Book Title: Stree Nirvan Kevalibhukti Prakarane Tika
Author(s): Shaktayanacharya, Jambuvijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 10
________________ भगवती आराधना स्वामी देवेन्द्रकीर्ति दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला कारंजा, वराड मूलाचार मूलाराधना स्वामी देवेन्द्रकीर्ति दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला कारंजा, वराड योगशास्त्र-स्वोपनवृत्ति जैनधर्मप्रसारकसभा, भावनगर मलितविस्तरा दिव्यदर्शन साहित्य समिति, अमदाबाद रत्नाकरावतारिका लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर, अमदाबाद वाक्यप० = वाक्यपदीय विशेषावश्यकभाज्य-स्वोपशटीकासहित लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर, अमदाबाद शाकटायनव्याकरण भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९७३ १० मुनषड्दर्शनसमुच्चयगुणरत्नसूरिविरचितटीका, भारतीयज्ञानपीठ काशी सन्मतितर्कवृत्ति [अभयदेवसूरिविरचित ] मुजरात पुरातत्त्व मन्दिर, अमदाबाद R- सिडहेमशम्मानुशासनम् [हेमचन्द्रसूरिविरचितं व्याकरणम् ], आर्हतमत प्रभाकर कार्यालय, पुना .. उ०% उद्देशः तु० = तुलना पं०-पक्तिः पृ० = पृष्ठम् सू०% सूत्रम् Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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