Book Title: Kuvalayamala Katha Sankshep
Author(s): Udyotansuri, Ratnaprabhvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 233
________________ २१४ उज्जोयणसूरिविराया [$३३१1 अगणिय-कजाकजा रागहोसेहि मोहिया तइया । जिणषयणम्मि ण लग्गा एहि पुण किं करीहामो॥ जइया घिईए वलिया कलिया सत्तीए दप्पिया हियए । तइया तवे ण लग्गा भण एहि किं करीहामो ॥ ३ जइया णिहर-देहा सत्ता तव-संजमम्मि उज्जमिडं । ण य तइया उज्जमियं गम्हि पुण किं करीहामो॥ जइया मेहा-जुत्ता सत्ता सयलं पि आगमं गहिउं। ण य तइया पव्वइया एम्हि जड्डा य वडा य ॥ इय वियलिय-णव-जोव्वण-सत्तिल्ला संजमम्मि असमत्था । पच्छायाव-परद्धा पुरिसा झिजंति चिंता ॥ जइ तइया विरमंतो सम्मत्त-महादुमस्स पारोहे । अज्ज-दियहम्मि होतो सत्थे परमत्य-भंगिल्लो ॥ जह तइया विरमंतो सुय-णाण-महोयहिस्स तीरम्मि । उच्चतो अज्ज-दिणं भव्वाइँ य सेस-रयणाई॥ जइ तइया विरमतो आरूढो जिण-चरित्त-पोयम्मि । संसार-महाजलहिं हेलाए चेय तीरंतो । जह तइया विरमंतो तव-भंडायार-पूरियप्पाणो। अज्ज-दिणं राया हं मुणीण होतो ण संदेहो ॥ जइ तइया विरमंतो वय-रयण-गुणेहिँ वढिय-पयावो । रयणाहिवो ति पुजो होतो सव्वाण वि मुणीणं ॥ जइ तइया विरमंतो रज-महा-पाक्-संचय-विहीणो । झत्ति खवेतो पावं तव-संजमिओ अणतं पि॥ जइ तइया विरमंतो तव-संजम-णाण-सोसियावरणो । णाणाण कं पिणाणं पावेतो अइसयं एहि ॥ इय जे बालत्तणए मूढा ण करेंति कह वि सामण्णं । सोयंति ते अणुदिणं जराएँ गहियाहमा पुरिसा ॥ ता जइ कहं पि पावइ अम्हं पुण्णण को वि आयरिओ। ता पम्वयामि तुरियं अलं म्ह रजेण पावणं ॥ 16६ ३३२) इमं च चिंतयंतस्स पढियं पहाउय-पाढएणं । अवि य । हय-तिमिर-सेण्ण-पयडो णिवडिय-तारा-भडो पणटु-ससी । विस्थय-पयाव-पसरो सूर-णरिंदो समुग्गमह॥ इमं च सोऊण चिंतिय राइणा 'अहो, सुंदरो वाया-सउण-विसेसो । अवि य । 18 णिजिय-गुरु-पाव-तमो पण?-गुरु-मोह-णरवइप्पसरो । पसरिय-णाण-पयावो जिण-सूरो उमगओ एहि ॥ चिंतयतो जंभा-वस-वलिउध्वेल्लमाण-भुय-फलिहो, 'नमस्ते भोग-निर्मुक्त नमस्ते द्वेष-वर्जित । नमस्ते जित-मोहेन्द्र नमस्ते ज्ञान-भास्कर ॥ इति भणंतो समुट्टिओ सयणाओ । तओ कुवलयमाला वि 'णमो जिणाणं, णमो जिणाण' ति भणमाणी संभम-बस-सलमाणखलंतुत्तरिजय-वावडा समुट्ठिया। भणिो य णाए राया 'महाराय, किं तएं एत्तियं वे दीहुण्ह-मुक्क-णीसासेणं चिंतियं आसि' । राइणा भणियं "किं तए लक्खियं ताव तं चेय साहेसु, पच्छा अहं साहीहामो' ति । कुवलयमालाए भणियं । 