्जा सिय असं० सिय अनंताओ, पाईणपडीणाययाओ णं भंते! अलोया० पुच्छा, गोयमा ! नो संखेज्जाओ नो असंखेज्जाओ अणंताओ एवं दाहिणुत्तरायताओऽवि, उढमहायताओ पुच्छा, गोयमा! सिय संखेजाओ सिय असं सिय अनंताओ। ७२९। सेडीओ णं भंते! किं साइयाओ सपज्जवसियाओ साईयाओ अपज्जवसि० अणादीयाओ सपज्जवसियाज अणादीयाओ अप० १, गोयमा ! नो सादीयाओ सप० नो सादीयाओ अप० णो अणादीयाओ सप० अणादीयाओ अप०, एवं जाब उड्ढमहायताओ, लोयागाससेढीओ गं भंते! किं सादीयाओ सप० पुच्छा, गोयमा! सादीयाओ सपज्जवसियाओ नो सादीयाओ अपज्जबसियाओ नो अणादीयाओ सपज्जव नो अणादीयाओ अपन एवं जाव उड्ढमहायताओ, अलोयागाससेढीओ णं भंते! किं सादीयाओ सप० पुच्छा, गोयमा सिय साइयाओ सपज्जवसियाओ सिय साइयाओ अपज्जवसियाओ सिय अणादीयाओ सपाबसियाओ सिय अणाइयाओ अपजबसियाओ, पाईणपडीणाययाओ दाहिणुत्तरायताओ य एवं चेव, नवरं नो सादीयाओ सपज्जवसियाओ सिय साईयाओ अपजवसियाओ से तं चेव, जाव उढमहायताओ, जहेब ओहियाओ तहेब चउभंगा, सेढीओ णं भंते! दव्वट्टयाए किं कडजुम्माओ तेओयाओ ०१ पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्माओ नो तेओयाओ नो दावरजुम्माओ नो कलिओगाओ, एवं जाव उड्ढमहायताओ, लोगागाससेढीओ एवं चेव, एवं अलोगागाससेढीओऽवि, सेटीओ णं भंते! पएसट्टयाए किं कडजुम्माओ० पुच्छा, एवं चेव, एवं जात्र उड्ढमहायताओ, लोयागाससेढीओ णं भंते! पएसट्टयाए० पुच्छा, गोयमा! सिय कडजुम्माओ नो तेओयाओ सिय दावरजुम्माओ नो कलिओगाओ, एवं पाईणपडीणायताओऽवि दाहिणुत्तरायताओऽवि, उड्ढमहाययाओ णं पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्माओ नो तेओगाओ नो दावरजुम्माओ नो कलियोगाओ, अलोगागाससेढीओ णं भंते! पएसइयाए पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्माओ जाव सिय कलिओगाओ, एवं पाईणपडीणायताओऽवि एवं दाहिणुत्तरायताओऽवि, उढमहायताओऽवि एवं चेव, नवरं नो कलिओगाओ सेसं तं चैव । ७३० । कति णं भंते! सेडीओ पं०१, गोयमा ! सत्त सेडीओ पं० तं० उज्जुआयता एगओवंका दुहओवंका एगओखहा दुहओखहा चकवाला अद्धचकवाला, परमाणुपोग्गलाणं भंते! अणुसेटींगती पवत्तति विसेटिं गती पवत्तति १, गोयमा ! अणुसेटिं गती पवत्तति नो विसेटिं गती पवत्तति, दुपएसियाणं भंते! खंधाणं अणुसेटीं गती पवत्तति बिसेटीं गती पवत्तति ?, एवं चेव, एवं जाव अणतपएसियाणं खंधाणं, नेरइयाणं भंते! किं अणुसेढीं गती पवत्तति विसेटीं गती पवत्तति १, एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं । ७३१ । इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए केवतिया निरयावाससयसहस्सा पं० १, गोयमा! तीसं निरयावाससयसहस्सा पं० एवं जहा पढमसते पंचमुद्देसगे जाव अणुत्तरविमाणत्ति । ७३२। कइविहे णं भंते! गणिपिडए पं० १, गोयमा! दुवालसंगे गणिपिडए पं० तं० आयारो जाव दिट्टिवाओ से किं तं आयारो ?, आयारे णं समणाणं निम्गंधाणं आयारगो० एवं अंगपरूवणा भाणियव्या जहा नंदीए, जाव 'सुत्तत्यो खलु पढमो बीओ निजुत्तिमीसिओ भणिओ। तइओ य निरवसेसो एस विही होइ अणुओगे ॥ ९४ ॥ ७३३। एएसिं णं भंते! नेरतियाणं जाव देवाणं सिद्धाण य पंचगतिसमासेणं कयरे० १ पुच्छा, गोयमा ! अप्पाबहुयं जहा बहुवत्तब्वयाए अट्टगइसमासअप्पा बहुगं च, एएसिं णं भंते! सइंदियाणं एमिंदियाणं जाव अनिंदियाण य कयरे ०१, एयंपि जहा बहुवत्तव्ययाए तहेव ओहियं पयं भाणियव्वं, सकाइयअप्पाचहुगं तहेव ओहियं भाणियच्यं, एएसिं णं भंते! जीवाणं पोम्गलाणं जाव सव्वपजवाण व कयरे ०? जाव बहुवत्तब्वयाए, एएसिं णं भंते! जीवाणं आउयस्स कम्मस्स बंधगाणं अबंधगाण० जहा बहुवत्तव्वयाए जाव आउयस्स कम्मस्स अबंधगा विसेसाहिया सेवं भंते! सेवं भंते! ति ॥७३४॥ श ० २५.३०३ ॥ कति णं भंते! जुम्मा पं०१, गोयमा ! चत्तारि जुम्मा पं० तं० कडजुम्मे जाव कलिओगे, से केणट्टेणं एवं बु० चत्तारि जुम्मा पं० तं० कडजुम्मे जहा अट्टारसमसते ३६७ श्रीभगवत्यंग रातंर मुनि दीपरत्नसागर Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 4 002049999 HOMARRARRIEDARPARYANAMAHARSH36234ONMALARYAN845844RY चउत्थे उहेसए तहेव जाव से तेण गोयमा ! एवं बु०, नेरइयाणं भंते ! कति जुम्मा पं०?, गोयमा! चत्तारि जुम्मा पं० त०- कडजुम्मे जाव कलियोए, से केणडेणं एवं चु० नेरइयाणं चत्तारि जुम्मा पं० सं०-कडजुम्मे अट्ठो तहेव एवं जाव वाउकाइयाणं, यणस्सइकाइयाणं भंते! पुच्छा, गोयमा! वणस्सइकाइया सिय कढजुम्मा सिय तेयोया सिय दावरजुम्मा मिय कलियोगा, से केणद्वेणं एवं बुचाइ वणस्सइकाइया जाव कलियोगा?, गोयमा ! उववायं पडुच, से तेणट्टेणं तं चेव, बेदियाणं जहा नेरइयाणं, एनं जाव बेमाणि०, सिद्धाणं जहा वणस्सइकाइयाणं, कतिबिहा णं भंते! सव्वदव्या पं०१, गोयमा ! छब्बिहा सव्वदच्वा पं०२०-धम्मस्थिकाए अधम्मस्थिकाए जाच अदासमए, धम्मस्थिकाए णं भंते! दवट्टयाए किं कडजुम्मे जाव कलिओगे?, गोयमा! नो कडजुम्मे नो तेयोए नो दावरजुम्मे कलिओए, एवं अहम्मत्थिकाएऽवि, एवं आगासस्थिकाएऽवि, जीवस्थिकाए णं भंते! पुच्छा, गोयमा ! कडजम्मे नो तेयोये नो दावरजुम्मे नो कलियोगे, पोग्गलस्थिकाए णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मे जाब सिय कलियोगे, अद्धासमये जहा जीवस्थिकाए, धम्मस्थिकाए णं भंते! पएसट्टयाए किं कडजुम्मे पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्मे नो तेयोए नो दावरजुम्मे नो कलियोगे, एवं जाव अदासमए, एएसि णं भंते ! धम्मस्थिकायअधम्मस्थिकायजावअद्धासमयाणं दबट्टयाए० एएसिणं अप्पाबहुगं जहा बहुवत्तव्वयाए तहेब निरवसेसं, धम्मत्थिकाए णं भंते! किं ओगाढे अणोगाढे ?, गोयमा ! ओगाढे नो अणोगाढे, जइ ओगाढे कि संखेजपएसोगाढे असंखेजपएसोगाढे अणंतपएसोगाढे १, गोयमा! नो संखेजपएसोगाढे असंखेज्जपएसोगाढे नो अणंतपएसोगाढे, जइ असंखेज्जपएसोगाढे किं कडजुम्मपएसोगाढे? पुच्छा, गोयमा! कडजुम्मपएसोगाढे नो तेओग० नो दावरजुम्मनो कलियोगपएसोगाढे, एवं अधम्मस्थिकायेऽवि, एवं आगासस्थिकायेऽवि, जीवस्थिकाये पुग्गलस्थिकाये अद्धासमए एवं चेव, इमा णं भंते ! रयणप्पभा पुढवी किं ओगाढा अणोगाढा?, जहेब धम्मस्थिकाए, एवं जाव अहेसत्तमा, सोहम्मे एवं चेव, एवं जाव इंसिपम्भारा पुढवी । ७३५। जीचे णं भंते! दव्वट्ठयाए किं कडजुम्मे० पुच्छा, गोयमा! नो कडजुम्मे नो तेयोगेनो दावरजुम्मे कलिओए, एवं नेरइएऽवि, एवं जाव सिद्धे, जीवाणं भंते ! दबठ्ठयाए किं कडजुम्मा० पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं कडजुम्मा नो तेयोगा नो दावर नो कलिओगा विहाणादेसेणं णो कडजुम्मा नो तेयोगा नो दावरजुम्मा कलियोगा, नेरइया णं भंते ! दय्वट्ठयाए० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाय सिय कलियोगा विहाणादेसेणं णो कडजुम्मा णो तेयोगा णो दावरजुम्मा कलिओगा, एवं जाव सिद्धा, जीवे णं भंते ! पएसट्ठयाए किं कड़०? पुच्छा, गोयमा! जीवपएसे पडुच्च कडजुम्मे नो तेयोगे नो दावर० नो कलियोगे, सरीरपएसे पडूच सिय कडजुम्मे जाव सिय कलियोगे, एवं जाव वेमाणिए, सिद्धेणं भंते ! पाएस० कि कडजुम्मे०? पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्मे नो तेयोगे नो दावरजुम्मे नो कलिओए, जीवा णं भंते ! पएसट्ठयाए कि कडजुम्मे०? पुच्छा, गोयमा ! जीवपएसे पहुच ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि कडजुम्मा नो तेयोगा नो दावर० नो कलिओगा, सरीरपएसे पडुच ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाब सिय कलियोगा विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलियोगावि, एवं नेरइयापि, एवं जाव वेमाणिया, सिद्धा णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि कडजुम्मा नो तेयोगा नो दावरजुम्मा णो कलिओगा। ७३६। जीवे णं भंते ! कि कडजुम्मपएसोगाढे० पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मपएसोगाढे जाव सिय कलिओगपएसोगाढे, एवं जाव सिद्दे, जीवा णं भंते! किं कड़जुम्मपएसोगाढा पुच्छा, गोयमा! ओघादेमेण | कडजम्मपएसोगाढा नो तेयोगनो दावर नो कलियोगविहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढावि जाव कलियोग०, नेरइयाणं पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मपएसोगाढा जाव सिय कलियोगपएसोगाढा, विहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढावि जाव कलियोगपएसोगाढावि, एवं एगिदियसिद्धवजा सव्वेऽवि, सिद्धा एगिंदिया य जहा जीवा, जीवे णं भंते ! कि कडजुम्मसमयद्वितीए जाव सिय क०१ पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्मसमयद्वितीए नो तेयोग० नो दावर नो कलियोगसमयहितीए, नेरइए णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजम्मसमयहितीए जाब सिय कलियोगसमयट्टितीए, एवं जाव वेमाणिए, सिद्धे जहा जीवे, जीवा णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि कडजुम्मसमयद्वितीया नो तेओगनो दावर नो कलिओग०, नेरइया णं० पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं सिय कडजम्मसमयद्वितीया जाय सिय का नरइया पं० पुच्छा, गोयमा! आघादेसेणं सिय कढजुम्मसमयहितीया जाव सिय कलियोगसमयद्वितीयावि विहाणादेसेणं कढजम्मसमयद्वितीयावि जाव कलियोगसमयहितीयावि, एवं जाव वेमाणिया, सिद्धा जहा जीवा । ७३७। जीवे णं भंते ! कालवन्नपज्जवेहिं किं कडजुम्मे पुच्छा, गोयमा ! जीवपएसे पडुन णो कडजुम्मे जाव णो कलियोगे सरीरपएसे पडुच्च सिय कडजुम्मे जाव सिय कलियोगे, एवं जाव वेमाणिए, सिद्धा ण चेव पुच्छिजति, जीवा णं भंते ! कालवनपजयेहिं ? पुच्छा, गोयमा ! जीवपएसे पडुच ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि णो कडजुम्मा जाव णो कलिओगा सरीरपएसे पडुच ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाब सिय कलियोगा विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलि०, एवं जाव वेमा०, एवं नीलवन्नपजवेहिं दंडओ भा०एगत्तपुहुत्तेणं, एवं जाव लुक्खफासपज्जवेहि, जीवे णं भंते ! आभिणियोहियणाणपज्जवेहि किं कड०? पुच्छा, गोयमा! सिय कड० जाब सिय कलियोगे, एवं एगिदियवजं जाव वेमाणिए, जीवा णं भंते ! आभिणिबोहियणाणपज्जवेहिं० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाय सिय (९२) | ३६८ श्रीभगवत्यंगं - २५ मुनि दीपरनसागर Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ROPICARSPIRMIRPEAREPEARSHRSSPIRSSPANEPRANSPONSFESASTERPRMSPONSPICARBAGMATIPAT कलियोगा विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलियोगावि, एवं एगिदियवजं जाव वेमाणिया, एवं सुयणाणपजवेहिवि, ओहिणाणपजवेहिवि एवं चेव, नवरं विकलिंदियाणं नस्थि ओहिनाणं, मणपज्जवनाणंपि एवं चेव, नवरं जीवाणं मणुस्साण य, सेसाणं नत्थि, जीवे णं भंते ! केवलनाणप० किं कडजुम्मा० पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्मे णो तेयोगे णो दावरजुम्मे णो कलियोगे, एवं मणुस्सेऽवि, एवं सिद्धेऽवि, जीवा णं भंते ! केवलनाण० पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणवि विहाणादे० कडजुम्मा नो तेजओ० नो दावर० णो कलियो०, एवं मणुस्सावि, 28 एवं सिद्धावि, जीवे र्ण भंते ! मइअचाणपज्जवेरिं किं कडजम्मे०१, जहा आभिणियोहियणाणपत्रवेहिं तहेव दो दंडगा, एवं सुयनाणपजवेहिवि, एवं विभंगनाणपजवेहिवि, चक्सुदंसणअचक्खुदंसणओहिदसणपजवेहिविएवं चेच, नवरं जस्स जं अस्थि तं भाणियब्वं, केवलदसणपज्जवेहिं जहा केवलनाणपज्जवेहिं । ७३८ा कति णं भंते ! सरीरमा पं०१, गोयमा! पंच सरीरगा पं० तं०-ओरालिए जाव कम्मए, एत्य सरीरगपदं निरवसेसं भाणियब्वं जहा पन्नवणाए।७३९। जीवा णं भंते ! कि सेया णिरेया?, गोयमा ! जीवा सेयावि निरेयावि, से केण?णं भंते ! एवं युबति-जीवा सेयाचि निरेयावि?, गोयमा ! जीवा दुविहा पं० तं०-संसारसमावन्नगा य असंसारसमावन्नगा य, तत्थ णं जेते असंसारसमावन्नगा ते णं सिद्धा, सिद्धा णं दुविहा पं००- अणंतरसिद्धा य परंपरसिद्धा य, तत्थ णं जे ते परंपरसिद्धा ते णं निरेया, तत्थ णं जे ते अणंतरसिद्धा ते ण सेया, ते णं भंते ! किं देसेया सब्वेया?, गोयमा ! णो देसेया सब्बेया, तत्थ णं जे ते संसारसमावनगा ते दुविहा पं० सं०- सेलेसिपडिवनगा य असेलेसिपडिवनगा य, तत्थ णं जे ते सेलेसीपडिवनगा ते णं निरेया, तत्थ णं जे ते असेलेसीपडिवनगा तेणं सेया, तेणं भंते ! किं देसेया सव्वेया?, गोयमा ! देसेयावि सब्वेयावि, से तेणटेणं जाब निरेयावि, नेदया णं भंते ! किं देसेया सम्वेया ?, गोयमा! देसेयावि सव्वेयावि, से केणट्टेणं जाच सब्वेयावि?, गोयमा ! नेरइया दुविहा पं० सं०-विग्गहगतिसमावन्नगा य अविग्गहगइसमावनगा य, तत्थ णं जे ते निम्महतिसमावन्नगा ते णं सव्वेया, तस्य णं जे ते अविग्गहमतिसमावन्नगा ते ण देसेया, से तेणद्वेणं जाव सब्वेयावि, एवं जाव वेमाणिया। ७४०। परमाणुपोग्गला णं भंते ! किं संखेजा असंखेज्जा अणंता, गोयमा! नो संखेजार | नो असंखेजा अणंता, एवं जाव अणंतपएसिया संधा, एगपएसोगाढा णं भंते! पोग्गला किं संखेजा असंखेजा अर्णता?,एवं पेय, एवं जाव असंखेजपएसोगाढा, एगसमयठितीया | भंते ! पोग्गला किं संखेजा०१, एवं चेव, एवं जाय असंखेजसमयद्वितीया, एगगुणकालगा णं मंते ! पोग्गला किं संखेजा०', एवं चेव, एवं जाव अणंतगुणकालगा, एवं अवसेसावि वण्णगंधरसफासा णेयव्या जाच अर्णतगुणलक्खत्ति, एएसिणं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं दुपएसियाण य खंधाणं दवट्ठाए कयरे२ अप्पा वा पहुया या ताला वा विवा?, गोयमा! दुपएसिएहिंतो खंधेहिंतो परमाणुपोग्गला दव्यद्वयाए बहुगा, एएसिणं भंते ! दुपएसियाणं तिप्पएसाण य खंधाणं दब्वट्ठयाए कयरे बहुया वा?, गोयमा ! तिपएसियखंधेहिंतो दुपएसिया खंधा दबट्टयाए बहुया, एवं एएणं गमएणं जाय दसपएसिएहितो खंधेहितो नवपएसिया खंधा दबट्टयाए बहुया, एएसिं णं भंते ! दसपएसिए पुच्छा, गोयमा ! दसपएसिएहितो खंधेहितो संखेजपएसिया बंधा दव्यद्वयाए बहया, एएसि णं भंते ! संखेज० पुच्छा, गोयमा ! संखेजपएसिएहिंतो खंधेहिंतो असंखेजपएसिया बंधा दबद्वयाए पहुया, एएसिणं भंते! असंखेज पुच्छा, गोयमा ! अणंतपएसिएहिंतो खंघेहितो असंखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्टयाए पहुया, एएसिणं भंते! परमाणुपोग्गलाणं दुपएसियाण य खंधाणं पएसट्टयाए कयरे कयरेहितो बहुया?, गोयमा ! परमाणुपोग्गलेहितो दुपएसिया खंधा पएसट्टयाए बहुया, एवं एएणं गमएणं जाव नवपएसिएहितो खंधेहितो दसपएसिया खंधा पएसट्ठयाए बहुया, एवं सव्वत्थ पुच्छियव्यं, दसपएसिएहितो खंधेहिंतो संखेजपएसिया खंधा पएस. बहुया, संखेजपएसिएहितो० असंखेजपएसिया खंधा पएसट्ठयाए बहुया, एएसिणं भंते ! असंखेजपएसियाणं. पुच्छा, गोयमा! अणंतपएसिएहितो खंधेहितो असंखेजपएसिया खंधा पएसट्टयाए बहुया, एएसि णं भंते ! एगपएसोगाढाणं दुपएसोगाढाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए कयरे जाव विसेसाहिया या?, गोयमा! दुपएसोगादेहितो पुग्गलेहिंतो एगपएसोगाढा पोम्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया, एवं एएणं गमएणं तिपएसोगादेहितो पोग्गलेहितो दुपएसोगाढा पोग्गला दबट्ठयाए बिसेसा जाब दसपएसोगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो नवपएसोगाढा पोग्गला दबट्ठयाए विसेसाहिया, दसपएसोगादेहितो पोग्गलेहितो संखिजपएसोगाढा पोग्गला दबट्ट्याए बहुया, संखेजपएसोगादेहितो पोग्गलेहितो असंखेजपएसोगाढा पोग्गला दबट्ठयाए बहुया पुच्छा सव्वत्थ भाणि०, एएसिणं भंते! एगपएसोगाढाणं दुपएसोगाढाण य पोम्गलाणं पएसठ्ठयाए कयरे० विसेसा०१, गोयमा! एगपएसोगादेहितो पोग्गलेहितो दुपएसोगाढा पोग्गला पएसठ्ठयाए पिसेसा एवं जाच नवपएसोगादेहितो पोग्गलेहितो दसपएसोगाढा पोग्गला पएस० विसेसाहिया दसपएसोगादेहितो पोग्गलेहितो संखेजपएसोगादा पोग्गला पएसट्ठयाए पहुया संखेजपएसोगादेहितो पोग्गलेहितो असंखेजपएसोगाढा पोग्गला पएसडयाए पहुया, एएसिं णं भंते! एगसमयद्वितीयाणं दुसमयहितीयाण य पोग्गलाणं दब्बट्ठयाए जहा ओगाहणाए पत्तव्यया एवं ठितीएवि, एएसिणं ३६९ श्रीभगवत्यंग - २५ मुनि दीपरनसागर PROMISPERMISPIRSAASPIRANSFOMEPTEMBPEARSHIERRHOARSEMISPOSSHRAISHASTRAISPIGMEPISABIPIHEARSHIONEP Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SYCLASPIRNSPIRABPSLASPICARBPHDAIPHEYAASPRIMINSPICASPICHASPIEMARPIOHRIPRAISHINRSNEAASP102680PCS भंते ! एगगुणकालयाणं दुगुणकालयाण य पोम्गलाणं दब्वट्ठयाए०?, एएसिणं जहा परमाणुपोग्गलादीणं तहेव वत्तब्वया निखसेसा, एवं सव्वेसि वन्नगंधरसाणं, एएसिणं भंते ! एगगणकक्खडाणं दुगुणकक्खडाण य पोग्गलाणं दबट्टयाए कयरे० विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! एगगुणकक्खडेहितो पोग्गलेहिंतो दुगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया, एवं जाव नवगुणकक्खडेहिंतो पोग्गलेहितो दसगुणकक्खडा पोग्गला दबट्ठयाए बिसे०, दसगुणकक्खडेहितो पोग्गलेहितो संखिज्जगुणकक्खडा पोग्गला दब्बट्टयाए बहुया संखेजगुणकक्खडेहिंतो पोग्गलेहितो असंखेजगुणकक्खडा पोग्गला दबट्ठयाए बहुया असंखेजगुणकक्खडेहितो पोग्गलेहितो अणंतगुणकक्सडा पोग्गला दबट्ठयाए बहुया, एवं पएसट्टयाए सव्वत्थ पुच्छा भाणियब्बा, जहा कक्खडा एवं मउयगरुयलहुयावि, सीयउसिणनिलुक्खा जहा वन्ना।७४१। एएसिं णं भंते ! परमाणुपोमालाणं संखेजपएसियाणं असंखेज अर्णतपएसियाण य खंधाणं दवट्टयाए पएस० दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सव्वथोवा अणंतपएसिया खंधा दब्बट्ठयाए परमाणुपोग्गला दबट्टयाए अणंतगुणा संखेजपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए संखेजगुणा असंखेजपएसिया खंधा दव्वट्टयाए असंखेजगुणा, पएसट्टयाए सम्बत्थोचा अणंतपएसिया खंधा पएसट्टयाए परमाणुपोग्गला अपएसट्टयाए अणंतगुणा संखेजपएसिया खंधा पएसट्टयाए संखेजगुणा असंखेजपएसिया खंधा पएसट्टयाए असंखेजगुणा दव्वट्ठपएसट्ठयाए सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंघा पएसठ्ठयाए अर्णतगुणा संखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा ते चेव पएसट्ठयाए संखेज्जगुणा असंखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, एएसिं णं भंते ! एगपएसोगाढाणं संखेज्जपएसोगाढाणं असंखेज्जपएसोगाढाण य पोग्गलाणं दबट्टयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसठ्ठयाए कयरे जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सब्वत्थोवा एगपएसोगाढा पोग्गला दबट्टयाए संखेजपएसोगाढा पोग्गला दबट्टयाए संखेजगुणा असंखेजपएसोगाढा पोग्गला दबट्टयाए असंखेजगुणा, पएसट्ठयाए सव्वत्थोवा एगपएसोगाढा पोग्गला अपएसट्ठयाए संखेजपएसोगाढा पोग्गला पएसट्ठयाए संखेजगुणा असंखेजपएसोगाढा पोग्गला पएसट्ठयाए असंखेजगुणा, दव्वट्ठपएसट्ठयाए सव्वत्योवा एगपएसोगाढा पोग्गला दब्बठ्ठअपदेसट्ठयाए असंखेजपएसोगाढा पोग्गला दबट्ट्याए संखेजगुणा ते चेव पएसट्ठयाए संखेजगुणा असंखेजपएसोगाढा पोग्गला दवट्ठयाए असंखेजगुणा ते चेव पएसट्ठयाए असंखेजगुणा, एएसिणं भंते ! एगसमयठितीयाणं संखिज्जस-8 मयठितीयाणं असंखेज्जसमयठितीयाण य पोग्गलाणं. जहा आंगाहणाए तहा ठितीएऽविभाणियब्वं अप्पाचहुगं, एएसिणं मंत! एगगुणकालगाणं संखजगणकालगाणं असंखेज-S गुणकालगाणं अणंतगुणकालगाणं य पोग्गलाणं दब्बट्टयाए पएसट्टयाए दब्बठ्ठपएसट्ठयाए?, एएसिणं जहा परमाणुपोग्गलाणं अप्पाबहुगंतहा एएसिपि अप्पाचहुर्ग, एवं सेसाणवि डाणं असंखेज० अर्णतगुणकक्खडाण य पोग्गलाणं दबट्टयाए पएसट्टयाए दबट्ठपएसट्टयाए कयरे जाच वि०वा?, गोयमा! सव्वत्योवा एगगुणकक्खडा पोग्गला दवट्ठयाए संखेजगुणकक्खडा पोग्गला दबट्टयाए संखेजगुणा असंखेजगुणकक्खडा पोग्गला व्वट्ठयाए असंखेजगुणा अणंतगुणकक्खडा दवट्ठयाए अणंतगुणा, पएसट्टयाए एवं चेव नवरं संखेजगुणकक्खडा पोग्गला पएसट्टयाए असं० सेसं तं चेष, दव्वट्ठपएसट्टयाए सव्वत्थोवा एगगुणकक्खडा पोग्गला दबट्टपएसट्टयाए संखेजगुणकक्खडा पोग्गला दब्वट्ठयाए संखेजगु० ते चेव पएसट्टयाए संखेजगुणा असंखेजगुणकक्खडा० दवट्टयाए असंखेजगुणा ते चेव पएसट्टयाए असंग्वेजगुणा अणंतगुणकक्खडा० दबट्टयाए अर्णतगुणा ते चेव पएसट्टयाए अर्णतगुणा, एवं मउयगरुयलहुयाणवि अप्पाबहुयं, सीयउसिणनिलुक्खाणं जहा बचाणं तहेव। ७४२। परमाणुपोग्गले णं भंते ! दव्वट्ठयाए किं कडजुम्मे तेयोए दावरे कलियोगे?, गोयमा! नो कडजुम्मे नो तेयोए नो दावरे कलियोगे, एवं जाव अणंतपएसिए खंधे, परमाणुपोग्गला णं भंते ! दबट्ठयाए किं कडजुम्मा० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कड० जाब सिय कलियोगा विहाणादेसेणं नो कड० नो तेयोगा नो दावर० कलियोगा, एवं जाव अणंतपएसिया खंधा, परमाणपोग्गले णं भंते ! पएसठ्ठयाए किं कडजुम्मे पुच्छा, गोयमा ! नो कडजुम्मा नो तेयोगा नो दावरा कलियोमे, दुपएसिए० पुच्छा, गोयमा! नो कडजम्मा नो नेयोगा दायरे नो कलियोगे, तिपए पुच्छा, गोयमा ! नो कडजुम्मे तेयोए नो दावरे नो कलियोगे, चउप्पएसिए० पुच्छा, गोयमा ! कडजुम्मे नो तेओए नो दावरे नो कलियोगे, पंचपएसिए जहा परमाणुपोग्गले छप्पएसिए जहा दुपएसिए सत्तपएसिए जहा तिपएसिए अट्टपएसिए जहा चउप्पएसिए नवपएसिए जहा परमाणुपोग्गले दसपएसिए जहा दुप्पएसिए, संखेजपएसिए र्ण भंते ! पोग्गले० पुच्छा, गोयमा! सिय कडजुम्मे जाव सिय कलियोगे, एवं असंखेजपएसिएऽवि अणंतपएसिएऽचि, परमाणुपोग्गला णं भंते! पएसठ्ठयाए कि कड पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाब सिय कलियोगा विहाणादेसेणं नो कड० नो तेयोया नो दावर कलियोगा, दुप्पएसिया णं० पुच्छा. गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा -३७० श्रीभगवत्यंग-सत-२५ मुनि दीपरत्नसागर Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नो तेयोया सिय दावरजुम्मा नो कलियोगा विहाणादेसेणं नो कड० नो तेयोया दावर० नो कलियोगा, तिपएसिया णं० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कड० जाव सिय कलियोगा विहाणादेसेणं नो कड० तेयोगा नो दावर० नो कलियोगा, चउप्पएसियाणं पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि कडजुम्मा नो तेयोगा नो दायरा नो कलियोगा, पंचपएसिया जहा परमाणुपोग्गला उपएसिया जहा दुप्पएसिया सत्तपएसिया जहा तिपएसिया अट्ठपएसिया जहा चउप्पएसिया नवपएसिया जहा परमाणुपोग्गला दसपएसिया जहा दुपएसिया, संखेजपएसियाण पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा विहाणादेसेणं कडजम्मावि जाव कलियोगाधि, एवं असंखेजपएसियावि अणंतपए. सियावि, परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं कडजुम्मपएसोगाढे०? पुच्छा, गोयमा! नो कडजुम्मपएसोगाढे नो तेयोग० नो दावरजुम्म० कलियोगपएसोगाढे, दुपएसिए ण० पुच्छा, गोयमा! नो कडजुम्मपएसोगादे णो तेयोग० सिय दावरजुम्मपएसोगाढे सिय कलियोगपएसोगाढे, तिपएसिए पं० पुच्छा, गोयमा! णो कडजुम्मपएसोगाढे सिय तेयोगपएसोगाढे सिय दावर० सिय कलियोगपएसोगाडे, चउप्पएसिए पं० पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मपएसोगाढे जाव सिय कलियोगपएसोगाढे, एवं जाव अणंतपएसिए, परमाणुपोग्गला णं भंते ! किं कड. पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं कडजम्मपएसोगाढा णो तेयोग० नो दावर नो कलियोग विहाणादेसेणं नो कडजम्मपएसोगाढा णो तेयोग० नो दावर० कलिओगपएसोगाढा, दुष्पएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा नो तेयोग० नो दावर० नो कलिओग० विहाणादेसेणं नो कडजुम्मपएसोगाढा नो तेयोगपएसोगाढा दावरजुम्मपएसोगाढापि कलियोगपएसोगाढावि, तिप्पएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा नो तेयोग० नो दावर नो कलि विहाणादेसेणं नो कडजुम्मपएसोगाढा तेओगपएसोगाढावि दावरजुम्मपएसोगाढापि कलिओगपएसोगाढापि, चउप्पएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा नो नेयोग नो दावर नो कलिओग विहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढावि जाव कलिओगपएसोगाढावि, एवं जाव अणंतपएसिया, परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं कडजुम्मसमयहितीए०? पुच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मसमयद्वितीए जाव सिय कलिओगसमयद्वितीए, एवं जाव अणंतपएसिए, परमाणुपोग्गला णं भंते! किं कडजुम्म०? पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मसमयठितीया जाब सिय कलियोगसमयद्वितीया विहाणादेसेणं कहजम्मसमयद्वितीयापि जाव कलियोगसमयद्वितीयावि, एवं जाव अणंतपएसिया, परमाणुपोग्गले णं भंते ! कालपनपजहिं कि कडजम्मे तेओगे०१, जहा ठितीए पत्तव्यया, एवं वनेवि सब्वेसु, गंधसुवि एवं चेव, रसेमुवि जाव महुरो रसोति, अणंतपएसिए णं भंते ! बंध कक्खडफासपनवेहि किं कटजम्मे०१ पच्छा, गोयमा ! सिय कडजुम्मे जाव सिय कलिओगे, अणंतपएसिया णं भंते! खंधा कक्खडफासपजवेहिं किं कडजुम्मा०? पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाय सिय कलियोगा विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलियोगावि, एवं मउयगरुयलहुयावि भाणियब्वा, सीयउसिणनिदलुक्खा जहा बना । ७४३ । परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं सड्ढे अणड्ढे ?, गोयमा ! नो सड्ढे अणइटे, दुपएसिए णं० पुच्छा, गोयमा ! सड्ढे नो अणड्ढे, तिपएसिए जहा परमाणुपोग्गले, चउपएसिए जहा दुपएसिए, पंचपएसिए जहा निपएसिए, छप्पएसिए जहा दुपएसिए सत्तपएसिए जहा तिपएसिए अट्ठपएसिए जहा दुपएसिए नवपएसिए जहा तिपएसिए दसपएसिए जहा दुपएसिए, संखेजपएसिए णं भंते ! खंधे० पुच्छा, गोयमा ! सिय सढे सिय अणड्ढे, एवं असंखेजपएसिएऽपि, एवं अणंतपएसिएवि, परमाणुपोग्गला णं भंते! किं सड्दा अणड्ढा?, गोयमा! सड्ढा वा अणड्ढा या, एवं जाव अणं. तपएसिया७४४ा परमाणुपोग्गले णं भंते ! कि सेए निरेए ?, गोयमा ! सिय सेए सिय निरेए, एवं जाच अणंतपएसिए, परमाणुपोग्गला णं भंते ! कि सेया निरेया ?, गोयमा ! सेयावि निरेयावि, एवं जाव अणंतपएसिया, परमाणुपोग्गले णं भंते ! सेए कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा! जह० एक समयं उक्को आवलियाए असंखेजाइभार्ग, परमाणुपोग्गले णं भंते! निरेए कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा ! जह• एक समय उकोसेणं असंखेनं कालं, एवं जाव