Book Title: Kuvalayamala Katha Sankshep
Author(s): Udyotansuri, Ratnaprabhvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
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-३३१]
कुवलयमाला
२१३
1 वि महाभय, तह वि पसत्तो भोएसु, उम्मत्तो विसएसु, गन्विओ अत्थेसु, लुद्धो विहवेसु, थद्धो माणेसुं, दीणो अवमाणेसु, ।
मुच्छिओ कुटुंबेसु, बद्धो सिणेह-पासेसु, गहिओ माया-रक्खसीए, संजमिओ राय-णियलेहिं, पलित्तो कोव-महाजलणेण, ३ हीरतो आसा-महाणइप्पवाहेणं, हिंदोलिजंतो कुवियप्प-तरंग-भंगेहिं, दिण-पक्ख-णक्खत्त-करवत्त-दंतावली-मुसुमूरिमो ३
महाकाल-मधु-वेयालेणं ति । ता सन्वहा एवं ठिए इमं करणिज, पव्वज घेत्तूर्ण उप्पण्ण-वेरग्गो तव-संजमं करेहामि त्ति चिंतयंतो भणिओ वयंसएहिं । 'कुमार, किं णिमं सत्थ-सरीरस्स ते मुच्छा-वियारों' त्ति । तेण भणियं 'ममं आलि उयरे 6 अजिण्ण-वियारो, तेण मे एसा भमली जाय' ति ण साहिओ सम्भावो वयंसयाणं ति । एवं च वच्चंतेसु दियहेसु अणिच्छतो वि अहिसित्तो जोयरजाभिसेए कुमारो, कुवलयचंद-राइणा भणिओ 'पुत्त, तुम रजे, अहं पुण तुज्झ महल्लओ त्ति ता करेसु रज' ति। कुमारेण भणियं 'महाराय, अच्छसु तुम, अहं चेव ताव पब्वयामि ति । राइणा भणियं 'पुत्त, सुमं अज्ज वि बालो, रज-सुहं भणुभव, अम्हे उण भुत्त-भोगा । इमो चेय कुलकमो इक्खागु-वंस-पुब्ध-पुरिसाणे जं जाए पुत्ते अभिसित्ते . परलोग-हियं कायग्वं ति । एवं भणियं सन्च-महल्लएहिं । ठिओ कुमारो।राया वि णिबिण्ण-काम-भोगो पम्बजामिमुहो
संजम-दिण्ण-माणसो मच्छिउं पयतो कस्स वि गुरुगो आगमणं पढिच्छंतो ति। 12 ३ ३१) एवं च अण्णम्मि दिणे दिण्ण-महादाणो संमाणियासेस-परियणो राया कुवलयमालाए सम किं-किं पि12 कम्म-धम्म-संबद्धं कहं मंतयंतो पसुत्तो। पच्छिम-जामे य कह-कह वि विबुद्धो चिंतिड पयत्तो । अवि य ।
कइया खणं विषुद्धो विरत्त-समयम्मि काय-मण-गुत्तो। चरण-करणाणुयोग धम्मज्झयणे अणुगुणस्सं ॥ 18 कइया उवसंत-मणो कम्म-महासेल-कढिण-कुलिसत्थं । वजं पिव अणबज काहं गोसे पडिक्कमणं ॥
कइया कय-कायग्बो सुमणो सुत्तस्थ-पोरिसिं काउं। वेरग्ग-मग्ग-लग्गो धम्मज्झाणम्मि वहिस्सं ॥
कइया णु असंभंतो छ?हम-तव-विसेस-सूसंतो। जुय-मेत्त-णिमिय-दिट्ठी गोयर-चरियं पवजिस्सं ॥ 18 कइया वि हसिजतो णिदिजतो य मूढ-बालेहिं । सम-मित्त-सत्तु-चित्तो भमेज भिक्खं विसोहेंतो॥
