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विषय सोलह उत्पादनदोषोंके नाम सोलह उत्पादनदोषोंके प्रत्ये
तथा
कका स्वरूप, भेदका स्वरूप वर्णन दस अशनदोषोंके नाम दश प्रकार अशन दोषोंका स्वरूप तथा भेद, भेदोंका स्वरूप वर्णन
संयोजनादोष तथा प्रमाणदोका वर्णन अंगारदोष, धूमदोषका वर्णन आहार लेनेका तथा आहार छोडनेका वर्णन भोजनकी शुद्धताका वर्णन १८७ चौदहमलोंके नाम प्रासुक आहार तथा द्रव्यक्षेत्र
कालभावकी
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पू. सं. विषय
१७६ पंचपरमेष्ठीका स्वरूप पंच
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१७६ | सामायिक नियुक्तिका वर्णन
१८२
१८५
णमोकार मंत्रकी महिमा १९७ छह आवश्यकोंके नाम २०१
वर्णन १८२ | चतुर्विंशतिस्तवनका छह प्रकार
निक्षेप
शुद्धताका वर्णन पूर्वक एषणा समितिकी विशुद्धिका वर्णन १९० भोजनके बत्तीस मुख्य अंत
राय तथा अन्य अनेक अंतराय का वर्णन १९३ अंतमंगल अधिकार छठा पूर्ण १९६ डावश्यकाधिकार |७| (१५९) मंगलाचरण पूर्वक आवश्य
कके स्वरूप कहने की प्रतिज्ञा १९६
तथा - नाम स्थापना द्रव्य
क्षेत्रकालभावभेदोंसे विशेष
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गाथारूपस्तवनपाठका विशेषण विशेष्य प्रति अर्थ कर विशेष वर्णन वंदनानिर्युक्तिके छह निक्षेप
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पृ.सं.
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कथन १८९ कृतिकर्म चितिकर्म पूजाकर्म विनयकर्मों का वर्णन २१९ विनयकर्म में लोकानुवृत्तिविनय अर्थनिमित्तविनय कामतंत्रविनय भयविनय और मोक्षविनय इसतरह पांच भेद वर्णन
मोक्षविनयके पांच भेद दर्शन ज्ञान चारित्र तप विनय औपचारिकविनय इनका विशेष वर्णन
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