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________________ CH-87006287843PEPSMSPRANSPIRI-28P8ARSHPRABHEMASPROMISIP248298587CHROPICSSPGARHPEARNE तं चेव जाव साहू, दक्खत्तं भंते ! साहू आलसियत साह ?, जयंती ! अत्यंगतियाणं जीवाणं वक्खत्तं साहू अत्यंगतियाणं जीवाणं आलसियत्तं साहू, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ तं चेव जाव साह ?. जयंती ! जे इमे जीवा अहम्मिया जाब विहरति एएसि णं जीवाणं आलसियत्तं साहू, एएणं जीवा आलसा समाणा नो बहूर्ण जहा सुत्ता तहा आलसा भाणियब्वा जहा जागरा तहा दक्खा भाणियव्वा जाव संजोएत्तारो भवंति, एए णं जीवा दक्खा समाणा बहूहिं आयरियवेयानचेहिं जाव उवज्झाय० थेर० तवस्सि० गिलाणवेया० सेहवे. कुलबेया० गणवेया० संघवेयाव० साहम्मियवेयावच्चेहिं अत्ताणं संजोएत्तारो भवंति, एएसिणं जीवाणं दक्खत्तं साहू, से तेणठेणं तं चेव जाव साहू, सोइंदियवसट्टे णं भंते ! जीवे किं बंधइ ?, एवं जहा कोहवसट्टे तहेव जाव अणुपरियड, एवं चक्विदियवसट्टेऽवि, एवं जाव फासिंदियवसट्टे जाव अणुपरियट्टइ, तए णं सा जयंती समणोवासिया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमलैं सोचा निसम्म सेसं जहा देवाणंदाए तहेव पव्वइया जाव सव्वदुक्खप्पहीणा। सेवं भंते!२त्ति ।४४२॥ श०१२ उ०२॥ रायगिहे जाच एवं वयासी-कह णं भंते ! पुढवीओ पं०१, गोयमा ! सत्त पुढवीओ पं०२०-पढमा दोचा जाच सत्तमा, पढमा णं भंते ! पुढबी किनामा किंगोत्ता पं०?, गोयमा ! घम्मा नामेणं रयणप्पभा गोत्तेणं एवं जहा जीवाभिगमे पढ़मो नेरइयउद्देसओ सो चेव निरवसेसो भाणियब्यो जाव अप्पाबहुगंति। सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति । ४४३॥ २०१२ उ०३॥ रायगिहे जाव एवं वयासी-दो भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति एगयओ साहण्णित्ता किं भवति ?, गोयमा ! दुप्पएसिए खंघे भवइ, से मिजमाणे दुहा कजद एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ परमाणुपोमाले भवइ,8 तिमि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति त्ता किं भवति?, गोयमा ! तिपएसिए खंधे भवति, से भिज्जमाणे दुहावि तिहावि कज्जइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, तिहा कजमाणे तिण्णि परमाणुपोम्गला भवंति, चत्तारि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति जाव पुच्छा, गोयमा ! चउपएसिए खंधे भवइ, से | भिजमाणे दहावि तिहावि चउहावि कज्जइ. दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोपालं एगया। दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवइ, चउहा कज्जमाणे चत्तारि परमाणुपोग्गला भवंति, पंच भंते! परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा! पंचपएसिए खंधे भवइ, से भिजमाणे दुहावि तिहावि चउहावि पंचहावि कजइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे भवति एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ तिप्पएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति, चउहा कजमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवति, पंचहा कजमाणे पंच परमाणुपोग्गला भवंति, छम्भंते ! परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा ! छप्पएसिए खंधे | भवइ, से भिजमाणे दुहावि तिहावि जाव छब्बिहावि कजइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुप्पएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा दो तिपएसिया खंधा भवन्ति, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा तिन्नि दुपएसिया खंधा भवन्ति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिनि परमाणुपोग्गला एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला भवंति एगयओ दो दुप्पएसिया खंधा भवंति, पंचहा कजमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे भवति, छहा कजमाणे छ परमाणुपोग्गला भवंति, सत्त भंते! परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा ! सत्तपएसिए खंघे भवइ से भिजमाणे दुहावि जाव सत्तहावि कज्जइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिप्पएसिए एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंघे भवइ अहवा एगयओ परमाणु एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति एगयओ तिपएसिए खंधे भवति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिनि परमाणुपोग्गला एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ तिन्नि दुपएसिया खंधा भवंति, पंचहा कजमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्ाला एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिन्नि परमाणु एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति, छहा कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंघे भवइ, सत्तहा कज्जमाणे सत्त परमाणुपोग्गला भवंति, अट्ट भंते! परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा! अट्ठपएसिए खंधे भवइ जाव दुहा कजमाणे एगयओ परमाणु० एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ तिपएसिए एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ 8|२८१ श्रीभगवत्यंग-सार मुनि दीपरत्नसागर
SR No.003905
Book TitleAagam Manjusha 05 Angsuttam Mool 05 Bhagavati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Sagaranandsuri
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size169 MB
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