Book Title: Kuvalayamala Katha Sankshep
Author(s): Udyotansuri, Ratnaprabhvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 278
________________ -§ ३९९ ] कुवलयमाला 1 णिज्झीण-पुरुव-विहवा पुरिसा पुरओ ठिया ण दीसंति । दारिइंजण-जुत्ता पत्तिय-सिद्ध व्व दीसंति ॥ इमं च एरिसं भाऊनं सर्वमुदेवरस जणणीए भणिओ सर्वभुदेवो । अनि य 3 पुस पण-सार-रहिलो उवहसथिलो जणम्मि सम्बम्मि मय-किरियाऐं विणो जीवंत मयलको पुरिसो ॥ अम्हाण तुमं पुरिसो णिक्खित्तं तुह कुटुंब भारं ति । ता तह करेसु पुत्तय जह पिउ-सरिसं कुणसि अत्थं ॥ डिणो तुम पि पुचय पंडिय-पढिलो व सूर-चित्तो यता तह करेसु संप जह जिय कुवम | § ३९८) एवं च दीण-करुणं भणिओ जणणीए इमो सयंभुदेवो अहिय-संजाय-मण्णु-गग्गर-वयणो भणिउमादत्तो । 6 अवि य । 6 पुण्णेहिं होइ अन्यो अम्दे पुण्याई माएँ पढाई पेण विहव-किरणे रवि व्य सो चेय अत्यमिभो ॥ एक्कस्स होइ पुण्णं ण पोरुसं दोण्णि होंति अण्णस्स । अण्णो दोहिं पि विणा सपोरुसो पुष्ण-रहिओ य ॥ पुण्णेहिं होइ लच्छी भलसा महिल त्र णाम- मेत्तेण । पुण्ण-णियलेहिँ बद्धा अण्णमणा चेय बंदि व्व ॥ जो पुण्ण-पोरुसेहिं लच्छी पुरिसस्स होइ दोहिं पि । सुरय-वियङ्का पोढ व्व सहइ सा वंचियं साहुं ॥ जा पुण पुणे विणा एक्केणं पोरुसेण णिव्वडिया । अथिरा सा होइ पुणो णव- पाउस-विज्जु-रेह व्व ॥ पोरुस - पुण्ण-विहूणा लच्छी घेत्तुं ण तीरइ जणेण । चवलत्तण- दुल्ललिया माए जल-चंद -रेह व्व ॥ पुण्ण-रहियाण अम्हं अम्मो सत्तेण किं पि जइ होइ । तं तं करेमि एहि जं भणियं तं खमिजासु ॥ 15 चि भणतो विडियो चलणे, समुट्टियो व भणियं च तेण अवि य । भमिण सयल-पुहई छाउव्वाभो खुद ति पडिऊण । अवि णाम मरेज अहं भकयत्थो णो घरं एमि ॥ भितो नितो मंदिराम सो बंभण-दारभो । तप्यभूई च यर-पुर-सोहियं वसुंधरं भमिटमादो कविय वर-पुर-खेड-ड-गामागर-दीव तह-मईयेसु दोणमुहाडद्द - पट्टण-आराम पवा-विहारेषु ॥ एवं प tre परिमग्गिरो सो सन्वोवायाइँ णवरि काऊण । भमिऊण सयल-पुद्दई चंपा-णयरिं समणुपत्तो ॥ 9 12 18 २५९ 12 Jain Education International 15 ६ ३९९ ) सत्य य अभंगए दिजवरे ठहय-दुवारे सव्वम्मि यरि-गणव चिंतियं तेण 'दे पुत्व जुण्णुजाणे 21 विसिय एकम्मि पायवे समारुहिऊण राइ-सेसं णेमि त्ति चिंतयंतो पविट्टो आरूढो य एक्कम्मि तमाल-पायवस्मि । 21 तत्थ य अच्छमाणो चिंतिउं पयत्तो । अवि य । For Private & Personal Use Only 18 'जम्बो भवन्वानो उदर-दरी-भरण- वावडो दिवई । तरु-साहासु पसुतो पक्खा-रहिलो अहं काज ॥ 