Book Title: Kuvalayamala Katha Sankshep
Author(s): Udyotansuri, Ratnaprabhvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
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१५8
उज्जोयण सूरिविरहया
[8 २५०
सुमिया, णिच्छंतु मित्तिया, पुच्छितु जोइणीओ सार्हेतु कण्ण-पिसाइयाओ, सम्वद्दा जहा तहा पाविज्जइ कुमारस्स 1 सरीर-पडती, पीरो होहि ' एवं मंतियमेण भणिओ समा समासधो मणये राया देवी उण खर्ग मासासिया, खर्ण 8 पदसिया, खर्ग विहसिया, खगं णीसहा, खणं रोइरी, खणं मुच्छियति । सम्वहा कहं कहं पितुति-मेस- 8 बस आसासिज अंतेडरे 'हा कुमार, हा कुमार' चि विहाय सदो केवलं नि ।
२५१ ) णयरीए उण तिय-च-पचर-महापह-रच्खामुद गोउरेसु 'हा कुमार, वेण णीनो, कत्थ गयो, क e पात्रिओ, हा को उण सो तुरंगमो दारुणो त्ति । सव्वहा तं होहिड़ जं देवयाओ इच्छंति' त्ति । तरुणियणो 'हा सुदय, हा 6 सुंदर, हा सोहिय, हा मुदड, हा वियव, हा कुवलय चंद कुमार कत्थ गओ ति । सव्वहा कुमार, तुह विरहे कायरा इव उत्थवइया । णयरी केरिसा जाया ।
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उवसंत- मुख्य-सद्दा संगीय-विवजिया सुदीण जगा झीण विकासासोहा पडत्यवयव सा गयरी ॥
तभ कुमार, एरिसेसु य दुक्ख बोलावियन्वेसु दियहेसु सोय-विहले परियणे णिवेइयं पडिहारीए महाराइणो 'देव, को वि सराय-मणि-पुंज समो पोमराय-मधि-वयणो किंपि पिये व भगतो कीरो महह देवं ॥'
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12 तं च सोऊण राइणा 'अहो, कीरो कयाइ किं पि जाणइ त्ति दे पेसेसु णं' उल्लविए, पहाइया पडिहारी पविट्ठा य, 18 मग्गग्गो रायकीरो उवसपिऊण भणियं रायफीरेण । अवि य ।
"भुजख पुणो भुजसु उपहि-महामे
पुद्द
बसि तदा वि वसु णरणाह जसेण धवले '
18 भनिए, णरवणा भडव-सणायण्णण-विन्दय-यस-रस-समूससंत-रोम कंयच्छविणा भणिर्य 'महाकीर, तुम कमो, 18 फेण वा कारगेण इदागओ सि सि भणियं च रायपुर्ण 'देव, बसि कुवलयचंद कुमार पडसीए' ति भणियमेते राणा पसरतंतर-सि- गिभर हियण पसारियोभय-बाहुडेण गहिओ फरवलेग, ठाविनो उच्छंगे। भणियं च राहणा 18 'बच्छ, कुमार-पडती संपायण कुमार जिविसेस इंस तुमं वा दे साद मे कुमारस्य सरीर बङ्गमाणी । कत्थ तर दिडो, 18 कहिं वा कालंतरम्मि, कत्थ वा परसे, केच्चिरं वा दिट्ठस्स' त्ति । एवं च भणिए भणियं कीरेण 'देव एत्तियं ण याणामि, जं पुण् जाणामि ते साहिमोवि
