Book Title: Mulachar
Author(s): Manoharlal Shastri
Publisher: Anantkirti Digambar Jain Granthmala

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Page 9
________________ विषय पृ. सं. विषय पृ. सं. संक्षेपतरप्रत्याख्यान ।३। (१४) उपसंहारकर समाचार अधि. मंगलाचरण संक्षेपसंन्यासका कार समाप्त .... ८७ वर्णन .... .... ५० पंचाचाराधिकार । ५। (२२२) समाचारनामाधिकार ।। (७६) मंगलाचरण, पंचाचार कहमंगलाचरण, समाचारका सं- नेकी प्रतिज्ञा .... ८८ क्षेपस्वरूप, औधिक पद- आठ प्रकार दर्शनशुद्धिका विभागिक भेदोंका वर्णन ५७ | __ वर्णन .... .... औधिक समाचारका संक्षे- सम्यक्त्वका स्वरूप वर्णन .... पस्वरूप निर्णय .... ५८ जीवतत्वका भेद तथा पृथिवीपदविभागीका संक्षेपस्वरूपकथन ६० __ कायका वर्णन .... औधिकसमाचारका विशेषख- जलकाय अग्मिकाय पवनका___ रूपनिर्णय.... .... ६० ____यका वर्णन पदविभागिकसमाचारका नि- वनस्पतिकायका वर्णन .... रूपण, उसमें कोई मुनि- त्रसकायका वर्णन राज अपने गुरूके पास | जीवोंके कुल, योनि, मार्गणा सब श्रुत सीखकर आचा- तथा जीवके लक्षणका र्यकी आज्ञा ले परगणमें वर्णन .... .... ९६ विहार करें, वहां अन्यसं- अजीवतत्त्वका वर्णन .... ९९ घके आचार्यके पास जाकर पुन्यपापपदार्थ, आस्रव संवर परस्पर परीक्षाकरें उनके निर्जरा बंध मोक्षपदार्थोंका पास सूत्रार्थ सीखें और वर्णन .... .... १०१ उनके अनुकूल जैसे हो | सम्यग्दर्शनके शंकादि आठ वैसे प्रवर्ते उसका विशेष दोषोंका वर्णन दर्शनावर्णन .... .... ६६ चारका वर्णन .... १०५ आर्याओंका समाचार वर्णन ८३ ' ज्ञानाचारका वर्णन, वहां का

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