24 ता धिरथु इमस्स अम्ह जम्मस्स, ण संपत्तं किंचि मए अस्थं, जेण घरं पविसामि' चि चिंतयंतेण णिसुभो कस्स 24 अच्छिउं पयत्तो जाव एक्केण भणियं । दुवे वि वणिवत्ता निरुवियाको इमम्मि पदेसे' चि भणते तेण 27 वि सहो । तभो 'अहो, को एत्थ जुण्णुजाणे मंतेइ' त्ति जायासंको आयण्णयंतो 'एस रामास पायवो इसस्स अधे कीरड हमें कर्ज' ति भणता संपत्ता तमाल- पाय 27 तेहिं दस वि दिसाओ । तभो भणिवं । 'अहो, सुंदरं इमं ठाणं, ता दे णिण खनिउमाढतं तं पसंतरं । णिक्खित्तं च तत्थ तेहिं तंबमय-करंड, पूरियं धूलीए, वेलि-लयाहिं कथं साहिण्णाणं । ततो तेहिं भणियं । अवि य । 0 ' जो एत्थ को विरक्खो भूय-पिसानो व्व होज अण्णो वा । णासो तस्स णिहित्तो पालेज्जसु अद्द पसाएणं ॥ ति भणिरं जधायं पडिगया । चिंतियं च इमेण । अहो, जं जेण जहिं लइया जन्तियमेतं च वस्स पासानो तेण तर्हि तया पाविज तत्तियं चेय ॥ 33 जेण पेच्छ । 30 P 1) P णिज्जीण, ट्ठिआ ट्ठिया, 'जगसिद्धा पत्तिय. 2 ) P एरिसं नाऊणं भुदेवस्स 3 ) P सव्व for मय, P जीय व्व मयलओ. 4 ) P अम्हा तुमं, P तह कुटुंब, P पिओ सारिसं. 5 ) P पंडियओ सूर - 6 ) Padds स before दीण, P इमं for इमो, अहिअंजाय, adds माए after अवि य. 8 ) P करणे, P चेव. 9 ) P होई अत्थं पुन्नेहिं पोरुसेण दिनं पि । P दो for दोहिं, P विणा अपुरुसो. 10) मो. P 11) P होति, सुरयावियड्डू, P सव्वंगियं for सा वंचियं, P साहू for साहु. 12) जो पुन, एके पुरियेण निम्बरिया, विवरेह 13 विहीना, P, P रेहि- 14 > P होइ । ता तं भणिया तं खमेज्जासि. 16 ) P पुइ, JP खुड्डत्ति, P ति for त्ति, P मरेज्जाई. 17 ) तप्पभूई. 19 ) P अत्थि for अत्थ, Pom. भमिऊण, पुती, पं. 20 ) अत्यंगदे, P दिणयरट्ठविय, P घर for जयरि, P जिगुज्जाणे परिवसिय 21 ) Jom 22 ) P तत्थ माणो चिंतिउं. 23 ) J उअर for उदर, P तव for तरु. 24 ) P तो for ता, Padds जं before अम्ह, P संसतं किंपि गए. 25 ) P जिज्जाणे, P अण्णेण for एक्केण. 26 ) P अहो for अधे, Pom. ति, J adds à before तमाल, दुवे वियत्ता दुवे वणियउत्ता 27 ) P दसा दिसाओ, JP ततो for तओ, P इमं थाणं ता देहिंमि हणनु, P परसे, Jom. 30 ) १ वि रुक्खे भूय-, F 32 ) P जत्तिमेतं, P चेष . 28) खणिउमाढत्तो, Jom. तंत्रमय, Jom. धूलीए, P वल्लि for वेल्लि. 29 ) उ ततो. अण्णा वा अम्द पसरणं. 31 ) र जधागतं, P जहागया तहा पडिगया, Pom. च, Pom, अहो J for चेय. 33 www.jainelibrary.org.

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