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२५२ ) अन्थि इमो लइदूरे जम्मया नाम महाणई तीय व दाहिणे फूले देयाउ णाम महावई। ती देयाईए मझे णम्मयाए णाइदूरे विंझ-गिरिवरस्स पायासण्गे अय-सउण सावय-संकिण्णे पएसे एणिया णाम महावावसी दीपू आसम-पए अम्हे वि चिट्ठामो एवं च परिवसंतस्स हो थोए चेय दिवसुं युगागी समेत परिवारो 24 संपत्तो तम्म आसम-पएसम्म कुमारो । तओ अम्हेहिं दियो । तत्थ य सम्भाव-गेह-गिब्भरालावो पयत्तो । पुणो गंतुं 84 समुट्ठिओ पुच्छिओ अम्हेहिं जहा 'कुमार, किं तुज्झ कुलं, किं वा णामं, कत्थ दा गंतुं ववसियं' ति । तभो तेण भणियं । 'सोम-स-संभवोचम्म- महारानी भयोजसाए परिचसई तस्स पुत्तो आहे, कुवलयदो मह नार्म, गैतम् च मए भगवभो 27 मुणिणो समाएसँग विजयार पुरवरी कुवलयमाला पलंचियस्य पादवस्स पूरणेण परिगे संबोदणेणं चति एवं मणिऊण गतं दक्खिणं दिसं कुमारो भणियं च तीय तावसीय 'कुमार, महंतो उच्चेको तुद्द गुरूणं, ता जद्द तुमं भणसि ता साहेउ एस कीरो गंतूणं सरीर-पउत्ति' त्ति । भणियं च तेण 'को दोसो, पूयणिज्जा गुरुणो, जइ तीरइ गंतु, ता वञ्चड, 30 साउ गुरूणं पठति सायनच मज्झ वयगेणं पाववडणं गुरु' ति भमाणो पत्निो मन-पवण-येो कुमारो' सि
1 ) P पुच्छियंतु, P पिसाईआओ, P कुमार तस्स. 2 ) P होही, Jom. समाणो, P ओ for उण, P मुच्छिया for
सव्वहा अहं कहं, P पउत्तिमेत्त निससबद्ध 6 ) P होइ for होहिर, P om. त्ति,
4 ) Jom. तरुणीअणो
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आसासिया, Jom. खणं पहसिया. 3 ) रोहणी for रोइरी,
2nd हां, विलव- 5 ) J तीयचक्क, P महापहारच्छामुहा उण हा सुहयसुंदर. 7)विय for इव. 8) 'adds अवि य before उवसंत 9 ) J उअसंत-, P सुदीणमणा, P मोहा for सोहा. 10) Pom. कुमार, P आ दुक्ख for य दुक्ख, P वियले for विहले, P देवि for देव. 11 ) [ मणि- सच्छम-वयणो ] 12) P adds अवि य before तं च, P कहीर for कयाइ, Pom. णं, Jom. य. 13 ) मग्गालग्गा रायकीराओ समपिऊण य भणियं. 14 ) P भुंजसु पुणो, P लच्छी । 15 ) P सजिए for भणिए, J णरवइणो, P दंसणायत्तण, Pom. रस, J कंचअच्छविणो भणियं च रायसुरण, Jom. भणियं महाकीर etc. to इहागओ सि त्ति, Padds राइणा भणिओ before महाकीर16) P सुत्ति for सित्ति, Pom. च, Pom. कुमार. 17 ) J पसारिओ भुअडण्डेण. 18) J om. पउत्तीसंपायणेण कुमार, P साद कुमार सरीरसङ्घमा दिट्ठो कई व कंनि व कालंतरं मि. 19 Jow च, देवि for देव, उ किं पुण जं for जं पुण. (21) दाहिणकूले दीहिणे कूल तीय आढई मज्झे 22 ) Pom. णम्मयाए णाइदूरे 23 ) P अम्ह, P om. वि, च परिसवंतस्स, P रिवासो. 24 ) P आसमपए कुमारो, JP भरालावे, P पयते. 25 J adds य before अम्हेहि. 26 JP संभमो, P ददधम्म, उवज्झाए for अओज्झाए, P हं for अहं, Pom. मद्द. J P"मालालंबियरस पादस्स पादस्स पूरणेण, पातयस्स, P परिणेओ, P संबोइणं ति 1. 27) P मुनिया, P विजयपुर, 28) J adds f after gan, P om. वीय, P तावणीए, Padds गुरूणं before तुमं. 29 ) P साहउ, P पडओ त्ति, Jom. त्ति, P पूर्याणिज्जो गुरुयणो. for ज्झ, om. पायवडणं, P पुच्छिओ for पत्थिओ.
J
30) P
मयण
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