Book Title: Vijaychand Kevali Charitra
Author(s): Chandraprabh Mahattar
Publisher: Jain Dharm Prasarak Sabha

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Page 18
________________ I BIRISH // 7 // अथ धूपपूजा कथानकम् / मयणा हिचंदणागरु कप्पूरसुगंधगंधधूवेहिं / पूयश् जो जिणचंदं पूजाश् सो सुरिंदेहि // 1 // जह विणयंधरकुमरो जिकिंदचंदाण धूयनत्तीएं।जा सुरनरपुङोसत्तमजम्मंमि सिको य॥२॥ पोयणपुरंमि नयरे राया परिवस पसरियपयावो। नामेण वयरसीहो सीहो श्व रिजगदाणं // 3 // सवंतेउरम हिययहरा तस्सनारिया कमला।बीयाय अविमला विमलगुणा जयपमायव॥४॥ उन्हं पिताण पुत्ता कमलो विमलो य सुंदरावयवा। एगंमि दिणे जाया उन्निविहिणोनिउँगेणं // 5 // विझियहियर्ज राया पुबर नेमित्तियं पयत्तेण / को मतपयसमुचिळ साहसु एयं गणेऊणं // विमलाए उवयरिङ पत्नण नेमित्ति गणेऊणं / तुह कमलाए पुत्तो सवं रऊ पणासेही // 7 // (तुह हबा रङ कमलापुत्तो विणासिहश्॥) पागंतरं / लकणगुणसंपन्नो निम्मलेंगुणरयणसियसरीरो।एसो विमलापुत्तो तुह रऊधुरंधरो होही // 7 // नेमित्तिय वयणाउँ राया पन्छन्नकोहपऊलि / आणावई नियपुरिसे कमलं रन्नंमि बड्डेह // // ते रयणीए गंतुं कमला अंका रोयमाणाए / दसदिणजायं बालं गहिऊण विणिग्गया रन्ने // 1 // मुत्तूण रन्नमले समागया राश्णो निवेयंति / तब विमुक्को सामिय खणंपि नो जीवए जब॥१९॥ 1 जिणिंदवर धूयदाण जत्तीए / 2 तस्स 3 सुन्निवि विहिणो / / विमल / 5 वयणेणं / 6 आणवइ / 7 नियय पुरिसे / निवेइंति। HARSINGERANGANAGAR SHARIPOSASTOKROSS // 7 // Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak

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