Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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प्रतिष्ठा एवं विधान
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१४१ प्रति नं० ३ | पत्र सं १ साइज ११४४३ | लेखनफाट दुर्गा एवं सामान्य शुद्ध दशा-सामान्य | वेष्टन नं ०५२।
१४
सं० १ साइज १०३
भाषा-संस्कृत विषय चिि
१४२ जिन संहिता भ० एकसंध प० १३२ रचनाकाल x | लेखनकाल X वपूर्ण एवं शुद्ध दशा उत्तम विशेष --~१३२ से आगे के पत्र नहीं हैं | १९९३ दविधि पत्र विधान | रचनाकाल x | लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध १४४ प्रतिष्ठाविधि पत्र सं० स्वनाका लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध दशा-सामान्य १३२ । विशेष प्रारम्भ में प्रतिष्ठा में काम आने वाली सामग्री की सूची दी हुई है तथा अन्य विधियों के नाम भी दिये २० चित्र भी हैं।
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दशा - सामान्य | वेष्टन नं० ७३
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२० | साइज ११४५३ इञ | भाषा - हिन्दी 1 विषय - प्रतिष्ठा नं
१३०३ | माश-संस्कृत | त्रिषय-प्रतिष्ठा । वेटन नं०-५२ ।
१४५ प्रायश्चितविधि स्ननाफाल x | लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध दशा-सामान्य वेष्टन नं १०६ । विशेष --- प्रतिष्ठासारसंग्रह का एक अंश है।
भ० एकसंधि । पत्र सं० १ | साइज ११४५ इञ्च | भाषा-संस्कृत | विषय - प्रायश्रित |
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१४६ प्रायश्चितविनिश्चयवृत्ति - श्री संदिगुरु
पत्र ०८५ | साइज १६४६ | भाषा-संस्कृत विषय
प्रायश्रित | रचनाकाल Xx | लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्धः । दशा - सामान्य | वेष्टन नं १०६ १ १४७ प्रायश्चितशास्त्र -मुनि वीरसेन । पत्र ०६ साइज ११४५ | भाषा-संस्कृत विषय प्रायश्रित । रचनाकाल X: लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध दश: सामान्य | वेष्टन नं १०३ १ १४८ विवाहविधि पत्र सं० ६ । साइज रचनाकाल x | लेखनकाल | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा उत्तम
२४६ प्रति नं० २ । पत्र सं० २६ । लेखनकाल सं० १६७६ पूर्ण एवं शुद्ध दशा सामान्य
१०४५ इश्च । भाषा-संस्कृत विषय-विधि विधाम वेष्टन नं०१८ |
वेष्टन नं १ |
१५० व्रतसंख्या सूची | पत्र सं० ३ । साइज १०४५ इत्र | भाषा - हिन्दी । त्रिषय व विधान । रचनाकाल x | लेखनकाल x | दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १०१ ।
विशेष – १५१ व्रतों के नाम दिये हुये हैं ।
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| भाषा संस्कृत विषय
१५१ स्नपन सटीक टीकाकार मावशर्मा पत्र ०२५१०३४ प्रतिष्ठा | टीका काल - सं० १५६० | लेखनकाल x | अपूर्ण - प्रारम्भ के १४ पत्र नहीं हैं । दशा - सामान्य 1 वेष्टन नं० २२७ |
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