अणंतपएसिए, परमाणुपोग्गला णं भंते ! सेया कालओ केवचिरं होन्ति ?, गोयमा ! सव्वदं, परमाणुपोग्गलाणं भंते ! निरेया कालओ केवचिरं होन्ति ?, गोयमा ! सव्वदं, एवं जाव अणंतपएसिया, परमाणुपोग्गलस्सणं भंते ! सेयस्स केवतियं कालं अंतर होइ?, गोयमा ! सट्ठाणंतरं पडुच जहनेणं एक समयं उक्कोसेणं असंखेनं कालं परट्ठाणंतरं पडुच जहन्नेणं एक समयं उकोसेणं असंखेज कालं, निरेयस्स केवतियं कालं अंतर होइ?, गोयमा! सट्ठाणंतरं पहुंच जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेजइभागं परट्ठाणंतरं पहुंच जहन्नेणं एक समयं उकोसेणं असंखेज कालं, दुपएसियस्सणं भंते ! खंधस्स सेयस्स. पुच्छा, गोयमा ! सट्ठाणंतरं पड़च जहनेणं एक समयं उक्कोसेणं असंखेज कालं परहाणंतरं पटुच जहन्नेणं एक समयं उकोसेणं अणतं कालं, निरेयस्स केवनियं कालं अंतर होइ?, गोयमा ! सट्ठाणंतरं पड़ जहनेणं एक समयं उकोसेणं आवलियाए असंखेजइभागं परहाणंतरं पहुंच जहन्नेणं एकं समयं उकोसेणं अणतं कालं, एवं जाय अर्णतपएसियस्स, परमा. ३७१ श्रीभगवत्यंग २५ मुनि दीपरनसागर Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पोग्गला गं भंते ! सेयाणं केवतियं कालं अंतरं होइ?. गोयमा ! नत्थि अंतरं, निरेयाणं केवइ?, नत्यि अंतरं, एवं जाव अर्णनपएसियाणं बंधाणं, एएसिणं भंते : परमाणुपोग्गलाण । मेयाणं निरेयाण य कयरे जाब विसेसाहिया वा?, गोयमा! सव्वत्थोवा परमाणुपोग्गला सेया निरेया असंखेजगुणा, एवं जाव असंखिजपएमियाणं संधाणं, एएसिणं भंते! अणंतपएसियाणं खंधाणं सेयाणं निरेयाण य कयरे जाब विसेसाहिया वा ?. गोयमा ! सम्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा निरया मेया अर्णतगुणा, एएमिण भंते! परमाणुपोमालाणं मंखेजपएसियाणं असंखेजपएसियाणं अणंतपएसियाण य खंधाणं सेयाणं निरेयाण य व्वट्ठयाए पएसट्ठयाए दव्बठ्ठपएसट्टयाए कयरे जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सचत्योचा अणंतपएसिया खंधा निरेया दरवठयाए अणंतपएसिया खंधा सेया दग्बठ्ठयाए अर्णतगुणा परमाणुपोग्गला सेया दवट्ठयाए अर्णतगुणा संखेजपएसिया बंधा मेया दवट्ठयाए असंखेजगुणा असंखेजपएसिया खंधा सेया दबट्ठयाए असंखेजगुणा परमाणुपोराला निरेया दवट्टयाए असंग्वेजगुणा संखेजपणुमिया खंधा निरया दट्टयाए संखेजगृणा असंखे. जपएसिया खंधा निरेया दव्बट्टयाए असंखेजगृणा, पएसट्टयाए एवं चेव नवरं परमाणुपोग्गला अपएसट्टयाए भाणियब्वा, संग्वेजपएसिया बंधा निरेया पएसट्टयाए असंखेनगुणा सेसं तं चेच. दवट्टपएसट्टयाए सव्यत्योचा अर्णतपएसिया खंधा निरया दवट्ठयाए ते चेव पएसट्टयाए अणनगुणा अर्णतपएमिया बंधा मेया दबट्टयाए अर्णनगुणा ते चव पएसट्टयाप अर्णतगुणा परमाणपोग्गला सेया दबटुयाए अपएसट्टयाए अर्णतगुणा संखेजपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा ने चेव पएसट्टयाए असंखेजगृणा असंखेजपएसिया खंधा सेया दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा ने चेव पएमट्टयाए असंखेज्जगृणा परमाणुपोग्गल्ला निरेया दबटुअपएसट्टयाए असंखिजगणा मंखिजपएमिया बंधा निरेया दबट्टयाए असंखे. जगृणा ने चेष पएसट्टयाए संखिजगुणा असंखिजपएमिया संधा निरेया दवट्ठयाए अ० ते चेव पएसट्टयाए असंखिजगुणा, परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं देसेए सव्वेए निरए ?. गोयमा ! नो देसेए मिय सम्वेए सिय निरेए, दुपएमिए णं भंते ! खंधे पुच्छा, गोयमा ! सिय देसेए सिय सब्वेए सिय निरेए एवं जाव अणंतपएसिए, परमाणुपोग्गला णं भंते! कि देसया सम्वेया निग्या ?, गोयमा ! नो देमेया सब्वेयावि निरेयापि, दुपएसिया णं भंते ! खंधा पुच्छा, गोयसा ! देसेयायि सब्वेयावि निरयावि, एवं जाच अर्णतपएमिया, परमाणुपोग्गले ण भंते ! सव्वेए कालओ केवधि होड ?, गोयमा ! जहन्नेणं एवं समय उकोसेणं आवलियाए असंखेजइभाग. निग्ये कारओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एक समय उक्कोसेणं असंविज कालं, दुपएसिए णं भंते ! खंधे देसेए कालओ केवचिरं ?, गोयमा ! जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेजहभागं, सब्वेए कालओ केवचिर्र होइ?, गोयमा ! जहश्रेणं एक समयं उकोसेणं आवलियाए असंखेजहभागं, निरेए कालओ केवचिरं होड?, गोयमा! जहनेणं एक ममयं उको कालओ केवचिरं होन्ति?. सच्चदं. दप्पएसिया णं भंते ! खंधा देसेया कालओ केवचिरं०१. सम्बद्ध सब्वेया कालओ केवचिरं-?. सब्बदं. निरेया कालओ केवचिरं?, सव्वद्धं, एवं जाव अर्णनपएसिया, परमाणुपोग्गलस्स णं भंते! सब्बेयस्स केवतियं कालं अंतर होइ?, गोयमा ! सट्ठाणंतरं पदन जहनेणं एक समयं उकोसेणं असंखिजं कालं परट्ठाणंतरं पड़ जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं असंचिज कालं, निरेयस्म केवतियं अंतरं होइ?. सट्ठाणतरं पडुच जहरू एकं समयं उकोसेणं आचलियाए असंखेजइभागं परहाणंतरं पटुन जहनेणं एवं ममयं उक्कोसेणं असंसिनं कालं. दुपएसियस्स णं भंते ! खंधस्स देसेयस्स केवतियं कालं अंतर होइ?.. देणं अमंखिज काल परट्ठाणतरं पइचजहनेणं एक समयं उकोसेणं अणंतं कालं, सब्बयस्स केवतियं कालं०१.एवं चेव जहा देसेयस्स, निरेयस्स केवतिय ?, सट्टाणंतरं जहनेणं एक समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेजइभागं पगट्टाणंतरं पड़म जहनेणं एक समयं उक्कोसेणं अणंतं कालं, एवं जाव अणंतपएसियम्स, परमाणुपोग्गलाणं भंते ! सब्वेयाणं केवनियं कालं अंतरं होइ?, नन्थि अंतरं, निरेयाणं केवतियं, नन्धि अंतरं, दुपएसियाणं भंते ! खंधाणं देसेयाणं केवतियं कालं?,नत्थि अंतरं, सब्वेयाणं केवतियं कालं?, नन्थि अंतरं, निरेयाणं केवनियं कालं?, नन्थि अंतरं, एवं जाव अणनपएसियाणं, एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं सब्वेयाणं निरेयाण य कयरे जाव संखेजगणा, एएसि णं भंते ! दुपएसियाणं संधाणं देसेयाणं सब्वेयाणं निरेयाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा ! मञ्चन्थोवा दुपएसिया संधा सब्वेया देसेया अमंग्वेजगुणा निरेया अमंखिजगुणा, एवं जाव असंखेजपएसियाणं खंधाणं, एएसिणं भंते ! अर्णतपएसियाणं संधाणं देसेयाणं सब्वेयाणं निरेयाण य कयरे जाय विसेसाहिया वा?, गोयमा! सच्चत्योवा अर्णनपएसिया बंधा सव्वेया निरेया अर्णतगृणा देसेया अर्णतगुणा, एएसिणं भंते! परमाणुपोमालाणं संखेजपएसियाणं असंखेजपएसियाणं अर्णनपएमियाण य संधाणं देसेयाणं सब्वेयाणं निरेयाणं दवट्ठयाए पएसट्टयाए दबट्ठपएसट्टयाए कयरे जाव विसेसाहिया वा?. गोयमा! सवन्योवा अणनपएमिया खंधा सव्वेया दव्वट्टयाए अणंतपएसिया खंधा निरेया दबट्टयाए अर्णतगुणा अर्णतपएसिया खंधा देसेया दब्बद्रयाए अणंतगणा असंखे-(९३) ३७२ श्रीभगवन्यंगं- -२५ मुनि दीपरत्नसागर I Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जपएसिया खंधा सब्वेया दब्बट्टयाए असंखेजगुणा संखेजपएसिया खंधा सव्वेया दव्वद्वयाए असंखेज्जगुणा परमाणुपोग्गला सव्वेया दव्वद्वयाए असंखेज्जगुणा संखेजपएसिया संधा देसेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा असंखेजपएसिया खंधा देतेया दब्बट्टयाए असंखेजगुणा परमाणुपोग्गला निरेया दब्बट्टयाए असंखेज्जगुणा संखेनपएसिया खंधा निरेया दब्बट्टयाए संखेज्जगुणा असंखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्टयाए असंखिजगुणा एवं पएसट्टयाएवि नवरं परमाणुपोग्गला अपएसट्टयाए भाणियब्वा संखिज्जपएसिया खंधा निरेया पएसटूट्टयाए असंखिजगुणा सेसं तं चेव, दव्वट्ठपएसट्ट्याए सव्वत्थोवा अणतपएसिया खंधा सव्वेया दव्बट्टयाए ते चैव पएसट्टयाए अनंतगुणा अणतपएसिया संधा निरेया दब्बट्टयाए अतगुणा ते चैव परसट्टयाए अनंतगुणा अणतपएसिया खंधा देसेया दव्बट्टयाए अणंतगुणा ते चेव पएसट्र्याए अनंतगुणा असंखिजपएसिया खंधा सब्वेया दव्वट्टयाए अनंतगुणा ते चैव पएसइयाए असंखेज्जगुणा संखिजपएसिया खंधा सव्वेया दव्वट्टयाए असंखेजगुणा ते चेव पएसट्टयाए असंखेजगुणा परमाणुपोग्गला सब्बेया दब्बटुअपएसट्र्याए असंख जगुणा संखेजपएसिया खंधा देसेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ते चैव पएसट्टयाए असंखेजगुणा असंखेज्जपएसिया खंधा देतेया दव्वट्टयाए असंखेजगुणा ते चेव पएस० असंखे० परमाणुपोग्गला निरेया दब्बट्टअपदेसट्टयाए असंखेजगुणा संखेजपएसिया खंधा निरेया दव्बट्टयाए संखेज्जगुणा ते चेव पएसइयाए संखेज्जगुणा असंखेज्जपएसिया निरेया दव्वट्ट असंखेज्जगुणा ते चैव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा । ७४५। कति णं भंते! धम्मत्थिकायस्स मज्झपएसा पं० १. गोयमा ! अटु धम्मत्थिकायस्स मज्झपएसा पं०, कति णं भंते! अघ म्मत्यिकायस्स मज्झपएसा पं० १. एवं चेव, कति णं भंते! आगासत्धिकायस्स मज्झपएसा पं०१, एवं चेच, कति णं भंते! जीवन्धिकायस्स मज्झपएसा पं० १. गोयमा ! अड जीवन्थिकायरस मज्झपएसा पं०, एए णं भंते! अट्ठ जीवत्विकायस्स मज्झपएसा कतिसु आगासपएसेसु ओगाहंति ?, गोयमा जहन्नेणं एकमि वा दोहिं वा तीहिं वा चउहिं वा पंचहिं वा छहिं वा उक्कोसेणं अट्टसु नो चेव णं सत्तसु। सेवं भंते! रत्ति । ७४६ ॥ श० २५उ० ४ ॥ कतिविहा णं भंते! पज्जवा पं० १. गोयमा ! दुविहा पज्जवा पं० तं० - जीवपज्जवा य अजीवपज्जवा य, पज्जवपदं निरवसेसं भाणियव्वं जहा पन्नवणाए । ७४७। आवलिया णं भंते किं संखेज्जा समया असंखेज्जा समया अणंता समया ?. गोयमा ! नो संखेज्जा समया असंखेज्जा समया नो अनंता समया, आणापाणू णं भंते! किं संखेज्जा ०१, एवं चैव थोवेणं भंते किं०? एवं चेव एवं लवेऽवि मुहत्तेऽवि एवं अहोरनेऽवि एवं पक्खे मामे उद्दू अयणे संवच्छरे जुगे वाससये वाससहस्से वाससयसहस्से पुब्बंगे पुब्बे तुडियंगे तुडिए अडडंगे अडडे अववंगे अबवे हुहुयंगे हुहुए उप्पलंगे उप्पले पउमंगे पडमे नलगे नल अच्छिणिउरंगे अच्छणिउरे अउयंगे अउये नउयंगे नउए पउयंगे पउए चूलियंगे चूलिए सीसपहेलियंगे सीसपहेलिया पलिओवमे सागरोवमे ओसप्पिणी उस्सप्पिणीवि, पोग्गलपरियट्टे णं भंते! किं संखेज्जा समया असंखेज्जा समया अणंता समया?, गोयमा ! नो संखेज्जा समया नो असंखेज्जा समया अनंता समया. एवं तीयद्धा अणागयदा सव्वदा आवलियाओ णं भंते! किं संखेज्जा समया० १ पुच्छा, गोयमा! नो संखेज्जा समया सिय असंखिज्जा समया सिय अनंता समया, आणापाणणं भंते! किं संखेज्जा समया० १. एवं चेव, थोवाणं भंते! किं संखेज्जा समया० १, एवं जाब ओसप्पिणीओत्ति, पोग्गलपरियट्टा णं भंते! किं संखेजा समया० ? पुच्छा, गोयमा ! णो संखेजा समया णो असंखेज्जा समया अनंता समया, आणापाणू णं भंते! किं संखेज्जाओ आवलियाओ ०१ पुच्छा, गोयमा! संखेज्जाओ आवलियाओ णो असंखिज्जाओ आवलियाओ नो अर्णताओ आवलियाओ एवं धोवेऽवि, एवं जाव सीसपहेलियत्ति, पलिओ मे णं भंते! किं संखेज्जा ०१ पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जाओ आवलियाओ असंखिज्जाओ आवलियाओ नो अनंताओ आवलियाओ एवं सागरोवमेऽचि एवं ओसप्पिणीएऽवि उस्सप्पिणीएऽवि, पोग्गलपरियट्टे० पुच्छा, गोयमा नो संखेज्जाओ आवलियाओ णो असंखेज्जाओ आवलियाओ अनंताओ आवलियाओ एवं जाब सब्बद्धा, आण्णापाणू णं भंते! किं संखेज्जाओ आवलियाओ० ? पुच्छा, गोयमा सिय संखेज्जाओ आवलियाओ सिय असंखिज्जाओ ० सिय अनंताओ० एवं जाव मीमपलियाओ, पलिओवमा गं० पुच्छा, गोयमा! णो संखेज्जाओ आवलियाओ सिय असंखेज्जाओ आवलियाओ सिय अनंताओ आवलियाओ एवं जाव उस्सप्पिणीओ, पोमलपरियट्टा णं॰ पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जाओ आवलियाओ नो असंखेजाओ आवलियाओ अनंताओ आवलियाओ, थोवे णं भंते! किं संखेज्जाओ आणापाणओ असंखेज्जाओ जहा आवलियाए बत्तव्वया एवं आणापाणुओऽवि निरवसेसा, एवं एतेणं गमएणं जाव सीसपहेलिया भाणियच्या, सागरोवमे णं भंते! किं संखेजा पलिओमा ? पृच्छा. गोयमा ! संखेजा पलिओवमा णो असंखेजा पलिओवमा णो अनंता पलिओवमा, एवं ओसप्पिणीएऽवि उस्सप्पिणीएऽवि, पोग्गलपरियट्टे णं पुच्छा, गोयमा ! णो संखेज्जा पलिओचमा णां असंखेजा पलिओवमा अनंता पलिओवमा, एवं जाव सव्वद्धा, सागरोचमा णं भंते! किं संखेजा पलिओयमा ? पृच्छा, गोयमा सिय संखेज्जा पलिओवमा सिय असंखिज्जा पलि ३७३ श्रीभगवत्यं सतर मुनि दीपरत्नसागर Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PCHIEVEMBERARHIPEARSHIGHRIPRABPOINSPIRANSPIRISF864297662878SADIPIGARBHISHEMRAPHAAREYEARSPOAR ओवमा सिय अणंता पलिओवमा, एवं जाव ओसप्पिणीवि उस्सप्पिणीवि, पोग्गलपरियहा गं० पुच्छा. गोयमा ! णो संखेजा पलिओवमा णो असंखेज्जा पलिओवमा अणंता पलिओवमा, ओसप्पिणी णं भंते ! किं संखेज्जा सागरोवमा जहा पलिओवमस्स बत्तव्वया तहा सागरोवमस्सवि, पोग्गलपरियट्टे णं भंते! कि संखेजाओ ओसप्पिणीओ०१ पुच्छा. गोयमा! णो संखेजाओ ओसप्पिणीओ गो असंखिजा. अणंताओ ओसप्पिणीउस्सप्पिणीओ, एवं जाव सब्बद्धा, पोग्गलपरियहा णं भंते ! कि संखेजाज ओसप्पिणीउस्मप्पिणीओ पृच्छा, गोयमा ! णो संखेजाओ ओसप्पिणीउस्सप्पिणीओ णो असंखे० अणंताओ ओसप्पिणीउस्सप्पिणीओ, तीतदा णं भंते! किं संखेजा पोग्गलपरियट्टा ? पुच्छा, गोयमा ! नो संखेजा पोग्गलपरियहा नो असंखेजा अर्णता पोग्गलप०, एवं अणागयद्धावि, एवं सबदाचि । ७४८। अणागयद्धा णं भंते ! किं संखेजाओ तीतद्धाओ असंखे० अणंताओ?.गोयमा! णो संखेजाओ तीतद्धाओ णो असंखेजाओ तीतदाओ णो अर्थताओ तीतद्धाओ, अणागयद्धा णं तीतद्धाओ समयाहिया, तीतद्धा णं अणागयदाओ समयूणा. सव्वदा णं भंते! किं संखे. जाओ तीतदाओ? पुच्छा, गोयमा! णो संखेजाओ तीतद्धाओ णो असंखे० णो अर्णताओ तीयदाओ, सव्वद्धा णं तीयदाओ सातिरेगदुगुणा तीवदाणं सब्वदाओ थोवृणए अदे. सव्वद्धा णं भंते! किं संखेजाओ अणागयाओ० पुच्छा, गोयमा ! णो संखेजाओ अणागयद्धाओ णो असंखेजाओ अणागयद्धाओ णो अणंताओ अणागयद्धाओ, सब्बद्धा णं अणागयाओ थोखूणगदुगुणा अणागयद्धा णं सम्बद्धाओ सातिरेगे अद्धे । ७४९। कतिबिहा भंते! णिओदा पं०?, गोयमा! दुविहा णिओदा पं० तं०-णिओगा य णिओयजीवा य, णिओदा णं भंते ! कतिविहा पं०?, गोयमा! दुविहा पं०तं०- सुरमनिगोदा य वायरनिओगा य, एवं निओगा भाणियब्बा जहा जीवाभिगमे तहेव निरवसेसं । ७५० । कतिविहे गं भंते! णामे पं० ?, गोयमा ! छविहे णामे पं० सं०-ओदइए जाव सन्निवाइए, से किं तं ओदइए णामे ?, ओदइए णामे दुविहे पं०तं०. उदए य उदयनिष्फन्ने य, एवं जहा सत्तरसमसए पढमे उहेसए भावो तहेव इहवि, नवरं इमं नामणाणतं, सेसं तहेब जाव सन्निवाइए। सेवं भंते २त्ति । ७५१॥ श०२५ उ०५॥ पनवण वेद रागे कप्प परित्त पडिसेवणा णाणे। तित्थे लिंग सरीरे १० खेत्ते काल गइ संजम निगासे ॥ १५॥ जोगुवओग कसाए लेसा परिणाम २०बंध बेदे य। कम्मोदीरण उवसंपजहन समा य आहारे ॥९६॥ भव आगरिसे कालंतरे य ३० समुग्धाय खेत्त फुसणा य। भावे परिमाणेऽविय अप्पाबहुयं नियंठाणं ३७॥९७॥रायगिहे जाव एवं वयासी-कति णं भंते ! णियंठा पं०१, गोयमा ! पंच णियंठा पं० २०. पलाए बउसे कुसीले णियंठे सिणाए, पुलाए णं भंते ! कतिविहे पं०१, गोयमा ! पंचविहे पं० त०-नाणपुलाए दंसणपुलाए चरितपुलाए लिंगपुलाए अहासुहमपुलाए णाम पंचमे, बउसे णं भंते ! कतिविहे पं०?, गोयमा ! पंचविहे पं०२०-आभोगवउसे अणाभोगचउसे संबुडबउसे असंबुडवउसे अहासुहुमवउसे णाम पंचमे, कुसीले णं भंते ! कतिविहे पं०१, गोयमा! दुविहे | पं० त०-पडिसेवणाकुसीले य कसायकुसीले य, पडिसेवणाकुसीले णं भंते ! कतिविहे पं02. गोयमा! पंचविहे पं० सं०-नाणपडिसेवणाकुसीले दसणपडिसेवणाकुसीले चरित्तपडिसेवणाकुसीले लिंगपडिसेवणाकुसीले अहासुहुमपडिसेवणाकुसीले णामं पंचमे, कसायकुसीले णं भंते ! कतिविहे पं०१, गोयमा ! पंचविहे पं० तं०-नाणकसायकुसीले दसणकसायकुसीले चरित्तकसायकूसीले लिंगकसायकसीले अहासुहमकसायकृसीले णामं पंचमे, नियंठे णं भंते कतिविहे पं०?,गोयमा! पंचविहे पं०२०- पढमसमयनियंठे अपढम मयनियंठे अचरमसमयनियंठे अहासुरमनियंठे णाम पंचमे, सिणाए णं भंते! कतिविहे पं०?, गोयमा! पंचविहे पं० २०-अच्छवी असबले अकम्मसे संसुद्धनाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली अपरिस्सावी, पुलाए णं भंते ! किं सवेयए होजा अवेदए होजा?, गोयमा ! सवेयए होजा णो अवेयए होजा, जइ सवेयए होजा किं इत्थिवेदए होज्जा पुरिसचेयए. पुरिसनपुंसगवेदए होज्जा?, गोयमा ! नो इत्थिवेदए होजा पुरिसवेयए होजा पुरिसनपुंसगवेयए वा होजा, बउसे णं भंते ! किं सवेदए होजा अवेदए होजा?, गोयमा ! सवेदए होजा णो अवेदए होजा, जइ सवेदए होजा किं इत्थिवेयए होजा पुस्सिवेयए होज्जा पुरिसनपुंसगवेदए होज्जा?, गोयमा ! इस्थिवेयए वा होज्जा परिसवेयए वा होज्जा पुरिसनपुंसगवेयए वा होज्जा, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि, कसायकुसीले णं भंते ! किं सवेदए.? पुच्छा, गोयमा! सवेदए वा होज्जा अवेदए वा होज्जा, जइ अवेदए कि उवसंतवेदए खीणवे. दए होज्जा?, गोयमा! उपसंतवेदए बा० खीणवेदए वा होज्जा, जइ सवेयए होज्जा किं इत्थिवेदए० पुच्छा, गोयमा! तिसुचि जहा बउसो, णियंठे णं भंते ! किं सवेदए पुच्छा, गोयमा! णो सवेयए होज्जा अवेयए होज्जा, जइ अवेयए होज्जा किं उपसंत. पुच्छा, गोयमा ! उवसंतवेयए वा होज्जा खीणवेयए वा होज्जा, सिणाए णं भंते ! किं सवेयए होज्जा, जहा नियंठे तहा सिणाएऽवि, नवरं णो उवसंतवेयए होज्जा खीणवेयए होज्जा ।७५२॥ पुलाए णं भंते ! कि सरागे होजा वीयरागे होजा?. गोयमा ! सरागे होजा णो वीयरागे होजा, एवं जाव कसायकुसीले, णियंठे गं भंते ! किं सरागे होजा० पुच्छा, गोयमा ! णो सरागे होजा बीयरागे होजा, जइ वीयरागे होज्जा उवसंतकसायचीयरागे होजा खीणकसाय३७४ श्रीभगवत्यंग-सत २५ मुनि दीपरनसागर SASPICARSHEMISPHORRBIPEARSHCARBIPISARIPOMEOPRAISPOSISPHASP0000MMEPEARBP8ARSPIGARBP104SPO4NE Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1783-8PENSPICAISYICHEHEMISPASHREPARARRHEARSHESARIPANAGPRSAASPIRSSPIRHASPIGHISTAMBHARPRASHANASIANS | वीयरागे वा होज्जा ?, गोयमा ! उवसंतकसायवीयरागे वा होजा खीणकसायवीयरागे वा होजा, सिणाए एवं चेव, नवरं णो उवसंतकसायवीयरागे होजा खीणकसायवीयरागे होजा | | ७५३। पुलाए णं भंते! किं ठियकप्पे होज्जा अद्वियकप्पे होज्जा ?, गोयमा ! ठियकप्पे वा होज्जा अद्वियकप्पे वा होज्जा, एवं जाब सिणाए, पुलाए णं भंते ! किं जिणकप्पे होज्जा थेरकप्पे होज्जा कप्पातीते होज्जा ?, गोयमा ! नो जिणकप्पे होज्जा थेरकप्पे होज्जा णो कप्पातीते होज्जा, बउसे णं० पुच्छा, गोयमा! जिणकप्पे वा होज्जा थेरकप्पे वा होज्जा नो कप्पातीते होज्जा, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽपि, कसायकुसीले णं० पुच्छा, गोयमा ! जिणकप्पे वा होज्जा थेरकप्पे वा होज्जा कप्पातीते वा होज्जा, नियंठे थे. पुच्छा, गोयमा नो जिणकप्पे होज्जा नो थेरकप्पे होज्जा कप्पातीते होज्जा, एवं सिणाएऽवि ।७५४। पुलाए णं भंते! किं सामाइयसंजमे होज्जा छेओवट्ठावणियसंजमे होज्जा परिहारविसुद्धियसंजमे होज्जा सुहुमसंपरागसंजमे होजा अहक्खायसंजमे होजा?, गोयमा! सामाइयसंजमे वा होज्जा छेओवट्ठावणियसंजमे वा होजा णो परिहारविमुद्रियसंजमे होज्जा णो सुहुमसंपरागे होजाणो अहक्वायसंजमे होजा, एवं षउसेऽवि, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि, कसायकुसीले णं० पुच्छा, गोयमा! सामाइयसंजमे वा होजा जाव सुहुमसंपरागसंजमे वा होजा णो अहक्खायसंजमे होजा, नियंठे थे. पुच्छा, गोयमा! णो सामाइयसंजमे होजा जाव णो सुहुमसंपरागसंजमे अहक्खायसं०, एवं सिणाएऽवि।७५५। पुलाए णं भंते ! किं पडिसेवए होजा अपडिसेवए होजा?, गायमा! पंडिसवए होजा णो अपडिसवए होज्जा, जइ पडिसेवए होजा किं मलगुणपडिसेवए होजा उत्तरगणपडिसेवए होजा.गोयमा! मलगणपडिसेवए वा होजा उत्तरगुणपडिसेवए वा होजा, मूलगुणे पडिसेवेमाणे पंचण्हं आसवाणं अन्नयरं पडिसेवेज्जा उत्तरगुणे पडिसेवेमाणे दसविहस्स पञ्चक्खाणस्स अन्नयरं पडिसेवेजा, बउसे ण० पुच्छा, गोयमा ! पडिसेवए होजा णो अपडिसेवए होज्जा, जइ पडिसेवए होजा किं मूलगुणपडिसेवए होजा उत्तरगुणपडिसेवए वा होज्जा?, गोयमा! णो मुलगणपडिसेवए होज्जा उत्तरगुणपडिसेवए होजा, उत्तरगुणे पडिसेवेमाणे दसविहस्स पञ्चक्खाणस्स अन्नयरं पडिसेवेज्जा, पडिसेवणाकुसीले जहा पुलाए, कसायकुसीले णं० पुच्छा, गोयमा! णो पडिसेवए होज्जा अपडिसेवए होज्जा, एवं निग्गंथेऽवि, एवं सिणाएऽवि । ७५६। पुलाए णं भंते! कतिसु नाणेसु होज्जा?, गोयमा ! दोसु वा तिसु वा होज्जा, दोसु होज्जमाणे | दोसु आभिणिवोहियनाणे सुअनाणे होज्जा तिमु होमाणे तिसु आभिणिवोहियनाणे सुयनाणे ओहिनाणे होज्जा, एवं बाउसेऽवि, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि, कसायकुसीले णं० पुच्छा, गोयमा! दोसु वा तिसु वा चउसु वा होज्जा, दोसु होमाणे दोसु आभिणिचोहियनाणसुयनाणेसु होज्जा तिसु होमाणे तिसु आभिणिचोहियनाणसुयनाणओहिनाणेसु होज्जा अहवा तिसु होमाणे आभिणियोहियनाणसुयनाणमणपज्जबनाणेसु होज्जा चउसु होमाणे चउसु आभिणियोहियनाणमुयनाणओहिनाणमणपज्जवनाणेसु होजा, एवं नियंठेऽवि, सिणाए णं पुच्छा, गोयमा! एगंमि केवलनाणे होजा। ७५७। पुलाए णं भंते ! केवतियं सुयं अहिजेजा?, गोयमा! जहन्नेणं नवमस्स पुथ्वस्स ततियं आयारवत्थु उक्कोसेणं नव पुवाई अहिजेजा, बउसे पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठपक्यणमायाओ उकोसेणं दस पुण्याई अहिजेजा, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि, कसायकुसीले० पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं अट्टपवयणमायाओ उकोसेणं चोइस पुण्याई अहिजेजा, एवं नियंठेऽवि, सिणाए.पुच्छा, गोयमा ! सुयवतिरित्ते होज्जा ७५८ा पुलाए णं भंते । किं तित्थे होज्जा अतित्थे होजा?, गोयमा! तित्थे होज़ा णो अतित्थे होज्जा, एवं चउसेऽवि, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि, कसायकुसीले० पुच्छा, गोयमा! तित्थे वा होज्जा अतित्थे वा होज्जा, जइ अतित्थे होजा किं तित्थयरे होजा पत्तेयबुद्धे होजा?, गोयमा ! तित्वगरे वा होजा पत्तेयबुद्धे वा होजा, एवं नियंठेऽबि, एवं सिणाएऽवि । ७५९। पुलाए णं भंते! किं सलिंगे होज्जा अन्नलिंगे होजा गिहिलिंगे होजा?, गोयमा ! दव्यलिंग पहुंच सलिंगे वा होजा अनलिंगे वा होजा गिहिलिंगे वा होजा भावलिंग पडुच नियमा सलिंगे होज्जा, एवं जाव सिणाए।७६०। पुलाए णं भंते ! कइसु सरीरेसु होजा?, गोयमा ! तिसु ओरालियतेयाकम्मएसु होज्जा, बउसे णं भंते! पुच्छा, गोयमा! तिसु वा चउसु वा होजा, तिमु होमाणे तिमु ओरालियतेयाकम्मपएम होजा चउसु होमाणे चउसु ओरालियवेउवियतेयाकम्मएम होजा, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि, कसायकुसीले० पुच्छा, गोयमा ! तिसु वा चउसु वा पंचसु वा होजा, तिसु होजमाणे तिमु ओरालियतेयाकम्मएसु होजा चउसु होमाणे चउसु ओरालियवेउब्वियतेयाकम्मएसु होजा पंचसु होमाणे पंचसु ओरालियवेउब्वियआहारगतेयाकम्मएम होजा, णियंठे सिणाओ य जहा पुलाओ। ७६१॥ पुलाए णं भंते ! किं कम्मभूमीए होज्जा अकम्मभूमीए होज्जा?, गोयमा! जम्मणसंतिभावं पडुच कम्मभूमीए होज्जा णो अकम्मभूमीए होज्जा, बउसे गं पुच्छा, गोयमा! जम्मणसंतिभावं पहुच कम्मभूमीए होज्जा णो अकम्मभूमीए होज्जा साहरणं पडुच कम्मभूमीए बा होज्जा अकम्मभूमीए वा होजा, एवं जाव सिणाए।७६२। पुलाए णं भंते ! किं ओसप्पिणीकाले होज्जा उस्सप्पिणीकाले होज्जा णोओसप्पिणीणोउस्सप्पिणीकाले वा होजा?, गोयमा! ओसप्पिणीकाले वा होज्जा उस्सप्पिणीकाले वा होजा नो ३७५ श्रीभगवत्यंग-का-२५ मुनि दीपरत्नसागर Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उस्सप्पिणीनो ओसप्पिणीकाले वा होज्जा, जइ ओसप्पिणीकाले होज्जा किं सुसमसमाकाले होजा सुसमाकाले होजा सुसमद्समाकाले होजा दूसमसुसमाकाले होजा दूसमाकाले होजा दूसमसमाकाले होजा १, गोयमा ! जंमणं पच णो सुखमसुसमाकाले होजा णो सुसमाकाले होजा सुसमद्समाकाले होजा दूसमसुसमाकाले वा होज्जा णो दूममाकाले होज्जा णो दूसमसमाकाले होज्जा संतिभावं पडुच णो सुसमसुसमाकाले होजा णो सुसमाकाले होजा सुसमद्समाकाले वा होज्जा दूसमसुसमाकाले वा होजा इसमाकाले वा होजा णो दूसमसमाकाले होजा, जइ उस्सप्पिणीकाले होजा किं दूसमद्समाकाले होजा दूसमाकाले होजा दूसमसुममाकाले होजा सुसमद्समाकाले होज्जा सुसमाकाले होजा सुसम सुसमाकाले होज्जा ?, गोयमा ! जंमणं पडुच णो दूसमद्समाकाले होजा दूसमाकाले वा होजा दूममसुसमाकाले वा होजा सुसमद्समाकाले वा होजा णो सुममाकाले होजा णो सुसमसुसमाकाले होज्जा संतिभावं पहुच णो दूसमसमाकाले होज्जा दूसमाकाले होज्जा दूसमसुसमाकाले वा होजा सुसमद्समाकाले वा होजा णो सुसमाकाले होजा णो सुसमसुसमाकाले होज्जा, जइ गोउस्सप्पिणीनो अवसप्पिणीकाले होज्जा किं सुसमसुसमापलिभागे होजा सुसमपलिभागे० सुसमद्समापलिभागे होजा दूसमसुसमापलिभागे ? गोयमा ! जमणं संतिभावं च पडुच णो सुसमसुसमापलिभागे होजा णो सुसमपलिभागे० णो सुसमदूसमापलिभागे होजा दूसमसुसमापलिभागे होजा, बउसे गं० पुच्छा, गोयमा ! ओसप्पिणीकाले वा होजा उस्सप्पिणीकाले वा होजा नोओसप्पिणीनोउस्सप्पिणीकाले वा होज्जा, जइ ओसप्पिणीकाले होजा किं सुसमसुसमाकाले पुच्छा, गोयमा! जंमणं संतिभावं च पडुच णो सुसमसमाकाले होजा णो सुसमाकाले होजा सुसमद्समाकाले वा होजा दूसमसुसमाकाले वा होज्जा दुसमाकाले वा होजा णो दूसमद्समाकाले होजा साहरणं पहुंच अन्नयरे समा काले होज्जा, जइ उस्सप्पिणीकाले होजा किं दूसमसमाकाले होला ? पुच्छा, गोयमा ! जम्मणं पडुच णो दूसमसमाकाले होला जहेब पुलाए संतिभावं पच णो दूसमसमा काले होजा णो दूसमाकाले होज्जा एवं संतिभावेणवि जहा पुलाए जाव णो सुसमसुसमाकाले होला साहरणं पडुच्च अन्नयरे समाकाले होजा, जइ नोओसप्पिणीनोउस्सप्पिणीकाले होज्जा० पुच्छा, गोयमा ! जम्मणसंतिभावं पडुच णो सुसममुसमापलिभागे होजा जहेब पुलाए जाब दूसमसुसमापलिभागे होजा साहरणं पटुच्च अन्नयरे पलिभागे होज्जा. जहा बउसे एवं पडि सेवणाकुसीलेऽवि, एवं कसायकुसीलेऽवि, नियंठो सिणाओ य जहा पुलाओ, नवरं एतेसिं अन्भहियं साहरणं माणियब्वं, सेसं तं चैव । ७६३। पुलाए णं भंते! कालगए समाकं गतिं गच्छति ?, गोयमा देवगति गच्छति, देवगतिं गच्छ्रमाणे किं भवणवासीसु उववज्जेज्जा वाणमंतरेसु उवयजेज्जा जोइसवेमाणिएस उबवजेज्जा ?, गोयमा ! णो भवणवा सीसु णो बाण० णो जोइस॰ वेमाणिएस उवव०, वैमाणिएस उववजमाणे जह० सोहम्मे कप्पे उक्कोसेणं सहस्सारे कप्पे उवयजेज्जा, बउसे णं एवं चेव नवरं उक्कोसेणं अच्चए कप्पे. पडिसेवणाकुमीले जहा चउसे, कसायकुसीले जहा पुलाए, नवरं उक्कोसेणं अणुत्तरविमाणेसु उबवजेजा, नियंते णं भंते!