Book Title: Kuvalayamala Katha Sankshep
Author(s): Udyotansuri, Ratnaprabhvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 169
________________ १५० उज्जोयणसूरिविरइया [६२४३ ता फुडा होहिह एत्य मे पउत्ती, ता इमिणा चेव वञ्चामि त्ति चिंतयंतो समुट्टिओ कुमारो। जाव थोवंतरं गमओ ताव पेच्छइ । णायरिया-वंद्र जल-भरियारोविय-कुडयं । तं च दट्टण तस्स य मग्गालग्गो णिहुय-पय-संचारो गंतुं पयत्तो । भणियं एकाए Bणायरियाए 'मा, एसा उण कुवलयमाला कुमारिया चेय खयं जाहिइ, ण य केणइ परिणावेहिइ' । अण्णाए भणिय 'किं ण रूवं । सुंदरं । किं तीय ण विहिणा विहिया वीवाह-रत्ती, जह' णाम स्व-जोवण-विकास-लास-लोहग्ग-मडप्फर-ब्विया कुल-रूव. विहव-संपुण्णो वि णेच्छइ णरणाहउत्तो' । अण्णाए भणियं 'केरिसं तीए रूवं जेण एरिसो मडप्फरो' । अण्णाए भणियं कि तीए ण स्वं सुंदर सुंदरेण मोर-कलाव-सरिसेण केस-पब्भारण, कमल-दल-णिलीण-भमर-जुवलेण व अच्छिवत्तएण,तेल-धारा-6 समुजायाए णासियाट, पुण्णिमायंद-सरिसेणं मुहेणं, हत्थि-कुंभ-विभमेणं थणवट्टेणं, मुट्टिनोउझेणं मज्झ-देसेण, कणय-कवाडसरिसेण णियंबयडेण, मुणाल-णाल-सरिसेणं बाहा-जुवलेणं असोय-पल्लवारगेणं चरण करयलेग कित्तीए रूवं वण्णीयइ'। 9 अण्णाए भणियं 'हूं केरिसं तीए रूवं, जा काला काल-वण्णा णिक्किटु-भमर-वण्णा' । अण्णाए भणिय 'सच्चं, सच्च' । ताए . भणिय 'लोमओ भणइ, काला किंतु सोहिया' । अण्णाए भणयं 'अगेय-मुत्ताइल-सुवण्ण-रयणालंकार-चंचइया अहं तीए माणं खंडेमि' । अण्णाए भणियं 'ण एत्य रूवेण ण वा अण्णेण, महादेव-देवी पसण्णा, तीसे सोहग्गं दिणं' । अण्णाए भणिय 12 'एरिसं किं पिउववुत्थं जेण से सोहग्ग जाय' । अण्णाए मणिय ज होउ तं होउ अस्थि से सोहग्ग, कीस उण ण परिणि-12 जइ' । अण्णाए भणियं 'किर केण वि जाणएण किं पि इमीए साहियं तप्पभुइं चेय एस पादओ लंबिओ' । 'तं किर कोइ जह भिंदिहिइ सो मं परिणेहिइ, अण्णहा ण परिणेहिइ ति वेणी-बंध काऊण सा ठिय'त्ति भगतीओ ताओ भइकताभो। 16 कुमारो वि सहास-कोऊहल-फुल-णयण-जुयलो चिंति पयत्तो । 'अहो, लोगस्स बहु-वत्तवालावत्तगं। ता धडइ तं रिसिणो 18 वयणं जहा पादयं लंबेहिइ त्ति । तेण णयरिं पविसामि । सविसेस से पउत्तिं उवलहामि चिंतयंतो उवगओ के पि पएस। दिटुं च महंत मद । तत्थ पुच्छिओ एक्को पुरिसो 'भो भो पुरिसा, इमो कस्स मंदिरवरो' ति । तेण भणिय 'भट्टा भट्टा 18 होइ इम मंदिरं किंतु सब्व-चट्टाणं महें' । कुमारेण चिंतियं 'अरे, एत्थ होहिइ फुडा कुवलयमाला-पउत्ती । दे मढं चेय 18 पविसामि। पविट्ठो य मढं । दिट्ठा य तेण तम्मि चहा । ते य केरिसा उण । अवि य । लाडा कण्णाडा वि य मालविय-कणुज्ज-गोल्लया केइ । मरहट्ट य सोरट्ठा ढका सिरिअंठ-सेंधवया ॥ 21 किं पुण करेमाणा । अवि य । धणुवेओ फर-खेडं असिघेणु-पवेस-कणय-चित्त-डंडं च । कुतेण लउडि-खं बाहु-जुझ णिउद्धं च ॥ मालेक्ख-गीय-वाइय-भाणय-डोंबिल्लिय-सिग्गडाईयं । सिक्खंति के वि छत्ता छत्ताण य णञ्चणाई च ॥ 