________________ विशेषावश्यक भाष्य [आचार्य मलधारी हेमचन्द्र-कृत 'शिष्यहिता' बृहद्वृत्ति सहित] / / विषयानुक्रमणी / / ........... | विषय-शीर्षक पृष्ठ सं. प्रस्तावना [17-59] (मङ्गलादिनिरूपण) [1-93] ग्रन्थ की विषय-वस्तु आदि .................... आवश्यकानुयोग के विविध द्वार और उनके भेद आवश्यक और अनुयोग की ज्ञान-क्रियामयता . अनुयोग-प्रदान विधि ...................................... स्थविरकल्प क्रम ........ आचार्यपद-प्राप्ति से पूर्व देश-दर्शन, शिष्य-निष्पत्ति, बाद में उद्यतमरण व जिनकल्प आदि का अङ्गीकरण ........ जिनकल्पविधि व जिनकल्पचर्या ........... पांच तुलनाएं (भावनाएं) ........... * * नमस्कारानुयोग पहले क्यों नहीं? ........ नमस्कार सर्वश्रुत-अन्तर्गत है मङ्गलद्वारं कथन तीन मङ्गल ............................ मङ्गल सम्बन्धी शंका-उत्तर ..... ............. त्रिविध मङ्गलग्रहण क्यों? ......... मङ्गल पद की व्युत्पत्ति ........ नाम आदि निक्षेप नामनिक्षेप स्थापना निक्षेप ......... .......................52 द्रव्य निक्षेप .............. ........................54 .......... ........ ..........