Book Title: Prakaran Ratnakar Mool
Author(s): Mehta Nagardas Pragjibhai
Publisher: Mehta Nagardas Pragjibhai

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Page 29
________________ णयरीयो ॥ १५७ ॥ खेमा १ खेमपुरा २ वि श्र, अरिट्ठ ३ रिट्टावई ४ य णायवा। खग्गी ५ मंजूसा ६ वि य, अोसहिपुरि ७ पुमरिगिणी ज्य ॥१५९॥ सुसोमा ९ कुंमला १० चेव, अवराविथ ११ पहंकरा १२ । अंकव १३ पम्हावर १४, सु. ना १५ रयणसंचया १६ ॥ १६० ॥ आसपुरा १७ सीहपुरा २७, महापुरा १९ चेव हव विजयपुरा २०। अवराश्या २१ य अवरा १२, असोगा २३ तह वीअसोगा २४ य ॥ १६१ ॥ विजया १५ य वेजयंती २६, जयंति २७ अपराजिया २८ य बोधवा । चक्कपुरा २९ खग्गपुरा ३०, होश अवज्जा ३१ अउज्जा ३१ य ॥१६१॥ कुंमनवा न गंगासिंधूयो कछपम्हपमुहेसु । अट्ठसु विजएसुं, सेसेसु य रत्तरत्तवई॥१६३॥ अविवक्खिऊण जगई, सवेश्वणमुहचउक्कपिहुलत्तं । गुणतीससय वीसा, णति गिरिशंति एगकला ॥ १६४ ॥ पणतीस सहस चढ सय, मुत्तरा सयल विजयविखंजो। वणमुहगविक्खंनो, अमवएण सया य

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