० एवं चैव, जाव वैमाणिएस उववजमाणे अजहन्नमणको सेणं अणुत्तरविमाणेसु उवबज्जेज्जा, सिणाए णं भंते! कालगए समाणे कं गतिं गच्छइ ?, गोयमा ! सिद्धिगतिं गच्छइ, पुलाए णं भंते! देवेसु उबवज्रमाणे किं इंदत्ताए उबले सामा णियत्ताए उववज्जेज्जा तायत्तीसत्ताए वा उवयजेज्जा लोगपालत्ताए वा उववज्जेज्जा अहमिंदत्ताए वा उववज्जेज्जा १, गोयमा ! अविराहणं पडुच इंदत्ताए उबव मामाणियत्ताए उपयज्ञेजा लोगपालत्ताए उच्च तायत्तीसत्ताए वा उववजेजा नो अहमिंदत्ताए उववजेज्जा, विराहणं पडुच अन्नयरेसु उववज्जेजा, एवं चउसेऽवि एवं पडि सेवणाकुसीलेऽचि कसायकुसीले पुच्छा, गोयमा ! अविराहणं पडुच इंदत्ताए वा उववज्जेजा जाय अहमिंदत्ताए उक्य० विराहणं पडुच्च अन्नयरेसु उवब०, नियंते पृच्छा, गोयमा ! अविराहणं पच णो इंदत्ताए उपव जात्र णो लोगपालत्ताए उबव० अहमिंदत्ताए उवव०, विराहणं पडुच अन्नयरेसु उवव०, पुलायस्स णं भंते! देवलोगेसु उववज्जमाणस्स केवतियं कालं ठिती पं० १. गोयमा ! जहन्नेणं पलिओमपुत्तं उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोचमाई, चउसस्स० पृच्छा, गोयमा! जहन्नेणं पलिओत्रमपुत्तं उक्कोसेणं बाबीसं सागरोवमाई, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि कसायकुसीलस्स पृच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं पलिओत्रमपुत्तं उक्कोसेणं तेत्तीस सागरोवमाई, णियंठस्सः पुच्छा, गोयमा! अजहन्नमणुकोसेणं वेत्तीस सागरोवमाई । ७६४ । पुलागरसणं भंते! केवतिया संयमाणा पं० १, गोयमा ! असंखेजा संजमडाणा पं० एवं जाव कसायकुसीलस्स, नियंठस्स णं भंते! केवइया संजमट्टाणा पं० १. गोयमा ! एगे अजहन्नमणको सए संजमडाणे.. एवं सिणायस्सवि, एतेसि णं भंते! पुलागवडसपडिसेवणाकसायकुसीलनियंठसिणायाणं संजमट्टाणाणं कयरे जाव विसेसाहिया या ?, गोयमा ! सव्वत्थोवे नियंटम्स सिणायस्स य एगे अजहन्नमणुकोसए संजमद्वाणे पुलागस्स णं संजमद्दाणा असंखेज्जगुणा बउसस्स संजमद्दाणा असं० पडिसेवणाकुसीलस्स संजमहाणा असं कसायकुसीलस्स संजमडाणा असं । ७६५ । पुलागस्स णं भंते! केवतिया चरित्तपज्जवा पं० १, गोयमा ! अणंता चरित्तपज्जवा पं०, एवं जाव सिणायस्स, पुलाए णं भंते! पुलागस्स सद्वाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवेहिं किं हीणे तुझे अच्भहिए ?, गोयमा सिय हीणे सिय तुझे सिय अन्भहिए, जइ हीणे अनंतभागहीणे वा असंखेज्जइभागहीणे वा संखेज्जइभागहीणे वा संखेजगुणहीणे वा असं (९४) ३७६ श्रीभगवत्यं सत २५ O मुनि दीपरत्नसागर Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SHOMASPOSEPHEPISHBHISHASPELAPELASPIRNSPIRATYANAPICCHISPOSASPICIPESAPANISPERIMELINAR खेजगुणहीणे वा अनंतगुणहीणे वा, अह अम्भहिए अणतभागमभहिए वा असंखजइभागमभहिए वा संखेजभागमभहिए वा संखेजगणमभहिए वा असंखेजगुणमभहिए वा अर्णतगुणमभहिए वा, पुलाए णं भंते ! पउसस्स परट्ठाणसनिगासेणं चरित्तपजवेडिं किं हीणे तुड़े अन्भहिए?, गोयमा ! हीणे नो तुडे नो अग्भहिए अर्णतगुणहीणे, एवं पडिसेवणाकुसीलस्सवि, कसायकुसीलेणं समं छट्ठाणवडिए जहेव सट्ठाणे, नियंठस्स जहा बउसस्स, एवं सिणायस्सवि, बउसे णं भंते ! पुलागस्स परट्ठाणसनिगासेणं चरित्तपजवेहि किं हीणे तुड़े अभहिए ?, गोयमा ! णो हीणे णो तुाढे अभहिए अणंतगुणमम्महिए, बउसे णं भंते! बउसस्स सट्टाणसन्निगासेणं चरित्तपजवेहिं० पुच्छा, गोयमा ! सिय हीणे सिय तुड़े सिय अब्भहिए, जइ हीणे छट्ठाणवडिए, पउसे णं भंते ! पडिसेवणाकुसीलस्स परट्ठाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवेहिं किं हीणे०?, छट्ठाणवडिए, एवं कसायकुसीलस्सवि, बउसे णं भंते ! नियंठस्स परट्ठाणसन्निगासेणं चरित्तपजवेहिं० पुच्छा, गोयमा! हीणे णो तुड़े णो अम्भहिए अणंतगुणहीणे, एवं सिणायस्सवि, पडिसेवणाकुसीलस्स एवं चेव बउसवत्तव्वया भाणियब्वा, कसायकसीलस्स पर० एस व पाउसवत्तव्वया नवरं पुलाएणवि समं छट्ठाणवडिए, णियंठे णं भंते ! पुलागस्स परट्ठाणसचिगासेणं चरित्तपजवेहि पुच्छा, गोयमा ! णो हीणे णो तुड़े अभहिए अणंतगुणमभहिए, एवं जाव कसायकुसीलस्स, णियंठे णं भंते! णियंठस्स सट्टाणसन्निगासेणं० पुच्छा, गोयमा ! नो हीणे तुड़े णो अभहिए, एवं सिणायस्सवि, मिणाए णं भंते! पुलागस्स परछाणसनिक एवं जहा नियंठस्स वत्तव्बया तहा सिणायस्सवि भाणियव्वा जाब सिणाए णं भंते! सिणायस्स सट्टाणसन्निगासेणं० पुच्छा, गोयमा ! णो | हीणे तुड़े णो अम्भहिए, एएसिं णं भंते! पुलागचकुसपडिसेवणाकुसीलकसायकुसीलनियंठमिणायाणं जहन्नुकोमगाणं चरित्तपज्जवाणं कयरे जाव विमेसाहिया वा ? गोयमा ! पुलागस्स कसायकुसीलस्स य एपसिंणं जहन्नगा चरित्तपज्जवा दोण्हवि तुला सव्वत्थोवा पुलागस्स उक्कोसगा चरित्तपज्जवा अनंतगुणा व उसस्स पडिसेवणाकुसीलस्स य एएसिणं | जहन्नगा चरित्तपज्जया दोण्हवि तुला अर्णतगुणा बउसस्स उकोसगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा पडिसवणाकुसीलस्स उकोसगा चरित्तपज्जया अणंतगणा कसायकुसीलस्स उका- 13 सगा चरित्तपज्जया अर्णतगणा णियंठस्स सिणायस्स य एतेसिणं अजहन्नमणुकोसगा चरित्तपज्जवा दाण्हवि तुड़ा अणंतगणा । ७६६। पुलाए णं भंते ! किं सयोगी होज्जा अजोगी वा होजा?, गोयमा ! सयोगी होजा नो अयोगी होजा, जइ सयोगी होज्जा कि मणजोगी होजा वइजोगी होजा कायजोगी होजा ?. गोयमा ! मणजोगी वा होजा वयजोगी वा होज्जा कायजोगी वा होजा, एचे जाच नियंठे, सिणाए णं० पुच्छा, गोयमा ! सयोगी वा होजा अयोगी वा होजा, जइ सयोगी होजा किं मणजोगी होजा सेसं जहा पुलागस्स 1७६७। पुलाए णं भंते ! किं सागारोवउत्ते होजा अणागारोवउत्ते होजा?, गोयमा ! सागागेवउत्ते वा होजा अणागारोवउत्ते वा होजा, एवं जाव सिणाए।७६८ा पुलाए णं भंते ! कि सकसायी होजा अकसायी होजा?, गोयमा! सकसायी होज्जा णो अकसायी होजा, जह सकसाई० मे णं भंते ! कतिसु कसासु होजा?. गोयमा! चउसु कोहमाणमायालोमेसु होजा, एवं बउसेऽवि, एवं पडिमेवणाकुसीलेऽबि. कसायकुमीले णं० पुच्छा, गोयमा ! सकसायी होज्जा णो अकसायी होज्जा, जइ सकसायी होजा से णं भंते! कतिसु कसाएम होजा?, गोयमा चङसु वा तिसु वा दोसुवा एगंमि वा होजा, चउमु होमाणे चउसु संजणकोहमाणमायालोमेसु होजा तिसु होमाणे तिसु संजलणमाणमायालोमेसु होजा दोसु होमार्ण संजलणमायालाभमुहाजा एगाम हामाण सजटणलाभहाजा, नियठणपुच्छा, गायमा! णा मकमाया हाज्जा होजा खीणकसायी होजा?, गोयमा ! उवसंतकसायी चा होजा खीणकसायी वा होजा, मिणाए एवं चेच, नवरं णो उवसंतकसायी होजा खीणकसायी होजा । ७६९। पुलाए णं | भंते ! कि सलेस्से होजा अलेस्मे होजा?, गोयमा ! सलेस्से होजा णो अलेस्से होजा, जइ मलेस्से होजा से णं भंते ! कतिसु लेस्सासु होज्जा ?, गोयमा ! तिसु विसुद्धलेस्सासु होज्जा तं०-तेउलेस्साए पम्हलेस्साए मुक्कलेस्साए, एवं बउसेऽपि, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि, कसायकुसीले० पुच्छा, गोयमा ! सलेस्से होज्जा णो अलेस्से होज्जा, जइ सलेस्से होज्जा से गं भंते ! कतिमु लेस्सासु होज्जा ?, गोयमा ! उसु लेस्सासु होज्जा नं०-कण्हलेस्साए जाव सुकलेस्साए, नियंठे गं भंते!० पुच्छा, गोयमा ! सलेस्से होज्जा णो अलेस्से होज्जा, जइ सलेस्मे होज्जा से णं भंते ! कतिम लेस्सामु होज्जा ?, गोयमा! एकाए सुक्कलेस्साए होज्जा, मिणाए. पुच्छा, गोयमा! सलेस्से वा अलेस्से वा होज्जा, जइ सलेस्से होज्जा से णं भंते! कतिमु लेस्सासु होज्जा ?, गायमा! एगाए परममुक्कलेस्साए होज्जा। ७७०। पुलाए णं भंते ! किं वड्ढमाणपरिणामे होज्जा हीयमाणपरिणामे होजा अवट्ठियपरि०, गोयमा ! बढमाणपरि० वा होज्जा हीयमाणपरिणामे वा होज्जा अबट्ठियपरिणामे वा होज्जा, एवं जाव कसायकुसीले, णियंठे णं० पुच्छा, गोयमा ! वड्ढमाणपरिणामे होज्जा णो हीयमाणप० होज्जा अवट्ठियपरिणामे वा होज्जा, एवं सिणाएऽवि, पुलाए णं भंते! केवइयं कालं बड्ढमाणपरिणाम होज्जा ?, गोयमा ! जहन्नेणं एकं समय उक्को० अंतोमु०, केवतियं कालं ३७७ श्रीभगवत्यंग-सात-२५ मुनि दीपरत्नसागर HASTRORISTIOMSPICARBISHEPHREPHIARSHINESPERMISHRAISPRIMASPIERSPERMSPICARRIPGARHIPCHISARABPORAROPRAS Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SOHARPRASPIRNVSPIRSARAPRANSPIRINRBIPIANSPERNASPIRMSPREPOSAASHIRAASPEASPTEMBPENSPIROMISHRAASPIRAINSPIRARI हीयमाणपरिणामे होज्जा?,गोयमा! जह० एक समयं उक्को० अंतोमु०, केवइयं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा, गोयमा! जहन्नेणं एक समय उक्कोसेणं सत्त समया, एवं जाव कसायकुसीले, नियंठे णं भंते! केवतियं कालं बढ़माणपरिणामे होज्जा?,गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुतं, केवतियं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा?, गोयमा ! जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं, सिणाए णं भंते! केवइयं कालं वड्ढमाणपरिणामे होज्जा?, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं, केवइयं कालं अवडियपरिणामे होज्जा?, गायमा ! जह० अंतोमु० उक्कोसे० देसृणा पुव्बकोडी। ७७१॥ पुलाए णं भंते! कति कम्मपगडीओ बंधति?, गोयमा ! आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधति, बउसे० पुच्छा, गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहचंधए वा, सत्त बंधमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधति, अट्ट बंधमाणे पडिपुझाओ अट्ट कम्मप्पगडीओ बंधइ, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि, कसायकुसीले० पुच्छा, गोयमा! सत्तविहबंधए वा अट्टविहबंधए वा छब्बिहबंधए बा, सत्त बंधमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधइ, अट्ट बंधमाणे पडिपुनाओ अट्ट कम्मप्पगडीओ बंधइ, छ बंधमाणे आउयमोहणिज्जवज्जाओ छक्कम्मप्पगडीओ बंधइ, नियंठे णं० पुच्छा, गोयमा! एगं वेयणिज्ज कम्मं बंधइ, सिणाए० पुच्छा, गोयमा! एगविहचंधए वा अबंधए वा, एगं बंधमाणे एग वेयणिज कम्मं बंधइ । ७७२। पुलाए णं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ वेदेइ ?, गोयमा ! नियम अट्ट कम्मप्पगडीओ बेदेइ, एवं जाव कसायकुसीले, नियंठे णं० पुच्छा, गोयमा! मोहणिज्जवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ वेदेइ, सिणाए णं० पुच्छा, गोयमा! वेयणिजआउयनामगोयाओ चत्तारि कम्मप्पगडीओ वेदेइ 1७७३। पुलाए णं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ उदीरेति?, गोयमा! आउयवेयणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, बउसे० पुच्छा, गोयमा! सत्तविहउदीरए वा अट्टविह उदीरए वा छबिहउदीरए वा, सत्त उदीरेमाणे आउयवजाओ सत्त कम्मप्पगडीओ उदीरेति, अट्ट उदीरेमाणे पडिपुन्नाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ उदीरेति, छ उदीरेमाणे आउयवेयणिजवजाओ छ कम्मप्पगडीओ उदीरेति, पडिसेवणाकुसीले एवं चेव, कसायकुसीले०१ पुच्छा, गोयमा ! सत्तविहउदीरए वा अट्टविहउदीरए वा छव्विहउदीरए वा पंचविहउदीरए वा, सत्त उदीरेमाणे आउयवजाओ सत्त कम्मप्पगडीओ उदीरेति अट्ट उदीरेमाणे पडिपुन्नाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ उदीरेति छ उदीरेमाणे आउयवेयणिजज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ उदीरेति पंच उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जमोहणिज्जवज्जाओ पंच कम्मप्पगडीओ उदीरेति, नियंठे०१ पुच्छा, गोयमा! पंचविहउदीरए वा दुविहउदीरए वा, पंच उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जमोहणिजवज्जाओ पंच कम्मपगडीओ उदीरेति दो उदीरेमाणे णामं च गोयं च उदीरेति, सिणाए० पुच्छा, गोयमा! दुविहउदीरए वा अणुदीरए वा, दो उदीरेमाणे णामं च गोयं च उदीरेति 1७७४ पुलाए णं भंते ! पुलायत्तं जहमाणे किं जहति किं उवसंपज्जति ?, गोयमा! पुलायत्तं जहति कसायकुसीलं वा असंजमं वा उवसंपज्जति, बउसे णं भंते! वउसत्तं जहमाणे किं जहति किं उवसंपज्जति ?, गोयमा! बउसत्तं जहति पडिसेवणाकुसीलं वा कसायकुसीलं वा असंजमं वा संजमासंजमं वा उवसंपज्जति, पडिसेवणाकुसीले णं भंते ! पडि पुच्छा, गोयमा पडिसेवणाकुसीलत्तं जहति बउसं वा कसायकुसीलं वा असंजमं वा संयमासंयम वा उपसंपज्जति, कसायकुसीले० पुच्छा, गोयमा! कसायकुसीलत्तं जहति पुलायं वा बउसं 8 वा पडिसेवणाकुसीलं वा णियंठं वा असंजमंवा संयमासंयमंवा उपसंपज्जति, णियंठे० पुच्छा, गोयमा! नियंठत्तं जहति कसायकुसीलं वा सिणायं चा असंजमं वा उपसंपज्जति, सिणाए. पुच्छा, गोयमा! सिणायत्तं जहति सिद्धिगति उपसंपज्जति ७ि७५ पुलाए णं भत! किं सन्नोवउत्ते होज्जा नोसन्नोवउत्ते होजा. गोयमा! णोसन्नोवउत्ते होजा, उसे णं भंते! पुच्छा, गोयमा ! सन्नोवउत्ते वा होज्जा नोसन्नोवउत्ते वा होज्जा, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि, एवं कसायकुसीलेवि, नियंठे सिणाए य जहा पुलाए।७७६। पुलाए णं भंते ! किं आहारए होज्जा अणाहारए होज्जा, गोयमा! आहारए होज्जा णो अणाहारए होज्जा, एवं जाव नियंठ, सिणाए० पुच्छा, गोयमा ! आहारए वा होज्जा अणाहारए वा होज्जा । ७७७। पुलाए णं भंते ! कति भवम्गहणाई होजा?, गोयमा ! जहन्नेणं एक उकोसेणं तिन्नि, चउसे० पुच्छा, गोयमा ! जह० एक उकोसेणं अट्ठ, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि, एवं कसायकुसी. लेवि, नियंठे जहा पुलाए, सिणाए० पुच्छा, गोयमा! एक । ७७८ा पुलागस्स र्ण भंते! एगभवगहणिया केवतिया आगरिसा सस्स f० पुच्छा, गोयमा! जहन्नेणं एको उक्कोसेणं सतम्गसो, एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि कसायकुसीलेऽवि, णियंठस्स णं० पुच्छा, गोयमा! जहनेणं एको उकोसेणं दोन्नि, सिणायस्स णं० पुच्छा, गोयमा! एको, पुलागस्स णं भंते! नाणाभचम्गहणिया केवतिया आगरिसा पं०१, गोयमा ! जहन्नेणं दोन्नि उक्को सत्त, बउसस्स० पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं दोन्नि उक्कोसेणं सहस्सग्गसो, एवं जाव कसायकुसीलस्स, नियंठस्स णं० पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं दोन्नि उक्कोसेणं पंच, सिणायस्स० पुच्छा, गोयमा! नस्थि एकोऽवि । ७७९। पुलाए णं भंते! कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उकोसेणवि अंतोमुहुत्तं, चउसे० पुच्छा, गोयमा! जह० एवं समयं उक्कोसेणं देसूणा पुव्बकोडी, एवं पडिसे३७८ श्रीभगवत्यंग-सत-२५ मुनि दीपरत्नसागर 194340930419548062940840988498ARRARANASIK34819482-2KOMAITREATRAPHORANKA Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ · वणाकुसीलेऽवि कसायकुसीलेऽवि, नियंठे० पुच्छा. गोयमा ! जह० एकं समयं उक्कोसेणं अंतोमुद्दत्तं, सिणाए० पुच्छा, गोयमा ! जहनेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं देसृणा पुञ्चकोडी, पुलाया णं भंते! कालओ केवचिरं होइ ?, गोयमा ! जहनेणं एकं समयं उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं, उसे पुच्छा, गोयमा सब्बद्धं, एवं जाव कसायकुसीला, नियंठा जह पुलागा, सिणाया जहा बउसा । ७८० । पुलागस्स णं भंते! केवतियं कालं अंतरं होइ ?, गोयमा जह० अंतोमु० उक्को० अणतं कालं अनंताओ ओसप्पिणीउस्सप्पिणीओ कालओ खेत्तओ अवडपोग्गलपरिय देणं, एवं जाव नियंठस्स. सिणायरसः पुच्छा, गोयमा ! नत्थि अंतरं, पुलायाणं भंते! केवतियं कालं अंतरं होइ ?, गोयमा जह० एवं समयं उक्को० संखेज्जाई वासाई, बउसाणं भंते!- पुच्छा, गोयमा ! नत्थि अंतरं एवं जाव कसायकुसीलाणं, नियंठाणं० पुच्छा, गोयमा जह० एवं समयं उक्कोसेणं छम्मासा, सिणायाणं जहा बउसाणं । ७८१ । पुलागणं भंते! कति समुग्धाया पं० १, गोयमा तिनि समुग्धाया पं० तं० वेयणासमुग्धाए कसायसमुग्धाए मारणंतियसमुग्याए, बउसस्स णं भंते! पुच्छा, गोयमा ! पंच समुग्धाया पं० तं वेयणासमुग्धाए जाब तेयासमुग्धाए एवं पडिसेवणाकुसीलेऽवि कसायकुसीलस्सः पृच्छा, गोयमा छ समुग्धाया पं० तं० वेयणासमुग्धाए जाव आहारगसमुग्धाए, नियंठस्स गं० पुच्छा, गोयमा ! नत्थि एकोऽवि, सिणायस्सः पुच्छा, गोयमा ! एगे केवलिसमुग्धाए । ७८२ । पुलाए णं भंते! लोगस्स किं संखेज्जइभागे होज्जा असंखेज्जइभागे होज्जा संखेज्जेसु भागेस होज्जा असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा सब्बलोए होज्जा ?, गोयमा ! णो संखेज्जइभागे होज्जा असंखेज्जइभागे होज्जा णो संखेज्जेसु भागेसु होज्जा णो असंखेजेसु भागेस होजा णो सव्वलोए होजा, एवं जाव नियंठे, सिणाए गं० पुच्छा, गोयमा! णो संखेज्जइभागे होजा असंखेजइभागे होजा णो संखेज्जेसु भागेसु होज्जा असंखेजेसु भागेसु होजा सव्वलोए वा होजा । ७८३। पुलाए णं भंते! लोगस्स किं संखेजइभागं फुसइ असंखेजइभागं फुसइ० ? एवं जहा ओगाहणा भणिया तहा फुसणावि भाणियव्वा जाब सिणाए । ७८४ । पुलाए णं भंते कतरंमि भावे होजा !, गोयमा ! खओवसमिए भावे होज्जा, एवं जाव कसायकुसीले नियंटेः पुच्छा, गोयमा ! उवसमिए वा भावे होजा खइए वा भावे होज्जा, सिणाए पुच्छा, गोयमा ! खाइए भावे होज्जा । ७८५ । पुलाया णं भंते! एगसम एणं केवतिया होज्जा ?, गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुब सिय अस्थि सिय नत्थि, जइ अत्थि जहणं एको वा दो वा तिनि वा उक्कोसेणं सयपुहुत्तं, पुब्वपडिवन्नए पडुच्च सिय अस्थि सिय नन्थि, जइ अत्थि जहन्नेणं एको वा दो वा तिनि वा उक्कोसेणं सहस्वपुहुत्तं, बड़सा णं भंते! एगममएणं पुच्छा, गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुच्च सिय अस्थि सिय नत्थि, जइ अस्थि जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं सयपुहत्तं, पुव्वपडिवन्नए पहुच जहन्नेणं कोडिसयपुत्तं उक्कोसेणवि कोडिसयपुहुत्तं एवं पडि सेवणाकुसीलेऽवि कसायकुसीला गं० पुच्छा, गोयमा पडिवजमाणए पडुन सिय अस्थि सिय नत्थि, जइ अस्थि जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं सहस्सपुहुत्तं, पुव्वपडिवन्नए पडुच जहन्नेणं कोडिसहस्सपुहुत्तं उकोसेणवि कोटिसहस्सपुहुत्तं नियंठा णं० पुच्छा, गोयमा पडिवजमाणए पहुच सिय अत्थि सिय नत्थि, जइ अस्थि जहन्नेर्ण एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं बाब सतं. असयं खवगाणं चडप्पन्नं उवसामगाणं, पुव्वपडिवन्नए पहुच सिय अस्थि सिय नत्थि, जड़ अत्थि जहणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं सयपुहुत्तं, सिणाया नं० पुच्छा, गोयमा पडिवजमाणए पहुंच सिय अत्थि सिय नत्थि, जइ अस्थि जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं असतं, पुण्यपडिवन्नए पडुच जहन्नेणं कोडिपुहुत्तं उक्कोसेणवि कोडिदुतं. एएसिं णं भंते! पुलागवकुसपडि सेवणाकुसीलकसायकुसीलनियंठमिणायाणं करे जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा सव्वत्थोवा नियंठा पुलागा संखेज्जगुणा सिणाया संखेज्जगुणा बडसा संखेज्जगुणा पडिसेवणाकुसीला संखेज्जगुणा कसायकुसीला संखेज्जगुणा । सेवं भंते! सेवं भंते! ति जाव विहरति । ७८६ । २०२५ ३०६ ॥ कति णं भंते! संजया पं० १. गोयमा पंच संजया पं०० सामाइयसंजए छेदोवडावणीयसंजए परिहारविसुद्धियसंजए सुहुमसंपरायसंजए अहक्खायसंजए, सामाइयसंजए णं भंते! कतिविहे पं० १. गायमा ! दुविहे पं० तं इत्तरिए य आवकहिए य, छेओवडावणीयसंजए णं पुच्छा. गोयमा दुविहे पं० नं०. सानियारे य निरतियारे य, परिहारविसुद्रियसंजए० पुच्छा, गोयमा दुविहे पं० नं० णिब्विसमाणए य निव्विदृकाइए य, सुहुमसंपरागः पुच्छा, गोयमा ! दुविहे पं०० संकि लिस्ममाणए य विमुद्धमाणए य, अहक्वायसंजए पुच्छा, गोयमा ! दुविहे पं० नं० छउमत्थे य केवली य। 'सामाइयंमि य कए चाउज्जामं अणुत्तरं धम्मं तिविहेण फासयंतो सामाइयसंजओ में खलु ॥ ९८ ॥ छेतूण उ परियागं पोराणं जो ठवेइ अप्पाणं धम्मंमि पंचजामे छेदोपट्टावणो स खलु ॥ ९९ ॥ परिहरइ जो विसुद्धं तु पंचयामं अणुत्तरं धम्मं । तिविहेण फासयंतो परिहारियसंजओ स खलु ॥ १०० ॥ लोभाणू वेयंतो जो खलु उवसामओ व खवओ वा सो मुडुमसंपराओ अहखाया ऊणओ किंचि ॥ १०१ ॥ उवसंते खीणंमि व जो खलु कम्मंमि मोहणिज्जमि छउमत्थो व जिणो वा अहवाओ संजओ स खलु ॥ १०२ ॥ ७८७ । सामाइयसंजए णं भंते! किं सवेदए होज्जा अवेदए होजा?, गोयमा! सवेदए वा होजा ३७९ श्रीभगवत्यंग बार्त-२५ - T मुनि दीपरत्नसागर Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अवेदए वा होजा, जइ सवेदए एवं जहा कसायकुसीले तहेव निरवसेस, एवं छेदोबट्ठावणीयसंजएऽवि, परिहारविसुद्धियसंजओ जहा पुलाओ, सुहुमसंपरायसंजओ अहक्खायसंजओ य जहा नियंठो. सामाङयसंजए णं भंते ! किं सरागे होजा बीयरागे होजा.गोयमा! सरागे होज्जा नो वीयरागे होजा, एवं सुहमसंपरायसंजए, अहक्वायसंजए जहा नियंठे. सामाइयसंजए णं भंते! किं ठियकप्पे होजा अट्ठियकप्पे होज्जा ?, गोयमा ! ठियकप्पे वा होज्जा अट्ठियकप्पे वा होज्जा, छेदोवडावणीयसंजए० पुच्छा, गोयमा! ठियकप्पे होजा नो अट्ठियकप्पे होजा, एवं परिहारविसुद्धियसंजएऽवि, सेसा जहा सामाइयसंजए, सामाइयसंजए णं भंते! किं जिणकप्पे होजा थेरकप्पे वा होजा कप्पातीते वा होजा?, गोयमा! जिणकप्पे वा होजा जहा कसायकुसीले तहेब निरवसेसं, छेदोवट्ठावणीओ परिहारविसुदिओ य जहा बउसो, सेसा जहा नियंठे।७८८ा सामाइयसंजए णं भंते! किं पुलाए होजा बउसे जाव सिणाए होजा?, गोयमा! पुलाए वा होजा बउसे जाव कसायकुसीले वा होजा, नो नियंठे होज्जा नो सिणाए होजा, एवं छेदोवट्ठावणीएऽवि, परिहारविसुद्रियसंजए णं भंते! पुच्छा, गोयमा! नो पुलाए नो बउसे नो पडिसेवणाकुसीले होज्जा कसायकुसीले होज्जा नो नियंठे होज्जा नो सिणाए होज्जा, एवं सुहुमसंपराएऽवि, अहक्खायसंजए.पुच्छा, गोयमा! नो पुलाए होजा जाव नो कसायकुसीले होज्जा नियंठे वा होजा सिणाए वा होज्जा, सामाइयसंजए णं भंते ! किं पडिसेवए होज्जा अपडिसेवए होजा?, गोयमा! पडिसेवए वा होजा अपडिसेवए वा होजा, जइ पडिसेवए होजा किं मूलगुणपडिसेवए होज्जा सेसं जहा पुलागस्स, जहा सामाइयसंजए एवं छेदोवट्ठावणीएऽवि, परिहारविमुद्धियसंजए. पुच्छा, गोयमा ! नो पडिसेवए होज्जा अपडिसेवए होज्जा, एवं जाव अहक्खायसंजए, सामाझ्यसंजए णं भंते! कतिसु नाणेसु होज्जा ?, गोयमा ! दोसु वा तिसु वा चउसु वा होजा, एवं जहा कसाय. कुसीलस्स तहेब चत्तारि नाणाई भयणाए, एवं जाव सुहुमसंपराए, अहक्खायसंजयस्स पंच नाणाई भयणाए जहा नाणुहेसए, सामाइयसंजए णं भंते ! केवतियं सुयं अहिज्जेज्जा?, गोयमा ! जहनेणं अट्ठपवयणमायाओ जहा फसायकुसीले, एवं छेदोवट्ठावणीएऽवि, परिहारविसुद्धियसंजए. पुच्छा, गोयमा! जहनेणं नवमस्स पुवस्स ततियं आयारवत्थु उक्कोसेणं असंपुनाई दस पुब्बाई अहिजेजा, सुहुमसंपरायसंजए जहा सामाइयसंजए, अहक्खायसंजए. पुच्छा, गोयमा! जहन्नेणं अट्ठपवयणमायाओ उक्कोसेणं चोइस पुबाई अहिजेजा सुयवतिरित्ते वा होजा, सामाइयसंजए णं भंते ! किं तित्थे होजा अतित्थे होजा?, गोयमा! तित्थे वा होजा अतित्थे वा होज्जा जहा कसायकुसीले, छेदोवट्ठावणीए परिहारविसुदिए य जहा पुलाए, सेसा जहा सामाइयसंजए, सामाइयसंजए णं भंते! किं सलिंगे होज्जा अन्नलिंगे होज्जा गिहिलिंगे होज्जा? जहा पुलाए, एवं छेदोवट्ठावणीएऽवि, परिहारिविसुद्धियसंजए णं भंते ! किं०१ पुच्छा, गोयमा ! दवलिंगपि भावलिंगपि पडुच्च सलिंगे होज्जा नो अन्नलिंगे होज्जा नो गिहिलिंगे होज्जा, सेसा जहा सामाइयसंजए, सामाइयसंजएणं भंते! कतिसु सरीरेसु होज्जा ?, गोयमा ! तिसु वा चउसु वा पंचसु वा जहा कसायकुसीले, एवं छेदोवडावणीएऽवि, सेसा जहा पुलाए, सामाइयसंजए णं भंते ! किं कम्मभूमीए होज्जा अकम्मभूमीए०१, गोयमा! जम्मणं संतिभावं च पडुच कम्मभूमीए नो अकम्म० जहा बउसे, एवं छेदोवट्ठावणीएऽवि, परिहारविसुद्धिए य जहा पुलाए, सेसा जहा सामाइयसंजए।७८९। सामाइयसंजए णं भंते! किं ओसप्पिणीकाले होजा उस्सप्पिणीकाले होज्जा नोओसप्पिणीनोउस्सप्पिणीकाले होज्जा ?, गोयमा! ओसप्पिणीकाले जहा पाउसे, एवं छेदोवट्ठावणीएऽवि, नवरं जम्मणसंतिभावं च पहुच चउसुवि पलिभागेसु नस्थि, साहरणं पडुच्च अन्नयरे पलिभागे होज्जा, सेसं तं चेव, परिहारविसुदिए० पुच्छा, गोयमा ! ओसप्पिरणीकाले वा होज्जा उस्सप्पिणीकाले वा होजा नोओसप्पिणीनोउस्सप्पिणीकाले नो होज्जा, जइ ओसप्पिणीकाले होजा जहा पुलाओ उस्सप्पिणीकालेऽवि जहा पुलाओ, सुहुमसंपराइओ जहा नियंठो, एवं अहक्खाओऽपि ।