Book Title: Prakaran Ratnakar Mool
Author(s): Mehta Nagardas Pragjibhai
Publisher: Mehta Nagardas Pragjibhai
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१६
५ चित्तंगा ६ । चित्तरसा ७ मणिभंगा गेहागारा ए अणियरका १० ॥ ए६ ॥ पाणं १ जायण २ पिडण ३, रविपह ४ दीवपह ५ कुसुम ६ माहारो ७ । नूसण गिह ए वबासण १०, कप्पमा दस विहा दिति ॥ए॥ मणुाउसम गयाई, हया चउरंसजाइ अटुंसा। गोमहिसुट्टखराई, पणंस साणाश्दसमंसा ॥ए॥ श्च्चा तिरछाण वि. पायं सवारएसु सारिखं । तश्यारसेसि कुलगर-णयजिणधम्माश् उप्पत्ती ॥एए॥ कालउगे तिचउबा-रगेसु एगूणणवश्परकेसु। सेसि गएसुं सिकं-ति हुंति पढमंतिमजिणिंदा ॥१०॥ बायालसहसवरसू-णिगकोमाकोमियरमाणाए। तुरिए नराउ पुवा-ण कोमि तणु कोसचउरंसं ॥१०॥वरिसेगवीससहस-प्पमाणपंचमरए सगकरुच्चा । तीसहियसयाउ णरा, तयंति धम्माइआणंतो ॥१०॥ खारम्गिविसाईहिं, हाहानूयाकयाश्पुहवीए । खगबीय विश्राश्सु, पराश्वीयं

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