24 "महाराय, मए जाणिय जहा तइया विजयपुरवरीए णीहरतेण तए विण्णत्ता पवयण-देवया जहा 'जइ भगवइ, जियंत १५ पेच्छामि णरणाह, रजाभिसेयं च पावेमि, पच्छा पुत्तं अभिसिंचामि, पुणो पव्वजं अंते गेण्हामि । ता भगवइ, देसु उत्तिम सउण'ति भणिय-मेत्ते सव्व-दब्व-सउणाणं उत्तिमं मायवत्त-रयणं समप्पियं पुरिसेणं । तओ तुम्हेहिं भणियं 'दइए उत्तमो 7 एस सउणो, सब्व-संपत्ती होहिह अम्हाण'ति । ता सव्वं संजायं संपइ पव्वजा जइ घेप्पइ' त्ति । इमं तए चिंतियं' ति । णरवइणा भणियं 'देवि, इमं चेय मए चिंतियं' ति । मवि य । पुहईसार-कुमारो अमिसित्तो सयल-पुहइ-जम्मि । संपइ अहि सिंचामो संजम-रनम्मि जइ अम्हे ॥ 30 कुवलयमालाए भणियं । 'देव, जाव इमं चिंतिजइ अणुदियह सूसमाण-हियएहिं । ताव वरं रइयमिण तुरिओ धम्मस्स गइ-मग्गो ॥' राइणा भणियं । 'देवि, जइ एवं ता मग्गामो कत्थ वि भगवंते गुरुणो जेण जहा-चिंतियं काहामो' ति भणतो राया। २३ समुट्टिओ सयणाओ, कायव्वं काऊण समाढत्तो। 33 1) J रायबोसेहि, मोहिय तईया, P करीहार for करीहामो and then repeats four lines from बलुम्मत्ता तश्या etc. to एहि पुण किं करीहामो, Jadds a line जश्या मेहंजुत्ता सत्ता सयलं पि आगमं गहिउं which ocours at its place below (line 4). 2) पितीय P वितीए for घिईर, वलिया for कलिया, दूणिया for दप्पिया. 3) Pउज्जमियं, P तश्या उज्जमिया. 4) सयलंमि आगमं, P एहिं जड्डा. 5) P परद्धा परिम्महिज्जंति. 6) भंगिले. 7) Pom. य,P सीस for सेस. 8) P सइया for तइया, पोतम्मि. 9) पूरियप्पण्णो. 10) रयणायरो त्ति पुरिसो होतो. 11) संचिय, P ज्झत्ति, "अणंत मि. 12) Pसोहियाभरणो. 13) P सामणं ।। 14) P कोइ for को वि, JP अलम्ह. 16) Jom. णिवडियतारामडो, P निपडिय', J विणियप्पावपसरो for वित्थयपयावपसरो. 17) Pराइणो. 19) चिंतयं भावसलिलि-. ओवेल्लमाणुभुय. 21) Jom. णमो जिणाणं ति, P संभवः,P ललमाणंतुत्तरिज्जय. 22)J'तुत्तारे जंतय. 23) Pरायणा, Pi चिय, साहिमो त्ति. 24) Jom. महाराय मए जाणियं, बिजयपुरीए. 25) P अभिसंचयामि, वित्तिमं for उत्तिम. 26) Pom. दव्य, P उत्तमं, P repeats उत्तमं आयवत्तरयणं, तुरमेहि for तुम्हे हिं, P चइए, for दइए. 27) Pहोही for होहिद, , सम्वत्तं जार्य संपयं पन्वज्जा, Judds च before तए. 28) Jadds y before देवि. 29) P असहि सित्तो सुयलपुरज्जमि. ३1) Pवितिजंति, P गतिमग्गो.32) Pदेव for देवि, J कत्थइ for कत्थवि. Jain Education International www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only

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