७९०। सामाइयसंजए णे भंते ! कालगए समाणे कं गतिं गच्छति ?, गोयमा! देवगतिं गच्छति, देवगतिं गच्छमाणे किं भवणवासीसु उवव० जाव वेमाणिएसु उववज्जेज्जा?, गोयमा ! णो भवणवासीसु उववज्जेज्जा जहा कसायकुसीले, एवं छेदोवट्ठावणीएऽवि, परिहारविसुदिए जहा पुलाए, सुहुमसंपराए जहा नियंठे, एवं अह| खायसंजएऽवि जाव अजहन्नमणुकोसेणं अणुत्तरविमाणेसु उववज्जेजा, अत्थेगतिए सिझति जाव अंतं करेंति, सामाइयसंजए णं भंते ! देवलोगेसु उववजमाणे किं इंदत्ताए उवव| जति० पुच्छा, गोयमा! अविराहणं पडुच जहा कसायकुसीले, एवं छेदोवट्ठावणीएऽवि, परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए, सेसा जहा नियंठे, सामाइयसंजयस्स णं भंते ! देवलोगेसु उवव| जमाणस्स केवतियं कालं ठिती पं०१, गोयमा! जहन्नेणं दो पलिओवमाई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई, एवं छेदोवट्ठावणीएऽवि, परिहारविसुद्धियस्स० पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं दो पलिओवमाई उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोबमाई, सेसाणं जहा नियंठस्स । ७९१। सामाइयसंजयस्स णं भंते! केवइया संजमट्ठाणा पं०१, गोयमा! असंखेजा संजमट्ठाणा पं०, एवं जाव परिहारविमुद्धियस्स, मुहुमसंपरायसंजयस्स० पुच्छा, गोयमा ! असंखेज्जा अंतोमुहुत्तिया संजमट्ठाणा पं०, अहक्खायसंजयस्स० पुच्छा, गोयमा! एगे अजहन्नमणुकोसए संजमट्ठाणे, एएसिणं भंते ! सामाइयच्छेदोवट्ठावणियपरिहारविसुद्धियमुहुमसंपरागअहक्खायसंजयाणं संजमहाणाणं कयरे जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सव्वत्थोवे अहक्खा- (९५) | ३८० श्रीभगवत्यंग - सत-२५ मुनि दीपरत्नसागर Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यसंजमस्स एगे अजइनमणुकासए संजमद्वाणे सुहुमसंपरागसंजयस्स अंतोमुहुत्तिया संजमद्वाणा असंखेज्जगुणा परिहारविसुद्धियसंजयस्स संजमडाणा असंखेज्जगुणा सामाइयसंजयस्स छेदोवडावणीयसंजयस्त य एएसिं णं संजमद्वाणा दोण्हवि तुला असंखेज्जगुणा । ७९२ । सामाइयसंजयस्स णं भंते! केवइया चरित्तपज्जवा पं०१, गोयमा ! अनंता चरिनपजवा पं०, एवं जाव अहक्खायसंजयस्स, सामाइयसंजए णं भंते! सामाइयसंजयस्स सट्टाणसन्निगासेणं चरित्तपजवेहिं किं हीणे तुले अन्महिए?, गोयमा सिय हीणे उडाणवडिए, सामाइयसंजए णं भंते ! छेदोवडावणीयसंजयस्स परद्वाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवेहिं० पुच्छा, गोयमा ! सिय हीणे छट्टाणवडिए, एवं परिहारविमुदियस्सवि, सामाइयसंजए णं भंते! सुडुमसंपरागसंजयस्स परद्वाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवे० पुच्छा, गोयमा ! हीणे नो तुझे नो अब्भहिए अणंतगुणहीणे, एवं अहक्वायसंजयस्सवि, एवं छेदोवद्वावणीएडवि, डेडि तिमुचि समं छट्ठाणवडिए उवरिलेस दोसु तहेब हीणे, जहा छेदोवट्ठावणीए तहा परिहारविमुद्धिएऽवि, सुहुमसंपरागसंजए णं भंते! सामाइयसंजयस्स परट्ठाण पुच्छा, गोयमा ! नो ही नोतु अभहिए अनंतगुणमब्भहिए, एवं छेओवट्ठावणीयपरिहारविमुद्धिएसुवि समं सट्ठाणे सिय हीणे सिय तुझे सिय अन्भहिए, जइ हीणे अणतगुणहीणे अह अम्भहिए अनंतगुणमन्भहिए, सुहुमसंपरायसंजयस्स अहक्खायसंजयस्स परट्ठाणे० पुच्छा, गोयमा ! हीणे नो तुले नो अब्भहिए अनंतगुणहीणे, अहक्वाए हेलिहाणं चउण्हवि नो नोतु अभहिए अनंतगुणमग्भहिए, सट्टाणे नो हीणे तुले नो अब्भहिए, एएसिं णं भंते! सामाइयछेदोवट्टावणीयपरिहारविसुद्धियसुहमसंपराय अहक्वायसंजयाणं जहन्नु कोसगाणं चरित्तपज्जवाणं कयरे जाव विसेसाहिया वा १, गोयमा ! सामाइयसंजयस्स छेओबट्टावणीयसंजयस्स य एएसिं णं जहन्नगा चरित्तपज्जवा दोहवि तुला सव्वत्थोवा परिहारविमुद्धियसंजयस्स जहन्नगा चरित्तपल्लवा अणंतगुणा तस्स चेव उक्कोसगा चरितपज्जवा अनंतगुणा सामाइयसंजयस्स छेओवडावणीयसंजयस्स एएसिं गं उक्कोसगा चरित्तपज्जवा दोहवि तुला अनंतगुणा सुहुमसंपरायसंजयस्स जहलगा चरितपज्जवा अनंतगुणा तस्स चेव उक्कोसगा चरितपज्जवा अनंतगुणा अहक्वायसंजयस्स अजहन्नमणुकोसगा चरितपज्जवा अनंतगुणा, सामाइयसंजए णं भंते! किं सजोगी होज्जा अजोगी होज्जा ?, गोयमा ! सजोगी जहा पुलाए, एवं जाव सुहुमसंपरायसंजए, अहक्खाए जहा सिणाए, सामाइयसंजए णं भंते! किं सागारोवउत्ते होजा अणागारोवउत्ते ०१, गोयमा ! सागारोवउत्ते जहा पुलाए, एवं जाव अहक्खाए, नवरं सुहुमसंपराए सागारोवउत्ते होजा नो अणागारोवउत्ते होज्जा, सामाइयसंजए णं भंते! किं सकसायी होजा अकसायी होजा ?, गोयमा ! सकसायी होजा नो अकसायी होजा जहा कसायकुसीले एवं छेदोवट्टावणीएऽवि, परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए, सुडुमसंपरागसंजए० पुच्छा, गोयमा ! सकसायी होज्जा नो अकसायी होज्जा, जइ सकसायी होज्जा से णं भंते! कतिसु कसायेसु होज्जा १, गोयमा ! एगंमि संजलणलोभे होज्जा, अहक्खायसंजए जहा नियंठे, सामाइयसंजए णं भंते! किं सलेस्से होज्जा अलेस्से होज्जा १, गोयमा! सलेस्से होज्जा जहा कसायकुसीले एवं छेदोवडावणीएऽवि, परिहारविसुदिए जहा पुलाए, सुमसंपराए जहा नियंठे, अहक्खाए जहा सिणाए, नवरं जइ सलेस्से होज्जा एगाए सुकलेस्साए होज्जा । ७९३। सामाइयसंजए णं भंते! किं वढमाणपरिणामे होजा हीयमाणपरिणामे अवट्टियपरिणामे ०१, गोयमा ! वड्ढमाणपरिणामे जहा पुलाए, एवं जाव परिहारविसुद्धिए, सुहुमसंपराय० पुच्छा, गोयमा ! वड्ढमाणपरिणामे वा होज्जा हीयमाणपरिणामे वा होजा नो अवट्टियपरिणामे होज्जा, अहक्खाए जहा नियंठे, सामाइयसंजए णं भंते! केवतियं कालं वड्ढमाणपरिणामे होजा?, गोयमा ! जह० एकं समयं जहा पुलाए, एवं जाव परिहारविमुद्धिए, मुहुमसंपरागसंजए णं भंते! केवतियं कालं वड्ढमाणपरिणामे होज्जा ?, गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं, केवतियं कालं हीयमाणपरिणामे ०१ एवं चेव, अहक्खायसंजए णं भंते! केवतियं कालं वढमाणपरिणामे होज्जा ?, गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुडुत्तं, केवतियं कालं अवट्टियपरिणा होजा?, गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी । ७९४ । सामाइयसंजए णं भंते! कइ कम्मप्पगडीओ बंधइ ?, गोयमा! सत्तविहबंध वा अडविहबंधए वा, एवं जहा बउसे, एवं जाव परिहारविमुद्धिए, सुमसंपरागसंजए पुच्छा, गोयमा! आउयमोहणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ बंघति, अहम्खायसंजए जहा सिणाए, सामाइयसंजणं भंते! कति कम्मप्पगडीओ वेदेति ?, गोयमा ! नियमं अट्ठ कम्मप्पगडीओ वेदेति, एवं जाव सुहुमसंपराए, अहखाए० पुच्छा, गोयमा ! सत्तविहवेयर वा चउव्विहवेयए वा, सत्तविहे वेदेमाणे मोहणिज्जबजाओ सत्त कम्मप्पगडीओ वेदेति चत्तारि वेदेमाणे वेयणिज्जाउयनामगोयाओ चत्तारि कम्मप्पगडीओ वेदेति, सामाइसंजए णं भंते! कति कम्मपगडीओ उदीरेति ?, गोयमा! सत्तविह० जहा बउसो, एवं जाव परिहारविसुद्धीए, सुहृमसंपराए० पुच्छा, गोयमा छव्विहउदीरए वा पंचविहउदीरए वा छ उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ पंच उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जमोहणिज्जवज्जाओ पंच कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, अहक्खायसंजए० पृच्छा. गोयमा ! पंचविहउदीरए वा ३८१ श्रीभगवत्यं रानं २८ मुनि दीपरत्नसागर Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ K SHAR24585 984982349HRAMRADARSAAMANAIYAAMROASTHD040652842VRATRNA दुविहउदीरए वा अणुदीरए वा, पंच उदीरेमाणे आउय०, सेसं जहा नियंठस्स । ७९५। सामाइयसंजए णं भंते! सामाहयसंजयत्तं जहमाणे किं जहति किं उपसंपज्जति ?. गोयमा ! सामाइयसंजयत्तं जहति छेदोवट्ठावणीयसंजयं वा सुहुमसंपरागसंजय वा असंजमं वा संजमासंजमं वा उपसंपज्जति, छेओवट्टावणीए० पुच्छा, गोयमा! छेओबट्टावणीयसंजयत्तं जहति सामाइयसंज० परिहारवि० मुहुमसं० असंजमं या संजमासंजमं वा उव०, परिहारविसुदिए पुच्छा, गोयमा! परिहारविसुदियसंजयत्तं जहति छेदोवट्ठावणीयसंजयं वा असंजमं वा उपसंपज्जति, सुहुमसंपराए पुच्छा, गोयमा! सुहुमसंपरायसंजयत्तं जहति सामाइयसंजयं वा छेओवट्ठावणीयसंजयं वा अहक्खायसंजय वा असंजमं वा उपसंपज्जइ, अहक्वायसंजए णं० पुच्छा, गोयमा ! अहक्खायसंजयत्तं जहति मुहुमसंपरागसंजय वा असंजमं वा सिद्धिगतिं वा उपसंपज्जति । ७९६। सामाइयसंजए णं भंते ! किं सनोवउत्ते होज्जा नोसन्नोवउत्ते होजा?, गोयमा ! सन्नोवउत्ते जहा बउसो, एवं जाव परिहारविसुद्धिए, सुहुमसंपराए अहक्खाए य जहा पुलाए, सामाइयसंजए णं भंते ! किं आहारए होजा अणाहारण होज्जा ?, जहा पुलाए, एवं जाव सुहुमसंपराए, अहक्खायसंजए जहा सिणाए, सामाइयसंजए णं भंते! कति भवग्गहणाई होजा, गोयमा! जह० एक उकासेणं परिहारविसुदिए० पुच्छा, गोयमा! जह. एक उकोसेणं तिन्नि, एवं जाव अहक्खाए।७९७। सामाइयसंजयस्स णं भंते ! एगभवग्गहणिया केवतिया आगरिसा पं०१, गोयमा ! जहन्नेणं जहा चउसस्स, छेदोवडावणीयस्स० पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं एको उक्कोसेणं वीसपुहुतं, परिहारविसुद्धियस्स० पुच्छा, गोयमा! जहन्नेणं एको उक्कोसेणं तिन्नि, सुहुमसं. परायस्स० पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं एक्को उक्कोसेणं चत्तारि, अहक्खायस्स० पुच्छा, गोयमा! जहन्नेणं एक्को उक्कोसेणं दोन्नि, सामाइयसंजयस्म णं भंते! नाणाभवरगहणिया केवतिया आगरिसा पं०?, गोयमा ! जहा बउसे, छेदोवट्ठावणीयस्स० पुच्छा, गोयमा! जहन्नेणं दोन्नि उक्कोसेणं उवार नवहं सयाणं अंतो सहस्सस्स, परिहारविसुद्धियस्स जहन्नेणं दोन्नि उक्कोसेणं सत्त सुहुमसंपरागस्स जहन्नेणं दोन्नि उक्कोसेणं नव अहक्खायस्स जहन्नेणं दोन्नि उक्कोसेणं पंच। ७९८ । सामाइयसंजए णं भंते ! कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं देसणएहिं नवहिं वासेहिं ऊणिया पुवकोडी, एवं छेदोवट्ठावणीएऽवि, परिहारविमुद्धिए जहन्नेणं एक समय उकोसेणं देसणएहिं एकणती| साए वासेहिं ऊणिया पुब्बकोडी, सुहुमसंपराए जहा नियंठे, अहक्खाए जहा सामाइयसंजए, सामाइयसंजया णं भंते! कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा ! सव्वद्धा, छेदोवट्ठावणीएसुक पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं अड्ढाइजाई वाससयाई उको पन्नासं सागरोवमकोडिसयसहस्साई, परिहारविसुद्धिए पुच्छा, गोयमा ! जहनेणं देसूणाई दो वाससयाई उक्को० देसूणाओ दो पुवकोडीओ, सुहुमसंपरागसंजया णं भंते!० पुच्छा, गोयमा ! जह० एकं समयं उकोसेणं अंतोमुहुतं, अहक्खायसंजया जहा सामाइयसंजया, सामाइयसंजयस्स णं भंते ! केवतियं कालं अंतर होइ?,गोयमा! जहन्ने] जहा पुलागस्स, एवं जाव अहक्खायसंजयस्स, सामाइयसं०णं भंते! पुच्छा, गायमा! नस्थि अंतरं,छदोवट्ठावणिय० पुच्छा, गायमा! जहन्नणं तेवहि वाससहस्साई उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीओ, परिहारविसुद्धियस्स० पुच्छा, गायमा! जहन्नणं चउरासीई वाससहस्साई उकासण अट्ठारस सागराव डाफोडीओ, सुहमसंपरायाणं जहा नियंठाणं, अहक्खायाणं जहा सामाइयसंजयाणं, सामाइयसंजयस्स णं भंते ! कति समुग्धाया पं०?, गोयमा ! छ समुग्घाया पं० तं-जहा कसा. यकुसीलस्स, एवं छेदोवट्ठावणीयस्सवि, परिहारविसुद्धियस्स जहा पुलागस्स, सुहुमसंपरागरस जहा नियंठस्स, अहक्खायस्स जहा सिणायस्स, सामाइयसंजए णं भंते ! लोगस्स किं संखेजइभागे होजा असंखेजइभागे० पुच्छा, गोयमा ! नो संखेजइ जहा पुलाए, एवं जाव सुहुमसंपराए, अहक्वायसंजए जहा सिणाए, सामाइयसंजए णं भंते ! लोगस्स किं संखेजइभागं फुसइ० जहेव होजा तहेव फुसइ, सामाइयसंजए णं भंते ! कयरंमि भावे होजा?, गोयमा ! खओवसमिए भावे होजा, एवं जाव सुहुमसंपराए, अहक्वायसंजएक पुच्छा, गोयमा! उवसमिए वा खइए या भावे होजा, सामाइयसंजया णं भंते! एगसमएणं केवतिया होजा?, गोयमा ! पढिवजमाणए पहुंच जहा कसायकुसीला तहेब निश्वमेम, छेदोवट्ठावणीया० पुच्छा, गोयमा! पडिवजमाणए पडुच सिय अस्थि सिय नत्थि, जइ अत्थि जहनेणं एक्को वा दो वा तिमि वा उकोसेणं सयपुहुत्तं पुब्वपडिवनए पडुच सिय अस्थि सिय नस्थि जइ अस्थि जहनेणं कोडिसयपुहुत्तं उकोसेणवि कोडिसयपुहुर्त, परिहारविसुद्धिया जहा पुलागा, सुहमसंपराया जहा नियंठा, अहक्खायसंजया णं० पुच्छा, गोयमा ! पडिबजमाणए पडुच्च सिय अस्थि सिय नत्थि, जइ अस्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं बावट्ठसयं अठुत्तरसयं खवगाणं चउप्पन्न उक्सामगाणं, पुव्वपडिवन्नए पडुच जहन्नेणं कोडिपुहुत्तं उकोसेणवि कोडिपुहुत्तं, एएसिणं भंते ! सामाइयछेओवट्ठावणीयपरिहारविसुद्धियमुहुमसंपरायअहक्खायसंजयाणं कयरे जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा! सब्वत्योबा सुहुमसंपरायसंजया परिहारविसुदियसंजया संखेजगुणा अहक्खायसंजया संखे० छेओबढ़ावणीयसंजया संखे० सामाइयसंजया संखेजगुणा । ७९९। 'पडिसेवण दोसालोयणा ३८२ श्रीभगवत्यंगं - सा-२५ मुनि दीपरत्नसागर Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ य. य आलोयणारिहे चेव । तत्तो सामायारी पायच्छित्ते तवे चैव ॥ १०३ ॥ कइविहा णं भंते! पडिसेवणा पं० १. गोयमा ! दसविहा पडिसेवणा पं० तं० दप्प प्पमादणाभोगे आउरे आवतीति य। संकिये सहसकारे भय प्पओसा य वीमंसा १० ॥ १०४॥ दस आलोयणादोसा पं० तं० 'आकंपइत्ता अणुमाणइत्ता जं दिहं वायरं च सुहुमं वा छन्नं सदाउलयं बहुजण अव्वत्त तस्सेवी १० ॥ १०५ ॥ दसहि ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अरिहति अत्तदोसं आलोइत्तए, तं० जातिसंपन्ने कुलसंपन्ने विषयसंपन्ने णाणसंपन्ने दंसणसंपन्ने चरितसंपन्ने खंते दंते अमायी अपच्छातावी १०, अट्टहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अरिहति आलोयणं पडिच्छित्तए तं० आयारचं आहारखं वबहारवं उब्बीलए पकुब्वए अपरिस्सावी निज्जवए अवायदंसी ८। ८०० | दसविहा सामायारी पं० नं० इच्छा मिच्छा तहकारे, आवस्सिया य निसीहिया । आपुच्छणा य पडिपुच्छा, छंदणा य निमंतणा ॥ १०६ ॥ उवसंपया १० य काले सामायारी भवे दसहा ।८० १| दसविहे पायच्छित्ते पं० तं० आलोयणारिहे पडिकमणारिहे तदुभयारिहे विवेगारिहे विउस्सग्गारिहे तवारिहे छेदारिहे मूलारिहे अणवट्टप्पारिहे पारंचियारिहे । ८०२॥ दुविहे तवे पं० तं० बाहिरए य अभितरए य से किं तं बाहिरए तवे ? २ छब्बिहे पं० तं०- अणसण ऊणोयरिया भिक्खायरियां य रसपरिचाओ। कायकिलेसो पडिलीणया य बज्झो तवो होइ ॥ १०७ ॥ से किं तं अणसणे १, २ दुविहे पं० तं० इत्तरिए य आवकहिए य, से किं तं इत्तरिए १, २ अणेगविहे पं० तं० चउत्थे भत्ते छुट्टे भत्ते अट्टमे भत्ते इसमे भत्ते दुवालसमे भत्ते चोदसमे भत्ते अद्धमासिए भत्ते मासिए भत्ते दोमासिए भत्ते जाब छम्मासिए भत्ते, सेत्तं इत्तरिए से किं तं आवकहिए १, २ दुविहे पं० तं० पाओवगमणे य भत्तपञ्चकखाणे .से किं तं पाओवगमणे १, २ दुविहे पं० तं०-नीहारिमे य अणीहारिमे य नियमं अपडिकम्मे, से तं पाओवगमणे, से किं तं भत्तपञ्चक्खाणे १, २ दुविहे पं० तं०-नीहारिमे य अनीहारिमे य नियमं सपडिकम्मे, सेत्तं भत्तपञ्चक्खाणे, सेत्तं आवकहिए, सेत्तं अणसणे से किं तं ओमोयरिया १, २ दुविहा पं० तं० दव्वोमोयरिया य भावोमोयरिया य से किं तं दब्बो मोयरिया १, २ दुबिहा पं० तं०-उवगरणदव्वोमोयरिया य भत्तपाणदव्वोमोयरिया य से किं तं उवगरणदव्वोमोयरिया १, २ एगे वत्थे एगे पादे चियत्तोवगरणसातिजणया, सेतं उबकरणदव्वोमोय०, से किं तं भत्तपाणदव्वोमोयरिया ?, अडकुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारं आहारेमाणस्स अप्पाहारे दुबालस जहा सत्तमसए पढमोद्देसए जाव नो पकामरसभोतीति वक्तव्वं सिया, सेत्तं भत्तपाणदव्वोमोयरिया, सेत्तं दव्बोमोयरिया से किं तं भावोमोयरिया १, २ अणेगविहा पं० तं० अप्पकोडे जाव अप्पलोभे अप्पसदे अप्पझन्झे अप्प तुमतुमे, सेत्तं भावोमोदरिया, सेतं ओमोयरिया से किं तं भिक्खायरिया १, २ अणेगविहा पं० तं० दव्वाभिग्गह चरए जहा उववाइए जाव सुदेसणिए संखादत्तिए, सेत्तं भिक्खायरिया, से किं तं रसपरिचाए १, २ अणेगविहे पं० तं०- निव्विगितिए पणीयरसविवज्जए जहा उववाइए जाव गृहाहारे, सेत्तं रसपरिच्चाए से किं तं कायकिलेसे १, २ अणेगविहे पं० तं०. ठाणादीए उक्कुडयासणिए जहा उपवाइए जाब सव्वगायपडिकम्मविष्यमुक्के, सेत्तं कायकिलेसे से कि तं पडिसंलीणया १, २ चउब्विहा पं० तं० इंदियपडिलीणया कसायपडिसंलीणया जोगपडिलीणया विचिनसयणासणसेवणया से किं तं इंदियपडिसंलीणया १, २ पंचविहा पं० तं० सोइंदियविसयप्पयारणिरोहो वा सोइंदियविसयप्पत्तेसु वा अत्थेसु रामदोसविणिग्गहो वा चक्खिदियविसय एवं जाव फासिंदियविसयपयारणिरोहो वा फासिंदियविसयप्पत्तेसु वा अत्थेसु रागदोसविणिग्गहो वा सेत्तं इंदियपडिलीणया से कि तं कसायपडिलीणया ?, २ चउब्विा पं० तं०- कोहोदयनिरोहो वा उदयप्यत्तस्स वा कोहस्स विफलीकरणं एवं जाय लोभोदयनिरोहो वा उदयपत्तस्स वा लोभस्स विफलीकरणं, सेत्तं कसायपडिसंलीणया, से कि जोगपडिलीणया १, २ तिविहा पं० तं० अकुसलमणनिरोहो वा कुसलमणउदीरणं वा मणस्स वा एगत्ती भावकरणं अकुसलवइनिरोहो वा कुसलवइउदीरणं वा वइए वा एगतीभावकरणं, से किं तं कायपडिलीणया १, २ जन्नं सुसमाहियपसंतसाहरियपाणिपाए कुम्मो इव गुत्तिदिए अडीणे पडणे चिह्नति, सेत्तं कायपडिसंलीणया, सेत्तं जोगपडिलीणया, से कि तं विवित्तसयणासण सेवणया १, २ जनं आरामेसु वा उज्जाणेसु वा जहा सोमिलद्देसए जाब सेज्जासंथारगं उवसंपज्जित्ताणं बिहरइ, सेत्तं विवित्तस्यणासणसेवणया, सेत्तं पडिलीणया, सेतं बाहिरए तबे से किं तं अभितर तवे ? २ छव्विहे पं० नं० पायच्छित्तं विणओ वेयावचं सज्झाओ झाणं विउस्सग्गो से किं तं पायच्छित्ते १ २ इसविहे पं० तं०-आलोयणारिहे जाव पारंचियारिहे, सेतं पायच्छित्ते से कि तं विणए ? २ सत्तविहे पं० तं० नाणविणए दंसणविणए चरितविणए मणविणए वयविणए कार्याविणए लोगोवयारविणए से किं तं नाणविणए १, २ पंचविहे पं० तं० आभिणिवोहियनाणविणए जाय केवलनाणविणए, सेत्तं नागविणए से किं तं दंसणविणए १. २ दुविहे पं० तं० सुस्सूसणाविणए य अणच्चासादणाचिणए य से किं तं सुस्मृसणाविणए १, २ अणेगविहे पं० तं० सकारेइ वा सम्माणेइ वा जहा चोदसमसए ततिए उद्देसए जाव पडिसंसाहणया, सेन्तं मुस्सूसणाविणए से किं तं अणश्चासायणाविणए १, २ पणयालीसइविहे पं० तं० अरिहंताणं अणच्चासादणया अरिहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स अणचा आयरियाणं अणच्चा उवज्झायाणं अणचा थेराणं अणचा कुलस्स ३८३ श्रीभगवत्यं सतर मुनि दीपरत्नसागर Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणच्चा० गणस्स अणच्चा० संघस्स अणच्चा० किरियाए अणच्चाः संभोगस्स अणच्चा० आभिणिबोहियनाणस्स अणच्चा० जाव केवलनाणस्स अणच्चा०, एएसिं चेव भत्तिबहुमाणेणं एएसिं चेव वनसंजलणयाए, सेत्तं अणच्चासायणयाविणए, सेत्तं दंसणविणए, से किं तं चरितविणए १, २ पंचविहे पं० तं० सामाइयचरित्तविणए जाब अहक्खायचरित्तविणए, सेतं चरितविणए से किं तं मणविणए १, २ दुविहे पं० तं० पसत्थमणविणए य अपसत्थमणविणए य, से किं तं पसत्थमणविणए १, २ सत्तविहे पं० तं० अपावए असावजे अकिरिए निरुवक्केसे अणण्हवकरे अच्छविकरे अभूयाभिसंकणे, सेन्तं पसत्यमणविणए, से किं तं अपसत्थमणविणए १, २ सत्तविहे पं० तं० पावए सावज्जे सकिरिए सउवकेसे अण्हवयकरे छविकरे भूयाभिसंकणे, सेत्तं अपसत्यमणविणए, सेत्तं मणविणए, से किं तं वइविणए १, २ दुविहे पं० तं० पसत्यवइविणए य अपसत्यवइविणए य से किं तं पसत्यवइविणए १, २ सत्तविहे पं० तं०- अपावए जाव अभूयाभिसंकणे, सेत्तं पसत्यवइविणए, से किं तं अपसत्यवइविणए १, २ सत्तविहे पं० तं० पावए सावजे जाव भूयाभिसंकणे, सेत्तं अपसत्यवयविणए, सेत्तं वयविए, से किं तं कायविणए १. २ दुविहे पं० तं० पसत्यकायविणए य अप्पसत्थकायविणए य, से किं तं पसत्थकायविणए १, २ सत्तविहे पं० तं० आउत्तं गमणं आउत्तं ठाणं आउत्तं निसीयणं आउत्तं तुट्टणं आउत्तं उल्लंघणं आउत्तं पल्लंघणं आउत्तं सब्बिदियजोगजुंजणया, सेत्तं पसत्थकायविणए, से किं तं अप्पसत्यकायविणए १, २ सत्तविहे पं० तं० अणाउत्तं गमणं जाव अणाउत्तं सव्विंदियजोगजुंजणया, सेत्तं अप्पसत्थकायविणए, सेत्तं कायविणए, से किं तं लोगोवयारविणए १, २ सत्तविहे पं० तं० अग्भासवत्तियं परच्छंदाणुवत्तियं कज्जहेऊ कयपडिकतिया अन्तगवेसणया देसकालण्णया सब्वत्थेसु अप्पडिलोमया, सेत्तं लोगोवयारविणए, सेत्तं विणए, से किं तं वेयावचे १, २ दसविहे पं० तं० आयरियवेयावचे उवज्झायवेयावच्चे थेरवेयावच्चे तवस्सीवेया० गिलाणवेयाः सेहवेया० कुलवेया० गणवेया० संघवेया० साहम्मियवेयावचे, सेत्तं वेयावच्चे से किं तं सज्झाए १, २ पंचविहे पं० तं० वायणा पडिपुच्छणा परियट्टणा अणुप्पेहा धम्मकहा, सेतं सज्झाए । ८०३। से किं तं झाणे १, २ चउब्विहे पं० तं० अट्टे झाणे रोदे झाणे धम्मे झाणे सुके झाणे, अट्टे झाणे चउब्बिहे पं० सं०अमणुन्नसंपयोगसंपत्ते तस्स विप्पयोगसतिसमन्नागए यावि भवइ मणुन्नसंपओगसंपत्ते तस्स अविप्पयोगसतिसमन्नागए यावि भवइ आयंकसंपयोगसंपउत्ते तस्स विप्पयोगसतिसमन्नागए यावि भवइ परिझुसियकामभोगसंपयोगसंपत्ते तस्स अविप्पयोगसतिसमन्नागए यावि भवइ, अट्टस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पं० तं० कंदणया सोयणया तिप्पया परिदेवणया, रोद्दज्झाणे चउव्विहे पं० तं०-हिंसाणुबंधि मोसाणुबंधि तेयाणुबंधि सारक्खणाणुबंधि, रोहस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पं० तं० ओस्सन्नदोसे बहुलदोसे अण्णादोसे आमरणन्तदोसे, धम्मे झाणे चउव्विहे चउप्पडोयारे पं० तं० आणाविजए अवायविजए विवागविजए संठाणविजए, धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पं० तं० आणाकई निसग्गरुई सुत्तरुई ओगाढरुई, धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पं० तं० वायणा पडिपुच्छणा परियहणा धम्मकहा, धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ पं० तं०एगत्ताणुप्पेहा अणिचाणुप्पेहा असरणाणुप्पेहा संसाराणुप्पेहा, सुक्के झाणे चउब्विहे चउप्पडोयारे पं० सं० पुडुत्तवियके सवियारी एगत्तवियक्के अवियारी सुद्दमकिरिए अनियही समोच्छिन्नकिरिए अप्पडिवाई, सुकस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पं० तं० खंती मुत्ती अज्जवे मदवे, सुकस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पं० तं० अब्बहे असंमोहे विवेगे विउस्सग्गे, सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ पं० तं० अणंतवत्तियाणुप्पेहा विप्परिणामाणुप्पेहा असुभाणुप्पेहा अवायाणुप्पेहा, सेत्तं झाणे । ८०४ । से किं तं चिउस्सगे १, २ दुबिहे पं० तं ० दव्वविउस्सग्गे य भावविउस्सग्गे य से किं तं दव्वविउस्सग्गे ? २ चउव्विहे पं० तं० गणविउस्सग्गे सरीरविउस्सग्गे उबहिविउस्सग्गे भत्तपाणविउस्सग्गे, सेत्तं दव्वविउस्सग्गे, से किं तं भावविउस्सग्गे १, भावविउस्सग्गे तिविहे पं० तं० कसायविउस्सग्गो संसारविउस्सग्गो कम्मविउस्सग्गो से किं तं कसायविउस्सग्गे १, २ चउब्बिहे पं० तं०- कोहविउस्सग्गे माणविउस्सग्गे मायाविउस्सग्गे लोभविउस्सग्गे, सेत्तं कसायविस्सग्गे से किं तं संसारविउस्सग्गे १, २ चउब्विहे पं० तं० नेरइयसंसारविउस्सग्गे जाव देवसंसारविउस्सग्गे, सेत्तं संसारविउस्सग्गे, से किं तं कम्मविउस्सग्गे १, २ अट्टविहे पं० तं० णीणावरणिजकम्मविउस्सग्गे जाव अंतराइयकम्मविउत्सग्गे, सेत्तं कम्मविउस्सग्गे, सेत्तं भावविउस्सग्गे, सेत्तं अभितरिए तवे । सेवं भंते!२ । ८०५॥ श० २५३० ७ ॥ रायगिहे जाव एवं क्यासी नेरइया णं भंते! कहं उववजंति ?, गोयमा ! से जहानामए-पवए पवमाणे अज्झवसाणनिव्वत्तिएण करणोवाएणं सेयकाले तं ठाणं विप्पजहित्ता पुरिमं ठाणं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ एवामेव एएऽवि जीवा पवओविव पवमाणा अज्झवसाणनिव्वत्तिएणं करणोवाएणं सेयकाले तं भवं विष्पजहित्ता पुरिमं भवं उवसंपज्जित्ताणं विहरन्ति, तेसिं णं भंते! जीवाणं कहं सीहा गती कहं सीहे गतिविसए पं०१, गोयमा ! से जहानामए-केई पुरिसे तरुणे बलवं एवं जहा चोद्दसमसए पढमुद्देसए जाव तिसमइएण वा विग्गहेणं उववजंति, तेसिं णं जीवाणं तहा सीहा गई तहा सीहे गतिविसए पं०, ते णं भंते! जीवा कहं परभवियाउयं पकरेंति ?, गोयमा ! अज्झवसाणजोगनिव्वत्तिएणं करणोवाएणं एवं खलु ते जीवा परभवियाउयं पकरेंति, तेसिं णं भंते! जीवाणं कहं गती पवत्तइ ?, गोयमा ! आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं, एवं (९६) ३८४ श्रीभगवत्यं सतं मुनि दीपरत्नसागर Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ THARVRATRAKO270042309340325149HMASTARRERAKSH348349Y2KASHAMONT खलु तेसि जीवाणं गती पवत्तति, ते णं भंते ! जीवा किं आयड्ढीए उववजंति परिड्डीए उवव०१, गोयमा ! आइडीए उपव० नो परिड्डीए उवव०, ते णं भंते! जीवा किं आय परकम्मु०, गायमा! आयकम्मुणा उवव० नो परकम्मुणा उवव०,! ते णं भंत! जीवा कि आयप्पयोगेणं उक्व० परप्पयोगेणं उवव०, गोयमा ! आयप्पयोगणं उबरजति नो परप्पयोगेणं उवव०, असुरकुमारा णं भंते ! कहं उववजंति०, जहा नेरतिया तहेव निरवसेसं जाव नो परप्पयोगेण उववजंति, एवं एगिदियबज्जा जाब वेमाणिया, एगि. दिया तं चेव नवरं चउसमइओ विम्गहो, सेसं तं चेव। सेवं भंते!२त्ति जाव विहरति ।८०६॥ श०२५ उ०८॥ भवसिद्धियनेरइया णं भंते ! कहं उवय ?, गोयमा ! से जहानामए पवए परमाणे अवसेसं तं चेव जाव वेमाणिए। सेवं भंतेत्ति । ८०७॥ श०२५ उ०९॥अभवसिद्धियनेरइया णं भंते ! कहं उवव०?, गोयमा! से जहानामए पवए पवमाणे अबसेस तं चेव एवं जाव बेमाणिए। सेवं भंते !२त्ति। ८०८॥श०२५ उ०१०॥ सम्मदिविनेरइया णं भंते! कहं उवव०, गोयमा! से जहानामए पवए परमाणे अबसेसं तं चेव, एवं एगि या। सेवं भंते!२त्ति। ८०९॥श०२५ उ०११॥ मिच्छदिट्टिनेरइया णं भंते! कहं उबव०, गोयमा! से जहानामए पवए पवमाणे अवसेसं तं चेब, एवं जाव वेमाणिए। सेवं भंते २त्ति । ८१०॥उ०१२ इति पंचविंशतितमं शतकं ॥ध मानमो सुयदेवयाए भगवईए। 'जीवा १ य लेस्स२पक्खिय ३ दिट्ठी४ अन्नाण५नाण ६ सन्नाओ ७। वेय ८ कसाए ९ उवओग १० जोग ११ एकारसवि ठाणा ॥१०८॥ तेणं कालेणं० रायगिहे जाव एवं वयासी-जीचे णं भंते! पावं कम्मं किं बंधी बंधइ बंधिस्सइ बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ बंधी न बंधइ बंधिस्सइ बंधी न बंधइन पंधिस्सइ ?, गोयमा! अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ अत्थेगतिए बंधी बंधइण पंधिस्सइ अस्थेगतिए पंधी ण बंधइ बंधिस्सइ अत्थेबंधी न बंधहण पंधिस्सइ, सलेस्सेणं भंते ! जीवे पावं कम्मं किं बंधी बंधह पंधिस्सइ पंधी बंधइण बंधिस्सइ०? पुच्छा, गोयमा! अत्थेगतिए बंधी बंधह बंधिस्सइ अत्थेगतिए एवं चउभंगो, कण्हलेसे णं भंते! जीवे पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ अत्येगतिए पंधी बंधइन बंधिस्सइ, एवं जाव पम्हलेसे, सव्वत्थ पढमचितिया भंगा, सुकलेस्से जहा सलेस्से तहेब चउभंगो, अलेस्से णं भंते ! जीवे पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा! बंधी न बंधइन बंधिस्सइ, कण्हपक्खिए णं भंते! जीवे पार्व कम्म० पुच्छा, गोयमा ! अत्यंगतिए पंधी० पढमबितिया भंगा, सुक्कपक्खिए ण भंते! जीवे० पुच्छा, गोयमा! चउभंगो भाणियव्यो। ८१११ सम्मदिट्ठीणं चत्तारि भंगा, मिच्छादिट्ठीणं पढमचितिया भंगा, सम्मामिच्छादिट्ठीणं एवं चेच, नाणीणं चत्तारि भंगा, आभिणिवोहियणाणीणं जाव मणपज्जवणाणीणं चत्तारि भंगा, केवलनाणीणं चरमो भंगो जहा अलेस्साणं, अन्नाणीणं पढमबितिया, एवं मइअनाणीणं सुयअनाणीणं विभंगणाणीणवि, आहारसन्नोवउत्ताणं जाव परिग्गहसन्नोवउत्ताणं पढमवितिया, नोसन्नोवउत्ताणं चत्तारि, सवेदगाणं पढमवितिया, एवं इस्थिवेदगा पुरिसवेदगा नपुंसगवेदगावि, अवेदगाणं चत्तारि, सकसाईणं चत्तारि, कोहकसाईणं पढमबितिया भंगा, एवं माणकसाइस्सवि मायाकसाइस्सवि, लोभकसाइस्स चत्तारि भंगा, अकसाई णं भंते ! जीवे पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी न बंधइ बंधिस्सइ अत्धेगतिए बंधी ण बंधइण बंधिस्सइ, सजोगिस्स चउभंगो, एवं मणजोगिस्सवि वइजोगिस्सवि कायजोगिस्सवि, अजोगिस्स चरमो, सागारोवउत्ते चत्तारि, अणागारोवउत्तेऽवि चत्तारिभंगा ८१२। नेरइए णं भंते! पावं कम्मं किंबंधी बंधड बंधिस्सह०१. गोयमा! अत्थेगतिए बंधी पढमचितिया, सलेस्से णं भंते! नेरतिए पावं कम्म०१, एवं चेव, एवं कण्हलेस्सेऽवि नीललेस्सेऽवि काउलेस्सेऽचि, एवं कण्हपक्खिए सुकपक्खिए, सम्मविट्ठी मिच्छादिही सम्मामिच्छादिट्ठी णाणी आमिणिबोहियनाणी सुयनाणी ओहिणाणी अन्नाणी मइअन्नाणी सुयअन्नाणी विभंगनाणी आहारसन्नोवउत्ते जाव परिग्गहसन्नोवउत्ते सवेदए नपुंसकवेदए सकसाई जाव लोभकसाई सजोगी मणजोगी वयजोगी कायजोगी सागारोवउत्ते अणागारोवउत्ते एएसु सव्वेसु पदेसु पढमबितिया भंगा भाणियव्वा, एवं असुरकुमारस्सवि वत्तव्बया भाणियब्वा नवरं तेउलेस्सा इस्थिवेयगपुरिसवेयगा य अभहिया, नपुंसगवेदगान भन्नति, सेसं तं चेव, सव्वत्थ पढमपितिया भंगा, एवं जाव थणियकुमारस्स, एवं पुढवीकाइयस्सपि जाव आउकाइयस्सवि जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्सवि, सब्वत्यवि पढमचितिया भंगा नवरं जस्स जा लेस्सा, विट्ठी णाणं अन्नाणं वेदो जोगो य ज जस्स अस्थि तं तस्स भाणियव्वं सेसं तहेव, मणूसस्स जव जीवपदे वत्तव्वया सञ्चेव निरवसेसा भाणियब्वा, वाणमंतरस्स जहा असुरकुमारस्स, जोइसियस्स वेमाणियस्स एवं चेव नवरं लेस्साओ जाणियव्वाओ, सेसं तहेव भाणियब्वं । ८१३। जीवे णं भंते! नाणा०कम किंबंधी बंधइ बंधिस्सइ एवं जहेव पावकम्मस्स बत्तब्वया तहेव नाणावरणिजस्सवि भा० नवरं जीवपदे मणुस्सपदे य सकसाई जाव लोभकसाइंमि य पढमबितियभंगा अवसेसं तं चेव जाव वेमाणिए, एवं दरिसणावरणिजेणवि दंडगो भाणियब्वो निरवसेसो, जीवे णं भंते! वेयणिज कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा! अत्यंगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ अत्यंगतिए बंधी बंधइ न बंधिस्सइ अत्थेगतिए बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ, सलेस्सेऽवि एवं चेव ३८५ श्रीभगवत्यंग, बाल-26 मुनि दीपरत्नसागर Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ DSMSYCHOPICNMSPOEMBPSPSRPHASAROPYAKSPRSESPONSPIRSSPICHROPRIEVEM8P84816NSHIARPIRAINR ततियविहूणा भंगा, कण्हलेस्से जाव पम्हलेस्से पढमचितियभंगा, सुक्कलेस्से ततियविहणा भंगा, अलेस्से चरिमो भंगो, कण्हपक्खिए पढमबितिया भंगा, सुकपक्खिए ततियविहणा, एवं सम्मदिहिस्सवि, मिच्छादिहिस्स सम्मामिच्छादिहिस्स य पढमबितिया, णाणिस्स ततियविहणा, आभिणिबोहियनाणी जाव मणपजवणाणी पढमबितिया, केवलनाणी ततियवि. हूणा, एवं नोसनोवउत्ते अवेदए अकसाई सागारोवउत्ते अणागारोवउत्ते एएसु ततियविहूणा, अजोगिम्मि चरिमो, सेसेसु पढमचितिया, नेरदए णं भंते ! वेयणिज कम्मं बंधी बंधक एवं नेरतिया जाब वेमाणियत्ति जस्स जं अत्थि सव्वत्यवि पढमवितिया, नवरं मणुस्से जहा जीवो, जीवेणं भंते! मोहणिज कम्मं किं बंधी बंधइ०?, जहेव पावं कम्मं तहेव मोहणिजंपि निरवसेस जाव येमाणिए ।८१४॥ जीवे णं भंते ! आउयं कम्मं किं बंधी बंधइ.? पुच्छा, गोयमा ! अत्गतिए बंधी चउभंगो, सलेस्से जाव सुफलेस्से चत्तारि भंगा, अन्लेस्से चरिमो भंगो, कण्हपक्खिएणं० पुच्छा, गोयमा! अत्यंगतिए बंधी० पढमततिया भंगा, सुक्कपक्खिए सम्मदिट्टी मिच्छादिट्टी चत्तारि भंगा, सम्मामिच्छादिट्ठी० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी न बंधइ बंधिस्सइ अत्थेगतिए बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ, नाणी जाव ओहिनाणी चत्तारि भंगा, मणपज्जवनाणी० पुच्छा, गोयमा! अत्थेगविए बंधी बंधइ बंधिस्सइ अत्येगतिए बंधी न बंधइ बंधिस्सइ अत्थेगतिए बंधी न बंधह न बंधिस्सइ, केवलनाणे चरमो भंगो, एवं एएणं कमेणं नोसन्नोवउत्ते त्रितियविहणा जहेच मणपज्जवनाणे, अवेदए अकसाई य ततियचउत्था जहेच सम्मामिच्छते, अजोगिम्मि चरिमो, सेसेसु पदेसु चत्तारि भंगा जाव अणागारोवउत्ते, नेरइए णं भंते ! आउयं कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा ! अत्यगतिए चत्तारि भंगा, एवं सव्वत्थवि नेरइयाणं चत्तारि भंगा, नवरं कण्हलेस्से कण्हपक्खिए य पढमततिया भंगा, समामिच्छत्ते तवियचउत्था, असुरकुमारे एवं चेब, नवरं कण्हलेस्सेऽवि चत्तारि भंगा भाणियख्या संस जहा नरहयाण, एवं जाब थणियकुमाराणं, पुढविकाइयाण सव्वस्थाच चत्तारि भगा, नवर कण्हपाक्खए पढमतातया भग | बंधिस्सइ, सेसेसु सव्वस्थ चत्तारि भंगा, एवं आउकाइयवणस्सइकाइयाणवि निरवसेसं, तेउकाइयवाउकाइयाणं सव्वत्थवि पढमततिया भंगा, बेइंदियतेइंदियचडरिदियाणंपि सव्वत्थवि पढमततिया भंगा, नवरं सम्पत्ते नाणे आभिणियोहियनाणे सयनाणे ततिओ भंगो. पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं कण्हपक्खिाए पढमततिया भंगा, सम्मामिच्छत्ते ततियचउत्था भंगा, सम्मत्ते नाणे आभिणिबोहियनाणे सुयनाणे ओहिनाणे एएसु पंचसुवि पदेसु चितियविहूणा, सेसेसु चत्तारि भंगा, मणुस्साणं जहा जीवाणं, नवरं सम्मत्ते ओहिए नाणे आभिणियोहियनाणे सुयनाणे ओहिनाणे एएसु बितियविहणा सेसं तं चेव, बाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमास, नाम गोयं अंतराय च एयाणि जहा नाणावरणिज्ज। सेवं भंते रत्ति जाब विहरति । ८१५। २०२६ उ०१॥ अणंतरोक्वन्नए णं भंते ! नेरइए पावं कम्मं किं बंधी?, पुच्छा तहेव, गोयमा! अत्यंगतिए बंधी पढमबितिया भंगा, सलेसे णं भंते ! अणंतरोववन्नए नेरइए पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा! पढमबितिया भंगा, एवं खलु सवत्थ पढमबितिया भंगा, नवरं सम्मामिच्छत्तं मणजोगो वइजोगो य न पुच्छिजह, एवं जाव थणियकुमाराणं, बेइंदियतेइंदियचउरिंदियाणं वयजोगो न भन्नइ, पंचिंदियतिरिक्वजोणियाणपि सम्मामिच्छत्तं ओहिनाणं विभंगनाणं मणजोगो वयजोगो एयाणि पंच पदाणि ण भन्नति, मणुस्साणं अलेस्ससम्मामिच्छत्तमणपज्जवणाणकेवलनाणविभंगनाणनोसन्नोवउत्तअवेदगअकसाइमणजोगवयजोगअजोगी एयाणि एक्कारस पदाणि ण भन्नति, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नेरइयाणं तहेव ते तिन्नि न भन्नति सम्बेसि, जाणि सेसाणि ठाणाणि सव्वत्थ पढमवितिया भंगा, एगिदियाणं सम्बत्य पढमचितिया भंगा, जहा पावे एवं नाणावरणिज्जेणवि दंडओ, एवं आउयवजेसु जाव अंतराइए दंडओ, अणंतरोववन्नए णं भंते ! नेरइए आउयं कम्मं किं बंधी? पुच्छा, गोयमा! बंधी न बंधइ बंधिस्सइ, सलेस्मे णं भंते ! अणंतरोववन्नए नेरइए आउयं कम्मं किंबंधी०१, एवं चेव ततिओ भंगो, एवं जाव अणागारोवउत्ते, सव्वत्थवि ततिओ भंगो, एवं मणुस्सवजं जाव वेमाणियाणं, मणस्माणं सब्वत्थ ततियचउत्था भंगा, नवरं कण्हपक्खिएसु ततिओ भंगो, सव्वेसिं नाणत्ताई ताई चेव । सेवं भंते २त्तिा ८१६॥श०२६ उ०२॥ परंपरोववन्नए र्ण भंते ! नेरइए पावं कम्म किंबंधी० पुच्छा, गोयमा! अत्थेगतिए पढमवितिया, एवं जहेच पढमो उहेसओ तहेव परंपरोववन्नएहिवि उद्देसओ भाणियव्वो नेरइयाइओ तहेब नवदंडगसहिओ, अट्ठण्हवि कम्मप्पगडीणं जा जस्स कम्मरस वत्तब्वया सा तस्स अहीणमतिरित्ता नेयब्बा जाव बेमाणिया अणागारोवउत्ता। सेवं भंते.२त्ति ।८१७॥ श०२६ उ०३॥ अणंतरोगाढए णं भंते ! नेरइए पावं कम्मं किं बंधी०? पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगतिए एवं जहेब अणंतरोववन्नएहिं नवदंडगसंगहिओ उद्देसो भणिओ तहेब अणंतरोगाढएहिवि अहीणमतिरित्तो भाणियव्यो, नेरइयादीए जाव वेमाणिए। सेवं भंते ! २॥ श०२६ उ०४॥ परंपरोगाढए णं भंते ! नेरइए पावं कम्मं किं बंधी०? जहेव परंपरोवपन्नएहि उद्देसो सो चव निवसेसो भाणियब्बा। सर्व भत!२ ॥श०२६ उ० ५॥ अर्णतराहारए णं भंते ! नेरतिए पावं कम्मं किं बंधी०१ पुच्छा, एवं जहेव अणंतरोववन्नएहिं उद्देसो तहेब निरवसेसं। सेवं भंते !२॥ श०२६ उ०६॥ परंपराहाराण ३८६ श्रीभगवत्यंगं - - मुनि दीपरत्नसागर STRACTIONAOPEGARHPEAASPIRHARASRANASPASSPOSESMSROPICAS/8/PGRAPRANSPO4SPONSPERMANESH Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AMONDARY34RYAARONOKRYSANSARANAMOKA82484342130498ARYAASHALA | णं भंते! नेरइए पावं कम्मं किंबंधी० पुच्छा, गोयमा! एवं जहेव परंपरोववन्नएहिं उद्देसो तहेव निरवसेसो भाणियव्यो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ॥श०२६ उ०७॥ अर्णतरपज्जत्तए णं भंते! नेरइए पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोगमाः जहेव अणंतरोववचएहिं उद्देसो तहेब निरवसेसं। सेवं भंते!२॥ श०२६ उ०८॥ परंपरपज्जत्तए णं भंते ! नेरइए पावं कम्मं किं बंधी०१ पुच्छा, गोयमा! एवं जहेब परंपरोवपनाह उहेसो तहेच निरवसेसो भाणियव्यो। सेवं० जाव विहरइ ॥श०२६ उ०९॥ परिमेणं भंते ! नेरइए पावं कम्मं किं बंधी? पुच्छा, गोयमा! एवं जहेच परंपरोववाएहिं उदेसो तहेव चरिमेहिं निरवसेसो। सेवं भंते!२ जाव विहरति॥श०२६ उ०१०॥ अचरिमे णं भंते ! नेरइए पावं कम्मं किंबंधी? पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए० एवं जहेब पढमोहेसए तहेव पदमपितिया भंगा भाणियव्या सब्वत्थ जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं, अचरिमेणं मंते! मणुस्से पावं कम्मं किंबंधी० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी बंधड़ बंधिस्सइ अत्थे बंधी बंधइ न बंधिस्सइ अत्यंगतिए बंधी न बंधइ बंधिस्सइ, सलेस्से णं भंते! अचरिमे मणसे पावं कम्मं किंबंधी०१. एवं चेव तिमि भंगा चरमविहूणा भाणियब्वा एवं जहेच पढमुद्देसे, नवरं जेसु तत्व बीससु चत्तारि भंगा तेसु इह आदिल्डा तिमि भंगा भाणियच्या चरिमभंगवजा, अलेस्से केवलनाणी अजोगी य एए तिनिवि न पुच्छिज्जति, सेसं तहेव, वाणमंतरजोइसवेमाणिया जहा नेरइए, अचरिमे णं भंते! नेरइए नाणावरणिज कम्मं किं बंधी० पुच्छा, गोयमा ! एवं जहेब पावं नवरं मणुस्सेसु सकसाईसु लोभकसाईसु य पढमचितिया भंगा, सेसा अट्ठारस चरमविद्हणा, सेसं तहेब जाव वेमाणियाणं, दरिसणावरणिजंपि एवं चेव निरवसेसं, बेयणिज्जे सव्वत्थवि पढमबितिया भंगा जाब बेमाणियाणं नवरं मणुस्सेसु अलेस्से केवली अजोगी य नस्थि, अचरिमे णं भंते! नेरइए मोहणिज कम्मं किं बंधी०१ पुच्छा, गोयमा! जहेव पावं तहेव निरवसेस जाब वेमाणिए, अचरिमे णं भंते ! नेरइए आउयं कम किंबंधी० पुच्छा, गोयमा! पढमबितिया भंगा, एवं सव्वपदेसुवि, नेरइयाणं पढमततिया भंगा नवरं सम्मामिच्छते ततिओ भंगो, एवजाव थाणयकुमाराण, पुढावक्काइयआउकाइयवणस्सइकाइयाण तउलेस्साए ततिओ भगा सससु पर्दसु सम्वत्थ पढमततिया भंगा, उकाइयवाउकाइयाणं सव्वत्थ पढ़मततिया भंगा, बेइंदियतेइंदियचउरिदिया एवं चेच नवरं सम्मत्ते ओहिनाणे आभिणियोहियनाणे सपनाणे ततिओ भंगो, सेसेसु पदेसु सव्यस्थ पढमततिया भंगा, मणुस्साणं सम्मामिच्छत्ते अवेदए अकसाइम्मि य ततिओ भंगो, अलेस्से केवलनाणी अजोगी यन पुच्छिति, सेसपदेसु सव्वस्थ पढमततिया भंगा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेरइया, नाम गोयं अंतराइयं च जहेब नाणावरणिज्जं तहेव निरवसेसं । सेवं भंते२ जाप विहरह। ८१८॥ उ०११ बंधिसयं ॥इति षड्विंशतितमं शतकं म म जीवे णं भंते ! पावं कम्मं किं करिसु करेन्ति करिस्संति करिसु करेंतिन करिस्मेति करिसुन करेंति करिस्संति करिसु न करेंति न करेस्मंति? गोयमा ! अत्येगतिए करिंसु करेंति करिस्संति अत्थे करिंसु करेंति न करिस्संति अत्थे० करिंसु न करेंति करेस्संति अस्थे० करिसु न करैति न करेस्संति, सलेस्से णं भंते ! जीवे पावं कम्म०एवं एएणं अभिलावणं जच्चेबबंधिसए बत्तब्बया सच्चेव निखसेसा भाणियब्वा, तहेव नवदंडगसंगहिया एकारस उडेसगा भाणियव्वा।८१९॥उ०१-, सप्तविंशतितमं शतकं ॥ फ्र म जीवा णं भंते! पावं कम्मं कहिं समजिणिंसु कहिं समायरिंसु ?, गोयमा! सव्वेऽवि ताव तिरिक्सजोणिएसु होजा अहवा तिरिक्वजोणिएसु य नेरइएमु य होजा अहवा तिरिक्खजोणिएसु य मणुस्सेसु य होजा अहवा तिरिक्खजोणिएसु य देवेसु य होजा अहवा तिरिक्खजोणिएसु य मणुस्सेसु य देवेसु य होजा अहवा तिरिक्खजोणिएसु य नेरइएसु य देवेसु य होज्जा अहया तिरिक्खजोणिएसु य मणुस्सेमु य देवेसु य होजा अहवा तिरिक्ख० नेरइएसु य मणुस्सेसु य देवेसु य होजा, सलेस्सा णं भंते ! जीवा पावं कम्मं कहिं समजिणिसु कहिं समायरिंसु?, एवं चेच, एवं कण्हलेस्सा जाव अलेस्सा, कण्हपक्खिया सुकपक्खिया एवं जाव अणागारोबउत्ता, नेरइया णं भंते! पावं कम्म कहिं समजिणिंसु कहिं समायरिंसु?, गोयमा ! सब्वेऽवि ताव तिरिक्खजोणिएमु होज्जत्ति एवं चेव अट्ठ भंगा भाणियव्वा, एवं सव्वत्थ अट्ठ भंगा, जाव अणागारोवउत्तावि, एवं जाव वेमा णियाणं, एवं नाणावरणिजेणवि दंडओ, एवं जाव अंतराइएणं, एवं एए जीवादीया वेमाणियपज्जवसाणा नव दंडगा भवंति। सेवं भंते!२ जाव विहरइ । ८२०॥ श०२८ उ०१॥ 5 अणंतरोववनगा णं भंते! नेरइया पावं कम्म कहिं समजिणिंसु कहिं समायरिंसु?, गोयमा ! सबेऽबि ताच तिरिक्खजोणिएसु होजा एवं एथवि अट्ठ भंगा, एवं अणंतरोववन्नगाणं नेहयाईणं जस्स जं अस्थि लेस्सादीयं अणागारोवओगपज्जवसाणं तं सव्यं एयाए भयणाए भाणियव्वं जाव वेमाणियाणं, नवरं अणंतरेस जे परिहरियच्या ते जहा बंधिसए नहा इहंपि. एवं नाणावरणिजेणवि दंडओ, एवं जाव अंतराइएणं निरवसेस, एसोऽवि नवदंडगसंगहिओ उद्देसओ भाणियब्यो। सेवं भंते!२त्ति । ८२१॥ श०२८ उ०२॥ एवं एएणं कमेणं जहेव बंधिसए उदेसगाणं परिवाडी तहेव इहंपि अट्ठसु भंगेसु नेयव्या नवरं जाणियच्वं जं जस्स अस्थि तं तस्स माणियव्वं जाव अचरिमुहेसो, सव्वेऽवि एए एक्कारस उद्देसगा। सेवं भंते रत्ति ३८७ श्रीभगवत्यंग-सतः२८ मुनि दीपरत्नसागर WRONI-ARTISABSECURPBARSHESARPISRANAMRPRISESHONOPERMANEAPESHARIRIPTIOHIBITA Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जाब विहरइ।८२२। उ०३-११ २०२८ कम्मसमजणणसयं। फाजीवा णं भंते! पावं कम्मं किं समायं पट्टविंसु समायं निर्विसु समायं पपिस विसमायं निविस विसमायं पटुविसु समायं निट्ठविसु विसमायं पट्टविसु विसमायं निर्विसु ?. गोयमा ! अत्येगइया समायं पट्टविसु समायं निडुबिसु जाव अन्थेगइया विसमायं पविस विसमायं निविसु, से केणटेणं भंते ! एवं बुचइ अत्यगइया समायं पट्टविसु समायं निविसु तं चेव?, गोयमा ! जीवा च उविहा पं० तं अन्थेगइया समाउया समोववन्नगा अन्धेगडया समाउया विसमो ववनगा अत्थेगइया विसमाउया समोववनगा अत्थेगइया विसमाउया विसमोववन्नगा, नत्थ णं जे ने समाउया समोरवनगा ने णं पावं कम्म समायं पट्टविसु समाय निर्विसु. नन्थ | णं जे ते समाउया विसमोवचनगा ते णं पाचं कम्मं समायं पट्टविंसु विसमायं निट्टविंसु, नत्थ णं जे ने विसमाउया समोरवनगा ने णं पात्र कम्म विसमाय पट्टविंसु समायं निद्रुविसु, नत्थ णं जे ने विममाउया विसमोववन्नगा ते णं पावं कम्म विसमायं पट्टविसु विसमायं णिचिंसु, से तेणट्टेणं गोयमा ! तं चेव, सलेस्सा णं भंते ! जीवा पावं कम्म?, एवं चेव, एवं मञ्चट्ठाणेमुचि जाव अणागारोवउत्ता, एए सब्वेऽवि पया एयाए बत्तव्वयाए भाणियब्वा, नेरदया णं भंत! पावं कम्म कि समायं पट्टविसु ममायं निविसु पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइया ममायं पट्टविसु एवं जहेव जीवाणं तहेव भाणियब्वं जाव अणागारोवउना, एवं जाच वेमाणियाणं जस्स ज अन्थि नं एएणं चेव कमेणं भाणियच्यं जहा पावेण दंडओ, एएणं कमेणं अट्ठसुवि कम्मप्पगडीसु अट्ट दंडगा भाणियब्वा जीवादीया वमाणियपजवसाणा, एसो नवदंडगसंगहिओ पढमो उद्देसो भाणियब्यो। सेवं भंते.२नि। ८२३॥०२९ उ०१॥ अणंतरोचवन्नगाणं भंते! नेरइया पावं कम्मं किं समायं पटुबिसु समायं निविमु०? पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइया समायं पट्टविमु समायं निझुविसु अन्धेगइया समायं पट्टविंसु बिम मायं निविमु. से केणट्टेणं भंते! एवं बुचइ अत्थेगइया समायं पट्टविसु०? तं चेब, गोयमा ! अणंतरोववन्नगा ने दुविहा पंतं०-अत्थेगइया समाउया समोववन्नगा अन्गइया समाउया विसमोववन्नगा, तत्थ णं जे ने समाउया समोववन्नगा ते णं पावं कम्मं समायं पटुविसु समायं निढविमु, तस्थ णं जे ने समाउया विममोववन्नगा ते णं पावं कम्मं समायं पट्टविसु विसमायं निझुविसु, से तेणतं चेच, सलेस्सा णं भंते! अणंतरो० नेरइया पावं?, एवं चेव. एवं जाव अणागागेव०, एवं असुर०, एवं जाव वेमा नवरं जं जस्स अस्थि तं नस्स णवि दंडओ, एवं निरवसेसं जाव अंतराइएणं। सवं भतारति जाव विहरति । श०२५उ०२॥ एवं एएणं गमएणं जव चंधिसए उद्देमगपरिवाडी सचेव इहवि भाऊ जाव अचरिमोति, अणंतरउद्देसगाणं चउण्हवि एका वत्तब्बया सेसाणं सत्तह, एक्का । ८२४॥ उ०३-११०२९। कम्मपट्टवणमयं सम्म ज माकरण भंते!18 समोसरणा पं०१. गोयमा ! चत्तारि समोसरणा पं०२०-किरियावादी अकिरियावादी अन्नाणियवाई वेणइयवाई, जीवा णं भंते ! किं किरियावादी अकिरियावादी अनाणियबादी वेणइयवादी ?, गोयमा ! जीवा किरिया० अकिरिया० अन्नाणिय वेणइयवादीवि, सलेसा ण भंते! जीवा किं०?, किरियावादीवि जाव येणइयवादीवि. एवं जाव सुकलेस्मा, अलेस्सा णं भंते! जीचा पुच्छा, गोयमा ! किरियावादी नो अकिरियावादी नो अन्नाणियवादी नो वेणइयवादी, कण्हपक्विया णं भंते ! जीवा कि किरियावादी? पुच्छा. गोयमा! नो किरियावादी अकिग्यिावादी अनाणियवादीवि वेणइयवादीवि, मुकपक्खिया जहा सलेस्मा, सम्मदिट्टी जहा अलेस्सा. मिच्छादिद्री जहा कण्डपक्खिया. सम्मामिच्छादिट्टीणं पच्छा. गोयमा ! नो किरियावादी नो अकिरियावादी अन्नाणियवादीवि वेणइयवादीवि, णाणी जाब केवलनाणी जहा अलेस्से, अन्नाणी जाय विभंगनाणी जहा कण्डपक्खिया, आहारमन्नोवउत्ता जाव परिगहसन्नोवउत्ता जहा सलेस्सा, नोसन्नोवउत्ता जहा अलेस्सा, सवेदगा जाव नपुंसगवेदगा जहा सलेस्सा, अवेदगा जहा अलेस्सा, सकसाई जाव लोभकसाई जहा सलेस्सा, अकसाई जहा अलेस्मा, सजोगी जाव काययोगी जहा सलेस्सा, अजोगी जहा अलेस्सा, सागारोवउत्ता अणागारोक्उत्ता जहा सलेस्सा, नेरहया णं भंते ! किं किरियावादी? पच्छा. गोयमा ! किरियावादीवि जाव वेणइयवादीवि, सलेस्सा णं भंते ! नेरइया कि किरियावादी?, एवं चेव, एवं जाव काउलेस्सा, कण्हपक्खिया किरियाविवजिया, एवं एएणं कमेणं जच्चेच जीवाणं वत्तब्बया सचेव नेरइयाणवि जाव अणागारोवउत्ता नवरं जं अस्थि तं भाणियव्वं सेसं न भण्णति, जहा नेरइया एवं जाव धणियकुमारा. पुढवीकाइया णं भंते! किं किरियावादी ? पुच्छा, गोयमा ! नो किरियावादी अकिरियावादीवि अन्नाणियवादीवि नो वेणइयवादी, एवं पुढवीकाइयाणं जं अस्थि तन्थ सवन्धवि एयाई दो मज्झिलाई समोसरणाई जाय अणागरोउत्तावि, एवं जाव चाउरिदियाणं, सव्वट्ठाणेसु एयाई चेव मज्झिाङगाई दो समोसरणाई. सम्मत्तनाणेहिवि एयाणि थेव मन्झिायुगाई दो समो०. पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जह। जीवा नवरं जं अत्थितं माणियब्वं, मणुस्सा जहा जीवा तहेव निरवसेस, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा, किरियावादी णं भंते ! जीवा किनेरइयाउयं पकरेंति निरिक्सजोणियाउयं पकरेंति मणुस्साउयं पकरैंति देवाउयं पकरेंति?, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति नो तिरिक्वजोणियाउयं पक मणुस्साउयंपि पकरेंति देवाउयंपि पक, जइ देवाउयं पकरेंति किं भवणवासिदेवाउयं पकरेंति जाव वेमाणियदेवाउय पक०?, गोयमा ! नो भवणवासी० नो वाणमंतर नो जोइसियवेमाणियदेवाउयं पकरेंति. (९७) ३८८श्रीभगरत्यंग,-सतः३० मुनि दीपरत्नसागर Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 4884587942898499824989942YMaK8488984999HARRHOES43R348N8H881348YBaMaNRBARTIME अकिरियावादी णं भंते ! जीवा किं नेरइयाउयं पकरेंति तिरिक्ख०? पुच्छा, गोयमा ! नेरइयाउयंपि पकरेंति जाव देवाउयंपि, अन्नाणियवादीवि, एवं वेणइयवादीवि, सलेस्सा णं भंते ! जीवा ! किरियावादी किं नेरइयाउयं पकरेंति०१ पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयं० एवं जहेब जीवा तहेव सलेस्सावि चाउहिवि समोसरणेहिं भाणियब्वा, कण्हलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पकरेंति०पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेंति नो तिरिक्खजोणियाउयं० मणुस्साउयं० नो देवाउयं०, अकिरिया० अन्नाणिय वेणइयवादी य चत्तारिवि आउयाई पकरेंति, एवं नीललेस्सा काउलेस्सावि, तेउलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पकरेंति ? पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेंति नो तिरिक्ख. मणुस्साउयंपि देवाउयंपि, जह देवाउयं पकरैति० तहेच. तेउलेस्सा णं भंते ! जीवा अकिरियावादी किं नेरइयाउयं०१ पुच्छा, गोयमा ! नो नेहयाउयं मणस्माउयपि तिरिक्वजोणियार. यपि देवाउयंपि०, एवं अन्नाणियवादीवि वेणइयवादीवि, जहा तेउलेस्सा एवं पम्हलेस्साचि सुक्कलेस्सावि नेयव्वा, अलेस्सा णं भंते : जीवा किरियावादी किं णेरइयाउयं ? पुच्छा, गोयमा ! णो णेरइयाउयं पक० नो तिरि० नो मणु नो देवा०, कण्हपक्खिया णं भंते! अकिरियावाइणो जीवा किं णेरइयायपि पकति०१. एवं चउन्विहंपि, एवं अनाणियवादीवि वेणइयवादीवि, सुकपक्खिया जहा सलेस्सा, सम्मदिट्ठी णं भंते ! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं०? पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयं नो तिरिक्ख मणुस्साउयं देवाउयंपि पकरेंति, मिच्छादिट्टी जहा कण्हपक्खिया, सम्मामिच्छादिट्ठीण भंते ! जीवा अनाणियवादी किं नेरइयाउयं०?, जहा अलेस्सा, एवं वेणइयवादीवि, गाणी आभिणिबोहियनाणी य मुयनाणी य ओहिनाणी य जहा सम्मट्टिी, मणपजवणाणी णं भंते !०१ पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेन्ति नोतिरिक्वनो मणुस्सा देवाउयं पकरेन्ति, जइ देवाउयं पकरेन्ति किं भव जाइसियवमाणियदवाउय, कवलनाणी जहा अलस्सा, अन्नाणी जाव विभगनाणी जहा कण्हपक्खिया, सन्नासु चउसुवि जहा सलेस्सा, नोसन्नोवउत्ता जहा मणपजवनाणी, सवेदगा जाव नपुंसगवेदगा जहा सलेस्सा, अवेदगा जहा अलेस्सा, सकसाई जावलो अकसाई जहा अलेस्सा, सयोगी जाव काययोगी जहा सलेस्सा, अजोगी जहा अलेस्सा, सागारोवउत्ता य अणागारोवउत्ता य जहा सलेस्सा । ८२५। किरियावादी णं भंते ! नेरइया किं नेरइयाउयं० पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं नो तिरिक्ख० मणुस्साउयं नो देवाउयं, अकिरियावादी णं भंते ! नेरइया ? पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयं तिरिक्वजोणियाउयं मणुस्साउयंपि नो देवाउयं, एवं अन्नाणियवादीवि वेणइयवादीवि, सलेस्सा णं भंते ! नेरइया किरियावादी किं नेरइयाउयं०?, एवं सवेऽवि नेरइया जे किरियावादी ते मणुस्साउयं एग, जे अकिरियावादी अन्नाणियवादी वेणइयवादी ते सव्वट्ठाणेसुवि नो नेरइयाउयं तिरिक्खजोणियाउयंपि मणुस्साउयंपि नो देवाउयं, नवरं सम्मामिच्छने उबरिडेहिं दोहिवि समोसरणेहिं न किंचिवि पकरेंति जहेब जीवपदे, एवं जाव थणियकुमारा जहेब नेरइया, अकिरियावादी णं भंते ! पुढविक्काइया०? पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेन्ति तिरिक्वजोणियाउयं मणुस्साउयं नो देवाउयं, एवं अन्नाणियवादीवि, सलेस्सा णं भंते ! एवं जं जं पदं अस्थि पुढवीकाइयाणं तहिं तहिं मज्झिमेसु दोसु समोसरणेसु एवं चेव दुविहं आउयं पकरेन्ति नवरं तेउलेस्साए न किंपि पकरेन्ति, एवं आउक्काइयाणवि, वणस्सइकाइ० तेउका वाउका सव्वट्ठाणेसु मज्झिमेसु दोसु समोसरणेसु नो नेरइयाउयं तिरिक्वजोक नो मणु० नो देवाउ०, बेइंदियतेइंदियचउरिदियाणं जहा पुढवीकाइयाणं नवरं सम्मत्तनाणेसुन एकपि आउयं पकरेन्ति, किरियावादी णं भंते ! पंचिं०तिरि० किं नेरइयाउयं०? पुच्छा, गोयमा! जहा मणपज्जवनाणी, अकिरियावादी अन्नाणियवादी वेणइयवादी य चउबिहंपिपकरति, जहा ओहिया तहा सलेस्सावि, कण्हलेस्सा णं भंते! किरियावाद किं नेरइयाउयं० पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं णो तिरिक्व० नो मणुस्साउयं नो देवाउयं पकरेंति, अकिरियावादी अन्नाणियवादी वेणइयवाई चाउम्बिहंपि, जहा कण्हलेस्सा एवं नीललेस्सावि काउलेस्सावि, तेउलेस्सा जहा सलेस्सा, नवरं अकिरियावादी अन्नाणियवादी वेणइयवादी य णो नेरइयाउयं तिरिक्खजोणियाउयपि मणुस्साउयपि देवाउयपि पकनि, एवं पम्हलेस्सावि, एवं सुक्कलेस्सावि भाणियब्बा, कण्हपक्खिया तीहिं समोसरणेहिं चउविहंपि आउय, सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा, सम्मदिट्ठी जहा मणपज्जवनाणी नहेब बेमाणियाउयं पकरेंति, मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया, सम्मामिच्छादिट्टी ण य एकंपि जहेव नेरइया, णाणी जाव ओहिनाणी जहा सम्मदिट्टी, अन्नाणी जाव विभंगनाणी जहा कण्ह. पक्खिया, सेसा जाब अणागारोवउत्ता सब्वे जहा सलेस्सा तहा चेव भाणियव्वा, जहा पंचिंदियतिरिक्वजोणियाणं वत्तच्वया भणिया एवं मणुस्साणवि भाणियब्वा, नवरं मणपज्जबनाणी नोसन्नोवउत्ता य जहा सम्मदिट्ठी तिरिक्खजोणिया तहेव भाणियव्या, अलेस्सा केवलनाणी अवेदगा अकसायी अयोगी य एएन एगपि आउयं पकरेंनि जहा ओहिया जीवा सेसं तहेव, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा, किरियावादी णं भंते ! जीवा किं भवसिद्धीया अभवसिद्धीया?, गोयमा ! भवसिद्धीया नो अभवसिद्धीया, अकिरियावादी ३८९ श्रीभगवत्यंगं,-सत ३० मुनि दीपरत्नसागर 28%CHAINISM8P8ASPRSPARBHANSPICHASPB84858849PICHARPENSPORTHPRARSHICHRONESSPO48785 Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ TRACTRINASHISARAPRESPERSPNBABPMASPRIMSPRIMSHAHSPICHROPEMEPRABPRESEARNASPARSPIRAOPENS णं भंते ! जीवा किं भवसिदीया०? पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धीयावि अभवसिद्धीयावि, एवं अन्नाणियवादीवि वेणइयवादीवि, सलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावादी किं भव? पुच्छा, गोयमा! भवसिदीया नो अभवसिद्धीया, सलेस्सा ण भंते ! जीवा अकिरियावादी कि भव०? पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धीयाचि अभवसिद्धीयावि, एवं अन्नाणियवादीवि वेणइयवादीवि जहा सलेस्सा, एवं जाव सुक्कलेस्सा, अलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं भवया पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धीया नो अभवसिद्धीया. एवं एएणं अभिलावण कण्हपक्खिया तिसुवि समोसरणेसु भयणाए, सुक्कपक्खिया चउसुवि समोसरणेसु भवसिद्धीया नो अभवसिद्धीया, सम्मदिट्ठी जहा अलेस्सा, मिच्छादिट्ठी जहा काहपक्खिया, सम्मामिच्छादिट्ठी दोसुवि समोसरणेसु जहा अलेस्सा, नाणी जाव केवलनाणी भवसिद्धीया नो अभवसिद्धीया, अन्नाणी जाय विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया, सनासु चउसुवि जहा सलेस्सा, नोसन्नोवउत्ता जहा सम्मदिट्टी, सवेदगा जाव नपुंसगवेदगा जहा सलेस्सा, अवेदगा जहा सम्मदिट्ठी, सकसाई जाव लोभकसाई जहा सलेस्सा, अकसाई जहा सम्मदिट्ठी, सयोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा, अयोगी जहा सम्मदिट्टी, सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता जहा सलेस्सा, एवं नेरइयावि भाणियच्या नवरं नायव्यं जं अस्थि, एवं असुरकुमारावि जाय थणियकुमारा, पुढविकाइया सबट्ठाणेसुवि मज्झिाउसु दोसुवि समवसरणेसु भवसिद्धीयाचि अभवसिद्धीयावि, एवं जाव वणस्सइकाइया, आभिणियोहियनाणे सुयनाणे एएसु थेव दोसु मज्झिमेसु समोसरणेसु भवसिद्धिया नो अभवसिद्धिया, सेसं तं चेव, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरड्या नवरं नायव्वं जं अस्थि, मणुस्सा जहा ओहिया जीवा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा। सेवं भंते!