24६ २४४) ते य तारिसे दरिउम्मत्त-महाविंश-वारण-सरिसे पलोएंतो पविट्ठो कुमारो। दिटामो य तेण वक्खाण-24 मंडलीओ। चिंतियं कुमारेण 'भए, पेच्छामि पुण किं सस्थं वक्खानीयइ । तओ अल्लीणो एक वक्वाण-मंडलिं जाव पयइ पञ्चय-लोवागम-वण्ण-वियारादेस-समासोवसग्ग-मम्गणा-णिउग वागरणं वक्खाणिजइति। अण्णत्थ रूव-रस-गंध-फास-सह27 संजोय-मेत्त-कप्पणा-रूवत्थ-खण-भंग-भंगुरं बुद्ध-दरिसणं वक्खाणिज्जइ । कथइ उप्पत्ति-विणास-परिहारावत्थिय-णिच्चेग-सहावा- 27 यस्व-पयइ-विसेसोवणीय-सुह-दुक्खाणुभवं संख-दरिसर्ण उग्गाहीयइ। कथइ दव-गुण-कम्म-सामण्ण-विसेस-समवाय-पयस्य. रूव-णिरूबणावटिय-भिण्ण-गुणायवाय-परूवणपरा वइसेसिय-दरिसणं परूचेति । कहिंचि पञ्चक्खाणुमाण-पमाण-छक-णिरू30 विय-णिच्च-जीवादि-पत्थि-सव्वण्णु-वाय-पद-चक्कप्पमाणाइवाइणो मीमंसया। अण्णत्थ पमाण-पमेय-संसय-णिण्णय छल-जाइ- 30 1) P तप्फडा होइमे पउत्ती. 2) P नयरिया, P कुडई, . च for एकाए, Pएकोए. 3) Pमाए पसा Jom. किमरूवं संदर, P किं मरूवं. 4) P om. तीय, P adds य befor, विहिणा. Jinter. विहिआ विहिणा. P विहिया विह दियएसु वोलिए बलदेवूसवेस etc. (the pas3age repeated here as on p. 148 line 12 to p149 line 1) to पणइयणं, Pवाह for वीवाद, रती for रत्ती, Jadds किम विहिआ before जइ, Pom. लास. 5)P संपुन्ने, Jणरणाहपुत्तो, तीअ,वीय रूवं सुंदरसुंदरेण. 6)P ने for ण, जुवलेण धवलच्छीवत्तएण जुवलेण व अच्छिवत्तणं 7) समुज्जअए, मज्झेण, P चक्कायारेण for कवाडसरिसेग. 8) P बाहुजयलेयर्ण,चलण, J कित्तीय P किं तीए, वत्रीयति. (originally perhaps पुच्छीयति)P पुच्छइ for वण्णीयइ.9)P९, तीय, P कालवन्न. 10) तीय. 11) खंडीए for खंडेमि, P स्वेग वा अन्नण वा सहदेवी पसत्ता तीसे. J तीय से for तीसे. 12) Pउववत्वं, Jउववुत्थं किं अपुण्णाए जेग से सोदम्ग। अण्णाए, कीस पुण. 13)JP तप्पभूई, P पाईओ लंबिउँ।. 14)जो for जर, भिदिहिति P निदिहिइ [विदिहि १), J परिणिहिति P परिणेहित्ति, परिणेहिति परिणेति, PR forसा, P भगंतीओ अइकनाओ. 15) Pकोऊ लुप्फुल, P पयत्ता, लोअस्स, Jएअं तस्स for तं. 16)P पायायं for पादयं,J लंबेहिति, Pom. त्ति, Pom.से, पउत्तिमुव, मुगवओ for उगवओ. 17)Pon. इमो. 19)Pinter. संमि & तेण, P adds य after चट्टा, ते या केउगा. 20)Pमालविया कभुज, कुडुक for कणुज्ज, P करय for केर, टक्का सिरिअंठसेंध" Pढका किरिअगसेंध'. 21)P करेमाणो. 22) Pफरुर्खेदं असिधणु, P चित्तदं च । कुतेग, कुंतो लउडीजुझं णिउद्धं च ।, P बाहुजुद्ध निजुद्धं च. 23) गीतवाइत, नाणयाडोंबिलयासेंग्गढाईया। णिक्खंति के वि छत्ताण. 24) Pom दरि, सविसेस for सरिसे, P दिट्ठा ठ तेग. 25) अरे पुच्छामि, Jadds कम्मि before पुण, वक्खाणीयति P वक्खाणियद, Pom एक, पयति- 26) P -विगारा', P om. त्ति, P संजोयनिमित्तकम्मणा. 27) Jखल for खण,J वक्खाणीयति, J सहावातरूवपयहि- सहावासरूव.. 28) P-सह दुक्खाणभवं,J रुवं for भवं, उग्गाहीयति है उग्गाहें ति. 29)i om. रूब, P निरूवणाठितिभिन्न. गुणातवात:, Pom. पमाण. 30) P "जीवाद:. सव्ययण् गुवातपततवकप्पमाणातिवातिणो, P मिम्मंसणया, -पमेय, समय for संसय, जाति-- Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.

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