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विषयानुक्रम
मिश्य
छन्द संख्या
१२-१६
সালোয়] । जिनवाणी को नमस्कार ग्रन्थ-विषय ग्रन्थ के अध्ययन का फल नवम रस सम्बन्धी प्रस्तुत ग्रन्थ के अनधिकारी श्रोता ग्रन्थ-कथा प्रारम्भ राजा चेतन एवं उनका परिवार राजा चेतन की पटरानियाँ मोह राजा द्वारा युद्ध की तैयारी पट्टरानी निवृत्ति का पुण्यपुरी गमन उसके पुत्र विवेक का सुमति के साथ विवाह मोह राजा चार दतों को बुलाकर उन्हें विवेक का
पता लगाने के लिए भेजता हैं कपट नामक दृत का पुण्यपी में भ्रमण मोह राजा का कपट से ग़नी निवृत्ति एवं विवेक
का वृत्तान्त पूछना कपट नामक दूत के द्वारा पुण्यपुरी की प्रशंसा मोह राजा द्वारा सभा का बुलाया जाना वीर मन्मथ की घोषणा ऋतुराज वसन्त का आगमन दुस्सह मदनराज का पराक्रम मदन का अपने नगर में वापिस लौटना मदन द्वारा माता-पिता के चरण-स्पर्श करना मदन का रति के पास पहुँचना रलि-मदन संवाद पदन का क्रोधित होकर धर्मपरी का अंर प्रयाण कलिकाल माह संवाद
२१-२२ २३-३१
३४-३६ ३७-४४
५८ - 1. ५
७१.८२