२१८२६॥ श०३० उ०१॥ अर्णतरोवबन्नगाणं भंते ! नेरइया किं किरियावादी०? पुच्छा, गोयमा! किरियावादीवि जाव वेणइयवादीवि, सलेस्सा णं भंते ! अणंतरोववन्नगा नेरइया किं किरियावादी०? एवं चेव, एवं जहेव पढमुद्देसे नेरइयाणं वत्तब्वया तहेव इहवि भाणियब्वा, नवरं जं अस्थि अणंतरोववन्नगाणं नेरइयाणं तं तस्स भाणियव्वं, एवं सब्बजीवाणं जाव वेमाणियाण, नवरं अणंतरोववन्नगाणं जं जस्स अस्थि तं तस्म भाणियब, किरियाबाई णं भंते ! अणंतरोववन्नगा नेरक्या किं नेरइयाउयं पकरेंति० पुच्छा, गोयमा! नो नेरइया० नो तिरि० नो मणु नो देवाउयं०, एवं अकिरियावादीवि अन्नाणियवादीवि वेणइयवादीवि, सलेस्सा णं भंते ! किरियावादी अर्णतरोचवन्नगा नेरइया कि नेरइयाउयं०? पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति जाच नो देवाउयं पकरेंति, एवं जाच वेमाणिया, एवं सब्बहाणेसुवि अणंतरोववन्नगा नेरइया न किंचिवि आउयं पकरेंति जाव अणागारोववत्तत्ति, एवं जाच वेमाणिया नवरं जं जस्स अस्थि तं तस्स भाणियव्वं, किरियावादी णं भंते! अणंतरोववन्नगा नेरइया किं भवसिदिया अभवसिद्धिया?, गोयमा! भवसिद्धिया नो अभवसिद्धिया, अकिरियावादी णं०१ पुच्छा, गोयमा! भवसिद्धियावि अभवसिरि अनाणियवादीवि वेणव्यवादीवि, सलेस्साणं भंते ! किरियावादी अणंतरोववनगा नेरइया किं भवसिदिया अभवसिद्धिया?. गोयमा! भवसिद्धिया नो अभवसिद्धिया. एवं पाणं अभि- 13 लावणं जहव आहिए उसए नरइयाणं वत्तव्यया भांणया तहव इहविभाणियब्वा जाव अणागारावउत्तात्त, एवजाव बमाणियाण नवर ज जस्स त्थित तस्म लक्वणं-जे किरियावादी सकपक्खिया सम्म० सम्मामिच्छदिट्टीया एए सव्ये भवसिद्धिया नो अभवसिद्धीया सेसा सब्बे भवसिद्धीयाचि अभवसिद्धीयावि। सेवं भंते !रनि८२॥ ३० उ०२॥ परंपरोक्वन्नगाणं भंते ! नेरइया किरियावादी एवं जहेव ओहिओ उद्देसओ तहेव परंपरोक्वन्नएसुवि नेरइयादीओ तहेब निरवसेसं भाणियब्वं तहेव तियदंडगसंगहिओ। सेवं भंते!२ जाव विहरइ । ८२८॥ श०३० उ०३॥ एवं एएणं कमेणं जच्चेच बंधिसए उद्देसगाणं परिवाडी सञ्चेव इहंपि जाव अचरिमो उद्देसो, नवरं अणंतरा चत्तारिवि एकगमगा परपरा चत्तारिवि एकगमएणं, एवं चरिमावि, अचरिमावि एवं चेब, नवरं अलेस्सा केवली अजोगी न भन्नइ, सेसं तहेव । सेवं भंते रत्ति। एए एक्कारसवि उद्देसगा।८२९॥ उ०४-११।०३०॥ समवसरणसयंम रायगिहे जाब एवं बयासी-कति णं भंते! खुड्डा जुम्मा ५०, गोयमा! चत्तारि खुड्डा जुम्मा पं० २०-कडजुम्मे तेयोए दावरजुम्मे कलिओए, से कणद्वेणं मते ! एवं वृचइ चत्तारि खुड्डा जुम्मा पं० त०- कढजुम्मे जाव कलियोगे?, गोयमा! ज णं रासी चउकएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए सेत्तं मुडागकडज़म्मे. जे णं गसी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए सेत्तं खुड्डागतेयोगे, जेणं रासी चउकएणं अवहारेणं अबहीरमाणे दुपजयसिए सेत्तं खुागदावरजुम्मे, जे णं रासी चरकएणं अवहारेणं अबहीरमाणे एगपज्जवसिए सेत्तं खुड्डागकलियोगे, से तेणट्टेणं जाव कलियोगे, खुड्डागकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उवयजति किं नेरडएहिंतो उपवजनि निरिक्वक पुच्छा, गोयमा! नो नेरइएहितो उचवज्जति एवं नेरइयाणं उववाओ जहा वर्कतीए तहा भाणियव्यो, ते णं भंते! जीवा एगसमएणं केवढ्या उववजनि?, गोयमा ! चत्तारि । वा अट्ट वा बारस वा सोलस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उबरजति, ते णं भंते ! जीवा कह उववजति ?, गोयमा! से जहानामए पवए पवमाणे एवं जहा पंचविमतिमे सए अट्ठमुद्दे३९० श्रीभगवत्यंगं,-सा-३१ मुनि दीपरत्नसागर Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सए नेरइयाणं वत्तब्वया तदेव इहवि भाणियव्वा जाव आयप्पओगेणं उववजंति नो परप्पयोगेणं उववज्जंति, स्यणप्पभापुढवीखुड्डागकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उपबति ०?, एवं जहा ओहियरयाणं वत्तब्वया सञ्चैव रयणप्पभाएऽवि भाणियच्या जाव नो परप्पयोगेणं उववज्जंति, एवं सकरप्पभाएऽवि जाव आहेसत्तमाएऽवि एवं उववाओ जहा बकंतीए, 'अस्सनी खलु पढमं दोघं व सरिसवा तइय पक्खी। गाहाए उववाएयच्या, सेसं तहेत्र, खुड्डागतेयोगनेरइया णं भंते! कओ उववज्जंति किं नेरइएहितो ०? उनवाओ जहा वर्कतीए, ले णं भंते! जीवा एगसमएणं केवइया उववज्जंति ?, गोयमा तिन्नि वा सत्त वा एक्कारस वा पन्नरस वा संखेज्जा या असंखेजा वा उवबजंति, सेसं जहा कडजुम्मस्स, एवं अहेसत्तमाए, खुड्डागदावरजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उववजंति०?, एवं जहेब खुड्डागकड जुम्मे नवरं परिमाणं दो वा छ वा दस वा चोदस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा सेसं तं चैव जाव आहेसतमाए, खुड्डागकलिओगनेरइया णं भंते! कओ उवबजंति ०१, एवं जहेब खुड्डागकडजुम्मे नवरं परिमाणं एको वा पंच वा नव वा तेरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववति सं तं चेव, एवं जाव आहेसत्तमाए। सेवं भंते!२ जाव विहरति । ८३० ॥ श० ३१ ३०१ ॥ कण्हलेस्ससुड्डागक जुम्मनेरइया णं भंते! कओ उववज्जंति ०१, एवं जहा ओहियगमो जाव नो परप्पयोगेणं उववज्जंति, नवरं उदवाओ जहा वर्कतीए, धूमप्पभापुढवीनेरइया णं० सेसं तं चेव, धूमप्पभापुढवीकण्हलेस्सखुड्डागकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उववजंति ०१, एवं चेव निरवसेसं, एवं तमाएऽवि अहेसत्तमाएऽवि, नवरं उदवाओ सव्वत्थ जहा वर्कतीए, कण्हलेस्सखुड्डागते ओगनेरइया णं भंते! कओ उवच०१, एवं चेव, नवरं तिन्नि वा सत्त वा एकारस वा पनरस वा संखेजा वा असंखेजा वा सेसं तं चैव एवं जाव आहेसत्तमाएऽवि, कण्हलेस्सखुड्डागदावरजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उववजंति ०१, एवं चेव, नवरं दो वा छ वा दस बा चोस वा सेसं तं चैव धूमप्पभाएऽवि जाव आहेसत्तमाए, कण्हलेस्सखुड्डागकलियोगनेरइया णं भंते! कओ उववज्जंति ०१, एवं चेव, नवरं एको वा पंच वा नव वा तेरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा सेसं तं चैव, एवं धूमप्पभाएऽवि तमाएऽवि आहेसत्तमाएऽवि। सेवं भंते! २त्ति । ८३१ ॥ श० ३१३०२ ॥ नीललेस्सखुड्डागकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उववज्जति ०?, एवं जहेब कण्डलेस्सखुड्डागकडजुम्मा नवरं उबवाओ जो वालयप्पभाए सेसं तं चेव, वालुयप्पभापुढवीनीललेस्सखुड्डागकडजुम्मनेरइया ०१, एवं चैव एवं पंकप्पभाएऽवि, एवं धूमप्पभाएऽवि एवं चउवि जुम्मेसु नवरं परिमाणं जाणियव्वं, परिमाणं जहा कण्हलेसउद्देसए, सेसं तहेव सेवं भंते २त्ति । ८३२ ॥ श० ३१ ३०३ ॥ काउलेस्सखुड्डागकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उववज्जति ०१, एवं जहेव कण्हलेस्सवुड्डागकडजुम्म० नवरं उबवाओ जो रयणप्पभाए सेसं तं चैव रयणप्पभापुढवीकाउलेस्सखुड्डागकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उवव० १. एवं चैव, एवं सक्करम्प आएऽवि एवं वालुयप्पभाएऽवि एवं चउसुवि जुम्मेसु, नवरं परिमाणं जाणियव्वं परिमाणं जहा कण्हलेस्सउद्देसए सेसं तं चैव सेवं भंते! रत्ति । ८३३ ॥ श० ३१ उ० ४ ॥ भवसिद्धीयखुड्डागकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उवव० किं नेरइए० १, एवं जहेब ओहिओ गमओ तहेव निरवसेसं जाव नो परप्पयोगेणं उवव०, रयणप्पभापुढवीभवसिद्धीयखुड्डागकडजुम्मनेरइया णं भंते! एवं चैव निरवसेसं, एवं जाव आहेसत्तमाए, एवं भवसिद्धियखुड्डागतेयोगनेरइयावि एवं जाव कलियोगन्ति, नवरं परिमाणं जाणियव्वं, परिमाणं पुण्वभणियं जहा पढमुद्देसए। सेवं भंते! २त्ति । ८३४ ॥ श० ३१ ३० ५ ॥ कण्डलेस्सभवसिद्धियखुड्डागकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओहिंतो उववजंति० १, एवं जहेव ओहिओ कण्हलेस्सउद्देसओ तहेव निरवसेसं चउसुवि जुम्मेसु भाणियच्चो जाव आहे सत्तमपुढवीकण्डलेस्सखुड्डागकलियोगनेरइया णं भंते! कओहिंतो उबवजंति०१, तहेव । सेवं भंते!२त्ति । ८३५ ॥ श० ३१ ३०६ ॥ नीललेस्सभवसिद्धिया चउसुवि जुम्मेसु तहेव भाणियव्वा जहा ओहिए नीललेस्स उद्देसए। सेवं भंते! सेवं भंते! जाव विहरइ । ८३६ ॥ श० ३१ उ० ७॥ काउलेस्सभवसिद्धिया चउसुचि जुम्मेसु तहेव उववाएयब्वा जहेव ओहिए काउलेस्सउद्देसए। सेवं भंते! २ जाब बिहरइ । ८३७ ॥ श० ३१ ३०८ ॥ जहा भवसिदिएहि चत्तारि उद्देसया भणिया एवं अभवसिद्धिएहिवि चत्तारि उद्देसगा भाणियव्वा जाब काउलेस्सउद्देसओत्ति सेवं भंते! २त्ति । ८३८ ॥ श० ३१ ३०९-१२ ॥ एवं सम्मदिडीहिवि लेस्सासंजुत्तेहिं चत्तारि उद्देसगा कायव्वा, नवरं सम्मदिट्ठी पढमचितिएस दोसुवि उद्देसएस अहेसत्तमापुढवीए न उक्वाएयच्या, सेसं तं चैव सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति । ८३९ ॥ श० ३१ उ० १३-१६॥ मिच्छादिट्ठीहिवि चत्तारि उद्देसमा कायच्या जहा भवसिद्धियाणं सेवं भंते ! २त्ति । ८४० ॥ श०३१३०१७-२० ॥ एवं कण्हपक्खिएहिवि लेस्सासंजुत्तेहिं चत्तारि उद्देगा कायव्वा जहेव भवसिद्धिएहिं । सेवं भंते! सेवं भंते!त्ति । ८४१ ॥ श० ३१ ३० २१-२४ ॥ सुकपक्खिएहिं एवं चैव चत्तारि उद्देसगा भाणियच्वा जाव वालुयप्पभापुढवीकाउलेस्ससुकपक्खियखुड्डागकलिओगनेरइया णं भंते! कओहिंतो उवय०१, तहेब जाब नो परप्पयोगेणं उवव० । सेवं भंते! २ति । ८४२ ॥ उ० २५-२८ ॥ सव्वेऽवि एए अट्ठावीस उद्देगा । ३१ उववायसयं । फफ खुड्डागकडजुम्मनेरइया णं भंते! अनंतरं उब्वट्टित्ता कहिं गच्छंति कहिं उववति किं नेरइएस उवबजंति तिरिक्खजोणिएस उबव= ? उबट्टणा जहा ३९१श्रीभगवत्यंग, - ३२ T 1 मुनि दीपरत्नसागर Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ का वकंतीए, ते गं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उबद्दति ?, गोयमा! चत्तारिया अट्ट वा सोलस वा संखेजा वा असंखेजा वा उव्वटुंति, ते णं भंते ! जीवा कट उबद्दति ?, गोयमा! से ६ जहानामए पवए एवं तहेव, एवं सो चेव गमओ जाव आयप्पयोगेणं उव्वटुंति नो परप्पयोगेणं उबटुंति, रयणप्पभापुढवीसुड्डागकड०१.एवं रयणप्पभाएऽपि एवं जाव अहेसत्तमाए, एवं खुड्डागतेयोगसुड्डागदावरजुम्मसुडागकलियोगा नवरं परिमाणं जाणियब्वं, सेसं तं चेव। सेवं भंते!२त्ति । ८४३॥ श०३२ उ०१॥कण्हलेस्सकडजुम्मनेरइया०? एवं एएणं कमेणं जहेव उववायसए अट्ठावीसं उद्देसगा भणिया तहेव उचट्टणासएऽवि अट्ठावीसं उद्देसगा भाणियब्वा निरवसेसा नवरं उच्वट्ठतित्ति अभिलायो भाणियब्यो, सेसं तं चेव। सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति जाच विहरा । ८४४ उ०२८। ३२ उपवट्टणासयं।फ मा कतिविहा णं भंते ! एगिदिया पं०१. गोयमा! पंचविटा एमिदिया पं... पदविकाइया जाच वणस्सइकाइया, पुढविकाइया णं भंते! कतिविहा पं०१, गोयमा! दुविहा पं०तं०-सुहुमपुढवीकाइया य वायरपुढवीकाइया य, सुहमपुढवीकाइया णं भंते ! कतिविहा पं०१, गोयमा! दुचिहा पं० तं०-पजत्तसुदुमपुढवीकाइया य अपजत्तसुहुमपुढवीकाइया य, वायरपुढवीकाइया णं भंते! कतिविहा पं०?, गोयमा! एवं चेव, एवं आउकाइयापि पाउकएणं भेदेणं भाणियब्वा, एवं जाव वणस्सइकाइया, अपजत्तसुहमपुढवीकाइयाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ पं०?, गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडी पं० २०.नाणावरणिज जाव अंतराइयं, पजत्नसुहमपुढवीकाइयाणं भंते! कति कम्मप्पगडीओ पं०१, गोयमा ! अट्ठ कम्मष्पगडीओ पं०तं०-नाणावरणिजं जाव अंतराइयं, अपजत्तवावरपुढवीकाइयाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ पं०?, गोयमा ! एवं चेव. पजत्तवायरपढवीकाइयाण मंते! कति कम्मापगडीओ०१.एवं चेब, एवं एएणं कमेणं जाव वायरवणस्सइकाइयाण पजत्तगाणांत, अपज्जत्तसुहमपुढवाकाइयाण भत! कति कम्मप्पगडीओ पंचंति', गोयमा! सत्तविहबंधगावि अट्ठविहबंधगावि सत्त बंधेमाणा आउयवजाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधति अट्ठ बंधेमाणा पडिपुत्राओ अट्ट कम्मप्पगडीओ बंधति, पजत्तसुहुमपुढवीकाइया णं भंते ! कति कम्म०?, एवं चेव, एवं सख्ये जाव पजत्तवायरवणस्सइकाइया णं भंते ! कति कम्मपगडीओ बंधति', एवं चेव, अपज्जत्तसुहुमपुढवीकाइया णं भंते! कति कम्मप्पगडीओ वेदेति ?, गोयमा! चोहस कम्मप्पगडीओ चेति, तं०-नाणावरणिज जाच अंतराइयं सोइंदियवझं चक्खिदियवा पाणिदियवज्झं जिभि. दियवज्रं इस्थिवेदवज्रं पुरिसवेदवज्झ, एवं चउकएणं भेदेणं जाव पज्जलबायरवणस्सइकाइया णं भंते! कति कम्मापगढीओ वेदेति ?, गोयमा ! चोदस कम्मप्पगडीओ वेदेति। सेवं भंते २ति । ८४५॥ श०३३ उ०१॥ कइविहा णं भंते ! अणंतरोववन्नगा एगिदिया पं०१, गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववन्नगा एगिदिया पं० २०. पुढविका० जाव वणस्सइकाइया, अणंतरोववनमा णं भंते ! पुढविकाइया कतिविहा पं०१, गोयमा ! दुविहा पं० सं०-सुहुमपुढवीकाइया य वायरपुढवीकाइया य, एवं दुपएणं भेदेणं जाव वणस्सइकाइया, अणंतरोववनगसुहुमपुढवीकाइयाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ पं०१, गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ पं० सं०-नाणावरणिज जाव अंतराइय, अणंतरोपवनगचादरपुढवीकाइयाणं भंते ! कति कम्म०, एवं चेच, एवं अणंतरोपवनगवादरवणस्सइकाइयाणंति, अणंतरोववनगमुहुमपुढवीकाइया णं भंते ! कतिकम्मप्पगडीओ बंधति ?, गोयमा ! आउयवजाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधंति, एवं जाव अर्णतरोवपनगचादरवणस्सइकाइयत्ति, अणंतरोववनगमुहुमपुढवीकाइया णं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ वेदेति', गोयमा ! पाउदस कम्मपगडीओ वेदेति, तं०नाणावरणिजं तहेष जाब पुरिसवेदवज्झ, एवं जाव अणंतरोवयनगवादरवणस्सइकाइयत्ति। सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति । ८४६॥ श०३३ उ०२॥ कतिविहाणं भंते ! परंपरोववनगा एगिदिया पं०?, गोयमा ! पंचविहा परंपरोक्वनगा एगिदिया पं०तं०- पुढविकाइया० एवं चउक्कओ भेदो जहा ओहिउद्देसए, परंपरोधचनगअपजत्तसुहमपुढवीकाइयाणं भंते ! कद कम्मप्पगडीओ पं०१, एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहिउद्देसए तहेव निरखसेसं भाणियव्वं जाव चउद्दस वेदेति। सेवं भंतेत्ति । ८४७॥ २०३३ उ०३॥ अणंतरोगाढा जहा अणनगेववनगा, परंपरोगादा जहा परंपरोक्वनगा, अणंतराहारगा जहा अणंतरोवचनगा, परंपराहारगा जहा परंपरोववनगा, अणंतरपजत्तगा जहा अणंतरोगवनगा, परंपरपज्जत्तगा जहा परं. परोक्वनगा, चरिमाथि जहा परंपरोक्वनगा तहेच, एवं अचरिमावि, एवं एकारस उद्देसगा। सेवं भंते ! २ जाच विहरइ । ८४८॥ उ०४-११ पदम एगिदियसयं १॥ कइविहा भंते ! कण्हलेस्सा एगिदिया पं०१, गोयमा ! पंचविहा कण्हलेस्सा एगिदिया पं०२०- पुढवीकाइया जाय वणस्सइकाइया, कण्हलेस्सा णं भंते ! पुढवीकाइया कइपिहा पं०१, गोयमा! दुविहा पं०२०- मुहुमपुढपीकाइया य चादरपुढवीकाइया य, कण्हलेस्सा णं भंते ! मुहुमपुढवीकाइया कइविहा पं०१, गोयमा! एवं एएणं अभिलावेणं चउकोदो जहेब ओहिउदेसए जाव वणस्सइकाइयत्ति, कण्हलेस्सअपजत्तमुहुमपुढवीकाइयाणं मंते! कइ कम्मप्पगडीओ पं०१, एवं चेव, एएणं अभिलावेणं जहेब ओहिउद्देसए नहेच पचनाओ तहेव बंधति तहेव बेति। सेवं भंतेत्ति। काविहाणं भंते ! अर्णतरोक्यनगकण्हलेस्सएगिदिया पं०?, गोयमा ! पंचविहा अणंतगेववनगा कण्हलेस्सा एगिदिया० एवं एएणं अभिलावणं तहेव दुयओ। भेदो जाव वणस्सइकाइयत्ति, अणंतरोक्यनगकण्हलेस्समुहुमपुढवीकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ पं०?,एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहिओ अणंतरोक्यनगाणं उडेसओ (९८) । ३९२श्रीभगवत्यंगं, सतर मुनि दीपरनसागर Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तहेव जाव वेदेति, सेवं भंते ! सेवं भंते:त्ति। कइविहाणं भंते ! परंपरोववनगा कण्हलेस्सा एगिदिया पं०१, गोयमा ! पंचविहा परंपरोववन्नगा कण्ह एगिदिया पं० २० पुढवीकाइया० एएणं अभिलावेणं तहेव चउक्कओ भेदो जाब वणस्सइकाइयत्ति, परंपरोक्वन्नगकण्हलेस्सअपज्जत्तमुहुमपुढवीकाइयाणं भंते! कइ कम्मप्पगडीओ पं०१, एवं एएणं अभिलावणं जहव ओहिओ परंपरोववन्नगउहेसओ तहेब जाव वेदेति, एवं एएणं अभिलावणं जहेव ओहिएगिदियसए एकारस उहेसगा भणिया तहेव कण्हलेस्ससतेऽवि भाणियव्वा जाव अचरिमचरिमकण्हलेस्सएगिदिया। ८४९। बितियं एगिदियसयं२॥ जहा कण्हलेस्सेहिं भणियं एवं नीललेस्सेहिवि सयं भाणियव्यं । सेवं भंते!२त्ति। ततियं एगिदियसयं ३॥ एवं काउलेस्सेहिवि सयं भाणियब्वं नवरं काउलेस्सेति अभिलावो भाणियव्यो। चउत्थं एगिदियसयं ४॥ कइविहा णं भंते! भवसिद्धीया एगिदिया पं०?, गोयमा! पंचविहा भवसिद्धिया एगिंदिया पं० २०. पुढवीकाइया जाव वणस्सइकाइया भेदो चउफओ जाव वणस्सइकाइयत्ति, भवसिद्धियअपज्जत्तसुहुमपुढवीकाइयाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ पं०१, एवं एएणं अमिलावणं जहेव पढमिल्डगं एगिदियसयं तहेव भवसिद्धियसयंपि भाणियवं, उहेसगपरिवाडी तहेव जाब अचरिमोत्ति। सेवं भंते रत्ति। पंचम एगिदियसयं ५॥ कइबिहा णं भंते! कण्हलेस्सभवसिद्धियएगिंदिया पं०?, गोयमा! पंचविहा कण्हलेस्सभवसिद्धियएगिंदिया पं० पुढवीकाइया जाव वणस्सइकाइया, कण्हलेस्सभवसिद्धीयपुढवीकाइया णं भंते ! कतिविहा पं०?. गोयमा ! दुचिहा पं० तं-सुहुमपुढवीकाइया य बायरपुढवीकाइया य, कष्हलेसभवसिद्धीयसुहमपुढबीकाइया णं भंते! कइविहा पं०१, गोयमा! दुविहा पं० त०- पज्जनगा य अपजत्नगा य, एवं बायरावि, एएणं अभिलावेणं तहेब चउक्कओ भेदो भा०, कण्हलेस्सभवसिद्धीयअपज्जत्तसुहमपुढवीकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ पं०, एवं एएणं अभिलावेणं जहेब ओहिउद्देसए तहेव जाव वेदेति, कइविहा णं भंते! अणंतगेववन्नगा कण्हलेस्सभवसिद्धिया एगिदिया पं०, गोयमा ! पंचविहा अणंतरोक्वन्नगा जाव वणस्सइकाइया, अणंतरोववन्नगकण्हलेस्सभवसिद्धीयपुढवीकाइया णं भंते ! कति हा पं०१. गोयमा! दुविहा पं०२०- सुहुमपुढवीकाइया० एवं दुयओ भेदो, अणंतरोववन्नगकण्टलेस्सभवसिद्धीयमुहमपुटवीकाइयाणं भंते! कड कम्मपगडीओ पं०१, एवं एएणं अभिलावणं जहेब ओहिओ अर्णतरोववन्नउहेसओ तहेव जाब वेदेति. एवं एएणं अभिलावेणं एकारसवि उद्देसगा तहेव भाणियव्या जहा ओहियसए जाव अचरिमोत्ति॥ छटुं एगिदियसयं । जहा कण्हलेस्सभवसिद्धिएहिं सयं भणियं एवं नीललेस्मभवसिदिएहिवि सयं भाणियध्वं । सत्तम एगिदियसयं ॥ एवं काउलेस्सभवसिद्धीएहिवि सयं ॥ अट्टमं एगिदियसयं॥ कइविहा णं भंते ! अभवसिद्धीया एगिदिया पं० १, गोयमा ! पंचविहा अभवसिद्धि० पं० २०- पुढविक्काइया जाव वणस्मइकाइया, एवं जहेव भवसिद्धीयसयं भणियं नवरं नव उद्देसगा चरमअचरमउद्देसगवजा, सेसं तहेव। नवमं एगिदियसयं ॥ एवं कण्हलेम्सअभवसिदीयएगिदियसयंपि। इसमें एगिदियसयं ।। नीललस्सअभवसिद्धीयएगिदिएहिवि सयं ११॥ काउलेस्सअभवसिद्धीयसयं १२। एवं चत्तारिवि अभवसिद्धीयसयाणि णव २ उद्देसगा भवति, एवं एयाणि बारस एगिदियसर 1८५० । इति त्रयस्त्रिंशत्तमं शतकं ॥ ॥ कइविहा णं भंते ! एगिदिया पं०१, गोयमा ! पंचविहा एगिंदिया पं० २०. पुढविकाइया जाब वणस्सइकाइया. एवं एतेणं चेव चउक्कएणं भेदेणं भाणियब्वा जाब वणस्सइकाइया अपजत्तसुहुमपुढवीकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिले परिमंते समोहए ना जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पचच्छिमिले चरिमंते अपजत्तसुहमपुढवीकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कइसमएणं विग्गहेणं उबवज्जेज्जा ?, गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेणं उबवजेजा, से केणडेणं भंते ! एवं बुबइ एगसमइएण वा दुसमइएण वा जाव उववजेज्जा ?, एवं खलु गोयमा ! मए सत्त सेढीओ पं० तं०- उजुयायता सेढी एगयओवंका दुहओवका एगयओखहा दुहओखहा चकवाला अदचकवाला, उज्जुआयताए सेढीए उववजमाणे एगसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेजा एगओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे दुसमइएणं भविग्गहेणं उपवजेज्जा दुहओवंकाए सेबीए उपवजमाणे तिसमइएणं विग्गहेणं उबवजेज्जा, से तेणटेणं गोयमा! जाव उववजेजा, अपज्जत्तसहमपदवीकाइए णं भंते ! इमीसे ग्यणप भाए पुढवीए पुरच्छिमिले चरिमंते समोहए ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढबीए पञ्चच्छिमिड़े चरिमंते पज्जत्तमुहुमपुढवीकाइयत्ताए उववज्जिनए से णं भंते ! कइसमइएणं al विग्गहेणं उववजेजा ?, गोयमा! एगसमइएण वा मेसं तं व जाव से तेणटेणं जाब विगहेणं उववजेजा, एवं अपज्जत्तमुहमपुढवीकाइओ पुरच्छिमिले चरिमंते समोरणावेत्ता पचच्छिमिड़े चरिमंते चादरपुढवीकाइएमु अपजत्तएसु उपवाएयव्यो, ताहे तेसु चेव पजत्तएसु ४, एवं आउक्काइएसु चत्तारि आलायगा सहमेहि अपजत्नएहि, ताहे पजनएहिं बायरेहि ताहे पजत्तपहिं उववाएयचो. एवं चेव सहमतेउकाइएहिवि अपज्जत्तएहिं ताहे पजतेएहिं उबवाएयब्बो, अपजत्तसुहमपुढवीकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिल्ले चरिमंते समोहए ता जे भविए मणुस्सखेत्ते अपजत्तबादरतेउकाइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उबवज्जेजा, सेसं तं चेव, एवं पजनवा३९३ श्रीभगवत्यंगं, सतत मुनि दीपरत्नसागर Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ " यरवेजकाइयत्ताए उचवाएयव्वो, बाउकाइए सुदुमबायरेसु जहा आउकाइएस उबवाइओ तहा उपवाएयब्वो, एवं वणस्सइकाइएसुबि २०, पज्ञत्तसुडुमपुढवीकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए एवं पज्जत्तसुहुमपुढवीकाइओऽवि पुरच्छिमिले चरिमंते समोहणावेत्ता एएणं चैव कमेणं एएस चेव वीससु ठाणेसु उववाएयव्वो जाव चादरवणस्सइकाइएस पजत्तएसुवि ४०, एवं अपजत्तवादरपुढवीकाइओऽवि ६०, एवं पज्जत्तबादरपुढवीकाइओऽवि ८०, एवं आउकाइओऽवि चउसुवि गमएस पुरच्छिमिले चरिमंते समोहए एयाए चेव बत्तव्क्याए एएसु चेव बीसइठाणेसु उववाएयव्बो १६०, सुडुमतेउकाइओऽवि अपजत्तओ पज्जत्तओ य एएम चैव वीसाए ठाणेसु उववाएयव्वो, अपज्जत्तवायर उक्काइए णं भंते! मस्सखेत्ते समोहए ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पञ्चच्छिमिले चरिमंते अपज्जत्तसुडुमपुढवीकाइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते! कइसमइएणं विग्गहेणं उववजेज्जा ?, से तहेव जाव से तेणद्वेणं०, एवं पुढवीकाइएस चउविहेसुवि उबवाएयब्बो, एवं आउकाइएस चउविहेसुवि, तेउकाइएस सुहुमेसु अपजत्तएस पजत्तएस य एवं चेव उववाएयवो, अपजत्तबायर उक्काइए णं भंते! मणुस्सखेत्ते समोहए ता जे भविए मणुस्सखेत्ते अपजत्तवायरतेउकाइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते! कतिसम०१, सेसं तं चैव एवं पज्जत्तवायरतेउकाइयत्ताएऽवि उववाएयव्वो, वाउकाइयत्ताए य वणस्सइकाइयत्ताए य जहा पुढवीकाइएस तहेव चउकएणं भेदेणं उदवाएयब्वो, एवं पज्जत्तवायरवेजकाइओऽवि समयखेत्ते समोहणावेत्ता एएस चैव वीसाए ठाणेसु उववाएयब्वो जहेब अपनत्तओ उववाइओ, एवं सव्वत्थवि वायरलेउकाइया अपजत्तगा य पजत्तगा य समयखेत्ते उबवाएयव्वा समोहणावेयवाचि २४०, वाउकाइया वणस्सइकाइया य जहा पुढवीकाइया तहेव चउक्कएणं भेदेणं उववाएयव्वा जाब पजत्ता ४००, बायरवणस्सइकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिले चरिमंते समोहए त्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पञ्चच्छिमिले चरिमंते पज्जत्तचायरवणस्सइकाइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते! कतिसम० सेसं तहेब जाव से तेणद्वेणं, अपजत्तमुहुमपुढवीकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पञ्चच्छिमिले चरिमंते समोहए त्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिले चरिमंते अपजत्तसुहुमपुढवीकाइयत्ताए उबवजित्तए से णं भंते! कइसमएणं०? सेसं तहेव निरवसेसं, एवं जहेब पुरच्छिमिले चरिमंते सव्यपदेसुचि समोहया पञ्चच्छिमिले चरिमंते समयखेत्ते य उबवाइया जे य समयखेत्ते समोहया पञ्चच्छिमिले चरिमंते समयखेत्ते य उववाइया एवं एएणं चैव कमेणं पञ्चच्छिमिले चरिमंते समयखेत्ते य समोहया पुरच्छिमिले चरिमंते समयखेत्ते य उपचाएयब्वा तेणेव गमएणं, एवं एएणं गमएणं दाहिणिले चरिमंते समोहयाणं उत्तरिले चरिमंते समयखेत्ते य उबवाओ एवं चैव उत्तरिले चरिमंते समयखेत्ते य समोहया दाहिणिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववाएयव्वा तेणेव गमएणं, अपज्जत्तसुडुमपुढवीकाइए णं भंते! सक्करप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिले चरिमंते समोहए ता जे भविए सक्करप्पभाए पुढवीए पञ्चच्छिमिले चरिमंते अपजत्तसुहुमपुढवीकाइयत्ताए उबव एवं जहेव रयणप्पभाए जाव से तेणट्टेणं० एवं एएणं कमेणं जाब पजत्तएस सुहमतेउकाइएस, अपजतमुहुमपुढवीकाइए णं भंते! सकरप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिले चरिमंते समोहए ता जे भविए समयखेत्ते अपजत्तवायरतेडक्वाइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते! कतिसमय ०१ पुच्छा, गोयमा ! दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेण उववज्जिज्जा, से केणद्वेणं ०१, एवं खलु गोयमा ! मए सत्त सेढीओ पं० तं० उज्जुयायता जाव अदचकवाला, एगओवंकाए सेटीए उबवजमाणे दुसमइएणं विग्गहेणं उववजेज्जा दुहओवंकाए सेढीए उववजमाणे तिसमइएणं विग्गहेणं उववजेज्जा से तेणट्टेणं, एवं पजत्तएसुचि वायरलेउकाइएस, सेसं जहा रयणप्पभाए, जेऽवि बायर उकाइया अपजत्तगा य पजत्तगा य समयखेत्ते समोहणित्ता दोबाए पुढबीए पञ्चच्छिमिले चरिमंते पुढवीकाइएस चउव्विहेसु आउकाइएस चउब्विहेसु तेउ.