कइया खण-वीसंतो धम्मज्झयणे समुट्टिओ गुणिडं । रागहोस-दिमुक्को भुंजे सुत्तोवएसेण ॥ कइया कय-सुत्तस्थो संसारेगत्त-भावणं काउं । सुण्णहर-मसाणेसुं धम्मज्झाणम्मि ठाइस्सं ॥ कइया णु कमेण पुणो फासु-पएसम्मि कंदरे गिरिणो । आराहिय-चउ-खंधो देहच्चायं करीहामि ॥ इय सत्त-सार-रहिमो चिंतेइ च्चिय मणोरहे णवरं। एस जिओ मह पावो पावारंभेसु उज्जमइ ॥ चण्णा हु बाल-मुणिणो बालत्तणयम्मि गहिय-सामण्णा । अणरसिय-णिव्विसेसा जेहिं ण दिवो पिय-विभोओ ॥ धण्णा हु बाल-मुणिणो अकय-विवाहा भणाय-मयण-रसा । अहिट-दइय-सोक्खा पन्बज जे समल्लीणा ॥ घण्णा हु बाल-मुणिणो अगणिय-पेम्मा भणाय-विसय-सुहा । अवस्थिय-जिय-लोया पब्वजं जे समल्लीणा ॥
धण्णा हु बाल-मुणिणो उज्जय-सीला आणाय-घर-सोक्खा । विणयम्मि वद्दमाणा जिण-वयणं जे समल्लीणा ॥ 7 धण्णा हु बाल-मुणिणो कुटुंब-भारेण जे य णोत्थइया । जिण-सासणम्मि लग्गा दुक्ख-सयावत्त-संसारे ॥
धण्णा हु बाल-मुणिणो जाणं अंगम्मि णिव्वुडो कामो। ण वि णाओ पेम्म-रसो सज्झाए वावड-मणेहिं ॥
धण्णा हु बाल-मुणिणो जाय चिय जे जिणे समल्लीणा । ण-यणति कुमइ-मग्गे पडिकूले मोक्ख-मग्गस्स। 30 इय ते मुणिणो धण्णा पावारंभेसु जे ण वहति । सूडेंति कम्म-गहणं तव-कडिय-तिक्ख-करवाला ॥
भम्हे उण णीसत्ता सत्ता विसएसु जोव्वणुग्मत्ता । परिवियलिय-सत्तीया तव-भारं कह वहीहामो ॥
पेम्म-मउम्मत्त-मणा पण?-लजा जुवाण-कालम्मि । संपइ वियलिय-सारा जिण-वयणं कह करीहामो॥ 33 सारीर-बलुम्मत्ता तइया अप्फोडगेक-दुललिया। ण तवे लग्गा एण्डि तव-भारं कह वहीहामो॥
1) Pपमत्तो for पसत्तो, P विम्मत्तो for उम्मत्तो. 2) कुटुंबेसु, P सिणिह, रक्खसीसु, रायणिअणेसु. 3) महाणईपवाहेणं, P वियप्प for कुवियप्प, J बरकरणत्त-. 4) P मधून एवं ट्ठिए. 5) P चिंतियंतो, किंणिमिश्र, Pकिण्णिमसत्थः, Jए for ते, P अउरे for उयरे. 6) अजिण्णे, वयंसाण त्ति ।, Jom. 'न, Jom. अणिच्छतो वि. 7)" अभिसित्तो, 8) Jom. अहं चेव ताव पब्वयामि त्ति राइणा भणियं पुत्त तुमं, P _ for तुमं. 9) भत्तभोआ, Pom. पुब्व, Jadds य after अभिसित्ते. 10) परलोअहि, Jom. ति, भणिओ for भणियं, Padds त्ति after कुमारो. 13) P om. कम्म, Pom. य, P कई विबुद्धो, P चिंतयंतो पयत्तो. 14) पिबुद्धो for विबुद्धो,J धम्मज्झाणो. 16) Pom. सुमणो. 17) यंभंतो for असंभंतो, P दिमिय for णिमिय. 20) P संसारे गंत भावणा कर्ड, Pट्ठाइस्स. 22) सन्वसार. 23) P adds उज्जायसीला अणेय before बालत्तणयम्मि, P repeats बालत्तणयंमि गहिय साम(मि)ण्णा, P अणरिसिय P पिओ for पिय. 24)विआहा, "नयणरसा।, P अदिट्रकदइय, जेण for जे. 25Jom. four lines from धण्णा बालमुणिणो अगणियपेम्गा eto. to जे समलीणा, P-जेथलोया, अणेयधारसोक्खा. 27)P कुटुंब, Jणो छ।आ. 28) J णिवुओ. 20) कुमतमग्गे. 30) बटुंता. 31) P ववभार for तवभारं, 32) J -गयुम्मत्तमणा, P जुयाण, करीकामो. ३३) अप्पोडणेक, P जरमरणवाहि विहुरा for ण तवे लग्गा एहि.
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