काइएस दुविसु बाउकाइएस चउब्विहेसु वणस्सइकाइएस चउब्विहेसु उबवजंति तेऽवि एवं चैव दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेण उववाएयव्वा, चायरतेडक्काइया अपज्जतगाय पज्जत्तगा य जाहे तेसु चेव उववज्जंति ताहे जहेव रयणप्पभाए तहेव एगसमइयदुसमइयतिसमइयविग्गहा भाणियब्वा सेसं जहेव रयणप्पभाए तहेव निरवसेसं, जहा सक्करप्पभाए वत्तब्वया भणिया एवं जाव आहेसत्तमाएऽवि भाणियव्वा । ८५१। अपजत्तमुहुमपुढवीकाइए णं भंते! अहोलोयखेत्तनालीए बाहिरिले खेत्ते समोहए ता जे भविए उड़दलोयखेत्तनालीए बाहिरिले खेत्ते अपलत्तमुहुमपुढवीकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्ञेज्जा ?, गोयमा ! तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गणं उववज्जेज्जा, से केणट्टेणं भंते! एवं बुवइ तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गणं उववज्जेज्जा ?, गोयमा ! अपजत्तसुहुमपुढवीकाइए णं अहोलोयखेत्तनालीए वाहिरिले खेत्ते समोहुए ता जे भविए उड्ढलोयखेत्तनालीए बाहिरिले खेत्ते अपजत्तसुमपुढवीकाइयत्ताए एगपयरंमि अणुसेढीए उववज्जित्तए से णं तिसमइएणं विग्गहेणं उबवज्जेज्जा, जे भविए विसेडीए उपवजित्तए से णं चउसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा से तेण०, एवं पजत्तसुदुमपुढवीकाइयत्ताएऽवि, एवं जाव पजत्तसुडुमतेउकाइयत्ताए, अपजत्तसुहुमपुढवीकाइए णं भंते! ३९४ श्री भगवत्यं सत-सं मुनि दीपरत्नसागर Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अहेलोग जाव समोहणित्ता जे भविए समयखेत्ते अपज्जत्तवायरते उकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ?, गोयमा! दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गणं उबवज्जेज्जा, से केणट्टेणं० १, एवं खलु गोयमा! मए सत्त सेढीओ पं० तं० उज्जुआयता जाव अदचकवाला, एगओवंकाए सेटीए उववजमाणे दुसमइएणं विग्गणं उववज्जेज्जा दुहओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे तिसमइएणं चिग्गहेणं उववज्जेज्जा से तेणट्टेणं, एवं पज्जत्तएमुवि बायरतेउकाइएस उबवाएयच्चो, बाउकाइयवणस्स इकाइयत्ताए चकरणं भेदेणं जहा आउकाइयत्ताए तहेव उववाएयब्बो २०, एवं जहा अपज्जत्तमुदुमपुढचिकाइयस्स गमओ भणिओ एवं पज्जत्तमुदुमपुढवीकाइयस्सवि भाणियव्त्रो, तहेव बीसाए ठाणेसु उववाएयब्बो ४०, अहोलोयखेत्तनालीए बाहिरिले खेत्ते समोहए त्ता एवं बायरपुढवीकाइयस्सवि अपज्जत्तगस्स पज्जत्तगस्स य भाणियव्वं ८०, एवं आउक्काइस चव्विहस्सवि भाणियव्वं १६०, सुडुमतेडकाइयस्स दुविहस्सवि एवं चैव २००, अपज्जत्तवायरते उकाइए णं भंते! समयखेत्ते समोहए ता जे भविए उढलोगखेत्तनालीए बाहिरि खेत्ते अपज्जत्तमुदुमपुढवीकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा १, गोयमा! दुसमइएण वा तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गण उबवजेज्जा, सेकेणट्टेणं० अट्ठो जहेब रयणप्पभाए तहेव सत्त सेढीओ एवं जाव अपजत्तवायरते उकाइए णं भंते! समयखेत्ते समोहए ता जे भविए उड्ढलोगखेत्तनालीए वाहिरिले खेले पज्जतमुहुमतेडकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! सेसं तं चेव, अपजत्तवायरते उक्काइए णं भंते! समयखेत्ते समोहए ता जे भविए समयखेत्ते अपज्जत्तवायरलेउका इयत्ताए उपवजित्तए से णं भंते! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेजा १, गोयमा! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेणं उपवज्जेज्जा से केणट्टेणं ? अट्टो जहेव रयणप्पभाए तहेव सत्त सेडीओ, एवं पज्जत्तवायरते उकाइयत्ताएऽवि वाउकांइएस य वणस्सइकाइएस य जहा पुढवीकाइएस उववाइओ तहेव चउकएणं भेदेणं उनवाएयव्वो, एवं पज्जत्तवायरतेउकाइओवि एएस चेव ठाणेसु उववाएयब्बो वाउक्काइयवणस्सइकाइयाणं जहेव पुढवीकाइयत्ते उववाओ तहेब भाणियच्चो, अपजत्तमुदुमपुढवीकाइए णं भंते! उड्ढलोगखेत्तनालीए बाहिरिले खेत्ते समोहए ता जे भविए अहेलोगखेत्तनालीए बाहिरिले खेत्ते अपजत्तमुहमपुढवीकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! कइस०१, एवं उड्ढलोगखेत्तनालीए वाहिरि खेत्ते समोहयाणं अहेलोगखेत्तनालीए वाहिरिले खेत्ते उववजन्तयाणं सो चेव गमओ निरवसेसो भाणियब्बो जाव बायरवणस्सइकाइओ पज्जत्तओ बायरवणस्सइकाइएस पत्तासु उववाइओ, अपज्जत्तसुमपुढवीकाइए णं भंते! लोगस्स पुरच्छिमिले चरिमंते समोहए त्ता जे भविए लोगस्स पुरच्छिमि चेव चरिमंते अपज्जत्तमुहुमपुढवीकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जति ?, गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गणं उववज्जति, से केणट्टेणं भंते! एवं वुञ्चइ एगसमइएण वा जाव उपवज्जेज्जा ?, एवं खलु गोयमा मए सत्त सेडीओ पं० तं० उज्जुआयता जाव अदचकवाला, उज्जुआययाए सेडीए उपवज्जमाणे एगसमइएणं विग्गणं उववज्जेज्जा एगओवंकाए सेडीए उबवज्जमाणे दुसमइएणं विग्गहेणं उबव० दुहओ वंकाए सेढीए उववज्जमाणे जे भविए एगपयरंसि अणुसेढी उववज्जित्तए से णं तिसमइएर्ण विग्गणं उववज्जेज्जा जे भविए विसेद्धिं उववज्जित्तए से णं चउसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, से तेणद्वेणं जाव उववज्जेज्जा, एवं अपज्जत्तमुहुमपुढवीकाइओ लोगस्स पुरच्छिमि चरिमंते समोहए त्ता लोगस्स पुरच्छिमिले चेव चरिमंते अपज्जत्तएस पज्जत्तएस य सुहुमपुढवीकाइएस सुहुमआउकाइएस अपज्जत्तएस पज्जत्तएस मुहुमतउक्काइएस अपज्जत्तएस पज्जत्तएस य सुहुमबाउकाइएस अपज्जत्तएमु पज्जत्तएस वायरवाउकाइएस अपज्जत्तएसु पज्जत्तएस सुहुमवणस्सइकाइएस अपज्जत्तएस पजत्तएस य वारससुवि ठाणेसु एएणं चैव कमेणं भाणियच्वो, सुदुमपुढवीकाइओ अपज्जत्तओ एवं चैव निरवसेसो वारसमुवि ठाणेसु उबवायच्वो २४, एवं एएणं गमएणं जाव सुदुमवणस्सइकाइओ पज्जतओ सुमवणस्सइकाइएस पज्जत्तएस चैव भाणियब्बो, अपज्जत्तसुडुमपुढवीकाइए णं भंते! लोगस्स पुरच्छिमि चरिमंते समोहए ता जे भविए लोगस्स दाहिणिडे चरिमंते अपज्जत्तसुडुमपुढवीकाइएस उबवज्जित्तए से णं भंते! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा १, गोयमा ! दुसमइएण वा तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जइ, से केणणं भंते! एवं बुच्चइ०१, एवं खलु गोयमा मए सत्त सेडीओ पं० तं०. उज्जुआयता जाव अचकवाला, एगओवंकाए सेटीए उपजमाणे दुसमइएणं विग्गहेणं उपवज्जइ दुहओबकाए सेटीए उववज्जमाणे जे भविए एगपयरंमि अणुसेढीओ उपवजित्तए से णं तिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा जे भविए पिसेटिं उपवज्जित्तए से णं चउसमइएणं विग्गणं उववज्जेज्जा, से तेणद्वेणं गोयमा०, एवं एएणं गमएणं पुरच्छिमिले चरिमंते समोहए दाहिणि चरिमंते उबवाएयव्वो जाव सुदुमवणस्सइकाइओ पज्जत्तओ मुहमवणस्सइकाइएसु पज्जत्तएस चेव, सब्बेसिं दुसमइओ तिसमइओ चउसमइओ विग्गहो भाणियव्वो, अपज्जत्तमुहमपुढचीकाइए णं भंते! लोगस्स पुरच्छिमिले चरिमंते समोहए ना जे भविए ३९५ श्रीभगवत्यं सतं- ३४ मुनि दीपरत्नसागर Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लोगस्स पञ्चच्छिमिले चरिमंते अपज्जत्तसुमपुढवीकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! कइसमइएणं विग्गणं उववज्जेज्जा १, गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा, से केणद्वेणं०१, एवं जहेव पुरच्छिमिले चरिमंते समोहया पुरच्छिमिले चेव चरिमंते उववाइया तहेव पुरच्छिमिले चरिमंते समोहया पचच्छिमिले चरिमंते उववाएयव्वा सब्वे, अपज्जत्तमुहुमपुढवीकाइए णं भंते! लोगस्स पुरच्छिमिले चरिमंते समोहए त्ता जे भविए लोगस्स उत्तरिले चरिमंते अपज्जत्तसुहुमपुढवीकाइयत्ताए उबव० से णं भंते! एवं जहा पुरच्छिमि चरिमंते समोहओ दाहिणि चरिमंते उववाइओ तहा पुरच्छिमिले० समोहओ उत्तरले चरिमंते उववाण्यच्यो, अपज्जत्तसुहुमपुढवीकाइए णं भंते! लोगस्स दाहिणिले चरिमंते समोहए ता जे भविए लोगस्स दाहिणिले चेव चरिमंते अपज्जन्तमुहुमपुढवीकाइयत्ताए उववजित्तए एवं जहा पुरच्छिमिले समोहओ पुरच्छिमिले वेव उववाइओ तहेव दाहिणिले समोहए दाहिणिल्ले चेव उववाएयब्वो तहेव निरवसेसं जाव सुहुमवणस्सइकाइओ पत्तओ सुदुमवणस्सइकाइएस चे पजतए दाहिणिले चरिमंते उववाइओ एवं दाहिणिडे समोहओ पच्चच्छिमिले चरिमंते उववाएयच्वो नवरं दुसमइयतिसमइयचउसमइयविग्गहो सेसं तहेब, दाहिणिडे समोहओ उत्तरि चरिमंते उबवाएयब्वो जहेव सट्टा तहेव एगसमइयदुसमइयतिसमइयचउसमइयविग्गहो, पुरच्छिमिले जहा पञ्चच्छिमिले तहेव दुसमइयतिसमइयचउसमय०, पञ्चच्छि - मिले य चरिमंते समोहयाणं पञ्चच्छिमिले चेव उववजमाणाणं जहा सट्टाणे, उत्तरिल्ले उववज्जमाणाणं एगसमइओ विग्गहो नत्थि, सेसं तहेव, पुरच्छिमिल्ले जहा सट्टाणे, दाहिणिल्ले एगसमइओ विग्गहो नत्थि, सेसं तं चैव, उत्तरिल्ले समोहयाणं उत्तरिडे चेव उववजमाणाणं जहेब सट्टाणे, उत्तरिल्ले समोहयाणं पुरच्छिमिल्ले उववज्जमाणाणं एवं चैव, नवरं एगसमइओ विग्गहो नत्थि, उत्तरिल्ले समोहयाणं दाहिणिल्ले उववज्जमाणाणं जहा सट्टाणे, उत्तरिल्ले समोहयाणं पञ्चच्छिमिल्ले उबवजमाणाणं एगसमइओ विग्गहो नत्थि, सेसं तहेव जाब सुहुमवणस्सइकाइओ पज्जत्तओ सुहुमत्रणस्सइकाइएस पजत्तरसु चेव, कहिन्नं भंते! वायरपुढवीकाइयाणं पज्जत्तगाणं ठाणा पं० १, गोयमा ! सट्टाणेणं अट्टस पुढवीसु 'जहा ठाणपदे जाव सुहुमवणस्सइकाइया जे य पज्जत्तगा जे य अपज्जत्तगा ते एगविहा अविसेसमणाणत्ता सब्बलोगपरियावन्ना पं० समणाउसो !। अपनत्तसुहुमपुढवीकाइयाणं भंते! कति कम्मप्पगडीओ पं०१, गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ पं० तं० नाणावरणिज्जं जाब अंतराइयं, एवं चउक्कएण भेदेणं ज॒हेव एगिंदियसएस जाव बायरवणस्सइकाइयाणं पजत्तगाणं, अपज्जत्तसुहुमपुढवीकाइया णं भंते! कति कम्मप्पगडीओ बंधंति ?, गोयमा ! सत्तविहबंधगावि अट्ठविहबंधगावि जहा एगिंदियसएसु जाव पज्जत्ता वायरवणस्सइकाइया। अपजत्तसुहुमढवीकाइया णं भंते! कति कम्मप्पगडीओ वेदेति १, गोयमा! चोदस कम्मप्पगडीओ वेदेति तं० नाणावरणिजं जहा एगिंदियसएस जाब पुरिसवेदवज्झं एवं जाव बादरवणस्सइकाइयाणं पज्जत्तगाणं, एगिंदिया णं भंते! कओ उववजंति किं नेरइएहिंतो उवयजंति० ? जहा वर्कतीए पुढविकाइयाणं उवत्राओ, एगिंदियाणं भंते! कइ समुग्धाया पं० १. गोयमा ! चत्तारि समुग्धाया पं० तं वेदणासमुग्धाए जाव वेउब्वियसमुग्धाए, एगिंदिया णं भंते! किं तुल्लट्टितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति तु द्वितीया बेमायविसेसाहियं कम्मं पति बेमायद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति बेमायद्वितीया बेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति ?, गोयमा! अत्थेगतिया तुल्लद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति अत्येतिया तुल्लद्वितीया बेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति अत्येगइया बेमायद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति अत्थेगइया बेमायद्वितीया बेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति से केणटुणं भंत एवं बुच्चइ अत्येगइया तुल्लद्वितीया जाव वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति ?, गोयमा ! एगिंदिया चउब्विहा पं० तं० अत्थेगइया समाज्या समोववन्नगा अत्येगइया समाउया विसमोववन्नगा अत्थेगइया विसमाउया समोववन्नगा अत्येगइया विसमाउया विसमोववन्नगा, तत्थ णं जे ते समाउया समोववन्नगा ते णं तुल्लद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकति तत्थ णं जे ते समाउया विसमोवबन्नगा ते णं तुल्लद्वितीया बेमायविसेसाहियं कम्मं पकरैति तत्थ णं जे ते विसमाउया समोववन्नगा ते णं वेमायद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकति तत्थ णं जे ते विसमाउया विसमोववन्नगा ते णं बेमायद्विइया बेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति से तेणद्वेणं गोयमा ! जाव बेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति । सेवं भंते २ जाव विहरति । ८५२ ॥ श० ३४ उ० १ ॥ कइविहा णं भंते! अणंतरोववन्नगा एगिंदिया पं० १, गोयमा ! पंचविहा पं० तं० पुढवीकाइया दुयाभेदो जहा एगिंदियसएस जाव पायरवणस्मइकाइया य. कहिनं भंते! अणंतरोववन्नगाणं वायरपुढवीकाइयाणं ठाणा पं० १, गोयमा! सट्टाणेणं अट्टसु पुढयीसु तं० रयणप्पभाए जहा ठाणपदे जाव दीवेसु समुद्देस्य एत्थ णं अनंतवनगाणं बायरपुढवीकाइयाणं ठाणा पं०, उवचाएणं सव्वलोए समुग्धाएणं सव्वलोए सट्टाणेणं लोगस्स असंखेज्जइभागे, अणंतरोववन्नगसुहुमढवीकाइया एगविद्या अविसेममणात्ता सव्वलो परियावना पं० समणाउसो !, एवं एएणं कमेणं सव्वे एगिंदिया भाणियव्वा, सट्टाणादं सव्वेसिं जहा ठाणपदे तेसिं पज्जत्तगाणं चायराणं उबवायममुग्धायसद्वाणाणि जहा तेसिं चेव अपज्जत्तगाणं, वायराणं सुहुमाणं सव्वेसिं जहा पुढवीकाइयाणं भणिया तहेब भाणियव्वा जाव वणस्सइकाइयत्ति, अनंतशेववन्नगसुमढवीकाइयाणं भंते! (९९) ३९६ श्रीभगवत्यं सत मुनि दीपरत्नसागर Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कइ कम्मप्पगडीओ पं०१, गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ पं०, एवं जहा एगिंदियसएसु अणंतरोववन्नगउद्देसए तहेब पन्नत्ताओ तहेव बंधंति तहेब वेदेति जाव अनंतरोववन्नगा वायर वणस्सइकाइया, अणंतरोववनगएगिंदिया णं भंते! कओ उववज्जति० ? जहेब ओहिओ उद्देसओ भाणओ तहेव, अणंतरोववन्नगएगिंदियाणं भंते! कति समुग्धाया पं० १. गोयमा ! दोन समुग्धाया पं० [सं० वेदणासमुग्पाए य कसायसमुग्धाए य, अनंतशेववन्नगए गिंदिया णं भंते! किं तुतीया तुडविसेसाहियं कम्मं पकरेंति ०१ पुच्छा तहेब, गोयमा ! अस्थेगइया तुल्लद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति अत्येगइया तुल्लद्वितीया वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति, से केणट्टेणं जाव वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति ?, गोयमा ! अनंतशेववन्नगा एगिंदिया दुबिहा पं० तं० अत्येगइया समाउया समोववन्नगा अत्येगइया समाउया विसमोववन्नगा, तत्थ णं जे ते समाउया समोवबन्नेगा ते णं तुल्लद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति तत्थ णं जे ते समाउया विसमोववन्नगा ते णं तुल्लद्वितीया बेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति, से तेणद्वेणं जाव वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति । सेवं भंते!२त्ति । ८५३ ॥ श० ३४ उ० २ ॥ कइविहा णं भंते! परंपरोववन्नगा एगिंदिया पं० १, गोयमा ! पंचविहा परंपरोववन्नगा एगिंदिया पं० तं० पुढविकाइया० भेदो चउकओ जाव वणस्सइकाइयत्ति, परंपरोववन्नगअपज्जत्तसुडुमपुढवीकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिल्ले चरिमंते समोहए त्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जाव पञ्चच्छिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसुहुमपुढवीकाइयत्ताए उवव एवं एएणं अभिलावेणं जहेव पढमो उद्देसओ जाव लोगचरिमंतोत्ति, कहिनं भंते! परंपरोववन्नगवायरपुढवीकाइयाणं ठाणा पं० १. गोयमा सहाणेणं अट्ठसु पुढवीसु एवं एएणं अभिलावेणं जहा पढमे उद्देसए जाव तुल्लद्वितीयत्ति सेवं भंते! २त्ति । श०३४ उ०३। एवं सेसावि अट्ठ उद्देसगा जाव अचरमोत्ति, नवरं अनंतरा अणंतरसरिसा परंपरा परंपरसरिसा चरमा य अचरमा य एवं चैव एते एकारस उद्देसगा । ८५४। पढमं एगिंदियसेढीसयं ॥ श० ३४ उ० ४ ११ ॥ कइविहाणं भंते! कण्हलेस्सा एगिंदिया पं० १, गोयमा पंचविहा कण्हलेस्सा एगिंदिया पं० भेदो चउक्कओ जहा कव्हलेस्सएगिंदियसए जाब वणस्सइकाइयत्ति, कण्हलेस्सअपज्जत्तसुहुमपुढवीकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिल्ले एवं एएणं अभिलावेणं जहेब ओहिउद्देसओ जाय लोगचरिमंतेत्ति सव्वत्थ कण्हलेस्सेसु चेव उववाएयब्बो, कहिनं भंते! कण्हलेस्सअपज्जत्तवायरपुढवीकाइयाणं ठाणा पं० १. एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहिउद्देसओ जाव तुल्लडिइयत्ति । सेवं भंते! रत्ति । एवं एएणं अभिलावेणं जहेब पढमं सेढिसयं तहेव एक्कारस उद्देसगा भाणियव्वा । उ०११ वितियं एगिंदियसेढिसयं ॥ एवं नीललेस्सेहिवि तइयं सयं ॥ काउलेस्सेहिवि सयं एवं चैव चउत्थं सयं ॥ भवसिद्धियणहेवि सयं पंचमं ॥ कड़विहा णं भंते! अणंतरोववन्नकण्डलेस्सभवसिद्धिया एगिंदिया पं० १. जहेव अणंतरोववनउद्देसओ ओहिओ तहेव, कइविहा णं भंते! परंपरोववन्नगा कण्हलेस्सभवसिद्धिया एगि दिया पं०१, गोयमा ! पंचविहा परंपरोववन्नगकण्डलेस्सभवसिद्धियएगिंदिया पं०, ओहिओ भेदो चउकओ जाव वणस्सइकाइयत्ति, परंपरोववन्नकण्डलेस्सभवसिद्धियअपजत्तसुहुमपुढवीकाइए णं भंते! इमींसे रयणप्पभाए पुढवीए०१ एवं एएणं अभिलावेणं जहेब ओहिओ उद्देसओ जाव लोयचरमंतेत्ति, सव्वत्थ कण्हलेस्सेसु भवसिदिए उपवाएयब्यो, कहिनं भंते! परंपरोववञ्चकण्हलेस्सभवसिद्धियपजत्तवायरपुढवीकाइयाणं ठाणा पं० १, एवं एएणं अभिलावेणं जहेब ओहिओ उद्देसओ जाव तुइइयत्ति, एवं एएणं अभिलावेणं कण्हलेस्सभवसिद्धियएगिदिएडिबि तहेव एकारसउद्देसगसंजुत्तं सतं ॥ छहं सतं ॥ नीललेस्सभवसिद्धियएगिदिएस सयं सत्तमं । एवं काउलेस्सभवसिद्धियएगिंदियेहिवि सयं ॥ अट्टमं सयं ॥ जहा भवसिद्धिएहिं चत्तारि सयाणि एवं अभवसिद्धिएहिवि चत्तारि सयाणि भाणियच्वाणि, नवरं चरमअचरमवज्जा नव उद्देसगा भाणियव्वा, सेसं तं चैव । उ०९.९-१२ सयाणि । एवं एयाई वा रस एगिंदियसेढीसयाई। सेवं भंते! २त्ति जाव विहरइ । ८५५| एगिंदियसेढिसयं ॥३४॥ फफ कइ णं भंते! महाजुम्मा पं० १. गोयमा ! सोलस महाजुम्मा पं० नं०कडजुम्मकडजुम्मे कडजुम्मतेओगे कडजुम्मदावरजुम्मे कडजुम्मकलियोगे तेओगकडजुम्मे तेओगतेओगे तेओगदावरजुम्मे तेओगकलिओए दावरजुम्मकडजुम्मे दावरजुम्मतेओए दावरजुम्मदावरजुम्मे दावरजुम्मकलियोगे कलिओगकडजुम्मे कलियोगतेओंगे कलियोगदावरजुम्मे कलियोगकलिओगे, से केणद्वेणं भंते! एवं वृच्चइ सोलस महाजुम्मा पं००- कडजुम्मकडजुम्मे जाब कलियोगकलियोगे ?, गोयमा! जे णं रासी चउकएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपजवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेऽवि कडजुम्मा सेत्तं कडजुम्मकडजुम्मे, जे णं रासी चउकएणं अवहारेणं अबहीरमाणे तिपज्जवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा सेत्तं कडजुम्मतेयोए, जेणं रासी चउकएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा सेत्तं कडजुम्मदावरजुम्मे, जे णं रासी चउकएणं अवहारेण अवहीरमाणे एगपज्जबसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा सेत्तं कडजुम्मकलियोगे, जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेयोगा सेत्तं तेओगकडजुम्मे, जेणं रासी चउकएणं अवहा३९७ श्री भगवत्यं सत- ३५ मुनि दीपरत्नसागर Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रेण अवहीरमाणे तिपज्जबसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेओगा सेत्तं तेओगतेओगे, जेणं रासी चउकएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दोपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अबहारसमया तेयोया सेत्तं तेओयदावरजुम्मे, जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जबसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेओया सेत्तं तेयोयकलियोगे, जे गंगसी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा सेत्तं दावरजुम्मकडजुम्मे, जेणं रासी चउकरणं अवहारेणं अवहीरमाणे निपजवमिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा सेत्तं दावरजुम्मतेयोए, जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जबसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा सेत्तं दावरजुम्मदावरजुम्मे, जेणं रासी चउकएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा सेत्तं दावरजुम्मकलियोए, जेणं गमी चउकएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलियोगा सेत्तं कलिओगकडजुम्मे, जेणं रासी चउकएणं अवहारणं अबहीरमाणे निपज्जयमिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलियोगा सेत्तं कलियोगतेयोए, जे णं रासी चउकएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जबसिए जेणं तस्स रामिस्स अवहारसमया कलियोगा मेतं कलियोगदावरजुम्मे, जेणं रासी चउकएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपजबसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलियोगा सेत्तं कलियोगकलिओगे, से तेणद्वेणं जाय कलिओगकलिओगे । ८५६ । कडजुम्मकडजुम्मएगिंदिया णं भंते! कओ उववज्जति किं नेरइए जहा उप्पलुद्देसए तहा उबवाओ, ते णं भंते! जीवा एगसमएणं केवइया उववजंति ? गोयमा ! सोलस वा संखेजा वा असंखेज्जा वा अनंता वा उववज्जंति, ते णं भंते! जीवा समए समए पुच्छा, गोयमा! ते णं अणंता समए २ अवहीरमाणा २ अनंताहिं उस्सप्पिणी ओमप्पिणीहिं अवहरति-णो चेवणं अवहरिया सिया, उच्चत्तं जहा उप्पलुद्देसए, ते णं भंते! जीवा नाणावरणिज्जस्स कम्मस्स किं बंधगा० १, गोयमा ! बंधगा नो अबंधगा. एवं सव्वेमिं आउयवज्जाणं, आउयस्स बंधगा वा अबंधगा वा, ते णं भंते! जीवा नाणावरणिज्जस्स० पुच्छा, गोयमा! वेदगा नो अवेदगा, एवं सव्वेसिं, ते णं भंते! जीवा किं सातावेदगा असातावेदगा ?, गोयमा ! सातावेदगा वा असातावेदगा वा, एवं उप्पलुद्देसगपरिवाडी, सव्वेसिं कम्माणं उदई नो अणुदई, छण्डं कम्माणं उदीरगा नो अणुदीरगा, वेदणिज्जाउयाणं उदीरगा वा अणुदीरगा वा, ते णं भंते! जीवा किं कण्ह० पुच्छा, गोयमा! कण्हलेस्सा वा नील० काउ० तेउलेस्सा वा नो सम्मदिट्टी नो सम्मामिच्छादिट्टी मिच्छादिडी, नो नाणी अन्नाणी नियम दुअन्नाणी तं० मइअन्नाणी य सुयअन्नाणी य, नो मणजोगी नो वइजोगी काययोगी सागारोवउत्ता वा अणागारोवउत्ता वा, तेसिं णं भंते! जीवाणं सरीरा कतिवन्ना ०? जहा उप्पलहेसए सव्वत्थ पृच्छा, गोयमा ! जहा उप्पलुद्देसए ऊसासगा वा नीसासगा वा नो उस्सासनीसासगा वा आहारगा वा अणाहारगा वा नो विरया अविरया नो विरयाविरया सकिरिया नो अकि रियासत्तविहबंधगा वा अडविहबंधगा वा आहारसज्ञोवउत्ता वा जाव परिग्गहसन्नोवउत्ता वा कोहकसाई वा माणकसाई जाव लोभकसाई वा, नो इस्थिवेदगा नो पुरिसवेदगा नपुंसमवेदगा इस्थिवेयबंधगा वा पुरिसवेदबंधगा वा नपुंसगवेदबंधगा वा नो सन्नी असन्नी सइंदिया नो अणिदिया, ते णं भंते! कडजुम्मकडजुम्मएगिंदिया कालओ केवचिरं होइ ?. गोयमा ! जहन्नेणं एकं समयं उक्कोसेणं अणंतं कालं अणता उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ वणस्सइकाइयकालो, संवेहो न भन्नइ, आहारो जहा उप्पलुदेसए नवरं निच्वाघाएणं छदिसिं वाघायं पहुन्च सिय तिदिसिं सिय चउदिसिं सिय पंचदिसिं सेसं तहेब, ठिती जहन्नेणं अंतो० उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साइं समुग्धाया आदिला चत्तारि मारणंनियमम॒ग्घातेणं समोहयावि मरति असमोहयावि मरंति, उच्चट्टणा जहा उप्पलुद्देसए, अह भंते! सव्वपाणा जाव सव्वसत्ता कडजुम्म २एगिंदियत्ताए उववन्नपुव्वा, हंता गोयमा असई अदुवा अनंतखुत्तो, कडजुम्मतेओयएगिंदिया णं भंते! कओ उववज्र्ज्जति १, उववाओ तहेव, ते णं भंते! जीवा एगसमए पुच्छा, गोयमा! एकूणवीसा वा संखेजा वा असंखेजा या अणता वा उवबजंति, सेसं जहा कडजुम्मकडजुम्माणं जाव अनंतखुत्तो, कडजुम्मदावरजुम्मएगिंदिया णं भंते! कओहिंतो उववजंति ?, उववाओ तहेब, ते णं भंते! जीवा एगसमएणं पुच्छा, गोयमा अडारस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अनंता वा उवव० सेसं तहेव जाव अनंतखुत्तो, कडजुम्मकलियोगएगिंदिया णं भंते! कओ उवब? उबवाओ तहेव परिमाणं मत्तरम वा संखेजा वा असंखेजा वा अनंता वा सेसं तहेब जाव अनंतखुत्तो, तेयोगकडजुम्मएगिंदिया णं भंते! कओ उक्व० १. उबवाओ तहेव परिमाणं बारस या संखेजा वा असंखेजा वा अणता वा उववः सेसं तहेव जाव अनंतखुत्तो, तेयोयतेयोयएगिंदिया णं भंते! कओ उबव ०१, उनवाओ तहेब परिमाणं पन्नरस वा संखेज्जा वा असंखेजा वा अणता वा से नहेब जाव अतखुत्तो, एवं एएस सोलससु महाजुम्मेसु एको गमओ नवरं परिमाणे नाणतं तेयोयदावरजुम्मेसु परिमाणं चोदस वा संखेजा वा असंखेजा वा अणता वा उबवजति तेयोगकलियोगे तेरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उपय० दावरजुम्मकडजुम्मेसु अट्ट वा संखेजा या असंखेज्जा वा अनंता वा उववज्जंति दावरजुम्मतेयोगेस एकाग्स वा संख३९८ श्रीभगवत्यं सत श मुनि दीपरत्नसागर 5 Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जावा असंखेजा वा अणंता वा उववर्जति दावरजुम्मदावरजुम्मेसु दस वा संखेजा बा असंखेजा वा अणंता वा दावरजुम्मकलियोगेसु नव वा संखेज्जा वा असंखेजा वा अनंता वा उवव० कलियोगकडजुम्मे चत्तारि वा संखेजा वा असंखेजा वा अर्णता वा उवव० कलियोगतेयोगेसु सत्त वा संखेजा वा असंखेजा वा अणंता वा उवव० कलियोगदावरजुम्मेसु छ वा संखेज्जा वा असंखेजा वा अणंता वा उवव०, कलियोगकलियोगएगिदिया णं भंते ! कओ उवब०?, उववाओ तहेव परिमाणं पंच वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा उववजति सेसं तहेव खत्तो । सेवं भंते ! सेवं भंतेत्तिा ८५७॥श०३५उ०१॥ पढमसमयकडजम्मरणगिदियार्ण भंते! कओ उववजति?, गोयमा! तहेब, एवं जहेब पढमो उहेसओ तहेव सच्च. नवरं इमाणि य दस नाणत्ताणि ओगाहणा जहन्नेणं अंगलस्स असंखेजाभार्ग उक्कोसेणवि अंगलस्स असंखेज्जा आउयकम्मस्स नो बंधगा अबंधगा आउयस्स नो उदीरगा अणदी. रगा नो उस्सासगा नो निस्सासगा नोउस्सासनिस्सासगा सत्तविहबंधगा नो अट्ठविहबंधगा, ते णं भंते! पढमसमयकडजुम्मरएगिदियत्ति कालओ केवचिर होइ?, गोयमा! एकं समय, एवं ठितीएऽवि, समुग्घाया आदिल्छा दोन्नि समोहया न पुच्छिज्जति उव्वट्टणा न पुच्छिज्जइ, सेसं तहेव निरक्सेसं, सोलससुवि गमएसु जाव अणतखुत्तो। सेवं भंते!२त्ति 1८५८॥२॥ अपढमसमयकडजुम्मरएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति?, एसो जहा पढमुद्देसो सोलससुवि जुम्मेसु तहेव नेयम्वो जाच कलियोगकलियोगत्ताए जाव अणंतखुत्तो। सेवं भंते!२त्ति।३॥ चरमसमयकडजुम्मरएगिदिया णं भंते ! कओहिंतो उववजंति०', जहेव पढमसमयउद्देसओ नवरं देवा न उववजति तेउलेस्सा न पुच्छिज्जति, सेसं तहेव। सेवं मंते! सेवं भंतेत्तिा४॥अचरमसमयकडजुम्मरएगिदिया णं भंते ! कओ उववजंति?, जहा अपढमसमयउहेसो तहेव निरवसेसो भाणियब्बो। सेवं भंते २त्ति।५॥ पढमसमयकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते! कओहिंतो उबवजंति०१, जहा पढमसमयउद्देसओ तहेव निरवसेसं । सेवं भंते!२त्ति जाव विहरइ । ६॥ पढमअपढमसमयकडजुम्मरएगिदिया णं भंते! कओ उववजंति०?, जहा पढमसमयउद्देसो तहेव भाणियव्यो। सेवं भंते!२त्ति । । पढमचरमसमयकडजुम्मरएगिदिया णं भंते! कओ उववजंति?,जहा चरमुद्देसओ तहेव निरवसेसं। सेवं भंते रत्ति।८॥ पढमअचरमसमयकडजुम्मरएगिदिया णं भंते! कओ उवव०१, जहा वीओ उद्देसओ तहेव निरवसेसं। सेवं भंते!२त्ति जाव विहरइ ।९॥ चरमरसमयकडजम्म२एगिदिया णं भंते! को उवव०?, जहा चउत्थो उद्देसओ तहेव। सेवं मंते!२ति ।१०॥ चरमअचरमसमयकडजुम्मरएगिदिया णं भंते ! कओ उवव०? जहा पढमसमयउद्देसओ तहेव निरवसेस। सेवं भंते!२ जाब विहरति ।११॥ एवं एए एकारस उद्देसगा, पढमो ततिओ पंचमओ य सरिसगमा सेसा अट्ट सरिसगमगा, नवरं चउत्थे छठे अट्ठमे दसमे य देवा न उववज्जति तेउलेस्सा नस्थि । ८५९। पढम एगिदियमहाजुम्मसयं ॥१॥ कण्हलेस्सकडजुम्मरएगिदिया णं मंते! कओ उववजति?, गोयमा ! उववाओ तहेव एवं जहा ओहिउहेसए, नवरं इमं नाणतं ते णं भंते ! जीवा कण्हलेस्सा, हंता कण्हलेस्सा, ते णं भंते! कण्हलेस्सकडजुम्मरएगिदियत्ति कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा! जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं अंतोमहत्तं, एवं ठितीएऽवि, सेसं तहेव जाव अर्णतखुत्तो, एवं सोलसवि जुम्मा माणियव्वा । सेवं भंते २त्ति ।१॥ पढमसमयकण्हलेस्सकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उवव०१, जहा पढमुद्देसओ नवरं ते णं भंते ! जीवा कण्हलेस्सा ?, हंता कण्हलेस्सा, सेसं तं चेव। सेवं भंते!२त्ति ।२॥ एवं जहा ओहियसए एकारस उद्देसगा भणिया तहा कण्हलेस्ससएऽवि एकारस उसगा भाणियब्वा. पढमो तइओ पंचमो य सरिसगमा सेसा अट्ठवि सरिसगमा नवरं चउत्थछट्ठहमदसमेसु उपवाओ नत्थि देवस्स। सेवं भतात्ति ॥३. हाजुम्मसयं ॥ एवं नीललेस्सेहिवि सयं कण्हलेस्ससयसरिसं एकारस उहेसगा तहेव। सेवं भंते २त्ति। ततियं एगिदियमहाजुम्मसयं॥ एवं काउलेस्सेहिवि सयं कण्हलेस्ससयसरिसं। सेवं भंते रत्ति। चउत्थं एगिदियमहाजुम्मसयं ॥ भवसिद्धियकडजुम्मरएगिदिया णं भंते ! कओ उवव०?, जहा ओहियसयं तहेब नवरं एक्कारससुवि उद्देसएसु, अह भंते! सबपाणा जाव सव्वसत्ता भवसिद्धियकडजम्मरएगिदियत्ताए उववन्नपुवा ?, गोयमा! णो इणढे समहे. सेसं तहेव। सेवं भंते २त्ति । पंचमं एगिदियमहाजम्मसयं ॥ कण्हलेसभवसिद्धियकड. जुम्मरएगिदिया ण भंते! कओहितो उपव०१, एवं कण्हलेस्सभवसिद्धियएगिदिएहिबि सय बितियसयकण्हेलस्ससरिसं भाणियव्यं । सेवं भंते २ति । छदं एगिदियमहाजम्मसयं ॥ एवं नीललेस्सभवसिद्धियएगिदिएहिवि सयं। सेवं भंते! सेवं भंतेत्ति । सत्तमं एगिदियमहाजुम्मसयं ॥ एवं काउलेस्सभवसिद्धियएगिदिएहिवि तहेब एक्कारसउद्देसगसंजुत्तं सयं, एवं एयाणि चत्तारि भवसिद्धियाणि सयाणि, चाउसुवि सएसु सव्वपाणा जाव उववन्नपुव्वा ?, नो इणढे समझे। सेवं भंते।२त्ति। अट्ठमं एगिंदियमहाजुम्मसयं। जहा भवसिद्धिएहिं चत्तारि सयाई भणियाई एवं अभवसिद्धिएहिवि चत्तारि सयाणि लेस्सासंजुत्ताणि भाणियव्याणि, सव्वे पाणा तहेव, नो इणढे समढे।९-१२। एवं एयाई वारस एगिदियमहाजम्मसयाई | भवति । सेवं भंते रत्ति।८६०॥ इति पञ्चत्रिंशत्तम शतकं ज कडजुम्मरदिया णं भंते! कओ उववजति ?, उववाओ जहा वकंतीए, परिमाणं सोलस वा संखेज्जा वा ३९९ श्रीभगवत्यंग, सत ३० मुनि दीपरनसागर SARAMATIPANIOSONIPASSNEHIOPIARPAMARPRABPORROPOSKRICHISPIRMISPEEMBIN02878MBPMDARSHIRAISE Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ असंखेजा वा उवय०, अवहारो जहा उप्पलुद्देसए, ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं चारस जोयणाई, एवं जहा एगिदियमहाजुम्माणं पढमुद्देसए तहेव नवरं तिन्नि लेस्साओ देवा न उवव० सम्मदिट्ठी वा मिच्छादिट्ठी वा नो सम्मामिच्छादिट्ठी नाणी वा अन्नाणी वा नो मणजोगी वययोगी वा कायजोगी वा, तेणं भंते ! कहजुम्मरदिया कालओ केव०?, गोयमा ! जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं संखेज कालं ठिती जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं चारस-संबच्छराई आहारो नियम छदिमि तिन्नि ममुग्धाया सेमं तहेव जाब अणंतसुत्तो. एवं सोलसमुवि जुम्मेसु । सेवं भंतेत्ति। दियमहाजुम्मसए पढमो उद्देसओ।श०३६ उ०१॥ पढमसमयकडजुम्मरदिया णं भंते ! कओ उवच ?,एवं जहा एगिइयमहाजुम्माणं पढमसमयउद्देसए दस नाणत्ताई ताई चेव दस इहवि, एकारसम इमं नाणत्तं-नो मणजोगी नो वइजोगी कायजोगी सेसं जहा एगिदियाणं व पढमहेसए। सेव भंतेत्ति। एवं एएऽपि जहा एगिदियमहाजुम्मेसु एक्कारस उद्देसगा तहेच भाणियच्चा नवरं चउत्थछट्टमसमेसु सम्मत्तनाणाणि न भवंति जहेब एगि य एकगमा सेसा अट्टएकगमा। पढम इंदियमहाजुम्मसयं । १॥ कष्हलेस्सकडम्मरबेइंदिया णं भंते ! कओ उववजति ?. एवं चेव, कण्हलेस्सेमुवि एकारसउद्देसगसंजुनं सयं, नवरं लेस्सा संचिट्ठणा ठिती जहा एगिदियकहलेस्साणं चितियं दियसयं ।२। एवं नीललेस्सेहिवि सयं ।३। एवं काउलेस्सेहिवि। ४ । भवसिद्धियकडम्मरपेइंदिया णं भने एवं भव. मिद्धियसयाणि चत्तारि तेणेष पुष्वगमएणं नेयवाणि नवरं सब्वे पाणा० णो तिणढे समझे, सेसं तहेव ओहियसयाणि चत्तारि। सेवं भंते २त्ति।५.८॥ जहा भवसिद्धियसयाणि चत्तारि एवं अभवसिद्धियसयाणि चत्तारि भाणियब्वाणि नवरं सम्मत्तनाणाणि नत्थि, सेसं तं चेच, एवं एयाणि चारस चेइंदियमहाजुम्मसयाणि भवंति। सेवं भंते २त्ति।८६१दियमहाजुम्मसया १२शपत्रिंशत्तमं शतकं॥ ॥ कडजुम्मरतेंदिया णं भंते ! कओ उववजंति ?,एवं तेइंदिएमुविचारस सया कायव्वा घेईदियसयसरिसा नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उकोसेणं तिनि गाउयाई ठिती जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं एकूणवन्नं राइंदियाइं सेसं तहेव । सेवं भंते।२त्ति ।८६२। तेंदियमहाजुम्मसया १-१२॥ इति सप्त. त्रिंशत्तमं शतक ज म चउरिदिएहिचि एवं चेव वारस सया कायब्वा नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाई ठिती जहन्नेणं एक समयं उकोसेणं छम्मामा सेसं जहा पेंदियाणं । सेवं भंते २त्ति । ८६३ ॥ चउरिदियमहाजुम्मसया १२॥ इति अष्टत्रिंशत्तमं शतकं॥卐 ॥ कडजुम्म२असन्निपंचिदिया णं भंते ! कओ उपर जहा पेन्दियाणं तहेच असन्निसुविचारस सया कायब्वा नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं जोयणसहस्सं संचिट्ठणा जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं पुषकोडीपनं ठिती जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं पुवकोडी सेसं जहादियाणं । सेवं भंते २त्ति । ८६४॥ असन्नीपंचिदियमहाजुम्मसया १२॥ इति एकोनचत्वारिंशत्तमं शतकं ॥ ॥ कडजुम्मरसन्निपंचिंदिया णं भंते! कओ उववजनि?, उववाओ चउमुवि गईसु, संखेजवासाउयअसंखेजवासाउयपजत्तअपजत्तएम य न कओ. ऽपि पडिसेहो जाय अणुत्तरविमाणत्ति, परिमाणं अवहारो ओगाहणा य जहा असन्निपंचिंदियाणं वेयणिजवजाणं सत्तण्डं पगडीणं बंधगा वा अबंधगा वा वेयणिजस्स पंधगा नो । अबंधगा मोहणिजस्स वेदगा पा अवेदगा वा सेसाणं सत्तण्हवि वेदगा नो अबेयगा सायावेयगा वा असायावेयगा वा मोहणिजस्स उदई वा अणुदई वा सेसाणं सत्तण्हषि उदयी नो अणुदई नामस्स गोयस्स य उदीरगा नो अणुदीरगा सेसाणं छण्हवि उदीरगा वा अणुदीरगा वा कण्हलेस्से वा जाव सुक्कलेस्से वा सम्मदिट्ठी वा मिच्छादिट्ठी या सम्मामिच्छादिट्ठी वा गणी वा मणजोगी बइजोगी कायजागी उपआगो बन्नमादी उस्सासगा वा नीसासगा वा आहारगा य जहा एमिंदियाणं विरया य अविरया य विरयाविरया यसकिरिया नो अकिग्यिा , नेणं भंते ! जीचा किं सत्तविहधगा वा अट्टविहबंधगा वा छविहबंधगा वा एगविहबंधगा वा?, गोयमा! सत्तविहबंधगा वा जाव एगविहगंधगा वा, ते णं भंते ! जीवा कि आहारसन्नोवउत्ता जाप परिग्गहसन्नोवउत्ता वा नोसन्नोवउत्ता वा?, गोयमा! आहारसन्नोवउत्ता जाव नोसन्नोवउत्ता वा सव्वत्थ पुच्छा भाणियच्या, कोहकसाई वा जाव लोभ| कसाई वा अकसाई पा इत्थीवेदगा पा पुरिसवेदगा वा नपुंसगवेदगा वा अवेदगा वा इत्थिवेदबंधगा वा पुरिसवेदवंधगा वा नपुंसगवेदबंधगा वा अबंधगा वा सन्नी नो असन्नी सइंदिया नो अणिदिया संचिट्ठणा जहन्नेणं एक समयं उकोसेणं सागरोवमसयपुहुत्तं सातिरेगं आहारो तहेब जाव नियमं छदिसिं ठिती जहन्नेणं एक समयं उकोसेणं तेत्तीस सागरोषमाइं छ समग्घाया आदिङगा मारणंनियसमुग्धाएणं समोहयावि मरति असमोहयावि मरंति उब्वट्टणा जहेब उववाओ न कत्थइ पडिसेहो जाव अणुत्तरविमाणत्ति, अह भंते ! सव्वपाणा जाव अणंतसुत्तो, एवं सोलससुवि जुम्मेसु भाणियव्यं जाच अणंतसुत्तो नवरं परिमाणे जहा चेइंदियाणं सेसं तहेव । सेवं भंते २त्ति ।११ पढमसमयकडजुम्मरसन्निपंचिंदिया णं भंते! कओ उपवजनि?. उववाओ परिमाण अपहारो जहा एएसि चेव पढमोदेसए ओगाहणा बंधो वेदो वेदणा उदयी उदीरगा य जहा बेन्दियाणं पढमसमयाणं तहेच कण्हलेस्सा वा जाच सकलेस्सा वा सेस जहा पेन्दियार्ण पदमसमायाण जाप अर्णतसुत्तो नवरं इत्थिवेदगा वा पुरिसवेदगा वा नपंसगवेदगा वा समिणो असन्निणो सेसं तहेव एवं सोलसति जोग ४०० श्रीभगवन्यंगं, सत-30 MIPELASPESADYARTICANSPIRMIHIRMANCHESTENESSIVEHEYEMOFORUPEECHENOPSIVIADVERT अतिपावसागर Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1 1 परिमाणं तहेव सव्वं। सेवं भंते रत्ति । २। एवं एत्थवि एक्कारस उद्देसगा तहेव, पढमो तइओ पंचमो य सरिसगमा सेसा अद्भुवि सरिग्रमा उत्थछट्टमदसमेसु नन्थि विसेसो कायब्यो। सेवं भंते! २ति। ८६५। १२ । १ ॥ कण्टलेस्सकडजुम्म २सन्निपंचिदिया णं भंते! कओ उबव० ? तब जहा पढमुसओ मन्नीणं, नवरं बंधो वेओ उदयी उदीरणा लेस्सा बंधग सन्ना कसाय वेद बंधगा य एयाणि जहा बेंदियाणं, कण्हलेस्साणं वेदो निविडो अवेदगा नन्थि मंत्रिगुणा जहन्नेणं एवं समयं उकोमेणं तेन्तीम सागरोवमाइ अतोमहत्तमच्भहियाई एवं ठितीऽवि नवरं ठितीए अंतोमुहुत्तमम्भहियाई न भन्नंति से जहा एएसि चैव पढमे उद्देसए जाव अननो एवं सोलससुवि जुम्मेसु । सेवं भंते! शनि पढमसमयकण्डलेम्सकजुम्म २ सन्निपचिंदिया णं भंते कओ उववजंति ? जहा सन्निपचिदियपद्मसमयउद्देसए तब निरवसेस नवरं ते णं भंते! जीवा कण्हलेस्सा? हंता कण्हलेस्सा. सेसं तं चैव एवं सोलसमुवि जुम्मेसु । सेवं भंते रत्ति एवं एएऽवि एकारसवि उद्देसगा कण्डलेम्ससए. पदमननियपंचमा सरिसगमा सेसा अवि एकगमा मेवं भंते! रति । २ ॥ एवं नीललेम्सेसुत्रि सयं, नवरं संचिणा जहन्नेणं एकं समयं उक्कोसेणं दस सागरोवमाई पलिओवमस्स असंखेज्जइ भागमभहियाई एवं ठिनीए एवं तिस उएस. सेस नं चैव सेवं भंते रत्ति । नइयं सयं ३ ॥ एवं काउलेस्ससर्यपि, नवरं संचिट्टणा जह एक समयं उक्कोसेणं तिनि सागरोवमाई पछिओमस्स असंखेजइ भागम भहियाइ, एवं टिनीएऽवि एवं निवि उद्देसएस. सेमं तं चैव सेवं भंते! २न्ति । ४ ॥ एवं तेउलेस्सेवि सर्य, नवरं संचिट्टणा जह एक समयं उक्कोसेणं दो सागरोवमाई पलिओवमस्स असंखेजइभागमच्भहियाई. एवं ठितीऽवि नवरं नोमन्नोवउत्ता वा एवं तिसुवि उद्देसएस सेसं तं चेव । सेवं भंतेरिति । ५॥ जहा तेउलेम्सासयं नहा पम्हलेस्सासयपि नवरं संचिडणा जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं इस सागरोवमाई अंतोमुहुत्तममहियाई. एवं ठितीऽवि. नवरं अंतोमुडुत्तं न भन्नति सेसं तं चेत्र एवं एएस पंचसु सएस जहा कण्हलेस्सासए गमओ तहा नेयच्यो जाव अतखुत्तो सेवं भंते रत्ति ॥६॥ सुकलेस्समयं जहा ओहियसयं नवरं संचिणा दिती य जहा कण्टलेम्ससए से तहेव जाव अनसुनो। सेवं भंते रनि । ७॥ भवसिद्धियकड जम्म २ सन्निपंचिंदिया णं भंते! कओ उबवति ? जहा पढमं सन्निसतं तहा णेयव्यं भवसिद्धियाभिलावेणं नवरं सव्यपाणा ०१. णो तिण्डे समट्टे से नहेव मेवं भंते २त्ति ८॥ कण्हन्लेस्स भवसिदीय कडजुम्म २ सन्निपचि दिया णं भंते! कओ उववज्जंति ? एवं एएवं अभिलावेणं जहा ओहियकण्डलेम्ससयं सेवं भंते रति । ९॥ एवं नीललेस्सभवसिद्धी एऽचि सयं सेवं भतेः २नि । १० ॥ एवं जहा ओहि - याणि संन्निपचिद्रियाणं सत्त मयाणि भणियाण एवं भवसिद्धीहि सन सयाणि कायव्याणि नवरं सन्नसुचि सएस सव्वपाणा जाव णो तिगडे समड़े से तं चैव सेवं भंते! रति । भवसिद्धियसया ।११-१४॥ अभवसिद्धियकडजुम्म २ सन्निपंचिदिया णं भंते! कओ उक्यजति ? उदबाओ नहेव अणुत्तरविमाणयज्ञो परिमाणं अबहारो उच्चतं बंधो वेदो वेदणं उदओ उदीरणा य जहा कण्हलेम्ससए, कण्हलेम्सा वा सुकलेस्सा वा नो सम्मदिडी मिच्छादिट्टी नो सम्मामिच्छादिडी नो नाणी अन्नाणी एवं जहा कण्हलेम्ससए नवरं नो विरया अविरया नो विरयारिया संचिणाठिती य जहा ओहिउद्देसए समृग्याया आदिहगा पंच उच्चट्टणा नहेव अणुतरविमाणवलं सव्वपाणा ? णो तिगड़े समड़े से जहा कण्हलेस जाव अनंतसुतो. एवं सोलससुचि जुम्मेसु सेवं भंते रत्ति । पढमसमय अभवसिद्धिय कटजुम्म रसन्निपंचिदिया णं भंते कओ उबवजति ? जहा सर्भणं पटमसमयउद्देसए तहेब नवरं सम्मत्तं सम्मामिच्छत्तं नाणं च सञ्चन्थ नत्थि, सेसं तहेव सेवं भतेरत्ति एवं एत्थवि एकारस उद्देगा कायच्या. पढमतपंचमा एकगमा सेसा अडवि एकगमा सेवं भंते! रति । पढमं अभवसिद्धियमहाजुम्मस्यं । १५ ॥ कण्हलेस्सअभवसिद्धिय कडजुम्म २ सन्निपंचिंदिया णं भंते! कओ उपवनंति जहा एएम चैव ओहियसयं नहा कण्हलेस्समयंपि नवरं ते णं भंते! जीवा कण्हलेस्सा? हंता कण्डलेस्सा, ठिती संचिणा य जहा कण्हलेस्सासए सेस तं चैव सेवं भंते शन्ति । वितिय अभवसिद्धियमहाजुम्मसयं । १६ ॥ एवं छवि लेस्साहि छ सया कायव्वा जहा कण्हलेम्ससयं नवरं संचिट्टणा दिती य जदेव ओहियसए तदेव भाणियव्वा, नवरं सुकलेस्साए उक्कोसेणं एकतीस सागरोवमाई अंतोमुटुनमन्भहियाई ठिती एवं चैव नवरं अंतोतं नन्थि जहन्नगं तदेव सव्वन्ध सम्मननाणाणि नन्थि विरई विरयाविरई अणुत्तरविमाणोववती एयाणि नन्थि, सव्वपाणा णो तिगडे समड़े सेवं भंते! रति । एवं एयाणि सत्त अभवसिद्धियमहाजुम्मसया भवति । १७-२१ ॥ एवं एयाणि एकवीस सन्निमहाजुम्मसयाणि सव्वाणिवि एकासीतिमहाजुम्मसया । ८६६ । इति चत्वारिंशत्तमं शतकं ॥ 55 क णं भंते! गसीजुम्मा पं०१, गोयमा ! चनारि रासीजुम्मा पं० तं० कडजुम्मे जाव कलियोगे से केणट्टेणं भंते! एवं वृश्च चत्तारि रासीजुम्मा पं० [सं० जाव कलियोगे ?, गोयमा जे गंगसी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए सेनं रासीजुम्मकडजुम्मे. एवं जाव जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपजबसिए सेनं रासीजुमकलियोगे, मे तेणट्टेणं जाव कलियोगे रासीजुम्मकडजुम्मनेरडया णं भंते! कओ उववजंति० १, उनवाओ जहा बकंतीए, ते णं भंते! जीवा एगसमएणं केवइया उब४०१ श्रीभगवत्यं तं मुनि दीपरत्नसागर क Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बजति?, गोयमा! चत्तारि वा अट्ट वा चारस वा मोलस बा संखेजा वा असंग्वेजा वा उबव० ते णं भंते! जीवा किं संतरं उबवजंनि निरंतरं उबवजनि?. गोयमा ! मनपि उववर्जति निरंतरंपि उबवजति, संतरं उववजमाणा जहन्नेणं एक समयं उकोसेणं अमंखेजा समया अंतरं कट्ट उववजनि, निरंतरं उबवजमाणा जहन्नेणं दो ममया उकोसेणं असंखेना समया अणुसमयं अविरहियं निरंतरं उबवति, ते णं भंते ! जीवा जंसमयं कडजुम्मा समयं नेयोगा जंसमयं नेयोगा समयं कडजुम्मा ?. णो निणट्टे समडे, जंसमयं कहजुम्मा तैसमयं दावरजुमा समयं दावरजुम्मा तंसमयं कडजुम्मा ?, नो तिणडे समढे, समयं कडजुम्मा समयं कलियोगा जंममयं कलियोगा समयं कहजम्मा ?, णो निणट्टे ममद्दे, ते णं भंते ! जीचा कह उवरजति?. गायमा! से जहानामए पवए पबमाण एवं जहा उबवायसए जाव नो परपयोगेणं उवयजति.ते णं मंते! जीवा किं आयजसेण उववनंति आयअजसेणं उख.. वजति?, गोयमा! नो आयजसेणं उबव आयअजसेणं उबवनंति, जइ आयअजमेणं उबरजति किं आयजम उवजीवंनि आयअजमं उबजीनि?. गोयमा ! नो आयजमं उबजीवंति आयअजर्स उवजीवंति, जइ आयअजसं उबजीवंति किं सन्लेस्मा अलेस्सा?. गोयमा ! मलेस्सा नो अलेस्सा, जइ सलेस्सा कि मकिरिया अकिरिया ?, गोयमा ! सकिरिया नो अकिरिया, जह सकिरिया तेणेव भवम्गहणेणं सिझंति जाव अंतं करेंति?. णो तिणढे ममढे. रासीजम्म सेसं एवं जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिया नवरं वणस्सइकाइया जाव असंखेजा वा अणंता वा उब सेसं एवं चेव, मणम्मावि एवं चेव जाव नो आयजसेणं उबवज्ञनि आयअजसेणं उवव०, जइ आयअजसेणं उववजंति किं आयजसं उबजीवंति आयनजसं उबजीवंति?, गोयमा ! आयजमंपि उबजीवंनि आयअजमंपि उवजीवनि, जइ आयजमं उबजीचंति कि सलेस्सा अलेस्सा ?, गोयमा! सलेस्सावि अलेस्सावि, जइ अलेस्सा कि सकिरिया अकिरिया ?, गोयमा ! नो सकिरिया अकिरिया, जइ अकिरिया तेणेव भवरगहणेणं सिझंति जाब अंतं करेंति?,हंता सिझंति जाव अंतं करेंति, जड़ सलेस्सा किं सकिरिया अकिग्यिा?, गोयमा ! सकिग्यिा नो अकिरिया. जइ मकिरिया नेणेव भवम्गहणेणं मिज्झनि जाव अंत करेंति ?, गोयमा ! अत्थेगइया तेणेव भवग्गहणेणं सिप्रति जाच अंतं करेंति अत्यगइया नो तेणेव भवम्गहणेणं मिज्झंति जाव अंनं करेंनि, जड़ आयअजमं उपजीवति किं सलेस्सा अलेस्मा ?, गोयमा! सलेस्मा नो अलेस्सा, जड़ सलेस्सा कि सकिरिया अकिरिया ?, गोयमा! मकिग्यिा नो अकिरिया, जइ सकिरिया नेणेव भवम्गहणेणं सिझंति जाव अंनं करेंति?, नो इणद्वे समह. वाणमंतरजाइमियवमाणिया जहा नेरइया । सेवं भताश्त्त। गसीजुम्मसए पढमो उहेमओ। श०४१ उ०१॥रासीजुम्मतेआयनेण्डया णं भंते ! कओ उवयजति ?. एवं चेव उहसआ भाणियचा नवरं परिमाणं तिनि वा सत्त वा एकारस वा पन्नरस वा मखजावा असखजावा उबव०.सतर तहब,तण भतेज मयं कडजुम्मा तंसमयं तेयोगा?, णो इणट्टे समढे, जंसमयं तेयोया समयं दावरजुम्मा जंसमयं दाबरजम्मा तंसमयं नेयोया?. णो इणढे समडे,एवं कलियोगेणवि समं. सेसं तं चेच जाव वेमाणिया नवरं उबवाओ सव्वेसि जहा वकंतीए । सेवं भंते !२त्ति ॥ श०४१ उ०२॥ रासीजम्मदावरजुम्मनेरइया णं भने ! कओ उववजति ?. एवं चेव उद्देसओ नवरं परिमाणं दो वा छ वा दस वा संखेजा वा असंखेज्जा वा उववजति, संवेहो, ते णं भंते ! जीवा जंममयं दावजुम्मा तंसमयं कडजुम्मा जंसमयं कडजुम्मा समयं दावरजुम्मा ?, णो इणडे समडे, एवं तेयोएणवि समं, एवं कलियोगेणवि समं, सेसं जहा पढमुद्देसए जाय वेमाणिया। सेवं भंतेति॥श०४१ उ०३॥ गसीजुम्मकलियोगनेरइया णं भंते! कओ उबवजति?, एवं चेव नवरं परिमाणं एको वा पंच वा नव वा तेरस वा संखेजा वा असंग्वेजा वा उववजनि. संवेहो, ते णं भंते! जीवा जंसमयं कलियोगा समय कडजुम्मा जंसमयं कडजुम्मा समय कलियोगा?. नो इणढे समढे, एवं तेयोएणवि समं, एवं दावरजुम्मेणवि समं, सेसं जहा पढ़मुद्देमए जाय वेमाणिया। मेचं भंते ति ॥श ४१ उ०४॥ कण्हलेस्सगसीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते ! का उपवजनि?. उपवाआ जहा धूमप्पभाए सेसं जहा पढमहेसए, असुरकुमागणं नहेव एवं जाव वाणमंतगणं मणस्माणवि जहेव नेरइयाणं आयअजसं उबजी. वंति अलेस्सा अकिग्यिा तेणेव भवग्गहणेणं सिझंति एवं न भाणियव्वं मेसं जहा पढमहेसए। मेवं भंते!२॥ श०४१ उ०५॥ कण्हलेस्मतेयोएहिवि एवं चेव उहेसओ। सेवं भंतेत्ति। श०४१ उ०६॥ कण्हलेस्सदावरजुम्मेहिं एवं चेव उद्देसओ। सेवं भंते २ति ॥ श०४१ उ०७॥ कण्डलेस्मकलियोएहिवि एवं चेव उद्देसओ, परिम्गणं संवेहो य जहा ओहिएमु उद्देसएम। सेवं भंते २ति ॥श-४१ उ०८॥ जहा कण्हलेस्सेहि एवं नीललेस्सेहिवि चत्नारि उहेमगा भाणियव्वा निरखसेसा, नवरं नेरइयाणं उववाओ जहा वालयप्पभाए सेसं तं चेव । सेवं भंते!२॥ २०४१ उ०९-१२॥ काउलेस्सहिवि एवं चेव चत्तारि उद्देसगा कायब्वा नव नेग्इयाणं उबवाओ जहा ग्यणप्पभाए, सेसं तं चेच । सेवं भंते २त्ति ॥२०४१ उ०१३-१६॥ तेउलेस्सरासीजुमकडजुम्मनसुरकुमारा णं भंते ! कओ उबवजति ?, एवं चेक नवरं जेसु नेउलेम्मा अस्थि तेसु भाणियव्वं, एवं एएऽचि कण्हले सासरिसा चत्तारि उद्देसगा कायव्वा । ४०२ श्रीभगवन्यंगं रात मुनि दीपरत्नसागर मार43447 Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ * **** *********** सेवं भंते २नि ॥श ४१ उ० १७.२०॥ एवं पम्हलेस्साए तारि उहेसगा कायच्वा, पंचिंदियतिरिक्वजोणियाणं मणुस्माणं येमाणियाण य एएसि पम्हलेस्सा सेसाणं नन्थि। सेवं भंतेति ॥श०४१3०२१.२४॥ जहा पम्हलेस्साए एवं सुकलेस्साएऽवि चत्तारि उडेसगा कायब्वा नवरं मणुस्साणं गमओ जहा ओहिउदेसएसु, सेसं तं चेव, एवं एए छसु लेस्मासु चउवीसं उद्देसगा, ओहिया चत्नारि, सब्येते अट्ठावीसं उहेसगा भवंति। सेवं भंते नि ॥श०४१ उ०२५.२८॥ भवसिदियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उवव०१, जहा ओहिया पढमगा चनारि उद्देसगा तहेव निरवसेस एप चत्तारि उहेसगा। सेवं भंते रत्ति ॥श०४१ उ०२९.३२॥ कण्हलेसमभवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओ. उबब०, जहा कण्हलेस्साए चत्तारि उदेसगा भवंति नहा इमेऽवि भवसिद्रियकण्हरेस्सेहिदि चत्तारि उद्देसगा कायया ॥२०४१ उ०३३-३६॥ एवं नीललेस्सभवसिद्धिएहिवि चत्तारि उद्देमगा कायव्वा ।। श०४१ उ०३७-४०॥ एवं काउलेम्सेहिवि चनारि उहेसगा ॥श०४१ उ०४१-४४॥ तेउलेस्मेहिवि चत्तारि उदेसगा ओहियसरिसगमा ॥श०४१ उ०४५-४८॥ पम्हलेस्सेहिवि चत्तारि उहेसगा । ०४१ उ०४५-५२॥ मुक्कलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा आहियसरिसा, एवं एएऽवि भवसिद्धिएहिवि अट्ठावीसं उद्देसगा भवंति। सेवं भंते ! सेवं भंते २त्ति । श०४१ उ० ५३.५६ ।। अभवसिदियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं कओ उववज्जति ?, जहा पढमो उद्देसगो नवरं मणुस्सा नेरइया य सरिसा भाणियब्वा, रि उदेसगा। कण्हलेस्सअभवसिद्धियरासीजम्मकडजम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववजति?, एवं चेव चत्तारि उद्देसगा, एवं नीललेस्सअभव: चत्तारि उदेसगा काउलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा तेउलस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा पम्हलस्सेहिवि चत्तारि उहेसगा मुकलेस्सअभवसिदिएवि चत्तारि उहेसगा, एवं एएसु अट्ठावीसाएऽपि अभवसिद्धियउसएसुमणस्सा नेरहयगमेणं नेयव्वा । सेवं भंते २त्ति । एवं एएऽवि अट्ठावीसं उद्देसगा ॥श०४१ उ०५७.८४ ॥ सम्मदिट्ठीरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववजति ?. एवं जहा पढमो उद्देसओ एवं चउसुवि जुम्मेमु चत्तारि उद्देसगा भवसिद्धियसरिसा कायवा। सेवं भंते!२ति । कण्हलेस्ससम्मविट्ठीरासीजुम्मकडजुम्मॐ नेण्डया णं भंते ! कओ उबरजति?.एएऽवि कण्हलेम्ससरिसा चत्नागिवि उद्देसगा कायव्या, एवं सम्मदिट्टीसुवि भवसिद्धियसरिसा अट्ठावीसं उद्देसगा कायब्बा। सेवं भंते!रति जावा विहरइ ।। श०४१ उ०८५-११२॥ मिच्छादिबीरासीजुम्मकडजम्मनेरच्या णं भंते ! कओ उक्वजनि?. एवं एन्थवि मिच्छादिट्ठीअभिलावेणं अभवसिदियसरिसा अट्ठावीसं उद्देसगा कायवा। सेवं भंते २सि ॥२०४१ उ०११३-१४० ॥ कण्हपक्वियरासीजुम्मकडजम्मनेरड्या णं भंते ! कओ उववजंति, एवं एत्यवि अभवमिडियसरिसा अट्ठावीसं उद्देसगा कायब्वा । सेवं भंते !रति ॥२०४१ उ०१४१.१६८॥ सुकपक्षियरासिजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववति?, एवं एथवि भवसिद्धियसरिसा अट्ठावीसं उद्देसगा भवंति, RI एवं एए सव्वेऽवि छनउयं उद्देसगसयं भवंति जाय सुकलेस्सा, सुकपक्खियरासीजम्मकलियोगबेमाणिया जाच जड सकिरिया तेणेव भवम्गहणणं सिझंति जाव अंत करीत. णो मा इणट्टे समझे। सेवं भंतःनि । ८६७।रासीजुम्मसयं ॥ २०४१ उ०१६९-१९६॥ भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ करेत्ता वंदति नमंसति वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते ! अवितहमेयं भंते ! असंदिदमेयं भंते ! इच्छियमेयं भंते ! पडिच्छियमेयं भंते ! इच्छियपडिच्छियमेयं भंते ! सचे णं एसमढे जे गं तुझे बदहत्तिकट्टु, अपूनिवयणा खल अरिहंता भंगवतो, समणं भगवं महावीर बंदति नमंसति बंदित्ता नमंसित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । ८६८। रासीजुम्मसयं श०४१एकचत्वारिंशत्तमं शतक। मच्चाए भगवइए अट्टतीसं सतं सयाण १३८ उद्देसगाणं १९२५।। इति श्रीमती भगवती समाप्ता॥'चुलसीइसयसहस्सा पदाण' दसीहिं । भावाभावमणता पन्नता एन्थमंगमि॥१०९॥ तवनियमविणयवेलो जयति सदा नाणविमलविपुलजलो। हेतुसतविपुलवेगो संघसमुदो गुणविसालो ॥११०॥ णमो गोयमाईणं गणहराणं, णमो भगवईए विवाहपन्नत्तीए, णमो दुवालमंगस्स गणिपिडगस्स 'कुम्ममुसंठियचलणा अमलियकोरंटबेंटसंकासा। सुयदेवया भगवई मम मतितिमिरं पणासेउ ॥१११॥ वियसियअरविंदकरा नासियतिमिरा सुयाहिया देवी। ममंपि देउ मेहं वृहविवृहणमंसिया णिचं ॥ ११२॥ सुयदेवयाएँ पणमिमो जीएं पसारण सिक्खियं नाणं । अण्णं पवयणदेवी सांतकगत नमसामि ॥११३॥ सुयदेवया यजक्खा कुभधरी बभमतिबंगट्टा। विजाय अतहुडी देउ विग्यलिहतस्स दो उद्देसगा उडिसिजन्ति णवरं चउत्थे सए पढमदिवसे अट्ट बिनियदिवसे दो उद्देसगा उहिसिजनि, नवरं नवमाओ सताओ आरद्धं जावइयं जावइयं ठाति तावतियं २ एगदिवसेणं उदिसिजति उक्कोसेणं सतंपि एगदिवसेणं मज्झिमेणं दोहि दिवसेहि सतं जहन्नेणं तीहि दिवसेहि सतं एवं जाव वीसतिमं सतं, णवरं गोसालो एगदिवसेणं उहिसिजति. जदि ठियो पगेण चेव आयंबिलेणं अणुन्नजिहीनि, अह ण ठितो आयंबिलेणं छट्टेणं अणुण्णवति, एकवीसबाबीसतेवीसतिमाई सताई एकदिवसेणं उदिसिजन्ति, चउवीसतिमं सयं दोहिं ४०३श्रीभगवन्यंगं, सत ५३UST मुनि दीपरनसागर Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दिवसेहिं छ छ उद्देसगा, पंचवीसतिमं दोहिं दिवसेहिं छ छ उद्देसगा, बंधिसयाइयाइं अट्ठ सयाई एगेण दिवसेण सेढिसयाई बारस एगेणं एगिदियमहाजुम्मसयाई बारस एगेणं एवं बेंदियाणं वारस तेइंदियाणं वारस चउरिंदियाण बारस एगेण असन्निपंचिंदियाणं वारस सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसयाई एकवीसं एगदिवसेणं उदिसिजन्ति, रासीजुम्मसतं एगदिवसेणं उदिसिजति / 869 // वीरस्य 2468 विक्रमस्य 1998 संवदि माघकृष्णकादश्यां बुधे श्रीशत्रुजयगिर्युपेत्यकागतश्रीवर्धमानजैनागममन्दिरे शिलोत्कीर्ण पंचमांग।